OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 39

अब तक

मैने तौलिया उतार कर अपना शर्त निकाल दिया और बनियान भी । जैसे ही मै मोटर चालू करने अंडरवियर मे पाखाने की तरफ लगे स्विच के पास गया कि सामने से एक दरवाजा खुला जिसने से एक खुबसूरत लड्की अपने सलवार का नाड़ा बंधते हुए बाहर निकली ,,,जैसी ही उसकी नजर मुझसे मिली और उसने मुझे अधनंगा अंडरवियर मे पाया वो चिल्ला कर वापस पाखाने मे चली गयी ।

अब आगे
मुझे बड़ा अजीब लगा कि कौन थी जो ऐसे ही बिना बात के अंदर वापस भाग गयी। तभी मुझे अंदर से उसकी आवाज आई ।

लड्की - कौन हो तुम और अंदर कैसे आये
मै - दरवाजे से आया हू और कैसे ,,, और यहा नहाने आया हू तुमको कोई दिक्कत है ,,,

मै इससे पहले कि और कुछ बोल्ता कि रज्जो मौसी आ गई मुझे खोजते लेकिन मुझे बड़बड़ाते हुए देख कर हस्ते हुए बोली
मौसी - अरे राज बेटा यहा किससे बात कर रहा है,,,जल्दी से नहा के आ तेरे नाना इंतजार कर रहे हैं ।
मौसी की बात खत्म हुई ही थी कि फटाक से दरवाजा खुला और वो लड्की चहकते हुए बोली - अरे राज भईया आप हो मुझे लगा कि कोई बाहर का है ।

मै अचरज से - हा मै ही राज हू लेकिन तुम कौन हो
मौसी - धत्त पागल ये बबिता है तेरे मामा की बेटी भूल गया क्या
मै खुश होकर - सच मे ,,अरे वाह्ह्ह मेरी गुडिया तो बड़ी हो गई है अब ,,

बबिता - हा और आप अपनी इस गुडिया को पहचाना ही नही ,,, बस यही प्यार है ना आपका
मै बबिता के सवालो से झेप गया क्योकि गलती मेरी थी कि मै उसे पहचान नही सका लेकिन वो भी तो नही पहचानी

मै - हा तो तू कौन सा अपने राजा भईया को पहचान ली
बबिता - सॉरी भईया वो आप बहुत साल बाद आये है ना पुरे 4 साल हो गए तो कैसे पहचानती

मौसी - अरे तुम लोग बाद मे बाते करना ,,राज तू जल्दी से नहा ले और बबिता तू मेरे साथ चल छोटी ( मा ) खोज रही है तुझे

बबिता चहकते हुए - क्या छोटी बुआ भी आई है ,,चलो बुआ चलते है ,,और भईया आप जल्दी से आजाओ नहा कर हिहिहिही

फिर मै जल्दी से नहा लिया और अपना कच्छी बनियान लेके पीछे वाली सीढ़ी से तौलिया लपेटे छत पर चला गया ।
मै जैसे ही पीछे के सीढ़ी से उपर आया मुझे एक लड्की शर्ट स्कर्ट पहने खड़ी दिखी जो हाथ मे मिठाई का डब्बा लिये बाहर वाले जिने की तरफ ताक झाक करते हुए मिठाई खा रही थी । मुझे तुरंत पता चल गया कि ये गीता ही होगी , क्योकि उसकी बचपन की आदत थी मीठाई खाने की इसिलिए मै उसे प्यार से मीठी बुलाता था ,,, इस वक़्त मै गीता के पीछे था तो दूर से वो एक साधरण लड्की ही लग रही थी । मैने सोचा क्यू ना उसको सरप्राइज दू चुपके से
इसी लिये मै कपडे डाल कर दबे पांव गीता के पीछे पहुचा ,, अन्त तक मेरी आंखे सिर्फ गीता की नजरो पर थी लेकिन जैसे ही मैने उसको पीछे से अपनी बाहो मे भरा उसकी गदरायी उभरती जवानी का अंदाजा मुझे हो गया था और उसके उभरे गाड़ मेरे जांघ पर लग गये मेरे नंगे सीने से उसकी मुलायम पीठ ,, मेरे हाथो मे उसका नरम पेट ,, लेकिन मेरे ऐसे पकडते ही वो अपनी कोहनी से मेरे पेट पर एक जोर का वार करती है और मै मीठीईईई मै हूउउउऊ कहते हुए वही बैठ गया

जब गीता मेरे मुह से मीठी शब्द सुनती है तो वो समझ जाती है कि ये उसका राज भईया था
गीता दुखी होकर मेरे कन्धे पकडे हुए उठाती हुई - सॉरी सॉरी भईया मुझे नही पता था आप हो

तब मेरी नजर मेरी मासूम छोटी बहन पर जाती है उसको सामने से देखता हू तो उम्र के हिसाब से उसकी चुचिया बबिता के मुकाबले ज्यदा थी । एक तरफ बबिता के मम्मे छोटे मौसमी जैसे थे वही गीता भरी बदन वाली थी और उसके दूध हापुस आम जैसे शर्त के उपर से दिख रहे थे ।

गीता - प्लीज माफ कर भईया ना प्लीज
मै मुस्कुराते हुए- अरे मेरी मीठी मै तुझसे गुस्सा थोदी ना हूगा ,,, अगर तुम अपने भैया को मीठी मीठी पप्पी दोगी तो हाहहाहहा

गीता शर्माते हुए - क्या भईया आप भी अब मै बड़ी हो गई हू ना
मै - तू और बबिता मेरे लिये हमेशा मेरी गुडिया रानी ही रहोगी ,,, बुढ़ढी हो जाओगी और दाँत गिर जायेन्गे तब भी
हिहिहिहिही

गीता खिझते हुए - भैयाआआ भक्क्क चिडाओ मत हा नही तो
मै - तो लाओ मेरा मीठी,, ये बोल कर अपना एक गाल उसके आगे किया और वो गीता ने भी बचपन की तरह मेरे चेहरे को पकड़ा और गालो को चूम लिया

मै- थैंक्स मेरी मीठी ,,चल अब निचे चले
गीता - हा चलो
फिर हम दोनो निचे आये और मै अपने कमरे मे गया
मैने मेरे बैग से एक टीशर्ट और लोवर निकाला । उसे पहन कर बाहर आया और सबको खोजने ल्गा कि कहा है सब ,, चारो तरफ नजर डाली तो नाना के बगल वाले रूम में कुछ चहल पहल नजर आई तो मै घूम कर बरामदे से होते हुए उसी कमरे के बाहर पहुचा तो कमरा पुरा भरा था । चुकी ये गेस्टरूम जैसा था जिसके एक किनारे एक बेड लगा और ढेर सारे सोफे लगे थे । नाना अक्सर मेहमानों को यही रोका करते थे ।

मै दरवाजे पर पहुचा की मा बोली - कहा रह गया था जल्दी अंदर आ तेरे चक्कर मे सब रुके है ।
मै कमरे मे गया तो नाना बेड पर लेते हुए थे । एक बडे सोफे पर राजेश मामा बैठे थे उन्के बगल मे मेरी दोनो नटखट बहने खड़ी थी ,, मौसी आरती की थाली लिये खडी थी ।

फिर मै जाकर नाना के पैर छुए
नाना - जुग जुग जियो मेरे लाल ,,जरा यहा मेरा शेर ,,अपने नाना के गले नहीं लगेगा
फिर मै मुस्कुरा कर नाना के पास गया और उन्के पेट सोकर उनसे लिप्त गया ,बदले मे नाना ने मेरी पीठ थपथपाइ । फिर मै मामा से मिला

फिर मा ने मुझे मामा के बगल मे ही बिठा दिया और पहले मा और मौसी ने मामा को राखी बांधी,,, फिर मामा ने मा और मौसी को गिफ्ट दिया ।
फिर गीता बबिता आई और मुझे बारी बारी से राखी बांधी ,, फिर मैने उन्हे पापा के कहे अनुसार दो दो हजार रुपये दिये । वो खुशी से मेरे दोनो गालो पर पप्पी देते हुए अपने कमरे मे चली गयी । और हम सारे लोग आपस मे बात करने ल्गे ।
मै - मामा मामी कहा है
मामा - बेटा वो भी अपने मायके गयी है राखी के लिए परसो आयेगी ।
मौसी - चलो सारे लोग खाना खा लो ।
नाना - रज्जो बेटा ,,मेरा खाना तू सबके खाने के बाद मेरे कमरे मे लेटे आना आह्हह थोडी थकान सी है मै पहले आराम करूँगा ।
मा और मौसी मुस्कुरा रहे थे और मै भी जानता था कि वो दोनो क्यू मुस्कुरा रहे थे ।
चुकी नाना का कमरा और गेस्टरूम अगल बगल ही था तो उन कमरे के बीच एक कामन दरवाजा भी था कमरे के अंदर से जिससे एक कमरे से दुसरे कमरे मे जा सकते थे । नाना भी उठे और उसी दरवाजे से अपने कमरे में चले गये और हम लोग खाना खाने किचन मे चले गये । क्योकि काफी बड़ा किचन था और डायनिन्ग टेबल भी वही लगा था । फिर मौसी ने सबके लिए खाना लगाया और हम सब खाना खाने लगे ।
खाने के बाद मामा सबको बोल कर खेत के लिए निकल गये और गीता बबिता भी किचन के काम मे लग गई । वही मै और मा अपने कमरे मे चले गये और मौसी नाना के लिए थाली लगाकर खाना देने चली गयी ।

कमरे मे जाते ही मैने दरवाजा बंद किया और मा को पीछे से हग कर लिया
मा - क्या कर रहा बेटा तू ,,छोड कितनी गर्मी लग रही है दिखता नहीं
मै - तो मै आपके कपडे निकाल दू मा ,, आपको आराम मिल जायेगा हिहिहिह
मा - खुब समझ रही हू कि तू क्यू मेरे कपडे निकालेगा , बदमाश कही का
मैने मा को पीछे से ही उनकी गरदन को चूमते हुए
मै - मा सुनो ना
मा मुस्कुराकर - हा बोल ना मेरा लल्ला
मै - मा क्या अभी नाना मौसी को चोदने वाले हैं,
मा - धत्त पागल वो तो खाना देने गयी है ना
मै - हा तो फिर आप दोनो मुस्कुरा क्यू रहे थे जब नाना ने मौसी को खाना लेकर आने को कहा
मा - तू बहुत ध्यान देने लगा है कि कौन क्या कर रहा
मै - मा बताओ ना क्या सच मे अभी नाना मौसी को चोदेगे
मा हस्ते हुए मुझसे अलग हुई - मुझे क्या पता
मै - तो मै जाऊ पता करने
मा चौकते हुए - तू पागल है ,,कही नही जाना है चल थक गया होगा अब सो जा थोडी देर

मै हस्ते हुए - मतलब मै सही हू मौसी नाना से चूदने ही गयी है ।
मा - हा गयी होगी तुझे क्या चल सो जा अब बहुत कुछ जानने ल्गा है।
फिर मा ने साडी निकाल दी और बिस्तर पर लेट गई ।
मै समझ गया कि मा ऐसे नही मानेगी कुछ सेक्सी सा नाटक करना पडेगा । इसिलिए मै मा के बगल ने लेट कर उनको बगल से हग करते हुए उन्के मुलायम गालो को चूमते हुए
मै - मा सुनो ना
मा आंखे बंद किये मुस्कुरा कर - बोल बेटा सुन रही हू
मै - मा आप कब चुदोगी नाना से ,,,,मा के चुचे ब्लाउज के उपर से सहलाते हुए बोला
मा थोडी झिझ्की फिर बोली - इत्ना आसान नही है बेटा , मै कोई रन्डी नही हू जो चुत खोले उनका लण्ड लेलू ।

मै - मा आप मौसी से बात करके कुछ प्लान करो ना
मा - हम्म्म्म ठीक है बेटा आज रात मे दीदी से बात करती हू
मै - तो मै भी सोउँगा आप दोनो के साथ मा
मा - नही बेटा तू कैसे आयेगा ,, वो रात मे तो राजेश रहेगा ना
मै खुश होते हुए - क्या सच मे आप मौसी और मामा बचपन की तरह आज रात मे मस्ती करने वाले हो ।

मा - हा बेटा दीदी ने कहा है कि आज बहुत दिनों बाद एक साथ हुए हैं तो क्यू ना
मै - वॉव मा ,,, फिर तो मज़ा आयेगा ,,, मा प्लीज मुझे भी देखना है
मा - लेकिन कैसे बेटा,, मुझे शर्म आयेगी ,, और हम लोग कमरे के अंदर रहेंगे, दरवाजा भी बन्द रहेगा ,,
मै - अच्छा तो क्या मौसी और मामा के कमरे के बीच कॉमन दरवाजा नही है
मा - अरे हा वो है ही
मै खुश होते हुए - ठीक है मा फिर आपलोग मामा के कमरे मे ही जाना और मौसी का दरवाजा खुला रखना
मा - हमम ठीक है चल अब सो जा
मै कैसे सोता एक तो मेरी सेक्सी मा मेरे बगल मे बंद कमरे मे अकेली सोयी है और रात मे होने वाले रोमांच की बाते हो रही है ,,, मै सो जाता अगर मेरा लण्ड नही जागता तो ,,वो तो मा के नंगे पेट और डिप गले वाले ब्लाउज से आधी बाहर निकली चुचियो को देख कर लार टपका रहा था ।
फिर मैने थोदा मा के उपर आकर उनकी बाहर निकली चुचियो को जीभ से गिला करने लगा

मा - इस्स्स क्या कर रहा है बेटा ,,,मै बहुत थक गई हू प्लीज मान जा ,,मै तुझे मना करती हू क्या

मै बुरा सा मुह बना कर - सॉरी मा ,आप सो जाओ
मुझे देखकर मा ने मुझे मुस्कराते हुए सीने से चिपका लिया ,,मेरा चेहरा मेरा नाक मेरे होठ आंखे सब मा की मुलायम गद्देदार चुचो मे समा गयी । मै वापस सर उठा कर अपने होठो से मा के मोटे रसिले होठो को चूसने लगा । फिर अलग होकर मा के माथे को चुमा और उन्के बगल मे लेट गया ।
मा - मेरा बच्चा आजा सो जा
फिर मै वापस से मा को हग करके लेट गया । लेकिन मेरी आँखो मे निद कहा मेरा लण्ड बार बार मुझे नाना के कमरे की तरफ जाने को बोल रहा था क्योकि मा तो कुछ करने देती नही ।

मै सोच ही रहा था ,,, कि मेरा मोबाइल रिंग हुआ और मेंने मोबाईल देखा तो दीदी ने काल किया था ,,तो मै मा को फ्रेश होने का बोल कर निकल गया बाहर और पीछे की सीढ़ी से उपर जीने तक चला गया ।
वहा जाकर मैने दीदी को फोन किया
फोन पर

दीदी - क्या हीरो वहा जाते ही भूल गया मुझे
मै - नही दीदी अभी 3 घन्टे ही तो हुए है घर से यहा आये
दीदी - हा लेकिन मेरे लिए 3 घन्टे भी भारी है ,,तेरी याद तेरे जाने के बाद आ रही है,, घर एकदम काटने को दौड़ रहा है

मै - अच्छा बड़ा प्यार आ रहा है जब घर होता हू तब नही आती याद आपको, तब तो आप दूर भागते हो
दीदी - वो तो बस मेरी जान को परेशान करने का तरीका है
मै - हा तो देखो मुझसे दूर भागने का नतिजा , कैसे तडप रहे हो आप
दीदी - हा भाई अब जल्दी से आजा मै तुझे अपनी बाहो मे भर लू
मै - हा दीदी परसो आ जाउन्गा मै ,,,आई लव यू
दीदी - आई लव यू टू भाई मुआआह्ह्ह्ह
मै - चलो ठीक है मै बाद मे बात करता हु ।
फिर मैने फोन रखा और टहलते हुए सामने छत की रेलिंग पर आ गया ,,, गाव मे सबसे बड़ी छत हमारी ही थी वहा से नजारा हर तरफ कितना मज़ेदार और सुकून भरा था ,, तेज धूप मे मस्त हवा चल रही थी तो कोई दिक्कत नहीं थी खड़े होने मे ,, गाव के बाहर आखिरी छोर पर एक बड़ा सा दो मंजिला मकान था , जहा काफी गाडिया ट्रक लगे थे अनाज लादे मै समझ गया कि वो भी नाना का ही होगा क्योकि और कोई तो है भी उन्के टक्कर का यहा ।
गाव की हरियाली यहा की खुस्बु एक गजब की ताजगी का अहसास दे रही थी और मै ऐसे ही नजारे देखते हुए मेन गेट के बगल की सीढ़ी से निचे उतरने लगा आगन मे काफी काम करने वाले मजदूर थे । मै नाना के यहा की चका चौंध से बहुत प्रभावित था ,,, मै आखिरी सीढ़ी से निचे उतरा तभी मुझे ध्यान आया कि अरे मौसी तो नाना के कमरे मे गयी है कही इन लोगों का कुछ रोमन्च तो नही ना चल रहा है

मै भी एक लम्बी सास भरते हुए इधर उधर देखा और नाना के रूम की तरफ जाने लगा और रूम के दरवाजे के बगल मे लगी चौकी पर बैठ गया जहा गल्ला और रजिस्टर रखा हुआ था ,,और दीवाल से टेक लगा कर बैठ कर मोबाईल निकाल लिया और सारा ध्यान नाना के कमरे में लगा दिया कोई आवाज या कोई सेक्सी सी आह्हह सुनाई दे जाये ,, मगर कारिब दो मिंट तक ऐसा नही हुआ कुछ,,मैने सोचा क्यू ना गेस्ट रूम मे जाकर कुछ जुगाड लगाऊ
मै एक बार इधर उधर देखा और झट से गेस्ट रूम मे घुस गया ,,,, अंदर कूलर चालू था तो मुझे मज़ा ही आ गया थोदा सा खुद को रिलैक्स किया और उस कॉमन दरवाजे के पास चला गया । मैने दरवाजे को बिना छुए उसमे छेद या की-हॉल खोजा कुछ नही मिला । मुझे लगा किस्मत ही खराब है सालि आज एक तो सुबह से खड़े लण्ड ने परेसान किया , और बस मे झटके खाये , फिर मा ने भी कुछ करने नही दिया और अब यहा भी कुछ नही मिलेगा देखने को ।
मै भी सोचा छोडो जाने दो और वही गेस्ट रूम मे मोबाईल चलाते हुए सो गया ।

देखते हैं दोस्तो आने वाले अपडेट मे क्या बाते सामने आने वाली है ।
 
OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 40

शाम को 5 बजे मेरी नीद गीता बबिता के शोर मचाने के खुली । आंखे खुलते ही वो दोनो मेरे अगल बगल बैठी दिखी और मुह पर हाथ रखे हस रही थी ।
मुझे अजीब लगा कि इन लोगो को क्या हुआ जो ये ऐसे ह्स रहे है ।
मै थोडा सा झिजक कर - क्या हुआ गुडिया क्यू हस रही हो ।
बबिता हस्ते हुए - भईया अपना चेहरा तो देखो
मैने तुरंत हडबडी मे मोबाइल निकाला और उसमे कैमरा खोला तो देखा कि मेरे माथे पर बिन्दी , मेरे दोनो गाल पे बिन्दी और तो और मेरे ठुडी पर 3 बिन्दी लगी थी । मुझे मेरा चेहरा देख कर खुद हसी आ गई ।
गीता बबिता भी खुब तेज तेज हस रही थी ।मैने जल्दी जल्दी सारे बिन्दी उतार दी ।
गीता - हिहिहिह भैया सिर्फ इतना ही नही और भी है खोजो खोजो ।

मै अचरज से - और कहा है दिख नही रहा
बबिता - वो आप खोजो भईया
मै - ठीक है रहने दो मै खोज लूंगा अब जाने दो मुझे फ्रेश होना
गीता - हा हा जाओ जाओ बाहर बुआ लोग नाना सब देख कर आप पर हसेन्गे हिहिहिहिह
मै गीता तो पकड़ा और लिटा कर उसके पेट मे गुदगुदी करने लगा और वो छटपटाने लगती है जिससे दो तीन बार मेरी उंगलिया उसके मुलायम चुचियो को छू जाती है ।
मै उसे गुदगुदाते हुए - अब बताओ कहा कहा लगाया है तभी छोड़ूंगा तुझे
गीता - हा हा हा हा हा हा हा हा हा अरे भईया रुको तब हिहिहिहिही ना बता हहहहहहाहह ऊंगी हाह्हाहाहाहाहाह्हा
मैने उसे छोड दिया
गीता हाफ्ते हुए - ह्य्य्य्य मै तो मर ही जाती
मै - जल्दी बता नही तो तेरा गला दबा दूगा और सारा प्यार बस गुडिया को मिलेगा ,,,,ये बात मैने उसके गले को दोनो हाथो मे हलका सा पकड कर की
गीता उस्मे भी हस्ने लगी और बोली - भईया प्लीज छोडो ना हिहिहिही बहुत गुदगुदी लग रही है ,, मै बता रही हू ना
मै उसे छोड़ते हुए - हा चल बता
गीता - अपना टीशर्ट उठाओ
मै अपना टीशर्ट उपर किया तो मेरे नाभि के चारो तरफ 5 6 बिंदीया चिपकी
मै गिता को घुरते हुए सारे निकाल दिये
बबिता हसे जा रही है थी ।
मै - अब हो गया ना चलो अब जाने दो
बबिता - अभी कहा भईया अभी भी बाकी है हहहहहहा
मैने तुरंत बबिता की कमर को पकड़ा और चींटी काट लिया
बबिता - अह्ह्ह्ह भैया क्या करते हो दर्द होता है न
मै - चल बता और कहा है नही तो इस बार दाँत लगा कर काटूंगा ।
बबिता थोदा शर्माते हुए - भक्क भैया मै नही ब्ताऊगी आप जाओ बाथरूम मे देख लेना
गीता - मैने बोला था ना वहा मत लगा ,,, अब बता ना क्यू हिहिहिही
बबिता - तू चुप कर सब तेरी वजह से शुरू हुआ
गीता - मै तो बस शुरू किया ना जगह तो सारी तुने चुनी ना
मै उन दोनो को झगड़ते देख बोला
मै - अरे तुम दोनो शांत रहो और ब्तओगी की कहा लगाया है आखिरी बिन्दी
बबिता - भईया आप प्लीज बाथरूम मे जाकर देख लो ना मिल जायेगा
मै - नही तुम लोगो ने बहुत शरारत कर ली अब तुम ही बताओगी की कहा लगायी हो
गीता चहकते हुए - भईया मै बताऊ
बबिता - नही गीता ,, नही तो जान ले मै भी वो ब्ता दूँगी जो तुने किया था ।
गीता झेपते हुए - सॉरी भैया फिर मै नही बताने वाली हिहिहिही

मैने सोचा ये लोग ऐसे नही मानने वाले मुझे ही कुछ ड्रामा करना पडेगा ।

मै ठीक है मत बताओ मै खुद ही जाकर बाथरूम मे सीसे मे देख लूंगा,, लेकिन अब तुम लोग अब मुझसे बात मत करना कभी ,, मैने झुटमुट का गुस्सा करते हुए उठा और बिस्तर से उतरने लगा ।

तभी गीता बबिता एक साथ बोली - नही भैया प्लीज ऐसा मत करो हम बताते है ना
मै एक कातिल मुस्कान से घुमा और उन्के सामने फिर अपना चेहरा सीरियस कर लिया और बिस्तर एक बगल मे खड़ा हो गया जबकि वो दोनो बैठी ही थी ।

मै - ठीक है बताओ लेकिन एक शर्त है उसे तुम लोग ही निकालोगे
बबिता - क्या , नही नही नही भैया हम बता देते हैं आप निकाल लेना जैसे बाकी सब निकाले
मै - लगाया तुम दोनो ने ही था ना तो निकालोगे भी तुम ही
गीता - मैने नही सिर्फ़ बबिता ने भैया
बबिता - और तुने जो किया वो
मै - ठीक है फिर बबिता बिन्दी निकालेगी और गीता ने जो किया वो मेरे सामने फिर से करेगी , हिसाब बराबर
गीता चौकते हुए - नही नही भईया प्लीज
बबिता हस्ते हुए - अब मज़ा आयेगा बहुत हसी आ रही थी ना तुझे ।

मै थोडा कडक होकर - वो सब छोडो और जल्दी से बताओ कहा है और उसे निकालो
गीता बबिता मेरे बातो से सहम गयी और डर हिचकिचाहत उन्के चेहरे पर साफ दिख रहा था ।
मै अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था कि ये लोग डर गयी है। हालांकि मै होने वाले रोमांच से अंजान था । मेरे लिए वो बचपन की दो छोटी छोटी गुडिया जैसी ही थी , लेकिन आने वाले पल मे मुझे उनके बडे होने और जवानी में कदम रखने का आभास होने वाला था ।
मैने वापस से बबिता को बोला - गुडिया जल्दी करो मुझे फ्रेश होने जाना है
वाकई उस समय मे मुझे पेशाब ल्गा था लेकिन इत्ना भी तेज नही की कण्ट्रोल ना हो ।

बबिता सहमे हुए मेरे पास आई और घुटने के बल बिस्तर पर बैठ गयी और कान पकड कर बोली - भैया आप प्लीज गुस्सा ना होना
मै थोदा सा नाटक करते हुए तेज आवाज मे - हा ठीक है पहले निकालो कहा लगाया है
बबिता - वो आप अपना लोवर निचे करो
मै चौकते हुए सोचने ल्गा कही इसने मेरे ... नही नही ऐसा नही होगा ये लोग बदमाश है लेकिन ऐसी शरारत नही ,,, ये सब सोच कर मेरे लण्ड मे उभार उठने लगा
मै - लोवर क्यू
बबिता - आप निकालो ना
फिर मैंने लोवर को जांघो तक किया और मेरा अंडरवियर दिखने लगा साथ मे मेरे लण्ड की मोटाई का उभार भी ।

बबिता - अब ये भी निचे करो
मै समझ गया कि जरुर बबिता ने शरारत मे मेरे लण्ड पर बिन्दी लगा दी है
मै - ये तू क्या कह रही है और कहा पे लगा दी है बिन्दी ,, मुझे नँगू पँगू करोगी क्या हिहिहिही
बबिता मुझे हस्ता देख थोड़ी नॉर्मल हुई

बबिता - वो बिन्दी निकालने के लिए आपको नँगू पँगू होना पडेगा ,,इसिलिए तो बोली ना मै कि आप बाथरूम मे जाकर देख लो
मै - ठीक है कोई बात नही अब जान गया हू तो खुद ही निकालो
ये सोच कर की बबिता ने मेरे लण्ड पर बिन्दी लगायी है और वो उसे मेरे सामने निकालेगी ,,मेरा लण्ड और टनटना गया
बबिता शर्माते हुए - हा लेकिन आप पहले ये नीचे करो ,,मेरे अंडरवियर की तरफ इशारा करते हुए बोली
मै भी एक नजर गीता और बबिता को देखा वो अब मुझे बचपन की कोई गुडिया नही दो जवान होती माल नजर आने लगी थी ।
फिर मैने अपना अंडरवियर भी निचे घुटनो तक कर दिया जिससे मेरा लण्ड फुदक कर एक सीध मे बबिता के सामने कडक होकर खड़ा हो गया ।

गीता और बबिता आन्खे फाडे मेरे लण्ड को निहारे जा रही थी ।
गीता - इतना बड़ा ,,,,
जैसे ही मैने गीता की आवाज सुनी मुझे थोदा खुद पर गर्व हुआ और उसकी तरफ देखा तो वो मुझे देख कर शर्मा गयी ।
फिर मै - कहा है बिन्दी गुडिया यहा भी नही दिख रहा है
बबिता - भईया वो आप अपना ये उपर उठाओ ,, उसके निचे चिपकाई हू ताकि आप खोज ना पाओ

मुझे खुशी हो रही और थोडा सा नशा भी की मेरी दो जवान होती बहनों ने खेल खेल में ही बहुत आगे आ चुकी थी
मै - नही मै नही कुछ करने वाला ,तुमने लगाया है तुम्हारी सजा है कि तुम खुद निकालोगी

बबिता सहमी सी थी और मै नाराज ना हो जाऊ इसिलिए उसने अपने नाजुक हाथो से मेरे लण्ड को थामा और उपर की तरफ उठा दिया ,,, बबिता के कोमल हाथो का स्पर्श अपने लण्ड पर पाते ही मेरे लण्ड का बचा कुछ हिस्सा भी पुरे जोश मे फड़कने लगा ,,,फिर बबिता ने मेरे लण्ड और आड़ो के बीच से एक छोटी से बिन्दी को निकाला और खुश होते हुए बोली - हो गया भईया ये रहा हिहिहिही , और मेरे लन्ड़ को छोड दिया जो काफी समय तक हिलता रहा ,,इस दौरान गीता लगातर मेरे खड़े लण्ड पर नजरे बनाये हुई थी ।

मै - हम्म्म चलो ठीक है हो गया ,,अब आगे से ऐसी बदमाशि मत करना ठीक है ,अब मै जा रहा हू फ्रेश होने

बबिता - अरे भईया ऐसे कैसे ,, मुझे सजा दी और गीता को क्यू नही ।

मै - अब उसने क्या किया था
बबिता - उसने तो .... आप इसी से पुछो हिहिहिही
मै - मीठी चलो बताओ अब तुमने क्या किया था
गीता तो मानो मेरे खड़े लण्ड मे खोयी हुई थी और मेरे पूछने का इन्तेजार कर रही थी ।
गीता - भईया वो मै कैसे बताऊ
मै - बता नही सकती तो कर के दिखा दो और तुम्हारी सजा भी पूरी हो जायेगी ,क्यू गुडिया
बबिता ह्स्ते हुए - हा भैया सही कह रहे हो आप इहिहिहिही
मै - चलो मीठी
मेरे इतना कहते ही मीठी घोड़ी बनकर बिस्तर पर से चलते हुए मेरे खड़े लण्ड के सामने आई और अपने मुलायम होठो को सिकोड़ कर मेरे लण्ड सुपाडे को चूम लिया ।

मै शौक मे आ गया कि मै जिन्हे नादान समझ रहा था वो दोनो कीतनी आगे निकली ।
गीता के मुलायम चुम्मी का अह्सास से मुझे बहुत शुकून मिला लेकिन साथ मे नशा भी होने लगा । मैने सोचा अगर ये लोग ऐसी है तो क्यू न थोडा बहुत इनसे मज़ा लू , लेकिन यहा नही बाहर टयूबवेल जहा कोई ना हो ।

मै थोडा नाराज होते हुए अपना अंडरवियर और लोवर उपर कर लिया और बोला - मीठी ये सब क्या है तुम दोनो बहुत बिगड़ गयी हो

गीता मायूस सा मुह बना कर - सॉरी भैया वो आप सो रहे थे तो ये भी सो रहा था और जब बबिता ने आपके वहा पे बिन्दी लगायी तो ये बहुत प्यारा दिख रहा था तो मैने उसे छोटा बाबू समझ कर किस्सी कर लिया ।

बबिता - हा भैयया प्लीज नाराज ना हो
मै - तुम लोगो ने जो किया उसकी सजा अभी और मिलेगी ,
गीता बबिता - क्या अभी और लेकिन क्या
मै - वो तो बाद मे दूँगा लेकिन अभी मेरा गुस्सा कम करना है तो मुझे कही घुमाने ले चलो ।

गीता बबिता एक साथ खुश होते हुए कहा- ठीक है भैया
गीता - चलो आज हम आपको हमारे फेवरिट ट्यूबवेल पर ले जायेंगे इहिहिहिही
बबिता - हा भैया बहुत मज़ा आयेगा ।

मै - ठीक है मै जा रहा हू फ्रेश होने तब तक तुम दोनो तैयार हो लो
गीता - हा ठीक है हमे 20 मिंट लगेगा
मै -20 मिंट क्यू
बबिता - अरे भैया वो हम कपडे लेके जाते है ना वहा हीहीहि
मै - ठीक है जल्दी आओ तुम सब
फिर वो दोनो फुदकते हूए बाहर निकल गयी और मै भी मन मे इन दोनों से मज़े लेने का प्लान बनाते हुए बाथरूम मे गया और फ्रेश हुआ और अपने कमरे मे गया , जहा मा और मौसी दोनो साथ मे सोये थे । मा मौसी की तरफ पीठ करके सोयी थी ।
मै मौसी को देख कर उत्तेजित हो गया और धीरे से दरवाजा बंद करके मौसी के पास लेट गया ।
फिर मैने मौसी की तरफ करवट ली और सारी का पल्लू उनके उपर से हटा दिया ,और ब्लाउज मे कसी हुई चुचिया देख कर मेरे मुह और लण्ड दोनो मे पानी आ गया ।

फिर मैने मुह खोला और ब्लाऊज के उपर से एक चुचि को मुह मे भर कर हल्के दाँत से काटने लगा और ब्लाऊज पर से ही जीभ लगा कर ब्लाउज गिला करने लगा ।
इतने से मेरा मन कैसे भरता
और मै मौसी के कन्धे के बगल मे घुटने के बल आया और लोवर अंडरवियर साथ मे निचे कर लण्ड को मौसी के मुह के सामने हिलाकर खड़ा करने लगा ,,,कुछ ही पलो मेरा लण्ड टनटना गया और मैने लण्ड को खोल्कर सुपाडे को मौसी के नाक के ठीक नीचे रखी जिससे मौसी को मेरे लण्ड की खुस्बु मिले और वो उत्तेजित हो जाये ,,और हुआ भी यही कुछ ही सेकण्ड मे मौसी के चहरे के भाव बदलने लगे और सांसे भारी होने लगी , ज्यादा सांस लेने के लिए अब वो हल्का हल्का मुह खोलकर सांसे भर रही थी ,, मै इसी मौके की तालाश मे थे और लण्ड को उथा कर अब मौसी के मुलायम होठो पर रगड़ने लगा ,, मेरा सुप्पडा अब मौसी के दोनो होठो के बिच मे था और मौसी के मुह की गरम सासे उसे पिघलाने लगी। ऐसे मे जब मौसी से बरदास्त मा हो सका तो उनकी आंखे खुल गयी और मुझे मेरा लण्ड उन्के मुह पर रगडता देख कुछ बोलती उससे पहले मैने अपने मुह पर उंगली रख मा की तरफ इशारा किया जो मौसी की तरफ पीठ किये करवट ले कर सोयी थी ।
फिर मैने लण्ड को उन्के मुह से हटाया और एक जोरदार किस्स मौसी के होठो पर किया जिसमे मौसी ने भी मेरा साथ दिया । फिर मै उठा और वाप्स उसी पोजीशन मे आकर लण्ड को मौसी के मुह के उपर रख दिया और मौसी ने बिना कुछ बोले मेरी आँखो मे देख्ते हुए मुह खोलकर जीभ निकाली और मेरे सुपाडे को चाट लिया ,,,

अह्ह्ज्ज पुरे बदन मे सिहरन सी दौड़ गयी
मैने अपना कमर आगे किया जिससे मेरा लण्ड एक सिरे से मौसी के होठो के बिच से होता हुआ आड़ो तक गया ,,, और मौसी ने एक हाथ से मेरे लण्ड को थामकर उसकी चमडी आगे पीछे करने लगी और जीभ निकाल कर मेरे आड़ो को चाटने लगी।
अब मेरे चेहरे के भाव बदलने लगे थे, मै आखे बंद किये मौसी की कलाबाजी का आनन्द लेने ल्गा ,,,हल्की सिस्किया आने लगी ,,, जिसका पता मौसी को भी था क्योकि मै मेरे लण्ड पर पडने वाले हर अह्सास से सिस्क पडता और मेरे एक हाथ मे कैद मौसी की चूचि दब जाती ,,,जिससे मौसी उत्तेजित होकर मेरे आड़ो को मुह मे भर कर और जोर से चुस्ती

अब ये recycle बन गया था कि जब जब मौसी मेरे आड़ो पर जोर डालती तब तब मै उसकी चुची मिज देता और वो वापस से मेरे सुपाडे पर चमडी आगे पीछे किये मेरे आड़ो को चुस्ती रहती ।
फिर मै खुद पीछे हुआ और लण्ड को उन्के होठो पर वापस ले गया और इस बार मौसी खुद एक कोहनी के सहारे करवट लेकर मेरे लण्ड को चूसने लगी । अब मेरे दोनो हाथ उन्के बालो पर आ गये और मै खुद उनका सर लण्ड पर हल्का दबाता जिससे वो गले तक मेरे लण्ड को ले जाती । बिच बिच मे मौसी मेरे लण्ड को थाम कर उसके सुपाडे पर जीभ नचाती जिससे मेरा रोम रोम में सिहरन होने लगती और मेरी सारी पकड कमजोर होने लगती थी ,,,ऐसे ही 10 मिंट की जोरदार चुसायि के बाद मेरा आखिरी पड़ाव आ चूका था और मौसी के मुह लण्ड कसने लगा ,,, 10 मिंट की लागातार मुह पेलाई से मौसी के मुह की लार गाढी हो गयी थी और मेरा पुरा लण्ड उससे लिपट गया था । आखिरी समय मे मैने मौसी का सर पकड़ा और तेज़ी से उन्के मुह में पेलने लगा जिससे मेरे हर धक्के के साथ मुह से गुउउउक्क्क गुउउउक्क्क्क की आवाज आने लगी और 12 15 झटको मे मै मौसी के मुह मे झड़ने लगा ,,, लेकिन मौसी तो मानो इसी के इंतेजार मे थी जैसे ही मेरा झड़ना शुरू हुआ वो मेरी कमर को खिच कर पुरा का पुरा लण्ड मुह मे भर लिया और मेरा सारा माल मौसी के गले मे गिरने लगा फिर मौसी ने मेरे लण्ड को बाहर निकाल कर अच्छे से साफ करके छोड दिया और सीढ़ी लेट गयी।

मै भी थक कर टेक लिये वही बैठ गया । फिर एक नजर मा की तरफ देखा तो वो वैसे ही करवट लिये सोयी हुई थी ,, फिर मेरी नजर मौसी पर गयी तो वो अपने मुह पर लगे मेरे माल की उंगली से साफ कर चाट रही थी । मुझे मौसी को देख कर बहुत प्यार आया और मैने उन्के सर पर बहुत प्यार से हल्के हाथो से हाथ फेरते मुस्कुरा कर उनको देखने लगा ,,, बदले मे मौसी मे नजर उपर की और मुझे उनको दुलारता देख वो वाप्स से मेरी गोदी मे आकर मेरे लण्ड को चूम लिया और वापस से वही लेट गयी ।
मै भी थोडी देर आराम किया और तभी गीता बबिता दरवाजे पर आकर मुझे आवाज देने लगी । फिर हमने जल्दी जल्दी अपने कपड़े ठीक किये और फिर मै उठ कर दरवाजा खोल्ने गया ,,फिर वो दोनो तेज आवाज मे बोल्ने लगी - चलो ना भैया देर हो जयेगा नही तो
मा - कहा जा रहे हो तुम लोग अभी
मै मा की आवाज से थोडा चौका शायद गीता बबिता की शोर गुल से उठ गयी हो
गीता - बुआ हम लोग जा रहे भैया को घुमाने आप भी चलो ना और आप भी बड़ी बुआ

मौसी - अरे नही नही बेटा तुम लोग जाओ अभी तुम्हारे बबा की तबियत नही ठीक है कोई तो होना चाहिए ना देख्ने के

अब चौकने की बारी मेरी और मा की थी
मा थोड़े फ़िकर मे - क्या हुआ दीदी बाऊजी
मौसी मुस्करा कर लेकिन आँखो से इशारे करते - अरे डरने की बात नही छोटी सब ठीक है ,,तुम लोग जाओ बच्चो कोई टेनशन ना लेना और राज इन दोनो का ख्याल रखना
बबिता - ठीक है बुआ हम दोनो भैया का ख्याल रखेंन्गे हिहिहिही

मा - बदमाश अब जाओ और जल्दी घर आजाना
गिता बबिता - जी बुआ ,,,चलो भैया
फिर मैं उन लोगो के साथ निकल गया खेतो की तरफ

अब देख्ते है आने वाला पल क्या नये रोमांच लाने वाला है राज के लिए ... दोस्तो कहानी कैसी चल रही है जरुर बताये ।
 
OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 41 {( MEGA)}

मै गीता बबिता के साथ पीछे के रास्ते खेतो की तरफ निकल पडा । धान की खेती से चारो तरफ हरियाली छायी थी और काफी खुशनुमा माहौल था ।
मेरे आगे गीता बबिता चल रहा थी । बबिता ने एक झोला लिया था । दोनो ने कपडे बदल लिये थे वो दोनो अब हाफ टीशर्त और कैफ्री मे थी ।
सबसे आगे बबिता हाथ मे झोला लिये चल रही थी उसके पीछे गीता ।
कैफ्री मे गीता की गाड़ उभर कर सामने दिख रही थी और चल्ते हुए पानी से भरे गुब्बारे के जैसे हिल रही थी । गीता की गाड़ देख कर उत्तेजित हो गया था और मन कर रहा था कि कैसे करके गीता की नरम ताज़ी जवानी को मसल पाऊ । इसी की प्लानिग मे मै चुप था इस दौरान गीता बबिता ने काफी कुछ बताया जो मै अनसुना करते हुए सारा ध्यान गीता की हिलते गाड़ मे लगाये हुए उसके पीछे चल रहा था ।

मै गीता के करीब गया और उसके कन्धे को दोनो हाथो से पीछे से पकदते हुए चलने लगा
मै - मीठी कहा ले जा रही हो मुझे
गीता - एक खास जगह भैया वहा आपको बहुत मज़ा आयेगा
मै - लेकिन कहा
गीता ने उंगलि से इशारा करते हुए बताया वहा
मेने देखा करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर एक पक्का ट्यूबवेल है जिसके बगल मे एक मंजिला मकान भी ब्ना है । फिर मैने वापस मुड कर गाव की तरफ देखा तो हम गाव से काफी दुर आ गये थे ,, इत्ना की आंखे बारीक करने पर दिखे

मै - इत्ना दूर,,क्या खास है यहा गुडिया
बबिता - वो तो चल कर पता चलेगा ना ,, बाबा ने ये खास हम दोनो के लिए बनवाया है और यहा कोई नही आता हिहिहिही

मै खुस हो गया चलो कुछ अच्छा तो हुआ इतना दूर आने का लेकिन इन दोनो को एक साथ कैसे फसाऊ । चलो वहा जाकर कोई जुगाड देखता हू ।
फिर हम तीनो कुछ देर बाद ट्यूबवेल पर आ गये ।
बहुत ही बड़ा हातेदार ट्यूबवेल था । जिसमे पानी एक्थ्था होता था । उसमे सीने बराबर पानी था और चौड़ाई इत्नी की बडे आराम से दस लोग अंदर नहा ले ।
बबिता ने झोले से चाभी निकाली और ट्यूबवेल खोल कर मोटर चालू कर दिया,,,, कुछ ही देर मे हाता भरने लगा ।

गीता - है ना भैया मज़ेदार जगह ,,,
मै खुश होते हुए - हा मीठी ये तो स्विमिंग पूल जैसा है ।
बबिता - हा ये हम लोगो ने बाबा से कह कर बनवाया है हम रोज यहा नहाने आते हैं ।हिहिहिहिह
मै खुश होते हुए चलो फिर नहाते है अजाओ
फिर मै जलदी से अपने कपडे निकाले और अंडरवियर मे आ गया और छपाक से पानी से भरे हाते मे कूद गया

गीता बबिता मुझे उतावला देख हसने लगी
फिर मै थोडा सा तैर कर उन्के सामने आया और पानी के छीटे मारने लगा वो दोनो चिल्लाए हुए पीछे हो गयी।

मै - अरे आजओ ना गुडिया मीठी जल्दी से
फिर बबिता ने झोला टांग दिया और सीढ़ी से उपर आने लगी

मै - अरे कपड़े तो निकालो
बबिता - हम तो ऐसे ही नहाते है और फिर मैने कपडे लाये है ना
मै - धत्त कपड़ो मे नहाने का क्या मज़ा
गीता - वही तो मै भी कहती हू लेकिन यही बोलती है कि कोई आ जायेगा कोई आ जायेगा
मै - अरे कोई नही आयेगा यहा ,,, देखो दूर दूर तक कोई नही है और कोई आता दिखा तो तुरंत घर मे चले जाना

बबीता - हा लेकिन बिना कप्डो के कैसे भैया मुझे शर्म आयेगी ।
गीता - हे भगवान,,, पगली भैया अंडरगार्मेंट्स मे बोल रहे है नँगू पँगू होने को थोडी कह रहे हैं,,,,क्यू भैया

मै तो चाहता था कि नंगे हो जाये लेकिन भूखे पेट को सुखी दाल ही सही ।
मै - हा और क्या देखो मै भी तो अंडरवियर मे हू ।

बबिता -ठीक है भैया आप नहाओ हम कपडे निकाल कर आते है चल गीता
फिर वो दोनो ट्यूबवेल के कमरे मे गयी

यहा मै पानी के खड़े खड़े ये सोच कर मस्त हो रहा था भीगने के बाद गीता बबिता की चुचिया देखने को मिलेगी और यही सोच कर मेरा लण्ड और खड़ा हो गया था । मै सोच ही था कि दोनो बहने अंडर गार्मेंट्स मे मेरे सामने आ गई । दोनो फुल वाली पैंटी और फुल टेप पहना था
सफेद सूती चौडे पटटे वाली टेप मे गीता के डार्क निप्प्ल साफ पता चल रहे थे और रसिली आम जैसी उसकी चुचिया टेप के अन्दर पुरा कसाव लिये थी ,,,गीता की मखमली जान्घे देख कर पानी मे मेरा लण्ड फुकार मारने लगा । वही बबिता ने मरून रंग का polyster वाली पतली पट्टी का टेप पहना था जो उसके बदन से पुरा चिपका था ,,, गुलाबी पैंटी मे बबिता की चिकनी टाँगे कहर बरपाया जा रही थी ।

मुझे खुद को घूरता देख दोनो शर्मा रही थी ।
मै - चलो चलो अजओ जल्दी
गीता - भैया आप किनारे हो जाओ मै दौड़ कर कुदुंगी

फिर मै थोडा किनारे ही गया
गिता कुछ दूर पीछे हट कर दौड़ते हुए मेरी तरफ आने लगी ,,, दौड़ते वक़्त उसकी मोटी चुचिया उपर निचे हो रही थी और वो छपाक से पानी मे कूद गयी जिससे उसका पुरा जिस्म भीग गया ,,,,और उसके बचे चुचे भी अब साफ दिख कर रहे थे ,,,उसके ब्राउन निप्प्ल साफ साफ टेप के उपर नजर आ रहे थे , मै गीता मे मगन था कि तभी छपाक हुई और बबिता भी पानी मे आ गई ।

दोनो ने तेज़ी से मेरी तरफ पानी मारना शुरू कर दिया और मै भी जवाब मे उनकी तरफ पानी मारने लगा । जब वो थक गई तो मै धीरे धीरे तैरते हुए बबिता के पीछे आया और उसको पानी मे से अपनी बाहो मे उठा कर वापस पटक दिया जिससे उसकी टेप उपर चढ़ गयी और उनकी अनछुई नाभि दिख्ने लगी । बबिता ने तुरंत अपने कपडे सही किये ।

बबिता - आह्हह भैया क्या कर रहे हो मुझे ही क्यू परेशान करते हो गिता को क्यू नही
मै मुस्कुराया और गीता को देखा और उसकी तरफ तैरने लगा,,मुझे अपनी तरफ आता देख
गीता चिल्लाते हुए - न्हीईईईईई भैयाआआ प्लीज नही
फिर मैंने उसे किनारे पर घेर लिया और उसकी गुदाज गाड़ के निचे से उसको थामा और उसकी पीठ को थामा और पानी मे वापस पटक दिया ।

फिर हम लोग खुब हसे और थोडा तैर कर हाते की बाऊन्दरी पर बैठ गए ।

तभी गीता - भैया मुझे एक नम्बर जाना है ,,,वो छोटी उंगली से इशारा करते हुए बोली
बबिता - मुझे भी
मै - तो यही हाते के बगल मे कर लो
बबिता - भ्क्क्क यहा कैसे
मै - तो ऐसे कप्डे मे कहा जाओगी
गीता - हा सही कह रहे हैं भैया बबिता
मै - तुम दोनो कर लो मै देख रहा हू कोई आये ना
फिर वो दोनो मेरे पीछे उतर गये , दीवाल से लग कर ही बैठ गये और मुझे उन्के मूतने की मधुर धुन आने लगी

मै - गुदिया सिटी क्यू मार रही हो सही से करो कोई देख लेगा आवाज करोगी
गीता - भैया वो हम नही मार रहे
मै जानबुझ कर उन्के सामने आ गया और इधर उधर देखते हुए नाटक करते हुए बोला - कौन है जो सिटी मार रहा है कौन है ।

गीता हस्ती हुई बोली - कोई नही था भैया
जब मै उन दोनो की तरफ देखा तो वो कर चुकी थी पेसाब
मै - फिर कौन था
बबिता - वो भैया जब हम लोग करते है ना सुसु , तो सुसु वाली जगह से आती है सिटी

मै अचरज का भाव बना कर - अच्छा , लेकिन मै करता हू तो नही आती

गीता - भ्क्क्क भैया आप लड्की थोडी हो हीहीहिही
बबिता - चलो भैया फिर से मसती करते है
मै - अरे रुको मुझे भी सुसु करना है
फिर मै उन्के सामने ही खड़े लण्ड को निकाल कर मुतना शुरू कर दिया और वो दोनो आंखे फादे मेरे खड़े लन्द को देख रही थी और जब मैने पेसाब कर लिया तो आखिरी की कुछ बुन्दे अंडरवियर पर गिरा दी

मै - अरे अरे अरे
गीता - क्या हुआ भैया
मै - वो मेरा सुसु अंडरवियर पर गिर गया अब इसको पहन कर कैसे पानी मे जाऊ ,,, ऐसा करो तुम दोनो नहा लो
गीता - क्या भैया आपके बिना मज़ा नही आयेगा ,कोई बात नही भैया आप उसे निकाल दो ,,, वैसे भी आप नँगू पँगू अच्छे लगते हो हिहिहिजी

जहा एक तरफ गीता थोडी फ्रैंक थी वही बबिता शर्मिली
फिर मैने अपना अंडरवियर निकाला और वही किनारे रखा और वापस दोनो के पास आ गया,,, दोनो अब भी कनअखियो से मेरे लण्ड को निहारे जा रही थी ।फिर मैने बबिता को उठा कर वापस पानी मे फेक दिया
और गीता को उठाने गया तो वो छतकने लगी जिससे जल्दी जल्दी में मैने उसे आपने हाथ से थाम लिया और मेरे एक हाथ मे उसकी मुलायम चुचीया आ गई वही दुसरी हाथ मे सिरफ एक जांघ
और उसे भी उठा कर पानी मे डाल दिया जिससे बबिता बहुत खुश हुई
फिर मै भी नंगा पानी मे कूद गया
मैने सोचा कुछ जुगाड लगाऊ कैसे इन लोगो से मज़ा लू । कुछ देर हमने पानी मे और मस्ती की ,,मै खेल खेल मे गीता बबिता को पकड लेता और मेरा लण्ड उनकी गाड़ को छू जाता ,,,लेकिन उनहोंने कोई खास रियक्ट नही किया ,, थोडी देर ऐसे ही समय बिताने के बाद
गीता - भैया आपका मोबाइल कहा है
मै - मेरे लोवर मे होगा क्यू
गीता - चलो ना हम लोग बैठ कर पानी मे पैर डाल कर फील्म देखते है
तभी मानो मेरे प्लान को नही दिशा मिल गयी हो

मै - गुडिया जाओ मोबाइल निकाल कर लाओ
फिर बबिता बाहर निकली और मेरा मोबाईल लाकर दिया
फिर हम तीनो ट्यूबवेल के बड़ी दीवाल की तरफ टेक लगा कर पानी मे पैर डाले बैठ गये । मेरे दाई तरफ गीता और बाई तरफ बबिता बैठ गयी ,,,
गीता - कौन सा फिल्म दिखाओगे बताओ भैया
मै - जो तुम लोग बोलो ,, कहो तो शहर वाले स्विम्मिग पूल वाला लागाऊ जिसमे कैसे विदेश मे लोग नहाते है

बबिता- हा भैया वही लगाओ
गीता - हा भैया लगाओ
मै उन दोनो के भोले पन पर मुस्करा कर जलदी से गूगल पर threesome in pool सर्च किया और एक साइट खुली जिसमे एक स्विमिंग पूल में थ्रीसोम सेक्स का सीन था ।

और मैने वो वीडियो चालू कर दी । वीडियो के शुरू मे एक आदमी पूल मे तैर रहा होता है । इसी बीच पूल मे दो पोर्न स्टार आती है और अप्ने कपड़े निकाल कर पानी मे कूद जाती है और वो भी अलग अलग तैरने लगती है ।

गीता - भैया क्या विदेश मे ऐसे छोटे छोटे कपड़े पहन कर सब लडकिया खुले मे तैरती है
मै - हा मीठी ,,कभी कभी तो वो बिना कपडे के भी तैरती है
बबिता इस बात पर ह्स देती है और वापस वो लोग वीडियो देखने लगती है ।

गीता और बबिता दोनो के एक एक हाथ मेरे कन्धे पर और एक एक हाथ मेरी दोनो जांघो पर थे । और मेरा लण्ड तो क्ब्से खड़ा खड़ा दर्द भी करने लगा था ।

तभी वीडियो मे वो आदमी पुल के किनारे आधे पानी मे खड़ा हो जाता है और इधर दोनो पोर्नस्टार ह्स्ते हुए आपस मे कुछ बाते करती है फिर एक साथ पानी के अन्दर तैरते हुए उस आदमी के पास चली जाती और उनमे से एक लड्की उस आदमी का अंडरवियर निचे कर देती और दुसरी उसके लण्ड को चूम कर पानी मे तैर कर दुसरी तरफ उससे दुर चले जाते है और उस आदमी को उसका अंडरवियर हवा मे दिखा कर चिल्लाते है ।

ये सीन देख कर गीता और बबिता खुब हस्ती है ।
मै - देखा ये दोनो तुम लोगो जैसी ही शरारती है ।
दोनो वापस से हस्ती है और वीडियो देखने लगती है । वीडियो मे वो दोनो लड़किया एक दुसरे को किस्स करती है और उस अदमी को उंगली से अपनी तरफ बुलाती है ।

ये सीन देख कर गीता - हिहिही भैया ये देखो दोनो लड़किया किस्स कर रही है
मै वीडियो को रोक कर - हा वो तो होता है विदेशो मे ऐसे ही
बबिता - हा लेकिन लड्की लड्की मे भी क्या भैया
मै - हा कोई भी किस्स कर सकता है ,,,, अच्छा जब तुम लोग छोटे थे तो क्या मामी प्यार से तुम दोनो को चुम्मी नही देती थी होठो पर गालो पर
गीता - हा भैया देती थी
मै - फिर वही है ,,,हो सकता हो ये दोनो बहने हो और आप मे प्यार जता रही हो
बबिता - हा भैया सही कह रहे हो आप
मै मुस्करा कर तो बताओ क्या तुम दोनो भी आप मे प्यार करते हो
बबिता - मै तो करती हू भैया लेकिन यही हमेशा लड़ती रहती है
गिता - नही भैया हमेशा यही लड़ती है
मै - ठीक है ठीक है , अब कोई झगड़ा नही होगा , और आज से तुम दोनो कोई नही लडेगा ठीक है
दोनो ने हा मे सर हिलाया
मै - ठीक है चलो एक दूसरे को किस्स करो और बताओ कितना प्यार करते हो
बबिता थोडा अजीब सा मुह बना कर - क्या सच मे भैया जरुरी है ये करना
मै - हा , अगर तुम लोग आपस मे प्यार से नही रहोगे तो मै कभी नही आऊँगा तुम दोनो से मिल्ने
गीता - देखा तेरी वजह से फिर भैया नाराज हो गये
बबिता - मै तो तैयार हू तु बता
मै - शांत हो जाओ और एक दुसरे को किस्स करो
फिर गीता और बबिता ने मेरे सामने मेरे कंधो को थामे एक दुसरे की तरफ झुक कर हल्का सा एक दुसरे के होठो को चुमा और वाप्स आ गई ।

मै - अरे ऐसे नही भाई,,, देखा ना वो दोनो लडकिया कैसे की है
गीता - उसके लिए तो हमे खड़ा होना पडेगा
मै - तो उतर जाओ पानी मे
फिर वो दोनो पानी मे उतर गये
मै - हा अब करो किस्स
फिर वो दोनो सामने आई और थोडा शर्मा रही थी फिर गिता ने पहल की और बबिता के चेहरे को थामा और उसके निचले होठो को चुस लिया ।नरम होठो को चूसना किसे नही भाता वही गीता के साथ हुआ आज वो पहली बार किसी के होठो को चुस रही थी और उसे मज़ा मिलना ही था इसलिये वो जोश मे आ गई और बबिता के होठो को चुसने लगी , बबिता भी पहले झिझ्की फिर उसे भी अपने होठ खीचने से एक नया अह्सास मिला और वो भी गीता के होठो को चूसने लगी। दोनो उस नये रोमांच मे आंखे बंद खो गये और तब तक नहीं रुके जब तक उनकी सांसे भारी नही हो गयी । इस दौरान मैने उनदोनो को देखकर थोडा बहुत लण्ड को हिला कर आराम देता रहा
फिर दोनो हस्ते हुए अलग हो गए ।
गीता - अरे वाह इसमे तो बहुत अचछा लग रहा था
मै - प्यार करने मे खुसी मिलती ही है गुडिया
बबिता - देखा भैया हम दोनो कितना प्यार करते हैं आपस मे हिहिहिही
मै - हा देखा हिहिहिही चलो आजाओ
फिर वो दोनो मेरे अगल बगल वापस उसी पोजीशन मे बैठ गयी । और गीता ने अपने हाथ बढ़ा कर बबिता के गालो को छू कर एक पप्पी लेली । फिर वो दोनो और मै खुब हसे ।
बबिता - भैया लगाओ ना फिल्म देखते है ।

फिर मैने वापस से वीडियो प्ले कर दिया । वीडियो मे वो आदमी उनके इशारा करने पर तैर कर उनके पास जाता है और अपने अंडरवियर निकालने के लिए उनसे झगड़ा करता है
जिसे देख कर वापस से दोनो हसने लगती है ।
इसी बीच वीडियो मे वो आदमी कहता है - If you want some mercy then blow my cock both of you.

बबिता - भैया ये कह रहा है उन लड़कियो को ,,
मै वीडियो को रोका और बोला - अरे उन दोनो ने उस आदमी का अंडरवियर निकाला उसे परेसान किया तो वो भी उन लोगो को सजा दे रहा है

गीता - हा लेकिन वो दोनो तो कैसे खुश हो रही है देखो हिहिहिही पागल है ना सब
मै - अरे सजा इतना मज़ेदार है तो खुश होगी ना
बबिता - मतलब क्या सजा हुई है भैया इन दोनों को

मै वीडियो चालू कर दिया - खुद देखो तुम लोग
फिर वीडियो मे वो आदमी पूल के एक किनारे पानी मे पैर डाले लेट गया और वो दोनो लडकिया उसके दोनो तरफ पानी मे खड़े हो गए और उसके खडे लण्ड को देख कर एक दुसरे से इशारे कर कर हस रही थी । तभी दोनो ने एक एक हाथ से उसके खडे लण्ड को पकड़ा और सहलाने लगी । उपर से निचे की तरफ ,, और मै ये सब सीन देख कर उत्तेजित हो गया था और मेरा लण्ड भी पानी की सतह पर खड़ा हुआ था ।

गीता - हिहिहिही भैया ये दोनो तो बहुत खुश है ,, देखो कैसे उसके बाबू को पकड़ा हुआ है ।
बबिता - हा भैया कितना जोर से खिच रही है उसको दर्द नही हो रहा होगा
मै - अरे नही गुडिया इसमे दर्द नही मज़ा आता है
बबिता - भ्क्क्क इसमे क्या मज़ा हिहिहिही
मै - अरे अभी देखो उसे कितना मज़ा आयेगा
तभी वीडियो मे एक लड्की ने उपर आकर उसका लण्ड मुह मे भर लिया और चूसने लगी और वो आदमी उस लड्की के सर पर हाथ फेरते हुए मज़े मे आहे भर रहा था।

बबिता - आआ भैया देखो वो तो खा गयी उसका बाबू
मै - अरे खा नही रही है उसे चुस रही है ,जैसे हमे कुल्फ़ी चूसने मे मज़ा आता है ना वैसे इसे चुसने मे भी मज़ा आता है

गीता - हा भैया देखो कैसे वो मज़े से चुस रही है ।
बबिता - तभी वो दोनो खुश हो रही थी ना भैया
मै - हा अब समझी ,,, यहा ये दोनो मासूम बाते कर रही थी वहा मेरा लण्ड कडक और कडक हुए जा रहा था ।
इधर वीडियो मे दोनो लद्किया मिलकर उस आदमी का लण्ड बारी बारी से चूसे जा रही थी और ये दोनो बडे ध्यान से देख रही थी ।

मैने वीडियो रोका
गीता - क्या हुआ भैया वीडियो क्यू रोक दिया
मै - क्या सिर्फ़ देखोगी अपने भैया को खुश नही करोगी

बबिता - मतलब भैया
गिता - अरे बुधु भैया कहना चाहते है कि हम लोग भी उनके बाबू को चूसे हिहिहिह क्यू भैया
मै - हा कितनी समझदार है मेरी मीठी और उसके गालो को चूम लिया
बबिता - क्या सच मे उससे आपको मज़ा आयेगा
मै - मुझे ही नही तुम दोनो को भी आयेगा
फिर गीता फटाक से पानी मे उतर गयी और मैने मोबाईल को दीवाल मे एक मोके मे रख दिया । फिर बबिता भी उतर गयी ।

मै - हा मेरी दोनो प्यारी प्यारी बहनो चुसो अपने भैया का लण्ड
गीता और बबिता एक साथ - लण्ड, ये क्या है अब

मै - अरे जिसे तुम लोग बाबू कह रही हो उसे लण्ड कहते है ।
गीता ह्स्ते हुए - हा भैया सही कहा इसका यही नाम होना चाहिए,, लम्बा डण्डा यानी कि लण्ड हिहिहिहिही
बबिता - हा सही कह रही है तू
मै हस्ते हुए - चलो चलो जल्दी करो ना अब

तभी गीता और बबिता दोनो ने उस वीडियो के जैसे एक एक हाथ से मेरे लण्ड को थामा और चमडी को उपर निचे करने ल्गे ।
बबिता - भैया ये कितना गर्म है और मुलायम भी है
गिता - और बहुत टाइट भी है

मै - तो बताओ सबसे पहले कौन चूसेगा
गीता - मै मै ,,,मै बड़ी हू ना
बबिता - नही मै पहले ,मै बड़ी हू
गीता - तू कैसे बड़ी हो गयी
बबिता - देख मै तुझसे लम्बी हू
गीता - हा तो मै मै
बाबीता हस्ते हुए - हा हा अब बोल ना क्या हुआ हीहीहि
गीता - मेरे दूध तुझसे बडे है तो मै हुई ना बड़ी

गीता की बात सुनकर मुझे एक आइडिया आया सोचा लण्ड तो ये चूसेगी ही लेकिन उससे पहले मै इन्के दूध चुस लू ।
मै - अरे अरे तुम दोनो तो फिर से लड़ने लगी
गीता - भैया आप ही बताओ क्या मै इससे बड़ी नही हू क्या
मै दोनो को देखा
मै - हा लग तो रहा है
बबिता - क्या भैया आपको नही लगता मेरी हाईट इससे ज्यादा है
गीता - उससे थोडी होता है मेरे दूध तुझसे बडे है
बबिता - हा तो मेरे भी बडे है , मै लम्बी हू ना तो मेरा नही पता चलता समझी
मै - अरे तुम दोनो शांत रहोगी तो मै कुछ कहू
गिता बबिता - हा भाईया बोलो
मै - मै बारी बारी से तुम दोनो के दूध को पियुन्गा जिसका टेस्टि लगेगा वो बड़ी होगी

गीता - हाहह्ह्हहा क्या भैया आप भी इसमे अभी दूध थोदी ना निकलता है हीहीहि
बबिता - हा भैया आप भी बुधु हो हीहीहि
मै - अरे मै जानता हू कि अभी नही निकलता है ,,लेकिन मै ये कह रहा हू मुझे जिसका भी दूध चूसने मे ज्यादा मज़ा आयेगा वो बड़ी होगी

गीता - हा भैया ठीक है
बबिता - हा मै भी देखती हू
फिर मै भी पानी मे उतर गया और दोनो को पीछे से अपने आगे किया
मै - पहले मै तुम दोनो के दूध दबाउँगा की किसका ज्यादा मुलायम है
गीता - ठीक है भैया
अब मैने अपने दोनो हाथो को आगे की तरफ ले गया । गीता मेरे दाई तरफ थी जबकि बबिता बाई तरफ खड़ी थी । मैने गीता को उसके दाये तरफ से कमर मे डाला और बबिता की बाई तरफ से कमर मे हाथ डाल कर अपने से चिपका लिया और मेरा खड़ा लण्ड अब दोनो की कमर के बीच से झाक रहा था ।
जब मैने दोनो को पकड कर खीचा तो दोनो हसने लगी।

गीता - हीहीहि भैया गुदगुदी लग रही है आराम से प्लीज
फिर मैने बिना कुछ बोले अपने दोनो हाथ उपर ले आया और गीता के दाई चुची और बबिता की बाई चुची को हाथो मे भर लिया ।

बबिता अपने जगह पर सही थी उसके भी दूध बाकई मे बडे थे बस शेप अलग था वो थोड़े चपटे थे ,,वही गीता से दूध गोल होने से उभर कर सामने दिखते थे । दोनो के दूध मेरे मुथ्थी मे आसानी से समा नही रहे थे लेकिन उन दोनो कच्ची कलियो के अनछुए चुचो को दबाने मे एक अलग ही उत्तेजना हो रही थी । मैने भर भर कर उनकी चुचे को मसलना शुरू कर दिया ।

बबिता - अह्ह्ह्ह भैया बहुत मज़ा आ रहा ऐसे ही करो
गीता - हा भैया मुझे भी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह , , आप जितना दबा रहे हो और खुजली हो रही है आह्हह आह्हह
एक तरफ मै उनकी एक एक चुचिया दबा ही रहा था ,,साथ वो भी अपने अपने बचे एक एक चुची को खुद से दबाते हुए मेरे उपर रेगने लगी ।

मैने सोचा ये कुवारी नादान जवानी है इसे बहुत सम्भाल कर भोग्ना होगा । अभी कुछ मजे लेलू फिर रात तो बाकी ही है ।
फिर मैने उन दोनो के चुचे छोड दिये
बबिता ने वापस मेरे हाथ उठा कर अपनी चुची पर रख दिया और बोली - भैया करो ना बहुत खुजली हो रही है अह्ह्ह्ह्ह प्लीज भैया प्लीज
और खुद मेरे हाथ अपनी चुची पर रख कर मसलने लगी। उसका देख कर गीता ने भी वही किया और मेरे हाथ से खुद को चुची रगड़ने लगी।
फिर मैने गीता को पकड़ा और उपर दीवाल पर बिठा दिया और उसके टेप को उपर कर दिया
उसकी हापुस आम जैसी रसिली चुचिया सामने आ गई और मैने लपक एक चुची को मुह मे भर लिया और उसके हल्के भूरे दानेदार निप्प्ल को जीभ से चाटने लगा । गीता तडप उठी ।

गीता - अह्ह्ह्ह आह्हह भैया आह्हह बहुत मज़ा आ रहा है और चुसो मेरे दूध और आह्हह हा भैया और आह्हह
गीता को उतेजीत देख बबिता भी दीवाल पर चढ़ कर बैठ गयी और अपने टेप को उपर किया और उसके चुचे भी बाहर आ गये ।
मैने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी एक चुची को मुथ्थी में भर कर दबाने लगा

बबिता - भैया मेरा भी चुसो ना मुझे भी मज़ा करना है ।
फिर मै मुस्कुराया और हाथ मे पकड़ी हुई बबिता की चुची के निप्प्ल को अपने होठो मे भर कर न्चाने लगा वो सिहर गयी और पानी मे पैर मारने लगी ।
बबिता - आह्हह आह्हह भैया उह्ह्ह कितना अच्छा लग रहा है आह्हह उम्म्ंम्ं और चुसो मेरे दूध और चुसो मेरे प्यारे भैया अह्ह्ज्ज
फिर मै दोनो से थोदा अलग हुआ और वो दोनो वही अपनी नंगी चुचियो पर अपने टेप चढाये बैठी थी मसले जा रही थीं ।

गीता - क्या हुआ भैया और करो ना प्लीज
बबिता - हा भाईया कितना अच्छा लग रहा था ।
मै -हा तुम्हे तो मज़ा आ रहा था ना लेकिन मेरा क्या मुझे भी करना है मज़ा
गीता - भैया लाओ मै तुम्हारे लण्ड को चुस देती हूँ फिर आप मेरा दूध खुब चूसना ना भैया प्लीज
बबिता - क्यू सिर्फ़ तू ही चुसवयेगी क्या मै नही हू
मै - अरे चुप रहो तुम दोनो पहले ये इस घर की चाभी लाई हो गुडिया

बबिता - हा भैया है झोले मे
मै - चलो ठीक है जलदी से कप्डे ठीक करो हम अन्दर जाकर मज़े करेंगे आराम से बिस्तर पर

गीता - अरे भैया यहा क्या दिक्कत है
मै - पगलू यहा कोई देख लेगा तो
गीता - तो क्या हुआ हम लोग तो खेल रहे है ना
मेरा माथा ठनक गया और सोचने लगा साला इन लोगों को कुछ भी नहीं पता है कि क्या सामने करना चाहिए क्या नही , अब कुछ भी करने से पहले इनको समझाना जरुरी हो गया था । नही तो कही घर पर सबके सामने बोल दी ये लोग कि भैया चलो ना मेरे दूध चुसने तो बैंड बज जायेगा ।
मै - नही मेरी मीठी ऐसा नही है । हम जो खेल खेल रहे थे वो यहा कोई नही है इसलिये खेल रहे थे। ये सब बंद कमरे मे या अकेले मे करते है ताकि कोई देखे नही

बबिता - अगर कोई देख ले तो क्या होता है भैया
मै - हीहीहि पगली अगर कोई तुमको ऐसे नँगू देख लेगा तो सबको बताएगा और चिढायेगा ना ,,,क्या तुम दोनो चाहती हो की कोई तुम लोगो चिदाये परेसान करे

गीता - नही नही भैया बिलकुल नही
बबिता - मै तो गीता को चुम्मी भी अकेले मे ही दूँगी अब हा

मै - शाबाश ,जो भी करना अकेले मे मज़ा करना , अगर घर मे किसी को पता चला कि तुम लोग अभी से ये सब कर रहे हो तो मामा मामी नाना सब मारेन्गे आपको ।

गीता - तो क्या हम सब से छिप कर करेंगे सब काम
मै - हा मीठी क्योकि ये सब बडे लोग करते है जिनकी शादी हो गई हो ,,, छोटे बच्चे नही करते है , देखा नही फिल्म मे दोनो लडकिया बड़ी बड़ी थी । वो तो तुम मेरी जान से प्यारी बहने हो इसिलिए तुम दोनो को सिखा रहा हू ।

बबिता और गीता ने मेरे गालो पर चुम्मी दिया और बोली - थैंक्स भैया आप बहुत अच्छे हो हिहिहिही

मै - हा अब जल्दी से घर खोलो और अन्दर चलो मज़े करते है ।
फिर गीता बबिता ने वापस अपनी चुचिया ढक ली और पानी से बाहर जाने लगी दोनो भीगी पैंटी मे उनकी गदरायी गाडो पर चिपकी हुई थी ,,,मन तो कर रहा था कि अभी जाऊ और मुह डाल कर चाट लू ,,,लेकिन मै जल्दीबाजी से नही आराम से सारे काम करना चाहता था ।

फिर बबिता ने झोले से चाभी निकाला और हम लोग अपने कपडे लेकर जो जिस हालात मे था घर मे घुस गया ।
घर मे घुसते ही हमने मेन गेट लॉक किया और बबिता मुझे एक बडे से कमरे मे ले गयी जहा पर बिस्तर रखा हुआ था
फिर हमने जल्दी जल्दी बिस्तर लगाया
अब तक तो हमारे बदन से पानी रिस चुका था
लेकिन गीता बबिता के अंडरगार्मेंट भिगे थे ।
वो दोनो बिस्तर पर जाने को हुई तो
मै - अरे अरे ऐसे चढोगी तो बिस्तर भी गिला हो जायेगा ना

गीता - तो
बबिता - अरे तो कपडे निकाल दे पागल
गीता चौकते हुए - कच्छी भी
मै - क्यू मै नँगू पँगू हू तो तुम लोग क्यू नही ,,,
गीता - भक्क भैया मुझे शर्म आयेगी
मै - तो रुको मै निकाल देता हू
गीता - ब्क्क्क तब तो और आयेगी
मै गीता के करीब गया और उसको पीछे से पकड कर उसके दोनो चुचे को मिजते हुए कहा - और मज़ा भी तो आयेगा ना मीठी
गीता - अह्ह्ह्ह हा भैया
मै - तो मै निकालू
गीता - इस्स्स्स्स अह्ह्ह्ह हा भैया निकाल दो अह्ह्ह्ह
फिर मैने गीता की भीगी टेप पकड़ी और उपर करते हुए निकाल दी । कितना चर्बीदार बदन था उसका ,,, वापस से अपने सीने से सटा कर गीता के चुचे मिजने लगा

गिता - आह्हह भैया और तेज मसलो आह्हह इस्स्स्स्स उम्म्ंम अह्ज्ज मम्मी आह्हह भैया
फिर मैने उसको छोडा और घुटनो के बल बैठ गया अब गीता को मोटी मुलायम फुली हुई रबर सी लचीली गाड़ आसमानी रंग की पैंटी मे चिपकी हुई मेरे साम्ने थी ।

मैने बैठे बैठे ही गीता के कमर से उसकी पैंटी को निचे करना शुरू किया ,,, उसको गुदाज गाड़ का उपरी सिरा और एक लकीर दिखने लगी ,,,कुछ ही पल मे उसकी गाड़ भी नंगी हो गयी
आह्हह उसकी फुली हुई मुलायम सी दिख रही गाड़ पानी से अभी भी भीगी हुई थी ।
फिर मैने उसके मोटे गाड़ को निहारते हुए पूरी पैंटी निचे कर दी और जब गीता ने पैंटी निकालने के लिए पैर उपर किया तो हल्के झाटो वाली पानी से भीगी हुई चुत की लकीर मुझे दिखी ।
फिर मैने बबिता से तौलिया लिया और गीता के एक एक जांघ को अच्छे से पोछा । फिर एक हाथ तौलिया लेकर उसके दोनो जांघो के बीच हाथ डाल कर उसकी चुत से लेकर उसके गाड़ की दरारो मे रगड़ते हुए दो बार तौलिये से साफ किया ,,इस दौरान गीता हल्की सी सिस्क पडी फिर मैने उसके पीठ और पेट ,,और फिर उसके दोनो चुचो अच्छे से तौलिये मे मसल कर साफ किया । जिससे गीता हस रही थी ।
फिर मैने उसे बिस्तर पर जाने को कहा और वो झुक कर घोड़ी बनकर चलती हुई बेड पर चढ़ गयी ।
फिर मेरी नजर बबिता पर गयी जो अब मुझे देख कर शर्मा रही थी ।
मै उसके पास भी गया और टेप निकाल दिया फिर उसके नंगे चुचो को तौलिया से मसल कर पोछा ।फिर उसके सामने बैठ कर उसकी पैंटी को निचे किया,, बबिता की चुत पर गीता के मुकाबले ज्यादा बाल थे । फिर भी उसकी चुत की पतली लकीर और सपाट पेट देख कर मुझे ना रहा गया और मेने उसके नाभि के निचे किस्स कर दिया ।और फिर उसकी पैंटी को पुरा निकाल कर एक एक पैर को अच्छे से पोछा फिर उसकी भी जांघो के बिच हाथ डाल कर पहले सामने से चुत को साफ किया फिर घूमा कर उसकी मुलायम गाड़ के पाटो को फैला कर दरारो को साफ किया । फिर उसे भी पीठ पर हाथ लगा कर बिस्तर पर जाने को बोला
बबिता भी घोड़ी बन कर चढ़ गयी बेड पर और फिर मैने तौलिया लेकर अपने बदन को साफ किया और लण्ड को अच्छे से साफ कर छोड़ दिया ,,जिससे वापस से मेरा लण्ड झुलने लगा ।
जिसे दोनो अपनी रसीली चुचिया मलते हुए देखे जा रही थी ।

देखते हैं दोस्तो आने वाला अपडेट क्या नये रंग लाने वाला है ।
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
 
OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 42

अब तक

बबिता भी घोड़ी बन कर चढ़ गयी बेड पर और फिर मैने तौलिया लेकर अपने बदन को साफ किया और लण्ड को अच्छे से साफ कर दिया ,,जिससे वापस से मेरा लण्ड झुलने लगा । जिसे दोनो अपनी नंगी चुचियो को मसलते हुए निहारे जा रही थी ।

अब आगे


फिर मै दो कदम चल कर बिस्तर तक गया और अपना लण्ड हाथ मे थामे उसको सहलाते हुए बबिता को इशारा किया की मेरी तरफ आये और बबिता घोड़ी बन कर चलती हुई आई और मेरे लण्ड को थाम लिया और आगे पीछे करने लगी। आह्ह उसके नरम हाथो का अह्सास बहुत मज़ेदार था कुछ ही देर मे मेरा लण्ड उसकी मुथ्थी मे भरने ल्गा ।
बबिता - भैया ये तो और बड़ा हो रहा है
मै - जब इसको चुसोगी तो और बड़ा होगा गुडिया ,,चलो चुसो अब
और मैने मीठी को इशारे से अपने पास बुलाया जो ना जाने क्ब्से ललछायी नजरो से मेरे लण्ड को निहारे जा रही थी वो भी घोड़ी बन कर मेरे पास आई तो मैने उसे अपने सामने खड़ा होने को कहा और वो खदी हो गयी ।

मै - गुडिया चुसो ना अब देखो मत
तभी गुडिया ने मेरे मोटे सुपाडे को मुह मे लिया आह्हह उसके गर्म ससो की तपन से मेरे लण्ड मे एक नयी हलचल आ गई और मेने गीता को कमर से अपनी तरफ खीचते हुर उसके एक चुचे को मुह मे भर लिया

निचे बबिता अब तक मेरे आधे लण्ड को निगल चुकी थी
फिर मैने उसके सर पर हाथ रख कर खुद की कमर को हिलाना शुरू कर दिया । जिससे मेरा आधा लण्ड बबिता के मुह मे अन्दर बाहर होने लगा और यहा मेरे लगातर जीभ घुमाने से गीता अह्हे भर रही थी ।

गीता - आह्हह भैया और चुसो मेरे दूध ,,आह्ह
गीता की तेज आह सुन कर बबिता ने उपर देखते हुए लण्ड को चुस्ने लगी । वो बस मुह खोले लण्ड को अंदर बाहर कर रही थी फिर थोडी ही देर मे उसे अफनाहत होने लगी और उसने मेरे लण्ड को बाहर निकाल दिया ,,बबिता का लार मेरे सुपाडे से होते हुए मेरे आड़ो तक रिसने ल्गा था ।
बबिता के अलग होते ही मैने गीता की चुची छोड उसे निचे बिठा दिया और वो मेरे दोनो पैरो के दोनो तरफ अपने पैर कर मुझे बान्ध लिया और मेरे लण्ड को थामा गप्प से आधा लण्ड मुह मे भर लिया और चूसने लगी वो बबिता के मुकाबले ज्यादा से ज्यादा मेरे लण्ड को मुह मे भर रही थी और मै भी उत्तेजित होकर उसके सर को पकड कर लण्ड पर दबाता था । इसी बीच बबिता गीता के पीछे खड़ी होकर मेरी तरफ झुकी ,और मेने भी लपक कर उसकी मौसमी जैसी चुची को मुह मे भर लिया ।
गीता बबिता के मुकाबले बहुत ही अच्छे से लण्ड को चुस रही थी जिससे मै और ज्यादा उत्तेजित था ,,,वही मेरे चुची चूसने से बबिता खुब चिखे जा रही थी

बबिता - इस्स्स भैया खा जाओ मेरे दूध ,,नोच लो अह्ह्ज आह्ह इश्ह्ह और चुसो अझ ,,
बबिता - आह्हह भैया मेरे सुसु निकलेगा लग रहा है आह्हह
मै अब बहुत उत्तेजित था
मैने बबिता को अलग किया और गिता का सर थाम कर उसे भी अलग किया ,,,दोनो का मानो कोई कीमती सामान छीन गया हो ऐसे वो मुह बना रही थी

मै तुरंत बिस्तर लेट गया और गिता को बोला - मीठी तुम लण्ड चुसो अब ,, और वो तुरंत पल्ती ग्प्प्प से मुह मे लण्ड को भर लिया ।

बबिता - और मै भैया मुझे प्यार नही करोगे ,,,देखो यहा क्यू खुजली हो रही है ।
बबिता अपनी चुत को फैल कर मुझे दिखाती हुई बोली

मै - उसी खुजली को तो दुर करने वला हू ,, आजाओ और अपनी चुत मेरे मुह पर रख तुम भी गीता के साथ लण्ड चुसो
बबिता - ये चुत क्या है भैया वो तो मै नही लाई हूँ
मै - अच्छा अपनी गाड़ को मेरे मुह मे रखो तब अभी जहा खुजली हो रही है ना उसे चुत कहते है उसे चाट कर साफ कर दूँगा तो नही होगी
बबिता - सच भैया ,, और वो घूम कर मेरे लण्ड की तरफ मुह करके मेरे मुह पर अप्नी चुत को रख कर लेट गयी ।
बबिता के चुत की भीनी खुशबू पाकर मेरा लण्ड और भी ज्यादा उत्तेजित हो चुका था। मैने जीभ आगे करते हुए बबिता के गादो को थामा और उसकी चुत के बालो मे जीभ से उसके दाने को खोजने लगा ।
मेरे जीभ के खुरदूरे स्पर्श को अपनी नाजुक चुत पर पाकर बबिता सिस्क उठी
बबिता - आह्हह भैया आप तो खुजली बढ़ा रहे हो , लेकिन मज़ा आ रहा है
बबिता की उत्तेजना देख मैने उसकी गाड़ को और निचे के उसकी चुत के दाने से गाड़ की छेद तक अपनी लार को जीभ से लीपने लगा । बबिता और भी ज्यदा तडप उठी
मैने जीभ को उसकी कसी गाड़ की छेद पर न्चाने लगा और वो छटपटाने लगी ,,फिर मैने जीभ को नुकीला करते हुए बबिता की कमर को और खीचा और उसकी गर्म गीली चुत मे जीभी डाल के मुह हिलाने ल्गा ,,कुछ ही पलो मे बबिता मेरे जीभ पर ही एठने लगी

बबिता - आह्हह भैया आह्हह मेरा सुसु निकल रहा है अझ्ज्ज आह्हह बहुत दर्द हो रहा कमर मे आह्हह आह्हह
और बबिता ने अपनी जांघो मे मेरे सर को जकड़ लिया भलाभल मेरे मुह में झडटी रही ।उसके चुत के नमकीन पानी का स्वाद पाकर मेरा लन्द और उबाल लेने गया जिसे गीता बडे मन से सब कुछ भूल कर चूसे जा रही थी और इधर बबिता निधाल होकर मेरे पेट पर गिर चुकी थी ।
फिर थोडी पलो मे मैने बबिता को खुद से किनारे बाये तरफ किया और गीता को बोला
मै - मीठी जरा उपर आ
गीता मे बड़ी मासूमियत से मेरा लण्ड मुह से निकाला और मेरे पास आ गई

हालाकि गीता और बबिता को लण्ड चूसने का तजुर्बा नही था , नही तो अब मेरी मा या मौसी मुझे दो बार झाड़ देती

गीता को पास बुला कर अपने दाये लिटा लिया और उसके मम्मो को मुह मे भर कर चूसने लगा और एक मम्मे को दबाने लगा ,,एक बार फिर से कमरा गीता से कामुक सिसकियो से गुजने ल्गा

इसीबिच मैने गीता के बाये मम्मे को चुस्ते हुए अपने बाये हाथ से गीता की चुत को सहलाना शुर कर दिया जिससे गीता और भी ज्यादा तडप उठी ये उसकी चुत पर पहला किसी लडके का स्पर्श था ,,,गीता ने चुत पर मेरे हथेली को रेगता पाकर अपनी जांघो को खोल दिया और मै अच्छे से उसकी चुत को मलने लगा और वो पहले से ज्यादा अपनी गाड़ पटकते हुए सीसक्ने लगी

गीता - आह्हह भैया बहुत खुजली हो रही है वहा
मै - हा मिथी अभी चुस कर साफ कर दूँगा तेरा भी
गीता - अह्ह्ज भैया जल्दी चुसो ना मेरी चुत आह्ह
मैने भी मौका देखा और सरक कर निचे गया और गीता की जांघो को चौड़ा करके लपालप उसकी चुत चाटने ल्गा और वही गीता मेरे सर को दबाते हुए गाड़ पटक्ने लगी और चिलाने लगी
इधर मैने गीता को उसकी जांघो के बिच की खुजली को मिटा रहा था और इसी बिच बबिता ना जाने कब उठ कर मेरी ही गाड़ में हमला कर दिया
उसकी नुकीली जीभ ने मेरे गाड़ की जीभ को कुरेदना शुरू कर दिया और मेरे होठो की पकड गीता के चुत पर बढती जा रही थी । बबिता ने अनजाने में ही सही पहली बार मेरे गाड़ के छेद को चाट कर मेरी बची कुची वासना को और भडका दिया , नतीजन मैने गीता के जांघो को और ऊचा कर अप्नी जीभ को उसकी चुत मे घुसा लिया और सीधा सीधा अंदर की तरफ खोदने ल्गा ,,,जिस्से गिता और ज्यादा सीसकने लगी

वही बबिता ने अपनी पोजीशन को बद्ला और मेरे जांघो के बिच अपना सर डाल दिया और मेरे झूलते लण्ड को मुह मे भर कर चूसने लगी ।अब मेरी तडप बढने लगी मैने तेज़ी से गिता की चुत को चुस्ते हुए उसकी चुची को मिजने लगा ,,,वही बबिता निचे लेटे लेटे मेरे सुपाडे को चुस रही थी

गीता - अह्ह्ह्हा ह्ह्ह्हा हहह आह्हह भैयहा आह्हह दर्द हो रहा आह्ह मेरा सुसु आने वाला है ,आह्हह मम्मी आह्हह ,,,,गीता ने मेरे सर को जांघो को कस लिया और गाड़ उचका कर झडने लगी ,, उसकी चुत का गर्म पानी मेरे मुह और जीभ पर फैलने लगा और मैने उसकी जांघो से लेकर गानड़ की छेद तक सब कुछ जीभ से चाट कर साफ किया ।

वही बबिता मेरे आड़ो को पकडे हुए मेरे सुपाडे को चुस रही थी और मेरे लिये अब सबर करना मुस्किल हो गया
और मेरा लण्ड और मोटा हो गया साथ ही मैने अपने सुपाडे को ढील दी जिससे मेरा सारा पानी बबिता के मुह मे भरने लगा और वो ढ्चकने लगी
मैने जल्दी से लण्ड बाहर निकाला और तब तक उसका मुह मेरे माल से भर गया था जिसे वो घूट घूट करके पिए जा रही थीं जैसे ही उसके मुह का माल खतम हुआ उसकी नजर मेरे भिगे लण्ड पर गयी और उठ कर तेज़ी से मेरे लण्ड को जीभ निकालकर मलाई के जैसे चाटने लगी और अच्छे से मेरे लण्ड को साफ करके मुह पोछ लिया और हसने लगी ।

मैं भी उसको खुश देख कर मुस्कुरा पडा वही गीता झडने के बाद खुद की सासे बराबर कर चुकी थी और बबिता को मेरा लण्ड चुस्ते देख रही थी ।

गीता - वाह्ह भैया आज तो म्ज़ा आ गया इस खेल मे
बबिता - हा भैया इतना मजेदार और टेस्टि खेल हमने नही खेला था कभी

मै - अभी यही नही और भी बहुत कुछ मज़े कराउँगा तुम दोनो को मेरी गुडिया मीठी
गीता बबिता - सच भैया

मै - हा लेकिन किसी को ये सब मत बताना और बस तुम दोनो आपस मे मज़े करना ठीक है
गीता बबिता खुश होते हुए - हा ठीक है भैया म्ज़ा आयेगा

मै - आज रात मे मै तुम लोगो को फिल्म दूँगा देखने के लिए,,जिससे तुम लोग अच्छे से लण्ड चूसना सिख सकते हो और जब मै घर चला जाऊंगा तो तुम दोनो अकेले मे मज़े कर सकते हो ।

गीता - सच मे भैया क्या मै भी बबिता के दुध और चुत को चुस सकती हू
मै - हा बिलकुल लेकिन किसी को पता ना चले सब अकेले मे करना

बबिता - जी भैया
मै - हा चलो अब कपड़े पहन लो और घर चलते है ।
गीता - भैया मन नही भरा है चलो ना एक बार और
मै - नही पागल लेट हो जायेगा , देख अभी 7 बजने को हो गये है और कल फिर आएगे ना

फिर वो दोनो खुश हुई और मेरे उपर झोल गयी जिससे मेरा बैलेंस बिगड़ गया और मै गिर पड़ा वो दोनो भी नंगी मेरे उपर आ गई और एक साथ मेरे गालो को काट लिया ,,,उन्के नंगे बदन का स्पर्श मुझे फिर से उत्तेजित करने ल्गा लेकिन फिर मैने खुद को सम्भाल और उनको उठने को बोला
हमने कपडे पहने फिर घर और ट्यूबवेल मे ताला लगाकर चल दिये गाव की तरफ।
शाम होते होते हम लोग रास्ते मे बात करते हुए घर जाने लगे । इस दौरान मैने कुछ पोर्न वीडियो डाउनलोड किये और गीता बबिता को सावधान किया की घर में गाव मे कोई गलती ना करे ।

घर पहुच कर हम लोगो ने चाय नास्ता किया । और यहा मा और मौसी ने साडी उतार कर मैक्सि पहन ली थी । लेकिन मा कुछ परेशान लग रही थी और उसका चेहरा साफ बता रहा था की कुछ बात जरुर है ।
मै सही टाईम का इंतजार किया और जब मा कमरे मे गयी तो मै भी झट से उसके पीछे चला गया और वो मुझे देखते ही बोली

मा - नही राज अभी नही मेरा मन नही है ,,, उसे लगा मै मज़े करने आया था
मै मा को पकड कर बिस्तर पर बिठाते हुए - अरे मा मै उसके लिए नही आया हू , मै तो इस बात से परेशान हू कि मेरी प्यारी मा इतनी परेसान क्यू है ।
मा - सॉरी बेटे मै खाम्का तुझे डाट रही थी , लेकिन तुझे कैसे पता मै परेशान हू
मै - अरे मै भी तो आपका ही अंश हू ना मा ,, आपको तकलीफ होगी तो मुझे भी बेचैनी होती है
मा मुस्कुरा कर मुझे अपने सीने से लगाते हुए - धत्त बदमाश ,,कितना प्यारा है रे तू और कितना ख्याल रखता है मेरी ।
मै मा के कमर मे हाथ डाल कर उन्के चुचो मे अपने चेहरे को फेरा और बोला - वो सब छोडो ये बताओ आखिर क्या बात है जो आपको परेसान किये है

मा - क्या बताऊ बेटा , काफी समय से बाऊजी की तबियत ठीक नहीं चल रही थी और आज बहुत दिन बाद दीदी आई थी तो बाऊ जी का मन हुआ दीदी के साथ ,,, मज़े तो किये लेकिन जोश जोश मे उनकी तबियत और ज्यादा बिगड़ गयी है ,,,
मै - फिर
मा - अभी थोडी देर पहले डॉक्टर आये था,,, चेक करने के लिए पता चला कि बाऊ जी का बीपी बहुत ज्यादा है और इनको ज्यादा मेहनत का काम या थकावट देने वाले काम नही करने है । साथ ही बोले है कि सेक्सुअल ऐक्टिविटी भी नही करनी है कोई अब नही तो आगे जाकर ऐडमिट भी करना पडेगा ।

मै समझ गया कि मा का दुख का असली कारण क्या था ,, नाना की तबियत खराब होने से वो अब चाह कर भी उनका मोटा उछलता लण्ड नही ले सकती थी ।
मैने मा के कन्धे पर हाथ रखा और बोला - आप चिंता ना करो मा ,, नाना जल्द ही ठीक हो जायेगे

मा भरी हुई आँखो से - हा फिर भी मै खुद के मनोइच्छा के लिए उनके जान का रिस्क नही ले सकती हू ।

मै मा को चिल कराते हुए - अरे मा मै हू ना आपके लिए
मा - चल बड़ा आया मेरे लिये,, क्या करेगा तू बता जरा
मै - मै अपनी मा को इतना प्यार दूँगा की वो सारे गम भूल जायेगी और
मा - और क्या
मै - घर जब दो दो लण्ड मिलेंगे रोज तो काहे का गम हाहाह्हाहा
मा मेरे कान खीचते हुए - बहुत बोलने ल्गा है हा
मै - अरे मा नाना नही तो मामा है ना
मा - नही राज मै उसका लण्ड नही ले सकती
मै - क्यू मा वो भी तो आपके भाई है ना
मा - मेरी इच्छा थी कि मेरे चुत मे सिरफ मेरे अपनो का लण्ड जाये ,,, जिनसे मेरा खुन का रिस्ता हो
मै - तो क्या मामा आपके अपने नही है
मा - नही बेटा वो गोद लिया हुआ है ।
मै चौक कर - क्या कह रही हो मा
मा - हा राज ,,, बाऊजी के हम दो ही बेटीया थी ,,काफी समय से मा को कोई बेटा ना हुआ तो बाऊजी ने अपने एक दोस्त के बेटे को गोद ले लिया ।

मै - अच्छा तो क्या ये बात मामा को पता है
मा - नही बेटा और उसे पता भी न चले ,, हमने कभी उसे अपने से पराया नही किया है ।
मै- तो फिर क्यू आप मौसी के साथ मज़े करती थी ।
मा - राजेश ने मेरे चुचो को चुसने और मसलने के अलावा कोई काम नही कर पाया है मेरे साथ । मैने उसे अपने बदन का एक भी हिस्सा नही छूने देती थी ,,, क्योकि मै दीदी के साथ ही खुश थी । वो बस दीदी को जम कर भोग्ता और कभी कभी मेरे दूध पिता था । लेकिन काफी सालो से वो मुझ्से दुर है अब

मै - तो क्या आज रात मे आप मामा और मौसी मज़े करोगे की नही
मा - बेटा मन तो थोदा बहुत था मेरा दीदी के साथ लेकिन बाऊजी की तबीयत से मेरा सारा मूड खराब कर दिया और आज शाम को ही राजेश तेरी मामी के यहा चला गया है


मै खुश हो गया और बोला - इसका मतलब आज रात मे हम लोग मज़े कर सकते है ना
मा - हा लेकिन कैसे दीदी तो मेरे साथ ही सोयेगी
मै - ठीक है फिर मै मौसी को भी
मा - आहाहा इतना आसान थोडी है
मै - मा मै जानता हू मौसी लण्ड की भुखी औरत है आप सब मुझ पर छोड दो मै कुछ ना कुछ जुगाड लगा लूंगा
मा - हा लेकिन कैसे
फिर मैने मा को अपना प्लान ब्ताया
मै - देखो मा तुम मौसी को पूरी नंगी करके मज़े करना और मै दरवाजे से अंदर अपनी मोबाइल ने झुट मुट का वीडियो बनाते हुए अपना खड़ा लण्ड हिलाते आप दोनो के सामने आ जाऊंगा और मै आपके सामने शर्त रखन्गा की मुझे भी मौसी के साथ मज़े करने दो नही तो ये वीडियो मै मौसा पापा सबको दिखा दूँगा ।

मा - अरे फिर तो वो खुद बोलेगी दिखा दो हिहिही
मै - मा इसिलिए तो मै अपना खड़ा लण्ड लेके जाऊंगा उन्के सामने ताकि वो मेरे ऑफ़र को चाह के भी नही मना करेगी ।

मा - अरे वाह तुने तो बड़ी कमजोर नस पकड़ी
मै - बेटा किसका हू मा ,,, मा की चुचियो को मसलते हुए बोला ।


देखते है दोस्तो ये रात राज के लिए क्या नये रोमांच लाने वाली है
आप सभी की प्रतिक्रिया का बेसबरी से इन्तज़ार रहेगा
 
OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 43

अब तक

मै - मा इसिलिए तो मै अपना खड़ा लण्ड लेके जाऊंगा उन्के सामने ताकि वो मेरे ऑफ़र को चाह के भी नही मना करेगी ।
मा - अरे वाह तुने तो बड़ी कमजोर नस पकड़ी
मै - बेटा किसका हू मा , मा की चुचियो को दबाते हुए बोला

अब आगे

मेरे हाथो का स्पर्श अपनी नरम चुचियो पर पाकर मा सिहर उठी । मैने वापस मा की आँखो मे देखते हुए अपना मुह खोला और मैक्सि के उपर हल्के से दात लगाते हुए उनकी एक चुची को मुह मे भर लिया ।
मा मेरी आँखो मे देखते हुए सारे हरकतो पर नजर रखे हुए थी ,,,जैसे ही मेरे मुह मे चुची आई वो आखे बंद कर सिहरने लगी

मा -आह्हह बेटा उम्म्ंम्म्ं
मैने हाथ आगे कर मा की दुसरी चुची के निप्प्ल को खोज कर उस्की घुंडी न्चाने लगा
मा - इह्ह्ह ओह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ज इस्स्स इम्म्ं उम्म्ंम आह्हह
मा ने अपने दोनो हाथ मेरे सर पर फेरते हुए हल्का हल्का चुची की तरफ दबा रही थी ।
फिर मैने मा को छोडा और मा के होठो की तरफ गया
मा ने मेरे होठो को चूम लिया ,, फिर मै भी आगे बढ़ कर मा के होठो को चूसने लगा जिसमे मा भी मेरा साथ देने लगी और मैने अपने हाथ उसकी चुचियो पर मैक्सि के उपर से रख कर मिजने ल्गा ,,,अह्ह्ह्ह मा ने अंदर कुछ नही पहना था ,,,मेरा लंड अंगड़ाई ले चूका था और अब तक मा मेरे लण्ड को खोजते हुए मेरे जांघो को सहलाने लगी थी।
जल्द ही मा को इसमे कामयाबी मिली और उसने लोवर से मेरा खड़ा लण्ड निकाला और उसे हिलाते हुए मेरी आँखो मे देखने लगी ।
मा की आखो मे हवस साफ नजर आ रही थी और जैसे जैसे मा मेरे लण्ड पर कसाव बढाती मा के चेहरे के भाव बदलते ,, और इधर मा के हाथो मे लण्ड पाकर मै सिहर उठा और चमडी उपर निचे होने से मेरी आंखे बंद होने लगी मै एक बेहद खूबसूरत नशे मे डूबने ल्गा और मेरे मुह से आह्हह मा आह्ह मा निकलने ल्गा । जल्द ही मेरे सुपाडे पर से चमडी की तरफ कुछ रिस्ता हुआ मह्सूस हुआ ,,, मैने आंखे खोली तो देखा मा अपने मुह से लार की एक मोटी धार मेरे सुपाडे पर चूआ रही थी और जल्दी ही उसी लार को मेरे लण्ड पर लिपने लगी जिससे मेरा लण्ड और आसानी से मा के हाथ मे सरकाने ल्गा ।
मा के उंगलियो का मेरे सुपाडे पर स्पर्श मुझे हिला कर रख देता था और मेरी आह्हह भी सिहर जाती थी ।
मा ने जब मुझे देखा तो वापस से मेरे होठो को चूसा और फिर बेड से उतर कर मेरे पैरो के पास बैठ गयी और गप्प से लण्ड को मुह ने भर लिया ।

मै - अह्ह्ह्ह मा उफ्फ्फ्फ अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ
मा मे लंड को मुह मे भरे भरे ही मेरे लोवर को निचे करना चाहा और मैने भी उनका साथ देते हुए लोवर पुरा निकाल दिया और अपनी जन्घे चौडी कर दी ।
मा ने अब मेरे आड़ो को सहलाते हुए लण्ड को चूसने लगी और लगातार नजरे उठाए मेरे तरफ देखती रही ।
मा का ये रूप मुझे बहुत पन्सद आ गया और मै उसके बालो मे हाथ फेरने लगा । वो आन्खे बन्द किये गले तक मेरे लण्ड को भरने लगी ।

मैने अपना टीशर्ट निकाल दिया और मा मेरे पेट पर हाथ फेरते हुए मेरे सुपादे पर जीभ न्चाने लगी ,,,ओह्ह्ह क्या मज़ा मिल रहा था ,,,मेरा लन्द अब कडक हो चुका था और मै झड़ना नही मा को चोदना चाहता था क्योकि सुबह से दो बार मै मुह पेलाई से ही झड़ा था इसी लिये चुत की तलब ज्यादा थी । इसिलिए मैने मा को अलग किया और उठा कर मैने उनको लिटा कर झट से मैकसी कमर तक चढा दी ,,,मा की गदरायी जांघ के बीच उनकी चुत मेरे सामने थी ,,,और मै बेकाबू हो कर झट से मा की जांघो को चौड़ा किया और लपालप उनकी चुत पर जीभ से चाटने ल्गा ।

मा - इस्स्स्स आह्हह बेटा ये क्याआह्ज्ज उम्म्म्म्म्मफ्फ्फ उईई माआआह्ह्ह अस्स्स्स उम्म्ंमममं रुक्क्क जाआअह्ह मेरे लाल अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हाय्य्य खा जायेगा क्या आआ उम्म्ं इस्स्स्सी सीई उह्ह्ह

मैने मा की जांघो को थामे हुए तेज़ी से अपने होठो मे मा चुत के होठो को चुबला रहा था और बिच बिच मे उनकी गर्म चुत मे जीब को भी डुबो कर उपर की तरफ दाने के पास ले जाता ,,,जिससे मा और सिहर जाती ,, धीरे धीरे मा की ना ना , अब हा हा मे बदल गयी

मा - ह्य्य्य्य मेरे लाल और चुस आह्हह अह्ह्ज हा बेटा आह्हह और घुसा जीभ आह्हह अजज कितना मस्त चाट रहा है रे तू आह्हह इमम्म्ं
मै मा की चुत से उठ कर मा को देख्ते हुए - मा मुझे मौसी की चुत भी चाटनी
मा - आह्ह हा बेटा जिसका कहेगा उसकी चुत दिलाऊंगी तुझे ,,तु ही तो मेरा राजा बेटा है इस्स्स
इधर मै मसती से चुत चूसने मे मगन था और मा आंखे बंद कर सिसकियाँ ले रही थी।
करीब 5 मिंट की चुसाई से मा का जिस्म अब अक्ड्ना शुरू हो चुका था और मेरा लण्ड तो मा की आअहो से क्ब्से कडक होकर फुदक रहा था ,,,मै झट से उठा और मेरा खड़ा लण्ड मेरे झुलाते आड़ो के साथ मा के सामने था जिसे मा सर उठाए देखते हुए चुत को मसले जा रही थी और बेड पर चढ़ गया । मुझे लण्ड को गिला करने की जरुरत नही थी ,,,मा की चुत पूरी तरह से भीग चुकी थी मैने मा की जांघो को अपने कंधो पर डाला और लण्ड को उनकी चुत पर सेट करते हुए पुरा लण्ड एक साथ मा की चुत उतार दिया ।

मा - अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह लल्ल्ल्ल्लाआआआह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं बहुत गरम है रे तेरा लण्ड बेटा अब चोद दे मुझे रहम मत कर ,,,मुझे बहुत चुदना है आज्ज्ज और तेज अहह्ह हा आह्हह आह्हह
मैने तेज़ी से घ्प्प्प घ्प्प्प्प घ्प्प्प पुरा का पुरा लण्ड मा के चुत की जड़ो मे पेले जा रहा था और मेरा सुपाडा मा के चुत की दिवारो को रगडता हू गोते लगा रहा था । कुछ ही पलो मे मा की चुत ने मेरे धक्के के साथ पिचकारी छोडनी शुरु कर दी , क्योकि मा झडने लगी थी और मैने उसके जांघो को अपने कन्धो पर रख था तो सारा माल चुत मे ही भर रहा था,, जैसे ही मेरा लण्ड मा की गहराई मे जाता तो मा की चुत फचचचछ्चच्च की आवाज के साथ माल बाहर की तरफ उडेल देती

मा - आह्हह बेटा तेरे साथ तो झडने के बाद भी चुदने मे मज़ा आ रहा है ,,, आह्हह और पेल अपनी मा को और तेज पेल और चोद और चोद बेटा अह्ज्ज आह्हह आउर झड़ जा मेरी चुत मे अज्ज्ज और तेज और तेज
मै मा की कामुक बातो से जल्द ही पिघलने ल्गा और तेज़ी से धक्के मारने लगा और मा ने समझ लिया की मै भी जल्द से जल्द निकालना चाहता हू तो उन्होने ने वापस चुत से मेरे लण्ड को कसने लगी ,, फच्चफचच्च फच्च और थप्प त्प्प्प्प की आवाज से कमरा गुजने लगा
मा कमाल की औरत थी मर्दो को खुश करने के उसके पास नायाब तरीके थे ।
मा की चुत का मेरे लण्ड पर कसाव पडते ही मेरी उत्तेजना और बढ़ गई थी मेरा लंड अब लावे से भरने लगा जिससे मेरे नसो मे दर्द होने लगा ,, और मैने आखिरी कुछ धक्को का जोर मा की चुत मे लगाते हुए अपने सुपाडे को छेद मा की चुत के अंदर ही खोल दिया और थमते हुए धक्को के साथ मा की चुत मे झडने लगा ,, मेरी लण्ड का झड़ता हर झटका मुझे निढ़ाल किये जा रहा था और आखिरी बुन्दे मा की चुत की गहरायी मे गिराने के बाद मै उन्के जांघो को छोड दिया और मा के पेट पर ढह गया ।
मा मेरे माथे पर हाथ फेरने लगी । मेरी तेज सांसो की धक-धक से मा का पुरा बदन हिल रहा था । कुछ पल सांसे बराबर करने के बाद मैने मा के गाल पर किस्स किया और चुत से अपना सना हुआ आधा खड़ा लण्ड बाहर निकाला ,,, मा मे मुझे इशारे से अपने पास बुलाया और अच्छे से मेरे लण्ड को चाट कर साफ किया जिसमे उनकी खुद की चुत का स्वाद भी सामिल था ।
फिर हमने अपने कपडे सही किये और मा बाहर चली गयी ।
मै कुछ देर आराम करता रहा और मोबाइल को चार्ज मे लगा दिया । रात 9 बजे मेरी निद मा के जगाने से खुली तो मा मुस्कुराते बोली की चल खाना खा ले ।
फिर मै उथा और फ्रेश हुआ फिर मा मौसी गीता बबिता के साथ मै भी खाना खाने बैठ गया । मौसी नाना को खाना खिला कर दवा दे के सुला चुकी थी ।

फिर हम लोगो ने खाना खाया और फिर मा बोली - राज मै दीदी के साथ सोऊंगी आज ठीक है
मै प्लान के मुताबिक मुस्करा कर बोला - ठीक है मा कोई बात नही

इसी बीच गीता बोली - फिर हम दोनो भैया के साथ सोयेंगे हिहिहिही
मेरा माथा ठनका अरे यार इन दोनो को तो मै भूल ही गया अब कैसे क्या करू ,,, एक तरफ तो मोटी मोटी गदरायी रान्ड जैसी माल है जिनको एक साथ चोदने को मिलता पूरी रात
वही दुसरी तरफ गीता बबिता दो भुखी जवान बाकी चुत वाली हसीनये । मज़ा तो दोनो तरफ था लेकिन क्या करता । अब जो होता देखना ही था ।
फिर हमने खाना खाया और मै मोबाईल लेकर छत पर निकल गया टहलने ।
मोबाईल चेक किया तो देखा दीदी और कोमल दोनो के मिस्काल और मैसेज थे ।
फिर मैने पहले दीदी को कॉल किया । रिंग जा रही थी और दुसरे ही रिंग मे कॉल उठ गया । फोन उठते ही स्वागत तेज डाट से हुआ

फोन पर
दीदी - कहा था तू कबसे फोन लगा रही हू पता है ना परेसान हो जाती हू ,,,,तुझे तो मेरी फ़िकर ही नही हैं बस खुद मे मस्त है । मिल गयी होगी ना कोई वहा नयी । लगा रह तू उसी के साथ मै फोन रखती हू ।

दीदी ने एक साथ इतने सवाल दागे की क्या बोलता और बोलता भी कैसे जब वो बोल्ने का मौका देती तब ना

मै - अरे दीदी मोबाइल चार्ज मे लगा था और मै सो गया था ।
सॉरी ना प्लीज
दीदी - तुझे मेरी याद नही आती की शाम हो गयी है और दीदी से बात कर लू
मै - आती है ना दीदी लेकिन क्या करू आपसे बात करके और तडपता हू
दीदी - रहने दे तू फेक मत ,, अच्छे से जानती हू कि तू लपेटेने मे आगे है
मै - अच्छा वो कैसे
दिदि - हा तो लपेटा ही है ना मुझे ,, अच्छी भली मै अमन के साथ खुश थी , क्या जरुरत थी मुझे अपने प्यार का अह्सास दिलाने की
मै समझ गया दीदी भावुक है अभी - दीदी मै तो हमेशा आपको चाहता हू मेरी जानू दीदी,,,उम्म्ंंम्म्माआआह्ह्ह्ह्ह
दीदी - बस बस ज्यादा मक्खन ना लगाओ
मै - अभी कहा दीदी वो मिलने के बाद ही आपको मक्खन लगाउन्गा ना अच्छे से और आपके मलाई को भी चखना है अभी

दिदी - धत्त बदमाश बहुत पितुंगी तुझे ,,, मुझे समझ कर क्या रखा तुने ।
मै - अपनी माल हिहिहिहिही
दीदी - तू आ इस बार पितेगा मुझसे

दीदी - चल मै रखती हू सबको खाना देदू
मै - ठीक है दीदी लव यू
दिदी हस्ते हुए - हा लव यू टू मेरे भाई बाय ।


फिर मै हस्ते हुए फोन रख दिया और चैन ही सास ली ।
फिर मुझे कोमल का ध्यान आया तो उसे भी कॉल किया लेकिन उसने कॉल कट कर दिया ।
मुझे ल्गा शायद कोई रहा होगा साथ मे इसिलिए बात नही कर रही है । फिर मै मोबाईल मे एक भोजपुरी गाना चालू करके टहलने लगा ।
मै टहल ही रहा था की मैसेज की एक बिप आई जिससे गाना रुक कर प्ले हुआ ,,फिर मैने मोबाइल देखा तो कोमल का व्हाटसअप पर मैसेज था ।

कोमल - अरे यार मै वॉशरूम मे हू अभी बात करती हू
मुझे कोमल का मैसेज देखकर एक शरारत सुझी तो मैने तुरंत एक वीडियो कॉल किया जिसे उसने तुरन्त काट दिया ।
मैने तुरंत उसे हसने वाली एमोजी सेंड कर दी । बदले मे कोमल ने गुस्से वाली इमोजी सेंड की ।

मै - क्या यार कबसे कर क्या रही हो वॉशरूम मे
कोमल - तुमसे मतलब
मै - हा दोस्त हू अगर कोई मेरे दोस्त को परेशानी होगी तो मुझे भी तकलीफ होगी ना
कोमल - हा लेकिन मुझे तुम ही परेशान कर रहे हो फिल्हाल ,,
मै - ओह्ह सॉरी अब कभी नही करूंगा तुम खुश रहो

और फिर डाटा बंद कर दिया करीब 5 मिंट बाद ही कोमल का कॉल आया
फोन पर -
कोमल - यार तुम तो बुरा मान गये
मै - मै क्यू बुरा मानू, मै हू कौन
कोमल हस्ते हुए - अच्छा सॉरी बाबा माफ कर दो
और बताओ डिनर हुआ
मै -हा मेरा हो गया और तुम्हारा
कोमल - हा खाया भी और पचाया भी हिहिहिही
मै - ऐसा क्या खा लिया जो पचा नही
कोमल - वो केले की सब्जी बनी थी
मै - अच्छा तो केला बहुत पसंद है तुम्हे क्या
कोमल - हा उतना नहीं कभी कभी खा लेती हू
मै - कभी कभी या रोज हिहिहिह
कोमल - नही यार एक ही सब्जी कौन रोज रोज खाता है
मै - अरे मै सब्जी की नही केले की बात कर रहा हू हाहाहाहा
कोमल हस्ते हुए - मै समझ रही हू तुम कहा से बोल रहे हो ,,,, मिलो अगली बार बताती हू तुम्हे अच्छे से
मै - क्या समझ रही हो जरा मुझे भी समझाओ ना
कोमल हस्ते हुए - राज अब बस करो यार मै एक लड्की हू कुछ तो लिहाज करो
मै - तो मैने क्या गलत बोला
कोमल - क्यू तुमने नही अभी कहा की कभी कभी या रोज खाती हो केला
मै - हा इसमे क्या गलत है बताओ जरा
कोमल हस्ते हुए - चुप रहो तुम मै सब समझती हू , तुम बस दिखने मे सीधे और अंदर से कुछ और ही हो
मै - अजीब है यार तुम क्या बात कर रही हो मेरी समझ से बाहर है
कोमल - हा हा तुम्हे क्यू समझ आयेगा , मज़े लेकर बात घुमा दिये ना
मै - कोमल सच मे मै नही समझा की तुम क्या कहना चाहती हो
कोमल - क्या सच मे नही
मै - हा यार
कोमल - ठीक है फिर जाने दो हिहिहिही
मै - नही बताओ पहले
कोमल - अब जाने भी दो
मै - ऐसे कैसे ,, ना जाने तुमने क्या समझ कर मेरे बारे गलतफहमी पाल ली उसे दुर करना जरुरी है ,,बताओ क्या बात है
कोमल - सॉरी राज वो जब तुम मुझसे पुछे की तुम कभी कभी केला खाती हो या रोज । तो मुझे ल्गा की तुम मुझसे मज़ाक मे वो सब बाते करना चाहता हो
मै - कैसी बात बताओ
कोमल - अरे वही सेक्स से जुडी
मै - हा हा हा हा हा हा ,,,, अरे पागल अगर मुझे अपने दोस्त से सेक्स की कोई बात करनी होगी तो मै सीधा नही कहुन्गा ,,, तुमसे क्या शर्माना हीहीहि
कोमल हस्ते हुए - धत्त पागल,,, तुमको नही आयेगी लेकिन मुझे आयेगी ना ,मै लड्की हू ना
मै - हिहिहिहिही क्या यार तुम भी ये सब बातें दोस्तो मे कामन है इसमे शर्माना कैसा

कोमल - फिर भी यार
मै - अच्छा मान लो तुमको बुखार हुआ तो क्या मुझे अपनी प्रोब्लम नही बताओगी
कोमल - हा क्यू नही
मै - ठीक वैसे ही बॉडी के बाकी पार्ट से जुडी बाते करने मे क्या शर्म
कोमल - ठीक है बाबा ठीक है ,,अब बस करो बहुत हुआ ज्ञान , तुमको जो करना करो मै चली
मै - किधर
कोमल - अरे यार सोने कबसे छत पर आई हू टोइलेट के लिए मा पुछने लगी तो हिहिहिही
मै - हा ठीक है चलो बाय गूड़ नाइट
कोमल - हा गूड़ नाइट

फिर मै हस्ते हुए थोडा देर टहला और फिर वापस निचे चला आया ,,, किचन मे देखा तो कोई नही था ।
फिर शायद सब कोई काम खतम करके अपने अपने रूम मे चला गया होगा तो मै भी अपने कमरे मे गया तो वहा कोई नही था ,,,
सोचा ये गीता बबिता तो आज मेरे साथ ही सोने वाली थी कहा गयी ,, कही अपने कमरे मे ना हो । फिर मै उनके कमरे की तरफ चला गया जो गेस्टरूम के बगल मे था ।
कमरा अंदर से बंद था तो मैने खटखटाया , अन्दर से तेज़ी और हडबडी जैसी आवाजे आई और 2 मिंट बाद बबिता ने दरवाजा खोला

बबिता - अरे भैया आप हो
मै बबिता के ऐसे सवाल से हैरान हो गया
मै - हा क्यू ,, क्या हुआ मै नही आ सकता । ये दरवाजा क्यू लेट खोला सो गयी थी क्या
बबिता मुझे अन्दर खीचकर दरवाजा बन्द की
बबिता - अरे भैया वो हम लोग वो शाम वाला खेल खेल रहे थे ना , तो मुझे लगा बुआ लोग तो नही न है इसिलिए थोडा टाईम लग गया कपडा पहनने मे हिहिहिही
मुझे आभास हुआ ये दोनो सेक्स की ओर कुछ ज्यादा ही उतेजीत है और मज़े लेने का चस्का जोरो पर है । क्या अभी इन दोनों को लण्ड का च्स्का लगाना ठीक रहेगा ?? ,, कही नादानी मे कोई गलती कर बैठी तो ,,,नही नही मै ये रिस्क नही ले सकता अभी इनके लिए यही मज़े ठीक रहेंगे और धीरे धीरे आगे बढ़ने से ही सही भी होगा । लेकिन उससे पहले इनको अपने हिसाब से समझा बुझा कर ही रखना होगा ताकि कोई बाहरी इनकी बेकाबू खिलती जवानी के रस को निचोड ना ले और मुझे घन्टा कुछ ना मिले ।
मै इसी सब मे खोया था कि बबिता ने मुझे हिलाया
बबिता - क्या हुआ भैया क्या सोच रहे हो
मै - हा हा ,, गीता कहा है लेकिन
बबिता - अरे वो नंगी ही थी बिस्तर के निचे घुस गयी है ,,,गीता आजाओ बाहर वो भैया आये है और कोई नही हिहिहिहिही

तभी गीता बेड के निचे से निकाली उसकी झुल्ती आम जैसी मुलायम गोरी चुची को देख कर उत्तेजित होने लगा और लण्ड टनाटनाने लगा ।

गीता - अरे भैया आप आ गये चलो हम सब मिल कर मस्ती करते है
मै - नही आज कोई मस्ती नही होगी
गीता बबिता का चेहरा उतर गया एकदम
मै - देखो गुडिया मीठी ध्यान से सुनो , ये खेल बड़ो का है और अभी तुम दोनो छोटे हो तो रोज रोज नही खेल सकते नही तो तबीयत खराब हो जायेगी

बबिता - वो कैसे भैया हमे तो मज़ा आता है
मै - अच्छा मज़ा आता है लेकिन जब चुत से वो पानी निकलता तो थक भी जाते हो ना बहुत

गिता - हा भैया और जांघ भी दर्द करता है

मै - हा वही और अगर डॉक्टर के पास गये तो उसे पता चल जायेगा कि तुम लोग कैसे बीमार हुए हो । फिर वो मामा मामी को बता देगा की तुम लोग कैसे बिमार हुए फिर तुम ही सोचो वो लोग कितना पीटेंगे तुम दोनो

गीता - तो क्या हम लोग नही खेलेंगे अब ये ,
बबिता - हा भैया कितना मज़ा आता था इसमे
मै - खेलो लेकिन हफ्ते मे जब छूटी का दिन हो तब , जैसे रविवार को या कोई त्योहार का छुट्टी हो तब समझे
गीता बबिता खुश होते हुए - जी भैया थैंक यू

मै - चलो अब तुम कपडे पहन लो मीठी आज रात मै तुमको कुछ सिखाने वाला हू
गीता - क्या भैया
मै - वही जो खेल है वो कैसे कैसे सही तरीके से खेल सकते हो
बबिता - ठीक है भैया
फिर गीता ने अपने कपडे पहने और हम लोग एक साथ बिस्तर पर चले गये ।
फिर मैने उनको डाउनलोड की हुई पोर्न वीडियो दिखाई जिसमे लण्ड चूसने के तरीके , कुछ लेसबन वीडियो थे जिसमे दो लडकिया आपस मे एक दुसरे के बदन के खेल्ती है ।
इस दौरान मै बहुत उत्तेजित होता रहा और गीता बबिता पर भी वीडियो का नशा था लेकिन मेरे सामने उन लोगो ने भी खुद को रोका ।
ऐसे ही करीब एक घन्टा समय बीता और वो दोनो मेरे उपर ही सो गयी । फिर मैने उन दोनो को सुला कर मोबाइल लिया और निकल गया मौसी की रूम की तरफ ।


देखते है दोस्तो आगे क्या होने वाला है ।
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
 
OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 44

मै गीता बबिता को सुला कर मौसी के रूम की तरफ निकल गया । मौसी का रूम हमारे रूम के बगल वाला ही था और प्लान के मुताबिक मा को जैसा बोला था दरवाजा खुला छोडने को वो वैसे ही था ।

जैसे ही मै अपने कमरे के पास पहुचा तो मौसी के कमरे के अंदर से कमरे की लाईट की हल्की रोशनी दरवाजे और गेट के गैप से बाहर की तरफ आ रही थी ।
जैसे जैसे मै कमरे की तरफ जा रहा था वैसे वैसे मुझे कुछ खुसफूसाहट की आवाजे आ रही थी । अब मैं कमरे के दरवाजे तक पहुचा और कान उस गैप मे लगा के सुना तो हल्की सिसकियाँ आ रही थी । मेरे चेहरे पर एक कातिल मुस्कान आई और मै घूटनो के बल बैठा फिर हल्का सा धीरे धीरे से दरवाजा और खोला,,,,

अहाआ कमरे मे मेरे और मा के प्लान के हिसाब से ही सारा काम चल रहा था,, मा ने मौसी को पूरी नंगी कर उनकी चुत मे मुह डाले चाट रही थी और वो खुद भी नंगी थी ,,, उनकी गाड़ फैल कर मेरे सामने दिख रही थी , मा की जन्घे और वो हल्के बालो वाली चुत अह्ह्ह देख कर ही लंड खड़ा था वही मौसी बेड पर लेती हुई अपनी चुचिया मिजते हुए सीसक रही थी।
ये देख कर उत्तेजित हो गया था मै पूरी तरह से । तो मैने जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाले और मोबाईल का रिकॉर्डिंग ऑन किया और धीरे से कमरे मे गया ,,,, फिर मा और मौसी के बगल मे खड़ा होकर रिकॉर्डिंग करते हुए लण्ड हिलाने लगा ।

जैसे ही मौसी की नजर मुझ पर पडी तो जो उन्होने बोला उससे मै चौक गया ।

मौसी - आह्ह्ह आ गयाआआ बेटा अह्ह्ह कहा था इतनी देर अह्ह्ज
मुझे शौक लगा कि मै तो यहा एक नाटक करके बिना बताये सबको अपने प्लान मे मिलाना चाहता था,, मतलब मा ने मेरा प्लान मौसी से शेयर कर दिया और मौसी ने हमारी बाते मा को बता दी होगी ।

मौसी - अरे सोच क्या रहा है बेटा , छोटी ने मुझे सब बता दिया और मै भी उसे हमारे बारे मे ,,,,हम एक दुसरे से कुछ नही छिपाते सीई श्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं

मा मौसी के चुत से अलग होती हुई बोली - तू क्या सोच रहा था कि तू नही बतायेगा तो मुझे पता नही चलेगा
मै - सॉरी मा
मा - अरे मै नाराज नही हू बेटा

अब मुझे थोडा हल्का फुल्का मह्सूस हुआ । अब भी मेरे एक हाथ मे मोबाइल और दुसरे हाथ मे लण्ड थामे हुए था

मौसी - अब क्या वीडियो ही बनाएगा
मै - हा आज पूरी वीडियो ब्नाते हुए सब करना है
मा - किसको दिखायेगा
मै - आप दोनो ,,,की लण्ड चुसते हुए दोनो किसी रन्डी से कम नही लगती हो


मा शर्माते हुए - धत्त बदमाश अपनी मा को रन्डी बोल रहा है
मै - पापा भी तो आपको चोदते समय बोल्ते है ना
मा बिस्तर पर बैठे बैठे एक हाथ आगे कर मेरे लण्ड को थामा और चमडी को आगे की तरफ खीछते हुए बोली - अच्छा और क्या बनाना चाहता है तू मुझे हा

मै मा के हाथ का स्पर्श अपने लण्ड पर पाकर सिहर उठा- अह्ह्ह मा उम्म्ंम्ं
मा - बोल ना मेरे राजा क्या क्या बनाना चाहता है तू अपनी मा को ,,मा लगातार लण्ड को आगे की तरफ खिचे जा रही थी ।

मै - हा मा मेरे बहुत सारे अह्ह्ह्ह आराम से मा इसस्स्स्स उम्म्ंम्ं मेरे बहुत सारे सपने है आपको लेके

मा ने वापस चमडी को पीछे सुपाडे से पीछे किया ,,,सुखी चमडी पीछे जाने से हल्का दर्द हुआ मुझे और मेरी अह्ह्ह निकल गयी

मा ने चमडी को पीछे कर सुखे सुपाडे के सिरे को अपने अंगूठे से सहलाते हुए बोली - बता ना बेटा क्या क्या सपना है तेरा
मै - सीईई अह्ह्ह मा वो मै मै अह्ह्ह उम्म्ंम
मा - हा बोल न बेटा , मा मेरे सुपाडे को अपनी हथेली मे घूमाते हुए बोली , मुलायम लेकिन खुरदरी हथेली का स्पर्श अपने सुपादे पर पाते ही मेरा रोम रोम सिहर गया
मै - अह्ह्ह इमम्म्ं उफ्फ्फ्फ मा मुझे आपको ना अह्ह्ह आपको ना पापा के अह्ह्ह उह्ह्ह्ह ऊहह अह्ह्ह मा मुह मे लेलो ना क्यू तडपा रही हो अह्ह्ह

मा मुस्कुराई और मुझे लण्ड से पकड कर आगे खीचा और जीभ निकाल कर मेरे सुपाडे को चाटा और फिर दोनो होठो से उसको अच्छे से चुबलाया और फिर मुह खोल कर आधा लण्ड मुह मे ले लिया ,,,

अह्ह्ह्ह एक सुकून सा मिला मा के मुह मे लण्ड जाते ही और मै इस दौरान लगातार मोबाइल चालू किये रिकॉर्डिंग कर रहा था ,, इधर मा ने मेरे लण्ड को चूसना सुरु कर दिया जिससे उनकी नंगी चुचिया हिलने लगी ,,,वही मैने जब कैमरा मौसी की तरफ किया तो देखा मौसी अपनी चुचो के दोनो घुंडीदार काले निप्प्ल को पकडे घुमा रही थी और आंखे बंद किये सिस्क रही थी ।

मै - अह्ह्ह मा उम्म्ंम उद्फ्फ क्या मस्त चुस रही हो जैसे कोई अह्ह्ह कोई रन्डी चुस रही हो आह्ह उम्म्ंम

मै - मौसी आप भी आओ ना चुसने अह्ह्ज उम्म्ंम उफ्फ्फ
मेरी बात सुन कर मा मुह से लंड को बाहर निकालते हुए बोली - हा दीदी अप भी आओ ना

मौसी उठी तो उनकी मोटी मोटी थन वाली चुचिया लटक गयी आह्ह मन तो कर रहा था की दोनो को लिटा कर खुब चुसू उनकी चुचिया

फिर मौसी मुस्कुराआते हुए मेरे पैरो मे बैठ गयी और उपर मोबाइल के कैमरा मे देख्ते हुए अपनी दोनो चुची को हाथो मे उठा कर हिलाते हुए दिखाने लगी ।

मै - आह्ह मौसी सच मे आप तो एक नं की रन्डी हो
उधर मा भी निचे आकर मौसी को देख अपनी चुचियो को हाथ मे उठा कर हिलाते हुए उपर देखने लगी

अह्ह्ह क्या सिन था ,,,जैसे कोई पोर्न वीडियो की शूटिंग चल रही थी और मेरी दोनो गदरायी रन्ड़िया किसी पोर्नस्टार से कम नही लग रही थी ।
मैने भी कैमरा चालू किये ही अपना लण्ड आगे किया
मा और मौसी दोनो ने अपनी चुचियो को मसलते एक साथ अपनी जीभ को बाहर निकाल कर मेरे सुपाडे को दोनो तरफ से चाटा और मेरे सुपाडे पर जीभ घुमाने लगी ,,,दोनो के जीभ आपस मे रगड़ कर मुझे और उत्तेजित करते । जल्द ही मेरा लंड गिला होने लगा क्योकि एक तरफ जहां मौसी ने मेरे लण्ड को मुह भर लिया था वही मा ने मेरे आड़ो को चाटने लगी

एक साथ हुआ ये हमला मुझे कमजोर किये जा रहा था और मेरे पैर काप रहे थे ।
मै - मा मै गिर जाउगा ऐसे अह्ह्ह इमम्म्ंं उम्म्ंम

मौसी लण्ड मुह् से बाहर निकाल कर बोली बेटा तू सोफे पर बैठ जा

मै भी खुश हुआ और जल्दी से पीछे सोफे पर जांघो को फैला कर बैठ गया और वो दोनो हसिनाये अपनी चुचियो को झुलाती हुई बिल्ली बनी घुटनो के बल चलते हुए मेरे जांघो के बीच मे आ गई । फिर दोनो ने एक एक हाथ मे मेरे लण्ड को थामा और मुह से मेरे लण्ड पर थूक की लार गिराने लगी

मै ये नजारा पहले ही मा के साथ देख चुका था लेकिन मौसी और मा को एक साथ ऐसा करते देख कर उत्तेजित हो गया मेरा लंड और कडक हो रहा था ,,,जैसे लार मेरे लण्ड के सुपाडे पर गिरती दोनो अपने हाथ से उसे अच्छे से लण्ड पर लीपती थी । मेरा लण्ड अब बहुत ही उत्तेजना से भर गया था लेकिन इन दोनो को रहम कहा
ये उसे आपस मे मुस्कुराते हुए हिलाये जा रही थी
फिर मा झुकी और पहले मेरे लण्ड को चूसा और फिर वापस मौसी की तरफ लण्ड किया , मौसी ने भी लण्ड गले तक लिया और मुह मे बनी लार को वापस लण्ड पर उडेल दिया जिसे मा ने अच्छे से आड़ो तक मल रही थी ।
इस दौरान मै लगातार आहे भरते हुए वीडियो बनाये जा रहा था ,,, सच कितनी चुद्क्क्ड बहने थी दोनो ।
दोनो ने अच्छे से भर भर कर मेरे लण्ड को चूसना सुरु कर दिया और मेरे लण्ड की नशे फटने को आ गयी
कभी मा मेरे लण्ड को चुस्ती तो मौसी मेरे आड़ो को
तो कभी मौसी मेरे लण्ड को चुसती तो मा मेरे आड़ो को
इसी दौरान मेरे लण्ड मे खुन भरने और सुपादा पूरी तरह से लाल होने लगा मुझे आभास होने ल्गा की मै जल्द ही झड़ जाऊंगा ।

मै - अह्ह्ह मा उह्ह्ह मौसी उम्म्ंम्ं और चुसो औह्ह्ब निकलेगा मेरा अह्ह्ह्ह औम्म्ंंं औह्ह्ह और और और हा अहा हा हा ऐसे ही मेरी रन्डीयो अह्ह्ह

जैसे ही मेरे मुह मे दोनो ने सुना की मै झडने को हू दोनो एक साथ मेरे आड़ो पर हमला किया और दोनो बॉल को मुह मे लेके चुसते हुए मेरे लण्ड की चमडी को तेज़ी से उपर निचे करने लगी ,,,ये मेरे लिये एक नया और अत्यंत हवस से भरा कामुक अह्सास था जल्द ही मेरे सुपाडे ने बीर्य को उगल्ना सुरु कर दिया तेजी मेरा गर्मा गर्म माल लण्ड के सुपाडे से निकल कर बहने ल्गा और दोनो के हाथ से रिस्ते हुए मेरे आड़ो तक जाने लगा ।वीर्य निकल्ते ही मै निढ़ाल हो गया लेकिन मोबाइल को कोसिस करके अच्छे से थामे रहा
यहा मा और मौसी मेरे वीर्य निकल्ते हुए वीर्य भुखी रन्ड़ियो के जैसे टुट पडी। मा ने जहा झट से मेरे सुपाडे को मुह मे भर लिया वही मौसी मेरे आड़ो और लण्ड के बाकी हिस्से पर रिस्ते गर्म वीर्य को चाटने लगी
जल्दी ही मा मेरे लण्ड से अलग हुई तो मौसी ने सुपाडे को सुरुरना चालू कर दिया लेकिन तब तक मा ने मेरे माल को अपने मुह मे भर लिया जो उन्के होठो से रिस रहा था ,,जिसे देख कर मौसी मा पर झपती और उन्के मुह मे जीभ डाल कर अपने मुह मे माल लेने लगी । दोनो एक दुसरे के मुह से वीर्य का लेन देन करने लगी ।अच्छे से एक दुसरे को चाटना शुरु कर दिया और एक दुसरे को मसलने लगी थी ।

यहा बैठे हुए मै ये नजारा देख कर ताजुब मे था की दोनो एक दूसरे से कितना खुल कर है और एक दुसरी को अच्छे से मज़े देने लगी । ये सब देख कर मै खड़ा हुआ और मोबाईल को एक जगह सेट कर दिया और उन दोनो के पास चला गया


To be continue in next update.
 
OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 45

एक तरफ मा और मौसी दोनो आपस मे एक दुसरे को चूसना मस्लना फिर सुरु कर चुकी थी
वही ये सब देख कर मै दुबारा उत्तेजित होने लगा । मा और मौसी के हवस मे एक अलग ही जोश था ।
फिर मेरी नजर मौसी की विशाल गाडो पर गयी जो अपने दोनो मोटे मोटे पाटो को हिलाते हूए मा के बदन को मले जा रही थी ।
मै उठा और मोबाईल को एक अच्छी जगह सेट कर दिया जहा से पूरी रिकॉर्डिंग हो सके और खुद मौसी के पीछे चला गया ।
मौसी और मा अभी भी घुटनो के बल खडे खडे एक दुसरे से चिपकी हुई आपस ने चूम रही थी ।
मै पीछे से मौसी के कंधो के निचे हाथ डाल कर उनको खडा किया और फिर बाये हाथ से उनकी पीठ को थामा और मौसी का दाहिना हाथ अपने कन्धे पर रख कर उनके सामने आ कर झुक कर एक चुची को उठाया और जीभ निकाल कर उसे चाटते हुए मुह मे भर लिया ।
मौसी - उह्ह्ह्ह लल्ला अह्ह्ह इस्स्स अह्ह्ह काट मत आराम से अह्ह्ह

फिर मैने एक चुची को मुह मे भरे हुए दाये हाथ से उनकी दाई जांघ को सहलाने लगा वो और ज्यादा सिहर उठी ,,, और इसी बिच मा ने भी मौसी को उनकी बाई तरफ जकड़ कर उनकी चूची पर हमला करते हुए अपने बाये हाथ से मौसी की चुत को मस्लने लगी ।

अब मौसी की दोनो चुचिया मै और मा मिल कर जोर जोर से चुस रहे थे ,,मा तो मुह मे निप्प्प को भर कर ऐसे पीछे होती की मौसी दर्द से तडप जाती थी। मा जहा मौसी की चुत कुरेद रही थी वही मै अपना जो हाथ मौसी के पीठ पर रखा था उसे मौसी की उठी हुई भारी भरकम मोटे मुलायम गाड़ की दरारो मे ले गया और बिच वाली लंबी उंगली से उसी दरार मे रगड़ने ल्गा

मौसी - अह्ह्ह्ह उफ्फ़द्द मज़ा आ गया रे अह्ह्ह और मसलो मुझे और रगडो ,,,आज बहुत दिन बाद 4 4 हाथो का सुख मिल रहा है ,,,ये बात मेरे और मा के सर को अपनी चुची पर दबाते हुए बोली ।

मौसी - उह्ह्ह्ह अह्ह्ह
फिर मै मौसी से अलग हुआ और एक किस्स उन्के मोटे मोटे होठो पर किया और फिर एक हाथ से मा की बाई चुची को हथेली से सह्लाया जिससे मा सिहर कर मौसी से अलग हो गयी और मैने मौसी को उन्के हाथो के बल बिस्तर पर घोड़ी बना दिया और खुद घूटनो के बल आ कर अपना मुह मौसी के मोटे चुतडो मे दे दिया ।
मैने मौसी के मोटे मोटे भारी मूलायम पाटो के फैलाते हुर उनकी गाड़ की छेद से लेकर उपर के सिरे तक दरारो के बिच में अपनी जीभ से गिला करने लगा ,, और मौसी की गाड़ के छेद को जो उन्के सास लेने के अनुसार खुल बंद हो रही थी उसपे जीभ को नुकीला करके चातने ल्गा ,,,जैसे कोई कुत्ता अपनी कुतिया की गाड़ को सूंघ कर ल्पालप चाटता है वैसे

मौसी - अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फ्फ सीई इस्स्स उईई माआआआ हह उम्म्ंम्ं क्याआह क्याआ कर आह्ह सीई उम्म्ं क्या कर रहा है बेटा उम्म्ंम बहुत म्ज़ा आ रहा है

मै इधर मौसी के गाड़ के साथ लगा इसी बीच मुझे मा की परछाई कुछ पल के लिए मेरे बगल से हटी मह्सूस हुई और फिर वापस भी
जैसे ही मैने नजर उठा कर देखा तो मा भी मौसी की तरह घोड़ी बनी हुई थी और मेरे तरफ उम्मीद भरी नजरो से देख रही थी,,,मैने भी एक जोरदर किस्स मौसी की गाड़ पर किया और एक जोर की चपट उनकी गाड़ पर मारते हुए उठ गया

मौसी की गाड़ लाल हो गयी और वो तेज से सीसक उठी
मौसी - आह्ह बेटा मार क्यू रहा है
लेकिन तब तक मै मौसी के बात का जवाब देने के हालत मे नही थी क्योकि मै मा के गाड़ के निचे बैठ कर उनकी चुत से लेकर गाड़ के छेद तक चाटने ल्गा था
और मेरा जवाब मा ने अपनी गाड़ को मेरे मुह पर हिलाते हुए सिस्क कर दे दिया था

मा - अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम हा बेटा और चाट और और और ह हा आह्ह इस्स्स्स उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ और चाट अपनी मा की गाड़ और

मै ल्पालप अपने थूक से मा के गाड़ के भूरे छेद को चाटे जा रहा था और बिच बिच मे उनकी पानी छोड़ती चुत को चाट लेता ,,,,
अब मुझसे रहा नही जा रहा था तो मै ख्दा हुआ अपने दोनो हाथो से मौसी और मा के गाड़ को सहलया और दोनो के पाटो पर एक एक चटप लगायी जिससे दोनो पानी से भरे गुब्बारे जैसे हिलने लगे ,,और दोनो की सीसकिया भी
फिर मैने दोनो के चुत को अपने मूठ्ठी मे भरा और सहलाने ल्गा वो दोनो और ज्यदा आह भरने लगी ।
मै झट से लण्ड को पकड़ा और गप्प से मौसी की मोटी गाड़ को पकड कर पुरा लण्ड एक जोर कर धक्का ल्गाते हुए उनकी चुत के उतार दिया ,,,,चुत इतनी गिली थी और अंदर आधी माल से भरी थी की मेरे लण्ड अंदर जाते ही मौसी की चुत ने बाहर की तरफ सारा माल उडेल दिया और खुद मौसी तेज अह्ह्ह लेने लगी क्योकि मैने तेज़ी से शॉट लगा रहा था ,,,, मेरा जोश मौसी की भारी मोटी चुतडॉ को देख और जोश दे रहा था और जोश मे मै तेज़ी से उनकी गाड के पातो पर थप्पड़ लगाते हुए तेज़ी से कमर आगे पीछे कर रहा था ,,,
मेरी जान्घे मौसी की मोटी जाघो से टकरा कर थ्प्प्प थ्प्प्प थप्प थप थप थप थप थप थप थप और उधर मौसी की तेज अह्ह्ह आह्ह उफ्फ्फ्चंंंंं इस्स्स्स हाह मा उफ्फ्फ बेटा फाड देगा क्या अह्ह्ह मज़ा आ रहा है ,,,मै तो हमेशा चाहती हू कोई मुझे ऐसे जोरदार तरीके से रन्दी बना कर मुझे पेले अह्ह्ह और चोद बेटा और चोद अह्ह्ह्ह

इधर मै मौसी को जोरदार तरिके से चोदे जा रहा था वही मा अपनी गाड़ उपर किये अप्ने एक हाथ से चुत सहला रही थी ।मैने भी अपने मुह से थूक को हाथ मे लिया और मा के गाड़ की छेद पर मल कर उनकी गाड़ के अपना अंगूठा पेल दिया और लण्ड के लिए जगह बनाने ल्गा ,,इधर मा के गाड़ मे व्यस्त होने से मेरे धक्के मौसी की चुत मे हल्के होने लगे तो वो खुद मेरे लण्ड पर अप्नी गाड़ पीछे फेकते हुए चुत मे तेज़ी से लण्ड लेने लगी और झडने लगी

मौसी - अह्ह्ह अह्ह्ह औह्ह्ब चोद दे बेटा निकल रहा है अह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम मा उफ्फ़ अह्ह्ह यहा मौसी झडने लगी वही मैने झट से लन्ड़ को बाहर निकाल कर मा के चुत मे घुसा दिया ,,, और उनकी गाड़ के पाटो को फैलाये तेज़ी से पेलने लगा । वही मौसी वैसे ही गाड़ उठाए बिस्तर पर पसर गयी ।

मा - अह्ह्ह्ह्ह्हा हहहह अह्ह्ह्ह अह अह हहह हा हा बेटा और तेज और तेज्ज़ इमम्म्ं उम्म्मफ्फ्फ उफ्फ़ उई औउर तेएज़्ज़जज़ औउउर्र्र तेज्ज़्ज़्ज़ अह्ह्ह उम्म्ंम बस चोदता जा ,,,बहुत म्ज़ा अता है तुझ्से चूदवा कर

मै - हा मा मुझे भी बहुत म्ज़ा आता है अपनी रन्ड़ि मा को चोदने मे अह्ह्ह मा क्या गरम चुत है ,,,, मै क्ब्से आपको कुतिया बना कर चोद्ना चाहत था ,,,अह्ह्ह मा
मा - उह्ह्ह अह्ह्ह हा बेटा चोद ले अपनी मा को जो बना के पेलना हो पेल ,,,,, मै कुतिया ही हू बेटा अह्ह्ह्ह अह्ह्ज और चोद अप्नी मा को और चोद

मै मा की बातो से और उत्तेजित होने लगा - हा मा तू मेरी कुतिया है ,,,आह्ह ले सालि कुतिया और ले और ले रन्ड़ि
मै तेज़ी से मा को गाली देते हुए गाड़ मे पकड कर चोदे जा रहा था

मा - अह्ह्ह आह्ह हा बेटा और चोद अपनी रन्दी मा को बहुत मज़ा आ रहा है
मै - बहुत म्ज़ा आ रहा है ना मा ,,मै तुम्को और म्ज़ा देना चहता हू मेरी कुतिया
मा - अह्ह्ह अह्ह्ह तो दे ना बेटा अज्ज्ज अह्ह्ह्ह ऐईईई उईई आह्ह ब्ता ना कैसे देगा

मै - मै तुझे पापा के सामने चोदना चाहता हू मा अप्नी रन्दी बना कर
मा - अह्ह्ह्ह आह्ह हा बेटा क्यू नही अह्ह्ह
मै - मै पापा के साथ मिल कर अपनो चोद्ना चाहता हुआ अह्ह्ह

मा - अह्ह्ह अह्ह्ह हा बेटा मुझे भी लेना तुम दोनो का लण्ड एक साथ

फिर मैने मा के चुत से लण्ड निकाला और उनको सीधा पीठ के बल लिता दिया और उन्की जांघो को फैला कर गप्प गप्प ह्प्प तेज़ी से मा की चूत मे पेलने लगा ,,,मा एक बार झड़ चुकी थी
मै मा की तरफ झुक कर उनकी दोनो चुचियो को थामे उन्के होठो को चुसते हुए चोदने ल्गा

मा - अह्ह्ह बेता और चोद भोस्डा ब्ना दे मेरी चुत का आह्ह अह्ह्ह
मै - हा मा उफ्फ़ ले मा और ले अह्ज बहुत चुद्क्क्ड है तू सली छिनाल और ले अपने बेटे का लण्ड और्र ले अह्ह्ह्ह

इधर मै मा को चोद रहा था कि मुझे मौसी की सिसकी भी आने लगी तो मा के बगल मे बैठ कर जान्घे खोले वापस से अपनी चुत को मसल रही थी

मै - क्या हुआ मौसी अभी भी लेना है क्या
मौसी - हा बेटा जिस जोश से तू अप्नी मा को चोद रहा है मुझे भी चोद दे ना
मा - अभी चुद लेना दीदी ,,,मेरा होने वला है राज जल्दी कर रुक मत
मै - मा मेरा भी आयेगा माआ ह्ह्ज अह्ह्ह अह्ज
मैने अपने धक्के तेज किये वही मा ने मेरे लण्ड को कस्ना चालू कर दिया और कुछ ही धक्को मे मै और मा दोनो साथ मे झडने लगे

मै - अह्ह्ह अह्ह्ह मा मेरा निकल रहा है अह्ह्ह आह्ह
मा - हा बेटाआआह्ह मेराआ भीई अह्ह्ह उम्म्ंम और मा गाड़ पट्क्ने लगी
हम दोनो झड़ रहे थे और वही मौसी भो तेज़ी से हाथ चलाते हुए चुत बहाने लगी ।
मै निढ़ाल होकर मा के उपर ही गिर गया और हम दोनो हाफने लगे ।
फिर मै थोडी देर बाद उठा और मोबाइल लेकर वापस बिस्तर पर आकर दोनो के बीच ले गया

मौसी - बेटा हो गया गया क्या रिकॉर्डिंग
मै मौसी के गाल खीचते हुए - हा मौसी देखोगी आप दोनो
मा शर्माते हुए - धत्त पागल मै देखूँगी हीहीहि
मै वीडियो ओपेन करते हुए - अरे मा देखो ना कैसे तुम दोनो पोर्नस्टार के जैसे मेरे लण्ड को चूस रही हो देखो ना
मा मुह पर हाथ रख हस्ते हुए - धत्त कितनी मोटी लगति हू मै देख
मै - मा मोटी नही हो आप एक मस्त गदरायी हुई माल हो
मौसी - और क्या हम दोनो किसी हीरोइन से कम है
सड़क पर चले साथ मे तो बुढे भी लण्ड झाड़ ले हाहाहाहाहा
मा - क्या दीदी आप भी
मै - और क्या मा आप किसी रन्दी से कम थोडी हो
ऐसे मोटे मोटे दूध और इत्नी मोटी घोड़ी जैसी गाड़ कितना मज़ा आया आज आप दोनो को चोदने मे

मा - हा सच बेटा आज जैसा मज़ा मुझे कभी नही आया
मैने मा की चुचियो को दबाते हुए - कहो तो फिर से एक राउंड हो जये मेरी कुतिया
मौसी - सिर्फ़ अपनी कुतिया को ही चोदेगा ,,इत्नी जल्दी भूल गया अप्नी इस मौसी को

मै - हा क्यू नही मेरी रन्दी मौसी ,,,आज तो आपके गाड़ मे माल झाड़ना मेरी घोड़ी
मौसी - अह्ह हा बेटा क्यू नही हिहिहिही

फिर हमने ऐसे ही बाते करते हुए कुछ पल आराम किया । रात मे दो बजे तक दो बार और मैने मा और मौसी को चोदा साथ मे , एक बार मौसी की गाड़ के अपना माल भरा । फिर रात मे किसी समय हम लोग ऐसे ही नंगे सो गये चिपक कर ।


देखते है दोस्तो आने वाला सुबह क्या नये रंग लाता है राज के लिए
 
OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 46

अगली सुबह मेरी जब खुली तो मै चादर ओढ़े हुए था और आस पास कोई नही था । शायद मा और मौसी पहले ही उठ गयी हो और मुझे ओढा कर चली गयी हो । लेकिन चादर मे मेरा लण्ड सुबह की अंगड़ाई लिये हुए टेन्ट बनाये हुए था ,,, मै अंगलाई लेकर उठने वाला था कि तभी मामा और मौसी के कमरे का कॉमन दरवाजा खुला और एक गोरी चित्ती भरे बदन वाली औरत नीली साडी मे गुनगुनाते हुए बाहर निकल रही थी ,,,

मुझे ल्गा की कोई नौकरानी होगी झाडू पोछा करने वाली ,,और मुझे अप्नी स्थिति का ज्ञान हुआ । मुझे ल्गा अब तो सुबह सुबह इन नौकरो के सामने भी शर्मिंदा होना पडेगा । इससे पहले मै कुछ सोचू वो औरत घूम कर कमरे मे पडे कुछ सामान उठाने लगी , मै झट से चादर ओढ़ लिया और उसके कमरे के बाहर जाने का इन्तेजार करने लगा ।

तभी मेरे कानो मे एक मीठी आवाज आई - अरे अब उठ जाईये लाड साहब दोपहर होने को है

ये आवाज सुनते ही मेरे आखे खुल गयी साथ ही दिल गदगद हो गया क्योकि ये आवाज किसी और की नही बल्कि मेरी नटखट सुनीता मामी की थी ।

मामी मेरे बगल मे आई और मेरे चेहरे से चादर हटा कर बोली - अरे लाड साब हमसे भी क्या शर्माना , चलिये उथिए

फिर मै एक जोर की अंगडाई ली और आंखे खोली तो मामी का मुस्कुराता खुबसूरत चांद सा चेहरा दिखा ,,,
मै - अरे मामी आप ,, आप कब आई
मामी - मै तो सुबह ही आई लेकिन देख रही हू आजकल मेरे हीरो हीरालाल को बिना कपड़ो के सोने की आदत है हिहिहिही

मै थोडा झेप गया - बिना कपड़े,, नननही तो
मामी हस्ते हुए - अरे मेरे भोले भाले हीरो जी ,,जब मै आई तो आप फुल नंगे पैर फेके हुए सो रहे थे और आपके छोटे मिया भी थोड़े बहुत ही सोये थे ,, पहले मैने सोचा कि आपको ऐसे ही आजाद होकर ही सोने दू ,,फिर लगा नही अगर मेरे हीरो की इज्ज्त लुट गयी तो मेरा क्या होता ,,इसिलिए मैने रहम खाकर चादर डाल दी । हीहिहिही

मै थोडा शर्मिंदा था - सॉरी मामी ,,,,
मामी -- अरे कोई नहीं मेरे हीरो आपका ख्याल हम नही रखेंगे तो कौन रखेगा ,चलिये अब जल्दी से नहा धो लिजीये 10 बजने वाले है

मै चौक कर - क्या 10 बजने वाले हैं,, मै इत्ना लेट तक सोया रहा

मामी हस्ती हुई- आपके छोटे मिया को देख कर लग रहा था कि किसी हीरोइन के सपने मे खोये थे आप हिहिहिही

मुझे मामी की बातो से थोडी शर्म तो आ रही थी लेकिन ये हसी मज़ाक और मुझे सताना मामी के लिए आम बात थी ।
इसलिए मै भी मौके का फायदा उठाकर बोला - आपके होते हुए किसकी हिम्मत मामी जो मेरे सपने मे आये हीहीहि

मामी मेरे गाल खीचते हुए - बद्माश , उंगली आगे की तो सीधा हाथ ही पकड लिया हा ,, चलो उठो अब नही तो इस बार इज्ज्त लुटवा दूँगी सबको बुला कर हीहीहि
मै शर्मा गया - क्या मामी आप भी न , चलिये मै आता हू
फिर मामी हस्ती बाहर चली गयी और मै भी उन्के बारे मे सोच्ते हुए अपने काम करने लगा ।

अभी 4 साल पहले की ही तो बात थी ।
मै 8वी की परीक्षा दे चूका था और छुट्टीयो के दिन चल रहे थे । उन दिनों मेरे नाना कुछ समय के लिए हमारे यहा आये थे क्योकि पास के गाव के कोटेदार से कुछ काम था ।जब नाना वापस जाने लगे तो मै भी उनके साथ निकल गया । पहली बार उस दिन मैने मामी को सही से देखा समझा जाना , फिर वो मेरी दोस्त भी बनी । फिर आये दिन वो मुझे छेड़ती तो मै नाना से शिकयत करता । नाना मामी को कुछ कहने के बजाय मुझे यही समझाते थे कि मामी भांजे का रिश्ता होता ही है हसी मज़ाक का । धीरे धीरे समय बीता और मै करिब एक महीना नाना के यहा रहा । उस दौरान मामी के साथ खुब मौज मस्ती की । जब भी नहा कर सृंगार के लिए बैठती तो मै बडे ही उत्सुकता से उन्हे देखता और बदले मे वो यही कहती ,,, क्यू हीरो शादी करनी है हमसे क्या ,, और मै शर्मा कर भाग जाता । कभी कभी तो नहाते समय मेरा तौलिया खिच देती थी मज़ाक मे या मेरे कपडे छिपा देती और मुझे नंगा ही खोजना पड़ता था ।

मै मुस्कुराते हुए सारी पुरानी यादे आज 4 साल बाद ताज़े कर ली थी । इस दौरान मै नहा लिया और कपडे पहने फिर चला गया नास्ता करने ।

मै एक ढिला टीशर्ट और लोवर पहने हुए किचन मे गया तो वहा कोई नही था । मै खुद देखने लगा तो एक थाली मे ढककर कुछ रखा हुआ था ।
मै उसे उठाने को हुआ ही था की तभी मेरे बाये तरफ की गाड़ पर किसी ने जोर से थप्पड़ मार कर हाथ मे पकड़ लिया ,,और हल्के लोवर के उपर से चप्प से उसका हाथ मेरी गाड़ के बाई पाट से चिपक है

मै - अह्ह्ह्ह मम्मी उह्ह्ह कौन है
तभी पीछे से मामी की हसी आई
मामी - मै हू आपकी हीरोइन हीहीहि

मै घूम कर - क्या मामी ऐसे कोई मारता है दर्द हो रहा है, अपनी गाड़ को सहलाते हुए बोला
मामी - क्यू अब पता चला होगा न कि गर्लफ्रेंड के पिछवाड़े पर कसी जीन्स के उपर से मारने पर कितना दर्द होता है हिहिहिही

मै - छीईई मामी मै नही मारता किसी को और मेरी कोई गर्लफ्रैंड भी नही है ।
और मै नास्ता लेकर टेबल पर रखते हुए बैठ गया । मामी मेरे बगल मे बैठ गई और मेरे गाल खीचते हुए बोली - फिर सुबह सुबह किसके सपनो मे खोये थे मेरे राजा बाबू

मेरे मुह मे एक तो पराठे का निवाला था जिसे मै चबा भी नही पाता तो जवाब क्या देता ।
फिर मैं जब मुह मे ही हुउउऊ हुउउऊ करने ल्गा तो वो मेरे गाल को छोडी फिर मैने निवाला चबा कर बोला - मैने तो आप्को तभी ब्ताया नही कि आपके सपने देख रहा था ।

मामी - धत्त क्या सच मे
मै - हा अब अपनी हेरोइन का सपना नही देखूँगा तो किस्का देखूँगा
मामी - वैसे क्या देख रहे थे हमे भी बताओ
मै - कुछ चीजे सीक्रेट होती है मामी
मामी - अच्छा बच्चू रुक अभी बताती हू
तभी मामी ने अपनी कमर से मोबाइल निकाला और पहली बार मेरी नजर मामी की गोरी चमड़ी वाली मखमली पेट पर गयी ,,एकदम दूध सी गोरी देख कर लण्ड टनटना गया ।
फिर मामी ने मोबाइल खोलकर मुझे एक फ़ोटो दिखाई जो मेरी ही थी और उसमे मै नंगा पैर फैलाये सोया था और मेरा लण्ड छत की तरफ उठा था ,,,
मै शर्माते - छीईई मामी डिलीट करो इसको
मामी हस्ती हुई - अब बता रहे हो कि डाल दू ये फ़ोटो फैमिली ग्रुप मे हिहिहिहिहिह

मै क्या बताता जब मै कुछ देखा ही नही फिर मै सोचा क्यू ना अपनी मामी पर ट्राई करू ,,, ज्यादा ना सही पर क्या पता दूध से गोरे गोरे ये मोटे चुचे ही देखने को मिल जाये

मै - नही मामी आपको पसंद नही आयेगा ,,
मामी - बिना बताये कैसे तय कर लिये तुम ,,, वैसे ऐसा क्या देखा कि मुझे बता नही सकते
मै - वो मै आपको चुम्मी कर रहा था ,,ये बोल कर मै शर्माने की ऐक्टिंग करने लगा

मामी मेरे चहरे को घुमाते हुए - बस इतना ही,,
मै - हा
मामी हस्ते हुए - इतने मे ही तुम्हारा बाबूराव खड़ा हो गया हिहिहिहिहिही

मै शर्माते हुए - मामी प्लीज मै नही बता सकता समझो आप ,, कही आप नाराज हो गये तो ।
अपना चेहरा निचे कर लिया
मामी मेरे कन्धे पर हाथ रख कर बोली - मै क्यू होने लगी अपने राजा बाबू से नाराज ,,, बता ना क्या देखा
मै - पक्का
मामी - हा पक्का ,, और तू अगर मुझे बतायेगा तो मै तुझे चुम्मी भी दूँगी हिहिहिही

मै खुश हुआ लेकिन मन गिरा कर - वो आप मेरा बाबूराव ..
मामी - क्या बाबूराव
मै तेज़ी से मुह मे ही एक सैकेण्ड मे बोला - आप उसे चुस रही थी
मामी जैसे सुन नही पायी की क्या बोला मै
मामी - साफ साफ बोलो ना
मै - आप उसे चुस रही थी

मामी हस्ते हुए - हिहिहिहिहिही धत्त पागल ,, यही सब सोचता है मेरे बारे मे
मै - सॉरी मै ऐसे सपने नही देखता कभी भी, लेकिन कल से आपको नही देखा तो बहुत याद आ रही थी तो शायद इसिलिए आया हो

मामी - हम्म्म्म ठीक है बाबा मै नाराज नही हू , सपना ही तो था हीहीहि
मै खुश होकर - फिर मेरी चुम्मी
मामी - अभी नही पहले ये नास्ता खत्म करो और मेरे कमरे मे आओ काफी सारा काम है और फिर मै इनाम मे तुम्हे गाल पर एक चुम्मी दूँगी हिहिहिहिही
मै सडू सा मुह बना कर - बस गाल पर
मामी हस्ते हुए - तब क्या बाबूराव पर हिहिहिही
मै - मै सोचा लिप पर करोगी , आज तक किसी ने किया नही ना
मामी मेरे उदास चेहरे को देख कर बोली - हममं देख्ते है तुम मेरी कित्नी मदद करते हो , फिर उसी हिसाब से इनाम दूँगी तुम्हे। अब खुश

मै चहक कर - थैंक यू मामी
मामी - चलो जल्दी से नास्ता खतम करके मेरे कमरे मे आओ ।
फिर मामी किचन से बाहर जाने लगी ,,,साड़ी मे उनकी बलखाती कमर देख कर मुझे और नशा होने ल्गा और मै नास्ता करते हुए मामी को भोगने की प्लानिंग करने ल्गा ।
मै नास्ता करके निकला तो सोचा थोडा नाना से हाल चाल लेलू फिर मै उनके रूम मे गया तो वहा वो सो रहे थे और मा भी बगल के सोफे पर बैठे बैठे सो गयी थी । अब रात की थकान जो थी । फिर मै भी मा के बगल मे बैठ गया तो उनकी निद खुल गयी
मा - अरे बेटा तू यहा
मै - हा सोचा नाना से थोडा हाल चाल लू
मा मुस्कुरा कर मेरे गाल को सहलाते हुए - अभी थोडी देर हुआ वो दवा खा कर सोये है बाद मे कर लेना बात न बेटा
मै मुस्करा कर - जी मा , वैसे गीता बबिता कहा है
मा - वो दोनो तो स्कूल गये हैं
मै - अच्छा और मौसी
मा मुस्कुरा कर - गीता बबिता के कमरे मे मै तू मत जाना
मै अचरज से - क्यू
मा धीरे से मेरे कान मे - वो राजेश भी गया है ना इसिलिए हिहिहिही
मै मा के कन्धे पर लेट गया - मा मौसी मे कित्नी जान है अभी रात मे 3 बार हुआ फिर भी
मा मुस्कुरा कर मेरे सर को सहलाते हुए - उनको लण्ड दिखना चाहिए बस बाकी वो जी जान लगा कर भी ले लेंगी वो हीहीहि
मै - हीहीहि वैसे आप नही गयी
मा - नही मुझे अभी आराम चहिये , कल सुबह से रात तक 5 बार हुआ मेरा तो बहुत थकी हू
मै - ठीक है मा चलो आप कमरे मे मै आपके जांघो कमर और सर की मालिश कर दूँगा आराम हो जाएगा
मा मुस्कुराते हूए - नही बेटा उसकी जरुरत नही है अभी निद पूरी हो जाये तो फिर कोई दिक्कत नही है । चल तू भी कमरे मे सो जा काफी देर तक जगा है ।

मै - नही मा मै 10 ब्जे सो के उथा हू मेरी निद पूरी हो गयी है । आप चलो कमरे मे मै वही से मामी के पास चला जाऊंगा वो मुझे आने को बोली है कुछ काम है शायद
मा - हा वो काफी सामान आया है घर के लिए तो जा मदद कर देना बेटा , चल
फिर मै मा को सहारा देके उठाया और चल दिये हम अपने कमरे की तरफ ।
फिर मैने मा को कमरे मे सुला कर पंखा चला दिया और जैसे ही कमरे के बाहर आया तो मेरे सामने गीता बबिता के कमरे से मामा निकल रहे थे और वो सिधा बाहर चले गये ,,, मै बरामदे के पिलर के पीछे लग कर देखने ल्गा , करीब दो मिनत बाद मौसी ब्लाउज पेतिकोट मे हाथ मे सारी लिये पीछे बाथरूम की तरफ चली गयी ।
मै मन मे सोचने लगा मेरी मौसी कितनी चुद्क्क्ड है रात मे 3 बार चुदी फिर सुबह सुबह ही
फिर मैने खुद को ठीक किया और निकल गया मामी के कमरे की तरफ ।
मै मामी के कमरे के तरफ गया ये सोचते हू की क्या काम होगा और क्या सामान होगा । जो भी है अब करना था और सबसे बढ़ कर मामी से मज़े लेने थे तो उन्के साथ जितने भी समय बिताये कम है ।

फिर मैने सोचा क्यू ना थोडा हट कर मज़ा लिया जाये
और मै मामी के कमरे के दरवाजे को धीरे से खोला तो अन्दर का नजारा बहुत की कामुक था ,,मामी अपनी साडी को कमर मे लपेटे जमीन पर बैठ कर एक बैग के छोटे से ताले को खोल्ने की कोसिस मे लगी थी जीससे बार बार उनकी मुलायम दुधिया चूचिया हिल रही थी । कमरे मे 3 4 बडे बैग , बेड पर कपडे और काफी डब्बे के सामान थे ।

लेकिन मै मामी को ऐसे रूप मे देख कर मज़े मे था तो मै भी कमरे के दरवाजे पर खडे हो कर एक टपोरी वाली सिटी मारी

मामी मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली - ओहो क्या मूड है जनाब ,,,यहा किसे छेड़ रहे

मै - आपके अलावा कोई है यहा
मामी - अच्छा तो मुझ पर लाईन मारा जा रहा है
मै - क्यू नही मार सकता क्या अपनी हीरोइन को लाईन भी
मामी - सिरफ लाईन मारने से काम नही चलेगा राजा बाबू। यहा आईए और ये बैग खोलिये ,,बडे हीरो बने फिर रहे है ।
मै - बस इत्नी बात
मामी - जी हा फिलहाल तो इतना ही
मै - जरा किनारे होगी आप , कही मर्द का धक्का ना लग जाये आपको मामी
मामी - आ हा हा ,, मुझे नही अपनी बीवी को मर्दानगी दिखायियेगा राजा बाबू ,

मै - क्यू आपने भी तो देखा है
मामी - कब
मै - सुबह सुबह मौसी के कमरे मे हाहाहाहा
मामी - हा देखा था सोया हुआ मर्द हिहिहिहिहिही। अब चलो खोलो
मै हस्ते हुए बैग खोला - लो जी खुल गया लॉक
मामी - अरे वाह बड़ी जल्दी खोल दिये
मै - ताले खोलने मे बहुत माहिर है हम मामी
मामी - शकल ही चोरो वाली लगती है हिहिहिही

मै खीझ कर - मामी क्या आप भी ,, सारे इज्ज्त का चोखा बना देते हो आप , हा नही तो
मामी मेरे गालों को खिच कर - अरे मेरे राजाबाबु मै तो मज़ाक कर रही थी, आप तो नाराज हो गये

मै - आह्ह मामी दर्द होता है क्यू खीचाटे हो मेरे गाल
मामी - अब इतने मुलायम गालो को कौन ना खिचे ,,, देख कर ही काटने का मन होता है और आप कह रहे है कि खिचो मत

मै - हा तो काट लो लेकीन खिचो मत
मामी - हम्म्म्म काटने के बहाने अपने गाल चूमवाना चाह्ते हो ना हमसे खुब समझ रही हू ।

मै शर्मा कर - क्या मामी ,,छोडो चलो कुछ काम कर ले
मामी - हा देखो तुमसे बात करने के चक्कर मे मै तो भूल ही गयी ।
फिर मामी ने तीन बैग से सामान निकाले उसमे कुछ सर्दियो के कम्बल , नये तकिये , शाल , बेडशिट और कमरे के सजावत के सामान थे ।
फिर हमने सामान कम्बल और शाल को अलग अलग गठठर मे बान्ध लिया
मामी - ये कम्बल और शाल उठा लोगे ना
मै - कहा लेके जाना है
मामी - यही स्टोररूम मे
मै - लेकिन अभी से सर्दियो के सामान
मामी मुस्कुरा कर - अरे मैने मेरे भाई को जो शिमला रहता है उसे बहुत पहले ही कहा था वहा से कम्बल और शाल तकिये बेडशिट के लिए , तो सामान आ गया तो मै लेके चली आई , अब पता नही फिर कब मायके जाना हो ।

मै - ओह्ह्ज चलिये फिर ये कम्बल मेर सर पर रखिये फिर ये साल मै उथा लूंगा

फिर मामी ने कमबल का गठरी मेरे सर पर रखा जिसे मैने बाये हाथ से थामा और शाल की गठरी मैने दाये हाथ से उठा कर कमर पर टेक लगा कर पकड लिया
मै - हा अब आप चलिये


मामी ने मुझे एक नजर उपर से नीचे देखा और मुह पर रख कर मुस्कुराते हुए बोली - हाय हाय मेरी गाव की छमिया,,

मै - क्या कह रहे हो आप
मामी - और क्या तुम्हारे सर एक गठरी और कमर पर एक गठरी ,, लग रहा है गाव की कोई छोरि पनघट से पानी लेने जा रही है हिहिहिही

मै - क्या मामी अब चलो हमेशा परेशान करते हो आप
फिर मामी और मै कमरे से निकल गये । मामी मेरे आगे कमर मटकाते हुए चल रही थी और मै सामान लिये हुए उनकी मदमस्त चाल के मज़े ले रहा था


देख्ते है दोस्तो आने वाले अपडेट मे क्या होगा
क्या राज अपनी मामी से कुछ मज़े ले पायेगा ??
क्या उसकी चंचल नटखट मामी राज को इतनी आसानी सब कुछ करने देगी ??
जुड़े रहिये और कहानि कैसी चल रही है जरुर बताये ।
आपके सुझावों और विचारों का स्वागत है ।
धन्यवाद
 
OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 46

अगली सुबह मेरी जब खुली तो मै चादर ओढ़े हुए था और आस पास कोई नही था । शायद मा और मौसी पहले ही उठ गयी हो और मुझे ओढा कर चली गयी हो । लेकिन चादर मे मेरा लण्ड सुबह की अंगड़ाई लिये हुए टेन्ट बनाये हुए था ,,, मै अंगलाई लेकर उठने वाला था कि तभी मामा और मौसी के कमरे का कॉमन दरवाजा खुला और एक गोरी चित्ती भरे बदन वाली औरत नीली साडी मे गुनगुनाते हुए बाहर निकल रही थी ,,,

मुझे ल्गा की कोई नौकरानी होगी झाडू पोछा करने वाली ,,और मुझे अप्नी स्थिति का ज्ञान हुआ । मुझे ल्गा अब तो सुबह सुबह इन नौकरो के सामने भी शर्मिंदा होना पडेगा । इससे पहले मै कुछ सोचू वो औरत घूम कर कमरे मे पडे कुछ सामान उठाने लगी , मै झट से चादर ओढ़ लिया और उसके कमरे के बाहर जाने का इन्तेजार करने लगा ।

तभी मेरे कानो मे एक मीठी आवाज आई - अरे अब उठ जाईये लाड साहब दोपहर होने को है

ये आवाज सुनते ही मेरे आखे खुल गयी साथ ही दिल गदगद हो गया क्योकि ये आवाज किसी और की नही बल्कि मेरी नटखट सुनीता मामी की थी ।

मामी मेरे बगल मे आई और मेरे चेहरे से चादर हटा कर बोली - अरे लाड साब हमसे भी क्या शर्माना , चलिये उथिए

फिर मै एक जोर की अंगडाई ली और आंखे खोली तो मामी का मुस्कुराता खुबसूरत चांद सा चेहरा दिखा ,,,
मै - अरे मामी आप ,, आप कब आई
मामी - मै तो सुबह ही आई लेकिन देख रही हू आजकल मेरे हीरो हीरालाल को बिना कपड़ो के सोने की आदत है हिहिहिही

मै थोडा झेप गया - बिना कपड़े,, नननही तो
मामी हस्ते हुए - अरे मेरे भोले भाले हीरो जी ,,जब मै आई तो आप फुल नंगे पैर फेके हुए सो रहे थे और आपके छोटे मिया भी थोड़े बहुत ही सोये थे ,, पहले मैने सोचा कि आपको ऐसे ही आजाद होकर ही सोने दू ,,फिर लगा नही अगर मेरे हीरो की इज्ज्त लुट गयी तो मेरा क्या होता ,,इसिलिए मैने रहम खाकर चादर डाल दी । हीहिहिही

मै थोडा शर्मिंदा था - सॉरी मामी ,,,,
मामी -- अरे कोई नहीं मेरे हीरो आपका ख्याल हम नही रखेंगे तो कौन रखेगा ,चलिये अब जल्दी से नहा धो लिजीये 10 बजने वाले है

मै चौक कर - क्या 10 बजने वाले हैं,, मै इत्ना लेट तक सोया रहा

मामी हस्ती हुई- आपके छोटे मिया को देख कर लग रहा था कि किसी हीरोइन के सपने मे खोये थे आप हिहिहिही

मुझे मामी की बातो से थोडी शर्म तो आ रही थी लेकिन ये हसी मज़ाक और मुझे सताना मामी के लिए आम बात थी ।
इसलिए मै भी मौके का फायदा उठाकर बोला - आपके होते हुए किसकी हिम्मत मामी जो मेरे सपने मे आये हीहीहि

मामी मेरे गाल खीचते हुए - बद्माश , उंगली आगे की तो सीधा हाथ ही पकड लिया हा ,, चलो उठो अब नही तो इस बार इज्ज्त लुटवा दूँगी सबको बुला कर हीहीहि
मै शर्मा गया - क्या मामी आप भी न , चलिये मै आता हू
फिर मामी हस्ती बाहर चली गयी और मै भी उन्के बारे मे सोच्ते हुए अपने काम करने लगा ।

अभी 4 साल पहले की ही तो बात थी ।
मै 8वी की परीक्षा दे चूका था और छुट्टीयो के दिन चल रहे थे । उन दिनों मेरे नाना कुछ समय के लिए हमारे यहा आये थे क्योकि पास के गाव के कोटेदार से कुछ काम था ।जब नाना वापस जाने लगे तो मै भी उनके साथ निकल गया । पहली बार उस दिन मैने मामी को सही से देखा समझा जाना , फिर वो मेरी दोस्त भी बनी । फिर आये दिन वो मुझे छेड़ती तो मै नाना से शिकयत करता । नाना मामी को कुछ कहने के बजाय मुझे यही समझाते थे कि मामी भांजे का रिश्ता होता ही है हसी मज़ाक का । धीरे धीरे समय बीता और मै करिब एक महीना नाना के यहा रहा । उस दौरान मामी के साथ खुब मौज मस्ती की । जब भी नहा कर सृंगार के लिए बैठती तो मै बडे ही उत्सुकता से उन्हे देखता और बदले मे वो यही कहती ,,, क्यू हीरो शादी करनी है हमसे क्या ,, और मै शर्मा कर भाग जाता । कभी कभी तो नहाते समय मेरा तौलिया खिच देती थी मज़ाक मे या मेरे कपडे छिपा देती और मुझे नंगा ही खोजना पड़ता था ।

मै मुस्कुराते हुए सारी पुरानी यादे आज 4 साल बाद ताज़े कर ली थी । इस दौरान मै नहा लिया और कपडे पहने फिर चला गया नास्ता करने ।

मै एक ढिला टीशर्ट और लोवर पहने हुए किचन मे गया तो वहा कोई नही था । मै खुद देखने लगा तो एक थाली मे ढककर कुछ रखा हुआ था ।
मै उसे उठाने को हुआ ही था की तभी मेरे बाये तरफ की गाड़ पर किसी ने जोर से थप्पड़ मार कर हाथ मे पकड़ लिया ,,और हल्के लोवर के उपर से चप्प से उसका हाथ मेरी गाड़ के बाई पाट से चिपक है

मै - अह्ह्ह्ह मम्मी उह्ह्ह कौन है
तभी पीछे से मामी की हसी आई
मामी - मै हू आपकी हीरोइन हीहीहि

मै घूम कर - क्या मामी ऐसे कोई मारता है दर्द हो रहा है, अपनी गाड़ को सहलाते हुए बोला
मामी - क्यू अब पता चला होगा न कि गर्लफ्रेंड के पिछवाड़े पर कसी जीन्स के उपर से मारने पर कितना दर्द होता है हिहिहिही

मै - छीईई मामी मै नही मारता किसी को और मेरी कोई गर्लफ्रैंड भी नही है ।
और मै नास्ता लेकर टेबल पर रखते हुए बैठ गया । मामी मेरे बगल मे बैठ गई और मेरे गाल खीचते हुए बोली - फिर सुबह सुबह किसके सपनो मे खोये थे मेरे राजा बाबू

मेरे मुह मे एक तो पराठे का निवाला था जिसे मै चबा भी नही पाता तो जवाब क्या देता ।
फिर मैं जब मुह मे ही हुउउऊ हुउउऊ करने ल्गा तो वो मेरे गाल को छोडी फिर मैने निवाला चबा कर बोला - मैने तो आप्को तभी ब्ताया नही कि आपके सपने देख रहा था ।

मामी - धत्त क्या सच मे
मै - हा अब अपनी हेरोइन का सपना नही देखूँगा तो किस्का देखूँगा
मामी - वैसे क्या देख रहे थे हमे भी बताओ
मै - कुछ चीजे सीक्रेट होती है मामी
मामी - अच्छा बच्चू रुक अभी बताती हू
तभी मामी ने अपनी कमर से मोबाइल निकाला और पहली बार मेरी नजर मामी की गोरी चमड़ी वाली मखमली पेट पर गयी ,,एकदम दूध सी गोरी देख कर लण्ड टनटना गया ।
फिर मामी ने मोबाइल खोलकर मुझे एक फ़ोटो दिखाई जो मेरी ही थी और उसमे मै नंगा पैर फैलाये सोया था और मेरा लण्ड छत की तरफ उठा था ,,,
मै शर्माते - छीईई मामी डिलीट करो इसको
मामी हस्ती हुई - अब बता रहे हो कि डाल दू ये फ़ोटो फैमिली ग्रुप मे हिहिहिहिहिह

मै क्या बताता जब मै कुछ देखा ही नही फिर मै सोचा क्यू ना अपनी मामी पर ट्राई करू ,,, ज्यादा ना सही पर क्या पता दूध से गोरे गोरे ये मोटे चुचे ही देखने को मिल जाये

मै - नही मामी आपको पसंद नही आयेगा ,,
मामी - बिना बताये कैसे तय कर लिये तुम ,,, वैसे ऐसा क्या देखा कि मुझे बता नही सकते
मै - वो मै आपको चुम्मी कर रहा था ,,ये बोल कर मै शर्माने की ऐक्टिंग करने लगा

मामी मेरे चहरे को घुमाते हुए - बस इतना ही,,
मै - हा
मामी हस्ते हुए - इतने मे ही तुम्हारा बाबूराव खड़ा हो गया हिहिहिहिहिही

मै शर्माते हुए - मामी प्लीज मै नही बता सकता समझो आप ,, कही आप नाराज हो गये तो ।
अपना चेहरा निचे कर लिया
मामी मेरे कन्धे पर हाथ रख कर बोली - मै क्यू होने लगी अपने राजा बाबू से नाराज ,,, बता ना क्या देखा
मै - पक्का
मामी - हा पक्का ,, और तू अगर मुझे बतायेगा तो मै तुझे चुम्मी भी दूँगी हिहिहिही

मै खुश हुआ लेकिन मन गिरा कर - वो आप मेरा बाबूराव ..
मामी - क्या बाबूराव
मै तेज़ी से मुह मे ही एक सैकेण्ड मे बोला - आप उसे चुस रही थी
मामी जैसे सुन नही पायी की क्या बोला मै
मामी - साफ साफ बोलो ना
मै - आप उसे चुस रही थी

मामी हस्ते हुए - हिहिहिहिहिही धत्त पागल ,, यही सब सोचता है मेरे बारे मे
मै - सॉरी मै ऐसे सपने नही देखता कभी भी, लेकिन कल से आपको नही देखा तो बहुत याद आ रही थी तो शायद इसिलिए आया हो

मामी - हम्म्म्म ठीक है बाबा मै नाराज नही हू , सपना ही तो था हीहीहि
मै खुश होकर - फिर मेरी चुम्मी
मामी - अभी नही पहले ये नास्ता खत्म करो और मेरे कमरे मे आओ काफी सारा काम है और फिर मै इनाम मे तुम्हे गाल पर एक चुम्मी दूँगी हिहिहिहिही
मै सडू सा मुह बना कर - बस गाल पर
मामी हस्ते हुए - तब क्या बाबूराव पर हिहिहिही
मै - मै सोचा लिप पर करोगी , आज तक किसी ने किया नही ना
मामी मेरे उदास चेहरे को देख कर बोली - हममं देख्ते है तुम मेरी कित्नी मदद करते हो , फिर उसी हिसाब से इनाम दूँगी तुम्हे। अब खुश

मै चहक कर - थैंक यू मामी
मामी - चलो जल्दी से नास्ता खतम करके मेरे कमरे मे आओ ।
फिर मामी किचन से बाहर जाने लगी ,,,साड़ी मे उनकी बलखाती कमर देख कर मुझे और नशा होने ल्गा और मै नास्ता करते हुए मामी को भोगने की प्लानिंग करने ल्गा ।
मै नास्ता करके निकला तो सोचा थोडा नाना से हाल चाल लेलू फिर मै उनके रूम मे गया तो वहा वो सो रहे थे और मा भी बगल के सोफे पर बैठे बैठे सो गयी थी । अब रात की थकान जो थी । फिर मै भी मा के बगल मे बैठ गया तो उनकी निद खुल गयी
मा - अरे बेटा तू यहा
मै - हा सोचा नाना से थोडा हाल चाल लू
मा मुस्कुरा कर मेरे गाल को सहलाते हुए - अभी थोडी देर हुआ वो दवा खा कर सोये है बाद मे कर लेना बात न बेटा
मै मुस्करा कर - जी मा , वैसे गीता बबिता कहा है
मा - वो दोनो तो स्कूल गये हैं
मै - अच्छा और मौसी
मा मुस्कुरा कर - गीता बबिता के कमरे मे मै तू मत जाना
मै अचरज से - क्यू
मा धीरे से मेरे कान मे - वो राजेश भी गया है ना इसिलिए हिहिहिही
मै मा के कन्धे पर लेट गया - मा मौसी मे कित्नी जान है अभी रात मे 3 बार हुआ फिर भी
मा मुस्कुरा कर मेरे सर को सहलाते हुए - उनको लण्ड दिखना चाहिए बस बाकी वो जी जान लगा कर भी ले लेंगी वो हीहीहि
मै - हीहीहि वैसे आप नही गयी
मा - नही मुझे अभी आराम चहिये , कल सुबह से रात तक 5 बार हुआ मेरा तो बहुत थकी हू
मै - ठीक है मा चलो आप कमरे मे मै आपके जांघो कमर और सर की मालिश कर दूँगा आराम हो जाएगा
मा मुस्कुराते हूए - नही बेटा उसकी जरुरत नही है अभी निद पूरी हो जाये तो फिर कोई दिक्कत नही है । चल तू भी कमरे मे सो जा काफी देर तक जगा है ।

मै - नही मा मै 10 ब्जे सो के उथा हू मेरी निद पूरी हो गयी है । आप चलो कमरे मे मै वही से मामी के पास चला जाऊंगा वो मुझे आने को बोली है कुछ काम है शायद
मा - हा वो काफी सामान आया है घर के लिए तो जा मदद कर देना बेटा , चल
फिर मै मा को सहारा देके उठाया और चल दिये हम अपने कमरे की तरफ ।
फिर मैने मा को कमरे मे सुला कर पंखा चला दिया और जैसे ही कमरे के बाहर आया तो मेरे सामने गीता बबिता के कमरे से मामा निकल रहे थे और वो सिधा बाहर चले गये ,,, मै बरामदे के पिलर के पीछे लग कर देखने ल्गा , करीब दो मिनत बाद मौसी ब्लाउज पेतिकोट मे हाथ मे सारी लिये पीछे बाथरूम की तरफ चली गयी ।
मै मन मे सोचने लगा मेरी मौसी कितनी चुद्क्क्ड है रात मे 3 बार चुदी फिर सुबह सुबह ही
फिर मैने खुद को ठीक किया और निकल गया मामी के कमरे की तरफ ।
मै मामी के कमरे के तरफ गया ये सोचते हू की क्या काम होगा और क्या सामान होगा । जो भी है अब करना था और सबसे बढ़ कर मामी से मज़े लेने थे तो उन्के साथ जितने भी समय बिताये कम है ।

फिर मैने सोचा क्यू ना थोडा हट कर मज़ा लिया जाये
और मै मामी के कमरे के दरवाजे को धीरे से खोला तो अन्दर का नजारा बहुत की कामुक था ,,मामी अपनी साडी को कमर मे लपेटे जमीन पर बैठ कर एक बैग के छोटे से ताले को खोल्ने की कोसिस मे लगी थी जीससे बार बार उनकी मुलायम दुधिया चूचिया हिल रही थी । कमरे मे 3 4 बडे बैग , बेड पर कपडे और काफी डब्बे के सामान थे ।

लेकिन मै मामी को ऐसे रूप मे देख कर मज़े मे था तो मै भी कमरे के दरवाजे पर खडे हो कर एक टपोरी वाली सिटी मारी

मामी मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली - ओहो क्या मूड है जनाब ,,,यहा किसे छेड़ रहे

मै - आपके अलावा कोई है यहा
मामी - अच्छा तो मुझ पर लाईन मारा जा रहा है
मै - क्यू नही मार सकता क्या अपनी हीरोइन को लाईन भी
मामी - सिरफ लाईन मारने से काम नही चलेगा राजा बाबू। यहा आईए और ये बैग खोलिये ,,बडे हीरो बने फिर रहे है ।
मै - बस इत्नी बात
मामी - जी हा फिलहाल तो इतना ही
मै - जरा किनारे होगी आप , कही मर्द का धक्का ना लग जाये आपको मामी
मामी - आ हा हा ,, मुझे नही अपनी बीवी को मर्दानगी दिखायियेगा राजा बाबू ,

मै - क्यू आपने भी तो देखा है
मामी - कब
मै - सुबह सुबह मौसी के कमरे मे हाहाहाहा
मामी - हा देखा था सोया हुआ मर्द हिहिहिहिहिही। अब चलो खोलो
मै हस्ते हुए बैग खोला - लो जी खुल गया लॉक
मामी - अरे वाह बड़ी जल्दी खोल दिये
मै - ताले खोलने मे बहुत माहिर है हम मामी
मामी - शकल ही चोरो वाली लगती है हिहिहिही

मै खीझ कर - मामी क्या आप भी ,, सारे इज्ज्त का चोखा बना देते हो आप , हा नही तो
मामी मेरे गालों को खिच कर - अरे मेरे राजाबाबु मै तो मज़ाक कर रही थी, आप तो नाराज हो गये

मै - आह्ह मामी दर्द होता है क्यू खीचाटे हो मेरे गाल
मामी - अब इतने मुलायम गालो को कौन ना खिचे ,,, देख कर ही काटने का मन होता है और आप कह रहे है कि खिचो मत

मै - हा तो काट लो लेकीन खिचो मत
मामी - हम्म्म्म काटने के बहाने अपने गाल चूमवाना चाह्ते हो ना हमसे खुब समझ रही हू ।

मै शर्मा कर - क्या मामी ,,छोडो चलो कुछ काम कर ले
मामी - हा देखो तुमसे बात करने के चक्कर मे मै तो भूल ही गयी ।
फिर मामी ने तीन बैग से सामान निकाले उसमे कुछ सर्दियो के कम्बल , नये तकिये , शाल , बेडशिट और कमरे के सजावत के सामान थे ।
फिर हमने सामान कम्बल और शाल को अलग अलग गठठर मे बान्ध लिया
मामी - ये कम्बल और शाल उठा लोगे ना
मै - कहा लेके जाना है
मामी - यही स्टोररूम मे
मै - लेकिन अभी से सर्दियो के सामान
मामी मुस्कुरा कर - अरे मैने मेरे भाई को जो शिमला रहता है उसे बहुत पहले ही कहा था वहा से कम्बल और शाल तकिये बेडशिट के लिए , तो सामान आ गया तो मै लेके चली आई , अब पता नही फिर कब मायके जाना हो ।

मै - ओह्ह्ज चलिये फिर ये कम्बल मेर सर पर रखिये फिर ये साल मै उथा लूंगा

फिर मामी ने कमबल का गठरी मेरे सर पर रखा जिसे मैने बाये हाथ से थामा और शाल की गठरी मैने दाये हाथ से उठा कर कमर पर टेक लगा कर पकड लिया
मै - हा अब आप चलिये


मामी ने मुझे एक नजर उपर से नीचे देखा और मुह पर रख कर मुस्कुराते हुए बोली - हाय हाय मेरी गाव की छमिया,,

मै - क्या कह रहे हो आप
मामी - और क्या तुम्हारे सर एक गठरी और कमर पर एक गठरी ,, लग रहा है गाव की कोई छोरि पनघट से पानी लेने जा रही है हिहिहिही

मै - क्या मामी अब चलो हमेशा परेशान करते हो आप
फिर मामी और मै कमरे से निकल गये । मामी मेरे आगे कमर मटकाते हुए चल रही थी और मै सामान लिये हुए उनकी मदमस्त चाल के मज़े ले रहा था


देख्ते है दोस्तो आने वाले अपडेट मे क्या होगा
क्या राज अपनी मामी से कुछ मज़े ले पायेगा ??
क्या उसकी चंचल नटखट मामी राज को इतनी आसानी सब कुछ करने देगी ??
जुड़े रहिये और कहानि कैसी चल रही है जरुर बताये ।
आपके सुझावों और विचारों का स्वागत है ।
धन्यवाद
 
OP
butt089
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

382

Likes

113

Rep

0

Bits

0

6

Years of Service

LEVEL 1
40 XP
Update 47 {(MEGA)}

मै मामी के साथ सामान लिये मामी की साडी मे थिरकते चुतडो को निहारते हुए जा रहा था । फिर हम स्टोर रूम तक गये तो मामी ने स्टोररूम का ताला खोलने के लिए अपनी कमर मे खोसी हुई चाभियो के गुच्छे को निकाला , लेकिन चाभी के गुछे के छल्ले का पिन उनकी साडी से फसा हुआ था और मामी ने थोडा जोर देके खीचा था जिससे उनकी साडी का कुछ हिस्सा उन्की कमर से बाहर की तरफ निकल गया और उनकी नीले रंग की पेतिकोट दिखने लगी ,,,लेकिन मामी बिना उसे अंदर खोसे वैसे ही झट से अंदर घुसी और मै भी उन्के पीछे अंदर चला गया और फिर मामी पास के एक टेबल पर सामान रखने को कहा और मै वापस सामान रख कर उनकी तरफ घुमा तो वो एक बडे बक्से को खोल कर उसमे झाक रही थी और एक गठरी निकाली जो एक पुरानी लुंगी की थी ।

मामी - राज पहले वो कम्बल इसमे डालो
मै कम्बल का गत्ठर उथा कर बक्से मे एक किनारे रख दिया
फिर शाल की गठरी को भी बक्से मे डाल दिया

मै - ये गथरी भी डाल दू मामी
मामी - नही इसे उठा लो और कमरे मे ले चलो
इधर हम काम मे लगे थे और उधर मामी की साडी धीरे धीरे काम करने से खुल रही थी । अब करीब बीते भर जितना मामी का पेतिकोट दिखने लगा ।
लेकिन मामी का इसपे कोई ध्यान नही था फिर हम बाहर निकले और जब मामी ने दरवाजा बंद करके ताला मारा और फिर जब चाभी खोसने के लिये कमर मे हाथ डाला तो

मामी - हाय दईया ये कब निकल गया
मै ह्सते हुए - वो तो जब हम अन्दर घुसे तभी निकल गया हिहिहिही

मामी - और आप जनाब मज़े से नजारा देख रहे है । ये नही की बता दे , कोई देख लेता तो
मै हस्ते हुए - लेकिन मामी कुछ दिख कहा रहा है हिहिहिही

मामी - क्यू और भी खोल कर देखना है क्या अभी
मै - मैने तो देखा ही है ना
मामी - अच्छा वो कब
मै - बचपन मे भुल गयी क्या आप मुझे नहाते समय छेड़ती तो मै भी आपको नहाते समय परेसान करता था हिहिहिही

मामी - हम्म्म्म बहुत बाते याद है क्या बचपन की
मै - मै हा सब
मामी - अच्छा फिर तो वो भी याद होगा न जब आप सीढ़ी से गिरे थे और आपके पीछवाड़े पर चोट लगी थी ,, एक हफ्ता तक मालिश मुझे करनी पडी थी

मै शर्मा कर - हा याद है कैसे भूल सकता हू ,, बदले मे मैने भी तो मालिश की है काफी बार आपकी कमर मे
मामी - हम्म्म बहुत याद आ रही है क्या मालिश कहो तो आज भी कर दू
मै - कर दो ना मामी मै तो तैयार ही हू ,,,लेकिन आगे पीछे दोनो तरफ करना पडेगा । हिहिहिहिहिही


ये बोल कर मै मामी के कमरे की तरफ भागा और मामी भी मेरे पीछे साडी पकड कर भागती हुई आई
लेकिन मै पहले पहच गया था और मामी दौड़ कर आते ही सांसे बराबर करने लगी

उनकी तेज सांसो से उनकी चुचिया उपर निचे हो रही थी । फिर मेरी नजर जब मामी के कमर पर गयी तो देखा कमर से पूरी साडी खुल चुकी थी और पेतिकोट मे कसे चुतड का उभार नजर आने ल्गा ।

मामी - अब आया ना पकड मे
मै ह्सते हुए - उससे पहले अपनी साडी पकड़ो मामी हिहिहिही

मामी ने जैसे ही निचे देखा तो माथे पर हाथ रख लिया । मामी ने तेज़ी से अपनी लसराती साडी को समेटा और कमरे मे घुस गयी। मै भी हस्ते हुए उनके पीछे पीछे चला गया ।

कमरे मे मामी ने जल्दी से साडी को खोला और सही करने लगी
सामने खड़ा मै उनकी गहरी नाभि को निहार कर मुह मे पानी ला रहा था । मामी अभी नीले ब्लाउज और पेतिकोट मे थी और उनका दुधिया गोरा बदन मुझे मदहोश किये जा रहा था । ब्लाऊज के कसे 38 साइज़ के चुचो की घाटी मुह मे पानी ला रही थी । मै मामी मे खोया हुआ था और कब मामी ने मुझे घूरता हुआ देख लिया मुझे पता ही नही चला

मामी - कहिये तो बटन खोल दू जहापनाह ,,, जन्नत के दिदार बन्द दरवाजे से क्यू करना
मै झेप कर - क्क्क्क्क्क्याआआ क्या , क्या कह रही थी मामी आप
मामी हस्ते हुए - अरे कह रही थी अगर कहिये तो बटन खोल दू आधा अधूरा दर्शन क्यू

मै शर्माकर घूम गया
मामी - सपने मे अपनी मामी को अपना बाबूराव चुस्वाते शर्म नही आई तो अब क्यू शर्मा रहे हो ।

मै घूम कर - वो सपना था ना मामी
तब तक मामी ने अपनी साडी फ़ोल्ड करके रख दी
मै - आप साडी नही पह्नोगे क्या
मामी - देख रही हू मेरे राजा बाबू को मेरे कपड़े पहनने से कही कोई दुख ना हो इसिलिए हिहिहिही ,,,,
मै - मतलब
मामी - अरे अभी पहन लुंगी थोडा काम कर लू पहले जल्दी जल्दी
फिर मामी वैसे ही ब्लाऊज और पेतिकोट मे काम करने लगी ,,जब भी वो झुकती मेरी नजर या तो उनकी उभरी गाड़ या फिर आधी झुल्ती चुचियो पर होती है और ये बात मामी भी नोटिस कर बिच बिच मे मुझे चिढा भी देती ।
फिर जब सारे सामान सेट हो गये तब लास्ट मे मैने मामी से पुछा - मामी ये गठरी क्यू लाई हो

मामी मुस्कुरा कर खुद खोलकर देख लो
फिर मैने वो गठरी खोलने ल्गा इस बीच मामी अपने आलमारी से सामान निकालने लगी । जैसे ही मैने वो गठरी खोली तो मै चौक गया ,, उसमे सिर्फ ब्रा पैंटी भरे थे जो की देखने मे भी पुराने लग रहे थे ।

मामी - क्यू क्या हुआ देख लिया ना
मै - मामी इतने सारे अंडरगार्मेंट्स किसके और कितने पुराने हैं,,

मामी - ये सब मेरे है
मै - क्या सब ,,लेकिन जब पुराने है तो फेक देना चाहिए ना
मामी - कहा जाऊ फेकने तूम ही बताओ , यहा गाव मे कोई ऐसे महगे मॉडल नही पहनता है , अगर कोई देख लेगा तो जान जायेगा कि मेरे ही है ।काफी साल पहले हुआ था ऐसे एक बार हमारे यहा काम करने वाली एक औरत ने बताया कि कुछ शराबी मेरे अन्दर के कपडे नहर के पास पा गये थे और मेरा नाम लेके गलत गलत बाते बोल रहे थे।तब से मै बाहर नही फेकति हू ।
और पहने हुए कपडे जला नही सकती ना ही इनका पोछा बन सकता है ।

मै - ओफ्फ्फ ये बात है , लेकिन ये सब देखो कितनी छोटी है क्या ये भी आपकी है ,, मैने एक मरून पैंटी को उठा कर मामी को दिखाया

मामी शर्मा कर - हा बाबा सब मेरे है
मै - लेकिन इतनी छोटी कैसे पहन लेते हो आप
मामी - अरे ये 8 10 साल हो गये इसको और ये देख ये उससे भी छोटी है हीहीहि
मै - हा मामी ,,, इसपे तो 32इन्च लिखा है ,, अभी आपका साइज़ क्या है

मामी - क्यू तुम क्या करोगे मेरा साइज़ जान कर
मै - अरे बस पूछ रहा हू मामी , नही बताना तो कोई बात नही

मामी - अरे ऐसी कोई बात नही है ,,,वैसे ले देख ले ये है मेरा साइज़ इस महिने का
मामी ने आल्मारि से निकाली हुई एक गुलाबी रंग की पैंटी मुझे उल्टी करके दिखाई जिसपे 38 इन्च का साइज़ लिखा था

मै आंखे बड़ी कर के देख रहा था । फिर मौसी ने दो ब्रा और पैंटी को गठरी मे रखा और बाँधने लगी

मै - अरे अरे इसे क्यू रख रही हो अभी तो ये नये लग रहे है
मामी ने उस पैंटी को उठाया और फैलाकर गाड़ के साइड वाले कपड़े पर एक होल दिखाया

मामी - देखो इसिलिए,,और कोई सवाल
मै - नही नही रख दो फिर
तभी मुझे गठरी से साइड निकली हुई एक लाल रग की डोरी दिखी जिसे मैने बाहर खीचा तो वो एक पैंटी थी जो एक पतली डोरी वाली थी ,,,और उस्मे सिर्फ चुत ढकने का कपडा ल्गा था बाकी एक डोरी गाड़ की दरार से कमर तक जाती ।

मै उसे फैला कर मामी को दिखाते हुए - ये क्या मामी

मामी हस्ते - ये कुछ नही है रखो तुम अब
मै जिद करते हुए - बताओ ना मामी प्लीज
मामी हस्ते हुए - ये भी पैटी है मेरी ,, पिछ्ले महीने लाये थे तुम्हारे मामा

मै गौर से देखने का नाटक करते हुए - ये तो करधन जैसी लग रही है और आप इसे कैसे पहनती थी

मामी - बस 2 3 बार ही पहना है
मै - ये आपको हो ही नही सकती और आप कह रहे हो की आपने पहना है ,, जरुर छोटे होने के कारण इसे भी गठरी मे डाल दिया ना

मामी - नही पागल साइज़ एक दम सही था ,,लेकिन इसको पहनने के बाद भी लगता ही नही था कि कुछ पहना है इसीलिये

मै - आप अभी भी झुट बोल रही हो ना , मै नही मानता की ये आपको होगा ,और मेरी खुद की दुकान है मामी इन सब की ।

मामी - तो तुम क्या चाहते हो मै पहन के दिखाऊ
मै - और कोई तरीका है क्या साबित करने का ,,,और अगर आपको ये हो गया तो मै आज का इनाम नही लुन्गा

मामी - अच्छा जी आपको नही लगता की शर्त कुछ हल्की है
मै - हा तो जो आप कहोगे मै करूँगा
मामी - पक्का ना , फिर पीछे मत हटना
मै हा बिलकुल क्यू नही ।

मै तो मामी के नंगे गोरे गाडो का दिदार करने के लिए कुछ भी दे सकता था ये तो सब एक शर्त थी ।
मामी उठी और दरवाजा अच्छे से बन्द किया ।

मामी - सोच लो हीरो अगर हार गये तो पलटना मत
मै - उसकी जरुरत ही नही आयेगी मुझे पुरा यकीन है ।
मामी - ठीक है
फिर मामी ने मेरे सामने ही अपने पेतिकोट के अंदर दोनो तरफ हाथ डाला जिससे उनका पेतिकोट घुटनो तक उठा गया और मामी की गोरी गोरी पिंडलीया दिखने लगी और एक भी बाल नही थे । एकदम मुलायम दूध सी चमकती टाँगे देख कर मुह लार से भरने ल्गा ,,मन तो कर रहा था की अभी मामी को झपटकर चोद दू ।

तभी मामी थोडा सामने की तरफ झुकी और पेतिकोट के अन्दर हाथ डाले थोडी देर बाद पहनी हुई पैंटी बाहर निकाली जो की नेवी ब्लू रंग की थी । इस दौरान मामी के चुचो की घाटियो की गहराई देख कर मैने और आहे भरी ।
फिर मामी ने वो पैंटी बेड पर रखी ,,जो दिखने मे कित्नी मुलायम लग रही थी कि मन कर रहा था अभी उसे उठा कर सूंघ लू ,,,ये सब सोच कर ही मुझे नशा होने ल्गा था और लोवर मे टेन्ट बनना शुरू हो गया था ।
फिर मामी मेरे हाथ से वो पतली डोरी वाली पैंटी ली और उसे बारी बारी से एक एक पैर मे डाला और उपर चढ़ाने लगी । इस बार पैंटी चढ़ाने मे मामी का पेतिकोट आधे जांघो तक गया ।
आहहह मामी की गदरायी जान्घे अब तक मेरे द्वारा देखे गए उन्के बदन के हर हिस्से से भी ज्यादा गोरी थी । मन तो कर रहा था कि अभी झुक कर चाट जाऊ ,,, पुरा मुह पानी से भरने ल्गा था ।

अब तक मामी ने पैंटी उपर चढा ली और बोली - देखा हो गया ना
मै - क्या पता हुआ भी है या आधे रास्ते अटका कर रखी हो आप शर्त जितने के लिए

मामी - अब क्या खोल कर दिखाऊ
मै - जब तक देखून्गा नही तब तक कैसे पता चलेगा

मामी - लेकिन उसके लिए मुझे पेतिकोट खोलना पडेगा
मै - कोई बात नही खोल दो ,,,वैसे भी मैने सब देखा ही है
मामी चौक कर - कब
मै - सपने हिहिहिही
मामी - धत्त पागल, सपने मे तो तुम क्या से क्या कर लिये मेरे साथ
मै - अब हाथ आया मौका कैसे जाने देता ,
मामी - बदमाश , कही फिर से मौका पाकर मुझे असलियत मे वही सब करने लगे तो ,,मै तो लूट जाउंगी ना
मै - मतलब आप नही दिखाओगे , यानी की शर्त हार गये आप
मामी - नही ऐसा नही होगा
मै - ठीक है फिर जल्दी दिखाओ देखो 1 बजने को है गीता बबिता के आने का टाईम हो रहा है
मामी - वो सब 3 बजे बाद आती है ।
मै - आप दिखा रहे हो या नही
मामी - अच्छा ठीक है मेरे हीरो नाराज ना हो ,,तुम्हारे लिये तो मै सारे कपडे निकाल दू
मै हस्ते हुए - हीहीहि दिख रहा है कैसे बहाने बना रहे हो आप
मामी - वो ना दिखाने का कारण कुछ और है राज
मै - क्या बताओ
मामी - वो नही बता सकती
मै - ठीक है फिर दिखा दो शायद मुझे जो देख्ना है वो दिख जाये और आप जिस कारण से नही दिखा रही थी वो कारण भी मिल जाये

मामी - हा यही करना पडेगा
तुम थोडा दुर हो जाओ ,,नही तो क्या पता खुला माल पाकर डाका डाल दो तब हीहीहि

फिर मामी बेड की तरफ गयी और मेरे तरफ अपनी गाड़ की करके आगे को तरफ झुक कर धीरे धीरे अपना पेतिकोट उपर करने लगी ,, पहले वो गोरी गोरी पिंडलीया ,, फिर दुधिया जान्घे और जैसे ही मामी ने अपनी गाड़ के उपर से पेतिकोट को कमर तक चढ़ाया तो मै आंखे फाडे मामी को गोरी चमड़ी वाली तो दुधिया तरबूज जैसी मोटी मोटी गाडो के बिच फसी एक डोरी को देखा
मेरा सुपाडा चमडे से बाहर आगया । मै थूक गटकते हुए एक बार अप्नी लण्ड को सह्लाया और फिर मामी की तरफ देखा जो मुझे गरदन घुमाये देख रही थी कि कैसे मैं लण्ड को सहलाते हुए उनकी दुधिया सफेद गाडो को निहार रहा हू
मामी मुस्कुराती हुई - देख लिये हीरो तो फाटक गिरा दू
मै - अरे कहा है आपकी पैंटी दिख ही नही रही ,, और वो डोरी कहा है
मामी मुस्कुराते हुए - अरे मेरे भोले राजा बाबू जरा ध्यान से देखिये कहीं खो तो नही गया

मै थोडा मुह बना कर - सच मे नही दिख रहा है मामी ,, आपने पहना ही नही है मेरे ख्याल से

तभी मामी सीधि हुई और पेतिकोट को निचे किया और झट से नाड़ा खोल कर निचे गिरा दिया ,,, और मेरे सामने मामी लगभग आधी नंगी सामने आ गयी थी ,,,और नंगी कमर , नंगी जान्घे और चुत को ढकने की नाकाम कोसिस करती वो छोटी सी पैंटी । मामी के दधिया बदन पर वो लाल पैंटी बहुत जंच रही थी और पैंटी के बगल से उनकी काली झाटे बाहर की तरफ फैली हुई थी जो उन्का रूप और निखारे जा रही थी ।

मामी - देखा पहनी हू ना
मै - हा लेकिन पीछे क्यू नही दिख रही है
मामी मुस्कुरा कर - वो पीछे फसी हुई है तो कैसे दिखेगी
मै - कहा फसी है
मै झट से मामी की तरफ गया और उन्के पीछे कमर के बीच से एक डोरी मामी के तरबूज जैसी गाड़ के बीच के दरारो मे जाती हुई दिखी

मै - हा हा मिला , और उंगली डाल कर वो डोरी को बाहर की तरफ खीचा तो वो मामी के दरारो को चौड़ा करते हुए बाहर आई ,, फिर मैने उसे वापस छोड दिया जिससे रबर की वो डोरी सीधा मामी के एक मोटे गुदाज गाड़ के पाट पर चट्ट से लगी ।

मामी - अह्ह्ह क्या कर रहे हो राज दूखता है
मामी इस्से पहले अपना हाथ पीछे लाती मैने खुद अपना बाया हाथ से मामी के उसी चुतड को जहा डोरी लगी थी सहलाने लगा ।
अह्ह्ज कितना नरम , मक्खन से स्पर्श हुआ और मानो मै झड़ ही जाऊंगा
मै - सॉरी सॉरी मामी वो डोरी पतली थी तो सरक गयी ।

मामी - सॉरी के बच्चे मेरा पिछवाडा लाल कर दिया आह्ह मा अभी भी दर्द है अह्ह्ह
मै झुक कर मामी की गाड़ पर फुक मारने लगा और हाथ से सहलाने ल्गा
मामी मेरी इस हरकत से हसने लगी
मामी - बस बस हो गया अब चांस मारने की जरुरत नही है हीहीहि
मै - क्या मामी मुझे चांस लेना होता तो ऐसे थोडी ना लेता
मामी - अच्छा तो जनाब बतायेगे कैसे
मैने सोचा इससे अच्छा मौका मिल ही नही सकता और मामी तो खुद आफर कर रही है

मैने एक तेज का थप्पड़ छप्प से मामी दाई चूतड़ पर बाये हथ से मारा और हाथ मे जकड़ कर मसलने ल्गा

मामी पूरी तरह से सिहर गयी और एक तेज सिसकी भी निकल गयी ।
मामी - अह्ह्ह मा क्या हीरो आज का बदला ले रहे हो क्या
मै मामी की गाड़ को सहलाते हुए बोला - अरे बदला लेना होता तो ऐसे थोडी ना लेता
मामी सिसकते हुए - फिर कैसे लेते मेरे राजा बाबू आह्ह्ह्ह उम्म्ंमममं

मै मामी को मदहोश होता देख
उनकी नंगी कमर मे अपना दाहिना हाथ डाल कर उन्के नाभि को सहलाए हुए पेड़ू के पास हल्की उंगलिया घुमाने लगा,,, मामी मेरे कन्धे के सहारे टिक गयी और मीठी मीठी आहे भरने लगी ।
मै - बताऊ मामी कैसे बदला लेता
मामी - सीईई उम्म्ंम्ं हा बताओ ना मेरे राआआआजाआअह्ह्ह बाबू उम्म्ंम्ं
मैने मामी के गाड़ के दरारो मे उंगली पेल दी और अपना दाया हाथ से मामी के मुलायम चुचो को ब्लाऊज के उपर से मसल्ते हुए एक एक बटन खोलने ल्गा
मामी - क्या कर रहे हो राजा बाबू , इसे क्यू खोल रहे हो
मै - बदला ले रहा हू ना मामी
मामी - अह्ह्ह लेकिन मै तो तुम्हारे कपडे नही निकाले ना
मै - हा लेकिन मुझे नंगा देख कर फ़ोटो निकाला ना
मामी सिस्कते हुए - अह्ह्ह्ह क्या तुम मेरी भी तस्वीर निकालोगे उम्म्ंम्ं इस्स्स्स
मै लगातार मामी की गाड़ कुदेर रहा था ।

मै - हा क्यू नही ले सकता अपनी हेरोइन की तस्वीर
मामी - क्यू नही मेरे राजाआह्ह्ह्ह्ह लेलो ना जैसे मन हो
फिर मैने मामी के ब्लाऊज को पुरा निकाल दिया और पीछे से ब्रा का हुक भी निकाल दिया ।

अब मामी के बदन मे एक पतली सी पैंटी थी जो नाम भी की थी ।
फिर मैने मामी को घुमा कर बेड पर लिटा दिया ,,मामी भी अपने दोनो हाथ उपर उठाए बिस्तर पर गिर गयी
अह्ह्ह मा क्या दधिया बदन था मामी का ,,, लण्ड लोवर मे तुफान म्चाये हुए था और मामी की हिल्ती गोरी गोरी चुचिया इतनी रसिली थी ।

फिर मैने जेब से मोबाईल निकाला और कुछ हॉट तस्बिरे निकाली मामी की
मामी - अब हो गया ना हीरो
मै - अभी कहा
मामी - ले तो ली न तस्वीर अपनी हॉट ऐण्ड सेक्सी हेरोइन की हीहीहि

मै सारा फोक्स मामी के चुत पर ले गया और मेरी नजर को देख कर मामी समझ गयी कि मै क्या चाहता हू

मामी तुरंत चुत के उपर हाथ रखते हुए - नही नही राज प्लीज इसे नही खोल्ना अब
मै - क्यू
मामी - देख नही रहे कित्ने बाल है वहा ,, कितना गन्दा दिख रहा है भ्क्क्क
मै - अच्छा यही वो कारण जिसके लिए आप पेतिकोट नही निकाल रही थी
मामी - हम्म्म्म , अच्छा नही दिखता है ना
मै - वो तो खोलने के बाद पता चलेगा की कैसा है
मामी - प्लीज राज नही

मै - देखो अगर आप चाहते हो मै उसकी तस्वीर ना लू तो आपको मेरा एक काम करना पडेगा
मामी - हा बोलो ना मै सब करने को तैयार हू
मै - पक्का ना सोच लो
मामी - हा पक्का
मै - तो ठीक है आपको वो करना होगा जो आज सुबह मैने देखा था सपने मे

मामी ह्स्ते हुए - धत्त मै जानती थी तुम मौके फाय्दा जरुर लोगे
मै - अब या तो फ़ोटो निक्ल्वाओ या जो बोला है वो करो

मामी मुस्कुराती हुई उठी और एक नजर मेरे लोवर मे खडे लण्ड को देखा और मुस्कुराते मेरा लोवर निचे किया फिर मेरा अंडरवियर भी निचे खीचा जीससे मेरा खड़ा लण्ड उछल कर तन गया मामी के सामने

मामी आखे फाडे थूक गटक कर बोली - ये तो सुबह से बड़ा है
मै - हा अपनी हीरोइन के हुस्न को देख कर सलामी दे रहा है
मामी - अच्छा ये बात है फिर तो मै अपने फैन का ख्याल रखुन्गी ही , हिहिहिही
फिर मामी ने जीभ को निकाला और मेरे सुपाडे को चाटा और लण्ड को मुह मे भर लिया ,,
मै - अह्ह्ह मामी सीईई उह्ह्ह्ह अह्ह्ह
मामी मुझे देखते हुए पुरा का पुरा लण्ड मुह मे भरना शुरू कर दी और मेरे पेट पर एक हाथ से सहलाने लगी ।
मै जोश मे आकर अपनी टीशर्त निकाल दी ,,और मामी गपागप मेरे लण्ड लो चूसे जा रही थी ।
मै - अह्ह्ह मामी क्या मस्त चुस रही हो मेरा लण्ड आह्ह मज़ा आ रहा है

मामी लण्ड को मुह से निकाल कर अपनी जीभ को मेरे सुपाडे के निचली नशो मे रगड़ते हुए बोली - क्यू मेरे राजा मज़ा आ रहा है ना सपनो जैसा

मै - अह्ह्ह मामी म्ज़ा तो बहुत आ रहा है लेकिन
मामी - लेकिन क्या मेरे हीरो
मै - लेकिन मैने सिर्फ़ यही ब्स थोडी ना किया था सपने मे अह्ह्ह उम्म्ंम
मामी मेरे लण्ड की सुरुकते हुए - अच्छा और क्या क्या किया था मेरे राजा बताओ ना

फिर मै झट से मामी को उठाया और घुमा कर उनकी पीठ को अपने सीने से लगाते हुए , लपक कर उनकी मुलायम चुचियो को दोनो हाथो मे जकड़ उनको मिजते हुए बोला - अह्ह्ह ऐसे ही सपने मे आपकी इन मुलायम चुचियो को मिज रहा था ,,,

इधर एक तरफ बेदर्दी से मामी के चुचे मसल रहा था वही मेरा लण्ड मामी के गाड़ के उपरी सिरे को छू रहा था

मामी - अह्ह्ह इमम्म्ंं उह्ह्ह्ह इतनी तेज मिज रहे थे क्या मेरे राजाआह्ह्ह्ह

मै मामी के मुलायम दाने वाले गुलाबी निप्प्ल को उंगलियो से खिचते हुए बोला - बिलकुल ऐसे मसल रहा था मेरी रानी आपके चुचे
मामी - उफ्फ़फ्फ अह्ह्ह मेरे राजा जी कहा से सीखी उम्म्ंम स्स्स्स इस्स्स उफ्फ्फ अह्ह्ह्ज और रगडो मेरे राजा और मसलो
मामी आपने दोनो हाथ मेरे हाथो पर रख कर अपनी चुची रगड़ रही थी और बार बार अपनी गाड़ मेरे लण्ड से टकरा देती
फिर मै मामी को झटके से अपनी तरफ पल्टा और उनके गुलाबी पतले होठो को अपने होठो मे लेके चुसने ल्गा ,,इस दौरान मेरा लण्ड सिधा मामी के पेड़ू पर घिस रहा था और मेरे दोनो हाथ मामी की तरबूज जैसे चुतडो को फैला रहे थे । किस्स मे मामी मेरा भरपूर साथ दे रही थी ।
फिर मैने झुक कर मामी के एक म्म्मे को पकड़ा और उसकी गुलाबी निप्प्ल को चुस्ते हुए मामी की गाड़ मे उंगली से खोद रहा था
मामी के दुधिया म्म्मे मेरे हाथों की जोरदार मस्लन से लाल हो गये थे और मेरे होठो का स्पर्श अपनी मुलायम चुचो पर पाकर मामी मेरे सर को अपनी छाती मे दबाने लगी

मामी - अह्ह्ह राजा और चुसो और हा ऐसे ही उम्म्ंम्ं इतना न्शा आज तक नही हुआ मुझे अह्ह्ह उम्म्ंम उफ्फ्फ स्सीई उम्म्ं
मामी का एक हाथ वापस से मेरे लण्ड को थाम चुका था
मै मामी को सीधा अपने साम्ने किया और एक बार उन्के होठो को चुमा फिर बोला - मामी मेरी जान,,
मामी - हा बोलो ना मेरे राजा
मै - मामी मुझे आपकी झाटो से भरी ये चुत चाटनी है , मामी के चुत को पैंटी के उपर से सहलाते हुए बोला

मामी - सीई अह्ह्ह्ह सच मे तुम्हे मेरी झाटो से भरी चुत पसंद है मेरे हीरो
मै मामी के गरदन को चुमते हुए उन्के कान मे जाकर बोला - हा जानू ,, बोलो ना चुसवओगी अपनी झाटो वाली गुलाबी चुत
मामी मदहोश होते हुए - सीई उम्मममंं अह्ह्ह्ह्ज्ज्ज हा मेरे राजा चुस लो अपनी रानी की चुत

फिर मै झट से मामी को बिस्तर पर लिता दिया और उनकी पतली सी पैंटी को निकाल कर फेक दिया ।
अह्ह्ह क्या मस्त काले घुघराले झान्तो से घिरी चुत थी जो गोरी गोरी जांघो पर और खिल रही थी
हल्की हल्की मामी के सोमरस की बुन्दे मामी के काले झाटो को एक अलग ही चमक दे रही थी ।
मै झुक कर मामी के जांघो को चौड़ा किया और उन्के एक गोरी मखमल सी मुलायम जांघ पर अपने चेहरे को सहलाने ल्गा ,,और चूमते हुए मामी की चुत की तरफ बढने लगा ।
जैसे जैसे मै मामी की चुत की तरफ जाता वो उनकी सिस्क बढ़ती जाती
फिर वो पल आया जब पहली बार मैने मामी के चुत की खुस्बु ली और लपालप से जीभ को उनकी झाटो मे चुत के दाने खोजते हुए फेराने ल्गा

मामी - सीई अह्ह्ह्ह मेरे राजा उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ्फ खा जाओ मेरी चुत को उम्म्ंम
मामी गाड़ पटकने लगी थी
कुछ ही पलो मे मामी के बुर के होठ मेरे होठो के गिरफ्त मे आ गये और मैने दोनो हाथो से मामी की झाटो को साइड करके मामी के चुत के होठो को अपने मुह मे चुबलाना शुरु किया

मामी गाड़ पटक रही थी - अह्ह्ह्ज उह्ह्ह हाअय्य्य मा मर गयीईईई खा जा मेरे बुर को मेरे राजा ,,, कहा था तू अब तक रे अह्ह्ह्ह और चुस मेरे हीरो अह्ह्ह्ह खा जा अपनी रानी की चुत

मै ल्पालप मामी की चुत मे जीभ डालकर अंदर घुमाये जा रहा था ,,कुछ ही पलो मे खट्टे मीठे पानी का सैलाब मेरे मुह मे आया

मामी - अह्ह्ह्ह अह्ह्ह मै झड़ रही हू मेरे राजा अह्ह्ह बचा ले मुझे अह्ह्ह मा उफ्फ़ हाय्य दईया ये दर्द उम्म्ंम मा उफ्फ्फ चाट ले मेरे चुत को मेरे हीरो
जैसे ही मै मामी की चुत से हटा , मामी झट से उठी और ग्प्प से वापस मेरे लण्ड को मुह मे भर कर चूसते हुए अपनी चुचिया मिजने लगी

मै -ओह्ह्ह मेरी रानी इतनी प्यासी हो लण्ड के लिए अह्ह्ह और चुसो अभी तो आपके इस गुलाबी भोस्दे मे भी तो घुसना है अह्ह्ह लोगी ना मामी मेरा लण्ड अपनी बुर मे
मामी - अह्ह्ह हा मेरे राजा क्यू नही गुउउउऊ गुउउऊ गुउऊ सुउउर्रृऊऊऊऊपपपपप अह्ह्ह्ज कितना मोता लौडा है मेरे राजा ,,,बहुत मज़ा आ रहा है
मै - चुस लो मेरी जान अह्ह्ह इह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम इसस और और हा अह्ह्ह

फिर मै मामी को अलग किया और घोड़ी ब्ना कर उन्के गाड़ को चूम्ने लगा

मै - आह्ह मामी सच मे इत्नी गोरी गाड़ मैने किसी की नही देखी
मामी - अच्छे से देख लो मेरे राजा और चोदो मुझे

मै झट से अपना गिला लण्ड मामी की चुत मे सेट किया और एक जोरदार धक्के से अंदर पेल दिया

मामी - अह्ह्ह्ह मा उह्ह्ह साले सच मे भोस्डा समझा है क्या ,,,आराम से चोद ना हाय्य्य मा,,, अह्ह्ह सीई उम्म्ं उफ्फ्च हा ऐसे ही अह्ह्ह हा हल्का हल्का अभी करो मेरे राजा अह्ह्ह उह्ह्ह्ह हम्म्म्म्ं

मै - क्या हुआ रानी ज्यादा तेज लण्ड डाल दिया क्या
मामी - हा मेरे राजा लेकिब भी मज़ा आ गया था हा ऐसे ही और चोदो मुझे अह्ह्ह बहुत मज़ा आ रहा है उफ्फ्फ्फ कितना गर्म लौडा है मेरे हीरो का उह्ह्ह अह्ह्ह
मैं मामी की गाड़ को मस्ल्ते हुए चोद रहा था ,,, बहुत ही मज़ा आ रहा था
फिर मैने पोजिसन बदली और मामी के जांघो को अपने कन्धों पर डाल कर लण्ड को वापस मामी की चुत मे उतार दिया

मामी - ओह्ह्ह मा उफ्फ्फ ये तो पेट तक जा रहा है हा थोडा तेज अह्ह्ह हा हा हा ऐसे ही ऐसे ही अह्ह्ह्ह मा ओह्ह्ह मा रुकना मत मेरे राजा और चोदो और और तेजज़्ज़्ज़ अह्ह्ह

मै थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप करके धक्के मामी की बुर मे ल्गाये जा रहा और खुद चरम सीमा पर पहुंच गया था

मै - अह्ह्ह मामी मेरा आयेगा
मामी - अंदर नही मेरे मुह मे डाल दो आह्ह जल्दी जल्दी
मै झट से उठा और लण्ड मामी के मुह पर ले जाकर हिलाने ल्गा और कुछ ही बार मे मेरा माल मामी के मुह पर गिरने ,, फिर मामी के मुह मे लण्ड डाल दिया जिसे वो चुस कर छोड दी औए अपने चेहरे पर ल्गे मेरे वीर्य को चाटते हुए मुस्कुरा रही थी

मै झुक कर उन्की एक चुची को मुह मे लेके चूसा और छोडदिया

मामी - ले लिया बदला न अब हू
मै - हा ले तो लिया लेकिन अभी और लेना है

मामी हस्ते हुए - बदमाश मै जान्ती थी अगर तुम्को मौका मिला तो तुम मुझे नही छोडने वाले
मै - फिर भी मुझे मौका दिया
मामी मुस्कुरा कर - आपने राजा बाबू को उदास कैसे कर सकती थी
मै - मुझे उदास नही देख सकती थी की मेरे लण्ड ने बेकाबू किया था सुबह से हीहीहि

मामी - नही तो ऐसा कुछ नही है
मै - आपका प्ता नही लेकिन मुझे आपकी मोटी तरबूजे जैसी गाड़ ने बहका दिया और आपकी ये दूधिया चुचे और झाटो से भरी चुत के क्या कहने

मामी शर्मा गयी - अब ब्स भी करो ये सब हमेशा अच्छा नही लगता है
मै झट से घुटनो के बल हुआ और आधे सोये लण्ड को मामी के मुह पे रख के उनकी चूची को मसलते हुए बोला - तो चलो ना मामी फिर से एक बार सेक्सी बाते करते है ।

मामी मेरा मतलब समझ गयी और मेरे लण्ड को चुस कर खड़ा किया ,,वापस से मैने मामी को एक बार और चोदा फिर हम लोग फ्रेश होकर करीब 2:30 बजे खाना खाने किचन मे चले गये ।


देखते है दोस्तो आने वाले अपडेट मे अब क्या कुछ नया होने वाला
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
पढ कर अपनी राय कहानी के लिए जरुर दे ।
धन्यवाद

सूचना - अगले दो दिन के लिए मै कुछ विभागीय कार्य से बाहर जा रहा हू । सरकारी नौकरी के अलग ही फंडे है दोस्तो । शुक्रवार को वापस आने के बाद ही अगला अपडेट दे पाऊन्गा ।
 

57,352

Members

346,234

Threads

2,833,357

Posts
Newest Member
Back
Top