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रात को सभी लोग खाना खा लिये और गर्मी की वजह से हम सभी लोग छत पे टहलने गये

थोडी देर बाद मै जान बुझ के चाताई पर लेट गया ,, करीब 10 मिनत बाद दीदी अनुज को लिवा के सोने चली गयी ।

फिर थोडी देर बाद पापा मा से बोले - रागिनी , रज्जो दीदी बता रही थी को यहा गर्मी बहुत लगती है और सो नही पा रही है तो तुम इनको भी लिवा के आजाना मेरे कमरे,,, वहा इनको भी आराम रहेगा ।

इसके बाद पापा नीचे चले गये
फिर मौसी और मा आपस मे बात करने लगी

मा - क्या बात है दीदी आज अपने दीवाने के साथ सोने जा रही है , कल की चुदाई देख कही आपका मन तो नही ना कर रहा है

मौसी - मन तो बहुत है छोटी लेकिन वो तेरा पति है और मेरे नीचे सोने से तु भी नही चुद पायेगी

मा - काहे का पति दीदी देखी नही कैसे तडप रहे थे कल आपसे अपना लंड चुस्वाने के लिए

मौसी - हा छोटी उसका तो पुरा मन है मेरे ऊपर चढने का ,,,, हहहहह

मा - तो चलो दीदी आज पुरा कर दो अपने आशिक का अरमान ,,, हिहिही

मौसी - सोच रही हू आज थोडी सी दया दिखा दू अपने दीवाने जमाई को

मा - अरे ऐसे जाओगी क्या दीदी सब कुछ ढक कर तो कैसे मेरे पति अपनी रसदार गदरायी सपनो की रानी का दिदार कर पायेंगे
मौसी - तो तू बता कैसे जाऊ
मा - अरे दीदी ये साडी उतार दो ना आपके रसिले दूध देख कर ही वो पागल हो जायेगे ,,,,हिहिही

फिर मौसी ने साडी उतार दी और अब मौसी ब्लाऊज पेतिकोट मे थी फिर मा ने भी सारी निकाल दी
और दोनो मुस्कराते हुए चल दी नीचे पापा के रुम मे

करीब 2 मिनत बाद मै भी नीचे गया तो देखा की मा और मौसी अभी कमरे के बाहर ही है कुछ बात कर रही है ह्स्ते हुए

मौसी ने ऊपर से एक चुनरि ली हुई है लेकिन मा वैसे ही है
फिर पापा भी हाफ़ चढ्ढा और फुल बनियान पहने बाहर आते है और मौसी का चौड़ा चुतड़ देख के मस्त हो जाते और कहते है

पापा - लग्ता है दीदी जी आपको गर्मी सच मे ज्यादा लग रहा है,,, आज आप कूलर की तरफ ही सोयियेगा

फिर तीनो कमरे मे जाते है
कमरे मे नाइट बल्ब जलता है
फिर कमरे का दरवाजा बंद हो जाता है और मै फुर्ती से दबे पाव खिडकी के पास पहुच जाता हूँ ।

कमरे मे
पापा- आप इधर सो जाईये दीदी , और मुझे भी गर्मी ज्यादा लगती है तो आपको अगर दिक्कत ना हो तो बिच मे मै सो जाऊ

मौसी - अरे दिक्कत कैसी जमाई जी सोना ही तो है ,,,, ये बोल के अपनी चुनरी उतार के रख देती है

ऐसा होते ही पापा की नजर उनकी आधी बाहर आई चुचियो पर रुक जाती है और चड्धे मे उनका लंड सलामी देने लगता है

मा - अरे अब खड़े रहना है क्या कि सोना भी है
पापा हड़बड़ा कर बिस्तर पर आ जाते है फिर मौसी और मा भी हस्ते हुए अपने जगह आ जाते है ।

फिर थोडी देर बाद पापा मौसी की तरफ घूम के उनकी चुचियो को घूरते हुए बोले - देख रहा हू दीदी आपके पास आरामदायक कपड़े नही है

मौसी समझ गयी की बात किस लिये किये पापा और मुस्कुराते हुए बोली - हा जमाई जी ये छोटी के कपडे है इसिलिए बहुत तंग है

पापा - आप चाहे तो रिलैक्स हो कर सो सकती है क्यू रागिनी ठीक कह रहा हू ना

मा - हा दीदी आप ब्लाऊज निकाल दो और चुनरि ऊपर से डाल लो वैसे भी यहा कोई बाहर का थोडी है

मौसी - हा ठीक कह रही हो छोटी ,,, फिर पापा को कहती है कि - जमाई जी क्या आप,,,,

पापा- हा हा मै घूम जा रहा हू आप आराम से बदल ले
फिर पापा मा की तरफ घूम जाते है और दोनो के चेहरे पर एक खास मुस्कान होती है

फिर मा अपना हाथ नीचे ले जा कर पापा लंड ऊपर से ही सह्लती है और पापा भी मा की चूचि पर काटने की कोसिस करते है ।

तभी मौसी बोली - हा जमाई जी अब आप घूम सकते है

पापा भी घूम के देखते है तो मौसी ने अपना ब्लाऊज निकाल के वही ट्रांसपरेंट चुनरि लेली ऊपर से ,,, और गुलाबी नाइट बल्ब की रोशनी में उन्के गोरे चुचे साफ दिख रहे थे

पापा - हा दीदी अब ठीक है और फिर मा को बोले रागिनी तुम भी निकाल दो ब्लाऊज गर्मी बहुत है

मौसी - हा छोटी जमाई जी ठीक कह रहे है जबसे ब्लाऊज निकाला है एकदम से आराम मिला है

मा - ठीक है दीदी ,, फिर मा ने भी ब्लाऊज निकाल दिया और मै मा को देख के पागल होने लगा

आज पहली बार मा को अधनंगा देखा
उनकी गोल गोल बड़ी चूचि और डार्क कडक निप्प्ल उफ्फ्फ कयामत थी मा

फिर कुछ देर शान्ति थी मगर एक तरफ जहां पापा मौसी की चुचियो के दर्शन का जुगाड लगा रहे थे वही मा को लंड की तलब होने लगी थी और वो पापा के चढ़ढे मे हाथ डाल के लंड सहलाने लगी लेकिन पापा की नजर एकटक मौसी की चुचियो मे था

इधर मा के लण्ड हिलाने से पापा थोड़े ध्यान भंग हुए तो देखा मा एकदम नशे मे और अपनी चूचि चूसने का इशारा करती है

पापा भी नग्न चुचियो को देख मा की तरफ घूम कर चुची पीने लगते है तभी मौसी को शरारत सुझी और वो चुनरि को कूलर की हवा मे उड़ा देती और बोल्ती है - अरे अरे अरे पकड़ो पकड़ो जमाई जी लेकिन तब तक चुनरि जमीन पर पड़ जाती है ।

इस हडबडी मे जब पापा घूम के देख्ते है तो मौसी बेड पर दोनो हाथ से अपनी चुचियो को ढकने की नाकाम कोसिस मे लगी है

पापा और मा - क्या हुआ दीदी
मौसी - अरे छोटी वो चुनरि उड़ कर नीचे गिर गयी है

मा समझ गयी और जानबूझ कर बोली - अब तो वो गंदी हो गयी होगी , रहने दो ऐसे ही सो जाओ

मौसी - मै तो सो जाऊ लेकिन जमाई जी को दिक्कत न हो

पापा- अरे नही दीदी , मेरे लिए जैसे रागिनी वैसे आप

मौसी - अच्छा जी मतलब आप मेरे साथ भी वही करना चाहते है जो अभी छोटी के साथ कर रहे थे ,,, पापा को छेद्ते हुए बोली

पापा - अरे नही ऐसा कुछ नही है दीदी
कहा रगिनी कहा आप

मौसी - मतलब मेरे दूध अच्छे नही है क्या
पापा थोडा शर्माते हुए - अब जिस चीज़ को देखा नही उसकी कोरी तारिफ कैसे करू

मौसी - तो ये बात है देख लीजिये फिर आप तो अपने है
फिर मौसी ने पापा के सामने अपने चुचो को नंगा कर दिया
और फिर लेट गयी

पापा भी करवट लेकर मौसी की तरफ उनकी चुचियो को एक तक देखने लगे इसी बिच मा का सेक्स का नशा और हो रहा था वो पापा के लोवर मे हाथ डाल के लंड हिला रही थी

जिसको देख मौसी हस्ते हुए बोली - जमाई जी यहा से नजर हटा कर अब अपनी पत्नी के साथ समय बिताईए वो तडप रही है

पापा- उसे अपके सामने मुझे प्यार करने मे संकोच हो रहा है दीदी

मौसी - छोटी तू कब से शर्म करने लगी ,,, चलिये मै घूम जाती हू आप लोग अपना काम कर ले

पापा - क्यो दीदी आप नही चाहेगी ये देखना की आपकी स्टूडेंट आपके सिखाये काम को सही रूप से करती है या नही

मौसी जानबूझ के - मतलब

पापा - रागिनी ने मुझे बताया था एक बार की उसे लिंग से प्यार करना अपने ही सिखाया है

मौसी शर्मा जाती है - क्या जमाई जी आप भी ऐसी बाते कोई करता और ये छोटी भी मेरी बाते बताने लगी
मा - अरे दिदी यहा कोई बाहर का थोडी न है रुको मै दिखाती हू
इतना बोल मा झट से पापा के पैर के बिच मे गयी और चढ़ढे को निकाल दिया और पापा का लंड फन्फना के खड़ा हो गया

मौसी भी एक टक पापा के लंड को देखने लगी
देखते ही देखते पापा का लंड मा के मुह मे था

ऐसा कामुक सिन देख कर मै भी लण्ड बाहर निकाल के हिलाने ल्गा

उधर मा पापा का लंड चुस रही थी और पापा की नजर अब भी मौसी की चुचियो पर थी

इसी बिच पापा बोले - रागिनी बता रही थी कि आपको भी लिंग से प्यार करना पन्सद है क्या ये सच है

मौसी थोड़ा हिचकिचा गयी और बोली - ये छोटी भी ना पता नही क्या क्या बता दी आपको

पापा - देखिये आप कुछ संकोच ना करिये दीदी अगर आपका मन है तो आप रागिनी पास जा सकती है ऐसा कहते हुए पापा अपना हाथ मौसी के हाथ पर रख देते है ।

इतने में मा लंड को मुह से बाहर करके बोली - आईये ना दीदी

मौसी थोडा सा नीचे की तरफ सरकती है तो पापा बोलते है आप निसंकोच जाईये ,,,, ये बात हमारे बिच ही रहेगी


आगे के अपडेट मे देखते क्या होता है क्या रज्जो , रन्गिलाल के इस खेल मे शामिल होगी या नही

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अब तक
पापा - देखिये आप कुछ संकोच ना करिये दीदी अगर आपका मन है तो आप रागिनी पास जा सकती है ऐसा कहते हुए पापा अपना हाथ मौसी के हाथ पर रख देते है ।

इतने में मा लंड को मुह से बाहर करके बोली - आईये ना दीदी

मौसी थोडा सा नीचे की तरफ सरकती है तो पापा बोलते है आप निसंकोच जाईये ,,,, ये बात हमारे बिच ही रहेगी

अब आगे

फिर मा बोली - आओ ना दीदी मज़ा लो आप भी ,,, ये कहकर वो पापा के पैर के किनारे हो जाती है ।
फिर मौसी भी पापा के दुसरे किनारे आ कर थोड़ा हिचकिचा के एक नजर पापा के फुकार मारते लंड को देखती फिर थोड़ा सा पापा को देखा जो उनको लंड की तरफ इशारा करते है फिर मौसी पापा के गीले और कडक लण्ड पकड़ के उसकी चमडी सुपारे से नीचे उतर के पापा की आँखो मे देखते हुए अपना जीभ सूपाडे पर घुमाती है और फिर पुरा लण्ड एक साथ मुह मे भर लेती हैं,,, इधर पापा पुरे जोश मे आँखे बंद किये मुखमैथुन का आनंद लेने लगते है ,
मौसी पापा के सुपाडे को चुस्ते हुए उनके आड़ो को सहलाती है

पापा - ओझ्ह्ह्ह्ह अह्ह्ब्ब क्या चुस्ती हो आप दीदी लंड को उम्म्ंम आह्हह ऐसे ही हाआ उम्म्ं उफ्फ्फ्फ और अन्दर लो दीदी उम्म्म्मह्ह्ह्ह उफ्फ़फ्फ्फ अझ्ह्ह्ह्ज्ज उह्ह्ह्ह
करिब 5 मिनट की चुसायि से पापा मौसी के मुह में ही झड़ जाते है जिसे मौसी के बाद मा भी चाट कर उन्के लण्ड को साफ करती है

फिर पापा उठ के बैठ जाते और दीवाल से टेक लगा बैठ जाते है फिर कहते है - आज कितने साल मेरी एक इच्छा पुरी हुई

मौसी - कैसी इच्छा जमाई जी
मा - अरे दीदी जबसे मैने इनको बताया कि मैने लंड चूसना आपसे सिखा है तबसे ये आपसे अपना लंड चुस्वाना चाह्ते है

मौसी - अच्छा ,,,अब तो खुश है ना जमाई जी आपकी मनोकामना पूरी हो गई

पापा - अभी कहा
मौसी - क्यो अभी भी कोई इच्छा अधूरी है क्या जमाई जी ,,, अपने हाथो से पापा का लंड सहलाते हुए बोली

पापा - एक हो तो बताऊ दीदी ,,,, फिर पापा मौसी की चुचियो को देखने लगे

मा पापा के एक साइड मे उन्के कन्धे पर सर रख के लेती हुई उन्के पेट सहला रही थी जबकि मौसी पापा के सामने बैठ के उनका लंड हिला रही थी


मौसी - अब कौन सी ख्वाईश बाकी है जमाई जी
पापा मा की चुचियो को अपने हाथो से मौसी के सामने से मिजते हुए बोले - नही नही दिदी वो उचित नही होगा

मा - अरे दीदी ये ऐसे ही शर्माते रहेंगे ,,,मै बताती हू

मौसी - अच्छा बता फिर
मा - जानती हो दीदी ,, ये आपके चुचियो के दीवाने हमारे सादी के दिन से है और तबसे लेकर रोज आपके चुचियो को भोगना चाहते है

मौसी शर्माने का नाटक करते हुए बोली - क्या छोटी तु भी ,,, ऐसा कुछ नही है,,है ना जमाई जी

पापा आपना हाथ मा की चुची से हटाकर मौसी के हाथ को पकड़ लेते है और कहटे है - ये सच कह रही है दीदी ,,, मै दिवानो की तरह आपको भोगना चाहता हू ,,और आपकी इजाजत हो तो क्या मै ....

मौसी अपनी तारिफ से शर्मा के घूम गयी
और मा ने पापा को इशारा किया की जाओ आपका काम हो गया

पापा ने तुरन्त अपना बनियान निकाला और मौसी को पीछे से उन्के कन्धो को पकड़ा और गरदन को चूम लिया
मौसी को मदहोसी होने लगी उनकी तेज़ सांसो से उनकी भारी चुचिया ऊपर नीचे होने लगी

उधर मा दीवाल से लग कर पापा और मौसी को देखते हुए अपनी चुची मसलने लगी

अनदर का माहौल पुरा सेक्स से भरा था और मै तेज़ी से अपना लंड सहला रहा था

पापा ने हाथ आगे ले जा कर मौसी के नरम पेट पर ले और फिर चुचीयो को नीचे से उठा कर उन्हे मसल्ने लगे और मौसी आहे भरने लगी

ईइसीईई उम्म्म्म्म्मह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं उद्फ्फ्फ जमाई जी ये क्या कर रहे हैं आप

पापा - ओह्ह्ह रज्जो रानी तूम्हारी चुचिया कितनी मस्त है और नरम है ,,,, मै इन्ही का तो दीवाना हू

मौसी नशे में मदमस्त होकर उह्ह्ह्ह्ह इस्स्स्स्स उफ्फ्फ्फ हम्म्मम्ं कर रही थी

फिर पापा ने मौसी को बोला - रज्जो मेरी जान आजाओ लेट जाओ , मुझे तुम्हारी चुचियो को चूसना है

फिर मौसी बिना कुछ बोले लेट गयी और पापा मौसी के बाई तरफ लेट के उनकी चुचियो पर हाथ घुमाने लगे और फिर मौसी के होटों के चूसने लगे

मौसी पूरी तरह से पापा के काबू मे थी और उधर जब मेरी नज़र अचानक मा पर गयी तो देखा मा अपना पेतिकोट ऊपर से ही चुत को सहलाए जा रही थी

ये सब मुझे एक सपने जैसा लग रहा था
उधर मौसी पूरी तरह खुल के पापा का साथ दे रही थी और फिर वो पल आया जब पहली बार पापा ने अपने जीभ से मौसी के डार्क चोकोलेटी निप्प्ल को चाटा और

मौसी - उह्ह्ह्ज जमाई जी

फिर पापा ने भर भर के मौसी की चुचियो को चूसने लगे और मौसी आहे भरने लगी

मौसी - आह्हह जमाई जी ,,,, और चुसो इस निगोड़ी को ओह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं आअह्ह्ह ऐसे ही मेरे राजा ,,, आज मेरी प्यास बुझा दो

पापा - हा रज्जो मेरी जान,,, आज बरसो बाद मेरी आपको भोगने की इच्छा पूरी हो रही है

मौसी - उह्ह्ज्ज उह्ज्ज मम्मंंं उफ्फ्फ्फ आह्हह ,,,, भोग लो मेरे राजा, मै अब तुम्हारी हू
पापा फिर चुचियो को छोड़ नीचे गये और मौसी का पेतिकोट खोल दिया और निकाल दिया

मौसी की मोटी मोटी गदराई जांघो के बिच पापा उनकी फुली हुई चुत देखने लगे जिसपर हल्के बाल और अपना लंड हिला रहे थे

और फिर मा को इशारे से बुलाया ,,,मा समझ गई और पापा के लंड को मुह में लेकर चूसने लगी फिर जब लंड गिला हो गया तो मा पापा को देखते हुए मौसी की चुत को दुलारने लगी,,,मनो पापा को बोल रही हो कि आओ अपने सपने को हकीकत बना लो

मौसी आँखे बंद किये अपनी चुचियो को रगड़ रही
फिर पापा ने भी मौसी की जन्गो को फैला देर ना करते हुए उनकी गीली चुत में अपना लंड डाल दिया और मौसी की आह्ह्ज निकल गयी

फिर पापा मौसी को चोदने लगे

मा - क्यो दीदी मज़ा आ रहा है ना चुद के ,,,, मै ना कहती आपको की ये आपको बहुत जोर से चौदेंगे
मौसी --- उम्म्ंम आअह्ह्ह ओह्ह्ह हाआआ छोटी

पापा मौसी की जांघो को ऊचा कर उन्के ऊपर आ कर उनकी दोनो चुचियो को चुस्ते हुए चोदने लगे और मौसी और तेज़ आहे भरने लगी

पापा - तो मतलब मेरी रज्जो रानी भी मुझसे चुद्ना चाहती थी
मौसी - उह्ज्म्ंं इफ्फ्फ आआह्ह्ह इह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह उम्म्ं हा जमाई जी , छोटी हमेशा बताती की आप उसे चोदते वक़्त मुझे ही याद करते है तो मेरा मन भी आपकी मेरी जिस्म की तडप के लिए मचल उठता था उम्मममं ओह्ह्ह्ह्ह और तेज़ चोदो जमाई जी मेरा होंने वाला है

पापा - जरुर मेरी रन्डी रज्जो जान और फिर पापा थप थप थप थप करके कस कस के मौसी को चोदने लगे ,,,,,
करीब 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद

पापा -मेरा भी होने वाला है रज्जो दीदी

और फिर पापा ने लंड को चुत से निकाला और फुर्ती से मौसी के पेट पर बैठ के सारा माल उनकी भारी चुचो पर गिराने लगे फिर लंड को उनकी चुचो पर रगड़ कर उनके चेहरे के पास गये और मौसी ने तुरंत लपक कर लंड मुह मे ले लिया और बचा कुच माल भी चुस के लण्ड छोड दिया

उधर मा भी अपना पानी निकाल चुकी थी
और मै तो 2 बार झड़ गया था

फिर थोडी देर बाद मा बोली - अरे दीदी चलो हम साफ होकर आते है

मुझे लगा अब मुझे य्हा से निकल जाना चाहिये
तभी मौसी बोली - नही छोटी ये मेरे आशिक़ का मेरे जिस्म पर उनका प्यार है और अपनी चुची पर लगा माल को उगली से मुह मे चातते हुए बोली - आज रात ऐसे ही रहना है मुझे और पापा को देखने लगी


फिर मै वहा से निकल गया और ऊपर आकर सो गया

अब देख्ते है आगे क्या होता है
 
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पिछले अपडेट मे आपने पढा की कैसे पापा ने मौसी को भोगा
अब आगे

सुबह करीब 8 बजे मेरी नीद खुली मै फ्रेश होकर नीचे गया तो पापा , मौसी , मा नासता कर रहे थे

मौसी - अरे राज ,, आओ बेटा तुम भी नास्ता कर लो
फिर मै भी नाश्ता करने लगा
फिर मैने पापा को बोला - पापा मुझे अब एक मोबाइल चाहिये

रात मे मौसी की दमदार चुदाई के बाद पापा का मूड खुश था ही तो बोले - ठीक है बेटा लेलो ,,, वैसे भी घर पर एक मोबाइल जरुरी है

मा - हा जी बहुत जरुरी हो गया मोबाइल आजकल

फिर पापा ने मुझको कहा कि - ऐसा करो राज तुम मौसी को लिवा लो और बाजार चले जाओ ,, रागिनी कह रही थी कि रज्जो दीदी के पास कप्डे नही है

मै - ठीक है पापा
फिर मौसी सारा कप प्लेट लेकर किचन मे जाने लगी तो पापा की नज़र मौसी की भरी भरकम चुतड पर थी तो ऐसे हिल रहे थे मानो बडे बडे दो गोल गोल रुई के गठ्ठरो को बान्ध दिया गया हो

फिर मा निचे दुकान मे गयी और मै अभी नास्त कर रहा था
पापा किचन मे जाते हुए बोले - मै जरा हाथ धुल लू कौन ऊपर जायेगा और वो किचन मे गये मै समझ गया अन्दर कुछ चल रहा है फिर पापा जाते जाते बोले - अच्छा राज मार्केट से वापस आते वक़्त आपनी मौसी को दुकान पर लेते आना देख लेंगी वो भी

मै नसता करते हुए हा मे सर हिलाया

फिर नास्ता खतम करके कीचेन मे गया और बरतन सिंक मे डाल के हाथ धोते मौसी से बोला

मै - तो मौसी कब से चलना है बाजार
मौसी - बस 10 मिनत रुक मै तैयार हो रही हू फिर चलते है

फिर मौसी हाथ मुह धुल के बेडरुम मे गयी और मै भी उन्के पीछे गया

मौसी ने मा की सारी उतार दी
और ब्लाऊज भी क्योकि उन्होने रात से ही ब्रा नही पहनी थी उन्के चुचे उछल के बाहर आ गये

मै - मौसी आज तो पिला दो दूध ,,, कोई है नही

मौसी मुस्कुराते हुए बोली जा पह्ले दरवाजा बंद करके आ
मै खुशि से जल्दी से दरवाजा लॉक किया

और मौसी के पास आ गया फिर मौसी ने इशारे से मुझे आगे बढने को बोला
मै लपक कर दोनो चुचियो को पकड़ा और बारी बारी से चूसने

मौसी आँखे बंद करके मेरे बालो मे हाथ फिरा रही थी
फिर मैने उनको लिटा के उन्के बगल मे लेट कर एक एक करके चुचो को म्सल्ते हुए चूसने ल्गा

मौसी - उम्म्ंम ओह्ह्ह्ह राज बेटा बस कर
मै - मौसी आपकी चुची इतनी बड़ी कैसे हैं ,,,,वापस निप्प्ल पर जीभ लगा कर चाटने लगा

मौसी - हम्म्म्म उह्ह्ह्ह ,,,वो तो ऐसे ही चूसने वालो ने बड़ी कर दी है ।

मै आँखे बड़ी करके बोला - तो क्या रमन भईया अभी भी दूध पिते है क्या आपका ,,, इतना बोल के मौसी के निप्पल को दांतों से हल्का सा काता

मौसी - उम्म्ंम्ं वो तो रोज ही चुस्ता है इनको बेटा ,,,,,ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह

मै मन मे सोचने ल्गा ,,लगता है मौसी रमन से भी चुदती है
लेकिन मौसी ने कहा कि चूसने वालो ने उनकी चुची बड़ी की है तो मौसा पापा के अलावा किस किस से चुद चुकी है मौसी इसका पता लगाना पडेगा

इसी बीच मै लगातार मौसी की चुचिया चुस्ता और दबात रहा
फिर मैने धीरे धीरे अपना एक हाथ मौसी की चुत पर पेतिकोट के ऊपर से रख दिया

मौसी - आह्ह्ह्ह लल्ला क्या कर रहा है उम्म्ंम्ं
मै - कुछ नही मौसी बस दूध ही पी रहा हू

और मौसी की एक चुची मुह मे लेके उनकी चुत को सहलाते हुए बोला - अच्छा तो मौसी क्या रमन भैया आपकी गांड भी चुस्ते है क्या जो ये भी बड़ी हो गयी

मौसी एकदम मदहोश थी और बोली - नही लल्ला वो तो इसे चौ..... इह्ह्ह अह्ह्ह्ह इह्ह्ह्ह उम्म्ंम
इतना बोल के मौसी झदने लगी

और फिर मुझे उठा कर बोली बस कर लल्ला तू निचे जा मै नहा के आती हू

मेरा लंड एकदम खड़ा था जब मैं उठा तो मौसी की नजर मेरे लंड पर गयी ,,,, फिर वो मुस्कुरा कर ऊपर चली गयी

मै थोडी देर निचे दुकान मे रहा फिर मौसी आई और हम बाजार चले गये पहले मैने एक android फॉन लिया और फिर हम एक बडे कपडे वाले दुकान पर गये

जहा मौसी ने 2 फुल साइज़ बटन वाली मैक्सि ली फिर हम लोग पैसे देकर मेरे दुकान पर निकल गये

दुकान पर पापा मौसी को देखते ही खिल गये और फिर हम तीनो अन्दर गोदाम मे बने एक रेस्टरुम मे चले गये

फिर पापा ने मुझे बोला की जाओ 3 ठंडा लाओ तब तक मै दीदी को घर घुमा दू

मै समझ गया कि इन दोनो की रासलीला होगी थोडी बहुत और मुझे ठंडई लेकर आने मे कम से कम 20 मिनत लगते

फिर मै दुकान से निकल गया और कुछ दूर जाने के बाद मुझे गन्ने के जूस वाला मिल गया तो मेरे दिमाग मे शैतानी आइडिया आया

मैने जल्दी से गन्ने का रस 3 ग्लास पैक करवाया और समय से 10 पहले ही वापस आ गया और चुपचाप रेस्टरुम की तरफ गया तो अन्दर मेरे अनुमान अनुसार काम चालू था


मौसी निचे बैठ कर पापा का लंड मुह मे किये गप्प गप्प चूसे जा रही थी

मन मे आया कि अभी जाकर मै भी शामिल हो जाऊ फिर मैने विचार बदल लिया और थोड़ा वापस आकार आवाज लगाते हुए अन्दर आने ल्गा त्ब्तक दोनो सतर्क हो अलग हो गये

पापा - अरे बेटा तू जलदी आ गया
मै - हा पापा वो रास्ते मे गन्ने के रस वाला मिल गया तो सोचा ठण्डई से अच्छा यही ले चलू

पापा - अच्छा किया
फिर हमने रस पिया और मै मौसी घर आ गये

शाम को 4 बजे मै कोचिंग चला गया

कोचीन्ग मे चंदू को देखते ही मुझे रजनी की चुदाई याद आ गयी

मैने सोचा अब जल्द ही इसके बारे मे चंदू से बात निकलानी पड़ेगी ।


अब आगे देखते है क्या होता है
 
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अपडेट 13

शाम होते होते मै दीदी के साथ वापस घर आ गया तो मा दुकान मे लगी थी फिर मै भी उनका हाथ बटाया फिर थोडी देर बाद मा ऊपर चली गयी ।

करीब 10 मिनत बाद मेरी चाची दुकान पर आई और कुछ सृंगार का सामान लिया
बातो ही बातो मे पता च्ला कि चाची, निशा दीदी और राहुल के साथ अगले हफ्ते भोपाल जा रहे हैं चाची के भाई की लडकी की शादी है ।

फिर वो सामान लेकर चली गयी और थोडी देर बाद मै दुकान बंद किया और छत पर चला गया

ऊपर मा और दीदी कीचेन मे खाना बनाने की तैयारी मे लगी थी और अनुज पढाई कर रहा था ,,,,लेकिन मौसी नही दिख रही थी कही

मै मा से पुछा - मम्मी, मौसी कहा गयी
मा - अरे बेटा उन्का फोन आया है वो छत पर बात कर रही है

ये सुनकर मै भी ऊपर चला गया और देखा मौसी ने आज ली हुई मेक्सि पहनी है

इतनी ढीली मैक्सि मे भी उन्के पहाड़ जैसे निकले चुतड साफ दिख रहे थे


मुझे देखते ही मौसी ने फोन पर बोला - ठीक है फिर मै बाद में बात करूंगी आपसे और कॉल काट दिया

मुझे ऐसा ल्गा की मौसी कुछ छिपा रही थी फिर मैने इग्नोर किया और मौसी के पास चला गया

मै - अरे मौसी किस्से बात हो रही थी
मौसी - लल्ला वो रमन ने फोन किया था , पुछ रहा था कब आओगी
मै मौसी को छेड़ते हुए - हा बेचारे 3 दिन से दूध के लिए तरस रहे होन्गे भईया

मौसी शर्माते हुए बोली - तू भी पागल है लल्ला

मै मौसी को पिघलता देख पूछा- अरे मौसी सुबह मैने जो पुछा वो आपने बताया ही नही

मौसी - क्या ल्ल्ला ,, मै समझी नही
मै मौसी के गोल भारी भरकम चुतड़ को सहलाते हुए बोला - यही कि आपका ये इतना बड़ा कैसे हो गया

मौसी ने मुसकुराते हुए कहा - लल्ला वो तो किसी के मेहनत का नतिजा है कि वो इतना बड़ा हो गया है ,,,, हिहिहिह

मै - वैसे कितने लोगो ने मेहनत की है मौसी ,,,,,, ये बोल के उनकी गद्देदार गांड को दबा दिया

मौसी - बहुत बदमाश हो गये हो लल्ला ,,,
मै - बताओ ना मौसी
ये बोल कर मै उन्के पीछे हो गया
शाम के 7 बज रहे थे और सब तरफ अंधेरा ही था लगभग

और मेरा लंड चढ़ढे मे खड़ा था तो ऐसे ही उनको पीछे से पकड़ कर बताने की जिद करने ल्गा

मौसी - अरे ल्ल्ला छोड मुझे
मै - नही बताओ ना पहले
मौसी हस्ते हुए अच्छा ठीक है बताती हू लेकिन ये किसी को बताना मत

मै उनको और चिपक गया और मेरा लन्द उनकी गाड़ की दरारो मे अन्दर गया

मै - हा प्रोमिस मौसी

मौसी मुस्कुराते हुए - ल्ल्ला मेरे इसको बड़ा करने मे दो लोगो का खास हाथ है ,,,हिहिहिही

मै जानबूझ कर-- दो लोगो का खास हाथ मतलब और भी लोगो ने इसका मज़ा लिया है

मौसी शर्माते हुए -- हम्म्म
मै - कौन कौन है वो खुशनसीब लोग

मौसी - धत्त पागल मै नही बताने वाली अब कुछ भी
मै मौसी की गांड मे लन्द को और अन्दर की तरफ धसा कर एक हाथ से उनकी चुत को मैक्सि के ऊपर से छुते हुए बडे प्यार से बोला - बताओ ना मौसी मै किसी को नही कहुन्गा

मौसी मदहोश होने लगी - बेटा मान जा क्यू जिद कर रहा
मै - प्लीज मौसी बताओ ना

मौसी - वो तेरे मौसा और ...
मै - और कौन
मौसी - तेरे पापा
मै चौक गया कि पापा ने रात में मौसी की गांड भी चोद दी साला
मै -क्या पापा भी ,,, लेकिन कब
और उन्के चुचो को मैक्सि के ऊपर से मस्लने ल्गा
मौसी - लल्ला वो कल रात मे .... उम्म्ं ओह्ह्ह
मै - अच्चा और बाकी दो खास लोग कौन है जिन्होने सबसे ज्यादा मेहनत की आपकी गांड मे

मौसी - आह्ह बेटा मान जा क्यो जिद कर रहा है
मै - प्लीज बताओ ना मौसी
मै लगातार लंड को गांड मे रागड़ते हुए चुचियो को मसल रहा था और मौसी आहे भर रही थी फिर वो बोली तो मेरे कान खड़े हो गए क्योकि मुझे इसकी उम्मीद नही थी

मौसी - वो राजेश और रमन ने आह्हह उह्ह्ह्ह
मै सोचने रमन भईया के साथ राजेश मामा से भी मौसी चुद गयी है ।
मेरे मन मे कई सारे बाते आने लगी की मामा से कबसे चुदवा रही है फिर रमन भैया ,,, कही मा भी तो नही राजेश मामा से

फिर मैने सोचा ये सब बाद मे अभी इस चुद्क्क्ड को चोदने का सोच

फिर मै बोला - मौसी क्या मै भी थोड़ा मज़ा ले स्कता हू इनका
मौसी मदहोसी मे - आह्हह लेले लल्ला मे रोक थोडी रही हू

फिर मुझे ल्गा की अभी सही समय नही रात मे कोशिस करता हू लेकिन सुबह से लंड खड़ा था तो इसको शांत करना पडेगा

फिर मैने अपना कच्छा निचे किया और लंड बाहर आ गया और मौसी का हाथ पकड़ के लंड पर ले गया
मौसी - अभी नही लल्ला सब निचे है रात मे देखते है

मै - हा लेकिन अभी इसको चुस के शांत कर दो सुबह से खड़ा है

मौसी थोडी मुसकुराते हुए बिना कुछ बोले निचे बैठ गयी और गपगप लंड को मुह मे लेके चूसने लगी

आज पहली बार किसी ने मेरे लंड को चूसा था मै हवा मे उड़ने ल्गा और आहे भरने लगा

थोडी ही देर मे मेरा लंड कडक हो गया और मुझे लगा अब निकल जायेग तो मै मौसी का सर पकड़ के तेज़ी से मुह मे चोदने ल्गा और फिर उन्के मुह मे ही झड़ गया

फिर मौसी ने अच्छे से मेरा लन्द को साफ किया और बोली - तुने तो थका दिया आज तक किसी ने मेरे मुह ऐसानही चोदा

मुझे खुद पे नाज हुआ और फिर हम निचे चले गये

फिर पापा आये तो हम लोग खाना खा रहे थे इसी बिच लाईट कट गयी

मा - आज लगता है छत पर ही सोना पडेगा ,,,वो इमरजेंसी लाईट ऑन की

फिर हम लोग खाना खा कर छत पर आ गये
मा ने बड़ी वाली चटाई बिछाई
फिर हम लोग बैठ के बाते करने लगे और मै मौका देख कर एक साइड लेट गया

थोडी देर बाद दीदी अनुज को लिवा के निचे चली गयी क्योकि उनके कमरे मे बाहर से खिडकी की व्यव्स्था थी

मै भी खुश था
ऐसे ही बात चित हो रही थी और मै सोने का नाटक किया
करीब 5 मिंट बाद किसी ने मेरे चेहरे पर टॉर्च मारी

पापा - लगता है राज सो गया
मौसी - हा ये बहुत जल्दी सो जाता है देख रही हू

मै मन ही मन खुश था कि आज जो होगा मेरे सामने होगा

पापा - चलो अच्छा है अब हम लोग भी आराम से कुछ कर सकते है

मा - क्या बोल रहे हैं आप ,, राज यही सोया है और आपको वो सब सूझ रहा है

पापा - अरे वो सो गया है और पहली नीद है तो जल्दी नही उठेगा

मा - फिर भी मै मेरे बेटे के सामने कैसे

पापा- ठीक है तू राज के बगल मे लेट जा ,, इधर हम और रज्जो दीदी अपना काम कर लेंगे

मा - ठीक है लेकिन ध्यान से ,,,और दीदी तुम हस रही हो

मौसी - अरे छोटी अपने आसिक़ की तडप देख रही हू

पापा - हा अब देर ना करो मेरी रज्जो रानी और जल्दी से मेरा लौडा चुस के गिला करो मुझे आपकी गांड मे घुसाना है

मौसी - सीधा वही ,,हिहिही
पापा - क्या करू मेरी चुद्क्क्ड रज्जो रानी ,,,कल रात मे जब से तुम्हारी गद्देदार गान्द मे चोदा है और कुछ सूझ नहीं रहा ,,,, अब और चुसो इसे

बहुत हल्की चांदनी रात थी मैने देखा
पापा खड़े हैं और मौसी उनका लंड चूसे जा रही है और मा करवट लेके उन्ही को देख रही है
फिर पापा ने मौसी को घोड़ी बनाया और मौसी की मैक्सि को कमर तक उठाया और उनके चुतडो पर किस्स किया और फिर गिला लंड मौसीकी गांड मे डाल दिया

मौसी - अह्ह्ह्ह जमाई जी
पापा - मज़े लो रज्जो रानी

फिर थप थप थप थप थप थप थप की आवाज आने लगी

मै सिधा लेट गया क्छ्छे मे खड़े लौडे को सहलाने ल्गा

मेरे बगल मे मेरी मा मैक्सि मे पापा की तरफ करवट लेके लेती हुई पापा को मौसी को चोदते हुए देख रही थी और गरम हो रही थी

मौसी - अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्च जमाई जी ऐसे ही और तेज़ अह्ह्ह्ह इह्ह्ह्ह
पापा- हा लो मेरी रज्जो जान,,,और पापा तेज़ी से लण्ड मौसी की गांड मे अंदर बाहर करने लगे और उनकी जान्घे मौसी की गद्देदार चुतडो पर टकरा कर थप थप थप थप थप थप थप की आवाजे निकाल रही थी


करीब 5 मिनट की तबत्तोड़ चुदाई के बाद

पापा - अह्ह्झ रज्जो मेरी जान मेरा निकलने वाला

इतने मे मा झट से उठ के पापा गयी और बोली - मेरे मुह मे दिजिए मैने परसो से आपका माल नही चखा

पापा ने लंड को मौसी के गांड से निकाला और मा के मुह डाल दिया और सर पकड के मा का झटका मारने लगे

मा ने सारा माल पी लीया
फिर बोली - अब मुझे भी चोद कल से तडप रही हू

पापा - रज्जो दीदी आप थोड़ा राज के तरफ आराम करिये मै जरा

मौसी - ठीक है जमाई जी लेकिन अभी मेरी चुत को भी आपकी सेवा चाहिये ,,, हो जायेगा ना आपसे

पापा- आप कहो तो पूरी रात खिदमत करू ,,,हहहहह

मा - पहले मुझे शांत तो करो
फिर सब हसने लगे

फिर पापा मम्मी को नगा कर लिटा दिया और उनकी चुचियो पर टुट पडे

अब मौसी उसी तरह से करवट लेकर मा और पापा की रासलीला देखने लगी

और मुझे जिस मौके का इंतज़ार था वो आ गया


आगे देख्ते है क्या होता है
 
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मेरे बगल मे मेरी गदरयी गांड वाली मौसी करवट लेके मेरे मा पापा का रासलिला देख रही थी

मै हाथ आया मौका जाने नही देना चाहता था तो धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और पीछे से मौसी से चिपक गया और धीरे से उन्के कान मे बोला

मै - मौसी हम लोग भी सुरु करे
मौसी तुरंत समझ गयी कि मै जग रहा हू और धीरे से बोली कि - तू सोया नही क्या

मै - नही
मौसी - तो अब क्या
मै - मुझे भी आपको चोद्ना है
मौसी - अरे तेरे मम्मा-पापा यही है देखता नही

मै - अरे किसी को पता नही चलेगा आप बस थोड़ा पीछे हो जाओ और मैक्सि उठा लो

मौसी ने वैसा ही किया और मैने अपना लंड पे थूक लगाया और मौसी के गांड मे घुसा दिया जिससे मौसी की सिसकी निकल गई

पापा - क्या हुआ रज्जो रानी ,,, चुत मै रागिनी की चुस रहा हू और आहे आप भर रही है

मौसी - हा मेरा भी मन कर रहा है

पापा - आ जाओ फिर निकाल के मैक्सि
मौसी - नही नही जमाई जी पहले छोटी को खुश करिये
पापा - हहहहह ठीक है

मै एकदम से रुक गया था जब दोनो की बात खतम हुए तो मैने मौसी को चुचियो को पकड़ा और गांड चोदने लगा

ये मेरा पहला अनुभव था चुदाई का जो कि मेरी गदरायि मौसी को चोद रहा था

उधर पापा मा जी जोरदार चुत चूसने के बाद मा के ऊपर चढ़ के चोद रहे और मै भी तेज़ी से मौसी की कसी गांड मे चोद रहा था

चुकि पहले से मै इतना उत्तेजित था पापा और मौसी की चुदाई देख कर कि करीब 5 मिनट बाद मै उनको बोला - मेरा होने वाला है

उधर पापा मा को ताबड़तोड़ चौदे जा रहे थे

मौसी - बाहर निकाल मै मुह मे लुन्गी
फिर वो मेरे तरफ घूमी और मै थोदा ऊपर हुआ और वो झुक कर मेरा लण्ड अपने मुह मे लेकर सारा मेरा सारा माल पी गयी

फिर वापस हम अपनी जगह पर हो गये
देखा तो पापा अभी भी मा को चोद रहे है

इतने मौसी उठी और मैक्सि निकाल के पापा के पास गयी
और उनके चेहरे के सामने अपनी चुत कर दी और पापा भी उनकी भारी भरकम गांड को पकड के चुत चातते हुए मा को चोदने लगे

फिर जब मौसी के पैर कापने लगे तो मौसी मा के बगल मे लेट के अपनी चुचीयो को मसल्ने लगी और चुत को रगड़ने लगी

ये सिन देख कर मेरा लनड फिर खड़ा हो गया

और पापा ने मौसी की मदहोसी देख कर उनकी चुत मे उंगलिया से पेलने लगे

फिर मा - उह्ह्ह ओझ्हउम्म्ं थोड़ा तेज़ करो मेरे राजा होने वाला है मेरा

फिर पापा मौसी को छोड मा को तेज़ी से चोद के झड़वा देते और तुरंत लंड निकाल कर मौसी के चुत मे घुसा कर उन्के ऊपर चढ़ के उनकी बड़ी नरम चुचीयो को चुस्ते हुए चोदने लगते है

मौसी को तीसरी बार चुदते देख मै सोचने ल्गा कित्नी बड़ी चुद्क्क्ड है मौसी

उधर पाप मौसी को चोदते हुए बोले - हऊहह , क्यो मेरी चुद्क्क्ड रान्ड रहा नही गया क्या बिना चुदे

मौसी - आह्हह इह्ह्ह्ब ओफ्फ्फ्फ ,,, हा जमाई जी लंड देखते ही मै पागल हो जाती हू

पापा - ओहो मतलब घर पर भी कोई जुगाड है क्या ,,,, क्योकि मुझे नही लगता तेरे जैसी रन्डी बिना लंड के एक दिन भी रह ले

मौसी नशे में - ह्म्म्ं उह्ह्ह्ह ओफ्फ्फ हा जमाई जी जुगाड नही घर का माल समझिये

पापा - घर का माल मतलब
मा बिच मे बोलती हुई - कही आप रमन की बात तो
मौसी --आह्हह उफ्फ्फ्फ हा छोटी वही है

पापा धक्के और तेज़ करते हुए - तु तो सालि एक नंबर की रन्डी निकली मेरी रज्जो रानि

मौसी - इह्ह्ह उफ्फ्फ्फ इफ्फ्फ्फोफ्फ्फ ,,,, घर के लोगो से चुदने मे जो मज़ा है वो बाहर कहा जामाई जी

पापा - सही कहा मेरी रान्ड ओह्ह्ह्ह मेरा होने वाला है और फिर लंड निकाल कर मौसी की चूची पर माल गिरा दिया फिर मुह मे डाल दिया जिसे चुस के मौसी ने साफ किया

फिर तीनो लेट गये

मै भी आँखे बंद कर उनकी बात सुनने लगा

मा - दीदी आपने बताया नही कि आप रमन के साथ भी
मौसी - अब क्या बताऊ तु तो मेरी कमजोरी जानती है छोटी ,,, बिना चुदे मुझे रातों मे निद नही आती और लंड देख कर मुझे रहा नही जाता
मा - लेकिन दीदी फिर भी वो आपका बेटा है और ये सब कब से चल रहा है
मौसी - वो 3 साल हो गये जब मै पंजाब से आई थी तो अकेले कमरे मे ऊँगलियों के सहारे कितना राते काटती ,,, फिर देखा की रमन मुझे कोई ना कोई बहाने मेरे बदन को देखता है और कई बार मैने उसे मेरा नाम लेके मूठ करते हुए देखा

मा - हे राम ये आज के लडके भी ना
पापा - दोष रमन का नही है वो तो रज्जो दीदी की गदरायि जवानी देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाये ,,हहहहह

मौसी - हा जमाई जी ठीक कह रहे हैं आप
मै अक्सर घर मे ब्लाऊज पेतिकोट मे होती थी तो हमेसा उसकी नजर मेरे चुचो पर होती थी

पहले मुझे बुरा लगा फिर मेरी बेलगाम जवानी और मेरी कम्जोरि दिख गयी जब मैने उसको बाथरूम मे मूठ मारते हुए देखा और उसका 7" का लंड पर मै सब कुछ भूल कर उसके साथ हो गयी तबसे हम रोज चुदाई करते है

पापा- मेरे हिसाब से इन्सान को खुश रहना चाहिए और जब खुशी घर मे ही है तो बाहर क्यू जाना

मा - क्या जी आप भी ,,, दीदी की तो मजबुरी थी लेकिन आपको तो रोज मिल रहा है ना फिर आप क्यू लार टपका रहे ,हिहिही
पापा - कमजोरी तो मेरे पास भी है रागिनी ,, ये बड़ी बड़ी गोल गोल चुचिया ,,,, ये बोल के वो मा के निप्प्ल को चुस लिये

मा -क्या आप भी चलो सो जाओ
मौसी - हा छोटी
पापा - अरे कपडे तो पहन लो कही ऐसा ना हो की रात मे राज उठ और देख ले
मा - तो क्या हुआ वो भी तो देखे आखिर उसके पापा क्या क्या गुल खिला रहे ,,,हिहिही

पापा - तो तुम भी चूदवा लो ना मेरी जान , मै भी तो देखू कि मेरी रन्डी बीवी कैसे अपने बेटे का लंड लेती है ,,हहहहहह

मा - बस हो गया ,,सो जाईये अब

मै भी उनलोगो की नोकझोक सुन के मुस्कुरा रहा था और कब सो गया पता नही चला

अब देखते हैं कि आगे क्या होता है
 
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अगली सुबह मै और रोज की तरह नहा धो कर नीचे आया तो दीदी मे नाशता दिया और मै नास्ता करने लगा ,,,,
मैने किचन मे देखा , फिर बेडरूम में देखा ,,, ना मा थी ना मौसी

तो मैने दीदी से बोला - अरे दीदी , ये मा और मौसी कहा है
दीदी - भाई वो आज दोपहर को मौसी अपने घर जा रही है ना तो पापा उनको और मा को बाजार से सामान दिलाने ले गये है ।

मै सोचने लगा अबे यार मौसी आज क्यो जा रही है मैने तो अभी उनको अच्छे से चोद भी नही पाया ,,,, और ये पापा भी ना उनको बाजार लेके चले गये ।
तभी मेरा दिमाग ठनका कही वो गोदाम पर चोदने तो नही ले गये ना ,,,,

मै जल्दी से उठा और बिना नाश्ता किये ही बर्तन वाले दुकान की तरफ भागा

करीब 3 मिनत दौड़ने के बाद दुकान से एक गली पहले ही रुक गया और खुद को शांत किया फिर आराम से इधर उधर देखते हुए दुकान की तरफ गया तो देखा की दुकान पर तो ताला बंद है तो मुझे लगा की शायद वो मार्केट ही गये हो

मै वापस घर आया और दुकान खोला थोडी देर बाद मौसी और मा आई

मै - मौसी आप आज क्यू जा रही है
मौसी - लल्ला वो रमन को वहा बहुत दिक्कत हो रही है अकेला है वो वहा
मै मन मे - हा परेशान तो होगा ही 3 दिनो से चुत जो नही मिली होगी

फिर मा और मौसी ऊपर चले गये और मै लंच टाइम का इंतजार करने लगा क्योकि उस समय मा को नीचे दुकान मे आना ही पडता है तभी मै ऊपर खाना खाने जा पाऊन्गा

दोपहर में मा निचे आई और मै ऊपर गया तो bedroom मे मौसी पैकिंग कर रही थी
मैने चुपचाप दरवाजा बंद किया और पीछे से मौसी को जकड़ लिया

मौसी - अरे अरे लल्ला छोड मुझे क्या कर रहा है
मै - मौसी क्यो जा रही हो कुछ दिन रुक जाओ ना ,,, आप चली गई तो मेरा क्या होगा अभी तो मैने आपको सही से चोद भी नही पाया

मौसी मुस्कुराते हुए- क्या करू लल्ला वहा रमन अकेला है ,,,, और मै तो आती जाती रहूँगी ना

मै - लेकिन इसका क्या होगा ,,मैने पैंट से अपना खड़ा लण्ड बाहर निकालते हुए कहा

मौसी मेरे खड़े लण्ड को देखते ही खो गई और मेरे लण्ड को हाथ मे लेके सहलाते हुए बोली - आजा ,,जाने से पहले इसको शांत कर दू

फिर वो निचे बैठ के मेरा चूसना शुरू कर दी
मै - अह्ह्ज ओह्ह्ह मौसी कितना अच्छा चुस्ती हो लण्ड,,,, आप बहुत याद आओगे

मौसी मुह से लण्ड निकाल कर - हा ल्ल्ला याद तो मुझे भी आयेगी तेरी और तेरे पापा की ,, इन तीन दिनो मे तेरे पापा मे मुझे 8 10 बार चोदा और तो और अभी तेरी मा और मै गोदाम से चुद के ही आ रहे है
इतना बोल मौसी वापस से लण्ड चूसने लगी

मै - आअहह मौसी कितनी बड़ी चुद्क्क्ड हो तुम
और उनका सर पकड के तेज़ी से उन्के मुह मे पेलने लगा

मौसी अपनी आँखे ऊपर करके लगातार मेरी आंखो मे देखे जा रही थी और मै भी उनकी आँखो मे देखते हुए उनकी मुह चुदाई करते हुए मुह मे ही झड़ गया

लेकिन मेरा लण्ड अभी कहा शांत था
झदने के बाद मै मौसी के मुह से लंड निकाला जो की पुरा मेरे रस और मौसी के लार से भिगा हुआ था जिसे वापस मौसी ने मुह मे लेके चुस्ते साफ किया
फिर मैने बिना कुछ बोले मौसी को खड़ा किया और ब्लाऊज खोलने लगा

मौसी - अरे बेटा अब तो शांत हो गया ना तेरा लण्ड फिर क्यू मेरे कपडे निकाल रहा

मै मुस्कुराते हुए मौसी को निचे देखने का इशारा किया तो मौसी ने मेरा फनफनाता लण्ड देखा जो अभी भी माल निकलने के बाद भी एकदम टाइट खड़ा था

फिर मैने मौसी का ब्लाऊज खोला और उनको बेड पर धकेल दिया और उन्के ऊपर चढ़ कर उनकी चुचीयो को चूसने लगा

और फिर उनकी साडी उठाई और उनकी पाव जैसी नरम फुली हुई चुत देख कर मुझ्से रहा नही गया और मै निचे झुक कर उनकी चुत को चातते हुए उनके चुचो को म्सल्ने लगा

मौसी - आह्ह ल्ल्ला तू मुझे पागल कर देगा ,,और मेरा सर पकड़ के चुत मे दबाने लगी ,,,,,हा लल्ला और चुस ऐसे ही ,,,खा जा मेरी चुत ,,,,उह्ह्ह्ह उफ्फ़फ्फ्फुह्ह्ज्ज अझ्ज्झ्ह्ह्ह्ह ,,,, और मौसी तेज़ी से अपनी गांड पटक कर झडने लगी और उनका कामरस मेरे मुह मे भरने के बाद भी उनकी गांड तक रीसने लगा

चुत को अच्छी तरह से साफ करने के बाद उनकी जांघो को उठा कर उनकी गद्देदार गांड की छेद पर रिसकर एकठ्ठा हुए कामरस को अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे मौसी की आहे और दब सी गयी लेकिन सासे लम्बी होने लगी

मौसी - उफ्फ़फ्फ ललला क्या कर रहा है वहा पर किसी ने आज तक जीभ नही लगाया
आह्ह्ह्ह्ह मा उफ्फ्फ रुक जा ल्ल्ला मै अब सम्भाल नही पाऊंगी

मैने 2 4 बार जीभ और घुमाया और गांड से चुत के दाने तक एक सीध मे जीभ को घिसता हुआ मौसी को छोड दिया
फिर खड़ा हुआ तो देखा मौसी चरम सीमा पर उस सुख को पाने के लिए तैयार थी जो मेरा लण्ड उन्हे देने वाला था

फिर मैने अपना लण्ड उनकी पाव जैसी फुली, कामरस से गीली और महकती चुत पर रगड़ना शुरू किया ,,,, जब भी मेरा सुपाड़ा उन्के चुत के दाने को रगडता तो मौसी की एक शांत और नसे मे लिप्त दबी हुई सिसकी निकल जाती

फिर मैने अपना लण्ड उनकी चुत मे डाला और एक जोरदार धक्का देकर पेल दिया
मौसी - आह्हह ल्ल्ला कितना तप रहा है तेरा लण्ड,,, अब रहम मत कर और चोद दे मुझे

मै बिना कुछ बोले तेज़ी से मौसी की चुत को फाडने लगा
पुरा कमरा थप थप और मौसी की सिसिकियो की आवाज से गुज रहा था

कारिब 15 मिनत की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मै उन्के चुत मे ही झड़ गया और इस दौरान मौसी भी 2 बार झड़ गयी

और फिर मै उनके ऊपर गिर पड़ा

अब देखते हैं कि आगे के अपडेट मे क्या होता है
 
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मौसी की जी तोड़ चुदाई के बाद मै थोडी देर बाद उनके ऊपर से उठा और किचन से खाना लिया फिर खाना खा कर जल्दी से निचे चला गया

2 बजे तक मौसी तैयार होकर मा के साथ नीचे आई और फिर मै उनको बस स्टैंड तक छोडने ले गया

रास्ते मे
मै - मौसी फिर कब आओगी
मौसी - अगले महीने रक्षाबंधन आनेवाला है तो मै राजेश (मामा) के यहा जाऊंगी तो तु छोटी को लेके आजाना ,,,,हिहिहिही

मै - वाह मौसी ग्रेट ,,,
फिर मैने मौसी से अपना नया मोबाइल नंबर एक्सचेंज किया जो आज ही चालू हुआ था और उनको बस मे बिठा कर घर वापस आ गया ।

फिर रोज की तरह मै कोचिंग के लिए गया और शाम को वापस आया और मा से अपना नया मोबाईल मागा

फिर मै मोबाइल लेकर निकल गया चंदू से मिलने क्योकि मुझे उसको मोबाइल भी दिखाना था और ढेर सारी बाते भी करनी है ।

मै चंदू के घर पहुचा और उसको आवाज दी थोडी देर मे वो बाहर आया ,, फिर मै उसको लिवा कर टाउन से बाहर पुल की तरफ चल दिया

रास्ते मे मैने उसको अपना मोबाइल दिखाया और साथ मे हमने तस्वीरे निकाली ।

फिर मुझे लगा अब चंदू से कुछ काम की बात शुरू करना चहिये ।

मै - यार चंदू एक बात पूछू
चंदू - अबे बोल भाई
मै - कोई चुत का जुगाड हैं क्या तेरे पास
चंदू - अबे साले ,, मै क्या दलाल हू जो चुत लेके आऊ ,, बेटा चुत पाने के लिए खुद मेहनत करनी पड़ती
मै - भाई कुछ भी कर मुझसे अब रहा नही जाता ,, पुरा दिन घर और दुकान मे रह कर बोर हो जाता हू

चन्दू- अबे तेरे पास मोबाईल आ गया अब काहे का बोर बे
मै - इससे क्या होगा यार ये तो घर पर जरुरत थी तो पापा ने दिला दिया
चंदू - अबे जानी ,, इस्मे दुनिया की सारी खुशियाँ मिल जायेगी
मै - वो कैसे
चंदू - अपना फोन ला ,,, और मेरा फोन लेकर कुछ फ्री पोर्न चला के दिखाने लगा

सेक्स वीडियो देख कर ही मेरा लण्ड मे तनाव आ गया
मै - अबे यार इसको हमेशा थोडी न देख सकता हूं और मेरे पास ईयरफोन भी नही

चंदू - तो फ़िकर काहे की बे ,,, अगर वीडियो नही देख सकता तो स्टोरी पढ लिया कर

और फिर उसने मुझे xfourm.live की एक जबरदस्त सेक्स स्टोरी वेबसाइट खोल के दिखाई
मैने स्टोरी के टाईटल पढने सुरु किये ,,, उसपे ज्यादातर पारिवारिक सेक्स की कहानिया थी


मै - अबे ये क्या है ये सब ,,,इसमे तो कितनी गंदी कहानिया है ,, मा बेटा की चुदाई , पापा बुआ , भाई बहन

चंदू - भाई ऐसी कहानियो की ही डिमांड है आजकल ,,,,

मै - ये सब सच्ची कहानिया है क्या
चंदू - कुछ सच्ची होती है और कुछ लेखक अपनी कलपनाओ को यहा लिखते है

मै - तो तु भी ये पढता है क्या
चंदू - नही अब उसकी जरुरत नही पड़ती मुझे
मै - जरुरत नही मतलब
चंदू थोड़ा हड़बड़ा गया और बोला - कुछ नही छोड वो सब

मै उसको थोड़ा दोस्ती के नाम पर इमोशनल करते हुए - यही है तेरी दोस्ती की अब तू मुझसे बाते भी छिपाने ल्गा

चंदू - नही भाई ऐसी बात नही
मै - फिर बता क्या बात है
चंदू थोड़ा इधर उधर देख कर बोला - भाई वो क्या है मैने इसी साइट से स्टोरी पढ कर उसको अपने लाइफ से रिलेट करने लगा और ना जाने कब मै अपनी बहन के लिए पागल हो गया और फिर

मै - फिर क्या
चंदू - भाई देख ये बात सिर्फ हमारे बिच ही रहनी चाहिये
मै - साले बता ना
चंदू - तो सुन मै काफी सालो से ऐसी stories पढ रहा था और इसका इस्तेमाल मैने अपनी बहन पर किया और मै पास हो गया लेकिन एक दिन मा को पता चला और वो दीदी को हॉस्टल भेज दी

मै - फिर

चंदू - फिर दीदी के ना रहने पर मुझे सेक्स की लत ने ऐसा घेरा की मै रोज 3 4 बार मूठ मारता था इस बात का पता भी मा को चल गया तो मैने उनको अपनी प्रोब्लम बतायी उस दिन वो मुझे डाट कर थप्पड़् मार चली गयी
फिर 2 दिन बाद एक रात मा मेरे कमरे मे आई और फिर मुझे मूठ मारते हुए देखा और पता नही उनको क्या सुझा उसदिन उनहोंने मेरा लण्ड चूसा और बडे प्यार से समझाया
फिर मै जानबुझ कर खड़ा लण्ड उनके सामने ले जाता और वो चुस के शांत कर देती लेकिन मुझे चुत का सुख नही मिला तो मै मा को चोदने का एक आइडिया बनाया और अगले दिन जब खड़ा लण्ड लेकर मा के पास गया तो जब वो लण्ड चुस रही थी उसी बिच मैने मा बोला कि मुझे आपका चुत चाटने का मन है
फिर वो दिन और आज का दिन मै रोज मा की चुदाई करता और दीदी आती है तो उनका भी

मै इतना सुनकर जानबुझ कर चंदू के सामने अपना सर पकड़ के बैठ गया

चंदू - यार देख मुझे गलत मत समझ मुझे सेक्स की बहुत तलब है तो

मै - तू झुट बोल रहा है ना
चंदू - नही भाई मैने जो बोला वो सब सच है
मै - मै नही मानता ,,अगर ऐसा होता तो तु मुझे बहुत पहले ही बताता
चंदू - तो अब तुझे सच लगे इसके लिए क्या करू मै
मै - तू ऐसा कर मुझे तेरी मा के साथ चुदाई दिखा दे
चंदू - ठीक है फिर चल
मै - ऐसे नही तू तेरे मा के साथ का वीडियो बना कर मेरे मोबाईल पर भेज देना मै देख लूंगा
चंदू -ठीक है लेकिन ये बात और वीडियो किसी और तक नही जाना चाहिये इसका वादा कर
मै - हा ठीक है वादा

फिर हम लोग वापस घर आ गये ।
रात मे मै खाना खा कर छत पर चला गया जहा मेरी बहन पहले से टहल रही थी
फिर हम लोग थोड़ी देर कॉलेज की बात किये फिर वो जाते जाते मुझसे बोली - भाई आज रात के लिए अपना मोबाइल दोगे क्या मुझे मूवी देखना है ।

और मैने भी बिना कोई टोक के उसको मोबाईल दे दिया फिर वो निचे चली गयी ।


दोस्तो राज ने अपनी बहन को मोबाईल तो दे दिया लेकिन उन सेक्स स्टोरी की हिस्ट्री को डिलीट करना भूल गया जो चंदू ने उसके मोबाइल मे खोले थे ,,,, क्या अब राज और बहन मे कोई नया ड्रामा होगा या नही

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आज मौसी की ताबड़तोड़ ठुकाई और दिन भर की भागदौड़ से बहुत थक गया था तो आज रात पापा मम्मी को देखना छोड निचे स्टोररुम मे अपने बेड पर सोने चला गया ।

अगली सुबह आंख खुली तो घड़ी में देखा तो 6 बज रहे थे,,, मै सोचा यार मै तो जल्दी उठ गया ,,,, फिर मै फ्रेश होने छत पर गया जहा बाथरूम से मुझे किसी के नहाने की आवाज आ रही थी

मै सोचने लगा पापा तो 8 बजे से पहले उठते नही अनुज भी सो रहा होगा

फिर बाथरुम मे कौन हो सकता मा या दीदी

यार कोई भी यही इंतजार करता हू देखता हू कौन बाहर आता है

थोडी देर बाद दरवजा खुला तो मेरी अप्सरा जैसी सुन्दर दीदी निकली
उनके भिगे बाल और निचे गोरी चिकनी गुदाज जान्घे और तौलिये मे लिपटी जवानी जो उनके नरम कामुक बदन को ढकने की नाकाम कोसिस मे लगे थे उफ्फ्फ क्या मस्त दिख रही थी दीदी

फिर जैसे ही दीदी की नजर मुझ पर पडी तो कपड़ो से भरी बाल्टी उनसे छूट गयी और वो तौलिये को निचे खिच कर अपने मखमली जांघो को छिपाने लगी और इसी हडबडी मे ऊपर से तौलिया खुल गया

और दीदी एकदम नंगी हो गयी
सुबह की हल्की सुनहरी रोशनी मे उनका दुधिया बदन और खिल सा गया ,, उनका दो अनमोल रतन कुछ पलो के लिए निर्वस्त्र हो गये उफ्फ्फ्फ क्या रसिले मम्मे थे दीदी के ,,,, और उनकी हल्की चॉकलेटी रंग की मुंगफली के दाने सी निप्प्ल ,,,,
और हल्की बालो वाली भीगी हुई पिंक चुत जो सुबह की रोशनी मे चमक रही थी
इससे पहले कि मै जी भर कर कुछ देख पाता दीदी ने लपक कर तौलिया उठाया और आगे कर लिया फिर बिना कुछ बोले बाथरूम की तरफ भागी


ह्य्य्य्य ह्य्य्य्य कयामत होना था उस दिन
दीदी के घूमते ही उनकी गोरी चिकनी गुदाज गांड मेरे आँखो के सामने आ गयी और वो हिलते हुए जा रहे थे उफ्फ्फ
मेरे आँखो की सुकून मिल पाता तभी दीदी ने बाथरूम का लॉक लगा दिया
थोडी देर शान्ति के बाद मै बाथरूम के पास गया और बोला - सॉरी दिदी मुझे नही पता था की आप ऐसे अचानक से निकलोगे
मै टॉयलेट मे जा रहा हूँ आप निचे चले जाओ

फिर मै टॉयलेट मे घुसा दो मिनट बाद बाथरूम का दरवाजा खुला और दिदी बिना कुछ बोले निचे चली गई

मेरे मन में थोडी शान्ति हुई की कोई हंगामा नही हुआ मै भी जल्दी से फ्रेश हुआ और नहा कर निचे आया तो दीदी टीशर्ट लोवर पहने किचन मे थी और अनुज बेडरूम मे सोया था मम्मी पापा भी ऊपर नही आये थे

मुझे लगा की मुझे दीदी से बात करनी चाहिए
तो मै किचन मे गया और उनसे पानी मागा और उन्होंने बिना मेरी तरफ देखे एक ग्लास पानी दे दिया और बर्तन धुलने लगी ।

मै - सॉरी दीदी ,,मुझे नही पता था कि ऊपर आप हो और वो सब अचानक से हुआ तो
मैने जानबूझ कर सडा सा मुह बना कर दीदी के सामने नजरे नीचे किये हुए खड़ा रहा जैसे मुझे कितना बुरा मह्सूस हो रहा हो ।

दीदी ने एक नजर मुझे ऐसे देखा और मुस्करा कर बोली - हम्म्म्म ठीक है माफ किया लेकिन एक शर्त है

मै खुश हो गया - थैंक्स दीदी ,,, लेकिन क्या शर्त

दिदी मुस्कुराते हुए बोली -पहली ये कि वो मुझे आज रात भी तेरा मोबाइल चाहिये

मै - बोला ठीक है लेकिन अभी कहा है मोबाइल मेरा

दीदी - वो मेरे लोवर की जेब मे है भाई
मै - तो दो न
दीदी - अरे बर्तन धुल रही हू ,,, तू खुद निकाल

मै - मै मै
दीदी - हा निकाल भाई
फिर उनके पास गया और धीरे से उनकी जेब से बहुत सम्भाल के की उनकी बॉडी को ना छुए मेरा हाथ मोबाईल निकाल लिया

मै - थैंक्स दीदी ,,,फिर जाने लगा

दीदी - अरे दुसरी शर्त तो सुन कर जा
मै चौकते हुए - दुसरी शर्त क्या अब

दीदी - देख अगले महीने रक्षाबंधन है और गिन कर 14 दिन बचे है तो मुझे एक नया मोबाइल चहिये मेरा गिफ्ट

मै - अच्छा ठीक है मै पापा से बोलूंगा

दीदी भी खुश हो गयी और बोली - और हा सुन एक बात

मै - हा बोलो न दिदी
दीदी - आगे से सुबह जल्दी उठकर मत आना नही तो अगली बार और महगा शर्त रखूंगी ,,,,हिहिहिहिही ,,चल भाग अब

मै शर्माते हुए - ठीक है दीदी जो चाहे ले लेना ,,,,और हस्ते हुए भाग गया

दीदी मुझे पकड़ने के लिए दौड़ती तब तक मै निचे भाग आया

और देखा दुकान तो अभी बंद है और अभी 7 ही बज रहे थे फिर मैने पापा के रुम की तरफ देखा तो रुम बंद था लेकिन कुछ बात चित की अवाजे आ रही थी ।
मै खिडकी के पास गया और अंदर देखा ,,अहहा क्या नजारा था

पापा दीवाल से टेक लगाये बिस्तर पर बैठे हैं और मा झुक कर उनका लण्ड चुस रही है

पापा - जानती हो रागिनी ,, अगले हफ्ते शीला दीदी आने वाली है

मा लण्ड को निकाल कर - अरे इस बार इतना जल्दी ,,,, रक्षाबंधन को तो 2 हफ्ते है

पापा - हा वो जन्गिलाल की औरत , निशा और राहुल के साथ अगले हफ्ते मायके जा रही है वहा कोई शादी का कार्यक्रम है तो वही कल फोन की थी दुकान पर था ।

मा - अच्छा ठीक है फिर
मा - और मुझे भी तो रक्षाबंधन पर जाना है मायके 2 दिन के लिए

पापा - क्या दो दिन
मा - हा राजेश भैया की औरत हमेशा बोलती है की आती हो रुकती नही

पापा - लेकिन मेरा क्या होगा जान 2 दिन
मा - 2 दिन अपनी शीला दीदी को चोद लेना ,,,,मा उनको छेद्ते हुए बोली

पापा - हाय्य्य शीला दीदी
मा - क्या हुआ ,,कही सच मे चोदने का सोच तो नही रहे

पापा - हा सोच रहा हूँ मेरा तो ठीक है लेकिन तू 2 दिन कैसे रहेगी ,,
मा - मेरे मायके में मेरे आशिको की कमी थोडी है ,,,हिहिही किसी को भी बुला लुंगी


पापा - ओहोहो किसी की क्या जरुरत है राजेश है ना ,,,,हहाहहहा फिर पापा मा को पकड के हग कर लेतेहै

मा - चलो बहुत हो गई मस्ती अब नहा धो लो मै नास्ता लगाती हू

फिर मै भी जल्दी से ऊपर भागा ।

अब देख्ते है क्या होने वाला है
 
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मै ऊपर आकर नास्ता कर रहा था कि पापा और मा निचे से आ गये

पापा - अरे वाह राज , तू तो बड़ा जल्दी उठ गया
मै - जी पापा रात मे जल्दी ही सो गया था तो जल्दी निद खुल गई

मा - चलिये अब जाईये नहा कर आईये दुकान नही जाना क्या
पापा- अरे हा , और पापा जल्दी से ऊपर चले गये
मै हसने लगा

मा - तु भी चुपचाप नास्ता कर और त्योहार आने वाले है तो आज दुकान की पर्ची बना ले कल हम दोनो मार्केट जायेगे

मै - दोनो क्यू , मै लेके आऊंगा ना मा आप क्यो परेशान हो
मा - अरे तु लेडीज़ अंडरगार्मेंट सही नही लाता है ,,और आजकल की लडकिया मोबाईल पर मुझे नये नये मॉडल दिखाई है और ओर्डेर भी दिया है उसी तरह का मुझे लाना है ।

मैने एक नजर मा को देखा वो सब्जी छील रही थी वही दीदी पर नजर गयी तो वो मुझे देख कर हस रही थी

मैने उसको चम्मच दिखाया तो उसने भी मुह बनाया ,मै वापस नाश्ता करने लगा

तभी मेरे बारे मे एक शैतानी आइडिया आया क्यो ना मा के साथ थोड़ा मज़ा लू

मै - अगर नये डिज़ाइन के अंडरगार्मेंट की बात है तो मुझसे कहती मै आपको अपने मोबाइल मे इंटरनेट से एक से एक अच्छी माडल दिखाता

मा - अच्छा मोबाईल मे मिल जाते है क्या ये सब
मै - मा सिर्फ कपड़े ही नही अपनी दुकान और भी नये नये आइटेम मिल जायेंगे

मा - अच्छा ठीक है अभी दोपहर के बाद मै दुकान मे आऊ तो दिखाना
मै खुश होता हुआ - ठीक है मा तबतक मै कुछ नये डिज़ाइन निकाल के रखे रहूंगा आपके लिए
मा - हा ठीक है बेटा

फिर मै नास्ता करके निचे गया और दुकान खोल कर काम करने लगा
थोडी देर बाद एक मस्त गदरायी गांड वाली सवाली की लडकी मेरे दुकान पर आई

नया परिचय

सब्बो - मेरे मुहल्ले के पीछे वाली गली मे रह्ती है उम्र 28 साल , लेकिन शादी नही हुई है क्यौंकि ये एक नम्बर की छिनाल और कई बार रंगरेलिया मनाते पकड़ी गई है,,, जवान तो जवान 60 साल के बुढो ने भी इसकी गदरायी जवानी को भोगा है
इसका साइज़ - 38 36 40
इसके लहराते चुचे और कसी गदरायी गांड सबके लण्ड खड़े कर दे ,,,, इसके बदनाम होने के बाद अब ये कुछ गिने चुने सेठो की रखैल है ।

रुबीना - सब्बो की मा एक विधवा है , उम्र 50 साल , गठिला बदन और 40 साइज़ की भारी चुचो की मल्लिका ,,,और उसके 44 साइज़ के हिलते चुतड़ के क्या कहने

सोनू - रुबीना का एकलौता बेटा और सब्बो का छोटा भाई ,,जिसे सब्बो अपनी जान से ज्यादा प्यार करती है और सुनी सुनाई बात है कि सब्बो ने सोनू के लिए अपने ही मुह्हले की कई चूते उसको दिलवाई है ।

सब्बो की वजह से उसके मुहल्ले की और औरते भी थोड़ा बहुत बाहर सेक्स करने लगी थी जिससे की उसका टोला बदनाम था और हम लडके उसे मुहल्ले को रान्डटोला कहते थे ।

वापस कहानी पर

मैने एक नजर सब्बो को ऊपर से निचे देखा
महरुन कलर की बिना ब्रा के उसने टीशर्त पहनी थी जिसमे उसको बडे दानेदार निप्प्ल नुकीले होकर ऐसे तने थे मानो टीशर्त छेद कर बाहर आना चाहते हो और उसकी 38 इन्च का गेराव लिये फुली हुई चुची टीशर्ट मे कसी हुई थी
निचे हरे रंग का स्कर्ट जो कमर के बाद से उसके 40इन्च की बाहर निकली हुई गदराये चुतडो से इतना ऊपर उठा था की उसकी चिकनी पिंडलीया दिख रही थी ।

मेरा तो ये देख कर लण्ड फन्फ्ना गया ।

सब्बो - राज मुझे कुछ सामान चाहिये जरा चाची को बुला दोगे
मै - अरे क्या चाहिये बताओ
सब्बो - वो मुझे बालसफा वाला साबुन चाहिये था
मै - अरे वो अब नही आता जी ,, फिर मैने एक हेअर रेमोवर क्रीम दिया
सब्बो - अरे नही इससे दर्द ज्यादा होता है , साबुन हो तो दे दे नही तो एक 38 इन्च की ब्रा दिखा दे

मै थोडा हिचकता हुआ पुछा - कैसा ब्रा पहनती हो कॉटन मे या स्पोर्ट वाली

सब्बो थोड़ा झिझकते हुए- अब ये स्पोर्ट वाली क्या है ,,,इसिलिए बोल रही थी की चाची को बुला दे वो जानती है मै कौन सा पहनती हू

मै - स्पोर्ट वाले मे तुम्हारे वो लटकेंगे नही और शेप बना रहता है ,,,,मैने उसके चुचो की ओर इशारा करते हुए कहा

सब्बो थोड़ा सोचते हुए - अच्छा ,ठीक है फिर एक 38 नम्बर की वही देदे

मै - इसमे साइज़ का थोड़ा दिक्कत होता है सही साइज़ से एक नं छोटा लेना चाहिए

सब्बो - और अगर छोटा हो गया तो
मै - तु अंडर चली जा नाप ले एक बार

सब्बो मेरी तरफ अचरज से देख्ते हुए मुस्कुराई

फिर मै उसे पापा के कमरे के पास ले गया और बोला जाओ अन्दर नाप लो
सब्बो - ठीक है तू बाहर ही खड़ा रह कोई आये तो आवाज दे देना

सब्बो की ये बात मुझे कुछ आफर जैसी लगी मैने सोचा - ये है तो एक नं की रन्डी ही चलो थोडा मज़ा मै भी लेलू

मै शरारती अंदाज मे - कहो तो बाहर ही नही जाता हूँ ,,, और ये बोल के थोड़ा हिम्मत करते हुए उसके हैवी चुतडो को सहलाया और हल्का सा हाथ मे भर के दबाया भी

सब्बो थोड़ा शर्माते हुए बिना कुछ बोले पीछे हट गयी और एक झटके मे अपना टीसर्ट निकाल दिया और उसके हैवी नरम हल्के सावले रसिले चुचे उछल के नंगे हो गये

मेरा लण्ड तुरंत एक पल मे ही उत्तेजना से भर गया और मै झट से एक नजर दुकान मे देखा और तेज़ी से सब्बो की तरफ लपका और उसकी कमर को पकड के अपनी तरफ खीचा और जीभ निकाल कर उसके काले घेरेदार मून्क्के जैसे निप्प्ल को चाटते हुए उसकी चुचियो को चुस्ने लगा और एक हाथ सीधा उसकी चुत पर ले जाकर रगड़ने लगा

मेरे अचानक हवस भरे हमले से सब्बो खुद को सम्भाल नही पाई और मेरे उसके चुची की चूसने के नशे मे मदहोश होती चली गयी और अपना हाथ मेरे लोवर मे खड़े लण्ड पर ले जा कर उसको सहलाने लगी

करीब 5 मिंट तक उसको अच्छे से मसल चुस लेने के बाद
मैने जल्दी से उसको छोडा और बोला मै दुकान मे जा रहा हू तु साइज़ नाप ले

फिर मै दुकान मे अपना लण्ड ऐडजस्ट करते हुए आकर बैठ गया
थोडी देर बाद सब्बो बाहर आई और मुझे देखकर एक कातिल मुस्कान दी और बोली हा साइज़ ठीक है

फिर मैने उसको अपना नं दिया और बोला शाम तक फ्री होना तो बताना मै घर आ जाऊंगा

वो हस्ते हुए मुझे पैसा दिया और न. का कागज लिया और निकल गयी

मै भी खुश हुआ और सब्बो की जवानी भोगने के लिए थोड़ी देर कल्पानाओ मे खो गया ,,,,, फिर कुछ ग्राहक आये उनको सामान दिया

12 बजे मा निचे आई और मै खाना खाने उपर चला गया और खाना खा कर आया तो मा ने मुझे पापा के लिए टिफ़िन दिया और मै बर्तन वाले दुकान पे चला गया

वहा पापा मिले और उन्होने बताया की उनको अर्जेन्ट एक जगह पैसे लेने जाना है और मुझे गल्ले पर बिठा कर निकल गये और करीब एक घन्टे बाद पापा आये ,,इसी बीच मुझे मा की बात याद आई जो हमने सुबह नास्ते पर की थी तो मैने कुछ स्पैशल डिज़ाइन के ब्रा पैंटी इमेज डाउनलोड किये फिर वापस घर आ गया

फिर मा ऊपर चली गयी सारा काम खत्म करने और मै दुकान की पर्ची बनाने लगा

एक घन्टे बाद मा निचे आई फिर मैने उनको पर्ची दिखाई तो उन्होने कुछ अपने तरफ से भी नोट करने को कहा ।

मा - अरे राज तू मुझे कुछ डिज़ाइन दिखाने वाला था ना

मै - हा मा रुको दिखाता हू

फिर मैने अपने मोबाईल मे मा को कुछ नये मॉडल के ब्रा पैंटी सेट और बिकनी सेट दिखाए जिसे आजकल लडकिय बहुत पसंद कर रही है
मा - अरे वाह राज यहा तो बहुत सारी डिज़ाइन की ब्रा पैंटी है ।
फिर मैने मा को एक ऐसी ब्रा की डिज़ाइन दिखाई जिसमे सिर्फ लास्टीक थी
मै - मा ये देखो ये आजकल ट्रेंड में है और इसमे पट्टी नही होती

मा बडे ध्यान से देख्ते हुए - ओहो तब ये रुकती कैसे होगी
मै - अरे मा ये आप जैसी औरतो के लिए है जिनके दूध बडे हो ,,, मै एक सांस मे बोल गया फिर मेरी फट गयी ,,,फिर मैने उनको बोला - सॉरी मा

मा - अरे कोई बात नहीं तु तो मुझे समझा ही रहा है न

मैने मासूम सा मुह बना के हा बोला
मा - वैसे क्या सच मे तुझे मेरे दूध बडे लगते है ,, मुझे तो नही लगता ,,, और फिर वो पल्लू हटा कर ब्लाऊज को बाहर की तरफ खिच कर चुचियो को देखते हुए बोली

मै मा को नॉर्मल देख कर बोला - सच मे आपके बड़े है मा ,, चाहो तो सीसे मे देख लो

मा बगल मे लगे बडे सीसे मे अपना साडी हटा कर काले रंग की सूती ब्लाऊज मे कैद चुचियो को अपना शरीर घुमा कर देखने लगी और एक हाथ से अपनी एक चुची की ऊपर से पकड कर उसकी गोलाई मापने लगी

मै थोडा चांस लेते हुए बोला
मै ह्स्ते हुए - हिहिहिही ,,क्या नाप रही हो मा वो एक हाथ मे नही आयेगा , मै कह रहा हूँ न बड़े है आपके दूध ,, और तो और मेरे दोनो हाथो से भी नही पकड़ाएगा आपका एक भी दूध ,,,,

मा - चल झुठा इतने भी बडे नही है मेरे दूध
मै - मा शर्त लगा लो मै ही जीतूंगा
मा थोड़ा सोचते हुए मुस्कुरायी बोली चल आजा ,,,, अगर मै जीती तो कुल्फ़ी खिलाना पडेगा

मै - और मै जीता तो
मा - तु जो चाहे ले लेना ,,चल आ पीछे कमरे

मै सोचने लगा क्या किस्मत है यार पिछ्ले कुछ दिनो मे काफी कुछ मिल रहा है और अभी अभी तो सब्बो की चुचियो की मसला था और फिर मा भी

ये सब सोचते हुए मैने कमरे मे गया और मा खडी थी मै उनके सामने था
फिर मा बोली दुकान मे देखते रह कोई आये ना और फिर उसने अपनी काले रंग का ब्लाऊज निकाल दिया अन्दर मा ने कुछ नही पहना था और उन्के हल्के गोरे चुचे उछल के बाहर आ गये और मै एक टक उनके चुचो को निहारने लगा

मा - चल पकड देखू मै कौन जीतता है

मै भी खुश हुआ और जान बुझ के सामने से चुची ना पकड पाने का नाटक करते हुए बार बार हाथ सरका देता जिससे

मा - अरे पकड ना सही से
फिर मैने मा की एक चुची को अच्छे से भर के हाथो मे पकड़ा फिर भी उनका निप्प्ल मेरेदोनो हाथो के बिच से बाहर आ रहा था

मा - देखा ना पकड़ा गया
मै - अरे कहा पकड़ा गया ,, अभी ये तो बाहर ही आ रहा है
मा - क्या बाहर है
मै - अरे ये ,, मै उनके निप्प्ल पर इशारा कर रहा था लेकिन मेरे हाथ उनकी चुचे को पकडे थे तो उनको पता नही चल पा रहा थ

मा - अरे क्या ये ये लगा रखा है छू के बता
फिर मै थोड़ा मौके का फायदा लेते हुए झुका और उनके निप्प्ल लो जीभ से छुआ

इतने मे ही मा की आहह निकल गयी और मेरे हाथो मे भरे चुचे मे फुलाव होने लगा निप्प्ल कड़े हो गये
मा को सिसकी लेता देखा मैने वापस से मुह उनकी निप्प्ल पर लगा कर चूसना शुरू कर दिया

मा - सीईईई उम्म्ंम बेटाआहहह छोड दे अब जान गयी मै क्या बाहर निकला था

मैने वापस से मुह हटा लिया और हल्के हाथो से मा के चुची को दोनो हाथों मे लेके सहलाते हुए बोला - मा आपके दूध बहुत सुन्दर है

मा ह्स्ते हुए - हट बदमाश और मुझे हटा कर ब्लाऊज पहनने लगी
मै वापस से थोड़ा मासूम बनते हुए पुछा - मा अब मुझे दुध क्यो नही पिलाती हो

मा मुस्कुराते हुए मेरे गाल पर हाथ रख कर बोली - बेटा अब इसमे दूध नही होता है

मै - लेकिन मुझे अब मन करता है कि आपका दूध पीयू
मा मुस्कुराते हुए - फिर कभी बेटा अभी दुकान मे चल फिर हम दुकान मे आ गये और काम करने लगे

शाम को 4 बजे मै कोचिंग चला गया और शाम को घर आया थोडी देर दुकान मे रहा फिर सब्बो का फोन आ गया और मै खुश हो गया


देखते है आगे के अपडेट मे क्या होता है
 
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सब्बो का फोन आते ही मेरा मन गदगद हो गया
मैने अनुज को आवाज दी और उसे दुकान मे बिठा कर निकल गया रान्डटोले की तरफ

शाम 7 बजे का समय था मै टहलते हुए सब्बो के गली मे गया
वहा उसके घर के आस पास के घरो के बाहर कोई न कोई बच्चा बूढ़ा बैठा था
घर के बाहर सब्बो दरवाजे पर खडी थी , मै सोच रहा था कि इतने लोग बाहर है मै कैसे जाऊ इसके घर तभी

सब्बो - अरे राज आ गया ,,, आ मा अंदर इंतजार कर रही है
मै थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा- हा वो पापा ने बोला जल्दी चला जा रात हो गई है हिसाब किताब कर ले बर्तन वाला
पर
हम दोनो ने कोई प्री प्लानिंग नही की थी बस सब कुछ सयोग से हो रहा था
मै भी घर मे घुसा और अन्दर गया तो सच मे सब्बो की मा रुबीना अंदर बैठे सब्जी काट रही थी

वो ब्लाऊज पेतिकोट पहने हुए थी जिसमे उसका गदरायी जवानी साफ दिख रही थी
मै रुबीना को पहली बार ऐसे देख रहा था
उसका पेतिकोट जांघो तक उठा था ऊपर के दो बटन खुले थे

ये नजारा देख मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मेरा मन सब्बो से हट कर रुबीना की गदरायी जवानी मे खो गया
सब्बो ना जाने कब मेरे बगल मे खडी हो गई और मुझे उसके मा को हवस भरी नजरो से निहारते हुए देख रही थी और मुस्कुरा रही थी

सब्बो - अम्मी लगता है राज को मेरी नही अभी आपकी जरुरत है

रुबीना - क्यो सेठ जी कही मुड बदल तो नही दिया न

मै - हा काकी मूड तो बदल गया है लेकिन
रुबीना- लेकिन क्या सेठ जी
मै - मै तो आया तो सिर्फ सब्बो के लिए ही था लेकिन अब इसके साथ आपको नही छोड़ना है

रुबीना - सम्भाल लोगे एक साथ दो घोडीयो को

मै - क्यू आपको क्या लगता है
रुबीना- चलो देख लेते है कि तुम मे अपने बाप जितना दम है भी या नही

मै चौकते हुए - मतलब
रुबीना - आज आये थे दोपहर में बाऊ जी तेरे हम दोनो को .... और मुस्कुराने लगी रुबीना

मै सोचने लगा - अच्छा तो पापा को यहा आना था पैसे लेने ,,, साला मेरा बाप तो एक नम्बर का रन्डीबाज है

फिर मैने सब्बो को अपनी ओर खींचते हुए उसकी होटों को चुस्ते हुए उसकी चुत को स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी मा के सामने रगड़ना शुरू कर दिया
करीब 2 मिनत के बाद को मै सब्बो को पकडे उसके मा तक गया और उनके सामने खड़ा हो गया

रुबीना नीचे बैठे बैठे मेरे लोवर को निचे किया और मेरा कडक लण्ड उछल कर बाहर आ कर हिलने लगा , जिसे रुबीना बडे प्यार से मुसकुराते हुए मेरी आँखो मे देखते हुए सहलाना शुरू किया
इधर मै वापस सबबो की मोटी गांड सहलाते हुए उसकी चुचियो को एक हाथ से मस्लना चालू कर दिया और फिर उसका टीशर्त निकाल दिया
और सब्बो की सावली रसभरी कोमल चुचियो को मुह मे लेके चुस्ते हुए एक कदम रुबीना की तरफ आगे हुआ

रुबीना ने लपक कर मेरा लण्ड मुह मे किया और चूसना शुरू कर दिया

अब नजारा कुछ यू था मेरा दाहिना हाथ सब्बो की नंगी कमर पर था जो उसको पकड के उसके रसिले चुचो को चुस रहा था और एक हाथ को रुबीना के सर पर रखा था जो मेरे लण्ड को गपागप चूसे जा रही थी ।

रुबीना के लण्ड चूसने से मेरी उत्तेजना और बढ गयी और मैने सब्बो को छोड रुबीना के बालो को पकड तेज़ी से उसके मुह मे पेलना शुरू कर दिया

थोडी ही देर में रुबीना ने खासना शुरू कर दिया और मैने एक हाथ से अपना गिला लौडा उसके मुह से निकाल के उसके बालो को खीचते हुए उसके चेहरे पर लण्ड को पटकने और रगड़ने लगा

फिर वापस रुबीना के मुह मे डाल के चोदने लगा और करीब 3 से 4 मिंट की सास फुला देने वाली जबरदस्त मुह पेलाई के बाद मै पुरा लण्ड रुबीना के मुह भर कर अन्दर ही झडने लगा और मेरा माल उसके मुह से होकर बाहर उसकी पसीने से भीगी थन जैसी चुचियो पर गिरने लगा ।

जब मैने पूरी तरह से अपना लण्ड खाली कर लिया तो मुह से बाहर निकाला

रुबीना- खो खो खो ह्य्य्य्य अल्लाह क्या कर रहा था मादर्चोद ,,,
मै - सालि रन्डी तू ही तो मेरा दम देखना चाहती थी ना अब क्या हुआ
रुबीना - अरे सेठ वो तो मै ,,,,खैर इस मामले मे तुम अपने पापा से आगे ही हो ,,,तो अब बाकी का काम भी करना है की नही

मै - हा करना है ना लेकिन सब्बो रानी के साथ तू आराम कर अभी रान्ड
इतना कह कर वापस से सब्बो की चुचियो को मस्ल्ते हुए चूसने लगा और उसे बिस्तर पर ले गया

बिस्तर पर ले जाकर सब्बो को चुचियो को मिजते हुए चूसना शुरू किया साथ मे अपना लण्ड स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी चुत पर रगडने लगा

थोडी देर बाद मैने उसको घोड़ी बनाया और स्कर्ट को कमर तक चढा दिया
उफ्फ्फ क्या गद्देदार गांड थी सब्बो की ,,, हल्की गोरी गुदाज चुतड के दो पाटो के बीच एक चाकलेटी दर्रार और निचे गोल गोल भूरे रंग की सिकुडी हुए चमडी मे उसके गांड का छेद
ये देख मेरे मुह मे पानी आ गया और मेरा लण्ड फिर से फन्फ्ना गया ।
फिर मैने उसके चुतडो को फैलाया और एक अंगूठे को उस छेद पर थोड़ा सा रब किया फिर मैने झुक कर अपनी जीभ को नुकीला करते हुए उसके भूरे गांड की छेद को टच करने लगा और अपनी लार से गिला करने लगा

सब्बो तडप उठी क्योकि ये उसके लिये पहला अनुभव था
मै लगातार उसके चुतडो को फैलाये उसकी गांड की छेद को चाटे जा रहा था और एक हाथ निचे से उसकी चुत को भी सहलाना सुरु किया

मेरे दोहरे attack से सब्बो सीस्कियो मे बह गयी और उसकी तडप मे वह बिस्तर पर गिर गयी और हाफने लगी ,, सब्बो का कामरस उसकी जांघो पर रिस रहा था, करीब एक मिनट बाद सब्बो सीधा लेट कर तेज़ी से अपना चुत सहलाने लगी
सब्बो - आह्हह राज आजा डाल दे ,,उम्म्ंम उफ्फ्फ और तेज़ी से अपना गांड पटक कर चुत रगड़े जा रही थी ,,

मैने भी देखा की लोहा गरम हो चूका है ब्स हथौड़ा मारने की देर है
और मैने भी देर ना करते हुए ऊपर आकर उसकी चुत पर अपना लण्ड पटकने लगा और उसकी चुचिया नोचने ल्गा ,,,,, फिर मैने अपने लण्ड का सुपारा निकाला और गीली चुत के फलको पर रगड़ने लगा
सब्बो तडप उठी ,,,
हालाकि सब्बो को मेरे से मोटे बडे लण्ड ने चौदा था मगर चरम सुख का आनन्द आज तक नहीं मिला ,,, वो कमर उठा कर चुत को मेरे लण्ड पर रगड़ती रही और उसके चुत का वो छोटे छोटे बालो से घिरा दाना मेरे लाल सुपारे के पेसाब वाले छेद मे चुब्ने से मेरा लण्ड फौलादी हो गया
और मै भी सबर को ताख पर रख उसकी चुत मे लंड डाला और चोद्ना शुरू कर दिया ।

सब्बो - आह्हह राज कितना मस्त चोदू है रे तू कहा था उफ्फ़फ्फ अह्ह्ह्ह ह्ह्य्य्य्य
सब्बो - और तेज़ चोद मेरे राजा अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आह्हह उफ्फ्फ उम्म्ंम हा ऐसे ही और तेज़ ..... अह्ह्ह्ह
मै - हहहह क्या हुआ सब्बो जान,,,, अभी तो मैने डाला ही है ,,,,, तुने तो इससे भी बडे लण्ड खाये है
सब्बो - आह्हह उफ्फ़फ्फ बात लण्ड की नही तेरा चोदने का तरीका सबसे अलग है मेरे राजा ,,,उह्ह्ह्ह्ज औरतेज़ चोद , उह्ह्ह्ह हाआ हा और तेज़ और अह्ह्ज ऐसे ही
मै लगातार धक्के मारते हुए उसकी चुत में चोदे जा रहा था
करीब 20 मिनत तक भरपूर आनंद से सब्बो को चोदने के बाद मैने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसके सामने खड़े होकर उसके बदन और चेहरे पर सारा माल गिरा दिया ।

सब्बो वही थक कर पडी रही
मै उठा और अपने कपडे सही किये और बाहर आया तो रुबीना खाना बना रही थी

मै उसको फिर आने का बोल के घर की तरफ निकल गया

अब देखते है क्या होता है
 

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