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Update 48

मामी की दो बार जोरदार चुदाई करने के बाद हम दोनो किचन मे खाना खाने चले गये जहा मौसी बर्तन खाली कर रही थी ।

मामी - अरे दीदी रहने दो अभी मै कर दूँगी
मौसी - कोई बात नही है भाभी ये मेरा भी घर तो है
मामी - हा दीदी , वो मै इसलिये कह रही थी कि अभी मैने और राज ने खाना नही खाया ,,, कबसे काम कर रहे थे ।

मौसी - हा पता है छोटी ने बताया मुझे थोडी देर पहले इसलिये तुम दोनो का खाना मैने टेबल पर ल्गा कर ढक दिया है और गीता बबिता के लिए भी थोडा खाना रख दिया है ।

मामी - हा वो लोग भी आती होगी स्कूल से
मै - चलो मामी खाते है बहुत भूख लगी है ।

फिर हम लोग खाना खाने के लिए बैठ गये , बीच बीच मे मै मामी को छेड़ता और मामी मौसी की तरफ इशारा करते हुए चुप रहने को कहती ।
फिर मै खाना खा कर अपने रूम मे चला गया क्योकि थकान बहुत थी ।

कमरे मे कोई नही था शायद मा उठ गयी हो , फिर मै आराम से बिस्तर पर लेट गया और जेब से मोबाइल निकाल लिया ।

मोबाइल का लॉक खोला था मामी की खीची हुई तस्वीर सामने आ गई, मै मुस्कराया और फ़ोटो को एक सेफ़ जगह सेव कर दिया ।
इस समय तक मेरे मोबाईल पर दीदी के 14 मिस्काल और 6 मैसेज थे जिसमे 4 मसेज मे सिफ गुस्से वाली एमोजी थी ।
बाकी 3 मिस्काल कोमल के थे और 2 मैसेज भी थे । जिसमे वो बता रही थी कि आज 3 बजे के बस से वो घर वापस जा रही है ।

मै झट से समय देखा तो अभी 5 मिंट कम थे । मै फुर्ती से उठा और चप्पल पहना तुरंत घर से निकल गया ।
जैसे ही गेट क्रॉस करके आगे हुआ तो तेज़ी से गाव के बाहर के सरकारी स्कूल की तरफ दौड़ते हुए जाने लगा ।
कारिब 3 मिंट मे मै स्कूल से करीब 20 मीटर पहले तक पहूच गया लेकिन आस पास कोई नही था । ना कोई बस ना कोमल और उसकी मा सिर्फ सन्नाटा
मैने घड़ी देखी तो तीन बजकर दो मिंट हो गये थे ।
मै निराश होकर पलट कर घर जाने लगा । तभी मेरे कानो मे स्कूल के छुट्टी वाली घंटी की आवाज आई और दुसरी तरफ एक बस होर्न बजाते हुए मेन रोड पर आ गई ।

बस की होर्न सुनते ही मै पल्टा तो देखा उससे कुछ लोग उतर रहे थे और वही स्कूल के पास सड़क के किनारे लगे पीपल के पेड़ के निचे से उठ कर कोमल और उसकी मा बस की तरफ जाने लगे ।
जैसे ही मेरी नजर उन दोनो पर गयी मै खुशी से पागल हो गया ।
इधर मै उन दोनो की तरफ बढ़ता उससे पहले स्कूल के बच्चे तेज़ी से बाहर आने लगे कुछ ही पलो मे पुरा रास्ता और ग्राउंड बच्चो से भर गया । कोमल वापस मेरे आँखो से ओझल होने लगी
मै बेचैन होकर बस की तरफ भागा ये बीस मीटर की दुरी जैसे 100 मीटर की हो गयी ।
ना आगे बढ़ने का दाव ना कोई रास्ता दिख रहा था
जब तक मै मेन सड़क तक पहूच पाता बस निकलने लगी और काफी ज्यादा स्कूली बच्चे भी उसी बस मे चढ़ गये जिससे बस पूरी भर गयी। मै खिडकी दर खिडकी दिवानो की तरह कोमल को खोजता रहा लेकिन वो नही दिखी और आखिरकार बस निकल गयी।
मै एक बार फिर से निराश हताश होकर वापस घूम गया गाव की तरफ तभी एक स्कूल गाड़ी होर्न बजाते हुए तेज़ी से मेरे बगल से गुजरी । मुझे तेज होर्न से इतना गुस्सा आया और मै झट से एक पत्थर उठाया और मारने के लिए बस की तरफ हाथ फेरा ही था की सामने करिब 50 मीटर दुरी पर मुझे कोमल बैग लेकर वापस गाव की तरफ अपनी मा के साथ जाते हुए दिखी ,, और वो गाड़ी उन दोनो को भी होर्न देते हुए आगे बढ़ गयी । तेज होर्न से कोमल मे झट से अपने कान ढक लिये थे ।

और मै कोमल को देख कर तेज़ी से भागा कुछ ही पलो मे उसके बगल मे खड़ा उनको निहारे जा रहा था । हरे रंग की चूड़ीदार सूट सलवार मे गजब की लग रही थी ।

विमला - अरे राज बेटा तुम यहा
मै चौका अब इन्हे क्या बोलू की मै किस लिये आया था और वही कोमल मुह पर हाथ रखे मुस्कुरा रही थी ।
विमला - बताओ बेटा क्या हुआ ,,तुम यहा कैसे

मै - मै वो ,,,,वो वो ,,,,,हा वो नाना की तबीयत नही ठीक है ना तो नाना के एक दोस्त आने वाले थे उनको देखने , 3 बजे के बस से उन्ही को लेने आया था
विमला - अच्छा तो वो कहा है
मै - अरे वो दुसरी बस से आयेंगे जो अभी लेट है ।
विमला - हा बेटा लेट हो गयी हम लोगो से खुद
मै - हा मौसी आप लोग वापस क्यू आ गये

विमला - अरे बेटा स्कूल से छुट्टी हुई तो बच्चे जल्दी जल्दी बस मे चढ़ गये और हमे जगह ही नही मिली , और तो और अब कोई बस भी नही है तो चमनपुरा तक जाये

मै - फिर तब
विमला - अब क्या करूगी बेटा वापस घर जा रही थी , आज घर पर भी कोई नही है , इसका मामा भी चला गया है अपनी मेहरारू को लेने
मै - हा चलिये मै भी उधर ही चलता हू
विमला - वैसे चाचा जी को क्या हुआ है
मै - अब उम्र है मौसी तो बीपी की समस्या है ,
विमला - अच्छा
मै - चलो मौसी आप भी हमारे यहा ही चलो ,,इसी बहाने आप मेरे नाना से हाल चाल भी ले लेना और मै तो कहता हू आज हमारे यहा ही रुको कल हम सब साथ मे चलेंगे घर हिहिहिही
मै ये बोल कर एक नजर कोमल की तरफ देखा तो वो बस मुस्कुराये जा रही थी ।
विमला - अरे नही नही बेटा ऐसे कैसे रुक जायेंगे
मै - आप चल रहे हो या मा को फोन लगाऊ हिहिहिही
विमला - ठीक है बेटा चल वैसे भी घर की चाभी इसका मामा लेके चला गया है ।
मै - हमम ठीक है आओ च्लते है ,,चलो कोमल

फिर विमला मौसी आगे आगे चलने लगी और मै कोमल से

मै - लाओ ये बैग मुझे देदो
कोमल - नही ठीक है ज्यादा भारी नही है
मै - क्यू भारी भरकम रहेगा तभी उठाने दोगी हा ,,, मजदूर थोडी हू हिहिहिही
कोमल - ठीक है बाबा लेलो
फिर मै कोमल के हाथ से बैग लिया और हम घर की तरफ जाने लगे ।

हम तीनो लोग घर पहुचे और मै उनहे गेस्ट रूम मे ले गया ।
मैने उन्हे सोफे पर बिथाया और बोला अभी आता हू जैसे ही मै बाहर की तरफ का रुख करता की मौसी और मामी कमरे मे पानी लेके आ गयी ।

अरे मौसी मामी आप लोग मै भी पानी लेने ही आ रहा था ।
विमला - अरे इसकी क्या जरुरत है राज बेटा हम लोग बाहरी थोडी है
मौसी - घर की होकर भी एक बार मिलने नही आई महारानी

मामी ने मीठा और पानी का ट्रे टेबल पर रखा और सामने बेड पर बैठ गयी और उनके एक बगल मे मौसी बैठ गयी दुसरे बगल मे मै खुद

विमला मौसी के बातो का जवाब देते हुए - ऐसे ना कहिये दीदी मै तो जब भी आती हू सुनीता भाभी से जरुर मिलती हू आप ही नही होती है ।

इधर ये लोग बाते करने मे लगे थे और मै कोमल को बार बार इशारे से बाहर आने को बोल रहा था , बदले मे वो ना ना करके इशारे मे ये कहती की कैसे सबके सामने जाऊ ।

उसकी भी बात ठीक थी क्योकि मामी और मौसी ने तो जैसे सवालो की लड़ी लगायी थी उसपे , क्या कर रही थी ,कैसे पढाई हो रही है , उसके साथ क्या सिख रही हो , आगे क्या करना है ।

मै सोचा ऐसे नही काम चलेगा
मै झट से उठा - मामी मै मा को बुला कर लाता हू
और मै कमरे से बाहर निकल कर अपने रूम की तरफ जाते हुए मोबाइल से कोमल को मैसेज किया कि वो बाथरूम का बहाना बनाकर बाहर आये ।
ना जाने क्यू मै इतना तडप रहा था कोमल के लिए उसकी तरफ एक अजिब सा खिचाव मह्सूस होता मुझे
मै जल्द ही अपने कमरे की तरफ गया तो मा अपने सुबह धुले कपडे स्त्री कर रही थी । मैने मा को बताया की विमला मौसी आई है और उनके साथ गेस्ट रूम की तरफ वापस आने लगा तभी बरामदे मे मौसी के साथ कोमल आती दिखी
जब हमारी मुलाकात हुई तो मौसी मुझसे बोली

मौसी - राज बेटा , जरा कोमल को बाथरूम की तरफ लिवा के चले जाओ
मौसी के पहल से मै और कोमल मुस्कुराये
मै - ठीक है मौसी , आओ चलो कोमल

फिर हम दोनो बाथरूम के तरफ निकल गये और मौसी मा के साथ गेस्ट रूम मे चली गयी ।

कोमल - क्या हुआ राज मुझे बाहर क्यू बुलाया
मै - बस ऐसे ही बात करने के लिए
कोमल - हा लेकिन सब लोग क्या सोचेंगे
मै हस्ते हुए - यही की तुम बाथरुम गयी हो हिहिहिही
कोमल मुस्करा कर- तुम बाज नही आओगे अपनी हरकतो से ,,,और इतना ही मन था तो तब फोन क्यू नही उठाया जब मै बार बार फोन किये जा रही थी।
मै - सॉरी यार वो मै मामी के साथ काम करने मे ल्गा था , लेकिन समय से आ गया था बस स्टैंड पर , और मुझे लगा
कोमल - क्या लगा
मै - मुझे लगा कि तुम चली गई
कोमल - कैसे जा सकती थी मै मेरा दोस्त जब उछल उछल कर खिडकी दर खिडकी मुझे खोज रहा था हिहिहिही

मै - मतलब तुम मुझे देख रही थी और बताया भी नही ।
कोमल - देख रही थी मेरा दोस्त मेरे लिए कितना तडप सकता है
मै - मै टुट गया था यार की बिना मिले तुम चली गयी
कोमल - ओहो ये तडप , कही प्यार तो नही
मै - नही यार तुम भी ना , मै तो बस ये सोच कर दुखी हुआ की कही तुम्हे बुरा ना लगे
कोमल - नही मै जानती थी कि तुम कही बिजी होगे तभी फोन नही उठाए हो ।
इधर हम दोनो बाते करते हुए बाथरूम तक पहुच गये

मै - जाओ मंजिल आ गई तुम्हारी
कोमल - अरे मुझे नही जाना तुम बोले इसिलिए मै आ गई
मै - अरे अब आई हो तो कर लो जो भी थोडा बहुत हो हिहिहिही
कोमल - तुम पागल हो , तुम ऐसी बाते कैसे कर लेटे हो यार कुछ तो लिहाज करो मै एक लड्की हू
मै - मैने पहले भी बोला था न कि मै दोस्तो से एकदम फ्रैंक होता हू
कोमल - ओह्ह्ह ऐसा क्या जी
मै - बिल्कुल जी , तो चले वापस या फिर
कोमल - नही नही चलो वापस
फिर हम लोग वापस गेस्ट रूम की तरफ जाने लगे कि तभी गीता बबिता भागते हुए मेरे पास आने लगी।

गीता - हाय भैया
बबिता - हेलो भैया
मै - हैलो मेरी गुडिया और मीठी , तुम दोनो कब आये
बबिता - हम तो उसी गाड़ी से आये जिसे मारने के लिए आप पत्थर उठा लिये थे हीहीहि
मै - उस गाड़ी मे आये तुम लोग , कितना तेज चला रहा था
बबिता - हिहिहिही हमे तो मज़ा आता है ना
गीता - भैया आप सादी कर रहे हो क्या
मै - नही तो किसने कहा
बबिता - तो फिर इनको लेके अकेले मे बात करने क्यू आये
मेरी और कोमल दोनो की हसी छूट गई

मै - अरे ये मेरी दोस्त है गुडिया और इनकी मम्मी का घर भी इसी गाव में है
गीता - अच्छा मतलब गर्लफ्रेंड है ना , हेलो भाभी मै गीता और ये बबिता

कोमल खिलखिला कर हँस पड़ी
मै - अरे नही मीठी ये सिर्फ दोस्त है मेरे साथ पढ़ती हैं और इनका नाम कोमल है
कोमल - और तुम दोनो मुझे दीदी बुलाओ भाभी नही हिहिहिहिही

बबिता - सॉरी भाभी ,,,अह मतलब दीदी हीहीहि
गीता - हा सॉरी कोमल दिदी
कोमल मुस्कराकर - कोई बात नहीं तुम दोनो मेरी छोटी बहन जैसी हो तो सॉरी कहने की जरूरत नही है ।

मै - समझ गये ना अब चलो और ध्यान रहे भाभी मत बुलाना चाहे कोमल आंटी बुला लेना
दोनो मेरी बाते सुन कर खिलखिला कर हँस पड़ी वही कोमल ने एक कोहनी से मेरे बाजू पर जोर से मारा की मेरी आह्ह निकल गयी ।

गीता - कोमल दिदी आप भी चलो ना आज हमारे साथ घुमने
कोमल - मै लेकिन कहा
बबिता - हमारे ट्यूबवेल पर , हम रोज जाते
गीता - आप भी चलो ना दीदी मज़ा आयेगा

कोमल - ठीक है बाबा पहले मा से पुछ लू तब ना
वो दोनो खुशी से कूदते फादते निकल गये छत की तरफ

कोमल - कितनी प्यारी बहने है तुम्हारी
मै - हा दोनो बहुत भोली है
कोमल - हा देखो ना मुझे तो अपनी भाभी बनाने का पुरा मन बना लिया था हिहिहिही
मै - हा और तुमने बेचारियो का दिल तोड़ दिया हहाहाहा
कोमल - छीई गंदे , अच्छा ये बताओ वहा ट्यूबवेल की तरफ क्या है

मै - कुछ नही हम वहा बस नहाने जाते है , एक बड़ा सा हाता है उसी मे
कोमल - फिर मै क्या करूंगी जाकर
मै - तुम भी नहा लेना यार इसमे क्या है
कोमल - धत्त मै नही नहाने वाली बाहर वहा
मै - अरे वहा कोई नहीं होता है बस हम 4 लोग ही होगे
कोमल - हा तो तुम भी होगे वहा न , तो मै कैसे नहा सकती हू
मै - क्यू मेरे सामने नहाने मे शर्म आयेगी क्या हिहिहिही
कोमल - और नही तो क्या , और तुम्हे नही आयेगी जैसे मेरे सामने नहाते
मै - मै क्यू शर्माने ल्गा भला तुमसे , तुम ने तो सब कुछ देख रखा है पहले से ही मेरा अब बचा ही क्या जो छिपा सकू हाहाहाहाहा

कोमल मुस्कुरा कर गुस्सा दिखाते हुए - बदमाश बहुत पिटूंगि तुम्हे
कोमल - यार तुम हमेशा वही सब बाते क्यू करते हो बार बार
मै - मुझे मेरा दोस्त शर्माता हुआ बहुत अच्छा लगता है ना इसिलिए हिहिहिही
कोमल - धत्त अब चलो कमरे मे मा से परमिशन लेलू

फिर हम लोग कोमल की मा को बोलकर चारो साथ मे निकल गये ट्यूबवेल के लिए ।


अब देखते हैं कि आगे क्या होने वाला है
कहानी कैसी चल रही है इस बारे मे खुल कर अपनी राय दे । आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
धन्यवाद
 
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Update 49

शाम करीब 4 बजे हम चारो घर से ट्यूबवेल के लिए निकल गये । गीता बबिता कल की तरह ही टीशर्ट कैफ्री मे थी वही कोमल ने अपने कपडे बदल कर एक ढीला प्लाजो और कुर्ती पहने हुए थी साथ मे गले मे एक हल्का दुपट्टा लपेटे थी ।
रास्ते मे गीता बबिता दोनो कोमल को वही बाते बता रही थी जो मै कल सुन चुका था ।
मै उन सब की बाते सुनते हुए सबसे पीछे चल रहा था ।
तभी मेरा मोबाइल रिंग हुआ और जब मैने फोन देखा तो मेरी फट गई
क्योकि सोनल दीदी फोन कर रही थी
अब तो मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या बोलू और फोन कटने से पहले उठाना नही तो क्या होता मुझे भी नही प्ता
खैर हिम्मत करके मै फोन उठा कर हेल्लो कहा ही था
उधर से तेज आवाज मे गाली के साथ दीदी का भाषण शुरू हो गया और जब वो शांत हुई तब
दीदी - अब बोल बोलता क्यू नही
मै - सॉरी दीदी लेकिन आप बोलने दो तब ना ,,मै मामी के साथ काम करवा रहा था और मोबाइल चार्ज मे लगा था ।
अभी को गीता ने मुझे लाकर दिया है

दीदी - हा ठीक है और सुन कल आ रहा है ना
मै - हा दीदी पक्का अब रखु
दिदी - कुछ काम है बात नही कर सकता क्या थोडी देर भाई
मै - वो मै थोडा बाहर खेतों की तरफ आया था ना

इसिबिच कोमल ने मुझे फोन पर बात करते देखा तो बोली - क्या हुआ राज चलो ना जल्दी
लेकिन कोमल की आवाज सुनते ही दीदी वापस से भडक गयी
दीदी - वो कौन थी जरा बता तो , मिल गई ना कोई तुझे वहा , मेरा शक सही था मतलब , तू भी सबकी तरह है बस मज़े लेना जानता है , जा अब उसी के साथ रह मुझसे बात मत करना
मै - अरे अरे रुको यार वो कोमल है तुम्हारी क्लासमेट
दिदी चौक कर - कोमल , वो वहा कैसे
मै - तुम खुद बात कर लो और मेरा पिछा छोडो

फिर मैने कोमल को फोन दिया और वो दोनो बाते करने लगी और तब तक बात खतम नही हुई तब तक हम ट्यूबवेल पहुंच नही गये । फिर कोमल ने वापस मुझे फोन दिया

फोन पर
मै - हो गया बात , हो गयी तसल्ली
दीदी - सॉरी ना भाई नाराज न हो आई लव यू ना
मै - मक्खन ना लगाओ , कल आता हू तब देखता हू कि कितना याद आ रही है
मै - अब रखो फोन बाय
दीदी - बस बाय और कुछ नहीं
मै मुस्कुरा कर- ठीक है आई लव यू टू
दीदी - और चुम्मा
मै - सब मै ही दू कुछ अपने होने वाले पति से भी माग लिया करो
दीदी - वो आया था और लेके गया भी हीहीहि
मै - मै भी कल आकर हिसाब बराबर कर लेता हूं उम्म्म्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह अब बाय
दीदी ह्स्ते हुए - हा बाय


इधर हम तीनो ट्यूबवेल पहुच गये थे । ट्यूबवेल पहूच कर बबिता ने झोले से चाभी निकाला और मोटर चालू कर दिया । कुछ ही समय मे हाते मे पानी भरना शुरू हो गया ।

कोमल - अरे वाह ये सच मे बहुत मज़ेदार जगह है , कितना शांत है यहा और कोई आता जाता भी नही है
गीता - आप भी आओ नहा लो दिदी
कोमल एक नजर मुझे देखी क्योकि मै एक कातिल मुस्कान से उसे देखे जा रहा था
कोमल - अरे नही नही तुम लोग नहाओ मुझे नही नहाना है
गीता - ठीक है दीदी अगर मन हो तो आजाना
बबिता - अरे भैया आप तो आओ
मै - तुम लोग चलो मै आता हू

फिर बबिता गीता वैसे ही कपड़े पहने हाते मे कूद गये । मुझे तो डर था कही ये लोग कल की तरह आज भी कपडा ना निकाल दे
उधर गीता बबिता पानी मे मस्ती करने लगी जिसे देख कर कोमल खिलखिला कर हस रही थी
मै अपने कन्धे से उसके कंधे पर हल्का धक्का देकर बोला - क्यू चल रही हो ना फिर नहाने

कोमल शर्मा कर - तुम पागल हो क्या जी , मै कैसे यहा पर वो भी तुम्हारे सामने
मै - ठीक है फिर मै जा रहा हू
कोमल मुस्कुराते हुए - हा जाओ

मै झट से अपना लोवर टीशर्त निकाल कर अंडरवियर मे आ गया , मुझे देख कर कोमल ने मुह फेर कर मुस्कुराने लगी ।

मै धीरे से बोला - अब क्या शर्मा रही हो सब देखा हुआ है तुमने
उससे पहले वो कुछ रियक्ट कर पाती मै छपाक से पानी मे कूद गया और गीता बबिता के साथ पानी मे मस्ती करने लगा । थोडी देर बाद कोमल ने बबिता को आवाज दी

कोमल - बबिता सुनो जरा
और बबिता हाते के किनारे पर जाकर खड़ी होकर कोमल की बात सुनने लगी
कोमल बहुत धीरे धीरे बबिता से कुछ कह रही थी बदले मे बबिता इशारे से एक तरफ हाथ कर के कुछ बता रही थी । फिर ना जाने क्या हुआ की बबिता ने मुझे आवाज दी

मै - हा गुडिया बोलो
बबिता - भैया आप दीदी के साथ वहा लिपस्टिक वाले बाग मे चले जाओ
मै - वहा क्यू जाना है कोमल
बबिता - वो दिदी को बाथरूम जाना है और उतना दुर हम लोग ऐसे कैसे जाये

मै एक नजर कोमल को देखा तो वो दुसरे तरफ मुह किये खड़ी थी
पीछे से उसकी उभरी हुई गाड़ की गोलाई कुर्ती के उपर से भी दिख रही थी । मै खुश हुआ और झट से बाहर निकल गया । मै पुरा भीग हुआ था साथ मेरा अंडरवियर भी मेरे आधे खडे लण्ड से चिपका हुआ था ।

कोमल ने एक नजर मुझे देखा और बोली - ऐसे ही च्लोगे क्या

मै - मुझे कोई दिक्कत नही है चलो
फिर हम दोनो मुस्कुराकर आगे बढ़ गये ।
थोडी दुर आगे आने के बाद
मै - तुमको बाथरूम जाना था तो मुझे भी बोल सकती थी ना
कोमल कुछ नही बोली ब्स मुस्कुराती रही
फिर हम लिपस्टिक के बाग मे आ गये जो करीब 5 6 बीघे मे फैल हुआ था । ये बाग भी मेरे नाना का था ।

मै - जाओ जल्दी से आओ मै यही हू
कोमल मे एक नजर उस घने बाग को देखा तो उसकी हिम्मत नहीं हुई की वो अन्दर जाये
कोमल - राज मै अन्दर कैसे जाऊ कितना डरावना है
मै - तो फिर यही बाहर कर लो मै दुसरी तरफ देख रहा हू

कोमल के पास कोई चारा नही था सिवाय मेरी बात मानने का
कोमल थोडा झिझक कर - ठीक है तुम थोडा उधर देखो और मेरे तरफ मत घुमना
मै - ठीक है लेकिन जल्दी करना , एक तरफ ज्यादा देखने से मेरी गरदन मे दर्द होने लगता है
कोमल हस्ते हुए - हा ठीक है पहले उधर घूमो
फिर मै कोमल की तरफ पीठ करके घूम गया
इस बीच मुझे घासो की खस खस सुनाई दी और फिर एक मधुर संगीत, जिससे पता चलने लगा की कोमल मुत रही थी । ये सोच कर की कोमल अपनी मुलायम गोरी गाड़ फैलाये मेरे पीछे ही मुत रही है, इस उत्तेजना ने मेरे लण्ड मे नयी हलचल भर दी और मेरा लण्ड तन गया ।
करीब तीन मिंट होने को आये और अब तक कोमल के मुतने की आवाज भी बन्द हो चुकी थी ।
मै - अरे कितना समय लगेगा जी मेरा गरदन दर्द हो रहा हो
कोमल थोदा परेसान आवाज मे - राज मेरा प्लाजो ये एक झाड़ मे फस गया है , तुम घुमना मत प्लीज ,,बस एक मिंट थोडा रुको ना
मै खुश हो गया चलो इसी बहाने कुछ दर्शन हो जायेगा
मै - थोडा जल्दी करो कोमल देखो कोई आये ना इस तरफ
मेरी बात सुन कर कोमल और हडबड़ा गयी
कोमल - ये निकल नही रहा है राज ,
मै थोडा सा गरदन घुमा कर - मै कुछ मदद करु
कोमल चौक कर - नही , ब्स एक मिंट रुको ना
मै - कोमल समझो मुझे हैल्प करने दो ,, अगर कोई हम दोनो कोई ऐसे देख लिया तो बहुत गड़बड हो जायेगी ।
कोमल डर से मजबुर होकर - ठीक है ,,,आओ
मै एक शैतानी मुस्कान से घुमा तो देखा कि कोमल सीधा खड़ी है और उसने फुल वाली काले रंग की लॉन्ग पैंटी पहनी हुई थी , और उसने ब्लैक प्लाजो का दाहिना हिस्सा पकड़ा हुआ जो उसके घुटनो तक टगा हुआ था और बाया साइड जो बगल के एक झाड़ से फसा हुआ था
उसकी गोरी गोरी जान्घे और पिंडलियों पर हल्के बाल थे ।
कोमल मुझे खुद को ऐसा घुरता देख बोली - जल्दी करो राज प्लीज
मै झट से कोमल के बाई तरफ गया जिस तरफ का प्लाजो झाड़ में फसा हुआ था । मै कोमल के प्लाजो को पकड कर हल्का हल्का निकालने लगा
कोमल - जरा आराम से राज फटे नही ,
मै बडे आराम से उसका प्लाजो निकाला - हो गया अब पहन लो
कोमल ने झट से घूम कर प्लाजो उपर चढा लिया
कोमल - चलो राज अब
मै - क्या चलो कोई थैंक्स वैंकस नही मिलेगा क्या
कोमल इतरा कर- हा थैंक यू
मै सोचा इससे बात कैसे आगे बढ़ाऊ कुछ तो ऐसा करू जिस्से ये मुझसे सेक्स वाली बाते करे
मै - रुको थोडा मै भी फ्रेश हो लू
ये बोलकर मै जहा था वही खड़ा होकर झट से अपना लण्ड बाहर निकाला और एक तेज धार से मूतने लगा
कोमल इससे पहले कुछ बोल समझ पाती उसकी नजरे मेरे धार देते मोटे टोपेदार लण्ड पर रुक गयी और आवाज गले मे ही ।
कोमल को चौकन्ना देख मै उसकी खिचाई करने के मूड मे बोला - अरे अरे क्या कर रही हो उधर देखो
कोमल जैसे ही मेरी आवाज सुनी शर्मा गयी और पलट गयी ।
कोमल मुस्कुरा कर - तुम बता नही सकते थे क्या
मै मुत कर लण्ड झाड़ कर अंडरवियर मे रख दिया और बोला - अरे तुम को भी तो चाहिये ना की देख ली तो घूम जाना चाहिए,,,तुम तो नजरे गडाये ऐसे देख रही थी कि जैसे कितना पसंद हो गया हो

कोमल मुस्कुरा कर - भक्क पागल , ऐसी बात नही है वो तो बस
मै - क्या बताओ ना
कोमल मुस्कुरा कर - कुछ नही
मै - बताओ ना, तुम भी इतना शर्माती हो ना
कोमल - वो मै इतना बड़ा नही देखा था कभी इसलिये , और लड्की हू मै शर्माना हक है मेरा
मै बात उधेरते हुए - क्या सच मे तुमको बड़ा दिखता है मेरा
कोमल थोडा झिझक कर - हा मैने ऐसा पहले नहीं देखा था
मै थोडा मजाक मे - तो मुझसे पहले किसका देखा था हाह्हाह्हा
कोमल हस्ते हुए मुझे मारने आती है मै थोडा सा दौड़ आगे हुआ
कोमल खीझ कर - तुमको सच मे पीट दूँगी मै
मै हसते हुए - अभी तुम्ही तो बोली ना की इससे बड़ा नही देखी ,,इसका मतलब इससे पहले किसी का देखी हो

कोमल - हा तो राह चलते नजर पड़ जाती है , तुम लोगो की तो आदत है खड़ा होकर कहो भी शुरू हो जाने की

मै थोडा उसकी खिचाई करते हुए - वैसे मै कभी ध्यान नही दिया कि तुम भी सुन्दर हो यार
कोमल हस्ते हुए - अच्छा जी बड़ी मेहरबानी जो हमे इस काबिल समझा
मै - हा सच मे असली खुबसूरती अंदर ही छिपी होती है हिहिहिही
कोमल समझ गई की मै क्या बात कर रहा हू - तुम मेरी खीचाई कर रहे हो या तारिफ
मै - अभी तक देखा ही क्या जो तारिफ करू , कोमल के सामने उसको ताड़ते हुए कहा
कोमल शर्मा कर - तुम ना पिटोगे मुझसे और ये तुम्हारा ऐसे ही रहता है क्या
कोमल मेरे अंडरवियर मे लण्ड से बने टेन्ट को देख कर बोली
मै - हा कभी कभी क्यू
कोमल थोडा अजीब सा मुह बना कर - दर्द नही होता
मै ह्स्ते हुए - होता है तो तेल से मालिश कर लेता हू ना आराम हो जाता है
कोमल - हम्म्म ये बात
मै - वैसे दर्द तो अभी भी हो रहा है
कोमल थोडा फ़िकर के भाव मे - तो मालिश कर लो
मै - लेकिन यहा तेल कहा मिलेगा
कोमल थोडा उत्सुकता से मानो वो मेरे लण्ड को देखने को बेचैन हो - तो वैसे ही सहला लो ना निकाल कर ,, इतना कसा हुआ पहनते भी तो ये
मै सोचा कोमल क्या सच मे इंटरेस्ट ले रही है
मै थोडा सा मुह बना कर - लेकिन कहा , वहा तो गीता बबिता होगी ना
कोमल थोडा उत्सुकता से - ऐसा करो यही खडे होकर कर लो यहा कोई है नही और वो लोग भी दुर ही है अभी
मै भी मौके का फायदा उठा कर झट से वापस लण्ड निकाला सच मे बहुत आराम मिला क्योकि कोमल के साथ कामुक बाते करने से मै बहुत उत्तेजित मह्सुस कर रहा था ।

एक बार फिर से कोमल के सामने लण्ड को थामा और इस बार चमडी आगे पीछे कर हिलाने ल्गा
मै जानबुझ कर ऐसे आवाजे करने ल्गा जिससे कोमल को लगे की मुझे थोडी राहत मिल रही है
कोमल को मानो सच मे मेरी फ़िकर महसूस हो रही थी
कोमल - क्या हुआ राज दर्द ज्यादा तो नही है ना
मै - हा वो काफी समय से अंदर था ना बाहर निकालने से अचानक दर्द बढ़ गया है अह्ह्ह ,,,मैं लगातार लण्ड की चमडी आगे पीछे किये जा रहा था
कोमल - तब क्या करोगे राज ऐसा करो घरो चलते है वही मालिश कर लेना
मुझे भी खुले मे कुछ करने मे डर लग रहा था तो मै बोला - हा सही कह रही हो कोमल ,,
कोमल - हा चलो
मै थोडा सा परेसानी का भाव लाते हुए - कोमल क्या तुम इसे अंदर कर दोगी ,,, मै दोनो हाथ से अपने अंडरवियर की लास्टीक को फैलाये हुए था और मेरा लण्ड का सुपादा उसी लास्टीक पर टिका हुआ था
कोमल थोडा हिचकी लेकिन मुझे परेसान देख वो थोडा सा हिम्मत करके मेरे लण्ड के सुपाडे को दो उंगलियो से पकड कर उठाना चाहा तो गिर गया
और मै जान बुझ कर आह्ह निकाला
कोमल - सॉरी सॉरी
फिर इस बार कोमल ने बीच से मेरे लण्ड को थामा
कोमल - ओह गॉड, ये तो कितना तप रहा है राज
मै - हा अब डालो इसे इस्स्स्स
कोमल ने जल्दी से लण्ड को मेरे अंडरवियर मे डाला और फिर हम ट्यूबवेल की तरफ निकल गये ।
कोमल को सच मे मेरे लिए फ़िकर देख कर मुझे थोडा अजीब सा ल्गा कि क्या इतनी अच्छी लडकी का फायदा उठाना सही होगा ।
वही कोमल के मन मे काफी सवाल थे जो वो मुझे पुछ रही थी और मै उसको घर पर बात करने का बोल कर टाल दिया क्योकि बातो ही बातो मे हम ट्यूबवेल तक आ चुके थे ।
जहा गिता बबिता नहा कर कपडे बदल लिये थे और हमारा इन्तेजार कर रहे थे ।

गीता - क्या भैया हम कबसे यहा इंतजार कर रहे है
कोमल - सॉरी गीता
बबिता - भैया चलो आप कपड़े पहन लो बुआ ने आपके मोबाईल पर फोन किया था घर बुला रही है ।

मेरा अंडरवियर लगभग सुख चूका था तो मैने झटपट मे अपने कपड़े पहन लिये और फिर हम लोग निकल गये घर की तरफ ।


देखते है दोस्तो आगे क्या होने वाला है।
क्या राज कोमल के लिए अपनी हवस को बढ़ाएगा या फिर कोमल का साथ कही उसके जीवन मे नये बदलाव लाने वाला है ???
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा , पढ कर अपनी राय अवश्य दें।
धन्यवाद
 
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हम चारो खेत से घर के लिए निकल गये ।
रास्ते मे कोमल बार बार मेरे तरफ देखती और मुस्कुराती , जब मै इशारे से पछता क्या हुआ तो वो ना मे सर हिला देती और आगे चलने लगती ।
शाम करीब 6 बजे तक हम सब घर पहुचे तो आगन मे खटिये पर सारे लोग बैठे चाय नास्ता कर रहे थे ।
मामी और मामा एक खाट पर बैठे हुए थे ।
नाना एक खाट पर लेटे हुए थे उनके बगल मे मौसी बैठी उनका पैर दबा रही थी । वही विमला मौसी , मामी के बगल वाली खाट पर बैठी थी । मा कही नजर नही आ रही थी ।

हमे एक साथ आता देख कर नाना बोले - आजाओ बच्चो तुम भी बैठो
मामी - हा बच्चो बैठो मै तुम लोगो के लिए चाय लाती हू ।

फिर मै और गीता एक खाट बिछा कर बैठ गये कोमल और बबिता , विमला मौसी के साथ बैठ गयी ।
नाना बबिता - कहा घुमाने ले गयी थी गुडिया सबको
बबिता - वो बाबा हम लोग ट्यूबवेल पर गये थे घुमाने
नाना - अच्छा , फिर तो तुम दोनो नहाए होगे , मस्ती किये होगे हाहाहाहाहा
बबिता - हा बाबा , और भैया भी नहाए थे हम लोगो के साथ

नाना कोमल की तरफ - और तुम बिटिया तुम नही की मस्ती
कोमल - नानू वो मै दोपहर को ही नहा ली थी तो मन नही था लेकिन मस्ती हम सबने की ।
फिर नाना ने मेरी तरफ देखा - और मेरे शेर क्यू गुमशुम से क्यू हो यहा आ मेरे पास

मै उठा तो एक नजर कोमल को देखा तो वो बडे उदार नजरो से मुझे देख रही थी , मानो उसकी नजर मे कितना असहाय हो गया हू ।
मै नाना के पास उनकी जांघ के बगल मे बैठ गया ।
नाना मेरे हाथ पकड कर - बेटा कोई दिक्कत तकलीफ तो नही है ना यहा तुझे
मै मुस्कुरा कर - नही नाना जी ,,मुझे क्या तकलीफ होगी ।
नाना - बिलकुल यहा सब कुछ तेरा ही तो है और हमारे बाद सब कुछ मेरे नतीयो का ही होने वाला है हाहाहाहहा

मै मुस्कुरा रहा था इतने मा और मामी चाय का ट्रे लिये आ गयी ।
मामी - चलो बच्चो नास्ता कर लो तुम भी
फिर मामी और मा ने वापस से सबको चाय दी और हम सब बाते करते हुए चाय का मज़ा लेने लगे ।
इस दौरान मै विमला मौसी को नोटिस किया की वो बार बार को देख कर मुस्कुरा रही है ।

और मेरी नजर जब मामा पर गयी तो पता चला कि वो तो विमला मौसी को ताड़ रहे थे ।
अब ताडते ही क्यो नही एक तो कसे बदन वाली विमला मौसी और वही मामा का मिजाज ठरक से भरा हुआ

एक तरफ जहा मामा और विमला मौसी के बीच नैन मट्क्का चल रहा था वही कोमल थोडी उदास दिख रही थी , मैने उसे इशारे से पुछा की क्या हुआ वो फिर ना मे सर हिला दी ।

ऐसे ही 7 बजने को आये तो मै उठा और कमरे में जाने लगा ।
मा - कहा जा रहा है बेटा
मै - मा थोडा आराम करने का सोच रहा हू , खाना का टाईम हो तो बुला लेना

मामी - हा बेटा तुम आराम कर लो वैसे भी आज बहुत किये हो ,,ये बात मामी मुस्कुरा कर बोली
मै समझ उनका तंज और मुस्कुरा कर उठने लगा

मौसी - चलो भाभी हम लोग रात के खाने की तैयारी कर ले
मामी - हा दीदी चलिये
विमला - चलिये मै भी चल्ती हू

मामी - अरे दीदी आप आराम करिये बात चित करिये
मामा - हा विमला बैठो थोडा बहुत दिन बाद तो आई हो ।

फिर मै उथा और जाने लगा
गीता बबिता भी मेरे साथ ही जाने लगी अपने कमरे मे उनके होमवर्क बाकी थे ।
तो कोमल अकेले क्या करती वो भी गीता बबिता के कमरे मे चल गयी ।

बाहर अब खाट पर नाना सोये थे ।
मा उनको हवा करते हुए विमला से बात कर रही थी और वही मामा विमला मौसी को ताड़ रहे थे ।

मै अपने कमरे मे पहुचा और झट से अपने कपडे निकाले और अंडरवियर बदल कर वैसे ही लेट कर मोबाईल खोल कर चलाने लगा ।

अभी ज्यादा समय नही हुआ था कि किसी ने दरवाजा खटखटाया

मै - खुला है आजाओ अन्दर
दरवाजा खुला तो देखा कि कोमल थी और उसके हाथ मे नारियल के तेल की शिशि थी।
और उसने दुपट्टा भी नही लिया था ,,,जिससे उसकी चुचियो का उभार साफ दिख रहा था ।

मै - अरे कोमल तुम , आजाओ और दरवाजा बंद कर देना

कोमल चुपचाप से दरवाजा बंद की और मेरे बिस्तर पर बैठ गयी ।
मै - क्या हुआ कोमल तू ऐसे चुप क्यू हो
कोमल शर्मा कर - वो मै तुम्हारे लिए ये तेल लाई थी मालिश के लिए
मै कोमल की बाते सुन कर सोचने ल्गा अरे वाह कोमल ने खुद से मेरा ख्याल रखते हुए मेरे लण्ड के लिए तेल लेके आई है ।

मै उसकी मासुमियत पर फीदा होने लगा था । सच मे कितनी प्यारी और केयरिंग मेरे लिए
मै - हा थैंक्स कोमल ,,,
कोमल थोडा हिचक कर - इससे आराम हो जाएगा ना तुमको
मै - हा कोमल हो जाता है लेकिन
कोमल - लेकिन क्या
मै - लेकिन ये मेरे लिए रोज का है तो तुम परेशान ना हो ज्यादा
कोमल - क्या रोज दर्द होता है
मै - हा जब लम्बे समय तक ये खड़ा रहता है और अन्दर होता है तो होता ही है।
कोमल - ओह्ह्ह ठीक है अभी मालिश कर लो फिर
मै - ठीक है रुको मै बाथरूम मे करके आता हू
कोमल - क्यू यही कर लो बैठ कर ना
ये बात बोल कर कोमल को उसकी गलती का अह्सास हू और उस्की जुबान अब उसके दोनो दातो मे थी और होठ मुस्कुराने की कोशिस कर रहे थे ।

मै मुस्कुरा कर - ठीक है यही कर लेता हू
फिर मै बेड पर खड़ा हुआ और अपना अंडरवियर निकाल कर पुरा नंगा हो गया और चल कर कोमल तक गया और फिर निचे उतर के उसके सामने आ गया ।

कोमल मुझे नंगा देख कर नजरे निचे कर लेती है और तेल की शीशी मेरी तरफ कर देती है ।
मै उसके हाथ से तेल की शीशी लेके उसके सामने ही तेल की हल्की सी पतली धार अपने लण्ड के जड़ से सुपाडे तक गिराता हू और दुसरे हाथ से अच्छे से लिप देता हू ।

कोमल तेज सांसे लेते हुए कनअखियों ने मेरे क्रियाकलाप को निहार रही थी
और मै उसके घाटियो के दर्शन करते हुए लण्ड को तेल से चमका रहा था ।

कोमल के सामने लण्ड पर हाथ सरकाने मे जो मजा था वो कही नही था । एक अलग ही रोमानच का अहसास था ।

कोमल - एक बात पूछू राज
मै - हा बोलो ना
कोमल - तुमको सच मे शर्म नही आती है मेरे सामने ये सब करने मे
मै - देखो कोमल , मै तुम्हे सच एक अच्छा दोस्त समझता हू , और मेरे मन में तुमको लेकर कोई भी गलत भावना नही है और तुम मेरे लिये इतनी फिक्रमन्द हो तो , बस यही सब है की मै तुमसे खुल कर बाते करता हू
कोमल - अच्छा एक बात बताओ
मै लण्ड को सहलाते हुए - हा बोलो ना
कोमल - ये खड़ा क्यू होता है हमेशा , क्या तुम हर वक़्त वही सब सोचते हो क्या
मै - मतलब

कोमल ने इस बार पहले मेरी आँखो मे देखा और फिर आँखो से मेरे लण्ड की तरफ इशारा करते हुए बोली - ये हमेशा खड़ा क्यू रहता है , क्या तुम सेक्स के बारे मे ज्यादा सोचते हो क्या

मै - नही यार ऐसी बात नही है अह्ह्ह उह्ह्ह
कोमल - फिर
मै - ये नेचुरल है कोमल इसका खड़ा होना ,,जब कोई चीज़ हम सेक्सी सा देख लेते हैं या मह्सूस कर लेते है तो खड़ा हो जाता है

कोमल मुस्कुरा कर - तो वहा तुम क्या देख लिए की तुम्हारा ये
मै - नही तुम नाराज ही जाओगी
कोमल - अरे बताओ ना राज मै दोस्त हू तुम्हारी
मै - वो जब मै तुम्हारा प्लाजो झाड़ से निकाल रहा था उस समय मैने तुम्हारी गोरी गोरी टाँगे देखी थी तो

कोमल चिढ़ कर ह्सते हुए - छीई गंदे ,,अभी तो बोल रहे थे की मेरे बारे मे कोई गलत ख्याल नही रखते हों और अब क्या क्या गुल खिला रहे

मै - मै क्या करता मजबूरी हो जाती है यार
कोमल - अच्छा आज का तो ठीक था लेकिन उस दिन बस मे कैसे
मै - उस दिन बस मे भूल गयी क्या की तुम मेरे गॉड मे गिरी थी और तुम्हारे बू. ( कोमल की चुचियो पर इशारा करते हुए) मेरे हाथ मे आ गये थे और जब तुम खड़ी हुई तो तुम्हारी बैक साइड ,,,,

कोमल शर्मिंद्गी से हस्ते हुए - बस बस बस मै समझ गयी , मतलब नियत पहले दिन से ही खराब है

मै लण्ड सहलाते हुए कहा- नही कोमल मेरे मन मे ऐसा कोई विचार नही है तुमको लेके ,,वो सब बस एक संयोग था

कोमल - वो सब तो संयोग था मान लिया लेकिन अभी ये क्यू नही छोटा हो रहा है ,, देख रही हू मालिश से और भी बड़ा हो रहा है ,,,,, छीईई क्या क्या बोल रही हू मै

मै मुस्कुरा कर - वो तो उसकी वजह से ,,,मैने एक बार फिर कोमल के चुचियो के घाटी की तरफ इशारा करते हुए कहा

कोमल ने झट से अपने चुचियो के बिच मे हाथ रख लेती है
कोमल - छीईई कितने गंदे हो तुम

मै इस समय लगातार लण्ड हिला रहा था जिससे मुझे सेक्स का नशा होने ल्गा था और मेरे मुह से काफी गंदी जुबाने बाहर आने लगी थी ।

मै - अह्ह्ह कोमल
कोमल थोडा फ़िकर से - क्या हुआ राज दर्द ज्यादा है
मै ना ना मे सर हिलाते हुए अह्हे भर रहा था
कोमल - बताओ ना राज
मेरी आंखे अब बंद होने लगी और मै बोला - मेरा निकलने वाला है कोमल अह्ह्ह उह्ह्ह इसससससस अह्ह्ह्ह

कोमल समझ गई कि मै झड़ने वाला हू इससे पहले कि कोमल बचने का कुछ पाती मेरे लण्ड के सुपाडे ने तेज पिचकारी कोमल के मुह और सीने पर मारनी शुरू कर दी

कोमल - छीईई राआआआज्ज्ज्ज क्या कर रहे हो दुर हटो छीई माआ य्क्क्क्क

मै जब होश सम्भाला तो आन्खे खोल कर देखा सामने बिस्तर पर बैठी कोमल के चेहरे मेरा वीर्य टपक रहा है कुछ हिस्सा उसके चूचि के घाटियो मे रिस रहा था और बाकी का माल अपने चेहरे को बचाने के लिए कोमल ने जो हाथ लगाये थे उनपर रिस रहे थे ।

कोमल के मूछ पर लगा वीर्य रिस कर होटों पर जा रहा था जिसका आभास होते ही कोमल ने अपने होठ भीच लिये ,,पर कबतक उसे रोक पाती ना ही अपने हाथो से साफ कर सकती थी क्योकि वो पहले से ही वीर्य से सने थे । जैसे ही उसकी सांसे भारी होने लगी उसे मजबुरन मुह खोलना पडा और जैसे ही वीर्य की कुछ बुंदे उसके होटो से जीभ तक गयी
वो जोर से चिल्ल्ला कर - राआज्ज्ज ये क्या
कोमल अचानक से रुक गई और अपने जीभ एक बार अपने मूछ के हिस्से पर फिरा कर चाता गयी । उसके चेहरे के भाव बदल गये ।
ये शायद उसके लिये वीर्य चखने का पहला अवसर था और मेरे उम्मीदन उसे मेरे लण्ड का गरमा गर्म बीर्य उसके जीभ लग चुका था तभी वो शांत थी ।

मै - सॉरी कोमल वो आवेश मे मुझसे कण्ट्रोल नही हुआ
कोमल का गुस्सा शांत था ये मै समझ गया था क्यौंकि उसके चेहरे के भाव बदल गये थे
कोमल थोडा नरमी से - कम से कम एक बार बता देते मै हट जाती ना
कोमल - देखो मुझे सब साफ करना पडेगा

मै झट से एक गम्छा लिया और उसकी तरफ किया - लो इससे पोछ लो
कोमल को वीर्य गमछे मे पोछना पन्सद नही आया शायद तो वो बोली - यार इसमे कपड़े खराब हो जायेंगे
ऐसा करो तुम कपडे पहनो और मेरे साथ पीछे बाथरूम मे चलो ।

मै घूमा और झट से बिना अंडरवियर के लोवर पहन लिया
कोमल - अरे उसे भी पहन लेटे
मै - मै रात सिर्फ एक ही चीज़ पहनता हू
कोमल - ठीक है जैसा तुमको सही लगे , अब उपर भी पहनो कुछ जलड़ी ये सुख रहा है

मै झट से टीशर्त उठाया और जैसे ही मैने उसे गले डालने के फैलाया ,,, मैने देखा कोमल ने झट से अपने बाये हाथ पर लगे बीर्य को चाट ली

मै मुस्कराया और टीशर्ट पहन लिया और आगे आगे चलने ल्गा
और जब मै पीछे बाथरूम के बेसिन तक गया तो देखा कि दोनो हाथो के वीर्य वो साफ कर चुकी थी ।

मै जानबुझ कर उसका मन टटोल कर - ये कोमल हाथ पर जो ल्गा था कहा पोछ लिया
कोमल थोडा हिचक कर खुद को confident दिखाते हुए बोली - अरे वो सुख गया है

फिर वो साबुन से अच्छे से हाथ और मुह धुल लेती है और फिर चुल्लू मे पानी लेके सीने पर लगे माल को धुलती है जिससे उसकी कुर्ती भीगने लगती है और कुछ ही समय मे उसके ब्रा की पट्टी और कप दोनो साफ साफ दिखने लगते है ।

फिर मैं उसे आंगन मे टगा एक तौलिया देता हू और वो उसे पोछ लेती है

मै - चलो छत पर जाते है टहलने
कोमल - क्यू
मै - अरे एक बार आईने मे देखो खुद को और फिर बोलो
कोमल ने जब सीसे मे देखा खुद को तो उसको भी उसकी ब्रा के कप और चुचियो का शेप दिखा

मै - इसिलिए बोला की छत पर टहलते हुर सुख जायेगा
कोमल थोदा मुस्कुराई और बोली - हम्म्म ठीक है चलो
फिर हम दोनो साथ मे उपर जाने लगे ।
छत पर बहुत अच्छी हवा चल रही थी ।

मै - कोमल थैंक्स
कोमल - क्यू भई थैंकस क्यू
मै - वो तूमने बुरा नही माना उसके लिये ,,,अगर आज तुम्हारी जगह कोई और होती तो शायद वो थप्पड़ भी मार देती

कोमल मुस्कुरा कर - कोई बात नही दोस्त हू ना , मै नही समझूगी तो कौन समझेगा

मै - हा कोमल सही कह रही हो
कोमल - लेकिन मुझे ये नही समझ आ रहा है कि तुम रोज रोज मालिश करके अपना वो वेस्ट क्यू कर देते हो ,, जानते हो ना कितना इम्पोर्टेंट होता है वो बॉडी के लिए
मै - हा जानता हू , लेकिन वो मेरा रोज नही निकलता है आज बहुत दिनो बाद निकला था ।
कोमल - बहुत दिन बाद मतलब
मै - कोमल मै भी जाता हू की स्पर्म बॉडी के लिए कित्ना जरुरी है ,,इसिलिये मै हिसाब भर मालिश करता हू ताकि ड्रॉप ना हो
इससे पहले जब शुरू शुरू मे मालिश सुरु की थी तब करीब 10 दिन तक रोज स्पर्म वेस्ट किया था फिर थोडी कमजोरी हुई , तब से छोड दिया था ।

कोमल - ओह्ह्ह कोई बात नही राज , होता है अकसर ऐसा कुछ
हम दोनो ऐसे ही बाते करते हुए छत के सामने रेलिंग के पास खडे हो कर बाते करने ल्गे ।
तभी मुझे विमला मौसी सामने के गोशाला मे घुसते हुए दिखी,, मै थोडा confuse था और रात मे हल्की फुल्की रोशनी मे दिख नही रहा था ।
मै - कोमल वो देखो तुम्हारी मम्मी है क्या
मै इशारे से सामने की गोशाला के गेट से अन्दर जाते हुए देखा

कोमल - हा वो मम्मी ही है लेकिन वहा क्यू जा रही है
तभी मेरी नजर मेरे मामा पर गयी वो भी चुप्के से देखते हुए गोशाला मे घुस गये ।

मै - अरे देखो मेरे मामा भी गये है ,,,चलो देखते है कही कोई बात तो नही है ना
और मै जल्दी से सामने वाली सीढ़ी से निचे जाने को हुआ कि कोमल ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया

कोमल - नही राज हम लोग वहा नही जायेन्गे
मै चौक कर - अरे देख लेते हैं ना वहा कुछ हुआ तो नही है ना
कोमल - वहा कुछ नही हुआ है मै जानति हू आओ चलो उधर चल्ते है

कोमल मेरा हाथ पकड कर छत के बिच मे लाई
मै अचरज मे था कि क्या बात है कोमल ऐसे क्यू रियक्ट कर रही है ।


मै - क्या हुआ कोमल क्या बात है
कोमल सीसकते हुए - कुछ नही राज
मै चौक गया कि कोमल रो रही थी
मैने उसके कन्धे पे हाथ रखा और बोला- क्या हुआ कोमल तू अचानक से ऐसे रो क्यू रही हो
कोमल झट से मुझसे लिपट गयी और फफक फफक कर रोने लगी ।

मुझे मेरे बदन पर कोमल का अह्सास पाते ही मेरे अंदर उतेजना हुई लेकिन कोमल के आशुओ ने उसे गुमा दिया
मैने उसके पीठ को सहलाया और सामने कर उसके आंसू पोछे और बोला - कोमल सच सच बताओ क्या बात है आखिर ,, तुमको मेरी कसम है

कोमल - ये कया कर रहे हो राज ,, कसम क्यू दी
मै - देखो तुम अगर मुझे अपना दोस्त समझती हो तो मुझे बताओ क्या बात है , ये वादा है मै किसी से भी वो बात नही करूँगा
कोमल सिसकते हुए - प्रोमिस ना
मै - हा भाई प्रोमिस

कोमल - राज मै अपनी लाइफ से बहुत ज्यादा तंग आ गई । पिछ्ले 2 दिनो से मुझे आजादी मह्सूस हुई नही घर पर मेरी जिन्दगी नरक है नरक

मै - मै स्म्झा नही क्या बात है कोमल खुल कर बताओ
कोमल अब जो कहने वाली थी उससे मेरे रौंगटे खड़े होने वाले थे ।

मै - खुल कर बताओ कोमल क्या बात है ,आखिर ऐसा क्या है घर पर जिससे तुम्हारी लाइफ नरक बन गयी है

कोमल - मेरे दोनो चाचाओ ने मेरी जिन्दगी नरक कर दी है राज
और कोमल फफक कर फिर से रोने लगी ।
मै उसे वापस से शांत करके - उन लोगो क्या किया

कोमल - तुम तो जान्ते ही हो ना मेरे पापा को मरे 4 साल हो गये । इसी बात का फायदा उठा कर मेरे चाचा ने बेईमानी से पहले हमारे घर के कागज ले लिया और अपनी चाल के मम्मी को फसा लिया

मै - हमम फिर
कोमल - और मेरे दोनो चाचा रोज मेरी मम्मी के साथ वो सब करते थे धीरे धीरे मम्मी को भी इस चीज़ की लत हो गयी और वो अब उन्ही के इशारे पर चल्ती है ।
और अब मेरे चाचाओ की नजर मुझ पर है । आये दिन वो मुझे गंदे गंदे बाते बोल्ते है और मेरे बदन को छूने की फिराक मे ल्गे रहते है ,,बदले मे अगर मेरा छोटा भाई कूछ बोल देता है तो वो उसे मारते भी है ।

मै - ओह्ह्ह ये बात है
कोमल - हा राज और मेरी मा की बुरी लत बहुत ज्यादा हो गयी है । वो एक दिन भी अब बिना वो सब किये नही रह पाती है और आज उनको नही मिला तो तुम्हारे मामा के साथ गोशाला मे चली गयी

मै - ओह्ह इसिलिए तुम मुझे वहा जाने से रोक रही थी
कोमल - हम्म्म्म सॉरी राज मै ये सब नही ब्ताना चाहती थी ।लेकिन इन दो दिनो मे मुझे तुम जितना भरोसे का दोस्त आज तक नही मिला ।

मै - कोई बात नही कोमल मै हमेशा हाजिर हू तुम्हारे लिये
कोमल - थैंक यू
मै - वैसे कुछ सोचा है इस बारे मे कि कैसे अपने चाचा लोगो से पिछा छुड़वाना है

कोमल - हा मैने सोचा एक जॉब मिल जाये फिर मै मा और अखिल को लेकर शहर चली जाऊंगी घर जमीन सब छोड कर

मै - लेकिन कोमल वो तुम्हारे पापा का घर है ना
कोमल - तो क्या कर बताओ
मै - अच्छा ये बताओ इस मामले मे तुम्हारी मा क्या तुम्हारे साथ है
कोमल - हा वो बोली है कि वो छोड देगी घर ,

मै - ठीक है फिर मै मा से बात करता हू और फिर कोई रास्ता निकाल के बताता हू ।
कोमल - क्या सच मे तुम मेरी हैल्प करोगे राज
मै - क्यू नही आखिर दोस्त जो है हम
कोमल ने वाप्स से कस कर मुझे हग कर लिया - थैंक यू राज ,
और मेरे गाल पर किस्स दिया

मै थोडा मस्ती के मूड मे - इतना मेहनत का ब्स एक किस्स दोगी
कोमल - तो और क्या चाहिये
मै कोमल की कमर को खिच कर अपनी तरफ किया और बोला - अब बताऊ क्या चाहिये

कोमल आंखे बन्द किये - हम्म्म्म्ं
मै झुक कर उसके माथे को चूम लिया और बोला - ब्स तुम खुश रहो दोस्त इतना ही ।

और फिर कोमल को ढिला छोड दिया ।
कोमल मुझसे अलग होते हुए - तुम तो बडे सीधे निकले यार ,, हाथ आया मौका भी छोड दिया
मै - मै मौके का फायदा नही उथाता हू
कोमल - ओह्हो फिलोश्पर साहब चलो अब निचे चले
मै - जी हुजुरे आला
कोमल हस्ते हुए - आला की आली
फिर हम दोनो हसने ल्गे और निचे चले गये


देखते है दोस्तो आने वाले अपडेट मे क्या क्या बाते होने वाली है ।
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हम लोग निचे आये तो देखा किचन मे मामी मा और मौसी काम कर रही है ।

फिर हम लोग बिना कुछ बोले अपने कमरे की तरफ जाने लगे ।
मै - तब बताओ क्या किया जाय सब लोग बिजी है
कोमल - मतलब
मै - अरे देखो मामी मा और मौसी कीचेन मे है । गीता बबिता अपना होमवर्क कर रही है , नाना आराम कर रहे है और तुम्हारी मम्मी और मेरे मामा तो ....हिहिहिही
कोमल ह्स्ते हुए - तुम कोई भी बात सीरियस नही लेते हो ना
मै - नही हाहाहाहाह
ऐसे ही बाते करते हुए हम अपने कमरे मे आ गये और बिस्तर पर अगल बगल बैठ कर बाते करने लगे ।

कोमल - चलो ना कुछ अपने बारे मे बताओ फिर
मै - मै क्या बताऊ मेरे बारे मे सब कुछ जान ही चुकी हो
कोमल - हा ये तो है , तो क्या सच मे तुमने कभी वो सब नही किया किसी के साथ

मै - क्या नही किया
कोमल थोडा हिचक कर - सेक्स , फिर वो नजरे नीची कर लेती है
मै हस्ते हुए - नही यार , कभी इन सब पर फोक्स नही किया
कोमल - क्या तुम्हारा मन नही होता है वो करने का
मै - किसका नही करता है लेकिन उसके लिए एक लडकी होनी चाहिए ना पास
कोमल - अच्छा एक बात पूछू सच सच बताना
मै - हा पुछो ना
कोमल मुस्कुराते हुए - क्या तुमने कभी किसी को ओपेन देखा है
मै - मतलब
कोमल मुस्कुरा कर - अरे बुधु क्या तुमने कभी किसी लडकी को नंगा देखा है
मै - ना पुरा नही देखा है बस पीछे से
कोमल उस्तुसक्ता से - किसका
मै - मेरी मा का , मै कयी बार नहाते हुए देखा है उनको
कोमल की आंखे बड़ी हो गयी - तुम अपनी मा को नंगी देखते हो

मै - तुम गलत समझ रही हो कोमल , हम लोग एक ही घर मे नहाते है और मेरा घर ज्यादा बड़ा है नही तो ये सब चीजे होना नॉर्मल है ,, एक दो बार तो मैने दीदी को भी पीछे से देखा है ,

कोमल के चेहरे के भाव अजीब थे - तो क्या तब तुम्हारा वो खड़ा हुआ था जब तुमने पहली बार अपनी बहन को वैसे देखा था ।

मै - हा पहली बार देखा तो हुआ
कोमल - क्या तुमको गलत नही लगा कि वो तुम्हारी दीदी है
मै - नही पहली बार ल्गा था लेकिन अब नही और अब तो

कोमल जिज्ञासा से - क्या अब तो बताओ ना प्लीज
मै - तुम मुझे गलत नही स्म्झोगी ना
कोमल ना मे सिर हिला के - नही बताओ ना राज
मै - मै तो दो तीन बार दिदी को देख कर वीर्य भी निकाल चुका हू ,, क्योकि उस समय मेरे पेनिस मे दर्द हो रहा था

कोमल मुस्कुराई
मै - तुमको अजीब नही ल्गा
कोमल - क्या
मै - यही की मै मेरे दीदी के लिए ऐसा सोचता है दीदी के लिए
कोमल मुस्कुरा कर - नही ,,,, क्योकि मेरे घर मे भी मेरा भाई है और वो भी मुझे सोच कर अपना स्पर्म निकालता है ,,,मै देखा है कयी बार

मै - तो तुमको कैसा फील होता है तुम्हारा भाई तुम्हारे नाम से अपना लण्ड हिलात है
कोमल मेरे मुह से पहली बार लण्ड शब्द सुन कर शर्मा गयी

कोमल - पता नही लेकिन मुझे एक अजीब सी सिहरन होती है मानो वो मुझे छू रहा हो और

मै - और क्या कोमल
कोमल - मुझे भी मन होने लगता है कि मै अपने प्राइवेट पार्ट से खेलू

मै समझ गया कि अब कोमल को थोडा सा आगे लाने की जरुरत है
मैने कोमल का हाथ थामा
कोमल - क्या हुआ राज
मै - मुझे तूमसे कुछ कहना है कोमल
कोमल शर्मा कर- हा बोलो ना
मै - कोमल मै भी तुम्हारा नाम लेके हिलाना चाह्ता हू
कोमल - हम्म्म्म सच मे राज , मै तुम्हे इतनी पसंद हू
हम दोनो पर हवस हावी हो रहा था
मै कोमल के गालो को सहला कर - हा कोमल सच मे तुम बहुत सेक्सी हो
कोमल - मुझे तुम पन्सद हो राज और
मै - और क्या बोलो ना
कोमल - और मै तूम्हे सोच कर वो सब करना चाहती हू
मै झट से झुक कर कोमल की लिपस को मुह मे भर लिया और चूसने ल्गा ,,जिसमे कोमल भी मेरा साथ देने लगी ।
फिर मै अगल हुआ
मै - कोमल क्या तुम मुझे अपना बदन दिखाओगी मै तुम्हारे बदन पर अपना लण्ड निचोड़ना चाहता हू
कोमल शर्मा गयी - क्या देखना चाहते हो राज
मै कोमल के गाल को छुते हुए उसके गरदन पर हाथ फेरने लगा ,,जिससे कोमल सिहरने लगी और मेरे हाथो पर अपने चेहरे को घुमाने लगी ।
मै अपनी उंगली को घुमाते हुए उसके चुची के घाटियो मे ले गया ,,, लेकिन कोमल के लिए अब सम्भल पाना मुस्किल था
और मैने कोमल की बाई चुचि को कुर्ती के उपर से ही हाथ मे भर लिया
कोमल - अह्ह्ह्ह राआआज्ज्ज उफ्फ्फ्फ हा राज सह्लाओ उसे अह्ह्ह
मै - कोमल क्या तुम मुझसे चुदना चाहोगी
कोमल - इस्स्स उम्म्ंम्ं हा राज मुझे आह्ह तुम्हारा वो बहुत पसंद है
मै कोमल को पकड कर बिस्तर पर लिता दिया और उसके बगल मे लेट के उसको बाहो के भर लिया

कोमल - उफ्फ्फ राज ये अह्सास ,,, ये गरमी हय्य्य्य मम्मी
मै कोमल के गरदन को चूमते हुए अपने हाथ उसकी जाघो से लेकर मुलायम चर्बी वाली गाड़ पर फेर रहा था और बीच बीच में कोमल की चुचियो को भर भर कर मसल रहा था ।

कोमल - राज राज सुनो ना
मै - उसकी आँखो मे देखते हुए उसकी एक चुची को मसल रहा था
कोमल - चलो ना जल्दी जलदी हम लोग अपना काम निपटा ले नही तो कोई भी आ सकता है और खाना खाने का समय भी हो रहा है
मै - और बाकी का क्या
कोमल - मै कहा भागी जा रही हू , सब करेंंगे हम लोग धीरे धीरे

मै - हा चलो ना मेरी जान
फिर मै झट से उठा और घूटनो के बल आकर कोमल के सामने खड़ा होकर अपना खड़ा मोटा लण्ड हाथ मे लेके हिलाने लगा ,,, कोमल मेरे लण्ड के निचे लेटे लेटे ही अपनी कुर्ती उपर की और प्लाजो के उपर से चुत को रगडने लगी ।

मै - अह्ह्ह कोमल देखो ना तुम्हारे बारे सोच कर कितना मोटा हो रहा है मेरा लण्ड
कोमल - सीई उह्ह्ह हा राजजज इसस उम्म्ंम देख रही हू ,,, मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारे सामने अपना चुत सहलाने मे अह्ह्ह राज इह्ह्हउफ्फ्फ ओह्ह्ह राअज्ज्ज झड़ जाओ ना मेरे मुह पर ,,
मै - कोमल मुझे भी अपना चुत दिखाओ ना प्लीज
कोमल ने झट से प्लाओ और पैंटी एक साथ घुटनो तक ले गयी और उसकी गुलाबी चुत देख कर मेरे मुह मे पानी आ गया

मैने सोचा आगे जाकर चाट लु
मै - उफ्फ्फ कोमल कितनी गुलाबी चुत है तुम्हारी ,,,मन कर रहा है चाट लू इसे
कोमल - नही राज आज नही आज बस तुम्हारे इस मुसल को देख कर मुझे अपनी चुत रगड़ लेने दो प्लीज ,,, तुम भी मेरे मुलायम चुत को देख लो मैने आज से पहले किसी को अपनी चुत नही दिखाई आह्ह्ह्ह राअज उफ्फ्फ्द हय्य्य वहा दर्द हो रहा है अह्ह्ह्ह राज कुछ करो

मै कोमल को गाड़ पटकता देख समझ गया वो झडने वाली है तो मै झुक कर एक हाथ उसके हाथ पर रख कर उसके साथ चुत सहलाने लगा और वो अपना दुसरे हाथ से मेरे तपते लण्ड की थाम लिया
लेकिन कुछ ही पल मे वो तेज़ी से गाड़ पटकते हुए झडने लगी ।

कोमल - आह्ह राज हा हा उह्ह्ह मा इस्स्स अह्ह्ह आह्ह उफ्फ्फ
कोमल का सारा कामरस मेरे हाथों मे लग गया और मै उसके चुत से हाथ हटा कर अपनी सारी उंगलियाँ एक एक करके कोमल के सामने चाटने लगा ,,, वही कोमल भी अपनी चुत के पानी से सने हाथ को मेरे लण्ड पर फेरने लगी उसे हिलाने लगी

मै - उफ्फ्फ कोमल हा ऐसे ही कित्नी गर्म माल हो तुम अह्ह्ह्ह
कोमल - सिरफ दो दिनो मे तुमने मेरे अन्दर के हवस को जगा दिया अह्ह्ह झड़ जाओ ना राज उफ्फ्फ मेरे हाथ दर्द हो रहे है
फिर मैने कोमल के हाथो को हटा कर अपने हाथ से तेज़ी से अपना लण्ड हिलाने ल्गा
कोमल के चुत का पानी धीरे धीरे सुख गया था तो मेरे लण्ड बराबर से आगे पीछे नही हो रहा था
मै - आह्ह कोमल ये तो चिपक जा रहा है हाथ ,,इसे गिला करना पडेगा
मै इधर उधर देखा और बिस्तर पर खड़ा हुआ और तेल की शिसी नही मिल रही थी तो
मै सोचा थोडा थूक लगा लू लेकिन उससे पहले ही कोमल घुटतो के बल बैठ कर मेरे लण्ड को मुह मे निकल गयी और ढेर सारा लार मेरे लण्ड लार लगा कर दोनो हाथ से उसे सहलाने लगी ,,,, कुछ ही देर मे मै चरम सीमा पर पहुंच गया

मै - ओह्ह्ह कोमल अह्ह्ह मै आ रहा हू
कोमल - हा राज झड़ जाओ ना कबसे इन्तेजार है अह्ह्ह प्लीज
मै तेज़ी से पिचकारी मारते हुए कोमल के मुह पर झडने लगा और कोमल मेरे वीर्य की पिचकारी को अपने मुह मे लेने लगी और अच्छे से चाट चाट कर मेरे आड़ो को मसल मसल कर लण्ड को चूसा फिर चेहरे पर लगे हुए वीर्य को चाटने लगी ।
मै - ओह्ह कोमल मज़ा आ गया ,,, थैंक यू सो मच
कोमल मुस्कुरा कर - थैंक्स यू टू राज
मै - सच मे आज जितना मज़ा पहले कभी नही आया
कोमल शर्मा कर ह्सते हुए - मुझे भी राज ,,तुमहारे साथ रह कर दो दिन मे ही मै कितना खुल गयी ।
मै हस्ते हुए - हा और मै भी हीहीहि
कोमल - चलो कपडे सही करो कोई आ ना जाये
मै भी झट से लोवर पहन लिया और वही कोमल भी अपनी पैंटी प्लाजो उपर कर ली ।

हम दोनो एक दुसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे।
मै - हम दोनो के ख्याल कितने मिलते है ना
कोमल - हम्म्म शायद कुछ कुछ हिहिहिही
इधर हम लोग बाते कर रहे थे कि गीता बबिता भैया भैया करते हुए दरवाजा खोलने लगी ,

कोमल ने उठ कर दरवाजा खोला
गीता - क्या भैया मै कबसे आपको खोज रही चलो मा बुला रही है , खाना खाने के लिए

मै - हा चलो हम लोग फ्रेश होकर आते है
फिर हम दोनो पीछे आगन मे गये फ्रेश हुए और फिर खाना खाने के लिए किचन मे चले गये । जहा पर नाना मामा मौसी, विमला मौसी और गीता बबिता बैठे हुए थे ।
हम दोनो भी बैठ गये, मामी और मा ने सबके लिये खाना लगाया ।
खाने के दौरान मा ने बताया की कल हम लोग घर जा रहे है
नाना - अरे छोटी इतनी जल्दी क्या है
मा - बाऊजी घर पर वहा मेरे देवरानी के मायके मे शादी के लिए चली गयी तो इसके चाचा को दिक्कत होती है खाने पीने की
गीता बबिता का ये सुन कर चेहरा उतर गया
गीता - बुआ आप चले जाओ भैया को रहने दो ना
मा हसते हुए - हा रख ले यही अपने भैया को हीहीहि

सब हसने लगे
फिर नाना और मामा खाना खा कर अपने क्मरे मे चले गये ।
गीता - भैया आप आज भी हमारे साथ सोना हम लोग खुब सारी बाते करेंगे
मै मुस्कुरा के - ठीक है मीठी
वही मा और मौसी के शकल उतर गये थे और बगल मे बैठी मेरी मामी मेरे जांघो को दबाए मुह बना रही थी ।

मै समझ गया कि आज रात मे तो सब मेरे पीछे है अब किसको दुखी करू और किसको खुश

देखा जाय तो मुझे गिता बबिता के साथ सोना तो था ही।
वही मामी आज मामा के साथ ही सोएंगि
कोमल अपने मा के साथ सोती
अब बची मा और मौसी तो वो दोनो एक साथ सोने वाली थी । कल की तरह

मै भी जाने से पहले एक बार सबसे मज़े लेना चाहता था
अब देखना था कि आज की रात मे मुझे क्या मिलता है क्या छूटता है ।

आने वाले अपडेट मे क्या नया हंगामा होने वाला है
 
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रात मे सोने के विचार से सारे लोग परेशान तीन उम्मीद भरी नजरे मुझसे आस लगाये थी ।
वही दुसरी तरफ विमला मौसी और मामा के बीच अलग ही नैन इशारे हो रहे थे । मेरे दुसरे बगल मे बैठी कोमल अपनी मा को मुस्कुराता देख कुछ खास खुश नही नजर आ रही थी । क्योकि वो भली भांति परिचित थी अपनी मा के करतुतों से कि जाने से पहले वो मेरे मामा से जरुर चुदेगी ।
वही अगर कोई सबसे ज्यादा कोई खुश था वो गीता बबिता थी , मासूम सी अल्हड़ जवानी मे घुस्ती मदमस्त लडकिया जिनको अभी एक दिन पहले ही तो जिस्मो का सुख से रुबरू होने का अह्सास मिला था तो वो भी मेरे जाने से पहले से ट्यूबवेल के उस हवस भरे खेल का मज़ा लेना चाहती थी ।
मै मन इसी उधेड़बुन मे था कि कैसे कोई रास्ता निकालू
कुछ तो करना ही पडेगा ।
इसी समय नाना खाना खा कर उठे और मुझसे कहा
नाना - बेटा तू थक तो नही गया है ना
मै मुस्कुरा कर - नही नाना जी कहिये क्या बात है ,
नाना - जरा खाना खा कर मेरे कमरे मे आना तुझसे कुछ बात करनी है ।
मै - जी नाना
फिर हम सब खाना खाये और मै खाना खाने के बाद निकल गया नाना के पास
कमरे मे नाना बिस्तर पर बैठे थे टेक लगाये और तम्बाकु रगड़ रहे थे । ये उनकी रोज की दिनचर्या मे शामिल था कि खाने के बाद तंबाकू खाना

मुझे देखते ही मुस्कुराये और बिस्तर पर बैठने को बोला
मै उन्के पाव के पास बैठा
नाना - और बेटा तू भी लेगा तम्बाकू
मै हस्ते हुए - अरे नही नही नाना जी मै नही खाता ये सब
नाना - धत्त पगले जिसने तम्बाकू ना खाया तो मर्द कैसा रे
मै अचरज से - क्यू , जो नही खाते वो मर्द नही होते
नाना - तू अभी नही समझेगा , जब तेरे भी बदन को औरत का स्पर्श मिलेगा तब तू जानेगा कि ये तम्बाकू किस काम का है हाहाहा

मुझे नाना के साथ ऐसे कोई संवाद की उम्मीद नही थी इस लिए मै सही मायने मे शर्मा कर बिना कुछ बोले शर्माने लगा ।
नाना - अरे मेरे शर्मा मत , मर्द तो ऐसी बाते करते ही है बेटा , तू मुझे अपना दोस्त समझा कर
मै जिज्ञासा भरे भाव से भौहे सिकोड़ कर - दोस्त ???
नाना - हा भई दोस्त , तुझे पता है नाना पोते मे और दादा पोते मे बहुत गहरी दोस्ती होती है
मै मुस्कुरा कर - हीहीहि क्या नाना आप भी
नाना - तू मान नही रहा है अरे मेरे दादा तो यहा कि कहते थे कि औरत से कैसे बात करनी चाहिए उनको खुश कैसे करना है
मै इस बार और शर्म से लाल हुआ
नाना - देख बेटा मेरे लिये मेरे पोते ही मेरी वंश की शाखाएँ है और मै नही चाहता की तू अनाड़ी ही रह जाये।

मै - कैसा अनाडी नाना जी , मै समझा नही
नाना मुस्कुरा कर - लगता हकि तेरी कोई लड़कियो मे दोस्त नही है अब तक तभी तू ऐसे नासमझो के जैसे बाते करता है ।
मै - है ना नाना जी ,
नाना - हहाहह्हाअह्हा , कौन वो कोमल
मै - हम्म्म्म क्यू
नाना - अरे बुड़बक मै स्कूल की दोस्ती की नही , प्रेमिका की बाते कर रहा हू , क्या कहते वो तू लोग उसको ,,हा गर्लफ्रैंड हाहाहाहहा

मै मुस्कुरा कर शर्मा गया
नाना- तो बता है कोई तेरी गर्लफ्रैंड
मै मुस्कुरा कर शर्माते हुए ना मे सर हिलाया
नाना - मुझे लगा ही था कि तू क्यू नही समझ पाया ,,,, अरे तू तो लण्ड को भी नुनी ही बुलाता होगा ,,हाहाहहहहा
मै शरमा कर - क्या नाना ,,,मुझे पता है कि किसको क्या कहते है इतना भी भोला नही हू मै ,,,, और आपने यही सब बाते करने के लिए बुलाआ मुझे
नाना हस्ते हुए - हाहाहहा , अरे नही बेटा काम तो कुछ और था लेकिन अभी तेरे लिए कोई और ज्ञान जरुरी हो गया
मै अचरज भाव से - कैसा ज्ञान नाना जी ,,
नाना - बेटा ऐसे बात कोई भी मा बाप अपने बेटो से नही करते है । इसलिये तो दादा या नाना को अपने नाती पोता का दोस्त बनना पड़ता है । हाहाह्हाहा
मै नाना की बाते सुन कर मुस्कुरा रहा था
नाना - तू बता आखिर तुझे किस तरह की लडकी पसंद आती है , मान ले तुझे शादी करनी हो तो

मै अबतक की बातो से समझ गया था कि नाना मेरे साथ सेक्स की बातो पर खुल कर बाते करना चाह्ते है । मगर इतनी जल्दी नही खुलना चाहता था और ना ही ऐसे मज़ेदार बातो का मज़ा किरकिरा करना चाहता था ।

मै - अब ऐसे कैसे बताऊ कोई सामने रहे तब ना
नाना - हम्म्म अच्छा मान ले तेरी मौसी , तेरी मा या मामी या वो तेरी दोस्त कोमल या फिर उसकी मा वो विमली ,,, मे सबका रिस्ता तेरे लिये आया हो तो किसे चुनेगा

मै हस्ते हुए - क्या नाना जी आप भी , मेरी मौसी मा और मामी का रिस्ता क्यू आयेगा मेरे लिए
नाना - अरे तू रिस्ता ना देख ये बता उन पांचो मे किसका बदन तुझे पसन्द है ,,
मै मुस्कुरा कर - नाना सारे लोग अपने जगह पर सही है
नाना - अच्छा वो कैसे
मै संकोचवश - वो वो
नाना - अरे खुल कर बता ना बेटा अपने दोस्त से क्या शर्म
मै मुस्करा कर - देखो नाना मा हल्की सावली है लेकिन उनका चंचल स्वभाव और भरा बदन पसंद है , मामी बहुत खुबसुरत है , कोमल मेरे हमउम्र मे है और अच्छी लडकी है और विमला मौसी थोडे नये जमाने के हिसाब से रहती है तो वो भी ठीक है।

नाना - और तेरी रज्जो मौसी का क्या , उसमे क्या खास है
मै - वो मुझे उनका भारी बदन अच्छा ल्गा उन्का सब बड़ा बड़ा है जो मुझे पसंद आया

नाना मुस्कुराये और धोती मे हुकार भरते लण्ड को सहला कर - हम्म्म्म बात तो तेरी सही है
मेरी नजर नाना के हाथो पर गयी और नाना ने मुझे खुद का लण्ड सहलाते देखा तो हसते हुए बोले - हाह्हाह्हा देखा तम्बाकू का असर बेटा, बुढापे मे भी मुसल को खड़ा कर देता है और अभी तो जोश इतना हो रहा है कि दो गदरायी औरत अभी चोद दू हाहहा

मै शरम से निचे देखने लगा
इसीबिच गीता मुझे बुलाने नाना के कमरे मे आ गई
गीता - चलो भैया हमारे साथ भी बाते करो ना
नाना - हा अब जा बेटा हमारी बाते आगे फिर कभी होगी हाहाहाह्हा
मै - जी नाना
फिर हम दोनो जाने लगे तो नाना ने पीछे से आवाज दी
नाना - बेटा जरा अपनी रज्जो मौसी को बोल देना कि मैने आवाज दी है और तुम सब सो जाना

मै समझ गया कि आखिर क्यू नाना ने रज्जो मौसी की बुलाने को कहा लेकिन उससे जरुरी ये था कि उनकी तबियत ठीक नहीं थी तो क्या फिर भी वो ये सब करेंगे ।
खैर मै गीता को कमरे मे आने को बोल कर मौसी के कमरे मे गया ,,,जहा मा और मौसी बैठी सोफे पर कुछ बाते कर रही थी ।

मुझे देख कर दोनो के चेहरे खिल गये
मौसी - अरे राज बेटा वो दोनो सो गयी क्या
मै - नही मौसी वो नाना ने आपको बुलाया है
मा - लेकिन दीदी बाऊजी की तबियत ठीक नहीं है न तो कैसे
मौसी - उन्की तबियत तम्बाकू खाते ही ठीक हो जाती है रे छोटी हिहिहिही
मा - भ्क्क्क और जो डॉक्टर ने बोला वो ,,,
मौसी - चार दिन बादाम वाला दूध मिला नही की सब चुस्त दुरुस्त हीहीहि
मा हस्ते हुए लेकिन मन मे एक नयी खुशी को समेटे जिसे सिर्फ मै और मा ही समझ सकते थे - अच्छा
मौसी - चल ठीक है अभी आती हू
फिर मौसी नाना के रूम मे निकल गयी और वही मा मुझे देखा और फिर शर्माने लगी । वो समझ चुकी थी कि इस समय हम दोनो के मन मे क्या था ।
मै - मा अब खुश हो ना
मा शर्मा कर - तू ना चुप रह और जल्दी से उन दोनो को सुला कर मेरे पास आ जा ,,
मै खुश होकर मा के गाल को चुमा - ठीक है मा आता हू अभी ।
मा - वो अपना मोबाईल देके जा जरा घर की खोज खबर लेलू

मै मा को मोबाइल दिया और निकल गया गीता बबिता के रूम मे
कमरे मे जाकर मैने दरवाजा बंद किया और उन्के बेड पर चला गया ।
दोनो बिस्तर पर बैठे हुए बाते कर रही थी और मुझे देखते ही बबिता बोली

बबिता - आओ भैया बैठो
मै - क्यू तुम दोनो को सोना नही है देखो 9:30 बजने वाले है
गीता - ब्क्क्क भैया हमलोग वो खेल खेलने वाले थे ना ,,और आप कल चले भी जओगे ।
गीता बहुत ही गिरे मन से बोली
मै मुस्कुरा कर - हम्म्म तो बैठी क्यू हो चलो शुरू हो जाओ
गिता - सच भैया
मै - हा मेरी मीठी
गीता को बाहो मे भर कर गाल को काटते हुए बोला

बबिता हस्ते हुए - हिहिहिही पहले कपडे तो निकालो ना भैया
मै - वो भी मै ही करू हा
गिता उठी और झट से मेरे पैर के पास जमीन पर घुटनो के बल आ गई
गिता - चलो खड़ा हो जाओ आप
मै ह्सा और खड़ा हो गया
गीता ने मेरे लोवर को पकड़ा और घूतने तक खीचा जिससे आधा खड़ा हुआ लण्ड का सामने आ गया वही बबिता बगल मे बिस्तर पर घोड़ी बन कर गरदन आगे करके मेरे लण्ड को निहार रही थी ।

गीता ने एक नजर मुझे देखा और उत्साह मे बबिता को देख कर मुस्कुराई और उठे मेरे लण्ड को चूम लिया ,जिससे मेरा लण्ड झटके खाने लगा
वही मौका पाकर बगल मे घोड़ी बनकर मेरे लण्ड को झाकती बबिता ने एक हाथ से मेरे आडो को सहलाना शुरू कर दिया और गीता मेरे आधे झुके लण्ड के सुपाडे होठो मे भर ली ।
जल्द ही मेरा लण्ड तनने लगा और बबिता के कोमल हाथो मे आड़ो के मसलने से मेरे लण्ड मे खुन का बहाव तेज होने लगा जिससे गिता के मुह मे मेरा लण्ड कसना शुरू कर दिया ।
अब बबिता ने आड़ो के साथ चमडी को पीछे ले जाने लगी जिससे गिता मेरे सुपाडे को और मुह खोल कर अन्दर लेती
मै सिसकियाँ लेते हुए मेरी जवान कसी हुई बहानो के मज़े लेने ल्गा ।
मेरी नजर जब बबीता पर गयी तो वो गीता को लण्ड चुस्ते हुए ही निहार रही है और जैसे जैसे गीता मेरे लण्ड को मुह मे भरती वैसे ही बबिता के खुले मुह लण्ड के चूसने की कलपना करके हिलते रहते ।
हवस धीरे धीरे बबिता पर बढ़ने लगा जिसका अंदाजा मुझे अपने आड़ो पर पड़ रही उसके हाथ की तेज मसलन से साफ पता चल रहा था ।
फिर मै रहम कर गीता के सर को पकड कर पीछे किया और बबिता की तरफ घूम गया ।

बबिता मुझे देखी और मुस्कुराई फिर एक हाथ से लण्ड की चमडी को आगे पीछे करते हुए मेरी आँखो मे देखा और फिर आंखे बंद कर बडे चाव से मुह खोल कर लण्ड को भर लिया और चूसने लगी । मै बबिता के बालो मे हाथ फेरते हुए सिसकता रहा और अपनी कमर को आगे बढ़ाते हुए लण्ड को उसके गले मे उतारने की कोसिस करता तो वो मेरे पेट को हाथ से रोक देती जिसका इशारा होता कि वो इससे ज्यादा नही ले सकती थी।

वही मेरे पीछे गीता वैसे बैठे बैठे ही मेरे चुतडो को सहलाने लगी ,,जिससे मुझे गुदगुड़ी होने लगी । जिससे मेरे सिस्कियो मे मीठी सी मुस्कान भी आ चुकी थी ।
मै अभी झडना नही चाह्ता था तो बबिता को भी खुद से अलग किया और वो जीभ लपल्पती अपने लार को चाटते हुए अलग हुई मुझ्से ।
फिर मै बबिता को खड़ा किया और उसके टीशर्ट को निकालने लगा
अन्दर उसने कुछ नही पहना था जिससे उसकी चुचिया की गुलाबी चुचक खिलकर मेरे सामने थे । मै झुक कर जीभ निकालते हुए एक बार बबिता की दाई चुची के निप्प्ल को छुआ और होठो मे भर लिया ,

बबिता - सीईईई उह्ह्ह्ह भैया अह्ह्ह्ज उम्म्ंम्ं
बबिता की आवाज सुन कर मुझे आभास हुआ की गीता निचे से खड़ी हो गयी और अपने कपडे निकालने लगी ।
वही मै बबिया की कमर को थामे उसकी चुचिया चुस रहा था और वो मेरे सर को अपने चुचीयो पर रगड़ने लगी ।
इसी बीच गीता मेरे टीशर्ट को उपर की तरफ करने लगी और पीछे से ही मेरे पीठ से चिपक गयी ।
कुछ पल के लिए मेरे सारे क्रिया कलाप रुक गये क्योकि गीता के मुलायम चुचियो का अपनी पीठ पर अह्सास पाते ही मै सिहर गया । वही वो हाथ को आगे ले जाकर वापस मेरे लण्ड को पकड लिया और नीचे उसकी जन्घे मेरे जांघो को छू रही थी ।
खुद को थोडा सम्भाल कर मै वापस बबिता के चुचियो पर टुट पडा
एक तरफ जहां मै बबिता के चुचे चुस रहा वही गीता अपने पेट मेरे चुतडो पर नचा कर मुझे गुदगुदी सा अह्सास दिला रही थी और अपने चुचियो को मेरे पीठ पर रगड़ रही थी ।
मै गीता की कामुक हरकत से उतेजित होकर सारी भड़ास बबिता के चुचियो पर निकाल रहा था इसी दौरान गीता घूमी और अपने गुदाज गाड़ को मेरे चुतडो पर रगड़ते हुए सिसकने लगी
गीता- अह्ह्ह्ह भैया कितना मज़ा आ रहा है गाड़ रगड़ने मे उफ्फ्फ हिहिहीहीहि कित्नी मुलायम गाड़ है आपकी भैया अह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ इस्स्स्स्स अह्ह्ह

मै भी गीता के इस नये स्पर्श से मदहोश होने लगा इसी बीच किसी ने दरवाजा खटखटा कर हमारी मस्ती को नजर लगा दी
कौन हो सकता था अब क्योकि सारे लोग तो अपने कमरे मे थे सिवाय मा के जो अकेली थी । कही वही तो नहीं ना हो ।

मैने झट से दोनो को अलग किया और इशारे मे कपडे पहन कर सोने का नाटक करने को बोला और मै भी अपने खडे लंड पर लोवर पहन कर दरवाजे तक गया और दरवाजा खुला तो जो सामने दिखा उसकी इस समय होने की उम्मीद मैने नही की ।

सामने कोमल खड़ी थी और अंदर झाक कर एक बार बेड पर देखा तो गीता बबिता उसे सोती हुई नजर आई ।
फिर मेरी नजर मुझसे मिली तो
मै - अरे कोमल तुम यहा इस वक्त
कोमल मुस्कुरा कर - हा वो कोई था नही कमरे मे सोचा देखू तुम क्या कर रहे हो ।

मै दरवाजा खोला और उसको कमरे मे आने का इशारा कर दरवाजा बंद करते हुए बोला - क्या हुआ कोमल तुम्हारी मा कहा गयी ।
कोमल - वो मा किसी से बात करने के लिए छत पर गयी है तो मै अकेले क्या करती
मै एक नजर गीता बबिता को देखा और फिर कोमल को देख कर मुस्कुराते हुए - कोई बात नहीं कोमल आओ बैठो यहा
मैने कोमल को बेड के सामने सोफे पर बैठने को कहा
वो बैठी और मै उसके सामने बेचैनी से टहल रहा था क्योकि मुझे डर था कही गीताबबिता के सामने कोमल कोई गड़बड़ ना करे
कोमल - क्या हुआ राज तुम ऐसे घूम क्यू रहे हो बैठ जाओ

उसकी आवाज सुन कर मै उसकी तरफ घुमा तो उसकी नजर मेरे लोवर मे तने हुए लण्ड पर गयी ,,,

कोमल मुस्कुरा कर - वैसे क्या कर रहे थे जनाब अकेले मे जो ये फिर से ,,, मेरे लण्ड की तरफ इशारा किया

मै हड़बड़ी मे बार बार गीता बबिता को देख कर वो वो करने लगा
कोमल - अरे रिलैक्स राज वो सो गयी है ना , बताओ
मै - हा वो मै रोज रात मे इसकी मालिश करता हू ना इसिलिए
कोमल मुह पर हाथ रख कर मुस्कुराते हुए बोली - अरे बुधु तो इतना संकोच मे क्यू बोल रहे , अभी थोडी देर पहले तक तो मेरे से खुल कर बाते कर रहे थे और अगर मालिश की बात थी तो मुझसे कह देते ना तुम

मै कोमल की बाते सुनके परेशान था कि क्यू ये यहा आई और इसको कूछ गडबड़ करने से कैसे रोकू ,, कयोंकि अगर गिता बबिता को भनक लग गयी तो वो अपनी बेवकूफ़ी मे उसका क्या मतलब निकालेगी वो तो राम ही जाने

मै इस सोच मे डुबा था की कोमल ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बिस्तर पर बिठाया और मुझे रिलैक्स करते हुए - अरे तुम परेशान ना हो वो दोनो सो गई है ।
मै - हम्म्म्म्ं
कोमल - राज मुझे तुमसे कुछ कहना है
मै बार बार गीता बबिता को देख कर बस हू हा हम्म्म यही जवाब दे रहा था
मै - हा बोलो ना कोमल
कोमल - मै सोच रही थी कि क्यू ना घर जाने से पहले हम लोग यहा एक बार और मस्ती कर ले
मै हड़बड़ी मे - क्या क्याआआआ कह रही हो कोमल तुम ,,और कोमल को बिस्तर पर सोयी गीता बबिता की तरफ इशारा करते हुए बोला
कोमल - मै वो सब अभी नही चाहती हू राज , मै तो बस
मै - हम्म्म्म क्या
कोमल शर्मा कर - मै तो बस तुम्हारे मुसल को एक बार और प्यार करना चाहती हू
मै कोमल को बिस्तर पर इशारा कर - यार कोमल समझो तुम हम घर पर भी कर सकते है और वो फिर मुझे तुम्हारा वो घर का काम करना ही है तो प्लीज

मै प्लीज प्लीज करता रहा लेकिन कोमल ने मेरी एक ना सुनी और फर्श पर घुटनो के बल आ कर मेरे लण्ड को मेरे लोवर से बाहर निकाला और चूसना शुरू कर दी ।
मै एक बार फिर से हवा में तैरने लगा,,,फिर मेरी नजर बिस्तर पर गयी तो मेरी जुबान बाहर आने वाली स्थिति थी क्योकि इस समय गीता करवट लेके कोमल को मेरा लंड चुस्त्र देख रही थी जबकि बबिता गिता के कन्धे के सहारे आगे होकर मुझसे इशारे मे बोल रही थी की ये सब क्या है ।

मै दोनो को चुप रहने का इशारा करते हुए आंखे मूंद लिया क्योकि कोमल मेरे सुपाड़े को अपने गले में लटकती घंटी से टच करवा रही और सुउउउरररररररुउउऊप्प्प्प सुउउउईयररररुउउईप्प्प करके मेरे लण्ड को चुस रही थी ।
मै इक बार फिर से हवस की उचाईयो को छूने लगा । और कोमल का सर पर हाथ फेरते हुए उसे और जोशिले व्यंग्य से लण्ड की तरफ दबाने लगा तभी दरवाजे पर एक और खट खट हुई ।

गीता बबिता झट से वापस से सोने का नाटक करने लगे । यहा मेरी और कोमल की स्थिति ऐसी की काटो तो खून नहीं वाली थी ।

कोमल ना चाहते हुए भी मेरे लंड से अलग हुई
कोमल हड़बड़ी मे - क्क्काआआऔनन होगा राज
मै - कही तुम्हारी मा तो नही ना गयी तुमको खोजते हुए
कोमल सहम गयी क्योकि इत्नी रात मे मेरे साथ बंद कमरे मे

डर तो मुझे भी था
मै - कोमल तुम जल्दी से बेड के निचे घुस जाओ मै देखता हू कि कौन है ।
कोमल जल्दी से बेड के निचे गयी और मै वापस से अपनी मरियल किस्मत को कोसता हुआ गीले लंड पर लोवर चढ़ा कर चल दिया दरवाजा खोलने



देखते हैं दोस्तो अब क्या नये हंगामे होने वाले है ।
पढकर अपनी राय जरुर दे
आपके हिसाब से दरवाजे पर कौन हो सकता है ।

आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
 
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मै कोमल को झट से बेड के निचे जाने को बोला और अपने कपडे ठीक करके मन मे बड़बड़ाते हुए दरवाजे के पास गया और जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने मामी खड़ी थी जो मुझे देख कर मुस्कुराई
वो भी एक नजर बेड पर डाली और गीता बबिता को सोता देख अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरे आड़ो को लोवर के उपर से थाम लिया

मेरी तो फट गई यार , शुक्र था कोई मामी का हाथ देख नही पाता पीछे से लेकिन डर इस बात का था कि कही कोमल के सामने मेरा भंडा ना फुट जाये क्योकि मै गीता बबिता को तो सम्झा सकता था लेकिन कोमल के सामने मै जितनी भी डीन्गे हाक चूका था उसका चौपट होना था और शायद वो नाराज भी हो जाती है।

इधर मामी मेरे आड़ो को थामा और सहलाते हुए लण्ड को पकडे हुए बोली - ओहो हीरो देखो तो अभी से तन गया है ये तो
मै घबरा गया कि अब तो पक्का सब कूछ जाना ही है हाथ से
मै मामी की बात पलट दिया - अरे मामी आप यहा कैसे
मामी मन गिरा कर - यार वो तेरे मामा को फोन आ गया था कि उनको अनाज वाले गोदाम पर जाना है तो वो वही चले गये

मै समझ गया कि मामा कहा गये थे क्योकि अभी थोडी देर पहले विमला भी फोन आने का बहाना करके निकली थी ।
मै - तो आप यहा क्यू
मामी अभी भी मेरे लण्ड को लोवर पर से ही निचे से उपर की तरफ सहलाते हुए कातिल मुस्कान से धीमी आवाज मे बोली - मुझे मेरे राजा बाबू के लण्ड के बिना नीद नही आयेगी हिहिहिही
मै एक नजर कमरे मे देखा और बहाना मार कर बोला - अच्छा तो आपके कमरे मे बिल्ली का बच्चा घुस गया है वही परेसान कर रहा है चलिये मै देख कर आता हूँ फिर सोउँगा

मामी को मेरी बाते समझ से बाहर लगी - तू क्या बोल रहा है
मै झट से मामी को बाहर किया और खुद भी बाहर आ गया और जल्दीबाजी मे दरवाजा बाहर से बंद कर दिया


मामी - अरे ये अन्दर तू क्या बोल रहा था
मै - मामी गीता बबिता अभी सोयी नही थी वो मेरे साथ बाते कर रही थी और कोई उनको जागता देख डाटे नही इसिलिए वो सोने का नाटक कर रही थी

मामी - ओह्ह फिर ठीक किया मेरे राजा ,, अब जल्दी से कमरे मे चल कर मेरी प्यास बुझा दो ना राजा
मै मामी के हिलते चुतडो पर हाथ फेरते हुए कहा- हा मेरी रानी क्यू नही
फिर हम ऐसे ही मस्तियाँ करते हुए मामि के कमरे मे गये
अन्दर पहुचते ही मामी ने झट से अपनी साडी खोल दी
मैं मामी उतावला पन देख कर उत्तेजित हो गया था और लोवर के उपर से लण्ड को मुठियाते हुए उन्के पास गया
मामी ने वापस से मेरे लण्ड को थामा और मैने मामी की गर्दन को पकड कर उन्के होठो को चुस्ना शुरू कर दिया ।
उफ्फ्फ मामी के वो मुलायम गुलाबी होठ
धिरे धीरे मेरे हाथ मामी के उठे हुए भारी गोल गोल चुतडो पर गया और मै मामी के रसीली होठो को पान करते हुए उनको चुतडो को पकड कर फैलाने लगा
मामी के गाड़ का स्पर्श मुझे हवस की नयी सीमा पर ले गया और मै उत्तेजित होकर मामी को वापस बेड पर हाथो के बल झुका दिया और उनके पेतिकोट को उठा दिया
ओह्ह्हह फिर से वही गोरी चमड़ी वाली मुलायम थिरकती गाड़ मेरे सामने थी ।
मामी के चुतडो के पाट आपस मे काफी सटे हुए थे जिससे गाड़ की लकीर ज्यादा फैली हुई नही थी ।

मैने मामी के पाटो को फैला कर उस गुलाबी भूरे रंग गाड़ की छेद को देखा जो मामी की तेज चलती सांसो के हिसाब से खुल बंद हो रही थी ।
फिर मैने अपनी जीभ पर खुब सारा लार इकठ्ठा किया और जीभ को मामी की सास लेते हुए गाड़ की छेद पर लगा दिया
मामी सिहर गई- उफ्फ्फ्फ राज अम्म्ं इस्स्स्स्स
अब मै उस लार को मामी की गाड़ के छेद पर लीपने लगा और जीभ को नुकीला कर मामी की गाड़ की उस सिकुडी हुई छेद को खोदने लगा । जिससे मामी बार बार फुदक कर आगे हो जाती

मजबूरन मुझे उनकी गाड़ को मजबूती से पकडना पडा और अब मेरी जीभ फेरने की सीमा बढ़ गई ।
मै जीभ को गाड़ के छेद से गाड़ के उपरी सिरे तक उन दरारो मे घसीटते हुए ले जाता और वापसी मे उन्हे चुत के निचले हिस्से तक छूआ देता
इधर मामी छटप्टाति हुई सिसकियाँ लेती रही

धीरे धीरे मामी की चुत टपकना शुरु हो गयी और मामी - अह्ह्ह राज जल्दी से मेरि चूत को सह्लाओ दाने के पास खुजली हो रही है

मै झुककर एक नजर मामी की चुत पर डाली तो देखा कि गाड़ उठाए होने की वजह से मामी की चुत का रस उन्के चुत के दाने पास इकठ्ठा हो रहा था जिस्से बगल की झाटे भीगी हुई लग रही थी ।
मै भी अपनी हथेली आगे कर उनकी चुत पर रख कर मसल दिया
मामी - अह्ह्ह्ह माआआआ मर गई रे उह्ह्ह अह्ह्ह राज ऐसे ही अह्ह्ह अह्ह्ह मा उफ्फ्फ्फ और रगडो मेरे राअज्ज्जाआआ उम्म्ं सीईईईई उफ्फ्फ्फ्फ हय्य्य्य्य मा उफ्फ्फ

मै अच्छे से मामी की चुत को मसलने के बाद अपनी हथेली को चाट कर साफ किया और झट से लोवर निचे किया
अबतक तीन जवान लौदियो ने मेरा लण्ड चुस कर काफी खड़ा कर दिया था ।
मैने लण्ड को थामा और मामी के एक टांग को उठा कर बेड पर रख जिससे उनकी चुत खूल कर मेरे सामने आये

और मैने वापस से थोडा थूक लिया और सुपाडे को चिकना किया और मामी के चुत पर सेट किया और एक तेज धक्के से आधा लण्ड मामी की चुत मे पेल दिया

मामी - ओह्ह्ह्ह्ह माआआआ उह्ह्ह्ह सीईई अह्ह्ह्ज माआ आराम से मेरे राजा उफ्फ्फ
मै वापस से लण्ड को पीछे किया और जगह बनाकर एक और तेज धक्के से मामी की चुत मे पुरा लण्ड पेल दिया

मामी गरदन उठाए ऐसे चिलला रही थी मानो घोड़ी अपनी चुत मे घोड़े का मोटा लण्ड पाकर जैसे चिघाड़ती रही हो
मै बेरहम से मामी की चुतडो को थामे घपा घ्प्प पेले जा रहा था
मामी -अह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हाआ ऐसे ही ओह्ह्ह राज तुम पहले क्यू नही आये ह्य्य्य्य मा उफ्फ्फ्फ और तेजज्ज़्ज़ हा उफ्फ्फ मा अह्ह्ह अहहहह मेरे राआआज्ज्ज्जाआ
मै - क्यू मेरी जान मज़ा आया ना
मामी - हा अह्ह्ह्ह हा बहुत आ रहा और तेज चोदो नाअज्ज्ज अह्ह्ह्ह औफ्फ
मैने धक्को की रफ्तार को बढाया और तेज़ी से मामी की चुतडो की थामे चोदने ल्गा

मामी -अह्ह्ह राज थोडा धीरे उहहह दर्द हो रहा है
मै स्पीड कम कर - क्या हुआ मेरी रन्डी अभी तो बोल रही थी कि तेज चोदो अभी क्या हुआ सालि हा
मामी बिना कूछ बोले अप्नी गाड़ मेरे लण्ड पर फेकते हुए चुदती रही
मै - बोल ना साली कुतिया ,,कह तो इस गाड़ मे डाल दू ,
मै मामी की गाड़ मे अंगूठा घुसाते हुए बोला
मामी - अह्ह्ह अह्ह्ह नही मेरे राजा आह्ह निकालो दर्द हो रहा है अभी अह्ह्ज
मै अंगूठे को और घुसाते हुए - क्या हुआ कभी लिया नही क्या इसमे बोल ना

मै जब कोई जवाब नही पाया तो मामी कि तरफ देखा वो गरदन उठाए अपनी आखे उलतने लगी और उन्के खुले मुह से तेज सासे बाहर निकल रही थी मै उन्की चूत के जड़ मे लण्ड रोक दिया और अंगूठे को वापस निकाल लिया कि तभी मेरे लण्ड पर एक गरम लावा बहता मह्सूस हुआ और उनकी कमर झटका खाने लगी
मतलब मामी झड़ रही थी
जैसे ही वो झडी उनकी सासे वापस लौटी और वो तेज तेज आहे भरने लगी

मै मामी को नॉर्मल होता देख वापस से चुत मे पेलना शुरू कर दिया और अब फ्च फचच की आवाज से तेज़ी से चोदे जा रहा था
मामी - राज मेरे मुह मे देना सारा माल आह्ह अह्ह्ह्ज
मै झट से चुत से लण्ड को निकाला और मामी को निचे किया और उन्के चेहरे के उपर लण्ड मुठियाने ल्गा
कुछ ही झटके मे मेरा माल मामी के मुह पर गिरने ल्गा
झड़ने के बाद दो तीन बार मैने अपना लण्ड मामी के मुह पर हल्का हल्का पटका और
मामी भूखे भेड़िये के जैसे मेरे लण्ड को अपने चुत के पानी के स्वाद के साथ चाट गयी ।

मै - मज़ा आया ना मेरी रानी
मामी मुस्करा कर ऊँगलीया चुस्ते हुए बोली - बहुत ही ज्यदा मेरे राजा ,,, अब फिर कब आओगे
मै - जब तुम अपना गाड़ देने को राजी हो जाओगी मेरी जान
मामी मुस्कुरा कर - मै तो तभी ही ले लेती गाड़ मे तुम्हारा ये मुसल , जभी तुम मेरे गाड़ को अपनी रसिली जीभ से कुरेद रहे थे
मै - तो बोल देती ना मेरी जान पहले गाड़ ही मार देता
मामी थोडा मन गिरा कर - कैसे कह देती मेरी चुत बहुत ही कुलबुला रही थी ।

चुत कुलबुलाने से मुझे याद आया कि मै तीन तडपती हसिनाओ को तो एक कमरे मे बन्द करके आया हू
कही वो लोग आपस मे मेरा भेद ना खोल दे फिर मेरे लौडे लग जायेंगे ।

मै - चलो ठीक है मामी अब मै चल रहा हू
मामी उदास मन से - इतना जल्दी चलो ना एक बार और
मै - मामी मामा कभी भी आ सकते है समझो और मै तो आता ही रहूंगा ना अपनी जान से मिलने

मामी खुश हुई और बोली - पक्का ना ,
मै - हा मेरी जानू पक्का , वैसे भी आपकी ये गोरी गाड़ मुझे चैन से रहने कहा देगी हीहीहि
मामी - धत्त बदमाश चलो अब जाओ
मै झट से लोवर उपर किया और मामी को कमरा बंद करने का बोल कर चुपचाप निकल गया
और तेज़ कदमो से फिर से गिता बबिता के कमरे की तरफ गया और हल्के से दरवाजा खोला क्योकि रात बहुत हो गयी थी और सन्नाटा पसरा हुआ था ।

मै दरवाजा खोला तो सामने कोमल बेचैन कमरे मे टहल रही थी और गिता बबिता सोये हुए थे ।
मै एक ठंडी आह्ह भरी और कोमल को पीछे से हग कर लिया

कोमल गुस्से मे मुझे धक्का देकर अलग हुई और तेज आवाज मे बोलना चाहा तो मै झट से उसके मुह पर हाथ रख कर बिस्तर पर सोती गिता बबिता की ओर इशारा किया

वो शांत हुई लेकिन मन मे भड़ास अब भी थी
कोमल धीमी आवाज मे अपनी बातो पर जोर देते हुए - तुम मुझे यहा कमरे मे बंद करके भाग गये और अभी आ रहे हो आधा घंटा हो गया
मै धीमी आवाज मे - सॉरी कोमल वो बिल्ली का बच्चा बहुत डरा हुआ था तो उसको बहुत मुस्किल से बाहर निकाला मै
कोमल - हा लेकिन ये दरवाजा क्यू बंद किया
मै - ताकि अगर तुम्हारी मा यह कमरा बाहर से बंद देखे तो तुमको य्हा ना खोजे

कोमल - वो सब तो ठीक है लेकिन अब तक तो मा आ गई होगी ना कमरे मे

मै मुस्कुरा कर ना मे सर हिलाया
कोमल - दाँत ना निकालो बहुत गुस्सा आ रहा है मुझे
मै - यार वो मेरे मामा के साथ अनाज वाले गोदाम पर गयी है और अभी तक मेरे मामा नही आये है

कोमल थोड़ा रिलैक्स होकर - ओह्ह्ह फिर ठीक है
मै - क्या ठीक है अब तुम भी जाओ जल्दी से कमरे मे हम ज्यादा रिस्क नहीं ले सकते है समझी ना
कोमल - हा सही कह रहे हो तुम , मै जा रही हू गूड़ नाइट
मै झट से कोमल पर झपटा और उसकी कमर मे हाथ डाल कर अपनी ओर खींच कर बोला - बस ऐसे ही होगा गूड़ नाइट हा
कोमल शर्मा कर - फिर कैसे
मैने कोमल के होठो को मुह मे लेके चूसा और बोल - हा हुआ गूड़ नाइट

कोमल शर्मा कर मुस्कुराते हुए - धत्त अब छोडो मुझे बाय
मैने कोमल को अजाद किया और वो अपने कमरे मे चली गई ।
फिर मेरी नजर गीता बबिता पर गई जो शायद सच मे सो गई थी लेकिन एक बार मैने अपनी तसल्ली के लिए उनको चेक किया और फिर निकल कमरे से बाहर निकल गया ।
बाहर पुरा सन्नाटा था और कोई भी नजर नही आ रहा था ।
पुरे बरामदे मे दो लाईट जल रही थी जो नाना के कमरे के बाहर और एक किचन के बाहर ।
मामी के तरफ कमरो का लाईट ऑफ़ था । मै भी मा के कमरे की तरफ जाने लगा तभी लाईट चली गई
अब मेरे हाथ मे मोबाइल भी नही था ना कोई टॉर्च मै क्या करता कैसे अन्धेरे मे जाता तो सोचा मस्त हवा चल रही है यही रुक जाता हू कुछ देर अभी आ ही जायेगी लाईट तो

और मै दीवाल पकडते हुए गेस्टरूम के बाहर रखे अनाज की बोरियो तक पहुंचा तो उसी बोरी पर टटोल कर बैठ गया ।
तभी नाना के कमरे की खिडकी खुली और हल्की पीली रोशनी बाहर आने लगी ।
मुझे ध्यान आया कि मौसी तो नाना के साथ ही है कही उन्होने तो नही , कही अन्दर अभी भी
मेरे चेहरे पर एक कातिल मुस्कान आई और मै बोरी से उठ कर उस हल्की रोशनी निकली खिडकी के बगल मे खड़ा हुआ तो अन्दर का नजारा देख वापस से मेरा हाथ लण्ड पर चला गया अब कमरे का सीन ही कुछ ऐसा था तो मै क्या करता

मैने देखा मौसी पूरी नंगी अपनी मोटे मोटे हिलते चुतडो के साथ खिडकी खोलने के बाद वापस नाना के पास जा रही है और नाना बेड पर अपना मुसल थामे बैठे हुए


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लालटेन की पिली रोशनी मे मौसी का बदन चमक रहा था उनके चुतडो की दरार गहरी और काली दिख रही थी ।
धिरे धीरे चल कर मौसी नाना के पैर के पास बैठ गई और दाये हाथ से लण्ड सहलाने लगी ।
नाना - रज्जो अब तू भी परसो चली जायेगी तो मै फिर से अकेला पड़ जाऊंगा बिटिया
मौसी - बाऊ जी मै तो आती जाती ही हू ना ,,लेकिन उससे जरुरी है कि आप अपना ख्याल रखें
नाना - तू रहती है तो मै बेफिकर होता हू और मज़ा भी मिल्ता है जीने का
मौसी - वही मज़ा ही अब आपको कम करना है बाऊजी
नाना - तो तू चाहती है कि मै बिना चुदाइ के रहू ,,,मेरी तलब जानती है ना तू

मौसी - हा जानती हूँ इसिलिए चेता रही हू आपको और आज आप मुझसे ये वादा करिये कि आप हफ्ते मे एक बार ही ये सब करेंगे
नाना - बस एक बार
मौसी - हा बाऊजी डॉक्टर ने क्या बोला पता है ना और मै नही चाहती कि ऐसा कुछ दिक्कत हो आपको
नाना - ठीक है मेरी मा लेकिन जब तक तू है तब तक तो ये सब नियम मै नही मानूँगा हा
मौसी हस कर - मै मानने दूँगी तब ना बाऊ जी हिहिहिही

नाना - तू कितना ख्याल रखती है रे मेरा आज 30 साल हो गये हैं तेरी मा को गुजरे हुए लेकिन इन 30 सालो मे तुने कभी तेरी मा की कमी नही होने दी ।

बुआ - आगे भी नही होने दूँगी हिहिहिही ,,, बुआ नाना के आड़ो को मसल्ते हुए बोली

तभी कमरे मे रोशनी हुई और बाहर भी
नाना - अह्ह्ह वाह आ गई लाईट जा बेटा खिडकी बंद कर दे

मै नाना की बात सुन कर झट से निचे बैठ गया और सोचा यार लग रहा है कि इन दोनो का ऐसे ही चलेगा मै चलता हू मा के पास
तभी खिडकी बन्द होने की आवाज आई और मै वापस से खड़ा हुआ और निकल गया मा के रूम मे
कमरे का दरवाजा खोला तो देखा की मा ब्लाऊज पेतिकोट पहने हुई थी और बेड पर टेक लगाये हुए टाँगे खोल कर अभी भी फोन पर लगी है और मुझे कमरे मे आता देख कर चुप रहने का इशारा किया
मै सोच रहा था कि ऐसी क्या बाते हो रही है । लेकिन मा का ये खुला खुला रूप देख कर मै उत्तेजित होने लगा
मै चुपचाप से दरवाजा बन्द किया और मा के बगल मे खड़ा हुआ तो मेरी नजर मा के सामने की तरफ भीगी हुई पेतिकोट पर गई तो सब कुछ मेरे समझ से बाहर जाने लगा

मै मा के कन्धे पर हाथ से ठोक कर इशारे मे पुछा की ये पेतिकोट कैसे भिगा
तो मा मुस्कुराते हुए फोन पर इशारा करते हुए चुप रहने को कहा
मै मा के बगल मे बैठ गया और मा के हाथ से मोबाइल लेके उसको स्पीकर पर कर दिया
तभी सामने से जो आवाज आई उससे मै खुसी से उत्तेजित होने लगा क्योकि ये आवाज शिला बुआ की थी

बुआ फोन से - अहहहह भाभी अब भैया मेरे गाड़ को जीभ से चाट रहे है उफ्फ्फ्फ हय्य्य दईया मर गईईई उम्म्ंमममं
मा हस्ते हुए - खा जाओ मेरे राजा आज अपनी बहन की गाड़ ,,ऐसा निशान लगाओ की जीजा जी जान जाये की उनकी रन्डी बीबी मायके मे किसी से चुद कर आई है हिहिहिहिही

पापा फोन से - सही कह रही हो जान,,,आज तो दीदी की गाड़ फाडकर रख दूँगा

मै मा , पापा और बुआ की सेक्सी बाते सुनकर बहुत ही उत्तेजना से भरने ल्गा और मा की जांघो को सहलाने लगा

मा ने मुस्कुरा कर एक नजर मुझे देखा और बोली - ओह्ह मेरे राजा आखिर कब मेरी गाड़ फाडोगे ,,, कल से लण्ड नही मिला है

पापा फोन से - कल आ रही हो ना जानू ,, कल तुम्हारी और दीदी की मिल कर फाडूंगा
मा मुस्करा कर मेरे चेहरे को दुलारते हुए - हा लेकिन आज रात का क्या होगा मेरे सईया

बुआ फोन से - अह्ह्ह्ह्ह भैया आराम से उह्ह्ह
मा - क्या हुआ जीजी
बुआ फोन से - वो भैया ने मेरे गाड़ मे अपना खूटा गाड़ दिया ना अह्ह्ह मा उफ्फ्फ

पापा फोन से - अह्ह्ह जान वहा राज है ना उसके साथ कुछ कर लो ना
मा मुस्कुरा कर मेरे गाल को चुमा और इतरा कर बोली - क्या जी आप मुझे मेरे बेटे की नजर मे रन्डी बनवाना चाहते हो
पापा फोन से - अह्ह्ह हहहह हा मेरी जान मै चाहता हू मेरा बेटा मेरे सामने तुम्हे रन्डी की तरह चोदे उफ्फ्फ दीदी क्या कसी हुई गाड़ है अह्ह्ह

मै पापा और बुआ की चुदाई भरी बाते सुन कर बहुत गरम हो गया था और मेरा भी मन अब मा की गाड़ मारने को होने ल्गा

मै झट से उठा और अपने सारे कपडे निकाल कर मा के सामने हाथ मे लण्ड मुठीयाते खड़ा हो गया । मा की नजर जब मुझ पर गयी तो वो मुस्कुरा कर चुत को पेतिकोट के उपर से रगड़ने लगी ।

जिससे मा की आह्ह निकलने लगी
बुआ फोन से - क्या हुआ भाभी आपको भी लण्ड मिल गया क्या
मा मदहोसी मे बोली - अह्ह्ह नही जीजी मै तो पहले के जैसे अब भी चुत मसल रही हू ,,मेरे हिस्से का लण्ड तो आप खा रही है

मै मा को कमर से थामा और घोड़ी बना दिया
मा थोडी अचरज मे इशारे से बोली क्या करने जा रहा है
मै मा की गाड़ को सहलाते हुए ह्सने लगा

मा मुस्कुरा कर हा मे इशारा की
बुआ फोन से - कल जल्दी आना भाभी हम दोनो गोदाम मे जाकर जम कर चुदाई करेंगे क्यू भैया अह्ह्ह उह्ह्ह
पापा फोन से - आह्ह हा हा क्यू नही ,,जीजी ठीक कह रही है जानू कल जल्दी निकलना और सीधा दुकान ही आना

मा घोड़ी बनी हुई सिसक रही थी क्योकि इस वक़्त मा के गाड़ के छेद पे मेरी जीभ नाच रही थी
पापा फोन से - ओह्ह जानू बोलो ना
मा सिसकते हूए - अह्ह्ह हा हा मेरे राअज्ज्जआ क्यू नही ,,मै तो आपके लण्ड के लिए तरस गयी हू ओह्ह्ह

मै लपालप मा की गाड़ चाट रहा था और बिच बिच मे हाथ मे भर कर मा की चुत रगड़ देता जिस्से मा और तेज सिस्क उठती
मै मुह मे लार इकठ्ठा किया और सारा मा के गाड़ की छेद पर लगा दिया और वापस से थोडा थूक लेके लण्ड के सुपाडे को चिकना किया

वही फोन पर बुआ और पापा की सेक्स से भरी बातचित जारी थी
मै झट से घुटनो के बल आया और मा की टाँगे चौडी किया । लण्ड को मा के गाड़ के छेद पर लगा कर अंगूठे से सुपाडे को दबाते हुए लण्ड को अन्दर डाल दिया
मेरे चाटने और लार की वजह से मेरा सुपाड़ा मा के गाड़ घुस गया और वही मा की अह्ह्ह और तेज होने लगी

मा - ओह्ह्ह राज के पापा अह्ह्ह उम्म्ंम
पापा फोन से - क्या हुआ जानु
मा - वो मैने अपने गाड़ मे एक मोटा गाजर डाला है उह्ह्ह ओह्ह उफ्फ्फ
पापा फोन से - अह्ह्ह मेरी जान इतनी तडप रही है अह्ह्ह और घुसा ले गाड़ मे उसको , पुरा भर ले अपनी गाड़ मे मेरी रान्ड

मै पापा की बात सुना और उत्तेजित होकर मा के कमर को थमा और धक्के लगाने ल्
गा ,,कुछ ही धक्को मे मा की खुली गाड़ ने रास्ता दे दिया और मै तेज़ी से मा की गाड़ फ़ाडना शुरू कर दिया जिस्से मा की चिखे तेज होने लगी

पापा भी फोन से बार बार मा को झडने के लिए उत्तेजित कर रहे थे
मा - हा मेरे राजा चुद रही है तुम्हारी रन्डी आह्ह्ह औह्ह्ह मज़ा आ रहा है ,,कब डालोगे मेरे राजा अपना मुसल मेरी गाड़ मे अह्ह्ह
मै मा की बातो से उत्तेजित होकर धकाधक मा के गाड़ मे पेले जा रहा था
मा कुछ पलो ढहने लगी और झडने लगी।
पापा फोन से - लग रहा है मेरी जान ने अपना पानी बहा दिया
मा हाफते हुए - आह्ह हा जान चलो मै साफ करने जा रही हू फिर बात करती हू

फिर मा ने फोन काट कर रख दिया और गरदन घुमा कर बोली - अह बेटा अब चोद अपनी मा को आह्ह आह्ह
मै मा की बात सुन के और उत्तेजित होने ल्गा ।
मा - हा बेटा और फाड़ अपनी मा की गाड़ ओह्ह्ह अह्ह्ह राज बेटा और तेज्ज़्ज़ उफ्फ्फ ह्य्य्य्य बस ऐसे ही अह्ह्ह्ह
मै तेज़ी से मा की गाड़ मे चोदे जा रहा था और मेरे सुपाडा अब फूलने लगा और मा की गाड़ मे फसने लगा
मै - आह्ह मा मै आने वाला हू आह्ह मा इह्ह्ह ऊहह
मा - झड़ जा बेटा अपनी मा की गाड़ मे ,,भर दे बेटा मेरी गाड़ मे अपना पानी उफ्फ्फ अह्ह्ह

मै अब चरम सीमा पर पहुंच गया और लण्ड को मा के गाड़ की जड़ मे ले गया और झटके के साथ झडने लगा । जब मेरे लण्ड की आखिरी ड्रॉप तक मा की गाड़ मे झाड़ दिया फिर मै खिच कर बाहर निकाला तो मा गाड़ की दरारो मे मेरा माल बहने लगा और मा बेसुध होकर बिस्तर पर ढह गयी ।
मै भी मा से अलग होकर बिस्तर पर गिर गया और हाफ्ने लगा ।
धीरे धीरे मेरी आँखो मे नीद आने लगी । आती भी क्यू नही सुबह से 5वी बार झड़ा जो था और मेरे बगल मे मेरी मा तो वैसे ही गाड़ उठाए सो गयी । फिर मै भी वैसे ही मा से चिपक कर सो गया ।

सुबह करीब 6 बजे मेरी आंख किसी के जगाने से खुली तो देखा मौसी थी जो झुक कर मेरा कन्धा पकडे मुझे हिला रही थी जिससे उनके लटके हुए चुचे हिल्कोरे मार रहे थे।

मै मुस्कुरा कर मौसी घाटियाँ देखते हुए बोला - गूड़ मॉर्निंग मेरी सेक्सी मौसी
मौसी चिढ़ कर - सेक्सी के बच्चे उठ जा और कुछ पहन के आज 10 बजे के बस से तुझे घर जाना है ।

मै - अरे हा मै तो भूल ही गया था
मौसी - अब उठ और जल्दी से नहा ले और आजा नासता करने
मै मौसी को अपना खड़ा लण्ड दिखाते हुए कहा- नासता तो यही है मौसी कर लो ना
मौसी मुस्कुरा कर - धत्त सुबह सुबह शुरू हो गया
मै जिद करते हुए - मौसी प्लीज ना अभी तो मै चला भी जाऊंगा तो फिर कब आना हो
मौसी - तू चिन्ता ना कर उसकी जाने से पहले मै तुझे मौका जरुर दूँगी अभी तू तैयार हो जा मेरा लल्ला

मै मौसी को हग किया और उठ कर कपडे पहन कर निकल गया फ्रेश होने

7 बजे तक मै नहा धो कर किचन मे पहुचा तो सारे लोग खुश नजर आ रहे थे सिवाय गिता बबिता के
मेरी नजर जब गिता से मिली तो वो हुह करके मुह फेर ली

मै सोचा जाने से पहले इन दोनों को मनाना पडेगा
मै जल्दी से खाना खाया और गीता बबिता से बोला - मिथी और गुडिया क्या तुम मेरा बैग पैक करवाने मे हैल्प करोगी ।

मामी - हा क्यू नही , जाओ बेटा भैया के साथ
फिर वो दोनो मुह फुलाए मेरे साथ मेरे कमरे मे आई और मै झट से दरवाजा बंद कर दिया ।

मै गिता को पीछे पकड कर हग करते हुए
मै -क्या हुआ मेरी मीठी गुस्सा है
फिर बबिता के चेहरे को उठाया - तुम भी नाराज हो क्या गुडिया

बबिता - हा भाईया हम दोनो नाराज है आपसे
गीता - आप हमे सुला कर कोमल दीदी के साथ खेलने लगे हा नही तो
मै उनकी मासूमियत पर हसा और एक आइडिया मन मे लाया

फिर मै दोनो से अलग होकर अपना जीन्स खोला और लण्ड बाहर निकाल दिया

मै - कौन कौन खेलेग इससे जल्दी जल्दी बताओ
दोनो घूमी और मेरा आधा खड़ा लण्ड देख कर खुश हो गयी और मेरे कदमो मे बैठ कर उसे चूसना शुरू कर दिया
दोनो बारी बारी से मेरे लण्ड को चुस कर मेरा लण्ड का माल पिया और मैने भी उनकी चुचीयो से खेला । फिर उनको एक बार फिर सम्झाया कि कैसे और कहा खेलना है दोनो को ।
फिर मै बाहर निकल आया तो पता चला कि सब नाना के कमरे मे है तो मै भी उधर ही चला गया।


देखते है दोस्तो अब जल्द ही राज की घर वापसी क्या रंग लाती है ।
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा पढ कर कमेंट जरुर करे
धन्यवाद
 

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