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अध्याय 68
अजय बेचैनी से मेरी की तरफ देखता है जो की विजय को घूर रही थी ,अजय फिर अपनी घड़ी की ओर देखता है फिर वो विजय की ओर देखता है जो की मेरी को घूर रहा था,अजय फिर घड़ी के तरफ देखता है,
"आखिर डॉ है कहा कितना समय लगेगा उन्हें "
अजय के इंतजार की सीमा खत्म हो रही थी ,
"आप 8 बजे सुबह से यहां आकर बैठे है ,क्लिनिक 10 बजे खुलता है,"
मेरी के दो टूक जवाब से अजय झल्ला जाता है ,
"मैंने उन्हें कहा था और उन्होंने कहा था की वो आ रहे है "
"हा तो आ ही रहे होंगे आप इतने परेशान क्यो हो रहे हो "
"उन्हें फोन लगाओ अभी "
अजय टेबल में जोर से हाथ मरता है ,वहां रखा पानी का ग्लास भी उछल पड़ता है ,मेरी उसे गुस्से से देखते हुए कमरे से बाहर निकल जाती है ,थोड़ी ही देर में डॉ वहां आ जाते है ,
"अरे यार अजय क्या हुआ इतने बेताब हो रहे हो "
"मुझे लगा था की आप हमेशा किसी भी समय मेरी सहायता के लिए उपस्थित रहेंगे "
"तो हु तो ना यहां बताओ "
"मुझे आपसे अकेले में कुछ बात करनी है "
इतना सुनकर ही मेरी और विजय के चहरे में चमक आ जाती है जिसे डॉ समझ जाता है
"मेरी "
"जी सर विजय को क्लिनिक दिखा कर आती हु "
विजय भी डरता हुआ उठता है
"अब बताओ क्या बात हो गई है "
"मेरे परिवार पर हमले की साजिस हो रही है और आप ऐसे अनजान बन रहे है जैसे कोई बड़ी बात ही नही हुई "
डॉ के चहरे में एक मुस्कुराहट आ जाती है
"ये कोई नही बात तो नही है ,तुम्हारे परिवार पर खतरा हमेशा से ही रहा है "
"लेकिन अब हम दुश्मन को जानते भी तो नही है "
"तुम्हे इसके बारे में किसने बताया "
"कुछ लोग है जो जंगलो में रहते है लेकिन मुझे बहुत मानते है खासकर जबसे मैं राजा घोषित हुआ हु "
"हम्म राजा के वफादार आदिवासी ,तो पकड़ो उन लोगो को जो साजिस रच रहे है "
"वो कौन है ये तो पुख्ता उन्हें भी नही पता लेकिन वो फैली हुई खबर मुझे बता रहे है ,"
"देखो अजय अब तुम राजा घोषित हो चुके हो और साथ ही अब तुम राजनीति में भी आ गए हो ,तुम्हारे जितने वफादार है उतने ही तुम्हारे दुश्मन भी हो चुके है ,"
"लेकिन मेरे परिवार पर खतरा हो तो मैं कैसे चैन से रह सकता हु,रातो की नींद भी हराम हो रही है मेरी"
"मेरी बात मानो तुम्हे थोड़ा रेस्ट और शांति की जरूरत है "
"शांति नही डॉ मुझे ताकत चाहिए ,ताकत से ही मैं उन्हें हरा सकता हु "
डॉ जोरो से हँसता है जिससे पूरा कमरा गूंज जाता है .
"ताकत ,और हराना…...तुम किसके भाषा में बात कर रहे हो अजय ,ताकत से तुम कुछ भी नही कर पाओगे,ताकत सिर्फ बेचैनी पैदा करती है और शांति ,,,,,शांति ही तुम्हे असली रास्ता दिखा सकती है,मेरी मानो तो पहाड़ी वाले बाबा के पास जाओ और एक दो दिन वहां बिता के आओ ,मन थोड़ा शांत होगा तो कुछ रास्ता जरूर निकलेगा .."
अजय कुर्सी से टिक जाता है और अपनी आंखे बंद कर लेता है ,वही डॉ उसके चहरे में आये हुए परिवर्तन को देखने लगते है
"अजय तुन्हें पता है,तुम्हारे पिता जी को मैंने कभी इतना बेचैन नही देखा जीतना की तुम हो ,और इसलिए वो कभी कोई भी बाजी हारे नही ,जब तुम्हारे मन में शांति होती है तो तुम मुझे वीर की याद दिला देते हो ,"
अजय के चहरे में एक मुस्कुराहट आ जाती है ,
"लेकिन डॉ ये कौन लोग हो सकते है जो हामरे पीछे इतनी शिद्दत से पड़े हुए है ."
"ये तो मुझे नही पता लेकिन उसमे कोई तो ऐसा है जो तुम्हारे बहुत करीब रह रहा है ,किशन की शादी में तुम्हे और निधि को मारने की जो साजिस हुई थी उससे तो यही लगता है ,और फिर तुम्हारे पार्टी के मीटिंग के दिन वाली बात "
अजय एक गहरी सांस लेता है
"तुम्हारे और मेरे अलावा और किसी को ये बाते पता तो नही है"
"नही बस मैं,निधि और आप ,विजय को भी अभी तक इन सबके बारे में नही बताया हु ,"
"हम्म्म्म बताना भी मत पता नही वो जोश में आकर क्या कर बैठे "
इन दोनों ही घटनाओं ने अजय को सोचने पर मजबूर कर दिया था,लेकिन फिर भी वो बात अपने तक ही रखा ताकि चुपचाप ही कोई ऐसा काम किया जा सके जिसकी भनक उनके दुश्मनों तक ना पहुचे ,
"लेकिन डॉ कोई तो कदम लेना ही पड़ेगा ,ऐसे बैठे रहे तो उनके होशले और भी मजबूत हो जाएंगे "
"कदम तो लेना है लेकिन इतने सफाई से और इतने खामोशी से की किसी को भनक भी ना लगे,और उनके हौसले और भी ज्यादा मजबूत होने दो ,इसी में वो कोई बड़ी गलती करेंगे,अभी तक वो लोग बड़ी ही खामोशी से अपनी तैयारी कर रहे थे अब उन्हें सामने आने का मौका देना होगा,दोनो ही घटनाओं में एक बात तो तुमने भी नोटिस की होगी की वो किसी को मरना नही चाहते थे,बस निधि और खुसबू को पकड़ने की साजिश थी उनकी ,"
निधि और खुसबू का नाम सुनकर ही अजय की आंखे फिर से लाल हो गई ,
"वो लड़का जिसे शादी में अपने पकड़ा था वो कुछ बोला ,ओ उन्हें पानी में बेहोशी की दवाई मिला कर पिलाने वाला था "
"नही असल में वो भी नशेड़ी किस्म का लड़का है जिसकी खबर उन केटर्स को भी नही थी जिनके साथ वो आया था,वो लोग बड़ी पार्टी होने के कारण कुछ लोगो को रोजी के हिसाब से काम कराने के लिए लाये थे,ये भी शहर में रोजी में काम करता है,दिन के 300 और नशा करके पड़ा रहता है ,इस काम के लिए उसे 10 हजार मिलने वाले थे ,उसे बस दवाई पानी में मिला कर निधि और खुसबू को पिलाना था उसके आगे का काम उसे नही करना था ,वो काम दूसरे लोगो का था ,जिसका उसे पता भी नही था,वो तो अच्छा हुआ की मेरे बंदे की नजर उस पर चली गई और वो निशि के अजीब हरकत को परख कर मुझे खबर दे दिया ,जिससे हमे उस लड़के का पता लग गया साथ ही खुसबू भी बच गई,लेकिन हमने एक गलती कर दी ,हमे निधि के किडनैप होने तक वेट करना था अगर हम थोड़ी और धीरज से काम लेते तो शायद कोई ऐसा आदमी पकड़ में आ ही जाता जो की तुम्हारे ही घर में रहकर तुम्हारे ही खिलाफ साजिश कर रहा है…….."
डॉ की बात सुनकर अजय ने फिर से एक गहरी सांस छोड़ी .
"मेरी बात मानो कुछ दिन रेस्ट करो जाकर बाबा जी के पास रहो साथ ही खुसबू और निधि को भी ले जाओ ,वहां पर सुरक्षा का पूरा इंतजाम हो जाएगा ,और वहां आकर अगर किसी ने भी अगर कुछ करने की कोशिश की तो वो आसानी से पकड़ा जाएगा ,तुम्हे थोड़ी बेफिक्री दिखानी होगी ताकि वो लोग फिर से जल्दी ही कोई कांड करे और धरे जाए ,चुनाव से पहले ही ये निपट जाए तो अच्छा होगा क्योकि चुनाव के दौरान फिर से सभी को खुले में जाकर प्रचार करना है और उसमे खतरा और भी बढ़ जाएगा …"
तभी बाहर से मेरी के चिल्लाने की आवाज आती है ,अजय और डॉ एक दूसरे को देखते है ,अजय का सर झुक जाता है लेकिन आज उसे इन बातो की ज्यादा परवाह नही थी ,
"मेरी बात मानो अजय कुछ दिन आराम करो ,मैं यहां से अपने बंदे तुम्हारे पीछे लगा देता हु जो की 24 घंटे तुम्हारी और तुम्हारे परिवार की सुरक्षा में तैनात रहेंगे उनकी डिटेल मैं तुम्हे भेज देता हु ,उन्हें कहा कहा रखना है ये भी बता दूंगा ,किसी भी बहाने से अपने आस पास ही रखो ,"
"हम्म ओके डॉ ,और आप कुछ IAS,IPS अधिकारियों से मेरी मुलाकात करवाने वाले थे ,"
"हम्म मेरा एक पुराना दोस्त है जो की पहले फारेस्ट में अधिकारी था वो अब आईएएस है ,विकास ,वो तुम्हरी बैठक अरेंज करने की कोशिस कर रहा है ,"
"विकास ….नाम सुना सुना सा लगता है "
"बिल्कुल सुना होगा ,केशरगड़ में ..तुम्हरे चाचा और तुम्हारे पिता जी उसी अच्छे से जानते थे,खैर तुम अभी आराम करो बाकी सब देखा जाएगा ,हमे अपनी कोशिश करनी है बाकी की बाते भगवान पर छोड़ दो …."
डॉ का लहजा और बात दोनो ही सर्द थे,
अजय बेचैनी से मेरी की तरफ देखता है जो की विजय को घूर रही थी ,अजय फिर अपनी घड़ी की ओर देखता है फिर वो विजय की ओर देखता है जो की मेरी को घूर रहा था,अजय फिर घड़ी के तरफ देखता है,
"आखिर डॉ है कहा कितना समय लगेगा उन्हें "
अजय के इंतजार की सीमा खत्म हो रही थी ,
"आप 8 बजे सुबह से यहां आकर बैठे है ,क्लिनिक 10 बजे खुलता है,"
मेरी के दो टूक जवाब से अजय झल्ला जाता है ,
"मैंने उन्हें कहा था और उन्होंने कहा था की वो आ रहे है "
"हा तो आ ही रहे होंगे आप इतने परेशान क्यो हो रहे हो "
"उन्हें फोन लगाओ अभी "
अजय टेबल में जोर से हाथ मरता है ,वहां रखा पानी का ग्लास भी उछल पड़ता है ,मेरी उसे गुस्से से देखते हुए कमरे से बाहर निकल जाती है ,थोड़ी ही देर में डॉ वहां आ जाते है ,
"अरे यार अजय क्या हुआ इतने बेताब हो रहे हो "
"मुझे लगा था की आप हमेशा किसी भी समय मेरी सहायता के लिए उपस्थित रहेंगे "
"तो हु तो ना यहां बताओ "
"मुझे आपसे अकेले में कुछ बात करनी है "
इतना सुनकर ही मेरी और विजय के चहरे में चमक आ जाती है जिसे डॉ समझ जाता है
"मेरी "
"जी सर विजय को क्लिनिक दिखा कर आती हु "
विजय भी डरता हुआ उठता है
"अब बताओ क्या बात हो गई है "
"मेरे परिवार पर हमले की साजिस हो रही है और आप ऐसे अनजान बन रहे है जैसे कोई बड़ी बात ही नही हुई "
डॉ के चहरे में एक मुस्कुराहट आ जाती है
"ये कोई नही बात तो नही है ,तुम्हारे परिवार पर खतरा हमेशा से ही रहा है "
"लेकिन अब हम दुश्मन को जानते भी तो नही है "
"तुम्हे इसके बारे में किसने बताया "
"कुछ लोग है जो जंगलो में रहते है लेकिन मुझे बहुत मानते है खासकर जबसे मैं राजा घोषित हुआ हु "
"हम्म राजा के वफादार आदिवासी ,तो पकड़ो उन लोगो को जो साजिस रच रहे है "
"वो कौन है ये तो पुख्ता उन्हें भी नही पता लेकिन वो फैली हुई खबर मुझे बता रहे है ,"
"देखो अजय अब तुम राजा घोषित हो चुके हो और साथ ही अब तुम राजनीति में भी आ गए हो ,तुम्हारे जितने वफादार है उतने ही तुम्हारे दुश्मन भी हो चुके है ,"
"लेकिन मेरे परिवार पर खतरा हो तो मैं कैसे चैन से रह सकता हु,रातो की नींद भी हराम हो रही है मेरी"
"मेरी बात मानो तुम्हे थोड़ा रेस्ट और शांति की जरूरत है "
"शांति नही डॉ मुझे ताकत चाहिए ,ताकत से ही मैं उन्हें हरा सकता हु "
डॉ जोरो से हँसता है जिससे पूरा कमरा गूंज जाता है .
"ताकत ,और हराना…...तुम किसके भाषा में बात कर रहे हो अजय ,ताकत से तुम कुछ भी नही कर पाओगे,ताकत सिर्फ बेचैनी पैदा करती है और शांति ,,,,,शांति ही तुम्हे असली रास्ता दिखा सकती है,मेरी मानो तो पहाड़ी वाले बाबा के पास जाओ और एक दो दिन वहां बिता के आओ ,मन थोड़ा शांत होगा तो कुछ रास्ता जरूर निकलेगा .."
अजय कुर्सी से टिक जाता है और अपनी आंखे बंद कर लेता है ,वही डॉ उसके चहरे में आये हुए परिवर्तन को देखने लगते है
"अजय तुन्हें पता है,तुम्हारे पिता जी को मैंने कभी इतना बेचैन नही देखा जीतना की तुम हो ,और इसलिए वो कभी कोई भी बाजी हारे नही ,जब तुम्हारे मन में शांति होती है तो तुम मुझे वीर की याद दिला देते हो ,"
अजय के चहरे में एक मुस्कुराहट आ जाती है ,
"लेकिन डॉ ये कौन लोग हो सकते है जो हामरे पीछे इतनी शिद्दत से पड़े हुए है ."
"ये तो मुझे नही पता लेकिन उसमे कोई तो ऐसा है जो तुम्हारे बहुत करीब रह रहा है ,किशन की शादी में तुम्हे और निधि को मारने की जो साजिस हुई थी उससे तो यही लगता है ,और फिर तुम्हारे पार्टी के मीटिंग के दिन वाली बात "
अजय एक गहरी सांस लेता है
"तुम्हारे और मेरे अलावा और किसी को ये बाते पता तो नही है"
"नही बस मैं,निधि और आप ,विजय को भी अभी तक इन सबके बारे में नही बताया हु ,"
"हम्म्म्म बताना भी मत पता नही वो जोश में आकर क्या कर बैठे "
इन दोनों ही घटनाओं ने अजय को सोचने पर मजबूर कर दिया था,लेकिन फिर भी वो बात अपने तक ही रखा ताकि चुपचाप ही कोई ऐसा काम किया जा सके जिसकी भनक उनके दुश्मनों तक ना पहुचे ,
"लेकिन डॉ कोई तो कदम लेना ही पड़ेगा ,ऐसे बैठे रहे तो उनके होशले और भी मजबूत हो जाएंगे "
"कदम तो लेना है लेकिन इतने सफाई से और इतने खामोशी से की किसी को भनक भी ना लगे,और उनके हौसले और भी ज्यादा मजबूत होने दो ,इसी में वो कोई बड़ी गलती करेंगे,अभी तक वो लोग बड़ी ही खामोशी से अपनी तैयारी कर रहे थे अब उन्हें सामने आने का मौका देना होगा,दोनो ही घटनाओं में एक बात तो तुमने भी नोटिस की होगी की वो किसी को मरना नही चाहते थे,बस निधि और खुसबू को पकड़ने की साजिश थी उनकी ,"
निधि और खुसबू का नाम सुनकर ही अजय की आंखे फिर से लाल हो गई ,
"वो लड़का जिसे शादी में अपने पकड़ा था वो कुछ बोला ,ओ उन्हें पानी में बेहोशी की दवाई मिला कर पिलाने वाला था "
"नही असल में वो भी नशेड़ी किस्म का लड़का है जिसकी खबर उन केटर्स को भी नही थी जिनके साथ वो आया था,वो लोग बड़ी पार्टी होने के कारण कुछ लोगो को रोजी के हिसाब से काम कराने के लिए लाये थे,ये भी शहर में रोजी में काम करता है,दिन के 300 और नशा करके पड़ा रहता है ,इस काम के लिए उसे 10 हजार मिलने वाले थे ,उसे बस दवाई पानी में मिला कर निधि और खुसबू को पिलाना था उसके आगे का काम उसे नही करना था ,वो काम दूसरे लोगो का था ,जिसका उसे पता भी नही था,वो तो अच्छा हुआ की मेरे बंदे की नजर उस पर चली गई और वो निशि के अजीब हरकत को परख कर मुझे खबर दे दिया ,जिससे हमे उस लड़के का पता लग गया साथ ही खुसबू भी बच गई,लेकिन हमने एक गलती कर दी ,हमे निधि के किडनैप होने तक वेट करना था अगर हम थोड़ी और धीरज से काम लेते तो शायद कोई ऐसा आदमी पकड़ में आ ही जाता जो की तुम्हारे ही घर में रहकर तुम्हारे ही खिलाफ साजिश कर रहा है…….."
डॉ की बात सुनकर अजय ने फिर से एक गहरी सांस छोड़ी .
"मेरी बात मानो कुछ दिन रेस्ट करो जाकर बाबा जी के पास रहो साथ ही खुसबू और निधि को भी ले जाओ ,वहां पर सुरक्षा का पूरा इंतजाम हो जाएगा ,और वहां आकर अगर किसी ने भी अगर कुछ करने की कोशिश की तो वो आसानी से पकड़ा जाएगा ,तुम्हे थोड़ी बेफिक्री दिखानी होगी ताकि वो लोग फिर से जल्दी ही कोई कांड करे और धरे जाए ,चुनाव से पहले ही ये निपट जाए तो अच्छा होगा क्योकि चुनाव के दौरान फिर से सभी को खुले में जाकर प्रचार करना है और उसमे खतरा और भी बढ़ जाएगा …"
तभी बाहर से मेरी के चिल्लाने की आवाज आती है ,अजय और डॉ एक दूसरे को देखते है ,अजय का सर झुक जाता है लेकिन आज उसे इन बातो की ज्यादा परवाह नही थी ,
"मेरी बात मानो अजय कुछ दिन आराम करो ,मैं यहां से अपने बंदे तुम्हारे पीछे लगा देता हु जो की 24 घंटे तुम्हारी और तुम्हारे परिवार की सुरक्षा में तैनात रहेंगे उनकी डिटेल मैं तुम्हे भेज देता हु ,उन्हें कहा कहा रखना है ये भी बता दूंगा ,किसी भी बहाने से अपने आस पास ही रखो ,"
"हम्म ओके डॉ ,और आप कुछ IAS,IPS अधिकारियों से मेरी मुलाकात करवाने वाले थे ,"
"हम्म मेरा एक पुराना दोस्त है जो की पहले फारेस्ट में अधिकारी था वो अब आईएएस है ,विकास ,वो तुम्हरी बैठक अरेंज करने की कोशिस कर रहा है ,"
"विकास ….नाम सुना सुना सा लगता है "
"बिल्कुल सुना होगा ,केशरगड़ में ..तुम्हरे चाचा और तुम्हारे पिता जी उसी अच्छे से जानते थे,खैर तुम अभी आराम करो बाकी सब देखा जाएगा ,हमे अपनी कोशिश करनी है बाकी की बाते भगवान पर छोड़ दो …."
डॉ का लहजा और बात दोनो ही सर्द थे,