Incest हाए मम्मी मेरी लुल्ली

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डायनिंग रूम में नाश्ते के टेबल पर दोनों माँ बेटे ख़ामोशी से खाना खा रहे थे |
जो कुछ हुआ था उसके बारे में कोई कुछ भी बोल नहीं रहा था |
राहुल की तो अपनी माँ को नज़र उठाकर देखने की हिम्मत तक नहीं हो रही थी |

एक तरफ उसे अपने बदन में आनंद की तरंगे घुमती महसूस हो रही थी और
वहीँ वो इस सब के मायने समझने में असमर्थ था |

सलोनी इस समय सिर्फ और सिर्फ एक ही बात के बारे में सोच रही थी और

वो थी अपनी चूत में उठ रही सनसनी को जल्द से जल्द कम करने की |
राहुल का तो छुट चूका था |
वो तो अपना मज़ा कर चूका था, संतुष्ट था, मगर उसकी संतुष्टि के चक्कर में बेचारी उसकी माँ इतनी गर्म हो चुकी थी
की उससे अपनी चूत की आग बर्दाश्त नहीं हो रही थी |
वो बस चाहती थी कि राहुल जल्द से जल्द खाना ख़त्म करके ऊपर चला जाए और

फिर वो खुद को शांत कर सके जैसे वो पिछले हफ्ते से करती आ रही थी |
उसकी चूत से रस बह- बहकर उसकी जाँघों के निचे तक आ चुका था |
खाने के टेबल पर बैठी वो अपनी टांगें आपस में रगड़ रही थी |
मगर उससे उसकी उत्तेजना कम होने की वजाए और भी बढती जा रही थी |

वो अपनी चूत से बहते रस की सुगंध को बड़े अच्छे से सूंघ सकती थी |
उसे आश्चर्य हो रहा था कि क्या वो सुगंध राहुल तक भी पहुँच रही थी? क्या वो जानता है कि इस समय उसकी माँ कितनी उत्तेजित है?
कि अगर वो, उसका अपना बेटा उसे चोदने की कोशिश करेगा तो वो उससे पूरे मज़े से चुदवा लेगी |
मगर क्या वो उसे चोदना चाहेगा?
क्या वो अपनी सगी माँ की चूत में अपना लंड पेलना चाहेगा? यही सवाल रह रहकर उसके दिमाग में उठ रहे थे |

राहुल खाना ख़त्म करके अपने रूम में चला गया, बिना कुछ बोले | उसके जाते ही सलोनी उठी |
उसने बर्तन सिंक में डाले और वो अपने कमरे की और चल पड़ी |
कमरे में जाते ही उसने अपने कपडे उतारे और बाथरूम में घुस गयी |
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ठन्डे पानी की बौछार जैसे उसके बदन को शीतलता देने की वजाए जला रही थी |
उसने दीवार से टेक लगा ली और उसका एक हाथ अपने अकड़े हुए निप्पल को मसलने लगा

और दूसरा उसकी चूत को |
उसने अपनी चूत में अपनी उंगली अन्दर बाहर करनी शुरू कर दी |

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“आआह्ह्ह्ह.....ओह्ह्ह्हह...” की कराहें उसके मुख से फूटने लगी |
ऊँगली रफ़्तार पकड़ने लगी |

बहुत जल्द उसका बदन ऐंठने लगा और कुछ ही पलों में वो सखलित होने लगी |
सलोनी हैरान थी | वो ज़िन्दगी में पहली बार इतनी जल्द सखलित हुई थी |
मुश्किल से दो मिनट लगे थे |
जबकि उसके पति को उसको सखलित करने में पन्द्रह वीस मिनट लग जाते थे |
शायद आज वो कुछ ज्यादा ही गर्म हो चुकी थी | शायद उसका जिस्म उसके पति के मुकाबले उसके बेटे को ज्यादा रेस्पोंस दे रहा था या शायद उनके रिश्ते की मर्यादा उनके इस अनैतिक कार्य में छिपी उत्तेजना को बढ़ा रही थी | कुछ भी हो आज तक सलोनी ना कभी इतनी उत्तेजित हुई थी और ना ही इतनी जल्दी छूटी थी |
नहाकर सलोनी वालों को तौलिए में लपेट कुछ देर के लिए बेड पर लेट जाती है | अब जब उसके दिमाग से काम का बुखार उतर चूका था और असलियत सामने थी तो उसे क्या हुआ था? क्या हो सकता था? और इस सब का क्या परिणाम निकल सकता है? यह सवाल उसे घेरे खडे थे |

एक पल के लीए तो उसे लगा जैसे शायद उसने कल्पना की है और उसके बेटे के बेडरूम में घटी घटना वास्तव में घटी ही नहीं है | मगर नहीं, वो जानती थी, वो उसकी कल्पना नहीं थी | वो अभी भी अपने होंठो के बिच अपने बेटे के लंड का स्पर्श महसूस कर सकती थी | उसके लौड़े के छेद से बहकर निकले रस का स्वाद अपनी जिव्हा अपने होंठो पर महसूस कर सकती थी | उसे अभी भी अपने सर में दो हिस्सों में हलकी सी पीड़ा का आभास था | यहाँ के बाल उसके बेटे ने उसके मुख को चोदते हुए अपनी मुट्ठियों में भरकर खींचे थे | उसके बेटे ने उसका मुख चोदा था | उसने अपने बेटे का लंड चूसा था | उसके बेटे ने उसका मुख चोदते हुए उसके मुख में अपना वीर्य उगला था | सलोनी ने अपने बेटे का लंड चूसते हुए उसका रस पिआ था |
Shandar जबरदस्त भाई
 

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‘हे भगवन! अब वो क्या करेगी? अब वो कैसे अपने बेटे का सामना करेगी? वो उसके बारे में क्या सोचता होगा? नहीं नहीं उसको मालूम था मैं उसके लंड की पीड़ा का निदान कर रही थी’, सलोनी खुद को तस्ल्ली देती है, ‘नहीं सलोनी, तुम असल में अपने बेटे के मोटे लंड को देखकर बहक गई, तुम उससे मज़े लेने लगी, सलोनी का मन मश्तिष्क वाद प्रतिवाद कर रहा था’ यह सब सोचते हुए एकदम से वो परेशान हो उठी थी |

जो बात उसे हैरान कर रही थी कि वो अपने ही बेटे पर मोहित हो गई थी | लेकिन क्यों और कैसे? उसकी कैसे का जवाब तो उसके पास था, मगर क्यों का जवाब वो ढूंड रही थी | उसने आज से पहले कभी भी अपने बेटे को गलत निगाह से नहीं देखा था तो आज फिर अचानक कैसे वो एकदम से उसके साथ सारी हद्दें पार करने को तैयार हो गई?

इस क्यों का जवाब शायद उसके पती के अचानक छुट्टियों में घुमने जाने का प्रोग्राम कैंसिल करने से था | वो नाजाने कितने दिनों से तैयारी कर रही थी | उसने कितनी इच्छाएं पाल रखी थी | पिछले दो साल से उसके पति ने छुट्टी नहीं ली थी और वो महीनो से प्लानिंग कर रहे थे | सलोनी के मन को कितना चाव चढ़ा हुआ था | उन्हें बस इंतज़ार था तो राहुल को स्कूल से छुट्टियाँ होने का | फिर वो किसी हिल स्टेशन पर जाने वाले थे, पूरे एक महीने के लिए | इस एक महीने उसका मूड फुल मस्ती करने का था | ऐसा नहीं था कि सलोनी का पति उसका ख्याल नहीं रखता था | वो तो उसकी हर जरूरत को हर शौंक को पूरा करने कि कोशिश करता था | वो तो उसकी शरीरक जरूरतों को भी हमेश पूरा करने की कोशिश करता था और करता भी क्यों नहीं, सलोनी जैसी खूबसूरत औरत किस्मत से मिलती है | मगर समस्या यह थी कि वो दिन भर के काम से शरीरक और मानसिक रूप से इतना थक जाता था कि वो सलोनी को उस तरह चोद नहीं पाता था, जिस तरह वो चुदवाना चाहती थी | सलोनी के बदन में इतनी कसावट थी कि जितना उसको मसलो उतनी ही उसमें कसावट बढती जाती थी | वो तो चाहती थी कि उसका पति उसे पूरी रात मसल मसल कर चोदे | मगर काम के बोझ के नीचे दबे उसके पति में इतनी हिम्मत कहाँ रह पाती थी |
आखिरी बार सलोनी और उसका पति तब बाहर गये थे | जब राहुल दस बरस का था | उस बात को बीते आठ साल गुज़र चुके थे | अब राहुल बारहवी में पड रहा था | सलोनी को आज भी वो समय याद आता था | जब कुलु मनाली की हसीं वादियों में उसने और उसके पति ने एक महीना बिताया था | उफ़ कैसे दिन थे! रात दिन उसका पति उससे चिपका रहता था | घंटो उसकी चूत चाट चाट कर उसको चोदता था | उसको इतना चोदता था कि वो बस-बस कर उठती थी | वो हसीं समय गुज़रे छे साल हो चुके थे, वो बाहर नहीं गए थे | इस विच हर साल उसका पति साल में तीन चार वार थोड़ी थोड़ी कर छुट्टियाँ लेता मगर उस थोड़ी समय में वो कहीं घुमने नहीं जा सकते थे | ऊपर से राहुल का स्कूल भी होता था और अब तो उसने पिछले दो साल से कोई छुट्टी नहीं ली थी |

इस बार उनका पक्का प्रोग्राम था | वो कैसे कैसे ख्वाब देख रही थी | छुट्टियों में रातें रंगीन करने के वो अपने पति से खुल कर खूब चुदवाने वाली थी | वो पूरी रात उससे चुदवाने वाली थी अलग अलग आसनों में | उसके पति ने भी ऐसी ही इच्छा ज़ाहिर की थी | रोज़ वो उसे बताता था कि वो छुट्टियों में किस किस तरह से उसे चोदने वाला था और जब वो समय पास आया तो उसके पति को जाना पड़ा | सलोनी के सारे ख्वाब टूट गए अब वो बाहर नहीं जा सकते थे | चाहे वो दो महीने छुट्टी लेने वाला था मगर तब राहुल का स्कूल शुरू हो जाने वाला था | जो मज़ा दिल्ली की गर्मी से दूर कहीं पहाड़ी वादियों में मस्ती करने से मिलने वाला था वो घर पर नहीं मिलने वाला था | शायद इसीलिए सलोनी आज अपने आप पर काबू नहीं रख पाई थी | इतने समय से दबी इच्छाएं पूरी ताकत से सामने आ गई थीं और सलोनी चाह कर भी खुद को रोक ना सकी जब उसके बेटे का तगड़ा लंड उसके सामने आया | वो अपनी इच्छायों की पूर्ती के लिए राहुल की और झुक गई |
Nice bhai
 

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“आआह्ह्ह” सलोनी लम्बी लम्बी सिसकियाँ भर रही थी | उसके हाथ बेड पर टिके हुए थे | वो बेड के पास चौपाया बनकर खड़ी थी | बल्कि यूँ कहा जाए वो बेड के किनारे घोड़ी बनी हुई थी और पीछे उसका पति उसकी कमर थामे उसकी चूत में लंड पेले जा रहा था |

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हर धक्के पर सलोनी कराह रही थी |
वो अपना सर बेड पर टिका देती है और
धक्कों के कारण झूल रहे अपने मम्मों को मसलने लगती है |

“ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़” आज तो बहुत मज़ा आ रहा है |
कैसे उसके पती का लंड उसकी चूत में पूरी गहराई तक घुस रहा था
और वो कितने ज़ोरदार धक्के मार रहा था |

सलोनी अपने पति की उस ताबड़ तोड़ चुदाई से बहुत ज़बरदस्त आनंद महसूस कर रही थी |
वो अपने पति को कुछ कहना चाहती थी |
शायद उसकी इस ज़ोरदार मेहनत के लिए उसकी तारीफ करना चाहती थी |
वो चाहती थी कि वो अपने पति की आँखों में झांकें जो हमच-हमच कर उसको चोदे जा रहा था |
सलोनी धीमे धीमे अपना सर पीछे की और घुमाती है |
अचानक उसे अपनी ज़िन्दगी का सबसे बडा झटका लगता है |
उसके पीछे खड़ा उसको चोदने वाला उसका पति नहीं था बल्कि उसका बेटा राहुल था

जो अपनी माँ की चूत में किसी सांड की तरह लंड पेले जा रहा था |
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“नहीईईइईईईई” सलोनी चीख पड़ती है |

मगर यह क्या? वो तो अपने कमरे में अकेली थी अपने बेड पर, बिलकुल नंगी, एक ही पल में सुबह की सारी घटनाएं उसकी आँखों के आगे घूम जाती हैं | वो सपना देख रही थी | नहाने के बाद जब वो बेड पर लेटे लेटे अपनी सोचो में गुम थी तो उसे नाजाने कब नींद आ गई | दोपहर के दो बजने को आए थे | उसे राहुल को खाना देना था | उसे खुद भी भूख महसूस हो रही थी | एक ठंडी आह भरकर सलोनी बेड से उठ जाती है और शिंगार के लिए शीशे के सामने बैठ जाती है | वो अपने बालों से तौलिया हटा देती है | अब वो नंगी आईने के सामने बैठी थी और उसके बाल उसकी पिठ पर लटक रहे थे | सलोनी खुद को आईने में निहारती है | उसकी नज़र अपने चेहरे पर पड़ती है तो उसे अपनी आँखों में कुछ लाली नज़र आती है | शायद पिछली कई रातों से ठीक से ना सो सकने की वजह से था | वो अपने खुबसूरत मुख को निहारती रहती है | वो अब भी इतनी सुन्दर थी कि किसी का भी दीन इमान डोल सकता था | उसकी नज़र निचे की और जाती है तो उसे अपने भारी मम्मो के निप्पल तने हुए महसूस होते हैं | वो अपनी उँगलियों से अपने मम्मो को छूती है | वाकई में उसके निप्पल तने हुए थे | शायद सपने की वजह से | ‘उफ्फ्फ्फ़’ उसका बेटा उस पर जादू किए जा रहा था | उसके सपनो में भी आने लगा था या फिर खुद उसकी खवाहिश इतनी जोर पकड़ चुकी थी कि वो सपनो में भी अपने बेटे से चुदवाने लगी थी ना के अपने पति से |
शानदार bhai
 

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राहुल सलोनी की बाते सुनकर बहुत शर्मिंदा होता है कि
उसकी मम्मी को उसके सामने माफी मांगनी पड़ी ऐसा वह भी चाहता था
पर इसतरह नही सलोनी कहति है “अब और क्या चाहिए” राहुल शर्माकर कहता है

“मोम..आप अपने आप ही पीछे आ जाओ..में करूँगा तो दर्द होगा.??
और सलोनी धीरे धीरे आगे पीछे अपने आप होने लगी और लंड गांड में घूसने लगा..

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फिर राहुल ने सलोनी की कमर को पकड़ा और सलोनी को अपने ऊपर उठा लिया
और निचे आ गया..जिसे सलोनी की गांड में राहुल के लंड को जाने में मुश्कक़िल न हो..
तो सलोनी भी राहुल के ऊपर आ के अपने आप ऊपर निचे होने लगी??
और यह??.यह??..प्लीज्????.करने लगी और अब राहुल भी सलोनी को हलके हलके चोदने लगा


38393


और सलोनी का दर्द अब बढ्ने लगा..
फिर राहुलने अपनी नार्मल स्पीड पे चोदना स्टार्ट किया और
सलोनी का दर्द तेज़ हो गया तो सलोनी रुक गई..
और जैसे की जलन हो रही हो ऐसे फ़ूंक मारने लगी..
ओह फू वह फु ??????.यह?? और सलोनी रुक गई.
फिर राहुलने सलोनी को उलटा लिटा दिया..
राहुल का पूरा लंड सलोनी की गांड में चला गया था.

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सलोनी की आँखों से फिर से आँसु आ गए थे..राहुल भी सलोनी के ऊपर उलटा लेट गया
और सलोनी का फेस टर्न कर के सलोनी को किस करने लगा..
लंड सलोनी की गांड में ले के आराम से रख के सलोनी को किस कर रहा था
और फिर राहुलने धीरे धीरे अपने लंड से सलोनी को चोदना स्टार्ट किया
और सलोनी के मम्मो को हाथों से दबा के सलोनी की निप्पल्स को मसलने लगा..
जिसेसे सलोनी को अब दर्द तो हो रहा था पर महसूस नहीं हो रहा था
अब राहुल सलोनी को धीरे धीरे जोर से स्ट्रोक्स देणे लगा

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और सलोनी को नार्मल जैसे चुत में चोद रहा हो ऐसे सलोनी को चोदने लगा
और सलोनी का हाथ ले के उसे सलोनी की चुत को मसलने लगा??
सलोनी के हाथ को पकड़ के राहुल मसल रहा था और चाहता था
की सलोनी फिर से झड जाए..और इधर राहुल ताक़तवर स्ट्रोक्स लगा रहा था?

सलोनी और राहुल फिर से तेज़ी से सांस ले रहे थे..
जब किस नहीं हो रहा था और सलोनी का किस टूटते ही सलोनी की आआआहहह??.
यह??ऑफ़??फिर से स्टार्ट हो गया पर अब की बार वो धीरे कर रही थी..
क्यों कि राहुल सलोनी को चुत को मसल रहा था.
राहुल भी अब फिर से पसिना पसिना हो गया था..
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और अब झड़नेवाला था तो राहुल सलोनी को जोरो से चोदे जा रहा था??..
बिना कुछ सोचे की सलोनी की गांड की क्या हालत होगी.
.जब उसे लगा की में अब झड़नेवाला हूँ तो राहुलने सलोनी का हाथ छोड़ा
और सलोनी के ग-स्पॉट को पकड़ के सलोनी के ग-स्पॉट को सहलाने लगा
और सलोनी अब प्लेयजर के मारे अपनि चुत में ऊँगली तेज़ी से करने लगी
और राहुलने सलोनी को स्ट्रोक्स देना स्टार्ट किया और सलोनी की गांड में झड गया??.


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मस्त रस का फ़व्वारा निकल रहा था..और में सलोनी के ऊपर लेट गया
और सलोनी भी अब झड़ने वाली थी और
सलोनी की चुत से भी फ़व्वारा निकला और सलोनी की गांड से राहुल का रस निकल के सलोनी की चुत से निकलते रस में मिल गया
और राहुल सलोनी के ऊपर से हट के हाथ खोले लेट गया.
.सलोनी को ज्यादा सॉलिड दर्द हो रहा था..
क्यूँकि वो पलट नहीं रही थी..और राहुलने सलोनी को अभी परेशान करना ठीक नहीं समझा

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( बस दोस्तो अब यह कहानी यही समाप्त कर रहा हु अब आगे जो भी लिखूंगा वह रिपीट ही होगा तो यही कहानी समाप्त करता हु " मैं यह कहानी शुरू से पढ़ रहा था यह मेरी मनपसंद कहानी थी तो मैंने इसे आगे शुरू रखने का प्रयास किया मैं इसमें कितना सफल हुवा यह नही जानता अगर आपको मेरा प्रयास अच्छा लगा हो तो कमेंट जरूर करे )

मेरी तरफ से ( समाप्त )
Bhai bohot hi badiya kamuk tarikese apne ise likha hey ekdam fabulous outstanding update the ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
 

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