Adultery Hindi sex stories

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सुबह उठा तो खुद को अकेला पाया और नंगा । मैने घरी देखा तो सोक गया घड़ी में 8 बज रहे थे । में जल्दी से हड़बड़ा के उठा और बाथरूम में भागा ।



नहा धो कर आधे घंटे में निकला और सिर्फ तोलिए में ही आधे गीले बदन ले कर किचन में गया । प्यारी सासु मां भी नहा धो के तैयार थी गीली लंबी बाल उनकी कमर छू रही थी । उन्हे देखते ही राति की यादें ताजा हो गया और में खुशनुमा हो कर जान बूझ कर अंगराई ले कर उनके पास गया और गोला " गुड मॉर्निंग। क्या बना रही हो "



सासू मां शर्माती हुई मुस्कुराई और मेरी तरफ़ बिना देखे बोली " ब्रेड अमोलेट बन रहा है । जाओ में लाती हूं "



में बोला " अच्छा " और उनकी कलाई पकड़ के अपनी और खींचा ।




नाजुक बदन की सासु मां मेरे छीने में आ पड़ी और बुरी तरह शर्मा गई । मैने उनकी माथे पर किस किया और फिर जैसे ही होठों पर किस करना चाहा सासु मां ने मेरे होठों पर उंगली रख कर गंभीरता से बोली " हम ये गलत कर रहे हे। में अपनी बेटी की जिंदगी बरबाद होते हुए नही देख सकती । हमे यही रुक जाना चाहिए "



नहाते हुए में यही सब बातों को के बारे में सोच रहा था और पता था मेरी सासु मां इस बात का जिक्र करेगी । तो में पहले से ही तैयार था और में सासु मां की चेहरे को अपनी हथेली पर ले कर बोला " बरबाद तब होगी जब में आपको अपना कर उसे छोड़ दूंगा । में तो आप दोनो को अपना रहा हूं । " और मजाक में बोला " सोमवार से शुक्रवार तक आप मेरी बीवी । शनिवार और रविबार आप भाड़ में जाओ "




ये बोल कर में दो कदम पीछे हट गया तब सासु मां की सकल देखने लायक थी । वो बोली " क्या बोला तुमने फिर से बोलो जरा । क्या बोला भाड़ में जाओ "




यही तो औरतों का मजा होता है मीठी नोक जोक छेड़छाड़ यही तो मर्दों का दिल खुशनुमा करता हे । में भागने लगा सासु मां तुरंत गैस ऑफ करती है और चमची उठा कर मेरे पीछे भागती है । में भी कुछ कम नही था सासु मां को सोफे का 10 शक्कर लगवाता हूं ।




मुझे ना पकड़ सकी और और सासु मां सोफे पर थक हार के बैठ गई मैं सोफे पर लेट जाता हूं और उनकी गोद में सर रख कर प्यार भरी नजरो से उन्हे देखता रहता हूं ।


सासू मां मेरी बालों पर हाथ फिरती हुई बोली " वादा करो इससे तुम मेरी बेटी से जरा भी कम प्यार करने में कमी नही करोगे"



में सासु मां की हाथ चूम कर बोला " वादा हे । 7 वचन का वादा किया है एक वचन टूट गया हे जो आपको भी प्यार करने के लिए तोड़ना पड़ा । पर में सुहाना के साथ 6 वचन मरते दम तक निभाऊंगा "



सासू मां मुस्कुरा कर बोलो " मेरे साथ कितने वचन निभाओगे । "



में मुस्कुरा कर उनकी नाभि पर जीव डाल देता हूं । सासू मा भी कम गर्म औरत नही थी सिसकती हुई मेरे सर कर अपनी पेट पर दबा देती हे और बस क्या था ऊनकी बदन से खुशुदार साबुन की महक आ रही थी और मैं उनकी संकरी नाभि पर जीव कुरेदते हुए एक हाथ से चूची मसलने लगता हूं । सासू मां गर्मी आह भरते हुए मेरे सर सहला रही होती हे।





में धीरे धीरे उनकी मखमली पेट दातों से धीरे धीरे काट के चूसता रहता हूं । सुहाना पतली थी उनकी बदन पर जरा भी चर्बी नही थी पर उनकी मां चर्बी से भरे हुए थे एक अलग ही मजा था ।



सासू मां ने तो ब्रा भी नही पहना था उनकी चूची मसलते मसलते उनकी ब्लाउज की हूक टूट ही जाती हे जो एक हूक बचा था वो में खोल देता हूं और उनकी नंगी चूचियां मसलने लगा। तब सासु मां खुद झुक कर मेरे मुंह में चूचियां देती हे । उनकी एक चूची की गेहूंये रंग की अंगूर जितनी मोटी घुंडी मुंह में ले कर चूसने लगा ।




सासू मां की चेहरे को प्रतिक्रिया देखने लायक थी उसे परमांद आ रहा था । मस्ती में आह्ह्हह्हह इस उफ्फ करती हुई अपनी चूचियां चुस्वाने लगी ।





काफी देर तक में उनकी चूचियां चूसता रहता हूं और दातों से भी धीरे धीरे काट लेता था जिससे सासु मां और उत्तेजित हो जाती थी और कसमसा के रही जाती ।





में उठा और सासु मां की ब्लाउज उतार कर उनकी सारी उतरने लगा सासु मां तब क्यू नजाने शर्म लाल गुलाबी हो रही थी । में उनको पूरा नंगा कर सोफे पर बिठा कर उनकी टांगे खोल के उनकी चूत देखने लग जाता हूं जो की कामरस से चूत की होठ चमक रही थी । मुझे अपनी चूत पर घूरते हुए पा कर सासु मां शर्मा रही थी ।





मुझे हसी आई सासु जूठा गुस्सा दिखा के मेरी मुंह नौच लिया और बोली " बोहोत कामिनें हो । कुत्ता हो "



में दूर से ही चुम्बन देता हूं जिससे सासु मां मुस्कुराती हुई मुंह फेर लेती है। में उसे चिढ़ाने के लिए बोला " हाय कहा छुपा के रखा था ना अपनी ऐसी हुस्न को "



सासू मां और शर्मा गई " पिटोगे तुम । नालायक। कुत्ता कामिना "



में मुस्कुरा कर उनकी चूत पर चूम के उनकी आखों में देखने लगा और सासु मां शर्माती हुई मुंह फेरने लगी । में फिर जीव निकाल कर चूत की दना चाटने लगा धीरे धीरे मैने देखा सासु मां आनंद में सर पीछे की और गिरा के आंखे बंद कर लुफ्त उठाने लगी ।





में उनकी खूबसूरत और कामुक चूत को चाट चाट के उंगली भी करने लगा । और धीरे धीरे जीव नीचे ले गया उनकी गांड की छेद की छल्ला चाटने लगा । सासू मां तुरंत ही सर उठा के देखने लगी और जब मैने आंख मारी सासु मां ने मेरे सर पर छपाट लगा के मेरा सर दूर कर के ऊपर चढ़क कर बैठ गई । मैने सोचा अभी नही तो बाद में ही सही और में अपनी टांगे फैला के बैठ गया । और में सासु मां की आखों में देखने लगा ।
 
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सासू मां भी मेरे नजरो का मतलब समझ के शर्माती हुई सोफे से नीचे आई और घुटनों के बल मेरी आखों में शरारत भरी नजरों से देखती हुई बड़े प्यार से मेरे तोलिए दोनो तरफ से फैला देती हे । झट से मेरा लन्ड ऊपर उठ कर लहराने लगे ।



सासू मां बड़े प्यार से बोली " प्लीज आंखे बंद कर लो "




में मुस्कुराते हुए अपनी आंखे बंद कर लिया । सासू मां प्यार से मेरे लंद को मुट्ठी में पकड़ लेती हे और धीरे धीरे अपनी गाल पर मारती है। मुझे मजा आ रहा था और अलग नया एहसास मिल रहा था क्यू की सुहाना ने कभी ऐसा नहीं किया था ।


और फिर धीरे धीरे मुंह में ले कर चूसने लगी । जन्नत का मजा मिलने लगा । में थोड़ा सा आंखे खोल के देखने लगा देखा सासु मां आंख बंद करती हुई चूस रही थी । साइड कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था उन्हे चूसने में ।





कुछ देर बाद सासु मां ने आंखे खोली और मुझे खुली आंखों से देखता पा कर मेरा लंद मुंह से निकाल कर जूठा गुस्सा दिखा के बोली " चीटर । जा नही करती "




और सोफे पे बैठ गई । में उनकी टांगों के बीच घुटने टेक दिया सासु मां बोली " उम्ह्ह्ह्ह नही जाओ तुम्हे देर हो रही हे स्कूल जाओ "



में अपने लंद का सुपाड़ा उनकी रसीली चूत पर घिसते हुए बोला " आपको लगता हे अब में स्कूल जाऊंगा ऐसे आपको छोड़ कर "



सासू मां सिसकती हुई मुस्कुराई और में उनकी पाओ पकड़ के धीरे धीरे लंद घुसाने लगा । क्या कामुक सासु मां थी उफ्फ उफ्फ आहहहह आंहहह करती हुई इतनी कामुक चेहरा बनाई की लगा की जी भर के प्यार करूं।




में पूरा लंद उतार दिया और सासु मां मेरे छाती पर हाथ रख के सिसकती हुई मेरा लंद अपनी चूत पर घुसते हुए देखती रही ।


मैने उनकी पाओ छोड़ के अपनी बाहें फैला दी । सासू मां ना में से हिला दी। मैने आखों के इशारे से पूछा तो सासु मां मुस्कुराती हुई अपनी बाहों में आने का इशारा किया पर में सासु मां को बाहों में भर कर उन्हे गोद में उठा कर सोफे पे बैठ गया जिससे मेरा लंद और अंदर चला गया । सासू बुरी तरह सिसकारियां मारती हुई मेरे चेहरे को चूम चूम के बोली " आह्ह्हः प्यार से जानू। लगती है बोहोत बड़ा है"



में उनकी गर्दन चूम चूम के उनकी मखमली गांड मसल मसल के बोला " आदत पड़ जायेगी आपको । सुहाना तो अब उछल उछल के लेती है। वैसे मां आपकी इतनी टाइट क्यू हे "



अपनी बेटी के बारे में सुन के शर्मा गई पर बोली " सुहाना को पहली बार बोहोत ब्लीडिंग हुई थी ना "



में मुस्कुरा कर बोला " पर उसका खयाल भी रखा वो नही बताया कितना प्यार किया मैने उसे तीन दिन बाद ठीक से कर पाया देती ही नही थी । और आपको ये सब भी बताती हे वो "



सासू मां शर्म से मेरे गाल चूम चूम के बोली " उफ्फ। हर बेटी अपनी मां से बताने लायक हर बात बताती हे । "



में नीचे से उछल कर धक्के मार के बोला " मां आपको भी आदत पड़ जाएगी । आप भी देखना सुहाना की तरह उछल उछल कर लोगी मेरा "




सासू मां बोली " उन्ह्ह्ह्ह्ह आराम से जानू । प्लीज अब मां मत बोलो सुनंदा नाम से पुकारो "



में बोला " क्यू "


सासू मां गहरी सांसे ले कर बोली " प्लीज बिस्तर पर ले चलो "



में सासु मां को वैसे ही गोदी में उठाते हुए उनकी कमरे की बिस्तर पर ले चला और और चढ़ कर फिर से उनकी चूत में लंद घुसा दिया। वो मेरी बाहों में समा जाना चाहती थी और में भी उसकी बगल से हाथ घुसा कर उसे बाहों में जकड़ के धीरे धीरे चोदने लगा और होठों को चूम चूम कर पूछा " बताओ ना सुनंदा "



सासू मां " आह्ह्हह्हह्ह । आह्ह्हह्ह । उन्ह्ह्ह्ह । मुझे अपनी बीवी की तरह ट्रीट करो उफ्फ जानू । में आपकी हुई उह्ह्ह्ह्ह्ह ओह मां "




में भी धीरे धीरे मगर दबा दबा के लंद अंदर तक ठोकने लगा । और जब मेरा लंद अंदर तक जाता तब सासु मां की चेहरे की आकर देखने लायक होती थी थोड़ा थोड़ा दर्द जरूर हो रही थी पर पूरा मजा आ रहा उन्हे । और मेरे गले में बाहें लपेट के नागिन की तरह लिपट जाना चाहती थी



में भी उसे चोद चोद के सवाल कर रहा था " सच में । अपनी बीवी की तरह इस्तेमाल करूंगा में तुम्हे । ऑर्डर दूंगा में । और दातुंगा भी "


सासू मां मस्ती जवाब देने लगी और मुस्कुरा के बोली " हा जो करना है करो उन्ह्ह्ह् । पर प्लीज मुझे बोहोत प्यार करना आहहहह "



में शरारती अंदाज से पूछा " प्यार या चूदाई "



सासू मां शर्मा गई और मेरा होठों दातों में दबाती हुई बोली " दोनो आहहहह। जानू हो आज से तुम उम्ह्ह्ह्ह्ह "




में कुछ बोलता नही सासु मां चूदती हुई सकल मुझे इतनी उत्तेजना बढ़ा रहा था की में तेज तेज धक्के लगाता हूं सासु मां की आंखे बड़ी हो गई और गला फाड़ के चिल्ला चिल्ला के कूची देर में झड़ गई ।



सासू मां हाफ हाफ के बोली " जानू जानू रुको थोड़ा रुक उफ्फ मां"


में सासु मां के ऊपर से उठ के अलग हो गया और पैर बैठ गया तब सासु मां उठ कर मेरे गोदी में टांगे फैला कर मेरे कमर में बांध कर मेरे होठों को चूसने लगी ।




में अपनी सासु मां की आंखो में देखता रहा । सासू मां इशारों से पूछा कि क्या हुआ तो मैंने उनकी कमर पकड़ के उनकी होठ चूस के बोला " आप बोहोत खूबसूरत हो । पूरा बदन खा जाने का मन कर रहा है"


सासू मां मेरे मुंह पर उंगली रख के बोली " फीर से आप । तू । तेरी । तुम। समझे । सुहाना की ट्रीट करो मुझे । "


में उनकी पीठ सहला के बोला " बेबी मेरा बोहोत मन कर रहा है "



सासू मां मेरी आंखों में झांक कर बोली" तोहहह रोका किसने हे। अपना हक जमाओ umaahhhh "



में प्यार से बोला " पर तुम्हे तकलीफ होगा "



सासू मां बोली " कुंवारी लड़की थोरी हूं "



सासू मां भी समझ रही थी मेरी जवानी का आग किस तरह से निकलना चाहता हे। और में मंजूरी पा कर सासु मां को कुटिया बना दिया और उनकी गोरी गांड मसल मसल के लाल कर दिया सासु मां भी तैयार थी गर्दन घुमा कर कामुक नजरो से मुझे उत्तेजित कर रही थी।



मैने सासु मां की चूत में लंद धीरे से घुसाया और फिर शुरू हो गया । पूरे ताकत से ठुकाई करने लगा सासु मां की । कमरे मे बास सासु सासु मां की जोर जोर की चीख और थाप थाप थाप गूंज । उनकी कमर पकड़ मैने आंखे बंद कर के पूरे आनंद को महसूस करते हुए राजधानी एक्सप्रेस की तरह स्पीड में चोदा और 10 मिनिट तक मे चोदता रहा और कटे पेड़ की तरह धड़ाम से गिर पड़ा ।





सासू मां घुटनों के बल खड़ी हुई और अपनी चूत सहलाती हुई सुबकने लगी " कुत्ता साला । उह्ह्ह कमिना । आई उफ्फ मां उफ्फ हाय मेरी मुन्नी उह्ह्ह्ह्ह् "



सासू मां की हालत देख कर प्यार भी आ रहा था और हसी भी । मेरी हसी देख कर सासु मां मेरे ऊपर गिर पड़ी और मेरे छाती पर मुक्का मार मार के बोली " हास रहे हों। ये प्यार हे तुम्हारा हम्मम। मेरी हालत खराब कर दी "



में सासु मां को बाहों में भर के प्यार से बोला " sorry बेबी बोहोत दिन से प्यासा था । माफ कर सो "


सासू मां मासूमियत से अकड़ दिखा के बोली " नो सॉरी मुझे अच्छा लगा । कभी कभी ऐसा ही करना जब मे नखरा दिखाऊं "



में बोला " क्या करना हे बेबी थिक से नाम ले कर तो बोलो "


सासू मां मुस्कुराती हुई मेरा कान काट के धीरे से बोली " जब तुम्हारी बात ना मानू नखरा दिखाऊं तब ऐसे ही अपनी बेबी को पटक के कस के चोदना । "



मैने सासु मां की गांड की छेद पर उंगली करते हुए बोला " ये कब दोगी "


सासू मां दात दिखा के बोली " कभी नही"



में मिन्नते कर के बोला " प्लीज मुझे इसकी लेनी है अब तक सुहाना की भी नही ली कहती हे बच्चे होने के बाद "




सासू मां बोली " बड़े नसीब वाले हो मां बेटी दोनो की । "



में जोश में सासु मां को अपने नीचे लेटा हूं और उनकी बगल की बालों में नाक घुसा कर बोला " ज्यादा मत बोला करो वरना तुम्हारी बगल खा जाऊंगा में । पता है जब तुम्हारी बगल ब्लाउज में पसीने से भीगी रहती है मुझे कितना जोश आता है "



सासू मां भी चिढ़ाती हुई बोली " क्या कर लोगे तुम में बोलूंगी ज्यादा "



में अपना मुरझाया हुआ लंद उनकी चूत पर मारने लगा सासु मां ठेंगा दिखा के चिढ़ाने लगी । और में भी जोश में हस्ते हुए उनकी चूत पर पटकता रहता हूं । बस 5 मिनिट में मेरा लंद इतना सख्त हो गया और उसे पकड़ के रास्ता भी दिखाना ना पड़ा और लंद सासु मां की गीलीचूत में समा गया




सासू मां चिंख पड़ी " आऊहहहह मर गई"



में मुस्कुरा के बोला " अब बोलो "


सासू मां मुस्कुराती हुई ना ने सर हिलाने लगी । में भी उनको प्यार से पूछा " करना हे या आराम चाहिए "



सासू मां बोली " बदन मे जान नही बची है पर मन है की भरता ही नही "



मैने बोला " नही बेबी । ठीक से बताओ में नही चाहता तुम्हे ज्यादा तकलीफ हो एक हद तक ठीक हे "



सासू मां मेरा होठ चूम के बोली " कितनी बुद्धू हो जानू । 10 सालों से तड़प रही हूं । उम्ह्ह्ह्ह्ह हालत बिगाड़ दो मेरा प्लीज जी भर के प्यार करो ना "



मैंने बोला " ऐसी बात हे "



सासू मां सर हिला के बोली " हम्मम "




फिर सासू मां की सिर्फ आह आह आह आह आह की ही सिसकरिया निकलती रही जब तक में ठंडा नही होता
 
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मेरी सुहागरात







ससुरजी ने मुझे गिफ्ट दिया । एक 5 स्टार होटल पर हनीमून स्वीट बुक करवाया दो दिनों के लिए । में रिजुल और मेरी नई नवेली दुल्हन रितिका हम हनीमून स्वीट पर एंट्री की ।



रितिका और मेरा अरेंज मैरिज थी पर शादी से पहले 4 महीने में हम दोनों में प्यार हो गया था। और दोस्ती भी हो गई थी और फोन पर ढेरो बाते जिनमे सेक्स की बाते भी होती थी और हम एक दूसरे को काफी जानते थे।



मैने रितिका को बोला " जाओ पहले फ्रेस हो जाओ बेबी"


रितिका दुहाल की ड्रेस में थी और अपनी मेंहदी रची कोमल हाथो को मेरे कंधे पर रखते हुए मेरे आंखो में देखती हुई प्यार भरी अंदाज में बोली " मिस्टर पहली रात में पति अपनी पत्नी की डुहल की ड्रेस खुद उतरता है मालूम नही आपको "



में भी मुस्कुरा के बोला " बेबी पुरानी रीति रिवाजों में बिस्वास नही करता । मुझे मालूम है तुम बोहोत थक गई हो जाओ पहले फ्रेस हो जाओ "



रितिका बोली " इतना प्यार मेरी इतना ख्याल हमेशा रखोगे ना "


मैने उसकी होठों पर प्यार से चूम कर बोला " वादा है जिंदगी भर तुम्हारा खयाल रखूंगा "



रितिका भी मुझे चूम के प्यार भरी नजरो से घूरते हुए बाथरूम मे चली गई ।




हमारे बीच पहले से ही शारीरिक संबंध बना चुका था होटलों में कोई राते हम बिता चुके थे बिना घर वालो को मालूमात के जब हमारी शादी की तारीख टाई हुआ था और जब हमें प्यार हुआ था।





तो हमारे बीच कोई पर्दा ना था । उस रात हमने जी भर के एक दूसरे को प्यार किया था । और बोहोत सारे प्यार भरी बाते कसने वादे खाय थे ।




वो बोहोत खूबसूरत थी और में भी हैंडसम था एक अच्छी कंपनी के मैनेजर था अच्छी तंखा थी और एक अच्छे खानदान से ताल्लुक रखता था । मुझे विश्वास हो गया था की वो वफादार पत्नी बनेगी कभी बेवफा नही करेगी मुझसे ।



मेरा लन्ड साधारण ही था 5 इंच का । और मैने उसे पूछा था की तुम मेरे लंद से खुश हो । तो पहले तो उसने खुश हूं ही बताया था पर मैने जोर दिया की और उसने मुझे बताया था की " देखो हर लड़की का सपना होता चाहत होती हे की उसका पति जज्बाती हो बोहोत प्यार करे और सेक्स में भी अच्छा हो । आकार से इतना फर्क नही पड़ता है और तुम मुझ खुश कर सकते हो तो में खुश हूं "



मुझे उसकी बात पर विश्वास था । में 15 से 20 मिनिट तक तो अपनी स्टैमिना दिखा सकता था और देखा जाय तो ये सक्षम माना जाता है।




पर होनी को कोन ताल सकता है। रितिका ने बताया थी की उसकी एक बॉयफ्रेंड था जिसका नाम जाहिर था । पर एक साल पहले उसकी अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हुआ था । रितिका ने बताया था की जाहिर एक नंबर का लफंगा था उसकी कोई लड़कियों के साथ रिश्ते थे इसलिए उसने उसे नाता तोड़ दी थी । और उसने ये भी बताया था की जाहिर के साथ उसके रिश्ते सिर्फ चूमना छाती तक ही थी ।




रात के 3 बज रहे थे । रितिका को पिसाब लगी तो वो नंगी ही बाथरूम में घुसी । पर वो बाथरूम में घुसते ही सोक हो गई । क्यू की जाहिर अंदर था । जाहिर उसी होटल के मालिक के बेटे थे और उसके पास हमारे स्वीट की चाबी होना और छुपके से हमारे स्वीट पर अंदर आना आसान काम था ।



रितिका भी दर गई और अपने आपको ढकने की कशिश की थी। वो बुरी तरह सोक गई थी । गुस्सा तो उसे बोहोत आई थी पर फिर भी मुझे पता ना चले और अपनी शादी बरबाद ना हो इसलिए उसने धीमी आवाज में पूछा " जाहिर तुम यहां कैसे। क्या कर रहे हो तुम यहां"




जाहिर भी नंगा था। उसने तुरंत ही रितिका को खींच के अपनी बाहों में लिया और बोला " तुमने मुझे धोखा दिया हे रितिका । पर तुमने मुझसे वादा किया था की तुम मेरे साथ ही सुहागरात मनाओगे "



रितिका उसे धक्के दे कर निकालना चाहती थी और उसे जलाने के लिए बोली " मेरी सुहागरात हो चुकी है। तुम यहां से चले जाओ अगर अपनी सलामती चाहते हो तो वरना जेल जाओगे । तुम आए कैसे "



जाहिर एक bodybuilder था हट्टा कट्टा इंसान था । रितिका उसने यूं हवा में उठा कर वासिन की सेल्फ पर उठा के रितिका की टांगो के बीच में घुस कर अपना लंद छटा कर एक कड़डा झटका दिया । रितिका किसी तरह अपनी चीख अपनी बंद मुंह में दबा तो ली पर दर्द से बिलबिलाती हुई जाहिर के कंधे पर अपनी पंजों की नाखून से खरोचते हुए सर दाएं बाएं पटकने लगी।





जाहिर रितिका की मुंह दबा के बोला " आचली सुहागरात तो अब होगा मेरी जान "


जाहिर ने फिर ताबोर तोड़ धक्के मारने लगा । रितिका चाह कर भी चिल्ला नही पाई और आसू बहाती हुई छटपटाती हुई जाहिर के पत्थर जैसे छाती पर हाथ मारती रही ।




जाहिर कुछ धक्के मार के रुक गया उसका 8 इंच का मोटा लन्ड रितिका की चूत में पूरा घुसा हुआ था । रितिका हाफ हाफ के जाहिर के कंधे पर सर रख देती है और धीमी आवाज में कहती हे " में मर जाऊंगी "
 
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करते है एक नई कहानी की शुरुवात
 
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एक हादसा


मेरे पापा और चाचा बिजनेस करते थे और हमारी एसो आराम में कोई कमी नही थी हमारा खुशाल परिवार था पापा और चाचा दोनो भाई थे । पापा मम्मी मे और मेरी दीदी , चाचा चाची हम ६ लोग हसी खुशी रहते थे । चाचा चाची की शादी दो साल ही हुए थे चाचा पापा से १० साल छोटे थे दोनो के अभी तक कोई बच्चा नही हुआ था । घर की तीनो स्त्री बोहोत खूबसूरत थी ।








मम्मी थोड़ी ज्यादा हदराई हुई थी थोड़ा भारी जिस्म की चूचियां और गांड ज्यादा बड़े बड़े थे । (38-34-40)





चाची भी गदराई हुई थी परफेक्ट शादी शुदा जिस्म थी उसकी भी ।(34-30-34)





दीदी एक दम कमसिन थी दुबली पतली लेकिन उसकी चूचियां उभार कर ग्रोथ हो रही थी ।(30-24-28)

कहानी शुरू होती है पापा और चाचा की वजह से दोनो को एक बुरी लत थी जुवा खेलने की और दोनों ने एक बार ८० लाख रुपए जुवे में हार गए थे और दोनो हरा हूवा पैसा सुका नही पा रहे थे । भर पर धमकियां आ रही थी जीतने वाले लोगो से । सभी परेशान थे कुछ भी कर के पापा और चाचा ने ४० लाख रुपए चुका दिए थे बाकी के बाद में देने को बोल कर आए थे ।



थोड़ी परेशानी कम हुई इसलिए कुछ खुशी मनाने हम लोग पिकनिक मनाने गए । पापा ड्राइव कर रहे थे चाचा भी आगे बैठे थे 7 सीटर गाड़ी थी हमारी बीच में मम्मी और चाची बैठी थी आखिर मे मे और दीदी बैठे थे । हमलोग अंतकचरि खेलते हुए जा रहे थे।




अचानक कुछ काली गाड़ियों ने हमारे गाड़ी को घेर लिया । पापा को मजूबुरन गाड़ी रोकनी पड़ी । उन गाड़ियों से लोग उतरे और हमे जबरदस्ती गाड़ी से घसीट के निकालने लगे । हाईवे भी एक दम सुनसान था । पापा और चाचा समझ गए थे वो लोग कोन थे इसलिए पापा और चाचा ने अनलोगों से कहा की हम एक एक पैसा चुका देंगे बस एक हफ्ते को मोहलत दे दो । लेकिन वो लोग नही माने सभी लोग गुंडे थे वो लोग बोले की जिनको पैसा चुकाना ही उन्होंने हमे सुपाड़ी दी हे तुम दोनो को सबक सिखाने की और हम अपना काम कर रहे थे ज्यादा होशियारी की तो जिंदा दफना देंगे ।




मम्मी चाची और दीदी का दर के मारे रोना धोना शुरू हो गए । मैने भी उनको बचाने की कशिश करी तो मुझे भी पीट दिए। जबरदस्ती हम लोगो को गाड़ी में डाल कर एक जंगल में ले के गए । एक जगह हमे उतारा पापा और चाचा को चार लोग कही ले के गए दूर । हम डर गए पता नही पापा और चाचा के साथ क्या करेंगे । मम्मी चाची रो रो कर भिन्ख मांग रही थी दीदी सेहमी हुई थी।




उनमें से किसी ने कहा लड़के को पेड़ पर बांध दे और तुरंत मुझे एक पेड़ बांध दिया नीचे बैठा का मेरे दोनो हाथ पीछे से बंधा और मेरे मुंह पर कपड़ा ठूंस दिया ।




अब नजारा ऐसा था की मेरे घर की तीन इतज्जत उन भूखे भेड़िए ने घेर रखा था और उमलोगो ने कहा " भाई लोग अब इन तीन हिरणी को स्वाद ले के पेल देंगे ।"


" हा भाई हा ऐसी संस्कारी घर की माल चोदने में बोहोत मजा आयेगा देखना कैसे चीखेगी "


", हा भाई आज तो जलशा होगा "




मम्मी चाची और दीदी दर के मारे मूत दिए और रहम की भीख मांगने लगे । मम्मी और चाची ने सारी पहन रखी थी और दीदी ने जींस और टॉप । तीनो को एक दूसरे के इधर छीना झपटी करते हुए एक एक कर के कपड़े फाड़ रहे थे । तीनो औरते बिलख बिलख के रो रही थी खुद को बचाने की कशिश कर रही थी । लेकिन सभी दरिंदे हस हस के तीनो औरतों के साथ खेल खेलते हुए नंगा कर दिया और तीनो की चूचियां और गांड दबा कर मसल कर गोरी गोरी जिस्म के साथ खेलने लगे और वो लोग भी नंगे होने लगे ।




मुझे भी ये सब देख कर रोना आ रहा था रुह कप गई थी मेरी थी में लाचार था कुछ नही कर पा रहा था ।



वो लोग मम्मी चाची और दीदी को चूम चाट रहे थे जिस्मों के साथ खेल रहे थे और अगर मम्मी चाची और दीदी ने विरोध दिखाई तो तीनो को थप्पड़ मार कर डरा धमका रहे थे गंदी गंदी गालियां दे रहे थे । जबरदस्ती उन भेड़ियों ने तीनो औरतों से लंद चुसवाने लगा । मैने गिनती की वो लोग 9 थे और और दिखने में दरियाल पहलवान किस्म के थे सबके लन्ड किसी साधारण इंसान से दुगना बड़ा बड़ा था किसी का ज्यादा मोटा मोटा किसी का ज्यादा लंबा ।



में ये सोच के दर गया की ये लोग तो सचमे मम्मी चाची और दीदी की चूत फाड़ देंगे आज और क्या गांड नही मारेंगे जरूर मारेंगे हाय क्या हालत होगी तीन संस्कारी घर की औरतों का आज में रोते हुए चीख रहा था छोड़ दूं इनको दया करो लेकिन मेरे मूंह बंद था कैसे आवाज निकलती थी । मेरी कानो में तब तीनो औरतों की चीख रोना धोना सुनाई दे रहा था और जंगल में गूंज रही थी साथ में उन भेड़ियों की भी हंसी ठहेका और गंदी भद्दी गालियां ।





मैने देखा की एक ने दीदी को नीचे मिट्टी और घास पर लिटा के पकड़ा और एक ने दीदी की दोनो पतली टांगे फैला कर अपने मूसल पर थूक लगा के पेल दिया । दीदी दर्द के मारे अपनी टांगे हिलाने लगी और जोर से चीख पड़ी " मम्मी बचाओ मुझे में मर गई ",




मम्मी ने दीदी का दुख में रोटी हुई बोली ", अरे छोड़ दो मेरी बच्ची को छोटी बच्ची हे रहम करो ",



लेकिन मम्मी दीदी की दुख की ज्यादा परवा नही कर पाई क्यू की किसी ने उनको ही पटक कर जमीन पर उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और मम्मी भी चीख पड़ी ", मां मर गई में मर गई "




चाची को भी दो लोगो ने पकड़ा और एक ने चाची की चूत में लन्ड पेल दिया चाची भी गला फाड़ के चीख पड़ी ", आ फट गई बचाओ मुझे "




मुझे बोहोत दुख हो रहा था लेकिन क्या करता में भी मम्मी चाची और दीदी दर्दनाक चूत फाड़ चुदाई देख कर में भूल गया की पापा और चाचा के साथ पता नही क्या हो रहा है मुझे तो बस तीनो औरतों की फिक्र हो रहा था ।



तीनो भेड़िया तीन औरतों की चूत चोद रहे थे तीनो औरते दर्द से बिलबिला कर चीख रही थी रहम की भिंख मांग रही थी और बाकी भेड़िया उन तीनो की चूचियां और जिस्म के साथ चूम चाम के खेल रहे थे ।



कुछ देर बाद मम्मी को एक ने ऊपर ऊपर अपने लंद पर बिठाया और एक ने पीछे से मम्मी की गांड में मूसल घुसा दिया मम्मी दर्द से चीख पड़ी " नही बोहोत दर्द हो रहा हे निकालो में मर जाऊंगी " मम्मी दर्द के मारे चीख चीख के रो रही थी । और अब मम्मी की चूत नीचे से और गांड घोड़ी बना कर चुदाई होने लगी ।



फिर चाची को भी एक ने लन्ड के ऊपर बिठाया और दूसरे ने चाची की गांड में मूसल घुसाने लगा चाची ज्यादा विरोध करने लगी तो गांड मारने वाला भेड़िया चाची की चुट्टड पर थप्पड़ मार मार के लाल कर दिया और फिर घुसा दिया गांड में । चाची दर्द से बेहाल हो गई चीख चीख कर चाची का मुंह लाल हो गई थी ।


छुई मुई दीदी को भी एक ने अपने लंद पर बिठाया और एक ने चाची की गांड में मूसल घुसा के दीदी की चूत और गांड की धुवाधार चुदाई होने लगी । दीदी का सबसे ज्यादा दर्द से बेहाल थी । मम्मी ने चलो खेली खाई औरत थी दो बच्चे पैदा कर चुकी थी चाची की शादी को दो साल हो गई लेकिन दीदी तो कुंवारी थी मुझे उनको ले कर ज्यादा शींटा हो रही थी पता नही क्या हालत हो रही थी उसकी ।



तीनो औरतों की चीख गूंज रही थी " हाय मर गई । फट गई । रहम करो । छोड़ दो हमे । हम ऐसी औरते नही है। बोहोत दर्द हो रहा हे निकालो छोड़ दो ।"


और उनकी चीख पर भेड़िया किलकिला रहे थे " बेन की लोड़ी मजा आ गया कितनी टाइट चूत गांड हे आज इसकी भोसड़ा बनाने में मजा आयेगा "


दो घंटे तक मेरे घर की तीनो औरतों को बुरी तरह लताड़ लताड़ के चोदा बदल बदल कर फिर वो लोग मम्मी चाची और दीदी मेरे बांधे हुए पेड़ के पीछे फेक दिया और वो लोग दारू पार्टी करने लगे ।



तीनो औरतों अब मेरे पीठ पीछे 5 फीट दूरी पर नंगी बेहाल पड़ी हुई थी । चाह कर भी भाग नही रहे थे वो तीनों एक तो नंगी अवस्था में थी और हालत भी खराब थी ।



मुझे उन तीनो की बाते सुनाई देने लगी अनलोगो को लग रहा होगा की मुझे सुनाई नही दे रहा हे पर में अच्छे से सुन पा रहा था ।


दीदी मम्मी से कह रही थी " मम्मी मुझे बोहोत दर्द हो रहा हे सहा नही जा रहा है लगता हे सूजन आ गई है"



मम्मी बोल रही थी " क्या करू बेटी में कुछ नहीं कर पा रही हूं । थोड़ा हिम्मत रख ठीक हो जाएगा "


चाची बोल रही थी " दीदी आप तो थोड़ी ठीक लग रही हे लेकिन हम दोनो की हालत बोहोत खराब है । "


मम्मी दोनो को बोल रही थी " हा जैसे मुझे आदत हे ना इतने लोगो की लेने की । जिंदगी में एक ही से गुजारा किया हैं । आगे से तो झेल ली लेकिन पीछे की हालत बोहोत खराब है फट गई है "



चाची की शरारत भरी आवाज थी " दीदी सच सच बताना आप मजा ले रही थी ना "


दीदी भी बोली " हा मम्मी मैने भी देखा था मम्मी आपको बीज बीज में आप पूरा मजा ले रही थी "



मम्मी का कोई जवाब नही आ रहा था सायद शर्मा रही थी । पता नही क्यू ये सुन के मेरे शरीर में गुदगुदी सी होने लगी ।


तभी मम्मी का जवाब सुनाई दिया " तो क्या करू मेरी भी इच्छा हे अच्छी चुदाई की सुख लेने की । ऊपर से इनलोगो के इतने बड़े बड़े आगे पीछे से हामुच हामूच के चोदा चुसवाया भी इतना बड़ा बड़ा अपने आपको रोक नही पाई में तो "


चाची बोली " हा दीदी आपने सही कहा है। मेरे अंदर तो चार चार घुसे एक का तो बोहोत लंबा था अंदर तक रगड़ा बोहोत मजा आया था लेकिन गांड में आपके देवर ने चार पांच बार ही किए थे इसलिए बोहोत दर्द हुआ "


दीदी बोली " हा मुझे चूत में मजा आया था मेरे बॉयफ्रेंड का इतना बड़ा नही है । ऐसा लगा आज मेरी सही ढंग से चूत फटी है "

मम्मी डांट लगाई " कामिनी तू ये सब करती हे बाहर । तेरी शादी जल्दी करनी पड़ेगी "


दीदी मजाक में बोली " नही अभी तो मैने स्वाद सखा है अलग अलग लोगो के साथ चुदाई में कितना मजा आता हे आज जाना हे अब तो में भी कॉलेज की दूसरी लड़कियों कि तरह धंधा करूंगी और अलग अलग लोगो से चुदूंगी "


मम्मी ने दीदी को थप्पड़ लगा दी थी । दीदी बोली " मजाक कर रही थी "


चाची बोली " दीदी कुछ भी कहो हम पति के साथ ऐसा मजा कभी नही ले पाएंगे और न ही हमे ऐसा मजा दिया होगा "



मम्मी बोली " सही कहा आज मौका है लूट लो मजा आज के लिए रंड बन जाओ अगले दिन फिर से वोही संस्कारी बन जाना "






में ये सब सुन के हैरान था और मेरा भी अब अपनी ही घर की मम्मी चाची और दीदी के लिए मेरा लंद खड़ा हो गया था ।



फिर से वो भेड़िया मम्मी चाची और दीदी को पकड़ के खुली जगह पर ले गए और फिर उनकी जिस्मों के साथ खेलने लगे आगे पीछे चूत गांड दोनो छेद फाड़ने लगे इस बार तीनो औरते की चीख में दर्द से ज्यादा मजे की सिसकारियां निकल रही थी ।



जिन दोनो ने मम्मी को चोद रहा था उनमें से एक बोला " साली की चूत ढीली हो चुकी हे दो दो डालना पड़ेगा "


मम्मी दर के मारे बोली " नही नही ऐसा मत करो फट जायेगी सच में "


गांड मारने वाया भेड़िया मम्मी की चूत में अपना मूसल घुसाने लगा और मम्मी। दात पीछते हुए चीखने लगी । अब दो लन्ड चूत में घुसा के मम्मी की चुदाई हो रही थी ।



कुछ देर बाद मम्मी भी कंफर्टेबल हो गई । नीचे से चोदने वाला भेड़िया मम्मी की मुंह दबा के पूछा " मजा आ रहा की रण्डी "


मम्मी की आखों से आसू निकल रहे थे और उन्होंने सर हा में हिला दिया । गांड चोदने वाला भेड़िया मम्मी की बाल खींच के पूछा " बोल रण्डी हमारी रेंडी बनेगी ऐसे ही मजा देंगे तेरे को तेरे नपुंचक पति के सामने चोदेंगे तेरे को "


मम्मी गर्दन घुमा कर गांड मारने वाला भेड़िए को देख के सच में रण्डी की जुबान में बोली" हा बोनूंगी तुम्हारी रेंडी और चोद देना मेरे नपूंचक पति के सामने मुझे रण्डी की तरह ना ढंग की चुदाई कर पाया जिंदगी भर ना ही मेरी रक्षा कर पाया "


मम्मी को दो मोटे मोटे लन्ड की चूत चुदाई में बोहोत मजा आ रहा था अब और ये सब देख के मुझे भी अब मजा आ रहा था ।


उधर चाची को भी बुरी तरह चोदा जा रहा था और चाची को भी पूछ रहे थे गंदी गंदी गालियां दे कर की मजा आ रहा है की नही और चाची जवाब दे रही थी सिसकारियां मार मार कर हा बोहोत मजा आ रहा हे मुझे मेरा पति कभी मुझे ऐसे नही चोदता बना दो मुझे रण्डी जोर जोर से चोदो मुझे ।



एक तरफ दीदी को खड़े खड़े गोद में उठा कर सैंडविच बना कर उसकी चूत और गांड फाड़ रहे थे दो भेड़िया और दीदी भी पूरे मजे में थी चहरे पे दर्द दिखाई दे रही थी उसकी लेकिन लग रहा था जैसे दर्द से ज्यादा मजा ले रही थी और खुद ही आगे वाले को चूम रही थी ।



फिर दो ढाई घंटे तक तीनो औरतों की घमासान चुदाई हुई । चूत और गांड की धज्जियां उड़ चुकी थी सुंज गई थी जिस्मों पर लाल निशान मसलने की कटने की ।





उन भेड़ियों ने फिर तीनो औरतों को नए कपड़े दिए पहनने को मुझे भी छोड़ दिया और पापा और चाचा को भी के कर आए पापा और चाचा तीनो औरतों की हालत देख कर रो पड़े । और फिर हम लोगो को छोड़ दिया अपनी गाड़ी पर हम पहले एक पहचान की डॉक्टर के पास गए मम्मी चाची और दीदी की चेकअप करवा कर दवाई ले कर आए । उन भेड़ियों ने कहा की जब तक पैसा नही दे देते तब वो लोग घर आ कर तीनो औरतों को चोदे के चले जायेंगे ।




तीन दिन निकल गए पापा और चाचा कुछ पैसे जुगाड़ कर पाए गाड़ी बेच दी और बेचने को कुछ था नही सब बिक चुके थे पहले से ही ऊपर से भारी भड़कम लोन भी था । तीन दिन बाद फिर दस गुंडे आए घर पर जबरदस्ती पापा चाचा और मुझे ड्राइंग रूम में पिस्तौल की नोक पर रखे थे और मम्मी चाची और दीदी को आठ लोग एक कमरे में बंद कर के चोद कर चले गए । ऐसा ही १५ दिन तक चलता रहा जब तक पापा और चाचा ने पूरा पैसा जुगाड़ नही कर पाए रोज आते थे कोई गुंडे और रात रात भर कमरे में मम्मी चाची और दीदी को खूब चोदते थे एक बात मैने ध्यान दिया की मेरी घर की तीनो औरते सच में रण्डी बन चुकी थी मजे ले कर उन गुंडों से चुदवाटी थी उनकी मजे की किलकारी हमे बाहर तक सुनाई दी थी । १५ दिन बाद फिर ये सब बंद हो गया था पापा और चाचा ने घर बेच कर हमे किसी दूसरी जगह पर ले गए थे । में ये सब भूल नहीं पा रहा था और मेरा एक खयाल बुरी तरह दिमाग में चटा रहा था ।


एक दिन मैंने सबको नींद की गोली खिला कर सुला दिया । मम्मी चाची और दीदी की चूत और गांड चेक किया तो पाया की तीनो की चूत और गांड फट के बोहोत बड़ी हो गई हे अचाणी से मेरा चार उंगली घुस जाता था चूत और गांड में । चाची की चूचियां पहले से ज्यादा बड़ी हो गई थी दीदी भी गडरा गई थी में ठरक में तीनो औरतों को नींद में चोदा ।



लेकिन पता नही सुबह तीनो औरतों को पता चला और मुझे अकेले पकड़ लिया और डांटा डराया लेकिन फिर प्यार से बोली तीनो औरते " बेटा हमे ना बड़े बड़े लंद की लत लग चुकी हैं हमे रण्डी बना दे तू हमारे लिए बड़े बड़े की जुगाड़ कर और हम मिल के खूब पैसा कमाएंगे "







समाप्त
 

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