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चीनू : उम्म्म (नकली रोने वाले एक्सप्रेशन के साथ)..... पर बहुत बड़ा हे आपका |
में: फिर वही मत रो अब, में एक दम धीरे धीरे करूँगा , चिंता मत कर तू |
मेने चीनू को पलटा के उसकी गांड पे एक जोर दार थप्पड़ मारा : चटाक
चीनू : आअह .... धीरे |
मेने उसको स्माइल दी हवस वाली , और उसकी गांड मसलने लगा ताकि उसका दर्द थोडा कम हो और वो relax हो जाए |
और बोला :ये तेरे थप्पड़ का बदला हे|
चीनू देखने लगी मेरे कमीने पन को :
फिर मेने चीनू को घोडा बना कर बिठा दिया , अपने चारो हाथो पर | में उसके साथ Doggy style sex करने वाला था |
चीनू गांड उचका के ठीक मेरे सामने थी ,उसकी चूत मेरे लंड से बस कुछ इंच दूर थी |
मेने अपने लंड का सुपाड़ा उसके छूट के होठो पर रगड़ना चालू करा , ताकि उसकी चूत ready हो जाए मेरे लंड को लेने के लिए | उसकी चूत भन्ना रही थी , और मेरे लंड कि रगडन से मचल चुकी थी |
चीनू बोल पड़ी : बस अब मत तड़पाओ , डाल दो फटा फट |
मेरा मन बहुत खुश था ,और उस पल को रोके रखना चाहता था ,मुझे अपनी विजय का अनुभव हो रहा था |
में : क्यूँ अब डर ख़तम हो गया ?
चीनू : उम्म्म्म (रोने का एक्सप्रेशन बनाये उसने).... प्लीज धीरे धीरे करना ?
में: ठीक हे, relax हो जा बस अब तू |
मेने सोचा इसकी चूत में जैसे ही लंड फसेगा , हो सकता हे ये दर्द के मारे ये उछल के bed पर गिर जाए और मेरा लंड इसकी चूत में से निकल जाए |
इसलिए मेने इसके पेट के निचे तकिया लगाने का सोचा |तकिया हटाया तो उसके निचे कामसूत्र कोंडोम पड़ा था |
सेक्स में हम दोनो इतने दीवाने हो गए थे कि में कंडोम use करना ही भूल रहे थे |
चीनू : ऒह ..... देखो अभी गलती हो जाती |
me : हुई तो नहीं न |
मेने कंडोम का packet खोला , और एक condom निकाल लिया |
मेने चीनू से बोला : ले पहना मुझे |
चीनू : कैसे पहना ते हे ?
मेने उसको packet पे instruction दिखाए :हस पड़ी चीनू चित्र को देख के
में: समझ आया |
चीनू :हम्म| (कातिलाना स्माइल दे रही थी चीनू)
उसने कंडोम लिया और मेरे लंड को तैयार करने लगी , मेरा लंड आज दूल्हा था और चीनू कि चूत एक दुल्हन |दोनों का मिलन था आज | धीरे धीरे वो मेरे लंड पे कंडोम चढ़ा ने लगी :
मेने अब उसको वापिस घोडा बना दिया ,तकिया उसके पेट के निचे लगा दिया ,और अपना लंड उसकी चूत के द्वार पे रख दिया |चीनू कि साँसे और मेरे दिल कि धड़कन दोनों बड़चुकी थी |
मेने धीरे धीरे चीनू कि प्यारी सी चूत में लंड फ़साना चालू करा | मेरा लंड का सुपाड़ा ही अभी बस अंदर घुसा ही था चीनू कि चूत में के उसे किसी चीज़ ने रोक दिया उसकी चूत में | श्याद ये उसकी चूत कि झिल्ली थी |उसकी झिल्ली को touch करने कि वजह से मेरा लंड और ज्यादा तन्ना चूका था |
हवस मेरे उपर चढ़ चुकी थी, मेरा लंड ही मेरा दिमाग़ बन चूका था | जो बस अब घुस जाना चाहता था चीनू कि चूत कि गहराइयो में |
अब मेने अपने लंड को हल्का सा बाहर खीचा और एक जोर दार धक्का दिया :
धक्का इतना जोर दार था कि मेरा लण्ड पक्क कि आवाज करता हुआ , पूरा के पूरा चीनू कि चूत कि गहराइयो में समां चूका था |
हम दोनो के मुंह से चीखे निकल चुकी थी : आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह :
चीनू के मुख से दर्द से भरी हुई चीख थी: आआआह्हह्हह्हह्हह .......स्स्स्स्स्स्स
मेरे मुह से सुख से भरी हुई : आआआह्हह्हह्हह्हह थी |
में बता नहीं सकता ,उस वक्त के सुख को अपने शब्दो में पूरी तरह से , जैसे मेरे लंड के रोम रोम को सुख प्राप्त हो रहा था |
मेरे लंड कि हर एक नस, हर एक नाड़ी में सुख के रस कि नदिया बेह रही थी |
मेरे दिमागे में इतने सारे सुख के chemical फुट चुके थे | मेरा पूरा बदनसुख कि समुन्द्र में डूब रहा था |
मेरे तेज धक्के के साथ ही चीनू कि virginity (कौमार्य भंग) जा चुकी थी, उसके झिल्ली फटने कि वजह से हुए दर्द के मारे चीनू ने अपनी चूत सिकोड़ ली थी , इसमें मेरा लंड अभी भी अंदर तक घुसा पड़ा था | जिससे उसके चूत के होठ मेरे लंड के
base को कस के पकड़े हुए थे | उसकी चूत एक दम गरम , नरम , कोमल अत हिन् सुख कि खान थी |
इतनी चिकनी , इतनी कोमल , इतनी गरम : आअह यारो : लंड के लिए चूत से बढ़िया जगह कोई हे ही नहीं दुनिया में |चूत बनी हुई ही लंड के लिए हे दुनिया में |
चीनू दर्द से आह भर्ती हुई गिरने लगी ,पर मेने जो तकिया लगाये थे उसके पेट के नीचे उसपे जाके टिक गयी |मेरा लंड अभी भी फसा पड़ा उसकी चूत में सुख ले रहा था |
चीनू दर्द से : आआह्हह्हह्ह ..... भैया निकालो प्लीज...स्स्स्स्स्स .... बहुत दर्द हो रहा हे |
में: आआह्हह्हह्ह .... चीनूउउउउउउ .... होता हे दर्द पेहली बार तो ,रुकजा थोड़ी देर...स्स्स्स्स्स ....आआह्हह्हह्ह |
चीनू : आआह्हह्हह्ह ...भैया बहुत दर्द हो रहा हे , में मर जाउंगी ....आआह्हह्हह्ह ....उहुहु (आंसू आने लग गए थे उसको)
में अपना लंड फसाये हुआ था , और चीनू कि कमर को कसके पकड़ा हुआ था (doggy स्टाइल में) ताकि वो मेरी पकड़ से छुट न जाए |
में: चीनूउउउउ..... आआह्हह्हह्ह.... बेटा.. आअह्हह्हह्ह...रुक जा थोड़ी देर बस ....
चीनू से पूरा लिपट गया था में में चीनू के ऊपर चढ़ चूका था पूरी तरह से , उसकी पीठ मेरी सीने से टिकी हुई थी , मेरा लण्ड उसकी चूत में पीछे से घुसा हुआ था | में अपने दाड़ी से भरे गाल (एक दम कड़क और बारीक बाल ) उसके कोमल चिकने गोर गालो पे रगड़ा रहा था |
चीनू रो रही थी : उह्हह्हू ......
मुझे मन में दया भी आ रही थी , पर मेरी हवस ज्यादा बलवान थी मेरी दया से .... और में जानता था कि पहली बार दर्द होता हे इसलिए में कुछ नहीं कर सकता था सिवाए उसपे उस वक्त ऐसे ही पड़े रहने के |
अगर में बहार निकला लेता अपना लंड,तो हो सकता हे वो कभी जिदन्गी में न चुदवाये डर के मारे |इलसिए मेरा लण्ड बहार निकाल लेना तो असम्भव था |
और अगर में उससे उस वक्त धक्के देता तो उससे और जायदा दर्द होता इसलिए धक्के भी नहीं दे सकता |
में पड़ा रहा चीनू कि चूत मे अपन लंड फसाये | कितनी कसी हुई चूत थी उसी :क्या कहने |
चीनू रो रही थी : उहुहु .... दर्द हो रहा हे भैया..... आपने बोल था धीरे करोगे |
में: सॉरी यार , पहली बार में दर्द होता ही हे सभी लड़कियो को ,तू शांत पड़ी रेह .... परेशान होगी तो और जायदा दर्द होगा ,ढीला छोड़ दे अपने शारीर को | Relax हो जा एक दम |
चीनू ने अपने आंसू पोछे और शांत हो कर पड़ी रही , दर्द तो हो रहा था उसको ,इसलिए उसकी चूत अभी भी कस के जकड़ी हुई थी मेरे लंड को |
मेने उसकी गांड पे बहुत ही प्यार से पुचकारने लगा |
मुझे उसके दर्द का सम्मान था , और मेंने मन ही मन संकल्प कर लिया था कि में चीनू को उसकी इस कुर्बानी , इस दर्द के लिए दुनिया का सबसे intense orgasm दूंगा | चाहे मुझे आज उसकी चूत मार मार के खुद ही क्यूँ न मर जाना पड़े |
में: फिर वही मत रो अब, में एक दम धीरे धीरे करूँगा , चिंता मत कर तू |
मेने चीनू को पलटा के उसकी गांड पे एक जोर दार थप्पड़ मारा : चटाक
चीनू : आअह .... धीरे |
मेने उसको स्माइल दी हवस वाली , और उसकी गांड मसलने लगा ताकि उसका दर्द थोडा कम हो और वो relax हो जाए |
और बोला :ये तेरे थप्पड़ का बदला हे|
चीनू देखने लगी मेरे कमीने पन को :
फिर मेने चीनू को घोडा बना कर बिठा दिया , अपने चारो हाथो पर | में उसके साथ Doggy style sex करने वाला था |
चीनू गांड उचका के ठीक मेरे सामने थी ,उसकी चूत मेरे लंड से बस कुछ इंच दूर थी |
मेने अपने लंड का सुपाड़ा उसके छूट के होठो पर रगड़ना चालू करा , ताकि उसकी चूत ready हो जाए मेरे लंड को लेने के लिए | उसकी चूत भन्ना रही थी , और मेरे लंड कि रगडन से मचल चुकी थी |
चीनू बोल पड़ी : बस अब मत तड़पाओ , डाल दो फटा फट |
मेरा मन बहुत खुश था ,और उस पल को रोके रखना चाहता था ,मुझे अपनी विजय का अनुभव हो रहा था |
में : क्यूँ अब डर ख़तम हो गया ?
चीनू : उम्म्म्म (रोने का एक्सप्रेशन बनाये उसने).... प्लीज धीरे धीरे करना ?
में: ठीक हे, relax हो जा बस अब तू |
मेने सोचा इसकी चूत में जैसे ही लंड फसेगा , हो सकता हे ये दर्द के मारे ये उछल के bed पर गिर जाए और मेरा लंड इसकी चूत में से निकल जाए |
इसलिए मेने इसके पेट के निचे तकिया लगाने का सोचा |तकिया हटाया तो उसके निचे कामसूत्र कोंडोम पड़ा था |
सेक्स में हम दोनो इतने दीवाने हो गए थे कि में कंडोम use करना ही भूल रहे थे |
चीनू : ऒह ..... देखो अभी गलती हो जाती |
me : हुई तो नहीं न |
मेने कंडोम का packet खोला , और एक condom निकाल लिया |
मेने चीनू से बोला : ले पहना मुझे |
चीनू : कैसे पहना ते हे ?
मेने उसको packet पे instruction दिखाए :हस पड़ी चीनू चित्र को देख के
में: समझ आया |
चीनू :हम्म| (कातिलाना स्माइल दे रही थी चीनू)
उसने कंडोम लिया और मेरे लंड को तैयार करने लगी , मेरा लंड आज दूल्हा था और चीनू कि चूत एक दुल्हन |दोनों का मिलन था आज | धीरे धीरे वो मेरे लंड पे कंडोम चढ़ा ने लगी :
मेने अब उसको वापिस घोडा बना दिया ,तकिया उसके पेट के निचे लगा दिया ,और अपना लंड उसकी चूत के द्वार पे रख दिया |चीनू कि साँसे और मेरे दिल कि धड़कन दोनों बड़चुकी थी |
मेने धीरे धीरे चीनू कि प्यारी सी चूत में लंड फ़साना चालू करा | मेरा लंड का सुपाड़ा ही अभी बस अंदर घुसा ही था चीनू कि चूत में के उसे किसी चीज़ ने रोक दिया उसकी चूत में | श्याद ये उसकी चूत कि झिल्ली थी |उसकी झिल्ली को touch करने कि वजह से मेरा लंड और ज्यादा तन्ना चूका था |
हवस मेरे उपर चढ़ चुकी थी, मेरा लंड ही मेरा दिमाग़ बन चूका था | जो बस अब घुस जाना चाहता था चीनू कि चूत कि गहराइयो में |
अब मेने अपने लंड को हल्का सा बाहर खीचा और एक जोर दार धक्का दिया :
धक्का इतना जोर दार था कि मेरा लण्ड पक्क कि आवाज करता हुआ , पूरा के पूरा चीनू कि चूत कि गहराइयो में समां चूका था |
हम दोनो के मुंह से चीखे निकल चुकी थी : आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह :
चीनू के मुख से दर्द से भरी हुई चीख थी: आआआह्हह्हह्हह्हह .......स्स्स्स्स्स्स
मेरे मुह से सुख से भरी हुई : आआआह्हह्हह्हह्हह थी |
में बता नहीं सकता ,उस वक्त के सुख को अपने शब्दो में पूरी तरह से , जैसे मेरे लंड के रोम रोम को सुख प्राप्त हो रहा था |
मेरे लंड कि हर एक नस, हर एक नाड़ी में सुख के रस कि नदिया बेह रही थी |
मेरे दिमागे में इतने सारे सुख के chemical फुट चुके थे | मेरा पूरा बदनसुख कि समुन्द्र में डूब रहा था |
मेरे तेज धक्के के साथ ही चीनू कि virginity (कौमार्य भंग) जा चुकी थी, उसके झिल्ली फटने कि वजह से हुए दर्द के मारे चीनू ने अपनी चूत सिकोड़ ली थी , इसमें मेरा लंड अभी भी अंदर तक घुसा पड़ा था | जिससे उसके चूत के होठ मेरे लंड के
base को कस के पकड़े हुए थे | उसकी चूत एक दम गरम , नरम , कोमल अत हिन् सुख कि खान थी |
इतनी चिकनी , इतनी कोमल , इतनी गरम : आअह यारो : लंड के लिए चूत से बढ़िया जगह कोई हे ही नहीं दुनिया में |चूत बनी हुई ही लंड के लिए हे दुनिया में |
चीनू दर्द से आह भर्ती हुई गिरने लगी ,पर मेने जो तकिया लगाये थे उसके पेट के नीचे उसपे जाके टिक गयी |मेरा लंड अभी भी फसा पड़ा उसकी चूत में सुख ले रहा था |
चीनू दर्द से : आआह्हह्हह्ह ..... भैया निकालो प्लीज...स्स्स्स्स्स .... बहुत दर्द हो रहा हे |
में: आआह्हह्हह्ह .... चीनूउउउउउउ .... होता हे दर्द पेहली बार तो ,रुकजा थोड़ी देर...स्स्स्स्स्स ....आआह्हह्हह्ह |
चीनू : आआह्हह्हह्ह ...भैया बहुत दर्द हो रहा हे , में मर जाउंगी ....आआह्हह्हह्ह ....उहुहु (आंसू आने लग गए थे उसको)
में अपना लंड फसाये हुआ था , और चीनू कि कमर को कसके पकड़ा हुआ था (doggy स्टाइल में) ताकि वो मेरी पकड़ से छुट न जाए |
में: चीनूउउउउ..... आआह्हह्हह्ह.... बेटा.. आअह्हह्हह्ह...रुक जा थोड़ी देर बस ....
चीनू से पूरा लिपट गया था में में चीनू के ऊपर चढ़ चूका था पूरी तरह से , उसकी पीठ मेरी सीने से टिकी हुई थी , मेरा लण्ड उसकी चूत में पीछे से घुसा हुआ था | में अपने दाड़ी से भरे गाल (एक दम कड़क और बारीक बाल ) उसके कोमल चिकने गोर गालो पे रगड़ा रहा था |
चीनू रो रही थी : उह्हह्हू ......
मुझे मन में दया भी आ रही थी , पर मेरी हवस ज्यादा बलवान थी मेरी दया से .... और में जानता था कि पहली बार दर्द होता हे इसलिए में कुछ नहीं कर सकता था सिवाए उसपे उस वक्त ऐसे ही पड़े रहने के |
अगर में बहार निकला लेता अपना लंड,तो हो सकता हे वो कभी जिदन्गी में न चुदवाये डर के मारे |इलसिए मेरा लण्ड बहार निकाल लेना तो असम्भव था |
और अगर में उससे उस वक्त धक्के देता तो उससे और जायदा दर्द होता इसलिए धक्के भी नहीं दे सकता |
में पड़ा रहा चीनू कि चूत मे अपन लंड फसाये | कितनी कसी हुई चूत थी उसी :क्या कहने |
चीनू रो रही थी : उहुहु .... दर्द हो रहा हे भैया..... आपने बोल था धीरे करोगे |
में: सॉरी यार , पहली बार में दर्द होता ही हे सभी लड़कियो को ,तू शांत पड़ी रेह .... परेशान होगी तो और जायदा दर्द होगा ,ढीला छोड़ दे अपने शारीर को | Relax हो जा एक दम |
चीनू ने अपने आंसू पोछे और शांत हो कर पड़ी रही , दर्द तो हो रहा था उसको ,इसलिए उसकी चूत अभी भी कस के जकड़ी हुई थी मेरे लंड को |
मेने उसकी गांड पे बहुत ही प्यार से पुचकारने लगा |
मुझे उसके दर्द का सम्मान था , और मेंने मन ही मन संकल्प कर लिया था कि में चीनू को उसकी इस कुर्बानी , इस दर्द के लिए दुनिया का सबसे intense orgasm दूंगा | चाहे मुझे आज उसकी चूत मार मार के खुद ही क्यूँ न मर जाना पड़े |