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मुकुल सोचता था बस एक बार प्रोजेक्ट खतम हो जाए फिर तो तुझे साय में मक्खी की तरह निकाल फेकूंगा इस घर से ।
धीरे धीरे प्रणिता ने ध्यान दिया की मुकुल का दोस्त प्रणय उसके ऊपर गंदी नजर रखता हे । और ये बात प्रणिता अपने पति को बताया ।
लेकिन मुकुल को पहले विश्वास नहीं हुआ । लेकिन फिर भी उसने कहा की " अगर कुछ भी बत्तमीजी करे उसकी वक्त चप्पल मारना बाकी में देख लूंगा "
एक दिन की बात हे मुकुल अपने बेटे को ले के बाजार गया था । और उसी वक्त प्रणय आ गया था । प्रणिता ने उसके साथ कुछ देर बात कर के साय बनाने गई ।
प्रणिता किचेन में जा के साय बना रही थी लेकिन प्रणय को किचेन में देख कर चौंक गई ।
लेकिन फिर भी उसने अच्छे बोला " अरे प्रणय जी आप यहां क्यू आ गए । में बस साय ले के जा ही रही थी "
प्रणय प्रणिता के पास गया और बोला " भाबीजी आप की हाथो में जादू हे । आप क्या खाना बनाती है आप मुकुल भईया को टिफिन भेजती है ना रोज वो तो में आधा खा जाता हूं "
प्रणिता बोली " आप तो प्रणय जी बोहोत बुरे है । मेरे पति को भूखा रखते हे । आप मांग नहीं सकते क्या । बुरी बात हे ये अच्छा कोई बात नही आज से चार रीती एक्स्ट्रा भेज दूंगी "
प्रणय मुस्कुराया " पहले तो जी जी लगाना बंद कर दीजिए । कितनी बार कहा है आपको मुझे तुम और प्रणय कह कर पुकारिए । "
प्रणिता बोली " नहीं आप हमारे मेहमान है और हम अपने मेहमान की बोहोत इतज्जत करते है "
प्रणय बोला " अब तो में भी आपके घर का ही बन गया हूं । देखो ना रोज आना जाना लगा रहता है । अपना छोटा देवर ही मानिए ना मुझे "
और ये बोल के उसने एक डिब्बा निकाल के प्रणिता को दिया । प्रणिता उसको खोलने लगी " ये क्या है "
प्रणय मुस्कुराते हुए बोला " खोलिए तो सही "
प्रणिता डिब्बे को खोल के देखती है उसमे एक डायमंड की लॉकेट वाला चैन है ।
प्रणय बोला " भाबिजी ये आपके लिए । आपकी खूबसूरती को चार चांद लगाने के लिए मेरा पहला तोफा "
प्रणिता माना करने लगी " नहीं नहीं में ये नहीं ले सकती "
प्रणय मनाने लग गया " प्लीज भाबीजी माना मत करिए प्लीज मुझे बोहोत बुरा लगेगा । प्लीज रख लीजिए ना प्लीज "
प्रणिता कुछ सोचने लगी और उसी वक्त प्रणय बोला " लाइए में आपको पहना देता हूं "
प्रणय सीधा प्रणिता के पीछे गया और उसकी बालों को हटा के चैन पहनाना ही वाला था की उसी वक्त प्रणिता मुड़ी और गुस्से से एक थप्पड़ मार दिया ।
प्रणय गाल पे हाथ रख के प्रणिता को फटी नज़रों से देखता रहा। प्रणिता अपनी पल्लू ठीक कर के गुस्से से बोली " हरामी । तुझे क्या लगता है तू मुझे गिफ्ट दे के पता लगा । साले हरामी सब जानती हूं तेरे बारे में कैसा इंसान है तू । ये ले तेरा दो कोड़ी का चैन और दफा हो जा "
प्रणिता चैन की डिब्बी को उसको ऊपर फेकती है और बोली " और तू किस हिम्मत से मुझे पटाने की कशिश कर रहा था तू नपूसक है "
नपुसक सुन के प्रणय को भी गुस्सा आया " साली क्या बोली "
प्रणिता उंगली उठा के " खबरदार । अभी के अभी पोलिस बुला लूंगी । तू जानता है ना मेरे पति का कहा कहा हाथ है "
प्रणय गुस्से से प्रणिता को घूरने लगा और फिर जमीन से अपना गिफ्ट उठा के किचेन से निकलने लगा । और जाते जाते बोल गया " देख लूंगा "
प्रणिता भी बोली " अरे जा जा बोहोत देखे तेरे जैसे पहले भी मेरे पति ने तुझे बेइट्ज कर के निकाला था आज में भी निकाल रहा हूं तुझे वे इरज्जत कर के "
प्रणय वाहा से निकाल गया । प्रणिता गुस्से में बरबराती रही । इस बात को महीने हो गए । लेकिन प्रणिता ने अपने पति को इस बारे में कुछ नही बताया क्यू की उसे लगा कि इस घटना से पति के काम में बाधा आ सकती है और उसे लगा कि प्रणय दर गया है कभी दुबारा ऐसी हरकत नही करेगा ।
धीरे धीरे प्रणिता ने ध्यान दिया की मुकुल का दोस्त प्रणय उसके ऊपर गंदी नजर रखता हे । और ये बात प्रणिता अपने पति को बताया ।
लेकिन मुकुल को पहले विश्वास नहीं हुआ । लेकिन फिर भी उसने कहा की " अगर कुछ भी बत्तमीजी करे उसकी वक्त चप्पल मारना बाकी में देख लूंगा "
एक दिन की बात हे मुकुल अपने बेटे को ले के बाजार गया था । और उसी वक्त प्रणय आ गया था । प्रणिता ने उसके साथ कुछ देर बात कर के साय बनाने गई ।
प्रणिता किचेन में जा के साय बना रही थी लेकिन प्रणय को किचेन में देख कर चौंक गई ।
लेकिन फिर भी उसने अच्छे बोला " अरे प्रणय जी आप यहां क्यू आ गए । में बस साय ले के जा ही रही थी "
प्रणय प्रणिता के पास गया और बोला " भाबीजी आप की हाथो में जादू हे । आप क्या खाना बनाती है आप मुकुल भईया को टिफिन भेजती है ना रोज वो तो में आधा खा जाता हूं "
प्रणिता बोली " आप तो प्रणय जी बोहोत बुरे है । मेरे पति को भूखा रखते हे । आप मांग नहीं सकते क्या । बुरी बात हे ये अच्छा कोई बात नही आज से चार रीती एक्स्ट्रा भेज दूंगी "
प्रणय मुस्कुराया " पहले तो जी जी लगाना बंद कर दीजिए । कितनी बार कहा है आपको मुझे तुम और प्रणय कह कर पुकारिए । "
प्रणिता बोली " नहीं आप हमारे मेहमान है और हम अपने मेहमान की बोहोत इतज्जत करते है "
प्रणय बोला " अब तो में भी आपके घर का ही बन गया हूं । देखो ना रोज आना जाना लगा रहता है । अपना छोटा देवर ही मानिए ना मुझे "
और ये बोल के उसने एक डिब्बा निकाल के प्रणिता को दिया । प्रणिता उसको खोलने लगी " ये क्या है "
प्रणय मुस्कुराते हुए बोला " खोलिए तो सही "
प्रणिता डिब्बे को खोल के देखती है उसमे एक डायमंड की लॉकेट वाला चैन है ।
प्रणय बोला " भाबिजी ये आपके लिए । आपकी खूबसूरती को चार चांद लगाने के लिए मेरा पहला तोफा "
प्रणिता माना करने लगी " नहीं नहीं में ये नहीं ले सकती "
प्रणय मनाने लग गया " प्लीज भाबीजी माना मत करिए प्लीज मुझे बोहोत बुरा लगेगा । प्लीज रख लीजिए ना प्लीज "
प्रणिता कुछ सोचने लगी और उसी वक्त प्रणय बोला " लाइए में आपको पहना देता हूं "
प्रणय सीधा प्रणिता के पीछे गया और उसकी बालों को हटा के चैन पहनाना ही वाला था की उसी वक्त प्रणिता मुड़ी और गुस्से से एक थप्पड़ मार दिया ।
प्रणय गाल पे हाथ रख के प्रणिता को फटी नज़रों से देखता रहा। प्रणिता अपनी पल्लू ठीक कर के गुस्से से बोली " हरामी । तुझे क्या लगता है तू मुझे गिफ्ट दे के पता लगा । साले हरामी सब जानती हूं तेरे बारे में कैसा इंसान है तू । ये ले तेरा दो कोड़ी का चैन और दफा हो जा "
प्रणिता चैन की डिब्बी को उसको ऊपर फेकती है और बोली " और तू किस हिम्मत से मुझे पटाने की कशिश कर रहा था तू नपूसक है "
नपुसक सुन के प्रणय को भी गुस्सा आया " साली क्या बोली "
प्रणिता उंगली उठा के " खबरदार । अभी के अभी पोलिस बुला लूंगी । तू जानता है ना मेरे पति का कहा कहा हाथ है "
प्रणय गुस्से से प्रणिता को घूरने लगा और फिर जमीन से अपना गिफ्ट उठा के किचेन से निकलने लगा । और जाते जाते बोल गया " देख लूंगा "
प्रणिता भी बोली " अरे जा जा बोहोत देखे तेरे जैसे पहले भी मेरे पति ने तुझे बेइट्ज कर के निकाला था आज में भी निकाल रहा हूं तुझे वे इरज्जत कर के "
प्रणय वाहा से निकाल गया । प्रणिता गुस्से में बरबराती रही । इस बात को महीने हो गए । लेकिन प्रणिता ने अपने पति को इस बारे में कुछ नही बताया क्यू की उसे लगा कि इस घटना से पति के काम में बाधा आ सकती है और उसे लगा कि प्रणय दर गया है कभी दुबारा ऐसी हरकत नही करेगा ।