Adultery बीवी की भरण पोषण

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रोतेन भी उसके बगल में लेट गया दोनो ही कुछ देर शांति से बिना बात किया लेते रहे । कुछ देर बाद रोटेन समुंदर में उतरा और नहाने लगा । लेकिन प्रणिता उसको किनारे पे बैठ के देख रही थी ।


रिटेन उसे इशारे से बुलाता है लेकिन प्रणिता ना में शिर हिलाती है तो रोटेन कोई बार पुकार के इशारे से उसे पास जाने को बोला ।


प्रणिता की कमर में अभी भी स्कर्ट अटकी हुई थी वो उसे उतारती है और समुंदर में जाती है । रोटेन घुटनो तक पानी में था । वो प्रणिता को बाहों में भर के होंठ से होंठ मिला देता है ।



प्रणिता भी उसका भरपूर साथ देती है । रोटेन होंठ चूसते हुए दोनो हाथों से प्रणिता की गोधूर गांड की गोलियां पंजों में जोर से मसलने लगा प्रणिता की उन अंगो में जैसे काम उत्तेजना की तार लगी हुई थी जैसे ही छेड़ा उसकी काम वासना जाग उठी ।


रोटेन मसल मसल के जोर जोर से थप्पड़ भी लगा देता और प्रणिता जोश में रोटेन की मुंह में जीव डाल के चुस्की मारती ।



रोटेन ने अच्छे से होंठ चूसने के बाद प्रणिता की गर्दन और कंधा चूम चूम के और उत्तेजित किया ।


फिर प्रणिता को घुटनों पर बैठा दिया । प्रणिता समझ गई और उसने अपनी मुट्ठी में लंड को पकड़ा । उसने देखा पूरी तरह से मुट्ठी बंद ही नहीं हो रही है । उसके मन में खयाल आई उसके पति से काफी ज्यादा मोटा हे और दो ढाई इंच लम्बा भी है ।



कितने गोरा है और सुपाड़ा कितना लाल हे उसके मुंह से लार टपका और गोप गोप चूसने लगी मुंह में जम रही लार भी गटक रही थी । लेकिन अपने पति का चूसते वक्त वो लार जमने ही नेही देती थी ।


रोटेन उसका शिर पकड़ कर आनंद में बोल रहा था " वाओ काफी अच्छा चूसती हो "


तारीफ सुन के प्रणिता और लार जमा कर के गिला कर के चूसने लगी और कभी कभी अंदर घुसाने की कशिश करती खुद ही ।



कुछ मिनिट चुछवाने के बाद रोटेन उसे खड़ा कर देता है और एक ऊपर उठा लेता है । प्रणिता ने समझ गई रोटेन उसकी खड़े खड़े ही समुंदर में लेने वाली है । और वो भी जितना हो सके अपनी एक टांग उठा के रोटेन के गले ने बाहें डाल के पकड़ बना लेती है ।



रोटेन उसकी चूत ने लंड डाल के दूसरे हाथ से कमर पकड़ के नीचे से हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर देते हे ।



प्रणिता ध्यान दिया की इस बार रोटेन बोहोत सैंसुअल तरीके पेश आ रहा है बिल्कुल भी पिछली बार की तरह हवस नहीं दिखा रहा है और उसकी आंखो में प्यार भरी नजरों से देख रहा था । प्रणिता भी मीठी आनंद में निचला होंठ दातों में दबा के कामुक नजरो से देखती रहती हे ।
 
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कुछ मिनिट तक रोटेन ऐसे ही खड़े खड़े चोदता रहा । वो नीचे से धक्के लगाते हुए प्रणिता के मुंह के पास जीव ले जाता है और प्रणिता चूसने को आगे बढ़ती है लेकिन रोटेन जीव अंदर ले के शिर पीछे कर लेता है । ये खेल चार पांच बार तक चला ।


प्रणिता भी चिढ़ के उसके हाथ से अपना टांग उतार लेती है और खड़ी हो जाती है दोनो पेड़ो में । उसकी चूत से लंड निकल गई थी । और वो रोटेन के चेहरे को पकड़ के मन मर्जी होंठ चूसने लगी ।




रोटेन ने उसे बाहों में भर के गोदी में उठाया और किनारे ले जा कर लिटा के प्रणिता की आखों में देख कर प्यार भरी लफ्ज़ में बोला " बेबी मुझे तुम्हारे बदन में लव बाइट देना हे बोलो कहा दूं "



प्राणीता बोली " नही मेरे हसबैंड को पता चल जायेगा "


रोटेन बोला " तो उसे बता देना की तुम्हारी ऑन नाइट स्टैंड वाले बंदे ने तुम्हे प्यार से भी चोद के खुशी दी है और दबा के चोद के तुम्हें थका थका बेहाल किया है । जब इन निशान के बारे में पूछेगा तब एक एक बात बताना कैसे कैसे चोदा है मैने हे । और हां गेरंटी देता हूं आज इतना चोदूंगा की तुम्हारी दो दिन तक एक सुई भी घुसेगा तो भी दर्द से चीखोगी "



बस इतना बोल कर प्रणिता की मखमली नर्म पेट की सर्बी पर दात गाढ़ा के काटने लगा । प्रणिता भी मान गई थी उसकी क्या मर्दाना अंदाज था सच में मान गई वो । मन में सोचने लगी और दो बार करोगे तो सायेद सुबह सच ने उठ ही ना पाऊं में । एक बार में ही कैसे कैसे चोदा तूने । 20 साल की उम्र में बच्चे इतने ताकतवर होते है क्या ।



रोटेन उसकी टांगे कंधे पर अटकाया और धीरे धीरे चोदने लगा । प्रणिता उसकी आंखो में देखती हुई आन्न्ह्ह्ह आन्न्ह्ह उउम्मम उम्मम्म हान्हंहहहह आह्ह्ह्ह्ह करती हुई काम आनंद की कामुक आह भर के जता रही थी की उसे कितनी मजा आ रहा है । ।




काफी देर तक इसी पोजीशन में चोदा फिर रोटेन लेट गया और प्रणिता को ऊपर आने का इशारा किया । प्रनिता उसके लंड पर बैठी दोनो तरफ टांगे कर के और पेट पे हाथ रख कर सहारा ले कर उठक बैठक करने लगी । ।।।।



प्रनिता ने ध्यान दिया की ज्यादा उछलने पर भी रोटेंन का लंड चूत से नहीं निकल रहा था जबकि उतना उछलने पर उसका पति का चूत से निकल जाते । लंबे लंड होने का यही फायदा है ।



प्रणिता कुछ देर बाद रूक जाती है । रोटेन जो उसी को देख रहा था वो बोला " क्या हुआ "

प्रणिता उसके चाटी पे लिपट के बोली " में थक गई हूं । थोड़ी देर आराम करते हे "


रोटेन उसकी चुतार कस के पकड़ा और नीचे से एक्सप्रेस ट्रेन के स्पीड की तरह धाप धाप धक्के मारने लगा ।



प्रणिता हिरनी की तरह हीन हीना उठी और मुंह खोल के चीखने लगी " आन्ह्ह्ह फाड़ दी मेरी .......उन्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह "



रोटेन एक मिनिट तक उसी स्पीड में धक्का मार के प्रणिता की पानी निकाल के दम लेता है और वो हाफने लगा थोड़ा रेस्ट लेने लगा।


प्रणिता उसके कान में बोली " फूंगा बना दी मेरी । आह्ह्ह्ह थोरी देर बाद ने करते हे ना ।"



रोटेन फिर उसको नीचे लेटा कर चोदने लगा । प्रणिता माथे पे हाथ रख कर बड़बड़ाने लगी " औह्ह्ह्ह नहीं ...... जल्दी कर निकाल जल्दी उफफ्फ्फु मर जाऊंगी रै "



भले ही वो थक गई थी लेकिन चूत के पानी सूखे नेही थे और मजा भी आ रही थी उसे । रोटेन का भी समय निकट था वो जोरों और तेज़ी से धक्के लगाने लगे । प्रणिता किसी तरह संभालने की कशिश करने लगी ।


और रोटेन कुछ झटको के बाद अपना लंड निकाल के खड़ा हो जाता है और प्रणिता को खींच कर घुटनो पे खड़ा कर के लंड मुंह पर घुसा के अंदर बाहर करने लगा और झाड़ गया । इस बार पानी थोड़ा कम था पिछली बार से लेकिन प्रणिता ने आज तक वीर्य नहीं पिया अपने पति का । लेकिन रोटेन की पकड़ इतनी मजबूत था की प्रणिता को सांस बंद कर आखिर पीना ही पड़ा । प्रणिता ने भी बाद में अच्छे से चूस के शांति दी ।




फिर एक बार दोनो रेत पर निढल हो कर गिर पड़े । रोटेन बाहें फैला के " बेबी आओ ना मेरी बाहों में "


प्रणिता भी बड़ी आतुर से उसकी छाती पर गाल रख के बाहें डाल दी । रोटेन उसकी बालों को सेहला के प्यार जताने लगी ।



प्रणिता भी खुश थी एक अजनबी से एक ही मुलाकाद में इतना प्यार पा कर हाला की उसने उसकी जबरदस्त तरीके से चोदा हे जिसने उसको काफी बार दर्द भी हुई हे लेकिन उन दर्द में भी मजा थी जो प्रणिता जैसी कामुकी और भारी भड़कम जिस्म वाली के लिए तृप्त होने का जबरदस्त तरीका था ।
 
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अब धीरे धीरे नशा कम होने लगा था प्रणिता की । लेकिन आखों के सामने इतना सुंदर लंड देख कर खुद को बार बार बेहेकने से रोक नहीं पा रही थी ।



उसकी ललचाई हाथ फिर एक बार रोटेंन के मुरझाए हुए लंड पर चली गई और उसके साथ खेलने लगी । और ऐसे ही आधे घंटे में रोटेन का फिर एक झंडा लहराने लगा ।


रोटेन प्रनीता को नीचे लेटना चाहा लेकिन प्रणिता माना करने लगी तो रोटेन थोड़ा जोर अजमाने लगा ।

प्रणिता किसी तरह भाग निकली और रोटेन भी उसके पीछे । प्रणिता पकड़ी गई खिल खिलाती हसी निकली उसकी लेकिन उसकी हसी आधे घंटे तक कही दब गई । रोटेन आधे घंटे तक उसकी हर पोजीशन में ली प्रणिता जब तक आसूं निकल के रहम की भिंख नहीं मांगी तब तक गधे की तरह पेला ।




उसके बाद फिर एक बार चोदा लेकिन आखरी बार बोहोत प्यार से किया उसने जो की प्रणिता मन से संतुष हुई थी और दिल खोल के टांगे खोल रखी थी । एक ही रात के 4 बार धमाकेदार चुदाई ही एक पराए मर्द के साथ ।




रोटेन ने उसे बापच पार्टी पर ले गया । प्रणिता को अपने पति को ढूंढने में मदत भी किया लेकिन मुकुल कही नही मिला ।


प्रणिता बोहोत दर गई । तो रोटेन ने बोला की हो सकता है वो रिजॉर्ट चले गए हो ।



प्रणिता को भी ऐसा ही लगा और वो रिजॉर्ट जाने लगी पीछे पीछे रोटेन भी था । प्रणिता की नशा अब उतार चुका था पूरी तरह बस अब जोर की नींद और थकान मेहसूस हो रही थी ।



पीनिता कमरे में घुस के देखा की उसका पति बिस्तर पर ढेर है । वो पास जा कर अपने पति का हाथ पकड़ के पुकारा तो मुकुल नशे में बड़बड़ाया कुछ । प्रणिता को चैन की सांस आई की नशे में है सिर्फ कुछ हुआ नेही ।



वो दरवाजा बंद करने के लिए मुड़ी लेकिन उसे नही पता था कि रोटेन अभी भी दरवाजे पर ही था । उसे लगा वो जा चुका हे ।



प्रणिता उसके पास जा के थोड़ा गुस्से में बोली " तूम यहां क्या कर रहे हो । जाओ यहां से और हा दुबारा मुझसे मत मिलना "


रोटेन मुस्कुरा के बोला " एक शर्त पर । दो मिनिट का किस चाहिए मुझे "


प्रणिता झुझुलती हुई बोली " नही "


रोटेन सोते हुए मुकुल की तरफ बढ़ते हुए बोला " ठीक है तो में तुम्हारे पति से पूछ कर तुमसे किस लूंगा "



प्रणिता बोली " रुको " उसने सोचा की पागल लड़का है सच में कुछ कर सकता हे ।


तो उसने बाथरूम की तरफ इशारा कर बोली " चलो अन्दर "



दोनों बाथरूम के अंदर गए । और रोटेन ने पहले सावर ऑन कर दिया और सावर के नीचे प्रणिता को पकड़ के किस करने लगा । लेकिन इस बार प्रणिता साथ नही दे रही थी ।


रोटेन ये देख कर उसकी चूत पर हाथ डाल के मसलना शुरू किया तो प्रणिता उसका हाथ हटाने की कशिश करने लगी ।



लेकिन रोटेन ने प्रणिता को एक कदम पीछे किया और जट से उसकी टॉप सामने से फाड़ के बदन से अलग कर के प्रणिता को घुमाया हाथ पीछे किए और दोनो कलाई साथ में बांध दी । और ये उसने बस दो तीन सेकंड में किया होगा । प्रणिता को समझने समय लगा ।


रोटेन बोला " अब करो नखरे " और सैतानी मुस्कान देने लगा



ना चाहते हुए भी प्रणिता उसकी अंदाज को देख कर मंद ही मंद रोटेन की तारीफ करने पर मजबूर हो गई । लेकिन चेहरे पर जाहिर नहीं की ।


रोटेन उसे आगे थोड़ा झुका के पीछे से घुटनो में उसकी चूत चाटने लगा । प्रणिता सावधानी बरते हुए मस्ती भरी आवाज मुंह में दावा रही थी ।



रोटेन कुछ देर चाटने के बाद उसी पोजिशन पे प्रणिता को चोदने लगा । प्रणिता को भी मजा आ रही थी ।


कुछ मिनिट बाद प्रणिता धीरे से बोली " जल्दी करो ना । अच्छा नहीं लग रहा है जल्दी से निकाल के दफा हो जाओ "


रोटेन बोला " तब तो जोर जोर से करना पड़ेगा । तुम चिंखती ज्यादा हो कही तुम्हारा हसबैंड जाग गया तो "
 
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प्रणिता झट से आगे हो के पीछे मुड़ी " नही नही तुम धीरे धीरे ही करना " और मन में बोला हरामी तूने फिर से उस तरह करी तो मेरा भर्ता बन जायेगा आवाज तो मुंह में कपड़े डाल के दावा लूं और मुझे पता है मेरा पति जितना पी के लुढ़का के ना बिन बजाने पर भी ना उठे ।


रोटेन ने सावर बंद कर दी और बाहर निकला बाथरूम से । प्रणिता घबरा गई की ये पागल नंगा ही क्यू बाहर निकला और वो भी टॉवल लपेट के निकली ।



टोटेन एसी के फ्लो बढ़ा दिए और एक चद्दर से मुकुल को ओढ़ा दिया । ये सब प्रणिता देख रही थी । प्रणिता उसको इसारे पूछने लगी की तुम ये क्या कर रहे हो ।



तो रोटेन उसको चुप रहने का इशारा किया । प्रणिता को अब सच में गुस्सा आ रहा था । तो वो रोटेन को धक्का दे के बाहर करने लगी । लेकिन रोटेन तो जिद्द पे अड़ा था उसे जो चाहिए वो ले की ही रहेगा मन मर्जी से ।




नौजवान बलिष्ट लड़का था प्रणिता को आसानी से घसीत के बिस्तर पर ले गया और चद्दर के नीचे घुसा लिया । प्रणिता गुस्से में और उसके संगल से निकलने के लिए छटपटाने लगी ।



लेकिन नही निकल पाई । धुत पड़े हुए मुकुल के बगल में ही प्रणिता की चूत में लंड डाल के उसकी दोनो कलाई पकड़ रखी और धीरे धीरे धक्के मारता गया । प्रणिता चटपटाती रही जोर आजमाती रही ।




कुछ 5 मिनिट तक प्रणिता की जोर चली उसके बाद उसकी आंखे बंद हुई और सांसे चढ़ने लगी । पति बगल में है और पराए मर्द की चुदाई से ना चाहते हुए गुस्सा थूक के गर्म हो रही है इसका एहसास तो थी उसी जो उसे बुरा भी लग रही थी लेकिन एक अनोखा मज़ा भी मिल रहा था उसे की कैसे एक 20 साल का लड़का उसी के पति के सामने उसकी मजे दे कर चूत मार रहा है कैसे उसकी जिस्म की भोग लगा रहा है ।



रोटेन उसकी हाथ छोड़ देता है और फुसफुसा के बोला " देखो गधा कैसे सो रहा हे "


प्रणिता लाल आंखे दिखाती है । लेकिन रोटेन उसकी चूत का ही मजे लेने की शक्कर में नहीं था तरह तरह के खेल खेलने की फिराक में था
वो प्रणिता की गले पर गुदगुदी करता है ।



प्रणिता को गुदगुदी थी तो वो मुस्कुरा दी और हसी ना निकाल जाए इसलिए मुंह दबा ली अपने हाथ से ।



रोटेन धीरे धीरे धक्के लगाते हुए बोला " अगर मेरा साथ नही दिया तो फिर से एक और बार चोदूंगा तुम्हे "



प्रणिता धीरे से बोली " उफ्फ कहा फांस गई । " उसने मुकुल के चेहरे को चद्दर से ढक दिया और बोली " देखो सच कह रही हूं मुझे भी मजा आ रहा है इसलिए तुम भी मजा लो और मुझे भी मजा लो "


मुकुल बोला " मुझे भी अपने पति के जैसे प्यार दो । अपने पति को प्यार से क्या बुलाती हो "


प्रणिता साफ साफ जूठ बोली " बेबी " जो भी शरीर दे सकती है लेकिन पति का प्यार किसी को नही सकती दिल का प्यार दिल में ही रहती है ।


रोटेन बोला " मुझे भी बेबी बुलाओ "



प्रणिता उसकी गाल चूम कर प्यार से बोली " ओह मेरे बेबी । प्लीज मुझे और मत तरपाओ । Fuck me baby ..


रोटेन अब थोड़ा जोर लगा के धक्के देने लगा । प्रणिता ने आंख बंद कर ली और टांगे रातेन की कमर पर बांध ली । रोटेन उसी रफ्तार में चोदता गया जब भी थक जाता रूक जाता और फिर से चालू हो जाता । प्रणिता हल्की हल्की आह्ह्ह्ह के साथ मजा लेती रही ।




और कुछ देर बाद रोटेन ने उसकी चूत भर दी । उसके बाद रोटेन चला गया । प्रणिता दरवाजा अच्छे से बंद कर के नहा के बिस्तर पर आ कर मुकुल से लिपट गई लेकिन उसकी आखों की कोने से धारा बहने लगी ।
 
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दूसरी सुबाह क्या रंग लाने वाली है । प्रणिता की जिंदगी के काल रात का प्रभाव कैसा होगा । एक ही रात में रिश्ते की डोर ढीली पड़ गई क्या होगा अब ।




प्रणिता काफी देर से उठी । मुकुल उससे पहले उठ के अपना नाश्ता कर चुका था और थोड़ा बाहर भी घूमने गया ।



10 बजे प्रणिता उठी । शिर बोहोत भारी लग रही थी । बदन तूत सा लग रहा था । वो आलस से उठी और मुयाना किया की उसका पति कब का उठ चुका है कमरे में भी नहीं है । उसे पता थी उसे सुबाह का नाश्ता जल्दी चाहिए होता है इसलिए सायेद बाहर गया है ।



लेकिन अगले ही पल उसकी आंखो के सामने काल की रात की कुछ यादें जैसे चलचित्र की तरह चलने लगी । और ये क्या किया उसने अब उसका ज्ञात होने लगा । एक जिल्लत भरी तिर उसकी दिल पर चुबने लगी । वो उठी और बाथरूम में गई ।




आईने में अपनी चेहरे को देखते हुए सोचने लगी । में ऐसा कैसे कर सकती हूं मुझसे इतनी बड़ी भूल कैसे हो गई । मुकुल को पता चलेगा तो क्या होगा । और अपने जिस्म छू के सोचने लगा मेरा शरीर अब अपवित्र हो गई है मैली हो गई है में सती नहीं रही थी । छी मैंने क्या किया ।



तभी उसका फोन बजने की आवाज सुनाई दी और वो बाथरूम निकल कर अपना फोन उठाता है । फोन उसके बेटे का था हॉस्टल से ।


कुछ दो मिनिट बेटे से बात की उसने । और उसका अपना परिवार उसकी संसार की एहमियत समझ आ गई । वो फुबक फुबक के रोने लगी ।





कुछ देर बाद मुकुल प्रणिता के लिए भी बाहर से नाश्ता पेक कर के लता हे । लेकिन उसने देखा कि उसकी पत्नी की चेहरे पर रोने की सिकन । वो फिक्र से अपने पत्नी के पास गया और पूछा " जान क्या हुआ है तुम्हे तुम तो रही थी "



प्रणिता ने सोचा अभी बताता ठीक नही होगा आगे सोचते है क्या करना है । तो वो बोली " मुझे अभी के अभी घर ले चलो मुझे यहां और एक पल भी रहना नहीं है । "


मुकुल भी घबरा गया अचानक क्या हुआ उसकी बीवी को । काल तक तो ठीक ही था लेकिन आज अचानक क्या हुआ हे । क्या काल रात कुछ हुआ है क्या । उसे याद आया की उसको अपना नया दोस्त राजीव मिल गया था उसके साथ ही वो पीने बैठ गया था उसके बाद उसे कुछ याद नहीं । बस सुबाह को अपने बिस्तर पर पाया उसने सोचा की सायेद राजीव ने उसको कमरे तक चौड़ा है । और खयाल आया की कही राजीव ने उसकी बीवी के साथ कोई बत्तोमिजी तो नहीं कि ।




मुकुल अपनी बीवी चेहरे को हथेलियों में ले के प्यार से पूछा " जान बताओ ना काल रात कुछ हुआ है क्या "


प्रणिता बोली " प्लीज पहले मुझे घर ले चलो "



मुकुल बोला " ठीक है हम अभी चले जायेंगे लेकिन हुआ क्या है बताओ ना जान । प्लीज बताओ में सब सही कर दूंगा "
 
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प्रणिता अपनी बांध नहीं रोक पाई और अपने पति के छाती पर फुबक फुबक कर रोने लगी " हूं मेरे से .... काल रात मेरे से गलती हो गई हे आप वाली "


मुकुल हैरान हो गया " क्या " और अपने पत्नी की चेहरे को ऊपर उठा कर बोला " क्या कहा तुमने जान .... काल तुम्हारे साथ किसी ने जबरदस्ती की है ..किसने की हे "



प्रणिता सुबक सुबक के बोली " वो वो । वो में आपको ढूंढ रही थी । मुझे भी काफी नशा हो रहा था । वो वो एक लड़का मिला था । वो मुझसे पहले तो अच्छे से बात करने लगा । लेकिन पता नही कैसे में उसकी बातों में गई और और वो उसने मुझे पार्टी से दूर ले के गया । उसके साथ एक शराब की बॉटल भी थी हम घूम रहे थे बाते भी कर रहे थे उसने मुझे भी शराब पिलाई । फिर फिर फिर वो उसने पता नही मुझे ठीक से याद नहीं लेकिन में भी बेहेक गई । मुझे माफ कर दो प्लीज प्लीज जान माफ कर दो " प्रणिता इतना रोने लगी की उसको अपनी पेड़ो पे खड़े होने की क्षमता ही नेही बची वो लड़खड़ाने लगी ।




मुकुल ने उसको सहारा दे के बिस्तर पर बिठा दिया और अपनी सीने से लगा के पीठ सहलाने लगा " बस बस रो मत जान । कुछ नही होगा मुझे कोई दुख नहीं है । गलती हो जाती है इंसान गलती का ही पुतला है । लेकिन अगर उसने तुम्हारे साथ जबरस्ती की हे तो बताओ में उसको सबक शिखाऊंगा "


प्रणिता रोए जा रही थी और मुकुल ने भी उसे रोने दिया ताकि मन थोड़ा हल्का हो जाए । प्रणिता रो रो के कुछ देर बाद चुप हो गई और अपने पति के आखों में देख के बोली " मुझे माफ कर । आपकी कसम दुबारा ऐसी गलती कभी नही होगी "


मुकुल हल्का मुस्कुरा के बोला " नहीं माफी मांगने की जरूरत नही है । में समझ सकता हूं जान । तुमने होश में तो जान बूझ के नहीं की ना । गलती होती है मेरे से भी तो वोही गलती हुआ है ।"


प्रणिता बोली " पर में । में में अब जूठी हो गई हूं "


मुकुल बोहोत ही समझदारी से समझाया " किसी का बदन चुने से अगर जूठा हो जाता है तो पता नही इस दुनिया का क्या होता लोग एक दूसरे को ही घृणा करते फिरते । अगर तुम ऐसा मानते हो तो में भी तो जूठन हूं । तो हिसाब बराबर "



प्रणिता फिर से अपने पति के बाहों में समा गए । और कुछ देर बाद प्रणिता नहा धो के तैयार हुई और अपना बैग पैक करते हुए बोली " चलो हमे यहां और एक पल भी नही रहना है । ये जगह हम लोगो के लिए नहीं हे । बिगरेल लोगो के लिए है । "


मुकुल बोला " ठीक है । सायेद जान तुम सही कह रहे हो । चलो अभी निकलते है "



दोनो अपना अपना सामना बांध के रिसोर्ट वालो को बिना इनफ्रोम किए ही एयरपोर्ट जल्दी जल्दी में निकल जाते है । लेकिन सायेद दोनो के किस्मत में कुछ और लिखा था । पता चला कि किसी खराब स्थिति के कारण दो दिन के लिए ****या आने वाली फ्लाइट कैंसल है ।


ये सुन के दोनो वोही शिर पीट के बैठ गए । दोनो को कुछ सूंज नहीं रहा था की अब क्या करे ।


आखिर कार मुकुल बोला " जान अब तो दो दिन और रुकना ही पड़ेगा । कोई और सहारा नहीं है हम इतना भी अमीर नहीं है की कोई प्राइवेट जेट बुक कर ले "


प्रणिता बोली " लेकिन में फिर से उस रिजॉर्ट में नही जाऊंगी "



मुकुल बोला " ठीक हे हम दूसरे किसी होटल में चले जाते है "


दोनो किसी अच्छे जगह पे होटल की खोज की और एक अच्छे होटल ठहरे । प्रणिता की मन बुझ गया था वो खामोश थी । बार बार गलती का एहसास उसे चटा रही थी और अपने बेटे का बोहोत याद आ रही थी उसे । बस किसी तरह अपने घर पोहोच जाए बस यही उसकी आखरी अरमान बन गई मानो ।
 
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दोपहर के खाने के बाद मुकुल बोला " जान चलो थोड़ा बाहर हो के आते है । तुम्हारा मन थोड़ा हल्का हो जायेगा "


प्रणिता बेड पे लेटी थी बोली " नहीं मन नही है बदन कमर दर्द कर रहा है "



मुकुल उसके सिरहाने में बैठ के उसकी शिर हाथ सेहला के प्यार जताते हुए बोला " ज्यादा दर्द कर रहा है क्या । में दवाई लाऊ "


प्रणिता उसकी एक हाथ छीने पर लगा के बोली " नही बस मेरे पास रहो । बस थोड़ी थकान है इतना भी दर्द नहीं है आराम करते ही ठीक हो जायेगा "




मुकुल उसके बगल में लेट गया और उसे बाहों में भर के बोला " जान चलो मसाज पार्लर चलते है तुम्हारी सारी थकान मिट जायेगी "


प्रणिता फिर बोली " नहीं । बस मेरे साथ रहो । कही नही जाना हे मुझे "


मुकुल उसे बाहों में भर लेता है । और कुछ देर बाद प्रणिता की आंख लग जाती है । मुकुल सोचने लगा । यहां आना ही नहीं चाहिए था । और सबसे ज्यादा गलती मेरी है काल अगर में इसके साथ होता तो ये सब नहीं होता । कैसा पति हूं में अपनी ही बीवी को अकेला छोड़ दिया पीने की चक्कर में । मै भी ना जरा सी लत को काबू नहीं कर पाया । सही कहा था दस्ते ने ये शहर ऐसी ही हे । क्या हो गया हमारे साथ कुछ पता ही नही चला हमे । बस दो दिन निकल जाए फिर हम बापच अपनी दुनिया में ।






रात को डिनर के बाद मुकुल थोड़ी देर के लिए बाहर गया । प्रणिता ने ठीक से खाना नहीं खाया तो मुकुल ने सोचा कि उसकी मन को सही करना होगा ।




मुकुल कुछ देर में लौट आया । उसके हाथ वाइंड की बॉटल थी । ये देख के प्रणिता भड़क गई " आपने फिर से । इसकी वजह से इतना सब कुछ हो गया और आप "



मुकुल उसे समझाने लगा " जान तुम गलत समझ रही हो । ये में तुम्हारे लिए लाया हूं खास कर । थोड़ा पी लो कुछ देर के लिए तुम्हारे अंदर की दुख दर्द तल जायेगा और एक अच्छी नींद आयेगी । "


प्रणिता बोली " नहीं मुझे नहीं पीना "



मुकुल उसके पास बैठ के बोला " प्लीज जान । मेरे लिए थोड़ा पी लो । मुझे बुरा लग रहा है तुम ना ठीक से खा पा रही ना ठीक से मन लगा पा रही हो । पागलों की तरह कमरे घूम रही थी और कोने में जा के खोई हुई थी । प्लीज थोड़ा शांति मिलेगी । कभी कभी नशा अच्छे के लिए भी होता है टेंशन दूर कर देती है और माइंड रिफ्रेश होता है फिर हम अच्छे से सोच विचार कर सकते है "



प्रणिता वाइन की बॉटल को देखने लगी और फिर बोली " कर्वी है इसलिए मुझे पसंद नही "


मुकुल हास के बोला " रेड वाइन हे । अंगूर जैसा मीठा स्वाद आएगा "


मुकुल ने दो ग्लास पर रेड वाइन डाली और एक ग्लास प्रणिता को दिया । प्रणिता धीरे से एक चीप लेती है ।

मुकुल पूछा " कैसा है "

प्रणिता की चेहरे पे थोड़ी मुस्कान आई " अच्छा है मीठा लेकिन फिर भी थोड़ा थोड़ा कर्वी है "


मुकुल बोला " वो तो होगा ही शराब की यहीं तो पहचान हे "


प्रणिता भी अब अच्छे से पीने लगी । दोनो ने एक समान पीते हुए पूरी बॉटल खाली कर दी कछी समय पर ।


फिर कमरे की लाइट बंद कर के दोनो ऐसी लगा के सोने के लिए तैयार हुए । लेकिन बेड के दोनो तरफ की हेड बॉक्स के ऊपर रखी नाइट बल्ब जल रही थी ।





प्रणिता घर पे पहनने वाली नाइटी में थी । मुकुल उसके करीब आ के बोला " अब कैसा लग रहा है "

प्रणिता मुस्कुराई " हम्मम । थोड़ा नशा चढ़ गया है लगता ही "
 
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मुकुल बोला " जान वो काली नाइटी पहन के आओ ना "


प्रणिता मुस्कुराई " आज नही । काल करते है ना "

मुकुल बच्चो की तरह जिद्द कर के बोला " जान प्लीज आओ ना पहन के "


प्रणिता भी मान गई और मुस्कुराती हुई उठ कर अपनी बेग से काली ट्रांसपेरेंट नाइटी ले कर बाथरूम में गई । अपने नाइटी उतार दी और ब्रा पैंटी भी फिर वो काली नेट वाली ट्रांसपेरेंट नाइटी पहन ली और बालों को बिखर दी और फिर बाथरूम से बाहर निकली और कमर में हाथ रख के सेक्सी अंदाज में खड़ी हो गई ।


मुकुल बिस्तर पर कूदने लगा " ओह जान क्या लग रही हो " और पास बुलाना लेगा " आजा जान आ जा "


प्रणिता को अपने पति की हरकत देख के हसी आई वो भी बिस्तर पर कमर मटकते हुए आई । मुकुल पूरा जोश में उसे खींच के बिस्तर पर धक्का देता हे और लोमड़ी की तरह अपनी पत्नी की जिस्म चूमने चाटने लगा । प्रणिता भी अपने पति का साथ दे रही थी वो खुशी मेहसूस कर रही थी अपने पति को सुख दे कर ।




मुकुल ने उसकी नाइटी उतार दी । और अपनी पत्नी की रस से भरे जिस्म देखने लगा और उसकी आंखे चौंक गई ।


प्रणिता की चुचियों की दोनो निप्पल के सारों तरफ दातों के नीले पड़ चुके निशान और उभरी हुई पेट पर भी कोई जगह पर काटने की निशान ।



मुकुल का कलेजा जल उठा और गुस्से में दात पीच के बोला " उसका नाम पता पूछा तुमने प्रणिता । कुछ याद है । साले को में जान से मार दूंगा इतनी तकलीफ दी तुम्हे "



प्रणिता भी अपने पति का गुस्सा देख कर घबरा गई लेकिन अपने पति संभालते हुए बोली " जान जान गुस्सा मत हो प्लीज । जो भी हुआ होगा मेरी भी मर्जी रही होगी । प्लीज गुस्सा मत करो । लोग ऐसे ही है दूसरी की फ्री चीज मिल जाय तो राक्षस बन जाते है । प्लीज गुस्सा मत हो दो दिन बात सब निशान चला जायेगा "


मुकुल बोला " बात वो नहीं हे चला जायेगा निशान लेकिन उसने तो तुम्हे तकलीफ दी हे ना । उसको सजा मिलना चाहिए । "


प्रणिता अपने पति के चेहरे को हाथों में लेके बोली " प्लीज जान गुस्सा मत हो । में नशे में थी इसलिए ज्यादा कुछ पता भी नही लगा मुझे और भी काफी नशे में था "



ये बोल कर वो मुकुल के होंठ चूसने लगी । कुछ देर बाद मुकुल भी शांत पड़ गया अपनी पत्नी नर्म एहसास पा कर और अपनी पत्नी को बाहों में भर कर जी भर के प्यार करने लगा । और चूमते चूमते वो प्रणिता की सुंदर सी जन्नत की सुख देने वाली चूत को चूमने लगा और कुछ मिनिट चाट के वो अपना लंड चूत के मुंह पर लगा कर प्रणिता को बाहों में भर कर धीरे से धक्का दिया ।



लेकिन प्रणिता एक दम से तड़प उठी " साईऊऊऊऊ आह हा हा हा मर गई निकालो " तड़पते हुए हीन हीना गई बेचारी और अपने पति को पीछे धकेलने लगी ।




ये देख कर मुकुल हुई हैरान रह गया और उसने अपना लंड निकाल लिया । प्रणिता की चेहरे पे दर्द और आसू देख के पूछा " जान क्या हुआ "


प्रणिता आसू पोछते हुए बोली " बोहोत जलन हो रही है लगता हे अंदर सूंज गया है "
 
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मुकुल अभी भी कुछ समझ नही पा रहा था और पूछा " क्या मतलब हे सूंज गया है "


प्रणिता बरबराई मुंह के अंदर " उसने बोला था । सही में ऐसा ही कर दिया "



मुकुल ठीक से सुन नही पाया और पूछा " क्या । क्या बोला जान "


प्रणिता को अपनी कही हुई बातों पर बोहोत शर्म मेहसूस होने लगी और वो करवट ले के कर तकिए से मुंह छुपा के बोली " जान काल करते हे आज सो जाओ "



मुकुल कुछ पल तक अपनी पत्ती को देखता रहा । उसके मन में खयाल आया । इतनी बुरी हालत है प्रणिता की कौन था वो हरामी जिसने ये हालत की प्रणिता की लगता है बोहोत ताकतवर था । चूत सुंजा दी उसने प्रणिता की एक बच्चा जन्म देने वाली रेगुलर चुदने वाली चूत की ये दशा कर दी उसने ।

जहा कुछ देर पहले अपनी पत्नी की जिस्म पर काटने का निशान देख कर गुस्से में आग बबूला हो गया था लेकिन अब इन सब खयाल आते हे इसके नश नश में अजीब सा रोमांचित आनन्द दौर गया उसने मेहसूस किया की उस खयाल से उसके लंड में जैसे और तनाव मेहसूस होने लगा ।


मुकुल को नहीं पता उसके साथ क्या हो रहा है क्यू ऐसे व्येविशर खयाल से इतना अलग मेहसूस करने लगा । वो प्रणिता को अपनी तरफ घूमने की कशिश करते हुए प्यार से बोला " जान मेरी तरफ देखा ना "


प्रणिता नहीं घूमी उसके तरफ और वो तकिए में मूह छुपा के ही बोली " जान मुझे नींद आ रही हे । प्लीज काल "


मुकुल उसकी सुथोल बाहें चूमते चूमते बोला " जान जो होना था हो गया अब भूल जाओ सब कुछ दुखी मत हो । लेकिन मुझे जानना हे तुम्हारे साथ क्या क्या हुआ है प्लीज बताओ ना जान । इतना तो मेरा हक बनता हे "


प्रणिता इस बार घूमी और अपने पति के बाहों में समा के बोली " नही जान बोहोत गंदी बात है में नहीं कह पाऊंगी और आप सुन नहीं पायेंगे "


मुकुल बोला " अब तो जान और जिज्ञासा बढ़ गई सुनने की मेरी । प्लीज बता दो ना क्या कह रही थी तुम "


प्रणिता बोली " प्लीज जान नेही "


मुकुल जिद्द करने लगा " प्लीज बोलो ना जान प्लीज में सुन लूंगा में बुरा नहीं मानूंगा "


प्रणिता इस बार अपने पति के आंखो में देख के बोली " सच में आपको सुनना है "

मुकुल बोला " हां सुनना है जान प्लीज बोलो "

प्रणिता भी समझ नही पा रही थी उसका पति क्यों इतना बेताब हो रहा है सुनने के लिए । लेकिन वो बोली मगर दूसरे तरीके से " उसने बोला था की वो मेरा वोही हाल करेगा "


मुकुल बोला " यही हाल मतलब "

प्रणिता इस बार थोड़ा चिढ़ जाती है और बोली " आपको मेरे ऊपर जरा भी तरस नही आ रही है "

मुकुल उसका जवाब नही देता और उठ कर बैग में एक लुब्रिकेंट निकाल के लता है और ये देख कर प्रणिता बोली " आप भी मेरी हालत को मजा ले रहे है । और ये क्या कर रहे है क्यों वो ले आए "


मुकुल काफी उत्तेजक तरीके से बोला " जान तुम्हे इतने दिनो बाद बेहाल देख कर थोड़ा में जोश में आ गया हूं बोहोत मन कर रहा है करने का । मगर में तुम्हे जरा भी दर्द नहीं दूंगा बोहोत प्यार से करूंगा "


प्रणिता थोड़ा नाराजगी दिखा के बोली " सब मर्द एक जैसे ही होते है " और मन में बोली " आप क्या दर्द देंगे दर्द तो पहले से उसने दे रखा है ।



मुकुल हमेशा लुब्रिकेंट अपने साथ रखता था कभी कबार वो प्रणिता की गांड मार लेता था
लेकिन प्रणिता को गांड मरवाना पसंद नहीं थी लेकिन पति के लिए कुछ मिनिट के लिए कुटिया बन जाती थी ।


मुकुल ने अपने लंड पर और प्रणिता की चूत पर ढेर सारा लुब लगा के लंड डालते हुए अपनी पत्नी को बाहों में भर लिया ।
 
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