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वह ऊपर से ही खुबसुरत लगती है। अपने पति को कैसे खुश कीया जाता है यह कला उसमे बिल्कुल भी नहीं है एकदम ठंडी है ठंडी,,,,,,,,,, मेरी तो नसीब खराब थी जो मेरी शादी उसके साथ हो गई मुझे तो तुम्हारी जैसी बीवी चाहिए थी,एकदम गरम जो बिस्तर पर अपने पति को कैसे खुश कीया जाता है अच्छी तरह से जानती हे।
( इतना कहते हुए अशोक ब्लाउज के ऊपर से ही रीता की चुचियों को दबाने लगा,,,, रीता चूचियों पर अशोक की हथेली का दबाव पाकर मस्त होने लगी वह अशोक की बातें सुनकर मन ही मन प्रसन्न हो रही थी। रीता यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि अशोक,,,,, कंपनी का मालिक उसकी खूबसूरती का दीवाना है और इस बात का वह पूरी तरह से फायदा उठातीे थी। एक मर्द की उन्नति और बर्बादी के पीछे औरत का ही हाथ होता है। अशोक भी औरतों के पीछे कंपनी का अच्छा खासा फायदा लुटा चुका था और लुटाता आ रहा था। रीता की माली हालत अच्छी नहीं थी वह बड़ी गरीबी में जी रही थी और ऐसे में उसकी शादी उसके मां बाप ने ऐसे लड़के से कर दी जो कि कुछ भी कमाता नहीं था। शादी के बाद उसकी जिंदगी और बदतर होने लगी क्योंकि उसका पति तो कुछ कमाता नहीं था।
एक दिन अखबार में रीता नौकरी का इश्तेहार पढ़ कर अशोक के ऑफिस पहुंच गई। इंटरव्यू लेते लेते बातों ही बातों में उसने रीता की माली हालत का पूरी तरह से जायजा ले लिया,,,, अशोक ऐसी ही औरत और लड़कियों को अपनी असिस्टेंट लगता था कि उसकी हालत खराब हो जो कि पैसों के लिए अशोक की सारी इच्छाएं पूरी कर सके। रीता की मजबूरी को पूरी तरह से फायदा उठाते हुए उसने उसे नौकरी पर रख लिया और एडवांस मे हीं ₹5000 उसके हाथ में थमाते हुए,, ऑफिस में ही उसे अपनी बाहों में भर कर उसके होठों को चूमने लगा। एडवांस मे हीं 5000 मिलने की मेहरबानी को रीता अशोक कीे ईस हरकत से अच्छी तरह से जान गई लेकिन उसके सामने भी कोई दूसरा रास्ता नहीं था तो वह अशोक को ईन्कार ना कर सकी और इंटरव्यू के दिन ही नौकरी और एडवांस में ₹5000 मिलने की खुशी में वह ऑफिस में ही अशोक से चुदवा ली । उस दिन से लेकर आज तक रीता अपने बदन का जलवा अशोक को दिखाते हुए धीरे-धीरे उसने अशोक के पैसे से अपने लिए एक घर और घर के अंदर सुख सुविधाओं का सारा सामान बसा ली।
अशोक धीरे-धीरे रीता के ब्लाउज के बटन को खोलने लगा,,, और रीता भी अपने हाथों से अशोक के पेंट के बटन को खोलकर उसके चेन को नीचे सरकाने लगी,, यही अदा रीता को अशोक की नजर में निर्मला से अलग करती थी। क्योंकि रीता अच्छी तरह से जानती थी कि एक मर्द को खुश करने के लिए औरत को क्या करना चाहिए। अशोक रीता के ब्लाउज के सारे बटन खोल चुका था और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके संतरों को दबा रहा था। रीता तो अशोक की ईस हरकत की वजह से गरम हुए जा रही थी और उसके मुंह से लगातार सिसकारी की आवाज आ रही थी।
सससससहहहहहहह,,,,,,,,, आााहहहहहहहहह,,,,,,,, अशोक मेरे राजा ऐसे नहीं पहले मेरी ब्रा और ब्लाउज दोनों को निकाल दो और फिर मेरी चुचियों को मुंह में भर भर कर दबा-दबा कर पीअो,,,,,, रुको मै हीं निकाल देती हूं मेरे राजा,,,,,,( इतना कहने के साथ ही वह ब्लाउज को अपनी बाहों से निकाल सके और अपने दोनों हाथों की से ले जाकर ब्रा के हुक को खोल दी,,,,, और रीता ने ब्रा को भी निकाल फेंकी। ब्रा कोे बदन से दूर होते ही रीता की गोल-गोल नारंगीया अशोक की आंखों में चमकने लगी,,, वह नंगी चूचियों को देख कर पागल सा हो गया और सीधे अपने मुंह को चुचियों के बीच डालते हुए बोला।।
ओह मेरी जान मेरी तो तुम्हारी यही अदा तो मुझे तुम्हारा दीवाना बना दि है। यही सब अदा तो मेरी बीवी निर्मला में नहीं है तभी तो मुझे वह बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती।। क्योंकि खूबसूरती ही सब कुछ नहीं होती औरतों को अपने पति को कैसे खुश करना है यह भी आना चाहिए जो कि निर्मला को बिल्कुल भी नहीं आता। ( इतना कहने के साथ ही अशोक रीता की चूची को मुंह में भर कर चूसने लगा,,,,,, और रीता अशोक की इस हरकत से सिसकारी लेते हुए बोली।)
सससससहहहहहहह,,,,,,, आहहहहहहह,,,,,, अअशोक,,,,,, मैं हूं ना मेरी जान मैं तुम्हें सारा सुख दूंगी,,,, (इतना कहने के साथ ही रहता अंडर वियर में तने हुए लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही मसलने लगी,,,, और रीता के ईस हरकत पर अशोक गरम आहें भरने लगा।,,,)
आहहहह,,,,,, रीता,,,,,, ( अशोक के मुंह से बस इतना ही निकला था कि वह रीता की दूसरी चूची को मुंह में भर कर पीने लगा।
अशोक इसी तरह से अपने ऑफिस में रीता के साथ रंगरेलियां मनाता था। लेकिन आज तक इस बात की भनक ऑफिस में काम कर रहे किसी भी कर्मचारी को नहीं लगी। रीता के साथ ही क्या इससे पहले भी जितने भी औरतों के साथ अशोक के संबंध रहे हैं आज तक इस बात की भनक किसी को भी नहीं लग पाई क्योंकि ऑफिस में अशोक हमेशा सख्ती से पेश आता था और जिन औरतों के साथ उसके शारीरिक संबंध होते थे उनके साथ भी दूसरों के सामने वह बड़े ही शख्ती से पेश आता था। इसलिए कभी भी किसी को इस बात की बिल्कुल भी मन नहीं लग पाती इसलिए अशोक के उसके पर्सनल असिस्टेंट के साथ शारीरिक संबंध है।
अशोक रीता की दोनो चुचियों को बारी-बारी से मुंह में भरकर पीने का आनंद ले रहा था। रीता मस्त हुए जा रही थी,वो अपनी चूचियों को चुसवाते हुए धीरे से अशोक के अंडर बीयर को नीचे सरकाई और उसके हथियार को बाहर निकाल कर मुठीयाने लगी,,,, अशोक भी एकदम से चुदवासा हुए जा रहा था।रीता की हर एक हरकत पर अशोक पागलों की तरह ऊससे लिपट चिपट रहा था। रीता बड़े ही उत्तेजक तरीके से अशोक के खड़े लंड को मुट्ठी में भरकर आगे पीछे कर रही थी। अशोक दीवानों की तरह रीता की चुचीयो पर टूट ही पड़ा था।
ओहहहहह,,,, अशोक,,,, मेरे राजा,,,,, आहहहहहहह,,,, और जोर के पियो,,,, खूब जोर जोर से दबाओ,,,,,,,( अशोक भी रीता की बात मानते हुए जोर जोर से दबाना शुरु कर दिया) सससससहहहहहहह,,,,, ओहहहहह,,,,, अशोक,,,,, बस ऐसे ही दबाते रहो बहुत मजा आ रहा है।
कुछ देर तक अशोक रीता की चुचियों से ही अपनी प्यास बुझाता रहा। रीता की दोनों चुचीयां उत्तेजना के असर में अपने आकार से थोड़ी बड़ी हो चुकी थी और अशोक के द्वारा मसलने की वजह से एकदम लाल लाल टमाटर की तरह हो गई थी। रीता तो अशोक के लंड से ही खेल रही थी उसे हल्के हल्के मुठीयाते हुए अशोक को पूरी तरह से गर्म कर चुकी थी।
दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे रीता अपनी चुचियों पर से अशोक का मुंह हटाते हुए उसकी आंखों में आंखें डाल कर बड़ी ही नशीली अंदाज में अपने दांत से होठों को दबाते हुए एकटक देखने लगी। अशोक तो रीता की नशीली आंखें देखकर नशे में डूबने लगा और देखते ही देखते रीता उसके होठो को चुंबन करते हुए धीरे धीरे नीचे की तरफ आने लगी और आते-आते उसके शर्ट के बटन खोलते जा रही थी। धीरे-धीरे रीता अशोक की शर्ट के सारे बटन को खोलते हुए घुटनों के बल बैठ गई अशोक कुछ समझ पाता इससे पहले ही रीता ने उसके टनटनाए हुए लंड को अपने मुंह में भर कर चुसना शुरु कर दी। रीता की इस गरम हरकत की वजह से अशोक की तो हालत खराब हो गई उसके मुंह से गरम आहे निकलने लगी।
( इतना कहते हुए अशोक ब्लाउज के ऊपर से ही रीता की चुचियों को दबाने लगा,,,, रीता चूचियों पर अशोक की हथेली का दबाव पाकर मस्त होने लगी वह अशोक की बातें सुनकर मन ही मन प्रसन्न हो रही थी। रीता यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि अशोक,,,,, कंपनी का मालिक उसकी खूबसूरती का दीवाना है और इस बात का वह पूरी तरह से फायदा उठातीे थी। एक मर्द की उन्नति और बर्बादी के पीछे औरत का ही हाथ होता है। अशोक भी औरतों के पीछे कंपनी का अच्छा खासा फायदा लुटा चुका था और लुटाता आ रहा था। रीता की माली हालत अच्छी नहीं थी वह बड़ी गरीबी में जी रही थी और ऐसे में उसकी शादी उसके मां बाप ने ऐसे लड़के से कर दी जो कि कुछ भी कमाता नहीं था। शादी के बाद उसकी जिंदगी और बदतर होने लगी क्योंकि उसका पति तो कुछ कमाता नहीं था।
एक दिन अखबार में रीता नौकरी का इश्तेहार पढ़ कर अशोक के ऑफिस पहुंच गई। इंटरव्यू लेते लेते बातों ही बातों में उसने रीता की माली हालत का पूरी तरह से जायजा ले लिया,,,, अशोक ऐसी ही औरत और लड़कियों को अपनी असिस्टेंट लगता था कि उसकी हालत खराब हो जो कि पैसों के लिए अशोक की सारी इच्छाएं पूरी कर सके। रीता की मजबूरी को पूरी तरह से फायदा उठाते हुए उसने उसे नौकरी पर रख लिया और एडवांस मे हीं ₹5000 उसके हाथ में थमाते हुए,, ऑफिस में ही उसे अपनी बाहों में भर कर उसके होठों को चूमने लगा। एडवांस मे हीं 5000 मिलने की मेहरबानी को रीता अशोक कीे ईस हरकत से अच्छी तरह से जान गई लेकिन उसके सामने भी कोई दूसरा रास्ता नहीं था तो वह अशोक को ईन्कार ना कर सकी और इंटरव्यू के दिन ही नौकरी और एडवांस में ₹5000 मिलने की खुशी में वह ऑफिस में ही अशोक से चुदवा ली । उस दिन से लेकर आज तक रीता अपने बदन का जलवा अशोक को दिखाते हुए धीरे-धीरे उसने अशोक के पैसे से अपने लिए एक घर और घर के अंदर सुख सुविधाओं का सारा सामान बसा ली।
अशोक धीरे-धीरे रीता के ब्लाउज के बटन को खोलने लगा,,, और रीता भी अपने हाथों से अशोक के पेंट के बटन को खोलकर उसके चेन को नीचे सरकाने लगी,, यही अदा रीता को अशोक की नजर में निर्मला से अलग करती थी। क्योंकि रीता अच्छी तरह से जानती थी कि एक मर्द को खुश करने के लिए औरत को क्या करना चाहिए। अशोक रीता के ब्लाउज के सारे बटन खोल चुका था और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके संतरों को दबा रहा था। रीता तो अशोक की ईस हरकत की वजह से गरम हुए जा रही थी और उसके मुंह से लगातार सिसकारी की आवाज आ रही थी।
सससससहहहहहहह,,,,,,,,, आााहहहहहहहहह,,,,,,,, अशोक मेरे राजा ऐसे नहीं पहले मेरी ब्रा और ब्लाउज दोनों को निकाल दो और फिर मेरी चुचियों को मुंह में भर भर कर दबा-दबा कर पीअो,,,,,, रुको मै हीं निकाल देती हूं मेरे राजा,,,,,,( इतना कहने के साथ ही वह ब्लाउज को अपनी बाहों से निकाल सके और अपने दोनों हाथों की से ले जाकर ब्रा के हुक को खोल दी,,,,, और रीता ने ब्रा को भी निकाल फेंकी। ब्रा कोे बदन से दूर होते ही रीता की गोल-गोल नारंगीया अशोक की आंखों में चमकने लगी,,, वह नंगी चूचियों को देख कर पागल सा हो गया और सीधे अपने मुंह को चुचियों के बीच डालते हुए बोला।।
ओह मेरी जान मेरी तो तुम्हारी यही अदा तो मुझे तुम्हारा दीवाना बना दि है। यही सब अदा तो मेरी बीवी निर्मला में नहीं है तभी तो मुझे वह बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती।। क्योंकि खूबसूरती ही सब कुछ नहीं होती औरतों को अपने पति को कैसे खुश करना है यह भी आना चाहिए जो कि निर्मला को बिल्कुल भी नहीं आता। ( इतना कहने के साथ ही अशोक रीता की चूची को मुंह में भर कर चूसने लगा,,,,,, और रीता अशोक की इस हरकत से सिसकारी लेते हुए बोली।)
सससससहहहहहहह,,,,,,, आहहहहहहह,,,,,, अअशोक,,,,,, मैं हूं ना मेरी जान मैं तुम्हें सारा सुख दूंगी,,,, (इतना कहने के साथ ही रहता अंडर वियर में तने हुए लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही मसलने लगी,,,, और रीता के ईस हरकत पर अशोक गरम आहें भरने लगा।,,,)
आहहहह,,,,,, रीता,,,,,, ( अशोक के मुंह से बस इतना ही निकला था कि वह रीता की दूसरी चूची को मुंह में भर कर पीने लगा।
अशोक इसी तरह से अपने ऑफिस में रीता के साथ रंगरेलियां मनाता था। लेकिन आज तक इस बात की भनक ऑफिस में काम कर रहे किसी भी कर्मचारी को नहीं लगी। रीता के साथ ही क्या इससे पहले भी जितने भी औरतों के साथ अशोक के संबंध रहे हैं आज तक इस बात की भनक किसी को भी नहीं लग पाई क्योंकि ऑफिस में अशोक हमेशा सख्ती से पेश आता था और जिन औरतों के साथ उसके शारीरिक संबंध होते थे उनके साथ भी दूसरों के सामने वह बड़े ही शख्ती से पेश आता था। इसलिए कभी भी किसी को इस बात की बिल्कुल भी मन नहीं लग पाती इसलिए अशोक के उसके पर्सनल असिस्टेंट के साथ शारीरिक संबंध है।
अशोक रीता की दोनो चुचियों को बारी-बारी से मुंह में भरकर पीने का आनंद ले रहा था। रीता मस्त हुए जा रही थी,वो अपनी चूचियों को चुसवाते हुए धीरे से अशोक के अंडर बीयर को नीचे सरकाई और उसके हथियार को बाहर निकाल कर मुठीयाने लगी,,,, अशोक भी एकदम से चुदवासा हुए जा रहा था।रीता की हर एक हरकत पर अशोक पागलों की तरह ऊससे लिपट चिपट रहा था। रीता बड़े ही उत्तेजक तरीके से अशोक के खड़े लंड को मुट्ठी में भरकर आगे पीछे कर रही थी। अशोक दीवानों की तरह रीता की चुचीयो पर टूट ही पड़ा था।
ओहहहहह,,,, अशोक,,,, मेरे राजा,,,,, आहहहहहहह,,,, और जोर के पियो,,,, खूब जोर जोर से दबाओ,,,,,,,( अशोक भी रीता की बात मानते हुए जोर जोर से दबाना शुरु कर दिया) सससससहहहहहहह,,,,, ओहहहहह,,,,, अशोक,,,,, बस ऐसे ही दबाते रहो बहुत मजा आ रहा है।
कुछ देर तक अशोक रीता की चुचियों से ही अपनी प्यास बुझाता रहा। रीता की दोनों चुचीयां उत्तेजना के असर में अपने आकार से थोड़ी बड़ी हो चुकी थी और अशोक के द्वारा मसलने की वजह से एकदम लाल लाल टमाटर की तरह हो गई थी। रीता तो अशोक के लंड से ही खेल रही थी उसे हल्के हल्के मुठीयाते हुए अशोक को पूरी तरह से गर्म कर चुकी थी।
दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे रीता अपनी चुचियों पर से अशोक का मुंह हटाते हुए उसकी आंखों में आंखें डाल कर बड़ी ही नशीली अंदाज में अपने दांत से होठों को दबाते हुए एकटक देखने लगी। अशोक तो रीता की नशीली आंखें देखकर नशे में डूबने लगा और देखते ही देखते रीता उसके होठो को चुंबन करते हुए धीरे धीरे नीचे की तरफ आने लगी और आते-आते उसके शर्ट के बटन खोलते जा रही थी। धीरे-धीरे रीता अशोक की शर्ट के सारे बटन को खोलते हुए घुटनों के बल बैठ गई अशोक कुछ समझ पाता इससे पहले ही रीता ने उसके टनटनाए हुए लंड को अपने मुंह में भर कर चुसना शुरु कर दी। रीता की इस गरम हरकत की वजह से अशोक की तो हालत खराब हो गई उसके मुंह से गरम आहे निकलने लगी।