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Hi friends continue
फिर नींद आ गई। सुबह जल्दी उठ कर बाहर चला गया फिर साम तक फुर्सत नहीं मिला राते बाहर सोया दूसरे दिन बिदाई होने वाली थी। बिदाई की तैयारी हो रही थी। बुआ के साथ हमको भी जाना था तो मै भी तैयार था। बिदाई हो गई मै बुआ के साथ जा रहा था रास्ते में नाश्ता पानी हुआ दोपहर तक हम लोग पहुंच गए वाहा अच्छा स्वागत हुआ। वाहा हमारी नजर एक आंटी पर गई उसके चूतड़ काफी बड़ा था। मै अभी तक इतना बड़ा चूतड़ नहीं देखा था। देखने पर ऐसा लग रहा था कि दो मटके उसके पीछे बांध दिया गया हो। मै ना चाहते हुए भी बार बार उसकी बड़े बड़े चूतड़ देख रहा था। वे लोग बुआ को लेकर अंदर चले गए और मै बाहर बाते करने लगा। कुछ देर बाद हमे खाने के लिए बुलाया गया और मैं भी अन्दर गया सबका परिचय कराया तो मालूम चला कि वो आंटी बुआ की सास थी। वे लोग बहुत खुश लग रहे थे हमे उनसे और उनको हमसे कोई सिकायत नहीं थी। वे लोग खुले विचारों वाले थे मजाक मस्ती में रात हो गई मै ना चाहते हुए भी बार बार उसकी गान्ड पर नजर फेर लेता और सोचता कि क्या इतनी बड़ी गान्ड भी होता है। रात में मुझे सीढ़ियों पर पैर फिसने से पैर में मोच आ गया मै किसी को बताया नहीं बस सो गया सुबह सबको रिस्तेदारो के यहां जाना था क्यो की इनके घर पहले लडके की सादी थी। तो हमको भी जाने के लिए बोला गया मै बताया की मेरे पैर में मोच आ गई हैं और चलने में तकलीफ होगी तो बुआ ने मेरा पैर को देखा पैर मै सूजन आ गया था ओ घबरा गई तो उनकी सास ने कहा कि कुछ नहीं होगा तुम लोग जाओ मै इसको देखती हूं। बाद में सास ससुर और मुझे छोड़ कर सब चले गए। बुआ के सास ने चाय बना कर दिया और तेल गर्म करके लाया पैर को मसाज करने के लिए। मै जब उसे देखता तो उसके चूतड़ों में को जाता उसने मेरी नजरो को ताड लिया तो मै झेप गया उसने हलकी सी मुस्कुराई और मेरे पैर तेल लगाने लगी मुझे दर्द हो रहा था। उसने चुप्पी तोड़ते हुए पूछा ज्यादा दर्द हो रहा है क्या कहा लगा चोट। सीढ़ियों से फिसल गया था पैर मूड गया। नज़रे कहा देख रही थी तुम्हारी मै सब जानती हूं जब से आए हो घुरे जा रहे हो। उसने थोड़ा कड़क लहजे में पूछा तो मै सकपका गया और हा या ना कुछ बोल नही पाया। मै सर नीचे कर के और चुप चाप दर्द बर्दाश्त कर रहा था। कुछ देर बाद उसने मुझे एक दर्द का टेबलेट दिया और बोली दवाई खा लो कुछ नाश्ता बनती हूं। तभी बुआ के ससुर अंदर आए और मेरा हाल पूछा पैर को देख कर बोले डाक्टर के पास जाना पड़ेगा।
क्रमशः
नहीं नहीं ज्यादा नहीं लगा है,बस थोड़ा मोच है ठीक हो जाएगा चिंता की कोई बात नहीं है,मैंने कहा। फिर उसने बुआ की सास को बोला कि मै दूसरे गांव जा रहा हूं साम तक आऊंगा बाहर भी देखना और बोल कर चले गए।
मै नाश्ता करने बाहरवाले रूम आकर बैठ कर टीवी देखने लगा। थोड़ी देर बाद बुआ की सास हमारे पास आई और बोली कि मै अब नहाने जा रही हूं बाहर देखना कोई आए तो अन्दर नहीं आने देना ठीक है, मैंने उनकी तरफ देखा बोला ठीक है ओ जाने लगी मै अपना नजर नीचे नहीं किया और हिलते हुए चूतड़ देखने लगा उसने घूम कर देखा तो मै झेप गया। लेकिन मेरे अंदर का सैतान जाग चुका था मै कल्पना करने लगा कि इतने बड़े चूतड़ नंगी कैसी लगेगी मै सोच कर अपने लन्ड को मसलने लगा। जब ओ नहा कर बाहर आई अपने गीले बालों को झाड़ रही थी। एक बड़ी सी नाइटी पहनी हुई थी। कुछ देर बाद उसने मुझे खाने को बोला और खाना लेकर आ गई बोली आज साथ में खाएंगे दोनों सोफे पर बैठ कर खाना खाया। फिर उसने मेरे पैर को मालिश करने को बोला। ओ नीचे बैठ कर मालिश करने लगी। उसके गले से उसकी बूब्स दिख रहा था जो को मै अभी ख्याल किया कि गान्ड जैसा बूब्स भी बड़े बड़े है। जो कि मेरा होस मदहोश करने के लिए काफी थे। उसने बाते भी कर रही थी मै भी हा हूं बोल रहा था। मालिश करने के बाद उसने हमको वहीं बेड पर लेट जाने को बोला। मै जाकर लेट गया। टीवी देखने लगा हमको पानी पीने के लिए उठा और सीधा बुआ के सास के पास जाकर पानी के लिए बोला। ओ कोई दवा खा रही थी मैंने पूछा क्या हुआ है तो बताया कि ये नींद की गोलियां है हमे दो तीन घंटे सोना है इस लिए ये टेबलेट खा रही हूं। मै पानी पी कर वापस बेड पर लेट गया दो तीन मिनट बाद ही ओ मेरे पास आकर बोली कि अब मै सोऊंगी तुम तीन घंटे बाद हमे जगा देना और ओ भी उसी बेड पर मेरे पीछे लेट गई मै टीवी बंद कर के मोबाइल पर बात करने लगा करीब एक घंटे तक बात किया तभी दरवाजे पर दस्तक हुए मै बुआ की सास को जगाने लगा तो याद आया कि नींद की गोलियां खा कर सो रही हैं मुझे ही देखना पड़ेगा मै बाहर आया तो देखा की फकीर था तो मै अपने पर्स से कुछ रुपए से दिया और अन्दर आ कर दरवाजा बंद कर दिया। वापस बेड के पास जाकर बैठ गया और ध्यान से गान्ड को देखने लगा। उसके लिए मेरे दिल में वासना की भाव जाग चुका था मै उसके पैर को हिलाया। जोर से दबाया कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला, अब आगे क्या करना है सोच मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी एक अजीब सा डर महसूस कर रहा था मैं अपना हाथ उसके गांड़ पर रखा और फिर हिला कर जागने कि कोशिश किया नहीं जगी तो मेरा डर कम हुआ और वासना बढ़ गई अब मै अपने दोनो हाथो से पकड़ कर मसलने लगा फिर मैंने बूब्स पर हाथ रख दिया और दबाया। अब मेरी हिम्मत बढ़ गई थी मैंने अपना हाथ उसके नाइटी के अंदर डाल कर नंगी बूब्स सहलाने लगा करीब पांच मिनट बूब्स और गांड़ से खेलने के बाद मै इसके कपड़े सही किया और सोफे पर बैठ गया। मुझे अब सारी पुरानी बाते एक एक करके याद आने लगी। मै बाथरूम में जाकर नंगा हो कर अपना लौड़ा हिलाने लगा पानी निकाल दिया, बाद में नहा कर वापस सोफे पर लेट गया। बाद में चाचा का फोन आया उसने पूछा कि पैर मै मोच है तुम्हारे मैंने हा बोला तो उसने दूसरे दिन सुबह को वापस आने को बोला। मै सोफे पर बैठा गान्ड देख रहा था करीब दो घंटे बीत चुके थे मैंने एक बार और जाकर पूरा बदन पर हाथ से सहलाया गान्ड की दरारों में उंगली डाल कर उसके बाद बूब्स को पकड़ कर मसलने लगा मजा पूरा ले लिया और फिर एक बार मुठ मरा इस बार वहीं गान्ड पर हाथ रख कर मुठ मारी उसके बाद हाथ मुंह धोकर टीवी देखने बैठ गया अब तीन घंटे हो गया था अब मै दादी को जगाया थोड़ा हिलाने के बाद नींद खुली शाम तक मै टीवी देखता रहा। शाम तक सब लोग आ गए। सब खुश लग रहे थे। सुबह चाचा आए मुझे लेने के लिए। जाते समय मै दादी को सलाम किया तो दादी बोली कि बेटा फिर आना मै हा बोल कर चला आया। घर आने पर सलाम दुआ करने के बाद मै अन्दर कमरे में आया और कपड़े बदल कर मम्मी को ढूंढने लगा मै बाथ रूम की तरफ चल दिया। वाहा जा कर मेरा सासे थम सा गया दिल की धड़कन तेज होने लगी गला सूख गया आंखे झपकना भुल सी गई थी। वाहा चाची केवल एक दुप्पटा अपने शरीर पर लपेट कर बालो में सेंपू लगा रही थी उसकी गान्ड मेरी तरफ़ था दुप्पटा भीग जाने के कारण उसकी गांड़ साफ़ दिख रही थी मै बिना नजर हटाए देखता रहा गोरे बदन पर लाल दुप्पटा लपेट रखी थी उसके बदन से साबुन की झाग निकाल कर गान्ड की दरारों तक जा रही थी। फिर उसने बालो को धोकर चपकल से पानी निकालने लगी खड़ी होने के कारण उसकी पूरी पीठ गान्ड पैर सब नंगा दिख रहा था। चाची वापस पानी उठने के लिए घूमी तो उसकी नजर मुझ पर पड़ी, ओ गुस्सा हो कर बोली यहां क्या कर रहा है। मेरी तंद्रा टूटी देख रहा हूं मैंने कहा। रूम में चलो मै आ रही हूं। मै सीधे चाची के रूम में चला, उनके बेड़ पर चाची के कपड़े रखे थे उसमें से मै पैंटी उठा लिया और देखने लगा। ब्रा भी उठाया देखा ब्रा तो ठीक था लेकिन पैंटी को लेकर मै सोचने लगा कि इतनी बड़ी गांड़ में इतनी छोटी पैंटी कैसे होगी। पैंटी पहनने के बाद भी पूरी गांड़ नंगी दिखेगी। बस आगे का हिस्सा भी नहीं कभर कर पाएगा। मै पैंटी को हाथ में लेकर यही सब सोच रहा था कि चाची अपने बदन पर सफ़ेद टावल लपेट कर आई और मेरे हाथ में अपनी चड्डी को देख कर हाई रब्बा क्या करता है मुन्ना और मेरे हाथ से चड्डी छीनने के लिए लपकी। मै रूम मै बेड़ के पास था और चाची दरवाजे के पास से ही मेरे हाथ से चड्डी लेने के लिए लपकी, उसका टावल दरवाजे के पास ही खुल कर गिर पड़ी। अब मै पूरा होस मदहोश हो गया आज तक ऐसा नजारा कभी नहीं देखा था एक पूरी जवान खूबसूरत औरत भरा हुआ शरीर गीले बाल बूब्स पर लटक रहे हैं पूरी चिकनी बिना बालो वाली योनि कसा हुआ बदन आज तक ऐसा नजारा कभी नहीं देखा था। चाची को भी अपने नंगेपन का एहसास हुआ और टावल उठाकर अपने नंगी बदन को ढकने की कोशिश किया पर मेरे नजरो मै उसका नंगा बदन बस चुका था। उस समय चाची हमको कुछ बोली पर मै एक अलग दुनिया में था उनकी बातो का कोई असर नहीं हुआ। ना पलके गिरी और ना ही मेरे बदन में हरकत हुई एक मोम की प्रतिमा की तरह हो गया था
फिर नींद आ गई। सुबह जल्दी उठ कर बाहर चला गया फिर साम तक फुर्सत नहीं मिला राते बाहर सोया दूसरे दिन बिदाई होने वाली थी। बिदाई की तैयारी हो रही थी। बुआ के साथ हमको भी जाना था तो मै भी तैयार था। बिदाई हो गई मै बुआ के साथ जा रहा था रास्ते में नाश्ता पानी हुआ दोपहर तक हम लोग पहुंच गए वाहा अच्छा स्वागत हुआ। वाहा हमारी नजर एक आंटी पर गई उसके चूतड़ काफी बड़ा था। मै अभी तक इतना बड़ा चूतड़ नहीं देखा था। देखने पर ऐसा लग रहा था कि दो मटके उसके पीछे बांध दिया गया हो। मै ना चाहते हुए भी बार बार उसकी बड़े बड़े चूतड़ देख रहा था। वे लोग बुआ को लेकर अंदर चले गए और मै बाहर बाते करने लगा। कुछ देर बाद हमे खाने के लिए बुलाया गया और मैं भी अन्दर गया सबका परिचय कराया तो मालूम चला कि वो आंटी बुआ की सास थी। वे लोग बहुत खुश लग रहे थे हमे उनसे और उनको हमसे कोई सिकायत नहीं थी। वे लोग खुले विचारों वाले थे मजाक मस्ती में रात हो गई मै ना चाहते हुए भी बार बार उसकी गान्ड पर नजर फेर लेता और सोचता कि क्या इतनी बड़ी गान्ड भी होता है। रात में मुझे सीढ़ियों पर पैर फिसने से पैर में मोच आ गया मै किसी को बताया नहीं बस सो गया सुबह सबको रिस्तेदारो के यहां जाना था क्यो की इनके घर पहले लडके की सादी थी। तो हमको भी जाने के लिए बोला गया मै बताया की मेरे पैर में मोच आ गई हैं और चलने में तकलीफ होगी तो बुआ ने मेरा पैर को देखा पैर मै सूजन आ गया था ओ घबरा गई तो उनकी सास ने कहा कि कुछ नहीं होगा तुम लोग जाओ मै इसको देखती हूं। बाद में सास ससुर और मुझे छोड़ कर सब चले गए। बुआ के सास ने चाय बना कर दिया और तेल गर्म करके लाया पैर को मसाज करने के लिए। मै जब उसे देखता तो उसके चूतड़ों में को जाता उसने मेरी नजरो को ताड लिया तो मै झेप गया उसने हलकी सी मुस्कुराई और मेरे पैर तेल लगाने लगी मुझे दर्द हो रहा था। उसने चुप्पी तोड़ते हुए पूछा ज्यादा दर्द हो रहा है क्या कहा लगा चोट। सीढ़ियों से फिसल गया था पैर मूड गया। नज़रे कहा देख रही थी तुम्हारी मै सब जानती हूं जब से आए हो घुरे जा रहे हो। उसने थोड़ा कड़क लहजे में पूछा तो मै सकपका गया और हा या ना कुछ बोल नही पाया। मै सर नीचे कर के और चुप चाप दर्द बर्दाश्त कर रहा था। कुछ देर बाद उसने मुझे एक दर्द का टेबलेट दिया और बोली दवाई खा लो कुछ नाश्ता बनती हूं। तभी बुआ के ससुर अंदर आए और मेरा हाल पूछा पैर को देख कर बोले डाक्टर के पास जाना पड़ेगा।
क्रमशः
नहीं नहीं ज्यादा नहीं लगा है,बस थोड़ा मोच है ठीक हो जाएगा चिंता की कोई बात नहीं है,मैंने कहा। फिर उसने बुआ की सास को बोला कि मै दूसरे गांव जा रहा हूं साम तक आऊंगा बाहर भी देखना और बोल कर चले गए।
मै नाश्ता करने बाहरवाले रूम आकर बैठ कर टीवी देखने लगा। थोड़ी देर बाद बुआ की सास हमारे पास आई और बोली कि मै अब नहाने जा रही हूं बाहर देखना कोई आए तो अन्दर नहीं आने देना ठीक है, मैंने उनकी तरफ देखा बोला ठीक है ओ जाने लगी मै अपना नजर नीचे नहीं किया और हिलते हुए चूतड़ देखने लगा उसने घूम कर देखा तो मै झेप गया। लेकिन मेरे अंदर का सैतान जाग चुका था मै कल्पना करने लगा कि इतने बड़े चूतड़ नंगी कैसी लगेगी मै सोच कर अपने लन्ड को मसलने लगा। जब ओ नहा कर बाहर आई अपने गीले बालों को झाड़ रही थी। एक बड़ी सी नाइटी पहनी हुई थी। कुछ देर बाद उसने मुझे खाने को बोला और खाना लेकर आ गई बोली आज साथ में खाएंगे दोनों सोफे पर बैठ कर खाना खाया। फिर उसने मेरे पैर को मालिश करने को बोला। ओ नीचे बैठ कर मालिश करने लगी। उसके गले से उसकी बूब्स दिख रहा था जो को मै अभी ख्याल किया कि गान्ड जैसा बूब्स भी बड़े बड़े है। जो कि मेरा होस मदहोश करने के लिए काफी थे। उसने बाते भी कर रही थी मै भी हा हूं बोल रहा था। मालिश करने के बाद उसने हमको वहीं बेड पर लेट जाने को बोला। मै जाकर लेट गया। टीवी देखने लगा हमको पानी पीने के लिए उठा और सीधा बुआ के सास के पास जाकर पानी के लिए बोला। ओ कोई दवा खा रही थी मैंने पूछा क्या हुआ है तो बताया कि ये नींद की गोलियां है हमे दो तीन घंटे सोना है इस लिए ये टेबलेट खा रही हूं। मै पानी पी कर वापस बेड पर लेट गया दो तीन मिनट बाद ही ओ मेरे पास आकर बोली कि अब मै सोऊंगी तुम तीन घंटे बाद हमे जगा देना और ओ भी उसी बेड पर मेरे पीछे लेट गई मै टीवी बंद कर के मोबाइल पर बात करने लगा करीब एक घंटे तक बात किया तभी दरवाजे पर दस्तक हुए मै बुआ की सास को जगाने लगा तो याद आया कि नींद की गोलियां खा कर सो रही हैं मुझे ही देखना पड़ेगा मै बाहर आया तो देखा की फकीर था तो मै अपने पर्स से कुछ रुपए से दिया और अन्दर आ कर दरवाजा बंद कर दिया। वापस बेड के पास जाकर बैठ गया और ध्यान से गान्ड को देखने लगा। उसके लिए मेरे दिल में वासना की भाव जाग चुका था मै उसके पैर को हिलाया। जोर से दबाया कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला, अब आगे क्या करना है सोच मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी एक अजीब सा डर महसूस कर रहा था मैं अपना हाथ उसके गांड़ पर रखा और फिर हिला कर जागने कि कोशिश किया नहीं जगी तो मेरा डर कम हुआ और वासना बढ़ गई अब मै अपने दोनो हाथो से पकड़ कर मसलने लगा फिर मैंने बूब्स पर हाथ रख दिया और दबाया। अब मेरी हिम्मत बढ़ गई थी मैंने अपना हाथ उसके नाइटी के अंदर डाल कर नंगी बूब्स सहलाने लगा करीब पांच मिनट बूब्स और गांड़ से खेलने के बाद मै इसके कपड़े सही किया और सोफे पर बैठ गया। मुझे अब सारी पुरानी बाते एक एक करके याद आने लगी। मै बाथरूम में जाकर नंगा हो कर अपना लौड़ा हिलाने लगा पानी निकाल दिया, बाद में नहा कर वापस सोफे पर लेट गया। बाद में चाचा का फोन आया उसने पूछा कि पैर मै मोच है तुम्हारे मैंने हा बोला तो उसने दूसरे दिन सुबह को वापस आने को बोला। मै सोफे पर बैठा गान्ड देख रहा था करीब दो घंटे बीत चुके थे मैंने एक बार और जाकर पूरा बदन पर हाथ से सहलाया गान्ड की दरारों में उंगली डाल कर उसके बाद बूब्स को पकड़ कर मसलने लगा मजा पूरा ले लिया और फिर एक बार मुठ मरा इस बार वहीं गान्ड पर हाथ रख कर मुठ मारी उसके बाद हाथ मुंह धोकर टीवी देखने बैठ गया अब तीन घंटे हो गया था अब मै दादी को जगाया थोड़ा हिलाने के बाद नींद खुली शाम तक मै टीवी देखता रहा। शाम तक सब लोग आ गए। सब खुश लग रहे थे। सुबह चाचा आए मुझे लेने के लिए। जाते समय मै दादी को सलाम किया तो दादी बोली कि बेटा फिर आना मै हा बोल कर चला आया। घर आने पर सलाम दुआ करने के बाद मै अन्दर कमरे में आया और कपड़े बदल कर मम्मी को ढूंढने लगा मै बाथ रूम की तरफ चल दिया। वाहा जा कर मेरा सासे थम सा गया दिल की धड़कन तेज होने लगी गला सूख गया आंखे झपकना भुल सी गई थी। वाहा चाची केवल एक दुप्पटा अपने शरीर पर लपेट कर बालो में सेंपू लगा रही थी उसकी गान्ड मेरी तरफ़ था दुप्पटा भीग जाने के कारण उसकी गांड़ साफ़ दिख रही थी मै बिना नजर हटाए देखता रहा गोरे बदन पर लाल दुप्पटा लपेट रखी थी उसके बदन से साबुन की झाग निकाल कर गान्ड की दरारों तक जा रही थी। फिर उसने बालो को धोकर चपकल से पानी निकालने लगी खड़ी होने के कारण उसकी पूरी पीठ गान्ड पैर सब नंगा दिख रहा था। चाची वापस पानी उठने के लिए घूमी तो उसकी नजर मुझ पर पड़ी, ओ गुस्सा हो कर बोली यहां क्या कर रहा है। मेरी तंद्रा टूटी देख रहा हूं मैंने कहा। रूम में चलो मै आ रही हूं। मै सीधे चाची के रूम में चला, उनके बेड़ पर चाची के कपड़े रखे थे उसमें से मै पैंटी उठा लिया और देखने लगा। ब्रा भी उठाया देखा ब्रा तो ठीक था लेकिन पैंटी को लेकर मै सोचने लगा कि इतनी बड़ी गांड़ में इतनी छोटी पैंटी कैसे होगी। पैंटी पहनने के बाद भी पूरी गांड़ नंगी दिखेगी। बस आगे का हिस्सा भी नहीं कभर कर पाएगा। मै पैंटी को हाथ में लेकर यही सब सोच रहा था कि चाची अपने बदन पर सफ़ेद टावल लपेट कर आई और मेरे हाथ में अपनी चड्डी को देख कर हाई रब्बा क्या करता है मुन्ना और मेरे हाथ से चड्डी छीनने के लिए लपकी। मै रूम मै बेड़ के पास था और चाची दरवाजे के पास से ही मेरे हाथ से चड्डी लेने के लिए लपकी, उसका टावल दरवाजे के पास ही खुल कर गिर पड़ी। अब मै पूरा होस मदहोश हो गया आज तक ऐसा नजारा कभी नहीं देखा था एक पूरी जवान खूबसूरत औरत भरा हुआ शरीर गीले बाल बूब्स पर लटक रहे हैं पूरी चिकनी बिना बालो वाली योनि कसा हुआ बदन आज तक ऐसा नजारा कभी नहीं देखा था। चाची को भी अपने नंगेपन का एहसास हुआ और टावल उठाकर अपने नंगी बदन को ढकने की कोशिश किया पर मेरे नजरो मै उसका नंगा बदन बस चुका था। उस समय चाची हमको कुछ बोली पर मै एक अलग दुनिया में था उनकी बातो का कोई असर नहीं हुआ। ना पलके गिरी और ना ही मेरे बदन में हरकत हुई एक मोम की प्रतिमा की तरह हो गया था