राकेश शुक्ला उम्र 28 साल स्वस्थ तंदुरुस्त नवाजवान । पिछले तीन साल एक प्रतिष्ठा कंपनी में अच्छी जब कर रहा है। बेचारा अनाथ था फिर भी जिंदगी से कोई दुखी नही था बंदा । उसकी शादी ताई हुई तो उसने कंपनी में एक महीने का घुट्टी ले लिया । अपने गांव की घर जा कर उसने शादी रसाई। जब वो शहर गया कंपनी ज्वाइन किया तो उसे प्रमोशन मिला वो बोहोत खुश था लेकिन कंपनी ने उसे ट्रांसफर भी कर दिया कंपनी की नई प्रोडक्शन हाउस पर उसे असिस्टेंट मैनेजर की तौर पे । प्रोडक्शन हाउस दूसरे शहर में था उसे इस बात से कोई परहेज नही थी वो खुश था की उसे प्रमोशन के साथ तंखा भी ज्यादा मिलने लगेगा ।
उसने पहले जा के सब तौतरी कर ली अपना किराए का मकान भी उसने ले लिया और उसने अपनी नई नवेली दुल्हन को अपने साथ ले गया । उसकी दुल्हन रीमा उसी गांव की थी पढ़ी लिखी संस्कारी भी थी । रूप और गुण में भी कोई कमी नही थी सुंदरता में कोई कमी नही थी 23 साल उम्र की थीं रीमा । लंबी थी पतली कमर आकर्षक महीन बदन थी गोरी चिट्ठी प्यारी मासूम चेहरा जैसे अभी अभी कच्ची कली की तरह जवान हो गई है।
राकेश और रीमा की शादी को सिर्फ 15 दिन हुए थे भले ही अरेंज मैरिज थी लेकिन दोनो के बीच इन 15 दिनो में प्यार और समझ बढ़ रही थी राकेश तो रीमा की खूबसूरती और मासूमियत पर लड्डू था ही रीमा भी राकेश के सरल स्वभाव रोमाचक तरीके से प्यार करने की अंदाज पर लड्डू थी ।
बारिश का मौसम था दोनो के लिए सुहानी रात थी दोनो चद्दर के अंदर एक दूसरे की गर्म बाहों में लिपटे हुए थे । एक दूसरे की आखों में प्यार की निगाहों से देख रहे थे । दोनो के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था राकेश तो रीमा की सरहरी बदन पर हाथ फेर रहा था रीमा की मुलायम अंगो से खेल रहा था ।
" जान तुम खुश हो ना ""
" हम्म्ह आप ऐसा क्यू पूछ रहे है क्या में आपको खुश नही दिखती ""
" नही जान ऐसी बात नही हे में तुमसे कुछ पूछना चाहता हूं अगर तुम बुरा ना मानो तो """
" पूछिए ना आप मुझसे कुछ भी पूछ सकते है में तो आपकी हूं ""
" जान हमारी चुदाई में तुम खुश होती हो ना "
रीमा शर्मा गई मुस्कान देती हुई सर हिला कर जवाब दी उसने "" उम्म्म्म""
राकेश रीमा की नर्म गाल सहलाते हुए बोला "" जान मुझे जानना है तुम्हारा ऑर्गेज्म होता है ना हमारी चुदाई में "
रीमा क्या बोले कुछ समझ नही पा रही थी उसे उलझन में देख कर राकेश समझाते हुए बोला "" देखो जान में अगर तुम्हारी जरूरते पूरी नही कर पाऊंगा तो मुझे बोहोत अफसोस होगा अगर मुझमें कोई कमी है तो उसे सुधारना चाहता हूं । में चाहता हूं में तुम्हे पूरी तरह खुश रखूं"""
रीमा राकेश की मुंह पर हाथ रख के बोली "" नही आप ऐसा मत कहिए आप में कोई कमी नहीं हे। मुझे ऑर्गेज्म हुई हे हर बार तो नही लेकिन इसमें आपकी कोई कमी नही है। मुझे भी इतना ज्ञान नही हे धीरे धीरे में खुद को समझ रही हूं धीरे धीरे सब हो जाएगा""
" जान फिर भी तुम्हे बताना होगा तुम्हे क्या पसंद हे क्या नहीं। जान तुम्हे ऑर्गेज्म कैसे होगा "
" मुझे नही पता " रीमा शरमाई
" प्लीज जान बताओ ना "
" में आप जैसी एक्सपर्ट नहीं हूं । मेरी ज्ञान से आप पहले मुझे प्यार दे कर तैयार कीजिए फिर वो प्यार कीजिए ""
रीमा शर्माने लगी राकेश भी खुश हो कर रीमा की होठों पे होठ रख देता है । राकेश ने काफी सान बिन की कैसे अपनी पत्नी को खुश किया जाता है और पर्याप्त ज्ञान ले कर वो आज रीमा को खुश करने में लगा । ज्यादा से ज्यादा रीमा की बदन से खेला चूमा रीमा की कली सी चूत अच्छे से चाटा चूसा फिर चुदाई की रीमा की चूत धीरे धीरे चुदाई की आदत ले रही थी उसे पहली कुछ समय दर्द भी होती थी मगर राजेश ने मैदान में अच्छा प्रदर्शन दिखाया आज 20 मिनिट के अंदर रीमा को ऑर्गेज्म महसूस करवाया रीमा भी खुश थी और राकेश भी । दोनो की सुहानी रात बोहोत सुखद एहसास से बिता ।
दूसरे दिन सुबह राकेश ऑफिस के लिए निकल गया । रीमा घर का काम काज कर रही थी राकेश के जाने के बाद रीमा घर को अच्छे से सजा रही थी । राकेश ऑफिस निकलने से पहले रीमा के हाथों में घर के खर्चे के लिए पैसा दे गया था ।
रीमा ने सोचा की पास की दुकान जा कर रेसन पानी और जरूरी सामान भी ले कर आने को सोचा । वो दर भी रहीं थी अंजना शहर पाता नही लोग कैसे होंगे वाहा पर उसे शहर में रहने की आदत भी नही थी । फीर भी उसने हिम्मत किया की पास में ही जाऊंगा 10 मिनिट में आ जाऊंगी और वो तैयार हो कर निकल गई ।
शाम को राकेश लौट आया देखा मकान में ताला लगा हुआ है वो थोड़ा दर गया रीमा बिना फोन किए कहा गई होगी फिर उसने सोचा कि पास में ही गई होगी । तो उसने रीमा को फोन लगाया फोन ऑफ आ रहा था । वो सकपका गया वो जानता था रीमा बोहोत मासूम है उसने आस पास के पड़ोसन से पूछ तास किया तो पड़ोसन ने बोला की रीमा को सुबह कही जाते हुए तो देखा हे लेकिन आते हुए नही देखा ।
राकेश क्या करे क्या ना करे उसे कुछ समझ में नही आ रहा था अजीब अजीब खयाल आने लगा उसे कही रीमा किसी के साथ भाग तो नही गई कही उसका कोई प्रेमी तो नही था नही नही वो वैसी लड़की नही है कही किसी ने उसे अपहरण तो नही कर लिया । राकेश ने सीधा रीमा के माता पिता को फोन कर के सूचना दी । रीमा के माता पिता भी परेशान हो गए । राकेश आस पास ढूंढने निकला रीमा को शाम होते होते रात हो गई राकेश धुंध नही पाया रीमा को रात के 9 बजे रीमा की माता पिता और रीमा के ताऊजी भी आ गए ।
और सभी ने निर्णय लिया की अब पुलिस का सहारा लेना होगा सभी मिल के पुलिस थाने गए और रिपोर्ट लिखया । पुलिस ने कहा की आज ही दिन तीन लड़की और गायब हुई हे कोई सेक्स ट्रैफिकिंग का केस लग रहा है और वो लोग ढूंढ रहे हे अपराधी को ।
निराश हो कर राकेश अपने सास ससुर के साथ मकान लौट आया रीमा की माता पिता बोहोत शिन्तित थे रीमा की मां रो रही थी राकेश की भी वोही हाल था।
एक दिन दो दिन तीन दिन ऐसा करते करते एक हफ्ता निकल गया राकेश ने कई बार पुलिस की चक्कर लगाए अपनी तरफ से भी ढूंढा लेकिन अपनी बीवी को धुंध नही पाया ।
आठवें दिन तो समतकार ही हो गई रीमा लोट आई खुद। राकेश और रीमा के माता पिता रीमा को देख कर बोहोत खुश हुए । राकेश और रीमा के माता पिता ने पूछा की रीमा कैसे क्यू गायब हो गई थी । तब रीमा ने दुखरा सुनाई की वो समान लेने बाजार गई थी और तभी उसे किसी ने गाड़ी में डाल के सर से ले कर गले तक काला टोपी डाल कर हाथ पेड़ बांध दिए थे । और उसे अगवा करने वाले लोगो ने किसी गुंडे लोगो से बेच दिया था और उसे कोई लड़कीयों के साथ जहाज से कही ले जा रहे थे लेकिन वो और कुछ लड़किया किसी तरह भागने में कमियांब हो गई और वो तुरंत यहां मकान में आ गई । पुलिस में रीमा ने वोही वायन दिया ।
रीमा के माता पिता ने रीमा से पूछा की उसके साथ कुछ गलत तो नहीं हुआ है रीमा ने कहा की अब तक उसके साथ कुछ नही हुआ हे वो ठीक हे।
रात को राकेश ने रीमा को प्यार से सुलाया वो खुश था की अब रीमा लोट आई है उसका और रीमा की नसीब अच्छी थी । उसने सोचा की वो ये शहर छोड़ देगा और अपनी नौकरी भी किसी अच्छे जगह पर रहेगा वो और अगली सुबह ही वो रीमा को ले कर गांव चला जायेगा ।
रात को राकेश की आखों में नींद नही थी वो यही सब सोच रहा था । करीब 12 बजे राकेश की मोबाइल में एक मैसेज आया " एक वीडियो आयेगा तुम्हारी बीवी की है अकेले में देखने और किसी को दिखाना मत अपनी बीवी को भी नही और पुलिस को दिखाना ही मत वरना वीडियो वायरल हो जायेगा और तेरी बीवी को फिर से उठा लिया जाएगा "
राकेश पसीना पसीना हो गया हड़बड़ा गया वो । उसने एक बार देखा रीमा को । रीमा सो गई है गहरी नींद में हे तसल्ली कर के वो बाथरूम में गया और अपना इयरफोन भी ले गया ।
थोड़ी ही देर में एक एमएमएस आ गया 40 मिनिट का राकेश की मोबाइल में । उसने वीडियो प्ले किया तो देखा की उसकी मासूम सी बीवी बिस्तर पर बंधी हुई है। रीमा की हाथ और उसकी दोनो पतली लचीली टांग ऊपर कर के बंधी हुई है। रीमा की सारी बदन से अलग नही हुई थी लेकिन दोनो टांग ऊपर होने को वजह से सारी और पेटीकोट ऊपर कमर तक उठी हुई है पेंटी भी नही थी या सायद निकाल दिया गया होगा रीमा की मखमली कच्ची कसी हुई चूत नंगी थी । रीमा जोर जोर से रोटी हुई बचाओ बचाओ कर के चीख रही थी । ये देख कर राकेश की मुंह से चीख निकल गई लेकिन उसने किसी तरह अपनी चीख को हाथ से मुंह में दबाया ।
जैसे जैसे राकेश वीडियो देख रहा था उसकी हाथ कांप रहा था आखों से आसूं गिर रहे थे लेकिन उसने अपना दिल मजबूत कर के देखते रहा आगे और क्या क्या होता है।
रीमा बंधी हुई थी वो चटपटा रही थी लेकिन बोहोत कस के बिस्तर पर बंधी हुई थी हाथ पैर हिला भी नही पा रही थी बिलख बिलख के रो रही थी बचाओ बचाओ कर मदद मांग रही थी ।
एक हैंडसम लड़का भी बिस्तर पर था नंगा उसका लन्ड भी एक दम खड़ा था । लड़का रीमा की चिकनी टांगों के बीच मुंह कर के झुक जाता हे और ध्यान से रीमा की चूत को । रीमा की चूत पर हल्की हल्की बाल थी तीन चार दिन के पहले सेव किए हुए ।
पतली टांगे के बीच छोटी सी चूत थी 15 दिन की चुदाई में कितना खुलेगी उसकी कलि चूत धीरे धीरे फूल बनने ही वाली थी । मुलायम पतली पतली चूत की होठ उस लड़के ने अपनी जीव से कुरेद कर चूत की छोटी सी दरार खोला और छेद के बीचों बीच चाटने लगा ।
रीमा रो रो कर चिल्ला रही थी " मत करो प्लीज मत करों जाने दो मुझे छोड़ दो मुझे मत करो मेरे साथ ऐसा प्लीज मत करो मेरे साथ ऐसा प्लीज जाने दो छोड़ दो । बचाव मुझे कोई ओह मां बचाओ मुझे "
मगर वो लड़का रीमा की चूत पर ही केंद्रित था रीमा की कोई दूसरी अंग पर हाथ नही लगा रहा था रीमा की कूल्हे नीचे से पकड़ के चूत चाट रहा था । लड़का चूत चाटने में बोहोत माहिर लग रहा था रीमा की मुलायम चूत सहला रहा था धीरे धीरे रीमा की चूत में एक उंगली अंदर बाहर करते हुए रीमा की चूत क्लाइटोरिस पर नुकीली जीव कर के चाटने लगा और लड़का सिद्धत से रीमा की चूत चाटे जा रहा था 5 मिनिट 10 मिनिट ऐसा कर के 20 मिनिट तक लड़का रीमा की चूत चाटे जा रहा था ।
राकेश की दिल की धड़कन बढ़ गई उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई उसने देखा की रीमा रोना धोना एक दम बंद कर चुकी हैं और अपनी आंखे बंद कर के सर इधर उधर पटक रही हे आंखे मिंछ रही हैं कभी कभी अपनी दातों को भींच लेती कभी अपनी होठ दातों से दबाती कभी अपना जीव अपनी होठों पर फिराती
जैसे जैसे राकेश वीडियो देख रहा था उसकी हाथ कांप रहा था आखों से आसूं गिर रहे थे लेकिन उसने अपना दिल मजबूत कर के देखते रहा आगे और क्या क्या होता है।
रीमा बंधी हुई थी वो चटपटा रही थी लेकिन बोहोत कस के बिस्तर पर बंधी हुई थी हाथ पैर हिला भी नही पा रही थी बिलख बिलख के रो रही थी बचाओ बचाओ कर मदद मांग रही थी ।
एक हैंडसम लड़का भी बिस्तर पर था नंगा उसका लन्ड भी एक दम खड़ा था । लड़का रीमा की चिकनी टांगों के बीच मुंह कर के झुक जाता हे और ध्यान से रीमा की चूत को । रीमा की चूत पर हल्की हल्की बाल थी तीन चार दिन के पहले सेव किए हुए ।
पतली टांगे के बीच छोटी सी चूत थी 15 दिन की चुदाई में कितना खुलेगी उसकी कलि चूत धीरे धीरे फूल बनने ही वाली थी । मुलायम पतली पतली चूत की होठ उस लड़के ने अपनी जीव से कुरेद कर चूत की छोटी सी दरार खोला और छेद के बीचों बीच चाटने लगा ।
रीमा रो रो कर चिल्ला रही थी " मत करो प्लीज मत करों जाने दो मुझे छोड़ दो मुझे मत करो मेरे साथ ऐसा प्लीज मत करो मेरे साथ ऐसा प्लीज जाने दो छोड़ दो । बचाव मुझे कोई ओह मां बचाओ मुझे "
मगर वो लड़का रीमा की चूत पर ही केंद्रित था रीमा की कोई दूसरी अंग पर हाथ नही लगा रहा था रीमा की कूल्हे नीचे से पकड़ के चूत चाट रहा था । लड़का चूत चाटने में बोहोत माहिर लग रहा था रीमा की मुलायम चूत सहला रहा था धीरे धीरे रीमा की चूत में एक उंगली अंदर बाहर करते हुए रीमा की चूत क्लाइटोरिस पर नुकीली जीव कर के चाटने लगा और लड़का सिद्धत से रीमा की चूत चाटे जा रहा था 5 मिनिट 10 मिनिट ऐसा कर के 20 मिनिट तक लड़का रीमा की चूत चाटे जा रहा था ।
राकेश की दिल की धड़कन बढ़ गई उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई उसने देखा की रीमा रोना धोना एक दम बंद कर चुकी हैं और अपनी आंखे बंद कर के सर इधर उधर पटक रही हे आंखे मिंछ रही हैं कभी कभी अपनी दातों को भींच लेती कभी अपनी होठ दातों से दबाती कभी अपना जीव अपनी होठों पर
राकेश पसीने पसीने हो गया बस उसके मन मे एक ही सवाल था की रीमा को ऐसे परिस्थिति किसी गैर की चूत चाटने से कैसे मजा आ सकता है।
कुछ ही देर में रीमा आन्ह्ह्ह्ह आईआईआईआई कर मुट्ठी कसती हुई झाड़ गई । उन्ह्हह् उफ्फ कर के धीरे धीरे शांत होने लगी लड़का उठा और अपना खड़ा लंद रीमा की चूत पर घुसा कर मध्यम रफ्तार में चोदने लगा रीमा की चेहरे पर दर्द की लहर छा गई रीमा आई उफ्फ कर के सर पटकने लगी । राकेश का दिल ये सब देख के रो रो कर टूट रहा था लड़का अब तेज रफ्तार में चोदने लगा रीमा की जांघ पकड़ कर ।
अब राकेश की आखों में एक जलन दिल में टीच सा दर्द हो रहा था क्यू की रीमा कामुक सिसकारियां निकलने लगी थी जितनी तेज वो लड़का रीमा को चोदता उतनी तेज रीमा सिसकारियां मुंह से निकाल रही थी और चेहरे की कामुक भाव से साफ पता चल रहा था की उसे बेसक मजा आ रहा है।
वो लड़का 10 मिनिट में रीमा की चूत के अंदर झाड़ गया और कमरे से निकल गया तभी एक और लड़का अंदर आया वो अपना कपड़ा निकालने लगा ये देख कर तब रीमा सुबक सुबक कर रोती हुई बोली """ प्लीज छोड़ दो मुझे प्लीज प्लीज आपसे हाथ जोड़ती हूं छोड़ दो मुझे में शादी शुदा अच्छी घर की हूं प्लीज मुझे गंदा मत करो जाने दो मुझे प्लीज प्लीज प्लीज "
लेकिन वो लड़का भी अपना खड़ा लन्ड रीमा की चूत में डालकर चोदने लगा रीमा काम उत्तेजित थी गर्म थी ना चाहते हुए भी उसे उस दूसरे लड़के की चुदाई भी मजा आने लगा और वो सिसकारियां लेती रही । दूसरा लड़का भी झाड़ गया और फिर तीसरा लड़का आया रीमा ने उससे भी अनुरोध की मगर तीसरा लड़का भी उसे चोदने लगा रीमा की गर्मी भी कमाल की थी तीसरे लड़के का लंद भी मजे से खाने लगी ।
तभी वीडियो खतम हो गया । राकेश फुट फुट कर रोने लगा अब उसकी आखों से नींद गायब थी ।
राकेश को सुबह एक धमकी भरी मैसेज आया " हमे पता हे तू शहर छोड़ के जा रहा हे । मत जा वरना बोहोत बुरा होगा तेरे और तेरी बीवी के साथ जो तू सोच भी नही सकता । अपनी बीवी को मत बताना की तुझे सब कुछ पता है जैसे रहता था वैसे ही रह अच्छे पति की तरह उसे प्यार कर ऑफिस जा खुशी खुशी रह आगे जो भी काम करना है समझा दिया जायेगा । "
धमकी भारी मैसेज के बाद उसे 2 मिनिट का वीडियो आया जिसमे रीमा को पूरी नंगी कर के दोनो तरफ से चूत और गांड जोर जोर से चुदाई हो रही थी और रीमा दर्द से रो रो कर चीख रही थी और कोई रीमा से पूछ रहा था की " बोल साली रण्डी बनेगी की नही"" रीमा की बालों को पकड़ के खींच रहा था और रीमा दर्द भरी आवाज में जवाब दे रही थी """ हा हा बनूंगी मर जाऊंगी में बोहोत दर्द हो रहा है छोड़ दो मुझे ,"
राकेश ये सब देख कर रोने लगा क्या करे वो कुछ समझ नही आ रहा था । रीमा के माता पिता राकेश और रीमा को गांव ले जाना चाहते थे लेकिन राकेश किसी तरह समझा बुझा कर सास ससुर को माना लिया ।
एक हफ्ता ऐसे ही निकल गए रीमा के माता पिता लौट गए गांव । राकेश रीमा को पहले की तरह ही प्यार और खुशी देने की कशिश कर रहा था रीमा भी पहले की तरह राकेश के साथ नॉर्मल हो रही थी मगर राजेश ने अभी तक रीमा को एक बार भी नही चोदा था उसका मन ही नही था उसके दिल में एक जलन था कभी कभी एक पल के लिए के ऊपर नफरत करता लेकिन रीमा की मासूमियत पर उसका प्यार भी जाग उठता दिखा नही रहा था लेकिन अंदर से बोहोत बेचैन था बेचारा । ऑफिस जाता भी तो काम में मन नहीं लगता राकेश का ।
ऐसे ही दो हफ्ते निकल गए । एक दिन राकेश को एक और वीडियो आया । राकेश बौखला गया उसे कुछ करना चाहिए लेकिन करे भी तो क्या करे वो ।
एक आलीशान कमरे की दृश्य थी छे कैमरे की एमएल दृश्य थी राकेश का दिल की धड़कन ही रुक गई मानो । रीमा मखमली बिस्तर की सफेद चादर के ऊपर छुई मुई हो कर बैठी थी नज़रे झुकाए । उसने एक झिलिदार बोहोत ही कामुक नाइटी पहन रखी थी उसने अंदर कुछ पहनी नही थी जिसके वजह से उसकी कामुक अंग झिलीदार नाइटी में प्रदर्शन थे ।
एक आदमी अंदर आया बोहोत ही लंबा छोड़ा आदमी था उसने पठानी सूट पहन रखा था आदमी दिखने में काफी हैंडसम था दारी मूस रखने वाला देख के ही लग रहा था कोई बोहोत बड़ी रईस था ।
वो आदमी रीमा के पास बैठ गया और रीमा की कोमल हाथ अपने हाथों में उठा कर प्यार से पूछा """ क्या नाम है तुम्हारा "
रीमा ने सेहेमी हुई बोली"" रीमा "
आदमी मुस्कान से बोला "" बोहोत खूबसूरत नाम है बिलकुल तुम्हारी हुस्न की तरह । मेरा नाम अहमद है दुबई में मेरा बिजनेस है तुम मुझे अहमद ही बुलाना "
रीमा सिहुक गई धीरे से एक बार अहमद को देख के नज़रे झुका ली । अहमद मुस्कुराते हुए बोला """ में तुम्हारा पहला कस्टमर हूं तुम्हे कोई एक्सपीरियंस नहीं है ये समझ सकता हूं बस इतना ही कहूंगा अब तुम इस धंधे से बाहर नही निकल सकती निकलने की सोचोगे तो बोहोत बुरा होगा तुम्हारे लिए ये लोग तुम्हे नहीं छोड़ेंगे । और में गारंटी देता हूं तुम्हे भी धीरे धीरे ये जिंदगी अच्छी लगने लगेगी । "
अहमद रीमा को पास खींच रीमा की गर्दन के पीछे एक हाथ रख कर रीमा की लाल लिपस्टिक पोती हुई मुलायम होठ धीरे धीरे चूमने लगा रीमा कसमसा गई घबराहट में आन्न्ह्हः निकल गई उसकी पर अहमद धीरे धीरे रीमा की छुई मुई जिस्म को सहलाने लगा अहमद की चुम्बन धीरे धीरे गहरा होने लगा और रीमा की भी आंख बंद होने लगी । अहमद अच्छी तरह अभिज्ञ इंसान की तरह रीमा की होठों को बेतासाह पीने लगा रीमा की लाली जीव से जैसे चाट रहा था काफी देर तक अहमद ने रीमा की होठ चूसा फिर अहमद अपनी लंबी कुर्ता निकल दिया ।
उसके बदन गठीला बड़े बड़े बहुपेशीयों से बालिस्थ थे छाती पर महीन बाल थे रीमा भी अहमद के आकर्षक शरीर को देखने लगी । अहमद मुस्कुराते हुए बिस्तर पर चढ़ गया और रीमा को गोद में ले कर रीमा की गर्दन चूमने लगा और एक रीमा की कमर पर और दूसरे हाथ रीमा की आपेल जैसी चूची धीरे धीरे मसलने लगा अहमद का बड़ा हाथ रीमा की गोल मोसोम्बी जैसी चूचियां पूरी तरह पकड़ में आ रही थी ।
अहमद ने रीमा की कंधा चूम चूम कर रीमा की नाइटी की स्ट्रिप कंधे से उतार दिया और रीमा की खुली कांध से गर्दन तक जीव फिराने लगा तो रीमा रीमा आह की सिसकारी निकाली। अहमद रीमा की आखों में झांकते हुए बोला """ बोहोत मीठी खुशबू हे तुम्हारी "
रीमा कुछ नही बोलती तो अहमद रीमा की नाइटी उतार कर रीमा की छाती पर गर्दन झुका कर रीमा की चूची की निप्पल चूसने लगा इतनी शानदार तरीके से चूसने लगा की रीमा खुद मस्ती में अहमद बालों पर कस के पकड़ के सिहूक सीहुक कर गर्म सांसों को नियंत्रित करने की कशिश करने लगी ।
अहमद काफी देर तक रीमा की दोनो चूचियां मसलते मसलते चूस चूस के आनंद लिया रीमा की आखों में अब साफ जाहिर था की वो बोहोत काम उत्तेजित है।
अहमद ने रीमा को प्यार से बिस्तर पर लिटाया और रीमा की पतली कमर वाली पेट और नाभि चूम चूम कर रीमा की पूरी जिस्म को चूम चूम के रीमा को आनंद दिलाया और रीमा की हाल भी ऐसी ही हो गई वो गर्म आहों के साथ कसमसा रही थी ।