Adultery मेरी मां की किस्से

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मेरी मां रेलवे स्टेशन पर



हैल्लो चुदाई की कहानी पढ़ने वाले दोस्तों, में आप सबको एक घटना बताना चाहता हूँ, क्योंकि मुझे अपनी घर की औरतों और लड़कियों को दूसरे गैर मर्दों की हवास की शिकार होते हुए देखने में मज़ा आता है. मेरा लंड सिर्फ़ तब ही खड़ा होता है जब कोई आवारा आशिक या लफंगा मेरी माँ या मेरी किसी रिश्तेदार को हवास की नजर से या हवास की शिकार बनाते है. मेरे सामने या जब में उनके बारे में ऐसी इच्छा रखता हूँ.

ये बात तब की है जब में और मेरी मां और में अपने घर जा रहे थे मां की मायके से मेरे पापा सरकारी नौकरी में है ।
मेरी माँ की हाईट 5 फुट 4 इंच है, उस टाईम उनकी उम्र करीब 40 साल थी, उनका वजन नॉर्मल था, ना ज़्यादा ना कम, उनका पेट हल्की उभरी हुई और उनकी टाँगें एकदम गोरी, चिकनी, गदराई हुई थी. उनकी पतली लंबी गर्दन जो कि पीछे से काफ़ी सेक्सी लगती है और बड़ी-बड़ी भूरी आँखे जो कि लोगों को बुलावा देती है. वो दिखने में काफ़ी गोरी है . उनके चूतड़ भरे हुए और मोटे है जो कि उनके शरीर पर चार चाँद लगा देते है और काफ़ी देखने वाले उनके चूतड़ो को देखकर पागल हो चुके है.



में तब सिर्फ 19 का था पूरा जोशीला जवान घर की रिश्तेदार की औरतों पर बुरी नजर रखता था । पर नज़र ही रखता था और मूठ मारता था या चुपके से मोबाइल से फोटो वीडियो लेता था इससे आगे मेरी हिम्मत नही थी ।



दोपहर 3 बजे की ट्रेन थी लेकिन ट्रेन आधा घंटा लेट था और हम पोहोचे थे 2:45 को । हमने दो टिकट ली और बेंच पर बैठ अपनी ट्रेन का इंतजार करने लगा । बोहोत ही छोटा सा स्टेशन था एक ही प्लैटफ्रोम था । गर्मी का मौसम था कही कोई पंखा भी नहीं था मां अपनी पल्लू से खुद को हवा दे रही थी । में अपने मोबाइल में ऐसे ही टाइम पास कर रहा था । मां ने उस दिन लाल सारी मैचिंग ब्लाउज पहनी थी। स्टेशन पर लोग भी कम थे एक्का दुक्का लोग । मम्फली बेचने वाला ना कोई पानी बेचने वाला कोई था जो भी खरदारी करना था सब स्टेशन के बाहर दुकानों में ।



कुछ देर बैठने के बाद मैने देखा की हमारे बेंच के पीछे एक आदमी खड़ा हे जिसकी उम्र परिपक्क था 30, 35 का लग रहा था और काफी लंबे चौड़े 6 फूट का था । मैने पहले इतना ध्यान नही दिया लेकिन मुझे लगा वो थोड़ा पास आया हे तो मैंने थोड़ा मुंह घुमा के उसे देखा तो पाया की वो बिल्कुल मां के पीछे खड़ा हे । मैने उसपे ध्यान दिया वो एक ब्लैक कलर की चार्ट और ब्लू जींस पहन रखा । गोरा चिट्ठा आदमी था और उंगलियों में अंगूठी गोले में सोने की चैन लेकिन चेहरा खरूज गुस्सैल परूप का लग रहा था । मैने उसे जानने नही दिया की में उसे देख रहा हूं या मेरा ध्यान उसपे हे में मोबाइल में व्यस्त हूं ऐसा जताया।





बारीक से ध्यान देने पर पता चला साला कनीना मेरी मां को काम वासना की नजरों से घूरे जा रहा है । मेरी मां टांगे बेंच के ऊपर कर के घुटने मोड़ के एक घुटने पर कोहनी रख के हाथ पर अपना मुंह रख के दूसरे हाथ से पल्लू की एक चीरे से हवा लगा रही थी । ये देख के मेरी अंदर भी जोश बढ़ने लगा जवानी का मुझे भी अच्छा लग रहा था एक गैर मर्द मेरी मां को हवास की नजर से देख रहा हे। मां पीठ टीका के नही बैठी तो उनकी पीठ वो आदमी देख रहा होगा वैसे क्या देख रहा था ये तो वोही जाने। पर मां की पीठ और कमर पर पसीने की बूंदे थी जिसे देख कर मेरा ही मन हो रहा था की में ही मां की जिस्म की पसीने चाट जाऊं। उनकी ब्लाउज कुछ कुछ जगह पर भीग गई जो बोहोत कामुक लग रही थी ।



लगभग 10 मिनिट से वो आदमी मां के पीछे खड़े हो कर देख रहा था।
 
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अचानक मां ने बॉटल से पानी पिया । मां को पता नहीं था की कोई उसे उसकी कामुक जिस्म को देख रहा हे। मां ने मुझसे कहा की बेटा तू यही रूक में टॉयलेट हो कर आती हूं और बेग का ध्यान रखना।



मां उठ स्टेशन के आगे की एक कोने में बने टॉयलेट की तरफ गई । वो आदमी भी मां के पीछे तीन फीट दूरी बना के गया मां नजाने किस धुंध में थी मां को पता ही नही चला ।


में भी पीछे पीछे गया सावधानी से दूरी बना के । टॉयलेट के आस पास कोई भी नही था । दो टॉयलेट रूम थे लेफ्ट में लेडिस और राइट में जेंस। मां जैसे ही लेडिस टॉयलेट का दरवाजा खोला वो आदमी दाए बाय देखते हुए मां के पीछे जा कर मां का मुंह दबा कर पकड़ा और मां को अंदर ले गया और अंदर से दरवाजा भी बंद कर दिया ।




में सोक रह गया ये आदमी तो अब्बल दर्जे का खिलाड़ी हे दिन दहाड़े कोई दर नही इसे । मेरा भी देखने का मन हुआ की क्या होता है मां के साथ में राइट वाले जेंस टॉयलेट में घुसा उस टॉयलेट से भीड़म भीड़ाई की आवाज़ मुझे सुनाई तो दे रही थी लेकिन देखूं कैसे ।



देखा की बीच वाला दीवार जो हे वो थोड़ा छोटा हे लेकिन फिर भी एक इंसान ली हाइट से तो ज्यादा थी तो दिमाग लगाने लगा बाल्टी दिखी और बाल्टी उल्टा कर के उसपे चढ़ के झटके लगा उस टॉयलेट में क्या हो रहा हे।



वो आदमी मां को सामने से दीवार पे चिपका रखा था । एक हाथ मां की बगल के अंदर से ले जा कर मां की मुंह कस के दबा रखा था और अपनी बलिष्ठ बदन से मां को चिपका रखा था । मां की चीख दब रही थी मां दोनो हाथ पीछे कर के उसे पीछे धकेलने की कशिश कर रही थी उससे छूटने की कशिश कर रही थी पर मां उस पहाड़ जैसे इंसान के आगे निर्बली थी ।



वो आदमी एक हाथ से अपनी पेंट की जिप्प खोल रहा था सायद जो मुझे दिख नही रहा था । लेकिन मैने देखा की उसमे तो पेंट ही घुटने तक खोल दिया था और अपना अंडरवियर भी नीचे कर दिया उसका गोरा चूतड़ मुझे दिखाई दे रहा था । ये सब करते हुए उसे काफी मेहनत करनी पड़ रही थी क्यू की मां अपना बचाव कर रही थी । अब वो मां की सारी कमर तक उठाने की कशिश कर रहा था और मेरा लन्ड खड़ा हो गया था ये सब देख के में भी बेहिझक अपना लन्ड निकाल के सहलाने लगा था ।


वो आदमी भी मां की सारी कमर तक उठाने में सफल रहा और मां की काली पैंटी भी एक झटके से मां की जांघो तक चढ़का दि दीया । लेकिन उसे अब मां की मोटे गांड की दरार में चूत धुंध के लन्ड डालने में मुस्कीले आने लगा ऊपर से मां भी अपनी कमर इधर उधर करने की कशिश कर रही थी ।



उस आदमी मां को गुस्से से कहा " सीधी रह वरना गांड मार के फाड़ के रख दूंगा साली ",


पर मां फिर भी विरोध कर रही थी । पर किसी तरह वो कमियाब हुआ क्यू की मैने देखा मां की दोनो हाथ अब दीवार पर थी और मां की आखों में दर्द जैसे वो तिलमिला रही थी । वो आदमी मां की जरा भी चीख बाहर निकने नही दे रहा था इतना कस के मुंह दबा रखा था मां की पर उम्म्म्म उम्म ये आवाज तो मां की मुंह से हो रही थी।


वो आदमी कमर आगे कर के ऐसे धक्का दे रहा था जैसे सालों से चूत मारने का भूखा हो । ऐसा दबा के धक्के मार रहा था जैसे वो अपना लन्ड मां की चूत से में अगला धक्का देने के लिए भी पीछे नेही खीच रहा हे बस घुसा हुआ पूरा लन्ड और अंदर तक घुसाना चाहता हो । मां को काफी दर्द हो रहा था सायद उसकी आखें भींच रही थी कभी कभी उसकी आंखे बाहर आ जाती थी और हाथों की उंगलियां दीवार पर खोरोच मारती ।


पर कुछ 5 मिनिट बाद मां की आखें भी नशीली होती हुई दिखाई दी मुझे और मैने सोचा साली ऐसी चुदाई मे भी गर्म हो गई हे बोहोत चुदासी औरत हे या फिर पापा सायद मां को खुश ही नही कर पाते हे।



वो आदमी भी बिना रुके धक्के लगा रहा था । मां की गर्म सांसे मुझे सुनाई दे रहा था । वो आदमी भी मां को समझ गया और रूक कर मां को बोला ", देख चीनाल चिल्लाना मत मेरी छोड़ तेरी भी बदनामी होगी मुंह से हाथ हटा रहा हूं और याद रख बोहोत खतरनाक आदमी हूं जान से मार दूंगा समझा "


मां ने सर हिलाया उम्मम उम्मम्म कर के फिर वो आदमी अपना हाथ हटा लेता हे और मां की दोनो चूचियां ब्लाउज के ऊपर से मसलते हुए जोर से धक्का मारता हे । मां कराहती हुई बोली " उम्ह्ह्ह्ह आराम से ",



पर वो आदमी कहा कुछ सुनने वाला था जोर जोर से धक्के लगाने लगा और मां भी कभी कराहती हुई तो कभी मस्ती में सिसकारियां लेने लगी आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह ओन्ह्हह उफ्फ उफ्फ आआह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह आराम से ओह आराम से ऊऊउ ओह्ह्ह्ह्ह उईह्ह्ह आराम से



वो आदमी मां की चूचियां दबा दबा कर मां की चूत चोद रहा था पीछे से और एक बार उसने मां गर्दन चूम चूम के बोला ", बड़ी तेज खुसबु है तेरी । मजा आ रहा है की नही बोल "



मां जवाब नहीं दी तो उसने मां की दोनो चुचियों बलिष्ठ हाथो से भींच दिया और मां तिलमिलाते हुए बोली " हम्म्ह्ह्ह हम्म्ह्ह्ह्ह आ रहा हे प्लीज आराम से आआह्ह्ह्ह्ह आराम से उहह आराम से "



वो आदमी बिना रुके मां को रफ्तार से चोद रहा था और मां की पसीने से भीगी पीठ चूम रहा था बेचक मां को भी पूरा मजा आ रहा था उनकी कामुक चेहरे ये बता रही थी उनकी आखें नसीली हो गई थी और गर्म सासो के साथ मस्ती भरी आह । में भी मजे ले कर मूठ मार रहा था । में सोचने लगा की ये तो बड़े लंबे रेस का घोड़ा हे घड़ी देख के सोचा 15 मिनिट से मां को चोद जा रहा था और जिस स्पीड से मां को चोद रहा था मां को परम आनंद मिलना ही था अचानक मां एक हाथ पीछे ले कर उस आदमी की पेट पर चार्ट को कस के पकड़ के खीचती हुई अपनी निचली होठ दातों में दबा कर उम्ह्ह्ह्ह्ह कर के झड़ने लगी उसकी नितम्ब थर थर के कांप रही थी ।





उस आदमी ने भी मां की गांड मसल कर अपना लन्ड निकाला और अपनी वॉलेट से कंडोम निकालने लगा । तभी मां ने झट से सारी नीचे कर के कुंडी खोलने लगी तो वो आदमी फुर्ती से मां को पकड़ के मां को थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया लेकिन मारा नही और मां दर के सहम गई ।


आदमी बोला " होशियारी मुझसे । जान से मार दूंगा "


मां बोलो " प्लीज जाने दो मुझे मेरा बेटा बाहर मुझे ढूंढ रहा होगा और हमारा ट्रेन भी आने ही वाला हे "



आदमी मां की हाथ में कंडोम देते हुए बोला " मेरा होने ही वाला हे। इसे लगा मेरे लंद पर "




मां मजबूर दिख रही थी पर वो उस आदमी के लंद पर कंडोम चढ़ाने लगी और वो आदमी बोला " वो तेरे साथ वाला तेरा बेटा हे । विस्वास ही नही हो रहा हे तेरा इतना बड़ा जवान बेटा हे । बड़ी फूलजारी है तू तेरा पति तो बोहोत भाग्यवान हे। चल अब घोड़ी बन बस होने ही वाला हे "



मां भी अपनी सारी उठा कर घोड़ी बन कर दीवार पे रख दिया । इस दौरान मैने देखा की उस आदमी का लंद काफी बड़ा था । वो आदमी मां की कमर पकड़ के फिर चोदने लगा मां भी मस्ती में आहे भर रही थी । और कुछ देर बाद वो आदमी झाड़ गया और अपना कंडोम निकाल के टॉयलेट में फेका मां पेंटी ऊपर कर के सारी नीचे कर के अपनी हुलिया सुधार कर निकलने ही वाली थी की तभी उस आदमी ने कुछ पैसे देते हुए बोला " ये रख "


मां बोली " नही में उस तरह की औरत नही हूं "


वो आदमी बोला " जानता हूं । उसके लिए नही दे रहा हूं । तुम मुझे अच्छी लगी इसलिए दे रहा हूं बोहोत खूबसूरत हो तुम । 6 महीने बाद मैने सेक्स किया तुम्हे देखा तो मुझे कंट्रोल नहीं हुआ मेरी बीवी इस दुनिया में नही हे" ऐसा कह कर उसने मां के हाथ में पैसा दे कर मुस्कुराने लगा ।



मां भी सेहेमि सी मुस्कान दे कर पैसा ले कर एक बार गिना पूरे 10000 रुपए थे तो मां भी पूछ ही ली अपनी जहन में आई हुई बाते " आप करते क्या हे"


वो आदमी बोला " सोना चांदी का कारोबार हे मेरा "


मां पैसा अपनी ब्लाउज में डाल के बोली " ओके बाए" और मां बाहर निकल गई।


फिर वो आदमी भी कपड़े ठीक कर के निकल गए । मैने जो मोबाइल में रिकार्ड किया था वो बंद किया और मेरा मूठ तो कबका निकल गया था बस लन्ड अन्दर डाल के में भी बहार निकल आया ।



मां मुझे ही ढूंढ रही थी में मां के पास गया जो बेंच के पास खड़ी हो कर मुझे ही ढूंढ रही थी । मां बोली " समान रख के कहा चला गया था तू ",


में भी बोला " में तो आपको ढूंढ रहा था आप कहा गई थी "



मां झेप गई लेकिन अपने आपको संभाल कर बोली " अरे वो में टॉयलेट हो कर उस आगे वाली गली से दुकान गई थी मुंह सुखा सुखा सा लग रहा था तो आमला खाने गई थी दुकान पर "



तभी घंटी बाजी ट्रेन आने की और अगले दो मिनिट में ट्रेन आई और फिर हम पैसेंजर ट्रेन में चढ़ गए 3 घंटे का सफर था । मैने देखा वो आदमी भी चढ़ा हे उसी कोच पर। मां ने देखा की नेही मुझे नही पता लेकिन कुछ देर बाद वो आदमी हमारे आस पास बार बार गुजर रहे थे । मां ने भी उसे देखा तब और मां ऐसा झटाया मेरे सामने की जैसे अनजान को ऐसे एक बार देखा हो ।




डब्बा भी लगभग खाली ही था । एक घंटे के बाद मां मुझे कह कर बाथरूम चली गई । पर जब मुझे लगा की 15 मिनिट से ज्यादा हो गया हे मां आ नही रही तो में सीट से उठा और बाथरूम की और गया चेक किया तो एक बाथरूम बंद था अंदर से और मेरा दिमाग की बत्ती खुली और पूरे डब्बे पर उस आदमी को ढूंढने लगा जो मुझे नही मिला और में समझ गया की ये साला हरामी का पिल्ला फिर मां को रगड़ रगड़ के चोद रहा होगा । पर में इस बार कुछ भी देख नही सकता था तो में अपनी सीट पर आ कर बैठा रहा । करीब पौने घंटे बाद मां आ गई और मेरे पास बैठ गई मां मुंह हाथ धो कर आई थी । मैने भी मां से कोई सवाल जवाब नही किया ।





3 घंटे के सफर के बाद हम घर पोहोचे।
 
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मां चिनेमा हल पर


एक दिन मां और में रात 6 बजे मार्केट गए थे । मेला लगने वाला था उसके लिए हम कपड़े और कुछ सामान लाने गए थे मॉल में शॉपिंग करते करते समय के कैसे बिता पता ही नही चला 8 बज गए थे । हम घर लौट रहे थे पैदल घर ज्यादा दूर नहीं थे । रास्ते पे एक सिनेमा हॉल पड़ता था और में मां को बोला फिल्म देख के जाते है। मां कहने लगी की नही बेटा देर हो जायेगी और तेरे पापा डातेंगे। तो मैंने मां को मनाया की पापा को में फोन कर बता देता हूं आप आज मेरे साथ फिल्म देखो वैसे भी आपने काफी दिनों से कोई फिल्म नही देखी है। मैने मां को मनाया मां भी मान गई और में पापा को घर पर फोन कर बता दिया पापा ने भी कोई आपत्ति नहीं दिखाई में अकेला होता तो दात लगाते मां साथ थी इसलिए कुछ नही कहा ।




हम 9 बजे की शो का टिकट लेने सिनेमा हॉल के काउंटर पर पोहोछे तो पता चला एक मिनिट पहले हाउसफुल हो गया । मैने काउंटर वाले कहा की भाई हमे दो टिकट चाहिए कुछ ज्यादे ले दे के हो सके तो दे दो ना । तो काउंटर वाले मुझे और मां को देख के बोला की नहीं भाई यहां ये सब नही चलता बाहर कोई ब्लैक में बेचता हे तो देख लो । में निराश हो कर लौटने ही वाला था काउंटर वाले ने मुझे इशारे से पास बुलाया और में भी उम्मीद से अपना चेहरा उसके पास ले गया और उसने धीरे से बोला की अरे भाई इतनी मस्त भाभी को साथ ले कर आए हो कहा ये फैमिली वाली पिक्चर देखने की शक्कर में पड़े हो पोछे एक छोटा वाला थिएटर हे वाहा मस्त वो वाली पिक्चर लगती हे वाहा जाओ खुल के मजे लूट पाओगे ।





मेरे मन में लड्डू फ़ूटने लगे तो में भी मां जूठ बोल कर साइड की कॉरिडोर से मां को ले गया और राइट में एक छोटा सा थिएटर के सामने काउंटर वाला बैठा था । मैने उससे दो टिकट पूछा तो उसने दो टिकेट दे दी मुझे ।


में और मां फिर अंदर चले गए थिएटर तो बड़ा ही था लेकिन जो कुर्चिया थी वो एक समान फर्श पर लगे हुए थे । हमे अंदर पहचाने एक आदमी आया था मां ने पूरा थिएटर खाली देख के उससे पूछा की हॉल पूरा खाली क्यू है तो उस आदमी ने कहा की आज मंगलवार है तो थियेटर बंद रहता हे लेकिन पर्दे का कुछ रेपेयरिंग का काम चला हे तो सोचा की थिएटर खुला हे तो कोई देखने वाला आए तो देखने देंगे आप लोग देखिए कोई न कोई आ ही जायेगा ।




हम बीच की सीट पर बैठ गए । 9 बजे पिक्चर शुरू हुई को एक मायालयम बी ग्रेड की पिक्चर थी हिंदी डबिंग के साथ । लाइट्स पूरा ऑफ हो गया हम पिक्चर देखने लगे कुछ 15 मिनिट बाद मां मुझसे बोली बेटा कैसी पिक्चर हे कुछ समझ ही नही आ रहा हे कौन हीरो कौन हिरोइन और कौन विलीन। तब तक कोई ऐसा वैसा चीन नहीं आ रहा था और में बोला की साउथ की एक्शन वाली फिल्म होगी देखते हे ना थोरी देर बाद पता चल ही जाएगा ।


मुझे ये सोच के मजा आ रहा था की जब वो सब सीन आयेंगे तब मां की क्या रिएक्शन होगा चेहरे पर । आधा घंटा हो गया एक हिरोइन की नदी किनारे नहाती हुई सीन आ रही थी जहा हीरो चुपके से देख रहा था हिरोइन को । और में मां की चेहरे पर देख रहा था पर लाइट कम होने के कारण उतना साफ नही दिख रहा था पर जितना दिखा उतने में पता चल रहा था की मां शर्मा रही हैं मेरे साथ ऐसी सीन देखना पड़ रहा है उसे ।


और तभी में मां से बोला की में टॉयलेट जा रहा हूं और कुछ खाने को ले आऊंगा आने में थोड़ा देर होगा तो मां बोली की मेरे लिए सोमोसा ले आना । तो में हा बोल के बाहर आ गया आते समय एक बार चेक किया की कोई दूसरा आया की नही पर कोई नही था मां और में ही थे एक बार मन में आया की मां के साथ कुछ टची हो कर थोड़ा बोहोत मजा लूंगा ।




पहले में टॉयलेट गया फिर बाहर जा कर कैंटीन से पॉपकॉर्न और समोसा ले कर आया । और में बापच आ कर जैसे ही हॉल में घुसा तो मुझे हल्की रोशनी में दिखाई दिया की मां के आजू बाजू में दो आदमी बैठे हे और दोनो तरफ से दोनो आदमी मां को जबरदस्ती पकड़ के चूमने और बाहों में लेने की कशिश कर रहे थे ।



में जल्दी से पीछे के सीट पर जा कर बैठ गया गर्दन झुका के चुप चुप के देखने लगा । वो दोनो मां को जबरदस्ती पकड़ के चूम रहे थे और मां की चूची मसल रहे थे मां विरोध कर रही थी पर दोनो मर्दों ने पूरी तरह से झपट रखा था मां को । मां सायद चिल्ला भी रही थी पर इतना तेज आवाज था की मां की चीख उतनी तेज नही थी । में भी देख के मजा ले रहा था जब कभी किसी सीन पर स्क्रीन ब्राइट हो जाती तो अच्छे से एक झलक देख पता था ।



दस पंधरा मिनिट तक वो दो आदमी मां को जबरदस्ती चूम रहे थे और मां की चूचियां मसल रहे थे । फिर एक आदमी ने मां की सीट की पीछे आ के मां की दोनो हाथ पकड़ा और मुझे कुछ ठीक से दिखाई नही दे रहा था पर थोरी ही देर में देखा की आगे वाला आदमी मां को दोनो टांगे कंधे पे उठा कर कमर हिला रहा है। मां की दोनो टांगे नंगी थी इसका मतलब था की वो आदमी मां की चोद रहा था । मेरा तो लन्ड फटने को हो गया था में भी अपना लंद निकाला और मूठ मारने लगा धीरे धीरे क्यू की मे भी देर तक मजा लेना चाहता था ।






वो आदमी मस्त कमर हिला हिला के मां को चोद रहा था । मां अपनी टांगे उसके कंधे से हटाना चाहती थी यानी मां तब भी विरोध कर रही थी लेकिन वो आदमी भी मां की दोनो टांगे कस के पकड़ रखा था । करीब 10 मिनिट बाद वो आदमी शांत हो गया और मां की दोनो टांगे नीचे कर दी । तो दूसरा आदमी आगे गया और मां को उठाया और मां को सीट पर घुटने टेकवा कर घोड़ी बना दिया । मां अब कोई विरोध नहीं कर रही थी सायद मां ने हथियार डाल चुकी थी की ये लोग को ऐसे भी उसकी चुदाई करेगा ही ।




दूसरा आदमी भी मां को पीछे से खड़े खड़े चोदने लगा । एक सीन ऐसा आया की स्क्रीन पूरा ब्राइट हो गया था और तब मैने देखा की मां आंख बंद कर के अपना निचला होंठ दातों में दबा रखा है। बोहोत कामुक भाव था मां की चेहरे पर और दर्शा रहा था की मां फुल मजे में मजा ले रही है। उस आदमी की धक्के से मां हिल रही थी उनका मंगलसूत्र हिल रही थी चूचियां भी जरूर झूल रही होगी वो में देख नही पा रहा था क्यू की ना सीट के ऊपर दोनो हाथ दीए थे । में तो बस मां की आओ भाव देख रहा था मां मस्त मस्त कामुक आओ भाव कर रही थी कभी होठ दातों में दबा के तो कभी होठ खोल के सायद मस्त आह भर के सिसकारियां ले रही थी ।






पहले वाला आदमी बाई तरफ की गेट से बाहर निकल गया और कुछ दो मिनिट बाद एक तीसरा आदमी भी आया और बिलकुल पीछे की सीट पर मां की मुंह के सामने खड़ा हो गया दूसरा आदमी अभी भी मां को उसी पोजीशन में चोद रहा था । तीसरा आदमी सायद मां को लंद चुसवाना चाहता था पर मां इधर उधर हट रही थी पर तीसरा आदमी भी मां का सर जबरदस्ती पकड़ कर मां को लंद चूसवाने लगा ।



कुछ 10 मिनिट बाद दूसरा आदमी भी झाड़ कर हट गया और तीसरा आदमी भी मां को उसी पोजीशन में मां को चोदने लगा । तीसरा आदमी काफी लंबा चौड़ा दिख रहा था और शायद बोहोत ताकतवर था क्यू की उसके धक्के से मां की चेहरे पर दर्द की भाव दिखाई देने लगे मां दात पिच रही थी और आंख मिंच रही थी और कभी कभी होठ ऐसे हो जाते थे जैसे आऊऊ आऊउहह कर के दर्द से कराह रही हो । तीसरे आदमी ने लगभग 20 मिनिट तक चोदा और मां उन 20 मिनिट तक दर्द में ही दिखाई दिए मुझे ।



जब तीसरे का हो गया तो दूसरा और वो तीसरा आदमी कपड़े सही कर के चला गया और मां भी अपनी कपड़े सही कर के बैठ गई तब में मां के पास गया और मां ने मुझसे पूछा कहा गए थे इतनी देर तो मैने बोला की बाहर एक दोस्त मिल गया था तो उसके साथ बातों में टाइम का पता ही नही चला तभी मां बोली चलो घर चलते हे । मैने कहा की मूवी तो खतम ही नही हुआ तो मां गुस्से में बोली नही देखनी ऐसी घटिया मूवी चल घर चल । हम दोनो फिर घर आ गए मां की चाल थोरी बिगड़ी हुई थी ठीक से चल नही रही थी मैंने सोचा की साली को मस्त रगड़ के चोदा है।
 
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मां घर पर बेटे साथ




दूसरी दिन की बात है पापा तो ऑफिस चले गए थे मेरी गर्मियों की छुट्टी चल रही थी । सुबह के टाइम था 10 बजे मां अपने कमरे में सो रही थी और में उनके कमरे में गया और मां से पूछा की इस वक्त क्यू सो रही हो और में कहते हुए मां के पास लेट गया था और मां को झप्पी दिया जान बूझ के अपना हाथ मां की चूची पट रखा था ।


और तभी मां कराह उठी हाय मां मर गई। में थोड़ा फिक्रमंद हो कर पूछा क्यू हुआ मां तो मां दर्द भरी आवाज में बोली मत पूछ बेटा छाती पे बोहोत दर्द हे ।


तो मैंने कहा अच्छा दिखाओ दिखाओ कोई गहरी चोट तो नही हे तो मां कहने लगी नही नही बेटा रहने दे ठीक हो जायेगा । मां शर्मा रही थी पर मैंने बोला मां इसमें शर्माने वाली बात नही है जख्म दिखाने में कैसी शर्म मां कुछ मत बोलो देखने दो मुझे ।


मैं मां की पल्लू हटा के ब्लाउज की हुक खोलने लगा दो हुक तो पहले से ही खुले हुए थे और मां ने अंदर ब्रा भी नही पहनी थी बाकी के दो हुक खोल के मैने ब्लाउज को दोनो तरफ फैला दिया । मां की गोरी गोरी मोटे मोटे चुचियों पर उंगलियों की लाल निशान बैठे हुए थे तो मैंने मां से पूछा किसने किया ये सब मां शर्मा के धीरे से बोली और कौन तेरे पापा ।



में बोला ये पापा भी ना अच्छा दबाई लगाई है इसमें तो मां बोली नही पता नही क्या दबाई लगाऊं समझ नही आ रहा है तो मेरे दिमाग में आया बेटा यही मौका हे । में बोला मां मेरे पास एक दबाई हे आपको आराम मिलेगा और में एक चूची की निप्पल मुंह में लिया मां सोक गई क्या कर रहे हो बेटा तो में मां की होठों पर उंगली रख के चुप रहने का इशारा किया और में धीरे धीरे से चूसने लगा मां भी शांत हो गई उन्हे लगा की में उसे आराम दे रहा हूं । में जितना मुंह में जाता उतनी मुंह में भर के धीरे धीरे चूसने लगा । मां भी मेरे सर पर हाथ रख कर मेरा सर सहला रही थी धीरे धीरे मां का निप्पल मुझे कड़क महसूस हुआ मुझे तो चूसने में मज़ा आ ही रहा था में देख रहा था मां भी आंख बंद कर के आराम ले रही थी एक चूची चूस के मैने मां से पूछा कुछ राहत मिली तो मां ने सिर्फ सर हा में हिलाई तो में दूसरा भी चूसने लगा और एक हाथ मां उभरी हुई मखमली पेट पर बड़े प्यार से आराम से सहलाने लगा मां ने उस हरकत पर कोई प्रतिक्रिया नही दी मुझे तो में चूची चूसते हुए मां की पेट सेहलता रहा ।
 
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में मां की चूसी से हट कर मा की गर्दन पर चूमने लगा तो मां मुझे रोक मेरे चेहरे को पकड़ के प्यार से मुझसे बोला बेटा काल रात को सिनेमा हॉल में तू मुझे देख रहा था । में सोक गया और मेरी फटी में भीगी बिल्ली की तरह देख रहा मां को मां ने प्यार से फिर पूछा बोल ना बेटा तू मुझे देख रहा था लेकिन फिर भी तूने उनलोगो को क्यू नही रोका ।


में क्या जबाव दूं समझ नही आ रहा मां को कैसे पता चला मेरे दिमाग में आया अगर में मां को देख सकता था तो मां भी देख सकती थी मुझे हाला की में चुपके से देख रहा था पर मेरी गलती से मां ने मुझे देखा होगा लेकिन में थोड़ा सोच के बोला मां आपको मजा आ रहा था इसलिए मेने नही रोका उनलोगो को ।



मां बोली की जूठ मैने देखा था तेरी आखों में तू मुझे उनके साथ देख के मजे ले रहा था बोल ये सच हे की नही ।



मैने भी मां से बोला हा मां मुझे आपको उन लोगो के साथ मजा लेते हुए मुझे भी बोहोत मजा आ रहा था जूठ मत बोल मां सच हे की नही ।



मां भी चिढ़ती हुई बोली हा तो मजे आने वाली चीज पे मजे देने वाली चीज घुसा के रगड़ेगा तो मजा आना ही ना । में मां गाल चूमने लगा और उनकी सारी के अंदर हाथ घुसाने लगा । मां ने अंदर पेंटी भी नही पहनी थी और मां मेरा हाथ पकड़ के विरोध करने लगी और कहने लगी क्या कर रहा हे छोड़ मुझे में तेरी मां हूं ।



में मां की गाल चूम रहा था मां मुंह हटा रही थी और में बोला मां आप मेरी मां से पहले एक औरत हो एक ऐसा औरत जिसे हम मर्द माल कहते हे और मर्द आप जैसे माल के साथ खेलते हे जिससे आपको भी मजा आता है ।



मां कहने लगी की पागल हो गया है क्या तू कैसी गंदी बाते कर रहा हे ओर मां मुझे विरोध करती हुई उल्टी हो गई तो इसी मौके का फायदा उठा कर में उनके पीठ के ऊपर चढ़ के एक हाथ उनकी पेट के नीचे से सारी में घुसा के सीधा उनकी चूत के दाने रगड़ने लगा । मां बलखाती हुई कमर हिलाने लगी मुझे विरोध करने के लिए मुझे छोड़ने के लिए बोल रही थी पर में मजबूती से मां की चूत के दाने रगड़ रहा था ।




आज मुझे मेहसूस हुआ की मां कितनी गर्म औरत हे कुछ देर में मां भी शांत हो गई थी और में कुछ देर और रगड़ कर मां को सीधा किया और मां की सारी उतारने लगा मां कह रही थी बेटे मत कर तेरी मां हूं पर शारीरिक तौर पर विरोध नही कर रही थी मैने मां को नंगा कर दिया और उनकी टांगे खोल कर मस्त उभरी हुई चूत चाटने लगा मां गर्म हो चुकी थी और हल्की हल्की सिसकारियां ले रही थी कोई रोक तक नही अब मां की तरफ से में मां चूत की भगनासा चाट चाट के उंगली घुसा के रगड़ने लगा मां को और ज्यादा मजा आ रहा था वो अपनी टांगे हवा में उठा रही थी खुद अपनी निप्पल से खेलती हुई आहे भर रही थी।




मां की चूत पानी पानी हो गया में अपना कपड़े उतारने लगा मां ने एक आखरी बसे मुझसे बोला बेटा नहीं बेटा रूक जा इससे आगे नहीं। पर मे नंगा हो कर मां की चूत में लंद डाल के उनकी बाहों में गिरा मां कराह उठी आह्ह्ह्ह्ह कर के मैने मां की बगल से हाथ घुसा के पीठ के नीचे हाथ ले जा कर जकड़ के जोर का धक्का दिया ऊंहईईईई मार डालेगा क्या उफ्फ मां ने घुट्टी हुई आवाज निकाली। मेने मां की आखों में देखा उनकी आखों में काम वासना थी और में मां की होठ चूसने लगा और धीरे धीरे धक्का देने लगा मां भी मुझे बाहों भर के चूमने लगी थोरी ही देर में मां पूरी तरह से मजा लेने लगी मेरे हर धक्के का सिसकारियां से जवाब देने लगी ।



मैने मां की गर्दन चूम के मजा आ रहा है पूछा मां जवाब नहीं दिया तो में खीच के मां की चूत में धक्का दिया बोल ना मां मजा आ रहा है कि नही।



मां बोली आआह्ह आ आ आ रहा हे बेटा । उन्ह्ह मेरा बच्चा अपनी मां को ही आह। मैने बोला हा मां मैने आपको चोद डाला कबसे चोदना चाहता था आपको में लेकिन हिम्मत ही नहीं कर पा रहा था ।



मां भी चुदाई की मस्ती में सारी शर्म हया छोड़ के जवाब दिया हा बेटा चोद मुझे चोद अपनी मां आहाआह्ह्ह्ह्ह हांहहह।



में उसी रफ्तार से चोद रहा था मां मुझे मां की चूत बोहोत गर्म और चिकनी रसीली लगा और उम्र की हिसाब से टाइट मेहसूस हो रहा था मुझे बोहोत मजा आ रहा था और में मां की गर्दन चूम के दात गढ़ा रहा था और जोश में पूछा मां आप बोहोत गर्म चुदासी माल हो ।


मां ने मेरी सर की बाल खींच के जवाब दिया आन्ह्ह्ह में भी तो इंसान हूं बेटा उफ्फ बेटा आज चोद डाल अपनी मां को बोहोत प्यासी हूं मां



मैने पूछा क्यू मां क्यू प्यासी हो मां बोली क्या करू तेरे पापा कर ही नही पाते जिस दिन भी चढ़ा हे उस उस दिन मुझे इस आग में जलाया हे।



में रुका और मां की आखों में बोला मां सच सच बता काल रात थिएटर में आपको मजा आया की नेही मां भी शर्म छोड़ मेरा होठ चूम के बोली बोहोत बेटा बोहोत मजा आया और जब तू मुझे देख रहा था मुझे पाता नही क्यू और अच्छा लगा तीसरा वाला तो मेरी गांड मार के दुखा दिया था मुझे आदत नही गांड में


में बोला इसलिए लंगड़ा के चल रही थी मां एक बात बोलूं मुझे वो स्टेशन वाली बात पता हे उस आदमी ने आपको कैसे चोदा था । मां की आखें भी बड़ी हो गई और सोक में बोली कैसे । तो में पूरी कहानी बता दिया ।


मां एक गहरी सांस ले कर बोली कितना बेशर्म बेटे हो तुम तू देखता रहा और मुझे दूसरों से चुदाते देख तूने मूठ भी मारी ।



मैने जोर से धक्का दिया मां कराह उठी मैने बोला क्या करू मां मुझे मजा आता है आपको पराए मर्दों से चूदेते हुए देख कर मेरा मस्त खड़ा हो जाता है अच्छा आप बोलो आपको इन सब से मजा आया की नही।



मां की आखों में पूरा चुदाई का नशा था वो मेरी आखों में ही देख देख के बोली बस मत पूछ आह्ह्ह्ह्ह साला उहहह ऐसा चाहती तो नही थी पर बेटा हा बोहोत मजा आया है उस स्टेशन वाले आदमी का बोहोत बड़ा था बोहोत दमदार ठुकाई किया था उसने हिला के रख दी थी मेरी थक गई थी में पानी निकाल निकाल के ।


में एक आखरी धक्का मार के झाड़ गया क्या मजा था क्या सकून था में धीरे धीरे शांत हुआ मां भी मेरा माथा सहला कर प्यार दिया मैने मां से पूछा मां सच बताओ ट्रेन में जब वो आदमी चढ़ा था तो आप उससे खुद चुदवाने गई थी ना दुबारा उससे ।


मां बोली नही वो मुझे इशारे से बुला रहा था में तो जाना नही चाहती थी पर उसने जो मजा दिया था मुझे मजबूर कर दिया था ।


मैने मां की गाल चूम कर उनकी जिस्म को सहला कर पूछा कैसे चोदा फिर ट्रेन की बाथरूम में घोड़ी बना के । मां बोली हा घोड़ी बना के भी और गोद में उठा के खड़े खड़े भी क्या ताकत थी उस बंदे की और बोहोत बड़ा था अंदर तक घुसा घुसा के मुझे झूले की तरह झुलाया था बोहोत मजा आया था में थक के रोने लगी थी पर उसने फिर भी अपना होने तक चोदा था।



में बोला मां आप तो बड़ी रण्डी निकली अंदर बड़ी चीनाल छुपी हे में फिर मजाक में बोला रण्डी बनेगी मां बोल बनेगी


मां भी मुस्कुरा के बोली हा बना दे इसमें क्या वैसे भी चार पराए मर्द की लन्ड तो खा ही चुकी हूं । में बोला बोल फीर कितने लन्ड खायेगी दस बारह तेराह।


मां मुस्कुरा के बोली तू जितना खिला दे और हा बड़ी दाम में बेचना मुझे तेरी मां कांटाप माल हे एक शॉट का कमसेकम 5000 लेना तीन तीन लिया तो एक साथ 15000 कमा के दूंगी तुझे हिहिहि।


में हस के बोला फाड़ के रख देंगे आपकी फिर रोटी हुई मेरे पास मत आना । मां जोश में मेरे हाथ हल्का सा काट के बोली फटने के लिए ही तो बनी हूं चूत फटने के लिए ही तो होती हे। हम दोनो ऐसे ही ढेरो बाते करने लगे ।
 

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