Erotica मम्मी बनी बेवफा (हिंदी में)

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बर्तनों की फेकने की आवाज गूंज रही थी पूरे घर में । शाम का वक्त था एक सुहानी शाम लेकिन हमारे घर में वो शाम बत्तर था । गलियारों में हमारा चार बेडरूम वाला अच्छा ठीक थक घर था । पहले तो हम बोहोत खुशाल जिंदगी जी रहे थे लेकिन पिछले 5 सालों से हमारे घर में कोई खुशी का लम्हा नहीं बना ।



मेरे पापा पैट्रिक खानदान से तो बोहोत अमीर थे मगर पैट्रिक खानदान उन्हे अब बारिश नही मानता बड़ा बेटा होने के वाबजूद कारण उन्होंने अलग जात की लड़की से भाग कर शादी करी हे जो की मेरी मम्मी हे।


मेरे पापा कपड़ो का दुकान था । पहले तो बोहोत छोटा था पर अब पापा होलशेल की रेत पर कपड़ा बेचते थे आमदनी बोहोत थी ।



उस शाम मम्मी और पापा बोहोत जगड़ा कर रहे थे जो आम बात हो चुकी थी । कारण में भी जनता था पर मम्मी पापा की जगड़े में पड़ने की कभी हिम्मत नही की मैने पापा से डरता था लेकिन उससे ज्यादा मम्मी से डरता था में अब भी मम्मी मेरी पिटाई करती है।




मम्मी को पता था की पापा का बाहर दूसरे औरत के साथ अफेयर चल रहा है। एक बार तो में अपने दोस्तो के पार्क घूमने गया था तो पापा को किसी दूसरी औरत के गले हाथ डाले इश्क लड़ाते देख में भी शर्मशार हुआ था ।




में 11वी पढ़ता हूं । नशे से तो में दूर था मगर जवानी मेरे में भी फुट रहा हे। गर्लफ्रेंड के साथ किसिंग करना चूची दबाना इतना मैंने मजा लिया है इससे आगे की इतनी हिम्मत नही हुई या फिर ऐसा मौका मैने अभी तक धुंध नहीं पाया ।


मम्मी मेरे लिए बोहोत स्ट्रिक थी मम्मी की फटकार से में डरता था बोहोत । कलेश खतम होने के बाद पापा घर से निकल गए मुझे पता था आज पापा घर नही आयेंगे ।




कुछ देर मम्मी ने मुझे पुकारा और जल्दी से भाग कर उनके कमरे गया " हा मम्मी "


मैंने देखा की मम्मी सजी धजी हुई थी

 
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मम्मी सख्त आवाज में बोली " चल मेरे साथ मार्केट "


मुझे दुबारा सवाल करने की हिम्मत नही थी तो में भी तैयार हुआ। मम्मी मुझे बाइक चलाने से रोकती थी पर आज मम्मी ने कहा " मुझे बाइक पे बिठा पाएगा "


मैने हा में सर हिलाया और पापा की बुलेट से मैने मम्मी को मार्केट ले गया । मम्मी सब्जी मंडी में सब्जी खरीद रही थी और में थैला पकड़ के उनके पास रहता था । मैने गौर किया की चाहे सब्जी मंडी का दुकानदार हो या आस घूम रहे ठरकी लोग मम्मी की लचीली रसीली जिस्म को ताड़ रहे थे । मुझे गर्व था मम्मी की खूबसूरती पर ।




42 की उम्र में भी मम्मी की त्वशा महीन खूबसूरत थी और चेहरे से बदन की बनावट से तो वो आकर्षित थी ही भले ही अब भारी बदन की हो गई हो ।





सब्जी खरीदने के बाद मम्मी ने रेशन की खरीदारी की और हम घर को आ रहे थे अचानक मम्मी ने केमिस्ट की दुकान देख कर बाइक रोकने को कहा । मम्मी उतार के केमिस्ट की दुकान गई और मेरे सामने ही कंडोम का पैकेट खरीद ली। ये देख कर में हैरान था बोहोत ही मम्मी ने मेरे सामने क्यू कंडोम खरीदा कोई सवाल खड़े हुए मेरे दिमाग में । मम्मी बापच से पीछे बाइक में बैठ कर बोली ", क्या हुआ रे तुझे चल बाइक चला "


मेरी तंद्रा टूटी बाइक आगे बढ़ा दिया । कूची देर में हम घर आ गए । मम्मी अपने कमरे में चली गई और में अपने कमरे में । में बस उसी खयाल में था की मम्मी ने मेरे सामने ही क्यू कंडोम खरीदा और क्या करेगी मम्मी कंडोम का पापा के साथ तो कुछ नही होने वाला जो परिस्थिति चल रही हे तो क्या मम्मी किसी गैर मर्द के साथ।




मैने हिंदी सेक्स कहानियां पढ़ना चूरू कर दिया था मां बेटे वाली बोहोत कहानियां पढ़ के हिलाया पर मम्मी के बारे में वैसा खयाल नही था पर आज की मम्मी की हरकत पर मेरी नजरिया बदल रहा था ।



रात 9 बजे मम्मी ने मुझे बुलाया वो बाथरूम में थी । में उस वक्त बनियान और आरामदायक शॉर्ट्स पहन रखा था । बाथरूम की दरवाजे पे रुक कर मैने कहा " हा मम्मी "


मम्मी अंदर से बोली " अंदर आ जा "


मुझे लगा की बाथरूम का नल या कुछ खराब हुआ होगा तो में दरवाजा खोल के अंदर घुसा । और मेरी हवाइयां उड़ गई । मम्मी मेरी तरफ पीठ कर के खड़ी थी लेकिन होश उड़ा मम्मी को सिर्फ ब्रा पेंटी में देख कर । में बौखला सा गया

 
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लाल पैंटी और सफेद ब्रा में थी मम्मी उनकी बड़ी नितम्ब चौड़ी पीठ पतली कमर देख कर मैने सचमुच होश खो दिया अगले ही पल मैने अपनी ही मम्मी को कामवासना की नजर से घूरने लगा "


मम्मी हल्का सा गर्दन घुमा के मुझे बोली " अपना बनियान उतार "



में स्तब्ध था मम्मी क्या कह रही है अचानक मम्मी गुस्से में चिल्ला के बोली " सुना नही मैने क्या कहा । अब जो जो में कहूंगी वो तू सुनेगा और करेगा समझा "



में तो मम्मी की गुर्राहट से कांप उठा अपनी शेरनी मम्मी आज्ञा सुन के में अपनी बनियान उतार दिया तब मम्मी बोली " पीछे से पकड़ मुझे "


में मरता ना क्या करता में जल्दी से मम्मी को पीछे से उनकी मुलायम पतली मगर हल्के चर्बी वाली उभरी हुई पेट की कमर पकड़ लिया । मम्मी ने नहाय नही थे उनकी बदन से उनकी प्राकृतिक खुशबू मुझे एक नशा सा लगा मेरा दिल जोरो से धड़क उठा उनकी मुलायम बदन वो एहसास और वो गर्मीपन वाह।





मम्मी ने मेरा दोनो हाथ ऊपर उठा कर अपनी दोनो चूची पर रख के बोली " दबा इसे "


मेरे लिए पहला अनुभव था और अपनी मम्मी मुझे ऐसा कह कर करवा रही हे जो मां बेटे के बीच कभी नही होना चाहिए मगर उस वक्त मेरी बुद्धि काम नही कर रहा था और मुझे तो जन्नत लग रहा था ।


मैने धीरे धीरे से मम्मी की चूची मसलने लगा । मम्मी की चूचियां मेरे हाथों के मुकाबले बोहोत बड़ी थी पंजे में पूरा आ ही नही रहा था और क्या वजनदार मुलायम मेहसूस हुआ मेरा लन्ड कब खड़ा हो कर मम्मी की बड़ी गांड की ऊपर रगड़ खाने लगा इस बात का एहसास ही नही मुझे । में मम्मी से 4 इंच लम्बा था वो 5 फीट 4 इंच की थी ।


मम्मी दात पीछते हुए बोली " जोर से दबा ना । ब्रा निकाल दे "



मैंने मम्मी की ब्रा की हुक खोल के उतार दिया और मम्मी की दोनो चूचियां फिर से जोर जोर से मसलने लगा मम्मी को देख कर मेरा भी जोश बढ़ रहा था बोहोत उत्तेजक हो रहा था और में भी मम्मी की चूची ताकत से पंजों में भींच देता तो मम्मी की चेहरे पर दर्द दिखाई देती थी लेकिन मैने अनुभव किया की उसमे मम्मी को मजा ही आ रहा था ।



उनकी निप्पल जो अंगूर कितने मोटे थे उसे कुरेदने में मुझे मजा आ रहा था और पहली बार मम्मी की isssss ahhhhhhhh कर के सिसकारी सुनी ।

 
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मम्मी ने अपनी हाथों को पीछे कर मेरी शॉर्ट्स उतार कर मेरे लंद पकड़ के कंडोम चढ़ा दिया । मैने सोचा ओह तो मम्मी मुझसे ही चुदवाने के लिए कंडोम खरीदा है।



मम्मी ने अपनी पेंटी उतार दी और सख्ती से बोली " चोद मुझे "



मम्मी अब बिल्कुल नंगी थी मेरे सामने मस्त बदन थी मम्मी की में भी तैयार था मम्मी को चोदने के लिए । मम्मी दीवार पर हाथ रख कर अपनी गांड बाहर की तरफ निकाल कर खड़ी थी । लाइट की रोशनी उनकी बड़ी गांड की दरार में नही पर रहा था में अंदाजे से अपना लन्ड पकड़ उनकी चूत में डालने की कशिश करने लगा तो मम्मी भड़कते हुए बोली " वो तेरी मम्मी की गांड का छेद हे बेंचोद चूत में डाल कुत्ता ",


में थोड़ा सहम गया और तब मम्मी ने एक कदम और पीछे हो के थोड़ा झुक के अपनी नितंब दोनो हाथों से फैला कर बोली ", डाल अब "








तब मम्मी की सावली रंग की पंखुड़ियों वाली गुलाबी अंदरूनी छेद का हिस्सा दिखा और मैने अच्छे से अपना लन्ड चटा दिया लन्ड का सुपाड़ा और चूत का मिलन होते ही मम्मी और मेरे मुंह से आह्ह्ह्ह की सिसकारी निकल पड़ी । मैने धीरे धीरे कर लन्ड अंदर कर दिया धक्का दे कर मम्मी ने दोनो हाथ फिर से दीवार पर रख दिया भट्टी की तरफ गर्म थी मम्मी की चूत और गीली में आनंद की सागर में डूब गया मानो । मैने मम्मी की कमर फिर से आलिंगन में लिया और धीरे धीरे धक्का मारने लगा मेरा अपनी बस में कुछ नही था में धक्के मार मार कर आंखे बंद कर के लुफ्त उठा रहा था ।




कुछ समय बाद मम्मी चिढ़ते हुए बोली " क्या कर रहा है दुम लगा ना बेंचोड ",


तब मुझे खयाल आया की मम्मी को भी तो मजा देना है और में जोर जोर से धक्का दे कर मम्मी को चोदने लगा जहा मेरी मुंह से दम लगाने की आवाज गूंज उठी और मम्मी की मुंह से आह्ह्ह्ह्ह आम्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह कर के सिसकारियां गूंज उठी ।




में चोदता गया एक ही रफ्तार में बीच मे दो बार धीमा पर गया था और दर था मम्मी मुझे फिर गाली ना दे । और वो समय आया जब मेरी जिस्म ऐठने लगा पूरा शरीर आनंद से भर उठा और में हाफ हाफ के मम्मी की पीठ पर ढेर हुआ।



मुझे पता नही कितनी समय तक मम्मी को चोदा मगर अंदाजा था की 20, 25 मिनिट तक चोदा ही होगा । जब मम्मी पलटी और मेरे लंद से कंडोम निकाल कर टॉयलेट में फ्लैश कर दिया तो मम्मी की चेहरे पर तिप्ती एक थकान देखा तो में भी गर्व महसूस करने लगा ।



मम्मी तब भी गुस्से से घूरते हुई मुझे बोली ", किसी से कुछ मत कहना वरना चमड़ी उधेड़ दूंगी तेरी अब निकल ",




में चूहा बन कर बनियान उठा कर बाथरूम से निकल गया और कमरे में गया । उस रात में जैसे सपने मे था मम्मी ने मेरे मन पसंद का खाना भी बनाया था ।
 
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दूसरी सुबह का समय



मम्मी किचन में नाश्ता बना रही थी





मम्मी लाल पेटीकोट और लाल ब्लाउज में थी । हरा भरा गदराया हुआ जिस्म बोहोत कामुक लग रहा था । मन मचल रहा था लेकिन दर भी लग रहा था की कही मम्मी गुस्सा ना हो जाए पर हिम्मत कर के मैने मम्मी को पीछे से पकड़ा और बड़े प्यार से बोला " मम्मी क्या बना रही हो " और उनके गाल पर चूम लिया ।



मुझे उम्मीद नही थी पर मम्मी ने भी मेरा गाल चूम के बोली" उठ गया तू । नहा ले नाश्ता लगा देती हूं कॉलेज जाना हे ना "



में ढील पा कर मम्मी से कहा " आज नही आज में आपको बोहोत प्यार करूंगा "



मम्मी ने सख्ती से कहा " मार खायेगा । पढ़ाई कम नही होनी चाहिए समझा "


में भीगी बिल्ली बन कर मुड़ के जाने लगा तब मम्मी बोली " अच्छा सुन तेरे पापा आए तो नहीं "


मैने बोला " नही "


मम्मी गैस ऑफ कर दी और किचेन की सेल्फ पर बैठ कर दोनो टांगो उठा कर अपनी पेटीकोट ऊपर उठा दी । मम्मी नीचे से नंगी थी फूली हुई झांटों से भरी चूत देख के मेरे मुंह में पानी आया । मम्मी कुटिल मुस्कान से मुझे बुलाया " आजा "




में मम्मी के पास गया मम्मी चेहरे पर कामुक अदाएं थी । में खुश हो कर नीचे बैठ के मम्मी की चूत चाटने लगा मम्मी नहा धो उठी थी रसीली चूत चाटने मे मजा आ रहा था मुझे । मम्मी भी मस्ती में मेरा सर पकड़ के बोल रही थी " चाट बेंचोद अपनी मम्मी की चूत भावड़ा चाट "



कुछ देर चाटने के बाद में खड़ा हुआ और अपना पेंट उतार दिया और अपना खड़ा लन्ड पकड़ मम्मी की चूत में टीका कर घुसा दिया एक ही झटके मे मम्मी की मुंह से कराह निकली ।




में धक्का देने लगा मम्मी मेरी गांड पकड़ कर चुदवाने लगी में मम्मी की रसीली होठ में चूसने लगा और मम्मी भी मस्ती में मेरा होठ चूसने लगी । उनकी चूचियां में मसलने लगा उनकी मुलायम बाह की चर्बी मसलने में मुझे मजा आ रहा और आनंद में मैने मम्मी की चूत के अंदर ही झाड़ गया ।




तब एहसास हुआ एक बात और मम्मी से कहा ", मम्मी कंडोम तो लगाना भूल ही गया में "


मम्मी मेरा मुंह दबा के बोली " उसकी टेंशन मत ले में संभाल लूंगी तू बस अपनी मम्मी की सेवा कर अपनी मम्मी को कभी प्यासी मत रखना ऐसे ही प्यास बुझाना ठीक हे "


में मुस्कुरा के बोला " मम्मी उसकी टेंशन आप मत लो वैसे ऐसा क्या हुआ की आप मेरे साथ "


अचानक मम्मी की आखें गुस्से मे बड़ी हो गई " जितना कहा जाय उतना ही करना और उतना ही बोलना समझा । जा तैयार हो जा के कॉलेज जा "


में छोटा सा मुंह बना कर बाथरूम में गया ।
 
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पापा की गैरमजूदगी में हम मां बेटे खूब मजा कर रहे थे । लेकिन हर काम का कर्मफल होता ही हे तो हमें भी कर्मफल मिला ।



हम लापरवा हो गए थे मम्मी और में शाम के वक्त ड्राइंग रूम में चुदाई कर रहे थे जो की घर का मुख्य दरवाजा खोलते ही मिलता था । पता ही नही चला हमने दरवाजा बंद करना भूल गए थे ।



उस वक्त अचानक पापा के दोस्त समशेर आ गए और दरवाजा खोल के पापा को आवाज दी । इससे पहले की मम्मी और में मोर्चा संभाल पाए उसने सब कुछ अपनी आखों से देख लिया वो हैरान था ।



मम्मी और में भी घबरा गए । हम भी जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए । समशेर अंकल अंदर आ गए । मामला नाजुक हो गया था । शमशेर अंकल हमे ब्लैकमेल करने लगे उसकी भी नियत खराब हो चुकी थी मम्मी की कामुक हरा भरा जिस्म देख कर ।




मम्मी उसे समझने की कशिश कर रही थी में भी कशिश कर रहा था पर शमशेर अंकल मम्मी से कहने लगा की उसे भी मम्मी को एकबार चोदना है नहीं तो मेरे पापा को तो सबकुछ बताएगा ही और पूरी दुनिया को भी बता देगा ।




मम्मी गुस्से में आ गई और शमशेर अंकल को थप्पड़ मार दिया । इससे शमशेर अंकल भी गुस्से में आ गए और बोले " साली कुटिया तेरी इतनी हिम्मत । अब देख में क्या करते हूं "




मम्मी ने शमशेर अंकल को उल्टे पलते हाथों से कोई थप्पड़ मारे और घसीट कर बाहर निकाल दी " हा हा देख लेना में भी देखती हूं तू क्या करता है कितने पानी की मछली हे पता है मुझे "



शमशेर अंकल अपमानित हो कर निकल गए मैने मम्मी से कहा " मम्मी आपने ये कर दिया अब वो पापा को बता देंगे और बाहर भी बता देंगे "



मगर मजाल मम्मी की चेहरे पर दर की चिकन तक आए मम्मी बोली " ऐसे झाहिलो की बात पर कोई विस्वास नही करेगा तू टेंशन मत ले में हूं ना "






ये घटना बीत गया एक महीना हो गया । एक दिन में कॉलेज से लौट आया और देखा मम्मी लंगड़ा के चल रही हैं तो मैने मम्मी से पूछा " मम्मी क्या हुआ आपको "



मम्मी बोली " कुछ नही वो मेरी कमर दर्द बढ़ गया "


मैने फिक्र जटा कर बोला " तो चलो डॉक्टर के पास चलते है "


मम्मी बोली " नही मैने दवाई मंगवा ली है आराम मिल जायेगा तू फिकर मत कर "




मैने भी फिर इतना ध्यान नही दिया चोटी मोटी दर्द होगी ।
 
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ऐसे ही एक हफ्ता निकल गया और एक दिन मैंने मम्मी का मोबाइल ऐसे ही देखने लगा मम्मी नहा रही थी तो मैंने ऐसे ही मम्मी की व्हाट्सएप चेक किया तो मेरा दिमाग घूम गया ।




पिछले एक हफ्ते से मम्मी लगातार शमशेर अंकल से चैट कर रही थी । पहली मैसेज एक वीडियो था शमशेर अंकल का भेजा हुआ ।


मैने जल्दी से मम्मी की मोबाइल से ब्लूटूथ इयरफोन कनेक्ट कर वीडियो प्ले किया । वीडियो में मम्मी बिस्तर पर घोड़ी बनी हुई थी और हाथों से पेड़ो से बंधी हुई थी । मम्मी की सारी कमर तक उठी हुई थी मम्मी रो रही थी सुबक सुबक के कह रही थी " आआ निकालो उन्हुंहुहूहू मर जाऊंगी में "


और एक मोटा काला लन्ड मम्मी की कसी हुई गांड में बोहोत मजबूती से अंदर बाहर हो रहा था । मम्मी की गांड बोहोत कसी हुई थी इसलिए सायद वो मोटा लन्ड आधा ही घुस पा रहा था । मम्मी कमर ऊपर नीचे कर के नितंब चिपका के विरोध करने की कशिश कर रही थी । तब एक मर्द का आवाज सुनाई दिया ", ले साली ले मेरेको थप्पड़ मारा था ना ले फाड़ दी गांड तेरी अब चिल्ला साली "




ये आवाज शमशेर अंकल का था । और शमशेर अंकल जोर जोर से खींच कर रुक रुक कर धक्के मारने लगा तब मम्मी सर पटकती हुई फुबक्क फूबक्क कर रोने लगी " आ मर गई में सच में फट गई मेरी गांड निकाल आआह्ह्हह्ह् मार डाला "



तभी वीडियो खतम हुआ । उसके बाद शमशेर का मम्मी को ब्लैकमेल करने का ढेरो मेसेज । आखिरकार मम्मी की हा की रिप्लाई । मम्मी भी मानने को मजबूर थी नही तो उसका वो विडियो वायरल हो कर देगा शमशेर अंकल।





फिर तो मम्मी की कोई सारे चैटिंग शमशेर अंकल से जिसमे मम्मी की भी मंजूरी लग रही थी मुझे । और फिर एक वीडियो ।


मैने प्ले किया । वीडियो में मम्मी और शमशेर अंकल पापा मम्मी की बिस्तर पर नंगे थे । शमशेर अंकल मम्मी को बिस्तर पर बाहों में भर के तेज़ी से कमर उछाल रहा था और मम्मी भी टांगे हवा में उठा कर मस्ती में चीख रही थी " आआह्ह्ह्ह्ह बेंचौद उन्ह्ह्ह हा मजा आ रहा है। उन्ह्ह्ह मदरचोद साले चोद मुझे आह्ह्ह्हह्"




अचानक मम्मी शमशेर की कमर अपनी जांघो से बांध लेती हे और जोर से चीखती है। शमशेर रुक गया और मम्मी की होठ चूम के बोला " निकल गया पानी अब बोल साली में कौन हूं "



मम्मी ने मुस्कुराते हुए शमशेर को थोड़ा धीरे थप्पड़ मार के बोली " हा बेंचोद मान गई तू असली मर्द हे अब खुश । मानना पड़ेगा मुझ जैसी शेरनी की दम निकाल देता हो तुम । मान गए मिया "




शमशेर मुस्कुरा के बोला " मेरा लौड़ा कैसा लगा तुझे "


मम्मी बोली " आह्ह्ह्ह्ह तगड़ा है मोटा हे बोहोत अच्छा लगता है इस उम्र में भी तेरी ताकत का जवाब नही"



शमशेर अंकल फिर चोदने लगा " चूत का भरता बना ना बनाया तो मेरा नाम शमशेर नही "



मम्मी आहे निकाल के बोली " आह्ह्ह्ह्ह हाय रै जालिम भरता बना तो दिया चार ही दिनों में आठ बार मेरी चूत चोदा तूने आह्ह्ह्ह्ह् ऊपर से हरामी बेटा भी सुबाह शाम थोकता है कितना थक जाती हूं में तुम साले उफ्फ मर्द जात को क्या पता । गांड भी फाड़ दी तूने आआह्ह्ह्ह्ह मिया आराम से जरा "




वीडियो खतम । में फिर मम्मी की मोबाइल रख के निकल गया कमरे में ।
 
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मेरा दिमाग गर्म था । मम्मी की गांड फाड़ कर रुलाने वाली वीडियो देख कर मुझे शमशेर अंकल पर बोहोत गुस्सा आ रहा था लेकिन दूसरी वीडियो जब मम्मी भी मजा ले रही थी शमशेर अंकल से तब मुझे भी देख कर मजा आया था । में उलझन में था ।




रात को पापा देर से आए । हम खा चुके थे पापा भी लगता है खा के आए थे । में सोचने लगा ये सब उस दिन से शुरू हुआ होगा जिस दिन मम्मी लंगड़ा के चल रही थी उस दिन शमशेर अंकल हमारे घर आ कर मम्मी को जबरदस्ती बांध कर गांड फाड़ के वीडियो बना कर चला गया होगा और मम्मी को ब्लैकमेल किया और मम्मी भी मान गई और जब में कॉलेज जाते था तब शमशेर अंकल मम्मी को चोद कर चले जाते होंगे।


मैने इस बारे में मम्मी को कुछ नही कहा मुझे दर था मम्मी पता नही किस तरह प्रतिक्रिया देगी । मम्मी और मेरा तो चल ही रहा था अब मम्मी और शमशेर अंकल का भी अच्छा चलने लगा ।


मम्मी अचानक मुझसे से तेल लगा गांड मरवाने लगी । शमशेर अंकल के मुकाबले मेरा लन्ड थोड़ा पतला था तो मम्मी को गांड मरवाने में मजा आटा था । मैने मम्मी की कमरे में हिडेन कैमरा लगा दिया था । और मुझे पता चल गया की मम्मी मेरे अपनी गांड मरवा कर अपनी गांड की छेद ढीली करवा के शमशेर अंकल से गांड मरवाने लगी थी मम्मी को भी खूब मजा लेते हुए देखा था मैने । मम्मी शमहेर अंकल की रखैल बन गई थी शमशेर जैसे चाहे मम्मी को चोदता था मम्मी कोई विरोध नही करती थी जबकि कभी कबर मम्मी की बुरी तरह रौंद देता था शमशेर अंकल। कभी कबर शमशेर अंकल मम्मी को घुमाने भी ले जाता था मम्मी को गिफ्ट भी देता था ।




समाप्त
 

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