Xclusive मम्मी बनी अंकल की गुलाम

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दोस्तो मेरा नाम निखिल हैं , मेरी उम्र वर्ष हैं और मैं 10 वी क्लास में पढ़ता हूं। मैं जयपुर का रहने वाला हूँ।

संजीव - मेरे पापा , उम्र अड़तालीस वर्ष। बहुत ही सीधे साधे और सरल इंसान हैं। एक मल्टीनेशनल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक हैं।

वंदना - मेरी मम्मी और कहानी की मुख्य नायिका उम्र सैंतीस वर्ष। मेरी मम्मी एक संस्कारी और पतिव्रता औरत हैं और अपने पति को भगवान मानती हैं। मम्मी का रंग एकदम दूध जैसा गोरा हैं और उनका फिगर साइज 36d-34-36 है। मम्मी के शरीर पर किसी भी जगह अत्यधिक चर्बी नही थी और उनका हर अंग परफेक्ट आकार लिए हुए था और उनका शरीर एकदम कर्वी था। मम्मी हमेशा घर पर साड़ी पहनती थी।



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जावेद अंकल - ये मेरे पापा के दोस्त हैं और बिज़नेस पार्टनर भी। इनकी उम्र पचास वर्ष है और इनकी हाइट 6 फ़ीट हैं। इनका रंग थोड़ा सा काला हैं और ये मजबूत कद काठी के इंसान थे।

रेहाना आंटी - जावेद अंकल की पत्नी , उम्र 43 वर्ष और ये त देखने में ठीकठाक हैं।

अब मुख्य कहानी पर आते हैं। ये बात एक साल पहले की हैं। मेरे पापा दिल्ली में जावेद अंकल के साथ एक बहुत बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते थे।
हमारी कंपनी लगातार आगे बढ़ रही थी। पापा ने बिज़नेस मैनेजमेंट में एम बी ए कर रखा था इसीलिए ज्यादातर क्लाइंट्स के साथ मीटिंग वो ही करते थे इसीलिए कंपनी को आगे ले जाने का श्रेय सब लोग पापा को ही देते थे जिससे जावेद अंकल बहुत जलते थे। जावेद अंकल के पापा से जलने के एक कारण और था - मेरी मम्मी वंदना की खूबसूरती। रेहाना आंटी मेरी मम्मी के आगे कही नही टिकती थी और जावेद अंकल को घरेलू और संस्कारी औरतो को अपनी गुलाम बनाने में बहुत मजा आता था। रेहाना आंटी भी जावेद अंकल का इस काम में साथ देती थी क्योंकि जावेद अंकल ने उनको भी चोद चोद कर अपनी गुलाम बना दिया था। मम्मी जावेद अंकल के लिए एकदम सही शिकार थी क्योंकि इससे जावेद अंकल एक तीर से दो निशाने मार सकते थे। पहला तो ये की उनको मेरी मम्मी जैसी खूबसूरत और घरेलू संस्कारी औरत मिल जाएगी चोदने के लिए और दूसरा ये की वो मम्मी को अपनी गुलाम बनाकर पापा को बेइज्जत महसूस करवाना चाहते थे।
 
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अपडेट 2 -

अब तक अपने देखा कि जावेद अंकल मम्मी को अपनी गुलाम बनाकर पापा को बेइज्जत करना चाहते थे पर इसके लिए उन्हें पापा को यहाँ से कही दूर भेजना पड़ेगा क्योंकि जावेद अंकल ये जानते थे कि मम्मी बहुत ही संस्कारी हैं और पापा के यहाँ रहने पर वो अपने प्लान में कामयाब नही हो पाएंगे। जावेद अंकल पापा को रास्ते से हटाने की प्लानिंग करने लग गए। अगले ही दिन जावेद अंकल ने कंपनी के कुछ सीक्रेट्स मीडिया में लीक कर दिए जिससे कंपनी के शेयर गिर गए और पापा को बिज़नेस में नुकसान उठाना पड़ा और पापा बहुत टेंशन में रहने लगे गये। कंपनी पर लगातार कर्ज़ा चढ़ रहा था। फिर थोड़े दिन बाद पापा को एक बहुत बड़ा कंस्ट्रक्शन का आर्डर मिला लेकिन उसके लिए उन्हें या जावेद अंकल दोनों में से किसी एक को प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए तीन साल u.s. में रहना था। प्रोजेक्ट मिलने के कारण सभी बहुत खुश थे और इसीलिए पापा ने आज हमारे घर पे एक पार्टी रखी थी जिसमे जावेद अंकल और रेहाना आंटी भी आये थे। डिनर करने के बाद मम्मी , पापा , अंकल सुर आंटी सब एक साथ बैठ कर बात कर रहे थे बिज़नेस के बारे में।

जावेद अंकल - संजीव भाई मैं तो कम पढ़ लिख हुँ। यार u.s. तुम ही चले जाओ मैं यहाँ का बिज़नेस संभालता हुँ। तुम वहाँ पर सब कुछ अच्छे से हैंडल कर लोगे।

रेहाना आंटी - हाँ भाईसाब आपको तो पता ही हैं इनकी अंग्रेजी माशाअल्लाह कितनी अच्छी है। ये तो इंग्लिश ढंग से बोल भी नही पाएँगे।

पापा - भाभी मैं तो चला जाऊंगा लेकिन टेंशन वंदना और निखिल की है। पीछे इनका ध्यान कौन रखेगा।

रेहाना आंटी - कैसी बात करते हो भाईसाब। क्या वंदना और निखिल हमारे कुछ नही लगते। ये हमारे परिवार जैसे ही हैं।


पापा - ये बात बोलकर आपने मेरी आधी टेंशन दूर कर दी। अब आगे हमारी मैडम बताएंगी उनकी क्या राय हैं।

मम्मी - आप मेरी और निखिल की टेंशन मत लीजिये। आप आराम से u.s जाईये और अपना बिज़नेस संभालिये। वैसे ही बिज़नेस में पहले ही इतना नुकसान हो चुका हैं।

जावेद अंकल - लो भाई संजीव भाभी ने तो बात ही खत्म कर दी। अब करो तैयार जाने की।

रेहाना आंटी - वंदना बहुत समझदार हैं। लगता हैं अब उसे भी बिज़नेस की नॉलेज हो गयी हैं।

मम्मी - अरे ऐसी बात नही हैं रेहाना भाभी। काम होगा तभी तो घर चलेगा।

रेहाना आंटी - वैसे कब जाना है u.s

जावेद अंकल - अगले सप्ताह सोमवार को

रेहाना आंटी - तो फिर भाईसाब पैकिंग शुरू कर दो सिर्फ चार दिन रह गए हैं।

पापा - हाँ भाभी बस थोड़ी सी पैकिंग करनी है u.s के लिये।


और फिर अगले दिन हम शॉपिंग करने गए। पापा ने वहाँ के लिए कुछ गर्म कपड़े लिए। मम्मी थोड़ी उदास भी थी पापा के जाने से क्योंकि पापा पांच साल के लिए u.s जा रहे थे। पर मम्मी ने अपनी उदासी पापा के सामने जाहिर नही होने दी नही तो पापा भी उदास हो जाते। मम्मी ओर पापा एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे।

अब थोड़े दिन बाद सोमवार भी आ गया। पापा अपना सामान गाड़ी में रख रहे थे। पापा की फ्लाइट सुबह 8 बजे की थी। जावेद अंकल और रेहाना आंटी भी पापा को एयरपोर्ट छोड़ने साथ चल रहे थे। मेरा मन भी बहुत उदास हो गया था क्योंकि मैं पापा से कभी इतने टाइम दूर नही रहा लेकिन क्या कर सकते थे। अब पापा मुझे और मम्मी को गले लगाकर एयरपोर्ट के अंदर चले गए।
मम्मी की आँखों में आंसू थे। पापा की फ्लाइट उड़ चुकी थी फिर हम भी घर वापिस आ गए।

रेहाना आंटी - वंदना उदास मत हो। हम लोग तुम्हारा और निखिल का पूरा ख्याल रखेंगे।

मम्मी - आप लोगो के रहते हमे क्या चिंता आप लोग तो हमारे परिवार जैसे हैं।


जावेद अंकल - भाभी आपको किसी भी चीज़ की जरूरत हो तो बता देना बिल्कुल भी शर्माना मत ( जावेद अंकल डबल मीनिंग में बोलते हुए )

और फिर अंकल आंटी अपने घर चले गए। उनका घर हमारे पास ही था। पापा ने u.s पहुँच कर हमें फ़ोन किया।

अब मैं आपको बताता हुँ कि कैसे मेरी संस्कारी मम्मी एक बड़े लन्ड की गुलाम बन गयी।
 
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अपडेट 3 -

अब पापा को गए हुए छह महीने से भी अधिक समय बीत चुका था और अकेलेपन की वजह से मम्मी अब परेशान रहने लगी थी। मम्मी अपनी जवानी के चरम पर थी और उन्हें कामसुख प्राप्त करने के लिए एक साथी की जरूरत थी। पर मम्मी के संस्कारी होने के कारण मम्मी अपना मन मसोस कर रह जाती थी।


मम्मी शीशे के सामने बैठी थी और अपने आप को निहार रही थी। उनको फिर से वो सुहाने दिन याद आ रहे थे जब पापा यही पर थे और जब वो ऐसे शीशे के सामने बैठी रहती तो कैसे पापा पीछे से आकर मम्मी के साथ रोमांस करते थे।
यही सब सोचते हुए उन्हें अपनी टाँगों के बीच कुछ नमी महसूस हुई। उनके हाथ अपने आप उनकी साड़ी उतारने लगे और एक एक करके उन्होंने अपने सारे कपड़े उतारकर बिस्तर पर फेंक दिए। अब उनकी उंगलियां उनकी चूत में बहुत तेजी से अंदर बाहर हो रही थी और थोड़ी देर में मम्मी एक आह के साथ अपना पानी छोड़ देती हैं।



मेरे कोरोना के कारण स्कूल की छुटियाँ चल रही थी। इधर ईद भी आने वाली थी। अंकल आँटी ईद मनाने अपने गाँव जाने वाले थे। रेहाना आंटी ने हमको भी साथ में चलने के लिए बोल दिया और रेहाना आंटी का ईद से एक दिन पहले बर्थडे भी था इसीलिए आंटी मम्मी से बोली वन्दना तुमको हमारे साथ चलना ही पड़ेगा थोड़े दिन। हम ईद और बर्थडे मिलकर एन्जॉय करेंगे। मम्मी ने उन्हें हाँ कह दी। और मैं और मम्मी कुछ दिन के लिये अंकल आँटी के गाँव चले गए।

गाँव में जावेद अंकल का एक बहुत बड़ा फार्महाउस था जो कि गाँव के थोड़ा बाहर पहाडियो के पास था। गाँव से वहाँ तक जाने वाला रास्ता बहुत कच्चा था और उस रास्ते पर बिल्कुल आवाजाही नही होती थी क्योंकि फार्महाउस के आगे बहुत घना जंगल था। फार्महाउस की लोकेशन बहुत ही शानदार थी। उसमें बच्चो के खेलने के लिए गेम्स से लेकर स्विमिंग पूल सब कुछ था।

अब रेहाना आँटी ने सबको अपने रूम दिखाए और मम्मी हमारे रूम में फ्रेश होने चली गई और में गार्डन में जाके बैठ गया।

मम्मी अब नहाके तैयार हो चुकी थी। उन्होंने डार्क ब्लू कलर की साड़ी पहनी थी और मैचिंग ब्लाऊज़ पहना था। मम्मी पर डार्क कलर बहुत अच्छा लगता था। उनके बाल जो कि लंबे और घने थे उनकी गाँड तक आते थे खुले हुए थे और उनको देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे काम की देवी रति खुद सामने खड़ी हो। मम्मी तैयार होकर हॉल में आ गयी जहाँ पहले से जावेद अंकल बैठे हुए बातें कर रहे थे।
जब जावेद अंकल ने मम्मी को देखा तो वो देखते ही रह गए। मम्मी का ब्लाऊज़ टाइट था जिससे उनके बड़े बड़े बूब्स का शेप साफ नजर आ रहा था और उनकी साड़ी थोड़ी साइड में खिसकी हुई थी जिससे उनकी नाभि और पतली कमर दिख रही थी और लास्ट में उनकी उभरी हुई गोल गोल गाँड जो किसी का भी लन्ड खड़ा कर दे।

जावेद अंकल मम्मी को ऊपर से नीचे तक घूरे जा रहे थे।

अब जावेद अंकल मम्मी की तारीफ करने लगे।

जावेद अंकल - वन्दना तुम आज बहुत अच्छी लग रही हो ब्लू साड़ी में। तुम पर काफी जच रही हैं।

मम्मी - थैंक्स जावेद भी पर ऐसी भी कोई बात नही है।

जावेद अंकल - नही सच में। तुम्हारे गोरे कलर पर ये साड़ी बहुत मस्त लग रही हैं। संजीव बहुत किस्मत वाला है जो उसे तुम जैसी बीवी मिली हैं।

अपनी तारीफ सुनकर मम्मी मुस्कुरा उठी। वैसे सच ही कहा है किसीने अगर किसी औरत की तारीफ कर दो तो वो खुश हो जाती हैं।

मम्मी - क्या जावेद भाईसाब आप भी। अब तो में बूढ़ी हो रही हूं।

रेहाना आँटी - क्या कहा तू बूढ़ी हो रही हैं। कहाँ से मुझे तो लगता हैं तू जवान हो रही हैं।

मम्मी - क्या भाभी आप कुछ भी बोलती हैं।

वैसे हम अंकल आँटी को बहुत समय से जानते हैं पर उस दिन हम कुछ ही देर में काफी घुल गए थे एक दूसरे के साथ। उस दिन काफी मजाक चल रहा था हम सब में।

फिर हमने रेहाना आँटी का बर्थडे मनाया और अपने अपने रूम में जाकर सो गए।

अगले दिन ईद थी। मैंने और मम्मी ने अंकल आँटी को ईद की बधाई दी। फिर हमने एक साथ लंच किया और रात को डिनर भी। फिर हम सब ने एक साथ हॉल में बैठकर बाते की और फिर सब सो गए।

अगली सुबह मम्मी जल्दी उठ गई। मुझे देर से उठने की आदत थी इसीलिये में सो ही रहा था। मम्मी फ्रेश होकर हॉल में आ गयी जहाँ उन्हें कोई नही दिखा। उन्हें बाहर से कुछ आवाज़े आ रही थी। उन्होंने बाहर जाके देखा तो जावेद अंकल और आँटी और स्विमिंग पूल में नहा रहे थे।
जावेद अंकल और सिर्फ़ अंडरवियर में थे और रेहाना भाभी ब्रा और पैंटी पहने हुए थी। मम्मी उनको देखकर हैरान हो गयी। रेहाना आँटी मम्मी को आता देखकर -

रेहाना आँटी - वन्दना तुम भी आ जाओ साड़ी उतारकर

मम्मी - नही भाभी आप एन्जॉय करो। मैं बाथरूम में ही नहा लुंगी।

रेहाना आँटी - वन्दना तुम चिंता मत करो यहाँ हम पांचो के अलावा कोई नही आता।

मम्मी - नही भाभी मुझे शर्म आती हैं।

तभी रेहाना आँटी पूल से बाहर आ जाती है और मम्मी की साड़ी और पेटीकोट को उतार देती हैं। मम्मी ने उनको रोकने की बहुत कोशिश करती हैं पर सब नाकाम रहती हैं। मम्मी ने ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी और वो उनमे बहुत सेक्सी लग रही थी। मम्मी के बड़े बड़े बूब्स उस ब्रा के अंदर बहुत मुश्किल से समा रहे थे। मम्मी को ब्रा पैंटी में देखकर जावेद अंकल का लन्ड खड़ा हो जाता हैं। मम्मी शर्म से पानी पानी हो रही थी।

रेहाना आँटी- अब शर्माओ मत और एन्जॉय करो। हम तो तुम्हारे परिवार जैसे हैं हमसे क्या शर्माना।

फिर रेहाना आँटी मम्मी को पूल में धक्का दे देती हैं और वो दोनों भी पूल में चली जाती हैं। मम्मी पूल के अंदर जलपरी की तरह लग रही थी और जावेद अंकल उनको घूरे जा रहे थे तभी मम्मी की नज़र जावेद अंकल के लन्ड पर जाती है जो उनकी अंडरवेयर में तंबू जैसे खड़ा था। मम्मी की आंखे शर्म से झुक जाती हैं और उनका लन्ड देखकर मम्मी को चूत में नमी का अहसास होता हैं। थोड़ी देर नहाने के बाद मम्मी रूम में आ जाती हैं और बाथरूम में चली जाती हैं। मम्मी बाथरुम में बैठकर जावेद अंकल के लन्ड की साइज का अनुमान लगाने लगाती हैं और उनकी उंगलियों और चूत के बीच जंग शुरू हो जाती हैं।



थोड़ी देर बाद मम्मी झड़ जाती हैं और बेड पर आकर सो जाती हैं।
 
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मम्मी की नींद खुली तब तक शाम के छः बज चुके थे। चूत का पानी निकलने के बाद मम्मी को बहुत सुकून की नींद आयी थी। अब मम्मी उठकर हॉल में आ गयी। रेहाना आँटी शाम के खाने की तैयारी कर रही थी। मम्मी भी उनकी मदद करने चली गयी। मैं और जावेद अंकल टीवी देख रहे थे। मम्मी किचन में खड़े खड़े जावेद अंकल को घूर रही थी और सोच रही थी कैसे उसको देखकर जावेद अंकल का लन्ड खड़ा हो गया था। रात हो गयी थी बाकी सब लोग टेबल पर बैठे थे और मम्मी और रेहाना आँटी खाना परोस रही थी मम्मी जैसे ही दाल परोसने के लिए झुकी उनकी साड़ी का पल्लू कंधे से सरक गया और उनके दोनों बूब्स जावेद अंकल के सामने आ गए और मम्मी की नज़र जावेद अंकल पे गयी जो उनके बूब्स को घूरे जा रहे थे।
मम्मी ने झट से अपना पल्लू सही कर लिया। फिर सब ने डिनर कर लिया और हॉल में बैठे थे। मम्मी को टॉयलेट लगी थी इसीलिए मम्मी बाथरूम में चली गयी तभी मम्मी के चिल्लाने की आवाज़ आयी। बाथरूम में पानी पर पैर रखने से मम्मी का पैर फिसल गया और वो कमर के बल नीचे गिर गयी जिससे उन्हें चोट लग गयी। मम्मी ने उठने की कोशिश की पर मम्मी से उठा नही जा रहा था । मम्मी को बहुत दर्द हो रहा था। जावेद अंकल ने एक हाथ मम्मी की कमर पे रखा और दूसरा हाथ उनकी गाँड के नीचे रखा और वो उनकी गाँड पे हाथ फेर रहे थे जिससे मम्मी के शरीर में एक करंट से दौड़ गया। जावेद अंकल मम्मी को बाथरूम से उठाके बेड पर लेके आ गए।

जावेद अंकल - मैं गाँव में डॉक्टर को फ़ोन कर लेता हूँ।

थोड़ी देर में डॉक्टर आ जाते हैं। जावेद अंकल ने डॉक्टर को फ़ोन पर समझा लिया था के उसको क्या बोलना हैं। डॉक्टर ने मम्मी को चेक किया और बोले वैसे तो आप ठीक है लेकिन रात को सोते समय एक बार मसाज करवानी पड़ेगी पाँच दिनों तक। डॉक्टर ने दर्द कम करने के लिए कुछ टेबलेट दे दी थी फिर वो चले गए।

रेहाना आँटी - मसाज करने में तो जावेद का कोई जवाब नही। जावेद तुम्हारी मसाज कर देगा। तुम्हे कोई ऐतराज तो नही है ना मम्मी से कहते हुए।

मम्मी - (संकोचते हुए ) नही मुझे कोई ऐतराज नही है।

रेहाना आँटी - वन्दना तुम आज मेरे रूम में ही सो जाना जावेद आज सोफे पर सो जाएंगे।

मम्मी को भी यह सही लगा क्योंकि अब उन्हें चलने के लिए सहारे की जरूरत पड़ती थी। और रात को अगर उन्हें टॉयलेट जाना हुआ तो वो किसके साथ जाएगी। यही सोचकर वो रेहाना आँटी को हाँ बोल देती हैं।

मम्मी - निखिल अब मैं थोड़े दिन जावेद अंकल के रूम में ही सोऊंगी तुम अपने रूम में जाके सो जाओ।

फिर मैं अपने रूम में जाकर सो गया।

अब जावेद अंकल , रेहाना आँटी और मम्मी तीनो एक ही रूम में थे। मम्मी के मसाज का समय हो गया था। मम्मी ने साड़ी पहनी हुई थी।

जावेद अंकल - वन्दना तुम अपनी साड़ी उतार दो।साड़ी में सही से मसाज नही हो पाएगी।

मम्मी को शर्म आ रही थी पर उनके पास और कोई चारा नही था। मम्मी अपनी साड़ी उतार देती हैं। अब मम्मी सिर्फ ब्लाऊज़ और पेटीकोट में थी। उनका मंगलसूत्र उनके ब्लाऊज़ के ऊपर टिका हुआ था और पेटीकोट में उनकी उभरी हुई गाँड साफ दिख रही थी।

जावेद अंकल - रेहाना तुम एक कटोरी में थोड़े से तेल को हल्का गर्म करके लाओ तब तक में टेबल लेके आ जाता हुँ।

जावेद अंकल टेबल लाकर रूम के बीच में रख देते हैं और तब तक रेहाना आँटी तेल गर्म करके आ जाती हैं।

अब जावेद अंकल मम्मी को पलंग से उठाकर टेबल पर उल्टा लिटा देते हैं और थोड़ा सा तेल अपने हाथों में लेकर मम्मी की हल्के हाथों से मसाज करने लगते हैं। जैसे ही जावेद अंकल का हाथ मम्मी की कमर पर पड़ता हैं मम्मी के शरीर में कंपकपी छूट जाती हैं। उन्हें जावेद अंकल का हाथ अपने कमर पर बहुत अच्छा लग रहा था। जावेद अंकल का हाथ बार बार मम्मी के ब्लाऊज़ के पिछले हिस्से को छू रहा था जिससे उन्हें कमर पे मसाज करने में परेशानी हो रही थी।

जावेद अंकल - वन्दना तुम अपना ब्लाऊज़ खोल दो वरना तुम्हारा ब्लाऊज़ तेल से भर जाएगा और मसाज भी सही से नही होगी।

मम्मी ब्लाऊज़ खोलने में संकोच कर रही थी जावेद अंकल अपने हाथों से ब्लाऊज़ के बटन एक एक करके खोल देते हैं और बिस्तर पर फेंक देते हैं। मम्मी ने रेड कलर की ब्रा पहन रखी थी। उनका मंगलसूत्र क्लीवेज पे टिका हुआ था और उनके बूब्स हर सांस के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे। जावेद अंकल हल्के हाथों से मम्मी की मालिश कर रहे थे जिससे उनके मुँह से हल्की आह निकल रही थी। उन्हें बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। जावेद अंकल के हाथों का स्पर्श उन्हें रोमांचित कर रहा था। धीरे धीरे जावेद अंकल अपना हाथ नीचे की तरफ मम्मी की गाँड की दरार तक ले गए और ऊपर की तरफ साइड से वो ब्रा के ऊपर से मम्मी के बूब्स को दबा रहे थे। मम्मी को जावेद अंकल से मसाज कराने में बहुत मजा आ रहा था। मम्मी को बहुत दिनों बाद मर्द के स्पर्श का अहसास हुआ था। वो धीरे धीरे गर्म हो रही थी और अब उनकी आहे भरने की आवाज़ भी तेज हो गयी थी। जावेद अंकल को पता चल गया के मम्मी अब गर्म हो रही हैं इसीलिए वो मालिश करना बंद कर देते हैं और मम्मी को टेबल पर से उठाकर पलंग पर लेटा देते हैं। रेहाना आँटी मम्मी को पहनने के लिए गाउन दे देती हैं । जावेद अंकल टेबल को साइड में रखते हैं और वे सब सो जाते हैं। मम्मी को बहुत बुरा लग रहा था क्योंकि जावेद अंकल ने मालिश करना तब बन्द किया था जब वो अपने चरम पर थी और थोड़ी देर में उन्हें नींद आ जाती हैं।

प्लानिंग के तहत रात के करीब तीन बजे जावेद अंकल उठे और उन्होंने आँटी को सोफे पर बुलाया। उन्होंने आँटी को उठाकर बाहों में भर लिया और उनके होंठो को चूसने लग गए।
आँटी भी अंकल की बाहों में जाते ही गर्म हो गयी ओर दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए जबकि मम्मी वही उनके पास सो रही थी। अंकल आँटी के बूब्स को चूस रहे थे और साथ ही निप्पल को भी काट रहे थे जिससे उनके मुँह से सिसकारियां निकल रही थी जिससे मम्मी की नींद खुल गयी। जैसे ही उनकी आंखें खुली तो देखा सामने अंकल आँटी के बूब्स चूस रहे थे। अब मम्मी की नज़र जावेद अंकल के लन्ड पर जाती हैं जो कि नौ इंच लम्बा और चार इंच मोटा था। मम्मी लन्ड देखकर डर गई और उनकी चूत में पानी आ गया क्योंकि उन्होंने ऐसा लन्ड पहली बार देखा था। मम्मी सोने का नाटक करते हुए उन्हें देख रही थी। अब जावेद अंकल सोफे पर बैठ जाते हैं और आँटी को अपने लन्ड पर बैठने का इशारा करते हैं। आँटी लन्ड पर बैठने लग जाती हैं तभी जावेद अंकल बैठे बैठे आँटी को नीचे से एक करारा धक्का लगाते हैं।


रेहाना आँटी - आआआहहह ऊऊम्म्म्म्म एआईईईई सससस
ऐसे ही जोर जोर से चोदो मुझे बड़ा मजा आता हैं आपके मोटे लम्बे लन्ड से चुदकर आआआह ऐसे ही चोदिये मेरे सरताज

मम्मी भी एक औरत थी औऱ सामने जब लाइव चुदाई चल रही हो तो कोई भी गर्म हो सकता हैं। मम्मी उनकी चुदाई को देखकर गर्म हो रही थी। पापा को गए हुए भी सात महीने से अधिक समय हो गया था। पति से दूरी और शरीर की गर्मी मम्मी को गर्म कर रही थी। मम्मी का हाथ गाउन पर से उनकी चूत पर चला गया और वो अपनी चूत को सहलाने लगी।
अंकल ओर आँटी का शायद यही प्लान था मम्मी को गर्म करने का ताकि वो खुद आगे से चुदवाने लगे। अंकल आँटी की चुदाई देखकर मम्मी की चूत गीली हो गयी थी और उनकी पैंटी उनके कामरस से भीग चुकी थी। जावेद अंकल ने आँटी को दो बार चोदा उस रात और फिर दोनों ने कपड़े पहने और आँटी बेड पर आकर सो गई और अंकल सोफे पर सो गए। मम्मी की हालत खराब हो चुकी थी। उनकी पैंटी उनके कामरस से भीग चुकी थी। इस तरह से वो पहले कभी नही झड़ी थी। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी भी सो गई।
 
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अगली सुबह जब मम्मी उठी तो उनकी पैंटी जो कल रात कामरस से भीगी थी वो उनकी चूत से चिपक गयी थी। अब मम्मी की कमर सही हो गई थी और वो चल भी पा रही थी लेकिन डॉक्टर ने उनको पाँच दिन तक मसाज करवाने का कहा था। मम्मी उठ के सीधा बाथरूम गयी और अपने सारे कपड़े उतारे। चूत का रस पैंटी में सूख गया था। अब मम्मी का हाथ उनकी चूत पर चला गया और रात वाली चुदाई उनकी आँखों के सामने घूमने लगी जिसकी वजह से उनकी छूट फिर गीली होने लगी। पर मम्मी ने अपने आप को संभाला और खुद पर गुस्सा होने लगी। पर अब तो चिंगारी लग चुकी थी बस आग जलाने की देर थी और वो भी जल्दी लगने वाली थी। फिर मम्मी नहा कर बाथरूम से बाहर आ गयी। हम सब ने दोपहर का लंच गार्डन में किया। लंच के बाद मैं औऱ जावेद अंकल गार्डन में टहलने चले गए। मुझे जावेद अंकल अब अच्छे लगने लगे थे और वो मेरा बहुत ख्याल रखते थे। मुझे उनके साथ वक़्त बिताना अच्छा लगता था। मम्मी और रेहाना आँटी हॉल में बैठकर बाते कर रहे थे।

मम्मी - भाभी आप बहुत खुश लग रही हों आप।जावेद भाई बहुत प्यार करते हैं आपसे।

रेहाना आँटी - हाँ बहुत प्यार करते हैं वो मुझसे वन्दना

मम्मी - हां इतना प्यार की कल रात को आप दोनों की आवाज़े आ रही थी।

रेहाना आँटी - अरे तुम जाग गई थी क्या माफ करना वो तो ऐसे ही

मम्मी - बस बस कोई बात नही पति पत्नी में इतना तो चलता है पर लाइट तो बन्द कर देते इतना तो ख्याल करते मेरा।

रेहाना आँटी - सॉरी वन्दना पर उस टाइम कहाँ कुछ सूझता हैं। तुमने कुछ देखा तो नही

मम्मी - मैं क्या कुछ देखूंगी मैं तो ऑंखे बन्द करके सो गई थी।
पर आज मैं नही सोऊंगी आपके रूम में आपका क्या पता आज भी शुरू हो जाओ।

रेहाना आँटी - अरे नही नही तुम मेरे साथ ही सोना कल तो ऐसे ही मूड बन गया था।

मम्मी - अरे नही भाभी मेरे चलते आप क्यूँ परेशान होती हो

रेहाना आँटी - कैसी परेशानी वन्दना तुम मेरी दोस्त हो।

फिर रात को अंकल , आँटी और मम्मी मसाज करने के बाद बाते कर रहे थे। मैं अपने रूम में सोने के लिए चला गया।

इसके बाद आँटी ने मम्मी को अपनी बातों से अपने जाल में फसाना शुरू कर दिया जिसमे आँटी को जीत मिलनी शुरू हो गयी थी।

रेहाना आँटी - संजीव को गए हुए सात महीने से अधिक वक़्त हो गया है क्या तुम्हें उसकी याद नही आती

मम्मी - याद क्यूँ नही आती भाभी बिल्कुल आती हैं

रेहाना आँटी - तो वन्दना तुम तीन साल संजीव के बिना कैसे रह लोगी। मैं तो जावेद के बिना नही रह सकती ना जावेद मेरे बिना। हम दोनों को एक दूसरे के बिना नींद नही आती। तुम्हे आ जाती है क्या वन्दना

मम्मी - भाभी अब नींद का क्या मजबूरी हैं फिर बिज़नेस भी तो जरूरी हैं।

रेहाना आँटी- तो फिर तुम अपनी फीलिंग्स कैसे कंट्रोल करती हो वन्दना। कैसे रह लेती हो संजीव के बिना तुम्हारी तो लव मैरिज हुई थी।

मम्मी - भाभी अभी से अपने आप को कंट्रोल करना पड़ेगा तभी आगे आदत पड़ेगी।

रेहाना आँटी - हाँ वो तो हैं पर जिस उम्र में तुम हो उस उम्र में औरत के जिस्म को मर्द की ज्यादा जरूरत होती हैं।

मम्मी - हाँ भाभी पर कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता हैं

रेहाना आँटी- जावेद तो मुझे कभी अकेला नही छोड़ते

मम्मी - हाँ भाभी मैं खुश हूं आपके लिए

रेहाना आँटी - वन्दना हम आज रात भी चुदाई करेंगे। आवाज़े सुनती रहना और गर्म होती रहना।

मम्मी - भाभी धीरे बोलिये जावेद भाई सुन लेंगे

रेहाना आँटी - अरे वो सोफे पर बैठे हैं और सुन भी लेंगे तो क्या हुआ

मम्मी - पर भाभी मैने कभी इस टॉपिक पर खुल कर बात नही की मुझे शर्म आती हैं

रेहाना आँटी - अब इस उम्र में ज्यादा शर्माओगी तो प्यासी रह जाओगी

मम्मी - भाभी आप इतनी फ्रैंक होगी मुझे आज पता चला

रेहाना आँटी - अभी तुमने देखा ही कहा है। गर्म तो नही हो रही बातों से

मम्मी - भाभी आप भी क्या बोल रही हो

और फिर उस रात को भी वही हुआ। रात के करीब दो बजे अंकल उठे और उन्होंने आँटी को बाहों में भर लिया और उन्हें किश करने लगे। अंकल ने अपना लन्ड आँटी के मुँह में दे दिया और उनके मुँह को जोर जोर से चोदने लगे जिससे पूरे रूम में गू गू गू गप गप गप की आवाज़ आ रही थी जिससे मम्मी जाग गयी। मम्मी उन्हें देखकर गर्म हो रही थी और उनका हाथ न चाहते हुए भी अपनी चूत पर चला गया। और मम्मी अपनी नाइटी के ऊपर से चूत को मसल रही थी।

आँटी जानती थी के यही मौका हैं। मम्मी को अपने जाल में फंसाकर अपने पति से चुदवाने का। आँटी सोफे पर से खड़ी हुई और नंगी ही मम्मी के पास बेड पर आ गयी। और मम्मी की तरफ़ देखते हुए बोली

रेहाना आँटी - क्यों तड़प रही हो वन्दना। आ जाओ जावेद तुम्हारी प्यास बुझा देंगे , वो तुम्हे खूब मजा देंगे

मम्मी - नही भाभी प्लीज रहने दो ना। ये मुझसे नही होगा ये बहुत बड़ा पाप हैं। अपने पति के अलावा दूसरे आदमी का ख्याल में अपने मन में भी नही ले सकती

रेहाना आँटी - कुछ नही होगा वन्दना। ये कोई पाप नही हैं , जब आदमी को घर पे खाना नही मिलता तो वो बाहर जाकर खा लेता हैं।

फिर आँटी ने मम्मी की नाइटी में हाथ डाल दिया और बोली

रेहाना आँटी - देख वन्दना अपनी चूत को कितनी गीली पड़ी हैं ये रो रही हैं अपनी प्यास बुझाने के लिए।

मम्मी - पर भाभी मैं किसी की पत्नी हूँ , मैं संजीव से बहुत प्यार करती हूं। मैं उन्हें धोखा नही दे सकती

रेहाना आँटी - तुम कोई धोखा नही कर रही वन्दना। तुम बस अपने अंदर की औरत को शांत कर रही हो। और तुम जावेद से चुदवाना मत वो सिर्फ तुम्हारी चूत चाटके तुम्हारा पानी निकाल लेंगे। तुम्हे बहुत रिलैक्स महसूस होगा।

मम्मी - भाभी प्लीज मत करवाओ मुझसे ये पाप

रेहाना आँटी - वन्दना इस कमरे में हम तीनों ने क्या किया किसी को कुछ पता नही चलेगा। अब बस तुम चुप रहो और जावेद से अपनी चूत चटाओ।

फिर आँटी जावेद अंकल से बोली

रेहाना आँटी - वहाँ क्या कर रहे हो जावेद आओ वन्दना की चूत चूस कर उसका पानी निकाल दो बेचारी बहुत तड़प रही हैं

और फिर आँटी ने जावेद अंकल की तरफ आंख मार दी। अब अंकल सीधा बेड पे आ गए और आँटी ने मम्मी की नाइटी को उनकी कमर तक चढ़ा लिया। मम्मी की गोरी गोरी मांसल जांघे पूरी तरह नंगी होकर चमक रही थी। उनकी जांघो पर छोटे छोटे बाल थे। फिर आँटी ने मम्मी की पैंटी को भी उतार कर फेंक दिया।

जैसे ही मम्मी की पैंटी उत्तरी अंकल की आंखे फैल गयी मम्मी की क्लीन शेव्ड चूत को देखकर। उनकी चूत हल्के पिंक कलर की थी।

जावेद अंकल - वाह वन्दना कितनी हसीन , गोरी , फूली हुई चूत हैं तुम्हारी। ऐसी चूत तो मैने कभी नही देखी

और फिर जावेद अंकल मम्मी की टाँगों को फैला देते हैं। अब जावेद अंकल ने अपना मुँह मम्मी की टाँगों के बीच रख दिया और जैसे ही अपना मुँह मम्मी की चूत पर रखा मम्मी के मुँह से आआहहहह निकल गयी। और अंकल ने पूरी जीभ मम्मी की चूत पर फिरा दी। मम्मी बुरी तरह से मचल रही थी। पहली बार कोई मर्द वो भी गैर उनकी चूत को चाट रहा था। अंकल मम्मी की चूत की फांको को मुँह में लेकर खीच रहे थे और मम्मी आआआह ऊऊहहह ऊऊफफ कर रही थी।




अंकल की जीभ पूरी तरह हरकत में लगी हुई थी। अंकल मम्मी की चूत के दानों को भी होंठो से चूस रहे थे जिससे मम्मी का पूरा जिस्म मचल रहा था। क्या नज़ारा था एक संस्कारी पतिव्रता महिला जिस्म की प्यास में इतनी गर्म हो चुकी थी के वो गैर मर्द से अपनी चूत चटवा रही थी। जब वासना की आग भड़कती है तो अच्छा बुरा कुछ नही दिखता और वो ही मम्मी के साथ हो रहा था। मम्मी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी।

जावेद अंकल - रेहाना वन्दना की चूत अभी किसी जवान बच्ची की तरह ही हैं लगता हैं संजीव वन्दना को सही से चोद नही पाता हैं

रेहाना आँटी - वन्दना इस उम्र में तुम्हारी चुत इतनी टाइट हैं क्या संजीव तुम्हारी सही से नही लेता

मम्मी चुत चूसवाते हुए पूरी तरह गर्म हो चुकी थी

मम्मी - भाभी जावेद भाई जैसा कोई मर्द हो तभी तो चुत फटेगी चार इंच से कहा चुत ढीली होती हैं।

अंकल मम्मी की बात सुनकर जोश में आ गए और उन्होंने मम्मी की चूत को चाट चाटकर पूरा गिला कर दिया था।

रेहाना आँटी - मज़ा आ रहा है चुत चुसवाने में

मम्मी - हाँ भाभी बहुत मजा आ रहा है पहली बार ऐसा मजा मिला है

रेहाना आँटी- अरे वन्दना तुम चाहोगी तो तुम्हे इससे भी ज्यादा मजा आएगा जो तुम्हे शायद कभी मिला भी नही होगा

सच में मम्मी को बहुत मजा आ रहा था। मम्मी ने अपने दोनों हाथों से अंकल के सिर को अपनी चुत में दबा दिया।




मम्मी चुत को ऊपर उछलते हुए बोली

मम्मी -रेहाना भाभी जावेद भाई को बोलो अब बस करे मैं पागल हो रही हूं मेरा पानी निकलने वाला है

रेहाना आँटी - तुम ही बोलो ना जावेद को

मम्मी - जावेद भाई अब बस करो प्लीज रुक जाओ मेरा पानी निकलने वाला है

जावेद अंकल - कोई बात नही वन्दना। जब तुम्हारा पानी निकलेगा तभी तो तुम्हारी चुत की आग शांत होगी।

और फिर मम्मी जोर जोर से साँसे लेने लगी और जोर जोर से झटके देकर अंकल के मुँह में झड़ गयी। अंकल ने मम्मी का पूरा चुत रस पी लिया। जब अंकल ने मुंह हटाया तो उनका मुँह मम्मी के कामरस से चमक रहा था। मम्मी पूरी थक चुकी थी।

जावेद अंकल - रेहाना इसको बोलते हैं जन्नत का रस और वन्दना तुमने तो मेरा पेट भर दिया।

रेहाना आँटी - बहुत दिनों से नही बहुत सालो के बाद तुम्हारा पानी निकला है वन्दना

मम्मी - आपने सच कहा भाभी मैं पहली बार इतना झड़ी हूँ। ऐसा ऑर्गेज़्म तो मुझे संजीव के साथ भी नही मिला

रेहाना आँटी - तुम चाहो तो तुम्हे ऐसा मजा आगे भी मिल सकता हैं वो तुम पर निर्भर हैं

जावेद अंकल - वन्दना तुम सच में आग हो बहुत गर्मी हैं तुम्हारे अंदर। तुम्हे संजीव नही संभाल सकता। तुम्हारी चुत को मेरे जैसे तगड़े लन्ड की जरूरत है।

मम्मी शर्मा गयी और उठकर बाथरूम में चली गयी और अपनी चुत को साफ कर लिया। वही अंकल मम्मी का पानी निकाल चुके थे पर उनका पानी अभी तक नही निकला था। फिर अंकल रेहाना आँटी की चूत को चोदने लगे और अपना पानी निकाल लिया। उस रात मम्मी को बहुत अच्छी नींद आयी
 
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अगली सुबह सब उठे और गार्डन में बैठकर हमने नाश्ता किया और उसके थोड़ी देर बाद लंच किया। मुझे यहाँ आकर बहुत अच्छा लग रहा था। मैं इतने टाइम घर पे अकेला रहके बोर हो गया था यहाँ पे मैं जावेद अंकल के साथ खेलता था और उन्होंने मुझे यहाँ लाके पापा की कमी महसूस नही होने दी और शायद मम्मी को भी वो पापा की कमी महसूस नही होने देंगे। आज मौसम बहुत अच्छा हो गया था और आकाश में बादलों ने डेरा डाला हुआ था और ऐसा लग रहा था जैसे किसी भी टाइम बारिश हो जाएगी। फार्महाउस में घर के साइड में एक घुड़शाला थी जहाँ एक घोड़ा और घोड़ी बंधे हुए थे और घोड़ा घोड़ी के पीछे खड़ा हुआ था। तभी अचानक से घोड़ा घोड़ी पर चढ़ जाता हैं और अपना लन्ड निकालकर घोड़ी की चूत में डाल देता हैं। घोड़े का लन्ड बहुत बड़ा था और वो तेजी से झटके दे रहा था जिससे घोड़ी हीं हीं हीं कर रही थी। घोड़े का लन्ड देखकर मम्मी को जावेद अंकल का लन्ड याद आ जाता हैं क्योंकि मम्मी ने कल जावेद अंकल के लन्ड को बहुत पास से देखा था और उनका हाथ अपनी चुत पर चला जाता हैं। तभी बारिश शुरू हो जाती हैं और मम्मी पूरी भीग जाती हैं। जावेद अंकल गार्डन में खड़े खड़े मम्मी को देख रहे थे। मम्मी भागकर नीचे आ जाती हैं और बाथरूम में चली जाती हैं। मम्मी को आते टाइम घर में कोई नही दिखा था इसीलिए उन्होंने बाथरूम का दरवाजा खुला ही छोड़ दिया था। जावेद अंकल भी मम्मी के पीछे पीछे आ जाते हैं। वो चुपचाप बाथरूम में चले जाते हैं और मम्मी को देखकर चौंकने का नाटक करते हैं। मम्मी ऊपर से बिल्कुल नंगी थी और मम्मी ने नीचे सिर्फ पैंटी पहनी हुई थी। जावेद अंकल ने मम्मी के बूब्स को आज पहली बार नंगा देखा था। मम्मी के बूब्स बड़े बड़े और एकदम गोल थे और वो दो पर्वत के समान खड़े थे। मम्मी जावेद अंकल को देखकर अपने बूब्स छुपाने की कोशिश करती हैं पर उनके बड़े बूब्स मम्मी के छोटे हाथों से नही ढक रहे थे और उनका आधे से ज्यादा हिस्सा साइड से जावेद अंकल को दिख रहा था। बूब्स को देखकर जावेद अंकल का लन्ड खड़ा हो गया। मम्मी की नज़र सीधे जावेद अंकल के लन्ड पर गयी जो पैंट फाड़ कर बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था और उनकी आंखें शर्म से झुक जाती हैं।

मम्मी - जावेद भाई आप ये क्या कर रहे हैं बाहर जाइये यहाँ से

जावेद अंकल - मन में ( साली कल रात को तो मुझसे चुत चटवा रही थी और आज मुझे बाहर जाने का बोल रही हैं। कोई बात नही थोड़े दिन बाद तुझसे मैने अपने लन्ड की पूजा नही करवाई तो मेरा नाम जावेद नही ) अरे वो मैं गलती से अंदर आ गया। मैने सोचा बाथरूम खाली होगा।

और फिर वो बाहर चले गए।

आज रात फिर अंकल और आँटी सेक्स कर रहे थे और मम्मी उनकी चुदाई देख रही थी।

रेहाना आँटी - वन्दना तुम इधर आ जाओ मेरे पास

मम्मी - नही भाभी नही कल जो पाप हुआ वो तो हुआ अब नही प्लीज आप दोनों मजे करो। मैं नही कर पाऊंगी ये सब।मुझे बहुत शर्मिंदा महसूस होता हैं ( मम्मी का मन बहुत कर रहा था पर वो नाटक कर रही थी )

रेहाना आँटी - वन्दना इसमें शर्मिंदा होने की क्या बात है तुमने कोई पाप नही किया। जावेद सिर्फ तुम्हारी चुत की आग को शांत करने में तुम्हारी मदद कर रहा हैं। संजीव भाई हमे तुम्हारी हर जरूरत को पूरा करने का बोल के गए थे। और जावेद एक अच्छे दोस्त होने के नाते तुम्हारी जरूरत पूरी कर रहे हैं।

मम्मी - पर भाभी ये तो गलत हैं ना

रेहाना आँटी - कोई धोखा नही है वन्दना। जावेद तुमको चोद थोड़ी रहा है। तुम अभी तक पाक साफ हो

मम्मी भी आँटी की बात मान गयी और अंकल आँटी के पास चली गयी। आँटी ने मम्मी की नाइटी ऊपर कर दी

रेहाना आँटी - देखो वन्दना तुम्हारी जबान कुछ और कह रही हैं और तुम्हारी चुत कुछ और। मम्मी की चूत गीली हो चुकी थी।

मम्मी - वो तो आप दोनों की चुदाई देख पानी निकल जाता है।

रेहाना आँटी - कोई नही जावेद तुम्हारा पानी निकाल देंगे

जावेद अंकल - आओ वन्दना मेरे पास तुम्हारी आग को ठंडा कर देता हूँ।

और फिर मम्मी अंकल के पास जाकर लेट गयी और अंकल ने मम्मी की पैंटी उतार दी और उनकी जांघो को खोल दिया। अंकल अब मम्मी की जांघो को सहला रहे थे और मम्मी आहे भर रही थी। फिर धीरे धीरे अंकल अपना मुँह मम्मी की चूत पर ले गए मम्मी की चूत पहले से ही गीली थी। अंकल ने चुत के लिप्स को अच्छे से चाटा और फिर उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगे। मम्मी पूरी तरह मस्ती में आहे भरने लगी ऊम्म्म्म आआआह ऊऊऊहहह सससहहह

जावेद अंकल - वाह वन्दना क्या चुत हैं तुम्हारी क्या लाजवाब स्वाद हैं इसका। दिल करता हैं बस चाटता रहूँ उम्र भर

रेहाना आँटी - तो रोका किसने हैं अब आपको ही वन्दना को मजा देना है

अंकल ने मम्मी की चूत चाटते हुए उनकी गाँड के नीचे हाथ डालकर गाँड को फैला दिया जिससे मम्मी की गाँड का गुलाबी छेद अंकल के सामने आ गया। फिर अंकल ने मुँह चुत से हटाकर मम्मी की गाँड पे टिका दिया और उसे चाटने लगे।

मम्मी - जावेद भाई ये क्या कर रहे हैं आप ये बहुत गन्दी जगह है। वहाँ भी कोई चाटता हैं क्या

रेहाना आँटी - मेरे पति चाटते हैं वन्दना तुम बस मजे लो

जावेद अंकल - वन्दना तुम्हारी कोई जगह गन्दी हो ही नही सकती ये तो जन्नत का द्वार हैं

अंकल मम्मी की गाँड के छेद को जीभ से चाट रहे थे। मम्मी को आज नया सुख मिल रहा था ये उनके लिए बिल्कुल नया था। उनको पहले कभी ऐसा मजा नही आया था। वही जावेद अंकल चुदाई के खेल के मंझे हुए खिलाड़ी थे उन्हें पता था कि कैसे किसी संस्कारी औरत को चुदाई के लिए तैयार किया जाता है। मम्मी अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी।

मम्मी - ओह्हहह ... जावेद भी ऐसे ही चाटिए। ऊऊफफ ऊम्म्म्म आआआईईई आआआहह...बड़ा मजा आ रहा है। मम्मी का पूरा जिस्म मचल रहा था। चुदाई की आग उन पर भारी हो रही थी।

रेहाना आँटी - मैने कहा था न वन्दना जावेद तुम्हे बहुत मजा देंगे। आ रहा हैं मजा

मम्मी - हाँ भाभी आज तो मुझे बहुत मजा आ रहा हैं

मम्मी इतनी गर्म हो चुकी थी के उनकी चुत कामरस छोड़ने को तैयार थी।

मम्मी - आआआहहहहह......जावेद भाई मैं झड़ रही हु अब मैं नही रुक सकती

फिर अंकल ने मम्मी की गाँड को चाटना छोड़ कर उनकी चुत पर अपना मुँह टिका दिया और मम्मी का सारा कामरस पी गए और मम्मी की चूत को चाट कर साफ कर दिया।

मम्मी तो झड़ने के बाद एक दम सुस्त पड़ गयी इन दो दिनों में उनकी चुत ने बहुत पानी छोड़ा था। झड़ने के बाद मम्मी सो गई और उसके बाद अंकल ने आँटी को जमकर चोदा और उनकी चुत में झड़ गए।

अंकल आँटी चुदाई करने के बाद बाते करने लगे और मम्मी सो गई।

जावेद अंकल - रेहाना मेरी जान वन्दना बहुत खूबसूरत हैं। मुझे यकीन ही नही हो रहा कि ये हुस्न की परी मेरी रांड बनने वाली हैं।

रेहाना आँटी - तुम तो कब से वन्दना को अपने नीचे लिटाना चाहते थे

जावेद अंकल - रेहाना मैने कई औरतो को चोदा हैं पर वन्दना जैसी बात किसी में नही है। और वन्दना को चौदकर मुझे संजीव से बदला भी लेना है ।

रेहाना आँटी - बस मेरे सरताज अब आपका लन्ड घुसने ही वाला है वन्दना की फूली हुई चुत में। जब आपका लन्ड उसकी चुत में घुसेगा फिर तो वो आपके लन्ड की पूजा करेगी।
और वन्दना जैसे जिस्म की औरत को बस आप ही चोद सकते हो। औरत मांगे न ताज न तख्त वो मांगे लन्ड जबरदस्त।

जावेद अंकल - वैसे तुम्हारी वजह से ही वन्दना को चोदने का मेरा सपना पूरा होने जा रहा हैं।

रेहाना आँटी - मैं तो बस यही चाहती थी कि इस खूबसूरत हुस्न और दूधिया बदन को आपके लन्ड का गुलाम होना चाहिए। मैं तो बस अपने मालिक को खुश रखना चाहती हूँ।

जावेद अंकल - मैं दुआ करूँगा हर जन्म में तुम मेरी पत्नी बनो

रेहाना आँटी - मैं दुआ करूंगी की हर जन्म में आप ही मेरे शौहर हो और हर जन्म में वन्दना आप ही से चुदवाये।

जावेद अंकल - रेहाना वन्दना के बूब्स और गाँड बहुत मस्त हैं। क्या गाँड हैं उसकी एकदम गोल और ऊपर उठी हुई। फैली हुई क्या मटकती हैं।

रेहाना आँटी - फिकर मत करो मेरे मालिक उसकी गाँड कुंवारी हैं और उसकी गाँड का किला आप ही फतह करोगे।
आप चिंता मत करो वो आपके लन्ड की गुलाम बन जाएगी।
 
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अब अगली सुबह मम्मी थोड़ा लेट उठी पर वो आज काफी रिलैक्स लग रही थी। सुबह नाश्ते के टेबल पर भी किसी सोच में थी। मैने पूछा क्या हुआ मम्मी चुप चुप क्यों हो।


मम्मी - नही ऐसी कोई बात नही हैं।


रेहाना आँटी - बेटा तेरी मम्मी को तेरे पापा की बहुत याद आ रही है।


मैं - वो तो मुझे भी बहुत आती हैं पर जब मैं जावेद अंकल के साथ होता हूँ मैं सब भूल जाता हूँ।


रेहाना आँटी -बेटा जावेद के साथ तो तुम्हारी मम्मी भी तुम्हारे पापा को भूल जाती हैं।


मम्मी शर्म से आंखे नीचे कर लेती हैं।



जावेद अंकल - वन्दना तुम चिंता क्यूँ करती हो। मैं तुम्हे कभी संजीव की कमी महसूस नही होने दूंगा।


और फिर मम्मी की तरफ आँख मार देते हैं।

फिर नाश्ता करने के बाद मैं और अंकल गार्डन में खेलने चले जाते हैं और आँटी मम्मी के पास आकर

रेहाना आँटी - क्या हुआ वन्दना चुपचाप क्यूँ हो

मम्मी - बात तो आपको पता ही हैं दो रातो से जो हो रहा हैं। मुझे डर लग रहा हैं मैं पाप कर रही हु।

रेहाना आँटी - वन्दना तुम फिर से वही पाप वगैरह करना शुरु हो गयी। कल तुम्हे कितना मज़ा आया था।

मम्मी - भाभी उस वक़्त मुझे भी अच्छा लगता हैं। मैं सब कुछ भूल जाती हूँ पर बाद में सोचकर न जाने क्यूँ खुद पर बहुत गुस्सा आता हैं।

रेहाना आँटी - वन्दना तुम ज्यादा चिंता मत करो जो होता हैं होने दो। मेरे रहते तुम्हे चिंता करने की जरूरत नही। चलो अब मुस्कुराओ।

और फिर मम्मी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती हैं।

रेहाना आँटी - अच्छा वन्दना एक बात बताओ जब जावेद तुम्हारी चुत चाट ते हैं तब तुम्हे मजा तो आता हैं ना

मम्मी - मज़ा तो आता हैं भाभी

रेहाना आँटी - क्या तुम नही चाहती तुम्हे ऐसा मज़ा रोज मिले

मम्मी - क्या रेहाना भाभी आप भी मुझे शर्म आती हैं

रेहाना आँटी - अरे मेरी प्यारी दोस्त शर्माओ मत अब मुझसे कैसी शर्म

मम्मी - भाभी पहले मैने कभी इन सब में इंटरेस्ट नही लिया
पर दो दिन से मुझे भी अच्छा लगता हैं जब जावेद भाई मेरी ....

मम्मी बोलते बोलते रुक गयी । उन्हें बोलने में शर्म आ रही थी पर रेहाना आँटी उन्हें पूरी तरह चुदास औरत बनाने में लगी हुई थी।

रेहाना आँटी - शर्मा रही हो हम्म पर मुझे पता है तुम्हे भी बहुत मजा आ रहा था। तुम जिस तरह मचल रही थी उससे पता चलता है कि तुम्हारे अंदर बहुत गर्मी है। तुम भी मजे लेना चाहती हो और अपने अंदर की प्यास को बुझाना चाहती हो। मैं तुम्हारे साथ हु वन्दना। मैं तुम्हे तड़पने नही दूंगी।

मम्मी - भाभी मुझसे कुछ गलत तो नही हो रहा ना मैने पहले कभी ऐसा नही किया है।

रेहाना आँटी - तुम कुछ गलत नही कर रही हो वन्दना। इस उम्र में औरत की कामवासना बढ़ जाती है वो पहले से ज्यादा चुदवाने को मचलती है।

मम्मी - पर भाभी मैने कभी इस बारे में सोचा नही। मैं तो बस इतना जानती हूं पति पत्नी के बीच जो होता हैं वही प्यार है।

रेहाना आँटी - प्यार तो पति पत्नी में होता ही हैं वन्दना पर चुदाई का मजा हर किसी को नही मिल पाता। और हर मर्द जावेद जैसे नही होते। जावेद लम्बी रेस के घोड़े हैं।

मम्मी - आप बहुत लकी हो भाभी जो आपको जावेद भाई जैसे पति मिले

रेहाना आँटी - तुम चाहो तो वो तुम्हारे पति भी बन सकते हैं

मम्मी - भाभी मुझे बहुत शर्म आती हैं जावेद भाई जब मेरे साथ वो सब करते हैं

रेहाना आँटी - शर्म कुछ देर की होती हैं और मजा सारी उम्र का। आँटी की बाते मम्मी के दिमाग में हलचल पैदा कर रही थी। उनका मन नही कर रहा था पापा से बेवफाई करने का पर आँटी की बाते सुनकर मम्मी का दिमाग घूम रहा था। वो उनके कहे रास्ते पर चल रही थीं।

करीब एक हफ्ते तक ऐसे ही चलता रहा। हर रात अंकल और आँटी चुदाई करके मम्मी को गर्म करते और फिर जावेद अंकल उनकी चुत चाट कर उनकी आग ठंडी कर देते।

अब आ गया था करवाचौथ। उस दिन मम्मी ने व्रत रखा हुआ था पापा के लिए। उस दिन मम्मी बिल्कुल किसी नई दुल्हन की तरह लग रही थी। उस दिन मम्मी ने मेहरून गोल्डन कलर का लहंगा पहना हुआ था जिसकी चोली कट स्लीव्स थी और पीछे वाला हिस्सा नैक डीप था। आगे से भी मम्मी की क्लीवेज दिख रही थी क्योंकि मम्मी के बूब्स बड़े बड़े थे। मम्मी लहंगा नाभि के नीचे पहनती थी इसीलिए उनकी नाभि भी दिख रही थी। मम्मी ने मेहंदी लगाई हुई थी। उनके हाथों में लाल चूड़ियां और पैरों में पायल बंधी थी जो चलते वक़्त छन छन कर रही थी। मम्मी बिल्कुल स्वर्ग की अप्सरा लग रही थी।

रेहाना आँटी - वन्दना आज तो पूरी अप्सरा लग रही हो। ऐसे बाहर निकलोगी तो जाने कितने घायल हो जाएंगे

जावेद अंकल - वन्दना तुम्हे तो खुदा ने बहुत फुर्सत से बनाया होगा। कोई इतना भी खूबसूरत हो सकता हैं तुमको देख के पता चला।

अपनी तारीफ सुनकर मम्मी शर्मा गयी। फिर मम्मी मुड़कर रूम की तरफ जाने लगी कुछ सामान लाने तो उनकी गाँड मटक रही थी और जावेद अंकल पीछे से उनकी गाँड को घूर रहे थे।

जावेद अंकल - रेहाना आज तो वन्दना को देखकर मन कर रहा हैं इसको यही पटक कर चोद दु। साली रांड बहुत मस्त लग रही हैं। इसने करवाचौथ अपने पति के लिए रखा हैं पर इसका करवाचौथ का व्रत मैं खुलवाऊंगा इसके मुँह में अपना लन्ड डाल कर। फिर इसके साथ सुहागरात मनाऊंगा।

रेहाना आँटी - मेरे सरताज आज का दिन ही सही रहेगा वन्दना की चुदाई करने का आपके लिए क्योंकि आज वो बिल्कुल सजी हुई है। आज उसे अपने पति की जरूरत है इसीलिए आप उसे चोदकर अपनी पत्नी बना लीजिए।

जावेद अंकल - अब इंतेज़ार नही हो रहा रेहाना। दिल तो कर रहा है इसको अभी रूम में ले जाकर इसकी चुत का भोसड़ा बना लू

रेहाना आँटी - थोड़ा और सब्र करलो मेरे सरताज। आज के बाद वन्दना सिर्फ तुमसे चुदवाएगी। उसकी चुत पर सिर्फ तुम्हारा अधिकार होगा।

जावेद अंकल - रेहाना आज तुम नींद आने का बहाना करके गेस्ट रूम में सो जाना। मैं आज अपनी नई पत्नी को जी भर के चोदना चाहता हूँ।

रेहाना आँटी - जो हुकुम मेरे मालिक

और फिर शाम को मम्मी ने गांव के मंदिर में जाकर कथा सुनी फिर रात को चांद निकलने का इंतेज़ार किया। चांद करीब आठ बजे निकला और मम्मी ने छत पर जाकर पूजा की। मैने पापा को वीडियो कॉल किया और फिर मम्मी ने व्रत खोला। मम्मी को बहुत जोर से भूख लगी थी क्योंकि वो सुबह से भूखी थी। रेहाना आँटी ने बहुत अच्छा खाना बनाया था फिर सबने डिनर किया। मैने खाना ज्यादा कहा लिया था जिससे मुझे बहुत तेज नींद आ रही थी और मैं सोने चला गया।

रेहाना आँटी - वन्दना आज तो दिन भी खास था और रात भी खास होने वाली हैं।

मम्मी - हाँ भाभी दिन तो बहुत खास था। इस दिन हर पत्नी अपने पति के लिए व्रत रखती हैं।

रेहाना आँटी - फिर रात को गिफ्ट मिलता हैं कि नही

मम्मी - संजीव हर साल तो गिफ्ट देते थे पर इस बार वो यहाँ नही है जब आएंगे तब ले लेंगे।

रेहाना आँटी - वन्दना कोई बात नही इस बार संजीव ने कोई गिफ्ट नही दिया तो क्या हुआ। इस बार जावेद तुम्हे गिफ्ट देंगे जो तुम जिंदगी भर नही भूल पाओगी।

मम्मी - ऐसा क्या दे रहे हैं जावेद भाई मुझे

रेहाना आँटी - वो तो तुम्हे थोड़ी देर में पता चल ही जाएगा। अच्छा तुम एक बात बताओ मैने सुना है हर औरत करवाचौथ के दिन अपने पति के साथ सुहागरात मनाती है।

भले ही मम्मी एक हफ्ते से जावेद अंकल से अपनी चुत चटवा रही थी पर मम्मी को जावेद अंकल के सामने इस तरह की बाते करने में शर्म आ रही थी।

रेहाना आँटी - अरे वन्दना बताओ ना तुम शर्माती बहुत हो

मम्मी - अब मैं क्या बोलू जावेद भाई सामने बैठे हैं मुझे शर्म आ रही हैं।

रेहाना आँटी - अब जावेद से क्या शर्माना। अब बताओ क्या हर करवाचौथ के दिन सुहागरात मनाते हैं।

मम्मी ने शर्माते हुए हाँ कह दिया। मम्मी अब भी पापा से बहुत प्यार करती थी इसीलिए वो खुलकर बात नही कर पा रही थी।
पर वो कब तक उस शर्म को रोक पाती। जो वासना की चिंगारी आँटी ने मम्मी के अंदर लगाई थी वो अब भड़क रही थी।

रेहाना आँटी - तो वन्दना तुम्हारा भी दिल कर रहा होगा ना कि आज भी संजीव भाई यहाँ होते और तुम्हारे साथ सुहागरात मनाते। पर वो तो दूर है तुमसे क्या आज की रात ऐसे ही जाने दोगी।

मम्मी - भाभी पर मैं क्या कर सकती हूँ संजीव यहाँ नही है तो

रेहाना आँटी - क्यूँ नही कर सकती जावेद है ना। आज रात तुम उसको अपना पति बना लो वो तुम्हारे साथ सुहागरात मना लेगा।

मम्मी - भाभी ये आप कैसी बातें कर रही हो

रेहाना आँटी - तुमने व्रत रखके अपना फर्ज पूरा कर लिया। सच सच बताना तुम्हारा मन नही कर रहा संजीव यहाँ आये और तुम्हारी जी भर के चुदाई करे।

मम्मी - भाभी पर ये नही हो सकता

रेहाना आँटी - ये करवाचौथ तुम्हे जिंदगी भर याद रहेगी वन्दना। मैं गेस्ट रूम में सोने जा रही हूं। आज की रात जावेद तुम्हारा पति हैं और तुम उसकी पत्नी हो। आज जावेद तुम्हे तुम्हारे पति का सुख देगा।

फिर रेहाना आँटी रूम से चली जाती हैं।
 
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पिछले अपडेट में रेहाना आँटी मम्मी और जावेद अंकल को रूम में छोड़ कर गेस्ट रूम में सोने चली जाती हैं। जावेद अंकल और मम्मी रूम में अकेले थे। मम्मी दुल्हन की तरह सजी हुई बेड पर बैठी थी और जावेद अंकल उनके सामने खड़े होकर उन्हें निहार रहे थे। मम्मी बहुत घबरा रही थी।
अब जावेद अंकल से रहा नही जा रहा था और वो अपने पूरे कपड़े खोलकर नंगे हो गए और उनका नौ इंच लम्बा लन्ड हिचकोले खाने लगा। जैसे ही मम्मी की नज़र लन्ड पर पड़ी उनकी नज़र वही रुक गयी और उनका गला सूखने लगा। वैसे तो मम्मी ने जावेद अंकल का लन्ड पहले भी देखा था पर आज वो कुछ ज्यादा ही बड़ा नज़र आ रहा था। जावेद अंकल अपना लन्ड हाथ में लेकर मम्मी के मुंह के सामने ले गए और उन्हें चिढ़ाने लगे। मम्मी को अपनी चुत में नमी का अहसास होने लगा और उनका हाथ लहंगे के ऊपर से उनकी चुत पर चला गया क्योंकि वो जानती थीं कि जावेद अंकल बहुत दमदार चुदाई करते हैं और उनसे चुदाई करवाने के ख्याल से ही मम्मी के शरीर में सिहरन उठ रही थी। मम्मी अंकल को अपना लन्ड पकड़ के उन्हें चिढ़ाते हुए देख रही थी। मम्मी का अपने ऊपर से कंट्रोल धीरे धीरे कम हो रहा था।

जावेद अंकल - वन्दना मुझे पता है तुम्हारी चुत मेरा लन्ड अपने अंदर लेने के लिए तड़प रही हैं। तुम्हारे जैसी खूबसूरत बदन की मालकिन तड़पने के लिए नही बनी हैं और मेरे रहते मैं तुम्हे तड़पने नही दूंगा। मैं तुम्हे आज जन्नत की सैर करवाऊंगा।

मम्मी अब पूरी तरह कंट्रोल के बाहर हो चुकी थी। जावेद अंकल का लन्ड मम्मी की जवानी को लूटने के लिए बेताब हो रहा था।

जावेद अंकल - वन्दना अपना लहंगा ऊपर करलो।

मम्मी अंकल की बात मानने लगती हैं करती भी क्या वो एक हफ्ते से उनसे चुत चटवा रही थी। उनका दिमाग सही और गलत को समझ नही पा रहा था और वासना उन पर हावी हो रही थी।

अब मम्मी ने शर्माते हुए लहंगा ऊपर कर लिया और कमर तक उठा लिया। मम्मी की चुत रेड कलर की पैंटी से ढकी हुई थी जिसे जावेद अंकल ने खींच के उतार दिया। मम्मी की चिकनी , मुलायम चुत को जावेद अंकल घूरे जा रहे थे वो तो यही चाहते थे कि सीधा लन्ड ही डालदें इसमें पर वो मम्मी को गर्म करना चाहते थे। वो चाहते थे मम्मी चुत चुदवाने के लिए मचल उठे।

जावेद अंकल - वन्दना आज मैं तुम्हारी चुत चाटने से पहले तुम्हारे बूब्स देखना चाहता हूँ। एक बार इन्हें अपने हाथों से छूना चाहता हूँ प्लीज मना मत करना।

मम्मी क्या कहती वो तो पहले ही अपनी चुत नंगी कर चुकी थी चटवाने के लिए और उसी को सोच कर वो और गर्म हो रही थी कि जावेद अंकल उनकी चुत चाट कर उन्हें मजा देंगे।

मम्मी के हाथ अपनी चोली को खोलने के लिए उठ गए। वो ये नही जानती थी कि अगर ये चोली एक बार खुल गयी तो जावेद अंकल हर रोज़ उनके बूब्स मसलेंगे। मेरी संस्कारी मम्मी अब भटक चुकी थी वासना के दलदल में।

मम्मी ने जैसे ही चोली खोली उनकी रेड कलर की ब्रा सामने आ गयी जिसमे उनके दोनों बड़े बड़े कामरस से भरे बूब्स बड़ी मुश्किल से कैद थे। उनके बूब्स पर्वत के समान उठे हुए थे और जावेद अंकल उनको घूरे जा रहे थे।

जावेद अंकल - वाह वंदना क्या मस्त गोल गोल बूब्स हैं तुम्हारे मज़ा आ गया इन्हें देखकर। ये तो रेहाना से भी मोटी और गोरी हैं।

जावेद अंकल ने आगे बढ़कर बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही पकड़ लिया और मसलने लगे और मम्मी आहे भरने लगी। मम्मी के बूब्स उनकी ब्रा फाड़कर बाहर आना चाहते थे। अंकल ने मम्मी की ब्रा को फाड़कर फेंक दिया और उनके बूब्स को आज़ाद कर दिया। मम्मी शर्म से पानी पानी हो रही थी क्योंकि पहली बार किसी गैर मर्द ने उनके बूब्स को छुआ था। मम्मी के बूब्स अब पूरी तरह आज़ाद थे। मम्मी की निप्पल हल्के भूरे रंग की थी और वो तन चुकी थी।

जावेद अंकल - वन्दना तुमसे खूबसूरत औरत मैने आज से पहले कभी नही देखी

और फिर अंकल ने मम्मी के बूब्स को हाथों में भर लिया और मसलने लगे।

जावेद अंकल - ओहहह वन्दना क्या बूब्स हैं तुम्हारे एकदम सॉफ्ट और बड़े बड़े। साला उस नामर्द संजीव ने भी क्या किस्मत पाई हैं जो उसे तुम जैसी बीवी मिली।

मम्मी इतनी गर्म हो चुकी थी कि उनको होश ही नही था कि जावेद अंकल पापा के बारे में उल्टा सीधा बोले जा रहे हैं।

अब जावेद अंकल ने बूब्स को मसलते हुए एक बूब्स को मुँह में ले लिया और चूसने लगे। मम्मी उनको रोक भी नही रही थी। जावेद अंकल के बूब्स को मसलने और चूसने से उनको मजा आ रहा था और वो आहे भर रही थी। अंकल बीच बीच में निप्पल्स को काट भी रहे थे जिससे मम्मी को मीठा दर्द हो रहा था।

मम्मी - ऊऊऊऊहहहहह आआंममम्म आआआहहहह

अब अंकल ने बूब्स को चूसते हुए एक हाथ मम्मी की चुत पर ले गए और मम्मी की चुत के दाने को सहलाते हुए अपनी एक उंगली चुत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगे जिसके कारण मम्मी मचल उठी।

मम्मी - ओहहह जावेद भाई बहुत मजा आ रहा हैं मुझे रुकना मत ऐसे ही करते रहो आआआहहह

मम्मी को पहली बार चुदाई में ऐसा मजा मिल रहा था। पापा बस अपना लन्ड मम्मी की चुत में डाल देते थे और पाँच मिनट में झड़ जाते थे। ऐसा नही था कि मम्मी को चुदाई के बारे में कुछ पता नही था पर वो अपने पति के लिए ही वफादार रहना चाहती थी।

अंकल ने मम्मी के दोनों बूब्स को चूस चूस कर लाल कर लिया। अंकल ने अब मम्मी की चुत से उंगली बाहर निकाल ली क्योंकि वो मम्मी को अभी झड़ने नही देना चाहते थे। अंकल मम्मी को तड़पाना चाहते थे ताकि वो फिर मम्मी को अपने मन मुताबिक चोद सके। और फिर वो हमेशा उनसे ही चुदवाये। अंकल की उंगली मम्मी के काम रस से गीली थी जिसे अंकल चाट गए और बोले वाह वन्दना कितना स्वाद हैं तुम्हारी चुत के रस में।

पर मम्मी उंगली के चुत में से निकल जाने से मचल उठी क्योंकि उन्हें उंगली से चुत चुदवाने में मजा आ रहा था और वो झड़ना चाहती थी। बिना झड़े उंगली बाहर निकाल देने से उनकी प्यास और बढ़ गयी। उनकी चुत में जैसे चीटियां रेंग रही थी और वो बस चाहती थी के जावेद अंकल उनका पानी बाहर निकाल ले।

अब अंकल बेड पर जाकर लेट गए और मम्मी के सामने अपना लन्ड आगे पीछे करने लगे।

अब मम्मी बहुत गर्म हो चुकी थी वो खुद ही अपनी चुत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी और आहे भर रही थी। मम्मी किसी भी तरह अपने अंदर की आग को ठंडा करना चाहती थी। अंकल जानते थे कि अगर एक बार मम्मी उनके लन्ड के नीचे आ गयी तो फिर उनके बिना नही रह पाएगी।

जावेद अंकल - वन्दना ये तुम क्या कर रही हो। मेरे होते हुए तुम अपनी उंगली का इस्तेमाल कर रही हो

मम्मी - जावेद भाई जल्दी कीजिए मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा है।

मम्मी ने पहली बार जावेद अंकल को खुद से अपनी चुत को चाटने बुलाया था। मम्मी पूरी तरह कामदेवी का रूप ले चुकी थी और अंकल कामदेव बनकर मम्मी को चोद कर अपना बनाने के लिए पूरी तरह तैयार थे।

फिर अंकल ने मम्मी की टाँगों को फैलाया और चुत चाटने लगे। चुत पर रस लगा हुआ था जिसे अंकल ने चाट लिया और बड़े प्यार से चुत चाटने लगे। फिर अंकल ने मम्मी का लहंगा जो कमर तक उठा हुआ था वो निकालकर फेंक दिया। मम्मी का नंगा भरा हुआ दूधिया बदन अंकल के सामने था।

फिर अंकल ने मम्मी के कान में धीरे से कहा

जावेद अंकल - वन्दना तुम्हारी चुत बहुत गर्म है। इसके अंदर तो आग जल रही हैं। इसे तो मेरा लन्ड ही बुझा सकता हैं।

मम्मी - जावेद भाई जैसे भी कीजिये अपने लन्ड से या मुँह से मेरी चुत की आग को ठंडा कीजिये

जावेद अंकल अपना लन्ड मम्मी के मुँह के पास ले जाते हैं और

जावेद अंकल - वन्दना इसे जरा सहला दो फिर देखो कैसे ये तुम्हारी आग को शांत करता हैं।

अब जावेद अंकल बेड पर जाकर लेट जाते हैं और मम्मी भी उनके बगल जाकर लेट जाती हैं और उनका लन्ड अपने हाथ में ले लेती हैं। अंकल का लन्ड हाथ में लेते ही मम्मी के शरीर में सिहरन उठ जाती हैं और मम्मी के मुलायम हाथ अपने लन्ड पर पड़ने से अंकल भी आहे भरने लगते हैं। अंकल का लन्ड मम्मी के हाथ में नही समा रहा था।

जावेद अंकल- क्यों वन्दना हैं ना मेरा लन्ड जबरदस्त

मम्मी - जावेद भाई मैं तो मर जाऊंगी मैं नही ले पाऊंगी इसे अंदर

जावेद अंकल - वन्दना तुम्हारी फूली हुई चुत इस जैसे लन्ड के लिए ही बनी है। यही लन्ड तुम्हारी आग शांत कर सकता हैं। संजीव के बस की बात नही है ये।


अब मम्मी अपना मुँह लन्ड के पास ले जाती हैं लेकिन उन्हें बहुत घिन आ रही थी और वो अपना मुँह पीछे हटा लेती हैं।

जावेद अंकल - अपना मुँह खोलो वन्दना

मम्मी - नही ये गंदी जगह हैं। मैं ये नही कर सकती

अब जावेद अंकल मम्मी का मुँह पकड़ लेते हैं और गालों को भिचते हैं जिससे उनका मुँह खुल जाता है और वो अपना लन्ड मम्मी के मुँह में डाल देते हैं।


अब जावेद अंकल ने मम्मी का मुँह अपने हाथों से पकड़ लिया और वो अपने लन्ड को बहुत तेजी से अंदर बाहर कर रहे थे। मम्मी अब तड़पने लगी थी और वो अपने हाथों से अंकल को मार रही थी जिससे अंकल और तेजी से मम्मी के मुँह को चोद रहे थे। इतनी भयंकर मुख चुदाई से मम्मी की आंखों से आंसू आ गए थे और पूरा रूम गप गप गप गुं गुं की आवाज़ों से भर गया था। जावेद अंकल मम्मी के दर्द की परवाह किये बिना बहुत जोर जोर से मम्मी के मुँह में झटके मार रहे थे।

जावेद अंकल - आह वन्दना तुम्हारा मुँह बहुत गर्म है। मजा आ गया तुम्हारा मुँह चोद कर

और फिर और तेजी से झटके मारने लगे। उन्होने अपना पूरा लन्ड मम्मी के मुँह में डाल दिया था और घपागप चोदे जा रहे थे।



अब जावेद अंकल ने अपना लन्ड मम्मी के मुँह से बाहर निकाल लिया और अपने लन्ड से मम्मी के मुँह पर मारने लगे।

मम्मी - ( दर्द के साथ ) आह जावेद भाई ये आप क्या कर रहे हो

जावेद अंकल - वंदना मैं आज तुम्हे दर्द देने वाली चुदाई करूंगा जिससे तुम इस लन्ड की गुलाम बन जाओगी और फिर तुम्हे इस लन्ड के अलावा कही सुख नही मिलेगा।

जावेद अंकल की मुँह चुदाई के कारण मम्मी के मुँह का पूरा थूक बूब्स पे आ गया था जिससे उनके निप्पल चमक रहे थे।

अब जावेद अंकल ने मम्मी को बेड पर लिटाया और उनकी कमर के नीचे तकिया लगा दिया जिससे उनकी चुत ऊपर उठ गई। फिर अंकल ने मम्मी की टाँगे फैला दी और अपना लन्ड मम्मी की चुत पर सेट कर लिया और उस पर रगड़ने लगे। मम्मी का पूरा बदन कांपने लग गया और वो लन्ड लेने के लिए तड़पने लगी। अब अंकल ने मम्मी की चूत में एक जोरदार झटका मारा जिससे उनका आधा लन्ड चुत में घुस गया।
मम्मी - आआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई जावेद जी आराम से

तभी जावेद अंकल एक और दमदार झटका लगाते हैं।

मम्मी - आआआआआआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मर गयी जावेद जी प्लीज निकाल लो

जावेद अंकल - बस हो गया वन्दना अब तुम्हे मजा आएगा। तुम्हारी चुत बहुत टाइट हैं। क्या संजीव तुम्हे चोदता नही था।

मम्मी - उनके पास आपके जैसा लन्ड नही है ना

अब अंकल ने जोर जोर से झटके मारने शुरू कर दिए उनका काला लन्ड मेरी मम्मी की गोरी जांघो के बीच अंदर बाहर हो रहा था जिससे मम्मी के मुँह से चीखें निकल रही थी। अब जावेद अंकल मम्मी को किश करने लग गए जिससे मम्मी के मुँह से उूुउउम्म्म्मममम उूुुुउउम्म्म्ममम जैसी आवाज़े आने लगी।

मम्मी - जावेद जी बड़ा मजा आ रहा हैं आहहहह.. जोर जोर से चोदिये अपनी पत्नी को आहहह

जावेद अंकल - लो वन्दना अपने पति का लन्ड अपनी चुत में

मम्मी - मुझे तो बहुत मजा आ रहा हैं आपसे चुदवाने में जावेद जी। कितना बड़ा लन्ड हैं आपका। आपका लन्ड तो मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा हैं आहहहहहहह उफ़फ़फ़फ़फ़ ऐसा मज़ा पहले कभी नही आया

मम्मी अपनी सारी शर्म भूल चुकी थी। वो जावेद अंकल को अपना पति बुला रही थी औऱ करवाचौथ के दिन अंकल के साथ सुहागरात मन रही थी।

जावेद अंकल - कैसा लग रहा हैं वन्दना

मम्मी - जावेद जी बहुत अच्छा लग रहा हैं आपके लन्ड से चूदकर

जावेद अंकल - अब इस चुत पर मेरे लन्ड का अधिकार है

मम्मी - जावेद जी अब आप मेरे मालिक हो। आप जो कहेंगे मैं वो ही करूंगी।

अंकल का दमदार लन्ड मम्मी की टाइट चुत की बढ़िया चुदाई कर रहा था।


लन्ड घपागप अंदर बाहर हो रहा था पूरे कमरे में फच फच की आवाज़े आ रही थी। मम्मी ने अपनी टाँगे अंकल की कमर में लपेटी हुई थी जिससे हर झटके के साथ उनकी पायल छम छम की आवाज़ कर रही थी। उनका मंगलसूत्र उनके बूब्स पर उछल रहा था।

अब अंकल उन्हें किश करने लग गए। अंकल कभी नीचे वाला तो कभी ऊपर वाला होंठ मुँह में लेकर चूस रहे थे।

वही मम्मी अब झड़ने वाली थी तो उन्होंने अंकल को बहुत जोर से कस लिया और जोर जोर से उनकी सांसे चलने लगी। अंकल समझ गए कि मम्मी अब झड़ने वाली हैं तो उन्होंने भी झटके मारने की स्पीड बढ़ा दी

मम्मी - ओहहहह जावेद जी हम्ममम्म ऐसे ही चोदिये आहहहह मैं झड़ने वाली हूँ

और कुछ देर बाद मम्मी झड़ गयी और अंकल का लन्ड पूरा काम रस से भीग गया।

अंकल ने अब लन्ड चुत से बाहर निकाल लिया और मम्मी को घुटनों के बल बैठा दिया और उनका काम रस से भीगा लन्ड मम्मी के मुँह के सामने कर दिया।

जावेद अंकल - वन्दना चुसो अपने काम रस से भीगे हुए लन्ड को और इसे चाट कर अच्छे से साफ करो

अब अंकल मम्मी के बालों को पकड़ लेते हैं और मम्मी लन्ड मुँह में लेकर चूसने लगती हैं।


मम्मी किसी रंडी की तरह जावेद अंकल का लन्ड चूस रही थी। जावेद अंकल को अपने आप पर बहुत गर्व महसूस हो रहा था क्योंकि उन्होंने मेरी संस्कारी मम्मी को अपनी रंडी बना लिया था।

जावेद अंकल - वन्दना अब मेरे आंड चाटो




मम्मी चुपचाप जावेद अंकल के आंड चाटने लग गयी। जावेद अंकल को बहुत मजा आ रहा था। मम्मी उनकी हर बात किसी रंडी की तरह मान रही थी।

अब जावेद अंकल सोफे पर जाकर बैठ जाते हैं और मम्मी को अपने लन्ड पर बैठने का बोलते हैं। मम्मी जैसे ही उठती हैं थोड़ा सा काम रस उनकी चुत से गिरने लगता हैं। अंकल ने मम्मी की चाल बिगाड़ दी थी और उनकी चुत में भी दर्द हो रहा था।

जावेद अंकल - इतनी टाइट चुत खुलेगी तो दर्द तो होगा ही। अभी तो चाल और सही हो जाएगी।

और फिर मम्मी अंकल के खड़े लन्ड पर चुत को सेट करके उस पर बैठ गयी। अंकल का लन्ड भी मम्मी की गीली चुत में फिसलता हुआ झड़ तक चला गया। अंकल ने मम्मी को लन्ड पर आगे पीछे होने को बोला । मम्मी ने अपने दोनों हाथ जावेद अंकल की जांघो पे रखे और अपनी कमर को लन्ड पर आगे पीछे करने लगी। मम्मी अब लन्ड पर जोर जोर से उछल रही थी और जावेद अंकल मम्मी के बूब्स को मसलने के साथ ही बूब्स को थप्पड़ भी मार रहे थे।





जावेद अंकल - वाहहहहहह वन्दना साली रांड क्या मजा दे रही हो तुम। मुझे लग रहा हैं जैसे मैं जन्नत में हूँ

मम्मी - ओहहहह जावेद जी मुझे भी आपसे चुदवाने में बहुत मजा आ रहा हैं। ऐसा मजा मुझे कोई और मर्द नही दे सकता।

अंकल का लन्ड नीचे से पूरी स्पीड में चुत में जा रहा था और मम्मी भी उछल उछल कर उनका लन्ड अपनी चुत में ले रही थी। पूरे रूम में थप थप की आवाज़ गूंज रही थी। अंकल का काला लन्ड मम्मी के चुत रस से भीगकर सफेद हो गया था।

अब अंकल थोड़ी देर बाद लन्ड को चुत में डाले हुए ही मम्मी को उठा लिया और मम्मी ने अपने दोनों हाथ उनकी गर्दन में डालके उछलने लगी।



थोड़ी देर बाद अंकल ने मम्मी को सोफे पर लिटा दिया और उनकी दोनों टांगो हवा में उठाकर जोर जोर से चोदने लगे साथ ही वो मम्मी के बूब्स को जोर से भीचने के साथ बूब्स को थप्पड़ मार रहे थे।



दोनों को चुदाई करते हुए 45 मिनट हो चुके थे मम्मी दूसरी बार झड़ने वाली थी पर जावेद अंकल रुकने का नाम नही ले रहे थे।

मम्मी - चोदिये और जोर से चोदिये जावेद जी ऐसे ही जोर जोर से हम्म्म्म.... कस कस के डालिये अपना लन्ड मेरी चुत में फाड़ दीजिये मेरी चुत को आहहहहह बड़ा मजा आ रहा हैं आपसे चुदवाने में आहहहहह उफ्फ्फ मैं फिर से झड़ने वाली हुन आहहहह

थोड़ी देर बाद मम्मी फिर झड़ गयी। अब जावेद अंकल ने मम्मी को सोफे के पास जमीन पर घोड़ी बना दिया और खुद उनके ऊपर चढ़ गए। जावेद अंकल ने मम्मी के दोनों हाथ पीछे करके पकड़ लिए और उन्हें जोर जोर से चोदने लगे।



अंकल के हाथ पीछे खिंचने से मम्मी का शरीर पीछे आ रहा था जावेद अंकल का लन्ड उन्हें आगे धक्का मार रहा था जिससे लन्ड चुत की झड़ में घुस जा रहा था।

जावेद अंकल - वन्दना तुम्हारी चुत बहुत टाइट हैं किसी जवान लड़की की तरह

मम्मी - आप जैसा मर्द कभी मिला नही जो इसे चोद कर ढीली कर सकता। संजीव के लन्ड में वो दुम नही जो आपके लन्ड में है। ये तो किसी भी औरत को अपना दीवाना बना सकता हैं जैसे मैं आज आपके लन्ड की गुलाम बन गयी।

अब जावेद अंकल मम्मी को खड़ा कर देते हैं (उनका लन्ड अभी भी मम्मी की चुत में ही था) । वो मम्मी को चोदते हुए बेड तक लेकर जाते हैं और बीच में उन्होंने मम्मी की गाँड को थप्पड़ मार मार कर लाल कर दिया था।




अब उन्होंने मम्मी को बेड के किनारे लेटा दिया और उनकी दोनों टाँगों को कंधे पर लेके उचक उचक कर चोदने लगे।



मम्मी - आहहहह जावेद जी मैं फिर से झड़ रही हु जोर से चोदिये मुझे मुझे अपने लन्ड की गुलाम बना दीजिये

जावेद अंकल - मैं भी झडने वाला हूं वन्दना मेरा लन्ड भी तैयार है लावा बहाने को

मम्मी - जावेद जी अपना वीर्य मेरी चुत में ही छोड़ना। सात महीने से किसी मर्द ने मेरी चुत में नही डाला। भर दो मेरी चुत को अपने रस से बुझा दो मेरी प्यास

अंकल ने अपने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी। उनकी कमर राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड पकड़ चुकी थी। अब मम्मी औऱ अंकल दोनों झड़ने के बिल्कुल करीब थे। करीब 10 - 15 झटकों के बाद दोनों ने एक दूसरे को कस के गले लगा लिया और एक दूसरे को चूमने लगे।

मम्मी की चुत और अंकल का लन्ड दोनों एक साथ अपना रस बहाने लगे। अंकल का लन्ड मम्मी की चुत में वीर्य की गाढ़ी पिचकारियां मार रहा था।

मम्मी को चुदाई का असली मजा आज मिला था। कुछ देर बाद अंकल ने लन्ड मु।मय की चुत से बाहर निकाल लिया। मम्मी की चुत से अंकल का और उनका खुद का रस मिक्स होकर बाहर आ रहा थे। जावेद अंकल ने मम्मी की चुत में उंगली डालकर रस को अपने हाथ में लिया और मम्मी के मंगलसूत्र पर डाल दिया।

जावेद अंकल - देख संजीव मैने करवाचौथ के दिन तेरी पत्नी के साथ सुहागरात मनाके उसे पति का सुख दिया।

फिर जावेद अंकल मम्मी से अपना लन्ड चटवाकर साफ करा देते हैं और फिर सो जाते ह
 
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मम्मी की गांड में अपना वीर्य डालने के बाद जावेद अंकल बाथरूम जाने लगे

मम्मी - मुझे भी जाना है बाथरूम बहुत ज़ोर से पेशाब लगा है और ये कहकर मम्मी पलंग से उतरके खड़ी हुई खड़ी होते ही गान्ड मे दर्द की वजह से मम्मी वही बैठ गयी

जावेद अंकल और रेहाना आँटी मम्मी की ऐसी हालत देख कर हँसे और बोले

रेहाना आँटी- आज नही चल पाएगी आज तूने पहली बार गान्ड चुदाई है और जब गान्ड की पहली बार चुदाई होती है तो बहुत दर्द होता है और चला नही जाता

औऱ रेहाना आँटी मम्मी को सहारा देकर बाथरूम में ले जाकर पेशाब करती है और वापस बेड पे लाकर छोड़ देती है

मम्मी - क्या मेरी हर बार ऐसी ही हालत होगी जब भी गान्ड मरवाऊंगी

रेहाना आँटी - अरे नही आज तूने पहली बार गान्ड मरवाई है इसलिए दर्द हो रहा है,अगली एक दो चुदाई मे तुझे आदत हो जाएगी।

कुछ देर बाद जावेद अंकल आये और उन्होंने मम्मी को उठाया और पलंग पे पेट के बल लेटा दिया और उपर चढ़कर लंड को मम्मी की गान्ड में घुसा दिया और गान्ड मारने लगे।



रेहाना आँटी - कुछ तो रहम करो बेचारी पे आज ही आपने उसकी पहली बार गान्ड मारी है और अब फिर से मारने लगे हो।

जावेद अंकल - ऐसी मस्त गान्ड को चोदे बिना कैसे रह सकता हूँ और जावेद अंकल फिर शुरू हो गए

बहुत ही भयानक नज़ारा था ,थप थप थप की आवाज़ के साथ आ अया अया अया की आवाज़े गूँज रही थी


जावेद अंकल ने रात भर बड़ी बेरहमी से मम्मी की गान्ड मारी, कभी उल्टा लेटकर, कभी ऊपर बैठा कर ,कभी गोदी मे बैठाकर कभी घोड़ी बना कर, रात भर गान्ड मारते रहे

जावेद अंकल ने मम्मी की गान्ड मार मार कर उनकी हालत खराब कर दी थी रात भर गान्ड मारते रहे ,इतनी जबरदस्त गान्ड मरवाने के बाद मम्मी की हालत ही नही बची थी कुछ करने की वो तो बस किसी लाश की तरह जावेद अंकल से गान्ड मरवा रही थी।

सुबह तक तकरीबन 6 बार जावेद अंकल ने मम्मी की गान्ड मारी

सुबह जाकर जावेद अंकल थोड़ा संतुष्ट हुए तब जाकर उन्होंने मम्मी की गान्ड मारना बंद किया

रात भर की जबरदस्त गान्ड चुदाई से मम्मी इतनी बहाल हो गयी थी कि मम्मी अपनी सुध खो बैठी सुबह होते होते तो मम्मी कि ये हालत हो गयी थी ऐसा लग रहा था कि उनमे कोई जान नही है और चुप चाप पड़ी हुई अपनी गान्ड मरा रही थी जावेद अंकल तो रात भर से बेरहमी से मम्मी की गान्ड मार रहे थे।

सुबह तक बेरहमी से गान्ड मारने के बाद जावेद अंकल वही मम्मी के पास लेट गये और बोला "मज़ा आ गया मेरी रंडी रानी, क्या मस्त गान्ड है, मैं तो धन्य हो गया तुम्हारी गान्ड मार कर ,अब तुम आराम से सो जाओ"

और ये कहकर जावेद अंकल सो गये और मम्मी की हालत तो वैसे ही रात भर गान्ड मरवा के पतली थी इसलिए वो भी तुरंत सो गयी।

रेहाना आँटी बेचारी अपनी ही चूत मे उंगली करके बार बार अपने आप को शांत कर रही थी जावेद अंकल ने रेहाना आँटी पे कोई ध्यान नही दिया जावेद अंकल रेहाना आँटी पे ध्यान भी क्यो देते जहाँ उन्हें मम्मी जैसी मस्त माल अपनी गान्ड मारने को दे रही हो।
 
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