Adultery मम्मी की एक रात कहानी

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तो दोस्तो कहानी उन दिनों की हे जब में मेडिकल पढ़ाई कर रहा था और में हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रहा था और आयासी करना भी सीख लिया था । और एक दिन मुझे खबर मिलती है कि मम्मी पापा को हमेसा के लिए छोड़ के चली गई है । मुझे इस बात की बोहोत शिंटा हुई के आखिर मामला क्या है । में तुरंत ही अगली सुबह की ट्रेन पकड़ कर बापच आया ।



और तब मुझे पूरी कहानी मम्मी की डायरी के जरिए जानने को मिला । इससे पहले कहानी बता दूं कि थोड़ा परिषय करवा देता हूं में अपनी परिवार की किरदार का ।



में हूं प्रणय । इस वक्त मेरी उम्र 20 साल है। मेरे पापा रोबिन जो की सरकारी कार्यालय में चपरासी हे। और मेरी प्यारी मम्मी पीहू जो की सिर्फ 40 की हे । उसने 12 वी तक पढ़ाई की थी और फिर उसकी शादी हो गई मेरे पापा से । और में एक लौटा बेटा था ।




मेरी मम्मी एक साधारण हाउस वाइफ थी । ठीक ठाक खूबसूरत दिखने वाला । शादी के बाद आम औरतों की तरह वो भी गडरा गई थी जैसे 40-36-42 की ।

 
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मुझे डायरी मिली जिस पर लिखा था " इस दुनिया में सबसे ज्यादा ने अपने बेटे से करती हू । और सबसे ज्यादा भरसा अपने पति से । पर मेरा विश्वास उस दिन टूट दया था । वो रात मेरे लिए एक सदमा था "




एक हफ्ते मे दीवाली आने वाली थी । में बोहोत खुश थी क्यू की मेरा बेटा दीवाली आने वाला था । प्रणय के पापा उस दिन बोल के गए थे कि उनका कोई सीनियर ऑफिसर आने वाले हे रात की डिनर पर ।


तो में अपने पति कि सम्मान बनाए रखने के लिए सुबह से तैयारी कि। मार्केट जा कर खरीदारी कि। और शाम से में अच्छी पकवान बनाने लगी । और थोड़ी सज धज के एक सुंदर सी सूरीदार पहन कर थोरी श्रृंगार कर के खुद को तैयार किया ।



रात 8 बजे मेरे पति घर आते हे और उनके साथ दो लोग आए थे । मैने सम्मान से उनके सीनियर ऑफिसर का स्वागत किया । मुझे लगा था कोई अधेड़ उम्र के लोग होंगे लेकिन उनके सीनियर काफी जवान थे । काफी आकर्षणियां व्यक्तित्व के थे । सूट बूट पहने हुए गोरा चिट्ठा जवान लड़का था साइड दोनो ही कुंवारे थे । पता नही क्यू मुझे एक अजीब सा शर्म आ रही थी लेकिन मैने अपने अंदर छुपा के रखा वो शर्म ।



पहले मैने उनके बॉस को शरबत पिलाया और तब हल्की फुल्की बातों से उनसे परिसय हुवा और पता चला कि एक का नाम सनी था और दूसरे का नाम लकी था ।



मैने गौर किया की दोनो मेरी जिस्म चोरी छुपे घूर रहे थे । में जब किचन में गई तो मुझे अजीब सा गुदगुदी महसूस हुई थी । मुझे एक अलग सा खुशी मिली थी । क्यू की प्रणय के पैदा होने के बाद में बोहोत गडरा गई थी और मुझे हमेशा लगता था की अब मुझमें वो बात नही रही मेरा कमर अब ट्रक की पहिया बन गया है तो में इस बात से हमेशा गम में ही जीया आज तक
 
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मैने उन्हे डिनर करवाया और वो दोनो मेरे पति के गुण गा रहे जो मुझे अच्छा लग रहा था । उन दोनो काफी खुले मन से बात कर रहे थे और मुझे भी जबरदस्ती उनके साथ डिनर करने के लिए मनाया । में भी अपने पति के साथ मिल कर उनके बातो में भाग लिया और सनी ने मेरी खूबसूरती कि तारीफ किया । में ही जानती थी की मुझे कितना खुशी हुई लेकिन एक शर्म की लाली भी थी की उसने मेरे पति के सामने मेरी तारीफ कि जो की पराए मर्द था ।




डिनर के बाद मेरे पति और उनके सीनियर ऑफिसर पीने बैठ गए । में तब अपने कमरे ऐसे ही मोबाइल देख रही थी । और मुझे पता भी नही चला की रात के 12 बज गए तो में देखने गई उन्हे । वो लोग ड्राइंग रूम में थे तो में दरवाजे के किनारे से देखने लगी थी ।


तीनों शराब के नशे में धुत हो कर बाते कर रहे थे । और तब मेरी पाओ तले जमीन खिचक गई । क्यू कि सनी और लकी प्रणय के पापा को दो लाख केस दे रहे थे और माना रहे थे कि मुझे एक रात के लिए बेच दे । और बाकी काम होने के बाद और 3 लाख ऑनलाइन पेमेंट कर देंगे । मेरे पति नशे में थे और मैने देखा की उनकी आखों में पैसे की लालच चमक रहा था । और उसने हां भी कर दी ।



में गुस्से से चिल्लाई " प्रणय के पापा ये आप क्या कर रहे है। आप पागल हो गए हे क्या "


सनी और लकी मेरी तरफ देख के व्यश्यि मुस्कान देने लगे और मेरी तरफ बड़ने लगा लकी ने कहा " भाभी आज आप हमारी रानी बनेगी ।"




दोनो मेरे करीब आ रहे थे और मुझे लगा अब मुझे खुद को ही अपनी रक्षा करना होगा तो में भागी लेकिन दोनो करीब आ चुके थे और मुझे पकड़ के बेडरूम में ले के गए । और तब में बेसहारा औरत क्या करती इसके सिवाय । में रोते हुए उनसे भिंख मांगी की छोड़ दो मुझे मेरे साथ ऐसा मत करो ।



पर अनलोगो के दिमाग में शराब का नशा और हवस था । उन दोनो ने कहा " अरे भाभी जब तुम्हारा पति भी चाहता है तो क्यू नखरा कर रही हो । आज कल यही चलता है जिसके पास पावर है वोही चूत का मालिक होता है समझा करो । और भाभी गेरंटी देता हू हम दोनो भाई मिल के तुम्हे ऐसा खुश कर देंगे की तुम्हे एहसास होगा की ऐसा मजा तुम्हे तुम्हारे अनाड़ी पति ने कभी नही दिया होगा"
 
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में और ज्यादा दर गई और उनके पेड़ो पर गिर के गिरगिराने लगा लेकिन दोनो निर्दय थे । मुझे उठा के बिस्तर पर पटका और दोनो मेरे ऊपर चढ़ के मुझे चूमने लगे । में भी हट्टी कट्टी थी उनसे छुटने की पूरी कशिश की लेकिन थे दोनो मर्द और जैसे पूरा दिन जिम में कसरत करता होगा ।



दोनो मुझे दबच के मेरे जिस्म को नोचने लगे । में चिल्ला चिल्ला के रो रही थी और देखा की प्रणय के पापा दरवाजे पे खड़े हो कर बेशर्मी से कायर की तरह देख रहा है तो मैने उनसे कहा " प्लीज प्रणय के पापा इन्हे रोकिए प्लीज ।"


लेकिन कोई फायदा नही हुआ। सनी जो मेरी बड़ी बड़ी तरबूज बेदर्दी से दबा रहे थे कुर्ते के ऊपर से ही और दातों में ले के काट रहे थे । और लकी मेरी दोनो कलाई पकड़ के मेरी होठ बुरी तरह चूस रहे थे । में चाह कर भी कुछ नही कर पा रही थी ।



और ये सब कुछ आधे घंटे तक चला । मेरी चूचियां बोहोत दर्द करने लगा और मेरा होठ भी । और मेरे आखों से आसूं सूखने लगे थे और मेरी ताकत भी चली गई थी ।



मैने देखा मेरा पति अब भी वोही पे खड़े हो के देख रहा था और मुझे एहसास हो गया की इन दोनो भेड़ियों से में आज नही बच पाऊंगी । और मैने हाथ जोर के कहा " प्लीज बोहोत दर्द हो रहा हे रहम करो "


तब दोनो हंस पड़े और सनी बोला " एक शर्त पर भाभी तुम नखरा करना बंद करो हम प्यार से करेंगे "



में मजबूर हो कर चुबकती हुई मुंह फेर के अपनी बाहें ढीली छोड़ दी और आंखे बंद कर दी । कुछ समय यूंही गुजर गया और तब मुझे एहसास हुआ कि दोनो मुझे छू क्यू नही रहे हे और मैने आंखे खोली ।
 
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दोनो पूरे नंगे थे । एक पल के लिए में भी खो सा गई क्यू की मैने सिर्फ फिल्मों में हीरो की बॉडी देखी थी । दोनो गोरे चिट्टे तो थे ही और क्या मसल थे उनके । उनके पतले कमर के एब्स देख कर मुझे भी सनसनी सा एक सिहरन रोगों में महसूस की।


और तो दोनो ने अपना गोरा लोंद हाथो से पकड़ के दिखाया जिसे देख के में दर भी गई और सोचा कितने बड़े लन्ड हे इनके ।


लकी अपना लन्ड हिलाते हुए पूछा क्यू बेबी पसंद आया । में शर्म से मुंह फेर ली । तब सनी बोला " अरे पसंद क्यू नही आयेंगे हमारा मर्दानगी आज तक किसी भी औरत को ना पसंद हुआ है । अरे भाभी बोहोत संस्कारी हे इसलिए मान नही रही है तू देखना भाई जब ठोकूंगा तब भाभी कैसे मजे से गांड़ उछलती है"


मैने कभी अपने बारे में इतनी गन्दी बाते नही सुनी थी थोड़ी देर पहले जो मेरी बदन मे कामुकता की हलचल हुई थी वो शर्म से मिट गई बपाच से और में फिर से चुबकने लगी।



लकी मेरे बगल में लेट के मेरे चेहरे को पकड़ के पुचकारने लगा और बोले " अरे रे रे। अच्छी भाभियां रोती नहीं हे। "


सनी भी झुक कर मेरा कुर्ता उठाने लगा और मेरे चूची ब्रा के ऊपर से सहलाने लगा " भाई कितने बड़े बड़े है "


मैने अपनी आखें कस के बंद कर ली। लकी भी एक हाथ से मेरी चूची सहलाने लगा और मेरी ब्रा नीचे कर दी ।

 
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मेरे बड़े बड़े चूची सनी चूसने लगा और हाथों से खेलने लगा। लकी मेरे होठों के बीच जीव डाल के मेरा होठ पीने लगा । मुझे अनुभव हो रहा था की उम्र मे दोनो 30 के नीचे लग रहे थे लेकिन औरतों के जिस्म के साथ खेलने में माहिर लग रहे थे ।



नाजाने कब मेरी मुलायम हाथ सनी की जुल्फों पर चली गई मुझे आभास तब हुआ जब दोनो मुस्काते हुए इशारे कर रहे है मेरे बारे में । लेकिन ने मे शर्म से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और अपना हाथ सनी के सर से हाथ हटा दिया। और तभी सनी ऐसा किया की जिसका मुझे पछतावा हुआ । सनी ने मेरे एक निपल कुछ अलग अंदाज से चुस्की मारा जिससे से गप्प की आवाज गूंज उठी । और मुझे इतना आनंद आया की मैने मस्ती मे लकी की मुंह में जीव डाल दिया । और अगले ही पल मुझे खुद पर शर्मिंदिगी महसूस हुई की ये मैने क्या किया । ये लोग मेरे बारें में क्या सोचेंगे।


और तब सनी मस्ती में बोला " उम्मम्म भाभी को मजा आ रहा हे"


में शर्म से पानी पानी हुई । लेकिन में खुद का क्या करू दिल दिमाग तो इस घिनौनी हरकत पर गुस्सा था लेकिन मेरा बदन अब मेरा साथ नही दे रहा था ।



लकी भी अब मेरा चूची चूसने लगा। और में ना चाहते हुए भी दोनो की सर पर हाथ रख के आंख बंद कर ली थी । उफ्फ क्या चूस रहे थे दोनो । में इंकार नही कर सकती की मुझे बुरा लग रहा था। सच में मुझे बोहोत मजा आ रहा था दोनो मेरे चूची को मसल रहे थे कठोर हाथो से और उनकी मुंह की लार से गीली हो रखी निपल उनके गरम मुंह से चुसवाने का अलग ही मजा आ रहा था ।




तभी दोनो ने मिल कर मुझे ऊपर से नंगा कर दिया । लकी मेरा ब्रा सूंघ रहा था और सनी मेरा कुर्ता सूंघ के बोला " क्या खुशबू हे बेबी "


में शर्म से पानी पानी हो गई ।

 
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मैने देखा मेरा पति अब एक कुर्सी पर बैठ के देख रहा हे और तब मुझे सनी और लकी से ज्यादा अपने पति से ज्यादा शर्माने लगी अपनी चुचियों को ढक रही थी ।



सनी मेरे पति को देख के बोला " क्यू रोबिन मजा आ रहा हे अपनी बीवी को हमारे साथ देख के "


पर मेरा पति गूंगा बन गया था । मेरी नजर मिली उनसे और मुझे उनके ऊपर धिक्कार आ रही थी । सनी और लकी फिर मुझे चूमने लगे और मेरा चूची मसलने लगे । उनके हाथों की चाप के लाल लाल निशान बन गए थे मैने उन्हे बिनती की " प्लीज दुख रहा हे "


सनी मेरा होठ चूस के मेरी आखों में देख के बोला " बेबी तुम्हारे आम बोहोत मस्त हे इसके साथ हम और खेलना चाहते। अब तुम बोलो हम तुम्हारी आम पिए या दबा के निचोड़ डाले "



मैने गौर किया की सनी का चेहरा कितना खूबसूरत है कितना आकर्षित हे और शराब की और वासना की आग में कितना मोधोस लग रहा हे । और में भी खुद को रोक नहीं पाई मैने धीरे से बोला " मेरा दूदू पीयो "


जिसे सुनते ही दोनो हंस पड़े लकी बोला " दूदू । हम क्या बच्चे है। "



में शर्म से अपना मुंह ढक लिया और दोनो की गर्म मुंह मेरी निपल पर महसूस हुई में आनंद में कराह उठी ईचहहहह। और खुद अपने कराह पर शर्म से पानी पानी हो गई ।



कुछी देर में मुझे मेरी गोल नाभी पर उंगली महसूस हुई और में सिहर उठी पर मैने आंख नही खोली । और धीरे धीरे मेरे मुलायम शर्बी से उभरी हुई पेट मसलने की आनंद मेरे रोगों में महसूस होने लगी ।




मुझे एहसास हो गया की अब में जिस राह पर हूं में उस राह पर भटकने से खुद को रोक नही पा रही हूं । दो मर्दों का चुभन मुझे बोहोत अच्छा लग रहा था और ऊपर से नजावान गठीले शरीर के खूबसूरत भी ।



मेरी सलवार का नाड़ा खोला जा रहा था और तब मैने एक आखरी कशिश की उन्हे रोकते हुए अपने पति से बोला " सुनिए प्रणय के पापा अब भी वक्त है इन्हे रोकिए "



पर मेरा पति मुझे घूरता रहा और मैने देखा की उनकी आखों में भी हवस से जैसे वो भी आनंद ले रहा है मुझे गैर मर्दों के नीचे लिटा के ।




मुझे बोहोत दुख हुआ और मेरा दिल रो पड़ा पर दिमाग गुस्से से उबाल उठा और मैने भी उन्हे दिखती हुई खुद ही अपनी कमर उठा दी और दोनो ने मिल के मेरी सलवार उतार दी और में पिंक पैंटी में थी ।



मेरी भी धीरे धीरे शर्म उतर रही थी । लकी ने मेरी पैंटी की गीले धब्बे छू के मेरी आखों में देख के बोला " नॉटी भाभी गीली हो गई "



में शर्म से अपनी होठ दातों में दबा के मुस्कुराने लगी । लकी मेरा पैंटी भी उतार देता है और तब में पूरी नंगी हो गई उनकी तरह ।

 
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मेरी मोटी चूत बालों से भरी हुई थी जिसे देख कर सनी बोला ", वाह क्या चूत हे भाभी और बाल कितने खूबसूरत हे "


में शर्म से पानी पानी हुई । सनी झुक कर मेरे चूत पर हल्के हल्के से जीव फिराने लगा मुझे मजा आने लगा । तब लकी मेरे चेहरे के करीब घुटने टिका खड़ा हुआ और मेरा गाल सहला के बोला " चल भाभी लॉलीपॉप चूस के बचपन की यादें ताजा कर "

तो मैंने ना करते हुए बोला "नही मुझे ये करना अच्छा लगता बोहोत गंदा हे "


लकी मेरा सिर पकड़ के बोला " अरे भाभी साफ हे । खास कर तुम्हारे लिए स्पेशली साफ किया "


मैने देखा की उसका लन्ड काफी गोरा था और सुपाड़ा भी लाल था नशे फूल गए थे । उसने अपना लन्ड मेरे मुंह में धकेला और सुपाड़ा मेरे मुंह में घुसा । तब एहसास हुआ कितना बड़ा लन्ड था उसका । उसने खुद मेरा सर पकड़ के लन्ड चुस्वाने लगा । थोड़ा अजीब लगा क्यू की आज में अपने पति का लन्ड भी नही चूसा था । और उसके लन्ड से भी जरा भी भी बु नही आई । में बस मुंह खुला रखा । वो मेरी तरफ देख रहा था मेरी नजर उनसे टकड़ाई तो वो मुस्कुराया और मैने नजरे झुका ली लेकिन उनके एब्स देख कर मुझे रहा नही गया और मैने उनके पेट पर हाथ रख दिया कितना सख्त था उसका पेट ।




और तब तक सनी मेरी चूत की होठों को खोल के जीव से चाट रहा था और आनंद में उड़ने लगी और खुद ही अपनी टांग हवा में उठा दी ।





करीब 10 मिनिट लकी अपना लन्ड छुड़वाने के बाद सनी से बोला " चल हट कितना चाटेगा । खा जायेगा क्या"


लकी सनी को हटा कर मेरी टांगो के बीच आ कर अपना लन्ड मेरी गीली चूत में सता के धीरे धीरे धक्के मारने लगा । उसका सुपाड़ा मेरी गीली चूत को भेद करते हुए धीरे धीरे से गहराई मे चला गया। काश की में खुद को रोक पाता सिसकारियां मारती हुई उसकी सख्त बाजू मैने पकड़ ली।



और मेरी मस्ती देख के वो हस पड़े। और में इस बात से शर्मा के में नखरे करने लगा " नही नही मुझे नही करना । प्लीज छोड़ दो मुझे प्लीज"



सनी मेरे बगल में लेट के मेरा माथा सहलाने लगा " बस बेबी हो गया । अभी मजा आयेगा "


जबकि मुझे इतना दर्द भी नही हुआ था । लेकिन बोहोत अंदर गया था और चूत पूरी खुल गई थी ।


फिर भी में " नही मुझे अच्छा नही लग रहा है निकालो"
 
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लकी तब गुस्से में मेरे ऊपर लेट के मेरा कंधा पकड़ के जोर जोर से चोदने लगा और बोला " साली तुम लोगो की यही नखरा हे। रुक बेंचोद"



सनी बोला " अरे भाई आराम से। सिंगल हैंड गाड़ी हे "



लकी की रफ्तार बढ़ती गई । मेरे कंधे पर दात गाढ़ा के ऐसा रफ्तार से धक्का दिया की मेरी गांड उसकी झांघ से टकड़ा के हिलने लगी सो अलग और धाप धाप कर के आवाज गूंज उठी । वाकई में मुझे दर्द हो रहा था और मेरी नानी याद आई । लेकिन थी तो एक औरत ही उसने लगातार 5 से 10 मिनिट तक एक ही रफतार में चोदा ।में तो गला फाड़ के चिल्लाई और रोई।



और उसने अचानक अपना लन्ड निकाल के दूर हो गया । में करवट में कांपने लगी थी । मेरी चूत से इतना पानी निकला की बेड गिला हो गया । और मुंह दबा के सिसक सिसक के हाफने लगी।



लकी मेरा गांड मसलने लगा और थप्पड़ मार मार के मेरे पति से बोला ," कभी चोदा हे इसे ऐसे । कितना गर्म माल है"



मेरा पति तब भी चुप था । लकी मेरी चूत में उंगली करने लगा तो में तुरंत उठ कर सनी के पास जा कर बोला ", प्लीज रहम करो,"



तो सनी मुझे बाहों में भर के मुझे लिटा के मेरी टांगो के बीच आ कर अपना लन्ड धीरे धीरे डालने लगा और प्यार से बोला ", ठीक है ठीक । आराम से देंगे ,"



सनी धीरे धीरे मुझे चोदने लगा । और मेरे चेहरे को चूम के पूछा" बेबी इतना टाइट क्यू हे तेरी चूत ,"


में ऐसी बात करने में शर्माती थी अपने पति से भी कम ही करती थी । सनी ने फिर पूछा " हम जो कहे वो चुप चाप करता जा तुझे तकलीफ नही देंगे "



तब में भी उसके गले में बाहें डाल के बोली " आपका बोहोत बड़ा है "


सनी मुस्कुराया और मुझे चोदते चोदते बोला " अच्छा ऐसा हे क्या । लेकिन इतना क्यू गर्म हे अंदर "



मैने भी फैसला कर लिया में इनका साथ दूं ताकि इनकी हवस का ज्यादा शिकार ना बनू और मुझे पता चल गया था की दोनो काफी स्टेमिना रखते है ये दोनो मेरी चूत पूरी रात चोदेंगे और जरूर मेरी हालत खराब कर देंगे ।


में उनके कंधे पर मुंह छिपा के शर्मा के बोली " पता नही मुझे ,,"



लकी मेरे बाह चूम चूम के मेरे होठों के करीब अपना होठ ले आया " बेबी तुम्हारी armpit की खुसबू अच्छी हे"


मेरे बगल में बाल थे और में शर्मा गई और पता नही क्यू मुझे मस्ती सुंजी और में कमसिन लड़की की तरह थोरी मस्ती करना चाहती थी । में मुंह टेढ़ी कर के बोली " आप बोहोत बुरे हो बात मत करो "


लकी हस पड़ा " हाय क्या अदा है"
 
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में शर्मा गई। सनी मुस्कुरा के पूछा " मजा आ रहा हे"



में उनके कान में बोली " प्लीज उनको बाहर भेज दो ना मुझे शर्म आ रही हे"



अब मुझे भी दिल कर रहा था जो हो गया सो हो गया इन दो खूबसूरत मर्द के बड़े बड़े लन्ड से जी भर के चुदवाऊं जिसपर मुझे भी बेशरम होना पड़ेगा और कौन औरत ऐसा चाहेगी की वो अपने पति के सामने दो गैर मर्द के साथ बेशरम हो जाए ।


तब लकी मेरे पति से बोला ", रोबिन तू थोड़ा बाहर जा जब तक ना काहू आना मत "



मेरे पति भी उठ कर चले गए और जाते हुए खुद दरवाजा बंद कर दिया । में अब सकून से सनी को कस के लपेटा जिससे मैने उसे जताया की हा मुझे चोदो अब।



सनी बोला " बोल ना मजा आ रहा हे की नही"


में मुस्कुरा के हा में ठंडी हिलाई । सनी बोला ", तेरा पति ऐसा मजा देता है "



में ना में सर हिलाया । लकी मेरा होठ दबा के चूमा और बोला " लॉलीपॉप चुसेगी "


में ना में इशारा किया । लकी बोला " चूस ना मजा आयेगा "


में बोला " नही आपको मजा आयेगा मुझे नही "



लकी मेरा हाथ पकड़ के अपने लन्ड पर रख दिया मैंने भी उसका लन्ड हिलने लगा । मुझे बोहोत मजा आ रहा था दो बड़े लन्ड एक चूत मे एक हाथ में ।


सनी जोर लगा के जोर से चार धक्के लगाता है और उसका लन्ड पूरी गहराई मे जा के मेरे बदन में आनंद महसूस करवाया ।



में उसका पीठ खारोच के और लकी का लन्ड मुट्ठी में दबा के आउह्ह्ह्ह्ह । आउह्ह्ह्ह्ह्ह । आउह्ह्ह्ह। आऊ। कर के कराह मारी ।


सनी ने पूछा " मजा आया "


में हा बोली


सनी ने बोला " बोल की मुझे चोदो "

मैने भी सीधा सीधा बोल दिया ,," हा चोदो"


सनी बोला " ऐसे नही फील के साथ "

में बोली " फील। मुझे गन्दी बाते नही आती । प्लीज आप प्यार करो ना"

सनी बोला " कर तो रहा हूं । और कैसे करू "


मुझे बताने में शर्म आई लेकिन सनी बोहोत माहिर था उसने समझ ली घर संस्कारी बीवी को कैसा प्यार चाहिए । वो मेरे बगल से हाथ घुसा के एक से मेरा पीठ पकड़ा और एक हाथ मेरे सर के नीचे रख के मुझे बच्ची की तरह बाहों मे लिया और मैने भी अपनी टांगे हवा में उठा दी । जब वो चोदने लगा मुझे दुगना मजा मिलने लगा और आनंद में उसके कान में बोली " उफ्फ बोहोत मजा आ रहा हे । ऐसे ही चोदो मुझे आह। प्यार से"



सनी मेरा गाल चूसने लगा । में सनी सर को पकड़ के बोली " थोड़ा जोर से करो "


सनी बोला " पानी निकाल दूं"


में सनी की गाल चूम के बोला " हा निकाल दो लेकिन प्यार से"


मगर मर्द तो मर्द होता है ना सनी भी लकी की तरह रफ्तार पकड़ के पूरे जोश में चोदने लगा लेकिन इस बार मेरी चूत भी खुल चुकी थी और मुझे सिर्फ मजा आया और मेरी चीख कमरे गूंज उठी ।



कुछि देर में मेरा पानी निकला में झड़ गई । सनी उठ गया मेरे ऊपर से । लकी बोला " अपनी चूत खोल के दिखा जरा । "



में भी बेशरम हो के लेकिन शर्माती हुई अपनी चूत खोल के दिखने लगी ।

 

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