Incest बहन के साथ यादगार यात्रा

OP
W
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

2,580

Likes

3,520

Rep

0

Bits

5,654

2

Years of Service

LEVEL 6
120 XP
भाग 19

कुछ मिनटों के बाद दीदी ने कहा: भाई पसीने और तेरे पानी से सब चिपचिपा हो गया | कुछ है क्या साफ़ करने के लिए ?

मैंने तुरंत अपनी शर्ट उठाई और उसे दे दी। उसने एक मुस्कान के साथ मेरी टी-शर्ट के मेरे माथे से पसीने को पूंछा और फिर मेरे लंड को अच्छे से साफ़ किया | मुझे साफ़ करने के बाद दीदी अपने बदन और चूत को पूंछने लगी |

दीदी: भाई, मेरे कपडे भी पसीने से भीग गए हैं , अब तो तुम्हें मेरे बैग का ताला तोड़ना ही पड़ेगा |

मैं: अरे, मेरे होते हुए , ऐसे-कैसे

मैंने तुरंत नीचे से दीदी को चाबी निकल के दे दी |

दीदी: अच्छा जी, तो चाबी जनाब को पहले ही मिल गयी थी, फिर पहले क्यों नहीं दी

मैं: फिर आपके साथ चुदाई करने का मौका कैसे मिलता?

दीदी (मुस्कुराते हुए): कमीने, तुझे शर्म नहीं आयी | अपनी जवान बहन को अपने जाल मैंने फसा लिया | मैं कपडे चेंज कर लूँ फिर तेरी खबर लेती हूँ |

दीदी ने अपने बैग से एक सिंपल सी पतली सूती ड्रेस निकाल कर बिना ब्रा पैंटी के पहन ली |

दीदी: हाँ अब बता, क्यों फसाया अपनी दीदी को ये गंदा काम करने के लिए

मैं: छोड़ो दीदी, कम तो तुम भी नहीं हो | जब ये सूती ड्रेस थी, वो शिफॉन की भड़काऊ ड्रेस क्यों पहनी थी ?

दीदी: अरे वो तो ... कितने दिनों के तू मुझे भूखी नज़रों से देख रहा था | तेरे को क्या लगा, मुझे पता नहीं चलता की तेरी नज़रें मुझे कैसे घूरती थी | मैं सोचा आज बेचारे बच्चे को थोड़ा बहुत मज़े दे दिए जाये | पर मुझे क्या पता था की तू इतना आगे पहुँच जायेगा | अपनी बहन को चोद ही देगा |

मैं: दीदी, अभी आपने अपने भाई को अच्छे से जाना ही कहाँ है | मेरे प्लान तो पता नहीं क्या-२ हैं |

दीदी: हमें भी तो पता चले .. क्या-२ हैं आपके .. प्लान ?

मैं: दीदी, अभी तो बहुत भूख लगी है | मैं पैंट्री से कुछ खाने को लेके आता हूँ, फिर बताऊंगा आपको आगे का प्लान |

दीदी: हाँ भाई, पहले पेट पूजा, फिर काम दूजा .. या फिर काम पूजा

मैं हँसते हुए पैंट्री की और जाने लगा | मैं गुनगुनाते हुए जा रहा था और सोच रहा था की दीदी की कैसे-२ चुदाई करूँगा .....

समाप्त
 
  • Love
Reactions: Rajizexy
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

201

Likes

109

Rep

0

Bits

555

1

Years of Service

LEVEL 10
XP
भाग 3

अगली सुबह हम निकल पड़े | हम उनके घर के ड्राइवर के साथ कार में ट्रेन स्टेशन पहुँच गए । ट्रेन पहले से प्लेटफार्म पर खड़ी थी । हमने प्रथम श्रेणी के डिब्बे में आरक्षण करवा रखा था और हम उस पर चढ़ गए। हमारा कंपार्टमेंट के अगले दरवाजे पे ही शौचालय था। चूंकि हमारा अंतिम डिब्बे था इसलिए काफी छोटा था | नीचे एक तरफ एक लंबी सीट और ऊपर एक लंबी बर्थ थी । एक तरफ एक छोटी सी खिड़की थी और उसके विपरीत तरफ एक डिब्बे का दरवाजा था । चूंकि डिब्बे का फर्श बहुत गंदा था, इसलिए ड्राइवर ने हमारे सामान को ऊपरी बर्थ पर रखा, जिससे बर्थ भर गया। तो नीचे की एकमात्र सीट मेरे और संगीताई के लिए रह गयी थी | ट्रेन ने सीटी दी और ड्राइवर नीचे उतर गया | जब ट्रेन चल पड़ी और ड्राइवर आँखों से औझल हो गया तब संगीता दी के चहेरे पे पहली बार मुस्कराहट दिखी |

संगीता दी अंगड़ाई लेते हुए अपने दोनों हाथों को फैलाया और मुस्कुराते हुई बोली "भाई ! क्या मैं इन कपड़ों को बदल दूं "

"ठीक है, संगीता दी ! तुम कपड़े बदल लो, मैं टॉयलेट हो कर आता हूँ | दरवाजा अंदर से बंद कर लो और मैं बाहर खड़ा रहूँगा । जब तुम्हारा काम हो जाए तो तुम दरवाजा खोल देना," मैंने उससे कहा।

"ओ.के. मेरे प्यारे भाई!" उसने मस्ती भरे लहज़े से कहा ।

संगीता की तो बोली ही बदल गयी थी | जब तक वह घर से निकल कर ट्रेन में नहीं चढ़ी थी, तब तक संगीता बहुत चुप-२ और शांत थी । वह बात नहीं कर रही थी या चेहरे पर कोई हावभाव नहीं दिखा रही थी । और अब, किसी चंचल हसीना कि तरह सब बंधन से मुक्त हो गई थी । मैं टॉयलेट से आया और डिब्बे के दरवाजे के बाहर खड़ा हो गया । थोड़ी देर बाद संगीता ने दरवाजा खोला । मैंने अंदर आकर दरवाजा बंद कर दिया। जैसे ही मैंने मुड़कर संगीता दी को देखा तो मैं चकित रह गया ।
Good story
 
Rajizexy's SIGNATURE
Member

0

0%

Status

Offline

Posts

201

Likes

109

Rep

0

Bits

555

1

Years of Service

LEVEL 10
XP
भाग 19

कुछ मिनटों के बाद दीदी ने कहा: भाई पसीने और तेरे पानी से सब चिपचिपा हो गया | कुछ है क्या साफ़ करने के लिए ?

मैंने तुरंत अपनी शर्ट उठाई और उसे दे दी। उसने एक मुस्कान के साथ मेरी टी-शर्ट के मेरे माथे से पसीने को पूंछा और फिर मेरे लंड को अच्छे से साफ़ किया | मुझे साफ़ करने के बाद दीदी अपने बदन और चूत को पूंछने लगी |

दीदी: भाई, मेरे कपडे भी पसीने से भीग गए हैं , अब तो तुम्हें मेरे बैग का ताला तोड़ना ही पड़ेगा |

मैं: अरे, मेरे होते हुए , ऐसे-कैसे

मैंने तुरंत नीचे से दीदी को चाबी निकल के दे दी |

दीदी: अच्छा जी, तो चाबी जनाब को पहले ही मिल गयी थी, फिर पहले क्यों नहीं दी

मैं: फिर आपके साथ चुदाई करने का मौका कैसे मिलता?

दीदी (मुस्कुराते हुए): कमीने, तुझे शर्म नहीं आयी | अपनी जवान बहन को अपने जाल मैंने फसा लिया | मैं कपडे चेंज कर लूँ फिर तेरी खबर लेती हूँ |

दीदी ने अपने बैग से एक सिंपल सी पतली सूती ड्रेस निकाल कर बिना ब्रा पैंटी के पहन ली |

दीदी: हाँ अब बता, क्यों फसाया अपनी दीदी को ये गंदा काम करने के लिए

मैं: छोड़ो दीदी, कम तो तुम भी नहीं हो | जब ये सूती ड्रेस थी, वो शिफॉन की भड़काऊ ड्रेस क्यों पहनी थी ?

दीदी: अरे वो तो ... कितने दिनों के तू मुझे भूखी नज़रों से देख रहा था | तेरे को क्या लगा, मुझे पता नहीं चलता की तेरी नज़रें मुझे कैसे घूरती थी | मैं सोचा आज बेचारे बच्चे को थोड़ा बहुत मज़े दे दिए जाये | पर मुझे क्या पता था की तू इतना आगे पहुँच जायेगा | अपनी बहन को चोद ही देगा |

मैं: दीदी, अभी आपने अपने भाई को अच्छे से जाना ही कहाँ है | मेरे प्लान तो पता नहीं क्या-२ हैं |

दीदी: हमें भी तो पता चले .. क्या-२ हैं आपके .. प्लान ?

मैं: दीदी, अभी तो बहुत भूख लगी है | मैं पैंट्री से कुछ खाने को लेके आता हूँ, फिर बताऊंगा आपको आगे का प्लान |

दीदी: हाँ भाई, पहले पेट पूजा, फिर काम दूजा .. या फिर काम पूजा

मैं हँसते हुए पैंट्री की और जाने लगा | मैं गुनगुनाते हुए जा रहा था और सोच रहा था की दीदी की कैसे-२ चुदाई करूँगा .....

समाप्त
Ended well
 
Rajizexy's SIGNATURE

cpl4fun

Newbie

0

0%

Status

Offline

Posts

45

Likes

57

Rep

0

Bits

34

2

Years of Service

LEVEL 1
100 XP
भाग 19

कुछ मिनटों के बाद दीदी ने कहा: भाई पसीने और तेरे पानी से सब चिपचिपा हो गया | कुछ है क्या साफ़ करने के लिए ?

मैंने तुरंत अपनी शर्ट उठाई और उसे दे दी। उसने एक मुस्कान के साथ मेरी टी-शर्ट के मेरे माथे से पसीने को पूंछा और फिर मेरे लंड को अच्छे से साफ़ किया | मुझे साफ़ करने के बाद दीदी अपने बदन और चूत को पूंछने लगी |

दीदी: भाई, मेरे कपडे भी पसीने से भीग गए हैं , अब तो तुम्हें मेरे बैग का ताला तोड़ना ही पड़ेगा |

मैं: अरे, मेरे होते हुए , ऐसे-कैसे

मैंने तुरंत नीचे से दीदी को चाबी निकल के दे दी |

दीदी: अच्छा जी, तो चाबी जनाब को पहले ही मिल गयी थी, फिर पहले क्यों नहीं दी

मैं: फिर आपके साथ चुदाई करने का मौका कैसे मिलता?

दीदी (मुस्कुराते हुए): कमीने, तुझे शर्म नहीं आयी | अपनी जवान बहन को अपने जाल मैंने फसा लिया | मैं कपडे चेंज कर लूँ फिर तेरी खबर लेती हूँ |

दीदी ने अपने बैग से एक सिंपल सी पतली सूती ड्रेस निकाल कर बिना ब्रा पैंटी के पहन ली |

दीदी: हाँ अब बता, क्यों फसाया अपनी दीदी को ये गंदा काम करने के लिए

मैं: छोड़ो दीदी, कम तो तुम भी नहीं हो | जब ये सूती ड्रेस थी, वो शिफॉन की भड़काऊ ड्रेस क्यों पहनी थी ?

दीदी: अरे वो तो ... कितने दिनों के तू मुझे भूखी नज़रों से देख रहा था | तेरे को क्या लगा, मुझे पता नहीं चलता की तेरी नज़रें मुझे कैसे घूरती थी | मैं सोचा आज बेचारे बच्चे को थोड़ा बहुत मज़े दे दिए जाये | पर मुझे क्या पता था की तू इतना आगे पहुँच जायेगा | अपनी बहन को चोद ही देगा |

मैं: दीदी, अभी आपने अपने भाई को अच्छे से जाना ही कहाँ है | मेरे प्लान तो पता नहीं क्या-२ हैं |

दीदी: हमें भी तो पता चले .. क्या-२ हैं आपके .. प्लान ?

मैं: दीदी, अभी तो बहुत भूख लगी है | मैं पैंट्री से कुछ खाने को लेके आता हूँ, फिर बताऊंगा आपको आगे का प्लान |

दीदी: हाँ भाई, पहले पेट पूजा, फिर काम दूजा .. या फिर काम पूजा

मैं हँसते हुए पैंट्री की और जाने लगा | मैं गुनगुनाते हुए जा रहा था और सोच रहा था की दीदी की कैसे-२ चुदाई करूँगा .....

समाप्त
My wife name is also Sangeeta
Watch our thread also
 

55,951

Members

319,120

Threads

2,673,920

Posts
Newest Member
Back
Top