Adultery बहकी हुई पत्नी

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मेरा नाम है विकास मिश्रा उम्र 26 साल और में अपने खानदानी बिजनेस सभलता हूं दिखने में भी हैंडसम हूं 5 फीट 8 इंच मेरी कथ है और जिम भी जाता हूं मेरी बीवी मुझसे काफी खुश हे उसे बोहोत प्यार भी देता हूं ।



स्नेहा मेरी पत्नी का नाम काफी सुंदर और पतिव्रता औरत है उसकी उम्र 24 साल हे । दो साल पहले हमारी शादी हुई थी । वो अभी बच्चा चाहती है पर में ही पोछे हट रहा हूं क्यू की मुझे और लाइफ इंजॉय करना हे ।





तो बात ऐसा हुआ की मेरा एक बचपन का दोस्त जो की दूसरे सिटी में रहता था वो किसी काम से मेरे सिटी में आने वाले थे और मेरे घर हो कर जायेंगे मेरी पत्नी से भी मिल के जायेंगे जो शादी में भी किसी काम से नही आ पाया था ।





सुबह जब मेरे दोस्त का खबर मिला तो मैने अपनी पत्नी से कहा " स्नेहा किधर हो "

में उसे धुनते हुए रसोई में गया वो नाश्ता बना रही थी " हा जान बोलो "



में उसे पीछे से बाहों में भर लिया और बोला " मेरा दोस्त अखिल आज शाम को आयेगा हमारे घर "


स्नेहा मेरी तरफ मुंह कर के बोली " अखिल कौन हैं तुमने तो कभी किसी दोस्त अखिल वखिल के बारे में बताया नही कभी "


मैने स्नेहा की कंधे पे चूम के बोला " मेरा बचपन का दोस्त हे जिगरी यार जैसे हम एक साथ स्कूल कॉलेज में पढ़ते थे पर पिछले चार से हमारी मुलाकात नही हुई । तुम ज़रा तैयार रहना "



स्नेहा बोली " ठीक हे जल्दी डिनर बना के रखूंगी में "


में बोला " डिनर की छोड़ो । तुम अपनी हुलिया बदल लेना ये सती सावित्री वाली रूप छोड़ के सेक्सी हॉट अवतार में आना । उसकी बीवी बोहोत सुंदर हॉट सेक्सी टाइप है वो लोग बोहोत मॉर्डन लोग हे । मेरी इतजत का कचड़ा मत करना "


स्नेहा मजाक में बोली " तो बिकिनी ही पहन के तैयार रहूंगी क्या कहते हो "



में भी मजाक में बोला " ये अच्छा आइडिया है "



स्नेहा ने मुझे कोहनी मारी " हट पागल । अच्छा तुम्हारे दोस्त को क्या खाना पसंद हे कुछ पता है"



में बोला " अभी का तो पता नहीं लेकिन उसे आलू के पराठे मक्खन के साथ बोहोत पसंद था तुम यही बनाना और चिकन क्यूरी भी बना लेना और सलात कुछ एक दो एक्स्ट्रा आइटम बना लेना "





में फिर काम पर निकल गया । मेरी बीवी घर को अच्छे से साफ सफाई कर के खुद को भी तैयार किया चेहरे पे फेसपैक वैक्सिंग ये सब कर दिन भर समय पार किया । में शाम को 5 बजे लौटा तो मेरी बीवी तभी से खाना बनाना शुरू कर चुकी थी ।






7 बज गए स्नेहा ने डिनर बना के तैयार रखा और मुझसे पूछा " तुम्हारा दोस्त आने वाला हे की नही "



में बोला " कुछ देर पहले फोन किया था कह तो रहा था की काम खतम कर निकल गया हे। देखते हे कब तक आ जाता हे "



स्नेहा ने पिंक ब्लाउज और ब्लू सारी पहन रखी थी जो जस रही थी उसमे बाल खुले और उसने मेकअप भी किया था तो अच्छी लग रही थी ।




रात के 8 बजे अखिल ने हमारे घर के दरवाजे पे दस्तक दिया । मैने दरवाजा खोला उसे देख के में भी थोड़ा हैरान था क्यू की कुछ ज्यादा ही लंबा लग रहा था और क्या बॉडी बना के रखा था टी शर्ट फटकने हो रखे थे । दिखने में भी काफी हैंडसम था 6फीट 4 इंच का हो गया था । में उससे गले मिला और उसे अंदर बुलाया ।




में बोला " घर ढूंढने में तो कोई प्राब्लम नही हुई "


अखिल बोला " अरे नहीं जरा भी नही। तू अकेला है क्या भाभी कहा हे जरा अपनी सोनपरी को तो दिखाओ " उसने मजाक किया "




मैने स्नेहा को आवाज दी और स्नेहा कमरे से बाहर आई और मुस्कुराती हुई पास आके अखिल की तरफ हाथ आगे कर के बोली " हेलो कैसे हे आप"


अखिल ने भी स्नेहा से हाथ मिला के बोला " हेलो भाभी में तो एक दम मस्त हूं और आप कैसी हे "


स्नेहा बोली ", में भी ठीक हूं । आइए ना बैठिए "



अखिल को सोफे पे बिठाया हमने स्नेहा पानी लाने गई और हम दोनों दोस्त बाते करने लगे ।



जब स्नेहा ने अखिल को पानी दिया तो अखिल ने स्नेहा को एक गिफ्ट दिया " भाभी शादी में आ नही पाया तो सोचा की कुछ ले के जाऊं तो आपके लिए एक छोटा सा तोफा "



स्नेहा मुस्कुराती हुई अखिल से गिफ्ट ले कर बोली " इसकी क्या जरूरत थी आप इतने प्यार से लाए हे तो में रख लेती हूं और बोहोत बोहोत शुक्रिया आपका "



अखिल बोला " शुक्रिया की कोई बात नहीं बस आपको गिफ्ट पसंद आ जाए यही काफी हे "


स्नेहा बोली " आप दोनो बाते कीजिए में जरा आती हूं "



स्नेहा चली गई और हम दोनो दोस्त गप्पे मारने लगे बोहोत से बाते होने लगी काम धंधा को लेकर वो भी बिजनेस करता था और चार सालों में क्या बदला क्या नहीं घर बार यही सब बाते होने लगी।




उसका एक फोन आया तो में भी स्नेहा को देखने चला गया स्नेहा रसोई में चाय बना रही थी ।


मैने उससे पूछा " बड़ी सहेक रही हो गिफ्ट पा कर "


स्नेहा बोली ", और क्या । पता हे बोहोत महंगी सारी दी है। "



में मजाक में बोला " वो छोड़ो बड़ी सहेकती हुई उससे मिल रही थी पसंद आ गया क्या "


स्नेहा मुझे आखें दिखा के बोली " नहीं। पर काफी हैंडसम हे क्या बॉडी हे आपसे भी ज्यादा अच्छी हे "



में उसकी चूचियां मसलने लगा वो हस पड़ी" सॉरी बाबा मजाक कर रही थी "




स्नेहा शाय ले के गई में भी साथ में गया ।




शाय के साथ हमारी बाते होने लगी । स्नेहा भी काफी इंप्रेस हुई थी अखिल के बातों से । अखिल अपनी बीवी के बारे में बताने लगा साथ में मजाक मजाक में स्नेहा की भी तारीफ करने लगा ।




और बातों बातों में वक्त कैसे निकल रहा था पता ही नहीं चल रहा था रात 10 बजे हमने डिनर किया । फिर अखिल और मैने बालकनी में बैठ के व्हिस्की की बॉटल खोली । स्नेहा भी वाहा आ गई ।




अखिल बोला " भाभी अगर आप पीती है तो आप भी हमारे साथ बैठिए ना"



स्नेहा बोली " अरे नही "


में स्नेहा को बोला " क्या नही। वाइन तो पीती हो तुम "



स्नेहा मुझे आखें दिखा के बोली " तो मैने कब नही पीती बोली । "


अखिल बोला " प्लीज भाभी आप भी बैठिए ना "


स्नेहा बोला " व्हिस्की में नही पी पता । "



में बोला " जा फ्रीज में वाइन हे मैने शाम को ले के आया था "


स्नेहा मुझे घूरते हुए बोली चली गई । कुछ देर बाद स्नेहा आई वाइन की बॉटल ले कर और हमारे साथ बैठ गई । हम व्हिस्की पीने लगे और स्नेहा वाइन। धीरे धीरे बातों के साथ हम तीनो को काफी नशा हो गया था ।



रात 1 बज रहे थे तब भी हम पी रहे थे।




स्नेहा तो मेरे बगल में बैठी थी और मेरे बाहों में आ के खुल रही थी । ये देख के अखिल बोला " भाभी लगता ज्यादा हो गई आपकी "


स्नेहा मुस्कुराती हुई बोली " हा लगता तो हे। "



तब अचानक अखिल ने मुझसे पूछा " तो बताओ दोस्त तुम्हारी भाभी के साथ सेक्स लाईफ कैसी चल रही हे "



स्नेहा तुनक नज़रे ऊपर उठाई और मेरी तरफ देखने लगी तो में भी मुस्कुरा के स्नेहा की जुल्फों से खेलते हुए बोला " बोहोत अच्छी हे हमारी सेक्स लाइफ दोस्त क्यू की मेरी बीवी बोहोत खूबसूरत हे "


स्नेहा बोली " लगता अब मेरा यहां रुकना ठीक नही हे ।"



अखिल बोला " अरे रुको भाभी । और विकास में नही मानता की भाभी इतनी खूबसूरत हे । मेरी बीवी भाभी से बोहोत खूबसूरत हे ।"



स्नेहा की ईर्षा जाग गई और अखिल से बोली " अखिल जी में भी नही मानती की आपकी बीवी मुझसे ज्यादा खुबसूरत है। "


अखिल बोला ", एक मिनिट में आपको फोटो दिखाता हूं "



अखिल ने मोबाइल में हमे एक फोटो दिखाया जो की उसकी बीवी और उसकी थी वो अपनी बीवी को पीछे से बाहों में पकड़ रखा था और दोनो ही टॉपलेस थे । मेरी बीवी शर्मा के मुंह घुमा लिया " तुम मर्द बोहोत घटिया हो "



अखिल हस के बोला " क्यू भाभी देखा मेरी बीवी कितनी खूबसूरत हे और उनके बूब्स कितने आकर्षक है"


में भी मूड में स्नेहा को जलाते हुए बोला " हा यार तेरी बीवी तो बोहोत खूबसूरत हे क्या बूब्स है "
 
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स्नेहा मुझे खा जाने वाली नजरो से घूरने लगी और मेरा गला दबा के बोली " में तुम्हारी जान ले लूंगी । बोल की में सबसे ज्यादा खूबसूरत हूं "


में स्नेहा की होठों पर किस करते हुए बोला " आई लव यू बेबी। मेरे लिए तुमसे ज्यादा और कोई इस दुनिया खूबसूरत नही लगती "



अखिल बोला " ये तो पति का प्यार बोल रहा हे जरा पति के प्यार से बाहर निकल कर देख बाहर की हरियाली ज्यादा खूबसूरत लगेगी "



स्नेहा अखिल को जूता गुस्सा दिखा के बोली " आप चुप रहिए । आप ही मेरे पति को भड़का रहे हे "


अखिल सीरियस हो कर बोला " माफ करना भाभी में बस मजाक कर रहा था । हम दोनो पुराने यार है तो हमारे बीच ऐसी ही मस्ती होती है। "


स्नेहा भी मेरे गोद में आ कर बैठ गई और बोली " में समझती हूं मुझे भी कोई बुरा नही लगा । मुझे भी आप दोनो के सेक्सी बाते सुन के मजा आ रहा हे "




अखिल बोला मुझसे बोला " तो दोस्त याद है स्कूल में हम एक लड़की को चोदा था साथ में "


स्नेहा मेरी तरफ बड़ी बड़ी आखों से घूरने लगी " ये क्या सुन रहा हूं में "


में मुस्कुरा के बोला " बेबी बताया तो था तुम्हे "



स्नेहा बोली " नहीं कॉलेज में बताया था और दो एक साथ नही बोला था । "



में अखिल को बोला " साले तुझे भी अभी याद करना है वो सब "


अखिल हसने लगा । स्नेहा मेरा मुंह पकड़ के बोली " जरा बताओ तो और क्या क्या छुपा रखा हे "



में बोला " और कुछ नही छुपाया । ये में भूल गया था ओके सॉरी "



अखिल बोला " विकाश चार साल बाद मिले है हम । बचपन में तो हमने डेयर डेयर बोहोत खेले हे चलो आज तुझे में एक डेयर देता हूं "




में भी ताओ में बोला " हा बोल क्या डेयर हे "




अखिल व्हिस्की की एक पेग पीते हुए बोला " डेयर ये हे की तू भाभी को मेरे सामने चोद के दिखा "


स्नेहा की ये सुन के हवा निकल गई फटी आखों से मुझे और अखिल को देखने लगी । पर में आया जोश में और बोला " ओके तू देख "



स्नेहा बोली " पागल हो गए हो तुम दोनों। में नही करूंगी ये सब । में जा रही हूं "



में स्नेहा को बाहों में पकड़ के उसे चूम के बोला "बेबी तुम्हे याद हे मैने एक बार कहा था की मेरी फैंटसी हे की तुम्हे किसी को दिखाते हुए एक बार चोदू । प्लीज बेबी "


में स्नेहा की आखों में मिन्नते कर के देखने लगा स्नेहा भी काफी देर मुझे देखती रही और बोली " ठीक हे लेकिन में कपड़े नही उतारूंगी "



में बोला " ओके "



अखिल हस के बोला " अब आएगा मजा दोस्त "



स्नेहा अखिल की बातों से शर्माने लगी पर में स्नेहा की सर पकड़ के उसकी रसीली होठ चूसने लगा और जोश जोश में मेरा लंद भी खड़ा हो गया ।





में स्नेहा को गोदी से उतर के अपना पेंट और चड्डी उतार के सोफे पे बैठ गया और स्नेहा को गोद में बैठने का इशारा किया स्नेहा भी शर्माती हुई सारी को घुटनों तक उठा के अंदर हाथ डाल के अपनी पेंटी निकलने लगी ।




अखिल मुस्कुरा के बोला " ओह तो भाभी आप मुझे नहीं दिखा रही हे लेकिन आपकी टांगे बोहोत खूबसूरत हे "



स्नेहा अखिल को जूता गुस्सा दिखा के घूरती है और मेरी गोद में आ कर टांगे मेरे दोनो जांघ के आस पास रख के सारी घुटनों तक उठा कर मेरे लंद को अपनी चूत पर टिका के धीरे धीरे से बैठ गई और मेरे बाहों में सोमा गई ।





में स्नेहा की होठ चूम के बोला " रूक क्यू गए करो "


स्नेहा ने एक बार अखिल की तरफ देखा जो उसे ही देख रहा था तो स्नेहा शर्मा गई और मेरे गले में बाहें डाले धीरे धीरे कमर हिलाने लगी । मुझे तो बोहोत मजा आ रहा था । धीरे धीरे स्नेहा भी उत्तेजित हो रही थी और मुझे चूम रही थी ।




तब अखिल में अपना तंबू सहलाता हुआ बोला " भाभी क्या में भी अपने खिलोने को अपने हाथ से खेल सकता हूं बाहर निकाल कर "



तब स्नेहा दबी हुई हसी से मुझे इशारे से पूछने लगी तो में मैं बोला " मुझे क्या पूछ रही हो वो तुम्हे पूछ रहा हे "




तब स्नेशा शर्मा के बोली " हम्मम "




अखिल खुशी से अपना पेंट उतार दिया और फिर अपना चाडी भी उतार के बैठ गया और अपने लंद से खेलने लगा लेकिन स्नेहा और में उसका 9 इंच का मोटा लंबा लंद देख के हैरान हो गए ।





अखिल ने स्नेहा से पूछा " पसंद आया भाभी "




मैने देखा की स्नेहा की आखों में अलग ही चमक थी वो शरमाते हुए मुझे आखों से इशारे करने लगी तो में बोला " बार बार मुझे क्यू पूछ रही हो वो तुमसे पूछ रहा हे तुम जवाब दो "



स्नेहा मुझे खा जाने वाली नजरो से देखती हे स्नेहा अखिल को देखने लगी अखिल ने प्यार से पूछा " भाभी बताओ ना पसंद आया की नही "



स्नेहा तब बोली " अच्छा हे बोहोत बड़ा हे आपका "




अखिल अपना लन्ड हिलाते हुए हमारे पास आ कर बैठ गया और स्नेहा का हाथ पकड़ के अपने लंद पर रख दिया वीना पूछे लेकिन स्नेहा ने हाथ खीच लिया और मुझे देखने लगी । तो मैने भी इशारे से उसे पकड़ने को कहा ।




अखिल ने दुबारा स्नेहा का हाथ पकड़ कर अपने लंद पर मुट्ठी मार स्नेहा की हाथ के ऊपर मुट्ठी मार के पकड़ के हिलाने लगा तो इस बार स्नेहा हाथ नहीं हटाई पर शर्म से मुझसे भी नज़रे नही मिला पा रही थी । और अपना कमर हिलाना भी बंद कर दी थी उसने ।





अखिल स्नेहा की हाथों से लंद पकड़वा कर अपना लन्ड हिलाने लगा तो स्नेहा शर्म से अपनी दूसरी हाथ से मेरी आखें ढकने लगी पर मैंने उसका हाथ हटाया और वो मेरे कंधे पर मुंह छुपा के धीरे धीरे कान में बोली " इसका बोहोत हार्ड है बोहोत बड़ा है"


अखिल मुझसे इशारे करने लगा और में उसका इशारा समझ गया और मेरा भी मन होने लगा आखिर मेरी बीवी की चूत में मेरे 5 इंच के जगह अखिल का 9 इंच का लंद घुसने पर कैसा दिखता हे देखने का मन हुआ और मैंने भी हा कर दिया ।
 
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अखिल मेरी सहमति पा कर उठ के स्नेहा को पीछे से उसकी पतली कमर पकड़ कर उठाया और दूसरे सोफे पे लिटा दिया । स्नेहा पहले तो कुछ समझ नहीं पा रही थी पर जब समझी वो चिल्लाई " नही नही । ये नहीं। ऐसा मत करो "




पर अखिल ने जबरदस्ती उसकी टांगे खोल के अपना लन्ड टीका के जोर से धक्का मारा स्नेहा दर्द से बिलबिला कर चीख पड़ी " आईईईई। उफ्फ उफ्फ उफ्फ उफ्फ " और रोती हुई अपनी दोनो हाथों से अखिल को मारने लगी बाल नोचने लगी "


में अखिल को बोला " यार आराम से मेरी बीवी हे "


अखिल बोला " सॉरी सॉरी यार । भाभी सॉरी में जोश में आ गया था "



अखिल स्नेहा की चेहरे को पकड़ के उसकी रसीली होठ चूसने लगा । स्नेहा उसके बड़े भारी बदन के नीचे दबोची हुई थी इसलिए ज्यादा विरोध नही कर पाई । अखिल स्नेहा की रसीली होठ प्यारा से चूसने लगा धीरे धीरे स्नेहा भी शांत पर गई और अखिल ने उसकी होठ 5 मिनिट तक चूचा और फिर स्नेहा की ब्लाउज नीचे कर के उसकी ठोस चूचियां चूसने लगा मसलते हुए स्नेहा ने ब्रा नही पहनी थी ।






में स्नेहा के पास बैठ गया और उसका हाथ पकड़ लिया स्नेहा मेरी तरफ देख के बोली " क्या आप सच में ऐसा चाहते हे आपका दोस्त मुझे "



में हा में सर हिला के बोला ", हा बेबी । आज कुछ नया करते हे ना "



स्नेहा को गुस्सा आ रहा था मुझ पर इसलिए वो अखिल के चेहरे को पकड़ अखिल के होठ चूम के बोली " प्लीज धीरे धीरे से आराम से करिएगा और पूरा मत डालियेगा मेरी रिक्वेस्ट हे आपसे ",



अखिल वासना में स्नेहा को बाहों में भर के बोला " ठीक है भाभी में प्यार से करूंगा ",



उसके बाद अखिल धीरे धीरे से धक्का लगा कर स्नेहा को प्यार से चोदने लगा। स्नेहा ने अपनी आखें बंद कर ली और मुंह सोफे के काउच पर छुपा के गर्म सासें छोड़ने लगी उसके चेहरे में दर्द देख पा रहा था । उसकी चूत बोहोत फैली हुई दिख रही थी जब अखिल का लंद घुस रहा था अखिल अपना आधा लन्ड घुसा रहा था और स्नेहा की बगल सूंघ के मुझे बोला " तू लकी हे भाई तुझे ऐसी कड़क माल मिली है। क्या गंध हे तेरी बीवी की "




कुछ 10 मिनिट बाद स्नेहा का बदन अकड़ने लगा और वो तेज तेज सिसकारियां निकालने लगी अखिल तेज तेज चोदने लगा और बोला " विकास यार बड़ा मजा आ रहा हे मेरी बीवी का अब इतना मजा नही आता "


में हस के बोला " साले अपने बड़े लंद से भोसड़ा बना दिया होगा "



स्नेहा इस आआह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह करती हुई झाड़ गई । अखिल फिर भी उसे चोदे जा रहा था स्नेहा एक बार मेरी तरफ देख के फिर आखें बंद कर ली ।



अखिल उसे 40 मिनिट तक चोदता रहा स्नेहा बुरी तरह थक हार के बोली ", मुझसे और नही होगा प्लीज में तक गई हूं "


अखिल बोला " मेरा होने ही वाला हे भाभी। एक काम करो मुंह से निकाल दो मेरा चूस के "



अखिल उठ के खड़ा हुआ । स्नेहा मुझे गुस्से से देखती ही घुटनों पे अखिल का लंद चूसने लगी और अखिल का गढ़ा माल निकाल आया स्नेहा मुझे दिखाती हुई अखिल का माल पूरा पी गई । अखिल स्नेहा को खड़ा कर उसकी होठ चूम के बोला " थैंक यू भाभी "


स्नेहा भी बोली " थैंक यू मुझे खुश करने के लिए । मुझे नींद आ रही है में सोने जा रही हूं। मेने आपका कमरा लगा रखा है आप सो जाइएगा गुड नाईट "



स्नेहा अपनी सारी संभालती हुई वाहा से चली गई ।


अखिल मुझसे बोला " यार लगता हे गुस्से में हे "


में बोला " हा थोड़ा । चल एक एक पैग लगाते हे नशा उतर गया हे पूरा "


फिर हम बैठ के पीने लगे ।
 

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