Adultery पुलिस वाले की प्यासी बीवी की चुत चुदाई

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प्यासी गरम औरत की सेक्स कहानी में पढ़ें कि पार्क में सैर के वक्त एक सेक्सी भाभी से मेरा नैन मटक्का हुआ. लेकिन मैं बात करने से डरता था. एक दिन वो मेरे पास आयी.
 
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मेरा नाम राज शर्मा है और मैं मूलत: दिल्ली का रहने वाला हूँ.


मेरी मुलाकात एक भाभी से हुई थी जो एक पुलिस वाले की वाइफ थी.


आज मैं इस प्यासी गरम औरत की सेक्स कहानी में आपको उन भाभी के बारे में आपको बता रहा हूँ कि कैसे मैंने पुलिस वाले की वाइफ के साथ सेक्स किया.


पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है. मैं दिखने में काफी स्मार्ट और चार्मिंग हूँ. मेरी उम्र अभी 20 साल है.
मैं स्टडी के साथ साथ जॉब भी करता हूँ.


ये बात करीब एक साल पहले की है, जब मैं अपने घर के पास एक पार्क में वॉकिंग कर रहा था.


मेरी नज़र एक भाभी पर पड़ी, उनकी उम्र 26 साल की रही होगी.
उनके साथ में उनकी छोटी लड़की भी थी.


मैं टहलते हुए सोच रहा था कि भाभी बड़ी दिलकश माल दिख रही हैं, इनसे बात कैसे करूं.


वो एक बेंच पर बैठ गईं और कुछ देर बाद मैं भी उनके सामने वाली बेंच पर जाकर बैठ गया.
मैं भाभी को देखने लगा, थोड़ी में वो भी मुझे देखने लगीं.


उसी वक्त उनके मोबाइल पर किसी का फोन आया और वो बात करने के बाद उठकर जाने लगीं.


मैं भी उनके पीछे चल दिया. मैं भाभी से थोड़ी दूरी बना कर उनका पीछा करने लगा.
मेरा मन उनका घर देखने के लिए व्याकुल था.


कुछ ही देर बाद भाभी अपने घर आ गईं, तो मुझे समझ आ गया कि भाभी का घर पार्क के पास में ही है.


इसी बीच उन्होंने मुझे पीछा करते देख लिया था मगर कुछ कहा नहीं.


अगले दिन मैं रोज की तरह पार्क में वॉक कर रहा था.
वो कल वाली बेंच पर ही मुझे बैठी मिलीं.
आज उन्होंने ब्लैक कलर का कुर्ता और वाइट पजामी पहनी हुई थी.
वो आज कल से भी ज्यादा मस्त माल लग रही थीं.


मैंने उनकी तरफ देखा और आगे बढ़ गया, वो मुझे देखने लगी थीं.


इसी तरह से हम दोनों को एक दूसरे को देखते हुए एक हफ्ता हो चुका था.
सब कुछ ऐसे ही चल रहा था.


एक दिन मैं टहलने के बाद उनके सामने वाली बेंच पर बैठ गया और यूं ही अपने मोबाइल से खेलने लगा.


तभी भाभी मेरे पास आईं और उन्होंने मुझे हैलो बोला.
मैंने भी उन्हें हाय कहा.


उन्होंने मुझसे पूछा कि आप मुझे एक हफ्ते से रोज देखते हो ऐसा क्यों है?
उनकी इस बात पर मैं थोड़ा डर गया और सर झुका लिया.


वो मेरी चुप्पी देखती हुई बोलीं- कोई जवाब तो दो?
फिर मैंने हिम्मत करके कह दिया कि मैं आपको लाइक करता हूँ.


वो हंस पड़ीं और कहने लगीं- मैं भी आपको लाइक करती हूँ.
उनकी इस बात से मेरे चेहरे पर थोड़ी मुस्कान आ गई और मेरी टेंशन खत्म हो गई.


फिर मैंने भाभी से उनका नाम पूछा, तो उन्होंने अपना नाम नेहा बताया.
मैंने कहा- नेहा … बहुत प्यारा नाम है.


इस पर भाभी ने मेरा नाम पूछा, तो मैंने भी उन्हें अपना नाम बता दिया.
फिर भाभी बोलीं- चलो टहलते हुए बात करते हैं.


मैं उठ गया और भाभी के साथ टहलने लगा.
हम दोनों ऐसे ही टहलते हुए बात करते रहे.


कुछ देर बाद मैंने भाभी से उनका मोबाइल नम्बर ले लिया.
मैं अगले दिन बारिश के कारण पार्क में नहीं जा पाया.


अगले दिन भाभी नहीं आई थीं. मैंने उनका मोबाइल लगाया तो बंद आ रहा था.


कुछ इसी तरह की परिस्थितियां बनीं कि उस दिन हम दोनों की मुलाक़ात नहीं हो सकी.


मगर जब रात को मैंने फिर से भाभी का फोन लगाया तो घंटी जाने लगी.
भाभी से बात हुई तो मैंने उन्हें अपना नाम बताया.


भाभी बोलीं- राज, मैं कल बात करूंगी, अभी मेरे पति खाने के लिए इन्तजार कर रहे हैं.
मैंने ओके कह कर फोन काट दिया.


अब मेरा पार्क में आना कम हो गया था मगर मैं भाभी से फोन पर रोज ही बात करने लगा था.


भाभी भी बड़ी मजाकिया स्वभाव की थीं तो हम दोनों काफी फ्रेंडली हो गए थे और जल्द ही हमारे बीच सेक्स की भी बातें होने लगी थीं.


एक मैंने भाभी से मिलने की इच्छा जाहिर की.


उन्होंने कहा- मैं तो खुद ही तुमसे मिलने की इच्छुक हूँ. किसी दिन जब मेरे पति घर पर नहीं होंगे, तो मैं तुमको अपने घर बुला लूंगी.


तीन दिन बाद भाभी ने फोन पर बताया कि एक दो दिन में मेरे पति किसी काम से देहरादून जाने वाले हैं. वो एक हफ्ते बाद वापस आएंगे.
मैंने कहा- आप मुझे बता रही हैं या इनवाइट कर रही हैं?


भाभी हंस कर बोलीं- राज मैं तुमको बुला रही हूँ. अब मुझे भी तुमसे मिलना है.
मैंने कहा- ठीक है भाभी, आपका देवर आपकी सेवा में हाजिर हो जाएगा.


दोस्तो उस समय सर्दी का मौसम था और सर्दी अपने चरम पर थी.
मैं अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी में गुड़गांव में था. उधर से शाम को करीब चार बजे वापस आया.


तभी भाभी की कॉल आ गई.
वो कहने लगीं कि आज 10 बजे रात तक घर आ जाना. मेरे पति 9 बजे तक निकल जाएंगे.
मैंने ‘ठीक है …’ बोल दिया.


आठ बजे मैं एक दोस्त के घर जाने के लिए बोलकर अपने घर से निकल गया.
मैंने रास्ते एक मेडिकल शॉप से कंडोम का पैकेट ले लिया और एक दोस्त के पास बैठ गया.


मैंने उसी के साथ एक होटल में खाना खाया और दोस्त को बाय बोलकर निकल गया.
मैं अब भाभी से बात करने लगा.


आज भाभी से बात करते समय मेरा ऐसा मन कर रहा था कि फोन में घुस कर भाभी को अभी के अभी चोद दूँ.
भाभी ने भैया की विदाई के चक्कर में मुझसे ज्यादा बात नहीं की.


मैं उसी पार्क में बैठ कर सिगरेट पीने लगा और भाभी के फोन का इंतजार करने लगा.


जैसे तैसे मेरा इंतजार खत्म हुआ. दस बजते ही भाभी ने मुझे फोन किया और उनका ग्रीन सिग्नल पाते ही मैं पार्क से निकल गया.


उनके घर का दो मिनट का रास्ता था तो मैंने भाभी के घर के पहले ही उन्हें मोबाइल पर घंटी दे दी, उन्होंने आकर मेन गेट खोल दिया.


चूंकि सर्दी की ठंडी लहर चल रही थी और हाड़ कंपकंपाने वाली हवा चल रही थी.
मैं बाइक चला कर आया था तो मुझे बहुत सर्दी लग रही थी.


मैंने उनके घर के बाहर बाइक खड़ी की और अन्दर चला गया.
भाभी ने मेरे अन्दर आते ही दरवाजे लगा दिए और मुझसे बैठने के लिए बोला.


मैं सोफे पर बैठ गया.


वो इठला कर बोलीं- तुम बैठो राज, मैं दो मिनट में चेंज करके आती हूँ.


ये कह कर भाभी गांड मटकाती हुई बाथरूम में चली गईं.
उधर से 5 मिनट बाद बाहर आईं और किचन से मेरे लिए गर्म दूध लेकर आ गईं.


भाभी डार्क ब्लू कलर की शिफोन की झीनी सी नाइटी पहन कर आई थीं.
इस नाइटी में भाभी बड़ी मस्त माल लग रही थीं, उनके मम्मों के उभार साफ़ नुमाया हो रहे थे; गांड चुत से उनकी नाइटी चिपक कर भाभी के हर अंग को साफ़ झलका रही थी.


मैं तो बस भाभी को एकटक देखता ही रह गया.
भाभी का फिगर 36-28-38 का था.


आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक शिफोन की नाइटी में इस मदमस्त फिगर की झांकी किस तरह से लंड खड़ा कर देने वाली होगी.


फिर भाभी ने इठला कर कहा- राज, देखते ही रहोगे या दूध भी पियोगे.
मैंने कहा- हां, मुझे दूध पीना है.


वो हंस कर बोलीं- धीरे धीरे पीना, बहुत गर्म है.
मैंने कहा- मैं फूंक फूंक कर दूध पियूंगा.


भाभी हंस पड़ीं और मेरे बाजू में बैठ कर मेरे तरफ गिलास बढ़ा कर बोलीं- लो देवर जी ये रहा दूध कर गिलास, मुँह से लगाओ और पी लो.
मैंने भी हंस कर उनकी तरफ देखा और गिलास अपने हाथ में ले लिया.


अब मैं दूध पीते हुए उनसे बात करने लगा.
मैंने भाभी से पूछा कि आपके पति ऐसा क्या काम करते हैं, जो उन्हें एक सप्ताह के लिए बाहर जाना पड़ा.


उन्होंने बताया कि मेरे पति पुलिस में हैं और किसी चुनाव ड्यूटी में गए हैं.
भाभी के पति पुलिस में काम करते हैं, ये सुनकर मेरी गांड फट गई.


थोड़ी देर में मैं नॉर्मल हुआ और भाभी को टच करने लगा.


भाभी ने भी आगे बढ़ कर मेरे होंठों पर किस कर दी.
जवाब में मैंने भी चूमा चाटी करना शुरू कर दिया.
इस तरह से किस करते हुए हम दोनों गर्म हो गए.


मैंने भाभी के कपड़े उतारने की कोशिश की.
तो उन्होंने अपनी नाइटी की डोरी को खोलने का इशारा किया.


मैंने डोरी ढीली कर दी … तो नाइटी भाभी के कंधों पर लटक गई.
उनकी काली ब्रा पैंटी में उनका दूधिया बदन मुझे कामातुर कर रहा था.


इसी बीच भाभी ने भी मेरे कपड़े उतारना शुरू कर दिए थे.
थोड़ी ही देर में उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और मुझे एक फ्रेंची में कर दिया.


इसी के साथ भाभी ने अपनी नाइटी को हटा कर एक तरफ रख दिया.
वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में रह गई थीं.


मैंने भाभी की जांघ पर एक किस किया तो वो आह आह करने लगी.
उनके मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं- अहहा … आहह उहह … उम्म्म राज!


मैंने भाभी की ब्रा उतार दी और उनके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया.
भाभी भी मस्त होने लगीं और अपने दोनों दूध मेरे मुँह में बारी बारी से देने लगीं.


उनका हाथ मेरे लौड़े पर भी जा रहा था.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर उनके सामने लहराना शुरू कर दिया.


भाभी मेरे कड़क लंड को देख कर मदहोश होने लगीं. मेरे लंड का लाल सुपारा भाभी को उत्तेजित करने लगा था.


मैंने भाभी से लंड चूसने के लिए बोला.
मेरा फनफनाता लंड देखकर भाभी की आंखों में अजीब सी चमक आ गई और वो घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगीं.


उनकी जीभ और मुँह की गर्मी से मुझे लंड चुसवाने चटवाने में जन्नत का सुख मिल रहा था.


कुछ देर बाद मैंने भाभी से 69 की पोज़िशन में आने को कहा.
वो अपनी पैंटी उतार कर फर्श पर बिछे कालीन पर ही लेट गईं और मैं भाभी की चिकनी चुत पर अपना मुँह लगा कर लेट गया.


जैसे ही मैंने भाभी की चिकनी चुत पर अपनी खुरदरी जीभ लगाई, वो एकदम से सिहर उठीं और कुछ ही पलों में मस्त हो गईं.


मैं भाभी की चुत चाट रहा था और चुत के दाने को चुभला रहा था.
इससे भाभी की चुत जल्दी ही रस छोड़ने लगी.


करीब पांच मिनट में ही भाभी अकड़ उठीं और उन्होंने मेरे मुँह पर ही अपनी चुत का रस झाड़ दिया.


मगर मैं अभी नहीं झड़ा था तो मेरा खड़ा लंड भाभी के मुँह में ही था.
मैं भाभी की चुत चाटने लगा.


कुछ देर बाद भाभी उठकर वॉशरूम जाने लगीं और मुझसे बोलीं- कमरे में चलो … इधर नहीं.


वो कमरे के बाथरूम में घुस गईं और सूसू करके अपनी चुत साफ करके वापस कमरे में आ गईं.


अब तक मैं भी उनके कमरे के बिस्तर पर नंगा लेटा हुआ अपने लंड को सहला रहा था.


वो मेरे लंड को देख कर बोलीं- ये नहीं झड़ा क्या?
मैंने हंसते हुए भाभी को लेटा दिया और दोबारा से उनकी चुत चाटने लगा.


वो धीरे धीरे फिर से गर्म हो गईं और सिसकारियां लेने लगीं- उह उई ईहह उम्म्ह ओह यहह!


अब भाभी ने कहा- अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता राज … अपना मूसल मेरी चुत के अन्दर डाल दो.
मैंने पूछा- कंडोम लगा कर या बिना कंडोम के?


भाभी बोलीं- चमड़ी से चमड़ी की रगड़ कर सुख अलग ही होता है डियर.
मैंने समझ गया और अपना लंड सहला कर भाभी की चुत की फांकों में सैट करक डालने लगा.


मेरा लंड अभी भाभी की चुत के अन्दर गया ही था कि उनकी चीख निकलने लगी- अहह उईईई मांआआ … मररर गई राज … निकालो इसे बाहर बहुत मोटा है.


मैं भाभी की चिल्लपौं को नजरअंदाज करते हुए उन्हें क़िस करने लगा, एक हाथ से उनके चुचे दबाने लगा.
भाभी कुछ शांत हुईं, तो मैंने धीरे धीरे उनकी चुत में लंड पेलना चालू कर दिया.


करीब दो मिनट बाद भाभी नॉर्मल हो गईं.
अब भाभी को भी चुदने में मजा आने लगा था.


मैंने अपनी स्पीड पकड़ ली और पूरे रूम में ‘ठप ठप …’ और ‘अहह उहह उईईहह …’ की आवाज़ गूंजने लगी.


मैं भाभी की चुत को ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था.
भाभी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थीं.


इसी बीच वो बोल रही थीं- आह राज … तेज करो आह … और तेज मेरे राज … साले तू बड़ा मस्त चोदता है.
मैंने कहा- हां भाभी, आप भी मस्त चुद रही हो.


भाभी- बड़ी बेरहमी से चोदते हो राज … अब तक ऐसे तुमने कितनी लड़कियों को चोदा है!
मैंने कहा- भाभी, मैं सभी को ऐसे ही बेरहमी से चोदता हूँ … आप बारहवीं चुत हो, आपसे पहले ग्यारह को चोद चुका हूँ. आप तो मेरे लंड के मजे लो बस … आह आह भाभी सच में आपकी चुत बड़ी टाईट है.


मैंने चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी. अब वो झड़ने वाली हो गई थीं.


फिर वो जैसे ही झड़ीं, उन्होंने अपने नाख़ून मेरी कमर में गड़ाने शुरू कर दिए और मेरे गले में एक लव बाईट भी कर दिया.


कुछ पलों के बाद भाभी झड़ कर निढाल हो गई और बिस्तर पर चित लेट गईं.


अभी मेरा नहीं हुआ था, मैं अब भी धक्के देता रहा.


मेरी टाइमिंग काफी देर वाली है, मैं भाभी की चुत की चुदाई करता रहा.


वो दुबारा गर्म ही नहीं हो रही थीं, एकदम लस्त होकर ठंडी पड़ी थीं.


मैं रुक गया और लंड चुत से निकाल कर दोबारा से भाभी की चुत को चाटना शुरू कर दिया.
चुत चाटने से भाभी दोबारा गर्म हो गईं.


मैंने फिर से लंड चुत में पेला और शॉट लगाने शुरू कर दिए.
अब तक की चुदाई में भाभी दो बार झड़ चुकी थीं.


तीसरी बार में मैं भी भाभी की चुत में ही झड़ गया. झड़ने के बाद मैं भाभी के ऊपर ही लेट गया.


थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे. फिर भाभी मेरे लिए कॉफ़ी बना कर लाईं और कहने लगीं.


भाभी- राज मैंने पहली कभी ऐसी चुदाई नहीं कराई, जैसी तुमने मेरी आज की है. पूरा बदन तोड़ कर रख दिया है.
मैं मुस्कुरा दिया.


फिर ऐसे ही मैंने भाभी को एक हफ्ते तक लगातार चोदा.
 
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