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राज को जैसे इसी घड़ी का इंतजार था। उसकी बहन भी अब तैयार थी! पलक झपकाते ही उसने अपने लन्ड को निशाने पर दागा और करारा जहटका दे कर अपने हैवानी लन्ड को डॉली की चूत में गहरा उतार दिया।
“अमममम :: : उंघ! उंघ! उ उ उ उ हह, या ऊपर वाले! राज !”, राज का लन्ड जैसे ही टट्टों तक उसकी चूत के आगोश में समाया, तो सोनिया की चूत में ढूंसे हुए डॉली के मुँह से चीख निकली।
राज हमेशा से अपनी जुड़वाँ बहन की चूत की टाइट गिरफ़्त का कायल था। चाहे जितनी बार उसे चोद ले, उसके लन्ड पर हर वक़्त ऐसा एहसास होता था जैसे एक गरम, मखमली म्यान में जकड़ा हुआ हो! जिस वहशियाना रफ़्तार से उसका भाई अपने कमाल के मोटे लन्ड से उसकी चूत को चोद रहा था, उसी रफ़्तार से डॉली सोनिया की लिसलिसाती चूत में अपनी जुबान चलाती हुई राज के जिस्म के नीचे कराह और ऐंठ रही थी। ऐसा लगता था कि उसकी कोख राज के मजबूत लन्ड से भर गयी यै और हर दफ़ा जब उसका फूला सुपाड़ा कोख़ पर लगता था, तो उसके सारे बदन में एक तेज और खुशगवार झटका दे जाता था।
या भगवान! राज चोद मुझे ! और तेज ! आँह आँह आँह! क्या लन्ड है!” जैसे उसका भाई उसकी कंपकंपाती चूत को लम्बे, गहरे और ताकतवर झटके मार कर चोदे जा रहा था,
डॉली को अपना मुंह सोनिया की चूत पर कायम रखने में और दिक्कत हो रही थी। डॉली ने अपने मुं से नये जोश के साथ सोनिया की चूत में खौफ़नाक हरकत जारी रखि। वो सोनिया की चूत के लाल, लिसलिसाते माँस चो चाटती हुई अपनी जुबान को चूत में गहरा घुसा रही थी। सोनिया ने अपने कुल्हे नीचे को दबा कर डॉली के ऊपार ताकते चेहरे पर और कसा और अपने मखमली पेड़ को उसकी गरम टटोलती जुबान पर मसलने लगी। । “ओहहहहह ! डॉली! बढ़िया! चाट मेरी चूत हरामजादी! मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद !” हवस में दीवानी होती लौन्डिया ने कराहते हुए कहा।
सोनिया के नारंगी जैसे गोल पुख्ता और रसीले मम्मे राज के चेहरे के सामने ऊपर-नीचे झुलते हुए उसे ललचा रहे थे। बहन की चूत में अपने लन्ड की दनादन रफ़्तार को कम किये बगैर, राज आगे को झुका और सोनिया के एक सख्त, गुलाबी निप्पल को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा। सोनिया मस्ती से चीख पड़ी। अब उसके जवाँ जिस्म को दो मुँह चाट - चाट कर मचला रहे थे। ऐसी मस्ती उसके बर्दाश्त के बाहर थी!
“दोनों भाई-बहन कितने हरामी हैं! ओहह ओहह! उंह हा! राज मैं झड़ रही हूं! उंह आँह! डॉली चोचले को भी चूस! आँह आँम्ह आँह !” |
डॉली ने जब उसके धड़कते हुए चोंचले को अपने मुँह के अंदर लेकर एक छोटे से कड़क लन्ड की तरह चूसना चालु किया और अपने गाल पर सोनिया की जाँघों की माँसपेशियों को सिकुड़ते और कसते हुए महसूस करने लगी।
साथ ही राज ने भी अपने हाथ को सोनिया के निप्पल से ऊपर सरका कर पहले उसकी भींची हुई गर्दन पर सहलाया, फिर उसके खुले मुँह की ओर बढ़ाने लगा। सोनिया ने अपने मुँह को राज के मुँह पर झुकाया, दोनों के मुँह एक दूसरे से चिपके और दोनों जुबाने चूसने, टटोलने और आपस में रगड़ने ल गीं।
“अमममम :: : उंघ! उंघ! उ उ उ उ हह, या ऊपर वाले! राज !”, राज का लन्ड जैसे ही टट्टों तक उसकी चूत के आगोश में समाया, तो सोनिया की चूत में ढूंसे हुए डॉली के मुँह से चीख निकली।
राज हमेशा से अपनी जुड़वाँ बहन की चूत की टाइट गिरफ़्त का कायल था। चाहे जितनी बार उसे चोद ले, उसके लन्ड पर हर वक़्त ऐसा एहसास होता था जैसे एक गरम, मखमली म्यान में जकड़ा हुआ हो! जिस वहशियाना रफ़्तार से उसका भाई अपने कमाल के मोटे लन्ड से उसकी चूत को चोद रहा था, उसी रफ़्तार से डॉली सोनिया की लिसलिसाती चूत में अपनी जुबान चलाती हुई राज के जिस्म के नीचे कराह और ऐंठ रही थी। ऐसा लगता था कि उसकी कोख राज के मजबूत लन्ड से भर गयी यै और हर दफ़ा जब उसका फूला सुपाड़ा कोख़ पर लगता था, तो उसके सारे बदन में एक तेज और खुशगवार झटका दे जाता था।
या भगवान! राज चोद मुझे ! और तेज ! आँह आँह आँह! क्या लन्ड है!” जैसे उसका भाई उसकी कंपकंपाती चूत को लम्बे, गहरे और ताकतवर झटके मार कर चोदे जा रहा था,
डॉली को अपना मुंह सोनिया की चूत पर कायम रखने में और दिक्कत हो रही थी। डॉली ने अपने मुं से नये जोश के साथ सोनिया की चूत में खौफ़नाक हरकत जारी रखि। वो सोनिया की चूत के लाल, लिसलिसाते माँस चो चाटती हुई अपनी जुबान को चूत में गहरा घुसा रही थी। सोनिया ने अपने कुल्हे नीचे को दबा कर डॉली के ऊपार ताकते चेहरे पर और कसा और अपने मखमली पेड़ को उसकी गरम टटोलती जुबान पर मसलने लगी। । “ओहहहहह ! डॉली! बढ़िया! चाट मेरी चूत हरामजादी! मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद !” हवस में दीवानी होती लौन्डिया ने कराहते हुए कहा।
सोनिया के नारंगी जैसे गोल पुख्ता और रसीले मम्मे राज के चेहरे के सामने ऊपर-नीचे झुलते हुए उसे ललचा रहे थे। बहन की चूत में अपने लन्ड की दनादन रफ़्तार को कम किये बगैर, राज आगे को झुका और सोनिया के एक सख्त, गुलाबी निप्पल को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा। सोनिया मस्ती से चीख पड़ी। अब उसके जवाँ जिस्म को दो मुँह चाट - चाट कर मचला रहे थे। ऐसी मस्ती उसके बर्दाश्त के बाहर थी!
“दोनों भाई-बहन कितने हरामी हैं! ओहह ओहह! उंह हा! राज मैं झड़ रही हूं! उंह आँह! डॉली चोचले को भी चूस! आँह आँम्ह आँह !” |
डॉली ने जब उसके धड़कते हुए चोंचले को अपने मुँह के अंदर लेकर एक छोटे से कड़क लन्ड की तरह चूसना चालु किया और अपने गाल पर सोनिया की जाँघों की माँसपेशियों को सिकुड़ते और कसते हुए महसूस करने लगी।
साथ ही राज ने भी अपने हाथ को सोनिया के निप्पल से ऊपर सरका कर पहले उसकी भींची हुई गर्दन पर सहलाया, फिर उसके खुले मुँह की ओर बढ़ाने लगा। सोनिया ने अपने मुँह को राज के मुँह पर झुकाया, दोनों के मुँह एक दूसरे से चिपके और दोनों जुबाने चूसने, टटोलने और आपस में रगड़ने ल गीं।