Surya94
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अनिल अपनी बहु की बात सुनते ही अपनी कमीज में हाथ ड़ालते हुए उसे उतार दिया, अनिल ने कमीज के नीचे कुछ नहीं पहना था । अनिल के सीने पर सफैद रंग के घने बाल थे, अनिल की बॉडी इतनी ज़्यादा आकर्षक नहीं थी क्योंकी उसकी उम्र ६० साल होने की वजह से उसकी बॉडी ढीली हो चुकी थी ।
अनिल ने अपनी लुंगी में हाथ ड़ालते हुए उसे भी अपने जिस्म से अलग कर दिया । धोती के उतरते ही अनिल का लंड तना हुआ ऊपर नीचे होते हुए रेखा को सलामी देने लगा, अब ससुर और बहु दोनों बिलकुल नंगे बंद कमरे में एक दुसरे के सामने थे।
"हाय बाबूजी आपका तो बुहत बड़ा और मोटा है", रेखा ने अपने ससुर के लंड को गौर से देखते हुए कहा।
"क्यों तुम्हारे पति का बड़ा नहीं है?", अनिल ने अपनी बहु को देखते हुए सवाल किया।
"बेडा तो है मगर आपके जितना नहीं और आपका बुहत बुहत मोटा है", रेखा ने वेसे ही अपने ससुर के लंड को देखते हुए कहा ।
अनिल अपनी बहु की बात सुनते ही उसके क़रीब आते हुए बोले "देख लो बेटी फिर मत कहना के सही तरह से नहीं देखा"।
अनिल अब बिलकुल अपनी बहु के सामने खडा था, उसके लंड और रेखा के चेहरे के बीच ४,५ इंच का मुफसिला था । रेखा की साँसें अपने ससुर का लंड इतने क़रीब देखकर बुहत ज़ोर से चलने लगी ।
"बाबूजी मैं आपके इस को छू सकती हूँ?", रेखा ने अपनी थूक गटकते हुए अपने ससुर के लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा।
"हाँ बेटी क्यों नहीं मेरे लंड को अपना ही समझो, मगर तुम अब भी शर्मा रही हो इसका नाम भी नहीं ले रही हो" , अनिल ने शिकायत करते हुए कहा।
"बापु जी हम आपके लंड को छू रहे है", यह कहते हुए रेखा ने अपना हाथ से अपने ससुर के लंड को पकड़ ली,
"आह्ह अपने बहु के नरम हाथ अपने लंड पर पड़ते ही अनिल के मूह से निकल पडा" । रेखा की भी हालत अपने ससुर का लंड पकडकर बिगड चुकी थी उसे अपने पूरे जिस्म में बुहत ज़ोर की उत्तेजना हो रही थी ।
"बेटी तुम ने तो मेरे लंड को पकार लिया, क्या हम भी तुम्हारे जिस्म को छु सकते है", अनिल ने उत्तेजना के मारे सिसकते हुए कहा।
"बाबू जी आप भी हमारे जिस्म को छु कर देखे लीजिये "
रेखा ने फिर से उत्तेजना के मारे बेशरमी से कहा, अनिल ने अपनी बहु की बात सुनकर जल्दी से अपने दोनों हाथ बढाते हुए अपनी बहु की दोनों बड़ी बड़ी चुचियों पर रख दिए । अनिल अपने हाथों से अपनी बहु की बड़ी और नरम चुचियों को सहलाने लगा ।
रेखा अपनी चुचियों पर अपने ससुर के हाथ पड़ते ही उत्तेजना के मारे उसके लंड को ज़ोर से सहलाने लगी, अनिल की हालत भी बुहत बुरी हो चुकी थी । वह अब अपनी बहु की चुचियों को बुहत ज़ोर से दबाने लगा। रेखा की चूत में आग लग चुकी थी उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकल रहा था।
रेखा से रहा नहीं गया और उसने अपना चेहरा नीचे करते हुए अपने ससुर के लंड को चूम लिया।
"आह्हः बेटी यह क्या कर दिया तुमने", अनिल ने अपनी बहु के होंठ अपने लंड पर पड़ते ही ज़ोर से सिसकते हुए कहा ।
"क्यों बाबूजी आपको अच्छा नहीं लगा", रेखा ने फिर से अपने हाथ से अपने ससुर के लंड को सहलाते हुए कहा।
"नही बेटी मुझे तो बुहत अच्छा लगा, मगर खडे खडे मेरी टांगों में भी दर्द हो रहा है", अनिल ने अपनी बहु की चुचियों को सहलाते हुए कहा ।
"बाबूजी आप भी ऊपर आ जाओ", रेखा ने अपने ससुर के लंड को छोडते हुए कहा, अनिल भी अपनी बहु की चुचियों को छोडते हुए बेड पर चढकर बैठ गया । "बेटी जैसे तुमने मेरे लंड को चूमा वैसे ही मुझे भी तुम्हारी चूत को चूमना है", अनिल ने अपनी बहु की झाँटों से भरी चूत को देखते हुए कहा ।
"बाबूजी आप तो बड़े बदमाश है, ठीक है हम तैयार हैं। मगर आप सिर्फ चूमेंगे और कोई हरकत नही", रेखा ने अपने ससुर की बात सुनते ही सीधे लेटते हुए कहा।
"हा बेटी हम तुम्हारी चूत को सिर्फ चूमेंगे", अनिल ने अपनी बहु की बात को सुनते ही उसकी टांगों को पूरी तरह फैलाते हुए कहा।
रेखा की दोनों टांगों के फ़ैलने से उसकी चूत खुल कर उसके ससुर के ऑंखों के सामने आ गयी, रेखा की चूत के छेद से उत्तेजना के मारे पानी की बूँदे निकल रही थी ।अनिल अपनी बहु की चूत के छेद को बड़े गौर से देखते हुए उसकी टांगों के नीचे आ गया ।
अनिल ने अब नीचे झुकते हुए अपना मुँह अपनी बहु की चूत के पास कर दिया, "वाह बेटी तुम्हार चूत की खुशबु तो बुहत बढिया है"।
अनिल ने अपना मूह अपनी बहु की चूत के पास आते ही अपने नाक से साँस खींचते हुए कहा। अनिल कुछ देर तक अपनी बहु की चूत की महक सूँघने के बाद अपने होंठ अपनी बहु की चूत के होंठो पर रख दिए।
"आह्हः श अपने ससुर के होंठ अपनी चूत पर लगते ही रेखा के सारे बदन में चीटियाँ रेंगने लगी" ।
"क्या हुआ बेटी तकलिफ हो रही है क्या?", अनिल ने अपनी बहु की चूत से अपने होंठो को हटाते हुए कहा और फिर से अपने होंठ अपनी बहु की चूत पर रखते हुए उसकी चूत से निकलता हुए पानी अपने होंठो से चूसने लगा।
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