परिवार में सबके साथ धुंआधार चुदाई

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परिवार में सबके साथ धुंआधार चुदाई।
पार्ट-1
मै राजवीर राजस्थान से हूँ।
मेरे परिवार में बहुत सी चूते है।
मैंने बहुत चूते मारी है, लेकिन सबसे पहली चुत मैंने मेरी मौसी की मारी थी।
अब मैं सबका आपसे परिचय करवा देता हूं।
सबसे पहले मेरी बड़ी मामी नाम- मीनाक्षी उम्र- 55 साल विधवा, फिगर 40c-38 42, रंग- सांवला।
अब मेरी बड़ी मामी की लड़की प्राची उम्र- 30 साल शादीशुदा, फिगर 36b-34 40, रंग- सांवला।
बड़ी मामी की बहू आकांशा उम्र- 33 साल शादीशुदा, फिगर 32b-30 34, रंग- गौरा।
अब छोटी मामी सुमित्रा उम्र- 53 साल शादीशुदा, फिगर 34b-33 36, रंग- गौरा।
छोटी मामी की लड़की ग़ज़ल उम्र- 31 साल शादीशुदा, फिगर 38b-34 40, रंग- गौरा।
अब मेरी बड़ी मौसी जय उम्र- 58 साल विधवा, फिगर 34b-32 36, रंग- सांवला।
छोटी मौसी हेमा उम्र- 54 साल शादीशुदा, फिगर 42d-36 46, रंग- गौरा, कद छोटा, शक्ल बिल्कुल विद्या बालन जैसी और पूरे खानदान में सबसे मोटे मुममे और गाँड़।
छोटी मौसी की बहू नाविका- उम्र- 28 साल शादीशुदा, फिगर 34b-32 38, रंग- गौरा।
अब मेरी मम्मी मधुबाला उम्र-56 साल, शादीशुदा, फिगर 38c-36 38, रंग- गौरा।
अब मेरी दीदी दीपिका उम्र- 35 साल, शादीशुदा, फिगर 34c-36 40, रंग- गौरा बड़ी गाँड़।
बाकी और भी आती रहेंगी कहानी में।
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पार्ट-2
मैं राजवीर 25 साल का हूँ मेरा लण्ड 8 इन्च लम्बा है और गोलाई 4 इंच है।

मैंने जीवन की सबसे पहली चुदाई मेरी छोटी मौसी के साथ जो पंजाब में रहती है, जो 54 साल की है और थोङी मोटी है के साथ की, उसके बाद उसने मुझे बहुत सी चूते दिलवाई।
चुदाई से पहले मैंने कभी मौसी के बारे मे ऐसा कुछ नही सोच था, मैं अपनी मौसी को माँ की तरह ही मानता था और मौसी भी मुझे अपने बेटे जितना ही प्यार करती थी, मौसी का बेटा और मैं एक ही उम्र के है तो हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी है और जब भी मैं मौसी के घर जाता था तो वहाँ हुम सब एक ही रूम में सोते थे, सबसे पहले मौसा, फिर उनका लड़का, फिर मौसी और मौसी के साथ मैं। मैं जब मौसी के साथ सोता था तो मेरी आदत थी कि अपना हाथ मौसी के पेट पर और अपना एक पैर मौसी की मोटी मोटी जांघो पर रख कर सोता था, मौसी को भी इस बात से कोई दिक्कत नही थी, बल्कि वो भी मुझे कस कर गले लगा कर सोती थी। लेकिन तब भी कभी कुछ गलत नही सोचा था। मौसी बहुत बार मुझे अपने गले लगती थी और मेरे गाल पर किस करती थी, पर वो माँ बेटे का प्यार था।
तो अब मैं कहानी शुरू करता हुँ 5 साल पहले हम सभी मेरी तीन मौसीयाँ तीन मामा और हमारा परिवार हरिद्वार घूमने
गये। हम 35 लोग थे, इसलिए हमने एक बस बुक की ताकि सब आराम से जा सके। मेरे बड़े मामा और हम एक ही शहर में रहते है, बाकी सब अलग अलग शहरों में रहते है तो ये निश्चय हुआ कि सब मामा के घर इक्कठे होने का प्लान बनाया की यहाँ से सुबह जल्दी निकलेंगे। सुबह जल्दी निकलना था इसलिए सब एक दिन पहले ही मामा के घर आ गए, लेकिन मैं और मेरी छोटी मौसी का लड़का देव जो मेरी ही उम्र का है, हम दोनो हमारे घर चले गए सोने क्योकि हमारा घर मामा के घर के पास ही है। हम हमारे घर आये और मम्मी पापा के बेडरूम में सोने का सोचा क्योकि वहाँ टीवी था, हम दोनों रात मम्मी पापा के बैडरूम में टीवी देखने लगे और 3 घंटे बाद का अलार्म लगा लिया, तभी टीवी पर एक हॉलीवुड मूवी में हीरोइन टॉपलेस आ गयी, उसे देख कर हम दोनो गर्म होने लगे, मैंने सिर्फ कच्छा पहना हुआ था, मेरा लन्ड उसमे से फुला हुआ दिखाई दे रहा था। देव और मै अच्छे दोस्त थे और एक दूसरे को अपनी सभी बातें बताते थे तो उसके सामने कोई शर्म नही थी, देव मेरे कच्छे का उभार देख कर कहा कि लगता है बहुत गर्म हो गया तू, मैंने कहा, हाँ देव अब तो मुठ मारने का मन कर रहा है, तो उसने बोला कि ब्लू फिल्म लगाते है, तो हम ब्लू फिल्म देखने लगे। ब्लू फिल्म में एक मल्लू आंटी तो लड़को के साथ चुदवा रही थी, एक लड़का तो दूसरे लड़के का लन्ड भी चूस रहा था, ये देख कर मेरा लन्ड कच्छा फाड़कर बाहर आने को हुआ तो मैंने अपना कच्छा उतार कर लन्ड हिलाना शुरू कर दिया, मेरा लन्ड देख कर देव बोला इतना बड़ा, तो मैंने कहा तेरा दिख। ये सुन देव ने भी अपना कच्छा उतार दिया, जब मैंने उसका लन्ड देखा तो वो मेरे लन्ड का आधा था। फिर हम दोनो लन्ड हिलाने लगे, तभी मूवी में एक लड़का दूसरे का लन्ड चूसने लगा, ये देख मैं बोला की काश कोई मेरा भी लन्ड चूसे तो उसने बोला की चल हम एक दूसरे की मुठ मारते है, फिर हम एक दूसरे का लन्ड हिलाने लगे, 2 मिनट बाद ही देव जोर जोर से आवाज़ निकालनें लगा और वो झड़ गया, पर मेरा लन्ड वैसे ही खड़ा था, तो मैंने उसे कहा कि भाई प्लीज्, मेरा लन्ड चूस ले, पहले उसने मना किया, पर बहुत कहने पर मान गया और फिर उसने मेरे लन्ड के टोपे पर अपनी जीभ लगाई। आआहाहहहहहहहह मुझे लगा जैसे मैं जन्नत में हु, फिर उसने टोपे को अपने मुँह में ले लिया।मैं तो पागल होने लगा, फिर वो आधा लन्ड मुँह में डाल कर चूसने लगा। 5 मिनट में मेरा पानी उसके मुँह में निकल गया, जो उसने मेरे पेट पर थूक दिया, फिर में बाथरूम में गया और खुद को साफ किया।
फिर देव मेरा लन्ड हाथ में लेकर सो गया, 1 घंटे बाद अलार्म बजा तो हम दोनों उठे, मैंने चाय बनाई, चाय पीकर हम फ्रेश हुए और एक साथ नहाने गए, नहाते हुए देव ने फिर मेरा लन्ड चूसा।
फिर तैयार होकर हम मामा के घर चले गए, 5 मिनट में हम मामा के घर गए।
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पार्ट -3
5 मिनट में हम मामा के घर पहुंच गए, तो अभी कोई तैयार नही हुआ था, सब चाय पी रहे थे। मेरी मम्मी, छोटी मौसी ओर दोनो मामीयां किचन में सबके लिए रास्ते के लिए खाना बना रही थी, देव और मैं किचन में गए तो मेरी मम्मी पुरिया तल रही थी, छोटी मामी पैक कर रही थी, मेरी छोटी मौसी और बड़ी मामी दोनो नीचे बैठ कर पुरिया बेल रही थी, जिस से उनके बड़े बड़े मुम्मे हिल रहे थे, बड़ी मामी ने नाइटी पहनी थी, जिसमे मुम्मे बहुत ज्यादा हिल रहे थे, मैंने इस बात पर ध्यान नही दिया पर देव ने मुझे इशारा कर के वहां देखने को कहा, तो मामी को देखते हुए मेरा ध्यान मौसी पर भी गया, तो उसके मुम्मे सबसे बड़े थे, वो भी हिल रहे थे, पर मामी से कम, फिर मैंने देखा कि देव मेरी मम्मी के मुम्मे घूर रहा है, ये देख कर मुझे गुस्सा आया। फिर मैंने देखा कि मम्मी के मुम्मे भी बड़े है। फिर हम वहां से बाहर आये तो
देव- कैसे लगे मामी के मुम्मे, राज- मस्त है, पर वो अपनी मामी है
देव- सब रिश्ते चुदाई के होते है, चुदाई कभी रिश्ता नही देखती, मैं भी तो तेरा भाई हु, फिर भी तेरा लन्ड चूसा।
राज- पर भाई ये सब गलत है, हमे ये सब नही सोचना चाहिए।
देव- ऐसे कुछ नही होता, मैंने तो मेरी मम्मी मौसी के मुम्मे भी देखे, मम्मी के मुम्मे कैसे हिल रहे थे, और मौसी का पसीना उनके गले से होता हुआ उनके मुममों में जा रहा था।
राज- ये क्या बकवास कर रहा है तू, अपनी माँ और मौसी के बारे में।
देव- चुप कर, तू भी तो मेरी माँ के हिलते मुम्मे देख रहा था।
राज- सॉरी देव, पर ये गलत है
इतने में मौसी की आवाज आई कि राज जरा इधर आना बेटा, तो मैं किचन में गया और देव भी मेरे साथ था। किचन मे ऊपर से एक डिब्बा उतारना था। उसके लिए मुझे बुलाया था, क्योकि घर मे सबसे ज्यादा हाइट मेरी है, 6 फ़ीट ओर देव 5.5 । वो डिब्बा काफी ऊंचा था इसलिए मुझे भी स्टूल पर चढ़ना पड़ा उसे उतारने के लिए, जब मैं स्टूल पर चढ़ा तो छोटी मामी मेरे पास खड़ी थी डिब्बा लेने के लिए क्योकि उनको डिब्बा चाहिए था, जब मैं डिब्बा उतारने के लिए ऊपर चढ़ने लगा तो मेरी नज़र बड़ी मामी और मौसी के हिलते मुममों पर गयी, जिस से मेरा लन्ड पाजामे में टाइट हो गया और थोड़ा उभार दिखने लगा। जब मैं डिब्बा उतार रहा था मुझे लगा कि मेरे लन्ड पर कुछ लगा है, नीचे देख की मेरा लन्ड छोटी मामी के मुह पर लग रहा है और सभी औरते ये देख कर स्माइल कर रही है। देव भी किचन के बाहर से सब देख रहा था, फिर मैंने डिब्बा उतार कर मामी को दिया और जाने लगा तो मौसी पुरिया बेल चुकी थी और मुझसे बोली कि आज मेरे बेटे ने मुझे गले तो लगाया ही नही और मुझे गले लगा लिया, जिस से मेरा खड़ा लन्ड उनके पेट पर लगने लगा, तो उन्होंने मुझे ओर जोर से गले लगाया, और होठों के बिल्कुल पास किस कर दिया। फिर मैं किचन से बाहर आ गया।
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पार्ट-4
बाहर देव खड़ा था।
देव- तेरा लन्ड कैसे खड़ा है, मेरी माँ को देख कर।
राज- नही भाई, वो तो वैसे ही खड़ा हो गया।
देव- झूठ मत बोल, मैं बाहर से सब देख रहा था, की छोटी मामी ने अपना मुंह तेरे लन्ड पर लगाया, सब हंस रही थी, मेरी माँ भी तेरा खड़ा लन्ड महसूस करने के लिए तुझे गले लगाया।
राज- ऐसा कुछ नही है, मौसी तो वैसे भी मुझे गले लगती है
देव- पर आज की तरह कस कर तो नही।
इतने में हमारे और भी कजिन तैयार हो गए थे, तो हम चुप हो गए।
अब लेट हो रहे थे, सब सामान भी बस में रख दिया। अभी टाइम था तो मैं और देव छत पर चले गए और सिगरेट पीने लगे।
अब बस मेरी मम्मी, मौसी और मामियों का नहाना बाकी था,
एक ही बाथरूम की वजह से लेट हो रहे थे तो उन्होंने सबको बाहर जाने को कहा और चारो नंगी होकर आँगन में ही नहाने लगी। उन्हें नही पता था कि देव और मैं छत पर है और ना ही हमे पता था कि वो नीचे नंगी नहा रही है। जब हमने सिगरेट पी ली तो हम नीचे आने लगे। हमने सीढ़ियों मेआँगन से आती हुई आवाज़े सुनी।

मेरी मीनाक्षी मामी, सुमित्रा मामी को कह रही थी कि तूने आज राजवीर के लन्ड को छुआ, तो कैसा लगा। फिर सभी हँसने लगी। मैं और देव सीढ़ियों से सब सुन ने लगे।
सुमित्रा- भाभी राजवीर का लन्ड तो बहुत बड़ा लग रहा था, मैं तो हरिद्वार में मौका देख कर चुदवा लूंगा उस से।
मीनाक्षी- अरे! मैं तो बस में ही राज को पटा कर उसका लन्ड चुसुंगी।
तभी हेमा मौसी बोली- जब मैंने राज को किचन में गले लगाया था तो उसका लन्ड मेरी नाभि में चुभ रहा था, मेरा तो मन कर रहा था कि अभी चुदवा लू उस से, बहुत बड़ा लन्ड है उसका, जब वो मेरे साथ सोता है तो मैंने कई बार छुआ है उसका लन्ड।
माँ बोली- हाँ मेरे बेटे का लन्ड बहुत बड़ा है, मैंने भी कई बार उसको उसके कमरे में मुठ मारते देखा है, मेरा तो बहुत मन करता है कि जाके उसको कहु की बेटा मुठ मत मार, आजा मुझे चोद ले। पर वो मेरे बेटा है, इसलिए मैं कुछ नही कर सकती, पर तुम तीनो तो मज़ा लो उसके लम्बे मोटे लन्ड का।
हेमा- कोई बात नही, जब मैं राज से चुदवाऊंगी तब तू देख कर मजे लेना।
मीनाक्षी मामी- अरे मधु, क्यो फिक्र करती है, तू देव को पटा ले, वो भी तो जवान है।
माँ- हाँ ये ठीक है, तुम तीनो राज का लन्ड लो और मैं देव का लन्ड लुंगी।
तभी मौसी बोली- देव को पटाने के कोई फायदा नही, उसका लन्ड भी उसके बाप की तरह लूली ही है, मैंने देखा है, पूरे खानदान में राजवीर का लन्ड ही सबसे बड़ा है।
मम्मी- कोई बात नही, में देव का लन्ड मालिश कर के बड़ा कर दूंगी।
मीनाक्षी मामी - हे भगवान, हेमा तूने क्या पूरे खानदान के लन्ड देखे है क्या?
मौसी- हाँ, देखे क्या, मैंने तो लिए भी है सबके, तुम तीनो के पतियों का भी लिया है पर आज तक घर और बाहर जितने भी लन्ड लिए है, राज का सबसे बड़ा है, अब उसका लुंगी।
ये सब बाते सुन कर मैं और देव एक दूसरे की तरफ देखते रह गए कि हमारे खानदान की औरतें कितनी बड़ी रंडियां है। और हमारे लन्ड खड़े हो गए, तो देव ने जब मेरे पाजामे में उभार देखा तो वो मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगा।
माँ- क्या तूने दोनो भाइयो और अपने जीजा को भी नही छोड़ा। कितनी बड़ी रांड है तू।
मौसी- (इतराते हुए) हाँ सबका लिया है, पर साला किसी मे दम नही की मुझे शांत कर दे और तू कौनसी कम है, तूने भी तो मेरे पति का लिया है।
उधर मीनाक्षी मामी बोली - हेमा तेरी चुचियाँ इतनी बड़ी है तेरे भाई यानी मेरे पति ने की है क्या इतनी बड़ी चुचियाँ जैसे उसने चूस चूस कर मेरी कर दी।
मौसी - हाँ भाभी, भईया ने ही मेरी चुचियाँ चूस चूस कर बड़ी की थी।
सुमित्रा मामी- मेरा पति भी बहुत बड़ा चुसक्कड़ है, चुत भी बहुत चाटता है और चोदता भी मस्त है
मम्मी- मेरा पति तो मुझे रोज चोदता है, अपने बड़े लन्ड से उनका भी 9 इंच का है।
सुमित्रा ममी- हाँ मैंने लिया है, जीजा का लन्ड मस्त है।
मम्मी- भाभी तुमने भी मेरे पति का लिया है।
मीनाक्षी मामी - मैंने भी लिया है।
मम्मी- तुम सब रंडियां हो।
हेमा- रंडी क्या, मुझे तो जहां मौका मिलता है मैं तो लन्ड ले लेती हूं, पर साला आज तक कोई मुझे संतुष्ट नही कर पाया।
माँ- कितनी बड़ी रांड है तू। कहते हुए माँ ने मौसी की चूची दबा दी, तो बड़ी मामि ने भी मौसी की चुचियाँ दबाना शुरू कर दिया।
इतने में मौसा की आवाज़ आयी बाहर से की गेट खोलो, कोई सामान रह गया अंदर।
तो मौसी ने गेट खोला।
फिर पापा और मौसा अंदर आये तो उन्होंने देखा की चारो रंडियां नंगी होकर नहा रही है।
फिर वो सामान उठा कर बस में रखकर सबसे नज़र छुपाकर वापिस अंदर आ गए और गेट बंद कर दिया।
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पार्ट -5
पापा और मौसा अंदर आ कर उन रंडियों की हरकते देखने लगे। मम्मी और मीनाक्षी मामी मौसी की चुचिया चूसने लगी, और सुमित्रा मामी मौसी की चूत चाटने लगी। मौसी कि बस आआआआ हहहहह की आवाजें आ रही थी,
ये देख मेरा लन्ड बहुत टाइट हो गया, यू लगने लगा कि अभी फट जाएगा, तभी देव नीचे बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगा।
तभी मौसी की नज़र पापा और मौसा पर पड़ी, तो मौसी डरी नही, बल्कि उन्हें चुप रहने का इशारा कर उनके सामने ही मज़े लेने लगी।
मौसी- चुसो रंडियों मुझे अच्छी तरह से, आआहा हहहहह।
फिर मौसी ने अपने हाथ नीचे ले जाकर एक हाथ की उंगली मम्मी की चूत में और दूसरे हाथ की उंगली मामी की चूत में डाल कर हिलाने लगी। उधर पापा और मौसा को इशारा किया कि लन्ड बाहर निकालो, मौसी मौसा और पापा के इशारों से लग रहा था जैसे तीनो ग्रुप सेक्स कर चुके है कई बार, बाद में पता चला कि बहुत बार आपनी बीवियां बदल कर भी कि चोद चुके है।
पापा और मौसा ने अपने लन्ड बाहर निकाल लिए। पापा का लन्ड भी 9 इंच का था, और मौसा का लन्ड 7 इंच का।
तभी मौसी बोलने लगी कि काश मुझे अभी कोई लन्ड मिल जाये तो कहा जाऊ उसको
मीनाक्षी मामी- हेमा मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है।
सुमित्रा- लन्ड चूसने को ही मिल जाये मुझे तो लन्ड का पानी पीना है।
मम्मी- चलो जल्दी करो, लेट हो रहे है।
मौसी- चुप साली रंडी, जब देखो जल्दी में रहती है, किसी दिन तुझे 10 लन्ड से एक साथ चुदवाऊंगी तो सारी जल्दी निकल जायेगी तेरी।
उधर पापा और मौसा मौसी को इशारा कर रहे थे, चोदने के लिए। मौसी उन्हें आंखों से रुकने का इशारा कर रही थी।
मौसी- चलो रंडियों बहुत चूस लिया तुम तीनो ने मुझे, अब मैं एक साथ तुम त्तीनो को चूस कर दिखती हूँ।
ये सुन कर त्तीनो एक साथ बोली कैसे?
मौसी- वो तुम मुझ पर छोड़ दो, बस तुम त्तीनो आंखें बंद कर के लेट जाओ, फिर देखना मेरा कमाल।
फिर वो तीनो आंखें बंद कर के लेट गयी, तो मौसी ने पापा ओर मौसाको इशारा किया आने का, तो वो दोनोआ गए पास, और मौसी ने धीरे से उनको कहा कि तीनो एक साथ चुत चाटना शुरू करेंगे।
तो पापा सुमित्रा मामी की चूत के पास, मौसा मीनाक्षी मामी की चूत के पास और मौसी मम्मी की चूत के पास अपना मुह ले गयी, फिर तीनो ने एक साथ चुतों पर अपनी जीभ लगाई और तीनो रंडियों के मुह से aaaaaahhhhhhhhh निकलने लगी। फिर पापा ने मामी की चूत में अपनी जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगे, जिस से मामी तड़पने लगी और बोलने लगी, आआहा और जोर से रंडी पूरी जीभ घुसा दे मेरी चुत में, ओर डाल रंडी।
मामी की आवाज़ें सुन कर मम्मी और मीनाक्षी मामी ने आंखें खोल कर देखा तो वो हैरान रह गयी देख कर की पापा और मौसा भी वहीं चुत चाट रहे है। मेरी मम्मी खड़ी होती हुई कहने लगी कि आप लोग यहां क्या कर रहे है, आप लोगो को शर्म नही आती।
पापा - चुप रंडी, तू शर्म की बात करती है, ये तीनो मुझसे ना जाने कितनी बार चुद चुकी है।
मम्मी- पर ये गलत है।
मौसा- साली जी, गलत क्या है, जब हम सेक्स कर सकते है, मीनाक्षी तो मुझसे भी चूदी है, अब सुमित्रा को भी आज छोड़ दूंगा मैं।
मौसी- जैसे मैं और मधु तुम दोनों की रंडियां बन कर रहती है, बदल बदल कर चुदती है, वैसे ही अब से दोनों भाभियाँ भी हमारे साथ शामिल हो जायेंगी अब से।
पापा(लन्ड हिलाते हुए)- वाह! अब से चार रंडियां एक साथ।
मौसा- मजा आएगा।
मम्मी - नही ये गलत है आप ऐसा नही कर सकते।
मीनाक्षी मामी- जीजाजी मैं तो तैयार हूँ आप दोनों की रंडी बन ने के लिए। और फिर मामी ने पापा की लिप किस किया और मौसा मामी की बड़ी सांवली चुचियाँ दबाने लगे।
इतने में सुमित्रा मामी बोली
सुमित्रा - मैं भी तैयार हूँ।
ये सुनते ही सुमित्रा मामी मौसा की तरफ आकर उन्हें किस करने लगी।
मम्मी- ये क्या कर रहे हो, शर्म करो।
पापा- चुप साली रण्डी।
मम्मी धीरे धीरे रोने लगी और मौसी नीचे झुक कर पापा का लन्ड चूसने लगी।
इधर मेरा लन्ड भी देव के मुह में था, वो धीरे धीरे चूस रहा था।
इतने में बाहर से मामा की आवाज आई कि कितना टाइम लगेगा नहाने में, तो मौसी बोली बस 10 मिनट और।
फिर पापा ने अब मीनाक्षी को झुका दिया और उसकी चुत में झटके से लन्ड डाला, उसकी तो चीख निकलने वाली थी कि मौसी ने उसके मुह में अपना मम्मा डाल दिया।
मौसा ने भी सुमित्रा को कोडी कर दिया और लन्ड डाल कर चोदने लगे। 10 मिनट की चुदाई के बाद मौसा और मामी एक साथ चूत में ही झड़ गए। इतने में मीनाक्षी मामी भी आआआआ हहहहहहहह करटी हुई झड़ गयी, फिर भी पापा मामी की चूत पेलते रहे, फिर 2 मिनट बाद पापा का भी पानी निकलने वाला था, तो पापा ने लन्ड बाहर निकाला तो मौसी लन्ड के पास बैठ गयी, पापा उनके मुह पर झड़ने लगे। मम्मी ये सब देख रही थी, और धीरे धीरे रो रही रही थी।
मौसी फिर पापा का लन्ड चूसने लगी।
ये सब देख कर अब मेरा भी पानी निकालने को हुआ तो मैं देव का सर पकड़ कर उसका मुह चोदने लगा, और जैसे ही मेरा पानी निकला, तो मेरे मुँह से
आआआआआआ हहहहहहह की आवाज़ आयी जो मेरी मम्मी ने सुन ली, ओर उसको पता चल गया कि मैं वहां हूँ।
फिर मम्मी ने सबको कहा कि जल्दी करो लेट रहा है। मौसी बोली नही रुक अभी, पर मम्मी नही मानी और कपड़े पहन कर गेट खोलने जाने लगी, तो मौसी मानी ऒर पापा का लन्ड छोड़ा। फिर पापा और मौसा कपड़े पहन कर दूसरे गेट से बाहर निकल गए।
अब सभी लेडीज कपड़े पहन चुकी थी, ओर फिर गेट खोल कर तैयार होने लगी।

मैं और देव भी मौका देख कर चुपके से निकल कर बाहर आ गए। किसी को पता नही चला की हम अंदर थे।
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पार्ट- 6
थोड़ी देर में सब लेडीज बाहर आ गयी और हम सब बस में बैठ गए, बस 3×2 थी, मैं ओर देव सबसे आखिर वाली सीट पर बैठ गए, जो बिल्कुल खाली थी। और वो सब सोचने लगे जो हमने आज सुना और देखा था, की कैसे हमारे घर मे रंडियां ही है सारी, पता नही कौन कितने लन्ड ले चुकी होगी। अभी तो हमे चार का ही पता लगा है। बाकी हो सकता है इनसे भी बड़ी रंडियां हो। फिर मैंने ओर देव ने सोचा कि चल छोड़ो। जिसको जैसे चुदना है चुदे, आज से हमारे लिए सभी औरते चुदाई का माल है बस, किसी के साथ कोई रिश्ता नही, अब बस सबके साथ लन्ड और चुत का रिश्ता रखेंगे।
बाकी सब लोग अंताक्षरी खेल रहे थे तो हमने सोचा कि छोड़ो ये सब और आगे चल कर अंताक्षरी खेलते है। हम बाकी लोगो के साथ अंताक्षरी खेलने लगे। टीम आधी आधी बंटी हुई थी तो मुझे मम्मी वाली टीम में मौसी हेमा और मामी मीनाक्षी भी थे, और देव को दूसरी टीम में ले लिया। अंताक्षरी में गाने के साथ गाना बोलने वाली टीम को डांस भी करना था। अंताक्षरी चलते चलते हमारी बारी आई तो मैंने हेट स्टोरी मूवी का 'वजह तुम हो' गाना गाया, जिसमे मेरी सगी दीदी दीपिका ने मेरे साथ डांस किया, डांस करते हुए मेरे हाथ बार बार दीदी की बड़ी गाँड़ पर लगे, मैंने पहली बार ध्यान दिया कि मेरी दीदी की गाँड़ बहुत बड़ी थी, जैसे जीजाजी हमेशा उसकी गाँड़ ही मारते हो। दीदी ने टाइट जीन्स पहनी हुई थी, जो गाँड़ के साथ पूरी तरह चिपकी हुई थी उसकी गाँड़ जीन्स फाड़ कर बाहर आने को हो रही थी। ऊपर दीदी ने शर्ट पहनी हुई थी, जिसके ऊपर के 2 बटन खुले हुए थे और दीदी के बड़े मुममों की लाइन भी दिख रही थी। जब वो जीन्स पहन कर बाहर निकलती है, तो सब उसकी गाँड़ ही देखते है, ओर उसकी गाँड़ सोच सोच कर ना जाने कितने लोगों ने सपने में उसकी गाँड़ मारी होगी, फिर डांस करते हुए दीदी मेरे आगे और मैं उसके पीछे तो मेरा लन्ड दीदी की गाँड़ से लग रहा था, जिस से मेरा लन्ड खड़ा हो गया। दीदी को भी महसूस हो गया कि मेरा लन्ड खड़ा है, तो दीदी ने पीछे मुड़ कर देखा और वापिस आगे होकर अपनी गाँड़ मेरे लन्ड पर रगड़ कर डांस करने लगी। फिर दीदी ने डांस करते हुए मेरे हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिये और मेरे साथ अपनी गाँड़ चिपका कर डांस करने लगी, मेरा लन्ड दीदी की जीन्स के ऊपर से ही दीदी की गाँड़ में दब रहा था, तभी दीदी एक डांस स्टेप के लिए नीचे झुकी तो दीदी की शर्ट थोड़ी सी ऊपर उठ गई और मेरे हाथ दीदी की नंगी कमर पर आ गए। क्या चिकनी कमर थी दीदी की, फिर दीदी ने अपनी गाँड़ मेरे लन्ड पर दबाई और खड़ी होने लगी तो मेरा हाथ दीदी के बूब्स से लगा, तो मैंने हल्के से दीदी के बूब्स दबा दिए, पर दीदी ने कुछ नही कहा। फिर हमारी बारी गयी, तो हम अपनी साइड आ गए, उसके बाद मैं मेरी मौसी की सीट वाली साइड खड़ा हो गया, और दीदी बैठ गयी। मेरा खड़ा लन्ड पाजामे में उभार दिख रहा था, जिसे मौसी ने देख लिया, तो मौसी ने अपना कंधा मेरे लन्ड के साथ लगा लिया और रगड़ने लगी।
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पार्ट -7
मैने देव को देखा तो वो मीनाक्षी मामी की बेटी प्राची के साथ बैठा उसकी चुचियाँ घूर रहा था, जो अपनी बेटी को दूध पिला रही थी। मैने देखा उसकी चुचियाँ भी बड़ी थी, इधर मौसी ने अपना पूरा कंधा मेरे लन्ड पर दबा रखा था। मेरी हालत खराब हो रही थी। इतने में वापिस हमारे गाने की बारी वापिस आयी, तो मीनाक्षी मामी और मम्मी गाना गाने लगी, और डांस करने लगी। मम्मी बिल्कुल मेरे आगे डांस कर रही थी, और मौसी उठ कर पीछे पानी पीने चली गयी, मौसी के पीछे पीछे पापा भी चले गए। फिर पानी पीकर वो दोनों लास्ट वाली सीट पर बैठ गए, और मौसा जी भी पीछे जाकर उनके साथ बैठ गए। मेरा ध्यान उनकी तरफ ही था। तभी मौसी थोड़ा खड़ी हुई और पापा की गोद मे टेढ़ी होकर इस तरह से बैठ गयी, जिस से किसी को पता ना चले कि वो पापा की गोद मे बैठी है। बस के झटकों के साथ वो थोड़ा ऊपर नीचे भी होने लगी। मौसी के चेहरे देख कर लग रहा था कि वो पापा से चुद रही है। मौसा ध्यान दे रहे थे, की कोई देख तो नही रहा, पर मैं इस तरह से उन्हें देख रहा था। मैंने सुबह जो घर मे देखा था उससे मुझे पता था कि वो चुदाई करने ही गए है, तो मुझे अंदाज हो गया था कि मौसी चुद रही है पापा से, नही तो उनको देखने पर पता नही चलता था कि वो कुछ कर रहे होंगे। मेरा ध्यान उधर था तभी मुझे मेरे लन्ड पर कुछ महसूस हुआ तो मैंने देखा कि दीपिका दीदी जहाँ पहले मौसी बैठी थी वहां उनकी जगह बैठी है और दीदी का सर मेरे लन्ड से लग रहा है, अब ये दीदी ने जान बूझ कर लगाया या गलती से ये पता नही। तभी बस की एकदम से ब्रेक लग गई, जिस से मम्मी नीचे गिर गयी और मैं सीधा मम्मी के ऊपर गिरा। मेरा लन्ड मम्मी की गाँड़ के ठीक ऊपर था। तभी दीदी अपनी सीट से आई, मैं मम्मी की गाँड़ पूरी फील कर रहा था। फिर दीदी मुझे मेरी कमर से पकड़ कर उठाने लगी, तो मैंने उठते हुए मेरे हाथ मम्मी की गाँड़ पर रखे तो मुझे पता चला कि मम्मी ने पैंटी नही पहनी हुई। जब दीदी ने मुझे पीछे से पकड़ा था तो फिर बस की एक बार ब्रेक लगी, जिस से मैं फिर मम्मी के ऊपर गिरा, और दीदी ने संभालने के चक्कर मे मुझे जोर से पकड़ा तो उसका हाथ आगे आ गया, ओर मेरा लन्ड उसके हाथ मे आ गया। फिर जैसे ही उसे समझ आया कि ये मेरा लन्ड है तो उसने तुरंत छोड़ दिया, फिर दीदी खड़ी हुई और मैं मम्मी के ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा, और अपना लन्ड थोड़ा सा मम्मी की गाँड़ पर दबाया, जिसका मम्मी को पता चल गया था कि ये मेरा लन्ड है। फिर दीदी ने मुझे खड़ा किया। फिर मैंने मम्मी को। फिर हमारी बारी गयी और दूसरी टीम की बारी आ गयी गाने की। मैं वापिस पहले वाली जगह आ कर खड़ा हो गया। मैंने थोड़ा पीछे देखा जहां चुदाई चल रही थी, तो मम्मी ने मुझे देख लिया। फिर मम्मी ने पीछे देखा तो वो भी समझ गयी कि चुदाई चल रही है। मम्मी पीछे चली गयी, ओर इधर दीदी का सर फिर से मेरे लन्ड पर लगने लगा और इस बार मुझे लग रहा था कि दीदी जान बूझ कर लगा रही है, क्योकि इस बार सर से मेरा लन्ड पूरा दब रहा था।
मैंने भी अपने लन्ड को थोड़ा दीदी के सर पर दबाया तो दीदी ने भी अपना सर दबा दिया, जिस से मैं समझ गया कि दीपिका दीदी मजे ले रही है। मैं वैसे ही खड़ा रहा और पीछे भी देखा थोड़ा तो मम्मी कुछ बोल रही थी, पर सुनाई नही दे रहा था। मैंने कोशिश की सुन ने की पर कुछ खास सुनाई नही दिया, बस मम्मी के मुँह से गुस्से में इतना ही सुना कि अब देखना मैं इस से भी बड़ी रण्डी बन कर दिखाऊंगी, आपके सामने बहुत लोगो से चुदूँगी।
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पार्ट - 8
फिर मम्मी मेरे पास आ कर खड़ी हो गयी तो मैं दीदी के सर से थोड़ा हट गया। मैंने देखा मम्मी की आंखों में आंसू थे। मैंने मम्मी से पूछा क्या हुआ- तो कुछ नही बोली।
मैंने अपना हाथ मम्मी के कंधे पर रखा, उन्हें चुप करवाने के लिए। तभी मम्मी की नज़र मेरे पाजामे में बने तंबू पर पड़ी।मम्मी मन मे सोचने लगी ( अब जब मैंने रांड बन ने का सोच ही लिया है तो क्यो ना अपने बेटे का लन्ड भी ले लू)यह सोचते सोचते मम्मी रोना बंद कर चुप हो गयी और अंताक्षरी में देखने लगी। फिर मम्मी एक दम से मुझ से चिपक कर खड़ी हो गयी, जैसे उसे कुछ पता ही नही। मेरा लन्ड खड़ा तो था ही, अब वो मम्मी की गाँड़ की साइड में लग रहा था। जिस से मुझे भी मजा आ रहा था। तभी मौसी अपनी चुदाई खत्म कर के आगे आ गयी वापिस, पापा और मौसा वैसे ही उसी सीट पर बैठे रहे। मम्मी मौसी को घूर घूर कर देख रही थी। मौसी मम्मी को देख कर हँस रही थी, जैसे मम्मी को चिढ़ा रही हो की मैं सबसे बड़ी रण्डी हूँ। फिर 2-3 गाने और चले, फिर सब अंताक्षरी बंद कर सब नाश्ता करने लगे।

हमने रास्ते मे चंडीगढ़ हो कर जाना था, क्योकि हेमा मौसी की 2 बेटियां चंडीगढ़ में रहती थी, बड़ी बेटी अनमोल दीदी की शादी चड़ीगढ़ में हुई थी, और छोटी बेटी टीना चंडीगढ़ में पढ़ती थी, उन्हें लेना था चंडीगढ़ से, तो सबने कहा कि क्यों ना एक दिन चंडीगढ़ घूमा जाए, तो सब मान गए। साथ मे ये भी डिसाइड किया कि अनमोल दीदी के घर ना रुक कर सब होटल में ही रुकेंगे, क्योकि अनमोल दीदी के ससुराल में जॉइंट फैमिली थी और इतने जानो की रुकने की व्यवस्था भी मुश्किल थी। नाश्ता करने के बाद फिर ऐसे ही अंताक्षरी शुरू हो गई। पीछे की सीट अब खाली थी तो मैं और देव अब वापिस पीछे आकर बैठ गए। मैंने देव को उसकी माँ और मेरे बाप की चुदाई की बात बताई, तो वो हैरान रह गया सुन कर की उसकी माँ की चूत में कितनी आग है, जो उसने बस में ही चुदवा लिया। मैंने देव से कहा कि अब मैं भी मौसी को छोड़ कर ही रहूंगा, तो देव खुश हो गया और बोला- भाई, मम्मी तो कब से तुझसे चुदवाना चाहती है। बातें सुनी थी ना सुबह मम्मी की, मैंने कहा हाँ बस अब मौका मिलने दे। फिर मैं और देव पीछे की सीट पर नीचे मुँह कर के ऐसे बैठ गए, जैसे सबको लगे कि हम सो रहे है, ओर देव मेरे पाजामे के ऊपर से ही मेरा लन्ड दबाने लगा।
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पार्ट -9
मैंने आपको बताया था की हम 35 लोग थे, छोटे बच्चे अलग है। अब मैं उन सबका शार्ट इंट्रो देता हूँ।


सबसे पहले मेरी सबसे बड़ी मौसी लता, उम्र 63 साल, बड़े चुचियों की मालकिन और पूरी रौबदार बड़े मौसा सूरी- 68 साल के, लेकिन पापा की तरह पूरे हट्टे कट्टे। उनकी बड़ी बेटी सोना दीदी 46 साल की, पूरी गदराई हुई, बड़े बड़े मुम्मे, हमेशा खुले गले के सूट पहनती है, जिसे उसके मुम्मे ऊपर से दिखते रहते है, उनका पति सुदीप 48 साल, वो भी पूरा हट्टा कट्टा है।
फिर बड़े मौसा की छोटी बेटी मोना दीदी 44 साल की, वो भी सोना दीदी की तरह मस्त गदराई हुई है, पर सोना दीदी से कम, उनका पति गौरव भी 44 साल का है, बॉडी बिल्डर है वो पूरा।
बड़े मौसी का बड़ा बेटा व्योमेश भैया 40 साल, वो भी पूरा तंदरुस्त है, उसकी पत्नी हिमांशी भाभी 39 साल थोड़ी मोटी है, बूब्स बड़े बड़े है और टाइट भी।
बड़ी मौसी का छोटा बेटा अनिल 39 साल का, पतला से, इसकी पत्नी सपना 36 साल की पतली पर बहुत ही सेक्सी।


फिर मेरी बड़ी मौसी जया विधवा 58 साल। उनका बेटा 37 साल सनी भैया, नार्मल दिखने वाला, उसकी पत्नी उमा भाभी 35 साल, वो भी नार्मल ही दिखती है।


मेरी मम्मी मधुबाला 56 साल की सेक्सी औरत उनके पति मेरे पापा अशोक 57 साल के, गबरू जवान, लम्बे लन्ड के मालिक।
मेरी दीदी दीपिका 35 साल, पूरे खानदान में सबसे गौरी और सबसे बड़ी मस्त गाँड़ की मालकिन।
मेरे जीजाजी विकास 36 साल के, जिन्होंने दीदी की गाँड़ मार मार कर इतनी बड़ी और मस्त कर दी।
उसके बाद मैं राजवीर 20 साल साल 9 इंच लन्ड। अब मैं 25 साल का हूँ।


छोटी मौसी हेमा 54 साल बड़े बूब्स गाँड़ की मालकिन।
छोटे मौसा प्रेम 56 साल।
छोटी मौसी की बड़ी बेटी अनमोल दीदी 33 साल की मस्त मौसी की तरह मोटे बूब्स वाली।
अनमोल दीदी के पति टिंकू 35 साल।
छोटी मौसी का बड़ा बेटा दीपक भैया 30 साल। दीपक भैया की पत्नी नाविका 28 साल, सेक्सी भरे जिस्म की मालकिन।
छोटी मौसी की छोटी बेटी टीना 25 साल।
छोटी मौसी का छोटा बेटा देव 19 साल।


बड़ी मामी मीनाक्षी विधवा 55 साल, मस्त बूब्स गाँड़, पर सांवली है।
बड़ी मामी का बेटा पवन भैया, 36 साल।
बड़ी मामी की बहू आकांशा 33 साल।
बड़ी मामी की बेटी प्राची दीदी 30 साल।
प्राची दीदी का पति सुमित 34 साल।


छोटे मामा सुरजीत 56 साल।मम्मी और छोटे मामा जुड़वा है।
सुरजीत मामा की पत्नी सुमित्रा 53 साल।
छोटे मामा की लड़की ग़ज़ल दीदी 31 साल।
ग़ज़ल दीदी के पति अंकित 33 साल।

बाकी मेरे सभी कजिन के बच्चे भी है छोटे छोटे, जिनके इंट्रो की कोई जरूरत नही है।

अब सभी 35 से मैंने आपको शार्ट इंट्रो करवा दिया।

टीना दीदी, देव और मेरे अलावा सब मैरिड है।
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पार्ट - 10
पिछली पार्ट में मैंने आपको सबका इंट्रो करवा दिया अब आगे।
सब अंताक्षरी खेल रहे थे और देव व मैं पीछे बैठे थे। देव पाजामे के ऊपर से ही मेरा लन्ड दबा रहा था। मैं भी मौसी की चुदाई को सोच कर देव से अपना लन्ड दबवा रहा था। देव और मैं ऐसे बैठे थे जैसे सो रहे हों। इतने में मुझे अनिल भैया और सोना दीदी पीछे आते हुए दिखे, तो मैंने देव का हाथ मेरे लन्ड से हटा दिया और हम सोने की एक्टिंग करने लगे। वो दोनों पीछे आकर बैठ गए, आप सब को पता ही है की बस के पीछे की सीट बड़ी होती है। वो आये तो उन्होंने देखा कि हम दोनों सो रहे है, तो अनिल भैया लेट गए और अपना सर सोना दीदी की गोद में रख लिया। वो जिस तरह से सीट के पीछे थे कि अनिल भैया का सर कोई नही देख सकता था। तभी सबसे बड़ी मौसी लता ने पूछा
लता मौसी- क्या हुआ अनिल बेटा, पीछे क्यो लेट गए।
अनिल भैया- मम्मी वो सर में दर्द था तो आया था, फिर दीदी ने कहा कि मैं दबा देती हूं तो पीछे आ गए।
लता मौसी- ठीक है बेटा।
फिर लता मौसी भी अंताक्षरी वाली साइड हो गयी। वैसे भी दोनो सगे भाई बहन है, शादीशुदा है तो किसी ने क्या शक करना।
5 मिनट बाद सोने की कोशिश करते हुए मुझे भी नींद आ गई, थोड़ी देर बाद देव ने आराम से मुझे उठाया, और मुँह पर ऊँगली रखते हुए चुप रहने का इशारा किया। फिर सोना दीदी की तरफ इशारा किया कि वो देख। जैसे ही मैंने दीदी वाली साइड देखा तो मेरी तो आँखें फटी ही रह गयी।
सोना दीदी ने लोअर टी शर्ट पहने हुए थे। अनिल भैया ने सोना दीदी की टी शर्ट ऊपर कर उसमे अपना मुँह घुसा रखा था, और सोना दीदी का हाथ अनिल भैया के लन्ड के पास पेंट के ऊपर ही था। फिर भैया थोड़ा सा घूमे और अपना मुँह दीदी के पाजामे के ऊपर चुत की तरफ लर गए। सोना दीदी अनिल भैया का सर दबाने लगी। तभी सोना दीदी के पति सुदीप जीजाजी भी पीछे की तरफ आने लगे, जिन्हें आते देख दीदी ने देख लिया और अनिल भैया को बता दिया। अनिल भैया फटाफट सीधे लेट गए, और आँखे बंद कर ली।
सुदीप जीजाजी- अनिल भैया को हिलाते हुए, क्या हुआ अनिल, सर सही हो गया क्या।
अनिल भैया(ऐसे नाटक करते हुए जैसे नींद से जागे हो)- हाँ जीजाजी, पहले से आराम है। दीदी ने सर दबा दिया था और मसाज भी कर दिया था।
सुदीप जीजाजी- हाँ, तुम्हारी बहन के हाथों में तो जादू है, मसाज ऐसे करती हि की पूरा शरीर ही तरोताजा हो जाता है। फिर जीजाजी भी वहीं बैठ गए।
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