Erotica ट्रेन में एक हसीना से मुलाक़ात

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मैं अर्पित इंदौर का रहने वाला उच्च शिक्षित युवा हूँ और एक सम्पन्न परिवार से सम्बन्ध रखता हूँ. मैं जयपुर में एक बैंक में ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत हूँ. मैं अभी अविवाहित हूँ.

मेरी पहली पोस्टिंग जयपुर में हुई थी. मैं अपनी ज्वाइनिंग के लिए इंदौर से ट्रेन से जयपुर जा रहा था. मेरी ट्रेन रात को 12.30 बजे रतलाम स्टेशन पे रुकी. मैं सेकंड एसी में सफर कर रहा था. रतलाम से मेरे सामने वाली बर्थ खाली हो गयी. रतलाम से ही एक लड़की मेरे सामने वाली बर्थ पे आके बैठ गई.

क्या बताऊं दोस्तो … क्या मस्त लड़की थी. उसका रंग थोड़ा सांवला था, पर उसकी आंखें बहुत सुन्दर और बड़ी बड़ी थीं. उसके होंठ तो बहुत सेक्सी थे. निचला होंठ थोड़ा मोटा और ऊपर का होंठ थोड़ा पतला. इतने रसीले होंठ थे कि देखते ही उनको चूमने और चूसने का दिल करने लगा था. उसने होंठों पे बेहद हल्के रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी. उसके बाल कंधों तक खुले थे. माथे पे सफ़ेद रंग की छोटी से बिंदी उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रही थी. उसने सफ़ेद रंग का पजामी सूट पहन रखा था. सूट की कमीज पे हल्के लाल रंग के फूल और उसी रंग का उसका दुपट्टा, उस पे बहुत फब रहा था.

उसने अपना सामान सैट किया और वाशरूम जाने लगी.

जब वो जाने को उठी तब मुझे उसके पूरी जिस्म का मुयायना करने का अवसर मिला. उसका फिगर भी बहुत सेक्सी था. कोई 32 साइज के उसके बूब्स, उसकी कमर की साइज 28 की रही होगी और 34 साइज के उसके उभरे हुए चूतड़ मटक रहे थे. चलते वक्त मैंने नजर भर के देखा कि उसकी अच्छी भरी हुई गुंदाज जांघें थीं, जो उसकी चुस्त पजामी में से साफ़ दिख रही थीं. उसकी कमर के कर्व्स भी उसकी टाईट फिट कमीज में से अच्छी तरह से दिख रहे थे. उसकी हाइट कोई साढ़े पांच फीट की रही होगी. ऊंची ऐड़ी के स्लीपर पहनने के कारण वो बहुत सेक्सी लग रही थी. कुल मिला कर यह कहना ठीक रहेगा कि उसे देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.

कुछ पल बाद वो वाशरूम से आकर अपनी सीट पे बैठ गयी. उसने अपने हैंडबैग से एक इंग्लिश नॉवेल निकाला और पढ़ने लगी. मैं उसे चोर नज़रों से देख रहा था और सोच रहा था कि काश यह माल मेरी गर्लफ्रेंड बन जाए.
शायद उसको भी पता चल गया था कि मैं उसे चोर नज़रों से देख रहा हूँ, पर वो फिर भी अनजान बनी हुई थी और अपनी किताब पढ़ने में मस्त थी. बीच बीच में वो अपने पे माथे पे आ रहे बालों को पीछे करती तो और भी सुन्दर लगती.

हमारी बोगी में एक चाय वाला आया तो उसने चाय का कप लिया और सीधी बैठ के चाय पीने लगी. मैं अभी भी तिरछी नज़रों से उसे देख रहा था.
तभी उसने मुझे बुलाया- एक्सक्यूज़ मी!
मैंने उसकी तरफ देखा, तो वो बोली- गाड़ी जयपुर कितने बजे पहुंचेगी?
मैंने बोला- सुबह 4 के आस पास.
उसने ओके बोला और फिर से अपनी किताब पढ़ने में व्यस्त हो गयी. मैं भी अपने मोबाइल पे हेड फ़ोन लगा के गाने सुनने लगा.

पता नहीं कब मेरी आंख लग गयी. जब मेरी आंख खुली, तो गाड़ी जयपुर पहुंचने वाली थी, सुबह के 4 बज चुके थे. मैंने उस लड़की की तरफ देखा, तो वो किताब अपनी छाती पे रख के सो रही थी. उसके बाल उसके गालों पे आ गए थे. इस वक्त वो बहुत प्यारी लग रही थी. दिल तो किया कि उसके गालों पे किस कर लूँ पर मैं अभी कुछ कर नहीं सकता था.

मैं पहले वाशरूम गया, फ्रेश होकर वापिस आया … तो उसको जगाने के लिए ‘एक्सक्यूज़ मी..’ कह के आवाज़ लगायी.
उसने आंखें खोली तो मैंने बताया कि जयपुर आने वाला है.

वो जल्दी से उठी और फ्रेश होने चली गयी. वापिस आके उसने मुझे थैंक्स बोला और अपना सामान निकालने लगी. उसने मुझे अपना सामान गाड़ी से उतरने के लिए रिक्वेस्ट की जिसे मैंने भी तुरंत मान लिया.

जब हम प्लेटफार्म उतर के बाहर टैक्सी या ऑटो रिक्शा लेने के लिए जाने लगे, तो वो बोली- अभी तो बाहर बहुत अंधेरा है … और मैं तो पहली बार इस अनजान शहर में आयी हूँ. मुझको अभी टैक्सी या ऑटो रिक्शा में जाना सेफ नहीं लग रहा है. अगर आप भी अभी प्लेटफार्म पे बैठ के मेरे साथ जरा दिन निकलने का इंतज़ार कर लो, तो मैं इसे आपका एहसान मानूंगी.

मैंने उसे प्लेटफार्म पे खाली पड़े बेंच पे बैठने का इशारा किया. तो वो मुझे धन्यवाद करते हुए वहां बैठ गयी. मैंने उसे चाय के लिए पूछा, तो उसने हां कर दी.

मैं जा के दो चाय ले आया. चाय पीते हुए उसी ने बात शुरू कि वो यहां पे एम बी ए करने आयी है और उसका नाम अदिति है.
मैंने बोला- आपका नाम भी आपकी तरह ही खूबसूरत है.

तो वो शरमाते हुए मुस्कराने लगी और मुझे थैंक्स बोला. साथ ही मेरी तरफ मेरा परिचय जानने की नजर से देखा.
मैंने उसे अपने बारे में बताया- मैं इंदौर से अर्पित … यहां बैंक में मेरी नौकरी लगी है और मुझे आज ही ब्राँच मैनेजर का पद ज्वाइन करना है.

मेरे पूछने पर अदिति ने बताया कि वो हॉस्टल में नहीं, उसकी एक फ्रेंड पहले से यहीं पढ़ रही है, वो उसके साथ ही फ्लैट में रहेगी.
मैंने बताया कि मैं अभी बैंक के गेस्ट हाउस में रहूंगा, फिर बाद में कोई अपना इंतज़ाम कर लूँगा.

कुछ ही देर में दिन का उजाला हो गया, तो हम स्टेशन से बाहर आकर टैक्सी वाले से अपना अपना पता दिखा के पूछने लगे.
टैक्सी वाला बोला- ये दोनों एड्रेस एक ही तरफ एक ही रोड पे हैं.

ये सुनकर हमने एक ही टैक्सी कर ली. अदिति टैक्सी में भी बात करती रही और बीच बीच में वो अपनी ही बात पे हंस देती.

मैं मंत्र मुग्ध सा उसे देखता रहा. मेरी नज़र तो उसके चेहरे से हट ही नहीं रही थी. जब वो हंसती, तो उसके गालों में दोनों तरफ गड्ढे पड़ते और उसके सफ़ेद दांत मोतियों की तरह चमक उठते.
उसकी हंसी ऐसी लग रही थी, जैसे पायल के घुंघरू खनक रहे हों.

मैं तो बस उसका दीवाना हो रहा था और वो इस बात से बेखबर अपने में मस्त थी. जब कभी वो अपने चेहरे से अपने बाल पीछे हटाती तो और भी क़यामत लगती.

कब उसकी मंज़िल आ गयी, मुझे पता ही नहीं लगा. टैक्सी वाला बोला- मैडम, आपकी सोसाइटी आ गयी है.
अदिति ने मुझे बाई बोला और टैक्सी वाले को अपने हिस्से का किराया देने लगी. मैंने एक बार उसे रोका, पर उसने मेरी बात नहीं मानी.

गेस्ट हाउस पहुंच कर भी मैं अदिति के ख्यालों में ही डूबा रहा. मुझे अपने आप पे गुस्सा भी आ रहा था कि मैंने उसका मोबाइल नंबर क्यों नहीं लिया.
खैर … अब हो भी क्या सकता था.

मैंने अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली और कुछ दिन बैंक में ही काम में बिजी हो गया. इसी बीच मैंने अपने लिए दो रूम का फ्लैट किराये पे ले लिया था और घर से अपनी कार भी ड्राइवर से मंगवा ली थी.

जिस सोसाइटी में मेरा फ्लैट था, वो सोसाइटी अदिति की सोसाइटी से कुछ ही दूरी पे थी, पर उससे अभी तक मुलाकात नहीं हुई थी.

एक दिन संडे को मैं जिम से निकल रहा था तो मार्किट में अदिति दिखाई पड़ गयी. मैं उसके करीब गया और उसको हैलो बोला तो वो भी मुझे देख के मुस्करायी और हैलो बोली.
वो बोली- अरे आप यहां कैसे?
मैंने उसे बताया- मैं यहीं जिम में आता हूँ और थोड़ी दूर पे सोसाइटी में किराये पे फ्लैट ले लिया है.
वो बोली- फिर तो बढ़िया है, मेरा भी यहां से फ्लैट नज़दीक ही है.

हम दोनों पास के ही कॉफ़ी हाउस में कॉफ़ी पीने चले गए.

वो बोली- आप तो उस दिन के बाद ऐसे गायब हुए कि आज 2 महीने बाद मिले हो.
मैंने बोला- मेरे पास आपका नंबर ही नहीं था.

अदिति ने मुझे अपना नंबर दे दिया. मैं तो उसके चेहरे में ही खोया था, जिसे अदिति भी नोटिस कर रही थी … पर वो बोली कुछ नहीं. उसने वाइट टी शर्ट एंड ब्लू कलर की जीन्स पहन रखी थी. वो बहुत स्मार्ट एंड सेक्सी लग रही थी.
वो बोली- उसके पास सुबह सुबह काफी खाली वक़्त होता है.

इस बात पर मैंने उसे जिम ज्वाइन करने की सलाह दे डाली कि पास में ही जिम है, जहां और भी लेडीज आती हैं, तो वो भी आराम से वहां जिम कर सकती है.
उसने बोला- ओके … गुड आईडिया.

फिर हम अपने अपने घर आ गए. मैं तो सारा दिन अदिति के बारे में ही सोचता रहा.

शाम को मैंने व्हाट्सैप पे उसे मैसेज किया, तो उसका भी रिप्लाई आ गया. उसने मुझे बताया कि अब वो भी जिम में आया करेगी. उसने मेरे वाले टाइम मॉर्निंग 6.30 से 8 बजे को ही चुना था.
मैं खुश हो गया कि अब अदिति से रोज़ मुलाकात होगी.

अगली सुबह जब मैं जिम पहुंचा, तो अदिति मेरा इंतज़ार कर रही थी. मैंने उसका परिचय करवाया और सारी फॉर्मलटीज पूरी करवा दीं.

अब सुबह हम रोज़ ही मिलने लगे, जिम में ही जूस कार्नर पे जूस पीते. मेरा और अदिति का ट्रेनर भी एक ही था. अदिति जिम करने वाले कपड़ों में और भी सेक्सी लगती. बिल्कुल फिट स्पोर्ट्स कैपरी में उसके उभरे हुए चूतड़ और गदरायी हुई जांघें तो क़यामत लगती थीं. उसके ऊपर स्लीवलेस फिट टॉप में से उसके बूब्स उसकी फिगर को परफेक्ट बनाते थे. चेहरे पे मासूमियत और उसकी मुस्कान किसी का भी चैन उड़ा सकते थे.

जब भी मैं अदिति के साथ होता, तो मैं अपने आपको प्राउड फील करता.

अगले संडे सुबह ही अदिति का कॉल आ गया. वो पूछने लगी कि मैं आज दिन में फ्री हूँ क्या?
तो मैंने हां बोला, तो वो बोली- यार दो महीने हो गए जयपुर आये हुए … मैंने अभी जयपुर ही नहीं देखा है. क्या तुम मेरे साथ घूमने चल सकते हो?
मैंने तुरंत हां बोल दिया. ऐसा मौका तो मैं मिस ही नहीं कर सकता था.
वो बोली कि मेरी फ्रेंड भी साथ चलेगी.
मैंने ओके कह दिया.

मैंने ठीक 10 बजे उसकी सोसाइटी के बाहर पहुंच कर उसको कॉल किया, तो उसने बोला कि बस पांच मिनट.
मैं कार से बाहर निकल कर उसका इंतज़ार करने लगा. मैं भी उस दिन अदिति के लिए कुछ ख़ास तैयार होके आया था. ब्लू जीन्स के साथ वाइट शर्ट और रे-बैन के सनग्लासेस.

तभी गेट से अदिति आती दिखाई दी. उसे देखते ही मेरे तो जैसे होश उड़ गए. येलो कलर का लॉन्ग कुरता, उसके नीचे ऊंचा प्लाज़ो पैन्ट टाइप और बालों में फंसा धूप का चश्मा. वो तो आज प्रियंका चोपड़ा को भी मात दे रही थी. मैं तो उसको देखने में ही खोया था.

तभी वो पास आकर बोली- क्या बात है … आज बहुत हैंडसम लग रहे हो, किसको कत्ल करने का इरादा है?
मैं हंस पड़ा और वो भी हंसने लगी.

हम दोनों कार में बैठे, तो मैं बोला- क़ातिल तो आज मेरे साथ वाली सीट पे बैठा है. आज तो जयपुर में कई कत्ल होंगे.
मेरी बात पर वो मुस्करा दी और बोली- लगता है आप शायरी करना भी सीख गए हैं.
मैंने उसकी सहेली के बारे में पूछा, तो वो बोली- नहीं वो नहीं आई, उसका बॉय फ्रेंड फ्लैट पे आएगा और फिर दोनों वो मस्ती करेंगे, इसीलिए तो वो मेरे साथ आयी नहीं है.

मैं थोड़ा सा मुस्कराया, तो वो भी आँख दबा कर हंसने लगी.

हम दिन भर जयपुर के टूरिस्ट स्पॉट्स पे घूमते रहे, हम दोनों ने साथ में ही लंच किया. शाम को अदिति ने कुछ शॉपिंग की. जब वापिस उसे उसके फ्लैट पे छोड़ने आया, तो वो मुझे ज़बरदस्ती अपने फ्लैट में ले गयी. उसने अपनी सखी नीला से मिलवाया. वो भी गज़ब की खूबसूरत थी.

नीला ने मुझे डिनर करके जाने के लिए बोला, तो अदिति के ज़ोर देने पे मैं भी रुक गया. नीला ने खाना तैयार कर रखा था, तो वो फ्रिज में से वाइन की बोतल निकाल लायी.

किसी लड़की के साथ बैठ के वाइन पीने का ये मेरा पहला अनुभव था. हमने साथ में वाइन पी और एक दूसरे के बारे में बात करते रहे. साथ साथ सिंपल जोक्स भी चल रहे थे … जिन पे अदिति खुल के हंस देती. उस वक्त तो मैं सिर्फ उसको हंसते हुए ही देखता रहता.

यह बात नीला ने नोटिस कर ली. सिंपल जोक्स से हम कुछ नॉनवेज जोक्स पे भी आ गए. मेरा ध्यान तो बस अदिति के चेहरे पे ही रहता, ये बात बराबर नीला नोटिस कर रही थी.

हमने डिनर खत्म किया मैं अपने फ्लैट लौटने लगा तो नीला और अदिति मुझे सोसाइटी में नीचे तक छोड़ने आईं. मेरी कार की चाबी ऊपर फ्लैट में ही रह गयी, तो अदिति लेने चली गयी.

उस वक्त नीला मुझे अकेले देख कर बोली- क्या तुम अदिति को चाहते हो?
मैंने हां बोला, पर ये भी बोला कि मुझे अदिति का नहीं पता है कि क्या वो मेरे बारे में ऐसा सोचती है.
नीला बोली- जल्दी से अदिति को प्रपोज़ कर दो. क्योंकि अदिति ने मुझे तुम्हारे बारे में खूब बताया है. इससे मुझे लगता है कि तुम्हारे लिए भी उसके दिल में कुछ तो है.

इतने में अदिति आ गयी और मैं दोनों हसीनाओं को गुड नाईट बोल के आ गया.
 
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उस शाम के डिनर के बाद मेरी और अदिति की दोस्ती की शुरुआत हो चुकी थी. अब मैं और अदिति जिम के अलावा हर संडे मिलते, कभी बाहर घूमने जाते तो कभी फिल्म देखने. कभी उसकी फ्रेंड नीला भी साथ होती, तो कभी हम दोनों ही रहते. फ़ोन और व्हॉट्सैप भी खूब बातें होतीं, पर मैं उसे अपने दिल की बात नहीं बोल पा रहा था.

वैसे तो मैं अब बेधड़क अदिति के फ्लैट पे चला जाता था और डिनर या पार्टी भी करते और कभी कभी तो नीला भी वहां नहीं होती, पर मैं फिर भी उसे अपने दिल की बात बताने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था.

जैसे ही वो मेरे साथ होती, मैं सब कुछ भूल जाता. बस उसको देखता रहता उसकी बातों को एन्जॉय करता, उसके साथ को एन्जॉय करता … लेकिन मैं क्या जानता था कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि मैं उसे अपने दिल की बात भी बोल दूंगा और हम दोनों सारी हदें लांघ जाएंगे.

एक शनिवार रात को मैंने अदिति को कॉल किया और कहा- कल क्या कर रही हो?
उसने कहा- बताओ कोई ख़ास बात है?
मैंने कहा- हां कुछ तो है.
वो बोली- बताओ न क्या कुछ है?

मैंने कहा- यार कल मेरा जन्मदिन है और मैं ये तुम्हारे साथ सेलिब्रेट करना चाहता हूँ.
वो चहकते हुए बोली- अरे वाह … जल्दी बताओ कहां और कैसे सेलिब्रेट करना है?
मैंने कहा- ऐसा कुछ ख़ास सेलिब्रेशन नहीं करना है, बस मैं इस दिन को तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ.

वो एकदम से छेड़ने के अंदाज में बोली- अच्छा मेरे साथ बिताना चाहते हो … जल्दी बोलो ना … कैसे बिताना चाहते हो?
मैं उसकी इस बात पर शर्मा कर रह गया.

मैंने कहा- यार, ऐसा कुछ नहीं है, बस इस अजनबी शहर में तुम ही मेरी फ्रेंड हो इसलिए तुमसे कहा है … वैसे बताओ न कल तुम क्या कर रही हो?
उसने कहा- मैं क्या कर रही हूँ, उसको गोली मारो. तुम प्लान बताओ कि कैसे सेलिब्रेट करना है?
मैंने बोला- कल सुबह जिम में मिलते हैं … फिर सोचते हैं.
वो बोली- मैं सुबह तो नहीं आ पाऊंगी क्योंकि कल मुझे किसी काम से कॉलेज में जाना है, हां मैं शाम को चार बजे फ्री हो जाऊंगी. यदि तुम ठीक समझो तो हम इस बर्थडे को मेरे या तुम्हारे फ्लैट पे ही सेलिब्रेट कर लेंगे. यदि सुबह जिम में मिलना बहुत जरूरी हो, तो मैं कल सब काम छोड़ कर जिधर तुम कहोगे, आ जाऊंगी.
मैंने ओके कह कर ये बात कह दी- नहीं, कोई बात नहीं है, शाम को मेरे फ्लैट पर ही मिलते हैं.

ये बात कह कर मैंने कॉल खत्म कर दी.

अगले दिन संडे को 11 बजे से बारिश शुरू हो गयी. पर मैं तो चार बजने का बेसब्री से अपने फ्लैट पर अदिति के आने इंतज़ार कर रहा था. मैंने शैम्पेन की बोतल और खाने का सामान लाके पहले ही रेडी कर लिया था.

ठीक 4 बजे अदिति का कॉल आया- बारिश बहुत तेज़ है. क्या तुम मुझे कॉलेज से पिक कर सकते हो?

मैंने उसे हां बोला और कार लेकर अपनी अदिति को लेने निकल गया. अदिति लोकल बस शेल्टर के अन्दर मेरा इंतज़ार कर रही थी. मैंने उसे देखा, तो मेरा तो दिल ही जैसे उछल के बाहर आ गया. अदिति ने घुटनों तक की नीले रंग की स्लीवलेस ड्रेस पहनी थी. जिसमें वो बला की सुन्दर और सेक्सी लग रही थी. उस पे उसके थोड़े से भीगे बाल उसके चेहरे पे चिपके हुए और कयामत बरपा रहे थे. मैं तो उसे बस देखता ही रह गया.

इतने में वो गाड़ी के अन्दर आकर बैठ गयी और उसने मुझे गले लगते हुए हैप्पी बर्थडे बोला. मैं तो जैसे उसमें खो ही गया.
वो बोली- चलें?
मैंने गाड़ी आगे बढ़ा दी और दस मिनट में हम दोनों फ्लैट पे पहुंच गए.

मैंने अदिति को बाल सुखाने के लिए टॉवल दिया तो वो बाल पौंछने लगी. मैं कॉफी बनाने लगा.
हमने कॉफ़ी पी. अदिति मेरे फ्लैट की तारीफ कर रही थी और मैं बस उसे देखने में ही खोया था. आज वो गज़ब की सेक्सी लग रही थी. इस शार्ट ड्रेस में से उसकी टांगें बहुत सेक्सी लग रही थीं. मेरा दिल कर रहा था कि मैं अदिति को बेडरूम में ले जाऊं और उसे बांहों में ले कर खूब प्यार करूँ … उसके ये रस भरे होंठ चूस लूँ, उसकी ये मांसल जांघें और उठी हुई गांड सहला दूँ.

अदिति ने म्यूजिक प्लेयर पे अर्जित के गाने प्ले कर दिए तो मैं अपने ध्यान से बाहर आया.

फिर हमने खाने का सामान टेबल पे रखा और मैं फ्रिज से शैम्पेन की बोतल और दो गिलास ले आया.
जिसे देख कर अदिति ने अपने होंठ गोल करके विस्सल बजायी और बोली- जनाब का इरादा क्या है?
यह कह कर वो खिलहिला के हंसने लगी. फिर मैंने शैम्पेन खोली, अदिति ने मुझसे गले लग के विश किया.

फिर हम पीने लगे. साथ साथ म्यूजिक एन्जॉय करने लगे.

अदिति ने मुझे कपल डांस करने के लिया बोला, तो मैंने बोला- मुझे नहीं आता.
वो बोली- मैं अभी सिखा दूँगी … अभी और भी बहुत कुछ सिखाना पड़ेगा तुम्हें.
यह कह कर वो फिर से हंसने लगी.

हमने कपल डांस किया और फिर अपने अपने गिलास से शैम्पेन खत्म की. हमने अपने अपने गिलास में दोबारा शैम्पेन डाली और और मैं दीवान पे लेट गया और अदिति पास ही सोफे बैठ के बात करने लगी.

मैंने अदिति से बोला- मैं तुम्हें कुछ बोलना चाहता हूँ.
तो वो बोली- वैसे तो मुझे पता है कि तुम क्या कहना चाहते हो … पर फिर भी तुम्हारे मुँह से सुनना चाहती हूँ.
मैंने बोला- अदिति मैं तुम्हें बहुत चाहने लगा हूँ और तुमसे बहुत प्यार करने लगा हूँ, पहले दिन से ही जब से तुम्हें ट्रेन में देखा है.
वो बोली- तो अब तक बोला क्यों नहीं?
मैंने बोला- मैं डरता था कि तुम ना न कर दो.
तो वो बोली- बुद्धू हो तुम … जो लड़की की दिल की बात न समझ सके.

इतना बोल कर वो भी मेरे पास दीवान पे ही आके दीवार से पीठ लगा के लेट गयी.

मैंने उसे बोला- अदिति मेरी जिन्दगी की कुछ सच्चाई है, जिसे मैंने तुम्हें अभी तक बताया नहीं है.
वो बोली- तो अब बता दो.
मैंने उसे बोला- अदिति, मेरा तलाक हो चुका है.
वो बोली- क्यों ऐसा क्यों हुआ, तुम अच्छे परिवार से हो … अच्छे खासे दिखते हो, फिर तलाक क्यों हो गया?
मैं चुप रह गया.

फिर वो हंसते हुए बोली- कहीं तुम गे तो नहीं हो?
मैंने उसे गम्भीरता से देखा, तो वो बोली- सॉरी बाबा मज़ाक कर रही हूँ. हां बताओ तलाक क्यों हुआ?

मैं बोला- जिससे मेरी शादी हुई थी, वो किसी और से प्यार करती थी, ये बात उसने मुझे पहली रात ही बता दी थी. वो बोली थी कि वो तन और मन से अपने प्रेमी की है, अगर मैं उसे टच भी करूंगा तो वो सुसाइड कर लेगी. फिर मैंने कुछ दिनों बाद ये बात अपने पेरेंट्स को बताई और हमने आपसी सहमति से तलाक ले लिया. मैंने उसकी उसके प्रेमी के साथ कोर्ट मैरिज भी करवाई और उसक़े पेरेंट्स को भी इस शादी क़े लिए राज़ी भी किया.

अदिति बोली- वाओ … तुम बहुत अच्छे हो और मुझे तुम्हारे तलाक शुदा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
इतना कह कर उसने मेरे गाल पे हल्का सा किस किया और मुझे ‘आई लव यू’ बोला.
मैंने भी ‘आई लव यू टू’ कहा.
वो हंसते हुए बोलने लगी- आफ्टरऑल तुम वर्जिन हो यार … बिल्कुल कुंवारे … मेरी तरह.
वो ज़ोर से खिलखिला के हंसने लगी. अदिति की हंसी … दोस्तो क्या बताऊं … जैसे पायल क़े घुंघरू की आवाज़ हो, उसकी हंसी को तो मैं ता-उम्र सुनता रहूँ.

अदिति मेरे बगल में ही लेटी थी, वो मुझसे बोली कि तुमने कभी किसी लड़की को किस भी नहीं किया क्या या मुझे ही सब सिखाना पड़ेगा?
मैंने बोला- किया तो नहीं है, पर अब कर सकता हूँ.
वो बोली- अच्छा!

अदिति अब पूरे मस्ती क़े मूड में थी. मुझे छेड़ते हुए बोली- तुम तो लड़कियों जैसे हो … कभी मेरे को टच करने की कोशिश भी नहीं की तुमने … मैंने तुम्हारे करीब आने क़े कितने हिंट दिए तुम्हें.
मैं हंस दिया.
फिर वो हंसते हुए बोली- कभी पोर्न फिल्म देखी है या नहीं?
तो मैंने भी बोला- हां मेरे मोबाइल में हैं न.
वो बोली- मुझे भी दिखाओ.

वो मेरा मोबाइल मुझसे छीनने लगी और मैं उससे अपना मोबाइल दूर करने लगा. इसी छीना झपटी में अदिति मेरे ऊपर आ गयी और उसके होंठ मेरे होंठों क़े बिल्कुल पास आ गई. मैंने उसके होंठों को चूम लिया.
पहले अदिति ने मेरी तरफ देखा … और फिर अपने तपते होंठ मेरे होंठों पे रख दिए. मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा और वो मेरा ऊपर का होंठ चूसने लगी.

कुछ देर उसका निचला होंठ चूसने क़े बाद मैंने उसका ऊपर वाला होंठ अपने होंठों क़े बीच ले लिया. इस तरह हम बहुत देर तक लिप किस करते रहे.

फिर जब हमारे होंठ अलग हुए, तो अदिति मेरी तरफ देख क़े मुस्करायी और मेरे माथे पे और गालों पे किस करके मेरे ऊपर ही लेट गयी. मेरे एक हाथ की उंगलियां उसके बालों को सहला रही थीं, तो दूसरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहा था.

हम दोनों ही खामोश थे.
 
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मेरी एक हाथ की उंगलियां उसके बालों को सहला रही थीं, तो दूसरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहा था. हम दोनों ही खामोश थे, बस अपने स्पर्श से एक दूसरे को समझ रहे थे.

धीरे धीरे मेरे हाथ उसकी पीठ से नीचे उसकी ड्रेस ऊपर की तरफ हो चले और उसकी जांघों को सहलाने लगे.
थोड़ी देर बाद मैंने अदिति की ड्रेस को और ऊपर खिसका दिया. मेरी उंगलियां अब उसकी पैंटी को छूने लगी थीं. मेरा लंड जीन्स में पूरी तरह तन चुका था. शायद इसका अहसास अदिति को भी हो रहा था, इसलिए उसकी सांसें तेज़ हो रही थीं … वो भी गर्म हो रही थी.

तभी वो थोड़ा ऊपर की तरफ उठी और मेरी आंखों में देखने लगी. उसकी आंखों में वासना दिख रही थी. मैंने उसके होंठों को चूम लिया, तो वो मेरे सर की तरफ खिसक कर मेरे लिप्स पे किस करने लगी. उसके ऊपर की तरफ खिसकने से उसके चूतड़ अब मेरे हाथों में आ गए थे. मैं उसकी ड्रेस के अन्दर हाथ डाल कर उसके उभरे हुए चूतड़ों को सहलाने लगा. कुछ पल बाद जब उसने मेरे होंठ छोड़े, तो मैंने उसे पलट कर अपने नीचे कर लिया और मैं उसके ऊपर आके उसकी गर्दन को चूमने लगा.

फिर मैंने उसकी कान की लौ को जैसे ही चूमा, तो अदिति की आंखें एकाएक सिहरन से बंद हो गईं और उसके मुँह से ‘इस्स अस्स …’ की आवाज़ आने लगी. मैं उसे चूमता हुआ नीचे की तरफ आने लगा. मैंने उसके बूब्स पे उसकी ड्रेस के ऊपर से चूम लिया.
वो बोली- बदमाश!
यह कहते हुए वो मुस्कराने लगी.

मैं चूमता हुआ उसकी जांघों को चूमने लगा. अदिति ‘उह आह …’ करने लगी. मैंने उसकी जांघों के अन्दर वाले हिस्से को चूमा, तो उसने अपनी जांघें ज़ोर से भींच ली. मैं उसके घुटनों को चूमता हुआ उसकी पिंडलियों को चूमने लगा.

फिर नीच होकर जैसे ही मैंने उसके पैर के अंगूठे को मुँह में लेके चूसा, तो अदिति सिसकारियां लेने लगी.

इसी उत्तेज़ना में वो पलट गयी. मैं फिर उसकी पिंडलियों को चूमता हुआ उसके चूतड़ों पे पैंटी के ऊपर से ही चूमने लगा. उसने ड्रेस से मैचिंग डार्क ब्लू कलर की पैंटी डाली थी, जो उसके गोरे चूतड़ों से चिपकी हुई थी और बहुत सेक्सी लग रही थी.

फिर मैंने अदिति किए बाल साइड में किये और उसकी गर्दन के पीछे चूमने लगा. फिर उसकी कान की लौ को अपने होंठों में ले के चूसने लगा, तो वो सी सी करने लगी.

मैंने उसकी पीठ के पीछे हाथ ले जाके उसकी ड्रेस की ज़िप खोल दी, तो अदिति ने भी बैठी होकर ड्रेस निकलने में मेरी हेल्प की. अब अदिति मेरे सामने सिर्फ दो कपड़ों ब्रा एंड पैंटी में थी. गहरे नीले रंग की इस पैंटी और ब्रा में अदिति काम की देवी लग रही थी, जिसको देख के कोई भी अपने आप पर से कंट्रोल खो देगा.

मैं ब्रा में झांकते उसके बूब्स के ऊपरी हिस्से को चूमने लगा. फिर मैंने पीछे हाथ ले जाकर उसकी ब्रा की हुक खोलनी चाही, तो वो मुझसे खुल ही नहीं रही थी.

अदिति ने हंसते हुए खुद ही अपने हाथ से ब्रा खोल दी और बोली- अभी एक्सपीरियंस नहीं है तुम्हें!
यह कह कर वो हंसने लगी. उसके मम्मे बिल्कुल टाइट थे. उन पे हल्के भूरे रंग के निप्पल, जो बिल्कुल सख्त हो चुके थे.

मैंने हाथ से उसके मम्मों को मसलना शुरू कर दिया और उंगली और अंगूठे से उसके निप्पल मसलता जा रहा था. इससे अदिति की सीत्कार बढ़ने लगी. मैंने उसके निप्पलों पे बारी बारी किस किया, तो अदिति हम्म … आह करने लगी. मैं उसके एक निप्पल को मुँह में ले के चूसने लगा और दूसरे को उंगली और अंगूठे से मींजने लगा.

अदिति लगातार ‘उफ़ … उम्म्ह… अहह… हय… याह… उह …’ कर रही थी और बोल रही- अर्पित, बहुत मज़ा आ रहा है … प्लीज और चूसो इन्हें.
मैंने बारी बारी उसके दोनों चूचे खूब चूसे, जब तक वो लाल नहीं हो गए.

फिर मैं उसके मम्मों को छोड़कर उसके पेट पे चुम्बन करने लगा, उसकी नाभि में जीभ डाल के घुमाने लगा.
अदिति हंसते हुए बोली- अर्पित … क्या कर रहे हो यार … गुदगुदी होती है.

मैंने उसकी कमर पर, जहां बेल्ट बांधते हैं, वहां होंठ जमा दिए और उसे बेहताशा चूमने लगा. फिर मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पे किस किया, तो वो एकदम से मचल गयी.
अदिति बोली- क्या करते हो?
मैं उसकी पैंटी उतारने लगा, तो उसने अपनी टांगें ज़ोर एक दूसरे के साथ भींच लीं.

मैं बोला- अदिति देखने दो न … ये अनमोल खज़ाना.
वो बोली- न … मुझे शर्म आती है.

मैं उसकी चूत पे ऐसे ही किस करने लगा, तो वो फिर से गर्म हो गयी और उसकी टांगों की पकड़ ढीली पड़ गयी. मैंने उसकी पैंटी उतार दी. मैंने उसकी टांगों को खोला, तो देखा कि उसकी छोटी सी चूत, जिसकी फांकें आपस में जुडी हुई थीं, जो बता रही थीं कि इसे आज तक किसी मर्द ने नहीं छुआ है.

मैंने उसे पहले तो जी भर के चूमा और फिर अपनी एक उंगली चूत की दरार में डाल दी. इससे अदिति चिहुंक पड़ी. मैं धीरे धीरे उंगली उसकी चूत की दरार में ऊपर नीचे करने लगा. इससे उसकी सिसकारियां बढ़ने लगीं.

फिर मैंने उसकी चूत की एक फांक को अपने होंठों से खोला और उसे मुँह में ले कर चूसने लगा. फिर दूसरी के साथ भी ऐसा किया.

अदिति बोली- हाय अर्पित बहुत मज़ा आ रहा है … मुझे कुछ हो रहा है.

तभी मैंने अपनी जीभ उसकी चूत की दरार में डाल दी और उसकी चूत चाटने लगा. तो वो अपना सर इधर उधर मारने लगी. वो मेरा सर अपनी चूत पे दबा रही थी और साथ साथ अपनी गांड को भी मेरी जीभ के साथ साथ हिला रही थी, साथ में वो बड़बड़ा रही थी- अर्पित … यू आर सो गुड … मैं मर जाऊंगी … मुझे कुछ हो रहा है.

मैंने अपना मुँह उसकी चूत से हटाया और उसके ऊपर आके उसके मम्मों को चूमने और चूसने लगा. अदिति मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी, जब उससे खुले नहीं, तो उसने तोड़ डाले. वो पलट के मेरे ऊपर आ गयी, मेरी चेस्ट पे बेहताशा किस करने लगी.

तभी उसने मेरी जीन्स का बटन खोला और जीन्स उतारने लगी. मैंने जीन्स और अपना अंडरवियर साथ ही उतार दिया. अदिति मेरे लंड को देखने लगी और उसने हाथ में पकड़ा.
वो बोली- मैंने पहली बार छुआ है … ये तो बहुत सख्त है.
मैंने बोला- हां ये तुम्हारे मस्त टच के कारण ही इतना सख्त हो गया है.
वो मुस्करा दी.

मैंने उसे लिटा लिया और खुद उसकी टांगों के बीच में आ गया. उत्तेज़ना के कारण उसकी चूत पूरी गीली हुई पड़ी थी. मैंने अपना लंड उसकी चूत पे सैट किया और हल्का सा धक्का लगाया, तो लंड चूत में चला गया. पर अदिति की चूत टाइट थी, तो उसे दर्द हुआ.

उसकी हल्की आह से मैं रुक गया और अदिति के होंठ चूसने लगा.
वो बोली- नीला ने बताया था कि पहली बार में बहुत दर्द होता है.
मैंने बोला- थोड़ा दर्द तो होगा, अगर तुम नहीं चाहती हो, तो मैं बाहर निकाल लेता हूँ.
वो बोली- नहीं यार, कभी न कभी तो ये दर्द सहना ही है … तो आज क्यों नहीं … और फिर मैं तुमसे ही ये दर्द लेना चाहती हूँ.

मैंने अदिति को चूमा और धीरे धीरे अपना लंड अन्दर करने लगा. फिर थोड़ा सा ज़ोर लगाया, तो मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया. अब अदिति थोड़ा ज़ोर से चिल्लाई. मैं समझ गया कि अदिति की चूत की झिल्ली फट गयी है. मुझे नीचे कुछ गीला गीला सा भी महसूस हुआ, जो कि अदिति की चूत में से उसकी झिल्ली फटने के कारण थोड़ा सा खून निकल रहा था.

मैं अदिति का ध्यान दर्द से हटाने के लिए बातें करने लगा.
वो बोली- जब तुम मेरी चूत चाट रहे थे, तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने बोला- मुझे भी तुम्हारी चूत और बूब्स चूसने में बहुत मज़ा आया.

इन बातों से अदिति फिर गर्म हो गयी और अब उसे दर्द भी नहीं था. मैंने अपनी हसीं गर्लफ्रेंड की चुदाई शुरू कर दी. मैं उसे बड़े प्यार से धीरे से चोद रहा था.
अदिति को मज़ा आने लगा, तो वो बोली- मुझे कुछ हो रहा है. नीचे चूत में से कुछ निकलने वाला है, पर निकल नहीं रहा है.

मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. अब मैं अदिति को पूरे वेग से चोद रहा था और अदिति भी अस्स आह उह कर रही थी.
तभी वो मुझे अपनी ओर खींचने लगी. उसकी टांगें अकड़ने लगीं, तो मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है. मैंने अपनी स्पीड और भी बढ़ा दी.

तभी अदिति ज़ोर से चिल्लाई और ज़ोर से मेरे से लिपट गयी. मैं भी उसके साथ ही उसकी चूत में झड़ गया और उसके ऊपर ही गिर गया. जब थोड़ी सांस ठीक हुई, तो मैं अदिति के बगल में लेट गया. अदिति भी मेरे से लिपट गयी. मैं धीरे धीरे उसे सहलाने लगा.

वो बोली- अर्पित मैंने अपना सब कुछ तुम्हें दे दिया है, अब मुझे छोड़ना मत!
मैंने बोला- नहीं अदिति, मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ, बोलो तो कल ही अपनी माँ पापा को तुम्हारे घर भेज दूँ.
वो बोली- नहीं मुझे पहले अपना एम बी ए पूरा करना है … फिर शादी करूंगी.
मैंने बोला- ओके मुझे कोई दिक्कत नहीं है. मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगा.

फिर यूं ही बात करते करते हम दोनों की आंख लग गयी. जब आंख खुली तो अदिति बिस्तर पे नहीं थी. मैं उठा, अंडरवियर और अपनी जीन्स पहन के अदिति को आवाज़ लगाई, तो वो बालकनी में खड़ी बारिश को निहार रही थी.

उसने अपनी ड्रेस न पहन कर वार्डरोब से मेरी एक शर्ट पहन ली थी और नीचे सिर्फ पैंटी में थी. वो बेहद सेक्सी लग रही थी. उसके चेहरे पे बहुत मासूमियत थी और हवा से उड़ उड़ के बाल बार बार उसके फेस पे आ रहे थे.
उसके हाथ में शैम्पेन का ग्लास था, वो धीरे धीरे सिप कर रही थी.

मैं उसके पास गया, तो उसने अपना सर मेरे कंधे पे टिका लिया. वो बोली- अर्पित मुझे बारिश देखना बहुत अच्छा लगता है, देखो आज बादल भी धरती पे ऐसे बरस रहा है, जैसे ये दोनों एक दूसरे से मिलने के लिए जन्मों के प्यासे हों, जैसे हम तुम. जैसे तुमने आज मुझे अपने प्यार में भिगो दिया, डुबो दिया और मैं इसी तरह सारी ज़िन्दगी तुम्हारी प्यार में डूबी रहना चाहती हूँ.

मैंने प्यार से उसके माथे को चूमा और उसे और न पीने के लिए बोला.
तो वो बोली- अर्पित प्लीज आज मैं तुम्हें पा के बहुत खुश हूँ, आज मुझे मत रोको मुझे और शैम्पेन पीनी है, चलो और ले के आएं.

मैंने मुस्करा के उसे हां बोला, तो वो मुझसे लिपट गयी और चूमने लगी. उसने अपनी ड्रेस पहनी और हम शैम्पेन लेने चल दिए … एक नयी शुरुआत करने.

दोस्तो, यह थी मेरी और अदिति की प्रेमकहानी … इसके बाद हमारे बीच कई बार सेक्स हुआ. हम फिर लिव इन रिलेशनशिप में भी रहे और अब हमारी अब शादी भी होने वाली है.
समाप्त
 
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