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LEVEL 8
25 XP
मेरा परिवार बोहोत बड़ा था हम एक गांव में रहते थे हमारी मूल वृत्ति खेती थी । मेरा नाम सुमन मिश्रा है और मेरी उम्र 26 साल है में एक साधारण लड़का था जो बड़ों की आज्ञा के हिसाब से जीवन बिताने वाला । पढ़ाई तो मैने की और उस हिसाब से मुझे शहरों में नौकरी भी आसानी से मिल जाती ।
मगर समस्या थी कुछ ।
हमारे गांव एक ठाकुर खानदान है जो गांव में राज करता है पूरा गांव उनके इशारों पर नाचता है जो की सदियों से चले आ रहा है। अभी की पीढ़ी में ठाकुर रज्जन अपनी गद्दी संभाल रहे है पर उनका बेटा विरेंद अब बड़ा हो गया हे 28 साल का । ठाकुर रज्जन ने बेटे विरेंड को धीरे धीरे कर गद्दी पे बैठने की तालीम दे रहा था । ठाकुर किसी भी युवक को गांव के बाहर नौकरी करने नही देता था पढ़ाई के बाहर जाने की इजाजत देता था मगर अपनी भविष्य गांव में ही दफना देता था । सब डरते थे सु तक आवाज नही उठता ठाकुर खानदान पर ।
ऐसा नही की अत्याचार ही करते थे ठाकुर खानदान गांव की भलाई भी करता था लेकिन उसके बदले में घर की इत्त्जत लुट लेता था पर गांव वालो को अब आदत हो गई हैं।
एक हफ्ते पहले मेरी शादी हुई दूसरी गांव की हमारी बराबर की खानदान की लड़की से । मेरी पत्नी का नाम रूपाली जिसकी उम्र 23 साल थी । रूप गुण में कोई भी कमी नही थी संस्कारी भी थी । मुझे उसकी पतली जिस्म बोहोत पसंद था ।
और दिन भी आया जो गांव का नियम था । गांव में कोई भी नई बहू आए तो एक रात के लिए ठाकुर खानदान की महल में बिताना ही पड़ता है । ठाकुर खानदान की और से मेरी पत्नी को ठाकुर खानदान की महल में रात बिताने का न्यौता आया ।
मेरी पत्नी भी हमारे गांव के रीति रिवाज के बारे ने पहले से ही जानती थी । जैसे ही खबर सुना मेरा दिल भावुक हो गया पता तो था ऐसा होना तो तय है फिर भी कौन अपनी पत्नी को किसी गैर के बिस्तर पर छोड़ के आना चाहेगा ।
ताऊजी हमारे घर के बड़े थे उन्होंने हमे आदेश दिया की जो ठाकुर बोले करो वरना कोई आखों देखा किस्से हे जिसका घर ठाकुर ने नर्क बनाया हे ।
मेरी मासूम पत्नी मुझसे रोटी हुई कहने लगी " मुझे नही जाना । हम कही भाग चलते है"
मैने ना चाहते हुए भी समझाया " हम भाग तो जायेंगे मान लो हम पकड़े भी नही गए लेकिन हमारे परिवार वालो का क्या हस्सर होगा तुम सोच भी नही सकती। सिर्फ तुम नही इस गांव की हर बहु ठाकुर की बिस्तर पर हो कर आई है। मेरे घर की हर औरत ठाकुर की बिस्तर पर जा चुकी हे यही नियम सदियों से चलता आ रहा है "
मां और ताई भी मेरी पत्नी को अकेले में समझाया और फिर मेरी पत्नी भी मान गई।
तो दूसरे दिन ही शाम को में अपने पत्नी को लेंकर उनके मेहल में ले के गया।
मगर समस्या थी कुछ ।
हमारे गांव एक ठाकुर खानदान है जो गांव में राज करता है पूरा गांव उनके इशारों पर नाचता है जो की सदियों से चले आ रहा है। अभी की पीढ़ी में ठाकुर रज्जन अपनी गद्दी संभाल रहे है पर उनका बेटा विरेंद अब बड़ा हो गया हे 28 साल का । ठाकुर रज्जन ने बेटे विरेंड को धीरे धीरे कर गद्दी पे बैठने की तालीम दे रहा था । ठाकुर किसी भी युवक को गांव के बाहर नौकरी करने नही देता था पढ़ाई के बाहर जाने की इजाजत देता था मगर अपनी भविष्य गांव में ही दफना देता था । सब डरते थे सु तक आवाज नही उठता ठाकुर खानदान पर ।
ऐसा नही की अत्याचार ही करते थे ठाकुर खानदान गांव की भलाई भी करता था लेकिन उसके बदले में घर की इत्त्जत लुट लेता था पर गांव वालो को अब आदत हो गई हैं।
एक हफ्ते पहले मेरी शादी हुई दूसरी गांव की हमारी बराबर की खानदान की लड़की से । मेरी पत्नी का नाम रूपाली जिसकी उम्र 23 साल थी । रूप गुण में कोई भी कमी नही थी संस्कारी भी थी । मुझे उसकी पतली जिस्म बोहोत पसंद था ।
और दिन भी आया जो गांव का नियम था । गांव में कोई भी नई बहू आए तो एक रात के लिए ठाकुर खानदान की महल में बिताना ही पड़ता है । ठाकुर खानदान की और से मेरी पत्नी को ठाकुर खानदान की महल में रात बिताने का न्यौता आया ।
मेरी पत्नी भी हमारे गांव के रीति रिवाज के बारे ने पहले से ही जानती थी । जैसे ही खबर सुना मेरा दिल भावुक हो गया पता तो था ऐसा होना तो तय है फिर भी कौन अपनी पत्नी को किसी गैर के बिस्तर पर छोड़ के आना चाहेगा ।
ताऊजी हमारे घर के बड़े थे उन्होंने हमे आदेश दिया की जो ठाकुर बोले करो वरना कोई आखों देखा किस्से हे जिसका घर ठाकुर ने नर्क बनाया हे ।
मेरी मासूम पत्नी मुझसे रोटी हुई कहने लगी " मुझे नही जाना । हम कही भाग चलते है"
मैने ना चाहते हुए भी समझाया " हम भाग तो जायेंगे मान लो हम पकड़े भी नही गए लेकिन हमारे परिवार वालो का क्या हस्सर होगा तुम सोच भी नही सकती। सिर्फ तुम नही इस गांव की हर बहु ठाकुर की बिस्तर पर हो कर आई है। मेरे घर की हर औरत ठाकुर की बिस्तर पर जा चुकी हे यही नियम सदियों से चलता आ रहा है "
मां और ताई भी मेरी पत्नी को अकेले में समझाया और फिर मेरी पत्नी भी मान गई।
तो दूसरे दिन ही शाम को में अपने पत्नी को लेंकर उनके मेहल में ले के गया।