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Adultery Unexpected रिश्ता

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अपनी सांसों को कंट्रोल करने में दोनो कोई लगे हुए थे वही पूजा दी के ऊपर से हम हटने के बजाए उनपे ही लेट गया....और पूजा दी ने मेरे को एक बार फिर से अपनी बाहों के घेरे में कैद कर लिया और साथ ही साथ मेरा माथा भी चूम लिया.....जैसे कह रही हो की इस रोमांच और सेक्स से भरपूर एहसास के लिए शुक्रिया.......वही मेरे मन में भी बहुत सारे सवाल के भवर उमड़ रहे थे की आगे अब क्या होगा क्युकी जो होना था अब वो हो चुका है........इसी सोच में हम दोनो एक दूसरे पे लेटे रहे और तकरीबन आधे घंटे बाद हम उनके ऊपर से आधा उठे और देखा की मेरा वीर्य उनके और मेरे दोनो के पेट पे फैल गया है तो मैने बिस्तर की चादर को खीच कर एक कोने से बाहर निकाला और उसी से पहले पूजा दी फिर मेरे पेट पे लगे उस प्यार की निशानी को उस चादर में संजो कर पोंछ दिया......और साथ ही साथ पूजा दी अपनी टांगे उसी तरह फैलाए हुए थी तो लगे हाथ उसकी चूत भी पोंछ दी मैने और इस दौरान वो बस लेटी हुई मुझे देखे जा रही थी........

पोंछने के बाद मैं उनकी टांगों के बीच से निकल कर उनके बगल में लेट गया और एक लंबा सांस छोड़ा जैसे कितनी मेहनत की हो और अभी आराम आया हो...... इसपे पूजा दी मेरी ओर मुड़ी और अपने आप को मेरे सीने से चिपका लिया.....कसम से ये जो एहसास है ना वो दुनिया का सबसे बेस्ट फीलिंग्स में से एक है.....मैने भी उनको अपने बाहों के आगोश में लेते हुए खुद से और जोर से चिपका लिया और पूजा दी ने एक टांग अपनी मेरे जांघों पे चढ़ा दी.....जिससे उसकी चूत का गीलापन हम साफ साफ महसूस कर सकते थे..........अब तक हम दोनो में कोई बात नही हुई थी.....साला समझ में ही नही आ रहा था की कैसे बोलू और क्या बोलूं.....तभी पूजा दी मुझे मेरे गाल पे चूमते हुए बोली आई लव यू......

मैं एक पल के लिए सुना ही नही की वो क्या बोली फिर हम बोले....हम्मम क्या कहा आपने दी.....वो मेरे सीने पे एक प्यारा सा मुक्का मारते हुए बोली की सब सुन के अनजान ना बनो.....हम बोले की सच में मैं नही सुना दी....वो फिर से मुक्का मारी और बोली की अब भी मैं तुझे तेरी दी ही लगती हु क्या.....अपनी दी के साथ ये कौन करता है भला.......हम हस्ते हुए बोले हा करता है ना एक बेहेंचोद......और जोर से हस दिया और वो मेरे सीने पे फिर से मुक्का मारी पर उसकी भी हसी छूट गई......फिर वो दुबारा से बोली की आई लव यू.......हम जवाब में उनको चूमते हुए बोले की हा अभी तो ये आप कह रही है पर घर जाने के बाद वहा क्या बलेंगी.......वो बोली की ये हमारे बीच की बात है.....दुनिया के लिए हमदोनो कुछ भी हो पर आपस में हम क्या है वो आप जान चुके है........

पूजा दी के मुंह से आप सुन के लगा की मेरी पत्नी मुझसे बाते कर रही है.....आए हाए क्या खूबसूरत अल्फाज थे वो.....हम फिर उनको बोले की अभी आप हमको क्या बुलाई आप.....या मेरा कान बज रहा है.....वो मेरे सीने में अपने चेहरे को छुपाते हुए बोली आप को सब पता है फिर भी आप हमको छेड़ रहे है.....गंदे आदमी.....

हम उठ बैठे और उनको भी उठाए और घुमा कर अपने गोद में ले लिए......ज्यों ही उनकी गांड़ मेरे लंड पे बैठी मेरा लंड में वो दर्द हुआ की क्या बताऊं पर साला साथ में वो खड़ा भी होने की कोशिश में था......और हम उसपे से ध्यान हटाएं और पूजा दी की चुचियों को अपने हाथ में लेते हुए उसके गालों को चूमते हुए बोले.....आई लव यू टू.....
पर अब क्या.....और आपको इस बारे में अंदाजा था अभी जो हमारे बीच हुआ.....वो कसमसा कर हल्का ऊपर उठी और मेरी तरफ चेहरा घुमा कर बोली.....अंदाजा नही था पर जितनी सहनशीलता से आप मेरे साथ कल रात से थे उतना में कोई और होता तो कब का मेरे साथ बिना मेरी सहमति के गलत कर जाता......
तब हम बोले की गलत तो मैने भी किया ना......तो वो बोली की नही आप गलत नही किए बल्कि जो भी हुआ उसमे मैं भी पूरे मन से पूरे तन से आपके साथ थी अगर गलत होता तो उसमे केवल आप होते मैं नही पर यहां हम दोनो शामिल थे और अपनी सहमति से मैने ये सब किया है आप ज्यादा दिमाग मत लगाइए समझे बुद्धू.......हम उसके निप्पल को उमेठते हुए बोले अच्छा तो अब हम बुद्धू हो गए है.......तो वो तड़पती हुई आंखे बंद कर के होठों पे मुस्कान लिए बोली की नही मेरा मतलब था आप गलत नही है बाबा.....आह अब छोड़ भी दीजिए ना उनको प्लीज.....आह आह हम छोड़ने से पहले एक बार और उमेठे और छोड़ कर उसके उठे हुए चेहरे पे चूम लिए......और उससे पूछे की अब आगे क्या इरादा है......तब तक मेरा लंड खड़ा हो कर उसको चूत और गांड़ के आसपास चुभन देने लगा था......वो बोली इरादा तो सोने का था पर लग रहा की किसी और का सोने का मन है नही.........
 
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और वो उठ कर बैठी और मेरे लंड को अपने हाथो में लिया.....ये पहली बार था जब माधुरी के अलावे किसी और ने मेरे पप्पू को हाथो मे लिया था.....वो बस उसको हाथ में ले कर एक बार सहलाई और हम उसके पकड़ने मात्र से बिलबिला उठे दर्द था उसमे और फिर पूजा बोली की बच्चू तकलीफ में है लगता है डॉक्टर से दिखवाना पड़ेगा......हम बोले दिखवाना नही घुसाना पड़ेगा.....और ये कह कर उनको वापिस से बिस्तर पे लिटा दीए.......पर उन्होंने ने कहा की अब नही आप भी दर्द में हो और मेरा भी हाल वैसा ही है इसलिए अभी रहने देते है पर अब हम कहा मानने वाले थे.......जब किसी बच्चे को नया नया खिलौना मिलता है तो वो हर वक्त उससे खेलता रहना चाहता है वही हाल मेरा भी था......पर हम पूजा से पूछे की पक्का तुम्हारा मन नही कर रहा.......वो शरमा कर बोली पर दर्द भी तो कर रहा है ना......हम बोले की उसका इलाज हम अभी किए देते है इंजेक्शन लगा देते है रुको.......और ये कह कर हम उनकी चूत पे वापिस से मुंह लगा दिए......जो की पहली बार की तरह ही गीली थी एकदम रसगुल्ले के चाशनी में डूबी हुई जलेबी को तरह......😅😅😅😅 और मेरा मुंह लगते ही पूजा दी जोर से सिसकारी भरी और मेरे बालो को नोचने लगी......हम बेपरवाह एकदम जितना गहरा चूस सकते थे उतना गहरा चूसने लगे......वो बेचारी पानी से बाहर निकाल कर छोड़ी गई मछली की तरह ऐंठने लगी तड़पने लगी......पर कुछ एक दो मिनट की चुसाई के बाद अब हम सोचे की मौका सही है......और मेरे लंड को पूजा तो अपने मुंह में लेने से रही......क्युकी इन सब के लिए अभी बहुत कुछ होना बाकी था वैसे भी ये पहला अनुभव था पूजा का और मेरा चुदायी का पहला इसलिए ज्यादा समय ना गंवाते हुए एक बार फिर अपने थूक से हम दोनो के मिलन का रास्ता तैयार किए और अगले ही पल पूजा की चूत में मेरा लंड सैर करने लगा था.....इस बार पहले के मुकाबले दर्द भी कम था और मजा दो गुना.......इसलिए अबकी बार कमरे में चप चप चट चट की आवाजे साफ साफ निकल रही थी और पूजा ने मेरे कमर पे अपनी टांगो से एक घेरा बना लिया था.......जो की और कामुकता से परिपूर्ण समा बना रहा था.......चोदते चोदते पूजा मेरे होठों से कभी मेरे गर्दन पे तो कभी सर पे चुम्मो की बरसता किए जा रही थी.....और हम दोनो ये चाह रहे थे की ये सिलसिला यूंही चलता जाए बस कभी रुके ना......

चुदाती हुई पूजा के चेहरे के भाव देखने लायक थे आंखे बंद कर के भी वो एक अलग ही दुनिया में सैर कर रही थी.......और पूजा की मजबूत पकड़ मेरे पीठ और कमर पर इस बात का सबूत थे की पूजा को हम पूरी तरह से संतुष्ट कर पा रहे थे........इस बार तकरीबन आधे घंटे तक हम उसके खेत में हल जोतते रहे....और झड़ने के नजदीक आने पे फिर से उसके पेट पे अपना माल गिराए पर अबकी बार मेरा वीर्य की कुछ बूंदे उसके चुचियों और गर्दन तक जा पहुंची और फिर हल धम्म से उसपे ही लेट गए और दोनो अपनी सांसों को काबू में करने लगे.....कुछ 10 मिनट बाद वो बोली की ऐसे ही सोना है या नहा ले हम दोनो क्युकी काफी चिपचिपा सा हो गया हैं हम दोनो के बीच में......हम बोले की अभी नहा कर तबियत बिगाड़नी है क्या.....तो वो बोली की बिगड़ भी गई तो क्या आप हो ना अपने इंजेक्शन से ठीक कर देना हमको और हम अपने फल खिला कर आपको तंदुरुस्त कर देंगे....उसका इशारा अपनी चुचियों की तरफ था.....

हम उसके निप्पल को मुंह में ले कर चुभलाते हुए बोले की अब इनका स्वाद तो हम हर रोज लिया करेंगे चाहे वो जैसे भी ले और स्वाद लेने की तेरी इच्छा आप कैसे पूरा करेंगी आप जानो......और ये कह कर वापिस से उसकी चूचियों को मुंह में ले कर चूसने लगे......फिर कुछ देर बाद हम बोले की अब सो जाते है कल तुम्हारा एग्जाम भी है.....वो बोली की हा है पर अभी सोना नही है हमको मेरी आंखों में आपको नींद दिखती है क्या........

हम बोले की दिखती नही तो क्या मेरी बाहों में लेटो फटाफट नींद आ जायेगी समझी.......फिर मैने बिस्तर से पूरा चादर हटाया और उसको एक साइड रख के पूजा दी और अपना लाया हुआ चादर दोनो को एक साथ जोड़ कर नंगे ही सोने लगे.....इसपर हम फिर बोली की ऐसे ही सोएगी या कुछ पहनना है.....वो बोली कुछ नहीं बस मेरे को अपनी बाहों में कसते हुए अपना सर मेरे सीने पे रखी और आंखे बंद कर ली जबकि मैं उसके बालो को सहलाने लगा......और एक हाथ से उसके पेट से जांघो तक सहलाता रहा और कब नींद लग गई पता ही नही चला.........
 

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