0

0%

Status

Offline

Posts

12

Likes

2

Rep

0

Bits

24

5

Months of Service

LEVEL 1
95 XP
* अपडेट -4

**** आगे की कहानी हीरो राहुल की जुबानी ***

(* मुन्नी का नाम आगे से दादी भी आयेगा )

तभी बाहर से आवाज आती है. ये आवाज राजु के बेटे निशांत की है, जिसे उसकी मम्मी ने भेजा है राहुल को नाश्ते के लिए बुलाने के लिए, क्योंकि राहुल के मम्मी पापा बाहर गये हुए है.

निशांत - चाचा कहाँ पर हो आप
मैं - आवाज सुनकर मै और दादी हडबडा जाते है.
मै साईड मे हो जाता हू और बाथरूम मे चला जाता हू
दादी अपने कपड़े पहनकर गेट खोलती है.
मुन्नी (मन मे)- इसके भी अभी आना था.
मुन्नी - क्या हुआ बेटा
निशांत - बूढी दादी मै चाचा को नाश्ते के लिए बुलाने आया हू.

मुन्नी को गुस्सा तो बहुत आता लेकिन वो कुछ नहीं बोलती
मुन्नी - राहुल तो अंदर ही है बुलाले... इतना बोलकर मुन्नी चली जाती है.
निशांत - चाचा चलो नाश्ता कर लो.
मैं- बेटा तु चल मै आता हू नहा कर.

* ताऊ कर्ण सिंह का घर

इसके घर मे 4 कमरे व 1 रसोई है.
करण सिंह अपना पैसा दारू मे उडाता है जिस कारण पैसे की थोड़ी कमी रहती है. घर पर झगड़ा करना मार पीट करना आदत है इसकी.
घर मे इस समय मीनाक्षी भाभी अकेली है.. आज उदास है क्योंकि राजु ने आज इसको भला बुरा कहा है.

(* सभी बहुए सलवार सुट पहनती है. कभी कभी साडी भी पहन लेती है)

मै नहा कर कर्ण सिंह के घर पर जाता हू.
मीनाक्षी रसोई मे थी.
गर्मियों के दिन है जिस कारण मीनाक्षी पसीने से भरी हुई है.
जिस कारण उसकी ब्रा दिख रही है, और उसमे कसे हुए उसके मोटे मोटे चुचे.
मै जैसे ही रसोई मे जाता हू मेरी नजर उसकी बडी गांड पर पडती है, जिसे देखते ही मेरा लंड झटके मारने लग जाता है.
मुझे शरारत समझती है. मै धीरे से भाभी के पीछे जाकर उसे पकड़ लेता हू. जिससे भाभी डर जाती है.
मीनाक्षी (डरते हुए )- कौन है
मै - मै हू भाभी आपका देवर.
मीनाक्षी - राहुल आपने तो मुझे डरा ही दिया

मै भाभी के चिपक जाता हू. जिससे मेरा लंड उनकी गांड की दरार मे फिट हो जाता है. और अपने हाथ उनके मखमली पेट पर रख देता हूँ.
जिससे भाभी एक सिसकारी लेती है
भाभी (मन मे)- ये क्या चुभ रहा है मेरे पीछे, कही राहुल का लंड तो नहीं. हाय राम ये क्या कर रहे है.
भाभी - देवर जी क्या कर रहे हो आप
मै - कुछ नहीं, मै तो मेरी प्यारी और खुबसूरत भाभी को प्यार कर रहा हू.
भाभी(मन मे )- हाय दैया ये राहुल का लंड कितना बड़ा है. इसने तो हालत खराब कर दी
मेरे लंड घिसने से भाभी को मजा आता है, उनकी चुत गिली होने लगती है
भाभी(मीनाक्षी )- खुबसूरत ओर मै. आपको कहा से खुबसूरत लगी.
मै - आप तो पूरी की पूरी ही खूबसूरत हो.

भाभी(धीरे से )- जिसको लगनी चाहिए उसको तो नहीं लगती.
मै - क्या भाभी
भाभी- नहीं कुछ नहीं... मै कहा से सुंदर लगी आपको
मै - सची बता दू, आप बुरा तो नहीं मानेगी ना.
भाभी - इसमे बुरा मानने वाली क्या बात है, आप बताओ नही मानुंगी बुरा.
मै - भाभी आपके ये होंठ, ये गोरे गाल और आपकी ये बडी बडी चुचीया.
और इन सबसे ज्यादा आपकी ये बड़ी बड़ी मखमली गांड... इतनी बोलकर मै भाभी की गांड को अपने हाथों से धीरे धीरे मसलने लगता हू.
भाभी - छी.. छी.. आप ये क्या बोल रहे है. कितने गंदे शब्द बोल रहे है.
मै- आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मानेगी, और मै क्या गलत बोल रहा हू मै तो आपकी तारीफ ही कर रहा हू
आपको बुरा लगा तो ठीक है नहीं बोलता.

भाभी(मन मे) - लगता है राहुल को बुर लग गया... वैसे ये गलत तो नहीं कह रहा है, मेरे चुचे और गांड है ही बडे बडे.
उनको तो कुछ अच्छा लगता नहीं है राहुल को तो अच्छे लगते है.
भाभी - नही मुझे बुरा नहीं लगा.. मै तो ऐसे ही बोल रही थीं
सच मे आपको मै इतनी सुंदर लगती हू.
मै(मन मे) - लगता है भाभी लाईन पर आ रही है.
मै- हाँ भाभी सच्ची, आप सुंदर हो
इतना बोलकर मै भाभी को कस लेता हू जिससे मेरा लंड उनकी गांड के छेद पर टच करता है.
भाभी - आहहह...
मै - क्या हुआ भाभी
भाभी - कुछ नहीं
मै - भाभी मुझे आपके ये मोटे मोटे चुचे बहुत अच्छे लगते है
मै धीरे धीरे धक्के लगाता हू, जिससे भाभी उतेजित हो जाती है
भाभी- अच्छा! ऐसा क्या है इनमें
मै - पता नहीं भाभी, मेरा मन इनको छूने का करता है.... भाभी क्या मै इनको छु लु.
भाभी(मन मे)- ये राहुल क्या बोल रहा है.
भाभी - नही देवर जी गलत है ये, और कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा.
मै(मन मे)- लगता है भाभी का भी मन है
मै - भाभी कोई नहीं है इस समय घर पर
भाभी(मन मे)- छु ही तो रहा है, छु लेने देती हूं.
भाभी - ठीक है छु लो.
मै - thanku भाभी
Story mn creation ki zarorat hai.
Minakshi to Rahul ki taaiji hai phr bhabhi kese ho gyi ..?
 

0

0%

Status

Offline

Posts

12

Likes

2

Rep

0

Bits

24

5

Months of Service

LEVEL 1
95 XP
Nice
* अपडेट -4

**** आगे की कहानी हीरो राहुल की जुबानी ***

(* मुन्नी का नाम आगे से दादी भी आयेगा )

तभी बाहर से आवाज आती है. ये आवाज राजु के बेटे निशांत की है, जिसे उसकी मम्मी ने भेजा है राहुल को नाश्ते के लिए बुलाने के लिए, क्योंकि राहुल के मम्मी पापा बाहर गये हुए है.

निशांत - चाचा कहाँ पर हो आप
मैं - आवाज सुनकर मै और दादी हडबडा जाते है.
मै साईड मे हो जाता हू और बाथरूम मे चला जाता हू
दादी अपने कपड़े पहनकर गेट खोलती है.
मुन्नी (मन मे)- इसके भी अभी आना था.
मुन्नी - क्या हुआ बेटा
निशांत - बूढी दादी मै चाचा को नाश्ते के लिए बुलाने आया हू.

मुन्नी को गुस्सा तो बहुत आता लेकिन वो कुछ नहीं बोलती
मुन्नी - राहुल तो अंदर ही है बुलाले... इतना बोलकर मुन्नी चली जाती है.
निशांत - चाचा चलो नाश्ता कर लो.
मैं- बेटा तु चल मै आता हू नहा कर.

* ताऊ कर्ण सिंह का घर

इसके घर मे 4 कमरे व 1 रसोई है.
करण सिंह अपना पैसा दारू मे उडाता है जिस कारण पैसे की थोड़ी कमी रहती है. घर पर झगड़ा करना मार पीट करना आदत है इसकी.
घर मे इस समय मीनाक्षी भाभी अकेली है.. आज उदास है क्योंकि राजु ने आज इसको भला बुरा कहा है.

(* सभी बहुए सलवार सुट पहनती है. कभी कभी साडी भी पहन लेती है)

मै नहा कर कर्ण सिंह के घर पर जाता हू.
मीनाक्षी रसोई मे थी.
गर्मियों के दिन है जिस कारण मीनाक्षी पसीने से भरी हुई है.
जिस कारण उसकी ब्रा दिख रही है, और उसमे कसे हुए उसके मोटे मोटे चुचे.
मै जैसे ही रसोई मे जाता हू मेरी नजर उसकी बडी गांड पर पडती है, जिसे देखते ही मेरा लंड झटके मारने लग जाता है.
मुझे शरारत समझती है. मै धीरे से भाभी के पीछे जाकर उसे पकड़ लेता हू. जिससे भाभी डर जाती है.
मीनाक्षी (डरते हुए )- कौन है
मै - मै हू भाभी आपका देवर.
मीनाक्षी - राहुल आपने तो मुझे डरा ही दिया

मै भाभी के चिपक जाता हू. जिससे मेरा लंड उनकी गांड की दरार मे फिट हो जाता है. और अपने हाथ उनके मखमली पेट पर रख देता हूँ.
जिससे भाभी एक सिसकारी लेती है
भाभी (मन मे)- ये क्या चुभ रहा है मेरे पीछे, कही राहुल का लंड तो नहीं. हाय राम ये क्या कर रहे है.
भाभी - देवर जी क्या कर रहे हो आप
मै - कुछ नहीं, मै तो मेरी प्यारी और खुबसूरत भाभी को प्यार कर रहा हू.
भाभी(मन मे )- हाय दैया ये राहुल का लंड कितना बड़ा है. इसने तो हालत खराब कर दी
मेरे लंड घिसने से भाभी को मजा आता है, उनकी चुत गिली होने लगती है
भाभी(मीनाक्षी )- खुबसूरत ओर मै. आपको कहा से खुबसूरत लगी.
मै - आप तो पूरी की पूरी ही खूबसूरत हो.

भाभी(धीरे से )- जिसको लगनी चाहिए उसको तो नहीं लगती.
मै - क्या भाभी
भाभी- नहीं कुछ नहीं... मै कहा से सुंदर लगी आपको
मै - सची बता दू, आप बुरा तो नहीं मानेगी ना.
भाभी - इसमे बुरा मानने वाली क्या बात है, आप बताओ नही मानुंगी बुरा.
मै - भाभी आपके ये होंठ, ये गोरे गाल और आपकी ये बडी बडी चुचीया.
और इन सबसे ज्यादा आपकी ये बड़ी बड़ी मखमली गांड... इतनी बोलकर मै भाभी की गांड को अपने हाथों से धीरे धीरे मसलने लगता हू.
भाभी - छी.. छी.. आप ये क्या बोल रहे है. कितने गंदे शब्द बोल रहे है.
मै- आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मानेगी, और मै क्या गलत बोल रहा हू मै तो आपकी तारीफ ही कर रहा हू
आपको बुरा लगा तो ठीक है नहीं बोलता.

भाभी(मन मे) - लगता है राहुल को बुर लग गया... वैसे ये गलत तो नहीं कह रहा है, मेरे चुचे और गांड है ही बडे बडे.
उनको तो कुछ अच्छा लगता नहीं है राहुल को तो अच्छे लगते है.
भाभी - नही मुझे बुरा नहीं लगा.. मै तो ऐसे ही बोल रही थीं
सच मे आपको मै इतनी सुंदर लगती हू.
मै(मन मे) - लगता है भाभी लाईन पर आ रही है.
मै- हाँ भाभी सच्ची, आप सुंदर हो
इतना बोलकर मै भाभी को कस लेता हू जिससे मेरा लंड उनकी गांड के छेद पर टच करता है.
भाभी - आहहह...
मै - क्या हुआ भाभी
भाभी - कुछ नहीं
मै - भाभी मुझे आपके ये मोटे मोटे चुचे बहुत अच्छे लगते है
मै धीरे धीरे धक्के लगाता हू, जिससे भाभी उतेजित हो जाती है
भाभी- अच्छा! ऐसा क्या है इनमें
मै - पता नहीं भाभी, मेरा मन इनको छूने का करता है.... भाभी क्या मै इनको छु लु.
भाभी(मन मे)- ये राहुल क्या बोल रहा है.
भाभी - नही देवर जी गलत है ये, और कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा.
मै(मन मे)- लगता है भाभी का भी मन है
मै - भाभी कोई नहीं है इस समय घर पर
भाभी(मन मे)- छु ही तो रहा है, छु लेने देती हूं.
भाभी - ठीक है छु लो.
मै - thanku
 

56,718

Members

330,043

Threads

2,757,219

Posts
Newest Member
Back
Top