Erotica मेरे जन्मदिन पर मेरे यार ने दिया दर्द

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मेरा नाम सुहानी चौधरी है और मेरी उम्र 22 साल है, मैं दिल्ली में ही पढ़ाई करती हूँ। वास्तव में मैं उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से हूँ पर अब दिल्ली में ही हॉस्टल में रहती हूँ अपनी सहेली तन्वी के साथ।

मैं बचपन से ही उन कुछ भाग्यशाली इन्सानों में से हूँ जो शायद कभी गणित में फ़ेल नहीं हुए, कभी कुछ गलत करते पकड़े नहीं गए, चेहरे पे हल्के से भी दाग धब्बे नहीं हैं और रंग गोरा और बिलकुल चिकना है और चेहरा बहुत हंसमुख है. उस पर जवानी की एक अलग ही चमक है। शरीर बिलकुल सही कद काठी का है.

काफी लोग मेरा फ़िगर पूछते रहते हैं तो उनकी जानकारी के लिए बता दूँ कि मेरा फ़िगर पहले सामान्य ही था पर अब 36-26-36 हो गया है। मैं शक्ल से बचपन से ही काफी सुंदर और मासूम सी दिखती हूँ और पिछले साल तक तो थी भी। मेरे कुछ दोस्त तो यहाँ तक कहते थे कि सब बड़े हो गए पर सुहानी सिर्फ शरीर से बड़ी हो गयी पर शक्ल से तो अब भी बच्चों जैसे मासूम ही दिखती है।

मेरा स्वभाव भी काफी नर्म है और मैं सबसे प्यार से बात करती हूँ, कोई एट्टीट्यूड नहीं, कोई नखरा नहीं, पर जब कोई मुझे ज्यादा ही परेशान करने लगता है तो बस मैं बात करना बंद कर देती हूँ।

मेरा एक बॉयफ्रेंड है जिसका नाम करन है पर वो दूसरे शहर में रहता है। मेरे बारे में और अधिक जानने के लिए नए पाठकों से अनुरोध है कि मेरी पिछली कहानियों को भी पढ़ें और अगर आपको अच्छी लगे तो लाइक भी जरूर करें, इससे मुझे बहुत अच्छा लगता है।
तो चलिये आगे की कहानी में आगे बढ़ते हैं।

हर्षिल के यहाँ से आए हुए हमें एक हफ्ते से ज्यादा हो गया था और मैं और तन्वी अपनी कॉलेज लाइफ में व्यस्त हो गए थे। पढ़ाई का दबाव काफी बढ़ गया था और इधर उधर की बातों में पढ़ाई से ध्यान भी भटक गया था।
अगले महीने मेरा जन्मदिन आने वाला था, तो तन्वी ने पूछा- इस बार जन्मदिन पे क्या प्लान कर रही है, कहाँ पार्टी दे रही है?
मैंने कहा- यार कैसी पार्टी, पढ़ाई करनी है वरना इस बार तो फ़ेल हो जाऊँगी पक्का। बर्थडे तो हर साल आता है, फिर कभी मना लेंगे।

मेरा ज़्यादातर वक्त करन के साथ फोन पे बात करते हुए बीतता था, हम हमेशा या तो फोन पे या चैट पे लगे रहते थे। जिन पाठकों ने मेरी पिछली कहानी
भाई की शादी में सुहागरात मनाई
नहीं पढ़ी, मैं उन सबको करन के बारे में थोड़ा सा बता दूँ।

मैं और करन मेरे मामा के लड़के की शादी में मिले थे, करन लड़की वालों की तरफ से था और जॉब करता था। वो दिखने में बहुत क्यूट और हैंडसम है। मैं भी बहुत क्यूट और मासूम सी दिखती हूँ तो तन्वी हम दोनों को क्यूट कपल कह के बुलाती थी। तभी से हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे।

अब प्यार सच्चा था या नहीं ये तो नहीं कह सकते … पर हम दोनों को एक दूसरे से बात करना बहुत पसंद था, हम लगभग हर बात शेयर करते थे। बस मैंने उसे हर्षिल वाली बात का नहीं बताया था, नहीं तो उसका दिल टूट जाता।

मेरे जन्मदिन पर वो दिल्ली आने वाला था। मैं उससे अब तक सिर्फ शादी में ही मिली थी एक बार, और उतने में ही हमारे बीच वो सब हो गया था।

धीरे धीरे वक़्त बीतता गया और अगला महीना भी आ गया, मेरा जन्मदिन दो दिन बाद ही था, करन भी दिल्ली आ चुका था और अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ रुका हुआ था। मुझे उसका फोन आया तो उसने बताया- बेबी, मैं दिल्ली आ गया हूँ, चलो मिलते हैं कल।
मैंने उसे ऐसे ही तड़पाने के लिए कहा- नहीं बाबू, अभी नहीं, पेपर आने वाले हैं, परसों ही मिल लेंगे थोड़ी देर के लिए।
उसने कहा- प्लीज यार … मैं इतनी दूर से सिर्फ तुम्हारे लिए आया हूँ, चलो कल मिलते हैं।

मैंने कहा- नहीं यार, समझा करो, अगर कल बाहर निकली हॉस्टल से तो परसों की परमिशन नहीं मिल पाएगी, रोज़ रोज़ बाहर नहीं जाने देती हॉस्टल की वार्डन, इस बार जन्मदिन मैं तुम्हारे साथ मनाना चाहती हूँ।
करन बोला- अच्छा ठीक है, हॉस्टल के गेट के बाहर तो मिलने आ सकती हो 10 मिनट के लिए?
मैंने कहा- हाँ, वो कर सकती हूँ।

अगले दिन शाम को करन का फोन आया तो मैं और तन्वी उससे मिलने हॉस्टल के बाहर चले गए। करन अपने रिश्तेदार की गाड़ी लेकर आया था और मेन गेट से थोड़ी दूर पे इंतज़ार कर रहा था। तकरीबन 2 महीने बाद हम एक दूसरे को आमने सामने देख रहे थे.

मैं उसे देख के भाग कर उससे लिपट गयी और गले लगा लिया ज़ोर से। हम ऐसे ही 30-40 सेकंड तक गले गले रहे.
तन्वी बोली- मैं भी हूँ करन, मैं और सुहानी साथ ही आए है, तुम लोग तो मुझे भूल ही गए शायद?
मैं शर्मा के मुस्कुराने लगी और नीचे देखने लगी।

करन भी मुस्कुरा दिया और बोला- बिलकुल तन्वी जी, आप का तो बहुत बड़ा हाथ है हमें मिलाने में।
फिर करन और तन्वी भी गले मिले और हम वहीं खड़े खड़े इधर उधर की बातें करने लगे।

हमें बात करते करते कब आधा घंटा हो गया पता ही नहीं चला, सूरज ढलने लगा था और दूर बादलों में डूबता हुआ दिखाई दे रहा था।
तन्वी ने कहा- चल अब चलते हैं वरना वार्डन कल बर्थडे पे कहीं नहीं जाने देगी।

मैं करन से दूर नहीं जाना चाहती थी पर कोई और चारा नहीं था, मैंने करन से कहा- मुझे जाना होगा।
करन ने कहा- चलो कोई नहीं, कल मिलेंगे, अपना ख्याल रखना।
मैं ज़ोर से करन के गले लग गयी और फिर अलग होकर बोली- चल तन्वी।
करन बोला- बस सिर्फ गले? एक गुडबाइ किस तो दो।

मुझे तुरंत शादी वाली रात की बात याद आ गयी, मैंने कहा- बिलकुल नहीं, ये तरकीब यहाँ नहीं चलेगी।
तन्वी भी हंसने लगी और बोली- अभी तो शाम ही है करन जी, रात के 3-4 बजने में बहुत टाइम है।
वो मुस्कुराने लगा और बोला- ठीक है, मैं 3 बजे तक यहीं रुक जाता हूँ फिर।

मैं समझ गयी कि करन बिना किस लिए नहीं जाएगा। मैं करन के पास तेज़ तेज़ आयी और उसके कान के पास से उसका सर अपने दोनों हाथों में पकड़ के ज़ोर से अपने होंठ उसके होंठ पे रख दिये और ज़ोर से किस कर दी और हम दोनों गाड़ी के सहारे टिक गए।

करन को इसकी उम्मीद नहीं थी शायद … तो उसकी आँखें आश्चर्य से खुली रह गयी. फिर धीरे धीरे हम दोनों एक गहरी और लंबी किस करने लगे। तन्वी आंखें फाड़ फाड़ के देख रही थी चुपचाप, वो पक्का सोच रही होगी कि मैं कितनी बेशर्म होती जा रही हूँ।

लगभग एक मिनट बाद वो बोली- कहो तो कार की सीट खोल दूँ करन की, आगे का कार्यक्रम भी यहीं कर लो।
हम अपनी सुधबुध में वापस आए तो अलग हुए और मैं हड़बड़ा के पलटी और बाय बोल के चलने लगी और हॉस्टल में आ गयी।
थोड़ी देर में तन्वी भी वापस आ गयी।

मैंने तन्वी को बोला- तुझे शर्म नहीं आती, कोई अपने रोमांटिक पलों का लुत्फ ले रहा है और हर बार तू बीच में बोल के सारा मजा किरकिरा कर देती है।
तन्वी बोली- अच्छा जी … इतनी ही आग है तो कल जी भर के चुदवा लियो, वैसे बर्थडे पार्टी तो बहाना है, असल में तो उसे तुझे चोदना ही है, हैं ना?
मैं हंस कर बोली- तू सुधरियो मत, हमेशा एक ही चीज़ सोचियो।
फिर हमने रात को खाना खाया और सो गई।

रात को ठीक 12 बजे करन का फोन आया और उसने बोला- हैप्पी बर्थडे में डियर सुहानी चौधरी।
मैं बोली- थैंक यू वेरी मच।
फिर करन बोला- गिफ्ट कैसा लगा?
मैं बोली- कौन सा गिफ्ट?
उसने बोला- चादर से निकलो और साइड में मेज पे देखो।
मैंने देखा तो वहाँ एक गिफ्ट बॉक्स रखा था, मैं बोली- अरे !!, थैंक्स यू डियर, मैं समझ गयी थी कि उसने यह गिफ्ट तन्वी के हाथों रखवाया है।

तन्वी भी उठ चुकी थी और उसने भी मुझे जन्मदिन की बधाई दी।
करन फोन पे बोला- गिफ्ट खोल के तो देखो!
तो मैंने खोला, उसके अंदर एक लाल रंग की बहुत खूबसूरत साड़ी थी. तभी तन्वी ने एक बॉक्स मेरे हाथ में रख दिया और बोला- ये मेरी तरफ से गिफ्ट।
मैंने उसे खोला तो उसमें मेरे लिए साड़ी के मैचिंग रंग का ब्लाउज़ और पेटीकोट था।

मैंने दोनों शुक्रिया कहा. फिर करन ने कहा- अगर कल तुम ये पहन के आओगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा, मैं कल तुम्हें अपनी बीवी के रूप में देखना चाहता हूँ।
मैंने कहा- अरे, मैं ऐसे कैसे पहन के आ जाऊँगी, अभी तो ब्लाउज़ की फिटिंग भी नहीं हुई होगी.
तो तन्वी बोली- तू उसकी चिंता मत कर मैंने तेरे साइज़ के हिसाब से सब फिटिंग करवा दी थी। करन ने मुझे पहले ही बता दिया था कि मैं इस साड़ी के हिसाब से खरीद दूँ ये सब।

मैं खुश हो गयी और बोली- अच्छा गिफ्ट पहले ही प्लान कर लिया था तुम दोनों ने।
करन ने फोन पे कहा- हाँ डियर, चलो अब तुम चाहो तो सो सकती हो, कल मिलते हैं पार्टी के लिए।
मैंने कहा- ठीक है जी! और मुझे गिफ्ट बहुत पसंद आया तुम दोनों का ही।

शायद पहली बार मुझे किसी ने साड़ी गिफ्ट की थी।
फिर मैं सब समान रख के मुसकुराते हुए सो गयी।
 
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अगले दिन हम दोनों आराम से उठी, तन्वी ने उठ के मुझे एक बार फिर हैप्पी बर्थडे बोला। मेरे हॉस्टल की सहेलियों ने भी मुझे हैप्पी बर्थडे बोला और हॉस्टल से भी कुछ लड़कों ने गिफ्ट भिजवाए थे गार्ड के हाथों … अब अगर कोई कॉलेज की फ़ेमस लड़की हो तो उसके लिए इतना तो बनता ही है।

ज़्यादातर लोग कॉलेज में चले गए थे क्लास करने … पर मैं और तन्वी ने बंक यानि छुट्टी मार ली थी।
दोपहर बाद मैंने और तन्वी ने कैब बुलाई और साधारण कपड़ों में ही हॉस्टल से निकल गई पार्टी के लिए पार्टी वाले कपड़े साथ में लेकर।

रास्ते में हम दोनों पार्लर पर रुकी और कपड़े बदले. मैंने पहली बार साड़ी स्कूल की फैयरवेल पार्टी में ही पहनी थी वो भी मम्मी की।
मैंने बाथरूम में जाकर एक सेक्सी सी रेड कलर की ही पुश-अप ब्रा और पैंटी पहनी और फिर ब्लाउज़ और पेटीकोट पहन के बाहर आ गयी, तन्वी ने ब्लाउज़ भी ऐसा लिया था जो पीछे हुक की बजाए डोरी से बांधता हो।

बाहर आई तो तन्वी ने साड़ी पहनने में मेरी मदद की।
तन्वी बोली- यार सुहानी, तेरे पर तो सारे कपड़े जँचते हैं, देख फिटिंग बिल्कुल सही आई है। बहुत खूबसूरत लग रही है, आज पक्का करन का दिल निकल के बाहर गिर जाएगा तेरे चरणों में।
मैं उसके कंधे पर हल्का सा मारती हुई मुस्कुरा कर बोली- चल पागल कुछ भी बोलती है। चल अब बाहर चल!
और हम दोनों पार्लर वाली के पास पहुँच गए।

उसने हमारा बड़ा प्यारा पर हल्का सा सेक्सी सा मेकअप भी कर दिया। हमने पैसे दिये और बर्थडे पार्टी के लिए जाने को कैब में आकर बैठ गयी।
कैब ड्राईवर भी मुझे शीशे में बार बार देख रहा था तो तन्वी बोली- भाई साहब, सड़क पर देख लो!
तो घबरा के सड़क पर देख के गाड़ी चलाने लगा।

हम दोनों करन के बताए पते पर पहुँच गई और गाड़ी से उतर के कैब के पैसे दिये और घर में चली गई। करन हमारा ही इंतज़ार कर रहा था, जैसे ही उसने मुझे देखा उसका मुंह खुला रह गया, आँखें फाड़ के मुझे घूरे जा रहा था। मुझे उसका इस तरह बच्चों की तरह ललचाई नजरों से देखना बहुत प्यारा लग रहा था।

तन्वी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा- कोई कुछ बोलेगा या ऐसे ही देखते रहेंगे सब?
तब हम दोनों हंसने लगे, करन ने हमारा स्वागत किया, हम गले मिले और आकर सोफ़े पर बैठ गयी।

करन सामने बैठा हुआ था और उसकी नज़र बार बार आकर मुझ पर रुके जा रही थी।
मैंने कहा- क्या हुआ, अच्छी नहीं लग रही न मैं इन कपड़ों में?
तो बोला- यार सुहानी, तुम इस साड़ी में इतनी खूबसूरत लग रही हो कि मेरी नज़र ही नहीं हट रही तुम पर से, ऐसा लग रहा है जैसे कोई परी उतार आई हो। लाल रंग तुम पर बहुत प्यारा और सेक्सी लगता है।

मैं बोली- तुम्हारा गिफ्ट बहुत खूबसूरत है, थैंक यू।
करन बोला- तुम्हारे पहनने के बाद और खूबसूरत हो गया है।
मैं शर्मा के नीचे देखने लगी।

तन्वी बोली- वैसे कोई मेरी तारीफ करेगा तो मैं बुरा नहीं मानूँगी।
इस बात पर करन हंसने लगा और बोला- हाँ तन्वी जी, आप भी बहुत सुंदर लग रही हो।
करन ने पूछा- बस तुम दोनों ही आई हो पार्टी में?
मैंने कहा- बस हम दोनों ही हैं, कुछ खिलाओगे नहीं?

तो करन रसोई में से कोल्ड ड्रिंक और स्नैक्स ले आया और मेज पर रख दिये।
मैंने करन को छेड़ने के लिए जानबूझ कर मुस्कुरा के ज्यादा आगे झुक कर अपना ग्लास उठाया तो साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया और मेरे बूब्स ब्लाउज़ के बड़े गले से दिखने लगे।

करन एकदम से चौंक गया और मैंने उसकी पैंट में लन्ड़ में हलचल देखी तो वो अपनी टांग को क्रॉस कर के बैठ गया और मैं खिलखिला के हंसने लगी।

तन्वी भी ये सब देख रही थी तो नीचे देख के मुस्कुराने लगी। तन्वी बोली- चलो केक काटते हैं।
करन जाकर फ्रिज में से केक ले आया और मेज पर रख दिया। तन्वी ने उसमें मोमबत्ती लगा कर जला दी। फिर हमने केक काटा और एक दूसरे को जी भर के खिलाया।

करन बोला- सुहानी, तुम्हारे होंठों पर केक लगा रह गया है।
मैंने साफ करने के कोशिश की, हुआ नहीं।
करन बोला- लाओ, मैं हटा देता हूँ.
और मेरे पास आकर मेरे होंठों को अपने होंठों से चूम कर, चाट कर लगा हुआ केक खा लिया।

मैं उसकी ऐसी हरकत की उम्मीद नहीं कर रही थी तो आश्चर्य से आँखें खुली रह गयी। तन्वी मामले की गर्माहट को देख के बोली- चलो खाना खाते हैं, फिर मुझे हॉस्टल जाना है वरना वार्डन को पता चल जाएगा. सुहानी तू कल आ जइयो मैं संभाल लूँगी सब।
मैं खुश हो गयी कि कितनी समझदार है तन्वी इन मामलों में।

मैंने और करन ने तन्वी को डिनर कराया पर क्यूँकि मुझे अभी भूख नहीं थी तो मैंने और करन ने नहीं खाया, बस हल्का फुल्का खाया। खाना खाकर तन्वी ने कैब बुला ली। रात हो चुकी थी, मैं और करन उसे गाड़ी तक छोड़ने गये और बोले- थैंक्स यार।
तन्वी बोली- तू अपना बर्थडे अच्छे से माना के आ जइयो कल!
और फुसफुसा के मेरे कान में बोली- अच्छे से चुदवाइयो, और गांड भी मरवा लियो चाहे तो, करन पक्का खुश हो जाएगा।

मैं उसके कंधे पर मारते हुए बोली- तू बिल्कुल ही बेशर्म है, चल जा … मैं देख लूँगी क्या करना है।
बाय बाय बोल के हम अंदर आ गए और तन्वी हॉस्टल चली गयी।

मैं और करन अंदर आ गए और दरवाजे बंद कर दिये।
मैं बोली- तुम्हारे रिश्तेदार कहाँ हैं?
तो उसने बताया- वो लोग चाचा के गृहप्रवेश के लिए आगरा गए हैं, कल शाम तक आएंगे।

करन ने जाकर रोमांटिक म्यूजिक लगा दिया और मेरे पास आया, घुटनों पर बैठ कर अपना दायाँ हाथ मेरी ओर बढ़ा कर पूछा- सुहानी चौधरी, क्या तुम मेरे साथ डांस करोगी?
मैंने मुस्कुरा के अपना हाथ उसके हाथ में दे दिया और हम धीरे धीरे डांस करने लगे।

वह अपना एक हाथ मेरी गोरी मखमली पीठ पर ले गया और दूसरा हाथ से मेरा हाथ पकड़ के डांस करने लगे। ऐसे ही थोड़ी देर डांस करने के बाद मैंने अपना सर उसकी छाती पर रख के बांहों में भर लिया और हम धीरे धीरे डांस करते हुए हिलते रहे।

करन ने मुझे गोदी में उठाया और अपने कमरे में ले जाने लगा। उसने कमरे ले जाकर मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरे बगल में आकर बैठ गया।

करन इतना रोमांटिक था कि उसने बेड पर फूल ही फूल बिछा रखे थे। अब इसमें कोई शक नहीं था कि आगे क्या होने वाला है।
मैंने कहा- तुमने तो दूसरी सुहागरात की पूरी तैयारी कर रखी है।
करन बोला- आपके लिए कुछ भी डियर!

मैं मुस्कुराने लगी और उठकर घुटने मोड़ कर बैठ गयी। मैं बोली- आज तो कोई जल्दी नहीं है न उस दिन की तरह?
करन बोला- नहीं बाबू, आज कोई नहीं है हमें डिस्टर्ब करने वाला, आराम आराम से प्यार कर सकते हैं।
मैंने कहा- हम्म … मैं बाथरूम हो आऊँ एक बार।
उसने कहा- ठीक है।

अब मैं उठकर बाथरूम में आ गयी और बाथरूम कर के शीशे के सामने खुद को ठीक करने लगी, बाल सही करे दुबारा, लाल लिपस्टिक लगाई, साड़ी को सेट किया और ब्लाउज़ को नीचे सेट किया ताकि बूब्स के उभार दिखने लगे और ज्यादा।
फिर मैं अंदर बेडरूम में आ गयी।

करन बाथरूम के दरवाजे को देखते हुए मेरा ही इंतज़ार कर रहा था। उसने मुझे नोटिस किया और बोला- आज तो मार ही डालोगी तुम।
मैं उसके पास जाकर खड़ी हो गयी तो उसने बैठे बैठे ही मेरी कमर पर हाथ रख दिये.

मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में भर के ऊपर उठाया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और प्यार भरा चुम्बन करने लगे। शुरू में तो हम प्यार से किस कर रहे थे पर उसका मेरी कमर और पेट हाथ फिराना मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था। अब हमारी किस प्यार भरी ना रह के वासना से भर गयी थी, कभी मैं उसके होंठों को चूस रही थी तो कभी वो मेरे होंठों को, हमारी जीभ तक भी एक दूसरे के मुंह में जाकर वापस आ रही थी और कमरे में उम्म… उम्म… उम्म… उम्म… की मादक आवाजें आ रही थी।

कुछ देर बाद मैं किस कर के हटी तो मेरी साड़ी का पल्लू फिसल के गिर गया और मैं उसके सामने गोरे मोटे बूब्स झाँकते हुए ब्लाउज़ और नीचे साड़ी में खड़ी थी और बीच में मेरी बिना ढकी कमर थी।
मैंने कहा- देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी?

करन मेरे पास आया और पीछे जाकर ब्लाउज़ की डोरियाँ खोल दी और आगे को उतार दिया। अब उसके सामने मेरी लाल ब्रा में फंसे बूब्स थे जो अपने वजन के और मेरे सांस लेने के कारण ऊपर नीचे हो रहे थे।
करन की आँखें फटी रह गयी मेरा ऐसा रूप देख के … वो बोला- यार, तुम शक्ल तो ऐसी लगती हो जैसे कोई मासूम लड़की हो, जिसे कुछ पता ना ही इन सब चीज़ों का … पर असल में काफी शैतान हो। यकीन नहीं होता. पता है उस दिन शादी में मेरे दोस्त तुम्हें देख कर कह रहे थे कि ये नहीं पटेगी तेरे से, शक्ल से ही शरीफ लग रही है, बात भी नहीं करेगी शर्म के मारे।

मैंने कहा- अब शरीफ लड़कियों की भी तो कामुक भावनाएं होती हैं बेबी … और वो वाली इमेज तो दुनिया को दिखाने के लिए है, और अब तुमसे क्या शर्माना!
उसने कहा- हाँ ये तो है, अब आपस में क्या शर्माना।

मैं चुदवाने के पूरे मूड में थी तो मैंने कहा- आज बात करने का ही मूड है क्या?
तो उसने कहा- नहीं यार, ऐसा नहीं है।
मैंने कहा- अगर ऐसा नहीं है तो ये पकड़ो!
और जमीन से उठाकर साड़ी का पल्लू उसके हाथ में दे दिया और कहा- पता है न कि क्या करना है?
वो बोला- क्या करना है? आप ही बता दो।
मैंने कहा- वही जो दुर्योधन ने किया था द्रौपदी के साथ … बस मेरी साड़ी थोड़ी देर में खत्म हो जाएगी।
 
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करन ने खुश होकर मेरी साड़ी खींचनी शुरू कर दी और मैं घूमने लगी और मेरी साड़ी पूरी अलग हो गयी।
मैंने कहा- काफी अनुभव लगता है साड़ी उतारने का?
तो वो हंसने लगा।

मैंने कहा- एक जादू देखोगे?
और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल के उसे भी नीचे गिरा दिया। अब मैं सिर्फ अपनी सेक्सी लाल ब्रा और पैंटी में खड़ी थी और मेरे आधे चेहरे पर गिरे खुले बाल हल्के हल्के उड़ रहे थे और वो पूरे कपड़ों में था. हालांकि उसका लन्ड उसकी पैंट में तन चुका था।

मुझे इस हालत में देखकर वो एकदम से मेरे पास आया और मुझसे लिपट गया। उसका लन्ड मेरी चूत पर बाहर बाहर से ही रगड़ लगा रहा था तो मुझे और जोश आ गया। मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर को निकाल दी और बनियान भी निकाल फेंका।

करन ने अपने लोअर यानि पाजामे को नीचे सरका दिया और पैर से साइड में कर दिया। उसका लन्ड एकदम तन चुका था उसके कच्छे में।
मैंने कहा- क्यूँ अपने लन्ड का दम घोट रहे हो, कच्छा भी उतार दो।
उसने कहा- चलो, एक दूसरे के उतारते हैं।

उसने मेरी पैंटी की साइड में उंगली देकर नीचे सरका कर उतार दी और मैंने उसका कच्छा नीचे खींचकर उतार दिया। फिर उसने मेरी ब्रा को भी उतारने में देर नहीं लगाई और हम दोनों एकदम नंगे होकर खड़े हो गए एक दूसरे के सामने।

कुछ देर तक तो वो मेरे नंगे बदन को देखता रहा और मैं उसे।
मैं बोली- देखते ही रहोगे या कुछ करने का इरादा भी है?
करन मुस्कुराने लगा और बोला- जानू … पूरी रात पड़ी है हमारे सामने, आराम आराम से करेंगे.

वो मेरे पास आया और मेरे बूब्स को हाथों में भर के प्यार से मसलने लगा जैसे आटा गूँथ रहा हो, मेरी सिसकारियाँ निकालने लगी और मैं आह… आहह… आहह… करने लगी। मैंने भी उसकी गर्दन को अपनी बांहों में भरा और प्यार से किस करने लगी। हम ऐसे करते करते चलते चलते बेड पर आ के गिर गए और वो मेरे ऊपर आकर हवस से भरी किस कर रहा था और मेरे बूब्स को मसल रहा था।

फिर करन मेरे बांयें बूब को होंठों से बुड़क भर भर के किस करने लगा और निप्पल को चूसने लगा. मैं आँखें बंद किए अपने दाँतों से होंठ दबाये सीईईई … कर रही थी। करन धीरे धीरे नीचे जाता जा रहा था और पेट पर आकर किस करने लगा।
मेरा पेट कामुकता और जोश के कारण फड़क रहा था और मैं स्ससस्स … स्सस्सस्स … करती हुई तेज़ तेज़ सांसें ले रही थी, हालांकि मुझे हल्की हल्की गुदगुदी सी भी हो रही थी तो मुस्कुरा भी रही थी और बेड पर ऊपर नीचे मचल भी रही थी।

अब करन सीधा मेरी चूत पर आ गया और एकदम से बुड़क भरी और जैसे खाने लगा हो। मैं एकदम से मुंह खोल कर ज़ोर से आहह… करके उठी अपने हाथों से टेक लगा कर बैठ गयी।
करन मेरी चूत को चाटे जा रहा था, उसकी गीली जीभ का स्पर्श मुझे बहुत आनंदित कर रहा थे।

फिर वो अपनी जीभ को मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा और मैं आनंद और वासना से भरती चली गयी। मैंने एक हाथ से उसका सिर अपनी चूत पर दबाया और टाँगें क्रॉस करके उसका सर चूत में दबाये जा रही थी. मैं ज़ोर ज़ोर से उम्म्ह… अहह… हय… याह…. सिसकारियाँ लिए जा रही थी।

थोड़ी देर में ही मेरी चूत चिकनी हो चली थी और चिकनाहट के कारण बाहर तक चमकने लगी थी। मैंने टांगें खोली और करन को बोला- लो अब तुम बैठो!
तो वो बेड पर पैर लटका कर लेट गया।

मैंने अपने कोमल हाथों में उसका लन्ड भरा और प्यार से एक बार ऊपर से नीचे तक किया जिससे उसके लन्ड की खाल पीछे हो गयी और लन्ड का मुंह बाहर आ गया। करन मेरी तरफ देखते हुए बोला- आहह … सुहानी … तुम्हारे हाथ कितने कोमल हैं … लंबी लंबी उंगलियाँ, लंबे लंबे नाखून, उन पर लाल नेल पोलिश, तुम्हारा तो हर अंग सेक्सी बनाया है भगवान ने।
मैंने उसको देखते हुए एक स्माइल दी और उसके लन्ड के मुंह पर एक किस की और उस लन्ड के छेद पर अपनी जीभ से छुआ तो वो फड़क गया और करन ने ज़ोर की आहह… भरी।

शायद लड़को को मुंह से लन्ड चुसवाना बहुत पसंद होता है.

तो मैं उसका लन्ड मुंह में भर के ऊपर नीचे चूसने लगी और जीभ से लन्ड को छू छू के खेल रही थी। करन का लन्ड पूरा तन गया था और लगभग सात इंच तक बड़ा हो गया था. वो मोटा तो था ही, तो मैं लंड मुंह से बाहर निकाल कर हट गयी और उसके बगल में बैठ के हाथ से सहलाने लगी।

करन बोला- क्या हुआ जानू, इतना मजा आ रहा था, रुक क्यूँ गई।
मैंने कहा- ताकि तुम्हारा निकल न जाए और मेरा मजा अधूरा ना रह जाए।
करन बोला- चलो ठीक है, तो शुरू करते हैं। तुम लेटो बेड पर।

मैं बेड पर पैर लटका के लेट गयी और करन मेरी टाँगों के बीच आया।
मैंने कहा- अब क्यूँ तड़पा रहे हो? डालो न … मेरी चूत कब से तुम्हारे लन्ड के लिए तड़प रही है. इतना वक़्त हो गया खुद को काबू करते हुए, बस अब नहीं।
करन मुस्कुराया और बोला- ठीक है जानू, ये लो।

करन ने मेरी दोनों टांगें फैलाकर बेड की तरफ उठा दी और मेरी फड़कती चूत पर अपना लन्ड लगाया और बोला- डालूँ जी?
मैंने कहा- प्लीज डालो न।
क्योंकि मुझे चुदवाए हुए टाइम हो गया था तो मैंने कहा- धीरे धीरे डालना, काफी टाइम हो गया है तो शायद दर्द हो।
करन ने आधे से भी कम लन्ड मेरी चूत में डाला तो मेरी आहह निकल गयी हल्के से दर्द और आनंद के कारण।

करन ने देखा और बोला- क्या हुआ, रुक जाऊँ क्या?
मैंने कहा- नहीं नहीं … तुम चालू रखो।
अब करन ने धीरे धीरे लन्ड को अंदर धकेलना शुरू किया और उसका लन्ड मेरी चूत की दीवारों में जबरदस्ती जगह बनाता हुआ उसे चौड़ी करता हुआ अंदर जाने लगा।

उसने एकदम से नहीं पर प्यार से धीरे धीरे लन्ड डाला था तो मुझे उसके डालने का मीठा दर्द भी तब तक होता रहा जब तक वो पूरा अंदर नहीं चला गया। और अंदर पहुँचते ही लन्ड ने मेरे जी-स्पॉट को स्पर्श करके दबा दिया और पूरा अटक गया।
मैंने आहह हहह हहहह … करके ज़ोर की सिसकारी ली।

करन समझ गया तो वो अपने लन्ड को अंदर ही अंदर थोड़ा थोड़ा धक्का मार रहा था और मैं घर्षण के कारण मंद मंद सीईईई… सीईईई… सिसकारियाँ ले रही थी।

कुछ पल ऐसे ही करने के बाद मैंने कहा- अब तुम शुरू कर सकते हो चोदना।
करन ने बोला- यार, बड़ा मजा आया ऐसे धीरे धीरे डालने में! जैसे जैसे तुम्हारी चूत मेरे लन्ड को जकड़ती जा रही थी और दबाव बना रही थी, मजा ही आ गया। चलो मैं आज धीरे धीरे ही चोदना शुरू करता हूँ.
मैंने हाँ में सर हिला दिया।

करन ने लन्ड बाहर निकाला और धीरे धीरे दुबारा डाला और निकाला, फिर निकाला … फिर डाला और आह… आह… अहहह… करने लगा।
उसका लन्ड किसी ट्रेन की तरह घुसता जा रहा था और जब चूत के बाहर जाकर अटक जाता तो मुझे ऊपर को झटका लगता और मेरी आहह… निकल जाती। मैं उसकी आंखों में देखती हुई ऊपर नीचे हाँ में सर हिला रही और आँखों ही आँखों में कह रही थी- चोदना चालू रखो प्लीज।

फिर धीरे धीरे उसकी भी गति बढ़ती चली गयी और पट्ट पट्ट की हल्की आवाज आने लगी हमारे जिस्म टकराने की। मैंने भी सिसकारियाँ तेज़ कर दी थी और ज़ोर जोर से आहह… उहह… आहह… आहह… कर रही थी.
करन भी दम भरते हुए हम्म … हम्म … हम्म … कर रहा था।

मैं बेड पर ऊपर नीचे हिल रही थी उसे देखती हुई और मेरे ऊपर झुका हुआ मुझे चोदे जा रहा था। ऐसे ही लगभग 7-8 मिनट तक चोदने के बाद वो सांस फूलने की वजह से रुक गया और बेड पर मेरे बगल में आकर लेट गया और हाँफने लगा।

मैं भी तेज़ तेज़ उन्हह… उम्मह… उनहह… करके हाँफ रही थी और करन मेरे बूब्स को ऊपर नीचे हिलते हुए देख था।
मैं बोली- मजा आया यार … आगे तो करो!
तो वो बोला- कर रहा हूँ, सांस तो लेने दो, वरना तुम्हारे ऊपर ही मर जाऊंगा लन्ड डाले डाले।
मैं मुस्कुराने लगी और बोली- अरे नहीं … आपको मरने थोड़े ही दूँगी मैं ऐसे।
मैं बोली- तुम लेटे रहो मैं करती हूँ.

मैंने उसके लन्ड को सहलाया और फिर मुंह में लेकर हल्के हल्के चूसने लगी, करन बेड पर लेटे लेटे हम्म… हम्म… हम्म… कर रहा था।

जब उसका लन्ड फिर से पूरा तन गया तो मैं उसके ऊपर आई और उसके चेहरे पर झुक के घुटनों के बल बैठ गयी, मेरे खुले बाल करन के चेहरे के बगल में आकर लटक गए और मैं उसकी आंखों में देखते हुए बोली- तैयार हो ना?
करन ने हाँ में सर हिलाया तो मैंने नीचे हाथ देकर उसका लन्ड अपनी चूत पर टिकाया और धीरे से चूत में लेती हुई पीछे हो गयी और हल्की सी सीईई … भरी।

अब मैं करन के ऊपर लन्ड चूत में लिए लिए आगे पीछे होने लगी और करन मेरे बूब्स को प्यार से मसल रहा था. मैं उसके ऊपर पड़ी आहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… आ … आ… हह… आहह… करके कूद कूद कर चुदवाए जा रही थी।

करन भी ऊपर नीचे बेड पर हिलते हुए मेरी आंखों में देख रहा था। बीच बीच में मैं उसके होंठों पर किस भी कर रही थी।

फिर लगभग 4-5 मिनट बाद मैं थक गयी तो उसके ऊपर ही लेट गयी। मेरे बूब्स उसकी छाती से सटे हुए थे और उसका लन्ड अभी भी चूत में ही पड़ा था और मैं और वो ज़ोर ज़ोर से आन्हह… आनहह… कर के साँसें ले रहे थे।

करन बोला- थक गए क्या बाबू?
तो मैं बोली- तुम थक सकते हो तो मैं भी तो थक सकती हूँ।
उसने बोला- चलो थोड़ा आराम कर लो!
तो मैं उसके ऊपर पड़े पड़े ही आराम करने लगी।
 
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फिर मैं उठ कर खड़ी हो गयी और साइड में ड्रेसिंग टेबल पर रखी बोतल से पानी पीने लगी।
मैं चल कर करन के पास आई और उसे भी पानी दिया। उसने भी बोतल से पानी पिया और मुझे वापस कर दी।

मैं जैसे ही बेड पर वापस आई तो वह बोला- रुको, वहीं रुको!
और वो मेरे पीछे आया और बोला- एक पैर बेड पर रख लो खड़े खड़े और थोड़ा आगे झुक जाओ।
तो मैं वैसे ही झुक गयी।

करन पीछे से मेरी चूत पर आया और अपना लन्ड मेरी चूत के मुंह पर रगड़ने लगा तो मुझे बड़ी बैचनी सी होने लगी।
मैं बोली- डालो न, रगड़ क्या रहे हो?
तो करन ने घपाक से लन्ड घुसा दिया और मैं हल्की सी आउच की आवाज के साथ आगे को झटके से हिली.

अब करन ने मेरी कमर को हाथों से पकड़ा तो धक्के मार मार के चोदने लगा। मैं आह… आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… अहह… कर के ज़ोर ज़ोर से आवाजें कर रही थी और मेरे बूब्स, बाल सारा शरीर उसके धक्कों से आगे पीछे हिल रहा था।

करन भी हम्म… हम्म… हम्म… कर के चोदे जा रहा था और पट्ट पट्ट की आवाज आ रही थी।

अब तक करन ने बहुत स्पीड बढ़ा दी थी और 8-9 मिनट से लगातार चोदे जा रहा था। मैं भी झड़ने के करीब पहुँचने लगी थी तो बहुत ज़ोर ज़ोर से बोलने लगी ‘आहह … आहह … बेबी और तेज़ … और तेज़ …’
करन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और तेज़ तेज़ चोदने लगा, ऐसा करने से वो भी झड़ने के करीब पहुँचने लगा।

थोड़ी देर बाद ही मेरी टांगें अकड़ने सी लगी तो मैंने पीछे हाथ लगा के करन को रोक लिया और फच्छ… फच्छ कर के उसके लन्ड और जांघों पर ही झड़ गयी और बेड पर उल्टी ही गिर गयी।
करन उस वक़्त झड़ने के करीब था तो तुरंत मेरी चूत पर आ के पीठ की तरफ से ही आखिरी झटकों से उम्मह… ओम्महह… मह्ह… करता हुआ चोदने लगा और अपनी 3-4 पिचकारियाँ छोड़ता हुआ आहह… करते हुए चूत में झड़ गया और मेरे बगल में आकर लेट गया और हाँफने लगा।

मैं भी उल्टी पड़े पड़े उसकी तरफ देखते हुए हूंह… हूंह… हूंह… कर के हाँफ रही थी। उसका लन्ड खुद के वीर्य और मेरी चूत के पानी में सना हुआ था और मेरी चूत से भी पानी और उसके वीर्य के बूंदे टपक रही थी जो उसने चूत में ही डाल दी थी।

मैं कोहनी बेड में रखते हुए सिर को हाथ के टेक लगा के उसकी तरफ घूम गयी और पूछा- मजा आया ना?
उसने लेटे लेटे ही मेरे लटके हुए बालों में हाथ फिराया और बोला- बहुत मजा आया जानू, एक बार फिर से हॅप्पी बर्थडे।

मैंने मुसकुराते हुए उसके होंठों पर एक किस की और अपनी एक टांग उसके टाँगों पर रख के लेट गयी और हम तेज़ तेज़ सांस लेते हुए दोनों सुस्ताने लगे।

लगभग आधा एक घंटा हम ऐसे ही नग्न अवस्था में एक दूसरे से चिपके पड़े रहे, मैंने अपने सर उसके सीने पर रखा हुआ था कान लगा के और हम इधर उधर की बात करते रहे। फिर मैं उठी और बाथरूम करने चली गयी और खुद को साफ भी किया।
फिर कमरे में वापस आकर कपड़े पहनने लगी.

तो वो बोला- बस एक बार ही? यार प्लीज अभी मत पहनो ना, एक बार और चुदाई करेंगे।
मैं बोली- अभी दिल नहीं भरा क्या?
करन बोला- जिस लड़के का तुमसे दिल भर जाए वो दुनिया का सबसे बड़ा चूतिया होगा।
मैं बोली- अच्छा बाबा लो नहीं पहनती!
और कमरे में अपने बिखरे हुए कपड़े समेटे और साइड में रख दिए।

अब तक हम दोनों को भूख भी लग चुकी थी तो डिनर करने हाल में आ गए। अब क्योंकि घर में कोई नहीं था हम दोनों के अलावा तो हम नंगे ही घूम रहे थे पूरे घर में। हमने डिनर किया और इधर उधर की बातें करते रहे। फिर मैंने और करन ने मिलकर ही बर्तन भी साफ कर दिए। बीच बीच में हम एक दूसरे के जिस्म पर हाथ रख के छेड़ भी देते थे एक दूसरे को, कभी मैं उसके लन्ड को सहला देती तो कभी वो मेरी गांड को भींच देता और हम दोनों हंसने लगते।

हमें चुदाई करे हुए 2-3 घंटे हो चुके थे। मैंने कहा- चलो अब सोते हैं।
करन बोला- यार, इतने वक़्त बाद तुमसे मिला हूँ आज तो बिल्कुल नहीं सोने दूंगा।
मैंने मज़ाक करते हुए कहा- सोने नहीं दोगे तो क्या करोगे?
करन बोला- आज तो जी भर के प्यार करूंगा, जी भर के चोदूँगा … पता नहीं फिर कब मुलाक़ात हो।
मैंने कहा- अच्छा बाबू, कर लेना प्यार खुश, आज तुम जो चाहे मांग लो मैं मना नहीं करूंगी, पक्का प्रॉमिस।

करन खुश हो गया और बोला- सोच लो, बाद में मना मत कर देना?
मैंने कहा- नहीं करूंगी यार सच्ची।
उसने कहा- ठीक है, चलो फिर बेडरूम में!

और हम बेडरूम में आ गए।

मैं बेड पर आकर बैठ गयी और वो दरवाजे पर खड़ा होकर मुझे बड़े प्यार से देखने लगा. और देखता भी क्यूँ न … उसके सपनों की रानी उसके सामने उसके बिस्तर पर बिना कपड़ों के पैर क्रॉस कर के बेड पर हाथ टिकाये बैठी थी।
मैंने पूछा- क्या हुआ, क्या देख रह हो ऐसे?
करन बोला- देख रहा हूँ, कभी कभी भगवान हम पर कितना मेहरबान होता है, तुमसे मिलने से पहले मैंने सोचा भी नहीं था कि मेरी ज़िंदगी में इतना खूबसूरत दिन भी आएगा, वो भी इतनी जल्दी।
“मतलब सिर्फ दिन ही खूबसूरत है और मैं नहीं?” मैंने मज़ाक में चिढ़ सी के मुंह बना लिया।
करन बोला- अरे बाबू, आप तो सबसे ज्यादा खूबसूरत हो इस दुनिया में, ये ये रेशम की तरह खुले हिलते और उड़ते बाल, इतनी प्यारी और बड़ी बड़ी आँखें … मन करता है इनमें ही देखता रहूँ, ये नर्म मुलायम गाल, ये सुर्ख लाल होंठ, रेशम की तरह चमकता हुआ दूध की तरह सफ़ेद बदन, ये बड़े बड़े गोल गोल बूब्स, ये भरी भरी कोमल जांघें और बीच में जन्नत जाने का रास्ता! ऐसा लगता है, भगवान ने तुम्हें बनाने में सारी मेहनत लगा दी है।

अब मैं इतनी तारीफ की उम्मीद नहीं कर रही थी तो मुस्कुरा के शर्मा के नीचे देखने लगी।

इस पर करन बोला- ऊपर से जब तुम शर्मा के नजरें झुकाती हो तो इतना प्यार आता है कि बस बांहों में भर लूँ और कभी न छोड़ूँ।
मैं उठकर उस के पास गयी और बोली- तो भर लो न बांहों में … किसने रोका है.
और करन ने मुझे अपनी बांहों में ज़ोर से जकड़ लिया।

हमारे जिस्म एक दूसरे के संपर्क में आते ही और गर्म होने लगे और हम वासना की मदहोशी में खोने लगे. हम दोनों की आँखें बंद थी और गले लगे लगे एक दूसरे के जिस्म को जिस्म से रगड़ के आनन्द ले रहे थे।
मैंने आँखें खोली और करन को देखा, करन बोला- जब तुम इन खूबसूरत आंखों से ऐसे प्यार से उठाकर देखती हो तो ऐसा लगता है कि ये दुनिया यहीं रुक जाए और मैं इनमें डूब जाऊँ।

मैं इमोशनल सी हो गयी थी और शायद आँख में एक दो आँसू भी आ गया था।
करन बोला- अरे अरे क्या हुआ?
मैंने शिकायत भरे लहजे में कहा- देखो तुमने मुझे रुला दिया!
और नीचे देखने लगी।

करन ने मेरा चेहरा अपनी तरफ उठाया और अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिया और हम आँखें बंद कर के उम्महह… म्न्हह… करके किस करने लगे। धीरे धीरे चुम्बन और गहन होता चला गया और मैं दीवार से सटा के करन के होंठों को ऊपर नीचे चूसे जा रही थी और वो मेरे।

अब तक करन का एक हाथ मेरे बूब्स को मसल रहा था और मेरा एक एक हाथ उसके लन्ड तक जा पहुंचा था। मैं धीरे धीरे हथेली फैला के उसके लन्ड को ऊपर नीचे मसल रही थी और वो उत्तेजित होता जा रहा था। हम दोनों की चुम्बन करने की उम्म… उम्म… म्म्ह्ह… की आवाजें कमरे में ज़ोर ज़ोर से आ रही थी।

करन मुझे चूमते हुए धकेल के बेड पर ले आया और हम दोनों बेड पर गिर गए। करन मुझे किसी वहशी की तरह किस कर रहा था और मेरे जिस्म के एक एक हिस्से पर किस कर रहा था. मैं उसके चुम्बन से मछली की तरह तड़प के मचल रही थी।

अब करन ने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल के हिलानी शुरू कर दी और मैं आनन्द से भरने लगी। मैं मंद मंद आवाज में उम्म्ह… अहह… हय… याह… कर रही थी.

कुछ ही देर में मेरी चूत चिकनी हो चुकी थी और लन्ड लेने को तड़प रही थी। मैंने करन से कहा- अब किसका इंतज़ार कर रहे हो, डाल दो ना अपना लन्ड।
करन बोला- इस बार नहीं लोगी मुंह में?
तो मैंने कहा- तुम डालो ना यार, रुका नहीं जा रहा।
करन ने कहा- अच्छा बाबा, डालता हूँ एक मिनट!

फिर वो उठ के तेल लेने चला गया, तेल की बोतल लाकर अपने लन्ड को चिकना करने लगा और बोला- अब ठीक है, डालूँ क्या?
मैं बोली- इसकी जरूरत नहीं थी, चूत वैसे ही बहुत चिकनी हो चुकी है, तुम बस डालो।

लेटे लेटे ही करन ने मेरी चूत पर लन्ड सेट किया और झुक के मेरे ऊपर आ गया। मैं उसकी आँखों में देख रही थी और हाँ में सिर हिला के इशारों इशारों में भीख मांग रही थी लन्ड डालने को। हल्का सा धक्का करन ने लगाया तो चिकनाहट के कारण लन्ड चूत में धीरे धीरे फिसलता चला गया और मैं सीईईई … सीईईई … सीईईई … करते हुए धीरे धीरे आँखें बंद किए ऊपर को खिसक गयी।

करन शुरू में धीरे धीरे पूरा लन्ड अंदर डाल रहा था और बाहर निकाल रहा था और मैं आँखें बंद किए बेड में लेटे लेटे उम्मह… म्महह… उम्महह… करती हुई ऊपर नीचे हो रही थी। उसका लन्ड मेरी चूत की गहराई नापते हुए मेरे जी-स्पॉट तक रगड़ मार रहा था और मुझे बहुत मजा आ रहा था।

वो भी हम्ममम… हम्ममम… हम्ममम… करते हुए प्यार से चोदे जा रहा था और मेरी आँखों में देखे जा रहा था।
मैंने बेड में ऊपर नीचे हिलते हुए देखा तो पूछा- ऐसे क्या देख रहे हो?
करन बोला- मैं देख रहा हूँ कि मेरी आँखों के सामने एक बला सी खूबसूरत लड़की नंगी लेटी हुई है और मेरा लन्ड उसकी चूत में जगह बनाता हुआ धीरे धीरे अंदर जाता है और जब वो आँखें बंद कर के इतनी मादक सिसकारियाँ लेती है तो कितनी खूबसूरत लगती है। शायद जन्नत यहीं पर है।

मैंने कहा- जन्नत का सुख आने में टाइम है, तुम चुदाई करते रहो।

अब करन ने धीरे धीरे स्पीड बढ़ा दी थी और मैं आहह… आहह… करते हुए तेज़ तेज़ चुद रही थी। लगभग 5 मिनट बाद करन की सांस फूलने लगी तो ज़ोर ज़ोर से आन्हह… उन्न्हह … करने लगा।
मैंने कहा- थक गए हो तो आराम कर लो थोड़ा सा।
तो वो मेरे बगल में आ के गिर गया।

हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ करवट ले ली और एक दूसरे की आंखों में देखते हुए बात करने लगे, साथ ही साथ मैं उसके लन्ड को सहला रही थी और वो मेरी जिस्म पर हाथ फिरा रहा था, कभी मेरे बूब्स पर से हाथ ले जाता हुआ मेरी कमर पर और फिर मेरी गांड पर ले गया.

मुझे कुछ बैचनी सी होने लगी तो मैं बोली- क्या कर रहे हो?
करन बोला- चलो न सुहानी, पीछे से कोशिश करते हैं आज।
मेरा माथा ठनका तो मैं बोली- तुम्हारा मतलब तुम मेरी पीछे से चोदना चाहते हो?

उसने शैतानी भरी मुस्कुराहट से हाँ में सर हिलाया।
मैं बोली- नहीं यार, आगे से जितना चाहे चोद लो, पर पीछे से नहीं प्लीज।
करन बोला- देखो, तुम्हारा मन नहीं है तो मैं ज़िद नहीं करूंगा पर एक बार कोशिश तो कर सकती हो न, प्लीज मेरे लिए, हम सब कुछ ट्राई कर सकते है ना, तुमने ही तो कहा था कि आज मैं कुछ भी मांग सकता हूँ।

मैं उठकर बैठ गयी और बोली- यार, समझ नहीं रहे तुम, पीछे से दर्द होता है बहुत।
करन बोला- तुम्हें कैसे पता कि दर्द होता है? करवाया है क्या तुमने पहले?

अब मैं उसे हर्षिल वाली बात नहीं बता सकती थी तो बोल दिया- नहीं यार, तन्वी ने बताया था।
करन बोला- अरे तुम डर क्यूँ रही हो, मैं तुम्हें दर्द नहीं होने दूंगा, प्लीज प्लीज प्लीज!
और करन अब बहुत ज़िद करने लगा।
 
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मैं उसके लन्ड को सहला रही थी और वो मेरे जिस्म पर हाथ फिरा रहा था, कभी मेरे बूब्स पर से हाथ ले जाता हुआ मेरी कमर पर और फिर मेरी गांड पर ले गया.
करन बोला- चलो न सुहानी, पीछे से कोशिश करते हैं आज।
मेरा माथा ठनका तो मैं बोली- तुम्हारा मतलब तुम मेरी पीछे से चोदना चाहते हो? पीछे से दर्द होता है बहुत।

करन बहुत ज़िद करने लगा तो आखिरकार मुझे ही उसकी ज़िद के आगे झुकना पड़ा और मैं बोली- अच्छा बाबा चोद लो, खुश?
करन एकदम उछल के खड़ा हो गया और बोला- झुक जाओ फिर!
मैंने कहा- ऐसे कैसे झुक जाऊँ, पहले तेल से चिकनी कर लो, गांड में चिकनाहट नहीं होती, और अपने लन्ड को भी चिकना कर लो तभी डलवाऊँगी, वरना नहीं! अब मैंने इतनी ज़िद मानी तो एक बात मेरी भी तो मानो।
करन बोला- चलो बाबू, आपके लिए इतना तो कर ही सकता हूँ। चलो झुक जाओ आगे की तरफ।

मैं बेड पर आगे झुक के घोड़ी बन गयी और चूत और गांड उसके हवाले कर दी।
करन ने कहा- ऐसे करो तुम मुंह शीशे की तरफ कर लो ताकि मैं तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे को देख सकूँ चोदते हुए।
तो मैं घूम गयी शीशे की तरफ और हम दोनों को देखने लगी।

अब थोड़ी ही देर में एक बार फिर मेरी दर्दनाक चुदाई होने वाली थी। करन मेरी गांड के बाहर तेल से मालिश करने लगा अपने हाथों से।
मैंने कहा- अंदर डालो तेल … वहाँ जरूरत पड़ेगी ज्यादा।
उसने बोला- ठीक है, टांगें खोलो.
थोड़ी सी तो मैंने खोल दी। मेरी गांड का छेद अब थोड़ा खुल गया।

करन ने अपनी उंगली तो तेल में तर किया और मेरी गांड पर रखी। जैसे ही उसने जरा सी उंगली अंदर डाली, मैं ऊई… सीईई… करते हुए मचल के आगे हो गयी और बोली- आराम से करन!
वो बोला- ठीक है डियर!
और वो भर भर के गांड में तेल लगाने लगा और खुद को असहनीय दर्द को बर्दाश्त करने के लिए मानसिक रूप से तैयार करने लगी।

करन बोला- लो जी तैयार है मैडम आपकी गांड और मेर लन्ड भी, शुरू करूँ?
मैं करन की तरफ मुंह करके बोली- ठीक है … पर आराम आराम से, जंगलियों की तरह नहीं।
उसने कहा- बिल्कुल डियर!

मैंने हम्म करके सर वापस शीशे की तरफ कर लिया और हम दोनों को देखने लगी। करन बहुत खुश लग रहा था जैसे किसी छोटे बच्चे को उसका मनपसंद खिलौना मिल गया हो, अब बस वो उस खिलौने से खेलना चाहता था।

करन ने अपने लन्ड का मोटा सुपारा मेरी गांड के छेद पर रखा तो मैंने हुंहह… करके एक गहरी सांस ली। जैसे ही करन ने अपना लन्ड का मुंह अंदर घुसाया, मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मेरा मुंह आ… करके खुल गया और आऊउ… की आवाज निकाल गयी और थोड़ा सा आगे बढ़ गयी।
मैंने कहा- आराम से आराम से … जल्दबाज़ी नहीं।
करन बोला- ठीक है!

और फिर धीरे धीरे धकेलने की कोशिश करने लगा तो उसका लन्ड ज़बरदस्ती मेरी गांड में जगह बनाता हुआ अंदर जाने लगा।
करन को भी लन्ड डालने में दिक्कत हो रही थी तो वो भी हम्म… हम्म… कर के ज़ोर लगा रहा था अपने लन्ड पर और मैं आँखें मीचे दर्द से आहह… आहह… कर रही थी।

करन को ये देखकर पता नहीं क्या भूत चढ़ा उसके मेरी कमर पकड़ के पूरी ताकत से एक झटके में ही अपना लन्ड मेरी गांड में उतार दिया और मैं ज़ोर की आआ उम्म्ह… अहह… हय… याह… आअअअ… के साथ बेड पर आगे को झुक गयी।
करन मुझे ऐसे में देख रहा था शीशे में।

उस वक़्त वो करन वो नहीं था जिससे मैं प्यार करती थी, उस वक़्त तो वो कोई सेक्स का शैतान था और मैं कोई गुलाम जिस पर वो अपने लन्ड का हंटर चलाये जा रहा था।
करन ने कहा- उठ न रांड, ठीक से चोदने दे।
मुझे उसका इस तरह मुझे रांड बुलाना बुरा सा लगा … पर मैं उठकर घोड़ी बन गयी।

अब करन मेरी गांड में ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और मैं शीशे में हम दोनों को देखते हुए चुदवाती रही। मेरी गांड में काफी दर्द हो रहा था पर शायद मैं इमोशनल होने की वजह से ज्यादा दुखी थी, और मेरी आंखों से 2-3 आँसू भी आ गए थे. पर मैंने उसे रोका नहीं और गांड में चुदवाती रही।

मैंने करन की ओर सर घुमा के देखा और बोली- ठीक है चोद भोसड़ी के … जितना चोद सकता है चोद! ऐसा है तो ऐसा ही सही, देखती हूँ कितना दम है।
यह सुनकर तो मानो करन की वासना की आग में जैसे पट्रोल पड़ गया हो, वो बोला- ले फिर रांड!
और उसने पूरा लन्ड बाहर निकाल के दुबारा घुसा दिया और बार बार पूरा लन्ड निकाल के पूरा डालने लगा गांड में और हम्म… हम्म… उन्नहह… उन्नहह… करते हुए आगे-पीछे धक्के मारने लगा।
मैं उसके जोरदार धक्कों से हिलने लगी, मेरा पूरा शरीर, मेरे सख्त बूब्स, बाल, झुमके सब ज़ोर ज़ोर से हिल रहा था और मैं मुंह खोले आहह… आहह… आह… आहह… और जो से… आहह… आहह… कर रही थी, बीच बीच में दर्द से मेरी आँखें भी मीच रही थी।

करन का लन्ड सच में काफी लंबा और मोटा था, ऊपर से इतना सख्त, जो चूत की दीवारों तक हलचल कर रहा था। धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा और मैं काफी तेज़ तेज़ आवाजों के चुदवाने लगी, मैं बोली- और तेज़ और तेज़।

पर करन थकने लगा था तो धीरे धीरे चोद रहा था. लेकिन मैं गर्म हो चुकी थी और चाह रही थी करन और तेज़ चोदे।

करन रुक गया और लन्ड निकाल के साइड में बैठ गया, मैं बोली- क्या हुआ, हो गया शौक पूरा या और करना है?
करन बोला- रुक जा बहन की लोड़ी … अभी फाड़ता हूँ तेरी गांड, सांस ले लेने दे फिर देख।

मैं बेड से पैर लटका के बैठ गयी और उसे हाँफते हुए देखने लगी और खुद भी सुस्ताने लगी। करन का लन्ड अब भी फड़फड़ा रहा था और ऊपर नीचे।
मैं करन से बोली- अब चोद भी पाओगे या बस करूँ।

करन जोश में उठा और मुझे पैरों से पकड़ के बेड पर लिटा के एकदम से मेरी टांगें चौड़ी कर के खोल दी। इतने में मैं कुछ समझ पाती और ऊपर देखती, करन ने मेरी गांड में फिर से लन्ड घुसा दिया घपक से।
मैंने एक ज़ोर की आआ आआहह … भरी और सिर बेड पर रख लिया वापस।

करन अब अपनी पूरी ताकत से हम्म… हम्म… हम्म… हम्म… करता हुआ ज़ोर ज़ोर से मेरी गांड चोदने लगा और मेरी भी ज़ोर ज़ोर से आहह … निकल रही थी। करन तो मानो रेलगाड़ी बना जा रहा था, मुझे पूरा हिला हिला के चोद रहा था और मैं बस दर्पण को देखती हुई आहह … आहह … आ … आ … आहह … कर रही थी।

ऐसे ही 2-3 मिनट तक चुदवाने के बाद मैंने करन से कहा- रुको … रुको एक मिनट!
करन बोला- क्या हुआ? फट गयी क्या मरवाने में? अभी तो बहुत बोल रही थी।

मैंने कहा- गांड में बाद में चोद लेना, पहले चूत में चोद लो, वरना तुम गांड में ही झड़ जाओगे तो फिर चोद नहीं पाओगे और मेरी चुदाई अधूरी रह जाएगी।
करन बोला- ठीक है चल!
और करन ने लन्ड निकाल के चूत में डाल दिया और दबा के चोदने लगा।

करन मेरे ऊपर पूरा झुक गया था और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देखते हुए चुदाई करने लगे। अब हम दोनों एक साथ ऊपर नीचे हो रहे थे और मैं आहह… आहह… आहह… करके सिसकारियाँ ले रही थी।
बीच बीच में हम दोनों एक दूसरे को ज़ोर ज़ोर से किस करते हुए होंठ से होंठ रगड़ रहे थे.

और 3-4 मिनट बाद मेरे झड़ने का वक़्त आने लगा, मैंने अपनी मुट्ठी से चादर को भींच लिया और मेरी आवाजें रुक रुक के आने लगी- आहह … आहह … आ…आ… आह … आहह… अहह… और ज़ोर से और ज़ोर… से, प्लीज… और तेज़… और तेज़… आहह… आ… आ…
और आखिरकार ‘ज़ोर से आआ आआहह हहह …’ करके कंपकपाते हुए ज़ोर से झड़ गयी और शांत होकर ढीली पड़ गयी।

मेरी हाथ की मुट्ठी भी खुल गयी और मैं आँखें बंद कर के ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगी। करन ने लन्ड निकाल के मुझे थोड़ी देर के लिए छोड़ दिया और खड़ा हो गया।

लगभग एक मिनट बाद जब मेरी साँस सामान्य हुई तो देखा कि करन मुझे बड़े प्यार से देख रहा था बेड पर नंगी पड़ी हुई मछ्ली की तरह तड़पते हुए।
करन अपने लन्ड को सहला रहा था और वो अब भी अपने पूरे जोश में था।

मैंने मज़ाक में करन से कहा- मेरा तो हो गया, अब तुम हिला के झाड़ लो।
मेरी इस बात पर करन ने कहा- अच्छा साली ये ले!
और उसने मुझे टांगें पकड़ कर उल्टा घूमा दिया तो मैं ज़ोर का आऊऊऊ… करके खिलखिला के हंसने लगी.

करन ने मुस्कुरा कर मुझ कमर से पकड़ के उठा कर घोड़ी बना दिया। मैं समझ चुकी थी कि करन गांड में चोद के ही झड़ेगा.
मैंने फिर भी अंजान बनने का नाटक करते हुए कहा- अरे अरे … ये क्या कर रहे हो?
करन ने कहा- अभी बताता हूँ जानेमन!

और करन मेरी गांड में लंड डालने की कोशिश करने लगा पर तेल की चिकनाहट के करन उसका लंड बार बार बाहर ही फिसलने लगा।
मैंने उसका साथ देते हुए कहा- रुको रुको!
और अपने सर को बेड से टीका के हाथ गांड पर ले गयी और दोनों हाथों से गांड का छेद चौड़ा कर दिया और बोली- अब डालो।

करन ने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखा और मैं हाथ आगे लाकर फिर से घोड़ी बन गयी।
करन ने थैंक यू बोला और एक ज़ोर का झटका मार के अपना पूरा लन्ड मेरी गांड में घुसा दिया।

उसके इस धक्के ने मुझे बेड पर पूरा आगे तक हिला दिया तो मैंने ज़ोर के आहहह … करी. मेरा सर ऊपर को उठ गया झटके से और मेरे बाल उछल के कमर पर आकर लटक गए।
करन ने बिना मेरी परवाह किए ज़ोर ज़ोर से पट्ट पट्ट चोदना शुरू कर दिया और मैं बेड पर आगे पीछे हिलती रही।

अब मुझे ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था और मैं ‘आहह … आहह … आ…आह करते हुए मजे से चुदवाती रही। करन ने मेरे खुले बालों को मुट्ठी में पकड़ के पीछे खींच लिया और मेरा सर झटके से और ऊपर उठ गया था. कमरे में बस मेरी ज़ोर की आहह … आहह … करन… आहह … करन … और तेज़ बेबी … और तेज़ … आ… आह… की सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी और मैं उसके लन्ड के धक्कों से बेड पर आगे पीछे ज़ोर ज़ोर से हिले जा रही थी।

करन किसी जानवर की तरह मेरी गांड को हम्म … हम्म … उम्महह … उम्महह … कर के चोदे जा रहा था। करन भी ‘आह … सुहानी … आह … आहह सुहानी … मेरी जान … ये ले’ बोल रहा था और पट्ट पट्ट धक्के मारे जा रहा था।

ऐसे ही 2-3 मिनट तक चोदने के बाद करन ने बची खुची ताकत से और तेज़ चोदना शुरू कर दिया।
मैं समझ गयी थी कि अब ये भी झड़ने वाला है इसलिए मैं भी बेड पर आगे पीछे हिल के आहह … आहह … आ … आ…आहह… करते हुए अपनी गांड में लन्ड लिए उसकी जांघों पर टक्कर मार रही थी।

कुछ ही देर में करन एकदम से रुक गया और आहह … करके झड़ गया. उसके बाद उसने 2-3 झटके धीरे धीरे मारते हुए अपने बचे हुए वीर्य की पिचकारियाँ मेरी गांड में ही भर दी और मुझे आगे तो धक्का देकर छोड़ दिया।
मैं मुंह के बल बेड में आकर गिर गयी और ज़ोर ज़ोर से हाँफने लगी।

करन भी मेरे बगल में सीधा आकर गिर गया, छत की तरफ देखता हुआ मुंह खोल कर हुन्हह… उनहह… हुनहह… करके हाँफने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने उससे पूछा- अब तो खुश हो न?
करन ने मेरी तरफ देखा और मुझे होंठों पर एक प्यारी सी किस देते हुए कहा- हाँ जानू बहुत … आइ लव यू वेरी मच।
मैंने भी मुस्कुरा के कहा- आई लव यू टू।

मैंने गांड के छेद पर उंगली लगा के देखा तो वहां सब गीला और चिपचिप हुआ पड़ा था। मैंने कहा- तुम आराम करो, मैं बाथरूम जाकर आती हूँ।

मैं जैसे ही उठ के चलने लगी तो तो करन के वीर्य की बूंदें मेरी गांड से फर्श पर टपकने लगी। मैं गांड पर हाथ रख के तेज़ तेज़ बाथरूम में घुस गयी जाकर कमोड पर बैठ गयी।
मेरी गांड में से करन का वीर्य बह रहा था. मैंने ज़ोर लगाकर सारा वीर्य बाहर निकाल दिया। मैंने अपने आप को शावर के नीचे साफ किया और फर्श पर बैठ के अपनी चूत और गांड को भी साफ किया।

मैं कमरे में वापस आई तो करन बाथरूम में चला गया खुद को साफ करने और मैं नंगी ही आकर बेड पर लेट गयी.

थोड़ी देर में करन भी आकर नंगा ही मेरे बगल में लेट गया और बोला- थैंक यू जानू।
मैंने कहा- कोई बात नहीं!
और करन ने मेरी तरफ करवट लेकर अपनी टांग मेरे ऊपर रख दी और हम कब सो गए हमें पता ही नहीं चला।

सुबह तन्वी का फोन आया तो मेरी आँख खुली। मैंने उसे बताया- आज कॉलेज नहीं आ पाऊँगी, तू चली जा।
तन्वी बोली- लगता है रात भर जम के चुदी है?
मैंने कहा- हाँ यार … करन ने चोद चोद के हालत ही खराब कर दी, चल बाद में बताऊँगी सब, अभी सोने दे।

करन अब भी मुझे बांहों में लिए सो रहा था और मैं उसकी छाती में सर छुपाते हुए फिर से सो गयी।
The End
 
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यह है मस्त चुदाई की कहानी। वाह!
मजा आ गया।
 

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