Adultery मम्मी ने पापा का उधार चुकाया (complete)

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ये कहानी आज से लगभग 5 साल पुरानी है और आज भी चल रही हे। में हूं समर्थ मेहरा जब ये कहानी शुरू हुई थी तब आठवी कक्षा में पढ़ता था। काफी छोटा था में उस वक्त और आज सोचता हूं की काश में उस वक्त आज की तरह बड़ा होता । मेरे पापा बिजनेस करते थे मुझे उतना नही पता था की पापा क्या बिजनेस करते थे क्यू की अक्सर वो नए नए बिजनेस करते रहते थे । में मम्मी पापा का एक लौटा संतान था बोहोत ही लाडला । मेरे पापा का नाम कानन मेहरा उस वक्त पापा 40 के थे।




मेरी मम्मी का नाम रिधिमा मेहरा । उस वक्त मम्मी 36 की थी भरी जवानी मे पूरी देहक रही थी । काफी खूबसूरत भी थी मध्यम कथ काठी की थी पर पूरी गदरई हुई थी खड़े परबत जैसे उरोज हल्की हल्की पेट में मेड गोल गोल थिरकती हुई चुट्टर थोड़े मेड बाह गोल सा मुखरा तीखी आकर्षक नयन नक्श खुशनुमा मुस्कान महकती हुई जिस्म की खुशबू। काफी सरल परबृति की हसमुख थी मम्मी । अपने पति को ***न मानती थी पूजती थी अपने लाडले बेटे से बोहोत प्यार थी । मम्मी हमेशा सारी ब्लाउज पहना करती थी ढंग से ऐसा नहीं की नाभी के ज्यादा नीचे सारी पहनी हो पल्लू बेढंग रखा हो किसी पराए को अपनी उरोज दिखे ।






एक दिन शाम को पापा के चार दोस्त आए । में उस वक्त पढ़ाई कर रहा था । मम्मी पापा मेहमान नवाजी में लगे हुए थे । मम्मी मेरे कमरे में दूध का ग्लास देने आई और मुझसे बोली " बेटा तू बाहर मत निकालना मेरे बाहर से दरवाजा बंद कर रही हूं "



मुझे कुछ ठीक नही लगा तो मैने मम्मी से पूछा क्यू तो मम्मी कहा की कुछ नही बस तू बाहर मत निकालना । मम्मी चली गई और मेरे कमरे का दरवाजा बंद कर दिए बाहर से ।




मुझे कुछ ठीक नही लगा तो दरवाजे के पास गया और दरवाजे की कब्जे के दरार से में देखने लगा । देखा की ड्राइंग रूम में सोफे पे पापा और उनके चार दोस्त बैठे थे और शराब की बॉटल भी थे साफ में मम्मी भी एक अलग सोफे में बैठी थी । मुझे माहोल कुछ ठीक नही लगा ।





पापा अपने चारों दोस्तो से कह रहे थे " देखिए मेरे पास अभी सिर्फ 2 लाख है। में कैसे पूरा पैसा दे दूं । कहा से दूं मेरे बिजनेस भी चौपट हो गया अब नए बिजनेस करने के भी एक फूटी कोरी नही हे "




पापा का एक दोस्त राजीव बोला " देख कानन तू हमे और मत लटका बेंचोद साले 6 महीने से हमे ठग रहा हे आज हमारा पैसा चाहिए "




मम्मी भी पापा के दोस्तो से बोल रही थी " भाईसाहब हमे और थोड़ा मोहलत दीजिए हम दे देंगे कैसे भी कर के । 8 लाख इतनी बड़ी रकम एक दिन में कहा से देंगे "




पापा के दूसरा दोस्त पाठक बोला " भाभी जी बोहोत मोहलत दे चुका हूं और नही। 8 लाख आचल और व्याज 2 लाख होता हे "



पापा बोले " हां भाई ठीक हे आज ब्याज ले जाओ अगले महीने में बाकी पैसा पूरा देने की कशिश करूंगा "



पापा का तीसरा दोस्त रूपाल बोला " कानन याद हे ना क्या सौदा हुआ था "



में भी ये सब देख के दर गया था क्यू की में उस वक्त बोहोत छोटा और काफी सेंसिटिव था । रूपाल की बाते सुन के पापा के माथे पर चिकन आए ।



मम्मी बोली " कैसा सौदा "



पापा का चौथा दोस्त रजत उसने बोला " कानन तूने अपनी बीबी को बताया नही । ठीक हे हम बता देते हे। भाभी जी सौदा ये हुआ था की अगर कानन अगर समय पर पैसा लौटा नही पाते है तो उनकी बीवी यानी आप भाभीजी हमारी रखैल बनेगी । और समय तो कबका पार हो चुका हे 6 महीने ज्यादा हो गए "



मम्मी की पेरो तले जमीन खीचक गई बड़ा झटका लगा उसे और वो पापा से पूछा " ये में क्या सुन रहा हूं गुड्डू के पापा क्या ये सच हे "




पापा सर झुकाए एक चुप से थे । पापा के चारो दोस्त हसने लगे ।



रजत ने बोला " कानन आखरी बार पूछ रहा हूं आज पैसा देगा या नही "



पापा बोले " सिर्फ दो लाख ही दे सकता हूं बाकी अगले महीने दे दूंगा भाई "



पाठक बोला " तोह फिर ठीक हे भाभीजी को हम चारों कमरे में ले जा रहा हूं तू तब तक सोचता रह कैसे हमारा उधार चुकता करेगा । चलो रे भाईयो "





चारो सोफे से उठे और मम्मी के पास गए । मम्मी घबरा गई " नही नही प्लीज आप लोग मेरे साथ ऐसा मत करिए "



पर बोहोत देर हो चुकी थी । उन चारो ने मम्मी को जबरदस्ती पकड़ के मेरे कमरे के बगल वाले कमरे में ले कर गए जो मम्मी पापा का ही कमरा था ।





में बोहोत दर गया था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की अब मुझे क्या करना चाहिए । लेकिन मुझे जानना था की मम्मी के साथ क्या होगा अब क्या करेंगे पापा के चार दोस्त मम्मी के साथ ।



मम्मी पापा कमरे से और मेरे कमरे में आने जाने की एक दरवाजा था और दरवाजे के ऊपर वेंटीलेटर था कास का । और में जल्दी से कुर्सी खींचका कर दरवाजे के पास रख कर ऊपर चढ़ के भेंटीलेचोन से देखने लगा ।




और जो नजारा देखा मेरी रूह कांप उठी । चारो ने मम्मी को बिस्तर पर लिटा के पकड़ रखा था । रजत और राजीव दोनो तरफ से मम्मी का दोनो हाथ कस के पकड़ रखा था और पाठक मम्मी के दोनो पैर पकड़ रखे थे । रूपाल मम्मी के ऊपर चढ़ के मम्मी को जहा ताहा चूम रहे थे ।



मम्मी जाल में फांसी मसली की तरह तड़प रही थी और चिल्ला चिल्ला के रो रही थी रोटी हुई बोल रही थी " प्लीज मुझे छोड़ दो प्लीज में भीख मांगती हूं । गुड्डू के पापा कहा हे आप रोकिए इन्हे बचा लीजिए मुझे "




पापा के चारों दोस्त हस रहे थे ", गुड्डू के पापा हिजड़ा बन गया है काल चूड़ियां पहना देना भाभी जी अपने गुड्डू के पापा को "





रूपाल मम्मी की लाल ब्लाउज फाड़ के निकाल देता है और मम्मी की ब्लाउज सूंघ के बोला ", आह साली की क्या खुशबू हे"



राजीव बोला " अरे देख ना क्या चूचियां हे बड़े बड़े कितनी गोरी हे"



मम्मी रोए जा रही थी और वो लोग मम्मी के बदन के बारे में अश्लील बाते करते हुए हंसी मजाक कर रहे थे । मम्मी की चूचियां काली ब्रा में कैद थी । रूलाल ने मम्मी की ब्रा भी फाड़ दिया और मम्मी की दोनो चूचियां मसलते हुए चूसने लगे ",




", हा चूस साली की बोबे । क्या मस्त आम हे। साला कानन बड़ा नसीब वाला हे। कितनी खूबसूरत बीवी पाई हे लेकिन साला कोई काम का नही हे "



ऐसे ऐसे गंदी बाते करने लगे मम्मी के बारे में। मम्मी की आखों से बहती हुई आसू देख कर बेहद दुख हो रहा था । इतना भी छोटा नही था की मम्मी के साथ क्या हो रहा हे। पापा के दोस्त को देख के लग रहा था की मम्मी को जम के चोदने वाले हे।





रूपाल मम्मी की चूची चूस के मम्मी की पेट भी चूम चाट के मम्मी की सारी पेटीकोट उठा दिया । मम्मी की फूली हुई चूत पर काले घने बाल थे । रूपाल मम्मी की चूत में उंगली करने लगा । मम्मी भद्दा सा मुह बना के रो रो के रहन की भीख मांग रही थी लेकिन इससे वो चारो और हस रहे थे गंदी गंदी गालियां दे रहे थे ।





मुझे बोहोत जलन हो रहा था लेकिन हिम्मत नहीं हुई वो सब रोकने की वल्कि चिल्लाने की भी हिम्मत नही हुई थी। रूपाल मम्मी की टांगे फैला देता हे और अपना पेंट उतार लेता है उसका लन्ड पूरा खड़ा था । उसने मम्मी की चूत में लंद टीका के धक्का दिया और मम्मी के ऊपर चढ़ के जोर जोर से धक्का देने लगा वो मम्मी की होठ चूसने की कशिश कर रहा था पर मम्मी उसे अपना होठ चूसने नही दे रही थी ।




पाठक रूपाल के गांड दबा देता था और बोलता था " साले दबा के चोद साली की चूत फाड़ के रख दे । याद रहना चाहिए की पति के दोस्तो ने चोदा है जम के "





रूपाल 10 मिनिट में मम्मी की चूत में झड़ के उठा ", आह मजा आ गया क्या टाइट चूत हे साली की "



फिर पाठक नंगा हो कर मम्मी की चूत चोदने लगा दरिंदे की तरह । मम्मी चिल्ला चिल्ला के रोती हुई चीख रही थी तब भी उन लोगो से बिनती कर रही थी । पर राजीव और रजत कस के पकड़ रखे थे मम्मी को। पाठक भी आठ दस मिनट में झड़ गया । फिर आया रजत और पाठक ने रजत की जगह मम्मी की हाथ कस के पकड़ा।



रजत भी मम्मी की चूत में कुछ दस पंधरा मिनिट में झड़ गए । मम्मी की चेहरे पे अब बोहोत थकान दिखाई देने लगा । और रोना भी बंद कर चुकी थी ।



फिर आया राजीव की बारी वो थोड़ा बाकी तीनो से कम उम्र के लग रहे थे और जब नंगा हुआ तो उसका लंद भी बाकी तीनो से मजबूत लग रहा था । राजीव ने मम्मी की चूत में लंद एक ही झटके में घुसा दिया और मम्मी कराह उठी ", आई माह्ह्ह्ह"



राजीव मम्मी की चिकनी जांघ पकड़ के धक्के मारने लगा । और मैंने देखा की मम्मी अब रोने की वजाय आंख बंद कर के धीरे धीरे से आहे ले रही है।



ये देख के रजत बोला ", ये साली गर्म हो गई हे। राजीव दबा के चोद अंदर तक । दे दे मजा रण्डी को तुझे याद रखेगी की पति के दोस्त ने खूब मजा दिया था "



पाठक बोला ", अरे भाईयो रण्डी चूचे चूस ",




रजत और पाठक मम्मी की एक एक चूची चूसने लगा । राजीव तेज तेज धक्का लगाने लगा । रूपाल बस बैठा देख रहा था । मम्मी को अब सच में मज़ा आ रहा था उन्होंने कोई विरोध नहीं दिखाई अपनी बाह फैला दिए और आखें बंद कर के गर्म आह से सिसकारियां देने लगी मुंह से ।




मम्मी भी जवान थी आधे घंटे से जवान चूत में लंद खा रही थी तो जिस्म की काम उत्तेजित को काबू नही कर पाई और गर्म हो गई । राजीव जोर जोर से धक्के मार रहा था और बोल रहा था ,**," ले साली ले । ले मेरा लन्ड। कितनी टाइट चूत हे लगता है तेरा पति सच में गांदू है। ये ले मेरा लन्ड ",




राजीव के जोरदार धक्का मम्मी हिल जाती और जोर से आह लेती । कुछ 15 मिनट में राजीव भी झाड़ गया ।





चारो कपरे पहन के कमरे से निकल गए । मम्मी चद्दर ओढ़ के रोने लगी थी । मैंने बाहर झांका तो देखा चारो दोस्त पापा के सामने थे । राजीव बोल रहा था ", देख कानन एक हफ्ते बाद हम फिर आयेंगे पैसा लेने । तेरी बीवी मस्त माल हे हमे मजा आया इसलिए व्याज का पैसा माफ कर रहा हूं । जब तक तू हमारे पैसा चुकता नही करता तब तक जब चाहे हम आयेंगे किसी भी वक्त और तेरी बीवी का चूत गांड का भरता बना के जायेंगे ",




फिर पापा में चारो दोस्त चले गए। में चुप चाप अपने कमरे में बैठा था । उस रात ना मम्मी ने ना पापा ने मेरे कमरे की दरवाजा खोला ना घर पे खाना बना।



बस पापा को मम्मी से माफी मांगते हुए सुना। मम्मी काफी देर रो रही थी । मम्मी ने पापा को बोला की कैसे भी कर के उनके पैसे बापाच कर दीजिए ।






इस बात को एक हफ्ता हो गए मम्मी से उस बारे में कुछ पूछता तो मम्मी ठीक से बताती नही थी । और एक हफ्ते बाद पापा के दोस्त आए लेकिन सिर्फ रूपाल आए लेकिन उसके साथ एक बोहोत ऊंचे कद का गोरा चिट्ठा एक दम हट्टा कट्टा आदमी भी था सूट बूट ने कोई बोहोत अमीर आदमी लग रहा था । मम्मी ने तुरंत मुझे कमरे में बंद कर दिया ।




रूपाल पापा से बोले " फोन पे जो बात हुई थी भाभी जी को बताया की नही"



पापा चुप थे मम्मी फिर सदमे से पापा को देख रही थी मम्मी पापा को चुप देख के समझ गई थी की कुछ तो आज भी बुरा होगा ।





रूपाल मम्मी से बोला " भाभी जी बात ऐसी है की आपके पति देव तो पैसा दे नही पा रहे हे तो हमें ही कुछ करना पड़ेगा । ये हे मिस्टर राणा हमारे कंपनी के एमडी हे । और मिस्टर राणा ने आपको 50 हजार में खरीदा है । आपको मंजूर हो या ना मंजूर पर आपको मेरे बॉस को आज खुश करना ही होगा "




मम्मी की आखों से आसू गिरने लगे कुछ भी शब्द बोल नही रही थी । रूपाल मम्मी की हाथ पकड़ के कमरे में ले जाने लगे और मिस्टर राणा को भी पीछे बुलाए ।




रूपाल ने मम्मी को और मिस्टर राणा को कमरे में छोड़ के बाहर चले गए में आज भी कुर्ची पर चढ़ के देख रहा था ।



कमरे में मम्मी आसू बहाती हुई खड़ी थी । मम्मी घर की साधारण सी सारी ब्लाउज में थी । मिस्टर राणा इतने ऊंचे थी की मम्मी को अपनी छाती पर डूबो रहा था दिखने में 6 फीट से भी ज्यादा लग रहे थे । जब उसने अपना कोट उतारा तो मुझे अंदाजा हो गया की उसका शरीर भी बोहोत बड़ा हे थोड़ा टोंड है पर काफी फीट लग रहे थे और दिखने में 40, 45 के लग रहे थे ।





उसने सीधा जा कर मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और मम्मी की कंधे पर चूम के भारी गरगर आवाज में बोला " जैसा सुना था उससे भी ज्यादा तुम्हारी खुशबू अच्छी हे । वाह मूड बन गया आज तो "



मिस्टर राणा मम्मी की कंधा चूमते हुए मम्मी की मखमली पेट सहलाने लगे । मम्मी की आखों से आसूं तब भी निकल रहे थे मम्मी अपने बदन को ढीला छोड़ रखी थी जैसे वो जिंदा लास हो । मम्मी को मजबूरी का एहसास थी ना कर के भी कोई फायदा नही ।




मिस्टर राणा मम्मी की गर्दन चूमने लगा और दोनो हाथों से अब मम्मी की चूचियां मसलने लगा । मम्मी की मुलायम बदन से खेलने लगा । उसने फिर अपना शर्ट उतार दिया वो ऊपर से नंगा हो गया मम्मी उसके तरफ देख भी नहीं रही थी । मिस्टर राणा ने मम्मी की होठों को चूमते हुए मम्मी की सारी खोलने लगा । मम्मी बिल्कुल भी उसका साथ नहीं दे रही थी । मिस्टर राणा मम्मी को खड़े खड़े ही एक एक कपरे उतार के पूरा नंगा कर दिया । मम्मी पूरी नंगी हो गई शर्म से अपनी चूचियां अपने हाथों से ढक रही थी । मम्मी के बाल बिखर गए थे हाथों में कलाई भर के चूड़ीया थी गले में मंगलसूत्र मांग में सिंदूर पाओ में पायल । मम्मी बोहोत खूबसूरत लग रही थी ।




मिस्टर राणा ने मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया । मम्मी ने तकिए से अपना चेहरा धाक लिया। मिस्टर राणा अपना जूता खोल के पेंट और अंडरवियर भी उतार के पूरा नंगा हो के बिस्तर पर चढ़ गया । उसका लंद पूरा खड़ा था लेकिन में उसका लन्ड देख के घबरा गया क्यू की उसका लन्ड 10 इंच का था मेरे जहन में आया की इसका लंद तो मेरे कलाई से भी मोटा हैं।




मिस्टर राणा मम्मी की चूची मसलते हुए चूसने लगे । एक बात मुझे भा गया की मिस्टर राणा जो भी कर रहे थे धीरे से प्यार से कर रहे थे जैसे हाथी के चाल चल रहे हो और शरीर से भी वैसा ही थे ।





मिस्टर राणा मम्मी की बदन को चूम के मजा लेते है उन्होंने मम्मी की टांगे फैला दिए और मम्मी की चूत देखने लगा । मम्मी की चूत पे बाल देख के उसने साएद नही चूसा मम्मी की चूत और सीधा अपने लंद पर थूक लगा के मम्मी की चूत में लंद टीका के एक धक्का मरा । मैंने देखा की मिस्टर राणा का सुपाड़ा मम्मी की चूत में घुस गया हे।



मम्मी चीख के उछल पड़ी ", आआह्ह्ह्हह माह्ह्ह्हह" मम्मी उठ के बैठ गई ।



मिस्यार राणा का लंद निकल आया था चूत से । मम्मी की नज़रे जब मिस्टर राणा की लन्ड पर पड़ी तो मम्मी भी भोचोक्का खाई मुंह फाड़ के देखने लगी और मुंह पर हाथ रख कर बड़ी बड़ी आखें कर बोली " हाय*** इतना बड़ा "



तब मिस्टर राणा मुस्कुरा के बोले " लगता हे पहली बार असली मर्द को देख रहे हो "



मम्मी घबराहट के मारे हाथ जोड़ के बोली " प्लीज आराम से । में वैसी औरत नही हूं "



मिस्टर राणा मुस्कुरा कर बोले " पता हे मुझे इसलिए तो प्यार से कर रहा हूं । डरो मत तुम्हे कोई चोट नही पोहचाऊंगा "



मिस्टर राणा मम्मी को बापाछ से लेता दिया और धीरे से अपना लन्ड घुसाने लगा । मम्मी की आखें बाहर आ गई " मां मर गई आह्ह्ह्ह्ह फट गई मेरी चूत " कह के मुंह दबा ली हाथो से आखों से आसू फिर निकल आई ।




मिस्टर राणा ने लगभग आधे से अधिक लंद घुसा के मम्मी के ऊपर गिरा । पता नही मम्मी की चूत की लंबाई मिस्टर राणा के पूरा लंद लेने की गहरी थी भी की नही । मिस्टर राणा ने मम्मी को बाहों में भर लिया उनका भव्य शरीर मम्मी को पूरी बाहों में छुपा लिया। मम्मी गहरी सांस लेने लगी ।



मिस्टर राणा मम्मी की होठ चूसने लगा और दो मिनिट तक रुका उसने फिर मम्मी से पूछा " अब ठीक है"



मम्मी ने आखों से हा कहा तो मिस्टर राणा धीरे से लंद बाहर की और खींचा तो मम्मी " इच्हहह उई मां "



मिस्टर राणा मुस्कुराते हुए धीरे धीरे धक्का लगाने लगे और बोला " और अंदर करू" ।



मम्मी दर के मारे बोली " नेहिईईई। आआह्ह्ह । अंदर पूरा लग गई हे मर जाऊंगी सच में "



मिस्टर राणा धीरे धीरे धक्का लगाते रहे और मम्मी की निचली होठ चूमते हुए दातों में दबा के पूछा " चूत फट गई क्या "



मम्मी भी आखें बंद कर के अपनी सासो को काबू करने की कशिश करती हुई बोली " आह्ह्ह्ह्ह लगता तो हे। पूरी फैल गई है। आप खाते क्या हो जी । उफ्फ कैसा अजीब सा लग रहा हे जैसे आप इंसान नही जानवर हो "



मिस्टर राणा मुस्कुरा के बोला " अच्छा । "




मिस्टर राणा ऐसे ही धीरे धीरे चोदने लगे और मम्मी भी पूरी तरह गर्म हो गई और आहे भरने लगी । मम्मी ने भी मिस्टर राणा को गले लगा के टांगे हवा में उठा दी ।




कुछ देर बाद मिस्टर राणा ने फिर पूछा " कैसा लग रहा हे मजा आ रहा हे "




मम्मी सिसक सिसक के बोली " हा राणा जी बोहोत मजा आ रहा है उन्ह्ह्ह्ह "




मिस्टर राणा ने बोला " तो कैसा महसूस हो रहा हे अपने पति के बिस्तर पर अपने पहली कस्टमर के साथ चूदवा कर "



मम्मी बोली " प्लीज राणा जी आह्ह्ह्ह्ह थोड़ा आराम से । प्लीज ऐसी बाते मत करिए में वैसी नही हूं "




राणा ने अपना कमर पूरा दबा दिया " लेकिन तेरी चूत की गर्मी तो कुछ और कह रही हैं "




मम्मी बिलबिला उठी मिस्टर राणा के पीठ पर उंगलियां कस के चीख पड़ी " आह्ह्ह्हह्ह फट गई "



मिस्टर राणा फिर तेज झटके मारने लगे । मम्मी चिल्लाने लगी " राणाजी आह्ह्ह्ह्ह। आआह्ह्हह्ह् राणाजी । मार डाला आह्ह्ह्ह्ह् । ऊहहहह मां में मर गई बचाओ मुझे "




मम्मी पैर पटकने लगी । कमरे में थाप थाप की आवाज पायल और चूड़ी खनकने की आवाज मम्मी की चीखों की आवाज गूंज उठी । पर कुछ देर में मम्मी कांपती हुई झाड़ गई और हाफने लगी ।




मम्मी पसीने पसीने हो गए थे और राणा जी धक्का मारना रूक के मम्मी की गर्दन से माथे से गालों से पसीने की बूंद चूम के पी गए । मम्मी भी राणा जी को प्यार दिखा के राणा जी होठ चूम के बोली " ऐसा मजा मुझे कभी नही आया उफ्फ "



राणा जी बोले " क्यू पति के साथ मजा नही आता "



मम्मी बोली " नही उनका आपसे बोहोत छोटा है। "



मिस्टर राणा फिर धक्के लगाने लगे मम्मी फिर सिसकारियां लेने लगी । राणा जी बोले " सारी संस्कार पतिव्रता निकल गई हो तो मेरा साथ दे कर अच्छे से चुदवाओ । मेरा भी मनरंजन कर "



मम्मी बोली " आआह्ह्ह्ह् अब क्या कहूं राणा जी । पति से अब कोई उम्मीद नहीं हे मुझे आह्ह्ह्ह्ह। बस मुझे मेरे बेटे का शिंता हे"



मिस्टर राणा ने पूछा " कहा हे तेरा बेटा "



मम्मी मेरे कमरे की तरफ इशारा करती है । मिस्टर राणा मुस्कुरा के बोले " सब सुन रहा होगा । बेचारे को पता भी नहीं होगा की उसकी मां की चूत के कितना बड़ा लंद घुसा है जिसके कारण उसकी मां चीख रही है "




मम्मी शर्म से बोली " प्लीज राणा जी । ये सब समझने लायक बड़ा हो गया हे "



मिस्टर राणा बोले " अच्छा अच्छा सॉरी । और चोदू "



मम्मी बोली " उन्ह्ह्हु आपका तो हुआ नहीं ना । "



मिस्टर राणा ने बोले " तुम्हारा मन है की नही । ये बोलो "


मम्मी थोड़ा शर्मा के बोली " आप जैसे मर्द का हर औरत कामना करती है । मुझे तो ऐसा लग रहा हे जैसे सही माईनो में मेरी आज ढंग से चुदाई हो रही हे। कसम से बड़ा मजा आ रहा है कितना बड़ा हे आपका अंदर तक महसूस कर पा रही हूं "



मिस्टर राणा अब तेज धक्के लगाने लगे और पूछा " मैने एक रात के लिए तुम्हे खरीदा हे बोलो कितनी बार चुदवाओगि "




मम्मी भी बोली " जितनी आप चाहे आह्ह्ह्ह्ह"




मिस्टर राणा मम्मी को फिर उल्टी कर के चोदने लगा पट पट कर आवाज गूंज उठा और मम्मी उसके हर धक्के के साथ आह्ह्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह् मां आईयाह्हह उईह माह्ह्हह कर के सिसकारी मारने लगी ।





मिस्टर राणा मम्मी की गर्दन पर दात गढ़ा के बोला " सच ले रण्डी की तरह चोदूंगा "


मम्मी हाफ हाफ के बोली " हाह्ह्ह्ह में तैयार हूं आप जैसे मर्द के लिए रण्डी बनने को उन्ह्ह्ह्घ रात भर चोदो राणा जी मुझे "



मिस्टर राणा पूरे जोश में थे और जोर जोर से धक्का देने लगा और कुछ देर में मम्मी फिर झाड़ गई मिस्टर राणा ने मम्मी को फिर सामने से बाहों में भर के चोदने लगा । मैंने देखा की मम्मी की चूत से सफेद झांक निकल आई हे जो चूत की मुंह को घेर के रखा था मुझे बोहोत घिन आई कितना मोटा लंद घुसा था मम्मी की चूत की रबर की तरह फैली हुई लग रही थी ।



मिस्टर राणा मम्मी की होठ दातों में ले कर बोल रहे थे " चूत फाड़ दूंगा फिर रोटी रहेगी । बोहोत चोदूंगा बोल रात भर चुदाएगी"



मम्मी भी कम नही दिख रही थी मम्मी का ये रूप देख के में भी हैरान था की सच में मम्मी मेरी ही मम्मी है ना । मम्मी जवाब दे रही थी " उन्ह्ह्हह चूत फटने के लिए ही होती है । बस फाड़ने वाला चाहिए आह्ह्ह्ह्ह आप जैसा "



मिस्टर राणा के चेहरे लाल हो चुके थे गोरा रंग होने कारण और लाल दिख रहे थे " अच्छा । ऐसा है क्या । फिर तो ऐसी हालत करूंगा की सुबह उठ भी नही पाएगी तू ले मेरी रण्डी "




मम्मी पूरा साथ दे रही थी उन्हे भी बोहोत मजा आ रहा था । मिस्टर राणा झाड़ गए ।





कुछ देर बाद मम्मी बोली " आप मेरी एक हेल्प कर सकते है"



मिस्टर राणा बोला " बोलो क्या हेल्प चाहिए "



मम्मी बोली " आपको तो सारी कहानी पता ही होगा "



मिस्टर राणा बोले " हा पता हे"



मम्मी बोली " मेरे पति के दोस्त लोग ऐसे ही मुझे बेच के पैसा वसूल करेंगे। मुझे गैरो के साथ नही सोना हे । पर आप अलग हे मुझे आप पसंद आए बोहोत । प्लीज आप कुछ आइए ना मेरी कुछ राते खरीद लीजिए "



मिस्टर राणा सोच में पड़ गए " उम्म्ह्ह । में एक ही रण्डी के पास दुबारा नही जाता । और 8 लाख बड़ी रकम हैं बोहोत बड़ी । अब 7.50 लाख होगा 50000 तो मैंने दे दिए । मुझे भी तुम अच्छी लगी तुम कोई रण्डी नहीं हो घरेलू औरत हो "


मम्मी मिन्नते करने लगी " प्लीज मुझे बचा लीजिए । आपको जैसे मन वैसे ही आपको खुश करूंगी "




मिस्टर राणा मझाक में बोला " साफ साफ क्यू नही कहती मेरा लन्ड पसंद आ गया है "


मम्मी शर्मा के बोली " वो भी बात हे "



मिस्टर राणा बोला " ठीक हे मेरी कुछ बाते मानने होगे "


मम्मी खुश हो कर बोली " मंजूर "



मिस्टर राणा बोले " जिंदगी भर के लिए तुम्हे खरीदूंगा । नाम के लिए रखैल होगी तुम लेकिन फिर भी तुम्हे खुश रखूंगा तुम्हारा खर्चा तुम्हारे बेटे का भी खर्चा पढ़ाई का खर्चा सब उठाऊंगा । लेकिन तुम कभी भी मेरी मासूका या पत्नी जैसा हक नही मांगोगी। बोलो मंजूर हे "




मम्मी कुछ मिनिट तक सोच के बोली " मुझे मंजूर है "



मिस्टर राणा मुस्कुरा के बोले " और भी बोहोत कुछ करूंगा । तुम्हारी गांड बोहोत टाइट देखा हे मैने । बुरी तरह फाडूंगा और तेरे पति के सामने तुझे चोदूंगा "




मम्मी सिहर गई और मिस्टर राणा के गले लग के बोली " हाय प्लीज मेरी गांड एक दम कुंवारी है पता नहीं क्या हाल होगा मुझे तो अभी दर्द महसूस होने लगी । लेकिन आपके लिए कुछ भी जहा चाहे आप मुझे चोद सकते हे मेरे पति के सामने भी में आप से चूदवाऊंगी लेकिन प्लीज मेरे के सामने मेरी इतज्जत नही उतारेंगे आप मेरा बेटा ही मेरी जिंदगी है "




मिस्टर राणा बोला " ठीक हे मंजूर हे "




पूरी रात मुझे मम्मी की चीखे सुनाई दी । में पता नही कब सो गया था । सुबह उठा तो पापा घर पे नही थे पापा ने एक चिट्ठी छोड़ के गए थे जिसने उन्होंने लिखा था की वो अब हमारा परवरिश नही कर पाएंगे वो हमेशा के लिए घर छोड़ के चले गए हे।





मम्मी और में सदमे में थे। रात की इतनी जोरदार चुदाई के कारण मम्मी चल भी नहीं पा रही थी । में मम्मी को आराम करने दिया खुद खाना वाना बनाया स्कूल नही गया में। मम्मी की बदन की मालिश की मैने मम्मी मुझे प्यार से गले लगा रही थी ।



मैने मम्मी की सुंजी हुई चूत की गर्म पानी से चिकाई की मम्मी शर्म के कारण माना कर रही थी पर मैंने उसे मनाया । दो दिन बाद मिस्टर राणा फिर हमारे घर आते है और मम्मी को खुश खबर देता हे की उसने पूरा उधर पापा के दोस्तो को चुका दिया हे। मम्मी भी खुश हो कर मिस्टर राणा से मजे से चूदवाया। मिस्टर राणा उस दिन मम्मी की गांड फाड़ के चले गए थे । बाद में मैं मम्मी की गांड की चिकाई की मलहम लगाई ।






और ऐसे ही मिस्टर राणा जब मर्जी आते थे कभी एक दो दिन के बाद तो कभी एक हफ्ते के बाद । मम्मी को भी आदत पर चुकी थी मिस्टर राणा के लंद खाने की । और मेरी भी आदत पर चुकी थी हर बार मम्मी की बदन का खयाल और उनकी चूत और गांड की खयाल रखने का मम्मी मुझे गले लगा बोहोत प्यार करती थी । लेकिन मम्मी ये नही जान पाई की अब उनको देख के मेरा खड़ा होता हे । हर चुदाई देख के में भी मूठ मारने लगा ।
 
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मिस्टर राणा को पता नहीं कैसे मेरे बारे ने पता चला उसने मेरे साथ अकेले में बातें की अच्छे से बात करी उसने बोहोत कुछ समझाया भला बुरा का ज्ञान भी दिया । और उसने मुझे एक दबाई दी खाने को उससे में जल्दी बड़ा हो जाऊंगा और मेरी बुद्धि बढ़ेगी ।





मिस्टर राणा हमारा खर्चा भी उठा रहे थे । अच्छा खाना अच्छे कपरे इन सबके अलावा हमे घुमाने भी ले के जाते थे। इन सबके बदले में वो मम्मी की बदन तोड़ के चोद के वसूल करते थे पर मम्मी को भी मजा आता था । मम्मी और मेरे बीच बोहोत से परदे बेपर्दा हो गए थे । कभी कभी मिस्टर राणा मेरे सामने ही मम्मी को किस करते थे। मम्मी को भी आदत पर चुकी थी । और धीरे धीरे समय के साथ और खुल्लाम खुल्लम माहोल हो गए। मिस्टर राणा मम्मी को मेरे सामने ही चोदते थे । मम्मी थोरी बोहोत शर्माती थी ।








दो साल हो गए मैने दसवीं पास कर लिया । रिजल्ट के दिन मुझे बोहोत बड़ी गिफ्ट मिला । घर पे पार्टी हो रही थी लेकिन हम तीन ही थे ।



मिस्टर राणा और मम्मी ने थोड़ा वाइन का लुफ्त उठा के सोफे पे ही शुरू हो गए थे । मम्मी मादरजात नंगी हो कर मिस्टर राणा के लंद पर उछलने लगी । में बगल में बैठ के देखने लगा ।




मिस्टर राणा मेरी तरफ देख के मजहाक में बोला " बेटा क्या सच में ये तुम्हारी मम्मी हे देखो ना कैसे रण्डी की तरह मेरा लन्ड खा रही है तुम्हारे सामने "




मम्मी भी मेरी तरफ देखने लगी और में मम्मी को आंख मार के मिस्टर राणा के पास बैठ गया । मम्मी मुस्कुरा के मेरा गाल छु के बोली ", आई लव यू मेरा लाल "




तभी मिस्टर राणा ने मेरा पेंट और चड्डी नीचे कर दिया । मेरा लंद पूरा खड़ा था और 9 इंच का हो चुका था जो की मिस्टर राणा के दी हुई दबाई का असर था ।



मम्मी की आखें फटी की फटी रह गई ", आई मां । ये क्या हे",




में और मिस्टर राणा हसने लगे । मिस्टर राणा ने मुझे बोला " चल अपनी मां की गांड मार बेटे । बन जा मर्द "



मम्मी सोक गई ," क्या नही। नहीं नहीं बेटा ऐसा मत करना में मां हूं तुम्हारी ",




मिस्टर राणा मम्मी को कस के पकड़ा और बोला " बेटा पहला मौका मिला हे मर्द बनने का देर मत कर ",




में भी होश खो के जोश में कपरे उतार कर मम्मी के गांड में झटके से लंद घुसा दिया । मम्मी मिस्टर राणा के गले लग के चिल्लाई " आई माह्ह्ह्हह्। क्या कर दिया बेटा "




में मम्मी की बालों को पकड़ा और दे दाना दन धक्के मारने लगा । जिंदगी की पहली चुदाई थी वो भी मम्मी के साथ मुझे बोहोत मजा आ रहा था ।



मिस्टर राणा बिना हिले मम्मी की चूत में लंद घुसाए बैठे थे मुझे सब्वासी दे रहे थे और मम्मी आहे भर रही थी । " आआह्ह्ह्ह्ह बेटा तू कब बड़ा हो गया पता ही नहीं चला आह्ह्ह्ह्ह"




में बोला " मम्मी आपकी चुदाई देख देख के बड़ा हो गया में । मम्मी आज से आप मेरी भी रण्डी हो ",




मम्मी बोली " नाहहह होने की कोई कचर चौड़ी हे । आआह्ह्हह्ह बन गई तेरी रण्डी बेटा । आआह्ह्हह्ह चोद बेटा अपनी मम्मी को चोद । उह्ह्हह राणा जी देखो ना कैसे मेरा बेटा मुझे चोद रहा हे। उह्ह्। "




मिस्टर राणा बोले ", हा। अब तुझे और मजा आयेगा दो दो लन्ड लेगी एक साथ चूत और गांड में अब बेटा भी तेरी चूत फाड़ेगा "




मम्मी बोली ", हा राणा जी ओह मेरा लाल चोद चोद । "




में मम्मी की पीठ चूम के बोला " मम्मी आप चुदने की लिए ही बनी हो । दिन रात चोदूंगा अब तो आपकी चूत और गांड "



मम्मी मिस्टर राणा के गाल चाट के बोली " देखा कैसे बिगड़ गया मेरा बेटा । सब आपकी वजह से आपने बिगाड़ दिया मेरे लाल को आआह्ह्ह्ह्ह। हा मेरे लाल में चुदने के लिए ही तो बनी हूं चोद बेटा चोद दिन रात चोद मुझे ",





उस दिन मिस्टर राणा और में मिल कर मम्मी की चूत और गांड का बाजा बजा दिया एक बार तो मम्मी की चूत में हम दोनो के लंद डाल के चोदा मम्मी बोहोत राई लेकिन हमने फाड़ के रख दिया मम्मी की चूत ।









और ऐसे ही हमारी जिंदगी चलने लगी ।







समाप्त
 

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ये कहानी आज से लगभग 5 साल पुरानी है और आज भी चल रही हे। में हूं समर्थ मेहरा जब ये कहानी शुरू हुई थी तब आठवी कक्षा में पढ़ता था। काफी छोटा था में उस वक्त और आज सोचता हूं की काश में उस वक्त आज की तरह बड़ा होता । मेरे पापा बिजनेस करते थे मुझे उतना नही पता था की पापा क्या बिजनेस करते थे क्यू की अक्सर वो नए नए बिजनेस करते रहते थे । में मम्मी पापा का एक लौटा संतान था बोहोत ही लाडला । मेरे पापा का नाम कानन मेहरा उस वक्त पापा 40 के थे।




मेरी मम्मी का नाम रिधिमा मेहरा । उस वक्त मम्मी 36 की थी भरी जवानी मे पूरी देहक रही थी । काफी खूबसूरत भी थी मध्यम कथ काठी की थी पर पूरी गदरई हुई थी खड़े परबत जैसे उरोज हल्की हल्की पेट में मेड गोल गोल थिरकती हुई चुट्टर थोड़े मेड बाह गोल सा मुखरा तीखी आकर्षक नयन नक्श खुशनुमा मुस्कान महकती हुई जिस्म की खुशबू। काफी सरल परबृति की हसमुख थी मम्मी । अपने पति को ***न मानती थी पूजती थी अपने लाडले बेटे से बोहोत प्यार थी । मम्मी हमेशा सारी ब्लाउज पहना करती थी ढंग से ऐसा नहीं की नाभी के ज्यादा नीचे सारी पहनी हो पल्लू बेढंग रखा हो किसी पराए को अपनी उरोज दिखे ।






एक दिन शाम को पापा के चार दोस्त आए । में उस वक्त पढ़ाई कर रहा था । मम्मी पापा मेहमान नवाजी में लगे हुए थे । मम्मी मेरे कमरे में दूध का ग्लास देने आई और मुझसे बोली " बेटा तू बाहर मत निकालना मेरे बाहर से दरवाजा बंद कर रही हूं "



मुझे कुछ ठीक नही लगा तो मैने मम्मी से पूछा क्यू तो मम्मी कहा की कुछ नही बस तू बाहर मत निकालना । मम्मी चली गई और मेरे कमरे का दरवाजा बंद कर दिए बाहर से ।




मुझे कुछ ठीक नही लगा तो दरवाजे के पास गया और दरवाजे की कब्जे के दरार से में देखने लगा । देखा की ड्राइंग रूम में सोफे पे पापा और उनके चार दोस्त बैठे थे और शराब की बॉटल भी थे साफ में मम्मी भी एक अलग सोफे में बैठी थी । मुझे माहोल कुछ ठीक नही लगा ।





पापा अपने चारों दोस्तो से कह रहे थे " देखिए मेरे पास अभी सिर्फ 2 लाख है। में कैसे पूरा पैसा दे दूं । कहा से दूं मेरे बिजनेस भी चौपट हो गया अब नए बिजनेस करने के भी एक फूटी कोरी नही हे "




पापा का एक दोस्त राजीव बोला " देख कानन तू हमे और मत लटका बेंचोद साले 6 महीने से हमे ठग रहा हे आज हमारा पैसा चाहिए "




मम्मी भी पापा के दोस्तो से बोल रही थी " भाईसाहब हमे और थोड़ा मोहलत दीजिए हम दे देंगे कैसे भी कर के । 8 लाख इतनी बड़ी रकम एक दिन में कहा से देंगे "




पापा के दूसरा दोस्त पाठक बोला " भाभी जी बोहोत मोहलत दे चुका हूं और नही। 8 लाख आचल और व्याज 2 लाख होता हे "



पापा बोले " हां भाई ठीक हे आज ब्याज ले जाओ अगले महीने में बाकी पैसा पूरा देने की कशिश करूंगा "



पापा का तीसरा दोस्त रूपाल बोला " कानन याद हे ना क्या सौदा हुआ था "



में भी ये सब देख के दर गया था क्यू की में उस वक्त बोहोत छोटा और काफी सेंसिटिव था । रूपाल की बाते सुन के पापा के माथे पर चिकन आए ।



मम्मी बोली " कैसा सौदा "



पापा का चौथा दोस्त रजत उसने बोला " कानन तूने अपनी बीबी को बताया नही । ठीक हे हम बता देते हे। भाभी जी सौदा ये हुआ था की अगर कानन अगर समय पर पैसा लौटा नही पाते है तो उनकी बीवी यानी आप भाभीजी हमारी रखैल बनेगी । और समय तो कबका पार हो चुका हे 6 महीने ज्यादा हो गए "



मम्मी की पेरो तले जमीन खीचक गई बड़ा झटका लगा उसे और वो पापा से पूछा " ये में क्या सुन रहा हूं गुड्डू के पापा क्या ये सच हे "




पापा सर झुकाए एक चुप से थे । पापा के चारो दोस्त हसने लगे ।



रजत ने बोला " कानन आखरी बार पूछ रहा हूं आज पैसा देगा या नही "



पापा बोले " सिर्फ दो लाख ही दे सकता हूं बाकी अगले महीने दे दूंगा भाई "



पाठक बोला " तोह फिर ठीक हे भाभीजी को हम चारों कमरे में ले जा रहा हूं तू तब तक सोचता रह कैसे हमारा उधार चुकता करेगा । चलो रे भाईयो "





चारो सोफे से उठे और मम्मी के पास गए । मम्मी घबरा गई " नही नही प्लीज आप लोग मेरे साथ ऐसा मत करिए "



पर बोहोत देर हो चुकी थी । उन चारो ने मम्मी को जबरदस्ती पकड़ के मेरे कमरे के बगल वाले कमरे में ले कर गए जो मम्मी पापा का ही कमरा था ।





में बोहोत दर गया था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की अब मुझे क्या करना चाहिए । लेकिन मुझे जानना था की मम्मी के साथ क्या होगा अब क्या करेंगे पापा के चार दोस्त मम्मी के साथ ।



मम्मी पापा कमरे से और मेरे कमरे में आने जाने की एक दरवाजा था और दरवाजे के ऊपर वेंटीलेटर था कास का । और में जल्दी से कुर्सी खींचका कर दरवाजे के पास रख कर ऊपर चढ़ के भेंटीलेचोन से देखने लगा ।




और जो नजारा देखा मेरी रूह कांप उठी । चारो ने मम्मी को बिस्तर पर लिटा के पकड़ रखा था । रजत और राजीव दोनो तरफ से मम्मी का दोनो हाथ कस के पकड़ रखा था और पाठक मम्मी के दोनो पैर पकड़ रखे थे । रूपाल मम्मी के ऊपर चढ़ के मम्मी को जहा ताहा चूम रहे थे ।



मम्मी जाल में फांसी मसली की तरह तड़प रही थी और चिल्ला चिल्ला के रो रही थी रोटी हुई बोल रही थी " प्लीज मुझे छोड़ दो प्लीज में भीख मांगती हूं । गुड्डू के पापा कहा हे आप रोकिए इन्हे बचा लीजिए मुझे "




पापा के चारों दोस्त हस रहे थे ", गुड्डू के पापा हिजड़ा बन गया है काल चूड़ियां पहना देना भाभी जी अपने गुड्डू के पापा को "





रूपाल मम्मी की लाल ब्लाउज फाड़ के निकाल देता है और मम्मी की ब्लाउज सूंघ के बोला ", आह साली की क्या खुशबू हे"



राजीव बोला " अरे देख ना क्या चूचियां हे बड़े बड़े कितनी गोरी हे"



मम्मी रोए जा रही थी और वो लोग मम्मी के बदन के बारे में अश्लील बाते करते हुए हंसी मजाक कर रहे थे । मम्मी की चूचियां काली ब्रा में कैद थी । रूलाल ने मम्मी की ब्रा भी फाड़ दिया और मम्मी की दोनो चूचियां मसलते हुए चूसने लगे ",




", हा चूस साली की बोबे । क्या मस्त आम हे। साला कानन बड़ा नसीब वाला हे। कितनी खूबसूरत बीवी पाई हे लेकिन साला कोई काम का नही हे "



ऐसे ऐसे गंदी बाते करने लगे मम्मी के बारे में। मम्मी की आखों से बहती हुई आसू देख कर बेहद दुख हो रहा था । इतना भी छोटा नही था की मम्मी के साथ क्या हो रहा हे। पापा के दोस्त को देख के लग रहा था की मम्मी को जम के चोदने वाले हे।





रूपाल मम्मी की चूची चूस के मम्मी की पेट भी चूम चाट के मम्मी की सारी पेटीकोट उठा दिया । मम्मी की फूली हुई चूत पर काले घने बाल थे । रूपाल मम्मी की चूत में उंगली करने लगा । मम्मी भद्दा सा मुह बना के रो रो के रहन की भीख मांग रही थी लेकिन इससे वो चारो और हस रहे थे गंदी गंदी गालियां दे रहे थे ।





मुझे बोहोत जलन हो रहा था लेकिन हिम्मत नहीं हुई वो सब रोकने की वल्कि चिल्लाने की भी हिम्मत नही हुई थी। रूपाल मम्मी की टांगे फैला देता हे और अपना पेंट उतार लेता है उसका लन्ड पूरा खड़ा था । उसने मम्मी की चूत में लंद टीका के धक्का दिया और मम्मी के ऊपर चढ़ के जोर जोर से धक्का देने लगा वो मम्मी की होठ चूसने की कशिश कर रहा था पर मम्मी उसे अपना होठ चूसने नही दे रही थी ।




पाठक रूपाल के गांड दबा देता था और बोलता था " साले दबा के चोद साली की चूत फाड़ के रख दे । याद रहना चाहिए की पति के दोस्तो ने चोदा है जम के "





रूपाल 10 मिनिट में मम्मी की चूत में झड़ के उठा ", आह मजा आ गया क्या टाइट चूत हे साली की "



फिर पाठक नंगा हो कर मम्मी की चूत चोदने लगा दरिंदे की तरह । मम्मी चिल्ला चिल्ला के रोती हुई चीख रही थी तब भी उन लोगो से बिनती कर रही थी । पर राजीव और रजत कस के पकड़ रखे थे मम्मी को। पाठक भी आठ दस मिनट में झड़ गया । फिर आया रजत और पाठक ने रजत की जगह मम्मी की हाथ कस के पकड़ा।



रजत भी मम्मी की चूत में कुछ दस पंधरा मिनिट में झड़ गए । मम्मी की चेहरे पे अब बोहोत थकान दिखाई देने लगा । और रोना भी बंद कर चुकी थी ।



फिर आया राजीव की बारी वो थोड़ा बाकी तीनो से कम उम्र के लग रहे थे और जब नंगा हुआ तो उसका लंद भी बाकी तीनो से मजबूत लग रहा था । राजीव ने मम्मी की चूत में लंद एक ही झटके में घुसा दिया और मम्मी कराह उठी ", आई माह्ह्ह्ह"



राजीव मम्मी की चिकनी जांघ पकड़ के धक्के मारने लगा । और मैंने देखा की मम्मी अब रोने की वजाय आंख बंद कर के धीरे धीरे से आहे ले रही है।



ये देख के रजत बोला ", ये साली गर्म हो गई हे। राजीव दबा के चोद अंदर तक । दे दे मजा रण्डी को तुझे याद रखेगी की पति के दोस्त ने खूब मजा दिया था "



पाठक बोला ", अरे भाईयो रण्डी चूचे चूस ",




रजत और पाठक मम्मी की एक एक चूची चूसने लगा । राजीव तेज तेज धक्का लगाने लगा । रूपाल बस बैठा देख रहा था । मम्मी को अब सच में मज़ा आ रहा था उन्होंने कोई विरोध नहीं दिखाई अपनी बाह फैला दिए और आखें बंद कर के गर्म आह से सिसकारियां देने लगी मुंह से ।




मम्मी भी जवान थी आधे घंटे से जवान चूत में लंद खा रही थी तो जिस्म की काम उत्तेजित को काबू नही कर पाई और गर्म हो गई । राजीव जोर जोर से धक्के मार रहा था और बोल रहा था ,**," ले साली ले । ले मेरा लन्ड। कितनी टाइट चूत हे लगता है तेरा पति सच में गांदू है। ये ले मेरा लन्ड ",




राजीव के जोरदार धक्का मम्मी हिल जाती और जोर से आह लेती । कुछ 15 मिनट में राजीव भी झाड़ गया ।





चारो कपरे पहन के कमरे से निकल गए । मम्मी चद्दर ओढ़ के रोने लगी थी । मैंने बाहर झांका तो देखा चारो दोस्त पापा के सामने थे । राजीव बोल रहा था ", देख कानन एक हफ्ते बाद हम फिर आयेंगे पैसा लेने । तेरी बीवी मस्त माल हे हमे मजा आया इसलिए व्याज का पैसा माफ कर रहा हूं । जब तक तू हमारे पैसा चुकता नही करता तब तक जब चाहे हम आयेंगे किसी भी वक्त और तेरी बीवी का चूत गांड का भरता बना के जायेंगे ",




फिर पापा में चारो दोस्त चले गए। में चुप चाप अपने कमरे में बैठा था । उस रात ना मम्मी ने ना पापा ने मेरे कमरे की दरवाजा खोला ना घर पे खाना बना।



बस पापा को मम्मी से माफी मांगते हुए सुना। मम्मी काफी देर रो रही थी । मम्मी ने पापा को बोला की कैसे भी कर के उनके पैसे बापाच कर दीजिए ।






इस बात को एक हफ्ता हो गए मम्मी से उस बारे में कुछ पूछता तो मम्मी ठीक से बताती नही थी । और एक हफ्ते बाद पापा के दोस्त आए लेकिन सिर्फ रूपाल आए लेकिन उसके साथ एक बोहोत ऊंचे कद का गोरा चिट्ठा एक दम हट्टा कट्टा आदमी भी था सूट बूट ने कोई बोहोत अमीर आदमी लग रहा था । मम्मी ने तुरंत मुझे कमरे में बंद कर दिया ।




रूपाल पापा से बोले " फोन पे जो बात हुई थी भाभी जी को बताया की नही"



पापा चुप थे मम्मी फिर सदमे से पापा को देख रही थी मम्मी पापा को चुप देख के समझ गई थी की कुछ तो आज भी बुरा होगा ।





रूपाल मम्मी से बोला " भाभी जी बात ऐसी है की आपके पति देव तो पैसा दे नही पा रहे हे तो हमें ही कुछ करना पड़ेगा । ये हे मिस्टर राणा हमारे कंपनी के एमडी हे । और मिस्टर राणा ने आपको 50 हजार में खरीदा है । आपको मंजूर हो या ना मंजूर पर आपको मेरे बॉस को आज खुश करना ही होगा "




मम्मी की आखों से आसू गिरने लगे कुछ भी शब्द बोल नही रही थी । रूपाल मम्मी की हाथ पकड़ के कमरे में ले जाने लगे और मिस्टर राणा को भी पीछे बुलाए ।




रूपाल ने मम्मी को और मिस्टर राणा को कमरे में छोड़ के बाहर चले गए में आज भी कुर्ची पर चढ़ के देख रहा था ।



कमरे में मम्मी आसू बहाती हुई खड़ी थी । मम्मी घर की साधारण सी सारी ब्लाउज में थी । मिस्टर राणा इतने ऊंचे थी की मम्मी को अपनी छाती पर डूबो रहा था दिखने में 6 फीट से भी ज्यादा लग रहे थे । जब उसने अपना कोट उतारा तो मुझे अंदाजा हो गया की उसका शरीर भी बोहोत बड़ा हे थोड़ा टोंड है पर काफी फीट लग रहे थे और दिखने में 40, 45 के लग रहे थे ।





उसने सीधा जा कर मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और मम्मी की कंधे पर चूम के भारी गरगर आवाज में बोला " जैसा सुना था उससे भी ज्यादा तुम्हारी खुशबू अच्छी हे । वाह मूड बन गया आज तो "



मिस्टर राणा मम्मी की कंधा चूमते हुए मम्मी की मखमली पेट सहलाने लगे । मम्मी की आखों से आसूं तब भी निकल रहे थे मम्मी अपने बदन को ढीला छोड़ रखी थी जैसे वो जिंदा लास हो । मम्मी को मजबूरी का एहसास थी ना कर के भी कोई फायदा नही ।




मिस्टर राणा मम्मी की गर्दन चूमने लगा और दोनो हाथों से अब मम्मी की चूचियां मसलने लगा । मम्मी की मुलायम बदन से खेलने लगा । उसने फिर अपना शर्ट उतार दिया वो ऊपर से नंगा हो गया मम्मी उसके तरफ देख भी नहीं रही थी । मिस्टर राणा ने मम्मी की होठों को चूमते हुए मम्मी की सारी खोलने लगा । मम्मी बिल्कुल भी उसका साथ नहीं दे रही थी । मिस्टर राणा मम्मी को खड़े खड़े ही एक एक कपरे उतार के पूरा नंगा कर दिया । मम्मी पूरी नंगी हो गई शर्म से अपनी चूचियां अपने हाथों से ढक रही थी । मम्मी के बाल बिखर गए थे हाथों में कलाई भर के चूड़ीया थी गले में मंगलसूत्र मांग में सिंदूर पाओ में पायल । मम्मी बोहोत खूबसूरत लग रही थी ।




मिस्टर राणा ने मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया । मम्मी ने तकिए से अपना चेहरा धाक लिया। मिस्टर राणा अपना जूता खोल के पेंट और अंडरवियर भी उतार के पूरा नंगा हो के बिस्तर पर चढ़ गया । उसका लंद पूरा खड़ा था लेकिन में उसका लन्ड देख के घबरा गया क्यू की उसका लन्ड 10 इंच का था मेरे जहन में आया की इसका लंद तो मेरे कलाई से भी मोटा हैं।




मिस्टर राणा मम्मी की चूची मसलते हुए चूसने लगे । एक बात मुझे भा गया की मिस्टर राणा जो भी कर रहे थे धीरे से प्यार से कर रहे थे जैसे हाथी के चाल चल रहे हो और शरीर से भी वैसा ही थे ।





मिस्टर राणा मम्मी की बदन को चूम के मजा लेते है उन्होंने मम्मी की टांगे फैला दिए और मम्मी की चूत देखने लगा । मम्मी की चूत पे बाल देख के उसने साएद नही चूसा मम्मी की चूत और सीधा अपने लंद पर थूक लगा के मम्मी की चूत में लंद टीका के एक धक्का मरा । मैंने देखा की मिस्टर राणा का सुपाड़ा मम्मी की चूत में घुस गया हे।



मम्मी चीख के उछल पड़ी ", आआह्ह्ह्हह माह्ह्ह्हह" मम्मी उठ के बैठ गई ।



मिस्यार राणा का लंद निकल आया था चूत से । मम्मी की नज़रे जब मिस्टर राणा की लन्ड पर पड़ी तो मम्मी भी भोचोक्का खाई मुंह फाड़ के देखने लगी और मुंह पर हाथ रख कर बड़ी बड़ी आखें कर बोली " हाय*** इतना बड़ा "



तब मिस्टर राणा मुस्कुरा के बोले " लगता हे पहली बार असली मर्द को देख रहे हो "



मम्मी घबराहट के मारे हाथ जोड़ के बोली " प्लीज आराम से । में वैसी औरत नही हूं "



मिस्टर राणा मुस्कुरा कर बोले " पता हे मुझे इसलिए तो प्यार से कर रहा हूं । डरो मत तुम्हे कोई चोट नही पोहचाऊंगा "



मिस्टर राणा मम्मी को बापाछ से लेता दिया और धीरे से अपना लन्ड घुसाने लगा । मम्मी की आखें बाहर आ गई " मां मर गई आह्ह्ह्ह्ह फट गई मेरी चूत " कह के मुंह दबा ली हाथो से आखों से आसू फिर निकल आई ।




मिस्टर राणा ने लगभग आधे से अधिक लंद घुसा के मम्मी के ऊपर गिरा । पता नही मम्मी की चूत की लंबाई मिस्टर राणा के पूरा लंद लेने की गहरी थी भी की नही । मिस्टर राणा ने मम्मी को बाहों में भर लिया उनका भव्य शरीर मम्मी को पूरी बाहों में छुपा लिया। मम्मी गहरी सांस लेने लगी ।



मिस्टर राणा मम्मी की होठ चूसने लगा और दो मिनिट तक रुका उसने फिर मम्मी से पूछा " अब ठीक है"



मम्मी ने आखों से हा कहा तो मिस्टर राणा धीरे से लंद बाहर की और खींचा तो मम्मी " इच्हहह उई मां "



मिस्टर राणा मुस्कुराते हुए धीरे धीरे धक्का लगाने लगे और बोला " और अंदर करू" ।



मम्मी दर के मारे बोली " नेहिईईई। आआह्ह्ह । अंदर पूरा लग गई हे मर जाऊंगी सच में "



मिस्टर राणा धीरे धीरे धक्का लगाते रहे और मम्मी की निचली होठ चूमते हुए दातों में दबा के पूछा " चूत फट गई क्या "



मम्मी भी आखें बंद कर के अपनी सासो को काबू करने की कशिश करती हुई बोली " आह्ह्ह्ह्ह लगता तो हे। पूरी फैल गई है। आप खाते क्या हो जी । उफ्फ कैसा अजीब सा लग रहा हे जैसे आप इंसान नही जानवर हो "



मिस्टर राणा मुस्कुरा के बोला " अच्छा । "




मिस्टर राणा ऐसे ही धीरे धीरे चोदने लगे और मम्मी भी पूरी तरह गर्म हो गई और आहे भरने लगी । मम्मी ने भी मिस्टर राणा को गले लगा के टांगे हवा में उठा दी ।




कुछ देर बाद मिस्टर राणा ने फिर पूछा " कैसा लग रहा हे मजा आ रहा हे "




मम्मी सिसक सिसक के बोली " हा राणा जी बोहोत मजा आ रहा है उन्ह्ह्ह्ह "




मिस्टर राणा ने बोला " तो कैसा महसूस हो रहा हे अपने पति के बिस्तर पर अपने पहली कस्टमर के साथ चूदवा कर "



मम्मी बोली " प्लीज राणा जी आह्ह्ह्ह्ह थोड़ा आराम से । प्लीज ऐसी बाते मत करिए में वैसी नही हूं "




राणा ने अपना कमर पूरा दबा दिया " लेकिन तेरी चूत की गर्मी तो कुछ और कह रही हैं "




मम्मी बिलबिला उठी मिस्टर राणा के पीठ पर उंगलियां कस के चीख पड़ी " आह्ह्ह्हह्ह फट गई "



मिस्टर राणा फिर तेज झटके मारने लगे । मम्मी चिल्लाने लगी " राणाजी आह्ह्ह्ह्ह। आआह्ह्हह्ह् राणाजी । मार डाला आह्ह्ह्ह्ह् । ऊहहहह मां में मर गई बचाओ मुझे "




मम्मी पैर पटकने लगी । कमरे में थाप थाप की आवाज पायल और चूड़ी खनकने की आवाज मम्मी की चीखों की आवाज गूंज उठी । पर कुछ देर में मम्मी कांपती हुई झाड़ गई और हाफने लगी ।




मम्मी पसीने पसीने हो गए थे और राणा जी धक्का मारना रूक के मम्मी की गर्दन से माथे से गालों से पसीने की बूंद चूम के पी गए । मम्मी भी राणा जी को प्यार दिखा के राणा जी होठ चूम के बोली " ऐसा मजा मुझे कभी नही आया उफ्फ "



राणा जी बोले " क्यू पति के साथ मजा नही आता "



मम्मी बोली " नही उनका आपसे बोहोत छोटा है। "



मिस्टर राणा फिर धक्के लगाने लगे मम्मी फिर सिसकारियां लेने लगी । राणा जी बोले " सारी संस्कार पतिव्रता निकल गई हो तो मेरा साथ दे कर अच्छे से चुदवाओ । मेरा भी मनरंजन कर "



मम्मी बोली " आआह्ह्ह्ह् अब क्या कहूं राणा जी । पति से अब कोई उम्मीद नहीं हे मुझे आह्ह्ह्ह्ह। बस मुझे मेरे बेटे का शिंता हे"



मिस्टर राणा ने पूछा " कहा हे तेरा बेटा "



मम्मी मेरे कमरे की तरफ इशारा करती है । मिस्टर राणा मुस्कुरा के बोले " सब सुन रहा होगा । बेचारे को पता भी नहीं होगा की उसकी मां की चूत के कितना बड़ा लंद घुसा है जिसके कारण उसकी मां चीख रही है "




मम्मी शर्म से बोली " प्लीज राणा जी । ये सब समझने लायक बड़ा हो गया हे "



मिस्टर राणा बोले " अच्छा अच्छा सॉरी । और चोदू "



मम्मी बोली " उन्ह्ह्हु आपका तो हुआ नहीं ना । "



मिस्टर राणा ने बोले " तुम्हारा मन है की नही । ये बोलो "


मम्मी थोड़ा शर्मा के बोली " आप जैसे मर्द का हर औरत कामना करती है । मुझे तो ऐसा लग रहा हे जैसे सही माईनो में मेरी आज ढंग से चुदाई हो रही हे। कसम से बड़ा मजा आ रहा है कितना बड़ा हे आपका अंदर तक महसूस कर पा रही हूं "



मिस्टर राणा अब तेज धक्के लगाने लगे और पूछा " मैने एक रात के लिए तुम्हे खरीदा हे बोलो कितनी बार चुदवाओगि "




मम्मी भी बोली " जितनी आप चाहे आह्ह्ह्ह्ह"




मिस्टर राणा मम्मी को फिर उल्टी कर के चोदने लगा पट पट कर आवाज गूंज उठा और मम्मी उसके हर धक्के के साथ आह्ह्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह् मां आईयाह्हह उईह माह्ह्हह कर के सिसकारी मारने लगी ।





मिस्टर राणा मम्मी की गर्दन पर दात गढ़ा के बोला " सच ले रण्डी की तरह चोदूंगा "


मम्मी हाफ हाफ के बोली " हाह्ह्ह्ह में तैयार हूं आप जैसे मर्द के लिए रण्डी बनने को उन्ह्ह्ह्घ रात भर चोदो राणा जी मुझे "



मिस्टर राणा पूरे जोश में थे और जोर जोर से धक्का देने लगा और कुछ देर में मम्मी फिर झाड़ गई मिस्टर राणा ने मम्मी को फिर सामने से बाहों में भर के चोदने लगा । मैंने देखा की मम्मी की चूत से सफेद झांक निकल आई हे जो चूत की मुंह को घेर के रखा था मुझे बोहोत घिन आई कितना मोटा लंद घुसा था मम्मी की चूत की रबर की तरह फैली हुई लग रही थी ।



मिस्टर राणा मम्मी की होठ दातों में ले कर बोल रहे थे " चूत फाड़ दूंगा फिर रोटी रहेगी । बोहोत चोदूंगा बोल रात भर चुदाएगी"



मम्मी भी कम नही दिख रही थी मम्मी का ये रूप देख के में भी हैरान था की सच में मम्मी मेरी ही मम्मी है ना । मम्मी जवाब दे रही थी " उन्ह्ह्हह चूत फटने के लिए ही होती है । बस फाड़ने वाला चाहिए आह्ह्ह्ह्ह आप जैसा "



मिस्टर राणा के चेहरे लाल हो चुके थे गोरा रंग होने कारण और लाल दिख रहे थे " अच्छा । ऐसा है क्या । फिर तो ऐसी हालत करूंगा की सुबह उठ भी नही पाएगी तू ले मेरी रण्डी "




मम्मी पूरा साथ दे रही थी उन्हे भी बोहोत मजा आ रहा था । मिस्टर राणा झाड़ गए ।





कुछ देर बाद मम्मी बोली " आप मेरी एक हेल्प कर सकते है"



मिस्टर राणा बोला " बोलो क्या हेल्प चाहिए "



मम्मी बोली " आपको तो सारी कहानी पता ही होगा "



मिस्टर राणा बोले " हा पता हे"



मम्मी बोली " मेरे पति के दोस्त लोग ऐसे ही मुझे बेच के पैसा वसूल करेंगे। मुझे गैरो के साथ नही सोना हे । पर आप अलग हे मुझे आप पसंद आए बोहोत । प्लीज आप कुछ आइए ना मेरी कुछ राते खरीद लीजिए "



मिस्टर राणा सोच में पड़ गए " उम्म्ह्ह । में एक ही रण्डी के पास दुबारा नही जाता । और 8 लाख बड़ी रकम हैं बोहोत बड़ी । अब 7.50 लाख होगा 50000 तो मैंने दे दिए । मुझे भी तुम अच्छी लगी तुम कोई रण्डी नहीं हो घरेलू औरत हो "


मम्मी मिन्नते करने लगी " प्लीज मुझे बचा लीजिए । आपको जैसे मन वैसे ही आपको खुश करूंगी "




मिस्टर राणा मझाक में बोला " साफ साफ क्यू नही कहती मेरा लन्ड पसंद आ गया है "


मम्मी शर्मा के बोली " वो भी बात हे "



मिस्टर राणा बोला " ठीक हे मेरी कुछ बाते मानने होगे "


मम्मी खुश हो कर बोली " मंजूर "



मिस्टर राणा बोले " जिंदगी भर के लिए तुम्हे खरीदूंगा । नाम के लिए रखैल होगी तुम लेकिन फिर भी तुम्हे खुश रखूंगा तुम्हारा खर्चा तुम्हारे बेटे का भी खर्चा पढ़ाई का खर्चा सब उठाऊंगा । लेकिन तुम कभी भी मेरी मासूका या पत्नी जैसा हक नही मांगोगी। बोलो मंजूर हे "




मम्मी कुछ मिनिट तक सोच के बोली " मुझे मंजूर है "



मिस्टर राणा मुस्कुरा के बोले " और भी बोहोत कुछ करूंगा । तुम्हारी गांड बोहोत टाइट देखा हे मैने । बुरी तरह फाडूंगा और तेरे पति के सामने तुझे चोदूंगा "




मम्मी सिहर गई और मिस्टर राणा के गले लग के बोली " हाय प्लीज मेरी गांड एक दम कुंवारी है पता नहीं क्या हाल होगा मुझे तो अभी दर्द महसूस होने लगी । लेकिन आपके लिए कुछ भी जहा चाहे आप मुझे चोद सकते हे मेरे पति के सामने भी में आप से चूदवाऊंगी लेकिन प्लीज मेरे के सामने मेरी इतज्जत नही उतारेंगे आप मेरा बेटा ही मेरी जिंदगी है "




मिस्टर राणा बोला " ठीक हे मंजूर हे "




पूरी रात मुझे मम्मी की चीखे सुनाई दी । में पता नही कब सो गया था । सुबह उठा तो पापा घर पे नही थे पापा ने एक चिट्ठी छोड़ के गए थे जिसने उन्होंने लिखा था की वो अब हमारा परवरिश नही कर पाएंगे वो हमेशा के लिए घर छोड़ के चले गए हे।





मम्मी और में सदमे में थे। रात की इतनी जोरदार चुदाई के कारण मम्मी चल भी नहीं पा रही थी । में मम्मी को आराम करने दिया खुद खाना वाना बनाया स्कूल नही गया में। मम्मी की बदन की मालिश की मैने मम्मी मुझे प्यार से गले लगा रही थी ।



मैने मम्मी की सुंजी हुई चूत की गर्म पानी से चिकाई की मम्मी शर्म के कारण माना कर रही थी पर मैंने उसे मनाया । दो दिन बाद मिस्टर राणा फिर हमारे घर आते है और मम्मी को खुश खबर देता हे की उसने पूरा उधर पापा के दोस्तो को चुका दिया हे। मम्मी भी खुश हो कर मिस्टर राणा से मजे से चूदवाया। मिस्टर राणा उस दिन मम्मी की गांड फाड़ के चले गए थे । बाद में मैं मम्मी की गांड की चिकाई की मलहम लगाई ।






और ऐसे ही मिस्टर राणा जब मर्जी आते थे कभी एक दो दिन के बाद तो कभी एक हफ्ते के बाद । मम्मी को भी आदत पर चुकी थी मिस्टर राणा के लंद खाने की । और मेरी भी आदत पर चुकी थी हर बार मम्मी की बदन का खयाल और उनकी चूत और गांड की खयाल रखने का मम्मी मुझे गले लगा बोहोत प्यार करती थी । लेकिन मम्मी ये नही जान पाई की अब उनको देख के मेरा खड़ा होता हे । हर चुदाई देख के में भी मूठ मारने लगा ।
Fantastic update bro
 

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