Erotica बरिस्थ छात्र ने मेरी गर्लफ्रेंड को चोदा

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उस समय में बी. ए. फास्ट ईयर में पढ़ रहा था । में स्मार्ट और स्लिम हैंडसम लड़का था उस वक्त । और मेरी गर्लफ्रेंड थी रितिका मेरे साथ ही पढ़ती थी । वो खूबसूरत थी जीरो फिगर की पतली कमर मस्तानी चाल गोरी चित्ती पहली नजर में उसकी आखें देख कर मुझे प्यार हो गया था । में पढ़ाई में अच्छा था वो भी पढ़ाई में अच्छी थी तो हम दोनो की दिल मिले और हम दोनो को प्यार हो गया । 6 महीने तक तो हम सिर्फ किसिंग से ही और जिस्मों पर हाथ फेरना इतना ही करते थे । वो जवान थी आग दोनो तरफ लगी हुई थी मैने काफी सिड्यूस किया उसके बाद वो मानी सेक्स के लिए ।





हमने बस किसी तरह 4 बार सेक्स कर लिया था । आगे भी करना चाहते थे लेकिन मौका नही मिल रहा था । एक दिन हमारे कॉलेज से पिकनिक की आयोजित हुआ। हमने प्लान बनाया की हम पिकनिक पर ही सेक्स करेंगे।




हम पिकनिक पर गए हमारी कॉलेज की लगभग सारे स्टूडेंट और प्रोफेसर सब गए हुए थे । रितिका और में बोहोत एक्साइटेड थे और हम दोनो चुपके से जंगल में गए और घने झाड़ियों के बीच कोई अचनी से ना देखने वाला जगह पर हम दोनो एक दूसरे लिपट गए । रितिका जींस और टॉप पहनी हुई थी ।



एक दूसरे को चूमने लगे में उसकी जींस की बॉटम खोलने लगा । रितिका की सांस उखड़ी हुई थी ।




" बेबी पूरे कपड़े मत उतारो रिस्की है। "



" जान पेंट तो उतरना ही होगा "




चूमते चूमते उसकी मुलायम चूची दवाते हुए उसकी जींस उतार दी और पेंटी भी उतार दी । में उसे घास पर लिटा कर उसकी चिकनी चूत चूसने लगा पर उसने मना किया " बाबू नहीं इतना टाइम नहीं हे जल्दी करो "



मैने जल्दी से अपना जींस उतारा चड्डी भी उतार कर अपने खड़े लन्ड पर कंडोम चढ़ा कर धीरे धीरे से रितिका की पनिया रसीली चूत पर घुसाने लगा ।




रितिका मुझे अपनी ऊपर खींच लेती है " आह बेबी आराम से उम्म्ह्ह्ह "



में रितिका की पतली होठ चूसते हुए चोदने लगा रितिका मस्ती में धीरे धीरे सिसकियां लेने लगी ।



तभी अचानक आहत सुनाई दिया हम हड़बड़ा कर उठ गए और कपड़े पहनने की कशिश करने लगे पर देर हो चुकी थी । हमारे सामने हमारे कॉलेज की सबसे पॉपुलर लड़का अभय खड़ा था उसके हाथ में मोबाइल था उसने हमारा कांड पूरा रिकॉर्ड कर लिया था । वो कॉलेज का gs भी था और पॉलिटीशियन बैकराउंड से था सभी स्टूडेंट डरते थे ।



अभय ने कहा " अच्छा तो यहां ये सब चल रहा है। नही नहीं कपड़े पहन के करोगे क्या सब तो देख लिया मैने अब ये वीडियो ट्रस्टी के पास जाएगी फिर तुम दोनो को खेर नही रेस्टिकेट होना तो पक्का हे क्या पता कही दूसरे कॉलेज में भी एडमिशन ना मिले और जब ये वीडियो तुम दोनो की पेरेंट्स को मिलेगा तो क्या होगा सोचा " वो हसने लगा ।



रितिका और में बोहोत दर गए अंजाम सोच के कांप उठे हम । अभय के आगे हम गिरगिराने लगे ।



" नही भैया ऐसा मत करो में बरबाद हो जाऊंगी माफ कर दो "



" भाई प्लीज ऐसा मत करो हम सच्चा प्यार करते हैं "



रितिका तो अभय का पेड़ पकड़ने लगी । रोने लगी वो मेरी भी वैसा ही हाल था कुछ ।
 
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अभय ने कहा " हा ये सब में अपने पास रख सकता हूं अगर तुम दोनो मेरी इस्सा भी पूरी कर दो "



में तो समझ गया अभय की आखें देख कर मगर रितिका समझ नही पाई वो मजबूर हो कर बोली " हा हा भैया ठीक हे बोलो आप क्या चाहिए "


अभय रितिका की आसूं से गीली गाल सहला कर बोला " अभी जो तेरा बॉयफ्रेंड कर रहा था वो अब में करूंगा बोल तू क्या कहती "


रितिका लाज शर्म और गुस्से में बोली " नहीं कभी नही "



अभय जाने लगा " ठीक हे फिर अंजाम तो जानते ही हो "




मैने अभय को रोका और रितिका भाई घबरा कर अभय को रोका " प्लीज भाई "




अभय ने हमे बोला " 2 मिनिट देता हूं सोचने का "




मुझे रितिका की शीनता तो थी मुझे भी बुरा लग रहा था पर उस वक्त बचने की वोही एक उपाय लग रहा था । मैने रितिका कि कान में बोला " जान हमारा फ्यूचर बरबाद हो जाएगा अगर "


रितिका मुझे गुस्से से बोली " पागल हो तुम । "



अभय बोला " ठीक हे फिर में चलता हूं मेरा टाइम खोटी करने का मूड नहीं है"



रितिका फुट फुट कर रोने लगी और बोली " ठीक है ठीक है "




अभय खुशी से मुस्कुराया और मेरे हाथों में मोबाइल दे कर बोला " अच्छे से वीडियो बना बाद में डिलीट कर देना खुद ही में असूल का पक्का हूं "




रितिका और में नीचे से तब भी नंगे ही थे पेंट पहनने का मौका ही नही दिया था अभय ने ।



वो नीचे घुटनों पर बैठ कर रितिका को लिटा दिया और अपना पेंट और अंडरवियर नीचे चड़का दिया । उसका लन्ड एक दम खड़ा था और में हैरान था की उसका लन्ड मेरे दुगना बड़ा था ।




रितिका अपने चेहरे पर दोनो हाथों से ढक कर रो रही थी । अभय ने इशारे से मेरा लंद छोटा कहा और खुद का बड़ा और बेशर्मी से मुस्कुराने लगा । में बुरी तरह हुमिलियत हो रहा था बोहोत शर्मिंदा हो रहा था में । उसने मेरे से एक कंडोम लिया और अपने लंद पर लगा कर रितिका की पतली टांग फैला कर रितिका की छोटी सी चिकनी चूत पर रखा और धीरे से अंदर घुसाने लगा ।






अभय का मोटा सुपाड़ा समा गया । रितिका की टांगे कांप उठी और मुंह से आवाज निकल गई उसकी "" आईससस उफ्फ उहुऊ "




सिर्फ 5 बार ही चुदी थी मुझसे चूत मेरे लंद के हिसाब से ही खुली थी । अभय का लन्ड मेरे दो गुना बड़ा था रितिका को दर्द होना लाजमी था ।




अभय ने धीरे धीरे कर के पूरा लंद घुसा दिया रितिका रोने लगी अपनी मुंह पर हाथ रख कर कस के आखें बंद करती हुई बुरी तरह कराहने लगी ।




अभय रितिका की दोनों जांघ पकड़ के चोदने लगा । अभय मुझे चिढ़ा रहा था गंदी मुस्कान से और में चिढ़ रहा था जलन से मर रहा था में ।



रितिका रोटी हुई " आऊ आह्ह्ह्ह्ह उहुहुऊ आ" कर के कराहने लगी थी।




जब जब अभय का लंद रितिका की चूत की गहराई में उतरता ज्यादा तो रितिका जोर से चिल्लाती " आऊऊ मम्मी " और अपना मुंह जोर से दबा के सर पटकती।




में तब अभय को बोलता " भाई आराम से "


अभय मुझे धक्का देता था " अबे हट साले वीडियो बना "



लेकिन मैने वीडियो बनाने का नाटक करने लगा और अभय ने जो वीडियो बनाता था उसे भी चालाकी से डिलेट कर दिया था ।




10 मिनिट से अभय रितिका को चोदे जा रहा था में सोचने लगा की इतने में तो मेरा हो जाता था लेकिन अभय लगा हुआ था रितिका रो रो बेहाल हो रही थी ।




अभय ने अचानक रितिका की टांगे अपने कंधे पर उठाया और पट पट कर के जोर से चोदने लगा । रितिका बर्दास्त नही कर पा रही थी उसने अभय की मजबूत बाजू कस के पकड़ ली और अभय की आखों में देखती हुई रोटी हुई कहने लगी """ मर जाऊंगी आ लग रही है आऊऊहह प्लीज धीरे धीरे। आ दर्द हो रहा है प्लीज ऊऊऊऊ मम्मी। मम्मी मर गई में मम्मी उन्ह्ह्ह नहीं आई मम्मी आह्ह्ह्ह्ह"




रितिका रो रो कर सर पटकने लगी मैने अभय को रोकना चाहा ", भाई प्लीज बेचारी मर जायेगी "



अभय ने धक्का दिया " हट वे भाबड़े।"




अभय कुछ देर बाद रितिका की चूत पर धीरे धीरे धक्के मारते हुए झाड़ जाता है और हाफते हुए अपना लंद निकाल कर कंडोम फेक कर बोला " मजा आ गया एंजॉय करो तुम दोनो "



मुस्कुराता हुआ रितिका की गाल पर चूम कर चला गया अपना मोबाइल ले कर । रितिका फुट फुट के रोने लगी मैंने रितिका को बाहों में भर लिया " आई एम सॉरी जान माफ कर दो मुझे "



रितिका थकी हुई आवाज में बोली " उसके मोबाइल में वीडियो अब भी हे ना "



" मैने कहा """ नही मैने डिलीट कर दीया हे कोई टेंशन नही है"



कुछ देर हम दोनो गम बातते हुए जंगल से निकल आए ।
 
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रात का समय था गर्ल्स का कैंपस अलग था एक तरफ और लड़को का अलग थोड़ी दूरी पर। रितिका की बेस्ट फ्रेंड उसे कैंप पर अकेला छोड़ के अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाने गई थी रितिका ने मुझे msg कर के बुलाया ।




रात के 12 बजे में चुपके से रितिका की कैंप में गया । रितिका ब्लैंकेट के अंदर इनरवियर मे थी में भी इनरवियर में था ठंडी हवा चल रही थी बाहर हिल्ली एरिया था ठंड भी रात को बढ़ जाता था ।



हम दोनो ब्लैंकेट के अंदर प्यार लूटा रहे थे ।



" जान मुझे माफ कर दो प्लीज"



" बेबी भूल जाओ तुम्हे माफी मांगने की जरूरत नही है। आई लव यू बस आगे का सोचो भले ही उसके पास वीडियो नही हे लेकिन वो हमे बदनाम कर सकता हे हमे हुसियार रहना होगा "



" सही कहा तुमने जान । में संभाल लूंगा तुम टेंशन मत लो "



में रितिका की होठ चूमने लगा और चूची मसलने लगा रितिका बोली " बेबी मूड नही हे अभी "



मैने कहा " जान मूड बन जायेंगे में बना दूंगा "




रितिका मान गई हम दोनो जल्द से नंगे हो गए एक दूसरे से लिपट गए लेकिन तभी कैंप का जिप खोल के कोई आ गया और वो था अभय हम दोनो की फिर हवा निकल गई ।




अभय मुस्कुराने लगा " अरे तुम दोनों जब देखो तब लगे रहते हो । चलो में भी आता हूं "




अभय अपने कपड़े उतारने लगा में गुस्से में अभय को धमकी दी तो अभय ने मुझे जोर से मुक्का मार के पचार दिया " साले चुप चाप देख अब में तेरी रितिका को जब मर्जी चोदूंगा ज्यादा हुसियर बनने की कशिश की तो मेरे सारे दोस्तो से चुदवाऊंगा समझा क्या "



में भी दर गया रितिका फीर रोने लगी " भैया क्यू हमारे साथ ऐसा कर रहे हो माफ कर दो प्लीज छोड़ दो हमे "




अभय रितिका को जबरदस्ती चूम के बोला " आई जान तुझे तो में प्यार करने आया हुं "



अभय ने मुझे एक विडियो दिखाया " चल साले निकल यहां से ",



पता नही कब उसने मेरा नहाते हुए वीडियो बना लिया था । अपनी इतज्जत दाओ पे देख कर में मजबूर हो कर भीगी बिल्ली बन कर कपड़े पहनते हुए निकल गया रितिका पुकार रही थी " अमन मुझे अकेला छोड़ के मत जाओ"



में रोनी सूरत ले कर निकल गया । लेकिन दुखी और बेबस मन से भी में कैंप के पीछे कैंप की ट्रांसपेरेंट छोटी सी खिड़की से देखते हुए सुनने लगा मेरे आसूं गिर रहे थे ।




अभय नंगा हो कर ब्लैंकेट में घुस चुका था और रितिका को जबरदस्ती बाहों में भर कर चूम रहा था । रितिका सुबक सुबक कर विरोध कर रही थी ।



रितिका कराह उठी " आआईया माह निकालो निकालो प्लीज़ उफ्फ"



" अरे क्या हुआ इतने प्यार से डाला है "



रितिका हाथ जोड़ के बिनती करने लगी " नही रहम करो शाम से बोहुत दुख रहा है सच में बोहोत ज्यादा दर्द कर रही है उफ्फ में मर जाऊंगी "




रितिका की आखों से आसूं बह रहे थे अभय रितिका को प्यार से चूमने लगा । दोनो के गले तक ब्लैंकेट थे ब्लैंकेट में कोई हलचल नहीं हो रहा था अभय रुक गया था ।




रितिका सिसकियां रही थी तब भी उम्म्ह्ह्ह उम्मम्म उन्ह्ह्ह ना



" अब भी उस फत्तू से तुझे प्यार है जो तेरा रक्षा नही कर सकता है दुम डूबा के अपनी सोच के भाग गया तुझे अकेला छोड़ के "



" तोह आप कौनसा हीरो हो कमजोरों पर अत्याचार कर रहे हो "


" अरे नासमझ लड़की तुझे आइना दिखा दिया । तेरे कायर बॉयफ्रेन की जगह में होता तो मर जाता लेकिन तुझे मरते दम तक रक्षा करता । "




ब्लैंकेट ऊपर नीचे उठने लगा धीरे धीरे से। रितिका की मुंह खुल गई " आई मम्मी मर गई । आह्ह्ह्ह मम्मी मर गई में । आह्ह्ह्ह्ह नही प्लीज भैया प्लीज मान जाओ आह्ह्ह्ह्ह लग रहि है "


अभय ने रितिका की सर के निचे दोनों हाथ रख कर रितिका की निचली होठ दातों से दबा के बोला " फीर से भैया बोला चूत फाड़ दूंगा मां कसम। बेबी बोल मुझे "



रितिका घबरा गई " नही नही ठीक हे बेबी बेबी उफ्फ प्लीज निकालो मेरी जान जा रही है आहहहाहाहा प्लीज "



" रितिका आज से तू मेरी गर्लफ्रेंड आज से में तुझे बोहोत प्यार दूंगा जो चाहिए दूंगा में तुझे तेरी हर अरमान पूरा करूंगा में "



" आपकी ऑलरेडी जीएफ है अब मेरे दिल के साथ मत खेलो प्लीज "



" वो सिप्रा उसे प्यार नही चाहिए उसे सिर्फ सेक्स और पैसा चाहिए । मुझे तुम्हारी जैसी लड़की चाहिए सुशील संस्कारी पढ़ाकू । कॉलेज खतम होते ही हम दोनो शादी कर लेंगे ठीक हे बिस्वास नही होता तो ये लो रख लो मेरा इत्तजत्त "

अभय ने रितिका की मोबाइल से ब्लैंकेट हटा कर दोनो की नंगी फोटो ली और अपने मोबाइल से रितिका की अकाउंट में 3 लाख रुपए दिए । रितिका की हवाईया उड़ गई ।



" तुम्हारे पापा की हार्ट सर्जरी करनी हे ना में हेल्प करूंगा । एक बात अच्छे से समझ लो इतने पैसों में एक हाई क्लास मॉडल को एक रात के लिए खरीद सकता था तुमसे भी ज्यादा खुनसूरत "





रितिका हक्का बक्का रह गई लेकिन कौन लड़की किसी की मुंह से सुनना चाहेगा की उससे भी ज्यादा कोई लकड़ी खूबसूरत हे । रितिका जलती हुई बोली " क्या मतलब में खुनसुरत नही हूं "




अभय मुस्कुराया और रितिका की होठ चूम कर कहा " अरे प्यारी मेरा वो मतलब नही था तुम खूबसूरत हो बोहोत हो । मेरी मतलब था ऐसी वाली खूबसूरत । में दिल से कह रहा हूं बोहोत प्यार दूंगा रितिका तुझे । पक्का वादा है शादी भी करूंगा । मुझे पता हे तुम्हे इत्तजत और ढेर सारा प्यार चाहिए वो में दूंगा सब "




" अमन भी मुझसे बोहोत प्यार करता हे "




" उसके प्यार मे दम नही हे । फत्तू हे प्यार कभी फत्तू नहीं होता हे समझ ले बात को और मेरे जैसा सेक्स तो बिल्कुल नही दे सकता तुझे "




" आओ आओ ओह नही उफ्फ हुहू प्लीज निकालो " रितिका कराहने लगी ।



ब्लैंकेट हिल रहा था अभय धक्का मार रहा था और रितिका को चूम रहा था । रितिका बर्दास्त से बाहर हो कर बोली " यूएचएफएफएफ आआह्ह्हह्ह नही। अगर सच में आप मुझसे प्यार करते हे तो कसम ही निकालो "



रितिका का राहत की सांस लेती है माथे पे हाथ रख के हाफती है", उफ्फ मम्मी बचा लो मुझे "




अभय ने निकाल दिया था लन्ड और रितिका की आर्मपिट सूंघ के बोला " वाओ क्या खुश्बू हे",



रितिका चिढ़ जाती है।




कुछ समय बीत जाता है एक दूसरे की आखों में रितिका भी अभय को देखे जा रही थी । कुछी देर में रितिका की आंखे मस्ती में बंद हो गई आह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह कर के आहे भरने लगी । ब्लैंकेट हिल रहा था मुझे पता चल गया रितिका की चेहरे से की अभय ने लन्ड अंदर नही किया हे बस रितिका की क्लाइटोरिज में लंद घिस रहा हे ।




रितिका धीरे से बोली " उम्ह्ह्ह पहले मेरे साथ कोर्ट में शादी कर के बिस्वास दिलाना होगा मेरे पास एक सर्टिफिकेट देना होगा फिर में विस्वास करूंगी ",



अभय मुस्कुराया " बस इतनी सी बात ठीक हे काल ही अर्जी देता हूं कोर्ट में । बोहोत हुसियार हो सीधा मेरी बीवी बनोगी । ठीक हे मगर जब तक में राजनीति में पेड़ जमा नही लेता तब तक छुपा के रखना होगा मंजूर "



रितिका बोली " ठीक हे "



अभय ने रितिका की चेहरे को चूम के बोला ", आई लव यू ऋतु"



रितिका भी धीरे से कहती हे " उम्ह्ह्ह आई लव यू अभय आराम से डाल दो "



अभय ने इशारे से पूछा तैयार हो रितिका न पलके झपका के हा कहा और अगले ही पल में रितिका की चेहरे भीचकने लगी"" आह्ह्ह्ह्ह बेबी बोहोत बड़ा है"



ब्लैंकेट फिर उछलने लगा ।



" मजा नही आ रहा है ऋतु"



" आ रहा है लेकिन बोहोत दर्द भी हो रहा है आराम से बेबी उम्ह्ह्ह्ह्ह"



अभय ने चूम चूम के कहा " अमन को भूल जाओ अब "


रितिका मोधोसी से बोली " शाम को हो भूल गई थी बस धीरे धीरे से छोड़ना चाहता था उसे ताकि वो ज्यादा हार्ट न हो जो मेरी रक्षा ना कर पाय उसे में क्यू प्यार करू हुन्ह्ह्ह"





अभय रितिका को कस के बाहों में ले कर रितिका की सर चूम चूम कर धक्के मार मार कर बोला ", शाम को मजा आया था तुम्हे ""




रितिका जोर जोर से सांस ले रही थी और अभय की बाहों में कसमसा रही थी " हा बाबू हा आया था उफ्फ फाड़ दी थी आपने वोही तो मजा है उफ्फ नई जवानी का आह्ह्ह्ह्ह बस मुझे ऐसे ही प्यार करना ठीक है"



" हा ऋतु हा आई लव यू "


" आह आह ओह आई लव यू अभय आई लव यू "



मेरा वाहा रहना मुस्किल हो गया था सब कुछ खो चुका था में और निकल गया वाहा से ।




समाप्त
 

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