Erotica पति को हिंसक सेक्स से खुश करने की कोशिश

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मेरे पति मुझसे प्यार तो बहुत करते थे लेकिन वो हमारे सेक्स संबंधों से खुश नहीं रहते थे. मैंने परायी औरत से चक्कर होने की जांच भी की लेकिन उनका दूसरी औरत के साथ चक्कर भी नहीं था. जो मसला निकल कर आया वो मेरी सोच से परे था.
 
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मेरा नाम पूनम शर्मा है। मैं आज जो लिखने जा रही हूँ वो कोई कपोल कल्पित कहानी नहीं.. बल्कि एक सच है.. जो मेरे साथ हुआ है। मैं एक हाउसवाइफ हूँ और एक मिडल क्लास फैमिली से हूँ।

मैं 32 साल की हूँ.. मेरी शादी को 12 साल हो चुके हैं, मेरे पति का नाम रोहित है, वो 35 साल के हैं। वो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। मेरे दो बच्चे हैं, हम दोनों पति-पत्नी एक-दूसरे से बेहद प्यार करते हैं.. मैं एक बहुत ही साधारण किस्म की औरत हूँ और हमेशा अपनी फैमिली का ख़याल रखती हूँ। लेकिन पता नहीं क्यों मेरे पति मुझसे सेक्सुअली संतुष्ट नहीं रहते हैं।

काफ़ी कोशिश के बाद भी मैं उन्हें खुश नहीं रख पाती हूँ। पिछले 3 साल से वो मेरे साथ नहीं हैं.. उनका ट्रान्सफर पुणे हो गया है। वो आजकल मुझसे ठीक से बात भी नहीं करते.. मैं कई बार उनसे मिलने भी गई.. पर वो आजकल एकदम घुटे-घुटे से रहते हैं।
मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करूँ।

अपनी एक सहेली से मैंने इस बारे में बात की.. तो उसने कहा- तू उन्हें वॉच कर.. शायद उनका किसी और के साथ चक्कर न हो।
मैं अब उन पर निगाह रखने लगी, उन्हें बहला कर सब कुछ जानने की कोशिश करने लगी।

मैंने देखा कि वो हमेशा उदास रहते हैं और खाली टाइम में ब्रूटल यानि हिंसक सेक्स ब्लू-फिल्म देखते रहते हैं और स्टोरीज पढ़ते रहते हैं।
काफ़ी दिनों तक वॉच करने के बाद भी मुझे ऐसा नहीं लगा कि उनका किसी और से चक्कर है..

मुझे ऐसा लगने लगा कि शायद मैं ही कहीं ना कहीं ग़लत हूँ, मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। अंत में काफ़ी सोचने के बाद एक दिन मैंने उनके मोबाइल से सारा डेटा अपने मोबाइल में कॉपी कर लिया और उनके मोबाइल में लोड की हुई सारी ब्लू-फिल्म एक-एक करके बड़े ध्यान से देखना शुरू किया।

मुझे सारी मूवीज देखने और स्टोरी पढ़ने में एक हफ्ता लग गया क्योंकि मैं बहुत ज़्यादा ध्यान देकर और समझ कर सारी कहानियों पढ़ रही थी और ब्लू-फिल्म देख रही थी। अंत में यह सब देख कर और पढ़कर में एकदम शॉक्ड हो गई। मेरे दिमाग़ और हाथ-पैरों ने काम करना बंद कर दिया। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ.. क्योंकि जो कुछ मैंने पढ़ा और देखा वो करना मेरे लिए नामुमकिन था। दो-तीन दिन तो इसी सोच में पार हो गए.. क्योंकि इस तरह का ब्रूटल सेक्स मेरे लिए करना तो दूर.. सोचना भी मुश्किल था।

मैं वापस अपने घर आ गई.. लेकिन यह सब कुछ मेरे दिमाग़ से निकल ही नहीं रहा था। मैं अब हर पल परेशान रहने लगी और अकेले में रोती रहती। घर में सभी मुझसे इसका कारण पूछते.. अब में क्या बताती।

अंत में मेरी सहेली को मैंने सब कुछ बतैया.. उसने मुझे समझाया और कहा- देख तू चाहे तो सब कुछ कर सकती है। एक बार कोशिश तो करके देख.. हर मर्द एक जैसे नहीं होते.. सभी की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। तू वापस अपने पति के पास जा और वही कर.. जो वो चाहते हैं। इसी से तू और तेरा पूरा परिवार खुश हो सकते हैं।
फिर मैंने उससे पूछा- रोहित ऐसे क्यों हो गए हैं इसका रीज़न क्या हो सकता है?

तो वो मुझे एक बड़ी डॉक्टर (साइकिट्रिक) के पास ले गई। उस डॉक्टर ने मुझे बताया कि ब्रूटल सेक्स की चाहत किसी भी व्यक्ति को 3 कारणों से होती है।

पहला.. अगर कोई आदमी ज़रूरत से ज़्यादा परेशानी और उत्पीड़न सह रहा हो और उसके बाद भी अपनी चाहत पूरी ना कर पा रहा हो.. मतलब अपनी ज़िंदगी से बिल्कुल निराश हो गया हो.. ऐसा व्यक्ति इस टाइप का सेक्स चाहने लगता है क्योंकि वो अपने आपको बेहद दर्द और तक़लीफ़ देना चाहता है। अगर फिज़िकल दर्द बहुत ज़्यादा होगा तो शायद वो मेंटली दर्द भूल जाएगा।

दूसरा.. ऐसे व्यक्ति जिन्हें बहुत कोशिश करने के बाद भी अपनी मर्ज़ी के मुताबिक अपने पार्ट्नर से सेक्सुअल संतुष्टि ना मिले.. तो ऐसे लोग ब्रूटल सेक्स अपने उसी पार्ट्नर से चाहते हैं क्योंकि ये लोग यह सोच लेते है कि चलो अब दर्द सह कर ही जी लेंगे।

तीसरा.. ऐसे लोग जो बिल्कुल ज़िंदगी से हार जाते हैं और जो अपनी ज़िंदगी में अपनी कोई भी इच्छा पूरी नहीं कर पाते। ऐसे लोग भी ऐसा सेक्स चाहते हैं। वैसे ब्रूटल सेक्स की बहुत ज़्यादा ब्लू-फिल्म देखना भी एक कारण है।

फिर उसने कहा- अब तू खुद सोच कि तेरे पति के साथ कौन-कौन सा रीज़न है जितने ज़्यादा रीज़न होंगे.. वो उतना ही ज़्यादा ब्रूटल डिमाँड करेगा।
फिर मैंने उससे पूछा- यह प्राब्लम ठीक कैसे होगी?
तो उसने कहा- कुछ ही दिनों में यह ठीक हो जाएगा.. अगर मैं बहुत ज़्यादा ब्रूटली सेक्स करते रहूँ और उसे सेक्सुअली सॅटिस्फाइड कर दूँ तो..।

काफ़ी सोचने के बाद मैंने फ़ैसला किया कि अब मैं वही करूँगी.. जो मेरा पति चाहता है। अब मैं उन्हें हर वो चीज़ दूँगी.. जो वो चाहते हैं और इतनी ज़्यादा ब्रूटल बनूँगी.. जितना किसी भी ब्लू-फिल्म में भी आज तक ना दिखाया गया हो।

बस मैं मन में ठान कर उनके पास पहुँच गई। पहले दिन मैंने उन्हें काफ़ी प्यार दिया और एक बहुत ही रोमांटिक सेक्स करने की कोशिश की.. लेकिन उन्होंने मेरा ज़रा सा भी साथ नहीं दिया.. क्योंकि उन्हें तो सिर्फ़ ब्रूटल ही चाहिए था।

वैसे भी अकेलेपन ने उन्हें काफ़ी बदल दिया था और वो बहुत चिड़चिड़े हो गए थे।
मैं मायूस हो गई.. फिर मेरी आत्मा ने मुझसे कहा कि तू यहाँ जो करने आई है वो कर..

रोमांटिक सेक्स और प्यार तो मैं काफ़ी दे चुकी हूँ.. लेकिन इन्हें अब यह पसंद नहीं है.. पता नहीं क्यूँ मैं चाह कर भी उस टाइप का सेक्स नहीं कर पा रही थी। एक अनजाना सा डर लग रहा था या यूँ समझ लीजिए कि मैं ब्लू-फिल्म की तरह नहीं बन पा रही थी।

खैर.. मैंने अपने आपसे वादा किया कि अब मैं ब्लू-फिल्म में दिखाई जाने वाली औरत की तरह ही ब्रूटल और वहसी बन कर ही रहूंगी.. चाहे जो भी हो..

में तीन दिनों तक दोबारा से ब्लू-फिल्म देखती रही और स्टोरी पढ़ती रही और उसमें दिखाए जाने वाले हर एक एक्ट और बातों को अपने दिमाग़ में सैट करती रही.. ताकि कुछ भी छूट ना जाए।
अंत में एक दिन मैंने हर तरह से सारी तैयारी कर ली।

जब मेरे पति शाम को घर आए तो मैंने बहुत बढ़िया से सज-संवर कर एक बहुत ही मॉडर्न ड्रेस पहन कर उनका स्वागत किया। फिर उनके फ्रेश होने के बाद मैंने उन्हें अपने हाथों से खाना खिलाया और उन्हें बहुत प्यार किया और कहा- जान.. आज मैं तुम्हें हर तरह से खुश करूँगी.. चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना करना पड़े।

उन्होंने मुझे अपने से दूर कर दिया और बड़ी बेरूख़ी से कहा- तुम इस लायक नहीं हो।
मुझे बहुत दु:ख हुआ.. मगर मैंने उनसे कहा- आज बस तुम देखते जाओ।

फिर मैं व्हिस्की की बॉटल लेकर बाल्कनी में आ गई और अकेले बैठ कर पीने लगी और फिर उन्हें भी पीने को कहा। वो तो मेरे इस रूप को देख कर जैसे शॉक्ड हो गए.. और मेरे चेहरे पर एक कातिलाना स्माइल आ गई।

क्योंकि आज मैं पहली बार पी रही थी इसलिए मैंने बहुत थोड़ी सी ही पी और उन्हें भी थोड़ी सी ही पिलाई ताकि मेरा सारा प्लान बर्बाद ना हो।
वो बहुत खुश लग रहे थे।
उसके बाद मैं उन्हें कमरे में ले गई और उन्हें कपड़े खोलने को कहा। वो यह नहीं जानते थे कि मैं आज क्या करने वाली हूँ.. इसलिए उन्होंने मना कर दिया और कहा- मेरा मूड नहीं है।

अब मुझे यह साबित करना था कि मैं आज सच में उन्हें खुश करना चाहती हूँ। मैंने एक बार अपने मन में दोबारा से ब्लू-फिल्म में देखे गए सीन्स को याद किया और अपने आपको आने वाले पल के लिए तैयार किया। मैंने दोबारा उन्हें थोड़ा गुस्से से कपड़े खोलने को कहा मगर उन्होंने मना कर दिया।

तभी मैंने खींच कर एक थप्पड़ उनके गाल पर मारा और कहा- खोल मादरचोद.. नहीं तो फाड़ दूँगी।

वो एकदम से शॉक्ड हो गए और अपने गाल सहलाने लगे। इससे पहले कि मैं दूसरा थप्पड़ मारती.. उन्होंने तुरंत अपने कपड़े खोल दिए और नंगे हो गए। फिर मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी और कस कर उनके बालों को पकड़ कर मेरे मम्मों को उनके मुँह में ठूंस दिए और बोली- चूस कुत्ते.. जी भर के चूस..

मैंने उनके बाल इतने ज़ोर से पकड़े कि उनकी आँखों से आँसू निकल आए।
मैंने पकड़ थोड़ी ढीली की और ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी।
मेरे मुँह से निकलती सिसकारियों को सुनकर वो खुश हो गए और ज़ोर-ज़ोर से मेरे मम्मों को चूसने लगे.. मुझे भी मज़ा आने लगा।

मैं बीच-बीच में उनके गालों पर धीरे-धीरे थप्पड़ मारती जा रही थी और मम्मों को चुसवाए जा रही थी। साथ ही मैं गालियाँ भी देती जा रही थी।
उनके चेहरे पर बरसों की दबी हुई चाहत पूरी होने की खुशी और दर्द का मिला-जुला असर था। मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था। फिर मैंने अपनी स्कर्ट खोल दी.. जैसे ही मैंने स्कर्ट खोली उनका दिमाग़ घूम गया..
 
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मैंने अपनी स्कर्ट खोल दी.. जैसे ही मैंने स्कर्ट खोली उनका दिमाग़ घूम गया.. क्योंकि मैंने स्कर्ट के नीचे उनसे छुपा कर बहुत पहले से ही एक बहुत ही मोटा और लंबा रबर का लंड पहना हुआ था। उसे देखकर उनकी आँखें फटी की फटी रह गईं और मेरे चेहरे पर एक कातिलाना स्माइल आ गई।

फिर मैंने उनके बालों को पकड़ा और उनके मुँह में लंड घुसेड़ दिया.. मैं ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड उनके मुँह में अन्दर-बाहर करती रही.. जिससे उन्हें बहुत तकलीफ़ हो रही थी.. लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था। मैं लंड को ज़बरदस्ती एकदम उनके कंठ की गहराई तक अन्दर घुसाने लगी.. जिससे उन्हें उल्टी आनी शुरू हो गई। लेकिन मैंने इसकी कोई परवाह नहीं की और ज़ोर-ज़ोर से उनका मुँह चोदती रही।

उन्हें काफ़ी उल्टी हुई.. मैं काफ़ी देर तक अलग-अलग पोज़ और स्टाइल से उनका मुँह चोदती रही।

अब मैं उनके फेस पर और उनके मुँह के अन्दर थूकती जा रही थी और उनके गालों पर कभी थप्पड़ से और कभी रबर के लंड से मारती जा रही थी। उनका पूरा चेहरा मेरे और उनके थूक से भर गया था.. और थप्पड़ की चोट से लाल हो गया था।
यह देखकर मैं सोचने लगी कि मैं यह क्या कर रही हूँ.. अपने पति के मुँह पर थूक रही हूँ और मार भी रही हूँ।

लेकिन आख़िर मैंने अपने मन में आते ख़यालों को बाहर निकाला.. क्योंकि आज मेरा मेन टारगेट उन्हें पूरी तरह से खुश करके हमारे बीच के प्यार को दोबारा जिंदा करना था।

वैसे भी आज मुझे हर काम हद से ज़्यादा ही करना था। फिर मैंने बार-बार स्टाइल और तरीका चेंज कर-कर के और अपने लंड पर बीच-बीच में हनी डाल-डाल कर उनसे चुसवाया। फिर मैंने उन्हें बिस्तर पर पटक दिया और उन्हें पेट के बल लिटाकर उनकी गाण्ड की क्रीम से मसाज करने लगी।

काफ़ी देर मसाज करने के बाद मैंने उनकी गाण्ड में सीरिंज से बहुत सारा नारियल तेल भर दिया और बहुत सारी क्रीम भर दी.. जिससे उनकी गाण्ड एकदम सॉफ्ट हो गई। अब मैंने अपने लंड पर कंडोम लगाया.. फिर मैं उनके ऊपर चढ़ गई और अपना लंड उनकी गाण्ड में घुसाना शुरू किया।

क्योंकि लंड बहुत ज़्यादा मोटा था इसलिए घुस नहीं रहा था और बार-बार स्लिप हो रहा था।
मैंने उनसे दोनों हाथों से चूतड़ को पूरा फैलाने को कहा.. लेकिन वो नहीं माने।

मैंने पास में पड़ी हुई उनकी बेल्ट से कसकर उनके चूतड़ों पर एक बेल्ट मारी, वो ज़ोर से चिल्लाए और तुरंत अपने चूतड़ फैला दिए।
मैंने थोड़ी क्रीम और लंड पर लगाई.. फिर लंड को उनकी गाण्ड के होल पर सैट किया और एक जोरदार झटका मारा। आधा लंड उनकी गाण्ड को फाड़ते हुए भीतर घुस गया।

वो इतनी ज़ोर से चिल्लाए जैसे मैंने उनकी गाण्ड में कोई चाकू घुसेड़ दिया हो और मुझे धक्का देकर अपने ऊपर से हटाने लगे।
मैंने तुरंत बेल्ट उठाई और तीन-चार बेल्ट खींचकर उनके चूतड़ों और पीठ पर मारे.. वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने और रोने लगे।

मैंने अपनी पैन्टी उनके मुँह में घुसेड़ दी और बोली- चुप हो ज़ा मादरचोद.. बहुत तुझे ब्रूटल सेक्स की चाहत थी ना.. दिन भर
मोबाइल में यही देखते हो ना.. इसी सेक्स के लिए तुमने हमारे बीच के रिश्तों को खराब किया हुआ था.. आज मैं तेरी हर चाहत पूरी करूँगी.. चुप हो जा और शांति से मुझे तेरी गाण्ड फाड़ने दे.. नहीं तो बेल्ट से मार-मार कर पूरा बदन छील दूँगी।

मेरा इतना रौद्र और वहशी रूप देखकर रोहित चुप हो गए। उसकी गाण्ड में आधा लंड घुस चुका था, मैंने थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार शॉट मारा और लंड 3/4 अन्दर घुस गया। उसकी जोरदार चीख पैन्टी मुँह में होने क कारण अन्दर ही घुट कर रह गई।
वो मुझे धक्का देने लगा और ज़ोर-ज़ोर से अपने हाथ-पैर पटकने लगा।

मैंने तुरंत बेल्ट उठाई और कस-कस कर उसकी पीठ और चूतड़ों पर मारने लगी। फिर मैं पूरा उसकी पीठ पर चढ़ गई और ज़ोर से उसके कंधे पर दाँत से काटा.. वो भयंकर दर्द से बिलबिलाने लगा और मुझसे हाथ जोड़कर दया की भीख माँगने लगा।

लेकिन मैं आज किसी भी कीमत पर मानने वाली नहीं थी, मैं उसके चूतड़ों पर बैठ गई और एक और जोरदार शॉट मारा। उसकी गाण्ड से खून निकलने लगा.. वो लगभग बेहोश सा हो गया।
मैं भी काफ़ी थक गई थी। मैं लंड को उसकी गाण्ड में घुसाकर उसके चूतड़ों पर बैठ गई और थोड़ी देर आराम करने लगी।

वो लगातार रोए जा रहे थे.. मुझे दया आने लगी.. लेकिन मैंने तुरंत ही अपने मन को संभाला.. क्योंकि अगर आज मैंने ज़रा सी भी दया दिखाई तो शायद फिर सारी ज़िंदगी अपना खोया प्यार दोबारा नहीं पा सकूँगी।

थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद मैंने फिर से उनकी गाण्ड मारना शुरू किया। मैं धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाती जा रही थी। काफ़ी देर तक मारने के बाद मैंने पोजीशन चेंज की और अब मैं उन्हें कुत्ता बनाकर चोदने लगी और साथ ही उनके चूतड़ों पर ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ भी मारने लगी और अपने नाखूनों से उसकी पीठ नोंचने लगी।

उन्हें बहुत दर्द हो रहा था और वो रोते जा रहे थे। धीरे-धीरे उनका रोना कम होता गया.. फिर मैंने उन्हें पीठ के बल कर दिया और उनके ऊपर लेट गई। अब मैं जोरदार तरीके से चुदाई करने लगी.. साथ ही उनके पूरे बदन को हाथों से सहला रही थी और उनके निप्पल को और होंठों को चूसती जा रही थी। इस पोज़िशन में और मेरे प्यार से अब उनका दर्द काफ़ी कम हो रहा था।

फिर अंत में मैंने उनको पीठ के बल ही थोड़ा नीचे खींचा और मैं बिस्तर के नीचे खड़ी हो गई। फिर मैंने दोबारा से खड़े-खड़े ही उनकी गाण्ड में पूरी ताक़त से एक ही बार में पूरा लंड जड़ तक पेल दिया.. वो इतनी ज़ोर से चिल्लाए कि बताना मुश्क़िल है।

लेकिन मैंने उन पर ज़रा सा भी रहम ना करते हुए इस बार अपनी पूरी ताक़त से भयंकर चुदाई शुरू कर दी। यह लास्ट मोमेंट इतना जबरदस्त था कि पूरा बिस्तर ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा। इसी के साथ ही मैं उन्हें हाथों से मारती भी जा रही थी और गालियाँ भी देती जा रही थी।

फिर मैं उनका लंड सहलाने लगी.. जिससे उन्हें कुछ राहत मिली। अब मैं भी बहुत ज़्यादा थक चुकी थी.. क्योंकि हमने यह सब रात में 8 बजे शुरू किया था और अब 12.30 बज चुके थे। फिर मैं उनके ऊपर 69 की पोजीशन में आ गई और उनका लंड चूसने लगी.. अपनी गाण्ड उनके मुँह में घुसेड़ दी और ज़बरदस्ती उनसे अपनी गाण्ड चटवाने लगी।

मैं उनका लंड चूसती रही और उनसे अपनी गाण्ड चटवाती रही।
फिर जब उनका स्पर्म निकला तो मैंने वो सारा अपने मुँह में भरकर उनके मुँह में डालकर ज़बरदस्ती उनको पिला दिया।
फिर मैंने उनको बिस्तर से नीचे उतार दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उनके मुँह और सारे बदन पर मूतने लगी।
उनका पूरा बदन मेरी सू सू से भर गया।

फिर मैंने ज़बरदस्ती उन्हें बाथरूम में ले जाकर नहलाया और वापस घसीटते हुए लाकर बिस्तर पर लिटा दिया। उनकी हालत काफ़ी खराब हो गई थी.. वो अभी भी सिसक रहे थे और रो रहे थे। सच ही है अगर 4 घन्टे तक लगातार किसी की गाण्ड मारी जाए तो सोचिए क्या होगा।

अब मुझे भी बुर चुदवाने की ज़रूरत थी लेकिन इनकी हालत इतनी खराब थी कि फिलहाल यह सम्भव नहीं दिख रहा था। वैसे भी रात के एक बज गए थे। मैंने भी कमरे में फैले अपने यूरिन को साफ़ किया और सुबह 5 बजे का अलार्म सैट करके सो गई।

सुबह 5 बजे मेरी नींद खुल गई। मैंने देखा कि मेरे पति नंगे ही सोए हुए हैं.. मैं भी नंगी ही थी। मैं उठी और अपनी ज़रूरत का सारा समान बिस्तर पर ले आई।

वो एकदम बेहोशी में सोए हुए थे। मैंने नींद में ही उनकी गाण्ड और चूतड़ों की क्रीम और तेल से खूब मसाज की.. उन्हें होश ही नहीं था। उसके बाद एक दवाई वाली मलहम (आयंटमेंट) जिसका नाम है लोकष 2%.. वो क्रीम बहुत सारी मैंने उनकी गाण्ड में घुसेड़ दी। इस क्रीम की ख़ासियत यह है कि इसे स्किन में जहाँ भी लगाया जाता है वहाँ की स्किन 3-4 घंटों के लिए सुन्न हो जाती है। बस इस क्रीम को ठीक से लगाकर 15 मिनिट वेट करना पड़ता है। क्रीम लगाकर मैं टॉयलेट चली गई।

फिर वापस आकर मैंने वो रबर का लंड दोबारा पहना.. उस पर कंडोम लगाया और बहुत सारी क्रीम लगाई। अब मैंने उन्हें ठीक से पेट के बल किया.. और मैंने उनके चूतड़ पूरे फैलाए। अपना लंड उनकी गाण्ड के होल पर ठीक से एड्जस्ट किया और फिर उनकी गाण्ड में घुसेड़ दिया।

वो नींद में ही थोड़ा सा छटपटाए.. लेकिन दवा लगाने के कारण शायद ज़्यादा एहसास नहीं हुआ। अभी लंड ज़रा सा ही घुसा था.. फिर मैंने पूरी ताक़त से एक ही झटके में पूरा लंड उनकी गाण्ड में जड़ तक घुसेड़ दिया। उनकी गाण्ड से खून की धार बहने लगी और एक झटके में उनकी आँख खुल गई और वो चीख उठे।

हालांकि मैंने उनकी गाण्ड में दवा लगाई थी फिर भी इतनी बेरहमी से एक झटके में इतना मोटा लंड घुसने पर कुछ तो दर्द होना ही था। वो चीखने लगे और पूरी ताक़त से मुझे धक्का देकर अपने ऊपर से हटा दिया।
मुझे इतना गुस्सा आया कि मैंने तुरंत बेल्ट उठाई और उन्हें बेल्ट से मारना शुरू कर दिया, उनके चूतड़ एकदम लाल हो गए।
 
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मुझे इतना गुस्सा आया कि मैंने तुरंत बेल्ट उठाई और उन्हें बेल्ट से मारना शुरू कर दिया, उनके चूतड़ एकदम लाल हो गए।

वो रोने लगे.. फिर मैंने उनके गालों पर तीन-चार थप्पड़ मारे और उन्हें फिर से बिस्तर पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ कर दोबारा लंड को पूरा उनकी गाण्ड में घुसेड़ दिया। हालांकि वो मुझसे ताक़त में काफ़ी ज़्यादा थे.. लेकिन फिर भी वो अपनी ताक़त यूज नहीं कर रहे थे.. इसी से मैं समझ गई कि अगर ये ताक़त का प्रयोग करते.. तो मैं कभी भी यह सब नहीं कर पाती।

लेकिन क्योंकि वो भी कई सालों से यही सब करवाना चाहते थे.. इसीलिए वो ताक़त का प्रयोग नहीं कर रहे थे। वैसे भी इस बार उन्हें दर्द नहीं होना था.. क्योंकि मैंने सुन्न कर देने वाली क्रीम जो लगाई थी।
मैंने पूरी ताक़त से और फुल स्पीड में चुदाई शुरु कर दी। बस इतना समझ लीजिए कि इस बार की चुदाई इतनी ख़तरनाक और जबरदस्त थी कि अगर मैंने क्रीम ना लगाई होती तो शायद इतना भयंकर दर्द होता कि ये किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर पाते।
उनकी गाण्ड से पोटी निकलने लगी.. लेकिन क्योंकि थोड़ी ही देर में उनकी गाण्ड पूरी सुन्न हो गई थी.. इसलिए उन्हें इसका एहसास नहीं हुआ।

वो बोले- क्या हुआ लंड क्यों निकाल लिया?

मैं समझ गई कि अब चाहे इनकी गाण्ड में चाकू ही घुसेड़ दो.. इन्हें पता नहीं चलेगा।

बस मैं अपनी पूरी ताक़त और फुल स्पीड में उनकी गाण्ड मारती रही। लगभग आधे घण्टे में ही मैं बुरी तरह से थक गई.. फिर मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेट गई और इन्हें मेरे नकली लंड पर बैठा लिया। अब मैं रोहित से ही उसकी गाण्ड चुदवाती रही। कभी मेरी तरफ पीठ करके और कभी मेरी तरफ मुँह करके वो भी अपनी गाण्ड ठुकवाता रहा।

अंत में मैंने एक बार फिर इन्हें कुत्ता बनाकर बहुत बुरी तरह से चोदा और उसके बाद लंड बाहर निकाल लिया और देखा कि मेरे लंड पर बहुत सारा खून लगा हुआ है और उनकी गाण्ड से भी पोटी और खून बह रहा है। मैंने सब कुछ ठीक से साफ़ करके थोड़ी सी एंटीबायोटिक क्रीम एक कॉटन में लेकर उनकी गाण्ड में भर दी.. पर उन्हें यह सब नहीं बताया।
मैं जानती थी कि 3-4 घंटों के बाद जब सुन्न वाली दवा का असर ख़त्म होगा.. तब इनकी हालत बहुत खराब होने वाली है।

अब वक़्त था मेरी बुर की आग शांत करने का.. जो रात भर से चुदाई के लिए तड़प रही थी।
मैंने उनको सीधा किया और उनका लंड चूसने लगी। जल्दी ही उनका लंड खड़ा हो गया। मैं उनके ऊपर चढ़ गई और अपनी चूत को उनके लंड पर सैट किया और एक ही झटके में उनका लंड जड़ तक अपनी चूत में ले लिया। मुझे एक जबरदस्त शांति मिली.. आख़िर मैं भी पिछले 3-4 महीनों से चुदाई के लिए तड़प रही थी।
मैं उनके लंड पर कूदने लगी.. मैं आज इतनी खुश थी कि मैं बता नहीं सकती।

मैं जल्दी ही थक गई और उनसे एक मस्त चुदाई की रिक्वेस्ट की। फिर वो मेरे ऊपर आ गए और उन्होंने मेरी इतनी मस्त और जबरदस्त चुदाई की.. जो मैं शब्दों में बता नहीं सकती।
जब उनका स्पर्म मेरी चूत में निकला तो मुझे इतनी शांति और सुकून मिला.. जो शायद इस दुनिया की और किसी चीज़ में नहीं है। मैंने कसकर उनको अपनी बाँहों में जकड़ लिया और पागलों की तरह उन्हें किस करने लगी.. उनके फेस को चाटने लगी।

उन्होंने भी मेरा पूरा साथ दिया। काफ़ी देर तक हम यूँ ही एक-दूसरे को जकड़ कर प्यार करते रहे..
शायद ये पल मेरी ज़िंदगी के सबसे हसीन पल थे जिन्हें मैं खोना नहीं चाहती थी क्योंकि आज की इस रात मैंने वो सब कुछ किया था.. जिसके बारे में मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी।

फिर मैं उठी और उनको एक पेन किलर टैबलेट दी.. जिससे उन्हें ज़्यादा दर्द ना हो। वो दवा लेकर फिर सो गए.. उनके सोने के बाद मैंने उनके पूरे बदन पर जहाँ-जहाँ बेल्ट से मारा था.. नाखूनों से नोंचा था और दाँत से काटा था.. सभी जगह दवा लगाने लगी।
उनके जख्मों को देखकर मेरी आँखों से आँसू बहने लगे और मैं फूट-फूट कर रोने लगी कि आख़िर मैंने यह क्या कर दिया।

मुझे अपनी इस हरकत पर अपने आप से इतनी तकलीफ हो रही थी कि मैं शब्दों में बता नहीं सकती।

फिर मुझे भी रोते-रोते नींद आ गई। जब नींद खुली तो एक बज चुके थे.. फिर भी मैं सो गई। शाम के 4 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि रोहित भयंकर दर्द से बुरी तरह तड़प रहे हैं और वो पोटी भी नहीं कर पा रहे हैं। मैंने हॉट वॉटर से उनकी गाण्ड की 3 दिनों तक खूब सिकाई की और दवा लगाई.. तब जाकर उन्हें आराम हुआ और वो ठीक हो पाए।

आज ज़िंदगी में पहली बार वो मुझसे इतना खुश थे कि बताना मुश्क़िल है, वो बोले- आज तुमने मेरी सबसे बड़ी तमन्ना पूरी की है।

अब उनका नेचर मेरे साथ पूरी तरह से बदल चुका था, वो मुझे इतना प्यार कर रहे थे.. जितना शायद कोई पति अपनी पत्नी से नहीं करता होगा।
मैं हमेशा सोचती हूँ क्या ये सब मैंने ठीक किया.. क्या मुझे ऐसा करना चाहिए था.. क्या इस दुनिया में ऐसे अजीब शौक रखने वाले मर्द भी हैं जिनकी जरूरतें इतनी ख़तरनाक हैं। उन्हें हर महीने 1-2 बार ऐसा ही ब्रूटल सेक्स चाहिए.. आख़िर क्यों रोहित को यह सब चाहिए..? मैंने बहुत सोचा लेकिन आज तक मुझे इसका जवाब नहीं मिला।

खैर.. अब तो मैंने भी अपने आपको उनके अनुसार बदल लिया है। अब मैं महीने में 2 बार ऐसा उनके साथ ज़रूर करती हूँ और कोशिश करती हूँ कि इस दौरान ज़्यादा से ज़्यादा ब्रूटल बनूँ और हर बार कुछ नया और अलग करूँ। ऐसा करने से मुझे इंटर्नली बहुत तकलीफ़ होती है क्योंकि मैं उनसे बहुत प्यार करती हूँ.. लेकिन क्या करूँ मजबूर हूँ बगैर ऐसा किए हमारी ज़िंदगी में खुशी नहीं आ सकती।

वैसे भी अब अक्सर मैं उन्हें सताती रहती हूँ.. कई बार उन्हें परेशान करने के लिए में खूब उनका लंड चूसती हूँ और जैसे ही उनका स्पर्म निकलने वाला होता है.. चूसना बंद कर देती हूँ। तब वो मुझसे एक बार चोदने देने की कुत्ते की तरह भीख माँगते हैं। सच मुझे उन्हें यूँ चुदाई की आग में जलाने और तड़पाने में बहुत मज़ा आता है। थोड़ी देर उन्हें तड़पने के बाद सच्ची उनसे चुदवाने में बहुत मज़ा आता है।

मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा.. बस अब हमारी ज़िंदगी यूँ ही बहुत मज़े में कट रही है।

अक्सर वो भी मेरी गाण्ड मारते हैं.. कभी-कभी तो खुद रबर का लंड पहन कर.. एक साथ दो लंड मेरी गाण्ड और चूत में घुसा देते हैं। दर्द भी बहुत होता है.. लेकिन क्या करूँ उनके बेपनाह प्यार के कारण दर्द भी सह लेती हूँ और वैसे भी अब धीरे-धीरे इन सबकी आदत मुझे भी पड़ती जा रही है।

क्योंकि अगर अपने पति को खुश रखना है और उनका प्यार पाना है तो इतना तो सहना और करना ही पड़ेगा।

अंत में बस इतना ही कहूँगी कि हो सकता है इस दुनिया में मेरे रोहित के जैसी चाहत रखने वाले काफ़ी मर्द होंगे.. अगर आपमें से किसी के भी पति ऐसे हैं.. तो देर मत कीजिए तुरंत यह सब करना स्टार्ट कर दीजिए.. कहीं ऐसा ना हो कि आप सोचती रहें और बहुत देर हो जाए!

और हाँ एक बात का ज़रूर ध्यान रखिएगा कि इस स्टोरी में लिखे गए एक भी स्टेप को भूल से भी मिस मत कर दीजिएगा और ज़रा सी भी दया ना करते हुए एकदम जानवर बन जाइए.. वरना शायद कभी भी आपके पति आपके नहीं हो पाएंगे और आपके बीच की दूरियां कभी भी ख़त्म नहीं हो पाएंगी.. इसलिए इस स्टोरी के हर एक शब्द को 100-100 बार बड़े ध्यान से पढ़िएगा और हर एक चीज़ को एक एग्जाम की तरह याद कर लीजिएगा।

ज़िंदगी यही है दोस्तो.. बस सामने वाले की हर ज़रूरत और खुशी का ख़याल रखिए और हर पल सेक्स में कुछ नया ट्राई करते रहिए और हाँ एक लास्ट बात यह कि ब्रूटल सेक्स की जो मर्दों की डिमाँड होती है.. उनकी यह मांग उधर दम तोड़ देगी.. जहाँ आप 5-7 बार बहुत ज़्यादा ब्रूटल बन कर पूरी तरह से उनके साथ पेश आएंगी.. लेकिन अगर आप बहुत ज़्यादा ब्रूटल ना बन पाएं.. तो यह मांग कभी भी ख़त्म नहीं हो पाएगी।

रोहित के साथ तो मैंने सिर्फ़ 4 बार ही ऐसा ब्रूटल सेक्स किया और इस बात को आज 8 महीने हो गए हैं.. अब वो कभी भी ब्रूटल सेक्स का नाम भी नहीं लेते हैं। क्योंकि मैंने जो 4 बार सेक्स किया था वो रियली इतना ज़्यादा ब्रूटल था कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते। अब यह आप पर निर्भर है कि आप कितनी ब्रूटल बन सकती हैं।
 
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