Erotica धोंगी पंडित

Member

0

0%

Status

Posts

359

Likes

211

Rep

0

Bits

806

11

Months of Service

LEVEL 9
310 XP
एक दिन मम्मी और में एक पंडित के पास गए कुछ समस्या की साधन पाने । सुबह की बास पकड़ के हम पंडित के पास पोहौच । उनका छोटा सा एक आश्रम था मम्मी और मुझे अतिथि कक्ष में कुछ देर को रुकने कहा गया मम्मी और में नीचे चटाई पर बैठे थे क्यू की खाली कमरे था एक कोने में पानी का मटका और मिट्टी की बनी हुई ग्लास।




थोड़ी ही देर में पंडित जगमहन कक्ष में आए और हमारे ससामने बैठ गए और हमसे आने का कारण पूछा । मम्मी और मैने प्रणाम किया उसने हमे आशीर्वाद दिया । पंडित जगमहन करीब 40 साल के लग रहे थे सुसायस्थ लग रहे थे बाकी तो भेष भूषा पंडितो वाली ही थी ।



मम्मी ने बड़ी उम्मीद से बोलो """ पंडित जी मेरा नाम सुकन्या है और ये मेरा बड़ा बेटा सत्यम बारवी कक्षा में पढ़ता है । पंडित जी आपके बारे में बोहोत सुना है और उम्मीद ले कर आए हे मेरे छीने में दर्द रहता है कभी कभी गर्दन में भी दर्द होती रहती है """""




पंडित बोले"""" अच्छा समझ गया सब ठीक हो जायेगा मेरे इलाज से बड़े से बड़े बीमारी ठीक हुई हे ये तो मामूली बीमारी हे"""" और मेरी तरफ देख कर बोला""" बेटा तुम दूसरे कक्ष में इंतजार करो में तुम्हारी मम्मी इलाज करता हूं """



मैने मम्मी की तरफ देखा तो मम्मी ने भी मुझे इशारे से जाने को कहा में उठ कर दूसरे कमरे में गया लेकिन में खिड़की से देखने लगा की पंडित मम्मी का क्या इलाज करता हे।



पंडित ने मम्मी से कहा """ आप तो पसीने से नहा चुकी हे आने में ज्यादा तकलीफ तो नही हुई""""



मम्मी शर्मा कर बोली """ जी हम बास से आए है बोहोत भीड़ था और आज कुछ ज्यादा ही गर्मी थी """




मैने देखा की पंडित मम्मी की छाती घूर रहा है। मम्मी की ब्लाउज बगल से पूरा भीग चुका था छाती में भी कुछ हिस्सा पीठ पर कुछ हिस्सा पसीने से भीग चुका था । मम्मी की पल्लू तो ठीक तरह से कंधे पे अटकी हुई थी लेकिन मम्मी की चुचियों की आकार फिर भी समझा जा सकता था मम्मी गोरी खूबसूरत तो थी ही उसकी गर्दायी हुई गठीला जिस्म भी आकर्षक थी जहा चर्बी होनी चाहिए उसी अंग पर सही मात्रा पर चर्बी थी । मम्मी हमेशा सारी पहनती थी ।





 
OP
mutu
Member

0

0%

Status

Posts

359

Likes

211

Rep

0

Bits

806

11

Months of Service

LEVEL 9
310 XP
मम्मी साधारण औरत थी ज्यादा चालक भी नही थी उनका चहरा बोहोत मासूम लगती थी ।


" अच्छा बताओ किस किस जगह पर दर्द होता हैं"""



मम्मी ने पहले गर्दन पर बताया और फिर शर्मा कर अपनी चुचियों की घाटी पर इशारा कर के बताया """ जी यहां बीच में """""



पंडित बोले """" अच्छा । इस उम्र में ऐसा होता ही हे औरतों को कारण भी बता दूंगा में अभी इलाज करते हैं """




पंडित कमरे से बाहर निकल कर कुछ देर बाद आया उनके हाथ में एक तेल की बोतल थी और बोला """ इस खास तेल से में पहले मालिश कर देता हूं और दवाई भी दे दूंगा । अच्छा बताओ आपकी मासिक सही तारीख पर होती हे कोई दिक्कत तो नहीं आती मासिक के समय """


मम्मी ने बिना शर्म के बोली """नहीं सही तारीख पर ही होती हैं और कोई दिक्कत नहीं आती """





पंडित ने बोला "" अच्छा आप आराम से बैठ जाइए में मालिश कर देता हूं """"



मम्मी घूरने मोड़ के अच्छे से बैठ गई । पंडित ने मम्मी के पीछे घुटनों पर खड़े हो कर मम्मी की गर्दन की मालिश की और कुछ इलाज की तरकीब से मम्मी की गर्दन की अकड़ निकाली मम्मी आन्न्ह आन्ह्ह्ह्ह कर के कराह उठी ।



" अच्छा अब बताओ कैसा महसूस हो रहा हे"""



मम्मी खुश हो कर बोली """ अरे वाह पंडित जी अब बड़ी ताजा ताजा सा लग रहा हे """


पंडित मम्मी की पीछे से पसीने से गीली बगल से अपना दोनो बाजू घुसा के मम्मी की चूची की घाटी के बीचों बीच अपना उल्टी अंगूठा रख के मम्मी को अपनी बाहु पेशियों में जोर से जकड़ा मम्मी की कराह निकल आई उनकी मुलायम चूचियां पंडित की कलाई में दबच गई थी ।




मम्मी इलाज की तरकीब ही समझ रही थी । लेकिन मैने देखा की पंडित मम्मी की जिस्म की खुशबू ले रहा हे भूखे भेड़िए की तरह मम्मी की जिस्म घूर रहा था । तब में मन में गालियां देने लगा पंडित को मगर में देखना चाहता की क्या क्या करता है ये पंडित और मुझे भी देखने मजा ही आ रहा था मैने भी कई बार चुपके से मम्मी को नंगी देख चुका हूं पंडित मम्मी से फायदा उठा रहा हे इस बात पर मुझे इतना गुस्सा नही आ रहा था ।



पंडित बोला """ अच्छा आपको अभी अपना ब्लाउज उतरना होगा मालिश करनी होगी दर्द की जगह पर ""



मम्मी शर्माने लगी """ ऐसे ही नही हो सकता हे क्या ""


"" ऐसे कैसे होगा आपको ब्लाउज तो खोलना ही होगा तभी तो मालिश होगी आप शर्माइये मत बीमारी में शर्म किया तो कभी बीमारी ठीक नही होगी """



मम्मी मजबूर थी और शर्म से अपनी ब्लाउज की हुक धीरे धीरे खोल दी लेकिन उतार नही रही थी तब पंडित ने ही मम्मी की ब्लाउज पीछे से उतर दिया मम्मी शर्म से लाल हो गई अब मम्मी की बड़ी बड़ी चूचियां काली ब्रा के अंदर ऐसे उठ रही थी सासों की नियंत्रण में जैसे कोई भी मम्मी के ऊपर झपटेगा उस समय पंडित की चेहरे पर अलग ही हवास की लाली थी ।
 
OP
mutu
Member

0

0%

Status

Posts

359

Likes

211

Rep

0

Bits

806

11

Months of Service

LEVEL 9
310 XP
पंडित फिर तेल ले कर मम्मी की गीली बगल से हाथ घुसा कर ब्रा के अंदर से चूची की घाटी पर दो उंगली घुसा के मालिश करने लगा मम्मी एक दम से सिहर उठी और आंख बंद कर ली ।



पंडित धीरे धीरे से मालिश करते हुए मम्मी बालों की जुड़े पर नाक लगा के सूंघ रहा था और बोला """ देवी जी आप अपने शरीर का बोहोत ख्याल रखती होगी त्वचा इतनी मुलायम हे जैसे रेशम की रुमाल और वैसे भी आप बोहोत गोरी खूबसूरत है""""



मम्मी पहले तो सोक गई फिर शर्माने लगी और मुस्कुराने लगी """ आप कुछ भी बोलते हे """



पंडित मुस्कुरा कर """ हा में सच बोल रहा हूं । मेरी पंडिताइन भी आप जैसी खूबसूरत होती तो में भी उसे इसी तरह छेड़ता रहता """



मम्मी बस मुस्कराय जा रही थी और पंडित मम्मी की तारीफे कर के मम्मी को बहका रहा था और चालाकी से दोनो हाथों में तेल ले कर मम्मी की ब्रा के अंदर से दोनो चुचियों मालिश करने लगा मम्मी अचानक बोल पड़ी""" यहां पर दर्द नही हे क्या कर रहे हैं आप"""


पंडित काम उत्तेजित थे उनकी आवाज मदहोश थी और सम्माहित """, नशों का समैश्या है छाती की हर नश को अच्छे से इलाज करना होगा ये मत सोचिए कि में कुछ गलत फायदा उठा रहा हूं अगर आप ऐसा सोचते हे तो ठीक है आप दूसरे वैद्य से इलाज करवाए """


मम्मी थोड़ी सोच विचार कर के बोली """ नही मुझे आप पर विश्वास है आप इलाज कीजिए """



पंडित खुशी से मम्मी की चुचियों को मसलने लगा मम्मी की ब्रा कब ऊपर उठ गई थी उन्हे जरा भी खयाल नही था । में मम्मी की चेहरे को पढ़ रहा था उनके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे लेकिन पंडित धीरे धीरे मम्मी की निप्पल को उंगलियों में भिंचने लगे और खींचने लगा मम्मी की आंखे बंद तो थी ही और मिंचने भी लगी थी और अपनी निचली होंठ काट रही थी खुद ।



पंडित समझ गए थे और मुस्कुरा रहे थे । मम्मी की सांस तेज़ हो रही थी में समझ गया की मम्मी को मजा आ रहा है काम उत्तेजित हो रहे है।


मैने देखा की मम्मी की चूचियां बोहोत गोरी थी लेकिन निप्पल थोड़े सावली थी और अंगूर जितनी मोटी थी। पंडित अच्छे से मम्मी की ब्रा ऊपर कर के चूचियां मसल रहे थे दबा रहे थे मम्मी अपना नियंत्रण खो रही थी और पंडित की बाहों में पीछे गिर रही थी ।



पंडित बोला """, कितना सुंदन स्तन हे आपका बोहोत ख्याल रखा हे आपने इस उम्र में औरतों के स्तन झूल जाते है लेकिन आपकी स्तन सख्त है लेकिन मुलायम है"""




मम्मी मुस्कुरा रही थी शर्मा कर अपनी दोनो हाथों से अपना चेहरा छिपा रही थी """ धेत्त आप बोहोत छेड़ते है """


पंडित ने जोर से मम्मी कि चूची दबा दिया ,""" क्यू अच्छे नही लग रहें है मेरा छेड़ना ""


मम्मी बस मुस्कुराती रहती है जवाब नही देती और कराहती हे अब तो हल्की हल्की आह भी निकालने लगी मुंह से ।



पंडित ने मम्मी की गर्दन पर चूमने लगा तो मम्मी कामुक आवाज़ में बोली """अह्हह्ह क्या कर रहे है आप ""


पंडित बोले """ कुछ नही देवी जी आप इतनी खूबसूरत है तो आपको थोड़ा प्यार देना अनिवार्य हे ""

मम्मी बुरी तरह शर्मा जाती हे लेकिन अब मम्मी कोई विरोध नही कर रही थी वल्कि काम अग्नि में जल रही थी आखें मोधोशी में बंद थी काम उत्तेजित की अंगड़ाई ले रही थी उम्म्ह्ह आह्ह्ह्छ।
 
OP
mutu
Member

0

0%

Status

Posts

359

Likes

211

Rep

0

Bits

806

11

Months of Service

LEVEL 9
310 XP
पंडित मम्मी की पसीने से गीली पीठ चूमने लगा मम्मी की ब्रा उतार दिया मम्मी ने कुछ भी कहा मम्मी की मुलायम बाह मसलने लगे । मम्मी को पता भी नही चला पंडित उनके पीठ पीछे कुर्ता और बनियान उतार कर सिर्फ धोती में आ गए हे ।



पंडित ने मम्मी को एक तरफ कर के मम्मी को चटाई पर लेता दिया और मम्मी के ऊपर गिर के मम्मी को बाहों मे भर लिया मम्मी तब हैरान हो गई "" नही नही ये आप क्या कर रहे है छोड़िए मुझे ये गलत है ""



लेकिन पंडित मम्मी की रसीली होठ चूसने लगा मम्मी की चूची मसलने लगा ।मम्मी विरोध तो नही कर रही थी मगर उम्म्ह नही नही उम्म्ह्ह्ह्ह कर रही थी।





धीरे धीरे ये भी खतम होने लगा मम्मी ने पंडित को अपने आपको शॉप चुकी थी । पंडित मम्मी की पेसिने से भीगी जिस्म को चूमने चाटने लगा चुचियों बच्चो की तरह चूस गया मम्मी आंख बंद कर के आआह्ह्हह्ह उन्म्म्म कर के सिसकारियां लेने लगी ।




मम्मी काम उत्तेजित में बलखाती हुई कसमसा रही थी पंडित मम्मी की महीन पेट मसल के चूम के नाभी से जीव से कुरेद के मजा ले रहा था मम्मी चेहरे की काम प्रतिभाव देखने लायक थी में सोच रहा था की सायद मम्मी बोहोत प्यासी से इसलिए इतना मस्त चुदासी हो रही है।




पंडित मम्मी की सारी पेटीकोट उतार देता है मम्मी तब बोहोत शर्माने लगी। पंडित मम्मी की मुलायम जांघ चूम रहा थे मम्मी मस्ती में आहे भर रही थी । मम्मी की टांगो पर हल्की बाल थी चूत भी झातो से भरी हुई बगल में बाल थे थोड़े थोड़े लगता हे मम्मी वैक्सिंग वगैरा कुछ नही करती थी ।



पंडित मम्मी की चूत चाट चाट कर मम्मी को पानी पानी कर दिया पंडित अपनी धोती उतार देता हे मम्मी पंडित का लंद देख के थोड़ी हैरान होती है क्यू की साधारण लन्ड से काफी बड़ा था ।


पंडित मम्मी की टांगे फैला कर अपने लंद पर तेल लगा के मम्मी की चूत पर चटा दिया पंडित मम्मी की आखों में देखने लगा तो मम्मी शर्मा कर मूंह फेर ली ।


पंडित ने धोरे धीरे अपना लन्ड अंदर घुसा दिया मम्मी की चेहरे पर दर्द की लहर दिखाई दे रही थी पंडित धीरे धीरे से धक्का देने लगा और कुछ समय मम्मी अपनी जीभ होठों पर फिराने लगी उम्म्ह्ह् आह्ह्ह्ह्ह कर के सिसकारियां भरने लगी।




पंडित धीरे धीरे से धक्का लगा रहा था मम्मी की मोटी जांघ पकड़ कर 5 मिनिट में मम्मी झाड़ गई तब पंडित मम्मी के ऊपर आ कर मम्मी को बाहों में भर लिया और प्यार से पूछा """ कैसा लगा आनंद आया ""


मम्मी थोड़ा शर्मीली मुस्कान से सर हिला दी पंडित मम्मी की होठ चूम कर बोला """ तुम्हारा पति तुम्हे खुश नही करते हे ना तुम बोहोत प्यासी हो ""


मम्मी भी शिकायत करते हुए बोली "" हम्मम बिल्कुल भी ध्यान नही देते मुझपर काम काम करते रहते है """



अचानक पंडित जोर से धक्का देने लगा मम्मी पंडित की बाजू कस के भींच ली अपनी हाथों से """ उई मां उई मां आह धीरे धीरे आआह्ह्ह्ह लगती है आह्ह्ह्ह्ह्ह आराम से """


पंडित कुछ झटके मार कर फिर रुका """ क्यू आनंद नही आ रहा है """



मम्मी शर्मा कर धीरे से बोली "" आपका बोहोत अंदर तक जाता है ""



पंडित बोला "" में ये नही पूछ रहा हूं ये तो मुझे पता है तुम्हारी योनी बोहोत चोटी हे ढंग से यौन मिलन नही मिला तुम्हे । में आनंद आ रहा की पूछ रहा हूं ""


मम्मी शर्मा कर बोली """, आप बोहोत गंदे है"""


पंडित मुस्कुरा के बोला "" तुम बोहोत मासूम हो और बोहोत खूबसूरत हो परी की तरह अच्छा तुम ही अपने हिसाब से आनंद लो ""
 
OP
mutu
Member

0

0%

Status

Posts

359

Likes

211

Rep

0

Bits

806

11

Months of Service

LEVEL 9
310 XP
पंडित बगल में लेट गया और मम्मी को अपने ऊपर आने को कहा मम्मी शर्मा कर पेड़ फैला के पंडित के लंद पर बैठ तो गई लेकिन बोहोत शर्मा रही थी । पंडित ने इशारा किया करो लेकिन मम्मी शर्म से लाल हो रही थी और मम्मी ने एक तरीका निकाला मम्मी ने अपनी सारी से पंडित का चेहरा ढक दिया और पंडित के छाती पर दोनो हाथ रख के धीरे धीरे उछलने लगी मम्मी भी अच्छे से चुदाई का आनंद लेना चाहती थी अब और धीरे धीरे मम्मी तेज रफ्तार में उछलने लगी और आंख बंद कर के जोर जोर से सिकरिया लेने लगी तब पंडित भी मम्मी की झूल रही चूचियां दबाने लगा और चूसने लगा मम्मी बेशर्मी से अब पंडित को कामुक निगाहों से देखने लगी ।




कुछ देर में मम्मी ढेर हो गई लुड़क कर पंडित की छाती पर गिर पड़ी """ आआह्ह्ह में तो गई आज काम से आआह्ह्हह"""


पंडित मम्मी फिर नीचे लेटा कर दोनो टांगो में घुस गया """ कैसा लगा आनंद आया ""*

मम्मी मुस्कुरा कर बोली """, आप तो बड़े सांड हे आपका अभी तक नही हुआ """



पंडित मम्मी की गाल पर चपत लगाते है""", में जो पूछ रही हूं उसका जवाब दो ""

मम्मी खिल उठी "" बोहोत आनंद आया बोहोत मैने ऐसा आनंद कभी नही पाया """


पंडित धीरे धीरे धक्का देने लगा """ अच्छा बताओ मेरा आता पता कैसे मिला """"


मम्मी बोली "" वो मेरी सहेली पूनम हे ना दो साल पहले उन्होंने ने आपके बारे में बताई थी की आप वैद्य भी हे """




पंडित बोला """ वो पूनम उसकी बच्चे नही हो रहे थे मैने ही इलाज कर के उसे आज दो संतान की मां की सुख दिया है ""


मम्मी शरारत भरी आवाज में बोली "" ऐसे जैसे आप आह मेरा इलाज कर रहे है """



पंडित हसने लगा "" समझदार हो """


पंडित मम्मी को कस के बाहों में जकड़ के जोर जोर से चोदने लगा मम्मी चीखने लगी "" आन्न्ह्ह्ह पंडित जी आम्ह्ह्हा उह्ह् पंडित जी आह्ह्ह्ह्ह आराम से आन्ह्ह्ह्ह् पंडित जी उई मां आह आह आह आह लगती हे"""




पंडित मम्मी की मुलायम गाल चूम चूम कर जोर जोर से चोदने लगा """ हां इसी तरह मेरा नाम लो """



मम्मी सिसकारियां निकालती रही काम आनंद और काम पीड़ा में मस्त थी मम्मी पंडित का लन्ड काफी बड़ा था इसलिए थोड़ा थोड़ा दर्द उसे हो रही थी लेकिन उस आनंद के आगे वो हल्का दर्द भी अनमदायक लगी थी मम्मी की चेहरे की आप भाव से ।



पंडित भी थकने लगा था और धीरे धीरे रुक गया मम्मी बोली """, आह्ह्ह्ह्ह में थक गई हूं पंडित जी अपना निकाल दीजिए ना और अंदर मत करिए ,एक्सएक्सएक्स"""



पंडित बोला "" फिक्र ना करो में गर्भ निरोधक दवाई दे दूंगा । तुम्हारी योनि बोहोत रसीली है तुम्हारी तरह में और थोड़ी देर भोगना चाहता हूं """

मम्मी बोली """ में बोहोत थक गई हूं लेकिन मन मेरा भी हे आप वाकई में बोहोत अच्छा योनि भोग करते हे लेकिन आराम आराम करिए ना में अनुभव करना चाहती हूं आपको में तो आज आपकी बाबरी हो गई """

मम्मी शर्मीली अंदाज से मुस्कुराने लगी पंडित धीरे धीरे धक्का देने लगा " ऐसे ठीक है। ""



मम्मी पंडित को बाहों में भर के बोली """ हां जी ऐसे ही उफ्फ कितना गहरा प्रभाव है आपका उह्ह्हह बोहोत आनंद आ रहा हे उन्ह्ह्ह भोगिए जी भर भोगिये मुझे पंडित जी """




पंडित बोले """ आज मेरे पास और समय नही हे दूसरे उम्मीदवार को भी देखना हे वरना बड़ा मन था तुम्हारी जिस्म की रस निचोड़ के पीने का ""

मम्मी बोली """, उम्ह्हह पी तो लिया आपने बहकी बहकी बातों से फंसा कर मुझे भोग रहे हे उन्ह्ह्ह कितना बड़ा प्रवेश कर के मेरी हालत खराब कर दी आपने ""*


पंडित बोला""" ये तो कुछ भी नही हे मुझे और भी आसन से तुम्हे भोगने का मन था तुम्हारी जिस्म की पसीना मुझे पीना था तुम्हारी बदन खाना था रसमलाई की तरह """

मम्मी पागल हो गई थी "" हाय पंडित जी उफ्फ आपकी बातों से मेरी गीली हो गई थी उफ्फ अगली बार आऊंगी तो आप जी भर के भोग लगाएगा ""


पंडित आन्ह्ह्ह्ह कर के झाड़ गया मम्मी की चूत पर । कुछ देर बाद पंडित उठे मम्मी भी कपड़े पहनने लगी पंडित ने मम्मी को फिर बाहों में भर के प्यार किया और कुछ समझते हुए दवाई दे कर कमरे से निकल आए और मुझसे बोला "" देख लिया ना तुम्हारी मम्मी को किस चीज की ज्यादा जरूरत हे। अब घर पर तुम्हारे अलावा कोई ऐसा मर्द नही होगा जो तुम्हारे पिताजी का काम कर सके अब तुम्हारी मम्मी को अगर नियमित यौन सुख नहीं मिला तो बाहर किसी के साथ मुंह मार सकती है इसलिए अब तुम्हे ही अपनी मम्मी को यौन सुख देना होगा """

में हैरान था ये पंडित क्या कह रहा हे। में कुछ जवाब ही नही दे पा रहा था पंडित फिर बोला "" मैने जैसे जैसे तुम्हारी मम्मी को तैयार किया था ठीक उसी तरह तुम भी करना तुम्हारी मम्मी को बता दिया है की तुम्हारे हाथों से मालिश करवाने को,"""





मम्मी और में फिर घर आ जाते हे मम्मी बोहोत थकी हुई लग रही थी खयाल आ रहा था की आज तो मम्मी तबियत से चूदी हे।





खेर मुझे 7 दिन लगे एक एक पड़ाव पार करने में धीरे धीरे मम्मी को तैयार किया तब मम्मी की चूत में मैने झंडा गाड़ पाया । पर फिर भी मम्मी पंडित के प्यार में पड़ गई थी हर महीने एक बार तो मम्मी पंडित के पास जा कर टांगे फैला कर चुदवाटी थी पंडित ने मम्मी की कुंवारी गांड का भी उद्घाटन किया ।




समाप्त
 

56,102

Members

321,318

Threads

2,692,440

Posts
Newest Member
Back
Top