Elite Leader

0

0%

Status

Posts

545

Likes

379

Rep

0

Bits

289

3

Years of Service

LEVEL 5
185 XP
यह कहानी ज़िंदगी की हाफ सेंचुरी के नजदीक पहुँच चुके दो दोस्तों की है।
ये दोनों दोस्त हैं विजय और संजीव।

दोनों ही पुराने और नामचीन व्यापारी हैं और बचपन से ही दोस्त हैं; दोनों की आपस में खूब खुली है, हर तरह का हंसी मज़ाक, खाना पीना, बाहर घूमना सब साथ होता है।

इन दोनों की पत्नियों की भी आपस में अच्छी दोस्ती है; दोनों फोन पर रोज ही बातें करती हैं, कभी-कभी दोपहर एक-दूसरे के घर ही रहतीं।

विजय और संजीव के एक-एक बेटा है।
एक का इंजीनीयरिंग में और दूसरे का मेडिकल लाइन में शिक्षा ले रहे हैं।

विजय के माता पिता पंजाब में हैं और संजीव के पिता काफी पहले गुजर गए थे तो उसकी माँ संजीव की ननिहाल में अपने भाइयों के साथ मध्य प्रदेश में रहती हैं।
उनका यहाँ मन नहीं लगा, वहाँ उनका भरा-पूरा परिवार है, उनको वहीं अच्छा लगता है तो वो वहीं रहती हैं।

कुल मिला कर बात यह है कि विजय और उसकी पत्नी सीमा और संजीव और उसकी पत्नी ऋतु यहाँ अकेले रहते हैं।

वैसे सीमा और ऋतु दोनों ही अल्ट्रा मॉडर्न हैं। दोनों को नए फेशन के कपड़े पहनना, घर सजाना, फेसबुक से लगे रहना जैसे शौक हैं और दोनों ही सेक्सी फिगर मैंटेन की हुई हैं।

विजय और संजीव जवानी से आज तक सेक्स के मामले में भूखे के भूखे ही हैं; उनके दिमाग में हर समय सेक्स घूमता है।
जब भी काम से मौका मिलता दोनों आपस में नोनवेज चुटकुले कार्टून शेयर करते।

पर अब सीमा और ऋतु उनका सेक्स में पहले जैसा साथ नहीं दे पातीं, इस बात को लेकर अब दोनों ही घरों में शिकायत होने लगी थी।

विजय तो मंडी में थोक व्यापारी था तो सुबह जल्दी जाता और शाम को पाँच बजे तक काम बढ़ाकर वापिस आ जाता।

संजीव का मेडिकल का थोक का काम था तो वो सुबह 11 बजे गोदाम जाता पर रात को 9 बजे से पहले तो कभी नहीं आ पाता।

उसको वर्किंग डेज़ में रात को ज्यादा समय नहीं मिलता था सेक्स के लिए!
पर उसको और ऋतु को 69 बहुत पसंद था।
पहले तो दोनों एक दूसरे का पानी निकाल देते थे।

ऋतु को संजीव का अपने ऊपर पेशाब करवाना या उसका पेशाब पी जाने से कोई परहेज नहीं था।
वो ओरल सेक्स को खूब एंजॉय करते।

ऋतु के मम्मे जवानी से ही सुडौल और नुकीले थे, चूसने में संजीव को जन्नत का मजा देते।
और ऋतु तो लंड चूसने में इतनी माहिर की अगर सामने दस लंड भी हों तो सबको मुंह से ही निचोड़ दे।

ऋतु को अपने मम्मों पर वीर्य गिरवाना और बाद में उसे अपने मम्मों पर मलने में बहुत मजा आता था।
संजीव भी उसकी चूत का पानी चूस-चूस कर निकाल देता और गटक जाता।

पर अब ये सब बातें बीता हुआ कल होती जा रही थीं।

उधर विजय चाहता था कि वो जब शाम को घर आए तो सीमा पहले ही डिनर बना कर रख ले और उसके आने पर बस कपड़े उतार कर उसके साथ चिपकी रहे।

विजय आते ही घर पर बने जिम में आधा घंटे वर्जिश करता; फिर शाम की चाय से लेकर रात के डिनर तक सीमा से चूमा चाटी में लगा रहता।

सीमा के मम्मे बड़े थे; बल्कि विजय ने चूस चूस कर बड़े कर दिये थे।
कसरती बदन होने से विजय सेक्स में सीमा को भरपूर मजे देता।

शुरू में तो सीमा भी उसका खूब साथ देती। उनका बेटा बचपन से ही होस्टल में पढ़ा तो दोनों अकेले रहे।
आधुनिक सुख सुविधाओं से भरपूर बड़ा घर था उनका तो दोनों घर पर अक्सर बहुत कम कपड़ों के या बिना कपड़ों के रहते।

गर्मियों में तो विजय शाम को दो दो घंटे घर के स्विमिंग पूल में सीमा को लेकर पड़ा रहता।

विजय व्हिस्की तो नहीं लेता था पर बीयर खूब लेता था।
सीमा को भी उसके साथ बीयर का चस्का लग गया।

सिगरेट दोनों शुरू से ही पीते थे।

शादी के 15-16 साल तक दोनों की सेक्स लाइफ धमाकेदार थी।
शुरू में तो सुबह शाम का सेक्स नियमित थ। वो भी नए नए अंदाज में!

फिर उम्र बढ़ने पर कुछ कम हुआ. पर रोज न हो एसा शायद ही कभी होता था, सिर्फ महीने के उन पाँच छह दिनों को छोड़ कर।
गिनती तो वो पूरी बाद में कर लेते थे।

पर अब पिछले 2-3 सालों से यह फ्रिक्वेन्सी कम होती गयी।
विजय तो रोज जिद करता, पर फिर भी अब हफ्ते में कभी तीन बार कभी दो बार और अब तो कभी एक ही बार होता।
इससे विजय बहुत नाराज रहने लगा।

सीमा उससे बहुत प्यार करती थी।
वो आज भी खूब बनठन कर रहती, अपने को मैंटेन रखती, खूब गंदे हंसी मज़ाक कर लेती, पर बस बिस्तर में आते ही उसकी हवा निकल जाती।
कोई न कोई बहाना बना कर वो सेक्स को टाल देती।

विजय अक्सर अकेले में मुट्ठी मारता।
उसे बहुत गुस्सा आता, पर वो भी सीमा से बेइंतिहा प्यार करता था।

वो समझ ही नहीं पा रहा था कि सीमा की सेक्स की आग को कैसे भड़काए।

एक दिन उसने देखा कि सीमा के हैंगआउट अकाउंट में एक रोकी नाम के गोरे लड़के का अकाउंट भी है, जो फ़िनलैंड का निवासी था।
उससे जो मेसेज आते-जाते थे उनमें कुछ सेक्सी पुट भी होता था।

विजय ने सोचा कि एक बार सीमा से उसके बारे में पूछे तो!
पर फिर उसने हर तरह से सीमा को परख लिया था तो उसे लगा की सीमा और रोकी सिर्फ चैट तक ही सीमित है।
रोकी के बहुत कहने पर भी सीमा ने उसे अपनी कभी कोई फोटो न दी थी और अपनी पहचान बताई थी.

सीमा उसकी चैट डिलीट भी नहीं करती थी। सीमा को इस बात का अंदाज़ भी नहीं था कि विजय उसका फोन चेक़ कर लेता है।

एक दिन तो विजय ने देखा कि रोकी ने अपनी नंगी फोटो अपने तने हुए लंड के साथ सीमा को भेज दी है।
बल्कि सीमा ने वो मेसेज अभी देखा नहीं था।

विजय सन्न रह गया; उसे लगा कि अब सीमा भी उसे अपनी नंगी फोटो भेजेगी।
उसने सीमा से कुछ नहीं कहा, चुपचाप फोन रख दिया।

उसका मूड बहुत खराब हो गया।

सीमा ने कई बार पूछा कि क्या बात है पर विजय ने बात घुमा दी।

उसे मनाने के लिए कहा सीमा ने कि आज अच्छे वाला सेक्स करेंगे, पर विजय उखड़ा ही रहा।

अगले दिन सुबह जल्दी उठकर उसने सीमा का मोबाइल फिर चेक़ किया तो उसने देखा कि सीमा ने रोकी को खूब फटकार लगाई है और आइंदा उससे चैट न करने की बात कही है।
इसके बाद रोकी के अनेक मेसेज सॉरी के थे पर सीमा ने कोई जवाब नहीं दिया था।

विजय ने लगातार उसका फोन देखा।
तीन चार दिन तक सीमा ने उसको कोई जवाब नहीं दिया.
फिर सीमा ने उससे कहा कि आपस में हंसी मज़ाक के अलावा वो और कुछ बर्दाश्त नहीं करेगी, तब जाकर उनकी चैट दोबारा शुरू हुई।

विजय ने महसूस किया कि दोनों की रोज एक घंटे से ज्यादा चैट होती थी और खूब सेक्सी बातें गंदे मज़ाक, अश्लील कार्टून शयर होते थे.
और जिस दिन मेसेज ज्यादा होते थे उस दिन सीमा का मूड अच्छा होता था और उनके बीच सेक्स भी होता था।
अब विजय समझ गया कि सीमा की सेक्स लाइफ को तड़के की जरूरत है।

अगले दिन कोई हड़ताल होने से बाजार बंद था।
विजय संजीव के ऑफिस चला गया।

संजीव भी खाली बैठा अकाउंटस ही कर रहा था।
विजय को देख कर उसने काम बंद कर दिया और अपने स्टाफ को बोला कि टिकिया ले आए और फ्रिज से दो केन बीयर की निकाल दे।

दोनों की गप्पें शुरू हुईं।

विजय जानता था संजीव और ऋतु को भी सेक्स का बहुत शौक है।

थोड़ी देर बाद विजय ने संजीव से बेहिचक पूछा कि उनकी सेक्स लाइफ कैसी गुजर रही है।
संजीव ने गौर से उसे देखा और मुसकुराते हुए बोला यार अभी दो तीन साल पहले तक तक तो फिल्म रंगीन थी पर अब धीरे धीरे ब्लेक एंड व्हाइट होती जा रही है!

विजय ने पूछा- क्या मतलब?
संजीव बोला- तू बता, तेरा और सीमा के बीच क्या है?

विजय समझ गया कि अब बात खुल कर ही करनी होगी।
तो उसने संजीव को बताया कि अब उनकी सेक्स लाइफ नीरस होती जा रही है। उसमें अब पहले जैसा चाव नहीं रहा।

विजय ने कहा कि एसा नहीं है कि सीमा को सेक्स पसंद नहीं है या उसे कोई तकलीफ है, पर उसका मानना है कि अब उनके रिश्ते में दोबारा जान डालने के लिए कोई दवाई लेनी होगी।

संजीव ने कहा- यार, यही हाल मेरे और ऋतु के बीच है। जब करते हैं तो खूब बढ़िया तरीके से होता है पर उसके लिए ऋतु को बहुत उकसाना पड़ता है, खुशामद सी करनी पड़ती है।

उसने कहा- मैंने तो उसको चुपके से कुछ दवाई भी दीं, उन दवाओं का प्रभाव तो हुआ, वो कामुक तो हुई पर ज्यादा दवाई उसकी सेहत खराब कर देंगी इसलिए मैंने आगे उसे वो नहीं दीं।

संजीव बोला- एक राज की बात बताऊँ … ऋतु और सीमा शायद लेस्बियन भी हैं क्योंकि मैंने ऋतु के फोन में लेस्बियन पॉर्न क्लिप्पिंग देखीं थीं, जो उसने सीमा को भेजी थीं।

ऋतु के फोन की गूगल हिस्ट्री में भी वो पॉर्न मूवी देखती रहती है और जिस दिन उनके बीच सेक्स होता है, उस दिन की हिस्ट्री चेक़ करने पर संजीव को पता चला कि ऋतु ने उसमें पॉर्न मूवी देखी थी।
पर जब संजीव ने ऋतु को साथ बेड पर पॉर्न मूवी दिखानी चाही तो ऋतु ने कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया।
संजीव खुद परेशान था कि क्या माजरा है, वो कैसे ऋतु से बात करे।
शक की कोई गुंजाइश नहीं थी।

वैसे संजीव ने विजय को बताया कि कुछ दवाइयाँ हैं जो लंबे समय तक के इस्तेमाल के लिए तो खराब हैं पर हफ्ते में एक दो बार लेने में कोई हर्ज नहीं है।

संजीव ने कहा कि वो हर शुक्रवार और शनिवार को दूध में ऋतु को वो दवाई देता है और उस रात थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है तो शुक्रवार और इतवार को उनके बीच सेक्स जरूर होता है।

और संजीव ने एक पेकेट विजय को भी दे दिया।
पर दोनों बोले- ये कोई समाधान नहीं है।

विजय बोला- हमारी पत्नियों की लाइफ में कुछ रंगीनीयत चाहिए तभी उनमें बदलाव आएगा।
संजीव ने कबूला कि इसी नीयत से पिछले महीने जब वो दो दिनों के लिए अपनी माँ से मिलने गये थे तो लौटते में रास्ते में एक दिन एक रिज़ॉर्ट में रुके थे और वहाँ उसने और ऋतु ने बॉडी मसाज कराई थी।
उस मसाज में ऋतु इतनी कामातुर हो गयी थी कि उसने संजीव के उकसाने पर मसाज करने वाले लड़के का लंड पकड़ लिया था पर संजीव की इससे आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई और उस दिन के बाद तीन चार दिनों तक दोनों के बीच खूब बढ़िया सेक्स हुआ।
अब संजीव को समझ नहीं आ रहा था कि कैसे कोई बाहरी आदमी ऋतु कीं जिंदगी में डालूँ जिससे ऋतु की सेक्स की चाहत वापिस आ जाये।

विजय ने भी कबूला कि बिलकुल यही वो सोच रहा है कि ऐसा कौन हो सकता है जो उनकी बीवियों को उकसा भी दे और उनके वैवाहिक जीवन को खराब भी न करे।

तब विजय ने संजीव को सीमा के हैंगआउट फ्रेंड के बारे में बताया.
तो संजीव बोला- मैंने तेरे को बताया नहीं … ऋतु की भी कोई फेंड है और उनके बीच खूब अश्लील मेसेज आते जाते हैं. पर वो फ्रेंड कोई लड़की है। हो सकता है कि कोई और फ्रेंड भी हो और वो लड़का भी हो सकता है।

संजीव बोला- मैंने इस हैंगआउट फ्रेंड के बारे में ज्यादा दिमाग नहीं मारा क्योंकि ऋतु अपना फोन लोक लगा कर रखती है।

विजय को संजीव ने एक राय दी कि क्यों न मैं सीमा पर और तुम ऋतु पर लाइन मार कर देखो। अगर किस्मत ने साथ दिया और दोनों पट गयी तो बाहर वाले की क्या जरूरत।

इस पर विजय सोचता रहा, फिर बोला- यार, तेरा आइडिया तो बढ़िया है. पर कोई भी औरत खुद तो बेवफाई कर लेगी पर अपने आदमी को नहीं करने देगी। मतलब ऋतु और सीमा को यह नहीं मालूम पड़ना चाहिए कि हम दोनों एक दूसरे की बीवियों को सेट कर रहे हैं। वो दोनों भी आपस में पर्दा रखेंगी।

तो दोनों के बीच मामला तय हुआ कि आज रात से ही विजय बेड पर सेक्स के मामले में संजीव की कुछ तारीफ करेगा और सीमा के मन में संजीव के लिए रुझान पैदा करेगा और एसा ही संजीव ऋतु के साथ बेड पर करेगा।

ये तय हुआ कि कल शुक्रवार है तो विजय आज से अगले तीन दिन तक सीमा को संजीव की दी हुई दवाई देगा ताकि उनके बीच सेक्स हो. और इस सेक्स में उनकी बातचीत का केंद्र संजीव हो.
और ऐसा ही संजीव करेगा और अगले तीन दिनों में सेक्स की पूरी कोशिश करेगा और विजय की बात सेक्स के दौरान जरूर करेगा ताकि ऋतु के मन में विजय कोई जगह ले ले।

विजय बोला- सीमा तो संजीव से जल्दी पट जाएगी क्योंकि वो ऑलरेडी किसी लड़के से दोस्ती में है. पर ऋतु के मन में विजय का घुसना थोड़ी टेढ़ी खीर है।

संजीव और विजय ने एक बात और तय की कि हो सकता है कि इस प्लान में दोनों को नाकामयाबी मिले या दोनों कामयाब हो जाएँ या हो सकता है केवल एक को कामयाबी मिले और दूसरा खाली हाथ रह जाये; ऐसी स्थिति में नाकामयाब कामयाब से जलेगा नहीं और खेल बिगड़ेगा नहीं।

और हाँ यदि दोनों कामयाब हो जाते हैं तो कभी चारों आपस में इस बात का खुलासा नहीं करेंगे। क्योंकि ये कड़वा सच है कि बीवियाँ खुद कुछ भी कर लें पर अपने पति को नहीं बाँट सकतीं। फिर शक के घेरे में उनकी ज़िंदगी तबाह हो जाएगी।

विजय का शरीर कसरती था, उसे बॉडी बिल्डिंग का शौक है और उसने घर पर ही जिम भी बना रखा था।
तो संजीव ने उसे सलाह दी कि वो अपने कसरती बदन की कुछ फोटो उसे भेजे और जिनमें एक आध में उसके लंड का उभार भी नजर आ रहा हो।
 
Mink's SIGNATURE
OP
Mink
Elite Leader

0

0%

Status

Posts

545

Likes

379

Rep

0

Bits

289

3

Years of Service

LEVEL 5
185 XP
संजीव ने उसके सामने ही ‘हैलो’ का एक मेसेज सीमा को भेजा।
सीमा का तुरंत ही फोन आ गया, उसने पूछा- क्या बात है, आज कैसे याद आ गयी?

संजीव ने भी कुछ मक्खन पोलिश की।
उसने उससे कहा- किसी कंपनी के कुछ ब्यूटी प्रोडक्टस के सैम्पल आए हुए हैं. कंपनी ने कहा कि किन्हीं खूबसूरत लेडीज को गिफ्ट कर दूँ तो मेरी निगाह में तुमसे ज्यादा खूबसूरत और स्मार्ट कोई और नहीं तो स्टाफ से भिजवा रहा हूँ तुम्हें!

सीमा भी मूड में थी तो बोली- क्यों ऋतु को नहीं दे रहे?
संजीव बोला कि नहीं, बीवी को नहीं दे सकते, कंपनी को नाम और फोन नंबर देने होते हैं जिनको हम दे रहे हैं और ऋतु तुम्हारे जैसे स्मार्ट नहीं। तुम्हारी बात ही अलग है।

बस सीमा खुश, बोली- ज्यादा फ़्लर्ट मत करो, ऋतु बहुत मारेगी।
संजीव ने एक दांव चलते हुए सीमा से कहा- इस गिफ्ट हेम्पर के बारे में विजय से कुछ नहीं कहना क्योंकि वो सुबह आया था तो उससे मैंने कुछ नहीं कहा था।

सीमा ने ओके कहा और बाइ कह कर फोन काट दिया।

संजीव ने वो गिफ्ट हेम्पर अपने स्टाफ से विजय का पता समझाकर सीधे उसके घर भेजा और साथ में एक गुलाब का फूल भी भेजा।
आधे घंटे में ही सीमा का थैंक्स और एक गुलाब के फूल का बंच उसके मोबाइल पर आ गया।

दवाई लेकर थोड़ी देर बाद घूम फिर कर विजय घर आ गया।

विजय ने शाम को वर्जिश में ज्यादा ही पसीना बहाया और अपने कसरती बदन और लंड के उभार के साथ शॉर्ट्स में कुछ फ़ोटोज़ संजीव को भेजे।

शाम को बीयर पीते समय चुपके से विजय ने सीमा की केन में वो दवाई डाल दी।
सीमा आज अच्छे मूड में थी।

विजय ने उसका मोबाइल चेक़ किया तो आज उस लड़के के नए मेसेज थे और आज उसने लिप टू लिप किस की कई सेक्सी फ़ोटोज़ भेजी थी, जो सीमा देख चुकी थी।
हालांकि सीमा ने उसके जवाब में ये लिखा था कि क्या फालतू की चीज भेजते हो, पर कोई नाराजगी नहीं दिखाई थी।

विजय ने सीमा से कहा- चलो बाथ टब में लेटते हैं.
तो सीमा बोली कि मैं आज बहुत बढ़िया डिनर बना रही हूँ, मुझे अभी किचन में समय लगेगा। आज नहीं, कल मस्ती करेंगे बाथ टब में!

डिनर से निबटकर सीमा और वो साथ साथ नहाये।
विजय ने सीमा को शावर के नीचे खूब चूमा और उसकी चुदास को भड़काया।
सीमा का मूड बढ़िया था ही तो जल्दी ही बेड पर गरम सेक्स विद वाइफ चालू हो गया।

आज सीमा साथ दे रही थी। दवाई लिए चार घंटे हो गए थे तो उसका असर चालू था।

फिर आज विजय ने उसकी चूत को जीभ और उंगली से खूब गर्म किया।
सीमा अब चुदासी हो गयी थी तो बोली- ऊपर आ जाओ।

पर विजय बोला- मुझे अभी और चूसना है तुम्हारी चूत को!
सीमा बोली- आ जाओ … अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा!
तो विजय बोला- किसी और को बुला लो। मैं तो अभी नीचे ही बिज़ी हूँ।
सीमा बोली- ज्यादा बातें मत बनाओ, मैं किसको बुला लूँ?

अब विजय ऊपर आ गया और एक झटके में ही सीमा की चूत में घुस गया और चुदाई करते हुए बोला- जानू, एक बार किसी एक और लंड से तुम्हें चुदता हुआ देखना चाहता हूँ मैं!
सीमा मस्ती में बोली- तुम्हारा नंबर कट जायेगा फिर!

अब विजय की रफ्तार और बढ़ गयी और उसने कहा- सच्ची बताना … तुम कर लोगी न किसी और के साथ? सिर्फ एक बार मेरे लिए!
सीमा भी चुदासी हो गयी थी पर होशो हवास में थी, बोली- क्या पागल हो गए हो? ऐसा थोड़े होता है।

विजय बोला- इसमें हर्ज क्या है?
सीमा बोली- अच्छा अब चुदाई करो, मेरा तो होने वाला है।

विजय का भी हो गया औए वो सारा माल सीमा की चूत में निकाल कर लुढ़क गया।
उसने हाँफते हुए सीमा से कहा- आज बहुत दिनों बाद बहुत मजा आया, तुम रोज ऐसे ही किया करो।

सीमा हंस कर बोली- ये आज दूसरे लंड की बात कहाँ से ले आए?
विजय बोला- आजकल यह आम बात है। अगर तुम किसी के भी साथ और करो तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी; मजा आएगा।

सीमा बोली- खाक मजा आएगा! कोई पंगा बन गया तो?
विजय बोला- कोई पंगा नहीं बनेगा, तुम्हें कोई मिले जाये तो तुम कर लेना, मुझे बताना भी मत!
दोनों चिपट कर सो गए।

पर सीमा के दिमाग में संजीव का मेसेज और गिफ्ट था.
तभी उसका व्हाटसप्प बजा।

विजय जानता था कि ये संजीव का होगा तो उसने सीमा को फोन देखने दिया और कुछ नहीं पूछा।
सीमा के पास संजीव का गुडनाइट मेसेज था। सीमा मोबाइल लेकर टॉइलेट में गयी और संजीव का एक गुडनाइट का मेसेज भेज कर और बाद में डेलीट करके वापिस आई.
विजय नाटक करके सोता रहा।

थोड़ी देर में सीमा तो सो गयी पर विजय ने आहिस्ता से उसका मोबाइल चेक़ किया तो सबसे ऊपर व्हात्सप्प में संजीव का ही अकाउंट था पर उसमें आज के मेसेज डिलीट थे।

उधर संजीव ने ऋतु को दवाई दी और बेड पर जाकर उसके साथ चूमा चाटी कुछ ज्यादा ही की।
संजीव ने जानबूझकर मोबाइल पर एक पॉर्न मूवी लगाई जिसमें कोई जिम ट्रेनर जिम में किसी लड़की को एक्सरसाइज सिखाते सिखाते इतना गर्म कर देता है कि लड़की उसका लंड पकड़ कर चूसने लगती है.
बाद में वो बलिष्ठ शरीर वाला लड़का उस लड़की की भरपूर चुदाई करता है।

ऋतु को मूवी देखने में मजा आ रहा था।

संजीव ने मोबाइल उसको पकड़ाया और खुद नीचे उसकी चूत को चूमने लगा।
ऋतु और गर्म हो गयी।

संजीव ने ऋतु से कहा- अगर उस दिन मसाज कराते वक़्त मैं तुमको नहीं रोकता तो तुम भी ऐसे ही चुद रही होतीं।
ऋतु बोली- ऐसे कैसे चुद जाती? लंड पकड़ा ही तो था, अंदर थोड़े ही किया था।
संजीव ने ऋतु से कहा- चलो हम भी कोई जिम जॉइन कर लेते हैं, तुम तो मैंटेन हो, मेरे डोले शोले बन जाएँगे, जैसे विजय के हैं।

अब संजीव ने ऋतु की टांगें और चौड़ी कर दी और अपनी जीभ के साथ उंगली भी उसकी चूत में करनी शुरू कर दी।
ऋतु की कसमसाहट शुरू हो गयी।

संजीव का मोबाइल ऋतु के हाथों में था।
उससे संजीव ने कहा- आज विजय कह रहा था कि उसने अपनी कुछ फ़ोटोज़ भेजी हैं, मैं देख ही नहीं पाया, देखना कैसी हैं।
कहकर संजीव ने एक हाथ से ऋतु के मम्मों पर निप्पल सहलाने शुरू किए।

ऋतु की चूत में आग लगनी शुरू हो गयी थी।
उसने संजीव के कहने पर व्ट्सऐप में विजय का अकाउंट खोला तो विजय के कसरती बदन और उस पर छलक़ता पसीना … क्या मर्दानगी भरी फोटो थीं.
और आखिर में उसके लंड के उभार की फोटो … ऋतु की चूत पानी से भर गयी।

उसको विजय में वो मालिश वाला लड़का दिखा और ऋतु को लगा कि काश विजय ने एक फोटो अपने लंड का भी भेजा होता।

संजीव ने उसकी हालत देख के अंदाज कर लिया कि ऋतु ने फोटो देख ली हैं.
पर फिर भी उसने अंजान बन के पूछा- देखी फ़ोटोज़?
ऋतु ने मोबाइल बंद कर दिया बोली- नहीं देखीं, तुम दिखा देना बाद में … अभी तो ऊपर आ जाओ और मेरी मुनिया के अंदर उसका मुन्ना डाल दो।

संजीव झट ऊपर आ गया और ऋतु की टांगें चौड़ी करके पिल गया।
कुछ तो फ़ोटोज़ का असर, कुछ दवाई का असर, ऋतु को लगा वो बहक रही है और उसने संजीव से बदल-बदल कर दो-तीन काम-मुद्राओं में चुदाई करवाई.
आखिर में उसका लंड चूम चाट कर साफ किया.

दोनों चिपक कर सो गए।

सुबह गोदाम पर पहुँचते ही संजीव ने विजय से बात की और दोनों ने अपना रात का अनुभव शेयर किया।

दोनों उत्साहित थे। दोनों ने तय किया कि अब अगले एक हफ्ते उन्हें अपनी अपनी बीवियों को पराये मर्द के लिए उकसाना है और एक दूसरे की बीवी के संपर्क में रहना है।

दिन में संजीव ने लाल गुलाबों से लदे गुडमॉर्निंग और हेलो के मेसेज भेजे तो पलट के सीमा के जवाब भी आए।
सीमा ने उसे गिफ्ट हेम्पर के लिए थैंक्स बोला।

संजीव ने बहुत हिम्मत करके उसे एक ‘यू आर सो स्वीट’ का मेसेज भेज दिया तो जवाब में सीमा ने उसे थैंक्स का रोमांटिक सा मेसेज भेज दिया।

अब संजीव ने उससे उसकी एक दो फोटो मांगी तो सीमा का कोई जवाब नहीं आया।
संजीव ने सोचा कि बात बिगड़ गयी.

पर एक घंटे बाद सीमा का मेसेज आया और उसने पूछा- फ्री हो?
संजीव ने जवाब दिया कि अभी कुछ कस्टमर हैं, अभी थोड़ी देर में वापिस मेसेज करता हूँ।

उसके पास आज ज्यादा ही काम था पर फिर भी उसने पाँच मिनट निकाल कर सीमा से चैट किया।

सीमा ने उससे पहले ही अपनी एक दो सेल्फी भेज दी थीं.

पर चैट में उसने कहा कि शायद विजय ये पसंद न करे कि वो संजीव से चैट कर रही है।

संजीव बोला- निश्चिंत रहो, मैं उसे कभी कुछ नहीं बताऊंगा. और हाँ मैं और तुम दोनों ही चैट के बाद चैट डिलीट कर देंगे। और फिर हमारे बीच कुछ गलत भी तो नहीं है।
सीमा तैयार हो गयी।

अब दोनों के बीच जोक्स, कार्टून्स, शायरी शेयर होने लगी जो धीरे धीरे नॉनवेज भी होती जा रही थी।
संजीव की राय पर दोनों ने ही फेक आईडी बना कर एक हैंगआउट अकाउंट अपने अपने मोबाइल में बना लिया अब यदि गलती से मेसेज डेलीट होने से रह भी जाये तो पार्टनर को पता नहीं चलेगा कि ये चैट किससे हो रही है।

अब सीमा का दिन का वक़्त अच्छा गुजरने लगा।

सुबह संजीव आधा घंटे पहले आफिस जाता और जब तक सारा स्टाफ आता, तब तक वो सीमा से चैट करता।
सीमा विजय के जाने के बाद घर के काम निबटा कर संजीव से चैट करती और लंच के बाद अपने दूसरे दोस्त रोकी से।

अब रोकी और उसकी चैट में कुछ अश्लीलता भी आने लगी थी।
सीमा संजीव के नॉन वेज जोक्स और कार्टून्स रोकी को भेज देती और रोकी के कुछ मेसेज संजीव को भेज देती।

अब रोकी ज्यादा ही अश्लील भेजने लगा था तो सीमा उसे मना तो नहीं करती पर वो सब सीमा संजीव को नहीं भेज सकती थी।

रोकी अब उसे रोज ही अपनी या और किसी की नंगी फोटो भेजता और सीमा से भी कहता कि वो भी उसे अपनी नंगी फोटो भेजे.
पर सीमा ने उसे न तो कभी अपने चेहरा दिखाया था और न कभी कोई नंगी फोटो भेजी थी।

हाँ अब उसने एक दो सेल्फी अपने ब्रा में कैद मम्मों की उसको भेजीं थीं।
रोकी फ़िनलेंड का रहने वाला था तो उससे वैसे तो कोई खतरा नहीं था। पर चेहरे वाली फोटो पता नहीं कोई कब नेट पर डाल दे।

उधर दो तीन दिन तो विजय और ऋतु का मामला तेजी से आगे नहीं बढ़ पाया।
विजय ने ऋतु को गुडमॉर्निंग के मेसेज भेजे पर ऋतु का कोई जवाब नहीं आया।

किसी बहाने से विजय ने ऋतु को फोन भी किया तो ऋतु ने साधारण रूटीन तरीके से ही बात करी उसमें आकर्षण वाली कोई बात नहीं थी।

विजय उदास हो गया.
उसे संजीव और सीमा की नज़दीकियों का अंदाज था पर शर्त के मुताबिक वो न तो संजीव को रोक सकता था न सीमा को!

तीन दिनों के बाद विजय रात को संजीव के घर चला गया और उसे गाड़ी में बैठाकर लॉन्ग ड्राइव पर ले गया और अपनी मनःस्थिति बताई।

संजीव बोला- यार, मैं सीधे ऋतु से ये तो नहीं कह सकता कि वो तुझसे सेटिंग करे! हाँ मैं उसे उकसा सकता हूँ … और उकसाऊंगा। तुझे थोड़ा बोल्ड बनना होगा। अगर ऋतु बुरा मानी तो अगर वो मुझसे कहेगी तो मैं संभाल लूँगा और अगर उसने सीमा से शिकायत की तो बात बिगड़ जाएगी।

बात सही थी।

संजीव ने उसे एक रास्ता बताया कि एक दो दिन में विजय उसके घर रात को कोई व्यापारिक बात करने के बहाने डिनर पर अकेला आए। संजीव घर पहुँचने में लेट कर देगा, बल्कि वो इस बीच सीमा से चैट करता रहेगा ताकि सीमा को भी शिकायत न हो। घर पर अकेला विजय और ऋतु होगी, उन्हें समय मिलेगा आपस में बात करने का। शायद कुछ बात बन जाये।
 
Mink's SIGNATURE
OP
Mink
Elite Leader

0

0%

Status

Posts

545

Likes

379

Rep

0

Bits

289

3

Years of Service

LEVEL 5
185 XP
Mink's SIGNATURE
OP
Mink
Elite Leader

0

0%

Status

Posts

545

Likes

379

Rep

0

Bits

289

3

Years of Service

LEVEL 5
185 XP
रात को बेड पर संजीव का सारा फोकस इस बात पर था कि सेक्स अच्छा हो और कैसे भी विजय का नाम आ जाये।

संजीव ने आज ऋतु की चूत में चॉकलेट भर दी और अपने लंड पर भी चॉकलेट मल दी।
फिर 69 पोजीशन में होकर उसकी चूत को खूब चूसा।

ऋतु गर्म हो गयी थी और सेक्स चाह रही थी.
पर संजीव का मकसद अभी पूरा नहीं हुआ था; वो ऋतु से बोला- लाओ मैं तुम्हारे मम्मों की भी शहद से मालिश कर दूँ।

ऋतु हैरान थी कि आज इसे क्या हुआ।
उसे वही पॉर्न मूवी याद आ गयी जिसमें उसने देखा था कि एक मसाज सेंटर में एक लड़का लड़की की शहद से मसाज करता है और लड़की उस लड़के का लंड जबर्दस्ती पकड़ लेती है और फिर दोनों में सेक्स होता है।

संजीव किचन से शहद की शीशी उठा लाया और ऋतु के मम्मों पर पलट दी।
फिर दोनों हाथों से तेजी से उसके मम्मे गोलाई में दबा-दबा कर मलने शुरू किए।
बीच बीच में वो ऋतु की चूत की दरार में भी उंगली कर रहा था।

ऋतु आज पागल हो रही थी, उसकी चुदास बहुत बढ़ गयी थी।

उसने संजीव से पूछा- आज तुम बहुत मजे दे रहो हो, तुम्हें हुआ क्या है?
संजीव बोला- ये मैं नहीं … कोई और है जो तुम्हें मजा दे रहा है।

अब बिना संजीव के कुछ बोले ऋतु के दिमाग में विजय की उभरे लंड वाली फोटो आ गयी। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। वो कसमसा गयी।

संजीव ने उसकी चूत में दो उंगली घुसा दी और ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा।
ऋतु बहक रही थी, बोली- और ज़ोर से करो संजीव!

संजीव ने स्पीड बढ़ाते हुए कहा- ये मैं नहीं हूँ मेरी जान … ये तो विजय है, तुम उसी का नाम लो।
ऋतु अब कामाग्नि में जल रही थी, बोली- हाँ विजय और ज़ोर से करो … मेरी चूत आज बहुत प्यासी हो रही है, इसे और मजा दो।

अब संजीव ऋतु के ऊपर चढ़ गया और उसकी टांगें चौड़ी करके बोला- हाँ मेरी रानी, ये लो विजय का मोटा लंड! आज ये तुम्हें जन्नत का मजा देगा।

संजीव ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
हालांकि अब उसके बस की बात नहीं थी … सच में संजीव का स्टेमिना बहुत कम था क्योंकि उसकी फिसिकल एक्सरसाइज़ तो कुछ थी नहीं, अब उसका लंड फूट गया।

संजीव ऋतु के ऊपर ही लुढ़क गया।
ऋतु का मजा आज पूरा नहीं हो पाया था।

वो भुनभुना गयी कि इत्ती जल्दी कर दिया, मेरा तो कुछ भी नहीं हुआ। अब दोबारा करो वरना मैं सच में विजय को बुला लूँगी।
संजीव तो अब पस्त हो गया था।
इतनी देर तक भी उसने बहुत दिनों बाद किया था। बस फर्क यह था कि आज ऋतु की आग भड़की हुई थी।

तभी ऋतु के मोबाइल पर एक व्ट्सऐप मेसेज आया।
ऋतु चौंकी इतनी रात को किसको याद आ गयी। उसके पूरे शरीर पर चॉकलेट चिपकी थी तो वो उठी वाशरूम जाने के लिए तो मोबाइल भी साथ ले गयी।

टॉइलेट में उसने देखा कि विजय का एक बहुत ही रोमांटिक गुडनाइट मेसेज था।
ऋतु मुस्कुराई।
अब उसके मन में विजय के लिए फील बदल गयी थी। उसने तुरंत एक प्यारा सा गुडनाइट मेसेज टाइप किया और विजय को भेज दिया।
साथ में एक लिप किस भी भेज दिया।

जवाब में विजय का ‘मिस यू’ का मेसेज तुरंत ही आ गया।
ऋतु ने बाहर जाने से पहले सारे मेसेज डेलीट किए और जाकर संजीव से चिपक कर नंगी ही सो गयी।

सुबह उठ कर ऋतु ने संजीव को एक डीप किस दिया और कहा- रात मजा आ गया।
ऋतु संजीव से बोली कि वो एक जिम जॉइन करना चाह रही है, थोड़ी चर्बी कम करनी है।

संजीव ने कहा- तुम तो पहले भी घर पर एक्सरसाइज करती थी; वही शुरू करो। कोई एक आध मशीन ट्रेडमिल वगेरह विजय से पूछ कर मंगा लो, जिम क्यों जाना!

ऋतु आज नंगी ही ऐसी में सोयी थी और कुछ ओढ़ा भी नहीं था तो सुबह से उसे ऐसे लग रहा था कि उसके सीधी तरफ कुछ खिंचाव या नचका सा है।
संजीव बोला- मूव लगा लेना या मैं कोई स्प्रे भेज दूँगा गोदाम से!

दिन में 12 बजे विजय के पहले तो दो तीन रोमांटिक से मेसेज आए.
फिर ऋतु ने फोन किया तो विजय ने ऑफिस की किवाड़ बंद करके देर तक बातें करीं।

ऋतु ने पूछा- ये दीवानगी क्यों हो रही है, अगर सीमा को मालूम चल गया तो?
तो विजय बोला- तुम शुरू से ही मुझे बहुत पसंद हो, बस कभी कह नहीं पाया। हाँ अगर तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा तो ये मेरा आखिरी फोन होगा और रहा सवाल सीमा या संजीव का … तो मैं तो उनसे कुछ कहने जा नहीं रहा और तुम भी क्यों कहोगी।

ऋतु बोली- नहीं, ऐसा नहीं है, मुझे भी तुम अच्छे लगते हो दोस्ती के लिए! मैं भी शादी से पहले रेगुलर जिम जाती थी, अब शादी के बाद लाइफ बहुत डल हो गयी है। हम बहुत अच्छे दोस्त हो सकते हैं, बस केवल अच्छे दोस्त!

इस पर विजय बोला- ऋतु, बात तुम्हारी ठीक है पर दोस्ती गहरी होनी चाहिए। मेरे और तुम्हारे तक ही सीमित। क्योंकि कड़वा सच तो यह है कि मेरी तुम्हारी गहरी दोस्ती न तो संजीव पसंद करेगा न सीमा। वो चाहे अपनी अपनी ज़िंदगी में कुछ भी कर लें पर पार्टनर हरेक को बेदाग ही चाहिए।

ऋतु हंस पड़ी, बोली- क्या तुम्हें मालूम है कि सीमा को कोई फेंड भी है?
विजय बोला- एक नहीं, दो हैं, पर सीमा को नहीं मालूम कि मुझे मालूम है ये! और उसकी दोस्ती से मुझे ये फायदा हो रहा है कि वो जिस दिन अपने दोस्तों से ज्यादा मस्ती कर लेती है, बिस्तर पर उतनी ही ज्यादा मस्ती वो मेरे साथ करती है।

अब विजय ने पूछा- क्या तुम्हें संजीव पर भरोसा है कि उसका कोई अफेयर नहीं है?
ऋतु बोली- पता नहीं … पर शक है। पर एक अच्छे पति के हर फर्ज़ को संजीव बखूबी निभाता है तो मुझे उससे कोई शिकायत भी नहीं है। और सच तो ये है कि मैं जानना भी नहीं चाहती, फालतू में टेंशन होगी।

विजय ने ऋतु से कहा- आज से मेरी तुम्हारी दोस्ती पक्की! हाँ, मेरी किसी बात का बुरा नहीं मानना और अगर कोई बात बुरी लगे तो मुझसे ही कहना।
ऋतु हँसकर बोली- बस मुझे शादी के लिए प्रोपोज मत करना … बाकी सब चलेगा।

विजय ने उसे फोन पर ही एक डीप किस दिया तो पलट कर ऋतु ने भी उसे किस किया।

ऋतु ने उसे बताया कि आज उसे सीधी तरफ शरीर में कुछ खिंचाव सा महसूस हो रहा है जैसे नचका आ गया हो।
विजय ने उसे एक दो एक्सरसाइज़ बतायीं कि आराम हो जाएगा।
उसने कहा कि वो रात को संजीव के पास आएगा तब वो गर्दन और कमर की नस की मालिश कर देगा, नचका ठीक हो जाएगा।

विजय को काम भी करना था, तो उसने बाय कह कर फोन रख दिया और एक फ्रेंडशिप मेसेज ऋतु को भेज दिया।

उसने अपना एक फोटो कोलाज जिसमें उसके कसरती बदन और उभार के कई फोटो थे, ऋतु को इस रेकुएस्ट के साथ भेज दिया कि वो भी अपने कुछ मस्त फ़ोटोज़ भेज दे।
दोनों ने ये वादा किया कि वे अपने पार्टनर्स को कुछ नहीं बताएँगे।

विजय ने भी सोचा कि अब वो संजीव से सीमा के बारे में या ऋतु के बारे में कोई बात नहीं करेगा।

आज विजय का मन अपने काम में खूब लगा और उसने अच्छा व्यापार किया आज!
विजय ने इसका सारा श्रेय ऋतु से मिले अपनत्व को दिया।

दिन में उसकी संजीव से कोई बात नहीं हुई, अलबत्ता ऋतु के कई मेसेज थे थे और उसकी कुछ फोटो भी थीं।
आखिरी मेसेज में ऋतु ने कहा था- शाम को इंतज़ार करूंगी।

विजय ने ऑफिस बढ़ाने से पहले संजीव से बात करी और उससे सिर्फ इतना ही कहा कि आज वो शाम को उसके घर आएगा।
उसने अपने दोस्त संजीव से कहा कि वो उसके और ऋतु के रिलेशन की चिंता न करे, अपने साथ सीमा की नजदीकी बढ़ाए; जैसा उनके बीच तय हुआ है अगर विजय ऋतु के नजदीक जाने में नाकामयाब भी रहा तो इससे संजीव और विजय के बीच तय बात में कोई फर्क नहीं आएगा।

संजीव से विजय ने कहा- अब तुम भी मुझे सीमा के बारे में कुछ नहीं बताना. वरना मेरे सीमा के प्रति व्यवहार में फर्क आ जाएगा। अगर उनकी नजदीकी बढ़ती है तो उसका फायदा विजय को मिलेगा ही!

विजय ने ये बात इतने अच्छे ढंग से कही कि दोनों को ही ये एहसास हो गया कि इसमें नुकसान किसी का नहीं है, बस विश्वास की डोर नहीं टूटनी चाहिए और इसके लिए छिपाव जरूरी है।

रास्ते में विजय ने अपने एक सर्राफ मित्र की दुकान से एक बहुत सुंदर पाजेब ली।

घर आकर उसने अपना रूटीन जिम किया।

सीमा ने उसके मनपसंद पनीर-प्याज़ के पकोड़े बना रखे थे, वो आज बहुत खुश थी।
संजीव के भेजे गिफ्ट हेम्पर में बॉडी लोशन और मोइश्चराइजर था, जो उसे बहुत पसंद आया.

वो दोनों आइटम के बड़े पैक मंगवाने के लिए उसने संजीव को कहा- बॉडी लोशन और मोइश्चराइजर विजय के पास भिजवा देना.
तो संजीव बोला- मैं शाम को घर जाते में तुम्हें देता चला जाऊंगा।

संजीव को मालूम था कि उस समय विजय घर पर नहीं होगा तो शायद उसे सीमा से नजदीकी बढ़ाने का मौका मिल जाये।
उसने सीमा को नहीं बताया कि आज विजय उसके घर आएगा।

संजीव ने विजय को पहले ही बता दिया था कि विजय सीमा से बिलकुल आखिरी वक़्त पर बताए कि वो संजीव के घर जा रहा है क्योंकि कभी सीमा कह दे कि मैं भी चलती हूँ।
अचानक कहने से लेडीज कहीं तुरंत नहीं जा पातीं, उन्हें तैयार होने में वक़्त लगता है।

तो मूड तो विजय का भी बढ़िया था। उसने सीमा से चूमा चाटी करते नाश्ता निबटाया और नहाने चला गया।

बाथरूम में विजय ने हेयर रेमूविंग क्रीम वाश बेसिन पर रखी देखी तो वो समझ गया कि आज सीमा ने अपनी चूत चमकाई है।
तो उसने पता नहीं क्या सोचकर अपने लंड की वेक्सिंग कर ली।

उसने सीमा को भी आवाज देकर कहा कि वह भी आ जाये और साथ ही नहा ले.

जब तक उसने वेक्सिंग निबटाई, सीमा भी कपड़े उतार कर शावर लेते विजय से चिपट गयी।

विजय ने नीच झुककर सीमा की चूत में अपना मुंह लगा दिया, सीमा सिसकार उठी।
शावर के नीचे दो जवान बदनों में आग लगी थी।

विजय ने उसकी एक टांग ऊपर उठा कर अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया.
पर तभी बाहर विजय का फोन बज उठा.

उसने सोचा कि बजने दो … पहले चुदाई निबटाते हैं.
तो उसने धक्के लगाने शुरू किए।

दोबारा फोन बजा तो अब विजय को लगा कि शायद किसी को कोई अरजेंसी है तो वो सीमा को चूमकर तौलिया लेकर पौंछता हुआ बाहर आ गया।

फोन संजीव का था.
उसने बताया कि ऋतु अभी खिंचाव से परेशान है तो जब वो उसके घर जाये तो कोई क्रीम लेता जाये.
विजय बोला- वो मैं देख लूँगा तू उसकी टेंशन मत कर!

संजीव ने विजय से कहा- अब तुम सीमा को बता देना और कह देना कि कोई जमीन की बात करनी है इसलिए संजीव के पास जा रहा हूँ।

फोन रखते ही सीमा आकर पीछे से विजय से नंगी ही चिपट गयी और बोली- अब कहीं मत जाना, आज मूड बढ़िया है, प्यार करेंगे।
विजय ने उसे चूमा और कहा- मुझे थोड़ी देर के लिए संजीव के जाना है, कोई बिजनेस का काम है, जल्दी ही आ जाऊंगा।

सीमा अब कैसे कहे कि संजीव तो थोड़ी देर बाद यहीं आएगा।
वो चुप रही. बल्कि उसे डर सा लगा कि घर पर वो और संजीव अकेले होंगे।

पहले तो कोई बात नहीं थी पर पिछले दिनों में उसके और संजीव में जो खुलापन आ गया था, कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाये।
पर अब वो विजय से कुछ नहीं कह सकती थी.

खैर उसने एक जंप सूट पहन लिया क्योंकि अगर कुछ और पहनती तो विजय कहता कि आज रात को ये सब क्यों पहन रही हो.
हालांकि विजय ने जंप सूट के लिए भी टोक दिया और बोला- कोई फ्रॉक डाल लेतीं!
पर सीमा बोली- नहीं, बाहर तुम्हें छोड़ने जाऊँगी, गेट बंद करूंगी, फिर खोलूँगी, इसलिए ये ही ठीक है।

वो ब्रा पहन रही थी तो विजय ने नहीं पहनने दी।
खुद विजय ने भी अपना कसरती बदन दिखने वाला ट्रेक सूट पहना, बॉडी स्प्रे लगाया.

आठ बजने को थे तो विजय भी अपनी बुलेट मोटरसाइकल लेकर निकाल लिया।
पाजेब उसने छिपा कर रख ली थी, रास्ते से उसने मेडिकल स्टोर से एक फास्ट रिलीफ के लिए क्रीम ली और पास से ही एक गुलाब का फूल लिया।
 
Mink's SIGNATURE
  • Like
Reactions: Hell prince
OP
Mink
Elite Leader

0

0%

Status

Posts

545

Likes

379

Rep

0

Bits

289

3

Years of Service

LEVEL 5
185 XP
संजीव के घर पहुँचकर उसने बाहर से ही ऋतु को फोन किया तो ऋतु बोली कि उसने उसे छत पर से देख लिया है और वो गेट खोलने आ ही रही है।
विजय ने एक फोन संजीव को भी कर दिया कि वो जल्दी ही आ जाये।

संजीव बोला- मुझे तो घर पहुँचते पहुँचते एक घंटा लग ही जाएगा. पर कोई बात नहीं तुम असहज न महसूस करना, ऋतु को मैंने अभी बता दिया है कि मुझे आने में एक घंटा लग जाएगा।

ऋतु ने गेट खोला।
वो स्लीवलेस लॉन्ग फ्रॉक पहने बहुत सुंदर लग रही थी।

असल में विजय ने दिन में उससे कहा था कि गले की मसाज के लिए वो कोई आरामदायक स्लीवलेस्स ड्रेस पहने।

विजय बाइक खड़ी करके अंदर आ गया।
उसने गुलाब का फूल ऋतु को दिया तो ऋतु ने मुस्कुरा कर उससे वो फूल लिया और फूल को चूमकर विजय को थैंक्स बोला।

विजय बोला- लाने वाले को किस नहीं?
ऋतु आँख मटकाकर बोली- होश में आ जाओ.

विजय को ऋतु ने ड्राइंग रूम में बिठाया और पानी दिया।
गर्दन में और कमर में खिंचाव होने से उसे तकलीफ तो थी।

ऋतु ने पूछा- क्या लोगे?
तो विजय बोला- अभी संजीव को आने दो, तब तक तुम्हारा खिंचाव दूर करने की कोशिश करता हूँ।
ऋतु बोली- अरे हो जाएगा ठीक … तुम क्या कर पाओगे इसमें! आज तो सुबह से ही परेशान कर दिया है इसने।

विजय ने उससे कहा कि वो वहीं बिछी सेटी पर पेट के बल लेट जाये और हाथ आगे कर ले।
ऋतु ने बहुत मना किया पर विजय ने जिद की कि आज तो मौका मिला है अपना हुनर दिखाने का और तुम मना कर रही हो।

विजय ने एक तौलिया भी मंगवाया।

ऋतु लेट गयी। उसकी उभरी गांड और गोरी बांहें, रेड नेल पेंट से पुते हाथ पेर के नाखून … सब विजय को पागल कर रहे थे.
पर उसे मालूम था कि एक गलत हरकत उसके सारे अरमानों पर पानी फेर सकती है।

उसने बहुत आहिस्ता से ऋतु के बाल एक तरफ किए और क्रीम उसकी गर्दन और कंधे तक मली।
उसे अंदाज था कि ये खिंचाव कैसे ठीक होगा पर उसे ऋतु की कामाग्नि को भी भड़काना था।

पहले उसने सोचा कि ऋतु को आराम दिलवाया जाये।
उसने अपने प्रोफेशनल स्टाइल से उसकी बांहों, गर्दन और पीठ की मालिश की.
दस मिनट में ही ऋतु को आराम आना शुरू हो गया।

वो पहली बार इस तरह अकेली थी विजय के साथ!
दिल तो उसका भी धड़क रहा था पर संजीव ने उसके मन में विजय के लिए एक चाहत पैदा कर दी थी।

वो आज दिन बाहर सोचती रही कि जब उसका पति ही चाहता है कि वो अपनी हदें तोड़ दे, तो एक बार हदें तोड़ कर देखते हैं।

ऋतु ने विजय से कहा- तुम्हारे हाथों में तो जादू है, अब रहने दो, आराम हुआ है।
विजय बोला- चुपचाप लेटी रहो, अभी आधा भी आराम नहीं आया है. थोड़ी देर में वापिस वहीं आ जाएगा।

अब विजय ने उसकी गर्दन से पीठ को सहलाना और दबाना शुरू किया।
हालांकि वो सब फ्रॉक के ऊपर ही कर रहा था और ऋतु ने ब्रा भी पहन रखी थी तो अड़चन थी।

विजय ने अब ऋतु की गर्दन से लेकर उसकी बांहों और उंगलियाँ हल्के हाथ से दबाते हुए उन्हें मरोड़ा।
वो अब ऋतु के सिर के आगे खड़ा होकर ये सब कर रहा था तो ऋतु का हाथ बार बार उसके ट्रेक सूट से टकराता और ऋतु को उसके खड़े लंड का अहसास करता।

ऋतु के मन में आ रहा था कि वो उसका लंड पकड़ ले!
पर नहीं … विजय क्या सोचेगा उसके बारे में फिर… नहीं उसे रोकना होगा अपने को!

विजय ने अब ऋतु को सीधा बैठने को कहा।
ऋतु सीधी बैठ तो गयी पर अब उसके तने हुए मम्मे सामने थे.
विजय पीछे से उसकी गर्दन और बांहों पर मसाज दे रहा था.

ऋतु को पूरा आराम मिल गया था।
उसने विजय से कहा- तुम तो वाकई जादूगर हो, अब बस करो!

पर विजय ने उसके बालों में उँगलियों से मालिश करते हुए उसके गर्दन के आगे-पीछे मालिश की।

अब ऋतु बहक चुकी थी, अब उसकी बर्दाश्त चुक चुकी थी। अब दो ही रास्ते थे की या तो वो विजय के आगे आत्मसमर्पण कर दे या विजय को घर जाने को कह दे।

उसने सोचा कि अब ये निर्णय विजय को करने दो।

उधर विजय ने बेशर्मी दिखाते हुए अब उसकी गर्दन से आगे उसकी छाती की ओर दबाव देना शुरू किया।
वो ऋतु के पीछे था, अब ऋतु की गर्दन उसके पेट पर झुक गयी थी।
विजय आगे झुककर मसाज दे रहा था।

ऋतु कसमसा गयी और उसने अपनी बांहें ऊपर कीं और विजय का सिर पकड़कर नीचे किया और दोनों के लब मिल गए।
ऐसा लगा कि आग के दो शोले मिल गए हों।
दोनों में तड़प थी; दोनों ओर वासना की आग पूरे वेग पर थी।

ऋतु खड़ी हो गयी और चिपट गयी विजय से!

दोनों ने एक दूसरे के चेहरे को चूम चाट कर थूक से गीला कर दिया था।

ऋतु का मदमस्त बदन विजय की बलिष्ठ बांहों में समाया हुआ था; उसके उभार विजय की छाती से दबे हुए थे।

नीचे विजय के लंड का दबाव ऋतु को कह रहा था कि आओ और मुझे मसल लो।
ऋतु कसमसा कर बोली- विजय, हम गलत कर रहे हैं, हमारी बात तो दोस्ती तक की थी। बस इससे ज्यादा नहीं प्लीज़।

विजय ने उसे आहिस्ता से अलग किया और उसे चूमता हुआ बोला- जैसा तुम चाहो … पर मेरी दोस्ती कभी मत छोड़ना! मेरा वादा है कि संजीव को कभी कुछ नहीं मालूम पड़ेगा। और रहा सवाल आगे आने का … तो जब हम दोनों में विश्वास हो जाये और दिल करे कि आगे आयें तो आ जाएंगे। सब कुछ करेंगे पर दोनों की मर्जी से ही होगा जब भी होगा।

ऋतु ने उसे एक बार फिर चूमा।

विजय ने जेब से पाजेब निकाल और ऋतु को पहना दी।
ऋतु का दिल फिर मचल गया।
दोनों के जिस्म फिर मिल गए।

अबकी बार बांध टूटने के कगार पर था।
ऋतु के हाथ विजय के लंड पर जाने अनजाने आ ही गए थे; विजय उसकी गोलाइयों को ऊपर से चूम रहा था।

तभी ऋतु का फोन बज गया।
संजीव था- बस मैं आ ही रहा हूँ।

दोनों अलग हुए, ऋतु वाशरूम चली गयी अपने को ठीक करने!
विजय ने भी वाशरूम जाकर हाथ धोये और अपने को व्यवस्थित किया।

ऋतु कुछ स्नेक्स और कोल्ड कॉफी बना लायी।
इस बीच विजय ने संजीव को पूछा कि वो कितनी देर में आएगा तो संजीव बोला बस रास्ते में हूँ।

उधर जैसे ही विजय का पहला फोन आया था कि तुम्हारे घर के बाहर खड़ा हूँ, संजीव ने फटाफट अपना ऑफिस बढ़ाया.
निकालने से पहले ऑफिस के वाशरूम में अपने को फ्रेश किया और सीमा का सामान लेकर विजय के घर की ओर निकाल लिया।

रास्ते से उसने सीमा के लिए एक महंगा पर्फ्यूम और चॉकलेट लीं।

संजीव ने अपनी गाड़ी विजय के घर से काफी पहले पार्क की और वहीं से सीमा को फोन किया किया- मैं आ गया हूँ.
सीमा ने धड़कते दिल से गेट खोला और संजीव को अंदर किया।

संजीव उसकी घबराहट समझ रहा था, उसने सीमा से कहा- घबराओ मत, बस मैं निकलता हूँ।
पर सीमा ने उससे कहा कि अब तो जो होगा देखा जाएगा, तुम्हारे लिए पकोड़े और जूस लाती हूँ।

सीमा की घबराहट देख संजीव की हिम्मत ही नहीं पड़ी कि वो कुछ आगे बढ़ पाता या कुछ कह पाता।

तभी सीमा नाश्ता ले आई।
दोनों बैठ गए।

संजीव ने हिम्मत करके सीमा का हाथ अपने हाथों में ले लिया।
सीमा बोली- नहीं संजीव, विजय को मालूम पड़ गया तो पता नहीं वो क्या सोचेगा।

संजीव ने हँसते हुए अपना मोबाइल निकाला और कहा- लो विजय से मैं कह देता हूँ कि तेरे घर आया था तुझे लेने!

सीमा मुस्कुरा गयी, बोली- नहीं, फोन मत करो मैं ही बता दूँगी। बता दूँगी कि तुम समान देने आए थे।
संजीव ने उसे पर्फ्यूम दिया।
पर्फ्यूम का ब्रांड देख कर सीमा खुश हो गयी, बोली- थैंक्स!

संजीव बोला- सिर्फ सूखा सूखा थैंक्स?
सीमा बोली- हाँ बस सूखा सूखा ही ठीक है।

नाश्ता करते समय संजीव और सीमा के वादे शिकवे हुए।
संजीव ने उससे गहरी दोस्ती निभाने का वादा किया।

दोनों में ये तय हुआ की इस बाबत कभी भी विजय या ऋतु से कोई जिक्र नहीं होगा।

जब संजीव जाने के लिए खड़ा हुआ तो गेट खोलने से पहले सीमा ने उसे गालों पर किस दे दिया.
संजीव चौंका, उसने सीमा को बांहों में भर लिया और उसके होठों पर चूम लिया।

सीमा ने हँसते हुए उसे धक्का देकर बाहर किया, बोली- इसीलिए लिफ्ट नहीं देती तुम्हें! तुम बहुत बदमाश हो। अब आज के बाद कभी नहीं करना ऐसा।
हँसते हुए संजीव चला गया और सीमा हसीन ख्यालों में डूब कर मुस्कुराती हुई बेड पर लेट गयी।

रात को विजय बहुत अच्छे मूड में लौटा।

सीमा तो चुदासी हो ही रही थी, आज दोनों का भरपूर सेक्स हुआ।
न तो विजय ने न संजीव ने अपनी पत्नियों से कुछ पूछा, पर हाँ उन दोनों की रात बहुत जोशीली बीती।

अगले दिन दिन में संजीव और विजय की बातें हुई।
दोनों ने ही आपस में रूटीन हंसी मज़ाक किया पर ऋतु और सीमा की कोई बात नहीं की।

सीमा ने संजीव से बहुत देर तक फोन पर बात की।
संजीव की ये शिकायत थी कि कल रात तो तुमने धक्के देकर निकाल दिया, अब या तो बुलाना नहीं वरना ऐसे सूखे सूखे मत भेजना।
सीमा बोली- सूखे सूखे से क्या मतलब, क्या गीला करोगे?

संजीव बोला- अबकी बार मिलेंगे तो सब कुछ गीला कर दूँगा।
सीमा ने धत्त कह कर फोन काट दिया।

ऋतु और विजय का भी रोमान्स फोन पर गहराया।
बल्कि पहले तो ऋतु सॉरी बोली- मैं अपने पर काबू नहीं कर पायी.
पर विजय ने कहा कि दोस्ती में सब जायज है।

अब अगले एक हफ्ते किसी का भी मिलने का तो नहीं हो पाया पर रोमांस खूब गहराता गया।
संजीव और सीमा के तो आपस में बहुत ही अश्लील मेसेज आने जाने शुरू हो गए थे।

ऋतु भी विजय से ये कह चुकी थी कि उसका कसरती बदन और उसका उभार दोनों लाजवाब हैं।
विजय ने कहा- उभार तो तुम्हारे भी मस्त हैं और मेरा बदन अभी तुमने देखा कहाँ है पूरा।
तो ऋतु ने बेशर्मी से जवाब दे दिया- अबके मिलेंगे तो दिखा देना और देख भी लेना।

अब सब कुछ आगे बढ़ चुका था पर जाहिरा तौर पर संजीव और विजय ने आपस में कभी बात नहीं की थी.

इस बारे में और ऋतु और सीमा भी एक दूसरे से दूसरे में कर रही सेंध के बारे में छिपा रही थीं।

संजीव का काम कुछ ऐसा था कि वो एक बार ऑफिस आ जाये तो फिर कहीं जा नहीं सकता था और जाता तो बंद करके ही जाता।

विजय अपने ऑफिस से इधर उधर जा सकता था, बस उसका फोन चालू रहना चाहिए।

ऋतु और विजय की तड़प जब बेकाबू होने लगी तो विजय ने ऋतु से कहा- कल मैं तुम्हारे घर 12 बजे करीब आऊँगा, हम लोग खूब प्यार करेंगे।
तो ऋतु बोली- नहीं घर पर ठीक नहीं, अगर संजीव आ गया तो!

विजय ने पूछा- पिछले एक साल में संजीव कभी अचानक ऐसे घर आया है?
ऋतु बोली- आया तो नहीं है … पर अगर आ गया तो … मैं तो कहीं की नहीं रहूँगी।

अब विजय और ऋतु जब भी फोन पर बातें करते अपनी तड़प जाहिर करते, कुछ हो पाता नहीं।

विजय ने ऋतु को फोन करके कहा- आज रात को मैं साढ़े आठ बजे तुम्हारे घर आऊँगा, बस पाँच मिनट के लिए, तुमको देखे बहुत दिन हो गए, फिर चला जाऊंगा।
ऋतु ने बहुत समझाया कि कोई आ गया तो!
विजय बोला- मैं कुछ बहाना बना लेता हूँ।

रात को विजय घर से निकला सीमा से कहकर कि आइसक्रीम लेने जा रहा हूँ, आता हूँ।
उसने फटाफट दो ब्रिक ली और सीधे संजीव के घर पहुंचा।

ऋतु को उसने बता ही रखा था; ऋतु ने बाहर की लाइट बंद कर रखी थी।
उसके आते ही ऋतु ने गेट खोला विजय अंदर जाते ही ऋतु से चिपट गया।

दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को चूमने चाटने लगे।
विजय ने ऋतु को बेड पर लिटाया। ऋतु धड़कते दिल से उसे किसी के आने की दुहाई देती रही पर विजय पर तो मानों भूत सवार था।

दोनों चिपट गए।
समय कम था … डर भी था।
दोनों के कपड़े उतर गए।

विजय ने ऋतु के मम्मे खूब चूसे और साथ ही अपना लंड ऋतु की गीली चूत में कर दिया।
ऋतु हाँफ रही थी।

फटाफट धकापेल सेक्स में काम पूरा हुआ और विजय कपड़े पहन कर बाहर आ गया।

घर आकर विजय बहुत बेचैन था। वो किसी बहाने से बाहर आया और ऋतु को फोन किया।

ऋतु फोन पर रोने लगी कि हमने गलत किया।
विजय ने उसे समझाया- देखो मन तो तुम्हारा भी था। हालत मेरी भी बुरी थी। इसमें कुछ गलत नहीं।

काफी समझाने पर भी ऋतु शांत नहीं हुई; उसने विजय का फोन काट दिया।

अगले दिन ऋतु का सुबह ही संजीव के ऑफिस जाते ही फोन आया और वो खुद बोली- अब मुझे एक दिन अच्छे से करना है।

विजय चौंक गया, बोला- ठीक है मैं कल दोपहर 1 बजे आऊँगा, अपना एक आदमी संजीव के ऑफिस के बाहर खड़ा कर दूँगा, अगर संजीव निकलेगा तो वो मुझे बता देगा।

ऋतु मुस्कुराई और बोली- आग तुमने लगाई है अब बुझानी तो पड़ेगी ही!

उसे ऋतु ने बताया कि आज संजीव कुछ जल्दी ही सुबह 10 बजे ऑफिस के लिए निकल गया है, कह रहा था किसी से मीटिंग है। खूब स्मार्ट बन कर गया है।

विजय का माथा ठनका।
उसने सोचा कि कल तो संजीव से बातें हुई थीं, उसने तो कुछ नहीं कहा कि कल सुबह उसकी कोई मीटिंग है।

वो अपने स्टाफ से ‘ध्यान रखना’, कह कर बाइक उठा कर घर की ओर गया।

दूर से ही घर के बाहर से उसने संजीव की गाड़ी खड़ी देखी।
वो समझ गया कि दोनों लगे हुए हैं।
उसे गुस्सा तो बहुत आया कि अंदर चला जाये और उन्हें रंगे हाथों पकड़ ले।

पर उसने सोचा कि शायद वो दोनों जो इस समय कर रहे हैं, वो तो कल कर चुका है और कल भी वही करने जा रहा है।

वो इधर उधर घूमता हुआ आधे घंटे बाद जब वह घर पहुंचा, तब तक संजीव जा चुका था।

विजय ने घंटी बजाई, सीमा ने गेट खोला.
वो अस्त व्यस्त थी, उसने फ्रॉक डाली हुई थी जबकि सुबह जब विजय गया तो वो नाइट सूट में थी।

नहाई तो वो अभी भी नहीं थी पर उसके चेहरे के रंग उड़े हुए थे, मानो कोई चोरी पकड़ी गयी हो।

विजय बोला- कुछ पेमेंट करना था तो रुपए लेने के लिए आया हूँ।
सीमा से विजय ने पीने को पानी मांगा.

रो सीमा किचन को मुड़ी पर पलट कर अपना मोबाइल उठाया और किचन में लेकर गयी।
विजय ने तिरछी निगाहों से देखा कि वो मोबाइल में कुछ कर रही है बजाय पानी लाने के!

वो समझ गया कि वो फोन कॉल डिलीट कर रही होगी।
विजय मुंह धोने के लिए बाथरूम में गया तो वहाँ उसे धुलने वाले कपड़ों में एक हैंड तौलिया दिखा जो चिपचिपा हो रहा था.
मतलब संजीव और सीमा ने सेक्स किया था, उसी की निशानी थी।

विजय का मूड तो खराब हुआ पर सीमा को उसने कुछ जाहिर नहीं होने दिया।
पानी पीकर जब वो जाने लगा तो सीमा ने उससे चिपटते हुए किस किया और कहा- शाम को जल्दी आना, आज बहुत बढ़िए वाले मजे दूँगी।
विजय मुस्कुरा कर बाहर निकल लिया।

सीमा सोचती रही कि आज तो वो बाल बाल बची।

असल में विजय के जाने के बाद संजीव का फोन आ गया था और आज संजीव ने इतनी बातें बनाईं कि वो गर्म हो गयी।
जब संजीव ने उससे कहा कि ऑफिस जाते में बस एक किस दे देना तो वो मना न कर पायी।

अब जल्दी में नहा तो नहीं सकती थी, फटाफट उसने डिओ स्प्रे किया और नाइट सूट उतार कर फ्रॉक डाल ली।
उसने सोचा संजीव थोड़ी चिपटा चिपटी करेगा और लीप टू लिप किस करके चला जाएगा; पर उसे क्या मालूम था कि संजीव तो आज पूरा काम करके ही जाएगा।

संजीव ने आते ही उसे चिपटा लिया और उसके लाख माना करने पर भी उसकी फ्रॉक वहीं उतार दी और फिर तो दोनों बेडरूम में जाकर अपने सभी अरमान पूरे करके ही रुके।

पूरे कमरे में जो वासना का खेल उन्होने खेला, ऐसा लगा जैसे पता नहीं कब के प्यासे होंगे।

सीमा की चूत संजीव ने अपने वीर्य से भर दी, सीमा को कुछ और नहीं दिखा, वहीं पड़े एक हैंड तौलिया से उसने अपनी चूत और संजीव के लंड को साफ किया।

इस खेल के बाद सीमा ने संजीव से जल्दी जाने का आग्रह किया कि कहीं कोई आ न जाये।
संजीव भी जल्दी ही कपड़े ठीक करके चला गया; दोनों पर बहुत खुश और संतुष्ट थे।

ऋतु दोपहर बाद ब्यूटी पार्लर गयी और जो कुछ हो सकता था, कराकर आई।
आज उसकी त्वचा का रोम रोम खिल रहा था।

घर आकर उसने अपनी बगलों और चूत की वेक्सिंग की।

ऋतु पूरे मन से कल के मिलन की तयारी में जुट गयी।

उसने एक सेक्सी ड्रेस भी सोच ली जो उसने कल पहननी थी।

आज रात को उसने संजीव के आने पर खाना खाते ही सिरदर्द का बहान बना कर सोने की सोच ली थी ताकि कल के मिलन में चूत की प्यास भड़की रहे।

और ऐसा ही उसने विजय से कह दिया था कि आज सीमा से दूर ही रहना।

अब विजय उसे क्या बताता कि आज तो सीमा अपनी गलती छिपाने के लिए सेक्स की दावत दे चुकी है।

विजय ने दिन में अपना मन बना लिया कि अगर उसे भी सोचे हुए मजे ऋतु से लेने हैं तो उसे संजीव और सीमा से दिमाग हटाना पड़ेगा; वरना न तो वो अपने घर पर सीमा से मजे ले पाएगा, न बाहर ऋतु से।

अगले दिन विजय ने अपनी मंडी के एक पल्लेदार को जो उसका विश्वास का था, ये ज़िम्मेदारी लगाई कि वो संजीव के ऑफिस के बाहर ही रहे और जैसे ही संजीव ऑफिस से बाहर निकले तो वो विजय को फोन कर दे।

विजय ने अपना जरूरी काम 12 बजे तक निबटा लिया। उसने जानबूझकर कुछ भूस जैसी चीज अपनी शर्ट और सिर पर डाल ली और फिर उसे झाड़ दिया।

उसने सीमा को फोन किया कि वो कपड़े बदलने घर आ रहा है, वो एक बीयर ठंडी करके रखे।

घर जाकर, नहाकर फ्रेश कपड़े पहनकर, बॉडी स्प्रे वगेरह लगाकर विजय सीधे ऋतु के पास पहुंचा।
उसने अपनी बाइक एक दुकान पर खड़ी कर दी और पैदल ही संजीव के मकान पर पहुंचा।

ऋतु ने गेट खुला छोड़ा था।
विजय अंदर घुसा तो गेट के पीछे खड़ी ऋतु उससे वहीं चिपट गयी।

पर विजय ने पहले गेट बंद किया।

ऋतु क्या गज़ब की सेक्सी लग रही थी।
चूमचाटी के बाद ऋतु बोली- संजीव की चिंता मत करना, उसको मैंने कह दिया है कि मैं मार्केट जा रही हूँ और एक घंटे बाद उसके लिए लंच पैक करा कर उसके ऑफिस ही आऊँगी तो वो कहीं जाये नहीं।

उसे चूमकर विजय ने अपनी खुशी जाहिर की।

विजय तो उससे चिपटा ही रहा तो ऋतु बोली- क्या खा जाओगे मुझे? आज मैं पूरी तुम्हारी हूँ, फुर्सत से प्यार करेंगे।

पर विजय को सब्र कहाँ था, वो ऋतु को सीधे बेड रूम में ले गया।

बेडरूम ऋतु ने महका रखा था। नयी मखमली चादर, मदमस्त म्यूजिक और बीयर की केन।

ऋतु ने एक केन खोली और अपने होठों से लगाकर विजय को दी।
विजय को नहीं मालूम था कि ऋतु को भी बीयर पसंद है।

ऋतु का टॉप उतार कर विजय ने उसके मम्मे आजाद कर दिये।
विजय ने बीयर की कुछ बूंदें उन पर टपकाईं और उन्हें चूसना शुरू किया।

ऋतु कसमसा गयी। उसने विजय से कपड़े उतारने को कहा।
विजय ने अपनी जींस और टीशर्ट उतार फेंकी।

ऋतु के कपड़े तो नाम मात्र को थे वो भी उतर गए।

विजय के लंड पर ऋतु ने बीयर डाली और लंड ले लिया मुंह में।
ऋतु का लंड चूसने का तरीका तो गज़ब का था। विजय की तो मानों जान ही निकाल रही थी।

विजय ने उसकी चूत चूसनी चाही तो दोनों 69 हो गए।
अब विजय ने भी पूरी जीभ और साथ में उँगलियाँ ऋतु की चूत में घुसा दीं।

उसने थोड़ा सा थूक उसकी गांड पर भी बहा दिया और एक उंगली अंदर घुसानी चाही.
तो ऋतु बोली- नहीं … दर्द करेगा, आज नहीं।
पर विजय ने थूक के सहारे आहिस्ता से उंगली अंदर कर ही दी।

अब ऋतु पीठ के बल लेट गयी और विजय उसकी ऊपर 69 में ही आ गया।

विजय ने ऋतु की टांगें खूब चौड़ा कर उसमें जीभ और उँगलियों से जबर्दस्त मालिश की।
अब ऋतु चाह रही थी कि विजय उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़ ही दे।

विजय ने ऋतु को सीधे लिटाया और उसकी टांगों को ऊपर करके पूरा चौड़ाया, तो ऋतु बोली- और ज्यादा नहीं … अब मैं जवान नहीं रह गयी हूँ.

एक ही धक्के में विजय ने पूरा लंड पेल दिया ऋतु की चिकनी चूत में।

अब दोनों की सरगम शुरू हो गयी।
विजय ऊपर से धक्के लगा रहा था तो ऋतु नीचे से साथ दे रही थी।

ऋतु का मखमली बदन पसीने से गीला हो गया था।
विजय भी अपने कसरती बदन का पूरा ज़ोर ऋतु की चूत और मम्मों पर लगा रहा था।

ऋतु के गोल गोल गोरे मम्मे आज विजय ने लाल कर दिये थे।

अब ऋतु ऊपर आ गई और भूखी शेरनी की तरह विजय की चुदाई उछल उछल कर करने लगी।
वो हाँफ रही थी- विजय, मजा आ गया मेरी जान! आज बहुत दिनों बाद ऐसी चुदाई हुई है. आज तो मेरी मुनिया पूरी तुम्हारी दीवानी हो गयी। तुम्हारी कसरत का फायदा आज समझ में आया. लगता था कि तुम मेरी चूत फाड़ ही डालोगे।

विजय बोला- फाड़ तो देता पर फिर तुम संजीव को क्या जवाब देतीं। बस इसी तरह चोरी छिपे हम मजे लेते रहें.

थोड़ी देर की धकापेल में विजय और ऋतु दोनों का एक साथ हो गया।
ऋतु भरभरा कर विजय की छाती पर पस्त हो गयी।

थोड़ी देर में दोनों उठे, वाशरूम जाकर शावर लिया और विजय कपड़े पहन कर चला गया।

इसी तरह अब चारों की चोरी छिपे मस्ती चलती रही।
न किसी ने किसी से कुछ पूछा, न किसी ने किसी को कुछ बताया।

अब विजय और संजीव को अपने घर में भी सेक्स में नयापन मिलने लगा।

सिर्फ विजय ही था जो संजीव पर कभी कभी निगाह रख लेता था या सीमा का फोन चेक कर लेता था; पर ऋतु और संजीव ने उससे या सीमा से या आपस में भी कभी कोई जिक्र नहीं किया।

सब खुश थे, उनकी बोरिंग लाइफ में एक तड़का जो लग गया था।
समाप्त
 
Mink's SIGNATURE

55,874

Members

316,944

Threads

2,664,277

Posts
Newest Member
Back
Top