Adultery एक खूबसूरत रिश्ता

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मैं पंचकूला हरियाणा में रहता हूँ, मेरी हाइट 6 फ़ीट और अच्छे व्यक्तित्व का मालिक हूँ. मैं पंचकूला से करीब 50/60 किलोमीटर पे एक फैक्ट्री में मैनेजर की पोस्ट पे जॉब करता हूँ. मैं अपनी बीवी और दो बच्चों के साथ बहुत खुशहाल जीवन जी रहा हूँ.
पर मेरे साथ घटी एक घटना ने मेरे जीवन में कुछ बदलाव ला दिए.

मैं रोज़ अपने शहर से अपनी कार से दूसरे शहर में जॉब करने जाता हूँ. मेरा सफर करीब एक घंटे का है. आते हुए मुझे अकेले ड्राइविंग करते हुए काफी बोरियत सी महसूस होती तो मैं कभी कभार किसी की लिफ्ट दे दिया करता था.

एक दिन मैं अपनी फैक्ट्री से निकला तो थोड़ा सा आगे आने पे एक औरत ने मेरे से लिफ्ट लेने के लिए हाथ से इशारा किया तो मैंने कार रोक ली. मैंने कार का शीशा नीचे किया तो उसने मुझे लिफ्ट के लिए रिक्वेस्ट की जिसे मैंने स्वीकार कर लिया.

मैं आपको उस औरत के बारे में बता दूँ … उसकी हाइट करीब पांच फ़ीट आठ इंच होगी, रंग एकदम गोरा और शरीर ऐसा जैसे किसी सांचे में ढाला गया हो। पतली कमर लम्बी गर्दन.
पूछने पर उसने बताया कि वो वहीं फैक्ट्री में जॉब करती थी जो मेरी फैक्ट्री के बिल्कुल पीछे थी.

मैंने उसका नाम पूछा तो बोली- जी मेरा नाम नीता है और मैं आपके पास वाली फैक्ट्री में ही जॉब करती हूँ.
मैंने उसे अपना नाम बताया- मैं रमित.
वो बोली- मैंने आपके बारे में सुन रखा है, आप हमारे साथ वाली फैक्ट्री में जनरल मैनेजर हैं और पंचकूला से रोज़ आते हैं.
यह कह कर वो मुस्कराने लगी.

मैं बोला- अरे मेरे को नहीं मालूम था कि मैं इतना फेमस हूँ.
तो वो हंसने लगी.

उसका स्टॉप आने वाला था तो उसने बोला- सर, अगर आप मेरे को रोज़ अपने साथ ले आया करें तो मेरा बहुत टाइम बच जायेगा क्योंकि वहां से रेगुलर बस सर्विस नहीं है.
मैं बोला- मेरे को कोई दिक्कत नहीं है, आप मेरे को इवनिंग में कॉल कर लेना.
और मैंने अपना फ़ोन नंबर उसे दे दिया.

अगले दिन 5.30 पे उसका कॉल आया पूछने के लिए मैं कब तक निकलूंगा फैक्ट्री से!
मैंने ‘पांच मिनट’ बोल कर फ़ोन काट दिया. मैंने उसको स्टॉप से कार में बिठाया.
आज वो मेरे साथ कम्फर्टेबल महसूस कर रही थी.

मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो मैरिड है दो बच्चे हैं उसके एक 5 साल का बेटा और 2 साल की बेटी. वो अपनी मायके में रहती है. उसकी माँ हैंडीकैप्ड है और उनकी देखभाल करने वाला और कोई नहीं है उसके सिवा! इसी बात को लेकर उसका अपने पति और ससुराल से कोर्ट केस चल रहा था.

इस तरह से शाम को हमारा रोज़ साथ आना एक रूटीन बन गया और हमारी नज़दीकियाँ बढ़ने लगी.

एक दिन शाम को वो काफी उदास थी. पूछने पर उसने बताया कि कंपनी ने उसे दूसरी फैक्ट्री में ट्रांसफर कर दिया जो दूसरे रास्ते पे थी और वहां मॉर्निंग में टाइम पे पहुँचना काफी मुश्किल लग रहा था उसे.
वो जॉब छोड़ने के लिए बोलने लगी तो मैंने उसे बोला- जॉब मत छोड़ो जब तक दूसरी नहीं मिलती. मैं तुम्हें मॉर्निंग में भी ले आया करूंगा और पहले तुम्हें तुम्हारी फैक्ट्री छोड़ दिया करूँगा.
इससे वो बहुत खुश हुई और बोलने लगी- मैं आपका अहसान कैसे चुकाऊँगी?
मैं बोला- दोस्ती में कोई एहसान नहीं होता.

अब हम सुबह और शाम दोनों टाइम साथ आने जाने लगे और खूब मस्ती करते आते जाते. अब फ़ोन पे भी हमारी बात दिन में और रात को भी होने लगी और खूब रोमांटिक बातें भी करते.
बहुत ज़िंदा दिल औरत थी वो … हमेशा खिलखिलाती रहती और बहुत बोल्डली कुछ भी बोलती.

इस बीच मैंने उसकी कई बार हेल्प की उसके घर के कामों में और उसके कोर्ट केस में भी. जब भी केस की तारीख होती तो मैं उसे साथ लेकर जाता, घण्टों कोर्ट से बाहर ही उसका वेट भी करता.
इसी तरह से एक साल बीत गया, हमारी कहानी यों ही चलती रही पर इस से आगे कभी न मैं बढ़ा न वो आगे बढ़ी.

एक दिन दिन नीता की कमर में बहुत दर्द था तो मैंने उसे उसके घर तक छोड़ा तो उसकी माँ से भी मिला. उन्होंने बोला- बेटा तेरा बहुत अहसान है हम पे … और कोई नहीं है जो इतना कर सके.
अगले दिन सुबह मैं जब फैक्ट्री आ रहा था तो उसे स्टॉप पे आने के लिए कॉल किया तो वो बोली कि उसे बहुत दर्द है वो उठ भी नहीं पा रही है.
उसकी माँ ने मुझे रिक्वेस्ट की कि मैं उसको डॉक्टर को दिखा दूँ.

मैं उसको डॉक्टर के पास लेकर गया, उसका अच्छे से ट्रीटमेंट करवाया. इसके बाद मेरे और उसके रिलेशन और भी क्लोज हो गए. अब अक्सर बातचीत का टॉपिक सेक्स की तरफ भी मुड़ जाया करता था.

एक दिन उसकी उसके किसी सीनियर से बहस हो गयी और उसने जॉब छोड़ दी. मुझे कॉल कर के बुलाया तो मुझसे लिपट के रोने लगी.
इसी तरह एक हफ्ता बीत गया, हम मिले नहीं पर फ़ोन पे सारा दिन बात करते थे।
वो बोली- मुझे आपसे मिलने का दिल कर रहा है.
तो मैं बोला- मिल लेते हैं शाम को।
वो बोली- नहीं, कहीं घूमने चलते हैं कहीं बाहर।

उसने वृन्दावन जाने का प्रोग्राम बनाया, मैंने भी हाँ कर दी। मैंने कंपनी से शनिवार की छुट्टी ले ली और हमने शुक्रवार की शाम को जाने प्रोग्राम बना लिया। मैंने कंपनी से 4 बजे छुट्टी कर ली और उसे रास्ते में से पिक किया और वृन्दावन की ओर चल दिए.

नीता का पांच साल का बेटा भी साथ था। आज मैं उसे कुछ अलग नज़रिये से देख रहा था और सोच रहा था कि अगर मेरे और उसके बीच में शाररिक सम्बन्ध बन जाये। आज उसको पाने की बहुत तमन्ना हो रही थी पर उसका बेटा भी साथ था तो मेरे को ये मुमकिन नहीं लग रहा था। वैसे भी एक डर लग रहा था कि अगर उसने मेरे से दोस्ती ही तोड़ दी तो?
वो कितना विश्वास करके मेरे साथ आयी है और उसकी माँ ने भी मेरे ऊपर विश्वास किया है।
मेरे अंदर से आवाज़ आयी- नहीं, मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करूंगा।

इसी कशमकश में हम दिल्ली पहुँचने वाले थे। उसका बेटा पीछे की सीट पे सोया था तो मैंने उसके हाथ पे हाथ रख दिया उसने कोई रिएक्शन नहीं किया तो मैं उसका हाथ अपने हाथ में लेकर गियर पे रख लिया और गाड़ी चलता रहा।
उसने पूछा- हम मथुरा कब तक पहुँच जायेंगे?
तो मैंने बोला- अभी तो बहुत दूर है.
उस टाइम 8.30 बज गए थे और हम दिल्ली के अंदर एंटर हो चुके थे।

मैं बोला- मैं थक जाऊँगा इतनी लम्बी गाड़ी चला के … वैसे भी सुबह से कंपनी में था।
उसने मुझसे पूछा- फिर क्या करेंगे?
मैं बोला- नाईट स्टे फ़रीदाबाद में कर लेते हैं, वहां से सुबह उठ के चले जायेंगे. इस तरह से इजी रहेगा।
उसने भी हाँ कर दी।

दस बजे के आस पास हम फ़रीदाबाद पहुँच गए और होटल ढूंढने लगा। एक होटल के सामने गाड़ी रोकी तो मैंने दो रूम के लिए पूछा तो मेरे को रेंट थोड़ा जयादा लगा।
नीता बोली- दो रूम क्यों लेने हैं? एक में ही एडजस्ट कर लेंगे. सोना ही तो है, वैसे भी मॉर्निंग में जल्दी उठ के चल पड़ेंगे।
मैं बोला- ठीक है, अगर तुम्हें मेरे साथ एक ही रूम में रात गुजारने पे कोई दिक्कत नहीं है तो ले लेते हैं।

मैंने होटल वाले को ओके बोला और नीता और उसके बेटे को रूम में जाने के लिए बोला और मैं होटल की फोर्मलटीज़ पूरी करने लगा। होटल के रजिस्टर में साथ ठहरने वाले के साथ क्या रिलेशन है भरना था तो मैंने वहां वाइफ लिख दिया और ये बात जब नीता को बताई तो वो हंसने लगी।

हमने खाना खाया और वो चेंज करने के लिए वाशरूम में चली गयी। मैं सोच रहा था कि अगर ये मेरे साथ सो जाये तो मज़ा आ जाये. पर फिर सोचा कि बेटा भी तो साथ है, नीता इसको बीच में सुलायेगी।

पर जब वो चेंज कर के बाहर आयी उसने लोअर और टी शर्ट पहनी हुई थी. इन कपड़ों में नीता गज़ब सेक्सी लग रही थी।
मैं बोला- तुम दोनों बेड पे सो जाओ और मैं सोफे पे सो जाता हूँ।
वो बोली- नहीं, आप थके हुए हैं, बेड पे ही सो जाओ, एडजस्ट कर लेते हैं।

मैंने बोला- तुम्हारा बेटा रात को नींद में लातें तो नहीं मारेगा?
वो हंसने लगी, बोली- मैं बेटे को दूसरी साइड में सुला देती हूँ.

उसने अपने बेटे को दीवार वाली साइड में सुला दिया, बीच में वो लेट गयी और एक साइड में मैं लेट गया, हमने एक ही रजाई औढ़ रखी थी। वो अपने बेटे से बात करते हुए उसे सोने के लिए बोल रही थी और इधर मुझे उसके शरीर की खुशबू पागल बना रही थी। फिर भी मैं अपने आपको काबू में किये हुए था. तभी वो सीधी हो गयी तो मैं उससे थोड़ी दूरी बना कर लेट गया।

वो मेरे से बात करने लगी. बात करते करते उसने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और मुझे अपने ससुराल की ज्यादतियों के बारे में बताने लगी.
जब बात करते करते काफी देर हो गयी तो उसने मेरे से पूछा- आपको नींद नहीं आ रही क्या?
मैं बोला- मुझे अकेले नींद नहीं आती!
तो वो मेरे पास आते हुए बोली- कोई बात नहीं, हम आपके पास आ जाते हैं.

नीता मेरे इतने करीब आ गयी कि मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ और मैं उसे अपनी बांहों में लेते हुए बोला- मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
और मैंने एक चुम्बन उसकी गाल पे रख दिया।
नीता बोली- कितने दिन लगा दिए आपने ये कहने में … मैं तो कब से आपको चाहने लगी हूँ।

इतना सुनते ही मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और हम एक डीप किस करने लगे। जब हमारे होंठ अलग हुए तो उसने मेरी आँखों में देख के मुझे आई लव यू बोला और बोलने लगी- आप में कितना धैर्य है, कब से हम एक बिस्तर पर लेटे हैं पर आपने कोई ऐसी हरकत नहीं की. इसी लिए मैं आप से प्यार करती हूँ।

मैं बोला- नीता, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और आज तुम्हें बहुत प्यार करना चाहता हूँ।
वो बोली- मैं तो आपकी ही हूँ जी! जो चाहे … करो … मैं तो तुम्हें दिल से अपना मान चुकी हूँ.
यह सुनते ही मैं उसके ऊपर आ गया, उसे अपनी बाँहों में भर लिया।

अब मेरे होंठ उसकी गर्दन पे चलने लगे। उसकी गर्दन से चुम्बन करता हुआ मैं उसके होंठों पे आ गया। कभी मैं उसका निचला होंठ अपने होंठों में लेकर चूसता तो कभी ऊपर वाला होंठ चूसता!
फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वो मेरी जीभ को चूसने लगी, मैं उसकी जीभ को चूसने लगा।

हम दोनों बहुत गरम हो चुके थे. तभी मेरे हाथ उसकी पीठ से निकल कर उसके पेट पे चलने लगे पेट से होते हुए मई अपना हाथ टीशर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स पे फिराने लगा। नीता की आँखें बंद हो रही थी और वो मेरे स्पर्श से मदहोश हो रही थी।
मैंने उसकी टीशर्ट ऊपर उठा दी और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स पे हाथ फिराने लगा।

मैं उसके कान में बोला- नीता, मैं तुम्हारे बूब्स देखना चाहता हूँ।
उसने मेरे को अपनी टीशर्ट निकालने में मदद की. अब वो मेरे सामने ब्रा में थी। दूधिया सा गोरा उसका बदन और उस पर डार्क ब्लू कलर की ब्रा क़यामत लग रही थी। मैं अपने होश हवास खो रहा था।
मैं उसके पेट पे बेहताशा चूमने लगा और वो मादक सिसकारियाँ भरने लगी।

मैं उसके पेट से चूमता हुआ उसके बूब्स की तरफ बढ़ रहा था। मैं ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को चूम रहा था, उसके कंधों पर भी चूम रहा था। फिर मैंने पीछे उसकी कमर में हाथ डाल के उसकी ब्रा के हुक खोल दिए।

मैंने चूमते हुए उसकी ब्रा उसके बदन से अलग की। बिलकुल दूध से गोरे थे उसके बूब्स … न ज्यादा बड़े न छोटे … 34c का साइज।
दो बच्चे होने के बावजूद उसके बूब्स बिलकुल भी ढीले न थे। उसके ऊपर ब्राउन कलर के निप्पल्स कहर ढा रहे थे।

मैं बोला- तुम्हारे बूब्स बहुत खूबसूरत हैं.
और मैंने झुक के दोनों निप्पल्स पे बारी बारी चुम्बन लिया तो उसके मुँह से सी सी की आवाज़ निकली। मैं अपनी जीभ उसके निप्पल्स पे फिराने लगा धीरे धीरे से तो वो सिसकारियाँ भरने लगी। अब एक निप्पल को मैं चूसने लगा तो दूसरे बूब पे हाथ फिराने लगा धीरे धीरे! बीच बीच में मैं निप्पल को उंगली और अंगूठे के बीच लेकर मसल देता था। इस सब में नीता को भी बहुत मज़ा आ रहा था। मैं बारी बारी से उस के बूब्स को चूस रहा था हौले हौले से। कभी पूरे का पूरा बूब मुँह में लेता तो नीता की सिसकारी निकल जाती।

उसके बूब्स चूसने के बाद मैं धीरे धीरे किसिंग करता हुआ नीचे की तरफ आने लगा, उसके पेट पे चुम्बन किये फिर उसकी नाभि में जीभ डाल के घुमाने लगा वो कसमसाने लगी. फिर मैंने उसके लोअर थोड़ा सा नीचे खिसकाया, उसकी कमर पर किसिंग करने लगा।

मैंने नीता का लोअर और नीचे करना शुरू कर दिया और उसकी जांघों पे चुम्बन करता जा रहा था साथ साथ। उसके घुटनों पे चूमा, फिर उसकी पिंडलियों को चूमता हुआ उसके पैरों तक आ गया। मैंने उसके पैर के अंगूठे को चूमा और फिर मुँह में लेकर चूसने लगा।

अब नीता की हालत खराब हो रही थी, वो जैसे छटपटा रही थी, अपने बूब्स को अपने हाथों से दबा रही थी। इसी छटपटाहट में वो पलट गयी और पेट के बल लेट गयी. मैं उसकी पिंडलियों को चूमता हुआ ऊपर की ओर बढ़ने लगा, उसकी जांघों के पीछे चूमने लगा, वो ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी. फिर मैं उसकी पैंटी पर से ही उसके बम्प्स ( चूतड़ों) पे चुम्बन करने लगा। वहां से चूमता हुआ उसकी कमर पे चुम्बन करने लगा, फिर ऊपर बैक और गर्दन पे चूमा।

मैंने नीता को पलटा तो उसने मेरे को कस के अपनी बांहों में लिया, मुझसे ऐसे चिपट गयी जैसे कोई बेल शाख से लिपट जाती है। वो मेरे कान में फुसफसा के आई लव यू बोलने लगी. साथ ही इंग्लिश में बोल रही थी- यू अरे अमेजिंग इन लव मेकिंग!
मैं उसकी गर्दन से उसके कंधों को चूमता हुआ फिर से उसके बूब्स पे अपने होंठ चलाने लगा.

नीता मेरी टी शर्ट उतारने लगी. मैंने भी हाथ ऊपर करके टी शर्ट उतार दी. अब वो मेरी नंगी पीठ पे अपने हाथ घुमा रही थी. मैं चूमता हुआ उसकी पैंटी को थोड़ा खिसका के उसकी वैस्ट लाइन पे किस करने लगा। फिर मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी पुसी पे किस किया तो नीता ज़ोर से कसमसाई.

फिर मैं पैंटी लाइन से चूमता हुआ उसकी जांघों को अंदर चूमने लगा और हल्का सा कहीं काट भी लेता, इससे नीता की आवाज़ और ज़ोर से निकलती।

फिर मैंने धीरे धीरे उसकी पैंटी उतार दी और जो मेरे को देखने को मिला उसे देख कर मेरी आँखें खुली रह गयी। एकदम दूधिया रंग गोरी चूत और बाल का तो नामोनिशान भी नहीं। जब एक मिनट तक मैंने कोई हरकत नहीं की तो नीता ने आँखें खोल के देखा. मानो पूछ रही हो ‘क्या हुआ रुक क्यों गए?’

मैंने धीरे से उसकी चूत पे किस किया तो उसने सी की आवाज़ की। अब मेरे होंठ उसकी चूत के ऊपर चलने लगे और नीता के मुँह सी उफ़ आह की आवाजें निकलने लगी। मैंने जैसे ही अपने होंठ उसकी चूत के मुँह पे लगाने चाहे तो नीता ने अपनी जांघें ज़ोर से भींच ली।

मैं उसकी जांघों पे किस करने लगा. जैसे ही उसने अपनी टाँगें कुछ ढीली की तो मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और अपने होंठ उसकी चूत के मुँह पे रख दिए। वो हम्म करने लगी. नीता की साँसें तेज़ी से चलने लगी।

मैंने उसकी चूत की एक फांक को अपने होंठों में लिया और चूसने लगा ऐसा ही मैंने उसकी दूसरी फांक को भी किया। वो आह करने लगी.
फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी और नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे की ओर फिराने लगा।

अब नीता से कंट्रोल नहीं हो रहा था, कभी वो मेरा सर पकड़ के चूत पे दबाती तो कभी मेरी जीभ के साथ कमर हिलाने लगती।
फिर वो बोली- अब आ जाओ ऊपर! क्यों तड़फा रहे हो प्लीज!

मैंने अपना मुँह हटाया और नीता की तरफ देखा तो ऐसा लगा जैसे वो मेरे से विनती कर रही हो कि मैं अब ये बस करूँ और उसके ऊपर आकर उसको चोद कर चरम पे पहुँचा दूँ।
मैं उसके मुँह की तरफ आया और उसके गालों पे किस किया तो वो लोअर के ऊपर से मेरे लण्ड को पकड़ के बोली- अब ये दे दो मुझे, अब मेरी तड़फ मिटा दो।

मैंने अपना लोअर उतार दिया साथ में ब्रीफ भी। नीता ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और आह करने लगी। मैं उसके ऊपर आया थोड़े सी बूब्स पीये तो नीता से पूछा- नीता, क्या मैं ये तुम्हारे अंदर डाल लूं?
नीता बोली- मैं तो कब से आपकी हो चुकी हूँ, आपको अपना सब कुछ मान लिया है, जो करना चाहते हो कर लो।

मैंने अपनी टांगों से नीता की टाँगें खोली और उसकी टांगों के बीच में आ गया और अपना लण्ड पकड़ के उसकी चूत पर रखा और थोड़ा सा ज़ोर लगा चूत के अंदर डाल दिया। वो लगभग एक साल से चुदी नहीं थी तो चूत थोड़ी टाइट थी, उसको हल्का सा दर्द हुआ तो उसने मुझे दो मिनट रुकने के लिए बोला.
मैं अपना मुँह उसके कान के पास लेके गया, उससे बोला- नीता, तुम्हारी चूत बहुत सुन्दर है, एक भी बाल नहीं है.
वो बोली- मैंने आज ही साफ़ किये हैं.
और मुस्करा दी। फिर बोली- मैं जानती थी कि आज हमारे बीच सब हदें टूटेंगी क्योंकि तुम्हारी आँखों में मैं अपने लिए प्यार पढ़ चुकी थी और मैं भी तुम्हें चाहने लगी थी. पर तुम ही बुद्धू थे जो मेरे दिल की बात न सुन सके।

इसके बाद मैं धीरे धीरे उसको चोदने लगा। उसने अपनी आँखें बंद कर रखी थी अपनी बाँहें मेरी कमर के इर्द गिर्द लपेट रखी थी और मुँह से सीत्कार निकाल रही थी। मैं भी बीच में रुक कर उसको किस कर लेता और फिर से चोदना स्टार्ट कर देता।
उसने अपनी आँखें खोली और बड़ी नशीली आवाज़ में बोली- एक बात मानोगे मेरी?
मैंने पूछा- क्या?
तो बोली- प्लीज डिस्चार्ज बाहर करना।

मैं बोला- नीता, इस टाइम मैं अपने बस में नहीं हूँ, तुम हो ही इतनी सेक्सी … अगर कण्ट्रोल न कर पाया तो?
वो बोली- यार, अगर मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो?
मैं बोला- तो क्या … मेरे प्यार की निशानी को जन्म देना!
वो मुस्करायी- यार, तुम सब जानते हो मेरे बारे में! फिर भी ऐसी बाते कर रहे हो?

मैं बोला- ओके, मैं कोशिश करूंगा बाहर ही डिस्चार्ज करने की!
और मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. इसके साथ ही उसकी सीत्कारें भी बढ़ गयी. उसकी आँखें बंद हो गयी थी और मुँह से आह आह की आवाज़ निकल रही थी।

तभी वो आंखें बंद किये ही बोली- सुनो जी, तुम अंदर ही करना! मैं तुम्हें पूरी तरह पाना चाहती हूँ आज की रात … क्या पता इसके बाद ये मौका न मिले।
इतना सुनते ही मेरी एक्साईटमेंट भी चरम पे पहुँच गयी और मैं उसे लव यू बोलता हुआ तेज़ी से चोदने लगा. थोड़ी देर में उसके मुँह से अस्स अस्स की आवाज़ निकली, बोली- मैं गयी!
इधर मैं भी चरम पे था और आह करते हुए उसके अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया और नीता के ऊपर ही गिर गया।

5 मिनट बाद जब थोड़ा होश आया तो मैंने उसके माथे पे चूमा और उसके ऊपर से उठ के साइड में आया. वो अभी भी आँखें बंद किये लेटी थी।
थोड़ी देर बाद उसने अपनी आँखें खोली और मुझसे लिपट गयी, मेरे होंठो पे किस किया और मुझे थैंक्स बोलने लगी।
मैंने पूछा- थैंक्स किस लिए?
तो बोली- मुझे आज पहली बार प्यार मिला! नहीं तो मेरा हस्बैंड सिर्फ अपनी प्यास बुझाने से मतलब रखता था.

हम बेड की बैक से पीठ टिका के बैठ गए। नीता ने कम्बल को अपने ऊपर तक खींच लिया था। कंबल के अंदर हम दोनों ही बिलकुल निवस्त्र थे। नीता ने मेरे कंधे से सर टिका लिया और मैं अपने एक हाथ की उंगलियाँ उसके बालों में फिराने लगा।
नीता बोली- मैं तुमसे ज़िन्दगी में कुछ भी नहीं एक्सपेक्ट करती, ना करूंगी! बस तुम मेरे को प्यार और इज्जत देते रहना।
मैंने भी उसे हाँ बोला और उसे अपनी बांहों में ले लिया और किस करने लगा।

उस रात हमने एक बार और चुदाई की, फिर कपड़े पहन कर सो गए।

सुबह उठ कर तैयार हो कर हम अपने सफर पे चल पड़े।
अब मेरा और नीता के बीच सब कुछ बदल चुका था, हमारा रिश्ता बदल चुका था। दो दिन हम बाहर ही रहे एक कपल की तरह।

आते वक़्त नीता ने मुझे ये दो खूबसूरत दो दिन देने के लिए थैंक्स बोला और मुझसे फिर ना मिलने के लिए बोलने लगी. पर मैंने उसे दोबारा मिलने के लिए और यह रिश्ता बनाये रखने के लिए मना ही लिया।
इसके बाद हम कई बार मिले!
 
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नीता और मेरा अफेयर बहुत सालों तक चला, फिर उसका अपने हस्बैंड के साथ फिर से पैचअप हो गया और हमारी मुलाकातें कम हो गईं. मेरी और नीता के मिलने की और भी बहुत सी कहानियां हैं, जिन्हें मैं आपको बाद में बताऊंगा. पहले आज ये कहानी बता रहा हूँ, जो मेरी और एक पड़ोस की भाभी की है.

मैंने इधर एक दूसरी कंपनी ज्वाइन कर ली और इस कंपनी ने मुझे वहीं एक सोसाइटी में रहने की लिए फ्लैट दे दिया. अब मैं दो दिन वहीं फ्लैट पे रुकता और एक दिन घर आता.

जिस सोसाइटी में फ्लैट था, वहां अभी ज्यादा लोग नहीं रह रहे थे. मेरा फ्लैट फर्स्ट फ्लोर पर ही था. उस फ्लोर पे एक और फैमिली रह रही थी, उस फ्लोर पे बाकी के सब फ्लैट खाली ही पड़े थे. मेरे फ्लोर पर जो दूसरी फैमिली थी, उसमें हस्बैंड वाइफ और उनका एक बेटा और भाभी की एक बहन थी. जो भैया थे वो पुलिस में एएसआई थे, उनकी उम्र लगभग 40 साल और भाभी की उम्र 35 साल थी. उनका बेटा स्कूल में पढ़ रहा था.

भाभी की जो बहन थी, वो इंजीनियरिंग कॉलेज में फर्स्ट ईयर में थी. वो एक बड़ा ही मस्त माल थी. उसी फिगर ऐसी मादक कि देख कर ही किसी की भी हालत खराब हो जाए. उसकी 34 साइज की चूचियां, तीस की कमर और उठे हुए चूतड़ थे. ऊपर से वो एक से एक मॉडर्न ड्रेसेस पहनती थी … जिस कारण मेरा लंड बैठने के नाम ही नहीं लेता था.

भैया का नाम दिवेश था, मेरी उनसे अच्छी खासी जान पहचान हो गयी थी. शाम को अक्सर हम चाय उनके घर पे साथ ही पीते. इस कारण मेरा उनके घर अच्छा आना जाना हो गया. भाभी भी मुझसे खुल कर बात करने लगी थी.
आइये मैं आपको भाभी की बारे में बता दूँ. भाभी भी बला की खूबसूरत थी. यही कोई 36 इंच की साइज के चूचे, उनके बाहर को उठे हुए 34 साइज के चूतड़ और बीच में बलखाती 30 साइज की कमर. उनको देख के किसी का भी मन उनसे प्यार करने का हो जाए. भाभी का नाम नैना था और उनकी बहन का नाम सुरभि था.

पहले पहले तो उनके घर में मुझे सब कुछ सामान्य लगा, पर धीरे धीरे पता लगा कि भैया का स्वभाव गुस्सैल और शक्की किस्म का है और वे अक्सर भाभी से लड़ भी पड़ते. इसलिए मैंने थोड़ा उनके घर आना जाना कम कर दिया.

एक दिन भाभी मुझसे बोली- आप भी इंजीनियर हो, तो सुरभि को कभी कभी किसी सब्जेक्ट में हेल्प कर दिया करो.
मैंने हाँ बोल दिया.
इसके बाद सुरभि कभी कभी मेरे पास पढ़ने के लिए आ जाती. पर मैंने कभी उसे गलत नज़र से नहीं देखा.

सुरभि ने एक दिन बताया कि उसके जीजा जी उसके ऊपर काफी शक करते हैं कि उसका किसी लड़के के साथ चक्कर है, इसलिए वो उसके साथ और उसकी दीदी के साथ काफी सख्त रहते हैं.
मैंने पूछा- उन्हें मेरे से तो कोई प्रॉब्लम नहीं है?
तो वो बोली- नहीं नहीं, आपको वो बहुत पसंद करते हैं, इसी लिए मुझे आपके पास पढ़ने आने की अनुमति दे रखी है.
मैं बोला- फिर ठीक है … नहीं तो पुलिस वालों से मुझे डर लगता है.
वो हंसने लगी.

अब भाभी से भी कभी कभी शाम को अच्छे से बात होने लगी. इसी बीच भैया को डिपार्टमेंटल ट्रेनिंग की लिए शिमला जान पड़ा और ट्रेनिंग की बाद उनकी ड्यूटी चीफ मिनिस्टर की सिक्योरिटी में लग गयी. इस वजह से उनका घर आना जाना कम हो गया.

एक दिन जैसे ही मैं ड्यूटी से आया तो भाभी बाहर ही मिल गयी. मुझसे चाय की लिए पूछा, तो मैंने हाँ कर दी.
वो बोली- आप फ्रेश हो लो, तब तक मैं कॉफ़ी बना लाती हूँ.

मैं फ्रेश हो कर आया, तो भाभी दो कप कॉफ़ी लेकर आ गयी. भाभी बोली- अकेले कॉफ़ी पीने का मन नहीं था, इसलिए मैं अपनी भी यहीं ले आयी.
मैंने बोला- अच्छा किया, मुझे भी कंपनी मिल जाएगी.

हम दोनों बातें करने लगे, तो भाभी अपने रिलेशनशिप को ले के काफी मायूस लगी. मैंने उन्हें चीयर अप किया और मोटीवेट किया. उस दिन उन्होंने मेरे लिए खाना बनवा के भी भिजवाया.

अगले दिन शाम को जब ऑफिस से लौटा, तो भाभी फिर से कॉफ़ी बना लायी. उस दिन वो मुझसे बोली- मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ, पर क्या फायदा घर में ही रहती हूँ. शादी से पहले घरवाले ज्यादा सख्त थे और अब हस्बैंड भी ऐसा मिला. इसी लिए मेरा कोई दोस्त भी नहीं है.
मैं बोला- भाभी, कोई बात नहीं आप फेसबुक पे अपना अकाउंट बना लो, इस तरह से आपको दोस्त भी मिल जाएंगे और आपका दिल भी लगा रहेगा.
तो वो बोली- आप बनोगे मेरे दोस्त?
मैंने हाँ कर दी, तो उन्होंने हंस के अपना हाथ आगे किया और बोली- लेट्स बिगिन न्यू फ्रेंडशिप …
मैंने भी अपना हाथ बढ़ा दिया.

वो बोली- अब आप मुझे भाभी नहीं, नैना बोलो.
मैंने कहा- नहीं लोग गलत समझेंगे.
तो बोली- अकेले में तो मेरे नाम से ही बुलाओगे.
मैंने हाँ कर दी.

उस शाम बैठ के मैंने उसका फेसबुक अकाउंट बनाया और उसका एफबी फ्रेंड भी बन गया. अब अक्सर हम मैसेंजर पे भी चैट करते. नैना ने मुझे चैट पे अपने बारे में सब कुछ बताया.

एक दिन मुझे रात में बुखार आ गया, तो अगले दिन ऑफिस नहीं गया. मेरी गाड़ी घर पर ही खड़ी देख कर नैना पूछने आयी कि मैं ऑफिस क्यों नहीं गया.
मैंने बताया कि मेरी तबियत खराब है.
तो वो झट से वापिस गयी, चाय और बुखार की टेबलेट ले आयी.

हम दोनों चाय पी रहे थे. नैना मेरे पास ही बैठी थी. उसने ब्लू लोअर के ऊपर सफ़ेद रंग का कुरता पहन रखा था. सफ़ेद कुर्ते में से उसकी हल्के नीले कलर की ब्रा भी दिख रही थी. सामने से उसकी क्लीवेज दिख रही थी और दूध जैसे गोरे रंग के उरोज़ों की थोड़ी झलक भी मिल रही थी. इस टाइम मुझे नैना बहुत सेक्सी लग रही थी. शायद ये उसके सामीप्य का असर था या मैं काफी दिनों से घर नहीं गया था, जिससे मेरी जिस्म की भूख जाग रही थी. पर जो भी था, मैं उसके बूब्स को घूर रहा था.

ये बात नैना ने भी ताड़ ली थी, पर उसने बुरा नहीं माना. मेरे सामने चुटकी बजाते हुई बोली- ए मिस्टर, क्या देख रहे हो कहाँ खोये हो?
मैं सकपका गया और बोला- अरे कुछ नहीं यार.
तो वो हंसने लगी. मुझे आराम करने के लिए बोल कर वो चली गयी. जाते हुए बोली- मैं बाद में नाश्ता लाती हूँ.
मैंने बोला- अरे नहीं.
तो वो डांट लगा के बोली- चुपचाप लेटे रहो.

कोई एक घंटे बाद फिर से आयी और बोली- आ जाओ घर पे, ब्रेकफास्ट वहीं कर लेते हैं.

मैं भी उसके साथ उसके फ्लैट पे चल दिया. सुरभि कॉलेज जा चुकी थी और उसका बेटा भी स्कूल चला गया था.

हम दोनों ने ब्रेकफास्ट किया. मेरा ध्यान अब भी उसकी चूचियों पे था और वो इस बात को भली भांति समझ रही थी, पर बोल कुछ नहीं रही थी.
वो बोली- आज तुम घर पे ही हो, तो चलो शॉपिंग करने चलते हैं और डॉक्टर को भी दिखा आते हैं.
मैंने हामी भर दी.

दो घंटे बाद नैना तैयार होके आयी, तो उसे देख कर मैं तो पगला ही गया. उसने टाइट सफ़ेद कलर की पजामी और हल्के नीले कलर का कुरता पहन रखा था आंखों पे धूप का चश्मा. वो गज़ब सेक्सी लग रही थी. मेरा दिल तो बस उसे पकड़ के चोदने के लिए मचल रहा था.

वो बोली- तुम फिर खो गए?
तो मैंने बोला- क्या करूँ यार, तुम लग ही इतनी खूबसूरत लग रही हो.
वो हंसने लगी और बोली- सिर्फ खूबसूरत ही लग रही हूँ न.
मैंने बोला- नहीं, सेक्सी भी लग रही हो.
वो शर्मा गयी और बोली- ज्यादा बातें मत बनाओ और चलो.

हम मॉल में आ गए, पहले उसने कुछ किचन का जरूरी सामान लिया. फिर वो मॉल के लॉन्जरी सेक्शन में आ गयी.
मैं बोला- मैं यहाँ क्या करूंगा … तुम्हें जो लेना है, ले लो.
मैं जाने को हुआ, तो उसने मेरा हाथ पकड़ के खींचते हुए कहा- चुपचाप चलो.
मैं मज़बूरी में उसके साथ हो गया.

वो ब्रा देखने लगी. उसने दो तीन कलर्स की ब्रा उठाईं और मुझसे पूछने लगी कि इनमें से कौन सी वाली अच्छी है.
मैंने शरमाते हुए उसे डार्क ब्लू और ब्लैक कलर के लिए बोला, तो उसने वही ले ली साथ में मैचिंग पैंटी भी खरीद ली.

मैंने पैसे देने चाहे, तो उसने मना कर दिया. वो बोली- अगर पैसे ही खर्च करने हैं, तो अपने आप अपनी पसंद से ले आना … मैं ले लूँगी.
उसकी इस बात से मैं जरा भौंचक्का सा रह गया.

फिर उसने एक ड्रेस ली और हम खाना खाने के लिए मॉल के फ़ूड कोर्ट में आ गए.
खाना खाते हुए उसने पूछा- सुबह तुम मुझे इस तरह क्यों देख रहे थे?
तो मैंने भी बोल दिया- तुम लग ही इतनी सेक्सी रही थी, मैं तो क्या कोई भी खो जाता.
वो बोली- अच्छा जनाब रोमांटिक भी हैं.

मैं कुछ कहता तभी वो आगे बोली- मेरे पति तो नहीं खोते ऐसे.
मैंने बोला- जिसको हीरा आसानी से मिल जाए न … उसे उसकी कीमत नहीं पता होती, जिसको नहीं मिला होता, उसी को उसकी असली कीमत पता होती है.
वो हंसने लगी.

बातों बातों में उसने बताया कि अगले दिन मेरा जन्मदिन है, पर मैं किसके साथ मनाऊंगी … हस्बैंड तो ड्यूटी पे है. वैसे भी उन्होंने कभी मेरा बर्थडे सेलिब्रेट नहीं किया है.
इस पर मैंने बोल दिया- उदास क्यों होती हो … मैं हूँ न.

वहां से निकल कर मैं उसे सीधा एक बड़े फैशन स्टोर में ले गया और एक बढ़िया सी स्लीवलेस शार्ट घुटनों तक ड्रेस बर्थडे गिफ्ट के लिए दिलवाई.
वो बोली- मैं ऐसी ड्रेस पहन के कहाँ जाऊंगी, पति तो पहले ही खड़ूस है.
मैंने बोला- कोई बात नहीं … कल बर्थडे पे यही पहनना.
तो उसने चुपचाप वो ड्रेस ले ली और थैंक्स बोला.

हम घर पहुंचे, तो मैं अपने फ्लैट पे जा के सो गया.

रात को 8 बजे नैना ने मुझे डिनर के लिए जगाया. मैंने सुरभि और नैना के साथ डिनर किया. नैना चेंज करके पिंक नाइटी पहन के बाहर आयी. सुरभि सोने के लिए अपने रूम में चली गयी.

नैना बोली- बैठो थोड़ी देर कॉफ़ी पीते हैं. मैं ड्राइंगरूम में बैठ के टीवी देखने लगा. नैना दो कप कॉफी के ले के आ गयी और मेरे बगल में बैठ गयी.

इस वक्त पिंक कलर की नाइटी में वो गज़ब की सेक्सी लग रही थी. उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी थी, तो उसके निप्पल्स साफ़ दिखाई दे रहे थे. मेरे भी लोअर में हलचल होने लगी. मैंने अपने हथियार को बड़े मुश्किल से हाथ से नीचे किया. नैना ने भी कनखियों से ये सब देख लिया था और वो मंद मंद मुस्कराने लगी.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो मुस्कराने लगी और बोली- तुम बताओ … तुम्हें क्या हुआ है, सुबह से ही खोए हुए हो?
मैंने झेंप के आंखें नीची कर लीं.

नैना ने धीरे से मेरे हाथ पे हाथ रख दिया और बोली- होता है ऐसा!
इस हरकत के बाद वो मुस्कराने लगी.

मैंने कॉफी का कप टेबल पे रखा और जाने के लिए उठ खड़ा हुआ, तो नैना भी उठ गयी. वो मेरे इतने पास खड़ी हुई थी कि उसकी गर्म सांसें मेरे चेहरे से टकरा रही थीं. मैंने आगे बढ़ कर नैना को अपनी बांहों में ले लिया और उसके होंठों पे अपने होंठ रख दिए. नैना ने जरा सा भी विरोध नहीं किया, वो झट से मेरा साथ देने लगी. नैना मेरा ऊपर का होंठ चूसने लगी और मैं उसका निचला होंठ चबाने लगा.

हम दोनों काफी देर तक लिप लॉक करे रहे. फिर मैंने उसके होंठों से होंठ हटा के उसकी कान की लौ को चूमने लगा. नैना की आंखें बंद हो गयी थीं और वो आहें भर रही थी.

तभी वो बोली- रमित बस करो … सुरभि आ जाएगी.
मैंने उसकी बात को अनसुना कर दिया. एक बार उसे देखा और फिर से उसके होंठों को चूमने लगा. वो भी मेरा साथ दे रही थी. इस बार मेरा एक हाथ उसके बूब्स पे चलने लगा और उसका एक बूब मैंने हल्का सा प्रेस भी कर दिया.

वो सिसकी भरके बोली- प्लीज रमित … अभी नहीं, सुरभि घर पे है और राहुल भी है, कोई भी आ जाएगा.

मैंने उसे छोड़ दिया. पल भर के हम एक दूसरे की आंखों में देखा. नैना की आंखें लाल हो चुकी थीं, उनमें वासना तैर रही थी और इधर मैं भी इसी आग में जल रहा था. पर सुरभि और राहुल घर पे थे, तो कुछ नहीं कर सकते थे.

मैंने जाने लगा, तो नैना मेरा हाथ पकड़ के बोली- नाराज़ हो गए क्या?
मैंने बोला- नहीं … प्लीज मुझे जाने दो नहीं तो आज मुझसे कुछ गलती हो जाएगी.
नैना बोली- मुझे यूं ही प्यासी क्यों छोड़ के जा रहे हो?

मैंने कोई जवाब नहीं दिया और अपने फ्लैट में लौट आया.
 
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मैं अपने रूम में आया, मुठ मार के अपने को शांत किया और सो गया.

सुबह 7 बजे डोर बेल बजी, तो मैंने डोर खोला. सामने नैना चाय का कप हाथ में लिए मुस्कराती हुई खड़ी थी. मैंने अन्दर आने के लिए रास्ता छोड़ दिया, तो वो चाय का कप हाथ में पकड़ाते हुए बोली- प्लीज तुम राहुल को स्कूल छोड़ आओ, आज उसका ट्रिप दो दिन के लिए शिमला जा रहा है, स्कूल बस नहीं आएगी.

मैंने हाँ बोला, तो वो जाने को हुई.
मैंने उसे सॉरी बोला.
उसने पूछा- किस लिए?
तो मैंने बोला- वो रात को मैं थोड़ा बहक गया था, इसके लिए मुझे माफ़ कर दो.
मैंने साथ ये भी कहा कि मैं जल्दी ही कंपनी को बोल कर किसी दूसरी सोसाइटी में फ्लैट ले लूँगा ताकि बात यहीं दब जाए.
नैना बोली- ओह, तुमने तो रात में बहुत कुछ सोच लिया और तय भी कर लिया.
मैं चुप था.

वो फिर बोली- जाओ पहले राहुल को छोड़ आओ, फिर सुरभि के जाने के बाद ब्रेकफास्ट पे बात करेंगे.
यह कहते हुए वो मेरे थोड़ा नज़दीक आयी और लिप्स पे हल्का सा किस कर के हंसती हुई भाग गयी.

मैंने चाय खत्म की और शूज पहन के कार की चाबी उठाई, तो राहुल भी आ गया. मैं उसको छोड़ने चल दिया. वापिस आते हुए मैं दिमाग में तरह तरह के ख्याल आ रहे थे. कभी सोचता कि ये गलत हो रहा है. मैंने सिर्फ नैना से दोस्ती इसलिए की थी कि वो खुश रहे और उसकी गृहस्थी ठीक से चलती रहे. मैं बस उसका अच्छा दोस्त बन के रहना चाहता था, पर जो कल से अब तक हुआ था, वो दोस्ती से आगे बढ़ चुका था. एक तरफ ये भी ख्याल आया कि अगर नैना खुद ही मेरे साथ सोना चाहती है, तो क्या दिक्कत है. ऐसी सुन्दर और सेक्सी औरत को कोई भी चोदना चाहेगा. कभी सोचता पहले नीता … अब नैना ये सब क्या हो रहा है मेरे साथ.

इसी कशमकश में मैं सोसाइटी पहुंच गया. मैं फ्लैट में गया और ऑफिस जाने की तैयारी करने लगा. मैं नहा कर ऑफिस जाने के लिए रेडी हो गया, तभी नैना का कॉल आ गया कि ब्रेकफास्ट रेडी है, जल्दी आ जाओ.
मैंने उसे बोला- मैं फैक्ट्री में कर लूँगा.
तो वो बोली- चुपचाप आ जाओ, नहीं तो मार डालूंगी.

मैं चुपचाप उसके फ्लैट पे पहुंच गया, तो सुरभि भी कॉलेज जाने के लिए तैयार थी. वो क्या मस्त लग रही थी गहरे गले का लाल कलर का इतना टाईट टॉप मानो उसके चूचे टॉप को फाड़ के बाहर आ जाएंगे. लाइट स्काई ब्लू कलर की जीन्स की कैप्री, जो बिल्कुल उसकी टांगों के साथ चिपकी हुई थी, जिसमें से उसके उठे हुए चूतड़ बड़े मस्त लग रहे थे.
वो नैना से बोली- दीदी, मैं शाम को कॉलेज से सीधा माँ के घर करनाल जाऊंगी.
नैना बोली- मैं अकेली कैसे रहूंगी, राहुल भी नहीं है.
तो सुरभि बोली- अरे आज शनिवार है, जीजा आ जाएंगे और तुम पुलिस इंस्पेक्टर की बीवी हो, बहादुर लड़की बनो.

बस वो हंसते हुए बाय बोल कर चलने लगी. तभी उसने मेरे को गेट पर खड़ा देखा तो ठिठकी और मुझे बाय बोलकर चली गयी.
मैं अपने ख्यालों के भंवर से बाहर निकला, तो मुझे खुद पे बड़ी ग्लानि आयी कि रात मैंने नैना के साथ क्या किया और मैं उसकी बहन को ऐसे ताड़ रहा हूँ.

तभी नैना बोली- अरे बैठो न ब्रेकफास्ट ठंडा हो रहा है.
मैं बैठ गया और चुपचाप ब्रेकफास्ट करने लगा. हमने ब्रेकफास्ट खत्म किया, तो नैना बर्तन उठा किचन में चली गयी. मैं भी चाय का कप उठा कर उसके पीछे पीछे किचन में चला गया.

नैना बोली- कब जा रहे हो फ्लैट खाली करके?
मैंने बोला- जैसे ही कंपनी दूसरे फ्लैट का इंतज़ाम कर देगी.
नैना बोली- जा के दिखाओ, वहीं आके मार डालूंगी.
मैंने बोला- नैना वो रात को जो भी . …
तो वो बात बीच में काट के बोली- क्या रात को?
इतना कह के वो मेरे पास आ गयी और उसने मुझे जोर से हग कर लिया. वो कुछ देर इसी तरह मेरे से चिपकी रही, तो मेरे अरमान फिर से जागने लगे.

मैं बोला- मुझे फैक्ट्री जाना है.
वो अपने होंठ मेरे होंठों के करीब लाते हुए बोली- नहीं जाने दूँगी.
उसने मेरे होंठों पे अपने होंठ रख दिए. वो मुझे लिप किस करने लगी. मैं भी उसका साथ देने लगा. मेरे हाथ उसकी पीठ पे चलने लगे. मैंने उसके होंठ छोड़ के उसकी गर्दन पे किस करने लगा, मेरे होंठ उसकी गर्दन पे चलने लगे. फिर मैं उसके कानों की लौ को चूमने लगा. कभी हल्का सा काट लेता, तो वो सी सी करने लगती. उसकी बांहें मेरे कमर पे लिपटी थीं.

मैं उसकी गर्दन को चूमता हुआ, उसकी ब्रेस्ट पे किस करने लगा. फिर मैंने कुर्ते में से झाँक रहे उसके मम्मों पे किस किया. उसने ज़ोर से आह भरी. जब मैं उसके सीने पे किस कर रहा था तो नैंना मेरे बालों में हाथ फिराने लगी.

मैं उसको चूमना छोड़ कर सीधा हुआ और उसकी आंखों में देखा, तो उसने आंखों के इशारे से पूछा- अब क्या?
मैं बोला- नैना, मैं तुम्हारे बूब्स देखना चाहता हूँ.
वो थोड़ा मुस्करायी और अपने कुर्ते के दो बटन और खोल दिए. मैंने झुक के वहां किस किया और बोला- नहीं मुझे पूरी तरह देखने हैं.
वो बोली- देख लो … मैंने कब मना किया है.

मैंने जैसे ही उसका कुरता उठाने लगा, तो वो बोली- एक मिनट जाओ, मेनडोर लॉक कर आओ.
मैं गया डोर लॉक करके वापस आया देखा तो नैना किचन में नहीं थी. मैंने आवाज़ लगायी, तो वो बोली- मैं बैडरूम में हूँ, यहीं आ जाओ.

मैं बेडरूम में गया तो देखा नैना ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी फेस पे कुछ क्रीम लगा रही थी. मैंने जाके पीछे से उसे अपनी बांहों में ले लिया और उसकी गर्दन के पीछे किस करने लगा. कभी मैं उसके कानों की लौ चूम लेता, तो कभी उन्हें चूस लेता.

नैना की आंखें बंद थीं, मैंने अपने हाथ उसके मम्मों पे रख दिए और धीरे धीरे मसलने लगा. वो आहें भरने लगी. साथ ही में वो बोली- रमित क्या कर रहे हो? मैं तो रात से पागल हुई पड़ी हूँ तुम्हारा यूँ मेरे लिप्स पे किस करना मुझे पागल सा कर गया, मैं रात से आग में जल रही हूँ और तुम मुझे छोड़ के जाने की बात कर रहे हो.

मैं उसका कुरता ऊपर उठाने लगा, उसने अपनी बांहें ऊपर उठा के मुझे कुरता निकालने में मदद की. कुरता उतरते ही उसका दूध सा गोरा बदन मेरी आंखों के सामने था. मुझे शीशे में गहरी नीले रंग की ब्रा में कैद उसके बूब्स नज़र आ रहे थे. उसके 36 के साइज चूचे, जैसे ब्रा में से आज़ाद होना चाहते थे.

मैं उसके कंधों पे किस करने लगा और हाथों से उसके बूब्स मसलने लगा. मैं कंधों से किस करता हुआ पीठ पे आया. फिर उसकी ब्रा के हुक पे आ के रुक गया. मेरा इरादा जान कर वो घूम गयी.

मैं फिर से उसके होंठ चूमने लगा. मैंने फिर से उसके मम्मों पे किस किया.
वो बोली- ये तुम्हारी पसंद की ही ब्रा है कैसी लगी?
मैंने बोला- बहुत सेक्सी लग रही हो.
नैना बोली- अच्छा जी, अभी तो तुम इसे बिना देखे ही जा रहे थे.

मैंने उसे साथ बेड पे लिटा लिया और फिर से उसे चूमने लगा, उसके पेट पे चूमा, फिर उसकी नाभि में जीभ डाल के घुमाने लगा.

वो मेरी इस हरकत से और गर्म होने लगी. मैं चूमता हुआ उसकी कमर तक आ गया. अब मैंने उसका लोअर नीचे किया, तो उसकी वैस्ट लाइन पे किस करने लगा. किस करते करते मैं उसका लोअर भी नीचे की ओर खिसका रहा था. नैना भी अपने चूतड़ ऊपर उठा कर अपना लोअर निकालने में मेरी मदद करने लगी. मैंने उसका लोअर नीचे घुटनों तक कर दिया. नीचे नैना ने डार्क ब्लू रंग की ही पैंटी पहनी थी.
मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पे किस किया, तो नैना सिहर उठी और आह करने लगी.

मैं उसकी पैंटी लाइन के साथ साथ किस करने लगा और बीच में पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को भी चूम लेता. नैना इतनी गरम हो चुकी थी कि उसकी पैंटी उसकी चूत के पानी से गीली हो गयी थी. मैं लगातार उसकी जांघों पे चूम रहा था. मैंने उसे चूमते हुए उसका लोअर उसकी टांगों से अलग कर दिया. मैंने उसे पेट के बल लिटा दिया और उसकी टांगों की पिण्डलियों पे किस करने लगा. फिर उसकी जांघों के पीछे चूमता हुआ उसके चूतड़ों पे चूमने लगा. चूतड़ों से चूमता हुआ मैं पीछे को आ गया. अब मैं अपने होंठ उसकी पीठ पे रीड़ की हड्डी के साथ लगा कर चूमते हुए ऊपर की ओर बढ़ रहा था.

मेरे होंठ उसकी ब्रा की हुक पे आ के रुके, मैंने फिर उसे सीधा किया और उसके होंठों को चूमने लगा. नैना अपनी जीभ मेरे मुँह के अन्दर डाल रही थी. मैं उसकी जीभ चूसने लगा. वो मेरी जीभ चूसती रही और मैंने पीछे हाथ ले जा के उसकी ब्रा के हुक खोल दिए.

उसकी ब्रा खुलते ही ब्रा में कैद उसके दोनों चूचे उछल कर बाहर आ गए. मैंने उसकी ब्रा को अलग किया तो मेरे सामने दो बेहद खूबसूरत चूचे थे. बेहद गोरे मम्मे … उनके ऊपर दो भूरे रंग के निप्पल और निप्पलों के इर्द गिर्द भूरे रंग के सर्किल. मैंने देख कर बोला- ब्यूटीफुल!

मैंने धीरे से बारी बारी उसके निप्पलों पे किस किया. नैना ने किस पाते ही आह भरी. फिर मैं उसके बूब्स के इर्द गिर्द किस करने लगा. इसके साथ ही धीरे से मैं उसका लेफ्ट निप्पल को चूम के उसको चूसने लगा. कभी उसको अपने होंठों में दबा देता, तो कभी चूसता, तो कभी उसके पूरे बूब को मुँह में ले के चूसता.
ऐसे ही दूसरे बूब को भी चूसा.

नैना बोली- यार तुम कितने सॉफ्ट टच करते हो बूब्स को … और कितना सॉफ़्टली चूस रहे हो.
मैंने पूछा- तुम्हारा हस्बैंड नहीं चूसता क्या?
तो वो बोली- वो चूसता नहीं बस दबाता है … ज़ोर से ज़ोर से मसलता है, कभी इन पे दांत भी मार देता है, ऐसे ट्रीट करता है जैसे ये कोई टॉयज हों, पर तुम जैसे कर रहे हो रियली आई लाइक इट. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, मेरे सारे बदन में आग लग रही है.

मैं उसकी साइड में आके उसके बूब को चूसने लगा और एक हाथ मैंने उसकी पैंटी में डाल के उसकी चूत पे फिराने लगा. अब वो तेज़ी से आहें भर रही थी. उसका बूब पीते हुए मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत की दरार पे चलाने लगा. उसकी चूत गीली थी, फिर मैंने एकदम से अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी, वो चिहुंक उठी … पर मैंने उंगली नहीं निकाली और न ही उसके चूचुकों से होंठ हटाए.
मैं लगातार उसकी चूत की दरार पे उंगली फिरता रहा.

वो टांगें फैला कर गांड उठाते हुए बोली- दो उंगली से करो न!
मैंने वैसे ही किया और उसकी चूत के दाने को मसलने लगा, तो वो ज़ोर ज़ोर से उम्म्ह… अहह… हय… याह… करने लगी.

मैं उसका बूब छोड़ कर सीधा हुआ, तो उसने आंखें खोलीं और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी. मैंने खुद ही शर्ट उतार दी. वो मेरी जीन्स का बटन खोलने लगी और फिर जीन्स भी उतार दी. मैंने नैना के पेट पे चूमा और उसकी पैंटी उतारने लगा.

नैना ने थोड़ा ऊपर होके खुद ही अपनी पैंटी उतार दी और मैं उसकी बिल्कुल साफ़ चूत को देखने लगा. उसकी चूत पे एक भी बाल नहीं था. मैंने धीरे से उसकी चूत पे किस किया और फिर मेरे होंठ उसकी चूत की साइड पे चलने लगे. पहले नैना ने अपनी टांगें ज़ोर से बंद कीं, फिर उसे मज़ा आने लगा, तो उसने अपनी टांगें ढीली छोड़ दीं.

मैंने उसकी टांगों को खोल दिया और उसकी जांघों के अन्दर चूमने लगा. फिर मैंने उसकी चूत की एक फांक को होंठों से खोला और अपने होंठों में ले के चूसने लगा. फिर दूसरी फांक को अपने होंठों में भर लिया. अब मैंने अपनी जीभ उसकी चूत की दरार में रख दी और नीचे से ऊपर की ओर चलाने लगा और नीचे से ऊपर की तरफ पूरी चूत पर जीभ की खुरदुराहट से मजा देने लगा.

नैना एकदम से मचलने लगी. उसकी कमर मेरी जीभ के साथ चलने लगी, उह आह … की आवाजें कमरे में गूंजने लगीं.
अब नैना तड़फ रही थी. वो चुदासी सी बोली- अब अपना डाल दो प्लीज … मैं मर जाऊंगी.

मैं उसकी टांगों के बीच में से निकल कर साइड में आया, तो उसने मेरे जॉकी में से मेरा लंड पकड़ लिया और उसको मसलने लगी. साथ में बोली- बस अब सहन नहीं होता.

उसने मेरा जॉकी उतार दिया और मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, सो मैंने उसकी टांगों को फैलाया और अपने लंड को पकड़ के थोड़ा उसकी चूत के मुँह के अन्दर डाला, फिर धक्का मार के पूरा उसने लंड उसकी चूत के अन्दर डाल दिया.

उसके मुँह से ज़ोर के आह निकली, तो मैं थोड़ा रुक गया और उसके होंठों को चूसने लगा. थोड़ी देर बाद मैं धक्के मारने लगा और वो आह आह उह करने लगी.
अब मैं उसे स्पीड से चोद रहा था. वो बड़बड़ा रही थी- अह आह … कम ऑन रमित कर डालो अब.
मैंने बोला- क्या करूं?
वो बोली- जो कर रहे हो …
मैंने बोला- नहीं … मुझे बोल कर बताओ.
वो ना में सर मारने लगी.
मैं रुक गया, तो वो बोली- रुक क्यों गए … प्लीज करते रहो न.
मैंने फिर कहा- पहले बोल के बताओ क्या करता रहूँ.
तो उसने मेरे लिप्स पे किस किया, फिर बोली- जान मुझे चोदते रहो … मुझे चोद दो.

ये सुन कर मुझे भी जोश आ गया और मैं उसे तेज़ी से चोदने लगा. मेरे धक्के देने से उसके चूचे उछल रहे थे और वो उह आह उह कर रही थी. चोदने से फच फच्च की आवाजें आ रही थीं.

कोई दस मिनट उसको चोदने के बाद वो ज़ोर ज़ोर से बोलने लगी और मुझे खींच कर चिपकाने लगी, उसके नाखून मेरी पीठ में चुभ रहे थे.
वो बोली- आह … मुझे कुछ हो रहा है.
मैंने भी धक्का मारते हुए बोला- आह नैना मेरा भी निकलने वाला है … क्या मैं अपना लंड बाहर निकाल लूँ?
तो वो गिड़गिड़ाते हुए सी बोली- नो प्लीज अन्दर ही रहने दो … अन्दर ही डिस्चार्ज कर दो.

मैं भी आह आह करता हुआ उसके ऊपर गिर गया, उसने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और मैं उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया.

काफी देर हम ऐसे ही एक दूसरे से चिपक के लेटे रहे. फिर नैना ने आंखें खोलते हुए मुझे उसके ऊपर से हटने को बोला. मैं साइड हुआ तो नैना ने अपना सर मेरी छाती पे रख लिया और मेरी छाती पे अपनी उंगलिया फिराने लगी. मैं भी उसके बालों को उसकी पीठ को सहला रहा था.

फिर उसने ऊपर हो के मेरे होंठों पे किस किया. वो बोली- मुझे इससे पहले इतना प्यार और मज़ा नहीं मिला.
उसकी आंखों में अभी भी खुमारी थी. उसने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसे हिलाने लगी.
 
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मैंने पूछा- क्यों तुम्हारा हस्बैंड तुम्हारे साथ सेक्स नहीं करता?
वो बोली- करता है पर मुझे मज़ा नहीं आता.
मैंने फिर पूछा- क्या उसका लंड साइज में छोटा है या वो जल्दी डिस्चार्ज हो जाता है?
वो बोली- नहीं ऐसा भी नहीं है, उसका लंड काफी बड़ा और मोटा है. उसकी चुदाई से तो मेरी जान निकल जाती है. जब वो अपना मेरी चूत में डालता है और चोदना शुरू करता है, तो कम से कम मुझे एक बार में 20 मिनट तक चोदता है. मेरा पूरा शरीर दुखने लगता है.

मैंने बोला- फिर मज़ा ना आने की क्या वजह है और मेरे साथ क्यों मज़ा आया?
वो बोली- क्योंकि वो सिर्फ चुदाई करता है प्यार नहीं, कभी उसकी इच्छा की परवाह नहीं करता, कभी उसकी तारीफ भी नहीं करता, कभी उसके बूब्स को प्यार नहीं किया, चुसाई नहीं की. वो मुझे बेड पे भी वो रेस्पेक्ट नहीं देता, बस वो मुझे एक खिलौना समझ कर रौंद कर सो जाता है. मैं चमोत्कर्ष पे पहुंची या नहीं, मुझे मज़ा आया या नहीं … इन बातों का उसका कोई लेना देना नहीं है. बस अपना डिस्चार्ज करके सो जाता है. चुदाई के बाद उसने मुझे कभी किस तक भी नहीं किया.

मैंने उससे पूछा- जैसे मैंने तुम्हारी पुसी के साथ ओरल किया, क्या वो नहीं करता?
वो बोली- न कभी नहीं … ये तो मुझे ज़िदगी में पहली बार मज़ा मिला है, यहाँ तक की मेरा हस्बैंड तो मुझसे बोलता है जल्दी से लोअर खोल, तेरे को चोदना है. बस लोअर भी मैं खुद ही खोलती हूँ और वो मुझे पेल कर पानी निकाल कर सो जाता है. तुमने तो मेरा एक एक कपड़ा अपने हाथों से खोला है.

मैंने उसे चुम्बन किया.
नैना बोली- यू आर सो गुड इन लव. तुम्हारा मेरे हर अंग को चूमना चाटना मुझे बहुत अच्छा लगा.

यही सब बातें करते करते मेरा लंड फिर से टाइट हो गया था. वो देख के हंसने लगी, तो मैं उसके ऊपर आ गया.
नैना बोली- अभी नहीं थोड़ी देर रुको पहले चाय पीते हैं फिर.
मैं साइड हुआ तो वो बेड से नीचे उतर के कपड़े ढूंढने लगी.
मैंने कहा- ऐसे ही जाओ न चाय बनाने.
वो आंख मारके बोली- बहुत बदमाश हो आप.
मैं बोला- अच्छा सिर्फ कुरता पहन लो.

उसने ऐसा ही किया. नैना ने केवल कुरता पहन लिया. क्या मस्त लग रही थी वो … कुर्ते के नीचे उसकी नंगी गोरी गोरी जांघें बहुत सेक्सी लग रही थीं. वो किचन में चली गयी. मैं भी अपनी जॉकी और जीन्स पहन के उसके पीछे पीछे किचन में चला गया. मैंने पीछे से जा के उसे अपनी बांहों में भर ले लिया.
वो बोली- बाबू तुम चलो, मैं बस चाय ले के आयी.

हम दोनों चाय के कप ले के बेड पे आ गए. पहले चाय खत्म की, फिर एक दूसरे की बांहों में आ गए.
नैना मुझे किस करते हुए बोली- तुम लिप्स पे बहुत अच्छी तरह किस करते हो. मेरा पति तो उसका मुँह ही बंद कर देता है, सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है और कई बार तो दारू पी के किस करता है, तो मुझे उलटी आने को हो जाती है. पर तुम इतनी सॉफ़्टली करते हो कि मज़ा आता है.

मेरे हाथ नैना के चूतड़ों पे चल रहे थे, मैं उन्हें सहला रहा था, बीच में हाथों में भर के दबा भी देता.
नैना गर्म हो रही थी, वो बोली- अब मेरी बारी है तुम्हें मज़ा देने की.

नैना मेरी कमर के दोनों तरफ पैर करके मेरे ऊपर बैठ गयी और मेरी छाती पे हाथ फिराने लगी. फिर धीरे धीरे मेरे सीने की घुंडियों पे अपनी उंगलियां फिराने लगी. फिर वो नीचे झुक कर मेरे निप्पलों पे अपनी जीभ फिराने लगी. कभी मुझे दांतों से काटने लगी. मेरे मुँह से आह निकलने लगी.

तभी वो मेरे पेट को चूमते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगी. उसने मेरी जीन्स का बटन खोला और नीचे सरकाने लगी. मैंने भी उसका साथ दिया, तो उसने जीन्स मेरी टांगों से अलग कर दी. फिर नीचे की ओर हो कर उसने मेरे जॉकी के ऊपर से ही मेरे लंड पे चुम्बन लिया, फिर मेरा जॉकी खोलने लगी. नैना ने मेरी कमर पे किस करते हुए मेरे जॉकी को नीचे कर दिया, जिसमें से टाइट हो चुका मेरा लंड बाहर आ गया. उसने लंड को हाथ में पकड़ लिया और ऊपर नीचे करने लगी. फिर उसने अपना कुरता उतार के नीचे फ़ेंक दिया और झुक के उसने मेरे लंड को चूम लिया.

अब नैना मेरे लंड पे नीचे से ऊपर तक किस करने लगी. पहले उसने मेरे लंड के सुपारे को किस किया, फिर मुँह में लंड भर लिया. वो लंड को नीचे तक मुँह में लेती, फिर सुपारे को चूसती. नैना मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. मैं सातवें आसमान में उड़ रहा था. मेरे मुँह से ‘उफ़ आह हम्म..’ की आवाजें निकल रही थीं.

उसने मेरा लंड मुँह बाहर निकाला और बोली- क्यों पता लगा … तड़फ कैसी होती है?
उसने हंसते हुए फिर से मेरे लंड को मुँह में ले लिया.

मैंने हाथ बढ़ा कर उसके बूब्स पकड़ लिए, उसकी घुंडियों को मसलने लगा. उसने मेरे लंड को छोड़ा और ऊपर होकर अपनी चूत को मेरे लंड पे सैट कर दिया. वो मेरे लंड पे बैठने लगी. उसने पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और आगे पीछे होने लगी. उसकी आंखें बंद थीं और मैं उसके मम्मों को पकड़े हुए था.
फिर वो और नीचे झुक अपने मम्मों को मेरे होंठों पे रगड़ने लगी. मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में ले लिया और चूसने लगा. मैं बारी बारी उसके चूचे को चूसता.

कुछ देर बाद ऊपर से धक्के लगाती हुई नैना अब थकने लगी थी, तो मैंने भी नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए. मैं दोनों हाथों से उसके चूतड़ दबा रहा था और कभी कभी उसके चूतड़ों पे थपकी भी मार देता था.

वो हर धक्के पे उह आह कर रही थी. अब नैना पूरी तरह से थक चुकी थी, नीचे से धक्के लगाते हुए मैं भी. मैंने नैना को पोज़ बदलने के लिए बोला. अब मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को बोला, तो वो अपने घुटनों के बल आ गयी. मैं उसके पीछे आ गया, तो मैंने अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डाला और चोदने लगा. साथ साथ मैंने उसकी पीठ पे गर्दन पे कई चुम्बन लिए. अब मैं स्पीड बढ़ाने लगा. जब मेरी जांघें उसके चूतड़ों से टकराती तो बहुत मज़ा आता.

नैना फिर से गर्म हो चुकी थी तो उसने भी अपनी कमर आगे पीछे हिलानी शुरू कर दी. मैं उसकी कमर को पकड़ के तेज़ी से उसे चोदने लगा.
वो बोली- रमित, मेरा होने वाला है.
मैंने तभी अपना लंड बाहर निकाल लिया, तो वो बोली- क्या कर रहे हो?

मैंने उसे सीधा लेटने को बोला. वो झट से सीधी हुई, तो मैं उसके ऊपर आ गया और फिर से उसे चोदना शुरू कर दिया.
मैंने बोला- डिस्चार्ज होने का मज़ा तो इसी पोज़ में आता है.
वो बोली- करेक्ट जान.
नैना मेरे होंठ चूसने लगी. फिर हम बारी बारी एक दूसरे की जीभ चूसने लगे. दोनों हो आह आह करते साथ में झड़ गए.
मैंने नैना को ज़ोर से पकड़ लिया और अपना सारा माल उसकी चूत के अन्दर छोड़ दिया.

दो बार की चुदाई से हम थक चुके थे और एक दूसरे की बांहों में सो गए.

कोई दो बजे के आस पास नैना का फोन बजने लगा, तो उसकी नींद टूटी. नैना ने फ़ोन उठाया तो सुरभि का कॉल था. उसने नैना को बर्थडे विश किया और सुबह उसका जन्म दिन भूलने के लिए माफ़ी मांगी.

नैना फ़ोन सुन रही थी, तो मैंने अपना मुँह उसके बूब्स में छिपा लिया. नैना ने भी मुझे अपने साथ चिपका लिया.
नैना ने फ़ोन काटा और मुझसे बोली- रमित …
वो कुछ कहने ही वाली थी कि फ़ोन दोबारा बजने लगा, नैना ने फ़ोन उठाया तो बोली- ओह शिट …
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोली- हस्बैंड का फ़ोन है.
मैंने बोला- पिक करो.
उसने ओके बोला और मुझसे चिपक गयी और बोली- तुम मेरे बूब से खेलो, बस मेरी आह मत निकलने देना.

मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में ले लिया और वो अपने हस्बैंड से बात करने लगी.
जब उसकी बात हो गयी तो मैंने पूछा- क्या बोल रहे थे?
तो नैना ने बताया कि उनकी कोई ड्यूटी लग गयी है, तो वो आज नहीं आ पाएंगे. वो बोल रहे थे कि सुरभि को घर जाने से मना कर देना.

मैंने पूछा- तुमने बताया क्यों नहीं कि वो जा चुकी है.
नैना बोली- अरे जाने दो न … तुम हो न मेरे पास … आज हम साथ में रहेंगे क्या पता फिर ऐसा मौका मिले न मिले.
इतना बोल कर वो मुझसे चिपट गयी.

फिर वो बिस्तर से उठी और कपड़े पहन के बोली- मैं लंच बनाती हूँ.
उसने जल्दी से लंच रेडी किया, हमने साथ बातें करते हुए लंच किया.

शाम को मैं जाकर केक ले के आया, तो देखा नैना ने वही ड्रेस पहनी थी, जो मैंने उसे दिलवाई थी. उसमें वो बहुत सुन्दर और सेक्सी लग रही थी. नैना बहुत खुश थी कि किसी ने तो उसका बर्थडे सेलिब्रेट किया.

मैं शैम्पेन भी लाया था, हमने शैम्पेन पीते हुए डिनर किया और फिर बेड पे आ गए. नैना बहुत खुश थी, वो बोली- आज का दिन मेरे लिए हमेशा मेमोरेबल रहेगा, इससे पहले कभी भी इतना प्यार, ऐसा सेक्स नहीं मिला और ऐसे बर्थडे सेलिब्रेट नहीं किया. इट्स माय बेस्ट बर्थ डे..

यह कहते हुए नैना मुझसे चिपट गयी.
मैं उससे बोला- नैना ये सब ठीक नहीं है तुम्हारी अपनी गृहस्थी है, मेरी अपनी है. हम अपनों को यूँ चीट नहीं कर सकते.
वो बोली- तुम बताओ मैं क्या करूं, हस्बैंड घर में भी पुलिसिया रौब में रहते हैं.
मैंने उसे समझाया- तुम उन्हें प्यार से समझाओ, अपनी पसंद नापसंद बताओ यहाँ तक कि सेक्स करते हुए तुम्हें क्या अच्छा लगता है, क्या नहीं … खुल के बताओ. मैंने उसे समझाया कई मर्द अपनी बीवी से प्यार तो करते हैं, पर वो एक्सप्रेस नहीं कर पाते. शायद तुम्हारे पति भी ऐसे हों.
वो बोली- ठीक है मैं उनसे खुल के बात करूंगी.
मैंने बोला- तुम अपनी बात उनसे बिन डरे रखो, तुम्हारा कॉन्फिडेंस तुम्हारा प्यार देख कर वो समझ जाएंगे और तुम्हें भरपूर प्यार देंगे.
तभी नैना बोली- तुम्हारी ये बातें सुन के मुझे तुम पे और भी प्यार आ रहा है.

वो मुझे किस करने लगी, हमने फिर से सेक्स किया और एक दूसरे की बांहों में सो गए.

सुबह नींद खुली तो हमने चाय पी फिर मैं अपने फ्लैट पे आ गया.

इसके बाद भी मेरे और नैना के बीच में कई बार सेक्स हुआ, पर मैं उसे हमेशा उसके पति के करीब जाने के लिए मोटीवेट करता और वो भी कोशिश कर रही थी.

एक दिन ऐसे ही नैना के हस्बैंड यानी दिवेश जी आये हुए थे, तो वे रात को मुझे एक पब में ले गए और बोले- तुमसे एक जरूरी बात करनी है.
मैं भी चला गया, उनके साथ जाने में मुझे डर भी रहा था कि इन्हें कहीं कुछ शक तो नहीं हो गया.

बार में जा के उन्होंने मुझसे पूछा, तो मैंने उनके और अपने लिए वोडका का आर्डर दिया.
दिवेश जी बोले- यार तुम्हारी एक सलाह चाहिए.
मैंने कहा- आप बेहिचक हो कर बोलें?

तो वो बोले- मेरी नौकरी के बारे में तो तुम जानते ही हो, इस कारण मैं घर में भी वही पुलिसिया रौब में रहता हूँ, मैं बीवी से खुल के नहीं बोल पाता कि मैं कितना प्यार करता हूँ, नैना, सुरभि और राहुल मेरे सामने बहुत सहमे से रहते हैं. तुम मुझे कुछ सलाह दो, मैं क्या करूँ?
मैं बोला- पहले तो आप अपने काम और अपनी पर्सनल लाइफ को अलग रखिये, आपका काम आपकी ज़िन्दगी का एक हिस्सा है, ज़िन्दगी नहीं. दूसरा आप भाभी को रेस्पेक्ट दें, उनकी थोड़ी तारीफ करें, उनके साथ कुछ टाइम अकेले में स्पेंड करें, उनकी पसंद और न पसंद जानने की कोशिश करें. राहुल और सुरभि के साथ भी टाइम स्पेंड करें, उनके स्कूल, कॉलेज और फ्रेंड्स के बारे में उनसे बात करें … धीरे धीरे सब नार्मल हो जाएगा, आप टेंशन मत लें.
वो मेरी बात सुनते रहे.

मैं बोला- आप कुछ दिनों की छुट्टी के ले फैमिली के संग कहीं वेकेशन पे जाएं, आप और बाकी सब अच्छा महसूस करेंगे.
उस दिन के बाद दिवेश में काफी चेंज आया, जो नैना ने भी मुझे बताया.

एक दिन उसने बताया कि अब उसके पति मुझे बहुत प्यार करने लगे हैं, बिस्तर पे भी अब वो बहुत रोमांटिक होते हैं और मेरे साथ प्यार से ही सेक्स करते हैं. मेरी संतुष्टि के बारे में भी पूछते हैं.

दोस्तो, इससे एक बात तो समझ में आ गयी थी कि औरत केवल सेक्स ही नहीं चाहती, वो चाहती है प्यार, इज्जत, वो चाहती है कि उसका पार्टनर उसकी इच्छा, उसकी पसंद और नपसंद का ख्याल रखे. अगर आप सेक्स के बाद उस से प्यार से ट्रीट करते हैं, उसे अपनी बांहों में सुलाते हैं, तो अगर उसका डिस्चार्ज नहीं भी हुआ है, तो भी वो संतुष्टि महसूस करती है और अपने पार्टनर के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार रहती है.

अब नैना बहुत खुश थी. उसके पति का भी वापिस ट्रांसफर उसी शहर में हो गया था और उसने अब पुलिस हेड क्वार्टर में अपनी ड्यूटी लगवा ली थी. वो 9 से 5 की ड्यूटी करते हुए टाइम से घर आते और अपने फैमिली में ही टाइम बिताते.

मैंने भी जॉब चेंज कर ली और वो फ्लैट छोड़ दिया. जिस दिन मैं वापिस आ रहा था, तो नैना मेरे पास आयी. मुझसे चिपट के रोने लगी.
मैं बोला- नैना अपनी लाइफ में आगे बढ़ो … भूल जाओ हमारे बीच क्या हुआ.
उसने मुझे थैंक्स बोला और फ़ोन पे कांटेक्ट बनाये रखने के लिए बोला.

पर मैंने उसके बाद उसे कभी कॉल नहीं किया. क्योंकि मैंने जो किया मुझे उस पे बहुत आत्मग्लानि महसूस हुई. सो मैं भी सब कुछ के भूल के आगे बढ़ना चाहता था. पर ये इतना आसान नहीं था.

मैं हमेशा अपने आपसे पूछता हूँ कि क्या मेरे और नैना के बीच जो हुआ, वो ठीक हुआ या गलत, क्या रिश्ता था मेरा नैना से दोस्ती का … या सिर्फ जिस्म की भूख मिटाने का?
समाप्त
 
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