Incest उफ्फ मम्मी

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हमारा खानदानी ब्यापर था जवारत बेचने का पुरखो से चली आ रही है । हमारा एक जावारत का होलेशेल भी है जो की में शंभलता था दिन भर बैठा रहता था हिसाब देखता था बिल्कुल कोने में मेरा डेक्स था जब मर्जी सेक्स स्टोरी पढ़ता रहता था पोर्न देखता रहता था अपनी क्रेडिट कार्ड का भारी भड़कम बिल तो मेरी पोर्न वेबसाइट की सनक्रिब्शन और रेंट लेने में आ जाता था । मेरा नाम रोहित हे उम्र 23 साल काल 4 महीने मेरी शादी हुई है जिसका नाम रूहानी है जो एक सुंदर परी है में उससे बोहोत प्यार करता हूं वो भी करती है लेकिन उससे मेरा एक दिन बोहोत बड़ा जगरा हो गया और वो गुस्से में मायके चली गई । घर पर बबल मच गया पूरे घर वाले मुझे ही दोष दे रहा है मैने ही कुछ किया उसे बुरा भला कहा होगा । मगर असल कारण कोई नही जानता था सायद उसने भी नही बताई होगी मायके में अब तक ।



खाता पीता घर का था सुंदरता में कोई कमी भी नही था मुझसे अच्छी बॉडी सौदी बना ली इतना भी नही लेकिन हैंडसम हंक का टाइटल मिला था कॉलेज में । पढ़ाई था एक नंबर का गधा तो घरवालों को पता चला इसका पढ़ाई में कुछ नही होने वाला घरवालों ने काम पकड़ा और शादी करवा दी और बेटा अब पुस्तानी दुकान संभाल । एक लौटा औलाद था में सबसे छोटा सबसे लाडला । ताऊ चाचा ये सब भी थे उनके परिवार भी थे लेकिन उनके बेटे बेटी पढ़ाई में आब्बोल थे कोई पायलट भी गया कोई आईएएस की तैयारी कर रहा है कोई स्टेट में फास्ट आ कर नाम रोशन कर रहा था । दादा दादी भी थे बड़ा परिवार था हांडी में खाना बनता था ।





तो कारण ये था मेरी रूहानी मेरी रूह को छोड़ के चले जाने कारण मेरा बड़ा लन्ड । पता नही किसी पुण्य का वरदान मिला था या पाप का जब में 18 साल का था तब मेरा लन्ड भी आम इंसान की तरह ही साधारण था लेकिन फिर अचानक कूची दिनो में मेरा बढ़ गया इतना बढ़ा गया की 11 इंच का हो गया एक हाफ लीटर बॉटल जितना बड़ा लंबा मोटा हो गया । में खुश था की मेरा लन्ड बड़ा है मेरी बीवी खुश रहेगी। और में ऐसा था की में कुछ करने से पहले सोचता नही था जो दिल में कर देता था । बचपन से जो चाहा वो मुझे मिला है सायद इसका बुरा असर पड़ा मुझमें ।




रूहानी की बुर में जब में अपना लन्ड गहराई में उतारने की कशिश करता तो बुरी तरह दर्द में तिलमिला जाति और मुझे नोच के धकेल के दूर करती । वो कहती थी आधा डाल के करो लेकिन मुझे मजा आता था पूरा डाल के गहराई में उतर के लंबी लंबी धक्का मारने में । बस इसी बात को ले कर कहा सुनी होती रहती थी हमारी और एक दिन मैने कुछ ज्यादा जबरदस्ती की तो वो गुस्सा हुई और चली मायके।।।।।
 
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एक दिन की बात हे गुरुवार था । गुरुवार को मार्केट बंद रहता था उस एरिया का । दुकान भी बंद था कोई कर्मसारी नही था । लेकिन में दुकान के अंदर था शो रूम के पीछे स्टोर रूम था और वोही पर रेस्ट रूम था ।



तभी मेरी मम्मी वाहा आ गई ।






मम्मी सज धज के आई थी पिंक सारी ब्लाउज गोले पर हार हाथों में कंगन माथे बिंदी मांग में सिंदूर बोहोत खूबसूरत लग रही थी । 47 साल की उम्र में मम्मी की गोरी चिकनी त्वचा मुलायम मक्खन सी थी उम्र दिखता ही नही गोल सा चेहरा गोल गोल आखें मेरे लिए हूर की परी ही थी । मम्मी गदराइ हुई भारी बदन की थी लेकिन मोटी बेधंगी बिल्कुल भी नही थी । कलश की तरह आकर्षक जिस्म की आकार थी ।



मम्मी मुझे धुनते हुए वाहा पर आई " बेटा तुम यहां पर हो ""



में बिस्तर पर लेटा हुआ " हा मम्मी क्या हुआ "


मम्मी मेरे बगल में बैठ गई और मेरा सर सहला के बोली " तू यहां अकेला क्या कर रहा है तू ठीक तो हे ना बेटा "



मैने बोला " हा बिल्कुल ठीक हूं "


मम्मी बोली " नही तू ठीक नही है। बोल तू और रूहानी एक दूसरे से क्यू नाराज है क्या मचला हे तुम दोनो के बीच ""



मैने बोला "" कोई मचला नही उसका ही नखरा हे "


मम्मी बोली " बेटा ऐसा नही होता हे। बेटा अब में कैसे तुझे समझाऊं ।""


में बोला " क्यू क्या बात है"


मम्मी इधर उधर देखने लगी और थोड़ा हिचक कर बोलने लगी " देख बेटा पति पत्नी का रिश्ता प्यार का होता है। वो बेचारी अपना घर छोड़ कर पति का प्यार पाने के लिए ही आई हे और पति ही जब जंगली बर्ताब करेगा तो वो भला क्यों रहेगी तेरे साथ "


में उठ कर बैठ गया और मम्मी की आखों में देख कर बोला " ओह तो उसने बता दी शिकायत कर दी मायके में और मायका ससुराल में शिकायत कर रहा है । देखो मम्मी प्राब्लम मेरा नही उसका है वोही साथ नही दे पाती है तो में क्या करू में कोई जंगली बर्ताब नही करता । जुठी कही की "



मम्मी बोली " नही उसने ऐसा नही कहा हे। बेटा मेरा मतलब था की तुम्हारा कुछ ज्यादा ही । मतलब वो बच्ची हे धीरे धीरे आदत होगी उसे तुम्हे थोड़ा सबर रखना होगा । देख बेटा अंदर हमारी कोख रहती है वाहा पर अगर घाव हो गया इन्फेक्शन हो गया तो बड़ी बीमारी हो सकती है वो मां भी नही बन सकती है खतरा रहता है तुम समझो बात को।।।""




कहते कहते मम्मी की भी गाल लाल हो रहे थे शर्म की लाली शाह गई थी मेरा जो दिल किया वो मैने किया मम्मी को बाहों में भर लिया और मम्मी की गाल चूम कर प्यार से बोला " आई लव यू मम्मी आप बोहोत खूबसूरत हो मन कर रहा है आपको ऐसे ही देखता रहूं।""




मम्मी शर्मा गई और मेरा ठंडी पकड़ के बोली " आई लव यू मेरा बच्चा । तू समझ रहा है ना मेरी बातों को । देख लोग लोग बातें कर रहे है मेरी प्यारी बहु को ले आओ तुझे रूहानी जैसी दूसरी कही पर नही मिलेगी तुझे प्यार भी तो बोहोत करती है ना ।"



मैने मम्मी की आखों में देख कर बोला " मम्मी सच में मुझे आधा आधा मजा नही आता होता ही नही कंट्रोल किया बोहोत बार होता नही वैसे आप समझो मुझे "


मम्मी मेरा गाल सहलाते हुए बोली " नही बेटा मर जायेगी बच्ची । समझा कर प्लीज। धीरे धीरे तुझे भी आदत हो जाएगी "




बस मेरा दिल भर गया मम्मी की जिस्म की महक ने मुझे पागल कर दिया नर्म जिस्म की स्पर्च पागल कर दिया और मैने मम्मी की होठों पर किस कर दिया गहरा और गिला वाला मम्मी हैरान हो गई और झड़ दी एक थप्पड़ मेरे गाल पर में चनहह रह गया ।



मम्मी मुझे खा जाने वाली गुस्से से देखने लगि लगभग चिल्ला कर बोली " हो क्या गया है तुझे तेरी मां हूं में सगी मां पागल तो नहीं हो गया टू।।।।।"""
 
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Achi story hai mutu uuuufff devarrr ji💋💋💋 hhhhhhhhiiiiiii cccccccccccccc siiiiiiiiiiii babyyyyyyyy💋 jiiiiiiiiii aaaaahhhhhh
 
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मैने मुंह नीचे कर के मम्मी से बोला " सॉरी मम्मी मुझे आप अच्छी लगी "


मम्मी बोली " क्या मतलब अच्छी लगी ।"

में मुस्कुराया " मतलब की आप सुंदर लगी आप अभी भी इतनी जवान कैसे हो मम्मी क्या माल हो आप मम्मी """


मम्मी का प्रतिक्रिया देखने लायक था " सच में । तुम । तुम बेटा । तुम मुझे इतनी गंदी भाषा से व्यक्त कर रहे हो । तू बीमार है तेरा दिमाग विकृत हो गया है अब सही से समझ आ रहा है बहु क्यू तुझे छोड़ के चली गई।"




मम्मी ने पेड़ पटका और ताव में मुड़ कर जाने लगी तो मैंने उसकी हाथ पकड़ के अपनी छीने पर खींचा धम से मेरे छीने में टकड़ा गई । मम्मी घबरा गई मेरे रवैए से " छोड़ मुझे कर क्या रहा हे तू । किसी ने देख लिया तो लाज शर्म सब मिट्टी में मिल जायेगी । क्या कर रहा हे तू मुझे विस्वास नही हो रहा है "


मैने उनकी मुलायम कलाई छोड़ दिया और कहा " अच्छा ऐसी बात है तो ठीक है लो अब कोई नही देख सकता हमे " मैने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया "



मम्मी झुझुला गई " देखो में चिल्लाऊंगी हा "

में मुस्कुराया " अच्छा तब तो और मजा आयेगा जोर जोर से चिल्लाओ मम्मी ।।"



मम्मी घबरा रही थी माथे पे पसीना आखों में दर धीरे धीरे पीछे हट रही " बेटा मुझे सच में दर लग रहा है तू हैवान बन गया हे। होश में आ बेटा तुझे नही पता तू क्या करने जा रहा है तूने कोई नशा किया हे क्या । बेटा शांत हो जा जाने दे मुझे "



मम्मी ने पतली गली से निकलने की कशिश की तो मैने मम्मी को बिस्तर पर धक्का दे कर गिरा दिया मुंह के बल गिरी मम्मी मैने मम्मी की पीठ के ऊपर चढ़ गया और उसे पकड़ कर उनकी मखमली पीठ चूमने लगा " उन्ह्ह्ह मम्मी क्या खुशबू हे आपकी बदन की "




मम्मी चटपटा रही थी " बेटा छोड़ दे छोड़ दे रहम कर ऐसा नही करते बेटा प्लीज बेटा "




मैने मम्मी की चूचियां दोनो हाथों की पंजों में दबोचा । रोग रोग में मम्मी की ठोस चुचियों की मुलायम एहसास समा गया " उफ्फ मम्मी कितनी बड़ी तरबूज बना रखा हैं क्यू कभी मुझे इनका रस पीने को नही कहती मुझे "



मम्मी कराह रही थी " हाय बेटा छोड़ दे प्लीज छोड़ दे प्लीज "



मम्मी की बालों का जुड़ा खुल गया उनके बालों को एक तरह किया और गर्दन चूमने लगा दोनो हाथों से चूचियां दबाने लगा मम्मी उठने की कशिश कर रही थी अपने कमर से दबाव दे कर पकड़ के रखा जैसे ही गाल चूमने की कशिश करने लगा मम्मी तकिए पर मुंह इधर उधर घुमा के छुपाने लगी ।




में उठा और अपनी ती-चार्ट निकाल दिया । तब तक मम्मी भी उठ बैठ गई और मम्मी की नजर मेरी नंगी बदन पर पड़ी मम्मी की आंखे छोड़ी हो गई " ये कैसा छोट है कब लगी"



बाए छाती पर रूहानी की नाम का टैटू करवाया था लेकिन जब वो चली गई मुझे छोड़ के तब गर्म चाकू की नॉक से जला कर टैटू को मिटाया था चार ही दिन हुए थे घाव अभी भी ताजा था ।



मैने कहा " कुछ नही ऐसे ही " ।


मम्मी सोचते हुए अंदाज में बोली " यहां तूने रूहानी का नाम लिखा था ना । किस्से जला दिया । पागल हो क्या दर्द नही हुवा। छोटी मोटी झगड़े में ऐसा करता हे क्या "



मम्मी ने खुद अपनी मुलायम हाथों से मेरा जख्म छुआ और पूछा " दर्द हो रहा हे बेटा "



मैने कहा " नही शरीर में तो नही "



मम्मी प्यार से बोली " अच्छा ठीक हे मेरी बात सुनो बेटा । में समझ रही हूं तुम जवान हो कंट्रोन खो गए हो । होता है ऐसा तुम्हारी उम्र ही ऐसी हे लेकिन अपनी सोच पर काबू पाने की उम्र है तुम्हारी कोई 16 साल की आरियाल नही हो । ठीक है बात में बात करती हूं "
 
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मैने मम्मी की चेहरे को हाथों में लिया और मम्मी की आखों से आखें मिलाया " मम्मी सच बताओ मेरी कसम आपको में कैसा लगता हूं "



मम्मी ने भी धीरे से बोली " हरकतों से सकती कपूर लेकिन सकल से बिलकुल रोमांटिक इमरान हाशमी लग रहे हो "



ऐसा पल आया दोनो को होठों पर मुस्कान आ गए मैने मम्मी की दोनो बाजू पकड़ कर धीरे धीरे लिटा दिया मम्मी ने भी प्यार से कहा " नही बेटा प्लीज तुझे मेरी कसम प्लीज "



मैने भी कहा " बस एक किस मम्मी । आज की मॉडर्न दुनिया में इतना चलता है "




मम्मी ने कोई जवाब नही दिया मैने प्यार से उनकी लाल होठों पर अपना होठ रख दिया और फ्रेंच किस करने लगा एक हाथ से उनकी कमर पर घेरा और दूसरे हाथ उनकी विपरीत हाथों की उंगलियों पर उंगलियां फंसा कर उनकी होठ चूसने लगा पहले तो उन्होंने साथ नही दी लेकिन धीरे धीरे उन्होंने जीव आगे करी तो उनकी जीव से जीव लड़ा कर चूमने का आनंद बोहोत मजेदार था दोनो की आंखे मदहोशी में बंद थी ।




लगभग 15 मिनिट का किस तो था । जब किस टूटा मम्मी की आखों में शर्म दिखाई दी वो बार पलके जपका रही थी । पर थी अभी भी मेरी बाहों में सकून से मैने उसकी प्यारी चमकीला चेहरा चूम के उनकी आखों में देख के मुस्कुराया तो वो और ज्यादा शर्मा कर मेरी गाल पर थप्पड़ मार के थोड़ा मीठा गुस्सा दिखा के बोली " पिटेगा तू मुझसे "




मैने उनको अपनी बाहों में जोर से जकड़ा " अच्छा "


उनकी मुंह से घुट्टी हुई कराह निकली " आन्ह्ह्ह मार देगा क्या अपनी मम्मी को । पाल पोच के बड़ा किया अब अपनी ही मम्मी की ऊपर ताकत आजमा रहा हे"





मैने मम्मी की पीठ से ब्लाउज को बाहर की तरफ खींचा और ब्लाउज की हुक टूट के पीछे से फट गई । मम्मी हैरान थी " मेरी कीमती की ब्लाउज थी क्या किया तूने फाड़ दी "



मैने कहा " सिर्फ हुक टूटा हे लगवा लेना फटी नही हे "



मैने सामने से मम्मी की ब्लाउज खींच कर निकाल दी । मम्मी की ठोस मुलायम चूचियां पिंक ब्रा में कैद थी कसी हुई मानो थोड़ा और चुचियों पर पम्प कर दूं तो ब्रा फट के छिटक जायेगी । मैने मम्मी की चुचियों की गहरी घाटी पर मुंह डूबा कर चूमा और खुशबू ले कर मम्मी की गाल दातों में दबा कर बोला " अचानक मान कैसे गई हुंह", में मुस्कुराने लगा ।




मम्मी ने मेरा कान पकड़ा " तेरे पापा से आज कल मेरी बनती नही । ये भी नही चाहती की कोई बाहर मेरी जिस्म पर दबदबा रखे । तू अपना खून है तू खुद लूट तो सकता हे लेकिन मेरी इत्ज्जत बाहर नीलाम नही कर सकता । "




मेरी नजरिया ही बदल गई मम्मी को आड़े टेढ़े मुंह बना के देखने लगा " कुस देर पहले तो बड़ी सती सावित्री बन रही थी "



मम्मी ने मेंरा होठ धीरे धीरे चूम चूम कर कहा " incest फीलिंग तो सबमें होती हे । पता नही तूने छूवा तो हकीकत में अच्छा लगा । तुम्हारी कसम हा पहले तुम मुझे हैवान ही लगे लेकिन जब किस किया तो हम्मम "



मैने पूछा " हम्मम क्या "



मम्मी मुस्कुराई " हम्मम ये । प्यार करो हवास व्यस्यी पन दिखा तो सच में कभी चुने भी नही दूंगी """





मैने कोई जवाब नही दिया में उठा और अपना पेंट और अंडरवियर उतार दिया । मम्मी मेरा खड़ा लन्ड देख कर घूरने लगी " बेटा सच में ये तेरा हैवान ही हे देखो तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए "



सच में मम्मी की गुसबुंव आ गई थी । मम्मी उठ कर कमरे की लाइट बंद कर दी । अब कमरे में तो वेंटिलेशन था नही छोटा सा कमरा कही सी रोशनी आने की पारदर्शी नही थी । कमरा अंधेरा हो गया कुछ दिखाई नहीं दिया " मम्मी क्या कर दिया लाइट क्यू बंद कर दी"


मम्मी बोली " समझा कर में कॉम्फ्रोटेबल नही हूं तुम्हारे साठ पहली बार प्लीज बेटा "



में भी मान गया " अच्छा ठीक जो आप कहो मेरी प्यारी मम्मी "



मम्मी की मुस्कुराने की आवाज आई । में मम्मी को अंधेरे में धुनते हुए मम्मी की बाहों में गिरा मम्मी बिलकुल नंगी थी ।
 
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मम्मी ने भी अपनी दोनो टांगो से मेरी कमर को बंधा और मुलायम सिथोल बाहुपेश से मेरे गले में लिपट ली । दोनो जिस्म मिलते ही ईचचचछह आह्ह्ह्ह्ह की सिसकारी निकल आई दोनो की " उफ्फ मम्मी " " हा बेटा उम्ह्ह्ह्ह्ह"




मैने मम्मी की चूत को अपने खड़े लन्ड से मेहसूस कर के कहा " मम्मी आपका बदन तो तप रहा है"

मम्मी अपनी दोनो हाथों से मेरा लन्ड पकड़ के अपनी चूत की मुंह पर रख के रास्ता दिखाने लगी " ह्यूम्म बेटू आह्ह्ह्ह्ह"


मैने धीरे धीरे कमर से दबाव दिया " मम्मी इतनी जल्दी अपनी बुर पीना था मुझे तो आपकी बदन को चाट के खाना था "



मम्मी कराह उठी " आह्ह्ह्ह्ह नही गंदी बाते नही बेटू आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊउ बेटू इतना बड़ा उफ्फ "



मेरा लन्ड आधा अंदर घुसते हुए महसूस हुवा मैने दबाव दे कर पूरा लंद घुसा दिया मम्मी जोर से चीखती हुई मेरे कंधे पर हाथ रख कर ऊपर खिचक गई " बेटा बेटा नही नही हमारे अंदर इतनी जगह नहीं होती हे तुझे समझना पड़ेगा । मर जाऊंगी में समझो यही सच्चाई है उफ्फ बेटा ।"


मैने दुख झटा कर कहा " मम्मी जब तक मेरा पूरा झड़ तक घुसा हुवा मेहसूस नही होता तब तक वो मजा आता ही नही "



मम्मी बोली " नही तुझे ये समझना ही होगा । आदत डाल ले । आराम से करो अभी "



मम्मी ने फिर अपनी टांगे उठाई और मेरा होठ चूसने लगी तो में भी धीरे धीरे धक्के लगाने लगा । मजा तो आ रहा था । अपनी ही मम्मी को चोदने की हकीकत का एहसास बोहोत ही मजेदार था । दोनो को गर्मी बढ़ रही थी पसीना निकल रहा था बदन से सासों की गर्मी गूंज रही थी करने में ।




मम्मी की सिसकारियां बोहोत तेज हो रही थी " आआह्ह्हह्ह्ह बेटा । उफ्फ बेटा । उन्ह्ह् याह्ह्ह। आऊऊआऊ बेटा बोहोत बड़ा है बोहोत बड़ा हैं उन्ह्ह्ह बस सा सस आआह्ह्ह्ह्ह"



मम्मी ने मेरी कमर जोर से अपनी जांघो से जकड़ा और अपनी कमर थिरकने लगी आआुह्ह्ह आऊऊहह कर के घुट घुट कर मुंह से आवाज़ निकाल कर मेरी उत्तेजना को उजाल कर रही थी । मेरी बदन को सहला रही थी । मैने बोला " मूत दी आपने "



मम्मी की आवाज में शर्मीली मुस्कान थी "" हुंहहूहू। शैतान आई लव यू बेटु। "



मैने मम्मी की पसीने से गीली गाल चूम के बोला " मम्मी अब नहीं होगा करना हे जोर से हम्मम "


मम्मी बोली " तू नही मानेगा ना .। ठीक है घूमने दे मुझे "



मैने जगह दी मम्मी पेट के बल लेट गई और अपनी दोनो टांगे चिपका ली कस के और बोली " उम्न्ह्ह्ह "



मैने बोला " अंधेरे में कैसे डालू कमसे कम टांगे तो खोलो "


मम्मी बोली " खबरदार "



मुझे अच्छे से समझ आ गया मम्मी बड़ी नितंब मेरी लन्ड की लंबाई रोक देगी मुझे भी मस्ती भरा शरारत सुँझा और किसी तरह अंदाजे से मम्मी की चूत में लंद घुसाया और मम्मी की कंधे पर हाथ रख के जोर जोर से थाप थाप कर के ताकत जूता कर धक्के देने लगा । हर धक्के पर मम्मी उई बेटा ओन्ह्ह्ह्ह हो हो बेटा । आराम से आह्ह्ह्ह्ह उफुफु हु बेटा । आई हूं बेटा आराम से आह्ह्ह "



पर मैने धक्का देता रहा जब तक में थका नहीं मम्मी चिल्लाती रही बिस्तर कस के मुट्ठी कर । जब मेरा निकलने वाला हुआ मम्मी की एक टांग उठा कर घुमाया पीठ के बल और धीरे से धक्का दिया तो मेरा निकलने लगा में धम से मम्मी की ऊपर गिर गया मम्मी भी समझ गई और मेरी सर को पकड़ के प्यार झताने लगी ।




हाफ हाफ कर मैने हाथ लंबी कर के स्विचबोर्ड से लाइट जला दी । उफ्फ मम्मी पसीने से तड़बडर थी तृप्त बिखरी हुई हालत पर काम देवी लग रही थी । मम्मी प्यार भरी निगाहों से देखने लगि मुझे " वादा करो इसके बाद हमारे बीच में कुछ नही बदलेगा । तू मुझसे वैसा ही प्यार करेगा और वैसा ही इत्तजत करेगा "


मैने बोला " क्या बोल रही हो आप । मां बच्चो का प्यार तो फिक्स्ड हो जन्म लेटा कभी भी नहीं टूटता। जैसा था वैसा ही रहेगा लेकिन जब नंगी करूंगा तब बेइट्टजत कर चोदूंगा "


मम्मी मुस्कुराई " वो तो मर्दानगी हैं तुम्हारा प्यार होगा । वैसे एक टिप्स दूं तुझे । पीछे ज्यादा अंदर तक लिया जा सकता है लेकिन तुम्हे रूहानी को तैयार कर पड़ेगा एक दिन में नही होगा "



मैने मम्मी होठ चूम के बोला " अच्छा तो शुरुआत आपसे होगा आप तैयार हो "


मम्मी मेरा होठ प्यार से काट ली " शैतान। नही तुम्हारे लिए मुझे भी तैयार होना होगा "





तभी सासु मां की मम्मी की मोबाइल पर फोन आई । मैने कहा " लो आ गई एक और माल की फोन । ये भी बड़ी झांकास। बोहोत जल्द इसकी भी लूंगा "



मम्मी हंस पड़ी " धेत्त्त बदमास। वैसे माल तो है में मदद करूंगी तू टेंशन ना ले बेटा "



मम्मी फोन रिसीव करना चाहती थी लेकिन मैने माना कर दिया " अभी नही मम्मी बाद में बात करना दो घंटे तक पकाएगी । मम्मी कितना अच्छा होगा ना एक ही बिस्तर पर आप रूहानी और सासु मां भी नंगी होगी और में आप तीनो की लूंगा "



मम्मी मेरा गाल काट ली " बेशरम। कुछ भी ऐसा नही होता हे हम दोनो का अलग होगा । "



में मम्मी की कंधा चूमने लगा मम्मी विरोध करने लगी " छी पसीना है नहीं। हटो में नहाने जा रही हूं पूरा गंदा कर दिया तूने "



में जोर से जकड़ के बोला " अभी तो चुरुवात हे अभी तो और रस निचोड़ के पिऊंगा मम्मी "



मम्मी कराह उठी दोनो एक दूसरे की होठों पर टूट पड़े ।













समाप्त
 
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मम्मी ने भी अपनी दोनो टांगो से मेरी कमर को बंधा और मुलायम सिथोल बाहुपेश से मेरे गले में लिपट ली । दोनो जिस्म मिलते ही ईचचचछह आह्ह्ह्ह्ह की सिसकारी निकल आई दोनो की " उफ्फ मम्मी " " हा बेटा उम्ह्ह्ह्ह्ह"




मैने मम्मी की चूत को अपने खड़े लन्ड से मेहसूस कर के कहा " मम्मी आपका बदन तो तप रहा है"

मम्मी अपनी दोनो हाथों से मेरा लन्ड पकड़ के अपनी चूत की मुंह पर रख के रास्ता दिखाने लगी " ह्यूम्म बेटू आह्ह्ह्ह्ह"


मैने धीरे धीरे कमर से दबाव दिया " मम्मी इतनी जल्दी अपनी बुर पीना था मुझे तो आपकी बदन को चाट के खाना था "



मम्मी कराह उठी " आह्ह्ह्ह्ह नही गंदी बाते नही बेटू आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊउ बेटू इतना बड़ा उफ्फ "



मेरा लन्ड आधा अंदर घुसते हुए महसूस हुवा मैने दबाव दे कर पूरा लंद घुसा दिया मम्मी जोर से चीखती हुई मेरे कंधे पर हाथ रख कर ऊपर खिचक गई " बेटा बेटा नही नही हमारे अंदर इतनी जगह नहीं होती हे तुझे समझना पड़ेगा । मर जाऊंगी में समझो यही सच्चाई है उफ्फ बेटा ।"


मैने दुख झटा कर कहा " मम्मी जब तक मेरा पूरा झड़ तक घुसा हुवा मेहसूस नही होता तब तक वो मजा आता ही नही "



मम्मी बोली " नही तुझे ये समझना ही होगा । आदत डाल ले । आराम से करो अभी "



मम्मी ने फिर अपनी टांगे उठाई और मेरा होठ चूसने लगी तो में भी धीरे धीरे धक्के लगाने लगा । मजा तो आ रहा था । अपनी ही मम्मी को चोदने की हकीकत का एहसास बोहोत ही मजेदार था । दोनो को गर्मी बढ़ रही थी पसीना निकल रहा था बदन से सासों की गर्मी गूंज रही थी करने में ।




मम्मी की सिसकारियां बोहोत तेज हो रही थी " आआह्ह्हह्ह्ह बेटा । उफ्फ बेटा । उन्ह्ह् याह्ह्ह। आऊऊआऊ बेटा बोहोत बड़ा है बोहोत बड़ा हैं उन्ह्ह्ह बस सा सस आआह्ह्ह्ह्ह"



मम्मी ने मेरी कमर जोर से अपनी जांघो से जकड़ा और अपनी कमर थिरकने लगी आआुह्ह्ह आऊऊहह कर के घुट घुट कर मुंह से आवाज़ निकाल कर मेरी उत्तेजना को उजाल कर रही थी । मेरी बदन को सहला रही थी । मैने बोला " मूत दी आपने "



मम्मी की आवाज में शर्मीली मुस्कान थी "" हुंहहूहू। शैतान आई लव यू बेटु। "



मैने मम्मी की पसीने से गीली गाल चूम के बोला " मम्मी अब नहीं होगा करना हे जोर से हम्मम "


मम्मी बोली " तू नही मानेगा ना .। ठीक है घूमने दे मुझे "



मैने जगह दी मम्मी पेट के बल लेट गई और अपनी दोनो टांगे चिपका ली कस के और बोली " उम्न्ह्ह्ह "



मैने बोला " अंधेरे में कैसे डालू कमसे कम टांगे तो खोलो "


मम्मी बोली " खबरदार "



मुझे अच्छे से समझ आ गया मम्मी बड़ी नितंब मेरी लन्ड की लंबाई रोक देगी मुझे भी मस्ती भरा शरारत सुँझा और किसी तरह अंदाजे से मम्मी की चूत में लंद घुसाया और मम्मी की कंधे पर हाथ रख के जोर जोर से थाप थाप कर के ताकत जूता कर धक्के देने लगा । हर धक्के पर मम्मी उई बेटा ओन्ह्ह्ह्ह हो हो बेटा । आराम से आह्ह्ह्ह्ह उफुफु हु बेटा । आई हूं बेटा आराम से आह्ह्ह "



पर मैने धक्का देता रहा जब तक में थका नहीं मम्मी चिल्लाती रही बिस्तर कस के मुट्ठी कर । जब मेरा निकलने वाला हुआ मम्मी की एक टांग उठा कर घुमाया पीठ के बल और धीरे से धक्का दिया तो मेरा निकलने लगा में धम से मम्मी की ऊपर गिर गया मम्मी भी समझ गई और मेरी सर को पकड़ के प्यार झताने लगी ।




हाफ हाफ कर मैने हाथ लंबी कर के स्विचबोर्ड से लाइट जला दी । उफ्फ मम्मी पसीने से तड़बडर थी तृप्त बिखरी हुई हालत पर काम देवी लग रही थी । मम्मी प्यार भरी निगाहों से देखने लगि मुझे " वादा करो इसके बाद हमारे बीच में कुछ नही बदलेगा । तू मुझसे वैसा ही प्यार करेगा और वैसा ही इत्तजत करेगा "


मैने बोला " क्या बोल रही हो आप । मां बच्चो का प्यार तो फिक्स्ड हो जन्म लेटा कभी भी नहीं टूटता। जैसा था वैसा ही रहेगा लेकिन जब नंगी करूंगा तब बेइट्टजत कर चोदूंगा "


मम्मी मुस्कुराई " वो तो मर्दानगी हैं तुम्हारा प्यार होगा । वैसे एक टिप्स दूं तुझे । पीछे ज्यादा अंदर तक लिया जा सकता है लेकिन तुम्हे रूहानी को तैयार कर पड़ेगा एक दिन में नही होगा "



मैने मम्मी होठ चूम के बोला " अच्छा तो शुरुआत आपसे होगा आप तैयार हो "


मम्मी मेरा होठ प्यार से काट ली " शैतान। नही तुम्हारे लिए मुझे भी तैयार होना होगा "





तभी सासु मां की मम्मी की मोबाइल पर फोन आई । मैने कहा " लो आ गई एक और माल की फोन । ये भी बड़ी झांकास। बोहोत जल्द इसकी भी लूंगा "



मम्मी हंस पड़ी " धेत्त्त बदमास। वैसे माल तो है में मदद करूंगी तू टेंशन ना ले बेटा "



मम्मी फोन रिसीव करना चाहती थी लेकिन मैने माना कर दिया " अभी नही मम्मी बाद में बात करना दो घंटे तक पकाएगी । मम्मी कितना अच्छा होगा ना एक ही बिस्तर पर आप रूहानी और सासु मां भी नंगी होगी और में आप तीनो की लूंगा "



मम्मी मेरा गाल काट ली " बेशरम। कुछ भी ऐसा नही होता हे हम दोनो का अलग होगा । "



में मम्मी की कंधा चूमने लगा मम्मी विरोध करने लगी " छी पसीना है नहीं। हटो में नहाने जा रही हूं पूरा गंदा कर दिया तूने "



में जोर से जकड़ के बोला " अभी तो चुरुवात हे अभी तो और रस निचोड़ के पिऊंगा मम्मी "



मम्मी कराह उठी दोनो एक दूसरे की होठों पर टूट पड़े ।













समाप्त
Sexy story Mutu devar ji ❣️💯💯💯
 
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