Erotica आँचल की अय्याशियां

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कुछ दिनों बाद , आँचल ने अपने पति सुनील के साथ बोरिंग सेक्स लाइफ को थोड़ा चटपटा बनाने के लिए सेक्सी लिंजरी खरीदने का इरादा किया . उसने सेक्सी लिंजरी पहनकर रात में सुनील को सरप्राइज देने की सोची.
इसके लिए वो एक इंपोर्टेड अंडरगार्मेंट शॉप में गयी .

वहाँ सॅटिन टेडी देखकर वो उसका साइज़ वगैरह चेक करने लगी तभी किसी ने उसका नाम पुकारा. उसने मुड़कर देखा तो पीछे किमी खड़ी थी . किमी ने उसको अपने आलिंगन में लिया और गाल पर किस किया.

फिर आँचल के हाथ में सॅटिन टेडी देखकर बोली, " आँचल तुम इसे पहनकर बहुत सेक्सी लगोगी".
आँचल मुस्कुरायी, फिर सेल्सगर्ल से बोली थोड़ा बड़ा साइज़ दो.

किमी – " आँचल डियर, पिछले हफ्ते मैंने भी यही साइज़ लिया था जो मुझे बिल्कुल फिट आया. वैसे भी ये बदन ढकने के लिए नही बल्कि दिखाने के लिए होती है."

उसकी इस बात पर आँचल शरमा गयी.

किमी – "आँचल तुम्हारा फिगर बहुत सेक्सी है और चेहरा भी कामुक है तुमको ज़रूर मॉडलिंग करनी चाहिए. "

किमी के साथ आँचल को कुछ अजीब सा फील होता था. किमी बहुत सेक्सी थी और आज उसने टाइट टीशर्ट और टाइट पैंट पहना हुआ था. टाइट टीशर्ट में उसकी बड़ी चूचियां बाहर को निकली हुई थी. आँचल ने पेमेंट किया और जाने को हुई.

तभी किमी ने उसे रोका और बोली, "आज साथ ही लंच करते हैं."

आँचल थोड़ा हिचकिचाई लेकिन किमी ने उसकी बाँह पकड़ी और शॉप से बाहर आ गयी. बाहर आकर उसने बताया की पहले उसे समीर यहीं पर मिलने वाला था लेकिन अब वो उसे सीधे कॉफी शॉप पर आने को बोलेगी. इससे पहले की आँचल विरोध कर पाती , उसने समीर को फोन करके वहाँ आने को बोल दिया.
आँचल को थोड़ा घबराहट हुई लेकिन समीर और किमी के साथ टाइम बिताने को मिलेगा ये सोचकर एक्साइट्मेंट भी हुई. लेकिन वो सुनील को क्या बोलेगी ? सुनील ने तो उसे समीर से दूर रहने को बोला था.

ये सब ख़याल उसके दिमाग़ में आए. फिर उसने सोचा समीर के साथ लंच करने में कोई हर्ज़ नही .
तभी किमी ने उसका हाथ दबाया , " समीर कल जा रहा है और उसके पास अभी गाड़ी नही है , इसलिए हमे ही उसे पिकअप करना पड़ेगा.चलो चलते हैं ."

किमी कार में बैठ गयी और आँचल ने कार ड्राइव की . रास्ते भर किमी बातों बातों में आँचल की बाँहों , उसके बालों और गालों को टच करते रही. वो क्या बात कर रही हैं इन पर तो आँचल ने ज़्यादा ध्यान नही दिया पर उसके टच करने को वो सब समझ रही थी. जब वो दोनो समीर के अपार्टमेंट में पहुँचे तो किमी टॉयलेट चली गयी , अब आँचल समीर के साथ अकेली रह गयी.

समीर ने उसका हाथ पकड़कर उसके गाल पर किस कर लिया और बोला, " आँचल तुम साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही हो ."

बोलते समय वो आँचल की चूचियों और नाभि पर नज़रें गड़ाए हुए था. फिर उसने आँचल को सोफे पर अपने पास बिठा लिया. आँचल ने उसकी मर्दाना गंध को महसूस किया और उसके इतने नज़दीक़ बैठने से उसको उत्तेजना भी हुई और वो शरमा गयी.

उसके इस तरह शरमाने से उत्साहित समीर ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया और उसके बालों और बाँहो को सहलाने लगा. वो बहुत डॉमैनेटिंग नेचर का था आँचल उसके सामने बिल्कुल दब गयी और उसको मना नही कर पाई. वो डरी हुई थी लेकिन साथ ही साथ एक्साइटेड भी थी.

आँचल के चेहरे को सहलाते हुए वो बोला " आँचल तुम्हारा चेहरा बहुत सेक्सी है तुमको तो मॉडल बनने के बारे में सोचना चाहिए."

फिर वो अपना चेहरा आँचल के पास लाया , आँचल ने सोचा वो किस करना चाहता है , उसने होंठ किस के लिए थोड़ा खोल दिए . तभी किमी कमरे में आ गयी और आँचल झटके से समीर से अलग हो गयी. उसने किमी की ओर देखा. वो जानती थी की किमी ने सब देख लिया है. आँचल टॉयलेट का बहाना बनाकर वहाँ से चली गयी.

टॉयलेट में उसने ठंडे पानी से अपना मुँह धोया और अपने आप को सम्हालने की कोशिश की. उसको समीर पर बहुत गुस्सा आया की वो उसको कठपुतली की तरह जैसे चाहे वैसे कैसे नचा सकता है. उसको मालूम था की आँचल शादीशुदा औरत है फिर भी उसके बदन को हाथ लगा रहा था और किस भी कर ही देने वाला था. आँचल उसको मना कर ही नही पा रही थी. अगर किमी नही आती तो ना जाने क्या हो जाता.

लेकिन समीर के साथ किस और चुदाई के बारे में सोचकर उसको बहुत उत्तेजना आई. उसकी पैंटी गीली हो गयी. उसने अपने ऊपर ज़्यादा कंट्रोल करने की सोची लेकिन उसका जिस्म हॉर्नी फील कर रहा था. टॉयलेट से जब वो बाहर आई तो सामने का नज़ारा देखकर हकबका गयी.

किमी समीर की बाँहो में थी और समीर उसके मुँह में जीभ घुसाकर उसे चूम रहा था. उसके हाथ किमी के नितंबों को मसल रहे थे और वो अपने पैंट के अंदर खड़े लंड को उसके पेट पर रगड़ रहा था.

आँचल को देखकर किमी समीर से अलग हो गयी और मुस्कुराते हुए सफाई देने लगी , " कल समीर जा रहा है इसलिए आज हमारा साथ में अंतिम दिन है ."

आँचल को उनका प्रेमालाप देखकर ईर्ष्या हुई .

वो बोली , " मेरे ख़याल से तुम दोनो प्रेमियों को अकेले छोड़कर मुझे चले जाना चाहिए."

समीर और किमी दोनो ने एक साथ "नही " बोल दिया.

किमी शरारत से मुस्कुराते हुई बोली , " समीर ने मुझे प्रॉमिस किया है की वो मुझे आज सारी रात सोने नही देगा ."

समीर सारी रात किमी को चोदेगा , इस ख़याल से आँचल का मुँह लाल हो गया . उसका पति सुनील दो धक्के लगा के सो जाता था और दो-तीन दिन में एक बार ही चुदाई उसके लिए बहुत थी और यहाँ सारी रात चुदाई की बात हो रही है.

किमी आँचल के पास आई और उसके कान में फुसफुसा के बोली, " तुम्हें यहाँ देखकर समीर हॉर्नी फील कर रहा है".

आँचल का चेहरा ये सुनकर शरम से लाल हो गया , किमी को हँसी आ गयी.

फिर आँचल का चेहरा अपने हाथों में लेकर बोली , " आँचल तुम्हे देखकर मैं भी हॉर्नी फील करती हूँ . मैं तुम्हे टेस्ट करना चाहती हूँ ."

फिर उसने अपने होंठ आँचल के होठों पर रख दिए और उसको किस करने लगी. आँचल ने कोई विरोध नही किया. फिर किमी ने आँचल की बाँह पकड़ी और वो तीनो कॉफी शॉप में लंच के लिए निकल पड़े.

कॉफी शॉप में पहुँचकर आँचल ने देखा की सभी की निगाहें उन्ही की ओर हैं. किमी ने टाइट टीशर्ट पहनी हुई थी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियों पर सबका ध्यान था. आँचल खुद उनको देखना और फील करना चाह रही थी .

किमी को मालूम था की आँचल उससे बहुत प्रभावित है . वो आँचल के चूतरस को चखने के लिए मरी जा रही थी.

किमी आँचल के पास ही बैठी थी और बहाने से बार बार उसको टच कर रही थी. जिससे वो उत्तेजित होती रहे. लेकिन समीर चुपचाप था . वो सोच रहा था आज इस टीज़िंग बिच को चोदने का बहुत बढ़िया मौका है.

उसने देख लिया था की आँचल भी किमी की तरफ आकर्षित है , इससे उसके प्लान में फायदा ही होगा. आँचल को चोदने के ख़याल से उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. लंच के दौरान समीर और किमी , आँचल को मॉडलिंग के लिए उकसाते रहे. वो दोनो उसके फिगर , सुंदर चेहरे की तारीफों के पुल बांधते रहे.

किमी इस दौरान आँचल के बदन को , उसके चेहरे को टच करने का कोई मौका नही छोड़ रही थी. अपनी तारीफ सुनकर आँचल खुश हो गयी और किमी की हरकतों को नज़रअंदाज़ करती रही. लेकिन उत्तेजना से उसकी पैंटी गीली हो गयी थी और उसका चुदाई का बहुत मन कर रहा था.

उन दोनो ने आँचल को कुछ मॉडलिंग एजेन्सीस और फोटोग्राफर्स के नाम भी बताए. लंच के बाद जब समीर पेमेंट करने लगा तो आँचल ने पाया की वो अपना पर्स तो समीर के कमरे में भूल आई है.
 

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समीर के कमरे में पहुँचकर आँचल ने अपना पर्स उठाया और जाने लगी. लेकिन समीर ने कुछ फोटो लेने की ज़िद करी और अपने बेडरूम में कैमरा लेने चला गया. किमी ने आँचल को सोफे पर अपने पास बैठा लिया और उससे बातें करने लगी. उसने आँचल से कहा की वो उसे फिर दुबारा ज़रूर मिलेगी और उसको कुछ अच्छे फोटोग्राफर्स के पास ले जाएगी. तब तक समीर भी वापस आ गया और उन दोनो से फोटोस के लिए कुछ पोज़ बनाने को कहा. तुरंत किमी ने पोज़ के बहाने आँचल को अपने आलिंगन में ले लिया और उससे चिपटने लगी. उस मॉडल को अपने से चिपटता देखकर आँचल से भी रहा नही गया वो भी किमी के बदन में हाथ फिराने लगी. अब तो किमी को ग्रीन सिग्नल मिल गया उसने आँचल के रसीले होठों को चूमना शुरू कर दिया और उसके होठों के बीच जीभ डालकर मुँह के अंदर घुमाने लगी. आँचल को इससे पहले कभी किसी ने ऐसे किस नही किया था .किमी की कामुकता से वो भी अपने उपर काबू नही रख सकी और उसका पूरा साथ देने लगी.
अब किमी आँचल के कान , उसके गालो और गले में चूमने और दाँत से हल्के हल्के काटने लगी. आँचल के बदन में मानो आग सी लग गयी. समीर उन दोनो की इस कामलीला को अपने कैमरा में क़ैद कर रहा था वो भी ये सब देखकर बहुत उत्तेजित हो गया था. उसने फटाफट अपने कपड़े उतार फेंके और अपने मोटे लंड को हाथ में पकड़कर हिलाने लगा. फिर उन दोनो के बीच में घुसकर दोनो औरतों को अलग कर दिया. समीर का नंगा गठीला जिस्म और मोटे लंड को देखकर आँचल घबरा गयी. उसके दिमाग़ ने कहा " समीर मुझे मत चोदो , मैं शादीशुदा औरत हूँ." लेकिन उसके मुँह से निकला " ओह, समीर तुम्हारा कितना बड़ा है ….""आँचल डार्लिंग, डरो मत . इसे अपने हाथ में पकड़ो ये तुम्हें काटेगा नहीं." समीर बोला. फिर उसने आँचल का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. आँचल ने फड़कता हुआ लंड पकड़ा और उसकी पैंटी में चूत से रस बहने लगा. उसका गला सूख गया. आँचल को घबराया हुआ देखकर किमी ने समीर के लंड को अपने होठों में ले लिया . पर समीर आज आँचल को ही चोदना चाह रहा था , उसने किमी को हटा दिया और उससे कैमरा पकड़ने को कहा. फिर समीर ने आँचल की पीछे से गर्दन पकड़ ली और उसके मुँह के पास लंड लगा दिया. आँचल का ना चाहते हुए भी मुँह खुल गया. आँचल को विरोध ना करते देखकर समीर की बाछें खिल गयी और उसने धीरे धीरे आँचल के मुँह में लंड घुसा दिया.

आज दूसरी बार आँचल लंड चूस रही थी . पहली बार मायके में नौकर रामू का चूसा था. उसका पति सुनील ये सब काम नही करता था सिर्फ़ मिशनरी पोज़िशन में आँचल के ऊपर चढ़ के चुदाई कर लेता था. समीर आँचल के मुँह में लंड अंदर बाहर करता रहा और जब उसको लगता की आँचल का दम घुट रहा है तो वो लंड मुँह से बाहर निकालकर उसके गालो पर रगड़ने लगता. आँचल को भी अब मज़ा आ रहा था वो मन लगाकर लंड चूसने लगी. उधर किमी उन दोनो की फोटो खींचती रही. आँचल के सेक्सी चेहरे में समीर का लंड देखकर उत्तेजना से उसको अपने को सम्हालना मुश्किल हो रहा था, उसको लग रहा था ओर्गास्म आने ही वाला है. आँचल ने समीर के नितंबों को अपने दोनो हाथों से पकड़ रखा था और वो लंड के साथ साथ उसकी गोलियों को भी चूस रही थी. समीर को लगा की वो अब झड़ने ही वाला है , उसने आँचल को रोक दिया और उससे पूछा की उसे लंड चूसने में मज़ा आ रहा है ? आँचल मुँह में लंड होने की वजह से कुछ नही बोल पाई, बस हाँ में सर हिला दिया. इस नयी नवेली दुल्हन को कोई विरोध ना करते देख समीर बहुत खुश था.

फिर समीर ने उसके सर को दोनो हाथ से पकड़कर उसका मुँह चोदना शुरू कर दिया. पहले धीरे धीरे फिर तेज तेज स्ट्रोक्स लगाए. कुछ देर बाद उसने आँचल का मुँह वीर्य से भर दिया. उसका दम ना घुट जाए इसलिए समीर ने अपना लंड मुँह से बाहर निकाल लिया. इससे आँचल के चेहरे, बाल, कंधे, ब्लाउज, साड़ी सब जगह वीर्य की बूंदे गिर गयी. आँचल जितना वीर्य निगल सकती थी उतना उसने निगल लिया फिर भी कुछ उसके होठों से बाहर बहने लगा. अचानक किमी कैमरा छोड़कर आँचल का मुँह, चेहरा चूसने लगी . उसने भी आँचल के चेहरे और मुँह से समीर का वीर्य चाट लिया. आँचल को दूसरी बार वीर्य का स्वाद चखने को मिला था . उसे वीर्य की हर एक बूँद बहुत अच्छी लगी.आँचल की पैंटी अब चूतरस से पूरी गीली हो चुकी थी. थोड़ा रस जांघों को भी गीला कर चुका था. जब किमी उसको किस करने लगी तो उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी. उसने किमी की टाइट टीशर्ट को फाड़कर उसके सर के ऊपर से निकाल दिया. फिर किमी की गुलाबी रंग की लेसी ब्रा से एक चूची बाहर निकालकर उसके बड़े से निप्पल को मुँह में भर लिया.

बिना ब्रा उतारे बड़ी चूची बाहर निकालने से किमी को ब्रा कस गयी उसने आँचल को एक तरफ हटा दिया और अपनी ब्रा उतार ली. अब उसकी बहुत बड़ी बड़ी चूचियां खुली हवा में लटकने लगी. आँचल उन पर टूट पड़ी और उन्हे अपने हाथ और मुँह में भरने लगी. आँचल की कामुकता देखकर समीर अब और देर बर्दाश्त ना कर सका. उसने दोनो औरतों को खींचकर अलग कर दिया. आँचल को गोद में उठाकर अपने बेडरूम में ले गया. बेडरूम में पहुँचकर उसने आँचल का ब्लाउज फाड़ दिया और किमी ने आँचल के बाकी कपड़े उतारने में उसकी मदद की. आँचल की गीली लेस वाली पैंटी को समीर ने उतारने की बजाए फाड़कर फेंक दिया. उसने देखा आँचल की चूत के होंठ उत्तेजना से फूल गये हैं और क्लाइटॉरिस बिल्कुल तन चुका है. आँचल की चूत के उपर काले बाल छोटे छोटे थे, शायद उसने कुछ दिन पहले ही साफ़ किए होंगे. आँचल की गोरो गोरी मक्खन जैसी जांघें और फूली हुई चूत के गुलाबी होंठ देखकर समीर उत्तेजना से पागल हो गया. वो समझ गया था की आँचल भी चुदाने को बिल्कुल रेडी है. उसने आँचल को पीठ के बल लिटा दिया और उसकी टाँगे पकड़कर अपने कंधों पर रख ली. फिर उसने अपने लंड को आँचल की तपती चूत के छेद पर लगाया और सुपाड़े को अंदर धकेल दिया. आँचल ने कभी इतना मोटा लंड अपनी चूत में नही लिया था. ये उसका अपने पति सुनील के अलावा दूसरा ही लंड था जो उसकी चूत में घुसा था. अभी समीर के लंड का सिर्फ़ सुपाड़ा ही अंदर गया था और उसकी चूत के बाहरी होंठ पूरे खींच चुके थे. आँचल दर्द से चिल्लाई , " आ …प्लीज़ समीर बाहर निकालो, मैं इतना मोटा नही ले सकती." उसके माथे पर पसीना आकर उसके चेहरे पर बहने लगा. आँचल बहुत घबरा गयी .वो चिल्लाई , " ओई मा…एयाया…तुम मेरी चूत फाड़ रहे हो ……….उईईईईई……..माआआअ….".
वैसे तो आँचल की शादी को दो महीने हो गये थे लेकिन उसकी चूत इतना स्ट्रेच कभी नही हुई थी. वो समीर के हाथ जोड़ने लगी प्लीज़ मुझे छोड़ दो. समीर को ऐसा लग रहा था जैसी वो किसी कुँवारी लड़की की टाइट चूत को चोद रहा है . इससे उसकी उत्तेजना और भी बढ़ गयी और जोश दुगना हो गया. आँचल ने किमी से प्रार्थना करी की वो समीर को रोके. अब घबराहट से उसकी गीली चूत भी सूख चुकी थी और उसको डर था की बिना ल्यूब्रिकेशन के सूखी चूत में मोटे लंड से और भी दर्द बढ़ जाएगा. समीर ने अपने लंड का सुपाड़ा बाहर निकाल लिया . उसमे थोड़ा थूक लगाया और फिर से आँचल की चूत में डाल दिया. थोड़ी देर तक वो ऐसा ही करते रहा. सिर्फ़ सुपाड़ा घुसाता फिर निकाल लेता.थोड़ी देर बाद आँचल को सुपाड़े से दर्द होना बंद हो

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गया. अब समीर ने धीरे धीरे लंड को और अंदर डालना शुरू किया. जब आधा अंदर घुस गया तो फिर उतने को ही धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा. कुछ पल बाद आँचल भी उत्तेजना से अपने नितंबों को ऊपर को उछालने लगी . अब फिर से उसका चूतरस निकलने लगा. उसने समीर की पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए और उसे तेज तेज स्ट्रोक लगाने को कहने लगी. किमी ने उससे पूछा , "आँचल , तुम्हें कैसा लग रहा है ? " आँचल सिसकारियों के बीच बोली, " ऊ ..आअहह…ही इस फक्किंग मी सो नाइस्ली, इट फील्स सो गुड…."

अब समीर ने तेज़ी से स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए. उसकी गोलियाँ आँचल की उठी हुई गांड से टकराने लगी. ठप ठप ठप की आवाज़ पूरे बेडरूम में गूंजने लगी. दोनो के बदन पसीने से लथपथ हो गये. आँचल की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूंजने लगी. आँचल उसके जबरदस्त स्ट्रोक्स से रोमांचित हो गयी और अपनी जिंदगी में पहली बार उसको चुदाई का भरपूर आनंद मिल रहा था. समीर धक्के लगाए जा रहा था और आँचल को ओर्गास्म आने ही वाला था , ये देखकर समीर ने उसे तड़पाने के लिए अचानक धक्के लगाना बंद कर दिया.
 
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1661867144712.pngआँचल चिल्लाई , " यू बास्टर्ड , धक्के बंद क्यों कर दिए. प्लीज़ धक्के लगाओ , आई ऍम कमिंगम्मींगगगग ….फक मी …….चोदो मुझे …कमीने तुम शुरू से मुझे चोदना चाहते थे
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…अब रुक क्यूँ गये…….ओइईईईई..आह……ओइइ…माआअ…" समीर ने मुस्कुराते हुए फिर जोरदार धक्के लगाने चालू किए…कुछ पलों बाद आँचल को ओर्गास्म आ गया …."ओइइ….माआआ…अहह….ओह….माआआ…."
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अब समीर भी ज़्यादा देर रुक नही पाया और उसने आँचल की चूत को अपने वीर्य से भर दिया. फिर वो आँचल के बगल में बिस्तर में गिर पड़ा. उधर किमी का काम लगाने वाला कोई नही था बेचारी खुद ही अपनी क्लाइटॉरिस को रगड़कर ओर्गास्म लाने की कोशिश कर रही थी. समीर और आँचल की चुदाई ख़त्म होते ही वो झट से आँचल के फूले हुए चूत के होठों पर मुँह लगाकर चूतरस पीने लगी. चूत के अंदर जीभ डालकर उसने चूतरस के साथ साथ समीर का वीर्य भी चाट लिया. फिर वो आँचल की क्लाइटॉरिस को जीभ से टीज़ करने लगी जिससे आँचल की सिसकारियाँ निकल गयी. आँचल की चूत को इससे पहले कभी किसी ने नही चाटा था. वो उत्तेजना से अपने नितंबों को किमी के मुँह पर उछालने लगी.
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उधर किमी को भी मज़ा चाहिए था उसने आँचल के मुँह पर अपनी चूत रख दी और 69 की पोज़ में आ गयी. आँचल समझदार थी जल्दी ही 69 का मज़ा भी सीख गयी और कुछ ही देर में दोनो औरतों को जबरदस्त ओर्गास्म आया.
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दोनो सेक्सी औरतों की कामुकता देखकर समीर का लंड फिर से खड़ा हो गया. उसने आँचल को किमी से अलग कर दिया . फिर पास में पड़ी कुर्सी में बैठ गया और आँचल से अपनी गोद में बैठने को कहा. आँचल ने उसके लंड को अपनी चूत पर लगाया और धीरे धीरे नीचे को बैठ गयी. जब लंड पूरा अंदर घुस गया उसके बाद समीर , आँचल की गोरी गोरी चूचियों को चूमने , चूसने और उन पर हल्का दाँत से काटने लगा. "आँचल अच्छा लग रहा है ? " समीर ने पूछा. हालाँकि समीर हल्के हल्के से धक्के लगा रहा था लेकिन आँचल एक और ओर्गास्म के करीब थी . उसके मुँह से निकला , "अहह…..तुम …….उम्म्म..…तुमने….ओह…..तुम्हारे लंड ने मेरी चूत को पूरा भर दिया है …….उउम्म्म्ममम……" और उसको जल्दी ही ओर्गास्म आ गया.
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फिर समीर ने किमी से पीछे से आँचल के कंधे पकड़ने को कहा और खुद उसने आँचल के नितंब पकड़ लिए . अब वो खड़ा हो गया , लंड अभी भी आँचल की चूत में ही था. अब आँचल हवा में लटकी हुई थी. कंधे किमी ने पकड़े हुए थे और नितंबों से समीर ने पकड़ा हुआ था. समीर ने धीरे धीरे चूत में धक्के लगाने शुरू किए. आँचल को हवा में लटके हुए ही झटके लगने लगे. समीर ने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी ,
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उसके साथ ही आँचल की सिसकारियाँ भी बढ़ती चली गयी ……..ह…………अन्णन्न्……….…उगगगगगगग…..कुछ देर बाद उसको एक जबरदस्त ओर्गास्म आया और पूरा कमरा उसकी चीखों से गूंजने लगा. तभी समीर ने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और किमी की सहायता से आँचल को बेड पर लिटा दिया. आँचल अभी भी सिसकारियाँ लेने में थी. उसकी ऐसी जबरदस्त चुदाई पहले कभी नही हुई थी. समीर ने किमी की गर्दन के नीचे दो तकिये लगाए और खुद उसके पेट के दोनो तरफ पैर डालकर बैठ गया और उसकी बड़ी बड़ी चूचियों के बीच अपना लंड घुसाकर चूची-चुदाई करने लगा . वो किमी की चूचियों से होते हुए उसके मुँह में भी लंड घुसा दे रहा था. आँचल ने पहले कभी ऐसी चूची-चुदाई नही देखी थी. समीर को किमी की बड़ी चूचियों को निचोड़ते मसलते देखकर वो रोमांचित हो उठी. अब समीर ने आँचल और किमी को पास पास लिटा दिया और उनकी गांड के नीचे एक एक तकिया लगाकर चूत को थोड़ा उठा दिया. आँचल की बायीं और किमी की दाहिनी टांग हवा में उपर उठा दी. फिर उसने आँचल की चूत में लंड घुसाकर तगड़े स्ट्रोक्स लगाने शुरू किए. फिर आँचल की चूत से लंड निकालकर बगल में लेटी किमी की चूत में लंड घुसेड दिया. समीर बारी बारी से दोनो को चोदते रहा. आँचल और किमी को दुगना मज़ा आ रहा था क्योंकि अगल बगल लेटे होने से जब एक चुद रही थी तो दूसरी को भी उसी लय में धक्के लग रहे थे. दोनो सिसकारियाँ लेने लगी और समीर उन्हे चोदते रहा. जल्दी ही दोनो औरतों को एक और ओर्गास्म आया . जब समीर को लगा की अब वो झड़ने वाला है तो उसने उनकी टाँगे नीचे कर दी और अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया. फिर वो आँचल की चूचियों के उपर बैठ गया और उसके मुँह में लंड घुसा दिया. आँचल के सुंदर चेहरे को अपना लंड चूसते देखकर उसे बहुत आनंद मिला. जब उसने पहली बार आँचल को देखा था तब से ही उसकी आँचल के मुँह में लंड घुसाने की इच्छा थी. कुछ देर बाद उसने आँचल के मुँह में अपना वीर्य भर दिया और इस बार अपना लंड मुँह से बाहर नही निकाला . आँचल का दम घुटने लगा पर समीर वीर्य की धार उसके मुँह में छोड़ते रहा. कुछ पलों के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और लंड को उसके सेक्सी चेहरे और बालों पर रगड़ने लगा . फिर उन दोनो के साथ वो भी बेड पर ही लेट गया लेकिन उन दोनो के बदन को चूमते और दांतो से काटते रहा. थोड़ी देर बाद आँचल उठ गयी और पेशाब करने के लिए टॉयलेट चली गयी. उसकी चूत से अभी भी वीर्य टपक रहा था. उसने टॉयलेट के मिरर में देखा की उसके बालों , चेहरे और बदन में काफ़ी जगह पर वीर्य लगा हुआ है . उसने अपना मुँह धोया और सर के बालों से वीर्य निकालने की कोशिश की पर जहाँ तहाँ चिपका होने से अच्छी तरह से साफ़ नही हो पाया और बाल सब उलझ गये. अब मैं इस हालत में घर कैसे जाऊँगी , इस बास्टर्ड ने बुरी गत बना दी है , आँचल ये सब सोचने लगी. अपने बालों का वो बहुत ख़याल रखती थी और दिन में बहुत वक़्त उनकी देखभाल में लगा देती थी अब उनकी ये हालत देखकर वो रुआंसी हो गयी. उसकी गर्दन, गालों , चूचियों और बदन में कई जगह पर चूसने, काटने से लाल रंग के निशान पड़ गये थे और होंठ भी सूज़ गये थे. ("उपर - नीचे" दोनो जगह के ) आँचल ने सोचा , जब तक ये निशान मिट नही जाते मुझे कोई बहाना बनाकर सुनील से दूर ही रहना पड़ेगा. जब उसने घड़ी में देखा तो शाम के 5 बज चुके थे. उसका पति सुनील शाम 7 बजे के बाद ही घर वापस आता था तब तक उसको घर पहुँचकर नहा धो लेना था. वो लोग लगभग पिछले 3 घंटे से चुदाई कर रहे थे. इतना टाइम कब बीत गया उनको पता ही नही चला. आँचल जल्दी से टॉयलेट से बाहर आई और घर जाने के लिए अपने कपड़े ढूंढने लगी. कपड़े फर्श पर पड़े थे वो झुककर उन्हे उठाने लगी , जिससे उसकी बड़ी नंगी गांड हवा में ऊपर को उठ गयी. जब समीर ने उसे झुके हुए देखा तो जल्दी से बेड से उठा और उसकी बड़ी गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला , " साली तेरी बड़ी गांड को चोदने का तो चान्स ही नही मिला ."



आँचल ने देखा की समीर का लंड फिर खड़ा हो गया है. समीर की गंदी बातें सुनकर और अपनी गांड पर थप्पड़ मारने और उसे मसलने से आँचल फिर से उत्तेजित होने लगी. लेकिन बोली, " नही समीर प्लीज़, सुनील घर आता ही होगा . अभी मुझे जाने दो . मैं प्रॉमिस करती हूँ फिर किसी दिन तुम अपनी इच्छा पूरी कर लेना, प्लीज़ अभी जाने दो." फिर वो अपने कपड़े उठाने लगी. लेकिन जब उसने साड़ी उठाई तो वो कुछ जगह पर फटी हुई थी और वीर्य के धब्बे भी लगे हुए थे. ब्लाउज और पैंटी के भी दो टुकडे हो गये थे. उसे रोना आ गया. किमी ने उसे अपने कपड़े देने चाहे पर वो साड़ी नही पहनती थी . उसके पास सिर्फ़ मॉडर्न ड्रेस थी. वही वाली ब्लैक ड्रेस जो उसने पार्टी में पहनी हुई थी. आँचल के पास कोई चारा नही बचा था. उसे वही छोटी सी ड्रेस पहननी पड़ी वो भी विदाउट पैंटी. उसके सूज़े हुए निप्पल साफ दिख रहे थे और वो ड्रेस उसकी गांड पर बिल्कुल टाइट हो रही थी. उसे लग रहा था की इस ड्रेस से ढक तो कुछ रहा नही है ऊपर से पैंटी ना होने से कहीं चूत ना दिख रही हो. फिर वो कार ड्राइव कर के घर को चली गयी पर रास्ते में रेड सिग्नल पर रुकते समय उसको लग रहा था सब उसके खुले जिस्म को ही घूर रहे हैं. घर पहुँचकर उसने मन ही मन प्रार्थना की, " हे भगवान , सब अपने कमरे में ही हो. कोई मुझे ना देखे." लेकिन उसकी नौकरानी रेखा उसके ही कमरे में सफाई कर रही थी और वो दोनो एकदम से आमने सामने हो गये. आँचल शरमा गयी और उसने रेखा को वहाँ से जाने को कहा. रेखा ने देख लिया मेमसाब की क्या हालत है. साड़ी पहन के गयी थी और ऐसे छोटे कपड़ों में वापस आई है. दिखने से ही बहुत चुदी हुई लग रही है. वो आँचल को ऊपर से नीचे तक घूरने लगी और फिर मुस्कुराते हुए बाहर चली गयी. बेचारी आँचल!!!
लेकिन कोई और भी था जिसने ये सब देखा था. कौन था भाई ?




आँचल का ठरकी ससुर और कौन .



आँचल को पता नही चला पर उसके ससुर ने भी उसको अंदर आते हुए देख लिया था . वो अपने बेडरूम से ताकाझाँकी कर रहा था हमेशा की तरह. जब उसने भी आँचल की हालत और छोटे कपड़े देखे तो वो भी समझ गया बहू आज किसी से चुदाकर आई है . अब वो अपना दिमाग़ भिड़ाने लगा की इस जानकारी का फायदा मैं कैसे उठाऊ. एक और बात थी जो आँचल को पता नही थी. उसकी समीर के साथ चुदाई और लंड चूसते समय लिए गये फोटोज , जिनका उसके खिलाफ इस्तेमाल हो सकता था. आँचल ने तबीयत का बहाना बनाकर कुछ दिन सुनील को अपना बदन नही देखने दिया ताकि वो उसके जिस्म पर बने निशान ना देख ले. चेहरे और गर्दन के निशान उसने थोड़ा मेकअप से ढक लिए. मन ही मन सुनील भी खुश था की आजकल सेक्स से थोडा ब्रेक मिल रहा है. वरना तो थक के आओ और फिर बीवी की सेक्स की डिमांड पूरी करो. उसे बिल्कुल खबर नही थी की उसके कज़िन समीर ने उसकी बीवी की क्या गत बनाई थी.

लेकिन आँचल ने अपने ससुर और आया रेखा के , अपने प्रति व्यवहार में बदलाव महसूस किया. अब उसके ससुर की हिम्मत बढ़ गयी थी और वो बहाने से उसकी बाँह, चूचियाँ और गांड को छूने की कोशिश करने लगा था. आँचल उसके साथ इनसेक्यूर महसूस करने लगी और उससे दूरी बनाने की कोशिश करने लगी. अब जब भी वो ताश के पत्ते खेलने को कहता या उसके नज़दीक़ आने की कोशिश करता तो वो कुछ ना कुछ बहाना बना देती. इससे वो संस्कारी बुड्ढा चिढ गया . उसने देखा था की कैसे उस दिन उसकी बहू बुरी तरह से चुद के आई थी . अब वो भी उसे चोदना चाहता था. नौकरानी रेखा भी अब आँचल के मुँह लगने लगी थी. कभी उसकी लिपस्टिक, कभी परफ्यूम लगा लेती. कभी मूवी जाने के लिए रुपये मांगती. लेकिन आँचल को मालूम था की ये सब तो सहन करना ही पड़ेगा. अगर उसने बड़ी चीजो के लिए मुँह खोला तो फिर वो क्या करेगी ? कभी कभी उसको समीर और किमी के साथ बिताए दिन की याद करके गिल्टी फील भी होने लगता था. उसी दिन की वजह से आज ये रेखा सर चढ़ी है. वो समीर और किमी को ब्लेम नही करती थी क्योंकि उन्होने तो सिर्फ़ उसकी कमज़ोरी का फायदा उठाया था , अगर वो अपने ऊपर कंट्रोल कर पाती तो वो दोनो कुछ नही कर सकते थे. वो पूरी तरह से खुद ही ज़िम्मेदार थी .वो इस बात से खुश थी की किमी ने उसको फोन नही किया था, वो किमी को अवॉयड ही करना चाह रही थी. वैसी उस दिन जमकर हुई चुदाई से वो पूरी तरह से सैटिस्फाइड थी लेकिन उसने प्रण किया की ऐसा रिस्क वो अब नही लेगी. और सुनील के साथ वफ़ादार बने रहेगी. उस दिन समीर ने कंडोम नही पहना था और आँचल को डर था की उतना ज़्यादा वीर्य उसकी चूत में समीर ने भर दिया था , कहीं वो प्रेग्नेंट तो नही हो गयी होगी. लेकिन जब भी उसको उस चुदाई की याद आती थी उसकी चूत बिल्कुल गीली हो जाती थी. समीर का लंड चूसने , गोलिया चूमने और चाटने , किमी की चूत चाटने में आँचल को बहुत मज़ा आया था. अब तक वो तीन लंड देख चुकी थी . पहला नौकर रामू का , दूसरा अपने पति सुनील का और तीसरा समीर का. इनमे से दो लंड बड़े थे , जो उसे पसंद आए थे. उस दिन हुई जमकर चुदाई से आँचल की सब फ्रस्ट्रेशन दूर हो गयी थी. अब वो खुश थी और मूड भी अच्छा रहता था. अपने पति सुनील की भी अब वो एक्सट्रा केयर करने लगी थी. उसने सोचा था अब वो सुनील को थोडा अड्वेंचरस बना कर उसी के साथ मस्त सेक्स के मज़े लेगी. लेकिन सेक्स के मामले में सुनील थोडा शर्मीला था. आँचल ने सोचा उसी को कोई कदम उठाना पड़ेगा जिससे सुनील भी थोडा खुले.उसने सुनील से उसकी पुरानी गर्लफ्रेंड्स के साथ सेक्स लाइफ के बारे में पूछा . लेकिन सुनील ने बताया की उसकी कोई GF थी ही नही . वो अपनी पिछली सेक्स लाइफ के बारे में बात करने को भी राज़ी नही था. आँचल के बहुत मनाने के बाद उसने बताया की वो शादी से पहले रंडियों के पास कई बार गया था , उनके अलावा उसने किसी और के साथ सेक्स नही किया था. उसने ये भी बताया की उसे रंडी चोदने में बहुत मज़ा आया था. आँचल ने उससे कहा की तुम मेरे साथ सेक्स करते समय मुझे रंडी ही समझो अपनी बीवी नही. लेकिन सुनील ने मना कर दिया. उसने कहा की वो आँचल को रंडी की तरह नही सोच सकता.

आँचल बोली ये बात तुम मुझ पर छोड़ दो. लेकिन प्लीज़ ये रंडी समझने वाला आइडिया मान लो, " मैं प्रॉमिस करती हूँ बहुत मज़ा आएगा, सच्ची."
उस रात जब सुनील घर आया तो उसने देखा आँचल बेडरूम में रंडी की तरह बनी बैठी है. उसने किमी की वही छोटी ड्रेस बिना ब्रा और पैंटी के पहनी हुई थी. मुँह पर खूब मेकअप पोत रखा था और होठों पर खूब लाल लिपस्टिक लगा रखी थी. उसने

पूरे बदन में परफ्यूम डाला हुआ था और 6 इंच की हील वाली सैंडल पहनी हुई थी.
जब सुनील उसके पास आया तो वो बोली, " ब्लोजोब का वन थाउज़ंड, अंदर डालने का 5 थाउज़ंड , पीछे का 10 थाउज़ंड और अगर मुझे सारी रात चाहते हो तो ट्वेंटी थाउज़ंड."
सुनील उसके मुँह से ऐसी बातें सुनकर हैरान हो गया .
आँचल फिर बोली, " आज पूरे दिन मेरा कोई बिज़नेस नही हुआ है, बताओ तुम्हारा क्या जवाब है , नही तो मैं दूसरी जगह ट्राइ करती हूँ."

सुनील अब भी कुछ नही बोला. वो आँचल का ये रूप देखकर हैरान था.

अब आँचल बोली, " मुँह में लंड लेने का एक हज़ार, चूत में डालने का 5 हज़ार , गांड में घुसाने का 10 हज़ार और रात भर चोदने का 20 हज़ार , क्या बोलता तू , तेरे को क्या माँगता ?

अपनी अपर क्लास बीवी के मुँह से रंडी की जैसी भाषा सुनकर सुनील का लंड खड़ा हो गया. उसने आँचल को पकड़कर किस करना चाहा.

"नही नही , मेरा चुम्मा नही लेना, मैं चुम्मा नही देती…" ऐसा कहकर आँचल ने अपने को सुनील से छुड़ा लिया और फिर बोली, " पहले पैसे दो , फिर मज़ा लूटो .."

"आँचल प्लीज़ चोदने दो ना " सुनील बोला.

लेकिन आँचल नही मानी.उसका अड़ियलपन देखकर सुनील ने बीस हज़ार निकाले और आँचल के मुँह पर फेंकते हुआ बोला, "रंडी ये ले तेरा दाम, अब तू रात भर के लिए मेरी है साली !!!"

आँचल ने सुनील के पैंट की ज़िप खोली और उसका अधखड़ा लंड बाहर निकाल लिया. सुनील के कुछ सोचने समझने से पहले ही आँचल ने लंड मुँह में डाल लिया और चूसने लगी , साथ ही साथ उसकी गोलियो को भी हाथ से सहलाने लगी. अपनी खूबसूरत बीवी को लंड चूसते देखकर सुनील बहुत उत्तेजित हो गया , वो ज़्यादा देर कंट्रोल नही कर पाया और कुछ ही देर में आँचल के मुँह में उसने वीर्य की धार छोड़ दी . फिर उसका लंड मुरझा गया. आँचल ने अभी शुरू ही किया था और यहाँ पतिदेव झड़ गये . उस बेचारी को बहुत निराशा हुई. फिर उसने सुनील के कपड़े उतार कर उसे जगह जगह चूमना , चाटना , काटना शुरू कर दिया, की क्या पता सुनील को फिर उत्तेजना हो और उसका लंड फिर से खड़ा हो जाए. थोड़ी देर तक वो ये सब करती रही. फिर सुनील ने उसको एक तरफ हटाया और नहाने चला गया. नहाकर उसने कुर्ता पैजामा पहना और आँचल से डिनर लगाने को कहा. आँचल ने रेखा को आवाज़ लगाई और उससे कहा की आज हम डिनर अपने बेडरूम में ही करेंगे. रेखा ने जब आँचल को वैसे कपड़ो में देखा तो उसके चेहरे पर शरारत भरी मुस्कुराहट आ गयी. वो समझ गयी मेमसाब साहब को सिड्यूस करने का प्रयास कर रही है. उस रात सुनील और आँचल ने अपने बेडरूम में ही डिनर किया. किमी की छोटी सी ड्रेस पहनकर आँचल बहुत सेक्सी फील कर रही थी. उत्तेजना से उसके निपल तन गये थे और चूत रस बहने से गीली हो गयी थी. सुनील ने अपनी बीवी में आए बदलाव को महसूस किया. डिनर करते समय उसके दिमाग़ में यही बात घूम रही थी की आज कुछ बदली बदली सी लग रही है कुछ ज़्यादा ही कामुक हो रही है. सुनील ने आँचल से पूछा , " तुम्हे मेरा लंड चूसते समय घृणा नही आई ? " आँचल बोली, " घृणा क्यूँ आएगी ? मुझे तो बहुत मज़ा आया ." सुनील मन ही मन सोचने लगा , इतनी सुंदर और साफ सफाई से रहने वाली औरत ये लंड चूसने जैसा गंदा काम कैसे कर सकती है ? कहीं इसने पहले तो नही चूसा है किसी का ? अब ये शक़ उसके दिमाग़ में घूमने लगा. फिर उसने सीधे ही पूछ लिया, " तुमने शादी से पहले इसका एक्सपीरियेन्स लिया था क्या ?"
आँचल शरमा गयी और फिर तुरंत पलटकर झूठा जवाब दिया, " तुमसे मिलने से पहले मैं सबका लंड चूसते फिरती थी , यही सोच रहे हो ना तुम ? और कोई काम नही था क्या मुझको , यू बास्टर्ड…."

सुनील हड़बड़ाकर बोला, " अरे नाराज़ क्यूँ हो रही हो , मैंने तो ऐसे ही पूछ लिया."फिर सोचने लगा खाली शक़ किया अपनी प्यारी बीवी पर.

डिनर के बाद थोड़ी देर दोनो ने टीवी देखा और फिर बेड में चले गये. आँचल सुनील के लंड और गोलियो से खेलने लगी और सुनील आँचल की चूचियों को चूसने लगा. फिर आँचल ने सुनील का लंड चूसना चाटना शुरू कर दिया . कुछ देर तक वो ऐसे ही करती रही पर लंड खड़ा होने का नाम ही नही ले रहा था. हद है !!! थक हार कर बेचारी ने कोशिश छोड़ दी और लेट गयी. भगवान बचाए ऐसे पति से तो. हुह ! सुनील खर्राटे भर रहा था और इधर आँचल करवटें बदल रही थी . आँचल को कुछ सैटिस्फेक्शन तो मिला नही , सोचने लगी जब से हनीमून से लौट के आई हूँ मुझे एक बार भी ढंग से ओर्गास्म नही आया है , छि !! डालने तक तो ये झड़ जाता है और फिर इसका दुबारा खड़ा होता नही , चाहे जो मर्ज़ी कर लो. वो बेचारी कर भी क्या सकती थी , बस वही अपना सुबह बाथटब में फैंटसाइज करो और मूठ मारो , अपना सेक्सुअल फ्रस्ट्रेशन मिटाने को वही करने लगी. लेकिन फिर कुछ दिनों के बाद अब इसमे भी मज़ा मिलना खत्म हो गया. समीर और किमी के साथ जो रगड़कर वो चुदी थी तो अब इन सबसे होना भी क्या था , क्या मज़ा आता इसमे. आँचल को अब समीर और किमी के साथ हुई चुदाई का सुख फिर से लेने का बहुत मन होने लगा, पर समीर वापस जा चुका था और किमी ने आँचल को फोन किया नही था. आँचल के पास उसका एड्रेस और नंबर भी नही था. अब फ्रस्ट्रेशन से आँचल चिड़चिड़ी और एजी टाइप की हो गयी.

(ऐसी हालत में वो फिर से दूसरी बार ऐसे ग़लत काम में जा फँसी जो वरना वो कभी नही करती . पहली बार समीर ने उसके सेक्सुअली अनसैटिस्फाइड होने का फायदा उठाया था , अबकी बार फिर उसका फायदा उठा लिया गया ).

हुआ ये की रेखा ने आँचल का व्यवहार देखा तो औरत होने के नाते वो समझ गयी की मेमसाब ढंग से चुद ना पाने से परेशान हैं.
 

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