Erotica आँचल की अय्याशियां

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ये कहानी है आँचल की , जो 24 साल की खूबसूरत हाउसवाइफ थी । हाल ही में वो अपने पति सुनील के साथ शिमला में हनीमून मनाकर लौटी थी । सुनील दिल्ली में बिज़नेस करता था । आँचल अपने पति सुनील और सास ससुर के साथ दिल्ली में रहती थी । आँचल का खूबसूरत चेहरा , सुन्दर नाक नक्श , गोरा उजला रंग , बड़ी बड़ी गोल चूचियां , पतली कमर और उसके नीचे कसे हुए सुडौल नितम्ब , किसी भी देखने वाले को , चाहे वो मर्द हो या औरत , एक बार फिर मुड़कर देखने को मजबूर कर देते थे । सुनील से शादी होने के समय आँचल कुंवारी थी । हालाँकि अपने मायके में नौकर राजू और कुछ अन्य लड़कों के साथ उसने थोड़े बहुत मजे किये थे । पर बात कुछ आगे बढ़ कर सेक्स तक पहुँचती इससे पहले ही उसकी शादी सुनील से तय हो गयी । हनीमून का आँचल ने खूब मजा लिया था , उसका पति सुनील उसके साथ रोज़ 3 - 4 बार चुदाई करता था । अब अपनी ससुराल में वापस आने के बाद वो धीरे धीरे वहां एडजस्ट होने की कोशिश कर रही थी ।

बेहद खूबसूरत होने के कारण ससुराल में सभी मर्दों और नौकरों की नज़रें उसी पर लगी रहती थी । कुछ औरतें भी उस पर ललचायी नज़र रखती थीं । आँचल इन सब बातों का खूब मज़ा लेती थी , वैसे भी उसके मन में कामुक ख्याल बहुत आते थे । उसका पति सुनील अपने बिज़नेस के पीछे लगा रहता था और रात को देर से थका हारा घर लौटता था । घर में ऐसी मादक बहू को देखकर उसके ससुर की जवानी लौट आयी थी । वो हर समय आँचल के नज़दीक बने रहने की कोशिश करता था और उसको बिना कपड़ों के नंगे देखने की कल्पना करता था । जब वो घर के छोटे मोटे कामों में लगी रहती थी तो उसे निहारते हुए ससुर का लंड खड़ा हो जाता था । उसे आँचल को नाइटी पहने हुए देखना बहुत अच्छा लगता था । जब आँचल सुबह नाइटी पहने हुए परिवार को नाश्ता कराती थी तो वो ससुर खाता कम था , उसे घूरता ज्यादा था । नाश्ते के बाद उसका पति सुनील काम पर चला जाता था । और इधर घर में आँचल की पतली कमर , बड़ी बड़ी चूचियां निहारते हुए ससुर मंत्रमुग्ध सा हुआ रहता था । मन ही मन सोचा करता था कि कैसे मैं इस औरत को जवानी के मजे लेना सिखाऊं । वो ठरकी बुड्ढा इस ताक में रहता था कि कोई मौका मिले तो अपनी मादक बहू को चोदने का उसका सपना पूरा हो । आँचल अपने ससुर की हरकतों से बखूबी वाक़िफ़ थी , लेकिन जवान तो छोड़ो , ससुर जैसी बड़ी उम्र वाले भी मेरे पीछे पागल है , इस ख्याल से उसे अपनी सेक्स अपील पर और गर्व होता था ।

आँचल को ताकने के लिए सुनील के cousins भी वहां चक्कर लगाते रहते थे । उन्हीं में से एक समीर था , लम्बा चौड़ा काफी हैंडसम दिखता था । वो आर्मी में था और उन दिनों 3 हफ्ते की छुट्टी आया था । 32 वर्ष की उम्र हो गयी थी पर अभी तक शादी नहीं की थी । वो लड़कियां पटाने में बहुत माहिर था , बहुत सारी लड़कियों और हाउसवाइव्स को चोद भी चुका था । सेक्स की उसको कोई कमी नहीं थी इसलिए उसने अभी शादी के बारे में नहीं सोचा था । वो आँचल के घर आते रहता था । कई बार उसे घूमने चलने का प्रस्ताव भी दे चुका था । आँचल उसको हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देती थी पर वो भी हार मानने वालों में से नहीं था ।लड़कियां पटाने की कला में माहिर होने के कारण वो सही मौके का इंतज़ार कर रहा था ।

दिन भर इतने सारे मर्दों के आकर्षण का केंद्र बने रहने के कारण सुनील के रात में घर लौटने तक आँचल बहुत उत्तेजित हो जाया करती थी । सुनील थका रहता था पर आँचल की उत्तेजना देखकर उसकी चुदाई करने के बाद ही सोता था । लेकिन थकान की वजह से वो अक्सर जल्दी ही झड़ जाता था और जमकर चुदाई न हो पाने से आँचल की प्यास अधूरी रह जाती थी । अपनी प्यास बुझाने के लिए आँचल ने मुठ मारना शुरू कर दिया । वो सुबह बाथटब में देर तक नहाते हुए मुठ मारती थी। बाथ टब में लेटे लेटे उसके मन में पुराने बॉयफ्रैंड्स , मायके का नौकर रामू , ससुर , समीर और अपनी नौकरानी रेखा के ख्याल आते रहते थे । इन सब के बारे में सोच सोच कर वो मुठ मारा करती थी और अपनी आग बुझाती थी । उसके मन में कामुकता इतनी भरी थी कि वो सेक्सी औरतों को देखकर भी उत्तेजित हो जाती थी ।अपने मायके का एक किस्सा उसे बहुत पसंद था और वो उसे याद करके अक्सर मुठ मारा करती थी ।

उसके मायके में एक 18 साल का नौकर रामू था । उसका काम घर की साफ़ सफाई और बाजार से छोटा मोटा सामान लाना था । आँचल की तरफ वो कम उम्र का छोकरा आकर्षित रहता था । वो रोज़ आँचल के कमरे में चाय देने जाया करता था , था वो साला हरामी , इसलिए बिना खटखटाये चुपचाप अंदर चला आता था और आँचल को रोज़ अलग अलग पोज़ में सोये हुए देखने का मज़ा लेता था । कभी कभी उसको आँचल की चूचियां और कभी नाइटी के अंदर पैंटी की झलक भी दिख जाया करती थी । ये सब देखकर उसका मन मचल जाता था और उसकी इच्छा होती थी कि सोते में ही आँचल को चोद डाले लेकिन नौकरी चले जाने के डर से कुछ कर नहीं पाता था ।जब उसको पता चला कि आँचल की शादी तय हो गयी है तो वो बहुत उदास हो गया क्योंकि अब उसको सुबह सुबह आँचल के बदन को ताकने का मौका नहीं मिलने वाला था ।



एक सुबह जब रामू चाय देने गया तो उसने देखा कि आँचल अपने बिस्तर में टाँगे फैलाये सोयी पड़ी है । वो पीठ के बल सोयी थी और चादर उसके बदन के ऊपर से हट गयी थी । उसकी नाइटी पूरी ऊपर को उठी हुई थी और उसमें से पैंटी पूरी दिख रही थी । उसकी मांसल गोरी चिकनी जांघें और पैंटी के किनारे से चूत के काले बाल दिखाई दे रहे थे । ये सीन देख कर रामू का लंड तन के खड़ा हो गया और उसको क्या जो करूँ हो गयी । उसने अपने निक्कर में से लंड बाहर निकाला और आँचल की काली झांटों को देखकर लंड हिलाने लगा । अचानक उसने देखा कि आँचल की नींद खुल गयी है , उसने झट से अपने लंड को निक्कर के अंदर घुसाना चाहा ।

आँचल ने नींद खुलते ही देखा कि रामू उसके पास ही खड़ा है और उसके हाथ में चाय के कप की बजाय उसका बड़ा और मोटा लंड है । आँचल की नज़रें उस लंड पर ही जम गयीं । उसने मैगज़ीन्स में लंड देखा था पर असली लंड और वो भी अपने इतने नज़दीक कभी नहीं देखा था । इस छोटे से छोकरे का इतना बड़ा लंड कैसे है , ये सोचकर आँचल हैरान थी । आँचल को गुस्सा होने की बजाय हैरान देखकर वो हरामी लौंडा समझ गया कि ये मेरे बड़े लंड से हैरान है । उसकी हिम्मत बढ़ गयी और उसने आगे बढ़कर आँचल के हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया ।

अपने हाथ में फनफनाता हुआ बड़ा लंड देखकर आँचल के पूरे बदन में झुरझुरी सी दौड़ गयी । उसको अपनी चूत से रस बहकर पैंटी को गीला करता महसूस हुआ । आँचल को गरम होता देखकर रामू की हिम्मत और बढ़ गयी । उसने आँचल के बाल पकड़कर उसका मुंह अपने लंड के पास कर दिया । वो आँचल के गलों पर अपना लंड रगड़ने लगा । आँचल मदहोश होती जा रही थी उसके बदन में उत्तेजना से गर्मी बढ़ती जा रही थी । अब रामू ने अपना लंड आँचल के होठों के बीच लगा दिया , उसका मुंह अपने आप खुल गया और वो सुपाड़े को चूसने लगी ।

रामू ने लंड को मुंह के और अंदर डालना शुरू कर दिया । आँचल को उस लंड से कुछ अजीब सी गंध और कुछ नमकीन सा स्वाद महसूस हुआ । उसे अपना दम घुटता सा लगा । ये देखकर रामू ने अपना लंड मुंह से बाहर निकाल लिया उसमें आँचल के मुंह की लार लगी हुई थी । फिर वो लंड को आँचल के गाल पर रगड़ने लगा । कुछ पल बाद उसने फिर से आँचल के मुंह में लंड घुसा दिया । इस तरह जब भी आँचल का दम घुटता वो लंड बाहर निकाल लेता और कुछ पल बाद फिर से घुसा देता । कुछ देर बाद आँचल को गंध की आदत सी हो गयी और वो ज्यादा देर तक लंड मुंह में रखकर चूसने लगी ।

तभी नीचे की मंज़िल से आँचल की माँ ने आवाज़ दी, " रामू , ओ रामू कहाँ मर गया तू ? "

रामू झड़ने ही वाला था तो रुकता कैसे । उसने झट से आँचल के मुंह से लंड बाहर निकाला और उसके गालों पर तेज तेज रगड़ने लगा । और फिर आँचल के खूबसूरत चेहरे पर उसने वीर्य की धार छोड दी । फिर लंड को निक्कर में घुसाकर नीचे भाग गया ।

इस तरह शादी से सिर्फ तीन दिन पहले आँचल को पहली बार वीर्य का स्वाद चखने को मिला । फिर उनका घर मेहमानों से भर गया इसलिए और कोई बात नहीं हुई । अब शादी के बाद वो अक्सर रामू के लंड को याद करके मुठ मारती थी । वो कल्पना करती थी कि रामू का बड़ा लंड उसकी तड़पती चूत में घुस कर उसकी प्यास बुझा रहा है । आँचल की शादी को अब दो महीने बीत चुके थे । सुनील के साथ सेक्स करके आँचल को वो मज़ा नहीं आ पाता था जो उसको रामू के मोटे बड़े लंड को अपने हाथों में पकड़कर हिलाने और मुंह में लेकर चूसने में आया था । हालाँकि जब सुनील थका नहीं होता था तो सेक्स में आँचल को संतुष्ट कर देता था । पर ऐसा कम ही होता था क्योंकि वो अपने बिज़नेस की भागदौड़ में अक्सर थका हुआ ही होता था । सिर्फ हनीमून के दिनों में जरूर उसने आँचल को खुश रखा था ।
 

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आँचल का पति सुनील चुदाई करके जल्दी झड़ जाता था और फिर सो जाता था . इससे आँचल फ्रस्टरेटेड रहने लगी . उसको लगता था चुदाई शुरू होने तक तो ख़त्म हो जा रही है. अपने फ्रस्ट्रेशन्स वो सुबह नहाते समय बाथटब में मूठ मारकर निकलती थी . मूठ मारते समय वो अपने ससुर , रामू , समीर और अपनी नौकरानी रेखा को फैंटसाइज़ करती थी.

अपनी फैंटसी में वो इन सब लोगो से चुदवाती थी लेकिन रियल लाइफ में एक संस्कारी बहू बने रहना चाहती थी और सिर्फ़ अपने पति को ही चोदने दूँगी ऐसा उसने मन बना रखा था . लेकिन फ्लर्ट करने में उसे कोई बुराई नही दिखती थी. फ्लर्ट करने में उसको बहुत मज़ा आता था और इससे मूठ मारते समय फैंटसाइज़ करने में एक्सट्रा आनंद मिलता था.

अब आँचल पतली पतली नाइटीस पहनने लगी और ऊपर के दो बटन खुले रखती थी. अपने ससुर और पति को नाश्ता करते समय जानबूझकर थोड़ा झुकती थी और क्लीवेज दिखाती थी . अपने बाल ठीक करने के बहाने अपने हाथ ऊपर ले जाकर चूचियों को बाहर को धकेल देती थी. उसका ससुर और घर के नौकर उसकी इन हरकतों को देखकर मस्त हुए रहते थे. वो नहाने जाने से पहले अक्सर अपने ससुर को ताश के पत्ते (कार्ड्स) खेलने के लिए अपने कमरे में बुलाती थी और खेलते समय ससुर का हाथ या उसकी बाँह टच कर देती थी. कभी कभी उसको पतली नाइटी से अपनी चूची या चिकनी गोरी जाँघो की हल्की झलक भी दिखा देती थी. ससुर बेचारा खेलते समय हाथ लगाकर अपना खड़ा लंड ढकने की कोशिश करता था और बर्दाश्त के बाहर हो गया तो बहू के कमरे से सटे बाथरूम मे जाकर मूठ मार आता था.

बुड्ढे की परेशानी देखकर आँचल को बहुत मज़ा आता था , उसे लगता था मेरी मादकता से जवान तो जवान बुड्ढ़ों का भी लंड खड़ा हो जा रहा है. कभी कभी वो जानबूझकर बाथरूम में अपनी ब्रा या पैंटी छोड़ के आती थी उसे मालूम था ये ठरकी बुड्ढा उनको सूँघकर मूठ मारेगा. अपनी बहू से कुछ कहने करने की दम ससुर में नही थी इसलिए वो बेचारा मन मसोस कर रह जाता था. कैसे इस टीज़िंग बिच को चोदने का मौका मिले तो मेरी किस्मत खुले यही सोच उसके दिमाग़ में रहती थी.

समीर ने जब देखा की आँचल सिर्फ़ उसको टीज़ कर रही है तो उसने उनके घर आना कम कर दिया. उसको चुदाई के लिए लड़कियाँ मिल ही रही थी तो उसने सोचा इसके पीछे टाइम वेस्ट क्यूँ करू. जब कभी सही मौका लगेगा तो फिर देखूँगा.

एक दिन समीर उनके घर आया और उसने सुनील और आँचल को अगले वीकेंड पर अपने घर डिनर का न्योता दिया. उसकी छुट्टी ख़त्म होने वाली थी इसलिए वो अपने दोस्तों के लिए पार्टी दे रहा था.

जब सुनील और आँचल , समीर के घर पार्टी में आए तो वहाँ बहुत सारी जवान जोड़िया मज़ा कर रही थी. समीर एक सेक्सी लड़की के साथ था .
आँचल ने सुनील से पूछा की ये कौन है ? तो उसने बताया की ये समीर की गर्लफ्रेंड किमी है . किमी 27 साल की देल्ही की एक मॉडल थी .

पार्टी में सारे मर्दों की नज़र किमी पर ही थी. उसने काले रंग की पार्टी ड्रेस पहन रखी थी . जिसमे उसकी बड़ी बड़ी चूचियां आधी खुली दिख रही थी . वो ड्रेस इतनी छोटी थी की जाँघो के सिर्फ़ उपरी भाग को ही ढक पा रही थी . आँचल ने गौर से उस छोटी ड्रेस को देखा तो उसको पैंटी नही दिखी , शायद किमी ने पहनी ही नही थी. आँचल ने देखा किमी की बड़ी बड़ी चूचियां ड्रेस फाड़ के बाहर आने को हो रही है . वो मुँह खोले हुए उसे देखती रह गयी , सोचने लगी ये तो बहुत बोल्ड लड़की है. नंग धड़ंग ड्रेस पहने हुई है. उसकी चूचियों को देखकर आँचल को बड़ी एक्साइट्मेंट हुई और उसको अपनी चूत में गीलापन महसूस हुआ.

अचानक किमी ने उसकी ओर देखा और आँचल को अपनी ओर ताकते पाया , आँचल शरमा गयी , उसने तुरंत नज़रें फेर ली. तभी किमी और समीर उसके पास आ खड़े हुए. किमी ने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और आगे बढ़कर उसके गाल पर किस किया. दोनो की चूचियां आपस में ज़ोर से दब गयी.

"सुनील बहुत लकी है उसको इतनी खूबसूरत बीवी मिली है " किमी हंसते हुए बोली.

उसने आँचल का हाथ अभी भी पकड़ा हुआ था और हल्के हल्के उसे दबा रही थी. किमी के अपने इतने नज़दीक़ आने से उसके परफ्यूम की खुशबू आँचल को आई . जिन चूचियों को वो दूर से घूर रही थी वो भी अब उसकी आँखो के सामने थी. आँचल को लगता था की उसकी चूचियां बड़ी हैं पर किमी की तो बहुत बड़ी थीं और ड्रेस फाड़ के खुली हवा में साँस लेने को बेताब हो रही थीं.

थोड़ी देर सुनील और आँचल से बातें करने के बाद समीर और किमी दूसरे मेहमानों के पास चले गये. जाने से पहले किमी आँचल के कान के पास अपना मुँह लायी जैसे कुछ कहना चाह रही हो. लेकिन कान के पास मुँह लाकर उसने आँचल के कान का निचला हिस्सा चाट लिया और अपनी बड़ी चूचियां उसकी बाँह से रगड़ दी.
किमी की इन हरकतों से आँचल समझ गयी की ये मेरी तरफ आकर्षित हो गयी है , वो शरमा के लाल हो गयी. समीर सब देख रहा था आँचल को ऐसे शरमाते देख उसके होठों पर शरारती मुस्कुराहट आ गयी. फिर पार्टी में बीच बीच में आँचल , किमी और समीर को ताकती रही और वो दोनो भी इस बात को समझ रहे थे.

रात में जब आँचल घर लौटी तो वो बहुत हॉर्नी फील कर रही थी . उसने फटाफट अपने कपड़े उतारे और सुनील के उपर चढ़ गयी . सुनील दो धक्कों में झड़ के सो गया . आँचल बेचारी अनसॅटिस्फाइड ही रह गयी और किमी-समीर के बारे में सोचते हुए करवटें बदलती रही.

अगली सुबह उसने सुनील से पूछा की समीर ने अब तक शादी क्यूँ नही की ? सुनील ने हंसकर कहा की इसे चोदने को लड़कियाँ मिल ही रही हैं तो शादी के झंझट में क्यूँ पड़ेगा. फिर उसने आँचल को कहा की ,समीर बहुत हाउसवाइव्स को अपने जाल में फँसा चुका है तुम इससे दूर ही रहना.

इन बातों से आँचल डर गयी लेकिन कहीं समीर उसको भी फँसा के चोद ना डाले , इस ख्याल से उसकी चूत गीली हो गयी. उस दिन आँचल ने समीर और किमी की बातों को याद करके मूठ मारी. लेकिन उसको अपने पति की बात भी ठीक लगी और उसने फ़ैसला किया की वो समीर से सिर्फ़ फैंटसी में चुदवायेगी और असल जिंदगी में सिर्फ़ अपने पति सुनील की बन के रहेगी.
 

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