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Erotica अंतरंग हमसफ़र भाग

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फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, हम दोनों एक-दूसरे को प्यार में पकड़े हुए सो गए तभी एक नरम आवाज़ ने हमारे पहले मिलन की तन्द्रा को तोडा।

मैंने आँखे खोली तो सामने जेन खड़ी थी और बोल रही थी दीपक! बहुत-बहुत बधाई! आपने मेरी बहन अलका को बहुत प्यार से चोदा और फिर अलका को भी बधाई दी। अलका शर्मा कर चादर खींच कर ढकने लगी तो जेन बोली मैंने आपकी दोनों की पहली चुदाई पूरी लाइव देखि है अब मुझ से क्या शर्मा रही हो।

तो वह बोली आप कब आयी थी? तो जेन बोली मैं सोई ही नहीं थी मैं तो सोने का नाटक कर रही थी और फिर रोज़ी के साथ मिल के मैंने सब देखा। बहुत सुन्दर नज़ारा था। तो मैंने उठ कर जेन को पकड़ा और किश करते हुए उसके स्तन दबाने लगा।

तो जेन बोली पहले आप का लंड को साफ़ कर लू और उसने एक रुमाल उठाया और मेरा लंड जो अलका के रसो । मेरे वीर्य और उसके कुंवारे लहू में सना हुआ था और साफ़ किया और फिर अलका की चूत को भी साफ़ किया। जब उसने अलका की चूत को छुआ तो वह कराह उठी, तो जेन ने पुछा अलका दर्द हो रहा है क्या? तो अलका ने अपनी गर्दन हिला कर स्वीकृति दी तो रोज़ी ने वही रखी क्रीम जेन को पकड़ा दी जो उसने अलका की चूत के अंदर बाहर लगा दी।

अलका बोली दीपक अब आप जेन से प्यार करो। तो जेन थोड़ा हिचकी तो अलका बोली मैंने भी आप दोनों की चुदाई देखि थी। उसी को देख कर मेरी अन्तर्वासना भड़क गयी और मैंने भी आज ही अच्छा मौका देखते हुए दीपक से आज ही चुदने का मन बना लिया।

तो मैंने पुछा तुमने सब देखा। तो वह बोली जब मेरी माँ का आपसे बात करने के लिए फ़ोन आया तो मैं आपको ढूँढने यहाँ आयी तो पता चला आप जेन के साथ जंगल में घूमने गए हो। तो मैं वहाँ भी गयी तो वहाँ मैंने आपको जेन को नंगी करते हुए देखा तो मैं भी वही छूप कर सार नज़ारा देखती रही। फिर जब आप लोग वापिस आने लगे तो मैं चुपचाप वापिस आ गयी और आपसे मिल का माँ से फ़ोन पर बात करवाई।

अब न तो किसी से कोई पर्दा था न डर तो मैंने जेन को दबोच लिया और उसकी नाईट ड्रेस एक झटके में उतार डाली। जेन बोली अरे आराम से, ये क्या हो गया है आपको। तो मैंने बोलै यहाँ मेरे कमरे में आराम करने थोड़ी आयी हो। आराम करना था तो अपने कमरे में करती यहाँ तो रात भर मेहनत करनी पड़ती है । और हम चारो हस पड़े।

मैं जेन के एकदम गोल-गोल सुडोल बड़े-बड़े मम्मे, की तरफ़ लपका, उसने मुझे रोक दिया।

वो बोली-दीपक थोड़ा रुको, सब तुम्हारा ही है।।

मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक जोरदार किस कर दी।

मैंने उसके खुले बालों को पीछे किया और मैं उसे किस करते हुए । मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए उसके चुचकों के खींचते हुए उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा।

फिर मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया। मैंने 5 मिनट तक चूचियों को ख़ूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी योनि पर हाथ फ़ेरा, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाया। मैंने जेन की योनि में उंगली करना शुरू कर दिया और जेन जो हमारी लाइव चुदाई देख कर पहले ही-सा गरम थी और उसकी चूत भी गीली थी और चुदवाने के लिए त्यार थी।

मैं घुटनो के बल बैठ गया और धीरे से अपना 8 इंच लम्बा लंड को जेन की चूत के छेद पर टिका कर।

मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड एक ही झटके में पूरा अंदर डाल दिया। हालाँकि उसकी चूत सूजी हुई थी पर गीली होने के कारण लंड पूरा अंदर चला गया। वह बोली प्लीज थोड़ा आराम से करो। अभी मैं भी चुदाई में नई ही हूँ, मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए। सूजने के कारण उसकी योनि थोड़ी कस गई थी। मेरा मोटा लम्बा लंड अटक-अटक कर जा रहा था। मुझे अब ज़्यादा ताकत लगा कर उसकी चूत में डालना पड़ रहा था।

हर धक्के पर उसके मुँह से हल्की-हल्की चीख निकल रही थी-'आआहहह आह, ज़ोर से करो, और ज़ोर से' और फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी।

मैंने अलका की तरफ़ देखा उसकी की हालत भी खराब हो रही थी। उसके मुँह से अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी। उसे देख कर मेरी रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई। चुदाई से जेन भी अपने उत्कर्ष पर पहुँच रही थी। फिर जो जेन पहले कह रही थी धीरे करो वही बोलने लगे और ज़ोर से और ज़ोर लगा कर चोदो बहुत मज़ा आ रहा है।

आठ-दस धक्कों के बाद मेरे लंड की पिचकारी छूटी और मैंने जेन की चूत में अपना लावा भरता चला गया। मैं हैरान था जो अंडकोष थोड़ी देर पहले लग रहा था खाली हो गए हो उनमे इतना लावा इतनी जल्दी कहाँ से आ गया! ये ही नयी-नयी जवानी का कमाल था।

मैं जेन के ऊपर लेट गया और जेन की तरफ़ देखा तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे और कुछ देर में मेरी साँसे सामान्य हो गयी। मैंने महसूस किया अलका मेरी पीठ से आकर चिपक गयी थी। अलका मेरी पीठ पर बेतहाशा किस करे जा रही थी। मैंने अलका को खींचा पलटा और उसे बिस्तर पर लिटा कर किस किया।

"कृपया, मुझे और चाहिए, मुझे फिर से चोदो" अलका ने विनती की।

तभी जेन बोली दीपक किसका इंतज़ार कर रहे हो, अलका को फिर से चोदो।

मैंने उसके चूतड़ को देखने के लिए उसे घुमाया। उसके चूतड़ निश्चित तौर पर बेहद सेक्सी चूतड़ थे जिन्हे मैंने अभी तक देखा था, यहाँ तक कि पोर्न स्टार्स को भी उससे जलन होगी।

उसने फिर कहा हम फिर से करेंगे न।

उसकी प्यार भरी गुहार सुन कर मेरा लंड जाग गया और उसने मेरा सर पकड़ा और मेरे ओंठो से अपने ओंठ लगा कर किस करने लगी और फिर अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर सुपड-सुपड कर चाटने लगी। फिर उसका हाथ मेरे लंड पर पहुँचा तब तक लंड अपनी कठोरता प्राप्त कर के पूरा लम्बा हो गया था और उसने हाथ नीचे सरका कर लंड को पकड़ा और हाथ ऊपर नीचे किया। । फिर थोड़ा सरक कर चूत को लंड के नज़दीक ला कर लंड को योनि पर रगड़ा और छेद पर ठिका कर उसने अपने चूतड़ उठा कर अंदर लेने की कोशिश करने लगी।

मैंने चूचियों को चूसा और चूसा और मैं देख सकता था कि वह मूड में है। फिर मेरे हाथ उसके स्तनों से खेल रहे थे और उसके निप्पलों को उमेठ रहे थे। अलका गिड़गिड़ाने लगी-प्लीज अब मत तड़पाओ, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज़!

फिर वह डरते हुए बोली-प्लीज धीरे-धीरे डालना, मैंने देखा था तुमने कैसे बेदर्दी से जेन को अभी चोदा है।

अलका तो चूमते हुए धीरे से अपने लंड को उसकी गीली चूत में डाल दिया। दो झटको में पूरा लंड अंदर चला गया और उसके गर्भशय से टकराया उसकी चूत नयी और टाइट थी और उसे चूत में थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था। मैं अपने लंड को अच्छी तरह से और धीरे से चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था। चूत अंदर से बहुत गर्म थी और मेरा लंड उसे महसूस कर रहा था।

हर बार मेरे लंड को उसकी चूत में धकेलने से उसकी मांसपेशियों में कसाव आ जाता था और इसलिए मुझे और भी रोमांच हो रहा था। मैंने फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी। तो वह बोलने लगी मुझे चोदो, मुझे कस के चोदो प्लीज, मुझे ज़ोर से चोदो।

मुझे मज़ा आ रहा था वह भी सच में मज़ा ले रही थी। मैंने ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए उसके चिल्लाने की मुझे जोश आने लगा। कुछ देर बाद उसने नीचे से अपने नितम्ब उठा कर एक दो झटके दिए और मुझे कस कर पकड़ लिया। I

वह अपनी चूत को ऊपर की तरफ़ उठा रही थी। मेरे धक्के बदस्तूर पूरी ताकत के साथ जारी थे। वह एक बिंदु पर पहुँच रही थी, जहाँ वह नियंत्रित नहीं कर सकती थी। वह बोली ज़ोर से चोदते जाओ।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया दीपक मैं गयी गई।

ये कहकर वह निढाल हो गई। मैंने भी उसे दबोचा और कस कर धक्के लगाते रहा और फिर अलका के अन्दर अपना वीर्य की पिचकारियाँ मारी।

उसके बाद मैंने उन दोनों के सामने एक बार रोज़ी को भी चोदा और फिर चारो चिपक कर सो गए।

सुबह मेरी आँख खुली तो अलका मेरे पास खड़ी थी। उसने मुझे किश किया और जो नज़राना मैंने उसे दिया था, उसे देते हुए बोली इसे आप ही मेरी तरफ़ से संभाल कर रखियेगा। ये मैं किसी को नहीं दिखा नहीं सकती किसी ने पुछा कहाँ से आया, तो क्या जवाब दूँगी और उसे बेड के किनारे पड़े स्टूल पर रख दिया।
 
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फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, जब हम सुबह उठे तो अलका मुझे वह नज़राना वापिस दे रही थी, तो मैंने उसे अपने ऊपर खींच कर किस करा तो वह बोली छोड़ो, मुझे बाथरूम जाना है। नीचे सब चिपचिपा लगा रहा है। मैंने देखा साइड में जेन और रोज़ी चिपक कर सो रही थी तो मैं उठा और उसके साथ में बाथरूम चला गया।

और उसके अंगो को धोया और उसने मेरे अंगो को धोया। फिर मैंने उनके सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई। उसने मुझे किश कर थैंक यू बोला और बोली तुम बहुत प्यारे हो और मेरे लंड पर क्रीम लगाई। उसके छूने से मेरा लंड एक बार फिर जागने लगा। फिर हम कमरे में वापिस आ गए तो अलका शीशे के सामने खड़ी हो कर चूत देखते हुए बोली। देखो तुमने मेरा क्या हाल किया है, कैसे सूज गयी है मेरी चूत और बोली अभी तक दर्द हो रहा है। मैं उसे बिस्तर पर ले गया और लिटा कर चूत पर किश करके उससे बोला बहुत दर्द हो रह है तो दवाई दे देता हूँ।

इतने में हमारी आवाजे सुन कर रोज़ी उठ गयी और बोली मेरे पास एक देसी आयुर्वेदिक क्रीम है वह लगा देती हूँ, जल्द ही आराम मिल जाएगा और क्रीम निकाल कर अलका की चूत और पूरे शरीर पर जहाँ-जहाँ मेरे चूसने या चाटने से उसके गोरे बदन पर जो निशाँ पड़ गए थे वहाँ क्रीम लगा दी। मैं भी उसके साथ लेट गया और उसे बाहों में ले कर प्यार से चूमने लगा। अलका मेरी बाए और थी तब तक जेन भी जाग चुकी थी और वह मेरी दायी और आके मुझे चूमने लगी। उनके देख रोज़ी भी मेरे ऊपर आ कर पट लेट गयी। अब मेरी तीनो प्रेमिकाए मेरे साथ चिपक गयी फिर तीनो एक साथ मुझे चूमने लगी। मेरा एक हाथ अलका के स्तनों से खेल रहा था तो दुसरे हाथ में जेन के निप्पल थे और मुझे चूमते हुए रोज़ी के स्तन मेरी छाती पर गड रहे थे।

सच में बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने अलका को चूमा और कहा तुम तीनो लाजवबाब नगीने हो और मैं बहुत खुश हूँ के तुम मेरी हो और मुझे तुम्हारा कौमार्य भंग करके तुम्हे प्यार की दुनिया में ले जाने का मौका मिला है।

तुम सब सुन्दर हो नहीं-नहीं बहुत सुन्दर हो।

तो अलका बोली अच्छा बताओ तुम्हे हमारा क्या-क्या सुन्दर लगता है?

मैंने कहा मैं एक का नहीं बताऊंगा ये तुम तीनो के लिए है।

फिर मैंने उनकी तारीफ करनी शुरू की :-

ओह, तुम सुंदर हो, मेरी प्रिय जानेमन तुम सब बहुत सुंदर हो!

तुम्हारी हिरणी जैसी बड़ी-बड़ी सुन्दर आँखे हैं।

तुम्हारे बाल पर्बतो से उतरती हुई मादा बकरियों के झुंड की तरह हैं।

तुम्हारे दांत मोतियों की माला जैसे हैं।

तुम्हारे ओंठ लाल रंग के गुलाब की पंखुड़ियों जैसे और रस भरे हैं जिन्हे कोई एक बार चूसना शुरू करे तो रुकने का नाम ही न ले।

तुम्हारा चाँद जैसा चेहरा बहुत प्यारा है।

चाँद पर तो फिर भी दाग है पर तुम्हारा चेहरा बिलकुल बेदाग़ है।

तुमने मेरा दिल चुराया है।

मेरी प्रेमिका तुमने अपनी आँखों की एक झलक से मेरा दिल चुरा लिया है।

तो अलका शर्माते हुए बोली अरे आप तो कविता करने लगेl अच्छा बस करो, अब हम नहाने जाएंगी। बाक़ी कविता आप बाद में सुनाना।

मैंने कहा जल्दी क्या है? पहले एक-एक राउंड हो जाए तो अलका बोली नाश्ते का समय होने वाला है और बाक़ी लोग हमारा नाश्ते पर इंतज़ार कर रहे हैं।

हम तैयार हो कर नाश्ते के लिए गएl वहाँ अलका की एक स्कूल की दो सहेलिया रुखसाना अपनी बहन हुमा आयी l

वहाँ बॉब और टॉम अलका की एक स्कूल की साथी रुखसाना अपनी बहन हुमा खूबसूरत युवा लड़कियों के आगमन से खुश थे, जो की हमारे घर पर एक सप्ताह रुकने के लिए आयी थी।

हुमा और रुखसाना वास्तव में लम्बी और बहुत सुंदर युवतिया थीl जिनके सुंदर अंग अच्छी तरह से भरे हुए थेl उन्नत वक्ष स्थल, सुन्दर गोल चेहरा, गुलाबी गाल, बड़ी बड़ी काली आँखें और काले लम्बे बाल, चेरी के रूप में लाल रंग के साथ पूर्ण सुंदर सूजन और मोती की तरह सफ़ेद दांत, जिनकी दिल चुरा लेने वाली मुस्कराहट चेहरे को कभी न छोड़ती हो, ऐसे रूप और लावण्य की मल्लिकाये थी दोनों।

इन दोनों को देख कर और यहाँ रुकने की बात सुन कर टॉम और बॉब ने मेरे हाथ पकड़ लिए, जिनसे उनकी ख़ुशी झलक रही थी क्योंकि इन नई सुन्दर युवतियों के आने पर हमारे प्यार के खेल में नए खिलाड़ियों के शामिल होने की संभावना बढ़ गयी थी। मैंने भी उन्हें बधाई दी, क्योंकि टॉम और फिर बॉब ने भी ने मुझे अपनी बहनों के साथ स्वतंत्रता लेने में अपनी काफ़ी मजबूरियों जताई थी।

रुखसाना और हुमा ख़ास तौर पर जेन और उसकी बहनो से मिलने आयी थी और बहुत जल्दी ही उनके साथ घुल मिल गयी और लंदन में क्या-क्या देखने और घूमने को है ये पूछती रही। जेन ने उन्हें लंदन आने का न्योता दिया और उनसे वादा किया अगर वह लंदन आएँगी तो जेन उन्हें ख़ुद सब दिखाने ले जाएंगी।

वो सुबह शानदार ढंग से ठीक और सुहावनी थीl न ज़्यादा गर्म न ज़्यादा सर्द, करीब एक घंटे तक मैं और मेरे फूफेरे भाई मैदान में टहलते रहे। हमने सिगरेट पी और जब हमें अंदाजा हो गया की अब लड़कियाँ मैदान से आगे पार्क की छोटी झील में नहाने के लिए जा रही हैं। हम छुपते छुपाते वहाँ पहुँचे और गहरी चुप्पी के साथ, बहनों और उनकी सहेलियों के आगमन का इंतज़ार किया।

जिसे हम लोग झील कहते हैं वह घनी झाड़ियों, पेड़ो और पौधों से घिरा हुआ लगभग एक एकड़ का छोटा-सा तालाब था, जो दूर से दिखाई भी नहीं देता था। या यु कहिये छुपा हुआ तालाब है। जिसका पता केवल घर के वासियो को ही है, इस तालाब को हम लोग अक्सर प्राइवेट स्विमिंग पूल के तौर पर भी इस्तेमाल करते थे। तालाब से लगभग बीस या तीस वर्ग गज की दूरी पर, जिसमें पेड़ों के बीच में घिरा हुआ या कहिये छुपी हुई एक झोपड़ी, या गर्मियों का घर था, जहाँ स्नान करने वाले अपने कपडे बदल सकते थे।

तालाब का किनारे पर बारीक रेत थी और तालाब के किनारे एक ग्रिल थी जिसे पकड़ कर तालाब के गहराई से बाहर निकल सकते थे। एक ग्रिल और थी जो तालाब के गहराई में जाने से रोकती थीl नदी से आ रही नहर से जुडी ताजे पानी की एक पतली-सी जलधारा थी जो तालाब में गिरती थी l फिर तालाब से एक नहर निकलती थी, जो मैदान और खेतो की तरफ़ जाती थी।

उस तालाब में जाने के लिए इस झोपड़ी का पिछला दरवाज़ा एक बहुत संकरे फुट-पाथ पर खुलता था, जो की काफ़ी घने पेड़ो के बीच से निकलता था, ताकि कोई भी दल बिना दिखे सुरक्षित उस तालाब तक आ और जा सके। स्नान के मौसम में आमतौर पर उस गर्मियों के घर में शराब, बिस्कुट और केक का भंडार रखने के अलावा, उसके अंदर को आराम की सीटों और सोफों के साथ सुसज्जित किया गया था। इसके इलावा वहाँ एक सुन्दर साफ़ सुथरा टॉयलेट भी था जहाँ तौलिये इत्यादि रखे हुए थे और दूसरा दरवाज़ा तालाब के किनारे पर खुलता था। तालाब में आने और जाने का यही एकमात्र रास्ता था। पूरी व्यवस्था में दादाजी के शौक़ीन मिज़ाज की शानदार झलक थी।

मैंने उस झोपडी की चाबी आशा अम्मा से ले ली थी और हम सब ने उस झोपडी से होते हुए दरवाज़ा बंद करके सावधानी से एक घने पेड़ पर चढ़कर, छिपे हुए सिगरेट को फूंकते हुए, कुछ अधीरता के रोमांच के साथ लड़कियों की प्रतीक्षा करने लगे। वहाँ से हमे तालाब का अच्छा नज़ारा मिल रहा था।

इसे देखकर बॉब मुझ से बोला भाइ ये तो बहुत बढ़िया जगह है, मस्ती करने के लिए और सब कुछ गुप्त रहे इसका भी पूरा ध्यान रखा गया है। यहाँ तक के तालाब के चारो और एक काँटों लगा लोहे का गुप्त बाड़ा (चारदीवारी) भी है जो की अब पेड़ो और झाड़ियों में पूरा छिप गया है। जिससे कोई अनचाहा मेहमान यहाँ नहीं आ सकताl ये किसने बनवाया है?

मैंने कहा जहाँ तक मैं जानता हूँ ये जगह ज़मीन जायदाद तो हमारी पुश्तैनी है और ये मैंने एक बार पिता जी से सुना था कि ये तालाब या झील का निर्माण मेरे पूर्वजो ने ही करवाया था।

टॉम बोला हाँ लगता है काफ़ी शौक़ीन थे हमारे पूर्वज। यहाँ पर अपनी प्रेमिकाओ के साथ गुप्त रूप से मस्ती की जा सकती है और मेरा हाथ दबा कर बोला भाई जल्दी से कोई कार्यक्रम बनाओ। मैं तो मरा जा रहा हूँ टीना रूबी और मोना से यहाँ पर मस्ती करने के लिए। तो मैंने कहा तो भाई कल रात क्या कुछ नहीं कर पाए। तो बॉब बोला कहाँ कल दोनों बहने लूसी और सिंडी देर तक जाग कर टीवी देखती रही इसलिए कोई मौका ही नहीं मिला।

इस तरह कुछ दस मिनट के इंतज़ार के बाद हमें पास आती हुई लड़कियों की टोली की हँसी की आवाज़ सुनाई दी तो मैंने सबको ख़ामोश रहने का इशारा किया और अपनी सिगरेट बुझा कर फेंक दी। फिर हमने बंद ताला के चाबी से खुलने की आवाज़ सुनी, फिर हमने चहचहाती हुई और ख़ुशी से उछलती हुई लड़कियों की आवाजे सुनाई दी। ओह ये तो बहुत सुन्दर हैl

उसके बाद अलका की आवाज़ आयी ये ख़ास तौर पर लड़कियों के लिए बनाया गया है ताकि वे गुप्त रूप से जल क्रीड़ाये कर सकेl सबने अलका को थैंक यू कहा इस गुप्त जगह पर लाने के लिए। मैंने भी अपने दोनों फूफेरे से कहा मुझे भी ये जगह अलका ने ही दिखाई थी । आप उसे भी मौका मिलने पर धन्यवाद ज़रूर दे देना।

फिर जैसे मैंने और जेन ने मिल कर बनायीं थी उसी हमारी पूर्वत योजना के अनुसार जेन की आवाज़ सुनाई दीं: "आह! इस प्यारे गर्म दिन हमें यहाँ बिना कपड़ो के और नहाते हुए देखकर लड़कों को क्या मज़ा नहीं आएगाl"

जिसके बारे में रुखसाना ने हँसते हुए जवाब दिया: "अगर वह मुझे नहीं दीखते है, ये मुझे छुप कर देखते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हैl" तो हुमा बोली हाँ अगर हमे नहीं पता कोई हमे देख रहा है तो क्या हर्ज हैl उन्हें भी तो नज़ारे लेने का हक़ है। फिर ये नज़ारे एक दिन तो किसी ने लूटने ही है।

इस पर लूसी बोली न बाबा मुझे तो डर लगता है और सिंडी बोली मुझे भी शर्म आती हैl मैं तो कभी किसी के साथ नहीं नहायी।

तो जेन बोली जल्द ही वह समय आने वाला है, बहनो। हम सब अब जवान हो चुकी हैं और जल्द ही हम सब अपना साथी ढूँढ कर उसके साथ प्रेम भरी मस्तिया करने वाली हैंl रुखसाना बोली हमारे यहाँ तो पर्दा होता है ऐसा खुल कर करने की सोच भी नहीं सकतीl

हुमा बोली यहाँ तो सब सहेलिया ही हैं, तो अलका जिसे हमारी योजना का कुछ पता नहीं था, बोली तो बहनो हटा दो सब परदे और ले लो मजे। यहाँ कौन से लड़के हमे देखेंगे।

आगे क्या हुआ ... ये कहानी जारी रहेगी।
 
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"फिर जैसे मैंने और जेन ने मिल कर बनायीं थी, उसी हमारी पूर्वत योजना के अनुसार जेन की आवाज़ सुनाई दीं:" आह! इस प्यारे गर्म दिन में हमें यहाँ बिना कपड़ो के और नहाते हुए देखकर क्या लड़कों को मज़ा नहीं आएगा l"

जिसके बारे में रुखसाना ने हँसते हुए जवाब दिया: "अगर वह मुझे नहीं दीखते है, मुझे छुप कर देखते हैं। तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हैl" तो हुमा बोली हाँ अगर हमे नहीं पता कोई हमे देख रहा है तो क्या हर्ज है उन्हें भी नज़ारे लेने का हक़ तो है और फिर ये नज़ारे एक दिन तो किसी ने लूटने ही है।

इस पर लूसी बोली न बाबा मुझे तो डर लगता है और सिंडी बोली मुझे भी शर्म आती है। । मैं तो कभी किसी के साथ नहीं नहायी। तो जेन बोली जल्द ही वह समय आने वाला है बहनो। हम सब अब जवान हो चुकी हैं और जल्द ही हम सब अपना साथी ढूँढ कर उसके साथ प्रेम भरी मस्तिया करने वाली हैं, तो रुखसाना बोली हमारे यहाँ तो पर्दा होता है। ऐसा खुल कर करने की सोच भी नहीं सकती। हुमा बोली यहाँ तो सब सहेलिया ही हैं, तो अलका जिसे हम्मारी योजना का कुछ पता नहीं था बोली तो बहनो हटा दो सब परदे और ले लो मजे। यहाँ कौन से लड़के हमे देखेंगे। "

अब तक की कहानी का सार;

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई और फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दिया और दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनाया उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया अगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयी और तालाब पर नहाने गयी और हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थl l (अंतरंग हमसफ़र--1-22) ।

इन अगले कामुक भागो में ज़रूर आपको भी उत्तेजना का आभास होगाl सोचिए मैंने इन लम्हो को देखा, जिया, भोगा और लिखा हैl मेरा क्या हाल हुआ होगाl

अब आगे पढ़िए तालाब पर फिर क्या हुआ, मजे लीजिये।

फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, इस तरह लड़किया आपस में बात कर रही थी तो रुखसाना बोली हमारे यहाँ यु तो पर्दा होता है फिर भी लड़के हमे यु घूरते रहते हैं जैसे कपड़ो के नीचे हमारे बदन को ताड़ रहे हो। तो जेन बोली रुखसाना लगता है तुम्हारा दीवाना तो मेरा भाई बॉब भी हो गया है। वह नाश्ते के टेबल पर नाश्ता कम कर रहा था और तुम्हे ज़्यादा ताड़ रहा था। लगता है उसे तुम पसंद आ गयी हो।

अलका बोली मेरी सहेली है ही ऐसी सुन्दर की इसको जो देख ले वह दीवाना हो जाए और जेन दी आपने ग़ौर नहीं किया की टॉम भी हुमा को वैसे ही ताड़ रहा था और रुखसाना को छेड़ते हुए पूछने लगी तुम्हे हमारा भाई बॉब कैसा लगा तो वह पहले तो शर्मायी फिर बहुत पूछने पर बोली। हाँ मैंने भी ग़ौर किया था वह मुझे ही देख रहा था। जब भी मैं उधर देखती थी तो वह मुझे ही देख रहा होता था और हमारी आँखे मिलने पर धीरे से आँखे झुका लेता था। तो हुमा बोली मैंने तो कुछ नहीं देखा मैं तो नाश्ते में व्यस्त थी बहुत स्वादिस्ट नाश्ता था और सब लड़किया ज़ोर से हसने लगी।

तो अलका बोली अच्छा रुखसाना ये तो बता तुझे मेरे मौसेरा भाई बॉब कैसा लगा तो वह बोली अभी तक ऐसा कुछ सोचा नहीं है, बाक़ी इस विचार में कोई बुराई तो नहीं है लगी। तो जेन बोली बो लड़कियों से बात करने में डरता है पर उसकी आँखे बता रही थी वह रुकसाना को पहली ही नज़र में पसंद करने लगा है। फिर उत्साह से बोली तुम्हारे साथ उसे देखने के विचार में कुछ रमणीय है, जो मेरी प्रिय बहनो दोस्तों और भाइयो को भी निश्चित तौर पर उत्तेजित करेगा।

रुखसाना बोली मैं भी हरेक लड़की की तरह चाहती हूँ बॉब जैसा कोई सुन्दर बांका नौजवान मुझे पसंद करे लगी। लगता है, बॉब को तो पहले ही मुझसे प्यार हो गया हैl क्या कहती हो दोस्तों मुझे भी बॉब को मुझे पसंद करना चाहिए?

तो सब बोली हाँ-हाँ तुम दोनों की जोड़ी अच्छी रहेगी।

फिर जेन बोली और मैंने कही पढ़ा है कि एक लड़की जिस लड़के को जीतना चाहती हो उसे अपने जिस्म के सभी आकर्षण दिखा कर अपने प्रति आकर्षत करे और एकांत में उसे आज़ादी देने के लिए बेहोशी या सोने का नाटक करे और वह सारे अंग दिखाए जो एक लड़के की कमजोरी होते हैं।

उनकी ये बाते सुन बॉब थोड़ा शरमाया पर उत्तेजित हो गया और अपने लंड पर हाथ फिराने लगा और उसकी पेण्ट में आये तनाव के कारण वहाँ तम्बू बन गया।

"लूसी ने कहा," वह सब ठीक है, लेकिन यहाँ हमारे देखे जाने का कोई डर नहीं है, मैं यहाँ पर पानी में मस्ती करने आयी हूँ। अब बाते बंद करो अपने कपडे निकालो। जल्दी, से पानी में चलो इस मौसम में आज बहुत मज़ा आएगा। "

जेन ने घुटनो तक स्कर्ट और टी शर्ट पहन रखी थी, लूसी ने मिनीस्कर्ट और बिना बाजू की टी शर्ट और सिंडी ने एक बहुत छोटी-सी निकार जो बमुश्किल उसकी जांघो के जोड़ को ढक रही थी और उतनी ही छोटी बिना बाजू की टॉप जो पहन रखी थी। वही अलका ने हाफ जीन और गुलाबी शर्ट और रुखसाना और हुमा ने घागरा और लहंगा हुआ था और छोटी-सी कुर्ती पहनी हुई थी। सभी एक से बढ़ कर एक सुन्दर और ऐसा लग रहा था फैशन शो ने आयी हो।

क्योंकि वे पानी में प्रवेश करने की जल्दी में थी तो सबने जल्दी से अपने टॉप को छोड़कर अपने बाक़ी कपडे निकाले और झोपडी से निकल कर तालाब के किनारे पर आ गयी।

लूसी बोली अलका चुकी तुम रुखसाना की इतनी तारीफ़ कर रही हो तो हम बहनो को भी ने एक बार रुखसाना को इन कपड़ो से आज़ाद करके देखना चाहिए इसमें क्या-क्या ख़ास है। जिससे हमारा भाई इस पर मोहित हो गया है। उसने हंसी के साथ कहा, आओ, लड़कियों, उसे लेटाओ और इसकी कुर्ती को इसके जिस्म से दूर करो। "

मुझे लगा अब सही मौका है इसका फायदा उठाना चाहिए तो मैं नीचे उतर कर छुपते हुए उस झोपडी में घुस गया और लड़कियों के कपडे उठा कर छुपा दिए और वापिस पेड़ पर आकर छुप गया और लड़कियों का खेल देखने लगा।

सुंदर रुखसाना से केवल थोड़ा से विरोध किया लेकिन बाक़ी लड़कियों ने उसे घेर कर पकड़ लिया और उसकी क़मीज़ को चंचलता से खींच कर उतार दिया। उसने कहा: "मेरे प्रशंसको तुम मेरा सब कुछ ऐसे ही नहीं देख सकती इसके बाद तुम्हे भी अपने सब कपडे उतारने पड़ेंगे। फिर रुखसाना, सिंडी जो मेरी बुआ की बेटी थी उसे देखते हुए बोली तुम्हारे जंगल में तो अभी कोई पेड़ क्या अभी छोटी-छोटी घास भी नहीं उगी है क्योंकि उसे उसके बदन पर कोई बाल नहीं मिलाl

सिंडी बोली बाल तो अभी हुमा के बदन पर भी नहीं है। हुमा बोली हम सब के हिस्से का जंगल रुखसाना और लूसी ने जो ऊगा रखा है। फिर लूसी बोली जेन और अलका तुमने तो लगता है जंगल की कल ही सफ़ाई की हैl यह एक बहुत अच्छी आदत है।"

अलका बोली देखो तो लूसी की बुर कितनी छोटी-सी है औ फिर अलका रुखसाना के स्तनों को देखती हुई बोली ये तो बड़े सुदृढ़ और गोल-गोल और दूध से भरे हैं। हमारे भाई को कभी भी दूध की कमी नहीं होगी। तो जेन बोली आगे हमारे भतीजे भतीजियों को भी ख़ूब दूध मिलता रहेगा। फिर सभी ज़ोर से हसने लगी। ।

उनकी ऐसी बाते सुन कर हमारे हथियार तन गए और लग रहा था अभी पेण्ट फाड़ कर बाहर आ जाएंगे। तो बॉब मेरे कान में फुसफुसाया अब हमे भी अपने कपडे त्याग दने चाहिए। मैंने कहा अभी ठोड़ी देर रुक जाओ पर तब तक टॉम ने अपनी पेण्ट उतार कर अपना लंड बाहर निकाल लिया और टॉम को दिखाते हुए बोला देख लो मेरा हथियार तुम से लम्बा और तगड़ा हैl

टॉम ने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और वह भी बिलकुल तना हुआ था। फिर मुझे बोले आप भी पेण्ट उतार दो फिर हमे इन्हे दबोच कर इनकी गन्दी बाते करने के लिए इन्हे सबक सिखाना चाहिए। तो मैंने कहा अभी ठोड़ी देर रुको और देखो लड़किया आगे क्या करती हैं।

फिर जल्द ही रुखसाना नरम हरी घास पर उसकी पीठ पर लेटी हुई थी। उसके चेहरा उत्तेजना और शर्म से एकदम लाल हो गया था, क्योंकि लड़कियों ने उनकी सुंदर योनी को देखने के लिए उजागर कर दिया था और खुशकिस्मती से वह नज़ारे बिलकुल हमारे सामने पेड़ की उचाई पर बैठे होने के कारण बिलकुल हमे बिलकुल स्पस्ट दिख रहे थे।

सुंदर योनी को नरम बालो ने ऐसे घेर रखा था जैसे धुंध तारे को घेरता है। चमकदार धूप में संगमरमर की तरह चमकती उसकी खूबसूरत सफेद पेट और जांघो के बीचो बीच उसकी योनि के चारो और ये बाल उसकी योनि के अलंकरण थे। सभी बहनें अपने दोस्तो के साथ-साथ शरमा रही थीं और बहुत प्यार की नजरों से देख रही थीं और हस रही थी और सबने अपने बाक़ी कपडे भी निकल दिए और बिलकुल वैसी हो गयी जैसी की वह पैदा हुई थी।

उनकी हंसी वहाँ गूंज रही थी और फिर हम इन असली अप्सराओं के खेल का गवाह बन जाते हैं। कुछ देर बाद रुखसाना और हुमा अपने घुटनों पर हो गई, उसके बाद बारी में सभी चारो बहनों ने चुंबन करने के लिए अपने दोस्तो को उनके योनि को प्रस्तुत किया। फिर हुमा ने सब की योनि को चूमा और उसके बाद रुखसाना ने भी चूमा सबसे आख़िर में सिंडी थी तो रुखसाना ने हुमा के नितम्बो के चारो तरफ़ अपनी बाहो का घेरा बनाते हुए बोली इस बिना बाल वाली खूबसरत छोटी-सी योनि को तो मैं चूसूंगी।

और उसके होंठ सैन्य की योनि से चिपक गए और फिर उस युवा लड़की ने उत्साह के साथ अपने हाथों को रुखसाना के सिर पर रख दिया और फिर उधर जेन भी हुमा की बाल रहित योनि को चूसने चाटने लगा गयी और अलका अपने दोस्त हुमा और लूसी रुखसाना की तरफ़ घुटने टेककर, उन दोनों की योनी, छाती और हर आकर्षण को सहलाने लगे।

ये रोमांचक दृश्य पांच या छह मिनट तक चला और उसके बाद चुंबन और पागल उत्तेजना में चुने के बाद वे सब एक के ऊपर एक ढेर होकर गिर गयी। सब एक दुसरे में खो गयी इस बीच हमने भी अपने सब कपडे निकाल कर पेड़ पर ही छुपा दिए और चुपके से जा कर उनके सब कपडे उठा लाये और छिपा दिएl मैंने कहा दोस्तों अब ये हमसे नहीं बच पाएंगी। अब इन्हे हमारी सब बात माननी पड़ेगी l ो बॉब ने कहा अब चले नीचे इनके सामने, तो मैंने कहा बस कुछ देर और इंतज़ार करो।

एक के बाद एक, सभी लड़कियों ने-ने अपनी दोस्त की रमणीय गर्म योनि के सुर्ख लाल होंठो को चूमा और फिर उसे-उसे पलट कर पट्ट पेट के बल लिटा कर अपनी हस्ती खिलखुलाती हुई दोस्त को उसके दूधिया सफ़ेद नितम्बो पर खुले हाथों से चपत मारने लगीl जिससे वह झूठ मूठ चिलाने लगी बचाओ-बचाओ बॉब मुझे बचाओ, दीपक मुझे बचाओ।

आगे क्या हुआ ...ये कहानी जारी रहेगी ।
 
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"एक के बाद एक, सभी लड़कियों ने अपनी दोस्त की रमणीय गर्म योनि के सुर्ख लाल होंठो को चूमा और फिर उसे-उसे पलट कर पट्ट पेट के बल लिटा कर अपनी हस्ती खिलखुलाती हुई दोस्त को उसके दूधिया सफ़ेद नितम्बो पर खुले हाथों से चपत मारने लगी, जिससे वह झूठ मूठ चिलाने लगी, बचाओ! बचाओ! बॉब मुझे बचाओ।"

अब तक की कहानी का सार;

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई और फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी l अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दिया और दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनाया उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया अगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयी और तालाब पर नहाने गयी और हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे और लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगी (अंतरंग हमसफ़र-1-23)।

अब आगे पढ़िए तालाब पर फिर क्या हुआ।

फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, एक के बाद एक, सभी लड़कियों ने अपनी दोस्त के दूधिया सफ़ेद नितम्बो पर खुले हाथों से चपत मारने लगी जिससे वह झूठ मूठ चिलाने लगी "बचाओ बचाओ, बॉब मुझे बचाओ"।

तो अलका बोली, खाली बॉब ही क्यों दीपक और टॉम को भी बुला ले बचाने को पर अब तुझे बचाने कोई नहीं आने वाला है यहाँ और ज़ोर से उसके नितम्बो पर दो चपत लगा दी। इस पर रुखसाना दर्द से बिलबिला कर लगता हैl दुखता हैl बोली और फिर से चिल्लाई बचाओ मुझे बचाओ दीपक बॉब और टॉम कोई तो मुझे बचाओ।

मैंने बॉब से कहा अब हमारा समय आ गया है, हमने बड़े-बड़े पत्तो और टहनियों की मदद से बाँध कर अपने गुप्तांगो को छुपा लिया और लड़कियों को आश्चर्यचकित करते हुए,पेड़ से नीचे, तुम ने पुकारा और हम चले आये गाते हुए हम उनके पास ऐसे कूद गए, जैसे आसमान से आये हो रुखसाना को बचाने के लिए l

मैं बोला इस लड़की को अकेली देख कर आप क्यों मार रहे हो उसे छोड़ दो और बॉब रुखसाना के पास जाकर उसका हाथ पकड़ कर बोला-ऐ हसीन मोहतरमा! तुम डरो मत हम तुह्मे बचाने आ गए हैं और टॉम शरारत में गाने लगा तुम ने पुकारा और हम चले आये।

एक पल के लिए तो लड़कियों को कुछ समझ नहीं आया। सब की सब ज़ोर से डर के चिल्लाई और अपने हाथों में अपने शरमाते चेहरे को छिपा लिया और फिर जब तक वह हमें पहचानी तो उन्होंने अपने कपडे ढूँढने शुरू किये और अपने हाथो से अपने वक्षो और योनि प्रदेश को छुपाते हुए भागने लगी पर उन्हें कोई सुरक्षित जगह नहीं दिखी क्योंकि झोपडी के गेट के आगे मैं खड़ा हो गया था।

जब बचने का कोई उपाय समझ नहीं आयेा तो वह सब हमसे दूर भागने लगी। तो हम भी उनके पीछे भागे तो वह चिलायी आप लोग यहाँ कैसे आ गए ये क्या बदतमीजी है जाईये यहाँ से। तो बॉब बोला हम ने आपकी बचाने की पुकार सुनी इसीलिए यहाँ आये है आप ही ने हमे पुकारा था बचाने के लिए।

तो टॉम बोला पहले तो आपने हमे पुकारा अब जब हम आ गए बचाने तो हमे धन्यवाद देने की जगह हम ही पर नाराज हो रही हैं आप और फिर ठोड़ी नक़ल करते हुए बोला "ये तो कोई अच्छी बात नहीं है"।

वे सब बहुत चकित थे, अपनी पूर्ण नग्न अवस्था के कारण शर्मसार भी थी। उन्हें अभी तक कुछ भी समझ नहीं आया था तो अब अपने आप को छुपाने के लिए उन्हें तालाब में ही उतर जाना ठीक लगा और सब से पहले रुखसाना तालाब में उतर गयी। उसके पीछे-पीछे बाक़ी लड़किया भी तालाब में चली गयी और बोली आप लोग प्लीज यहाँ से चले जाओ।

तो बॉब बोला मोहतरमा आप हुकुम करेंगे तो हम चले जाएंगे पर आप कब तक तालाब में ऐसे रह पाएंगी क्योंकि बिना कपड़ो के आप सब वापिस घर नहीं जा सकती और आप सब के कपडे हमारे पास हैं। उन्हें वापिस लेने के लिए तो आपको बाहर आना ही होगा और जलवा अफरोज होकर अपने हुस्न के दीदार हमे करवाने ही पड़ेंगे।

वैसे हम सब भी तालाब में आ सकते हैं इसकी भी कोई हमे मनाही तो नहीं है। बेहतर यही होगा की आप सब हमारी बात को समझे और माने। वह मिन्नत करने लगी की हम उनके कपडे लौटा दे और यहाँ से चले जाए पर हम कहाँ इतनी आसानी से मांनने वाले थे और हमारे लंड महाराज अपने पूरे शबाब पर थे और पत्तो के बीच से सर उठा कर अपनी उपस्थिती दर्ज करा रहे थे जिसे देखकर लड़किया शर्म से पानी के अंदर पानी-पानी हुई जा रही थी।

हमारी बाते सुन कर उन्हें स्थिति की वास्तविकता समझ आने लग गयी थी। " कितने अशिष्ट और कैसे कामुक विचार हैं आप तीनो के? l प्लीज, इन विचारो को अपने दिमाग़ से निकाल दीजिये हमे हमारे कपडे लौटा दीजिये और यहाँ से चले जाइये। तो बॉब बोला तो चिल्लाने से पहले जो आप सब जो कर रही थी क्या वह अशिष्ट और कामुक नहीं था।

तो रुखसाना बोली क्या आप अचानक मेरी चिल्लाहट सुन यहाँ नहीं आये हैं पहले से ही यहाँ थे और आपने सब देखा और सुना है। बुरी फस गयी आज तो मैं! तो अब तो आपसे समझौता ही करना पड़ेगा। बताइये हमे क्या करना होगा।

तो बॉब कुछ देर सोचने लगा। तो मैंने कहा जो खेल आप खेल रही थी उसे ही जारी रखना होगा और हमे भी इसमें शामिल करना होगा। अब हरेक लड़की एक-एक करके बाहर निकलेगी और फिर हम लड़के एक-एक करके उसका मुआयना निरिक्षण करेंगे और लड़की भी चाहे तो लड़के के मुआयना कर सकती है और फिर सब पानी में गेंद से खेलेंगे साथ में नहाएंगे और फिर तालाब के किनारे एक दौर पकड़ा पकड़ी का होगा। जिसके नियम सब मिल कर बना लेंगे।

तो सब लड़किया ने आपस में मिल कर पानी के अंदर ही कुछ कानाफूसी करते हुए मंत्रणा की फिर जेन बोली अब चुकी और कोई रास्ता नहीं है हम सब आपके साथ सहयोग करने को त्यार हैं पर एक शर्त है कि आप तीनो हमारा ये राज और यहाँ जो भी हुआ है और आगे भी हम सब के बीच जो भी होगा किसी को नहीं बताएँगे। सब लोग राज को राज रखने का वादा करिये l तो हमने कहा ठीक है हम वादा करते हैं तो लड़कियों ने भी वादा किया वह ये राज किसी से नहीं कहेंगी।

तो एक लड़की मीठी से आवाज़ में बोली आप सब भी पहले उन पत्तो और टहनियों को अपने जिस्म से दूर कीजिये ताकि हम भी आपके जलवो का नज़ारा कर सके। ये तो बराबरी का हिसाब नहीं हुआ की आप हमे ऐसे देखे और हम आपको इन पत्तो में देखे। तो हमने भी एक झटके में उन पत्तो को दूर कर दिया और हमारे प्यार की गाडी के इंजन अपनी पूरी कठोर उत्तेजक स्थिति में उजागर हो गए और लड़किया उन्हें मुँह खोले देखती रही। फिर हमने हमारे कूल्हे हिला कर हमारे लंड से उन महारानियो को तीन बार तुनक कर तीन तोपों की सलामी दी। जिसे देख सब हस पड़ी।

मैं बोला जब हमे पता चला आप सब यहाँ नहाने आ रही हैं और मेरा भाई बॉब तो रुखसाना और टॉम हुमा के हुस्न के जलवे देखने के लिए बेकरार हो गया था, तो हम भी आप सबको यहाँ नहाते हुए देखने चले आये थे। हम सब लड़के आपसे आपके खेल में व्यवधान डालने के लिए क्षमा चाहते हैं। हम वैसे यहाँ आये तो आप सब को नहाते देखने के लिए थे पर जब आप सब एक दुसरे को चूमने चाटने लगी तो हमपे उत्तेजना और कामवासना हावी हो गयी और हम से रुका नहीं गया और हम बीच में कूद गए। इसके लिए आप हमे माफ़ कर दीजिये और अब हमे अपने जलवे जो हमने कुछ दूरी से देखे हैं, नज़दीक से दिखा दीजिये ताकि हमारी जलती और तड़पती हुई आँखों को कुछ हरियाली देखने से राहत मिल जाए।

तो मैंने पुछा अब कोई किसी से नाराज तो नहीं है और इस खेल के लिए सब तैयार है l अब आपसे प्राथना है के अब खेल को पुनः जारी किया जाए तो सबसे पहले कौन आ रहा है। सब लडकिया एक दुसरे को देखती रही तो हिम्मत करके उनमे से उम्र में सबसे बड़ी जेन सबसे पहले बाहर आयी। जब वह पानी से बाहर आ रही थी तो जिस तरह से धीरे-धीरे उसका हुस्न पानी से निकल कर हमारी प्यासी आँखों के आगे उजागर हो रहा था, उससे हमारी उत्तेजना और बढ़ गयी और बॉब तो अपने लंड को पकड़ने लगा तो मैंने उसे इशारे से रोका। तीनो के लंड महाराज ने फिर भी तुनक कर जेन के हुस्न को सलामी तो दे ही दी।

तो बॉब ने पहले उसका मुयायना किया और उसकी तारीफ की और वह एक तरफ़ खड़ी हो गयी तो उसके बाद टॉम ने उसका मुआयना किया और फिर मैंने भी जेन को मुयायना किया और उसके स्तन दबा कर और उसकी गोलाइयों को महसूस किया और फिर चूत पर हाथ फिराते हुए कहा आप सच में शानदार हुस्न की मल्लिका हैं।

उसके बाद अलका बाहर आयी फिर लूसी और उसके बाद सिंडी जब आयी तो उसकी छोटी-सी बाल रहित संकरे छेद वाली चुत देख कर मैं सोचने लगा इसकी संकरी चुदाई करने में कितना मज़ा आएगा। l उसके बाद जब रुखसाना आयी तो बॉब उसे आते देख आगे बढ़ गया उसे झुक कर सलाम किया और जब वह बहार निकल रही तो उसका हाथ पकड़ कर उसे आगे ले आया और उसके लंड ने भी रुखसाना को तीन बार तुनक कर सलाम किया और फिर उसके एक-एक अंग का काफ़ी देर तक मुआयना करता रहा। तो टॉम बोला भाई सब कुछ अभी देख लोगों, कुछ बाद के लिए भी रहने दो।

आख़िर में हुमा आयी तो उसका चेहरा बहुत प्यारा थाl, गालो में जब वह मुस्कुराती थी तो डिंपल पड़ते थे जिससे उसकी खूबसूरती में भी चार चाँद लग जाते थे। उसकी भी छोटी-सी योनि थी जिसपे हलके-हलके रुए थे जो बाहर नरम और सुनहरे रंग के थेl जिसका पहला मुआयना टॉम ने आगे हो कर किया और सब एक लाइन में खड़ी हो गयी l हमारे प्रेम के प्रचंड इंजनों को देखते हुए सब बहुत शर्मा रही थीl

हम सब से एक बार फिर सबका एक साथ मुआयना किया l फिर सबकी तारीफ करते हुए, मैंने कहा आप सब शानदार आकर्षक हुस्न की मल्लिका हैl आप सब में से एक को सर्वश्रेष्ठ चुनना बहुत मुश्किल है, और मैं आप सब को घर वापिस पहुँचने पर एक भेंट देना चाहूंगा।

मैंने कहा अब आगे खेल शुरू करते हैं तो टॉम झोपडी में से एक गेंद उठा लाया और उसे तालाब में फेंक दिया l फिर दो दल बनाये गए स्वाभिक तौर पर एक दल जिसमे सब लड़किया थी और दूसरा लड़को का और फिर सब लड़कियों ने एक गोल घेरा बना लिया जिसके अंदर हम तीनो लड़के थे और अब लड़कियों ने लड़को को गेंद मारनी थी और लड़को ने बचना था।

सब लड़कियों ने अपना-अपना निशाना चुन लिया था जहाँ रुखसाना और जेन ने बॉब को चुना था, वही दोनों स्कूल के सहेलियों अलका और हुमा ने टॉम को चुना और मेरी फूफेरी हमउम्र बहनो लूसी और सिंडी ने मुझे चुना। यहाँ तक की कई बार जब मैं रुखसाना से निशाने में था, तब भी उसने मेरी जगह बॉब पर ही निशाना साधा और इसे तरह हुमा भी टॉम पर निशाना साधती रही और सिंडी मुझ पर चुना। जब सब आउट हो गए तो अब लड़को ने लड़कियों को जल्द ही आउट कर लिया तो उसके बाद जिसने जिसको आउट किया था, वह उसके साथ पानी में खेलने लगा। बॉब रुखसाना के साथ टॉम हुमा के साथ और मैं बारी-बारी से चारो बहनो पर पानी डालता रहा।

फिर मैं सिंडी को पकड़ कर तालाब में एक तरफ़ चला गया और उसके साथ खेलने लगा मैंने पानी में उसके स्तनों को धोया। मैंने देखा अब सभी यही कर रहे थे कोई किसी की पीठ और कोई केले के तने जैसी चिकनी टांगो को मल रहा था। मैंने महसूस किया सिंडी के हाथ मेरे सारे बदन पर चल रहे थे और रुखसाना के हाथ मेरे खड़े लंड से खेल रहे थे और उसका दूसरा हाथ बॉब की लंड से खेल रहा था। वही टॉम उसके स्तनों से खेल रहा था फिर सब एक साथ हो गए और पता नहीं कौन किसके साथ क्या कर रहा था। किसके बदन पर कितने हाथ थे बस हाथ जिस्मो पर चल रहे थे।
 
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मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयीl उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगीl मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुईl फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआl वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी l अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दियाl दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनायाl उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैंने उसका कौमर्य भंग कर दियाl अगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयी और तालाब पर नहाने गयीl हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे और लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगीl फिर हम वहाँ कूद पड़े और उनके सेक्स ने नए-नए खेल रचाये (अंतरंग हमसफ़र-1-24) ।

अब आगे पढ़िए तालाब पर फिर क्या हुआ।

फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, सभी पूरे नग्न थे और शर्म त्याग चुके थे और इन खेलो का पूरा आंनद ले रहे थे l इन मस्तियो और कामुक खेलो के कारण भी हम सब की आपस में शर्म और झिझक बिलकुल ख़त्म हो गयी थीl

फिर तालाब में सब एक साथ हो गए और पता नहीं कौन किसके-किसके बदन पर कितने हाथ थे ये तो नहीं पता बस हाथ जिस्मो पर चल रहे थे।

फिर सबसे पहले लूसी तालाब से निकलते हुए बोली मैं तो अब थक गयी हूँ, कुछ देर धुप में लेटूंगीl उसके पीछे-पीछे सभी तालाब से बाहर निकल आये और हरी घास पर लेट गए। कुछ देर बाद जब सब सूख गए, तो हुमा बोली अब क्या करना है! बताइये दीपक?

तो मैंने कहा अब एक खेल पकड़ा पकड़ी का हो जाए। तो मैंने कहा अब लड़किया 6 हैं और लड़के तीनl ऐसा करते हैं तीन दल बना लेते है पहले लड़किया अपना साथी लड़की चुन ले। और फिर दोनों मिल कर एक लड़के को पकड़ेंगे। फिर जो लड़की लड़के को पकड़ेगी उस को दूसरी लड़की और लड़का मिल कर पकड़ेंगे। कोई भी पानी में नहीं जाएगा l कोई भी किसी को किश नहीं करेगा और पकड़नेवाले अपना एक-एक हाथ पकड़ कर भागने वाले लड़के या लड़की को पकड़ेंगे। जो जीतेगा उसे इनाम मिलेगा और जो हारेगा उसे सजा मिलेगी। क्या मिलेगा ये सरप्रीइज है।

तो तीन दल इस प्रकार बने। रुखसाना और जेन, हुमा और उसकी सहेली अलका और दोनों बहने लूसी तथा सिंडी। और अब तीनो को एक-एक लड़के को पकड़ना था l मैंने कहा एक प्रथम राउंड हो जाए जिसकी हार जीत गिनी नहीं जायेगी इसके लिए समय रहेगा 10 मिनट अगर 10 मिनट में नहीं पकड़ पाए तो वह जोड़ी हारी हुई हुए मानी जाएगी।

तो बॉब बोला ठीक है फिर जो पकड़ा जाएगा उसे पकड़ने वाले तो कुछ इनाम देना होगा .. तो लड़किया बोली क्या इनाम होगा ये आपस ने तय कर लेंगेl

रुखसाना उम्मीद के अनुसार बॉब के पीछे भागी। रुखसाना कोशिश कर रही थी। बॉब को रुखसाना ही पकडे ताकि उसके बाद फिर वह बॉब का हाथ पकड़ कर जेन के पीछे भागे। जब बॉब ने रुखसाना की इच्छा को समझा तो जान भुझ कर जेन की पकड़ में आ गयाl उसके बाद दोनों ने उसके साथ लिपट कर उसे पकड़ लिया। जब जेन और रुखसाना बॉब के पीछे भाग रही थी उसे पकड़ने तो देखे में बड़ा मज़ा आ रहा थाl नग्न बॉब का हथियार बड़ी तेजी के साथ झूल रहा था और वही भागती हुई लड़कियों के ऊपर नीचे होते हुए स्तन भी बड़ा मजेदार नज़ारा पेश कर रहे थे।

जेन ने तय किया पकडे जाने वाले को पकड़नेवाले को चुम्बन देना होगा, जिसे सबने मान लिया l

उसके बाद सब बोले इस के लिए 5 मिनट का समय काफ़ी रहेगाl अब सब भागेंगे तो फिर खेल शुरू हुआ l मैं पहले बहुत तेज भागा और लड़कियों से बहुत दूर जाकर खड़ा हो गया, और बाक़ी सबको भागते हुए देखने लगा l भागते हुए बॉब और टॉम के हिलते हुए खड़े लंड, भागती हुई नग्न लड़कियों, उनके हिलते हुए स्तन, एक अलग ही मंज़र पेश कर रही थीl मैं उन्हें ही देखता रह गया और लड़कियों लूसी तथा सिंडी ने मुझे आकर पकड़ लिया और मेरे को कस कर पकड़ने के लिए मुझ से लिपट गयी ताकि मैं भाग न सकूl सच में जब वह दोनों मुझ से लिपटी, एक मेरेी छाती ले लिपट गयी और मेरी पीठ से लिपट गयी और उनके स्तन मेरी पीठ और छाती से चिपक गएl

दोनों में मुझसे चुम्बन माँगा जो मैंने सहर्ष दे दिया l

मैं बता नहीं सकता क्या एहसास थाl बहुत मज़ा आया और मन कर रहा था दोनों मेरे साथ ऐसे ही चिपकी रहेl किसी ने शोर नहीं मचाया के पकड़ लिया पकड़ लियाl दूर से जेन चिल्लाई लूसी ने दीपक को पकड़ लियाl अब दीपक और सिंडी मिल कर लूसी को पकड़ेंगे l फिर हम तीनो भागे और इस बार सिंडी ने भागती हुई लूसी को पकड़ लिया और फिर मैं और सिंडी लूसी के पीछे भागे और उसे मैंने पकड़ा। इसमें पकड़ने के बाद लिपटने में बहुत मज़ा आ रहा था और सब बहुत खुश हो रहे थे और ज़ोर जोर से हस रहे थेl

इसी तरह सब दो-दो बारी पकडे गए तो बॉब बोला ठीक है फिर जो पकड़ा जाएगा उसे पकड़ने वाले तो कुछ और इनाम देना होगाl लड़किया बोली क्या इनाम होगा ये आपस ने तय कर लेंगे पर बॉब लड़कियों की पकड़ में नहीं आया l जबकि उसने रुखसाना को पकड़ लिया और पकड़ने के बाद रुकसाना से चुम्बन माँगा, जो उसने धीरे से उसके गालो पर कर दियाl

इसमें सब बहुत थक गएl रुखसाना बोली इतना तेज भागने से मैं तो बहुत थक गयी हूँ और पसीना-पसीना हो गयी हूँl मैं तो अब और नहीं भागुंगी और तालाब में नहाने जा रही हूँl सबने इस विचार का समर्थन किया l अब कोई नहीं भागेगा और सब तालाब में जा कर नहा लेते हैंl

फिर सब तालाब में चले गए और नहाये और दस मिनट बाद बॉब बोला अब तो भूख भी लगने लगी है। मैंने बोला झोपडी में कुछ खाने पीने और हलके नाश्ते इंतज़ाम हैl वहाँ चलते हैं सब बाहर निकले और कुछ देर धुप में बिठा कर ख़ुद को सुखाया l

फिर बॉब ने रुखसाना को कमर में बाहे डाल कर पकड़ा और गर्मियों के घर में ले गयाl उसके पीछे-पीछे मैं और टॉम उनकी बहनों, हम भी उस झोपडी में चले गए। टॉम ने सबको शैम्पेन और खाने का समान जैसे बिस्कुट केक नमकीन और फल सबको पेश किये। रुखसाना और हुमा पहले तो हिचकी फिर दोस्ती के नाम पर सबने जाम उठाये और हम तीनो प्रत्येक घुटने पर एक युवा महिला के साथ बैठ गए l मेरा अज़ीज़ दोस्त बॉब के साथ रुख़्सान और जेन थी, टॉम के साथ दो करीबी सहेलिया हुमा और अलका थी।

जबकि मेरी फूफेरी बहने लूसी अवं सिंडी मेरे साथ बैठीl हमने लड़कियों को शैंपेन के कई गिलास दिए, जो उन्हें शर्म की भावना से उबरने के लिए निगल लिएl जब वे हमारी गर्दन के साथ लिपटी हुई थी, तब हमने उनके उत्तेजित शरीर के कम्पन को महसूस किया l उनके हाथ और हमारे हाथ छाती पर, स्तनों पर और शर्ट के नीचे और हर निषिद्ध स्थान पर महसूस हो रहे थे और ये सब क़ुदरती होने के साथ ही हम सबकामुक और उत्तेजित हो गए थेl

हम में से प्रत्येक के पास हमारे लंड पर दो नाज़ुक हाथ, दो बाहे हमारे गर्दन के चारों ओर, दो चेहरे हमारे दोनों तरफ़ गाल के साथ गाल चिपकी हुई, दो जोड़ी होंठो के दो सेट चुम्बन के लिए, नम और चमकदार आंखों, दो जोड़ी उन्नत गोल और सुदृढ़ स्तनों की थी और हम उन्हें चूमते-चूमते चूसते और दबाते हुए पूरे मजे ले रहे थेl जो जोड़ी हाथ हमारे कठोर लंड के ऊपर नीचे हो रहे थे जिसके कारण जल्द ही हमने उनकी हाथ और उनके स्तनों पर पिचकारियाँ मार दीl

शराब से उत्साहित और अत्यंत प्रिय लड़कियों को आनंद देने के लिए उत्तेजित हो, मैं ने लूसी की टांगों को चौड़ा किया और मेरे घुटनों पर बैठकर, उसकी कुंवारी योनी को तब तक सहलायाl चूमा और चूसा, जब तक वह चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर ख़र्च नहीं हो गईl जबकि प्रिय सिंडी भी मेरे साथ वही अपने मुँह और हाथो से कर रही थी और उसने मेरे लंड की कठोरता द्वारा ख़र्च की गयी आखिरी बूंद को भी बड़े प्रेम से चूस लियाl जब उसने सब चाट लिया तो लूसी ने भी अपना मुँह सिंडी के मुँह से लगा कर, मेरा सारा वीर्य जो सिंडी के मुँह पर लगा था उसे भी चाट लिया।

इस बीच बॉब मेरी नक़ल करते हुए मेरे उदाहरण का अनुसरण कर रहा था l रुखसाना ने उसकी कामुक जीभ के आगे सम्पूर्ण समर्पण किएl जब प्यार की सनक उसे ख़र्च बिंदु पर ले आईl वह ख़ुशी से चिल्लायी और उसने उसके सिर को अपने जाँघि के बीच माउंट की ओर दबायाl जबकि जेन उस समय अपने भाई के पेट और लंड और फिर उसके अंडकोषों पर बेतहाशा चुंबन करती रही और बॉब भी एक तेज उत्सर्जन करने के बाद, दोनों को चूमते हुए उनके स्तन दबाता रहा l

उधर टॉम पहले तो हुमा की बाल रहित योनि के कर हाथ फेरता रहा l फिर छोटी-सी योनि देखकर अति उत्साहित होकर उसमे ऊँगली घुसाने की कोशिश कर रहा था l उसके बहुत संकरी और टाइट होने के कारण असफल रहाl पहले तो उसने उसके स्तनों को चूमा चाटा और फिर उसके चूचको को खिंचाl फिर चूसा और हाथ से अलका का एक हाथ अपने लंड पर रख कर, अलका का दूसरा हाथ हुमा की योनि के दाने को छेड़ने के लिए प्रेरित कर, उसके दोनों स्तन और चूचक एक-एक करके तब तक चूसता रहा, जब तक वह इस दोहरे हमले से चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर ख़र्च नहीं हो गयी l उधर अलका ने अपने हाथ चलाते हुए उसके लंड को चूसा जिससे वह भी उसके बाद एक बार फिर स्खलित हो गया l

इसके बाद एक राउंड और हुआ जिसमे कोई भी किसी के भी साथ प्रेमालाप करने के लिए स्वतंत्र था l जल्द ही बॉब तो टॉम इसमें एक बार फिर उत्तेजना के चार्म पर पहुँच कर निढाल हो गिर गएl सभी लड़किया मेरे साथ लग गयी और मैंने सभी को चरम पर लेजाकर सबसे आखिर में हुमा के स्तनों पर अपने वीर्य की पिचकारियां मारीl

जब हम इस रोमांचक ग्रुप सेक्स के बाद हम सब थोड़ा संयत हुए, तो हमारे बीच के सभी उतावलेपन गायब हो गएl हमने एक दुसरे से कल मिल कर कार्यक्रम फिर दोहराने का वादा किया और वर्तमान में सभी ने एक साथ स्नान करके ख़ुद को संतुष्ट कियाl लड़किये के कपडे लौटाए और उन्हें बड़ी उत्सुकता से कपडे पहनते हुए देखते रहेl हालाँकि कपडे पहनते हुए देखने का अनुभव कपडे उतारते हुए देखने से थोड़ा कम उत्तेजक था, पर फिर भी हमारे लिंग उन्हें देखते हुए बड़ी जल्दी कठोर होने लगेl

बहुत लंबे समय तक लड़कियों के बाहर रहने के कारण कोई कुछ ग़लत होने का संदेह कर सकता है इस डर से घर लौट आए।

जब हम घर वापिस पहुँचे तो बुआ और फूफा लौट आये थे और दोपहर का खाना लग ही रहा था। उनके साथ मेरी छोटी बुआ (अलका की माँ) भी थी और तीनो बहुत खुश नज़र आ रहे थे। सब लड़किये के चेहरे की लाली को देख कर बुआ बोली सुबह की सैर का सब लड़कियों के स्वस्थ्य पर अच्छा असर हो रहा हैl सबको मेरे साथ ये सैर जारी रखनी चाहिएl अलका ने रुखसाना और हुमा का परिचय दोनों बुआओँ और फूफा जी से करवाया l और उनसे उनके आने और एक हफ्ते रुकने का मंतव्य बताया, तो उन्हों ने उनका स्वागत किया और ख़ुशी से उन्हें सबके साथ रुकने की इजाज़त दी l साथ ही अलका से भी कहा अगर वह चाहे तो वह भी सब के साथ रुक सकती है और रूबी और आशा अम्मा से सबके रुकने और रहने का इन्तेजाम करने को कहा।

दोपहर का खाना खाने के बाद बॉब ने कहा वह थोड़ा थक गया है, इस लम्बी सैर के बाद और आराम करना चाहता है और अपने कमरे में चला गया, हमेशा जैसा की वह ज़रूर खाने के बाद स्मोक करता है, पर आज उसने मुझे और टॉम को सिगरेट पीने के लिए भी आमनत्रित नहीं किया जो मुझे बहुत अजीब लगा।

उसके बाद छोटी बुआ ने सभी को अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया तो सबने बोला सभी अभी तो लम्बी सैर के बाद और फिर वहाँ कुछ खेल खेलने के कारण थक गए हैl इसलिए आराम करना चाहते हैं हाँ रात के खाने पर वही मिलते हैं और अलका सब को वहाँ ले आएगी l तब उसने अपनी बड़ी बहन (मेरी बड़ी बुआ) और फूफा जी को भी आमंत्रित किया की चलिए दोपहर के खाने के बाद चाय वहाँ पीते हैंl वह छोटी बुआ के साथ चले गए और जाते-जाते रूबी, टीना और मोना को छोटी बुआ की शाम के डिनर में सहायता करने के लिए बोल कर चले गएl

उनके जाने के बाद अलका और जेन, लूसी और सिंडी मेरे पास आ कर बोली आज हम दोनों की माँ बहुत खुश हैl ज़रूर इस टूर पर ऐसा कुछ हुआ है जिससे इनके रिश्ते सुधर गए हैं, इसी कारण ये तीनो इतने खुश हैंl नहीं तो, कभी भी छोटी बुआ यहाँ नहीं आती थी और बड़ी बुआ का छोटी बुआ के घर चले जाना तो आठवां आश्चर्य है l तो मैंने पुछा क्या आपको मालूम है ये आपस में क्यों नाराज थी। तो दोनों बोली हमे ज़्यादा कुछ कभी किसी ने नहीं बताया। हमने तो सिर्फ़ इनके व्यवहार में आये परिवर्तन से अंदाजा लगाया है l

तो मैंने कहा जेन सब आपके कमरे में चलते हैं, वहाँ आशा अम्मा को बुला कर पूंछते है l वे सबसे पुरानी है उन्हें सब पता होगा l

जेन के कमरे में जा कर हमने रूबी को आशा अम्मा को बुला कर लाने को कहा और उनके आने के बाद उन्हें घेर लिया और फिर मैंने उनसे बुआ और फूफा का सारा माजरा पुछा।

आगे क्या हुआ, मेरी दोनों बुआ की क्या कहानी थी? ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कामुक कहानी जारी रहेगी l
 
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मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयीl उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगीl मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई l फिर उसके बाद रूबी को चोदाl हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया l वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआl वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दिया l दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया। मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनाया l उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया l अगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयीl सब लड़किया तालाब पर नहाने गयी और हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे l लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगी और फिर हम वहाँ कूद पड़े और उनके सेक्स ने नए-नए खेल रचाये l सबने आशा अम्मा से मिल कर छोटी बुआ, बड़ी बुआ और फूफा का सारा माजरा जाने का प्लान बनाया (अंतरंग हमसफ़र-1-25) ।

अब आगे पढ़िए:-

तो प्रीती ने उत्सुकता से पुछा तो आपकी दोनों बुआ का क्या किस्सा था?

फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, तुम्हे ये राज इसलिए बता रहा हूँ क्यंकि अब तुम मुझ से शादी करने के बाद मेरे परिवार का हिस्सा बन गयी हो l मुझे लगता है तुम्हे ये राज पता होने चाहिए ताकि तुम्हे भविष्य में कोई दिक्कत न हो।

तो हमने आशा अम्मा को बुला कर अपनी बुआ के बारे में पूछा तो आशा अम्मा पहले तो बोली ऐसी कोई बात नहीं हैl मैंने जब ज़ोर दिया और कहा आप बताइये ये जानने की मेरी इच्छा है। तो वह बोली वैसे तो ये परिवार का मसला है तो इसे परिवार के बाहर बताना मेरे लिए उचित नहीं और फिर मुझे किसी अन्य को बताने के लिए मुझे मना भी किया गया हैl मैंने जब ज़ोर दिया और कहा यहाँ तो सभी परिवार के हो लोग हैंl तो वह बोली आपकी ऐसी इच्छा है इसलिए मुझे जितना मालूम है उतना आपको बता देती हूँ।

तो आशा अम्मा बोली जैसे कि आप जानते तो छोटे कुमार आपके परिवार में पुरुष रसिक रहे हैं। उनकी एक से अधिक पत्निया रही हैं और विवाहेतर सम्बन्ध भी रहे है तो आपके दादा जी की भी वैसे तो कई पत्निया थीl उसके इलावा भी जो मेरी जानकारी में थी कुछ अन्य स्त्रियों से उनके सम्बन्ध थे जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। उन सबके बारे में आपको एक डायरी जो आपके दादा जी अपने कमरे में आपके लिए छोड़ गए हैं उसमे पता लग जाएगा l आप उस पढ़ लीजियेगा।

तो मैंने कहा ठीक है आशा अम्मा वह मैं देख लूँगा आप बड़ी और छोटी बुआ के बारे में बताये। तो आशा अम्मा बोली आपके दादा जी की दो मुख्य पत्निया थी जिनसे उन्हें विशेष लगाव था l एक आपकी दादी थी, जिनसे आपके पिताजी और बड़ी बुआ है और दूसरी अलका की नानी थीl जो उनकी सबसे छोटी और प्रिय पत्नी थी जिससे उनके एक संतान थी आपकी छोटी बुआ अर्थात अलका की माँ, उन दिनों दोनों बहनो में अच्छी बनती थी। चुकी आपके दादा जी की अनेक सन्तानो में केवल एक ही लड़का, जो की आपके पिताजी हैं, इसलिए वह आपकी दादी का बहुत मान करते थे और उसकी कोई बात नहीं टालते थे।

समय के अनुसार जब आपके पिताजी बड़े हो गए तो वे पहले विदेश में पढ़ने गएl फिर उसके बाद भी आपके दादाजी के जैसे ही विदेश जाते रहते थे और पढाई के दौरान वहाँ उनकी मित्रता जेन आपके पिताजी से हुई। जेन के पिताजी को व्यापार में बहुत बड़ा नुक्सान हुआ तो कुमार आपके पिताजी ने अपने दोस्त की बिज़नेस दुबारा खड़ा करने में बड़ी मदद की।

फिर एक दिन दोनों मित्रो से अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने का प्रस्ताव रखा और अपनी बहन की शादी उनसे करने का प्रस्ताव रखाl आपके फूफा जी ने भी अपने बहन के विवाह का प्रस्ताव आपके पिताजी के साथ रखा। उसके जब जेन आपके पिताजी, यहाँ आये तो उन्हें सबसे पहले छोटी बुआ मिली जो की उस समय जवान हो गयी थी और बहुत सुन्दर थी और आज भी बहुत सुन्दर हैं और उन्हें देखते ही छोटी बुआ पसंद आ गयी और उन्होंने उसे ही दिमाग़ में रखते हुए अपनी विवाह के लिए स्वीकृति दे दीl तुम्हारी दादी ने उनसे तुम्हारी बड़ी बुआ का विवाह करने का प्रस्ताव किया और चुकी उनकी चलती थी और तुम्हारे फूफा जी चुकी तुम्हारे पिताजी के अहसान के नीचे दबे हुए थे वह अपनी मन की बात तो नहीं बोल सके।

तो तुम्हारी बड़ी बुआ का उनसे विवाह हो गया और उन्होंने उससे पहले ही चुपचाप तुम्हारी छोटी बुआ से सम्बन्ध कर लिया था, जिसके कारण अलका हुई। वक़्त के साथ तुम्हारी बड़ी बुआ के कोई लड़का नहीं हुआ तो उन्हों ने और भी विवाह कर लिए और उनसे तुम्हारे फूफेरे भाई और अन्य बहने हुई। पर तुम्हारे फूफा जी के तुम्हारी बड़ी बुआ के साथ सम्बन्ध बहुत अच्छे नहीं रहे।

तुम्हारी छोटी बुआ बड़ी बुआ के कारण कभी तुम्हारे फूफा जी के पास लंदन नहीं गयी पर उससे मिलने तुम्हारे फूफा जी साल में कई बार आते रहे। इसेी कारण दोनों बहनो के भी सम्बन्ध बिगड़ गए।

पर आज तो दोनों बहने फिर हस बोल रही थी l पता नहीं ये जादू कैसे हुआ पर अच्छा है के परिवार के सम्बन्ध सुधर गएl मुझे बस इतना ही पता है इस बारे में ये कह कर आशा अम्मा चली गयी।

मैं बोलै निश्चित तौर पर जब बहनो के सम्बन्ध सुधरे, तो पति पत्नी के भी सम्बन्ध सुधर गए लगते हैं इसे कारण से तीनो खुश थी।

तो मैंने अलका को और जेन लूसी और सिंडी को बधाई दी और जेन ने अलका को अपने साथ लंदन आने का आमंत्रण दिया। जेन मुझे बोली आपको एक बात बताऊl मेरी एक (आंटी) बुआ है मुझे लगता है उसके साथ मामाजी ने विवाह किया हुआ है और जब भी वे लंदन आते है तो हमारे घर केवल दिन में ही रुकते हैं।

मैने कहा अब जब लंदन आऊँगा तो उनसे ज़रूर मिलूंगा। उसके बाद जेन और बाक़ी बहनो ने मुझे चुम्बन करके बिदा किया और सब बहने अपने कमरों में आराम करने चली गयी।

तभी दो ही मिनट में अलका वापिस आ गयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली दीपक चलो तुम्हे कुछ दिखाना हैl

तभी दो ही मिनट में अलका वापिस आ गयी और मेरा हाथ पकड़ कसर बोली दीपक चलो तुम्हे कुछ दिखाना है मैंने कहा क्या हुआ कहाँ क्या दिखाना है तो बोली चलो तो lअलका मुझे खींचती हुई अपने घर की और ले चली और रास्ते में जेन मिली तो उसे भी साथ ले चलीl फिर अपने घर में उसे गुप्त रास्ते से प्रवेश किया और हमे फुसफुसाते हुए बोली कोई आवाज मत करना और छुप कर चुपचाप देखनाl हम एक तरफ छुप गएl

हमने देखा छोटी बुआ बड़ी बुआ को पकड़ कर फूफा जी के पास ले आयी और दोनों फूफा जी के साथ दोनों तरफ चिपक कर बैठ गयी और उन्हें एक साथ किश करने लगीl

फूफा जी बोले मैं आप दोनों को बेहद चाहता हूँl इतना सुनना था कि बड़ी बुआ ने फूफा को अपने सीने में दाब लिया। उनके होंठ मिल गए।

बड़ी बुआ अपने को रोक नहीं पाई और फूफा के चेहरे को अपनी हथेली में भरकर उठाया। फूफा की आँखों के कोनों पर दो आँसू चमक रहे हैं। दोनों बुआ यह देख कर तड़प उठी। बड़ी बुआ ने अपनी उँगलियों से उनको पोंछ कर उनके चेहरे को अपने सीने पर खींच लिया। वो किसी बच्चे की तरह बुआ की छातियों से अपना चेहरा सटाये हुए थे।

इतने में छोटी बुआ भी फूफा जी के होंठो को किश करने आ गयी और फूफा जी ने अपने होंठ खोल कर उनके होंठों का स्वागत किया। फूफा जी ने दोनों बहनो को इस तरह चूमना शुरू किया मानो बरसों के भूखे हों। कोटि बुआ उनके चौड़े सीने के बालों में अपनी उँगलियाँ फेर रही थी। छोटी बुआ ने बड़ी बुआ के जिस्म पर बंधी गाउन की उस डोर को खींच कर खोल दिया।

अब बड़ी बुआ सिर्फ सैंडल पहने, पूरी तरह नंगी उनके सामने थी। छोटी बुआ ने भी फूफा के पायजामे के ऊपर से उनके लंड को अपने हाथों से थाम कर सहलाना शुरू किया।

फिर छोटी बुआ ने पायजामे की डोरी को खोल कर उनके लंड को बाहर निकाला। उनका लंड काफी मोटा था। उनके लंड के ऊपर का सुपाड़ा एक टेनिस की गेंद की तरह मोटा था।

फूफा जी गोरे-चिट्टे थे, लेकिन लंड काफी काला था। उनके लंड के मुँह से पानी जैसा चिपचिपा रस निकल रहा है। वो मेरी बुआओँ की हरकतों को गौर से देख रहे थे।

छोटी बुआ ने अपनी जीभ पूरी बाहर निकाली और स्लो-मोशन में अपने सिर को उनके लंड पर झुकाया। बड़ी बुआ की आँखें लगातार फूफा के चेहरे पर टिकी हुई थी और दोनों बेतहाशा किश कर रहे थे।

तभी बड़ी बुआ ने भी छोटी बुआ के गाउन की डोरी खींच कर अलग कर दिया और फिर छोटी बहन के जिस्म पर हाथ फेरने लगीl

छोटी बुआ ने अपनी जीभ उनके लंड के टिप पर लगाई और उससे निकलने वाले रस को चाट कर अपनी जीभ पर ले लिया। फिर उसी तरह धीरे-धीरे मैंने अपना सिर उठा कर अपनी जीभ पर लगे उनके रस को उनकी आँखों के सामने किया और मुँह खोल कर जीभ अंदर कर ली।

छोटी बुआ को अपना रस पीते देख वो खुशी से भर उठे और वापस बड़ी बुआ के चेहरे पर अपने होंठ फिराने लगे। वो बड़सी बुआ के होंठों को, कानों को, आँखों को, गालों को चूमे जा रहे थेl बड़ी बुआ का हाथ भी फूफा के लणड और अंडकोषों पर चला गया और उनके अंडकोषों को को अपनी मुठ्ठी में भर कर सहला रही थी।

बड़ी बुआ ने उनके सिर को पकड़ कर नीचे अपनी चूचियों से लगाया। उन्होंने जीभ निकाल कर दोनों चूचियों के बीच की गहरी खाई में फ़िराई। फिर एक मम्मे को अपने हाथों से पकड़ कर उसके निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। बुआ के निप्पल पहले से ही तन कर कड़े हो गये थे।

वो एक निप्पल को चूस रहे थे और दूसरे मम्मे को अपनी हथेली में भर कर मसल रहे थे। पहले तो उन्होंने धीरे-धीरे मसला मगर कुछ ही देर में दोनों मम्मे पूरी ताकत से मसल-मसल कर लाल कर दिये। बड़ी बुआ उत्तेजना में सुलगने लगी।

बड़ी बुआ "सीईऽऽ... आआ...आहहऽऽऽऽ... मममऽऽऽ... ऊँऊँऽऽऽऽ" जैसी आवाजें निकालने से खुद को नहीं रोक पा रही थी।

उनके होंठ दोनों मम्मों पर घूमने लगे और जगह-जगह बुआ के मम्मों को काट-काट कर अपने मिलन की निशानी छोड़ने लगे। पूरे मम्मों पर लाल-लाल दाँतों के निशान उभर आये। और साथ के साथ फूफा जी के हाथ छोटी बुआ के मम्मो पर भी चल रही थे और उनके निप्पलों को मसल रहे थेl

"आगे भी कुछ करोगे या इनसे ही चिपके रहने की मर्ज़ी है?" छोटी बुआ उनको प्यार भरी एक झिड़की दी।

निप्पल लगातार चूसते रहने की वजह से दुखने लगे थे, मम्मों पर जगह-जगह उनके दाँतों के काटने से लाल-लाल निशान उभरने लगे थे।

बड़ी बुआ काफी उत्तेजित हो गई थी, लग रहा था काफी दिनों के बाद सेक्स कर रही हैं ।

इतना सुनना था कि उन्होंने बड़ी बुआ को अपने सीने में दाब लिया। उनके होंठ मिल गए ।

आगे क्या हुआ ...ये कहानी जारी रहेगी ।
 

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