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LEVEL 3
30 XP
मैं शीनम हूँ पंजाब के पटियाला शहर में रहती हूँ। मैं 21 साल की हूँ, मेरा बदन सेक्सी 34-27-36 है।
मेरी पोशाकें देख कर सभी मर्द, बूढ़े जवान आहें भरते हैं।
कॉलेज में भी मेरे ढेरों आशिक थे लेकिन मैंने कभी किसी को घास नहीं डाली, कोई सम्बन्ध किसी से नहीं रखा क्योंकि शुरु से मेरे पापा ने मुझे लड़कों से दूर रहने की हिदायत दे दी थी।
मैंने अभी अपनी ग्रेजु्येशन चण्डीगढ़ से पूरी की है। अब आगे की पढ़ाई के साथ साथ मॉडलिंग लाइन में भी जाना चाह रही हूँ।
अभी तक मैंने थोड़ी बहुत मॉडलिंग की भी है, अभी कुछ दिनों बाद मेरी एक एड लोकल केबल टीवी पर शुरु होगी।
जैसे ही मुझे जवानी चढ़ रही थी मेरी अन्तर्वासना भी बढ़ रही थी।
मैं अपनी चूत में उंगली करती थी और अपनी एक सहेली मीनू के साथ भी लेस्बीयन सेक्स भी करती थी।
लेकिन मैं सदा चाहती रही थी कि कोई बांका मर्द आकर मेरे बदन की सेक्स की प्यास को बुझाए।
लेकिन साथ ही ऐसा करने से डर भी लगता था।
मैं अन्तर्वासना पर सेक्स की कहानियाँ भी पढ़ती हूँ और ब्लू मूवी भी देखती हूँ। इससे मेरी सेक्स की वासना और भड़क उठती है।
मेरी मम्मी काफ़ी वर्ष पहले संसार छोड़ चुकी हैं तो अब घर में मेरे पापा ही हैं, वे 46 साल के हैं, मेरे पापा एकदम तन्दरूस्त जवान लगते हैं और हट्टे कट्टे हैं।
अभी कुछ समय पहले मुझे यह पता चला है कि मम्मी के जाने के बाद पापा दूसरी औरतों, रंडियों को चोद कर अपनी सेक्स की इच्छा पूरी करते हैं तो एकदम मेरे मन में विचार आया कि क्यों ना मैं पापा से ही चुदवा लूँ? हम दोनों का काम हो जाएगा।
लेकिन फिर मेरे दिल ने मुझसे कहा कि ऐसे गन्दे विचार मन में लाना पाप है।
लेकिन मेरी आंखें तो लोगो के लंड पर लगी रहती हैं कि कब पता नहीं कौन सा लंड मेरी किस्मत में होगा, मैं जल्दी से जल्दी चुद जाना चाहती थी।
एक बार मुझे पापा के साथ मेरे पोस्ट ग्रेजुएशन के एंट्रेंस एग्जाम के लिए दिल्ली जाना था, सवेरे जल्दी निकल कर और देर रात तक वापिस लौटना था।
जब हम दिल्ली कॉलेज पहुँचे तो पता लगा कि एग्जाम अगले दिन के लिए पोस्टपोन हो गया है।
हम लोग अपने साथ कोई कपड़े नहीं लाये थे तो हमें अगले दिन भी इन्हीं कपड़ों में रहना था।
अब हम बाप बेटी एक होटल में गये, रूम ले लिया।
मैं बुरी तरह थक चुकी थी तो मैं रूम में चली गई, पापा होटल के रेस्तराँ में जाना चाह रहे थे। मैंने पापा को कहा कि मेरा खाना रूम में भेज दें।
रूम में आकर अपना टॉप निकाल कर लेट गयी क्योंकि अगले दिन भी यही टॉप पहनना था।
तभी मेरे मन में आया कि पापा जब मुझे टॉप के बिना देखेंगे तो क्या होगा?
शायद पापा मुझे डाँटेंगे?
लेकिन पापा के सामने मेरे नंगे बदन का ख्याल आते ही मेरी चूत गीली हो गई, मैं कोशिश कर रही थी कि पापा के बारे में ऐसा ना सोचूँ लेकिन मुझे तो पूरी सनक चढ़ गई, मैंने मन में ठान लिया कि आज तो मैं चुद कर ही रहूँगी चाहे कुछ भी हो जाए।
यह सोच कर पापा को उत्तेजित करने के लिये मैंने अपनी ब्रा भी उतार दी और टॉपलेस हो कर आँखें बन्द करके लेट गई।
मेरी पोशाकें देख कर सभी मर्द, बूढ़े जवान आहें भरते हैं।
कॉलेज में भी मेरे ढेरों आशिक थे लेकिन मैंने कभी किसी को घास नहीं डाली, कोई सम्बन्ध किसी से नहीं रखा क्योंकि शुरु से मेरे पापा ने मुझे लड़कों से दूर रहने की हिदायत दे दी थी।
मैंने अभी अपनी ग्रेजु्येशन चण्डीगढ़ से पूरी की है। अब आगे की पढ़ाई के साथ साथ मॉडलिंग लाइन में भी जाना चाह रही हूँ।
अभी तक मैंने थोड़ी बहुत मॉडलिंग की भी है, अभी कुछ दिनों बाद मेरी एक एड लोकल केबल टीवी पर शुरु होगी।
जैसे ही मुझे जवानी चढ़ रही थी मेरी अन्तर्वासना भी बढ़ रही थी।
मैं अपनी चूत में उंगली करती थी और अपनी एक सहेली मीनू के साथ भी लेस्बीयन सेक्स भी करती थी।
लेकिन मैं सदा चाहती रही थी कि कोई बांका मर्द आकर मेरे बदन की सेक्स की प्यास को बुझाए।
लेकिन साथ ही ऐसा करने से डर भी लगता था।
मैं अन्तर्वासना पर सेक्स की कहानियाँ भी पढ़ती हूँ और ब्लू मूवी भी देखती हूँ। इससे मेरी सेक्स की वासना और भड़क उठती है।
मेरी मम्मी काफ़ी वर्ष पहले संसार छोड़ चुकी हैं तो अब घर में मेरे पापा ही हैं, वे 46 साल के हैं, मेरे पापा एकदम तन्दरूस्त जवान लगते हैं और हट्टे कट्टे हैं।
अभी कुछ समय पहले मुझे यह पता चला है कि मम्मी के जाने के बाद पापा दूसरी औरतों, रंडियों को चोद कर अपनी सेक्स की इच्छा पूरी करते हैं तो एकदम मेरे मन में विचार आया कि क्यों ना मैं पापा से ही चुदवा लूँ? हम दोनों का काम हो जाएगा।
लेकिन फिर मेरे दिल ने मुझसे कहा कि ऐसे गन्दे विचार मन में लाना पाप है।
लेकिन मेरी आंखें तो लोगो के लंड पर लगी रहती हैं कि कब पता नहीं कौन सा लंड मेरी किस्मत में होगा, मैं जल्दी से जल्दी चुद जाना चाहती थी।
एक बार मुझे पापा के साथ मेरे पोस्ट ग्रेजुएशन के एंट्रेंस एग्जाम के लिए दिल्ली जाना था, सवेरे जल्दी निकल कर और देर रात तक वापिस लौटना था।
जब हम दिल्ली कॉलेज पहुँचे तो पता लगा कि एग्जाम अगले दिन के लिए पोस्टपोन हो गया है।
हम लोग अपने साथ कोई कपड़े नहीं लाये थे तो हमें अगले दिन भी इन्हीं कपड़ों में रहना था।
अब हम बाप बेटी एक होटल में गये, रूम ले लिया।
मैं बुरी तरह थक चुकी थी तो मैं रूम में चली गई, पापा होटल के रेस्तराँ में जाना चाह रहे थे। मैंने पापा को कहा कि मेरा खाना रूम में भेज दें।
रूम में आकर अपना टॉप निकाल कर लेट गयी क्योंकि अगले दिन भी यही टॉप पहनना था।
तभी मेरे मन में आया कि पापा जब मुझे टॉप के बिना देखेंगे तो क्या होगा?
शायद पापा मुझे डाँटेंगे?
लेकिन पापा के सामने मेरे नंगे बदन का ख्याल आते ही मेरी चूत गीली हो गई, मैं कोशिश कर रही थी कि पापा के बारे में ऐसा ना सोचूँ लेकिन मुझे तो पूरी सनक चढ़ गई, मैंने मन में ठान लिया कि आज तो मैं चुद कर ही रहूँगी चाहे कुछ भी हो जाए।
यह सोच कर पापा को उत्तेजित करने के लिये मैंने अपनी ब्रा भी उतार दी और टॉपलेस हो कर आँखें बन्द करके लेट गई।