Kuch kahaniya ( all types )

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दोस्तो, मैं आपका दोस्त साजिद मुरादाबाद उ.प्र. से हूँ. मैं 22 साल की उम्र का एक नौजवान लड़का हूँ. मैं बहुत ही क्यूट सा बंदा हूँ. जो लड़की मुझे एक बार देख ले, तो वो मुझसे चुदने को राजी हो जाएगी.

मैं अन्तर्वासना पर प्रकाशित हर सेक्स कहानी को पढ़ता हूँ और लंड हिला कर मज़ा भी लेता हूँ. इधर की सेक्स कहानी को पढ़ते हुए एक दिन मैंने सोचा कि क्यों ना मैं अपनी भी कहानी आप सबके साथ साझा करूं.

मेरे परिवार में मम्मी पापा और एक छोटा भाई व 2 बहनें हैं. एक बहन का नाम हिना है, दूसरी का नाम रूबी है. रूभी अभी 19 साल की है.

मैं घर में सबसे बड़ा हूँ. अब तक मैं बीएससी कर चुका हूँ. मैंने अपनी ही एक शॉप खोल ली थी.

मेरी छोटी बहन रूबी अभी बारहवीं में पढ़ती है. मेरी चिकनी चिकनी चुत वाली प्यारी प्यारी पाठिकाओं और लंबे लंड वाले दोस्तों … आज मैं आपको अपनी इस कहानी में ये बताने वाला हूँ कि मैंने किस तरह अपनी छोटी बहन रूबी की चुदाई की और रूबी से बड़ी वाली हिना को लंड का रस पिलाया.

वैसे तो मैं हर हफ्ते अपनी गर्लफ्रेंड की भी चुदाई करता हूँ, लेकिन सच तो ये है कि बहन की चुदाई करने में अलग ही आनन्द आता है. मैं अपने घर में एक अलग रूम में सोता हूँ.

ये बात उस टाइम की है, जब मेरी रंडी बहन हिना ने कॉलेज में एडमिशन लिया था. उसका पहला ही साल था. वो रोज कॉलेज आती जाती थी.

एक दिन मैंने सोचा कि चलो आज हिना बहन के कॉलेज घूम कर आते हैं. हिना अपने कॉलेज में कैसा पढ़ रही है. यही सब सोच कर मैं उसको कॉलेज चला गया. जब मैं अन्दर गया तो देखा कि अन्दर लड़का लड़की तो आपस में बात करते ही हैं. कुछ कुछ लड़के लड़कियां तो बातचीत के बहाने मजे भी लेने में लगे थे.

ये सब देख कर मैंने सोचा कि मेरी बहन तो ऐसी नहीं है, वो ये सब काम में नहीं पड़ने वाली है.

जब मैं उसकी क्लास में गया … तो उधर हिना नहीं थी. मैंने एक लड़की से पूछा- हिना कहां है?
उसने मुझे बताया कि आज तो वो कॉलेज आई ही नहीं है.

ये सुनकर मैं एकदम से हैरान हो गया कि वो तो सुबह ही तो मेरे सामने घर से कॉलेज के लिए निकली थी. कहां चली गई. कहीं उसे कुछ हो तो नहीं गया.
अब मैं दिमाग़ लड़ाने लगा और मेरे मन में अलग अलग तरह के विचार आने लगे.

कुछ देर बाद कॉलेज की छुट्टी का समय हो गया. मैं बाहर आकर कॉलेज के गेट के पास एक तरफ छिप कर खड़ा हो गया और बाहर निकलने वाले स्टूडेंट्स को देखने लगा.

तभी मैंने देखा कि मेरी भोली भाली बहन और एक लड़की के साथ बाहर निकली और बाहर खड़ी एक कार में कुछ लड़कों के साथ उसी कार के अन्दर जाकर बैठ गई.

मैंने सोचा कि कुछ तो दाल में काला है. कुछ ही समय में मैंने हिना के बारे में पूरा पता निकाल लिया और घर आ गया. हिना घर आ चुकी थी … मगर मैंने उससे कुछ नहीं बोला.

जब वो दूसरे दिन फिर कॉलेज के लिए घर से निकली, तो मैं उसके पीछे जाने लगा.

थोड़ी दूर एक जगह उसकी सहेली मिल गई और वो दोनों लड़कियां आगे बढ़ गईं. उस लड़की ने मोबाइल से किसी से बात करना शुरू कर दी. कुछ ही पल बाद एक कार उन दोनों के पास आकर रुकी और वे दोनों उस कार में बैठने लगीं. मैंने देखा कि ये कल वाली ही कार थी और उसमें कई लड़के बैठे थे.

वे सब कार में बैठ कर कहीं जाने लगे. मैं बाइक से था, तो मैंने उस कार का पीछा करना शुरू कर दिया. काफी दूर तक जाने के बाद मैंने देखा कि कार एक घर के आगे रुक गई थी. वे सब कार से उतर कर उस घर में जाने लगे थे. वो सब अन्दर चले गए. पीछे से मैं भी उस घर के नजदीक गया और अन्दर देखने की जुगाड़ बनाने लगा.

उस घर के बगल में एक गैलरी थी. मैं उधर गया तो उधर एक खिड़की थी. मैंने खिड़की में देखा तो अन्दर का नजारा साफ़ दिखाई देने लगा. मैं वहां छुप गया और अन्दर देखने लगा.

मेरी जैसे ही अन्दर निगाह गई, मैं तो समझो पागल सा ही हो गया. उन सब लोगों ने बहुत जल्दी से अपने सारे कपड़े उतारे और सिर्फ चड्डी में होकर बैठ गए. तभी उनमें से एक लड़का बीयर की बोतलें लेकर आया और सबने एक एक बोतल ले ली. बियर पीने के बाद में वो सारे लड़के सिगरेट पीने लगे. एक लड़का मेरी बहन हिना से लिपटने लगा. दूसरा लड़का उस लड़की को अपने से लिपटाने लगा. बाकी के तीन सिगरेट का मजा लेते हुए उन दोनों लड़कियों की मस्ती देखने लगे.

तभी सबने कुछ गोलियां खाईं और सब एक साथ उन दोनों लड़कियों के नजदीक आ गए. उन सभी ने लड़कियों को किस करना शुरू कर दिया. ये देख कर मैं गरम होने लगा. मैं इस लाइव ब्लूफिल्म देख कर ये भी भूल गया कि इन दो लड़कियों में से एक मेरी बहन भी है.

वो लोग सेक्स में चालू हो गए. मैंने सोचा कि अब मुझे भी अपनी बहन को चोद लेने में ही फायदा है.

उसकी चुदाई की बात दिमाग में आते ही मैंने प्लान बनाया और अपना फोन निकाल कर अपनी बहन की चूत चुदाई की वीडियो रेकॉर्ड करनी चालू कर दी.

उन लोगों ने मेरी बहन को एकदम नंगी कर लिया और उसके ऊपर एक लड़का चढ़ गया. दूसरे ने अपना लंड मेरी बहन के मुँह में दे दिया और हिना लंड. चूसने लगी.

पहले वाले लड़के ने मेरी बहन की टांगें फैला दीं और अपना लंड उसकी चुत में ठांस दिया. हिना की हल्की सी कराह निकल गई, मगर वो लड़का उसे चोदता ही रहा.

उसने बीस मिनट तक मेरी बहन की चुदाई का मजा लिया और अपने लंड का पानी उसके मुँह में ही निकाल दिया. साली मेरी रंडी बहन ने लंड के पानी को पूरा गटक लिया और वो लंड का पानी पीकर बहुत खुश दिखने लगी.

इस सबका वीडियो बना कर मैं वहां से निकल आया.

जब शाम को वो घर आई, तो मेरी बड़ी बहन हिना के चेहरे पर संतुष्टि भरी मुस्कुराहट थी.

मैंने उसे देखा और कहा- हिना यार … ऐसी मुस्कुराहट तो मैं भी तुझे हर रोज दे सकता हूँ … इसके लिए कॉलेज क्या जाना.
वो बोली- क्या मतलब भाईजान?
मैं बोला- कुछ नहीं … तुम अन्दर जाओ … मैं बाद में बताऊंगा.

मेरी बहन मेरे तेवर देख कर कुछ डर गई. मगर उस समय मैंने कुछ नहीं कहा. मैं रात होने का इंतज़ार करने लगा. मैं मन ही मन बहुत खुश था कि अब तो एक जवान कॉलेज गर्ल की चुत घर में ही मिलेगी … वो भी बिल्कुल फ्री में.

आख़िर वो टाइम आ ही गया, जब रात को दस बज गए. इन दिनों सर्दियों का मौसम था, तो सब लोग जल्दी ही सो गए थे. मैं अपने रूम से निकला और बहन के रूम में गया. मैंने देखा कि वे दोनों बहनें सो रही हैं. जब मैं पास में गया, तो पागल ही हो गया. मैंने देखा कि मेरी बहन की सलवार खुली है और उसने अपनी चुत पर हाथ रखा हुआ है.

आह क्या मस्त चुत थी … एकदम साफ और प्यारी सी. उसकी सलवार पर पानी भी निकला हुआ पड़ा था. मैं देख कर खुश हो गया था. शायद वो बस अभी अभी ही अपनी चुत में उंगली हिला कर सोई थी. उसकी चुत के पानी से सलवार अभी गीली थी.

मैंने पहले तो धीरे से सलवार नीचे की और उसकी चुत का सारा पानी पिया. उसकी चुत के पानी स्वाद बड़ा मस्त था. उसे चाट कर मैं बहुत मस्त फील कर रहा था. क्योंकि आज मुझे कोई डर नहीं था. बस इतना सा मसला था कि छोटी वाली बहन ना जाग जाए.

कुछ देर के बाद बाद मैंने उसकी सलवार पूरी तरह से निकाल दी और एक हाथ को उसकी नंगी टांगों पर फेरने लगा.

आह उम्म्मह क्या मज़ा आ रहा था यार!

इसके बाद मैंने ब्रा से अपनी बहन के चूचे बाहर निकाले और देखने लगा. सच में मेरी बहन के चूचे बड़े रसीले थे … एकदम गोल और भरे हुए. एकदम बड़ी साइज़ की गेंद के जैसे मम्मों को देख कर मेरा लंड टनटना उठा.

नीचे उसकी चुत पूरी तरह से खुली थी. मैंने उसकी चुत में उंगली डाली, तो मुझे पता ही नहीं चल रहा था कि कितनी बड़ी है. आख़िर वो पांच लड़कों के लंड से जो चुदवा चुकी थी.

जब मैंने उसके होंठों पर किस करना शुरू किया, तो वो जाग गई और खड़ी हो गई. पूरी नंगी क्या मस्त रांड लग रही थी. उसकी टाइट गांड देख कर मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

वो बोली- भाई ये क्या कर रहे हो?
मैंने बोला- चल नाटक मत कर … मेरे लंड को मुँह में ले ले.
वो बोली- मैं अभी पापा को बोलती हूँ.
मैं बोला- अच्छा जानू … पहले ये भी देख लो.

जैसे ही मैंने उसे उसकी चुदाई की वीडियो दिखाई, तो जैसे उसको सांप सूंघ गया.
वो मुँह लटका कर बैठ गई और बोली- इसमें मेरी गलती नहीं है.

मैंने कहा- तो मैं भी कुछ नहीं बोल रहा हूँ … मुझे क्यों मना कर रही है … मैं भी किसी को ये फिल्म नहीं दिखाने वाला हूँ.
वो बोलने लगी- तुम बड़े भाई हो … मुझे शर्म आती है.
मैंने कहा- सुन तू ये समझ कर लंड चूस ले … जैसे वो लड़के तुझे चोदते हैं, वैसे ही में हूँ.

आख़िर कुछ देर बाद वो मान ही गई. वो हंस कर बोली- चलो आज एक लंड और ठीक …
उसने ये कहते हुए बहुत तेज़ी से मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी.

मेरे मुँह से ‘अहह उसस्स अम्म्म्म … ऊहह..’ की मस्त आवाज़ निकलने लगी थीं. पहली बार में तो मैंने उसके मुँह में ही पानी निकाल दिया.

फिर दस मिनट बाद मैंने उसकी टांगें फैला दीं और एक उंगली चुत में डाल कर चुत चाटने लगा.
अब उसके मुँह से भी ‘आह उउह … सस्स्सीई भाईजान..’ की आवाजें आने लगी थीं.

हिना बोली- भाईजान … अब और मत सताओ … जल्दी से अपनी बहन की चुत में लंड पेल दो … वरना ये रंडी मर जाएगी भाई … जल्दी अन्दर करो.
उसने चुत को फैला दिया और मैंने बिना सोचे पूरा का पूरा लंड चुत में पेल दिया.

ओफ … यार क्या मस्ती आ रही थी … बस कुछ ना पूछो. मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. मेरी बहन को भी मज़ा आ रहा था. मेरे मुँह में उसके मम्मे थे. मैं बीस मिनट में उसकी चुत में ही झड़ गया और मेरी बहन का पानी भी निकल गया. उसका पानी मैंने अपने मुँह में ले लिया.

मैंने उस रात में 4 बार अपनी सग़ी बहन को चोदा और उसकी मखमली गांड भी चाटी.

अब मैं उसकी रोज़ चुदाई करता हूँ. आज तक इतना मज़ा तो मुझे अपनी गर्लफ्रेंड को चोदने में भी कभी नहीं आया.

मेरी बहनो, सोचो मत … भाईजान को पटाओ और उनका लंड ले लो. मेरे दोस्तो, अगर आपकी बहन भी मस्त है, तो समझो कि आपके पास अनमोल हीरा है. खूब लंड पेलो … घर का माल है चोदो.
 
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अमेरिकन दोस्त ने बीवी की चुदाई करायी-1

मैं न्यूयॉर्क में रहता हूं. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. वहां एक मेरा खास दोस्त है. उसकी बीवी बहुत खूबसूरत है. एक दिन पीते पीते मेरे दोस्त ने मेरे सामने एक अजीब बात कह दी.



नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 28 साल है. आज मैं आपके सामने एक हिंदी सेक्स कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं, जो पूरी तरह से काल्पनिक सोच पर आधारित है.

ये कहानी मेरे ख्वाब की एक काल्पनिक उपज है, जो आज में आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूं.

मैं पिछले दो साल से न्यूयॉर्क में रहता हूं, जहां पर मैं एक अच्छी खासी जॉब कर रहा था. मेरी फैमिली अहमदाबाद में रहती है और मैं जॉब की खातिर न्यूयॉर्क में एक दो कमरे के फ्लैट में रेंट पर रहता था.

मैं जहां काम कर रहा था, उधर मेरे कई सारे दोस्त हैं लेकिन उन सबमें एक मेरा खास दोस्त है, जिसका नाम जैक है. उसकी उम्र 30 साल है. जैक की बीवी का नाम जेनिफर है और उसकी उम्र भी 30 साल है.
हम दोनों की अच्छी दोस्ती है और मैं अक्सर उनके घर पर डिनर करने जाता रहता था.

जैक की बीवी जेनिफर दिखने में एकदम खूबसूरत, हॉट फिगर वाली लड़की है. उसकी नशीली आंखें, सेक्सी स्माइल, सुनहरे बाल किसी को भी मोहित कर देने में काफी हैं, वो एक मॉडर्न ख्यालत वाली है.

अभी कुछ दिन पहले की बात है जब जैक ने मुझे डिनर के लिए अपने घर पर बुलाया था. मेरा और जैक का घर करीब आधे घंटे की दूरी पर है. मैं शाम के सात बजे जैक के घर पर पहुंच गया. उस समय मैंने टी-शर्ट और जीन्स की पेन्ट पहनी हुई थी. ज्यादातर मैं टी-शर्ट ही पहनता हूं.

मैं दिखने में एकदम सुंदर, हैंडसम और फिट बॉडी वाला बंदा हूँ. मैं यहां पर दो साल से हूँ, लेकिन अब तक मैंने एक भी गर्लफ्रेंड नहीं बनाई क्योंकि मैं देसी इन्डियन लड़की से शादी करना चाहता हूं. मैं इंडिया बहुत कम गया इसलिए कभी वहां पर मौका नहीं मिला ताकि किसी लड़की को प्रपोज कर सकूं.
लेकिन हां इधर मुझे अब तक तीन लड़कियों ने प्रपोज किया है. पर मैंने उन सबको मना कर दिया. फिर भी उनमें से एक आज भी मेरी दोस्त है.

मैंने जैक के घर पर पहुंच कर उसके घर के दरवाजे को नोक किया. एक मिनट बाद जैक ने डोर ओपन किया. हम दोनों एक दूसरे को देख कर गले मिले. फिर मैं अन्दर आ गया.

तभी जेनिफर किचन से बाहर आई और हम दोनों ने गले मिल कर अमेरिकी रवायत का पालन किया. इस समय जेनिफर एक यलो टी-शर्ट और ब्लैक शॉर्ट पहनी हुई थी, जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी.

जेनिफर- तुम दोनों बातें करो, तब तक खाना बन जाएगा.

फिर जेनिफर किचन में चली गई और मैं सोफे पर बैठ गया. तभी जैक पीने के लिए कोल्डड्रिंक लेकर आ गया और हम दोनों कोल्डड्रिंक पीते हुए बात करने लगे.

जैक- कैसा रहा लंडन का ट्रिप?
मैं- गुड … पर अकेले बोर हो गया.
जैक- अब तुम्हें कोई गर्लफ्रेंड बना लेनी चाहिए.
मैं- हा हा हा . … तुमको मेरी बहुत फिक्र हो रही है.
जैक- हां बहुत ज्यादा.

मैं- तुम तो जानते हो, इस जॉब के चक्कर में इंडिया जाने का मुझे बहुत बार मौका मिलता है. उधर ही किसी से मेरी शादी हो जाए तो ठीक रहेगा.
जैक- मेरी मान लो, यहां पर कोई अच्छी सी लड़की पंसद कर लो.
मैं- नहीं.
जैक- क्यों?
मैं- तुम तो जानते हो मैं किसी इंडियन लड़की से ही शादी करना चाहता हूं.
जैक- शादी इंडियन लड़की से कर लेना. मगर उससे पहले प्यार यहां की लड़की से कर लो.

मैं- हम्म … मुझे जेनिफर को बताना पड़ेगा, तुम मुझे कैसी एडवाइज दे रहे हो.
जैक- ओए … रहने दो … वर्ना खामखां अभी वो लेक्चर देने लगेगी.
मैं- तुम्हारे ध्यान में कोई इंडियन लड़की हो तो बताओ!
जैक- अब तक मैं इंडिया भी नहीं गया हूँ और मेरे ध्यान में ऐसी कोई नहीं है.

मैं- एक काम क्यों नहीं करते.
जैक- क्या?
मैं- दो हफ्ते बाद मैं इंडिया जा रहा हूँ … तो तुम दोनों भी मेरे साथ चलो. इसी बहाने तुम दोनों इंडिया भी घूम लोगे.
जैक- वैसे तुम्हारा आइडिया तो अच्छा है.
मैं- तो डन … तुम दोनों भी मेरे साथ इंडिया आ रहे हो.
जैक- जेनिफर को पूछना पड़ेगा.
मैं- वो जरूर हां बोलेगी.

तभी जेनिफर ने खाना बनाकर डाइनिंग टेबल पर रख दिया और हम दोनों को आने के लिए आवाज़ दे दी. हम दोनों खड़े होकर डाइनिंग टेबल तरफ आ गए और सीट पर बैठ गए. जेनिफर खाना सर्व करने लगी.

मैं- जेनिफर … मैं क्या कह रहा हूँ!
जेनिफर- क्या?
मैं- मैं दो हफ्ते बाद इंडिया जा रहा हूँ … तो मेरे साथ तुम दोनों भी क्यों नहीं चलते?
जेनिफर- मेरा भी इंडिया घूमने का मन है … लेकिन देखना पड़ेगा.
जैक- चलो ना बेब … ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा.
मैं- बहुत मजा आएगा.
जेनिफर- तुम्हें हमें इंडिया घुमाना होगा.
मैं- डन.

जेनिफर- कितने दिनों के लिए जाना है.
जैक- राज तुम बताओ.
मैं- कम से कम दो हफ्ते की छुट्टी लेनी पड़ेगी.
जेनिफर- ये बहुत ज्यादा है.
मैं- इंडिया घूमना है … तो इतना समय तो लगेगा ही.
जैक- डन … हम दो हफ्ते के लिए जाएंगे.
मैं- ओके.


जैक- जेनिफर अब क्या सोच रही हो?
जेनिफर- ठीक है … जब तुम दोनों ने मन बना ही लिया है, तो मेरी तरफ से भी हां है.

फिर हम तीनों बातें करते हुए खाना खाने लगे. खाना खाने के बाद मैं और जैक घर के पीछे बैकयार्ड में जाकर सोफे पर बैठ गए. तभी जेनिफर व्हिस्की की बोटल और साथ में ग्लास लेकर आ गई और जैक के पास बैठ गई. जैक ने हम तीनों के लिए पैग बनाए और हम तीनों हाथ में ग्लास लेकर चियर्स करके पैग मारने लगे. मैंने सिगरेट सुलगा ली और कश लेने लगा.

जेनिफर ने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और उसने एक लम्बा कश लेकर मुझे सिगरेट वापस कर दी. मैं ये देख कर जरा हैरान था, क्योंकि आज तक जेनिफर ने हमेशा अलग सिगरेट ही सुलगाई थी. मैं चुप रह गया और अपना गिलास उठा कर व्हिस्की का मजा लेने लगा.

इसके बाद हम तीनों के बीच में बातें होने लगीं. चूंकि ये बातें अमेरिकन इंग्लिश में हो रही थीं, इसलिए इस सेक्स कहानी को बेहतरीन बनाने के लिए मैं उन बातों को हिन्दी में अनुवाद करके लिख रहा हूं.

जेनिफर- तो हमारी होने वाली भाभी कैसी है?
मैं- अभी तो पता नहीं, जब मिलेगी, तब पूछ लूंगा.
जेनिफर- हा हा हा …
जैक- राज तुम्हें कैसी लड़की चाहिए?
मैं- मतलब?
जैक- मेरा मतलब तुम्हें लड़की में क्या खासियत चाहिए.
मैं- दिखने में सुंदर, मॉडर्न और मुझसे प्यार करने वाली, मेरी बातों को समझने वाली हो.

जैक- मतलब जेनिफर से भी अच्छी!
जेनिफर- शटअप.
मैं- जेनिफर जैसी हमारे नसीब नहीं है, वो तो तुम बहुत लक्की हो … जो जेनिफर जैसी जीवन संगिनी मिली.
जेनिफर- ओह राज … इतनी भी तारीफ अच्छी नहीं है.
जैक- राज तुम एक काम कर लो, तुम जेनिफर से शादी कर लो, मैं कोई दूसरी पंसद कर लूंगा.
जेनिफर- ओके मैं लॉयर को बोलकर डिवोर्स पेपर बनवा लेती हूँ.
जैक- मैं सिर्फ मजाक कर रहा हूं … तुम्हारे साथ तो मुझे सात जन्म बिताना है.
जेनिफर- मैं भी मजाक कर रही हूँ.
जैक- आई लव यू बेब.
जेनिफर- आई लव यू टू.
मैं- तुम दोनों बाद में रोमांस कर लेना.

ऐसे हम तीनों मस्ती-मजाक करते हुए दूसरा पैग मारने लगे.

जेनिफर- राज तुम जानते हो, इसने मेरे पहले दूसरी लड़की को प्रपोज किया था.
जैक- वो तुम्हारी चाल थी.
मैं- मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा.
जेनिफर- जैक बताएगा.

जैक- वो क्या है … जिस दिन मैं इसको प्रपोज करने वाला था, यह जेनिफर को पता था. जब मैं इसको प्रपोज करने के लिए घुटने के बल बैठकर अपनी आंखें बंद करके रोमांटिक शायरी बोल रहा था, तभी मुझे इसके फ्रेंड की आवाज़ आई थी क्योंकि इन दोनों ने तब तक अपनी जगह बदल ली थी और यह आइडिया मुझे इसकी फ्रेंड ने पहले ही दे दिया था.
जेनिफर- अब इसने मुझे प्रपोज करने में छह महीने लगा दिए थे, तो थोड़ा बहुत मजाक तो चलता है.
मैं- उस समय जैक की शक्ल देखने लायक होगी.
जेनिफर- सच में … वो पल मुझे आज भी याद है.

ऐसे हम तीनों ड्रिंक्स करते हुए बातें कर रहे थे. तभी जेनिफर खड़ी होकर अन्दर जाने लगी और वो जाते हुए जैक की तरफ देखती हुई जा रही थी. जेनिफर अपने कमरे में अन्दर चली गई थी. चूंकि हम तीनों में अच्छी दोस्ती है, इसलिए हम खुलकर बोल लेते हैं.

जैक- राज एक बात पूछूँ, सच बताना?
मैं- हां पूछो न.
जैक- क्या तुम्हें कभी सेक्स करने का मन नहीं होता है?
मैं- होता है … कई बार होता है, लेकिन फिर मैं अपने आपको कन्ट्रोल कर लेता हूँ.

जैक- तुम्हें जेनिफर कैसी लगी?
मैं- वो अच्छी है.
जैक- सिर्फ अच्छी है या उसके अलावा कुछ और भी लगता है!
मैं- मतलब!
जैक- देखो राज … तुम मेरे अच्छे दोस्त हो और जेनिफर के भी अच्छे दोस्त हो, इसलिए बिना बात घुमाए सीधे पॉइंट पर आता हूँ.
मैं- क्या बात है?

जैक- मैं और जेनिफर हम दोनों चाहते हैं कि आज तुम हमारे साथ सेक्स के लिए …
मैं- तुम क्या बोल रहे हो?
जैक- देख राज … मैं जानता हूँ कि तुम्हें सेक्स का मन करता है, इसके लिए जेनिफर तुम्हारी मदद कर सकती है.
मैं- यू आर जोकिंग … राइट!
जैक- नो.
मैं- तुम्हें चढ़ गई है.

जैक- मैं जानता हूँ कि यह अजीब है. लेकिन इस समय जेनिफर तुम्हारी जरूरत पूरी कर सकती है और इसके लिए जेनिफर भी राजी है.
मैं- वो तुम्हारी बीवी है.
जैक- और तुम्हारी अच्छी दोस्त भी है, मुझे इससे कोई प्रॉब्लम नहीं है. तुम इसे ऐसे समझ लो कि ये हमारी एक फैन्टेसी है, जिसके लिए हम दोनों को तुम्हारी मदद चाहिए.
मैं- जैक यह ठीक नहीं है, इससे हमारी दोस्ती में फर्क पड़ेगी.
जैक- हमारी दोस्ती पहले की तरह हमेशा कायम रहेगी, अब तुम मना मत करना.
मैं- लेकिन!

जैक- तुम्हें जेनिफर पंसद नहीं है, तो मैं उसे मना कर देता हूँ.
मैं- ऐसी बात नहीं है. … बस मुझे ये सब बहुत अजीब लग रहा है.
जैक- अगर तुम हम दोनों को अच्छा दोस्त समझते हो, तो मना मत करना.
मैं- ओके ठीक है.
जैक- गुड तुम यहां पर बैठो, मैं अन्दर जा रहा हूँ. पांच मिनट बाद तुम अन्दर आ जाना.


फिर जैक खड़ा होकर अन्दर चला गया और मैं एक सिगरेट जला कर जेनिफर के हुस्न के बारे में सोचने लगा. जेनिफर दिखने में बहुत खूबसूरत और हॉट है … उसको देखकर किसी का भी दिल उस पर फिदा हो जाएगा … लेकिन क्या यह सही रहेगा. ऐसा करने से शायद हमारे बीच दोस्ती के जो रिश्ते हैं, वो बदल जाएंगे. मुझे तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि जैक मुझे लेकर ऐसा सोच सकता है और जेनिफर भी इसके लिए राजी है. वो दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं और उन दोनों ने सोच समझ कर कदम उठाया होगा.

इसके बाद मैं सोचने लगा कि जेनिफर बिस्तर में कैसी होगी, यही सब मैं सोच रहा था.

जैसे ही पांच मिनट हुए, मैं खड़ा होकर अन्दर की ओर जाने लगा. मेरा दिल इस समय जोरों से धड़क रहा था.

मैं जैक के कमरे की ओर गया. उसके कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला था. एक पल के लिए मैं कमरे के बाहर ही रुक गया और सोचने लगा कि मैं जो करने जा रहा हूं, क्या वो सही रहेगा या गलत … लेकिन इस समय मेरे ऊपर शराब का नशा … और अन्दर की आग मेरे मन को विचलित कर रही थी. मैंने सर को झटका और सोचा कि अब जो होगा, वो देखा जाएगा.

मैं धीमे से दरवाज़ा खोलकर अन्दर घुस गया. जैक और जेनिफर दोनों किस कर रहे थे. मेरी आहट पाकर वो दोनों रुक गए और मेरी ओर देखने लगे.

जेनिफर मेरी ओर देखकर एक सेक्सी सी स्माइल करने लगी. उसकी आंख में शरारत देख कर मैं थोड़ा संकोच करने लगा.

जैक- आओ राज, आज की रात तुम्हारी है.

ये कह कर जैक बिस्तर से उठ कर वहां पर पड़ी कुर्सी पर बैठ गया. उसने मेरी ओर देख कर मुझे इशारा किया. मैं जेनिफर की तरफ देखने लगा. उसने एक उंगली उठा कर मुझे करीब आने का इशारा किया, तो मैं उसके पास जाने लगा.

जाने से पहले मैं एक पल के लिए जेनिफर को देखने लगा. तभी जेनिफर खुद उठ कर मेरे नजदीक आ गई और मेरी गर्दन पर हाथ रखकर मेरे होंठों पर किस करने लगी.

जैसे ही जेनिफर ने मेरे होंठों को चूमा, मेरे पूरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई. अगले ही पल मैं भी अपना संयम खो बैठा और जेनिफर का साथ देते हुए उसके गुलाबी होंठों को चूमने लगा. जेनिफर के किस करने से मेरे दिल की धड़कनें बेहद बढ़ गई थीं. सामने जैक कुर्सी पर बैठकर हम दोनों को किस करते हुए देख रहा था.

आज मैं जैक की बीवी जेनिफर की चुदाई करने वाला था, जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था.

मैंने जेनिफर को किस करते हुए अपने हाथ उस मदमस्त हूर की कमर पर रख दिए … और बस उसे बेतहाशा चूमने लगा. मैं जेनिफर को किस करने में इतना मशगूल हो गया था कि मैं यह भूल गया था कि सामने जैक हमें चूमते हुए देख रहा है. जैसे ही मुझे इस बात का अहसास हुआ … मैंने अपने होंठ जेनिफर के होंठों से हटा लिए.

उसी समय शायद जेनिफर को भी कुछ हुआ. अब हम दोनों होश में आ गए थे और एक नजर जैक की ओर देखने लगे. जैक अपना लंड सहलाता हुआ स्माइल करने लगा था.

जैक ने तभी एक सिगरेट सुलगाई और कश लेते हुए बोला- तुम दोनों एंजॉय करो … मैं दूसरे कमरे में सोने जा रहा हूँ. राज, अपनी फ्रेंड जेनिफर का अच्छे से ख्याल रखना.
ये कह कर जैक खड़ा होकर बाहर चला गया.

उसके जाने के अगले ही पल जेनिफर ने मेरे लंड को सहलाया और हम दोनों एक दूसरे की ओर देखने लगे.

जेनिफर चुदने के लिए तैयार हो चुकी थी और जैक को इसमें कोई परेशानी नहीं थी. ये सोच कर अब मुझसे ज्यादा कन्ट्रोल नहीं हो रहा था … इसलिए बिना देरी किए मैं फिर से जेनिफर के होंठों को चूमने लगा. जेनिफर भी मेरा साथ देने लगी. मैं जेनिफर की कमर से उसकी गांड पर हाथ ले जाकर उसकी गोल गांड को सहलाने लगा. हम दोनों इस समय सेक्स फिल्म के हीरो-हीरोइन की तरह फुल जोश में किस कर रहे थे.

हमारा जोश बढ़ा, तो जेनिफर मेरी टी-शर्ट निकालने लगी. उसने अगले ही पल मेरी छाती नंगी करने करने की कोशिश शुरू कर दी थी. मैंने जेनिफर का साथ देते हुए अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया. अपनी टी-शर्ट उतरते ही मैंने जेनिफर की यलो टी-शर्ट को भी निकाल दिया. जेनिफर ने इस समय प्रिन्टेड ब्रा पहनी थी, जिसे देखकर मेरा लंड टाइट हो गया और हम दोनों मुस्करा कर फिर से किस करने में लग गए.
 
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अमेरिकन दोस्त ने बीवी की चुदाई करायी-2
.

इस सेक्स कहानी के पहले भाग
अमेरिकन दोस्त ने बीवी की चुदाई करायी-1
में आपने जाना कि मेरे अमेरिकन दोस्त ने खुद मुझे अपनी बीवी चोदने का ऑफर दिया था. उसके इस ऑफर में उसकी गोरी अमेरिकन बीवी भी राजी थी. उसको भी मेरे लंड से चुदने का मन था.

अब आगे:

मैंने जेनिफर की टी-शर्ट उतार दी. उसने इस समय प्रिन्टेड ब्रा पहनी थी, जिसे देखकर मेरा लंड टाइट हो गया और हम दोनों मुस्करा कर फिर से किस करने में लग गए.

मैंने अब तक किसी भी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया था, लेकिन हां अपने अन्दर की आग को शांत करने के लिए मैं पोर्न वीडियो जरूर देखता था और उत्तेजना बढ़ने पर लंड हिला कर शांत कर लेता था.

आप लोग सोच रहे होंगे कि मैं इतना सुंदर और हैंडसम हूँ फिर भी अब तक मेरी कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है … तो आज मैं आपको इसकी वजह बता देता हूँ.

तीन साल पहले जब मैं बंगलोर में जॉब करता था, तब मेरी एक गर्लफ्रेंड थी. जो दिखने में एकदम दिशा पाटनी की तरह लगती थी … लेकिन हम दोनों के रिलेशनशिप के बारे में उसके पिताजी को पता चल गया था. इसका नतीजा ये हुआ कि उस समय मैं जिस कंपनी में काम करता था, वो उस कंपनी के बॉस थे. इसलिए उसके पिताजी ने मुझे कंपनी से निकाल दिया … क्योंकि उनको यह मंजूर नहीं था कि उसके कर्मचारी उसकी बेटी से प्यार करें.
मुझे निकालने के साथ में मेरी गर्लफ्रेंड को भी उसके पिताजी ने मना कर दिया था. इसी वजह से हम दोनों ने अलग रहने में ही भलाई समझी. इसी वजह से अब तक मैंने किसी लड़की को प्रपोज नहीं किया. यह बात अब तक मैंने किसी को भी नहीं बताई थी.

हम दोनों किस करने में मशगूल थे, तभी मैंने जेनिफर को घुमा दिया और पीछे से उसकी ब्रा की स्ट्रिप को निकाल खोल दिया. मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया. उसके बाद मैंने पीछे से जेनिफर की गर्दन को चूमते हुए उसके मस्त मम्मों को सहलाने लगा. जिससे जेनिफर मदहोश होने लगी. उसके जिस्म का सुखद अहसास पाते ही मेरे अन्दर की आग और बढ़ रही थी.

मैं जेनिफर के कातिलाना मम्मों को दबाने लगा. मेरा लंड भी अब पूरी तरह से टाइट हो गया था. मेरा खड़ा लंड जेनिफर की गांड की दरार में घुसा जा रहा था.

जेनिफर ने मदहोशी में अपने दोनों हाथ मेरे हाथ पर रख दिए और घूम कर मेरे होंठों को चूमने लगी.

फिर जेनिफर मेरे बदन को चूमते हुए घुटने के बल बैठ गई. मुझे समझ आ गया कि जेनिफर अब क्या करने वाली है. इसलिए मैंने जेनिफर का साथ देते हुए अपनी पेन्ट और निक्कर निकाल दिए.

जेनिफर मेरे खड़े लंड को बड़ी हसरत से देख रही थी.

मैं- क्या हुआ?
जेनिफर- तुम्हारा हथियार तो जैक के हथियार से भी बहुत बड़ा है.
मैं- हम्म … मैंने बहुत अच्छे से संभाल कर रखा है.

जेनिफर जैक की बीवी के साथ मेरी अच्छी दोस्त भी थी, इसलिए हम खुलकर बात करने लगे थे. शायद अच्छे दोस्त होने की वजह से आज जेनिफर इसके लिए राजी भी हो गई थी.

अगले ही पल जेनिफर ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया और स्माइल करके लंड को आगे पीछे करने लगी. मेरे लंड की चमड़ी को पीछे करके जेनिफर ने मेरे गुलाबी सुपारे पर अपनी रसीली जीभ फेरी तो उसकी जीभ में लगा काफी सारा थूक मेरे लंड को और भी गीला कर गया. फिर जेनिफर ने लंड पर लगे थूक से मेरे पूरे लंड को गीला किया और फिर से मेरे सुपारे पर जीभ फेरने लगी.

मुझे उसकी जीभ का गर्म नर्म अहसास बड़ा ही मादक लग रहा था. तभी उसने मेरी आग को और भी भड़का दिया और मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
मेरे मुँह से एक तीव्र ‘आहह..’ की आवाज़ निकल गई क्योंकि मेरे साथ यह पहली बार हो रहा था.

जिस तरह से जेनिफर ब्लो जॉब कर रही थी, उससे एक बात तो पक्की थी कि जेनिफर जैक का लंड भी बड़े चाव से चूसती होगी.

भारत में भले ही लड़कियां लंड चूसने में ऐतराज करती होंगी, लेकिन पाश्चात्य संस्कृति में लंड चूसना एक जरूरी फोरप्ले है.

जेनिफर मेरा लंड चूस रही थी और मैं आधे होश में उसके बालों को पकड़ कर लंड अन्दर बाहर करके मजा ले रहा था.

मैं मुश्किल से दो मिनट अपने आपको कन्ट्रोल कर पाया और सोचने लगा कि यदि जेनिफर ने ज्यादा देर तक ब्लो जॉब किया, तो मेरा माल निकल जाएगा.

मैंने बिना देर किए जेनिफर को रुकने को कहकर उसको खड़ा कर दिया और उसे किस करने लगा.
जिस मुँह से जेनिफर मेरे लंड को चूस रही थी, उन्हीं गुलाबी होंठों को मैं चूम रहा था, मुझे उसके होंठों से अपने लंड का स्वाद मिल रहा था.

फिर मैंने जेनिफर को किस करते हुए बेड पर पटक दिया. वो भी स्माइल करने लगी. मैं जेनिफर के ऊपर चढ़कर उसके गुलाबी होंठों को चूमने लगा.

इस समय हम दोनों बिना कुछ बोले इस पल का आनन्द ले रहे थे. मैं जेनिफर की गर्दन को चूमने लगा और उसके बदन को चूमने लगा. मैं उसके बदन को चूमते हुए उसके कातिलाना मम्मों भी मसल रहा था, जिससे वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी.

फिर मैंने नीचे आते हुए जेनिफर की शॉर्ट और पेन्टी को निकाल दिया. जेनिफर की सफाचट चुत को देखकर मैं पागल हो गया. जेनिफर जैक से सैंकड़ों बार चुद चुकी थी, लेकिन फिर भी उसकी चुत एकदम मस्त कसी हुई थी. शायद जैक का लंड मेरे लंड जितना बड़ा नहीं था, वर्ना जैक जेनिफर की चुत का भोसड़ा बना चुका होता.

आज मैं पूरे मजे से जेनिफर को चोदने वाला था. मैं अपना मुँह जेनिफर की मस्त चुत के पास ले गया. उसकी चुत अब तक गीली हो चुकी थी. मैं चुत चाटने लगा और जेनिफर सीत्कार करने लगी. मैंने जेनिफर को नंगी देखकर अपना होश खो दिया था और मेरा लंड टाइट होकर हिल रहा था.

जेनिफर ने चुत चुसाई की मदहोशी की हालत में बेडशीट को पकड़ लिया और गांड उठाते हुए मजा लेने लगी. वो कभी मेरे बालों को पकड़ कर चुत उठा रही थी और कभी अपनी गांड को आगे पीछे करके अपनी चुत की फांकों में मेरी जीभ का पूरा मजा ले रही थी. मैं भी जेनिफर की पूरी चुत को ऊपर से नीचे तक चाट रहा था और वो छटपटाते हुए सीत्कार कर रही थी.

जेनिफर- आह राज … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है … प्लीज़ मुझे चोद दो.

मैंने बिना देर किए अपनी पोजिशन ली. लेकिन तभी जेनिफर ने मुझे रोक दिया- पहले प्रोटेक्शन तो लगा लो, उस दराज में कंडोम है.
मैं- कंडोम लगाना पड़ेगा?
जेनिफर- अपनी दोस्त की बीवी को बिना प्रोटेक्शन के चोदना चाहते हो?
मैं- हां.
जेनिफर- प्लीज़ लगा लो.
मैं- ओके.

फिर मैंने दराज को ओपन किया, जिसमें कंडोम के कई किस्म के पैकेट थे, उसमें से मैंने एक पैकेट बाहर निकाला और खोल कर अपने लंड पर लगा लिया.

मैंने कंडोम लगाया ही था कि जेनिफर ने मुझे खींच लिया. मैं भी बिना देर किए जेनिफर के पैर फैलाकर उसके ऊपर चढ़ गया. पहले मैंने जेनिफर के होंठों को चूमा और अपना लंड उसकी चुत पर सैट किया.
जेनिफर- राज धीमे … तुम्हारा लंड काफी बड़ा है.

मैंने बिना कोई जवाब दिए लंड को चुत की फांकों में फंसाया और एक करारा धक्का लगा दिया. मेरा थोड़ा सा लंड चुत में घुस गया और उसी वक्त जेनिफर के मुँह से आवाज निकल गई.
पहली बार मुझे लौंडिया चोदने में इतना मजा आएगा, मैं सोच भी नहीं सकता था.

जेनिफर की तेज कराह निकलते ही मैं कुछ स्लो हो गया और अब मैं धीमे धक्के लगाने लगा.

एक मिनट बाद जेनिफर को लंड अच्छा लगने लगा और उसने मुझे गांड हिला कर इशारा दे दिया. उसका इशारा पाते ही मेरी चुदाई की स्पीड बढ़ गई. लंड चुत में तेज गति से आगे पीछे होने लगा और इसी के साथ में जेनिफर की कामुक आवाजें भी कमरे को रंगीन करने लगीं. जेनिफर की चुत इतनी मस्त थी कि मैं जोश में तेज तेज धक्के लगाने लगा था.

जेनिफर- आहह ओहह राज धीरे धीरे चोदो साले … तुम मेरी जान लोगे क्या?
मैंने जेनिफर की बात सुनकर अपने आपको कन्ट्रोल किया. उसे चोदते समय मुझे मेरी गर्लफ्रेंड का चेहरा याद आ गया. वो भी जेनिफर की तरह खूबसूरत और हॉट थी.

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेजी से जेनिफर को चोदने लगा, जिससे उसकी कामुक आवाजें हद से बढ़ गईं और पूरे कमरे में ‘फच फच..’ की आवाज गूंजने लगी.

जेनिफर की कामुक आवाज कमरे से बाहर भी जा रही थीं. मैं उसकी चुत चुदाई में इतना मशगूल हो गया था कि यह भूल गया कि जेनिफर की आवाज़ जैक को भी सुनाई दे रही होगी. इस समय में जैक की बीवी को तेजी से चोद रहा था और वो दूसरे कमरे में शायद सो रहा होगा या अपनी बीवी की चुदाई याद कर रहा होगा.

जेनिफर- उहह आह ओह उहह ओह राज तुम बहुत तेज हो … धीरे चोदो … उम्मह आहह याह ओह आह राज तुम बड़े मस्त चोदते हो … मेरी चुत की खुजली पूरी तरह से मिट रही है … आंह … मगर जरा धीरे चोदो.

मैं जेनिफर की आवाज़ को अनसुना करके बस उसको तेजी से पेल रहा था. जेनिफर की कामुक आवाजें मुझे और भी उत्तेजित कर रही थीं और मैं एकदम जंगली जानवर की तरह से जेनिफर को चोद रहा था.

इस समय जेनिफर की हालत काफी खराब हो गई थी, क्योंकि उसको दर्द हो रहा था. पहली बार इतना बड़ा लंड उसकी चुत में घुस कर हाहाकार मचा रहा था. मेरा लंड बिना रुके बड़ी बेरहमी से जेनिफर की चुत को चोद रहा था. जेनिफर को शायद पता चल गया था कि अब मैं रुकने वाला नहीं हूँ इसलिए वो बड़ी हिम्मत से मेरे लंड के झटके झेल रही थी.

आज मैं उसे चोदते हुए सोच रहा था कि पिछले दो साल से मेरा जिम जाना आज काम आ रहा है … मेरा स्टेमिना इस समय मुझे एकदम मस्त किये हुए था.

कुछ ही समय बाद मैं अपने अंतिम चरम पर आ गया था, इसलिए मैं लंबे लम्बे झटके लगा कर जेनिफर को चोद रहा था.

करीब पंद्रह मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई बाद मैं हांफते हुए झड़ गया. मेरे लंड ने कंडोम में अपना रस छोड़ना शुरू कर दिया था. कुछ पलों के लिए मैं जेनिफर के ऊपर लेटा हुआ अपने लंड को खाली करता रहा.

मेरे धक्के रुक जाने से जेनिफर को अब थोड़ा सुकून मिल गया था और वो लम्बी लम्बी सांसें भरते हुए हांफ रही थी.

कुछ पल बाद मैं जेनिफर के ऊपर से हट कर खड़ा हो गया. लंड पर चढ़ा कंडोम वीर्य से भर गया था और जेनिफर की चुत लाल हो चुकी थी. मेरे पूरे लंड में जेनिफर की चुत का माल लग गया था. मैंने डस्टबिन में कंडोम फेंका और लड़खड़ा कदमों से बाथरूम में चला गया.

मैंने पहले पेशाब की और फिर अपने लंड को पानी से धोकर तौलिया से साफ किया.

आज मैंने अपनी दोस्त की बीवी की बेरहमी से चुदाई की थी. मैं सोच रहा था कि जेनिफर कितनी खूबसूरत थी. उसकी चुत लाल हो गई थी. इस समय मुझे थकावट महसूस हो रही थी. मैं बाथरूम से बाहर आ गया और जेनिफर की तरफ देखने लगा.

वो आंखें मूंदे बिस्तर पर चित्त पड़ी थी. उसकी चुत से रस टपक कर बिस्तर की चादर को भिगो रहा था. वो इस समय बड़ी मदमस्त लग रही थी.

जेनिफर ने मेरे आने की आहट पाकर अपनी आंखें खोलीं और मुझे देखने लगी. मैंने भी उसकी ओर देखकर स्माइल किया और उसके पास लेट गया.

मैं- सॉरी जेनिफर.
जेनिफर- इट्स ओके … मैं समझ सकती हूं.

मैं- तुम्हें मजा तो आया न?
जेनिफर- मजा तो बहुत आया … लेकिन मुझे दर्द भी झेलना पड़ा.
मैं- मेरा पहली बार था … इसलिए कन्ट्रोल करना मुश्किल था.

जेनिफर- इस समय में बहुत थक चुकी हूँ … मैं बोल भी नहीं पा रही हूँ … अब हमें सो जाना चाहिए.
मैं- जैसा तुम कहो … और तुम्हें फिर से धन्यवाद.
जेनिफर- अब किस लिए?
मैं- तुमने मेरा साथ देने के लिए जो मेरी मदद की … उसके लिए.
जेनिफर- तुम खुश तो हो न?
मैं- बहुत ज्यादा. वैसे मुझे पता नहीं था तुम अन्दर से भी इतनी खूबसूरत हो.
जेनिफर- गुड नाइट.
मैं- गुड नाइट.

फिर हम दोनों ऐसे ही नग्न अवस्था में सो गए. मुझे आधे घंटे बाद नींद आ पाई थी … मैं बस जेनिफर की चुदाई याद करके लंड सहलाता रहा था. फिर मुझे कब नींद आ गई इसका कुछ होश ही नहीं रहा.

सुबह मैं थोड़ा लेट उठा था. तब तक जेनिफर जा चुकी थी, वो कमरे में नहीं थी. मैं उठकर फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चला गया.

उधर बाहर जैक ने हम तीनों के लिए बेक्रफास्ट बनाकर डाइनिंग टेबल पर रख दिया था. मैं बाहर आया, तो वो दोनों साथ में बैठकर नाश्ता कर रहे थे.

जैक ने मुझे देखा और आंख मारते हुए जेनिफर से पूछा- तो कैसी रही कल की रात?
जेनिफर- क्या कहूँ, मैंने जितना सोचा था वो उससे भी ज्यादा निकला.
जैक- मतलब!
जेनिफर- सेक्स के मामले में उसका स्टेमिना गजब का है … और ऊपर से उसके बड़े हथियार ने कल रात मेरी बैंड बजा दी … अभी भी नीचे दर्द हो रहा है.

जैक हंसने लगा और उसने कहा- अच्छा इसलिए कल रात तुम्हारी आवाज़ गूंज रही थी.
जेनिफर- अब कोई इतने जोरों से पेलेगा, तो आवाज़ तो निकलेगी ही.
जैक- हम्म … तुम तो खुश हो न?
जेनिफर- हां बहुत.

तभी मैं उन दोनों के करीब आ गया और दोनों को गुड मॉर्निंग कहते हुए अपनी जगह पर बैठ गया. मैं और जेनिफर एक दूसरे की ओर देख कर मुस्कुरा दिए. इस समय हम दोनों के चेहरे पर अलग ही मुस्कान थी.

जैक- कैसी रही कल की रात?
मैं- गुड.

फिर हम तीनों ने साथ में नाश्ता किया और उसके बाद मैं दोनों को अलविदा कहकर अपने घर आ गया.

उस दिन मुझे सिर्फ कल की रात चुदाई ही याद आती रही. हम तीनों के बीच सब कुछ सामान्य चलने लगा था, लेकिन मैं आजतक उस रात को भुला नहीं पाया हूँ. मुझे दोबारा जेनिफर को चोदने का मन कर रहा था, लेकिन अब शायद ये मुश्किल था.

मैं सोचने लगा कि वो दोनों मेरे साथ इंडिया आने वाले हैं, उस समय शायद मुझे जेनिफर की चुत चुदाई का एक मौका और मिल जाएगा.

यह थी मेरे ख्वाब की काल्पनिक कहानी, जिसमें मैंने जैक की बीवी जेनिफर को चोद लिया था. दोस्तों क्या आपने कभी अपने किसी दोस्त की बीवी को चोदा है, मुझे मेल जरूर करें. मैं आपके जवाब का इंतजार करूंगा.

आगे आपसे एक नई सेक्स कहानी के साथ तब मिलूंगा, जब जैक और जेनिफर मेरे साथ भारत आएंगे. तब देखते हैं कि उस दो हफ्ते के दौरान क्या होता है.

ये रसीली चुदाई की कहानी यहां पर पूरी होती है …
 
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Mom Aur Gopal Naukar

Hi frnds mera naam Shiva hai mai 20 saal ka naujwan ladka hu mene yeha pe upload ki hui bahut hindi sex story padhta hu aur maje leta hu bahut saari gharelu kahani padhi hai kisi ke affairs extra marital affirs padhe hai so mene ab tak jo baat rakhi thi vo me aapko batane jar aha hu yeh chuda ki kahani hai.

Mere mom shobha aur humare naukar gopal ki ye kahani kuch 2 saal pehle ki hai jab me 18 saal ka tha mere ghar me meri mom aur me aur ek naukar rehte the papa aksar ghar se bahar kaam pe rehte hai vo mahine me sirf 1 baar ghar aate hai mai unka eklauta beta hu aur humara ghar bhi bada hai.

Ab desi sex story se pehle me aapko meri mom se introduce karta hu meri mom ki age 45 hai vo dikhne me bahut sexy hai puri chikni aur gori gori hai aur unka figure kuch 34-30-36 hai ye bahut hi sexy aur badi size hai meri mom raat ko nighty pehn ke soti ti aur humara ek naukar tha jo humare saath hi humare ghar me rehta tha koin ki uski puri family gaav me rehti hai vo dikhne me kala hai aur hatta katta hai uska lund bhi kuch kam nahi.

So lets start the story me meri mom aur naukar gopal ghar me rehte the raatko mom alag kamre me soti thi mera alag karma tha aur gopal upar teres pe ya hall me sota tha eise hi roj jaise me soya tha raat ko achank peshab jane ke liye meri aankh khuli aur me kamre se bahar aa gaya to muze kuch aavaje sunai de rahi thi.

Mene sunte huye aage badha to mom ke kamre se kuch aavaje aa rahi thi hasne ki aur baate krne ki to mene kya chal raha hai dekhne ke liye mom ke darvaje ke upar vaali ventilation se andar zaanka t dekha ki mom bed pe baithi thi aur humara naukar gopal bhi unke saath bed pet ha vo baithke baate kar rahe the me dekhne laga ki yeh kya ho raha hai aur ye itni raat ko 3 baje mom ke kamre me door lock karke kya baat kar rahe hai.

Thodi der baad baat hote samay gopal ne mom ko paas kiya aur unke lips pe kiss kiya main yeh sab clear dekh paa raha tha koin ki room ki light on thi mene dekha vo mom ke lips pe kiss kar raha tha aur mom bhi saath de rahi thi.

Fir usne mom ke garden sine aur thire dhire pure sharir pe kiss karne laga tab meri mom ne pink color ki nighty pehni thi thodi der baad usne mom ki nighty ko dhire dhire upar karke haat andar dalne laga aur dekhte dekhte nighty utar di meri mom ab sirf black bre n panty me thi ka kayamat lag rahi thi.

Vo mera ye dekhte hi khada ho gaya aur mene apne pant me haat daal diya aur lund ko sahlane laga thodi der baad vo dono ek duare se lipat gaye aur jor jor se ek dusre ko kiss kar rahe the aur kamre se aavaj aa rahi thi cchpppp chliiiipp.

Yeh aavj itni sexy thi kke mera precum nikal aaya fir vo dono ek dusre se ragad khane lag eek dusre se lipat kr aahe bharne lage fir mom ne gopal ke kapde utarne lagi aur vo sirf apni underware me tha.

Fir usne mom ki bra ko upar kr diya aur upne boobs jo 34 size ke the vo haat se masalne laga chusne laga joron se dabane laga aur miom vo sab enjoy kr rahi thi aankhe band karke aanhe bhar ke aaaaaahhhhh hhaa mere raja mere jaanu mere gopu kehke aavaj krne lagi tab gopal ne mom ki bra utar di aur ek haat se boobs ko masalte huye dusre haat ko mom ki chut pr ferane laga aur mom usko peiro se lappet kr pakdne lagi aur ek haath se uske muh me apne bobs dabane lagi aur vo jor jor se chus raha tha.

Thodi der tak yeh sab chala fir mom ne apna haat gopal ke chaddi me daal diya aur uska lund jo khada tha vo sehlane lagi hiane lagi aur kuch der baad usne apni chaddi nikal di aur gopal ne mom ki chaddi apne haat se utar feki ab dono bhi nange the bed pe fir dono ek dusre pe haat fira rahe the jaise koi chij ghisne pe aavaj hoti hai eisi aavj jamre se aa rahi thi.


Thodi der baad mom niche jhuki aur usne gopal ka lund mu me le liya aur suck karne lagi kuch 15 min suck karne ke bad gopal ne mom ko khada kiya aur bed pe ghodi banana ko kaha mom bed pe ghodi ban gayi aur usne apna lund mom ki chup pe tikaya kuch der ragda aur ek zatke me lund andar dal diya kuch der unki chudai chali usme vo mom ke latke huye boobs pakad ke masal raha tha kabhi mom ke baal pakad ke godi ko chodte hai vaise chod raha tha aur gaali bak raha tha.

Aaaaaaa meri randi kitni mast ha into bhenchod sali bahut sexy hai aur bich bich me mom ke gaand pe chamata marta aur mom chillati aa aaaaaaaa mere raja chod muze mere gopu ummm ahhhhhhh faad daal muze chod apni randi ko..

Eise hi ek dusre ko gaali dete aur moan krte gopal ne apni speed badha di aur mom ke chut me zad gaya tab dono shant hoke bed pe nange hi lete rahe fir vaise hi so gaye aur me vaha khade khade hila hilake apna cum pant me hi naak ke apne room me jake so gaya.

Dusre din jab mene dono kp dekha to dono bahut khush the has mazak kr rahe the aur vo naukar kam aur pati jada lag raha tha naukar hoke bhi kabhi kaam nahi karta tha sirf kitchen me jake khada rehta tha aur kabhi mom ki gaand pe maarta tha.

Mai bahar se ye sab dekhta tha us vak muze bahut gussa aaya dono pe ki vo mere dad ko fasa rahe hai pr badme usnka ye roj ka sil sila dekhke muze bhi maja aane laga iske aage gopal ne kaise gaand mari mom ki ye me aapko next story me bataunga.

  ladkiyon ki chut se paani ki nadi bahi hogi aur lund se paani nikla hoga ye aasha karta hu aur aapke comments ka intajaar rahega muze aur mere dost ko, thanks
 
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बहन की ग़लती, मां का राज़-1



जवान होने पर भी मैंने कोई चूत नहीं देखी थी. मैंने गाँव की एक औरत को पटाने की कोशिश की. वो मुझे चूत देने के लिए तैयार भी हो गयी. मैंने उस औरत की चुदाई कैसे की?

दोस्तो, मैं अपने जीवन की सत्य घटना को कहानी का रूप देते हुए आप लोगों के बीच में प्रस्तुत कर रहा हूं. इस कहानी के शीर्षक को देख कर आप यह न सोचें कि यह किसी एक पात्र की घटना है. इस कहानी में कई पात्रों की कहानी एक साथ चलेगी. जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ेगी, वैसे वैसे आपका परिचय आने वाले हर एक पात्र के साथ होता रहेगा.

अब मैं कहानी को शुरू करता हूं. मेरा नाम सोनू है और मैं 19 साल का हूं. मेरी एक बड़ी बहन है जिसका नाम सपना है और वो 21 साल की है. मेरी बहन सपना देखने में बहुत ही सुंदर और आकर्षक है. गांव के हर जवान, बूढ़े और अधेड़ मर्दों की नजर मेरी बहन के बदन को घूरती रहती है.

घर के दूसरे सदस्यों की बात करूं तो मेरी मां का नाम सुधा है जो कि 40 वर्ष की है. मेरे पिता जी का नाम सुरेश है. इन सभी पात्रों के नाम बदल दिये गये हैं ताकि किसी की निजता पर आंच न आये.

इस कहानी में मेरे घरवालों के अलावा दो पात्र और भी हैं जिनका नाम है रिंकू सिंह और रिंकू का दोस्त शिवम सिंह. ये दोनों ही लड़के मेरे गांव के पास वाले गांव के रहने वाले हैं. रिंकू की उम्र मेरी बहन के जितनी ही है.

मेरा घर गांव के बाहर बना हुआ है. वहां पर खेत का एरिया शुरू हो जाता है और आस पास चारों ओर खेत ही खेत हैं. हम लोग गांव से अलग अपनी ही एक दुनिया में रहते हैं.

गांव वालों की नजर में मेरी बहन बहुत ही सीधी थी. मैंने भी शुरू में तो उसके बारे में गांव वालों के मुंह से यही सुना था कि वो बहुत शरीफ है.

मगर जब मुझे हकीकत के बारे में पता चला तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ.

बाद में जो बातें मेरे कानों तक पहुंची उनके हिसाब से मेरी बहन बहुत ही चुदासी, चुदक्कड़ और चालू किस्म की निकली. मुझे पता लगा कि मेरी बहन पास के गांव वाले एक लड़के रिंकू से अपनी चूत चुदवाती है. मैं सोच भी नहीं सकता था कि मेरी बहन ऐसा काम भी करती होगी इसलिए मुझे इन बातों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था.

बात केवल चुदाई तक ही सीमित नहीं थी. लोगों का कहना था कि मेरी बहन एक साथ दो लड़कों से चुदवाती है. मैं सच में हैरान था ये सब सुन कर. मगर जब तक मैं अपनी आंखों से न देख लेता था मुझे इस तरह की बातों पर यकीन नहीं होता था.

जिस घटना के बारे में मैं आज बताने जा रहा हूं वो आज से कई महीने पहले की है. देखने में मैं बहुत ही नॉर्मल और साधारण सा लड़का हूं. मगर जवानी में तो सबको सेक्स के लिए फीलिंग आने लगती है इसलिए मैं भी सेक्स वीडियो देख कर मुठ मार लिया करता था.

उन दिनों में मैं हस्तमैथुन करके ही सुंतष्ट हो जाया करता था क्योंकि मेरी कोई गर्लफ्रेंड तो थी नहीं. जब मेरी प्यास बढ़ने लगी तो मैं पास के ही एक गांव की औरत को पटाने के चक्करों में लग गया था. मुझे चूत चाहिए थी चोदने के लिए. अब हाथ से मजा नहीं आ रहा था.

जिस औरत की चुदाई के लिए मैं सोच रहा था उसका पति पैसा नहीं कमा पाता था. वह मजदूरी करता था और दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से हो पाती थी. उसकी पत्नी सुनीता के बारे में मुझे पता चला कि वह पैसे लेकर चूत चुदवाती है.

मैंने भी सोचा कि मुझे भी उस औरत की चूत मिल जाये तो एक बार चोदने का मजा ही मिल जाये. वह औरत रोज मेरे वहां से गुजरती थी. उनका खेत मेरे खेत के पास में ही था. वह अपने खेत में सब्जी उगाया करती थी.

जब वो खेत पर आती तो रोज शाम को मैं उससे बात करने के लिए बहाने से बेवजह कोई न कोई बात छेड़ने की कोशिश किया करता था. मगर सीधे मुंह बोलने की हिम्मत नहीं होती थी मेरी. 3 महीने तक ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा.

अब वो औरत भी समझने लगी थी कि मैं उसके चक्कर में हूं. एक दिन हिम्मत करके मैंने भी बोल ही दिया कि भाभी आप बहुत सुंदर लगती हो.
वो बोली- अच्छा, तो मैं क्या करूं?
मैंने कहा- ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस आप मुझसे बात कर लिया करो.

इतना कह कर मैंने उसको कागज पर अपना मोबाइल नम्बर लिख कर दे दिया. उसने नम्बर ले लिया और कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा कि मुझे इस नम्बर पर मिसकॉल कर देना.
वो बोली- ठीक है.

फिर शाम हुई और मैं लेटा हुआ था. रात के करीब 9 बजे उसने मिसकॉल किया. मैंने उसको फोन कॉल किया और उससे बातें होने लगीं. अब हर रोज हमारी बात फोन पर होती थी. मगर अभी तक मेरी हिम्मत ये नहीं हो रही थी कि मैं उससे चूत मांग लूं.

एक दिन वो औरत बोली कि उसको दवा लेने जाना है मगर उसके पास पैसे नहीं हैं. वो कहने लगी कि उसका पैसा अगले महीने तक आयेगा.
उसने कहा- सोनू, तुम्हारे पास हजार रूपये हों तो मुझे दे दो. मैं अगले महीने तुमको वापस लौटा दूंगी. मुझे अभी सख्त जरूरत है पैसे की.

मैंने कहा- ठीक है, पैसा मिल जायेगा. मगर लौटाने की कोई जरूरत नहीं है. मैं आपसे प्यार करता हूं.


मेरी बात सुन कर वो हंसने लगी.
मैंने कहा- जब आप शाम को आओगी तो मैं आपको पैसे दे दूंगा. मगर आप 6.30 बजे के बाद ही आना.
वो बोली- ठीक है, मैं आ जाऊंगी.

उसके बाद मैं उस औरत के आने का इंतजार करने लगा. शाम के लगभग 7 बजे के करीब वो आई. उसने साड़ी पहनी हुई थी. उसके ब्लाउज में फंसी उसकी मोटी मोटी चूचियों को देख कर मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था.

जैसे ही वो मेरे पास आई मैंने उसकी चूचियों को दबा दिया. उसके चूचों को दबाकर मैंने उसे अपनी ओर खींचा और उसको किस करने लगा. वो भी कोई विरोध नहीं कर रही थी. मुझे अंदाजा हो गया था कि वो खुद भी मुझसे चुदना चाह रही है.

फिर मैंने उस के ब्लाउज के बटन को खोल दिया और खड़े खड़े ही उस की दोनों चूचियों को हाथ में लेकर दबाने लगा. मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
वो बोली- यहीं खड़े खड़े ही कर दोगे क्या सब कुछ?
मैंने कहा- ये चादर बिछा लो और इस पर लेट जाओ.

उसने चादर बिछा ली और उस पर लेट गयी. ऐसा लग रहा था कि वो औरत भी चुदाई का पूरा मन बना कर आई थी. उसके लेटते ही मैं उसकी एक चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा. पहली बार मुझे किसी महिला की चूची को मुंह में लेने का मौका मिला था.

मैं उस की चूची को हाथ से दबाते हुए मुंह से चूस रहा था. मुझे चुदाई की बहुत जल्दी मची थी क्योंकि मुझे औरत की चुदाई और सेक्स का कोई अनुभव भी नहीं था. मैंने बस केवल पोर्न मूवी में देख कर ही सब कुछ सीखा था.

अब मैंने उस औरत की साड़ी को ऊपर करके उस की चूत पर हाथ रख दिया. मैं अपने हाथ से सुनीता की चूत को सहलाने लगा. अंधेरा हो चुका था इसलिए ज्यादा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मैं भी उस की चूत को ठीक से नहीं देख पा रहा था लेकिन उसकी चूत पर हाथ फिराते हुए बहुत मजा मिल रहा था.

सुनीता ने अपनी चूत के बालों को साफ किया हुआ था. मैं उसकी चूत को तेजी से मसलने लगा और वो कसमसाने लगी. फिर मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया. सुनीता अब सिसकारने लगी. फिर मैंने एकदम से हाथ को हटा कर उसकी चूत पर अपना मुंह ही लगा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा.

उस औरत की चूत की खुशबू में मैं मदहोश होने लगा और जोर जोर उस की चूत को चूसने लगा. सुनीता ने भी अपनी टांगें फैला लीं. उसको कोई डर नहीं लग रहा था जबकि मुझे काफी डर लग रहा था कि ऐसे खुले में सेक्स करते हुए कोई देख न ले.

सुनीता अपने चूतड़ों को फैलाये हुए अपनी चूत को चटवाने का मजा ले रही थी. मैं भी उसके चूतड़ों को चाय की चुस्की की तरह चूस रहा था. 20 मिनट तक मैंने उसकी चूत और चूतड़ों को चूसा और फिर दोबारा से उसकी चूचियों को पीने लगा.

अब मैंने उसके चूतड़ों में लंड लगा दिया और उस की चूत के अंदर धकेलने की कोशिश करने लगा.
वो बोली- साले, कॉन्डम तो लगा ले.
मैंने कहा- लेकिन मुझे बिना कॉन्डम के करना है. कॉन्डम लगा कर चुदाई करने में वो मजा नहीं आएगा.
वो बोली- नहीं, कॉन्डम के बिना नहीं करने दूंगी.

उस औरत के कहने पर मुझे कॉन्डम लगाना ही पड़ा. फिर मैंने कॉन्डम चढ़ा कर उस की चूत में लंड दे दिया और उस औरत की चुदाई करने लगा. सुनीता भी गर्म हो गयी और मस्ती में खुद ही अपनी चूचियों को मसलने लगी. मैं उसकी टांगों को उठा कर उसकी चूत को तेज तेज धक्के लगाते हुए चोदने लगा.

15 मिनट तक मैंने उस देसी औरत की चुदाई की और फिर मैं झड़ गया. इस तरह उस रात से ही सुनीता को चोदने का सिलसिला शुरू हो गया था. मैं रोज ही सुनीता को पैसे देने लगा था. मैं उस औरत को इधर उधर से जोड़ तोड़ करके पैसा इकट्ठा कर के देता और वो रोज मुझसे चूत चुदवाने लगी.

औरत की चूत चोदने का सुख पाकर मैं बहुत आनंद में था. दो महीने बीत चुके थे.

एक दिन मेरे एक दोस्त ने बताया कि उस औरत सुनीता को शिवम सिंह भी चोदता है.
मैंने अपने उस दोस्त को ये नहीं बताया कि मैं भी उस औरत की चुदाई करता हूं. जब सुनीता के बारे में पता लगा कि उसको शिवम भी चोदता है तो मुझे बुरा लगा. मगर मैं कुछ कर भी नहीं सकता था क्योंकि मुझे पता था कि सुनीता के अलावा मुझे कोई और चूत नहीं मिलेगी चोदने के लिए.

अगली बार जब मैं सुनीता से मिला तो मैंने उससे पूछा- मैंने सुना है कि तुम शिवम को भी अपनी चूत देती हो.
वो बोली- नहीं, तुमने गलत सुना है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, अगर ऐसा कुछ है तो तुम मुझे बता सकती हो. वैसे मुझे सच्चाई का पता है.

मेरे काफी कहने पर उसने हामी भर ली और बोली- हां मैं उससे भी चुदवाती हूं. काफी दिनों से मैं उससे भी चुदवा रही हूं.
मैं बोला- ठीक है, तुमने पहले जो कुछ भी किया वो कोई बात नहीं, मगर आगे से उस लड़के से मत चुदाई करवाना.
वो बोली- मुझे करवाने का कोई शौक नहीं है लेकिन मैं क्या करूं, मेरे भी तो कुछ खर्चे हैं, वो पूरे नहीं हो पाते हैं, तुम्हारे पास इतने पैसे भी तो नहीं हैं कि तुमसे ही मेरे सारे खर्चे पूरे हो जायें.

बात उसकी भी सही थी. मैं उसको इतने पैसे नहीं दे सकता था. इसलिए फिर मैंने उसको  कुछ नहीं कहा. उस दिन के बाद से हम दोनों खुल कर बातें करने लगे थे. मगर उस औरत और मेरे बीच में कोई जज्बाती रिश्ता नहीं था. हम दोनों ही बस एक दूसरे की जरूरत को पूरा कर रहे थे. उस औरत सुनीता को पैसे की जरूरत थी और मेरे लंड को चूत की चुदाई चाहिए थी.


उसको पैसे मिल जाते थे और मुझे उसकी चूत चोद कर शांति मिल जाती थी. ऐसे ही सब सही चल रहा था.

एक दिन सुनीता की चूत चुदाई के बाद उससे मैं बातें कर रहा था.
वो बोली- …
वो औरत क्या बोली? क्या बताया उसने मुझे? 
 
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बहन की ग़लती, मां का राज़-2


मैंने अपने गाँव की एक औरत की चुदाई की और अक्सर पैसे देकर उसे चोदने लगा. मेरी एक बहन भी है बहुत खूबसूरत. एक दिन उस औरत ने मुझे मेरी बहन के बारे में कुछ बताया. क्या था वो राज?

कहानी का पिछला भाग: बहन की ग़लती, मां का राज़-1

एक दिन सुनीता की चूत चुदाई के बाद उससे मैं बातें कर रहा था.
वो बोली- तुम्हारी बहन सपना भी तो रिंकू से चुदवाती है और मजा लेती है.

मैंने कहा- ये क्या बोल रही हो तुम? और किस रिंकू की बात कर रही हो?
सुनीता- मेरे गांव वाले रिंकू की बात कर रही हूं.
मैं- नहीं, ऐसा नहीं हो सकता है. मेरी बहन सपना तो बहुत सीधी है. वो तो किसी से फालतू बात भी नहीं करती तो फिर चुदाई कैसे करेगी, वो तो कभी घर से बाहर भी नहीं जाती, कॉलेज से भी सीधा घर आती है.

सुनीता- मुझे शिवम ने ही बताया था. अगर आपको विश्वास नहीं है तो आज रात 10 बजे के बाद अपने घर के पीछे वाले हिस्से में देख लेना, जहां पर गाय के लिए चारा रखा गया है.
मैंने कहा- मगर वहां का दरवाजा तो अंदर से बंद रहता है और उसमें लोहे की खिड़की भी लगी हुई है. उसका दूसरा दरवाजा भी घर के अंदर ही खुलता है. मैं वहीं बगल वाले कमरे में सोता हूं. जबकि सपना किनारे वाले कमरे में सोती है. वो तो 9 बजे ही सो जाती है. उसको सुबह जल्दी कॉलेज के लिए जाना होता है.

मेरी बात पर सुनीता ने कहा- अगर तुम्हें मेरी बात का यकीन नहीं हो रहा है तो आज रात तुम खुद ही देख लेना. तुम्हें खुद ही पता लग जायेगा कि वह क्या करती है.

सुनीता की बात सुनकर मुझे टेंशन हो गयी. मैं यही सोच रहा था कि मेरी सगी बहन ऐसा नहीं कर सकती है. मैंने तो उसको कभी बाहर जाते हुए भी नहीं देखा था. वह हमेशा घर में रहती थी. कभी किसी पड़ोसन के घर भी नहीं जाती वो!

उस रात मैं इंतजार करने लगा. 9 बज गये थे. लगभग 10.30 बजे के आस पास बहन के रूम का दरवाजा हल्के से खुलने की आवाज हुई. मैंने चुपके से उठ कर देखा तो वो गाय के चारे वाले कमरे में दबे पांव जा रही थी. मैं भी चुपके से उसके पीछे निकल लिया. मैं उसको रंगे हाथ पकड़ना चाहता था.

मैं उसके जाने के बाद 10 मिनट लेट गया ताकि मेरे पहुंचने से पहले वो उस लड़के को भी बुला ले और मैं सब कुछ अपनी आंखों के सामने देख सकूं. जब मैं वहां पहुंचा तो मैंने देखा कि घर के पीछे वाले हिस्से में एक छोटा सा दो ईंट का होल खुला हुआ था. उस होल से मैंने दूसरी तरफ देखा तो मेरी बहन पूरी तरह से नंगी पड़ी हुई थी.

रिंकू मेरी बहन की चूचियों को दबा रहा था. मगर यहां पर और भी हैरान करने वाली बात ये थी कि उसके साथ में शिवम भी था. शिवम ने मेरी बहन की चूत में मुंह लगाया हुआ था और वो उसकी चूत को चाटने में लगा हुआ था. रिंकू बहन की चूची दबा रहा था और नीचे से शिवम उसकी चूत को चूस रहा था.

मेरी बहन पूरी तरह से बेशर्म होकर सिसकारियां ले रही थी. मुझे तो अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था. मैंने उसी वक्त अपना मोबाइल निकाला और उन तीनों की लाइव सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने लगा.

वीडियो बनाते हुए अब मेरे मन में बहन के लिए सेक्स के ख्याल आने लगे. जिस तरह से वो नंगी पड़ी हुई थी और दो लड़के उसके बदन को चूस और चाट रहे थे उसको देख कर मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था. मैं अपनी बहन को गंदी नजर से देखने लगा.

रिंकू ने मेरी बहन के मुंह में अपना लंड डाल दिया. अब सपना रिंकू के लंड को चूसने लगी. वो किसी रंडी की तरह रिंकू के लंड को चूस रही थी. मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था. मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मेरी बहन इतनी चुदासी है. उसने इतना बड़ा राज अपने अंदर छुपाया हुआ है और वो रोज रात को अपनी चुदाई करवाती है और वो भी इस तरह से बल्ब जलाकर!

एक और बात जो मुझे बहुत हैरान कर गयी वो ये कि रिंकू के बारे में सुनीता ने मुझे पहले ही बता दिया था मगर शिवम को देख कर तो मैं बहुत ही हैरान हो गया. अगर रिंकू के साथ ही सपना चुद रही होती तो मैं सोच भी लेता कि रिंकू उसका प्यार है और ऐसा हो सकता है.

मगर शिवम के बारे में तो मैंने सोचा भी नहीं था. अगर शिवम भी साथ में था तो इसका मतलब ये ही हुआ कि रिंकू से मेरी बहन प्यार नहीं करती है और रिंकू भी सपना से प्यार नहीं करता है. अगर उनके बीच में प्यार होता तो वो किसी एक के साथ में होती, इस तरह से दो दो लौंडों से नहीं चुद रही होती.

मेरी बहन की चूचियां बहुत बड़ी थीं. उसने अपनी चूत के बाल भी साफ किये हुए थे. ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरे सामने कोई पोर्न मूवी चल रही थी. दो लंड एक चूत को मसल मसल कर मजा ले रहे थे.

अब रिंकू ने अपने लंड पर कॉन्डम लगा दिया. उसने मेरी बहन की टांगों को फैलाया और अपने लंड को मेरी बहन की चूत पर रगड़ने लगा. सपना ने रिंकू की गर्दन को अपनी खींच कर उसके होंठों को पीने लगी. नीचे से रिंकू ने मेरी बहन की चूत में लंड घुसा दिया और अपनी गांड को धकेलते हुए मेरी बहन की चूत चोदने लगा.


फिर शिवम ऊपर की ओर आ गया और उसने मेरी बहन की चूचियों को पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया. कुछ देर उसकी चूचियों को दबाने के बाद वो सपना की चूचियों को पीने लगा.

सामने का नजारा इतना उत्तेजित करने वाला था कि मेरे लंड ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. इस वक्त मुझे दीदी का वो चुदक्कड़ लड़की वाला रूप देख कर जहां एक ओर खुशी सी हो रही थी वहीं दूसरी ओर दुख भी हो रहा था.

रिंकू मेरी बहन की चूत को चोद रहा था और शिवम उसकी चूचियों से खेल रहा था. कभी उसकी चूचियों को मुंह में भर कर चूसने लगता था तो कभी उनको दोनों हाथों के बीच में भींच कर निचोड़ने लगता था. मेरी बहन अपने हाथ से शिवम का लंड पकड़ कर जोर जोर से हिला रही थी और उसकी मुठ मार रही थी.

नीचे से रिंकू उसकी चूत में लंड को बुरी तरह से पेल रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे रेल का इंजन तेजी के साथ भाग रहा है. सपना हर धक्के के साथ आगे पीछे हो रही थी. अब रिंकू की गति और बढ़ गयी. उसने तेजी से कई धक्के लगाये और फिर धीरे धीरे रुकता चला गया.

उसने वीर्य छोड़ दिया था. एक मिनट के बाद वह उठा और फिर शिवम ने अपने लंड पर कॉन्डम चढ़ा लिया. रिंकू के हटने के बाद शिवम आगे आया और उसने मेरी बहन की टांगों को पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उसकी चूत में लंड घुसा दिया.

अब शिवम ने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. शिवम भी तेजी के साथ मेरी बहन की चूत में झटके मारने लगा. उसने मेरी बहन के बूब्स को पकड़ कर जोर जोर से धक्के लगाना शुरू कर दिया.
सपना के मुंह से दर्द भरी आवाजें आने लगीं- आह्ह… आऊ … ऊईई मा … धीरे … आह्ह … धीरे करो. फट जायेगी.
शिवम- फाड़नी ही तो है साली रंडी. बहुत चुदासी हो गयी है तू. दो दो लंड लेकर भी शांत नहीं होती है. आज मैं तेरी चूत को चुप करवा दूंगा.

ये बोलकर शिवम और जोर से मेरी बहन की चूत को फाड़ने लगा. सपना ने शिवम की गांड को पकड़ कर उससे लिपट गयी और दोनों चिपक गये. शिवम कुत्ते की तरह पूरी स्पीड में मेरी बहन को चोद रहा था. मेरी बहन भी कुतिया की तरह चुदती हुई लंड का मजा ले रही थी.

इस तरह आधे घंटे तक शिवम ने उसकी चूत मारी. दोनों ने मिल कर लगभग 1 घंटे तक मेरी बहन की चूत को खूब चोदा. फिर वो दोनों वीर्य छोड़ने के बाद उसके बगल में लेट गये और उसकी चूचियों के साथ खेलने लगे.

काफी देर तक दोनों ही सपना की चूचियों को दबाते रहे और उसकी चूत को सहलाते रहे. सपना भी उन दोनों के लंड को अपने एक एक हाथ में लेकर छेड़ती रही.
फिर मेरी बहन बोली- अब तुम लोग जाओ और मुझे भी जाने दो. बहुत समय हो गया है. मुझे सोने के लिए जाना है, वरना कोई आ जायेगा.

रिंकू बोला- मुझे अभी और भी करना है.
सपना- नहीं, आज के लिए बहुत है. अभी तुम लोग जाओ.
इतना बोल कर सपना उठी और अपने कपड़े पहनने लगी.

शिवम और रिंकू दोनों एक साथ बोले- एक बार चूत तो चटा दो?
सपना- ठीक है, जल्दी से चाट लो.
हां होते ही शिवम मेरी बहन की चूत चाटने लगा. रिंकू उसकी चूचियों को चूसने लगा. कुछ देर तक दोनों ने बारी बारी से उसकी चूत और चूचियों को चाटा और चूसा.

फिर सपना अपने कपड़े पहनने लगी. रिंकू और शिवम दोनों ने भी अपने अपने कपड़े पहन लिये और वहां से निकलने की तैयारी करने लगे. सपना भी वापस आने वाली थी.

अब मैं भी वहां से धीरे से खिसक लिया और चुपचाप अपने रूम में आकर लेट गया. मैं लेटा हुआ बहन के आने का इंतजार करने लगा. 10-15 मिनट के बाद बहन भी अपने कमरे में आ गयी और उसने अपना दरवाजा बंद कर लिया.

मुझे अभी भी यह यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि कुछ देर पहले ही मेरी बहन ने दो दो लड़कों के लंड अपनी चूत में लिये हैं और वो किसी रंडी की तरह दो दो मर्दों से एक साथ चुद कर आयी है. कहां वो शरीफ सी लड़की मेरी बहन सपना थी, मगर आज जो मैंने देखा वो कोई और ही सपना थी जो किसी सपने से कम नहीं था.
 
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[font=verdana, geneva, lucida,]बहन की ग़लती, मां का राज़-3


बहन की चुदाई का लाइव विडियो मैंने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया. अगली रात मैंने सपना को रंगे हाथ पकड़ने का सोचा. उसके बाद क्या हुआ, मेरी भाई बहन कि चुदाई स्टोरी में पढ़ें.

दोस्तो, मैं सोनू कुमार एक बार फिर से अपने जीवन में हुई घटना का अगला भाग लेकर आया हूं. मैंने इस कहानी को बहन की गलती, मां का राज नाम जरूर दिया है लेकिन इस कहानी को कोई एक नाम नहीं दिया जा सकता है. इस कहानी पर कोई एक नाम सही नहीं बैठ सकता है.

यह कहानी आज के कल्चर और स्वभाव पर आधारित है जो बिल्कुल सच्ची है. मुझे पूरा विश्वास है कि आज जिस कहानी को हम सवालिया निगाह से देख रहे हैं, आने वाले 50 सालों के अंदर इस तरह की घटनाएं बहुत ही आम हो जायेंगी.

रिश्तों में चुदाई की इन घटनाओं को वर्तमान समय में गलत बताया जाता है लेकिन मैं तो कहता हूं कि आने वाले समय में प्रेम का यही सही रूप होगा और ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि हम अपनी मां और बहन से ही सच्चा प्रेम करते हैं.

जिस प्रेम से दो लोगों को सेक्स भी मिल जाये तो उनके जीवन में कितना आनंद हो सकता है. यह अभी केवल कल्पना की जा सकती है. ऐसा नहीं है इस तरह की घटना मेरे साथ ही पहली बार हुई है. मुझ से पहले बहुत से लोगों के साथ इस तरह के वाकये हो चुके हैं जहां भाई-बहन की चुदाई, मां-बेटे की चुदाई, बाप-बेटी की चुदाई और न जाने किन किन रिश्तों में चुदाई की घटनाएं हुई हैं जो इंटरनेट पर मौजूद हैं.

अब मैं आपका ज्यादा समय न लेते हुए आगे की घटना बताता हूं. अपनी कहानी के पिछले भाग
बहन की ग़लती, मां का राज़-2
में मैंने बताया था कि मैं अपनी बहन को बहुत सीधी समझता था. मैंने पास के गांव की एक औरत को चुदाई के लिये पटा लिया.

उसको चोदने के दौरान मुझे उसने बताया कि मेरी बहन भी पास के गांव के लड़के से चुदवाती है. मुझे उस औरत की बात पर यकीन नहीं हुआ और एक रात मैंने छिप कर ये सब देखने की सोची.

मैं देख कर हैरान था कि उस रात सच में ही मेरी बहन ने पास के गांव के लड़के रिंकू को बुलाया हुआ था. इतना ही नहीं उस लड़के का दोस्त शिवम भी उसके साथ था और मेरी बहन दो दो लड़कों के साथ नंगी होकर दोनों से ही एक साथ चुदवा रही थी.

लाइव चुदाई का वीडियो बना कर मैंने अपने फोन में सेव कर लिया. लगभग डेढ़ घंटे के वीडियो को मैंने 20-25 मिनट का बना लिया था. उस रात को मैं पूरी रात वही वीडियो देखता रहा और फिर सो गया. सुबह उठा तो सब कुछ नॉर्मल ही था.

सपना भी एकदम से नॉर्मल थी. मैं उसको देख कर ऐसा लग रहा था जैसे बीती रात में उसके साथ कुछ हुआ ही नहीं था. मैं उसको घूर रहा था और आज रात एक बार फिर से उसकी चुदाई की कल्पना करने लगा था. मैं देखना चाहता था कि आज की रात वो कैसे चुदती है.

रात का खाना होने के बाद मैं इंतजार करने लगा. रात के 11 बज चुके थे. मगर आज मेरी बहन सपना अपने कमरे से बाहर नहीं निकली थी. मैंने सोचा कि आज शायद रिंकू नहीं आयेगा. ऐसे ही इंतजार करते हुए मैं सोने वाला था कि रात के 11.30 बजे मुझे कुछ आवाज सुनाई दी.

मैंने देखा तो सपना अपने रूम से निकल रही थी. उसके जाने के बाद मैं भी निकल लिया. वो कल वाली जगह पर ही गयी. मैंने देखा कि रिंकू भी आ चुका था. मेरी बहन रिंकू की बांहों में थी और वो उसे किस कर रहा था.

सपना बोली- आज शिवम नहीं आया?
रिंकू बोला- वह अपनी बहन के यहां पर गया हुआ है. इसलिए मुझे आने में देर हो गयी. मेरे घरवालों के सोने के बाद ही मैं आया हूं.
सपना- मैं तो तुम्हारा इंतजार करते करते सोने ही वाली थी. अगर कुछ देर और तुम्हारा फोन नहीं आया होता तो मैं सो ही जाती.

रिंकू- जान, तुम्हारी चूत मेरे लंड का स्वाद लिये बिना तुमको कैसे सोने देती?
रिंकू मेरी दीदी सपना की चूचियों को दबा रहा था और बातें कर रहा था.
वो बोला- सपना, शिवम तो तुम्हारा दिवाना हो चुका है.
सपना- मुझे शिवम से कुछ मतलब नहीं है, वो तो तुम्हारे साथ में आ जाता है इसलिए मैं करवा लेती हूं.

वो बोला- अच्छा ठीक है, अब तुम कहो तो आज का प्रोग्राम शुरू करें?
इतना कह कर शिवम ने अपना अंडरवियर उतार कर मेरी बहन के हाथ में अपना लंड थमा दिया और सपना रिंकू के लंड को सहलाने लगी. रिंकू उसके होंठों को चूसने लगा और उसकी चूचियों को दबाने लगा.

रिंकू बोला- चूसो न जान इस लंड को, तुम्हारे मुंह के लिए उतावला हो रहा है.
इतना बोल कर रिंकू ने मेरी बहन के मुंह में लंड दे दिया और उसके सिर को लंड पर दबाते हुए चुसवाने लगा.

सपना दीदी के रिंकू के लंड को मुंह में लेकर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. लंड चूसते हुए एक बार उसको मुंह से निकाल कर बोली- तुम्हारे लंड की आदत हो गयी है मुझे.
रिंकू- हां जान, मुझे भी तुम्हारे मुंह में देकर चुसवाने की आदत हो गयी है.

उसके बाद रिंकू ने मेरी बहन के सारे कपड़े उतार दिये. मैं वहीं पर खड़ा होकर उन दोनों की चुदाई की वीडियो बनाने में लगा हुआ था. सामने का सीन देख कर मैंने भी अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मैं भी उन दोनों को देख कर अपने लंड को हिलाने लगा.


मेरी बहन को नंगी करके रिंकू नीचे की ओर गया और बहन की चूत में मुंह लगा कर उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा. सपना भी अपनी चूत को रिंकू के मुंह पर रगड़ने लगी.

10 मिनट तक वो मेरी बहन की चूत को चाटता और चूसता रहा. फिर उसने सपना को थोड़ा ऊपर उठाया और मेरी बहन की गांड पर लंड लगा दिया. लंड को गांड के छेद पर लगा कर वो धकेलने लगा.
सपना बोली- क्या कर रहे हो? आगे वाले छेद में डालो.
रिंकू बोला- मैं कॉन्डम नहीं लेकर आया हूं.
सपना- लेकिन पीछे वाले में बहुत दर्द होता है.

रिंकू- कितनी बार तो तुम चुदवा चुकी हो पीछे वाले छेद को, अभी भी दर्द होता है तुमको?
सपना- मैं पीछे नहीं करवाती थी, उस दिन शिवम ने शुरू कर दिया गांड चुदाई का काम, अब तुम भी उसी की तरह आदी हो गये हो, तुम्हारी भी आदत बिगड़ चुकी है.
रिंकू- तो अब करने दो मुझे.
सपना- ठीक है, कर लो अगर इतना मन है तुम्हारा तो.

रिंकू ने झटके से मेरी बहन की गांड में लंड डाल दिया. सपना की तेज आवाज निकल गयी. तभी रिंकू ने उसके मुंह पर हाथ रख लिया और उसकी आवाज को रोकने की कोशिश करते हुए धीरे धीरे मेरी बहन की गांड में लंड को आगे पीछे करने लगा.

सपना तमतमा गयी थी और उसका चेहरा पूरा लाल हो गया था. फिर रिंकू ने पूरा लंड उसकी गांड में घुसा दिया और जोर जोर से मेरी बहन की गांड को चोदने लगा. सपना की चूचियां तेजी से आगे पीछे डोलने लगीं. उसका चेहरा टमाटर जैसा हो गया लेकिन रिंकू के धक्के नहीं रुक रहे थे. वो पट पट की आवाज के साथ मेरी बहन की गांड मार रहा था.

लगभग 15 मिनट तक उसकी गांड को चोद कर रिंकू ने अपना माल उसकी गांड में गिरा दिया. सपना के ऊपर ढेर होकर वो गिर गया. सपना उसको चूमने लगी. कुछ देर दोनों के दोनों एक दूसरे के साथ चिपके रहे.
फिर रिंकू बोला- शिवम अभी नहीं है, इसलिए मुझे जाना होगा जल्दी. मैं अभी कोई बहाना भी नहीं कर सकता हूं.

सपना बोली- ठीक है.
रिंकू चला गया. दीदी अब वापस आने लगी इसलिए मैं भी अपने रूम की ओर गया. फिर दीदी भी अपने रूम में आयी और उसने अपने रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.

अगले दिन फिर मैं रात होने का इंतजार करने लगा. अबकी बार मेरे दिमाग में कुछ और प्लान चल रहा था. रात के 10 बजे जब सपना ने दरवाजा खोला तो मैं जस्ट उसके पीछे गया. सपना उस वक्त पीछे वाला दरवाजा खोल रही थी.

मैंने कहा- कहां जा रही हो?
मुझे देख कर वो डर गयी. वो कुछ बोल नहीं पा रही थी.
मैंने कहा- इतनी रात को तुम यहां कहां जा रही हो?
वो बोली- बाथरूम में जा रही हूं.
उसने डरते हुए कहा.

मैं बोला- तो छत पर भी तो बाथरूम बना हुआ है, वहां भी जा सकती हो.
वो बोली- मुझे वहां पर डर लगता है.
मैं- तो दरवाजा खोल कर बाहर जाने में डर नहीं लगता है? छत पर तुझे डर लगता है. मां भी ऊपर में सोई हुई है.

सपना मेरी बात कुछ जवाब नहीं दे पा रही थी. फिर वह छत पर चली गयी. मैं तुंरत उसके कमरे में गया और उसका मोबाइल खोजने लगा. मुझे मोबाइल दिख गया जो रिंकू ने उसे दिया हुआ था.

मैंने तुरंत उसके मोबाइल की सिम को निकाल दिया और उसको हल्का सा तोड़ कर फिर उसके मोबाइल में डाल दिया. फिर मैं अपने रूम में आ गया. कुछ देर के बाद सपना भी नीचे अपने रूम में आई. मैं भी जाग रहा था और देखना चाहता था कि अब वह क्या करेगी.

आधे घंटे के बाद वह फिर से पीछे वाले रास्ते जाने लगी. शायद रिंकू को बताने जा रही थी कि उसके मोबाइल का सिम तोड़ दिया गया है. मुझे लगा कि रिंकू घर के पीछे वाले हिस्से में खड़ा होगा. मेरे घर के पीछे वाले हिस्से में बाहर की ओर सरसों के खेत थे. वहां से दूर देखने पर कोई भी नहीं दिखता था.

मैं भी सपना के पीछे पीछे पहुंच गया. मुझे देख कर फिर से उसका चेहरा पीला पड़ गया.
मैंने पूछा- अब क्या हुआ, अब कहां जा रही हो, नहाने जाना है क्या इतनी रात में?
सपना के पास मेरी बात का कोई जवाब नहीं था.

उसका हाथ पकड़ कर मैं उसको अंदर ले आया. उसको रूम में अंदर लाकर मैंने पूछा- क्या हुआ, किसी से कोई बात चल रही है क्या? किसी को बुलाया है क्या घर में?
उसके पास मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं था. वो बस मेरा चेहरा देख रही थी.

मैंने फिर पूछा- क्या बात है, बताओ मुझे?
वो बोली- कुछ नहीं, मेरे पेट में दर्द है.
मैंने कहा- झूठ बोल रही हो.
सपना- नहीं, सच में.

तभी मैंने उसकी चूचियों को पकड़ लिया और दबाते हुए बोला- तुम मुझसे झूठ बोल रही हो.
उसने मेरे हाथ को झटकते हुए कहा- क्या कर रहे हो भैया?
मैं- वही कर रहा हूं जो तुम अभी पीछे करवाने के लिए जा रही थी. घर की इज्जत को लुटवाने के लिए जा रही थी.

मेरी बात सुनकर वो हैरान रह गयी, फिर संभलते हुए बोली- ये क्या बक रहे हो भैया, तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है.
मैं- बहुत दिनों से देख रहा हूं तुम्हें. तुम रोज पीछे जाती हो.
सपना- मैं पेशाब करने के लिए जाती हूं. तुम मुझ पर शक कर रहे हो.


मैंने कहा- अच्छा, तुम हर दो-दो घंटे में पेशाब करती हो? सारी रात पेशाब ही करती रहती हो?
वो मेरी बात सुन कर चुप हो गयी.
मैंने तभी मोबाइल निकाला और उसके सामने वह वीडियो प्ले कर दिया जो मैंने रिंकू और शिवम के साथ सपना की चुदाई होते हुए बनाया था.
उस वीडियो में शिवम और रिंकू दोनों ही सपना की चूत चोद रहे थे.

उसकी चूत चुदाई का लाइव वीडियो देख कर सपना की बोलती बंद हो गयी. मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा. अब वह कुछ नहीं बोल पा रही थी. मेरी बहन की चूचियां दबाते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा था. मेरा लंड खड़ा होने लगा था. सपना अभी तक यह सोचने में ही लगी थी कि उसकी चुदाई का वीडियो मेरे पास कैसे आ गया.

अब मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिये. उसके सूट को निकलवा दिया. उसने नीचे से सफेद ब्रा पहनी हुई थी. अपनी बहन को इस तरह से केवल ब्रा पहने हुए मैंने पहली बार देखा था. उस दिन मैंने रिंकू और शिवम के साथ उसको पूरी नंगी देखा था लेकिन ब्रा में वो और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी.

मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को मसल दिया. अब उसके मुंह से आह्ह करके एक गर्म सी आवाज निकली. मैंने फिर मेरी बहन की सलवार भी खोल दी. अब वो ब्रा और पैंटी में थी. मैंने मेरी बहन की चूत को पैंटी के ऊपर से सूंघा और उसको किस किया.

सपना को ये अच्छा लगा. उसके बाद मैंने उसकी ब्रा को उतरवा दिया और उसकी चूची नंगी हो गयी. मैं उसकी चूचियों को पीने लगा और सपना को भी मजा आने लगा. अब वो चुपचाप मजा ले रही थी. मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

उसकी मोटी मोटी चूचियों को मैं दबाते हुए बच्चे की तरह पीने लगा. एक हाथ से एक चूची को दबा रहा था और दूसरे हाथ में चूची को पकड़ कर अपने मुंह से चूस रहा था.
मैंने जोश में आकर कहा- अगर तुझे लंड की जरूरत थी तो मुझसे ही कह देती. रिंकू और शिवम से चुदवा कर तूने मुझे उनके सामने मुंह दिखाने लायक नहीं रखा.

सपना कुछ नहीं बोल रही थी और मैं अब ज्यादा उत्तेजित हो रहा था. उसकी चूचियों को पीने के बाद मैं सीधा उसकी चूत पर आ गया और मैंने अपने होंठों को उसकी पैंटी पर कस दिया. उसकी चूत को किस करने के बाद मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया और अब उसके बदन पर कोई कपड़ा नहीं था. उसकी चूत भी नंगी हो चुकी थी.

बहन की नंगी चूत को देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया. मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और दो मिनट में ही सपना की चूत पानी छोड़ने लगी. मैंने मेरी बहन की चूत के रस को अपने गले में उतारना शुरू कर दिया. उसकी चूत का नमकीन रस पीने में बहुत स्वादिष्ट लग रहा था.

चूत चटवाते हुए सपना भी अब मदहोश सी होने लगी थी लेकिन वो जाहिर नहीं करना चाह रही थी कि अपने छोटे भाई से उसको चूत चटवाने में मजा आ रहा है. वो ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे वो मजबूरी में चटवा रही है और उसका मन नहीं है ये सब करने का. मगर मैंने सोच लिया था कि मैं उसको पूरी गर्म कर दूंगा.

अब मुझे लग रहा था कि बहन भाई का रिश्ता सही रूप में सामने आ रहा है. उसका गोरा बदन और बड़ी बड़ी चूचियों को देख कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी बहन का ऐसा रूप मुझे देखने के लिए मिलेगा.

इसलिए मैं सुनीता का जितना धन्यवाद दे सकूं उतना कम था. उसी ने मुझे बताया था कि मेरी बहन सपना किस तरह से गांव के दूसरे लड़कों से अपनी चूत मरवाती है. आज मुझे अफसोस की बजाय खुशी हो रही थी रिंकू सिंह और शिवम सिंह दोनों ने ही मेरी बहन को चोदने के लायक बना दिया था. मैं शिवम और रिंकू को आमने सामने से धन्यवाद तो नहीं कह सकता था मगर मैंने अपने मन में ही उनको धन्यवाद दे दिया.

सपना, मेरी बहन, जो कि बचपन में बहुत ही सीधी सादी लड़की थी अब अपनी चूत में दो दो लंड एक साथ लेने के लायक हो गयी थी, अब मुझे इसमें आश्चर्य की बात नहीं लग रही थी. यह मजबूरी नहीं बल्कि शौक था उसका.

मैं जान चुका था कि मेरी बहन सेक्स वीडियो और चुदाई की बहुत शौकीन है. मैं सोच रहा था कि भगवान ने ये अवसर मुझे दिया है तो मेरा भी फर्ज है कि मैं इसको इसके मुकाम तक ले जाऊं, जहां तक बहुत कम लोग पहुंच पाते हैं या अब तक पहुंच पाये हैं.

बहन की चूत से मुंह को हटा कर मैंने अब अपने लंड को उसकी चूत में लगा दिया और उसकी चूत चोदने के लिए तैयार हो गया. सपना भी जैसे इंतजार कर रही थी कि कब उसके भाई का लंड उसकी चूत में अंदर जायेगा.

मैंने सही मौका देख कर अपने लंड को सपना की चूत में घुसा दिया. जब मेरी बहन की चूत में मेरा लंड गया तो मुझे ऐसा लगा कि मैं सातवें आसमान पर पहुंच गया हूं. ऐसा आनंद मुझे कभी नहीं मिला था.

सपना की चूत इतनी टाइट थी कि ऐसा लग रहा था जैसे कि इसको भी बहन भाई का रिश्ता पसंद हो. मैंने अब उसकी चूत में लंड के झटके लगाना शुरू कर दिया. उसकी चूचियों को दबाते हुए मैं जोर जोर से उसकी चूत को चोदने लगा.

एक हाथ से मैं उसकी एक टांग को पकड़ कर दूसरे हाथ   से  उसकी चूची को दबा रहा था. सपना के मुंह से मस्त चुदाई की आवाजें निकल रही थीं और उसको देख कर लग रहा था कि वो अपनी चुदाई को बहुत मजा लेकर इंजॉय कर रही है.


उसके मुंह से कामुक मस्त सिसकारियां आ रही थीं- आह्ह, भैया … आह्ह … धीरे से … ओह्ह … आराम से … आराम से करो.
उसकी ये आवाजें सुन कर ऐसा मन कर रहा था कि उसकी चूत को अंदर तक फाड़ दूं.

मैंने पूरी स्पीड के साथ अपनी बहन की चूत की चुदाई शुरू कर दी थी और मेरे पूरे बदन में पसीना आने लगा था. सपना भी मस्त हो चुकी थी. अब मैंने उसकी दोनों टांगों को पकड़ लिया और उसकी चूत में तेजी के साथ धक्के लगाने लगा.

10 मिनट के बाद मेरा माल निकलने हो गया और मैंने उसकी चूत में अपना सारा माल गिरा दिया. अपना माल उसकी चूत में भरने के बाद मैं भी उसके ऊपर ही लेट गया.

इस तरह से उस रात मैंने पहली बार अपनी बहन की चुदाई की. उस रात मैंने 4 बार सपना की चूत चोदी. सुबह जब मैं सोकर उठा तो सब कुछ नॉर्मल था. सपना को देख कर लग नहीं रहा था कि उसकी चूत चार बार चुदी है रात में. वो ठीक ठाक चल भी रही थी. ऐसा लग रहा था कि मेरी बहन पूरी की पूरी रंडी बन चुकी है.
 
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बहन की ग़लती, मां का राज़-4


अपनी बहन को मैंने उसके यारों से मिलने के लिए आखिरी मौका दिया. जब सपना दोनों लड़कों आये और मेरी बहन की चूत और गांड चुदाई करके चले गये. फिर मैंने क्या किया?

दोस्तो, मैं सोनू कुमार एक बार फिर से अपनी कहानी का अगला यानि कि तीसरा भाग आपके लिए लेकर आया हूं. मेरी कहानी के पिछले भाग

बहन की ग़लती, मां का राज़-3

में मैंने आपको बताया था कि मेरी बहन सपना को मैंने पास के गांव के दो लड़कों के साथ चुदते हुए देख लिया था.

मेरी बहन की गांड चुदाई का सीन भी मैं अपनी आंखों से देख चुका था. उसके अगले दिन फिर मैंने उसको पकड़ने की सोची. मैंने उसका वीडियो बना लिया था और जब वो अगले दिन फिर से अपनी चूत को चुदवाने के लिए गयी तो मैंने उसको रोक लिया.

उसको मैंने वो वीडियो दिखाया जिसमें वो रिंकू और शिवम के साथ चुदवा रही थी. अब वो कुछ न बोल पाई और मैंने उसकी चूचियों को दबा दिया. फिर हम भाई-बहन गर्म हो गये और मैंने अपनी बहन की चूत चोद दी.

अगले दिन जब मैं उठा तो सब कुछ नॉर्मल था. मां जब खेत में चली गयी तो मैं किचन में गया. वहां पर सपना कुछ काम कर रही थी. मैंने सपना की चूचियों को दबा दिया.
वो बोली- रहने दो भैया, दिन में नहीं.
मैं बोला- रात में तो तुम मजे से लेती हो अपनी चूत में, फिर दिन में परहेज क्यों कर रही हो?

फिर वो कुछ नहीं बोली और मैं उसको छेड़ता रहा. इस तरह से मैंने सपना को मौका ही नहीं दिया कि वो दोबारा से रिंकू से बात कर सके. उसका फोन का सिम भी टूटा हुआ था.

रिंकू सिंह दिन में चार-पांच बार घर के चक्कर लगाया करता था. मगर मेरी वजह से उसको सपना से मिलने का मौका नहीं मिल रहा था. फिर मैंने उस रात को फिर से प्रोग्राम बना लिया बहन की चुदाई करने का. मैं रात के 9 बजे ही उसके रूम में पहुंच गया और दरवाजा बंद कर लिया.

सपना भी कुछ नहीं बोली. मैं उसके बेड पर उसके साथ लेट कर उसकी चूचियों को दबाने लगा और बातें करने लगा.
मैंने कहा- सपना, अब तुम किसी और के बारे में सोचना छोड़ ही दो. मैं तुम्हें सब कुछ दे सकता हूं. हां, यदि तुम शिवम और रिंकू की तरह एक साथ दो लोगों के साथ चुदवाना चाहती हो तो मैं पापा को भी तैयार कर लेता हूं.

दीदी कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा- मैं तो मजाक कर रहा हूं पगली. मगर अब तुम मेरी जान हो. अब तुम्हें किसी और के पास जाने की जरूरत नहीं है.

मैंने पूछा- कितने दिन से तुम रिंकू से चुदवा रही हो?
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा- देखो, मुझे सच बता दो. मेरे पास तुम्हारी चुदाई का वीडियो भी है. अगर मैंने वो चुदाई के वीडियो मां और पापा को दिखा दिया तो तुम्हारी हालत खराब हो सकती है. मैं तुम्हें डरा नहीं रहा हूं लेकिन मुझे सच बता दो. तुम कब जवान हो गयी मैंने इस पर ध्यान ही नहीं दिया. अच्छा होता कि मैं तुमको पहले ही पटा लेता.

सपना मेरी बात का कोई जवाब नहीं दे रही थी. मैं उसकी चूचियों को मसल रहा था. वो कुछ प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी.
फिर वो बोली- हम भाई-बहन हैं.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, एक दिन पति-पत्नी भी हो जायेंगे.

वो बोली- मगर हम पाप कर रहे हैं.
मैंने कहा- जब मौहल्ले भर के 22 लोगों से चुदवाती हो तब पाप नहीं होता है? आज तुम्हें पाप लग रहा है?

उसके कमीज को ऊपर करके मैंने उसकी चूचियों को नंगी कर दिया. फिर मैं उसकी चूचियों को पीने लगा. एक चूची को हाथ से दबाने लगा और एक को मुंह में लेकर पीने लगा.

धीरे धीरे उसके सारे बदन को सहलाते हुए मैं नीचे की ओर उसकी चूत के पास आ गया था. मैंने उसकी सलवार उतार दी और उसकी चूत को चाटने लगा. लगभग 20 मिनट तक मैंने उसकी चूत का रस पीया और फिर उसको पलट दिया.

अब मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिये और मैं भी पूरा नंगा हो गया. हम दोनों भाई-बहन पूरे नंगे थे और मेरा लंड पूरा टाइट हो गया था. मैंने सपना की गांड में लंड को लगा दिया. जैसे ही मैंने उसकी गांड के छेद में लंड लगा कर धक्का आगे की ओर मारा तो उसके मुंह से चीख निकल गयी.

मैंने कहा- क्या कर रही हो, सब लोग जाग जायेंगे.
वो बोली- दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- शिवम से गांड चुदाई करवाती हो तो तुमको दर्द नहीं होता है? शिवम तो तुम्हारी गांड बहुत बड़ा प्रेमी हो चुका है.
मेरी बात सुन कर वो कुछ नहीं बोली.

मैं बहन की गांड चुदाई करने लगा. मैंने उसके चूतड़ों को फैला दिया और उसकी गांड में पूरा लंड जड़ तक घुसा दिया. मेरा पूरा लंड मेरी सगी बहन की गांड में था. मैं उसकी गांड में लंड फंसा कर उसको चोदने लगा.

10 मिनट तक मैंने बहन की गांड चुदाई की और फिर उसकी गांड में ही अपना माल गिरा दिया. फिर हम दोनों सो गये. उस रात को मैंने तीन बार उसको चोदा.

इस तरह से 8 दिन हो गये थे. सपना और मैं रोज रात में चुदाई करते थे लेकिन पता नहीं क्यूं वो मेरे साथ नहीं खुल रही थी.
मैंने सोचा कि इससे बात करनी होगी. मैंने सपना से कहा- तुम्हें, शिवम से बात करनी है या रिंकू से?

उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया.

फिर मैंने खुद ही फोन मिला दिया. मैंने कहा- ये लो, आज आखिरी बार उससे बात कर लो. उसको यहां आने के लिए कहो.
सपना मना करने लगी. मगर मेरे जोर देने पर वो बात करने लगी.

उधर से रिंकू ने फोन उठाया. सपना ने अपना नाम बताया. मैंने कॉल को हैंड्स फ्री मोड पर लगा दिया था. उन दोनों की बातें मुझे भी सुनाई दे रही थीं.
रिंकू बोला- सपना, इतने दिन से कहां गायब हो गयी थी तुम? मुझे तो रात में नींद भी नहीं आ रही थी.

सपना बोली- मेरे भाई को हमारे बारे में पता चल गया है, अभी वो बाहर गया हुआ है और मैं उसके पीछे से तुम्हें फोन पर बात कर रही हूं. आज मैं तुमसे एक आखिरी बार मिलना चाहती हूं. तुम मिलने के लिए आ जाओ.

मैंने सपना से कहा- आज रिंकू के साथ तुम्हारा लास्ट बार सेक्स है, जैसे तुम मजा लेना चाहती हो, वैसे ले सकती हो. मगर मेरी भी एक शर्त है कि मैं तुम दोनों की चुदाई को देखना चाहता हूं. आज तुम उन दोनों को मना कर दोगी और आज के बाद नहीं मिलोगी उनसे.
वो मना करने लगी.
मैंने कहा कि ज्यादा नौटंकी करने की जरूरत नहीं है. वैसे तो तुम दो दो लंड लेती हो और अभी नाटक कर रही हो. सावित्री बनने की कोशिश न करो.

फिर उस रात को 10 बजे के करीब रिंकू आ गया. उसके साथ में ही शिवम भी था. बहन को मैंने पहले ही पीछे वाले कमरे में भेज दिया था जहां पर वो शिवम और रिंकू के साथ में चुदती थी. वहीं पर मैंने पहले से ही मोबाइल को छिपा दिया था ताकि उन तीनों का वीडियो रिकॉर्ड कर सकूं.

मैं भी दूर से छिप कर देख रहा था. मैंने देखा कि रिंकू ने मेरी बहन को पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उसको गले से लगा लिया.
वो बोला- जान, तुम्हारे बिना नींद नहीं आती है.
सपना- मैं भी बहुत परेशान हो रही थी.
शिवम सिंह- क्या हुआ?

सपना- उस दिन भाई ने मुझे देख लिया था घर से बाहर आते हुए. उसको पता चल गया था. मगर ये नहीं पता लगा कि कौन लड़का है. उस दिन मुझे बहुत मार पड़ी थी. तुम मुझसे शादी करके मुझे यहां से कहीं ले चलो.

रिंकू- ठीक है मैं देखता हूं.
सपना- देखना नहीं है, बस मुझे ले चलो.
रिंकू- अच्छा, ठीक है.

फिर वो सपना के कपड़े उतारने लगा. सपना हल्का विरोध कर रही थी. मगर शिवम ने मेरी बहन को पूरी नंगी कर दिया.
रिंकू उसकी चूचियों को दबाने लगा और बोला- जानू, मैं तुम्हारे बिना और नहीं रह सकता हूं.

दीदी बोली- तो ले चलो मुझे यहां से. मुझसे शादी कर लो.
रिंकू अब दीदी की चूचियां मुंह में लेकर चूसने लगा था. मेरी बहन पूरी गर्म हो गयी थी. वो मुझसे शरमाती थी लेकिन रिंकू और शिवम के लंड को पूरी मस्ती में सहला रही थी.

सपना का गदराया हुआ बदन और मोटी मोटी चूचियां उसके बहुत अलग बनाती थी. शिवम और रिंकू दोनों ही मेरी बहन के जिस्म के मजे लूट रहे थे. तभी रिंकू ने सपना को उल्टा कर दिया और मेरी बहन की चूत को सहलाने लगा.

फिर शिवम आगे आ गया और उसके हाथ में अपना लंड थमा दिया. पीछे से रिंकू अब मेरी बहन की चूत को सहला रहा था और आगे से सपना अब शिवम के लंड को सहला रही थी. सपना की चूत गर्म हो गयी थी और वो चुदने के लिए तैयार हो रही थी.

अब रिंकू ने मेरी बहन की चूत पर अपना लंड रगड़ना चालू कर दिया और शिवम अब सपना के होंठों पर लंड फिराने लगा. तभी रिंकू ने मेरी बहन की चूत में लंड घुसा दिया और पूरा पेल दिया. शिवम ने सपना की चूचियों को पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया.

रिंकू सिंह अब दीदी की चूत को चोदने लगा. दीदी मस्त होकर चुदने लगी. उसको देख कर मैं सोच रहा था कि दीदी को मेरे लंड से चुदने में क्या दिक्कत होती है. इनके साथ तो बहुत ही मजा लेकर चुद रही है साली.

सपना अब पूरी रंडी हो चुकी थी. उसको पता था कि मैं छिप कर सब कुछ देख रहा हूं पीछे खड़ा हुआ लेकिन फिर भी वो उन गैर लड़कों से बेशर्म होकर अपने भाई के सामने ही अपनी चूत को चुदवा रही थी. उसको कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था.

अब मैंने भी ठान लिया था कि रिंकू और शिवम के साथ में इसकी ये आखिरी मुलाकात है. आज इसकी चूत को जितना मजा लेना है इन दोनों के साथ में ले लेने दो. आज के बाद मेरा ही लंड इसकी चूत में सैर करेगा और मेरा लंड ही इसकी चूत पर राज करेगा.

मुझे अब समझ में आ गया था कि सपना की इतनी बड़ी बड़ी चूचियां ऐसे ही नहीं बनी हैं. कितने ही दिनों से रिंकू और शिवम इनको दबा दबा कर निचोड़ रहे हैं. इसीलिए मेरी बहन की चूची ऐसे आकार की हो गयी हैं, मोटी मोटी और रसीली.

दरअसल पहले तो मैं सोचता था कि मेरी बहन की चूची मेरी मां की चूची पर ही गयी हैं. मगर मैं नहीं जानता था कि उसकी मोटी चूची के साइज का राज उसके ये यार हैं. वो कितने ही दिन से अपनी चूचियों की मसाज इन लौंडों से करवा रही थी.

सच था कि मेरी बहन अलग ही थी. वो एक साथ साथ दो दो लंड ले सकती थी. उसको किसी से प्यार नहीं था बल्कि उसका जिस्म सिर्फ सेक्स की भूख मिटाना चाहता था.

शिवम ने अब अपना लंड बहन के मुंह में डाल दिया. रिंकू ने 15 मिनट तक मेरी बहन की चूत चोदी और फिर उसकी चूत में अपना माल गिरा दिया.


अब शिवम की बारी थी.
वो बोला- तुम तो जानती हो कि मैं तुम्हारे पीछे वाले फूल का दीवाना हूं. मुझे तुम पीछे ही डालने दो.
सपना- मुझे बहुत दर्द होता है.
शिवम- कोई बात नहीं जान, थोड़ा दर्द सह लो.

इतना बोल कर शिवम अपने लंड को मेरी बहन की गांड के छेद पर रगड़ने लगा. सपना को भी मजा आने लगा. उसको मस्त होता देख कर शिवम ने एकदम से अपना लंड मेरी बहन की गांड में घुसा दिया. सपना के मुंह से हल्की सी आवाज आई और तभी शिवम ने सपना की चूचियों को हाथों में भर लिया और सहलाने लगा.

धीरे धीरे करके शिवम ने सपना को शांत कर दिया और फिर अपने लंड को उसकी गांड में अंदर धकेलने लगा. शिवम का लंड दीदी की गांड में आधा चला गया था. अब दीदी की गांड शिवम के लंड की आदी हो गयी थी. इसलिए दीदी को ज्यादा परेशानी नहीं होती थी.

शिवम ने बहन की गांड चोदनी शुरू कर दी. सपना भी गांड मरवाने का मजा लेने लगी. शिवम ने उसकी चूचियों को दबाते उसकी गांड को जोर जोर चोदना शुरू कर दिया. 10-15 मिनट तक उसने दीदी की गांड फाड़ी और फिर दीदी की गांड में ही झड़ गया.

अपना माल बहन की गांड में निकालने के बाद शिवम शांत हो गया और दीदी भी ठंडी हो चली थी. उसके बाद मैं वहां से आ गया. कुछ देर के बाद फिर दीदी भी अंदर आ गयी.

मैंने कहा- तुम क्या करने गयी थी वहां? तुम उनको मना करने के लिये गयी थी या चुदने के लिए गयी थी?
सपना- भैया, इतना पुराना रिश्ता है, ऐसे एकदम से कैसे मना कर देती?
मैं- तो फिर आज के बाद तुम उनसे मिलना बंद कर दो नहीं तो तुम्हारा अंजाम बुरा हो सकता है.

इतना कह कर मैंने उसको गोदी में उठा लिया और उसको बेड पर लिटा लिया. मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये. वो ठंडी हो चुकी थी.
वो बोली- जो तुम्हें करना है कर लो. मैं थक गयी हूं.
मैंने कहा- लेकिन मैं नहीं थका हूं.

ये बोल कर मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया. उसकी चूचियों को पीने लगा. वो ऐसे ही पड़ी रही. फिर मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू किया और उसकी चूत में दो उंगली से चोदने लगा. वो गर्म होने लगी. फिर मैंने उसको उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड को उंगली से सहलाने लगा.

अब मैंने उसकी जांघों को चौड़ी किया और उसकी गांड के छेद पर लंड को रख दिया. मेरा मन दीदी की गांड मारने का कर रहा था. मैंने दीदी की गांड में लंड दे दिया और उसको चोदने लगा. लंड सीधा अंदर चला गया. कुछ ही देर पहले दीदी शिवम के लंड से चुद कर आयी थी इसलिए गांड काफी चिकनी थी अंदर से.

मैंने दीदी की गांड को चोदना शुरू कर दिया. काफी देर तक दीदी की गांड चोदने के बाद मैंने अपना माल दीदी की गांड में ही डाल दिया और फिर थक कर लेट गया. रात के 3 बजे मेरी नींद खुली. मैंने फिर से दीदी की चूत में उंगली करना शुरू किया. एक घंटे तक हमने ऐसे ही खूब मस्ती की.

सपना को मैंने समझा दिया था कि तुम्हें आज के बाद कहीं नहीं जाना है. वो कुछ नहीं बोली. फिर मैं उठ कर मां के कमरे में चला गया. सपना डर गयी थी. उसने सोचा कि मैं शायद मां के सामने उसकी शिकायत लगाने के लिए जा रहा हूं.

मगर मैंने वो काम किया जिसके बारे में उसको अंदाजा नहीं था. मैं मां के रूम से सिंदूर की डिब्बी लेकर आया और मैंने उस सिंदूर से अपनी बहन की मांग भर डाली.

सपना मेरा चेहरा हैरानी से देखने लगी और बोली- ये क्या किया! तुमने दो मेरी मांग भर दी! इसकी कीमत जानते हो तुम? जोश में आकर तुमने ये जो किया है इसकी बहुत बड़ी कीमत होती है. जो तुमने ये किया है उसको निभाना भी पड़ेगा. अब तुम मुझे छोड़ कर नहीं जा सकते हो. एक और बात भी जान लो. अब तुम्हें मेरी हर जरूरत पूरी करनी होगी. अब मैं आंखें बंद करके तुम पर भरोसा करूंगी. आज के बाद मेरा ये शरीर तुम्हारा है.

मैं सपना की बात सुन कर हैरान हो गया. ये सिंदूर में ऐसा क्या था जो वो ऐसी बातें करने लगी थी. मैंने तो आवेश में आकर उसकी मांग भर दी थी.

तभी सपना ने मेरे पैर छूकर मुझसे आशीर्वाद लिया और बोली- आज से मैं अपने पत्नी धर्म का पालन करूंगी और तुम भी अपना हर पति धर्म निभाओगे. मेरी हर मुसीबत में मेरा साथ दोगे. मैं भी हर मुसीबत में आपके साथ रहूंगी. हर कठिनाई का हल हम साथ मिल कर निकालेंगे. अब हम भाई-बहन नहीं, पति पत्नी बन गये हैं. मां बाप के लिए अभी भाई-बहन रहेंगे जब तक कि सब कुछ ठीक नहीं हो जाता है. फिर धीरे धीरे कोई हल निकाल कर हम उनको भी समझा देंगे.

मैंने कहा- इन सब के बारे में हम बाद में सोचेंगे.
सपना बोली- आज नहीं तो कल मां और पापा में से कोई न कोई हमारे बारे में जान ही जायेगा. तुम वादा करो कि तुम मेरा साथ दोगे.
मैंने कहा- ठीक है, मैं वादा करता हूं. मगर तुमको भी इस सिंदूर की लाज रखनी होगी.
सपना बोली- हां, मैं वादा करती हूं.

अगले दिन फिर सुबह उठा तो सपना कुछ बदली बदली सी लग रही थी. उसने नहा कर खाना बनाया और फिर चाय बनाई. वो मुझे देख कर मुस्कराती रहती थी. मैं कुछ नहीं बोल रहा था.


उस दिन वो हर काम कर रही थी. मेरे लिये चाय लाई और फिर नहाने के लिए गर्म पानी लाई. उसके बाद वो मेरे लिये सारे काम करने लगी. मेरे कपड़े धुलना, मेरे अंडरवियर को धोना और सारा काम वही करती थी.

मैं ये देख कर खुश भी था और उलझा हुआ भी था. मैं सोच रहा था कि यह कैसा रिश्ता बन गया है हम भाई-बहन के बीच में जो समझ में नहीं आ रहा है. मैं सोच में था. सपना पूरी बदल गयी थी.
 
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अपने पती के साथ मेरी पहली चुदाई
   
अपने पती के साथ मेरी पहली चुदाई (सम्भोग क्रीडा) मेरे यादगार लम्हें हैं। मै सम्भोग क्रीडा इस लिये कह रही हूं कि चुदाई को अगर क्रीडा यानि खेल की तरह आनंद के साथ तनाव रहित मन से आरम्भ किया जाय तो आपको मधुर तृप्ती का परिणाम मिलेगा। शास्त्रों मे इसे रती क्रीडा भी कहा जाता है। 


 थोडा फ्लेश बैक में जाना पडेगा। सगाई के बाद पता चला कि मेरे होने वाले पती बडे गुंडे टाइप के हैं अलग अलग लडकियों के साथ घूमना उनका शौक है। शादी से दो महीने पहले तक मैंने उनकी शक्ल भी नही देखी थी। मैं उत्तर प्रदेश मे रहती थी और वो दिल्ली में। मेरी सभी रिस्तेदार महिलाओं ने मुझे खूब डराया उनकी गुंडागर्दी और लडकियों के शौक को लेकर लेकिन मेरे गॉव के पास के गॉव मे रहने वाली उनकी रिस्ते की एक मासी ने मुझे विस्वास दिलाया कि वो वैसे गुंडे नही है बल्कि स्कूल और कॉलेज वाली लडकियों को प्रोटेक्ट करने की वजह से उनके झगडे होते है और पुलिस वाले भी उनको अरेस्ट नही करते हैं। उनकी उस मासी ने मुझे दूसरा ही झटका दिया ये बताकर कि उनका लण्ड बहुत बडा है कैसे झेल पायेगी। मेरे पूछने पर उसने बताया कि उनके पती ने (मेरे पती के मासा) ने उसको बताया था कि एक बार उन्होंने खुले मे पिशाब करते वक्त देख लिया था।

शादी से दो महीने पहले मेरे परिवार के आग्रह पर वो मेरे घर आये। शक्ल से वो मुझे कहीं से भी गुंडे नही लगे। मेरे परिवार के सामने रात का खाना खाने के बाद उन्होंने अपने बारे मे सबकुछ बता दिया जो मेंने औरों से सुना था। मुझे उनकी मामी की बात पर यकीन आ गया लेकिन.......... बडा लण्ड .... उसका क्या। मैंने तबतक किसी भी मर्द का लण्ड नही देखा था। तब मै सत्रह साल की भी पूरी नही हुई थी। उनके जाने के बाद से शादी के एक सप्ताह पहले तक हमने प्रेँम पत्रों का आदान प्रदान किया। अब आती हूं असली बात पर यानी शादी के बाद पती से पहली चुदाई पर। ससुराल मे पहली रात तो शादी मे आई रिस्तेदारों (महिलाओं) के साथ ही गुजारनी पडी। दूसरी रात यानी मेरी सुहगरात वाली रात मेरी ननद दस बजे रात तक मेरे कमरे मे रही।

पती के कमरे मे आते ही वो चुटकी काटकर कमरे से बाहर भागी। पती दरवाजा बंद कर मेरे पास आकर बैठे और पूछने लगे कि मुझे ससुराल कैसी लगी, किसी ने कुछ गलत तो नहीं कहा। मैं जवाब ही नहीं दे पा रही थी, जबान, हाथ, पैर सबकुछ कांप रहा था। बातों ही बातों में उन्होंने पहले तो मुझे रिलेक्स करवाया फिर मेरा हाथ पकडकर कहा कि अगर मेरे मन मे सुहागरात को लेकर कोई डर है तो तुरंत निकाल लो, मेरी मर्जी के बिना वो ऐसा वैसा कुछ भी नहीं करेंगें। पती के साथ पहली रात इतमिनान से कटी। दूसरे दिन घर से करीब दस बारह किलोमीटर दूर एक रिस्तेदार के घर खाने पर जाना था। दोपहर को हम दोनों बाजार घूमने निकल गये। एक मूवी देखने के बाद हम डिनर के लिये रिस्तेदार के घर गये फिर रात आठ बजे वापस अपने घर लौटे। अबतक मै पूरी तरह कम्फर्टेबल हो गई थी।

रात को किचन का काम निपटाकर जब मैं अपने कमरे मे गई तो मेरे पती एक नॉवल पढ रहे थे। करीब रात दो बजे तक उन्हों ने अपने बारे मे सबकुछ बताया और मैंने भी बताया कि मेरा भी मेरे गॉव के पडोस के गॉव के एक लडके से अफेयर था लेकिन सिर्फ पत्रों के माध्यम से उसके गॉव की एक लडकी के मार्फत। खैर ये रात भी हमारी मात्र किस करने तक ही सीमित रही।

तीसरी और यादगार रात यानी मेरे जीवन की पहली चुदाई की रात। उस रात बाते करते करते चुम्मा चाटी के बाद पहली बार उन्होंने मेरे बूब्स ब्लाउज के ऊपर से ही दबाये। मेरे से पूछने के बाद उन्होंने मेरा ब्लाउज और ब्रा को उतारा और दोनो बूब्स को हल्के हल्के मसलने लगे। मेरी टांगे काम्प रही थी लेकिन मन मे अजीब सी गुदगुदी सी हो रही थी। उन्होने मुझसे कहा कि मै डर रही हूं, अच्छा नही लग रहा तो रहने दूं। मैंने शर्म के मारे कोई जवाब नही दिया तो उन्होंने लेटे लेटे अपनी बाहों मे जकड लिया और कहा कि बिना मेरी इच्छा के वो मेरे साथ जबरदस्ती सेक्स नहीं करेंगे। बहुत देर तक हम बातें करते रहे, बीच बीच मे वो मेरे गालों और होंठों को चूमते रहे। अब मुझे बुरा महशूस होने लगा कि ये मेरी भावनाओं का इतना खयाल रख रहे हैं और मैं इसके एक दम विपरीत।

सच बताऊं मेरा भी मन करने लगा था पर शर्म के मारे उनका साथ नहीं दे पा रही थी कि कहीं ये यह ना समझ ले कि मै सेक्स के लिये ब्याकुल हूं। पता नही क्या हुआ कि मैंने तीन चार बार लगातार उनके होंठों को चूम लिया। उन्होंने भी उसी तरह मेरे चुम्मनों का जवाब दिया और मेरी पीठ सहलाते हुये धीरे धीरे हिप्स सहलाने लगे। मैंने निढाल होकर अपना सर उनकी छाती से लगा लिया। कुछ देर के बाद मुझसे साडी, पेटिकोट उतारने को कहा मैंने प्यार से इंकार कर दिया। एक पल ऐसा आया कि धीरे धीरे मेरी साडी, पेटिकोट पूरा ऊपर पेट तक सरकाकर मेरी जांघो को सहलाने के बाद वो शायद समझ गये थे कि मैंने सरेंडर कर लिया है। मेरे से सेक्स करने का पूछने पर मैंने हां मे सर हिलाया तो बेड पर खडे होकर पजामा और अंडर्वियर एक साथ उतारने के बाद वो मेरी बगल मे लेट गये। सच मे उनका स्किन से ढका हुआ शिस्न (लण्ड) देखकर मै सहम ही गई थी ।
 
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खैर कठिन प्रयासों के बाद किसी तरह शिस्न की टोपी ही अंदर सरक पाई वो भी इस लिये कि दो बार मेरा पानी निकलने से योनी गीली हो चुकी थी। अत्यंत कष्ट एवम पीडा झेलने के बाद  जब एक बार आनंदमय सम्भोग क्रीडा सफल सम्पन्न हुई जिसके बाद उत्तेजित मादकता के साथ दोनो की सहमती से 5 बार और इस सम्भोग क्रीडा से पूरी रात बिना पलक झपकाये तन और मन को तृप्त किया। अगले दिन मेरा चलना दूभर हो गया था मारे दर्द के लेकिन सम्भोग के मरम आनंद के आगे दर्द अहसास मात्र लगता है। शिस्न (लण्ड) की मदमस्त चोटों से रज विसर्जन के वक्त शिस्न को भींच भींच कर जोर से अंदर लेने के लिये योनी की वो तडप और सर्म के मारे ना चाहते हुये भी आंखे बंद कर,पती के नितम्बों को दोनो हाथों से कसकर पकडकर स्स्स्स्सहाहहा करते हुये नीचे से नितम्बों का स्वतः उछलना याद आते ही दर्द फुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र हो गया था। हम आज भी उतना नहीं पर उसी तरह सप्ताह मे दो बार अवश्य (कभी कभार तीन बार) सम्भोगानंद का लुफ्त उठाते हैं।


मेरा यकीन मानो सम्भोग के लिये आज तक मेरे और मेरे पती के बीच एक बार भी असहमति नही हुई। मै ये कतई भी मानने के लिये तैयार नहीं हूं कि पत्नी का सम्भोग के लिये मन नहीं करता हां इतनी आतुर नहीं होती जितना पुरुष होता है। पत्नी के सम्भोग के लिये अक्सर ना करने के अपने अपने कारण हो सकते हैं। सबसे पहला मुख्य कारण बिना उसकी इच्छा के उसको मजबूर करना, दूसरा वो किसी ना किसी वजह से तनाव मे हो, तीसरा उसको कोई शारीरिक पीडा हो और हो सकता को बार बार जबरदस्ती के सम्भोग से उसके अंगो को पीडा पहुंचती हो। और भी कई अनगिनित कारण हो सकते हैं जैसे परिवार के सदस्यों का आस पास होना, घर मे बच्चों का बडा होना क्योंकि पुरुष इन बातों पर कम ध्यान देते हैं उन्हे तो बस ठोकना और अपना पानी झाडना होता है। मेरी बहुत सी सहेलियां है जिनकी यही शिकयत होती है कि उनके पती रात को अक्सर जबरदस्ती सम्भोग के लिये मजबूर करते है और जैसे ही उनका मूड बनता है उनके पती झड जाते हैं और पोंछा पांछी के बाद उनकी तरफ पीठ कर सो जाते है। जिस कारण उनको सम्भोग शब्द से ही पीडा या घृणा होने लगी है।
 

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